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- एजेंसीनई दिल्ली : उत्तर-पूर्वी दिल्ली की एक मस्जिद में पानी लेने गई 12 साल की एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोप में पुलिस ने 48 साल के एक मौलवी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने राजस्थान के भरतपुर निवासी मौलवी को गाजियाबाद के लोनी जिले से सोमवार की सुबह गिरफ्तार किया।
पुलिस ने कहा, 'आरोपी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (दुष्कर्म) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।' मौलवी को एक अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
पुलिस ने बताया कि आरोपी गाजियाबाद के लोनी जिले में रहता है और चार बच्चों का पिता है। यह घटना रविवार शाम को घटित हुई। लड़की ने घर लौटकर अपने माता-पिता को आपबीती बताई। लड़की के माता-पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उनकी बेटी पानी लाने मस्जिद गई थी, जहां मौलवी ने कथित रूप से उसके साथ दुष्कर्म किया।
पुलिस के अनुसार लड़की की काउंसिलिंग की गई और इसके बाद उसे मेडिकल परीक्षण के लिए ले जाया गया। पुलिस के अनुसार मस्जिद के आसपास पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए हैं क्योंकि स्थानीय लोग विरोध के लिए वहां पहुंचे थे। - एजेंसीमुंबई: दहिसर पुलिस ने एक ऐसे हत्याकांड का खुलासा किया है जिसमें एक महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर ही पति की हत्या कर दी .मुम्बई के दहिसर में 27 साल की एक महिला ने अपने प्रेमी की मदद से पहले अपने पति की गला दबाकर हत्या की और फिर शव घर में ही जमीन में गाड़ दिया था. इतना ही नहीं, दूसरे दिन उसने दहिसर पुलिस थाने में पति के लापता होने की शिकायत भी दर्ज कराई और अपने छोटे बच्चों के साथ उसी घर में रह रही थी.वारदात 20 मई को देर शाम की है. पत्नी ने पति के लापता होने की शिकायत 21 मई को दर्ज कराई लेकिन उसका व्यवहार सामान्य नहीं था, इसी कारण वह पुलिस के शक के दायरे में आ गई.दहिसर पुलिस ने रावलपाड़ा के खान कंपाउंड में घर के आसपास पूछताछ की तो पत्नी और पड़ोस के एक लड़के के बीच संबंध होने की जानकारी मिली. पता चला कि युवक अमित विश्वकर्मा भी 21 तारीख से गायब है. मुम्बई पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त दिलीप सावंत ने बताया कि शक होने पर दहिसर पुलिस की एक टीम 1 जून को पत्नी लापता रईस शेख के घर गई और शाहिदा शेख से अमित के बारे में पूछताछ की लेकिन वो ठीक से जवाब नहीं दे रही थी. इसी बीच पुलिस टीम को घर मे जमीन पर किचन के पास सीमेंट का नया प्लास्टर दिखा. पुलिस ने जब वहां खोदा तो रईस का शव उसमें गड़ा हुआ मिला.
मुम्बई पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त दिलीप सावंत ने बताया कि पत्नी और उसके प्रेमी दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है.पुलिस के मुताबिक रईस एक गारमेंट कंपनी में काम करता था. करीब 9 साल पहले उसकी शाहिदा से शादी हुई थी दोनों के 2 छोटे बच्चे हैं. शाहिदा ने दोनों बच्चों को भी धमका रखा था कि वो अपने पिता के बारे में किसी से बात न करें. - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर कोरोना महामारी की रोकथाम एवं प्रबंधन के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से जिला कलेक्टरों, परिवहन सहित अन्य विभागों को मार्च 2020 से 31 मई 2021 तक की अवधि में कुल 77 करोड़ 51 लाख 44 हजार 446 रूपए की राशि उपलब्ध कराई गई है।
ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री सहायता कोष में दानदाताओं से मार्च 2020 से मई 2021 तक की अवधि में कुल 86 करोड़ 44 लाख 85 हजार 622 रूपए की राशि प्राप्त हुई है तथा बचत राशि को मिलाकर खाते में कुल जमा 88 करोड़ 47 लाख में से 77 करोड़ 51 लाख रूपए जिलों एवं अन्य विभागों को कोरोना संक्रमण से बचाव एवं प्रबंधन के लिए दिया गया है। वर्तमान स्थिति में मुख्यमंत्री सहायता कोष के बचत खाते में 10.97 करोड़ रूपए तथा सावधि खाते में 47 करोड़ 59 लाख रूपए को मिलाकर कुल 58.56 करोड़ रूपए जमा हैं। - एजेंसी
नई दिल्ली : ऐलोपैथ डॉक्टरों और योग गुरु स्वामी रामदेव के बीच जारी विवाद अभी थमता नजर नहीं आ रहा है। दिल्ली सहित देशभर के सभी डॉक्टर रामदेव को गिरफ्तार करने की मांग पर अड़े हैं।
योग गुरु द्वारा ऐलोपैथी के संबंध में दिए गए बयान से नाराज फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने मंगलवार को राष्ट्रव्यापी आंदोलन के तहत दिल्ली में प्रदर्शन कर रामदेव से सार्वजनिक रूप से माफी की अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
फोर्डा के अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शन का आह्वान 29 मई को किया गया था, इसमें बताया गया था कि आंदोलन के दौरान स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित नहीं होने दी जाएंगी।
फोर्डा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्वामी रामदेव की टिप्पणियों के विरोध में हमारा प्रदर्शन मंगलवार सुबह शुरू हुआ। अधिकारी ने कहा कि वह तो ऐलोपैथी के बारे में बोलने तक की योग्यता नहीं रखते हैं। उनके बयान से डॉक्टरों का मनोबल कम हुआ है जो (कोविड-19) महामारी से हर दिन लड़ रहे हैं। हमारी मांग है कि वह बिना शर्त सार्वजनिक रूप से माफी मांगें अन्यथा महामारी रोग अधिनियम के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
उन्होंने बताया कि सफदरजंग अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज-अस्पताल, हिंदूराव अस्पताल, संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल, बी.आर. अंबेडकर अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) इस आंदोलन में शामिल हो चुके हैं तथा कुछ अन्य भी शामिल होने वाले हैं।
फोर्डा के अधिकारी ने बताया कि विरोध स्वरूप कई डॉक्टरों ने अपने बाजू पर काली पट्टी बांधी है। अन्य शहरों के डॉक्टर भी आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान कुछ डॉक्टरों ने विरोध संदेश लिखे प्लेकार्ड ले रखे थे, जबकि अन्य ने ऐसे पीपीई किट पहने थे जिसके पीछे 'काला दिवस' प्रदर्शन लिखा था। देशव्यापी प्रदर्शन की घोषणा फोर्डा ने शनिवार को की थी।
बयान में कहा गया है कि हम उनसे बिना शर्त सार्वजनिक माफी या महामारी रोग अधिनियम, 1897 की संबंधित धाराओं के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हैं।
फोर्डा ने यह भी आरोप लगाया है कि रामदेव के बयान ने लोगों में वैक्सीन को लेकर हिचकिचाहट पैदा कर दी है। वर्तमान में देश में COVID-19 के खिलाफ टीकाकरण चल रहा है। इसकी शुरुआत 16 जनवरी से हुई थी।
बीते दिनों वायरल हुई एक वीडियो क्लिप में रामदेव को कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल की जा रही कुछ दवाओं पर सवाल उठाते हुए देखा और यह कहते हुए सुना गया था कि "लाखों लोग COVID-19 के इलाज के लिए एलोपैथिक दवाएं लेने से मर चुके हैं"।
इस टिप्पणी का जोरदार विरोध हुआ था, जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भी पत्र लिखकर स्वामी रामदेव के बयान को “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण” बताते हुए उनसे यह बयान वापस लेने को कहा था।
इसके एक दिन बाद, योग गुरु ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक "खुले पत्र" में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) से 25 प्रश्न पूछे थे, जिसमें पूछा गया था कि क्या एलोपैथी ने बीमारियों से स्थायी इलाज दिया है।
- एजेंसी
नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने कई वर्षों के बाद अंततः राजधानी में ऑनलाइन वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप के माध्यम से भारतीय और विदेशी शराब की होम डिलीवरी की अनुमति दे दी है, इसके लिए एक स्पष्ट कानूनी प्रावधान किया गया है।
दिल्ली सरकार ने संशोधित आबकारी नियम के अधीन शराब की होम डिलीवरी की अनुमति दे दी है। दिल्ली उत्पाद शुल्क (संशोधन) नियम, 2021 सोमवार को अधिसूचित किया गया, जिसके अनुसार, लाइसेंस धारकों को ऐप या वेबसाइट के माध्यम से खरीदी गई शराब की होम डिलिवरी की अनुमति दे दी गई है। नियम आवश्यक लाइसेंस धारकों को खुली जगहों जैसे छतों, क्लबों के आंगनों, बार और रेस्टोरेंट्स में शराब परोसने की भी अनुमति देते हैं।
हिन्दुस्तान टाइम्स ने 27 मई को अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि नए नियम और दिल्ली एक्साइज पॉलिसी, 2021 को उपराज्यपाल (एलजी) से आवश्यक मंजूरी मिल गई है और सभी अधिसूचित होने के लिए तैयार हैं।
वरिष्ठ आबकारी अधिकारियों ने बताया कि नया नियम किसी भी खुदरा शराब विक्रेता को उपभोक्ता के घर पर शराब पहुंचाने का अधिकार नहीं देता है। “केवल एक विशेष प्रकार के लाइसेंस धारक को शराब की होम डिलीवरी करने की अनुमति होगी। दिल्ली में अभी हमने केवल एल-13 लाइसेंस धारकों को ही शराब की होम डिलीवरी की अनुमति दी है। एक वरिष्ठ आबकारी अधिकारी ने अपना नाम न बताते हुए कहा कि यह कोई नई लाइसेंस कैटेगिरी नहीं है, जिसे बनाया गया है। एल -13 परमिट पिछले एक्साइज पॉलिसी नियमों में भी मौजूद थे, लेकिन अब तक शायद ही ऐसा कोई लाइसेंस जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि शराब केवल फैक्स या ईमेल के माध्यम से घरों तक पहुंचाई जा सकती है।
एचटी द्वारा देखे गए नए एक्साइज नियमों में कहा गया है कि एल -13 लाइसेंसधारक शराब विक्रेता मोबाइल ऐप या ऑनलाइन वेब पोर्टल के माध्यम से ऑर्डर प्राप्त कर भारतीय शराब और विदेशी शराब की होम डिलीवरी कर सकेंगे। लाइसेंसधारी केवल मोबाइल ऐप या ऑनलाइन वेब पोर्टल के माध्यम से ऑर्डर मिलने के बाद ही ही घरों में शराब की डिलीवरी करेगा और किसी भी हॉस्टल, ऑफिस और शिक्षण संस्थान को कोई डिलीवरी नहीं की जाएगी।
गौरतलब है कि कोरोना की सेकेंड वेव के दौरान दिल्ली में लॉकडाउन की घोषणा के बाद शराब निर्माता कंपनियों ने अप्रैल महीने दिल्ली सरकार से घरों पर शराब की डिलीवरी करने की अनुमति मांगी थी। उनका कहना था कि कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए लॉकडाउन की घोषणा के बाद शराब की दुकानों पर पीने वालों की लंबी कतारें लग गई थीं।
शराब बनाने वाली घरेलू कंपनियों के संगठन कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज (सीआईएबीसी) ने महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए कहा कि मुंबई में कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए कड़ी पाबंदियां लगाई गई हैं, लेकिन राज्य सरकार ने शराब की डिलीवरी घर तक करने की अनुमति दी है।
सीआईएबीसी के अनुसार, करीब एक सप्ताह के लॉकडाउन की घोषणा के बाद दिल्ली में शराब की दुकानों पर काफी भीड़ देखी गई। संगठन के महानिदेशक विनोद गिरी ने कहा कि हमने दिल्ली में जो देखा, वह लोगों के बीच घबराहट का नतीजा था। यह लोगों के जेहन में पिछले साल के लॉकडाउन की याद का परिणाम है। देशभर में लाखों लोग शराब पीते हैं और वे नहीं चाहते कि उन्हें उससे वंचित होना पड़े।
सीआईएबीसी ने उम्मीद जताई कि लोग और शराब दुकानदार कोविड की रोकथाम से जुड़े व्यवहार यानी मास्क लगाना और उचित दूरी समेत अन्य जरूरी उपायों का पालन करेंगे।
इससे पहले मार्च महीने में दिल्ली कैबिनेट ने शराब पीने की न्यूनतम उम्र 25 वर्ष से घटाकर 21 वर्ष करने की नई नीति को मंजूरी दी थी। शराब पीने की उम्र कम करने के लिए विपक्ष ने AAP सरकार पर हमला बोला था। विपक्ष का कहना था कि नई आबकारी नीति दिल्ली को "नशे की राजधानी" बना देगी।
दिल्ली में 863 शराब की दुकानें हैं जिनमें से 475 दुकानें चार सरकारी निगमों - दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (DSIIDC), दिल्ली टूरिज्म एंड ट्रांसपोर्टेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (DTTDC), दिल्ली स्टेट सिविल सप्लाइज कॉरपोरेशन (DSCSC) और दिल्ली कंज्यूमर कोऑपरेटिव होलसेल स्टोर (DCCWS) द्वारा संचालित हैं, जबकि 389 दुकानें निजी व्यक्तियों के स्वामित्व में हैं। इन 389 निजी दुकानों में से, लगभग 150 शॉपिंग मॉल में स्थित हैं। - एजेंसीमहाराष्ट्र : महाराष्ट्र के नवी मुंबई से मोहब्बत को शर्मसार करने वाली एक खबर सामने आई है। यहां एक शख्स ने केटामाइन इंजेक्शन देकर अपनी ही प्रेमिका की हत्या कर दी। इस हत्या की वजह जानकर पुलिस भी चौंक गई। आरोपी ने पुलिस को बताया कि महिला को एक गंभीर बीमारी का पता चला था, जिसके चलते वह उससे शादी नहीं करना चाहता था। इसलिए शादी से छुटकारा पाने के लिए उसकी बीमारी का इलाज करने के बहाने शख्स ने उसकी हत्या कर दी।
पनवेल पुलिस थाने के अधिकारियों के मुताबिक 29 मई को पनवेल इलाके में एक महिला का शव मिला था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच शुरू कर दी। महिला के शव की तत्काल पहचान नहीं हो सकी क्योंकि उसके साथ कोई आईडी या दस्तावेज नहीं था। इसके बाद रविवार को एक ऑटो चालक को आधार कार्ड के साथ एक प्लास्टिक बैग, एक पर्स और एक महिला के कुछ कपड़े मिले। पुलिस को पता लगा की ये सब कुछ उस मृत महिला का ही है। बाद में, एक अन्य व्यक्ति रमेश थोम्ब्रे थाने पहुंचा और मृतक महिला की पहचान की। उसने बताया कि ये शव उसकी बहन का है।
थोम्ब्रे ने अधिकारियों को बताया कि पनवेल के एक अस्पताल में कार्यरत चंद्रकांत गायकर नाम के शख्स का उसकी बहन से अफेयर चल रहा था। उसने आगे दावा किया कि उसने उसे फोन पर गायकर से फोन पर बहस करते हुए सुना था।
इसके बाद आनन-फानन में आरोपी को पकड़ने के लिए टीम भेजी गई। पूछताछ के बाद गायकर ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने जांच अधिकारियों को बताया कि उसका महिला के साथ पिछले 6 महीने से अफेयर चल रहा था। उसने आरोप लगाया कि महिला बीमार होने के चलते उसे जल्द शादी करने के लिए धमका रही थी। इसलिए दबाव से तंग आकर उसने उसे मारने का फैसला किया।
गायकर के अनुसार, उसने केटामाइन का इंजेक्शन लिया और अपनी प्रेमिका से झूठ बोला कि इससे उसकी बीमारी ठीक हो जाएगी। उसकी हत्या करने के बाद, उसने महिला का मोबाइल फोन और बैग फेंक दिया। गायकर को सोमवार को अदालत में पेश किया गया। इसके बाद उसे 6 जून, 2021 तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। - एजेंसीनई दिल्ली : केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया है कि इस साल के अंत तक देश के सभी व्यस्कों यानी 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन लगा दी जाएगी। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जनवरी से लेकर अबतक पांच फीसदी लोगों को कोरोना की दोनों डोज लग चुकी हैं। हालांकि कई जानकारों का कहना है कि इस साल के अंत तक 30-40 फीसदी ही आबादी को टीका लगाया जा सकता है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने 'डिजिटल इंडिया' पर केंद्र सरकार को फटकारते हुए कहा कि आप डिजिटल इंडिया, डिजिटल इंडिया कहते रहते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत से वाकिफ नहीं हैं। कोविड-19 वैक्सीन लगवाने के लिए कोविन वेबसाइट पर अनिवार्य रूप से पंजीकरण पर सवाल उठाते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस इस रविन्द्र भट की पीठ ने केंद्र सरकार से कहा कि वैक्सीन के लिए सभी लोगों को कोविन पर पंजीकरण करना होता है। क्या ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए इस ऐप पर पंजीकरण शुरू करना वास्तविक रूप से संभव है? आप उनसे ऐसा करने की उम्मीद कैसे करते हैं?
जस्टिस चंद्रचूड़ ने केंद्र सरकार से कहा कि आप कहते रहते हैं कि स्थिति गतिशील है लेकिन आपको वास्तविक स्थिति को देखना होगा। आप डिजिटल इंडिया, डिजिटल इंडिया कहते रहते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत से वाकिफ नहीं हैं।'
जस्टिस चंद्रचूड ने यह भी कहा, 'भारत में डिजिटल साक्षरता पूर्ण से बहुत दूर है। मैं ई-समिति का अध्यक्ष हूं। मैंने उन समस्याओं को देखा है जो इससे पीड़ित हैं। आपको लचीला होना होगा और आपको जमीनी हकीकत को समझने की जरूरत है।'
जस्टिस चंद्रचूड़ ने सरकार से कहा कि हम नीति नहीं बदल रहे हैं। हम आपसे कह रहे हैं कि कृपया जागें और कॉफी को सूंघें और देखें कि देश भर में क्या हो रहा है।
वहीं कोर्ट ने कहा कि नीति निर्माता जमीनी हालात से अवगत रहें, एक डिजिटल विभाजन नजर आ रहा है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि राज्यों की ओर से टीकों की खरीद के लिए कई ग्लोबल टेंडर जारी किए जा रहे हैं, क्या यह सरकार की नीति है?
इस पर केंद्र ने न्यायालय को बताया कि टीकों के लिहाज से पात्र संपूर्ण आबादी का 2021 के अंत तक टीकाकरण किया जाएगा। केंद्र की फाइजर जैसी कंपनियों से बात चल रही है; अगर यह सफल रहती है तो साल के अंत तक टीकाकरण पूरा करने की समय-सीमा भी बदल जाएगी : सॉलीसिटर जनरल ने न्यायालय को सूचित किया।
- एजेंसीनई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामलों में लगातार कमी देखी जा रही है. राष्ट्रीय राजधानी में पिछले 24 घंटों में संक्रमण के नए मामले एक हजार से नीचे दर्ज किए गए. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने आज यह जानकारी दी. कोरोना की दूसरी लहर में पहली बार इतने कम केस आए हैं. उन्होंने बताया कि दिल्ली में पिछले 24 घंटे में कोरोना के करीब 900 मामले सामने आए हैं. केजरीवाल ने कहा कि जैसे-जैसे मामले कम होंगे, हम और गतिविधियों को खोलने की मंजूरी देंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम चाहते हैं आर्थिक गतिविधियां फिर से पटरी पर वापस आए ताकि अर्थव्यवस्था में तेजी आ सके. उन्होंने कहा कि मैं व्यापारियों की व्यथा और उनके डर को समझता हूं. मुझे पता चला है कि वो थोड़े नाराज हैं. मैं उनसे कहना चाहता हूं कि हमने एक-डेढ़ महीने लॉकडाउन करके स्थिति पर काबू पाया है. संयम रखें और धैर्य बनाए रखें, जैसे ही हालत और सुधरेगी हम मार्केट भी खोलेंगे.
बता दें कि दिल्ली में 31 मई यानी सोमवार से अनलॉक प्रक्रिया शुरू हो रही है. सीएम ने शुक्रवार को इस बात ऐलान करते हुए कहा था कि धीरे-धीरे अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है. 31 मई से हम निर्माण क्षेत्र की गतिविधियों और फैक्ट्रियों को खोल रहे हैं.
- एजेंसीनई दिल्ली : केंद्र सरकार की ओर से जारी सोशल मीडिया की नई गाइडलाइंस को लागू न करने पर ट्विटर के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है। ट्विटर के खिलाफ यह अर्जी दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्त अमित आचार्य की ओर से दाखिल की गई है। अर्जी में मांग की गई है कि ट्विटर को एक महत्वपूर्ण सोशल मीडिया कंपनी के तौर पर अपने वैधानिक और कार्यकारी कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।
बता दें कि 26 फरवरी को केंद्र सरकार की ओर से सोशल मीडिया के लिए नई गाइडलाइंस का ऐलान किया गया था। इन नए नियमों को लागू करने के लिए 3 महीने का समय दिया गया और 26 मई से लागू करने की बात कही गई थी। इनमें से एक नियम यह भी है कि किसी विवादित, हिंसा फैलाने वाले, भड़काऊ और देश विरोधी पोस्ट की शुरुआत करने वाले अकाउंट के बारे में सोशल मीडिया कंपनी को जानकारी देनी होगी।
ट्विटर, वॉट्सऐप जैसी कंपनियों ने इस नियम का विरोध किया है। इस नियम को लेकर कंपनियों का कहना है कि यह अभिव्यक्ति की आजादी और प्राइवेसी के खिलाफ है। ट्विटर ने भी इस संबंध में एक बयान जारी किया था, जिस पर सरकार ने सख्त आपत्ति जताई थी। आईटी मिनिस्ट्री ने स्वदेशी सोशल मीडिया ऐप Koo पर जारी बयान में ट्विटर के रवैये पर ऐतराज जताते हुए कहा था कि वह अपनी गलती को छिपा रहा है और भारत सरकार पर आरोप लगा रहा है। यही नहीं सरकार ने सख्त आपत्ति जताते हुए कहा था कि ट्विटर ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को अपने मुताबिक हांकने का प्रयास किया है। - एजेंसीनई दिल्ली : देश इस वक्त साइक्लोन 'यास' का प्रकोप झेल रहा है। ऐसे में सबको मानसून को लेकर शक था कहीं उसके आने में अब कोई बाधा पैदा ना हो जाए, तो इस बारे में मौसम विभाग ने बड़ा अपडेट दिया है और सारी शंकाओं को दूर कर दिया है। आईएमडी ने कहा कि चक्रवात का असर मानसून पर नहीं पड़ने वाला है, उल्टा ये समय से पहले केरल तट पर दस्तक दे सकता है। विभाग ने कहा है कि साउथ-वेस्ट मानसून 31 मई को केरल तट से टकरा सकता है। बता दें कि इससे पहले मौसम विभाग ने कहा था कि मानसून 1 जून को केरल पहुंच सकता है।
मानसून की स्पीड में तेजी देखी गई है ... IMD ने कहा है कि मानसून की स्पीड में तेजी देखी गई है और ये मालदीव-कोमोरिन में कुछ आगे बढ़ा है, जिसे देखने के बाद लगता है कि ये 31 मई तक केरल तक पहुंच सकता है। विभाग ने कहा है कि केरल में प्री-मानसून प्रक्रिया प्रारंभ भी हो गई है, यहां कई जगहों पर बारिश हो रही है। एर्नाकुलम, अलाप्पुझा, कोट्टायम, इडुक्की, पठानमथिट्टा में पिछले 24 घंटों के दौरान हल्की से मध्यम बारिश हुई है।
साउथ-वेस्टर्न मानसून 98 फीसदी बारिश कराएगा गौरतलब है कि इससे पहले भारतीय मौसम विभाग ने कहा था कि मानसून के चारों महीने पूरी तरह से वर्षा वाले रहेंगे और इस दौरान अच्छी से बहुत अच्छी बारिश देश के हर प्रदेश में देखने को मिलेगी। के हिसाब से इस बार साउथ-वेस्टर्न मानसून देश में 98 फीसदी बारिश कराएगा, हालांकिइस बार पिछले साल की तुलना में नार्थ-ईस्ट में बारिश थोड़ी कम हो सकती है लेकिन फिर भी यहां सामान्य वर्षा ही होगी।
लगातार तीसरे साल देश में मानसून अच्छा रहेगा मौसम की जानकारी देने वाली निजी संस्था स्काईमेट ने भी मानसून को लेकर यही कहा था कि लगातार तीसरे साल देश में मानसून अच्छा ही रहने वाला है। जून-सितंबर के बीच अच्छी बारिश होगी। इस साल हेल्दी मानसून रहेगा और अनुमान के मुताबिक इस साल देश में 103 फीसदी बारिश होने के आसार है। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री, भारत रत्न पंडित जवाहर लाल नेहरू की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए नमन किया है। श्री बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा है कि पंडित नेहरू भारत भूमि के अनमोल रत्न थे, जिन्होंने देश की स्वाधीनता से लेकर इसके नवनिर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पंडित नेहरू जन-जन के प्रिय नेता रहे हैं। आज भी भारतवासियों के दिल-दिमाग में उनके व्यक्तित्व और कृतित्व की अमिट छाप अंकित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडित नेहरू ने देश के विकास के लिए लोकतंत्र को अपना मूलमंत्र बनाया और भारत को एक मजबूत आधार दिया। सामाजिक अधोसंरचना से लेकर सड़क, बिजली, पानी, रेलवे, विमानन जैसी भौतिक अधोसंरचना के विकास के लिए उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। भिलाई स्टील प्लांट छत्तीसगढ़ को पंडित नेहरू की अनुपम सौगात है। - एजेंसीउत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी के गृह जनपद सिद्धार्थनगर के कपिलवस्तु स्थित सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में उनके भाई की नियुक्ति मामले में नया मोड़ आ गया है। बुधवार को उनके भाई ने असिस्टेंट प्रोफेसर पद से इस्तीफा दे दिया है। नियुक्ति के बाद से ही ये मामला सोशल मीडिया पर छाया हुआ था।
बता दें कि मंत्री के भाई अरुण द्विवेदी की नियुक्ति ईडब्ल्यूएस कोटे के अंतर्गत असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुई थी। यह मामला चर्चा में आया तो विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रमाण के आधार पर नियुक्ति देने की बात की थी, जबकि प्रदेश की कई हस्तियों ने प्रमाण पत्र के जांच की मांग की थी।
बताया जा रहा है कि विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए करीब 150 आवेदन प्राप्त हुए थे। जिसमें मेरिट के आधार पर चयनित दस आवेदकों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था। उसमें मंत्री के भाई अरुण द्विवेदी का नाम वरीयता सूची में दूसरे नंबर था। सोशल मीडिया पर मंत्री के भाई को बधाई से सिलसिला शुरू हुआ, उसके बाद आलोचना होने लगी थी।
वहीं भाई की नियुक्ति को लेकर छिड़े विवाद पर मंत्री सतीश द्विवेदी ने भी सफाई दी थी, उन्होंने कहा था कि जिसे भी इस बारे में आपत्ति हो वो जांच करवा सकता है। वह एक अभ्यर्थी के रुप में आवेदन किया और विवि ने निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए चयन किया। इस मामले मेरा कोई हस्तक्षेप नहीं है। मैं विधायक और मंत्री हूं लेकिन मेरी आर्थिक स्थिति से मेरे भाई को आंकना उचित नहीं है।
पत्नी भी हैं असिस्टेंट प्रोफेसर
बता दें कि अरुण द्विवेदी की पत्नी डॉ.विदुषी दीक्षित मोतिहारी जनपद के एमएस कॉलेज में मनोविज्ञान की असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। एमएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि डॉ विदुषी की बहाली बीपीएससी के माध्यम से 2017 में हुई थी। वे यहां मनोविज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। बताया जा रहा है कि सातवें वेतनमान के बाद उनका वेतन व अन्य भत्ता के साथ 70 हजार से अधिक है।
वहीं विवाद होने के बाद जांच में पता चला कि अरुण द्विवेदी का ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र 2019 में जारी हुआ था। इसी प्रमाण पत्र पर उन्हें 2021 में सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में नौकरी मिली। यह प्रमाण पत्र केवल 2020 तक ही मान्य था।
इस मामले को लेकर कांग्रेस की यूपी प्रभारी व महासचिव प्रियंका गांधी ने भी सरकार पर सीधा निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि यूपी सरकार के मंत्री आम लोगों की मदद करने से तो नदारद दिख रहे हैं लेकिन आपदा में अवसर हड़पने में पीछे नहीं हैं। बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई नियुक्ति पा गए और लाखों युवा यूपी में रोजगार की बांट जोह रहे हैं लेकिन नौकरी ‘आपदा में अवसर’ वालों की लग रही है।
उन्होंने कहा था कि ये वही मंत्री हैं, जिन्होंने चुनाव ड्यूटी में कोरोना से मारे गए शिक्षकों की संख्या को नकार दिया और इसे विपक्ष की साजिश बताया। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा था कि क्या वह इस पर एक्शन लेंगे?
- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राज्य में कोरोना संक्रमण थमा है, अभी खत्म नहीं हुआ
कोरोना से बचाव के लिए सावधानी और टीका ही एकमात्र हथियार
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी पात्र लोगों से कोरोना से बचाव का टीका लगवाने की अपील की
कोरोना की किसी भी चुनौती से निपटने के लिए राज्य सरकार पूर्ण रूप से तैयार
कोरोना पर नियंत्रण में सहयोग के लिए मुख्यमंत्री ने नागरिकों, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों-कर्मचारियों, सामाजिक संगठनों, स्वयं सेवी संस्थाओं और मीडिया को दिया धन्यवाद
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य में कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति के संबंध में प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए कहा है कि इससे बचाव के लिए अभी भी हमें सतर्क रहने और सावधानी बरतने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का प्रकोप अभी कम हुआ है। संक्रमण की रफ्तार में कमी आई है, परंतु यह पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। इस बात का हम सबको भलीभांति ध्यान रखना है और कोरोना एप्रोप्रियेट बिहेवियर को छोड़ना नहीं है बल्कि इसको उस वक्त तक अपने दैनिक जीवन में अपनाएं रखना है, जब तक यह पूरी तरह खत्म न हो जाए।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि कोरोना से बचाव के लिए फिलहाल सावधानी बरतना और टीका ही एकमात्र हथियार है। टीका लगवाने में कोई खतरा नहीं है, बल्कि यह हमें भविष्य में होने वाले खतरे से बचायेगा। उन्होंने प्रदेश के नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा कि यह समय सबसे अधिक सावधानी रखने का है। उन्होंने सभी पात्र लोगों से कोरोना से बचाव का टीका लगवाने की अपील की। श्री बघेल ने कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण में सहयोग के लिए नागरिकों, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों-कर्मचारियों, सामाजिक संगठनों, स्वयं सेवी संस्थाओं और मीडिया को धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अपने संदेश में कहा कि- पिछले डेढ़ माह से हम सब कोरोना की दूसरी लहर की चुनौती का सामना कर रहे हैं। कोविड संक्रमण के खिलाफ यह लड़ाई कठिन थी, लेकिन हम सबने पूरी जिम्मेदारी से यह लड़ाई लड़ी। इस लड़ाई का कठिन समय अब गुजर चुका है और कोविड संक्रमण की स्थिति हमारे राज्य में अब काफी नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि एक समय हमारे राज्य में संक्रमण का आंकड़ा 17 हजार तक पहुंच गया था जो अब घटकर चार हजार के लगभग हो गया है। पॉजिटिविटी की दर भी अब घटकर 5 प्रतिशत के लगभग आ गयी है। कोरोना की किसी भी चुनौती से निपटने के लिए राज्य सरकार पूर्ण रूप से तैयार है। हमने इससे निपटने के लिए सभी आवश्यक संसाधन जुटा लिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड संक्रमण को नियंत्रण में लाने में बहुत सारे लोगों का कठिन परिश्रम और दिन-रात की मेहनत शामिल है। हमारे चिकित्सक, हमारे स्वास्थ्य कार्यकर्ता, हमारी नर्स, मितानिन बहनें, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, नगरीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं के अधिकारी-कर्मचारी, सभी जनप्रतिनिधिगण, सफाईकर्मी भाई-बहन, स्वयंसेवी संस्थायें और आमजन तक सही जानकारी पहुंचाने में सहयोगी बने जनसंपर्क विभाग के अधिकारी और मीडिया के मित्रों का योगदान सराहनीय है।
श्री बघेल ने प्रदेश के नागरिकों से अपील की है कि यह समय सतर्क रहकर अपनी जिम्मेदारियां वहन करने का है। हम धीरे-धीरे लॉकडाउन की स्थिति से बाहर निकल कर पहले की भांति सामान्य कामकाज की और लौट रहे हैं। यह समय सबसे अधिक सावधानी रखने का है। इस समय हमें बिल्कुल भी लापरवाही नहीं करना है। हमें अपनी, अपने परिवार की और अपने राज्य के निवासियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखना है। उन्होंने कहा कि आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलें, घर से बाहर निकलते समय, ऑफिस, बाजार, फैक्ट्री, खेत, खलिहान की ओर जाते समय पूरी सुरक्षा और सावधानी रखें। घर से बाहर निकलते समय हमेशा मास्क पहनें और लोगों से एक निश्चित दूरी बनाये रखें। हाथों को बार-बार साबुन से या सैनिटाईजर के उपयोग से साफ करते रहें।
मुख्यमंत्री ने लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि कोरोना से सुरक्षित रहने और खुद को, और अपने परिवार को भविष्य की मुश्किलों से बचाने के लिए वैक्सीनेशन या टीकाकरण एकमात्र सहारा है। हम सबको इसे लगवाना है। हमारे शहरों और गांवों के लोग बड़े उत्साह के साथ टीका लगवा रहे हैं। जितनी जल्दी हम टीका लगवायेंगे उतनी जल्दी हम अपना भविष्य सुरक्षित करते जायेंगे। कुछ गांवो में टीके को लेकर लोगो के मन में डर या आशंका है। उन्होंने कहा कि मैं आपका मुख्यमंत्री आपको भरोसा दिलाता हूं कि टीका लगवाने से कोई खतरा नहीं है बल्कि यह आपको भविष्य में होने वाले खतरे से बचायेगा। इस समय कोरोना से बचाव के लिए हमारे पास टीका ही एकमात्र हथियार है। मैंने खुद जाकर टीका लगवाया है और अब मैं अपने आपको ज्यादा सुरक्षित महसूस कर रहा हूं। आप शीघ्र ही अपने निकट के टीकाकरण केन्द्र जायें और टीका लगवायें। मुख्यमंत्री ने लोगों को भरोसा दिलाया कि सभी लोगों के सहयोग से हम यह लड़ाई अवश्य जीतेंगे। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाप्रदेश में आज मनाया जाएगा ’झीरम श्रद्धांजलि दिवस’रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने झीरम घाटी में 25 मई 2013 को हुए नक्सल हमले में शहीद नेताओं और जवानों को नमन करते हुए उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। झीरम घाटी के नक्सल हमले में छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेता श्री विद्याचरण शुक्ल, श्री नंदकुमार पटेल, श्री महेन्द्र कर्मा सहित कई नेता और सुरक्षा बलों के जवान शहीद हो गए थे।
झीरम घाटी शहादत दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में श्री बघेल ने कहा है कि झीरम घाटी के शहीदों और विगत वर्षों में नक्सल हिंसा के शिकार हुए सभी लोगों की स्मृति में वर्ष 2020 से 25 मई को हर वर्ष ’झीरम श्रद्धांजलि दिवस’ मनाया जाता है। प्रदेश के सभी शासकीय एवं अर्धशासकीय कार्यालयों में नक्सल हिंसा में शहीदों की स्मृति में 25 मई को दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी जाएगी तथा राज्य को पुनः शांति का टापू बनाने के लिए शपथ भी ली जाएगी। - एजेंसीनई दिल्ली : कोरोना संक्रमण के बीच लोगों को दवाइयां बांटने के बाद भाजपा सांसद गौतम गंभीर की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। दवा बांटने के मामले में सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्ती से कहा कि वो अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी और नेता हैं, उन्होंने जरूरतमंदों को रेमडिसिविर और फैबिफ्लू जैसी दवाइयां बाटीं लेकिन सवाल यह है कि क्या यह तरीका सही है। क्या इसे एक जिम्मेदाराना रवैया कहा जा सकता है।
कोर्ट ने सवाल किया कि क्या उन्होंने ये नहीं सोचा कि उन्हें इतनी बड़ी संख्या में इन दवाइयों को जमा करना या लेना नहीं चाहिए जब उनकी कमी चल रही हो। अदालत ने सुनवाई करते हुए ड्रग कंट्रोलर को निर्देश दिया गया कि वो यह देखे कि किन प्रावधानों के तहत अपराध बनता है और उसमें कौन-कौन शामिल है।
अदालत ने कहा कि जिम्मेदारी तय करने के बाद कार्रवाई की जाए। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि हर किसी की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की जानी चाहिए कि किस चिकित्सक ने इतनी बड़ी मात्रा में दवाइयों के लिए प्रिस्क्रिप्शन दिया।
अदालत ने पूछा कि आखिर किस दवा विक्रेता ने उस प्रिस्क्रिप्शन पर इतनी भारी मात्रा में दवाइयां दीं जो बाजार में बेचे जाने के लिए थीं। हाईकोर्ट ने कहा कि मामले में साफ-साफ केस बन रहा है इसीलिए हमें सिर्फ इतना बताया जाए कि किस प्रावधान के तहत क्या कार्रवाई की गई।
पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने कहा था- कोविड-19 की दवा इकट्ठा करना नेताओं का काम नहींदिल्ली हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में कोविड-19 की दवाओं को इकट्ठा किए जाने को लेकर नेताओं को फटकार लगाई। अदालत ने सोमवार को कहा था कि कोविड-19 के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाएं, जिनकी पहले से कमी है, जमा करने का काम नेताओं का नहीं है और उम्मीद की जाती है कि वे दवाएं लौटा देंगे।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने दिल्ली पुलिस की जांच पर असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि यह रिपोर्ट अस्पष्ट और लीपापोती की कोशिश है। दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया था कि कोविड-19 दवाओं को इकट्ठा करने के आरोपी भाजपा सांसद गौतम गंभीर, युवा कांग्रेस के नेता बीवी श्रीनिवास सहित अन्य ने लोगों की सहायता की है और कोई गड़बड़ी नहीं की है। अदालत ने कहा, क्योंकि आरोपी राजनीतिक हस्ती हैं, आप जांच नहीं करेंगे। हम ऐसा करने की इजाजत नहीं देंगे।
यदि आपने आरोपों की सही जांच करने के बाद रिपोर्ट सौंपी होती तो सराहना की जाती। गौरतलब है कि राजधानी में कुछ नेताओं पर रेमडेसिविर सहित कई दवाओं को इकट्ठा किए जाने के आरोप लगे हैं। अदालत ने कहा, दवाओं की कमी के कारण कितने ही मरीज मारे गए। आपको एहसास है? इसलिए कुछ जिम्मेदारी तय करें।
- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा- बताया किस तरह सख्ती से और सजगता से कदम उठाकर दुर्ग में कोरोना संक्रमण को कम करने हुए प्रयास
दुर्ग : सूचना प्रसारण मंत्रालय ने आज एक अहम ट्वीट किया है इसमें दुर्ग जिले में कोरोना संक्रमण के आंकड़े प्रदर्शित किए गए हैं यह आंकड़े 51 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत से नीचे रह गए हैं। इन आंकड़ों के माध्यम से बताया गया है कि किस तरह से लॉक डाउन दुर्ग में प्रभावी तरीके से लागू किया गया, उसका असर देखने को आया और कोरोना संक्रमण की गति में निरंतर गिरावट आती गई।
ट्विटर में ग्राफ के माध्यम से विस्तार से बताया गया है कि किस प्रकार से कोरोना संक्रमण की बढ़ोतरी होने पर जिला प्रशासन द्वारा पहले नाइट कर्फ्यू और उसके बाद स्ट्रिक्ट लॉकडाउन का निर्णय लिया गया। निर्णय का प्रभाव हुआ और पिक में तेजी से पहुंचने के बाद कोरोना के ग्राफ में लगातार गिरावट आई। अभी यह स्थिति है कि कोरोना संक्रमण 5 फ़ीसदी से नीचे रह गया है । दुर्ग जिले में लॉकडाउन को सख्ती से लागू किया गया जिन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर मरीज बाहर आ रहे थे वहां कंटेनमेंट जोन बनाए गए और इन कंटेनमेंट जोन पर प्रभावी निगरानी रखी गई।
इन कंटेनमेंट जोन में व्यापक सैंपलिंग की गई इसके साथ ही स्ट्रीट वेंडर एवं सुपर स्प्रेडर की तेजी से सैंपलिंग की गई। लॉकडाउन में तेजी से सैंपलिंग बढ़ाकर और लोगों को कोरोना संक्रमण के प्रति सावधान कर हॉस्पिटल में संसाधन बढ़ाकर तथा कोरोना संक्रमण की रोकथाम की व्यापक मॉनिटरिंग कर जिला प्रशासन ने कोरोना संक्रमण को 5 फ़ीसदी से नीचे लाने में सफलता प्राप्त की है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के निर्देश पर अधिकारियों द्वारा कोरोना की तीसरी वेव की आशंका को देखते हुए भी अभी से तैयारियां आरंभ हो गई है। इस बात की आशंका जताई जा रही है कि तीसरे संक्रमण में बच्चे भी गंभीर संक्रमण का शिकार हो सकते हैं। ऐसी स्थिति बनी तो जिले में इसके लिए पर्याप्त संसाधन मौजूद हो यह सुनिश्चित किया जा रहा है। चंदूलाल चंद्राकर कोविड केयर हॉस्पिटल में बच्चों के लिए आईसीयू तैयार किया जा रहा है। प्राइवेट हॉस्पिटल से समन्वय कर बच्चों के ट्रीटमेंट की विशेष तैयारियां सुनिश्चित की जा रही है। - एजेंसीनई दिल्ली : सरकारी एयरलाइंस कंपनी एयर इंडिया का डेटा लीक होने का मामला सामने आया है। कंपनी के मुताबिक, इस घटना ने 45 लाख यात्रियों के डेटा लीक हुआ है। डेटा लीक में ग्राहकों की पर्सनल जानकारियां भी लीक हुई हैं। रिपोर्टस के मुताबिक, डेटा सेंटर पर साइबर सिक्योरिटी का हमला हुआ था और इसी के तहत डेटा चोरी हुआ है। यह हमला फरवरी में इसी साल हुआ था। एअर इंडिया ने अपनी वेबसाइट पर यह जानकारी दी है।
कंपनी ने बताया कि इस साइबर सिक्योरिटी हमले में यात्रियों की पर्सनल जानकारी चुराई गई है। इसमें करीब 45 लाख यात्रियों का डेटा चुराया गया है। इनमें देश और विदेश के यात्री शामिल हैं। एयर इंडिया ने अपने प्रभावित ग्राहकों को भेजे संदेश में बताया है कि इसके SITA Pss सर्वर पर साइबर हमला हुआ है, जिसमें ग्राहकों की व्यक्तिगत जानकारियों को स्टोर और प्रोसेस किया जाता है।
एयर इंडिया ने इस घटना के बारे में कहा है, "हमें इस बारे में हमारे डाटा प्रोसेसर से पहली सूचना इस साल 25 फरवरी को मिल गई थी। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि इस बारे में हमारे डाटा प्रोसेसर की तरफ से प्रभावित डाटा की जानकारी सिर्फ 25-03-2021 और 5-04-2021 को दी गई थी। जिन एयरलाइंस कंपनियों पर यह साइबर अटैक हुआ है, उनमें मलेशिया एयरलाइंस, फिनएयर, सिंगापुर एयरलाइंस, लुफ्थांसा और कैथे पैसिफिक भी शामिल हैं।
इस साइबर सिक्योरिटी अटैक में नाम, जन्मतिथि, कॉन्टैक्ट डिटेल्स, पासपोर्ट डिटेल्स, टिकट की जानकारी, स्टार अलायंस और एअर इंडिया फ्रीक्वेंट फ्लायर के डेटा चोरी हुए हैं। स्टार अलायंस वैश्विक कंपनी है जिसके साथ एअर इंडिया का टाईअप है। हालांकि कंपनी ने यह भी कहा कि क्रेडिट कार्ड का डेटा चोरी हुआ है, पर इसमें सीवीवी या सीवीसी नंबर चोरी नहीं हुए हैं। सीवीवी नंबर कार्ड के पीछे 3 अंक में होता है, जिसे पेमेंट के लिए डालना जरूरी होता है। एयर इंडिया ने कहा कि हम और हमारे डाटा प्रोसेसर कार्रवाई जारी रखेंगे, इस बीच हम यात्रियों को पासवर्ड बदलने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। यात्रियों की निजी जानकारी को सुरक्षित रखना हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है। - एजेंसीमुंबई : बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को अकोला पुलिस की एक शिकायत के आधार पर मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के खिलाफ दर्ज एक मामले में उन्हें गिरफ्तार न करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति एसजे कथावाला और न्यायमूर्ति एसपी तावड़े की अवकाशकालीन पीठ ने राज्य सरकार को परमबीर सिंह को गिरफ्तार नहीं करने का आदेश देते हुए मामले की सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी है। पिछली सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने दलील दी थी कि परम बीर सिंह को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। हालांकि, राज्य महाराष्ट्र सरकार की ओर इस बार हुई सुनवाई में पेश हुए अधिवक्ता डेरियस खंबाटा ने कहा कि अब उनकी गिरफ्तारी और नहीं टाली जा सकती है।
उन्होंने कहा, 'मैं बयान देने की स्थिति में नहीं हूं। यह एससी/एसटी अधिनियम के तहत एक बहुत ही गंभीर मामला है। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि हम उसे रातों-रात गिरफ्तार कर लेंगे, लेकिन मैं जांच पर कोई झंझट नहीं चाहता।'
वहीं, राज्य सरकार ने परमबीर सिंह के खिलाफ कुछ पूछताछ भी शुरू की है। उनके खिलाफ एससी/एसटी अधिनियम और कई अन्य अपराधों के तहत एक एफआईआर भी दर्ज की गई है, जिसकी जांच ठाणे पुलिस कर रही है। वहीं, महाराष्ट्र होमगार्ड के महानिदेशक (डीजी) परमबीर सिंह ने आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ बदले की कार्रवाई के चलते एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने एक याचिका दायर कर उनके खिलाफ हो रही जांच को रोकने की भी मांग की है।
वहीं, महाराष्ट्र सरकार के अधिवक्ता खंबाटा ने तर्क दिया कि परमबीर सिंह को सुरक्षा मिलने के बाद उन्होंने यहां की अदालत में इसका खुलासा किए बिना सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। वहीं, परमबीर सिंह की ओर से पेश वकील महेश जेठमलानी ने दलील दी कि पिछली सुनवाई के समय याचिका दायर नहीं की गई थी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में इसे दायर करने के बाद उच्च न्यायालय में यह पहली सुनवाई थी।
जेठमलानी ने आगे कहा कि यदि उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ सरकार सुरक्षा नहीं बढ़ाती है तो उनकी बात सुनी जानी चाहिए। इसके बाद बेंच ने जवाब दिया कि, 'चलो फिर। आज पूरी रात यहीं बिताएं।' देर रात तक चली सुनवाई में जेठमलानी ने कहा कि परमबीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुश पर लगाए गए आरोपों के बाद सरकार उनपर बदले की भावना के तहत कार्रवाई कर रही है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार राज्य सरकार में हुए एक अपराध को छुपाने के लिए उनपर कार्रवाई कर रही है। जेठमलानी ने आगे कहा कि परमबीर सिंह को सीबीआई ने अनिल देशमुख के खिलाफ चल रही जांच में गवाह बनाया है और महाराष्ट्र सरकार सीबीआई की जांच को रोकना चाहती है। इसके बाद अदालत ने राज्य सरकार के बकील खंबाटा से कुछ प्रासंगिक सवाल पूछे और जैसे ही आधी रात हुई कोर्ट ने खंबाटा को रोक दिया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कहा कि सोमवार को मामले की अगली सुनवाई तक परमबीर सिंह की गिरफ्तारी नहीं होगी।
क्या था मामला-मालूम हो कि परमबीर सिंह पर एक पुलिस निरीक्षक स्तर के अधिकारी ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके आधार पर महाराष्ट्र पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। यह एफआईआर पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह, डीसीपी पराग मनेरे और 26 अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ विदर्भ के अकोलो में दर्ज की गई थी। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाप्रधानमंत्री ने जांजगीर-चांपा जिले के कलेक्टर से की चर्चा
छत्तीसगढ़ के पांच जिलों बलौदाबाजार-भाटापारा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कोरबा और बिलासपुर के कलेक्टर बैठक में जुड़े
रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा आज देश के 11 राज्यों के 60 जिलों में कोविड-19 प्रबंधन तथा कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति की समीक्षा के लिए आयोजित वर्चुअल बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल भी शामिल हुए। इस बैठक में छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार-भाटापारा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कोरबा और बिलासपुर जिलों के कलेक्टर जुड़े। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जांजगीर-चांपा के कलेक्टर श्री यशवंत कुमार से चर्चा कर जिले में कोविड प्रबंधन की स्थिति की जानकारी ली। बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला और मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी भी उपस्थित थे।जांजगीर-चांपा जिले के कलेक्टर ने चर्चा के दौरान बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशों के अनुसार जिले में अधिक संक्रमण वाले क्षेत्रों को चिन्हित कर वहां जनजागरूकता अभियान चलाया गया तथा सघन टीकाकरण किया गया। उन्होंने बताया कि जांजगीर-चांपा जिले के 31 गांवों में 90 प्रतिशत लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है। उन्होंने बताया कि जिले में शतप्रतिशत हेल्थ वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स को वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है। इन दोनों ही वर्गाें में 85 प्रतिशत लोगों को दूसरी डोज भी लगाई जा चुकी है। जल्द ही इन वर्गाें के सभी लोगों को वैक्सीनेशन कर लिया जाएगा। जिले में 45 वर्ष से अधिक आयु के 70 प्रतिशत लोगों का वैक्सीनेशन किया गया है। 18 से 44 वर्ष आयु के लोगों का वैक्सीनेशन प्रारंभ हो गया है। जैसे-जैसे वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ेगी, तेजी से वैक्सीनेशन किया जाएगा। जिले में पॉजिटिविटी रेट 30 प्रतिशत थी, जो अब घटकर 14 प्रतिशत हो गई है। बहुत जल्द यह 10 प्रतिशत के नीचे आ जाएगी।कलेक्टर ने जानकारी दी कि जिले में स्वास्थ्य अधोसंरचना की स्थिति अच्छी है। जिले के अस्पतालों में कुल 1691 सामान्य बेड हैं, जिनमें से 883 रिक्त हैं। इसी तरह जिले में 621 ऑक्सीजन बेड हैं, जिनमें से 303 भरे हैं। आईसीयू के 20 बिस्तरों में 9 बिस्तर भरे हैं। जिले के कोविड सेंटरों में 150 बेड उपलब्ध हैं। कोविड सेंटरों में योगा और टीव्ही की व्यवस्था भी की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि जिले में विभिन्न औद्योगिक इकाईयों के सहयोग से ऑक्सीजन की उपलब्धता सरप्लस है। जिले में ऑक्सीजन के 350 सिलेण्डरों की आवश्यकता पड़ती है, जबकि जिले में 550 सिलेण्डरों की आपूर्ति हो रही है। जिले में एनजीओ, चेम्बर ऑफ कॉमर्स एवं मंदिर ट्रस्ट समिति की सहायता से 100 जम्बो सिलेण्डर और 90 ऑक्सीजन कंसनट्रेटर उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कई बार आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट विलंब से प्राप्त होती है, इस कारण जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण के लक्षण वाले मरीजों को कोरोना प्रोटोकॉल के आधार पर तैयार किए गए दवाईयों के किट वितरित किए जा रहे हैं। जिससे मरीजों का जल्द इलाज प्रारंभ हो जाता है और उनकी स्थिति ज्यादा नहीं बिगड़ती। कलेक्टर ने यह भी जानकारी दी कि कई गांवों में लोगों ने स्वयं ही बाहर से आने वाले लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया है, जिससे संक्रमण न फैले। जिले में आयुष काढ़े के 10 हजार पैकेट हाट बाजारों में वितरित किए गए हैं। अस्पतालों में पोस्ट कोविड ओपीडी भी प्रारंभ की गई है। -
एजेंसी
नई दिल्ली: भारत में कोविड-19 के मामलों में धीरे-धीरे कमी दर्ज की जा रही है. दूसरी लहर का पीक खत्म माना जा रहा है. गुरुवार की सुबह 8 बजे तक पिछले 24 घंटे में 2,76,110 नए केस सामने आए हैं और इस अवधि में 3,874 की मौत हुई है. हालांकि, ये मामले बुधवार के मामलों से ज्यादा हैं. बुधवार को 2.67 लाख मामले आए थे.
कोरोना के ताजे आंकड़े-
एक दिन में नए मामले: 2,76,110
एक दिन में मौतें: 3,874
COVID-19 के कुल मामले: 2,57,72,440
कुल एक्टिव मामले : 31,29,878
24 घंटों में टेस्टिंग : 20,55,010 (अब तक की सबसे ज्यादा टेस्टिंग)
24 घंटों में ठीक हुए मरीज :36,9,077
24 घंटों में वैक्सीनेशन : 11,66,090
कुल वैक्सीनेशन : 18,70,09,729
पॉजिटिविटी रेट :13.43%
पिछले 7 दिनों में कोविड के नए मामलों और मौतों के आंकड़े
19 मई : 267334, मौतें : 4529
18 मई : 263533, मौतें : 4329
17 मई : 2,81,386, मौतें : 4106
16 मई : 3,11170, मौतें : 4077
15 मई : 3,26,098, मौतें : 3890
14 मई : 3,43,144, मौतें : 4000
13 मई : 3,62,727, मौतें : 4120 - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
खरीफ 2020-21 और आगे प्रतिवर्ष धान बेचने वाले किसानों को 9 हजार रूपए प्रति एकड़ मिलेगी आदान सहायता राशि (इनपुट सब्सिडी)
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार की राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों को 21 मई को आदान सहायता राशि (इनपुट सब्सिडी) की पहली किश्त जारी की जाएगी। किसानों को आदान सहायता के रूप में 9000 रुपए प्रति एकड़ राशि प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज आयोजित कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि वर्ष 2020-21 और आगे प्रतिवर्ष समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों को 9 हजार रूपए प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी दी जाएगी। वर्ष 2020-21 में जिन किसानों ने धान का विक्रय किया था यदि वे किसान वर्ष 2021-22 धान के बदले अन्य फसल लेते हैं उन्हें प्रति एकड़ 10 हजार रूपए तथा जो पेड़ लगाते हैं उन्हें आगामी 3 वर्षों तक प्रतिवर्ष 10 हजार रूपए प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी दी जाएगी। इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने और अन्य पहलुओं पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री श्री बघेल की उपस्थिति में कल 19 मई को मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक होगी। इसमें वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित होंगे। तथा उप समिति की बैठक द्वारा प्रस्तावित विषयों पर आगामी 21 मई को होने वाली कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया जाएगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बैरियर में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों तथा सुरक्षाकर्मियों से बात कर किया उत्साहवर्धनबलरामपुर : कोरोना संक्रमण के प्रभावी रोकथाम के लिए जरूरी है सीमावर्ती क्षेत्रों की कड़ी निगरानी की जाए। संभागायुक्त सुश्री जिनेविवा किंडो तथा पुलिस महानिरीक्षक श्री आर.पी. साय ने उत्तरप्रदेश से लगने वाले धनवार तथा झारखंड से लगने वाले कन्हर चेकपोस्ट का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने उत्तरप्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों का भी भ्रमण किया और वहां कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर किए जा रहे कार्यों की भी जानकारी ली। धनवार चेकपोस्ट पहुंचने पर संभाग आयुक्त सुश्री जिनेविवा किंडो ने बैरियर में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों तथा सुरक्षाकर्मियों से बात की और उनका उत्साहवर्धन किया। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों से चर्चा के दौरान बताया कि वे आने-जाने वालों वाहनों की जांच करें, तत्पश्चात ही प्रवेश दें। सुरक्षाकर्मी व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने उन्हें बताया कि आने-जाने वाले प्रत्येक वाहन की जांच की जाती है तथा कोरोना जांच उपरांत ही उनको प्रवेश दिया जाता है। प्रवेश से पहले यह सुनिश्चित किया जाता है सभी व्यक्ति कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें। इसके पश्चात संभाग आयुक्त व पुलिस महानिरीक्षक श्री आर.पी. साय झारखंड से लगने वाले कन्हर चेकपोस्ट पहुंचे। जहां उन्होंने नियम अनुरूप वाहनों आवाजाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने रामानुजगंज के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को निर्देशित करते हुए कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों की विशेष निगरानी की जाए। कोविड-19 के उचित प्रबंधन तथा संक्रमण के मामलों को कम करने में यह कदम महत्वपूर्ण व प्रभावी हो सकता है, इसलिए सीमावर्ती क्षेत्रों की व्यवस्था दुरुस्त होनी चाहिए।
इसके पश्चात संभागायुक्त व पुलिस महानिरीक्षक ने जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक से कोविड-19 की रोकथाम तथा मरीजों के उपचार के लिए की गई व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली। संभाग आयुक्त सुश्री किंडो ने वर्तमान में जिले में संक्रमित मरीजों, होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों तथा कोविड अस्पतालों में उपचाररत मरीजों की संख्यात्मक जानकारी ली। उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि लक्षण वाले मरीजों को तत्काल चिन्हित कर उन्हें आइसोलेट किया जाए तथा उनके शीघ्र पहचान से ही उन्हें संक्रमण के वाहक बनने से रोका जा सकता है। संभाग आयुक्त सुश्री किंडो ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि मैदानी अमले के स्वास्थ्य कर्मचारी प्रथम पंक्ति के योद्धा के रूप में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं, इसलिए उन्हें सभी सुविधाएं दी जाए तथा आवश्यकतानुसार उनकी जरूरतों को भी पूरा किया जाए। उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक से कोविड-19 के टीकाकरण की प्रगति के बारे में भी जानकारी ली तथा अधिक से अधिक लोगों को टीकाकरण के प्रति जागरूक करने तथा इससे जुड़े भ्रांतियों को दूर करने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू, अपर कलेक्टर श्री एस.एस. पैकरा, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व वाड्रफनगर श्री विशाल सिंह राणा, रामानुजगंज श्री विवेक चन्द्रा सहित अन्य अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे। - एजेंसीनई दिल्ली : पहलवान सागर हत्याकांड में फरार चल रहे सुशील कुमार ने मंगलवार को रोहिणी कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की है। इस मामले में आज सुनवाई होगी।
पुलिस ने सुशील पर रखा एक लाख का इनामगौरतलब है कि सुशील कुमार चार मई को सागर की मौत के बाद से फरार चल रहा है। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को कहा कि सुशील कुमार के बारे में जानकारी देने वाले को एक लाख रुपये का इनाम देगी।
पुलिस ने यह भी कहा कि 50 हजार रुपये की राशि उन व्यक्तियों को दी जाएगी, जो इस मामले में एक और आरोपी अजय के बारे में जानकारी देंगे। शनिवार को दिल्ली की एक अदालत ने स्टार पहलवान के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया था।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, अजय ट्रेनर ही नहीं, सुशील का गहरा दोस्त भी है। आशंका इसी बात की ज्यादा है कि अजय ही सुशील के छिपने में मदद कर रहा है। इसलिए दोनों पर एक साथ इनाम घोषित किया गया है। इससे अब दोनों के बचने के सारे दरवाजे बंद हो गए हैं। पुलिस दिल्ली-एनसीआर में अलग-अलग जगहों पर छापा मार रही है। हालांकि, अभी तक उसका कोई सुराग नहीं मिला है।
दूसरी तरफ अधिकारियों का कहना है कि बचने के सभी रास्ते बंद होने के बाद संभव है कि सुशील आत्मसमर्पण कर दें। इस लिहाज से अगले एक-दो दिन उसके लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। इस बीच वह पुलिस के सामने सरेंडर कर दे। पुलिस का कहना है कि सुशील के दर्जन भर ठिकानों पर छापेमारी की गई है। ऐसे में उसका जोर इसी बात पर है कि वह सुशील को आत्मसमर्पण का मौका न दे। इसकी जगह वह गिरफ्तार करने में कामयाब हो जाए।
- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवामास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनेटाइजिंग का पालन करते रहना होगा
अपनी बारी आने पर टीका जरूर लगवाएं, जिनकों पहला डोज लग गया है वो निर्धारित समय पर दूसरा लगवाएं
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों से कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का सतत रूप से पालन करते रहने की अपील की है।
रायपुर : श्री बघेल ने कहा है कि हम सभी ने बहुत मुश्किलें झेलकर कोरोना की दूसरी लहर को नियंत्रित किया है, हमें हर हाल में तीसरी लहर की आशंका को समाप्त करना है। इस दूसरी लहर में न केवल हमें बड़ा आर्थिक नुकसान पहुंचाया, बल्कि बहुत से करीबियों को भी हमसे छीन लिया है।
उन्होंने कहा कि सभी के सम्मिलित प्रयासों से कोरोना संक्रमण दर को हम 30 प्रतिशत से 9 प्रतिशत तक लाने में कामयाब हुए हैं। कोरोना की स्थिति में तेजी से हो रहे सुधार को देखते हुए राज्य शासन ने लाकडाउन के प्रतिबंधों में थोड़ी छूट देने का निर्णय लिया है। यह छूट जन-सामान्य की मुश्किलों को थोड़ा आसान करने के लिए दी जा रही है।
इस छूट के दौरान भी बहुत सावधानी बरतने की आवश्यकता है। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनेटाइजिंग का पालन करते रहना होगा, अन्यथा निकट भविष्य में हमें और भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
मुख्यमंत्री नेे लोगों से यह भी अपील की है कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए अपनी बारी आने पर टीका जरूर लगवाएं, जिन लोगों को टीका का पहला डोज लग गया है वो निर्धारित समय अवधि के बार टीका का दूसरा डोज अवश्य लगवाए तभी हम इस महामारी पर विजय प्राप्त कर सकेंगे। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राज्य में हर रोज प्रति दस लाख आबादी पर 2197 टेस्ट, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर 1245 ही
सुविधाओं के विस्तार के बाद अब 39 लैबों में ट्रूनाट और 15 में आरटीपीसीआर टेस्ट
आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए 6 नये शासकीय लैब और हो रहे तैयार
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर तक एंटीजन टेस्ट की सुविधा
संक्रमण दर में तेज गिरावट, 30 प्रतिशत से उतरकर अब 12 प्रतिशत हुई
हर कोविड मरीज के 7 संपर्को की तलाश और जांच हुई सुनिश्चित
रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य बेहतर टेस्टिंग, ट्रेसिंग, टीकाकरण और उपचार से कोरोना पर नकेल कसने में कामयाब हुआ है। राज्य में हर रोज प्रति दस लाख आबादी पर 2197 टेस्ट किए जा रहे है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह औसत 1245 ही है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सतत् माॅनिटंरिग और निर्देशन से अब 39 लैबों में ट्रूनाट और 15 में आरटीपीसीआर टेस्ट की सुविधा मुहैया करायी जा ही है। इसके साथ ही आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए बलौदाबजार, दुर्ग, दंतेवाड़ा, जांजगीर-चांपा, जशपुर और कोरबा में 6 नये शासकीय लैब और तैयार हो रहे है। एंटिजन टेस्ट राज्य के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों स्तर तक उपलब्ध है जबकि प्रत्येक जिले में अतिरिक्त मशीन प्रदाय कर टूªनाअ लैब की जांच क्षमता भी बढ़ाई जा रही है।
कोरोना संक्रमण के लिए राज्य में किए जा रहे प्रयासों से संक्रमण दर में तेज गिरावट आयी है, अप्रैल में जो संक्रमण दर 30 प्रतिशत के करीब थी वह उतरकर अब 12 प्रतिशत हो गई है। पिछले साल जहां कोविड संक्रमित मरीज पर औसत 4 से 4 काॅंटेक्ट्स को ही टेªक किया जा रहा था वहीं अब हर कोविड मरीज के 7 संपर्को की तलाश और उनकी जांच सुनिश्चित की जा रही है जिससे संक्रमण को रोकने में काफी मदद मिली है।
प्रदेश में वर्तमान में 1063 काॅटेन्मेंट क्षेत्र घोषित किये गए हैं जहां घर-घर जाकर टेस्टिंग की जा रही है। राज्य में 6 मेडिकल कॉलेज और एम्स रायपुर सहित 37 डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल तथा कुल 154 कोविड केयर सेण्टर बनाए गए हैं इसके साथ ही राज्य के प्रत्येक जिले में डेडिकेटेड कोविड अस्पताल भी बनाए गए है। शासकीय डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में 5294 बेड तथा कोविड केयर सेण्टर में 16405 बेड की सुविधा उपलब्ध करायी गई है। निजी कोविड अस्पतालों में 9 हजार 596 बेड उपलब्ध कराए गए है। इसके साथ ही कुल 1151 वेटिंलेटर उपलब्ध कराए गए है जिसमें 526 शासकीय और 625 निजी अस्पतालों में है।
ऑक्सीजेनेटेड बेड की संख्या बढ़ाये के लिए राज्य में 18 नए ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट्स स्थापित किये गए हैं इसके अतिरिक्त 6 प्लांट्स प्रक्रियाधीन हैं इनमे से 3 प्लांट अगले एक सप्ताह में स्थापित हो जायेंगे। रायपुर मेडिकल कॉलेज में एक विशेष टेलीकंसल्टेशन हब स्थापित किया गया है जिसके माध्यम से मई 2020 से कॉलेज के विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रत्येक दिन सभी शासकीय डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संपर्क स्थापित कर उन्हें टेलीकंसल्टेशन प्रदान किया जा रहा है। आवश्यकता पड़ने पर टेली राउंड भी लिए जाते हैं।
डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय में वर्चुअल ओ.पी.डी. की सुविधा
वर्तमान में सामान्य मरीजों की सुविधा के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर में वर्चुअल ओ.पी.डी. की सुविधा भी प्रारंभ की गई है। यह सुविधा प्रतिदिन सुबह 10ः30 बजे से 11ः30 बजे तक उपलब्ध है। इस दौरान मेडिसिन विभाग, पल्मोनरी मेडिसिन विभाग एवं मनोरोग विभाग के विशेषज्ञों द्वारा चिकित्सकीय परामर्श दिया जाएगा। भविष्य में मरीजों की संख्या बढ़ने पर अन्य विभागों के चिकित्सक भी उपलब्ध रहेंगे। लिंक के माध्यम से वर्चुअल ओ.पी.डी. ज्वाइन की जा सकती है। छत्तीसगढ़ में अब तक 7.72 लाख से अधिक लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं जिसमें से 1.38 लाख अस्पताल से डिस्चार्ज हुए तथा 6.34 लाख मरीजों ने होम आइसोलेशन की अवधि पूरी की है। होम आइसोलेटेड मरीजों की निगरानी के लिए प्रत्येक जिले में कण्ट्रोल रूम की स्थापना भी की गई है।
18-44 वर्ष के आयु वर्ग के 3.99 लाख लोगों का टीकाकरण
बीते 11 मई को भारत सरकार की वीडियो कांफ्रेंसिंग के अनुसार 45 वर्ष से अधिक आयु समूह को कोविड-19 वैक्सीन की प्रथम डोज देने में छत्तीसगढ़ राज्य का स्थान पूरे देश में छठा है। पूरे देश में सिर्फ लद्दाख, सिक्किम, त्रिपुरा, लक्षद्वीप और हिमाचल प्रदेशही छत्तीसगढ़ से आगे हैं। यदि हेल्थ केयर वर्कर्स की प्रथम डोज की कवरेज की बात करें तो छत्तीसगढ़ (98.4 प्रतिशत) के साथ देश में तीसरे नंबर पर है।
प्रदेश में 2 अप्रैल 2021 को सर्वाधिक 3.26 लाख व्यक्तियों का तथा 3 अप्रैल को 2.92 लाख व्यक्तियों का टीकाकरण किया गया। 14 मई तक राज्य में कुल 64.20 लाख हितग्राहियों को वैक्सीन डोजेज दी गई हैं। 14 मई 2021 को 2,086 सेशन मे 40,266 व्यक्तियों का टीकाकरण किया गया। 14 मई तक 18-44 वर्ष के आयु वर्ग वाले कुल 3,99,262 हितग्राहियों का टीकाकरण किया गया। 14 मई 2021 के टीकाकरण के पश्चात् केंद्र सरकार के चैनल में से 2,72,050 डोज तथा राज्य सरकार के चैनल में से 96,950 शेष हैं।
सार्वजनिक स्थल पर मास्क नही लगाने वाले लोगों से 3.44 करोड़ रूपए की वसूली
कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए सार्वजनिक स्थलों में मास्क न पहनने की स्थिति में राज्य सरकार द्वारा 500 रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है। 25 फरवरी 2021 से 10 मई 2021 तक सभी जिलों के 2.22 लाख लोगों से 3 करोड़ 44 लाख रुपये की वसूली की गई।