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- एजेंसीमुंबई : बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को अकोला पुलिस की एक शिकायत के आधार पर मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के खिलाफ दर्ज एक मामले में उन्हें गिरफ्तार न करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति एसजे कथावाला और न्यायमूर्ति एसपी तावड़े की अवकाशकालीन पीठ ने राज्य सरकार को परमबीर सिंह को गिरफ्तार नहीं करने का आदेश देते हुए मामले की सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी है। पिछली सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने दलील दी थी कि परम बीर सिंह को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। हालांकि, राज्य महाराष्ट्र सरकार की ओर इस बार हुई सुनवाई में पेश हुए अधिवक्ता डेरियस खंबाटा ने कहा कि अब उनकी गिरफ्तारी और नहीं टाली जा सकती है।
उन्होंने कहा, 'मैं बयान देने की स्थिति में नहीं हूं। यह एससी/एसटी अधिनियम के तहत एक बहुत ही गंभीर मामला है। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि हम उसे रातों-रात गिरफ्तार कर लेंगे, लेकिन मैं जांच पर कोई झंझट नहीं चाहता।'
वहीं, राज्य सरकार ने परमबीर सिंह के खिलाफ कुछ पूछताछ भी शुरू की है। उनके खिलाफ एससी/एसटी अधिनियम और कई अन्य अपराधों के तहत एक एफआईआर भी दर्ज की गई है, जिसकी जांच ठाणे पुलिस कर रही है। वहीं, महाराष्ट्र होमगार्ड के महानिदेशक (डीजी) परमबीर सिंह ने आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ बदले की कार्रवाई के चलते एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने एक याचिका दायर कर उनके खिलाफ हो रही जांच को रोकने की भी मांग की है।
वहीं, महाराष्ट्र सरकार के अधिवक्ता खंबाटा ने तर्क दिया कि परमबीर सिंह को सुरक्षा मिलने के बाद उन्होंने यहां की अदालत में इसका खुलासा किए बिना सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। वहीं, परमबीर सिंह की ओर से पेश वकील महेश जेठमलानी ने दलील दी कि पिछली सुनवाई के समय याचिका दायर नहीं की गई थी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में इसे दायर करने के बाद उच्च न्यायालय में यह पहली सुनवाई थी।
जेठमलानी ने आगे कहा कि यदि उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ सरकार सुरक्षा नहीं बढ़ाती है तो उनकी बात सुनी जानी चाहिए। इसके बाद बेंच ने जवाब दिया कि, 'चलो फिर। आज पूरी रात यहीं बिताएं।' देर रात तक चली सुनवाई में जेठमलानी ने कहा कि परमबीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुश पर लगाए गए आरोपों के बाद सरकार उनपर बदले की भावना के तहत कार्रवाई कर रही है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार राज्य सरकार में हुए एक अपराध को छुपाने के लिए उनपर कार्रवाई कर रही है। जेठमलानी ने आगे कहा कि परमबीर सिंह को सीबीआई ने अनिल देशमुख के खिलाफ चल रही जांच में गवाह बनाया है और महाराष्ट्र सरकार सीबीआई की जांच को रोकना चाहती है। इसके बाद अदालत ने राज्य सरकार के बकील खंबाटा से कुछ प्रासंगिक सवाल पूछे और जैसे ही आधी रात हुई कोर्ट ने खंबाटा को रोक दिया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कहा कि सोमवार को मामले की अगली सुनवाई तक परमबीर सिंह की गिरफ्तारी नहीं होगी।
क्या था मामला-मालूम हो कि परमबीर सिंह पर एक पुलिस निरीक्षक स्तर के अधिकारी ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके आधार पर महाराष्ट्र पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। यह एफआईआर पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह, डीसीपी पराग मनेरे और 26 अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ विदर्भ के अकोलो में दर्ज की गई थी। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाप्रधानमंत्री ने जांजगीर-चांपा जिले के कलेक्टर से की चर्चा
छत्तीसगढ़ के पांच जिलों बलौदाबाजार-भाटापारा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कोरबा और बिलासपुर के कलेक्टर बैठक में जुड़े
रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा आज देश के 11 राज्यों के 60 जिलों में कोविड-19 प्रबंधन तथा कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति की समीक्षा के लिए आयोजित वर्चुअल बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल भी शामिल हुए। इस बैठक में छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार-भाटापारा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कोरबा और बिलासपुर जिलों के कलेक्टर जुड़े। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जांजगीर-चांपा के कलेक्टर श्री यशवंत कुमार से चर्चा कर जिले में कोविड प्रबंधन की स्थिति की जानकारी ली। बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला और मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी भी उपस्थित थे।जांजगीर-चांपा जिले के कलेक्टर ने चर्चा के दौरान बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशों के अनुसार जिले में अधिक संक्रमण वाले क्षेत्रों को चिन्हित कर वहां जनजागरूकता अभियान चलाया गया तथा सघन टीकाकरण किया गया। उन्होंने बताया कि जांजगीर-चांपा जिले के 31 गांवों में 90 प्रतिशत लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है। उन्होंने बताया कि जिले में शतप्रतिशत हेल्थ वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स को वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है। इन दोनों ही वर्गाें में 85 प्रतिशत लोगों को दूसरी डोज भी लगाई जा चुकी है। जल्द ही इन वर्गाें के सभी लोगों को वैक्सीनेशन कर लिया जाएगा। जिले में 45 वर्ष से अधिक आयु के 70 प्रतिशत लोगों का वैक्सीनेशन किया गया है। 18 से 44 वर्ष आयु के लोगों का वैक्सीनेशन प्रारंभ हो गया है। जैसे-जैसे वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ेगी, तेजी से वैक्सीनेशन किया जाएगा। जिले में पॉजिटिविटी रेट 30 प्रतिशत थी, जो अब घटकर 14 प्रतिशत हो गई है। बहुत जल्द यह 10 प्रतिशत के नीचे आ जाएगी।कलेक्टर ने जानकारी दी कि जिले में स्वास्थ्य अधोसंरचना की स्थिति अच्छी है। जिले के अस्पतालों में कुल 1691 सामान्य बेड हैं, जिनमें से 883 रिक्त हैं। इसी तरह जिले में 621 ऑक्सीजन बेड हैं, जिनमें से 303 भरे हैं। आईसीयू के 20 बिस्तरों में 9 बिस्तर भरे हैं। जिले के कोविड सेंटरों में 150 बेड उपलब्ध हैं। कोविड सेंटरों में योगा और टीव्ही की व्यवस्था भी की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि जिले में विभिन्न औद्योगिक इकाईयों के सहयोग से ऑक्सीजन की उपलब्धता सरप्लस है। जिले में ऑक्सीजन के 350 सिलेण्डरों की आवश्यकता पड़ती है, जबकि जिले में 550 सिलेण्डरों की आपूर्ति हो रही है। जिले में एनजीओ, चेम्बर ऑफ कॉमर्स एवं मंदिर ट्रस्ट समिति की सहायता से 100 जम्बो सिलेण्डर और 90 ऑक्सीजन कंसनट्रेटर उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कई बार आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट विलंब से प्राप्त होती है, इस कारण जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण के लक्षण वाले मरीजों को कोरोना प्रोटोकॉल के आधार पर तैयार किए गए दवाईयों के किट वितरित किए जा रहे हैं। जिससे मरीजों का जल्द इलाज प्रारंभ हो जाता है और उनकी स्थिति ज्यादा नहीं बिगड़ती। कलेक्टर ने यह भी जानकारी दी कि कई गांवों में लोगों ने स्वयं ही बाहर से आने वाले लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया है, जिससे संक्रमण न फैले। जिले में आयुष काढ़े के 10 हजार पैकेट हाट बाजारों में वितरित किए गए हैं। अस्पतालों में पोस्ट कोविड ओपीडी भी प्रारंभ की गई है। -
एजेंसी
नई दिल्ली: भारत में कोविड-19 के मामलों में धीरे-धीरे कमी दर्ज की जा रही है. दूसरी लहर का पीक खत्म माना जा रहा है. गुरुवार की सुबह 8 बजे तक पिछले 24 घंटे में 2,76,110 नए केस सामने आए हैं और इस अवधि में 3,874 की मौत हुई है. हालांकि, ये मामले बुधवार के मामलों से ज्यादा हैं. बुधवार को 2.67 लाख मामले आए थे.
कोरोना के ताजे आंकड़े-
एक दिन में नए मामले: 2,76,110
एक दिन में मौतें: 3,874
COVID-19 के कुल मामले: 2,57,72,440
कुल एक्टिव मामले : 31,29,878
24 घंटों में टेस्टिंग : 20,55,010 (अब तक की सबसे ज्यादा टेस्टिंग)
24 घंटों में ठीक हुए मरीज :36,9,077
24 घंटों में वैक्सीनेशन : 11,66,090
कुल वैक्सीनेशन : 18,70,09,729
पॉजिटिविटी रेट :13.43%
पिछले 7 दिनों में कोविड के नए मामलों और मौतों के आंकड़े
19 मई : 267334, मौतें : 4529
18 मई : 263533, मौतें : 4329
17 मई : 2,81,386, मौतें : 4106
16 मई : 3,11170, मौतें : 4077
15 मई : 3,26,098, मौतें : 3890
14 मई : 3,43,144, मौतें : 4000
13 मई : 3,62,727, मौतें : 4120 - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
खरीफ 2020-21 और आगे प्रतिवर्ष धान बेचने वाले किसानों को 9 हजार रूपए प्रति एकड़ मिलेगी आदान सहायता राशि (इनपुट सब्सिडी)
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार की राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों को 21 मई को आदान सहायता राशि (इनपुट सब्सिडी) की पहली किश्त जारी की जाएगी। किसानों को आदान सहायता के रूप में 9000 रुपए प्रति एकड़ राशि प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज आयोजित कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि वर्ष 2020-21 और आगे प्रतिवर्ष समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों को 9 हजार रूपए प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी दी जाएगी। वर्ष 2020-21 में जिन किसानों ने धान का विक्रय किया था यदि वे किसान वर्ष 2021-22 धान के बदले अन्य फसल लेते हैं उन्हें प्रति एकड़ 10 हजार रूपए तथा जो पेड़ लगाते हैं उन्हें आगामी 3 वर्षों तक प्रतिवर्ष 10 हजार रूपए प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी दी जाएगी। इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने और अन्य पहलुओं पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री श्री बघेल की उपस्थिति में कल 19 मई को मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक होगी। इसमें वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित होंगे। तथा उप समिति की बैठक द्वारा प्रस्तावित विषयों पर आगामी 21 मई को होने वाली कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया जाएगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बैरियर में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों तथा सुरक्षाकर्मियों से बात कर किया उत्साहवर्धनबलरामपुर : कोरोना संक्रमण के प्रभावी रोकथाम के लिए जरूरी है सीमावर्ती क्षेत्रों की कड़ी निगरानी की जाए। संभागायुक्त सुश्री जिनेविवा किंडो तथा पुलिस महानिरीक्षक श्री आर.पी. साय ने उत्तरप्रदेश से लगने वाले धनवार तथा झारखंड से लगने वाले कन्हर चेकपोस्ट का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने उत्तरप्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों का भी भ्रमण किया और वहां कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर किए जा रहे कार्यों की भी जानकारी ली। धनवार चेकपोस्ट पहुंचने पर संभाग आयुक्त सुश्री जिनेविवा किंडो ने बैरियर में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों तथा सुरक्षाकर्मियों से बात की और उनका उत्साहवर्धन किया। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों से चर्चा के दौरान बताया कि वे आने-जाने वालों वाहनों की जांच करें, तत्पश्चात ही प्रवेश दें। सुरक्षाकर्मी व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने उन्हें बताया कि आने-जाने वाले प्रत्येक वाहन की जांच की जाती है तथा कोरोना जांच उपरांत ही उनको प्रवेश दिया जाता है। प्रवेश से पहले यह सुनिश्चित किया जाता है सभी व्यक्ति कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें। इसके पश्चात संभाग आयुक्त व पुलिस महानिरीक्षक श्री आर.पी. साय झारखंड से लगने वाले कन्हर चेकपोस्ट पहुंचे। जहां उन्होंने नियम अनुरूप वाहनों आवाजाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने रामानुजगंज के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को निर्देशित करते हुए कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों की विशेष निगरानी की जाए। कोविड-19 के उचित प्रबंधन तथा संक्रमण के मामलों को कम करने में यह कदम महत्वपूर्ण व प्रभावी हो सकता है, इसलिए सीमावर्ती क्षेत्रों की व्यवस्था दुरुस्त होनी चाहिए।
इसके पश्चात संभागायुक्त व पुलिस महानिरीक्षक ने जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक से कोविड-19 की रोकथाम तथा मरीजों के उपचार के लिए की गई व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली। संभाग आयुक्त सुश्री किंडो ने वर्तमान में जिले में संक्रमित मरीजों, होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों तथा कोविड अस्पतालों में उपचाररत मरीजों की संख्यात्मक जानकारी ली। उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि लक्षण वाले मरीजों को तत्काल चिन्हित कर उन्हें आइसोलेट किया जाए तथा उनके शीघ्र पहचान से ही उन्हें संक्रमण के वाहक बनने से रोका जा सकता है। संभाग आयुक्त सुश्री किंडो ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि मैदानी अमले के स्वास्थ्य कर्मचारी प्रथम पंक्ति के योद्धा के रूप में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं, इसलिए उन्हें सभी सुविधाएं दी जाए तथा आवश्यकतानुसार उनकी जरूरतों को भी पूरा किया जाए। उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक से कोविड-19 के टीकाकरण की प्रगति के बारे में भी जानकारी ली तथा अधिक से अधिक लोगों को टीकाकरण के प्रति जागरूक करने तथा इससे जुड़े भ्रांतियों को दूर करने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू, अपर कलेक्टर श्री एस.एस. पैकरा, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व वाड्रफनगर श्री विशाल सिंह राणा, रामानुजगंज श्री विवेक चन्द्रा सहित अन्य अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे। - एजेंसीनई दिल्ली : पहलवान सागर हत्याकांड में फरार चल रहे सुशील कुमार ने मंगलवार को रोहिणी कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की है। इस मामले में आज सुनवाई होगी।
पुलिस ने सुशील पर रखा एक लाख का इनामगौरतलब है कि सुशील कुमार चार मई को सागर की मौत के बाद से फरार चल रहा है। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को कहा कि सुशील कुमार के बारे में जानकारी देने वाले को एक लाख रुपये का इनाम देगी।
पुलिस ने यह भी कहा कि 50 हजार रुपये की राशि उन व्यक्तियों को दी जाएगी, जो इस मामले में एक और आरोपी अजय के बारे में जानकारी देंगे। शनिवार को दिल्ली की एक अदालत ने स्टार पहलवान के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया था।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, अजय ट्रेनर ही नहीं, सुशील का गहरा दोस्त भी है। आशंका इसी बात की ज्यादा है कि अजय ही सुशील के छिपने में मदद कर रहा है। इसलिए दोनों पर एक साथ इनाम घोषित किया गया है। इससे अब दोनों के बचने के सारे दरवाजे बंद हो गए हैं। पुलिस दिल्ली-एनसीआर में अलग-अलग जगहों पर छापा मार रही है। हालांकि, अभी तक उसका कोई सुराग नहीं मिला है।
दूसरी तरफ अधिकारियों का कहना है कि बचने के सभी रास्ते बंद होने के बाद संभव है कि सुशील आत्मसमर्पण कर दें। इस लिहाज से अगले एक-दो दिन उसके लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। इस बीच वह पुलिस के सामने सरेंडर कर दे। पुलिस का कहना है कि सुशील के दर्जन भर ठिकानों पर छापेमारी की गई है। ऐसे में उसका जोर इसी बात पर है कि वह सुशील को आत्मसमर्पण का मौका न दे। इसकी जगह वह गिरफ्तार करने में कामयाब हो जाए।
- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवामास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनेटाइजिंग का पालन करते रहना होगा
अपनी बारी आने पर टीका जरूर लगवाएं, जिनकों पहला डोज लग गया है वो निर्धारित समय पर दूसरा लगवाएं
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों से कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का सतत रूप से पालन करते रहने की अपील की है।
रायपुर : श्री बघेल ने कहा है कि हम सभी ने बहुत मुश्किलें झेलकर कोरोना की दूसरी लहर को नियंत्रित किया है, हमें हर हाल में तीसरी लहर की आशंका को समाप्त करना है। इस दूसरी लहर में न केवल हमें बड़ा आर्थिक नुकसान पहुंचाया, बल्कि बहुत से करीबियों को भी हमसे छीन लिया है।
उन्होंने कहा कि सभी के सम्मिलित प्रयासों से कोरोना संक्रमण दर को हम 30 प्रतिशत से 9 प्रतिशत तक लाने में कामयाब हुए हैं। कोरोना की स्थिति में तेजी से हो रहे सुधार को देखते हुए राज्य शासन ने लाकडाउन के प्रतिबंधों में थोड़ी छूट देने का निर्णय लिया है। यह छूट जन-सामान्य की मुश्किलों को थोड़ा आसान करने के लिए दी जा रही है।
इस छूट के दौरान भी बहुत सावधानी बरतने की आवश्यकता है। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनेटाइजिंग का पालन करते रहना होगा, अन्यथा निकट भविष्य में हमें और भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
मुख्यमंत्री नेे लोगों से यह भी अपील की है कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए अपनी बारी आने पर टीका जरूर लगवाएं, जिन लोगों को टीका का पहला डोज लग गया है वो निर्धारित समय अवधि के बार टीका का दूसरा डोज अवश्य लगवाए तभी हम इस महामारी पर विजय प्राप्त कर सकेंगे। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राज्य में हर रोज प्रति दस लाख आबादी पर 2197 टेस्ट, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर 1245 ही
सुविधाओं के विस्तार के बाद अब 39 लैबों में ट्रूनाट और 15 में आरटीपीसीआर टेस्ट
आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए 6 नये शासकीय लैब और हो रहे तैयार
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर तक एंटीजन टेस्ट की सुविधा
संक्रमण दर में तेज गिरावट, 30 प्रतिशत से उतरकर अब 12 प्रतिशत हुई
हर कोविड मरीज के 7 संपर्को की तलाश और जांच हुई सुनिश्चित
रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य बेहतर टेस्टिंग, ट्रेसिंग, टीकाकरण और उपचार से कोरोना पर नकेल कसने में कामयाब हुआ है। राज्य में हर रोज प्रति दस लाख आबादी पर 2197 टेस्ट किए जा रहे है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह औसत 1245 ही है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सतत् माॅनिटंरिग और निर्देशन से अब 39 लैबों में ट्रूनाट और 15 में आरटीपीसीआर टेस्ट की सुविधा मुहैया करायी जा ही है। इसके साथ ही आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए बलौदाबजार, दुर्ग, दंतेवाड़ा, जांजगीर-चांपा, जशपुर और कोरबा में 6 नये शासकीय लैब और तैयार हो रहे है। एंटिजन टेस्ट राज्य के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों स्तर तक उपलब्ध है जबकि प्रत्येक जिले में अतिरिक्त मशीन प्रदाय कर टूªनाअ लैब की जांच क्षमता भी बढ़ाई जा रही है।
कोरोना संक्रमण के लिए राज्य में किए जा रहे प्रयासों से संक्रमण दर में तेज गिरावट आयी है, अप्रैल में जो संक्रमण दर 30 प्रतिशत के करीब थी वह उतरकर अब 12 प्रतिशत हो गई है। पिछले साल जहां कोविड संक्रमित मरीज पर औसत 4 से 4 काॅंटेक्ट्स को ही टेªक किया जा रहा था वहीं अब हर कोविड मरीज के 7 संपर्को की तलाश और उनकी जांच सुनिश्चित की जा रही है जिससे संक्रमण को रोकने में काफी मदद मिली है।
प्रदेश में वर्तमान में 1063 काॅटेन्मेंट क्षेत्र घोषित किये गए हैं जहां घर-घर जाकर टेस्टिंग की जा रही है। राज्य में 6 मेडिकल कॉलेज और एम्स रायपुर सहित 37 डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल तथा कुल 154 कोविड केयर सेण्टर बनाए गए हैं इसके साथ ही राज्य के प्रत्येक जिले में डेडिकेटेड कोविड अस्पताल भी बनाए गए है। शासकीय डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में 5294 बेड तथा कोविड केयर सेण्टर में 16405 बेड की सुविधा उपलब्ध करायी गई है। निजी कोविड अस्पतालों में 9 हजार 596 बेड उपलब्ध कराए गए है। इसके साथ ही कुल 1151 वेटिंलेटर उपलब्ध कराए गए है जिसमें 526 शासकीय और 625 निजी अस्पतालों में है।
ऑक्सीजेनेटेड बेड की संख्या बढ़ाये के लिए राज्य में 18 नए ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट्स स्थापित किये गए हैं इसके अतिरिक्त 6 प्लांट्स प्रक्रियाधीन हैं इनमे से 3 प्लांट अगले एक सप्ताह में स्थापित हो जायेंगे। रायपुर मेडिकल कॉलेज में एक विशेष टेलीकंसल्टेशन हब स्थापित किया गया है जिसके माध्यम से मई 2020 से कॉलेज के विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रत्येक दिन सभी शासकीय डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संपर्क स्थापित कर उन्हें टेलीकंसल्टेशन प्रदान किया जा रहा है। आवश्यकता पड़ने पर टेली राउंड भी लिए जाते हैं।
डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय में वर्चुअल ओ.पी.डी. की सुविधा
वर्तमान में सामान्य मरीजों की सुविधा के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर में वर्चुअल ओ.पी.डी. की सुविधा भी प्रारंभ की गई है। यह सुविधा प्रतिदिन सुबह 10ः30 बजे से 11ः30 बजे तक उपलब्ध है। इस दौरान मेडिसिन विभाग, पल्मोनरी मेडिसिन विभाग एवं मनोरोग विभाग के विशेषज्ञों द्वारा चिकित्सकीय परामर्श दिया जाएगा। भविष्य में मरीजों की संख्या बढ़ने पर अन्य विभागों के चिकित्सक भी उपलब्ध रहेंगे। लिंक के माध्यम से वर्चुअल ओ.पी.डी. ज्वाइन की जा सकती है। छत्तीसगढ़ में अब तक 7.72 लाख से अधिक लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं जिसमें से 1.38 लाख अस्पताल से डिस्चार्ज हुए तथा 6.34 लाख मरीजों ने होम आइसोलेशन की अवधि पूरी की है। होम आइसोलेटेड मरीजों की निगरानी के लिए प्रत्येक जिले में कण्ट्रोल रूम की स्थापना भी की गई है।
18-44 वर्ष के आयु वर्ग के 3.99 लाख लोगों का टीकाकरण
बीते 11 मई को भारत सरकार की वीडियो कांफ्रेंसिंग के अनुसार 45 वर्ष से अधिक आयु समूह को कोविड-19 वैक्सीन की प्रथम डोज देने में छत्तीसगढ़ राज्य का स्थान पूरे देश में छठा है। पूरे देश में सिर्फ लद्दाख, सिक्किम, त्रिपुरा, लक्षद्वीप और हिमाचल प्रदेशही छत्तीसगढ़ से आगे हैं। यदि हेल्थ केयर वर्कर्स की प्रथम डोज की कवरेज की बात करें तो छत्तीसगढ़ (98.4 प्रतिशत) के साथ देश में तीसरे नंबर पर है।
प्रदेश में 2 अप्रैल 2021 को सर्वाधिक 3.26 लाख व्यक्तियों का तथा 3 अप्रैल को 2.92 लाख व्यक्तियों का टीकाकरण किया गया। 14 मई तक राज्य में कुल 64.20 लाख हितग्राहियों को वैक्सीन डोजेज दी गई हैं। 14 मई 2021 को 2,086 सेशन मे 40,266 व्यक्तियों का टीकाकरण किया गया। 14 मई तक 18-44 वर्ष के आयु वर्ग वाले कुल 3,99,262 हितग्राहियों का टीकाकरण किया गया। 14 मई 2021 के टीकाकरण के पश्चात् केंद्र सरकार के चैनल में से 2,72,050 डोज तथा राज्य सरकार के चैनल में से 96,950 शेष हैं।
सार्वजनिक स्थल पर मास्क नही लगाने वाले लोगों से 3.44 करोड़ रूपए की वसूली
कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए सार्वजनिक स्थलों में मास्क न पहनने की स्थिति में राज्य सरकार द्वारा 500 रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है। 25 फरवरी 2021 से 10 मई 2021 तक सभी जिलों के 2.22 लाख लोगों से 3 करोड़ 44 लाख रुपये की वसूली की गई। - एजेंसीकानपुर : गंगा में शव प्रवाहित किए जाने की घटनाओं को शासन ने गंभीरता से लिया है। केंद्र सरकार और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रिपोर्ट मांगे जाने के बाद प्रदेश सरकार ने गंगा की निगरानी के आदेश दिए हैं। कानपुर कमिश्नरेट और कानपुर आउटर पुलिस अपने-अपने क्षेत्रों में गंगा की निगरानी करेगी। शासन ने कानपुर के लिए एसडीआरएफ की एक टीम तैनात कर दी है।
स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) की टीम शनिवार को कानपुर पहुंच जाएगी। इसके साथ एक प्लाटून पीएसी भी तैनात कर दी गई है। यह टीमें बिल्हौर से महाराजपुर के ड्योढ़ी घाट तक गंगा में पेट्रोलिंग करेंगी। यदि कोई शव उतराया मिला तो उसे निकालकर अंतिम संस्कार कराएंगी।
यदि कोई गंगा में शव प्रवाहित करता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी करेगी।
पिछले दिनों कई जिलों में गंगा में शव उतराने की घटनाएं सामने आई थी। बिहार पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा था कि शव यूपी से आ रहे हैं। इसके बाद शासन के अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कानपुर पुलिस कमिश्नर से बात की।
शनिवार से एसडीआरएफ और पीएसी की टीमें गंगा में पेट्रोलिंग करेंगी। एसडीआरएफ और पीएसी को स्टीमर मुहैया कराया जाएगा। गंगा में कोई शव दिखा तो उसका अंतिम संस्कार पुलिस टीम कराएगी। कोई प्रवाहित करता हुआ मिला तो विधिक कार्रवाई भी की जाएगी।
नदियों में नहीं बहा सकेंगे शव
यूपी की नदियों में लोग अब शव नहीं बहा सकेंगे। राज्य सरकार ने इस पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को नदियों में शव बहाने पर सख्ती से रोक लगाने को कहा है। शव बहाने वालों पर जुर्माना भी लगाने पर विचार किया जा रहा है।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि प्रदेश में नदियों के किनारे स्थित सभी गांवों तथा शहरों में ग्राम विकास अधिकारी व ग्राम प्रधान तथा शहरों में निकायों के कार्यकारी अधिकारी व निर्वाचित प्रतिनिधियों के माध्यम से समितियां बनाकर यह सुनिश्चित किया जाए कि उनके गांव तथा शहर में से कोई भी व्यक्ति परम्परा के नाते नदियों में शव न बहाए। सीएम ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति जिसकी मृत्यु हुई है उसे सम्मानजनक रूप से अंत्येष्टि का अधिकार है।
सरकार का कहना है कि शव अथवा मरे हुए जानवर बहाने से नदी प्रदूषित होती है । प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार नदियों को साफ़ करने के लिए विशेष कार्यक्रम भी चला रही है। इस संबंध में गृह विभाग, नगर विकास विभाग, ग्राम विकास, पंचायत विभाग तथा पर्यावरण विभाग मिलकर एक कार्य योजना बनाएँ जिससे कि पूरे प्रदेश में परंपरा के नाते शव किसी भी दशा में न बहाए जाएं।
- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ' प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना ' की आठवीं किश्त जारी करने हेतु आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में शामिल हुए
इस अवसर पर मुख्यमंत्री निवास से कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, मुख्यमंत्री सचिवालय के सचिव श्री सिध्दार्थ कोमल परदेशी, कृषि विभाग के सचिव श्री अमृत खलखो और संचालक समेटी ( SAMETI ) एवँ राज्य नोडल अधिकारी छत्तीसगढ़ श्री जी.के. निर्माम भी उपस्थित हैं ।
इसके साथ ही केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, सभी राज्यों एवँ केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री, राज्यों के कृषि मंत्री, कृषि मंत्रालय से सम्बद्ध सचिवगण भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुए हैं । - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाटीका लगवाने के लिए अब नहीं लगेंगी लम्बी लाइनें
ऐसे लोग जिनके पास मोबाइल नहीं, उनका भी हेल्प डेस्क की मदद से हो सकेगा पंजीयन
रायपुर : कोरोना से बचाव के लिए राज्य के 18 से 44 आयु के सभी वर्ग के लोगों के लिए सुविधाजनक तरीके से टीका लगवाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने सीजी टीका वेब पोर्टल का शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा 12 मई की शाम को अपने निवास कार्यालय में किया गया। इस वेबपोर्टल के शुभारंभ के 24 घण्टें के भीतर आज 13 मई को दोपहर 3 बजे तक 72 हजार 269 लोगों ने अपना पंजीयन कराया लिया है, इसमें 862 अंत्योदय, 7 हजार 645 बीपीएल, 2 हजार 486 फ्रंट लाईन वर्कर और 61 हजार 276 एपीएल श्रेणी के लोग शामिल है। टीकाकरण के लिए वेबपोर्टल में पंजीयन की प्रक्रिया सतत रूप से जारी है।
गौरतलब है कि इस वेबपोर्टल में ऑनलाईन पंजीयन के साथ-साथ यह सुविधा भी उपलब्ध है कि बिना मोबाइलधारी व्यक्ति भी जिला प्रशासन द्वारा पंचायतों, नगरीय निकायों एवं नगर निगमों सहित अन्य स्थानों पर स्थापित हेल्प डेस्क के सहयोग से अपना पंजीयन इस वेब पोर्टल में कराकर टीका लगवा सकता है। छत्तीसगढ़ सरकार का सीजी टीका वेब पोर्टल यहां के लोगों की सामाजिक और भौगोलिक परिस्थिति को ध्यान में तैयार किया गया है, ताकि लोगों को टीकाकरण के लिए किसी भी तरह की परेशानी न हो। छत्तीसगढ़ सरकार की इस अभिनव पहल से लोगों को अब कोरोना का टीका लगवाने के लिए न तो लम्बी लाइनें लगानी पड़ेंगी न ही समय गवाना पड़ेगा। सीजी टीका वेब पोर्टल में पंजीयन के लिए लिंक
http://cgteeka.cgstate.gov.in/user-registration
http://cgteeka.cgstate.gov.in
पर जानकारी अपलोड करनी होगी। पंजीयन की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद संबंधित व्यक्ति को टीकाकरण के स्थान और समय की जानकारी एसएमएस के जरिए मिल जाएगी।
जिन लोगों के पास मोबाइल अथवा नेट कनेक्टिविटी की सुविधा उपलब्ध नहीं है, ऐसे लोगों के पंजीयन के लिए कलेक्टर द्वारा पंचायत मुख्यालयों, नगरीय निकायों एवं नगर निगम सहित अन्य सुविधाजनक स्थानों पर हेल्प डेस्क स्थापित किए जाएंगे, जहां लोग अपना पंजीयन करा सकेंगे। - एजेंसीहैदराबाद: भारत बायोटेक की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा ईला के अपने 50 कर्मचारियों के कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने की जानकारी देने वाले ट्वीट पर कुछ लोग तारीफों के पुल बांध रहे थे तो कुछ आलोचना कर रहे हैं. कुछ लोगों का कहना है कि कोवैक्सीन लोगों की जिंदगी बचा रही है जबकि कुछ ने सवाल किया कि कर्मचारियों को टीका क्यों नहीं लगाया गया.
भारत बायोटेक की एमडी ने दी जानकारीकोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन की आपूर्ति बाधित होने पर कुछ नेताओं की टिप्पणियों पर ईला ने बुधवार को ट्वीट किया, 'टीम के लिए यह सुनना बहुत दिल तोड़ने वाला है कि कुछ राज्य हमारे इरादों की शिकायत कर रहे हैं. कोविड के कारण हमारे 50 कर्मचारी काम नहीं कर रहे हैं, फिर भी हम महामारी को फैलने से रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन में आपके लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं.'
कर्मचारियों को क्यों नहीं लगाई गई वैक्सीन?उनके ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए एक उपयोगकर्ता ने लिखा, 'आपके 50 कर्मचारी कोविड-19 से संक्रमित कैसे हो गए? उन्हें टीका क्यों नहीं लगाया गया? साथ ही अस्थायी आधार पर और लोगों की भर्ती क्यों नहीं कर रहे?' ईला के ट्वीट को 13 मई को सुबह साढ़े दस बजे तक 9,373 लोगों ने ‘लाइक’ किया और 2,564 लोगों ने रीट्वीट किया.
लोगों ने भारत बायोटेक को कहा-शुक्रियाएक अन्य नागरिक ने लिखा, 'आपको शुक्रिया कहना चाहते हैं. मेरे दादा-दादी 75 साल से अधिक उम्र के हैं और उन्होंने पांच हफ्ते पहले पहला टीका लगवाया, दो हफ्ते पहले दोनों कोविड से संक्रमित पाए गए. उन्हें केवल हल्का बुखार है, आज वे संक्रमित नहीं पाए गए, वे स्वस्थ हो रहे हैं और उन्हें कोई खास दिक्कत नहीं है.' एक अन्य उपयोगकर्ता ने लिखा, 'भारत के हर कोने तक टीके पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के लिए शुक्रिया भारत बायोटेक.' एक और उपयोगकर्ता ने कहा, 'अगर आप कहते हैं कि आपके कर्मचारी कोविड से बीमार है तो यह आपके टीके की क्षमता के बारे में बताता है.'
18 राज्यों को वैक्सीन की सप्लाई कर रही भारत बायोटेकईला ने बताया कि 18 राज्यों को छोटी-छोटी खेप में कोवैक्सीन मिले हैं. हैदराबाद स्थित कंपनी आंध्र प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा, असम, जम्मू कश्मीर, तमिलनाडु, बिहार, झारखंड और दिल्ली समेत 18 राज्यों को कोवैक्सीन की आपूर्ति कर रही है. अन्य राज्य छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल हैं. - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवामुख्यमंत्री श्री बघेल से 4 जिलों के चेम्बर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधियों की चर्चा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 4 जिलों के चेम्बर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधियों से कोविड-19 के संबंध में चर्चा की। इस अवसर पर गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे तथा वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर सहित रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव तथा बिलासपुर के कलेक्टर और व्यापारिक प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू तथा मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने चर्चा के दौरान कहा कि राज्य में सभी वर्ग के लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए कार्य किया जा रहा है। इनमें व्यापार-व्यवसाय का भी कोविड अनुकूल व्यवहार तथा शासन की दिशा-निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन सहित संचालन की जरूरत है। जिससे लोगों को कोई असुविधा न होने पाए। उन्होंने इसके मद्देनजर संबंधित जिला कलेक्टरों को स्थानीय परिस्थिति के अनुरूप अति आवश्यक दुकानों को अलग-अलग अवधि तथा समय में खोलने के लिए छूट देने के संबंध में निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इनमें कहीं भी भीड़ एकत्र न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए। इसी तरह वहां कोविड-19 के नियमों का भी नियमतः पालन सुनिश्चित करने के संबंध में निर्देशित किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इसके लिए कलेक्टरों को चेम्बर ऑफ कॉमर्स सहित सभी वर्ग के लोगों से चर्चा कर उन्हें विश्वास में लेते हुए आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने चर्चा करते हुए कहा कि राज्य में कोरोना संकट से निपटने में शासन-प्रशासन के साथ-साथ सभी वर्ग के लोगों की भागीदारी रही है। यहां सबके सहयोग से कोरोना को जल्द से जल्द हराना है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश भर में लॉकडाउन की स्थिति में लोगों को कोई असुविधा न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है। इस कड़ी में उन्होंने आज चेम्बर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधियों की बैठक ली। जिसमें व्यापारिक प्रतिनिधियों ने कोरोना नियंत्रण के लिए हर संभव मदद देने सहित दुकान आदि के संचालन के संबंध में आवश्यक सुझाव भी दिए।
इस अवसर पर गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री श्री बघेल के निर्देशन में कोरोना नियंत्रण के लिए हर संभव उपाए किए जा रहे हैं, इसका अच्छा परिणाम भी दिख रहा है। इस दौरान हम सभी को सावधानियों का पालन करना बहुत जरूरी है। कार्यक्रम में कृषि मंत्री श्री चौबे ने कहा कि लॉकडाउन अभी खतम नहीं हुआ है। इसका ध्यान रखना जरूरी है। इसी तरह वन मंत्री श्री अकबर ने कहा कि अति आवश्यक दुकानों को ही सीमित अवधि के लिए अलग-अलग समय में छूट दी जानी चाहिए। इस दौरान कोविड अनुकूल व्यवहार के पालन पर भी विशेष जोर दिया। - एजेंसी
नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस महामारी के बीच बुधवार को संक्रमण के 3,48,421 नए मामले सामने आए। इस दौरान कोरोना वायरस के 3,55,338 मरीज ठीक होकर अपने घर भी लौटे। देश में लगातार दूसरे दिन कोरोना वायरस के दैनिक मामलों के मुकाबले रिकवर होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ने से कुछ राहत मिली है। हालांकि कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या अभी भी चिंताजनक है और पिछले एक दिन में 4205 लोगों की जान गई है।
4205 लोगों की जान गई-बीते एक दिन में कोरोना वायरस के कारण गई 4205 लोगों की जान, संक्रमण से अभी तक कुल 2,54,197 लोगों की मौत
देश में 3,55,338 मरीज हुए ठीक-देश में मिले कोरोना वायरस के 3,48,421 नए मामले, पिछले 24 घंटों के भीतर अलग-अलग राज्यों में 3,55,338 मरीज हुए ठीक - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में हुई बेमौसम बारिश से फसल सहित अन्य हानि का आंकलन करने और प्रभावितों को तत्काल आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा है कि बारिश और आंधी-तूफान की वजह से फसल सहित अन्य जन-धन के नुकसान के सर्वे के लिये तत्काल टीम का गठन कर आंकलन करें और पीड़ितों को तत्काल राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत आवश्यक आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाए। - एजेंसीनई दिल्ली: कोरोना के मरीजों को अस्पताल में दाखिले को लेकर नेशनल पॉलिसी में बदलाव किया गया है. अब तक एडमिट होने के लिए कोविड पॉजिटीव रिपोर्ट अनिवार्य़ होती थी. नए बदलाव के तहत अब रिपोर्ट की जरुरत नहीं होगी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के चीफ सेक्रेटरी को निर्देश दिया है. जिसके अनुसार 3 दिनों के भीतर नई नीति को अमल में लाएं. इस नीति के तहत ऐसे संदिग्ध मरीजों को सस्पेक्टेड वार्ड में दाखिला मिल सकेगा. इसमें कोविड केयर सेंटर, पूर्ण समर्पित कोविड केयर सेंटर और कोविड अस्पताल शामिल हैं. साथ ही नई पॉलिसी में यह भी साफ किया गया है कि मरीजों को इस आधार पर इनकार नहीं किया जा सकता को वह किस राज्य से हैं. किसी भी मरीज को कहीं भी दाखिला मुमकिन होगा.आदेश के अनुसार कोविड रिपोर्ट का पॉजिटिव होना जरूरी नहीं, लक्षणों वाले संदिग्ध मरीजों को भी अस्पताल में रखा जा सकेगा. इस बदलाव से इलाज के लिए भटकते मरीज के परिजनों का खासी राहत मिलेगी. दरअसल कई अस्पताल कोविड रिपोर्ट निगेटिव होने के चलते अस्पताल में मरीज का दाखिला लेने से इनकार कर देते हैं तो वहीं कुछ मरीजों को इस लिए दाखिला नहीं मिलता है क्योंकि उनके मरीज में कोविड के लक्षण दिखाई दे रहे हैं.
बताते चलें कि अब तक कोविड वार्ड में उन्हें ही दाखिला मिलता था जिनके पास RT PCR पॉजिटिव रिपोर्ट होती थी. पिछले कुछ दिनों से संक्रमण की रफ्तार बढ़ने के साथ कई राज्यों में आरटीपीसीआर रिपोर्ट मिलने में अधिक समय लगने लगा है, ऐसे में मरीज को सही समय पर इलाज नहीं मिल पाता था.अब बदलाव के बाद समय रहते इलाज शुरू हो सकेगा. - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाआमजनता से कोरोना की गाइडलाईन का कड़ाई से पालन करने की अपील
कृषि उपज मंडी में जनसहयोग से बनाया गया है यह हॉस्पिटल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में आयोजित रायपुर और दुर्ग संभाग की समीक्षा बैठक के पहले जिला मुख्यालय बलोदाबाजार में कृषि उपज मंडी के गोदाम को परिवर्तित कर बनाए गए 500 बिस्तरों के कोविड केयर अस्पताल का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुभारंभ किया। यह अस्पताल 120 ऑक्सीजन बेड से सुसज्जित है।मुख्यमंत्री ने इस अस्पताल का निर्माण रिकार्ड 20 दिनों में करने पर जिले वासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि जिले में कोरोना से संक्रमित मरीजों को इससे बड़ी राहत मिलेगी। श्री बघेल ने इस अवसर पर आमजनता से कोरोना की गाइडलाईन का कड़ाई से पालन करने की अपील के।
इस दौरान सभी जनप्रतिनिधिगण भी ऑनलाइन माध्यम से कार्यक्रम में उपस्थित थे। कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने बताया कि यह राज्य का पहला ऐसा हॉस्पिटल है जिसमें धान मंडी को हॉस्पिटल में बदला गया हैं। इस चुनौती भरें काम को महज 20 दिनों में पूरा किया गया है।500 बिस्तर हॉस्पिटल में 120 ऑक्सीजन बिस्तर से सुसज्जित है। 120 बिस्तर में 33 बिस्तर एचडीयू के, 36 आईसीयू,51ऑक्सीजन बिस्तर युक्त हैं। जो पूरी तरह वातानुकूलित हैं। साथ ही 380 बिस्तर जनरल के बनाये गये है। आवश्यकता पड़ने पर इसका और विस्तार किया जा सकता है। हॉस्पिटल में सारी सुविधाओं का विशेष ख्याल रखा गया है। जिससे मरीज को घर जैसा अनुभव होगा। यह जिले का एक आधुनिकतम हॉस्पिटल है। जो कोरोना से संक्रमित मरीजों को बड़ी राहत पहुँचाएगा।इसका संचालन स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाएगा। इस मंडी गोदाम को हॉस्पिटल में जनप्रतिनिधियों, उद्योगों, जिला खनिज न्यास फंड, जन सहयोग एवं जिला प्रशासन के सहयोग से परिवर्तित किया गया है । यहां 13 डॉक्टरों की टीम तैनात हैं।
स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, सांसद श्री सुनील सोनी, राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, विधायक श्री शिवरतन शर्मा, अनेक जनप्रतिनिधि, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू , सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी भी इस मौके पर उपस्थित थे। - एजेंसीकेरल : केरल सरकार ने गुरुवार (6 मई) को राज्य में पूर्ण लॉकडाउन लगाने का एलान कर दिया। कोरोना महामारी पर काबू पाने के लिए 8 मई से पाबंदियां लागू कर दी जाएंगी, जो 16 मई तक बरकरार रहेंगी। बता दें कि केरल में पिछले 24 घंटे के दौरान 42 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए, जिसके बाद लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया गया।
- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाअपना और अपने परिवार की सुरक्षा का रखें ध्यान
सभी बिजली उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए
लॉकडाउन के बाद स्थिति सामान्य होने पर किसानों के सिंचाई पम्पों को तेजी से दिए जाएं बिजली कनेक्शन
प्रदेश में लगभग 32 हजार सिंचाई पम्पों को बिजली कनेक्शन दिए जाने हैं: अधिकांश स्थानों पर टेंडर की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है
मुख्यमंत्री ने वर्चुअल बैठक में बिजली विभाग के मैदानी अमले के अधिकारियों-कर्मचारियों से चर्चा की
विद्युत कम्पनी के नियमित कर्मचारियों को अस्पताल में इलाज के लिए मेडिकल एडवांस के रूप में दी जा रही है आकलित खर्च की 90 प्रतिशत राशि
संविदा कर्मियों को भी मिल रही है 50 हजार रूपए तक के मेडिकल एडवांस की सुविधा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल बैठक में प्रदेश के विभिन्न जिलों के पावर कम्पनियों के मैदानी अमले के अधिकारी-कर्मचारियों से चर्चा कर उनसे किए जा रहे कार्याें और उनकी समस्याओं की जानकारी ली। कोविड संक्रमण काल में विद्युत विभाग के मैदानी अमले के अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा बिजली उत्पादन के साथ विद्युत सप्लाई का कार्य निर्बाध और सुचारू रूप से करने की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री ने इस पर प्रसन्नता प्रकट की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कठिन दौर में सभी अधिकारी-कर्मचारी कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करें और अपने तथा अपने परिवार की सुरक्षा का ध्यान रखकर कार्य करें। मास्क, सेनेटाईजर का लगातार उपयोग करें। उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण के इस दौर में विद्युत विभाग के मैदानी अमले द्वारा निर्बाध रूप से बिजली उत्पादन, लगातार बिजली सप्लाई और मेंटेनंेस का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए वे बधाई के पात्र है। बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, ऊर्जा विभाग के विशेष सचिव और बिजली कम्पनियों के अध्यक्ष श्री अंकित आनंद भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि लॉकडाउन के कारण लोग घरों में हैं और गर्मी का मौसम है, इसलिए सभी उपभोक्ताओं को बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाए साथ ही विशेष रूप से किसानों के सिंचाई पम्पों के ऊर्जीकरण के लंबित प्रकरणों पर त्वरित कार्यवाही कर उन्हें बिजली कनेक्शन दिए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के 32 हजार सिंचाई पम्पों के कनेक्शन दिए जाने हैं, कई जिलों में इस दिशा में अच्छा काम हुआ है। लगभग सभी जगहों पर टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। लॉकडाउन के बाद स्थिति सामान्य होने पर तेजी से सिंचाई पम्पों को बिजली के कनेक्शन दिए जाएं। बैठक के दौरान विभिन्न जिलों से जुड़े बिजली विभाग के सहायक अभियंताओं और सहायक लाईनमेन ने बताया कि बिजली सप्लाई में समस्या आने पर त्वरित रूप से उनका निराकरण किया जा रहा है। मीटर रीडिंग का कार्य भी किया जा रहा है।
बैठक के दौरान अधिकारियों-कर्मचारियों ने 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का कोविड टीकाकरण कराने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कहा कि सबसे पहले छत्तीसगढ़ ने प्रधानमंत्री जी से 18 से 44 वर्ष आयु समूह के लोगों के वैक्सीनेशन कराने का आग्रह किया था। राज्य सरकार 18 से 44 वर्ष के आयु समूह के व्यक्तियों का निःशुल्क वैक्सीनेशन कराने के लिए प्रतिबद्ध है। वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर तेजी से वैक्सीनेशन किया जाएगा। इसके लिए पूरी तैयारी है। एक मई को वैक्सीन की मात्र डेढ़ लाख डोज प्राप्त हुई, जबकि इस आयु समूह में एक करोड़ 35 लाख लोगों का वैक्सीनेशन किया जाना है। उन्होंने कहा कि फ्रंट लाइन वर्कर और 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के कोविड वैक्सीनेशन में छत्तीसगढ़ देश में अव्वल स्थान पर है। जैसे-जैसे वैक्सीन डोज उपलब्ध होगी, वैसे ही 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों का भी तेजी से टीकाकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हेल्थ वर्कर्स, फ्रंट लाइन वर्कर्स, 45 से 60 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के लिए, 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण की व्यवस्था की गई है।
बैठक में उपस्थित बिजली कम्पनियों के अध्यक्ष श्री अंकित आनंद ने बताया कि कर्मचारी कल्याण के अंतर्गत कोविड संक्रमित विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों को इलाज के लिए मानक दर से अस्पताल में इलाज के लिए कुल आकलित खर्च की 90 प्रतिशत राशि मेडिकल एडवांस के रूप में दी जा रही है। संविदा कर्मियों को भी 50 हजार रूपए तक का मेडिकल एडवांस दिया जा रहा है।
वर्चुअल बैठक में दुर्ग, रायपुर, कोण्डागांव, जांजगीर-चांपा, बस्तर, महासमुन्द, गरियाबंद, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, रायगढ़, कांकेर, बालोद और कोरबा जिले के विद्युत विभाग के मैदानी अमले के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हुए। बैठक में अधिकारियों-कर्मचारियों ने बताया कि विद्युत आपूर्ति बाधित होने पर विभागीय अमले द्वारा त्वरित रूप से सुधार कार्य किए जा रहे हैं। कार्य के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। अधिकारियों-कर्मचारियों ने यह भी बताया कि वर्तमान में एमरजेंसी होने पर मेंटेनेंस का कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कोरबा में जनरेशन कम्पनी के अधिकारियों से वहां प्लांट के संचालन के बारे में जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि बिजली उत्पादन का कार्य सुचारू रूप से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली उत्पादन का कार्य महत्वपूर्ण है यदि किसी को सर्दी, बुखार हो तो उन्हें अलग रखे, ताकि संक्रमण से बचा जा सके। ऐसे व्यक्ति का इलाज कराएं। प्लांट में बाहरी व्यक्ति प्रवेश न करें यह सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कोयला आपूर्ति की भी जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि पर्याप्त कोयला उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से चर्चा के दौरान रायपुर जिले के श्री महेश्वर सिंह साकार ने बताया कि ऑनलाइन शिकायतों, टेलीफोन पर मिलने वाली शिकायतों एवं मोर बिजली ऐप के माध्यम से मिलने वाली शिकायतों का यथाशीघ्र निराकरण किया जा रहा है। कंटेनमेंट जोन में भी हम मास्क एवं सेनेटाइजर का उपयोग कर त्वरित निदान कर रहे हैं। रिसाली से श्री राजेश पांडे (जूनियर इंजीनियर) ने बताया कि काम करने में कोई परेशानी नहीं आ रही है, इस क्षेत्र में 5 सब स्टेशन है जिसकी निगरानी 24 घंटे की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री बघेल के द्वारा बिजली खपत की जानकारी मांगी जाने पर श्री पांडे ने बताया कि लॉकडाउन में शहरी इलाकों में खपत कुछ बढ़ी है जहां फैक्ट्री एवं खेतों में पंप संचालित हैं वहां खपत कम है। मीटर रीडिंग के संबंध में उन्होंने बताया कि 95 प्रतिशत मीटर घर के बाहर होने पर किसी प्रकार की समस्या नहीं होती, जिन घरों में कोविड-19 के मरीज हैं वहां मोर बिजली ऐप के माध्यम से बिल का भुगतान किया जा रहा है।
बस्तर क्षेत्र के कनिष्ठ अभियंता श्री प्रशांत कुमार ने बताया कि कार्य स्थल पर अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा सेनेटाईजर एवं मास्क का उपयोग किया जा रहा है।सरगुजा से सहायक अभियंता श्री संतोष कुमार, बालोद से गोकुल देवांगन सहायक लाइनमैन ने बताया कि वे लोग फील्ड में मास्क लगाते हैं कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं। रायगढ़ के कनिष्ठ अभियंता श्री मनीष कुमार साहू ने बताया कि 300 पम्पों को बिजली कनेक्शन दिए गए हैं। धरमजयगढ़ में 53 पम्पों को, बेमेतरा के सहायक अभियंता श्री गुलाब राम ने बताया कि जिले में 2 हजार 177 पम्पों को बिजली कनेक्शन दिए गए हैं। महासमुन्द के अधिकारियों ने बताया कि जिले में एक हजार पम्पों को बिजली कनेक्शन दिए गए हैं। जांजगीर चांपा के कनिष्ठ अभियंता श्री महेश जयसवाल ने बताया कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कार्य कर रहे हैं। - एजेंसीपश्चिम बंगाल : टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी तीसरी बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बन गई हैं। उन्हें गवर्नर जगदीप धनखड़ ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। एक तरफ गवर्नर ने दीदी को तीसरी बार राज्य के सीएम के तौर पर शपथ दिलाई तो उससे कुछ वक्त पहले ही उन्होंने एक ट्वीट किया। गवर्नर जगदीप धनखड़ ने ट्वीट किया, 'ममता बनर्जी, कोलकाता पुलिस और पश्चिम बंगाल पुलिस से मसले को उठाने के बाद भी राज्य में चुनाव के बाद जारी हिंसा थम नहीं रही है। इस तरह की हिंसा लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है।' राज्य में कानून और व्यवस्था के हालात इस तरह से बिगड़ने को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। राज्य में ऐसे हालात जारी नहीं रह सकते।
गवर्नर जगदीप धनखड़ के इस ट्वीट को राज्य में उनकी ओर से राष्ट्रपति शासन लगाने की चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है। इससे पहले सोमवार को गवर्नर जगदीप धनखड़ ने राज्य के डीजीपी से बात की थी और चुनाव के बाद जारी हिंसा को लेकर चिंता जताई थी। यही नहीं उन्होंने मंगलवार को बताया था कि पीएम नरेंद्र मोदी की उनसे बात हुई है और उन्होंने बंगाल में जारी हिंसा को लेकर चिंता जताई है। इस बीच चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए एक्टर मिथुन चक्रवर्ती ने चुनाव के बाद जारी हिंसा को रोकने की अपील की है।
बता दें कि 2 मई को विधानसभा चुनाव के परिणामों में टीएमसी की जीत का ऐलान होने के बाद से ही राज्य में हिंसा का दौर जारी है। बीजेपी की ओर से नंदीग्राम, दक्षिण 24 परगना समेत राज्य के कई हिस्सों में टीएमसी पर हिंसा का आरोप लगाया गया है। हिंसक घटनाओं के बाद मंगलवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा दो दिन के दौरे पर बंगाल पहुंचे हैं। उन्होंने राज्य में हिंसा में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ताओं के परिजनों से मुलाकात की है। इसके अलावा हिंसक घटनाओं में शिकार कुछ घायलों से भी बातचीत की है। - नई दिल्ली : महाराष्ट्र सरकार की ओर से दिए गए मराठा आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने आरक्षण पर सुनवाई करते हुए कहा है कि इसकी सीमा को 50 फीसदी से ज्यादा नहीं बढ़ाया जा सकता। इसके साथ ही अदालत ने 1992 के इंदिरा साहनी केस में दिए गए फैसले की समीक्षा करने से भी इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को खत्म करते हुए कहा कि यह 50 फीसदी की सीमा का उल्लंघन करता है। अदालत ने कहा कि यह समानता के अधिकार का हनन है। इसके साथ ही अदालत ने 2018 के राज्य सरकार के कानून को भी खारिज कर दिया है।
दरअसल महाराष्ट्र सरकार ने 50 फीसदी सीमा से बाहर जाते हुए मराठा समुदाय को नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण का ऐलान किया था। राज्य सरकार की ओर से 2018 में लिए गए इस फैसले के खिलाफ कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थीं, जिन पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने यह फैसला सुनाया है। फैसला सुनाते हुए जस्टिस भूषण ने कहा कि वह इंदिरा साहनी केस पर दोबारा विचार करने का कोई कारण नहीं समझते। अदालत ने मराठा आरक्षण पर सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य सरकारों की ओर से रिजर्वेशन की 50 पर्सेंट लिमिट को नहीं तोड़ा जा सकता।
जस्टिस भूषण बोले, समानता के अधिकार के खिलाफ है 50 पर्सेंट की सीमा तोड़ना
जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच ने केस की सुनवाई करते हुए कहा कि मराठा आरक्षण देने वाला कानून 50 पर्सेंट की सीमा को तोड़ता है और यह समानता के खिलाफ है। इसके अलावा अदालत ने यह भी कहा कि राज्य सरकार यह बताने में नाकाम रही है कि कैसे मराठा समुदाय सामाजिक और आर्थिक तौर पर पिछड़ा है। इसके साथ ही इंदिरा साहनी केस में 1992 के शीर्ष अदालत के फैसले की समीक्षा से भी कोर्ट ने इनकार कर दिया है।
जानें, क्या था इंदिरा साहनी केस में अदालत का फैसला
बता दें कि 1992 में 9 जजों की संवैधानिक बेंच ने आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा तय की थी। इसी साल मार्च में 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने इस पर सुनवाई पर सहमति जताई थी कि आखिर क्यों कुछ राज्यों में इस सीमा से बाहर जाकर रिजर्वेशन दिया जा सकता है। हालांकि अब अदालत ने इंदिरा साहनी केस के फैसले की समीक्षा से इनकार किया है। 5 जजों की बेंच में अशोक भूषण के अलावा जस्टिस एल. नागेश्वर राव, एस. अब्दुल नजीर, हेमंत गुप्ता और एस. रवींद्र भट शामिल थे।
- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ राज्य में अन्य राज्यों से आने वाले लोगों, प्रवासी श्रमिकों को अनिवार्य रूप से क्वारेंटिंन सेंटर में ठहराने और उनका करोना टेस्ट कराने के निर्देश दिए हैं । मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा है कि राज्य के कई ग्रामीण इलाकों में अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी श्रमिकों एवं लोगों के संक्रमित होने की जानकारी मिल रही है । राज्य में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए यह जरूरी है , कि अन्य राज्यों से आने वाले लोगों को गांव, घर- परिवार के बीच जाने देने के बजाय उन्हें गांव के बाहर स्थापित क्वॉरेंटीन सेंटर में कुछ दिनों के लिए एहतियात के तौर पर अनिवार्य रूप से ठहराया जाए और उनका कोरोना टेस्ट भी कराया जाए। कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव होने पर ही उन्हें गांव एवं घर परिवार में जाने की अनुमति दी जाए। यह इसलिए जरूरी है कि थोड़ी सी सावधानी बरतकर हम गांव और ग्रामीणों को संक्रमित होने से बचा सकते हैं ।मुख्यमंत्री ने पंचायत पदाधिकारियों , शासन की सभी विभागों के ग्रामीण अमले के कर्मचारियों विशेषकर मितानिनों,आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, कोटवारों से अन्य राज्यों से गांवों में आने वाले पर निगरानी रखने और उन्हें क्वॉरेंटीन सेंटर में ठहराने के लिए समझाइश देने को कहा है । मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस निर्देश का पालन न करने वालों की सूचना तत्काल संबंधित इलाके तहसीलदार, एसडीएम एवं जिला प्रशासन को दी जानी चाहिए।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिलासपुर एवं सरगुजा संभाग के ग्रामीण इलाके के मितानिनों एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से गांवों में कोरोना संक्रमण की स्थिति की जानकारी ले रहे थे । इस दौरान रायगढ़ जिले के तमनार के एक ही मोहल्ले में 30 से अधिक लोगों के संक्रमित होने की मितानिन द्वारा जानकारी दिए जाने पर मुख्यमंत्री ने जब विस्तार से पूछताछ की तो मितानिन श्रीमती गोमती साहू ने बताया कि यह सभी लोग बाहर कमाने गए थे । अभी लौट कर आए हैं । कोरोना जांच में सभी पॉजिटिव पाए गए हैं । कमोबेश इसी तरह की जानकारी अन्य क्षेत्रों की मितानिनो एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा दी गई थी।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सभी नागरिकों से कोरोना संक्रमण के वर्तमान हालात को देखते हुए राज्य शासन द्वारा निर्धारित व्यवस्था का पालन करने की अपील की है । मुख्यमंत्री ने कहा है कि सभी के सहयोग एवं सावधानी से ही कोरोना को रोकने और उसे परास्त करने में कामयाबी मिलेगी। -
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छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिए किए जा रहे सभी आवश्यक प्रबंध
राज्य में कोरोना टीकाकरण ले रहा जन आंदोलन का रूप
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के टीकाकरण में छत्तीसगढ़ का देश में दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
होम आइसोलेटेड मरीजों के निगरानी के लिए प्रत्येक जिले में कंट्रोल रूम स्थापित
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति की लगातार निगरानी कर प्रतिदिन समीक्षा की जा रही है। राज्य में कोरोना संक्रमण से बचाव और रोकथाम सहित इलाज के लिए शासन-प्रशासन के समन्वित प्रयास से हर आवश्यक उपाय तथा प्रबंध किए जा रहे हैं।
राज्य में एक मई की स्थिति में कुल 72 लाख 6 हजार 500 टेस्ट किये गए हैं। इनमें कुल 7 लाख 28 हजार 700 कोविड प्रकरण पाए गए, जिसमें से वर्तमान में 6 लाख 1 हजार 161 स्वस्थ हो चुके हैं और एक लाख 18 हजार 958 प्रकरण सक्रिय हैं। छत्तीसगढ़ में कोरोना जांच, इलाज तथा कोरोना टीकाकरण की सुविधा बढ़ाने आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं मरीजों के इलाज के लिए फंड की कोई कमी नहीं होगी। कोविड संक्रमण पर नियंत्रण एवं संक्रमितों की पहचान के लिए प्रतिदिन बड़ी संख्या में सेम्पलों की जांच की जा रही है। प्रदेश में प्रति 10 लाख की आबादी पर अब तक 2 लाख 50 हजार 888 सेम्पलों की जांच की गई है।
छत्तीसगढ़ राज्य देश में कुछ गिने-चुने राज्यों में से है, जहां प्रति 10 लाख में सबसे ज्यादा लोगों की टेस्टिंग हो रही है। राज्य में टेस्टिंग क्षमता विशेषकर आरटीपीसीआर एवं ट्रू-नॉट टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने का प्रयास सतत रूप से किया जा रहा है। दैनिक औसत टेस्टिंग माह अप्रैल में बढ़कर 49 हजार 249 हो गई है। छत्तीसगढ़ में प्रति 10 लाख पर 2 लाख 50 हजार 888 टेस्ट किए जा रहे हैं, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर प्रति 10 लाख पर 2 लाख 12 हजार 13 टेस्ट किए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में प्रतिदिन 10 लाख आबादी पर 2069 टेस्ट किए जा रहे हैं, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिदिन 10 लाख आबादी पर 1430 है। राज्य में हो रही कुल कोविड जांच में अक्टूबर 2020 में आरटीपीसीआर जांच का प्रतिशत 26 प्रतिशत था, जो अप्रैल 2021 में बढ़कर 40 प्रतिशत हो गया है।
राज्य में वर्तमान में 31 शासकीय लैब तथा 5 निजी लैब में ट्रू-नॉट जांच की सुविधा उपलब्ध हैं। 7 शासकीय लैब एवं 5 प्रायवेट लैब में आरटीपीसीआर की जांच सुविधा उपलब्ध है। रैपिड एंटीजन टेस्ट की सुविधा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर तक उपलब्ध है। राज्य में वर्तमान में 4 नई शासकीय आरटीपीसीआर लैब महासमुंद, कांकेर, कोरबा एवं कोरिया में भी स्थापित की जा रही है तथा प्रत्येक जिले में अतिरिक्त मशीन प्रदाय कर ट्रूनाट लैब की जांच क्षमता भी बढ़ाई जा सकती है। वर्ष 2020 के अंत में माह में प्रति कोविड पॉजिटिव व्यक्ति पर औसत 4-5 कॉन्टेक्ट्स को ट्रैक किया जाता था और वर्तमान में औसत 7 व्यक्तियों को ट्रैक एवं टेस्ट किया जा रहा है।
राज्य में कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए राज्य शासन द्वारा 6 मेडिकल कालेज और एम्स रायपुर सहित 37 डेडिकेटेड तथा कुल 154 कोविड केयर सेंटर तैयार किए गए हैं। राज्य के प्रत्येक जिले में डेडिकेटेड कोविड अस्पताल स्थापित किया गया है। शासकीय डेडिकेटेड कोविड हास्पिटल में 5 हजार 294 बेड तथा कोविड केयर सेंटर में 16 हजार 395 बेड तैयार किए गए हैं। निजी कोविड अस्पताल में कुल 9 हजार 596 बेड तैयार किए गए हैं। कुल उपलब्ध वेंटिलेटर एक हजार 151 हैं। ऑक्सीजेनेटेड बेड की संख्या बढ़ाये जाने हेतु राज्य में 15 नए ऑक्सीजन जनरेशन प्लांटॅस स्थापित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त 9 प्लांट्स प्रक्रियाधीन हैं जो अगले एक सप्ताह में स्थापित हो जाएंगे।
इसी तरह रायपुर मेडिकल कालेज में एक विशेष टेलीकंसल्टेशन हब स्थापित किया गया है जिसके माध्यम से मई 2020 से कॉलेज के विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रत्येक दिन सभी शासकीय डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से संपर्क स्थापित कर उन्हें टेलीकंसल्टेशन प्रदाय की जाती है तथा आवश्यकता पड़ने पर टेली राउंड भी लिए जाते हैं। अब तक राज्य में 2.5 लाख से अधिक लोगों को होम आइसोलेशन प्रदाय किया गया है जिसमें 90 प्रतिशत मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। होम आइसोलेटेड मरीजों की निगरानी के लिए प्रत्येक जिले में कण्ट्रोल रूम की स्थापना भी की गई है।
छत्तीसगढ़ में कोरोना टीकाकरण धीरे-धीरे जन आंदोलन का रूप लेते जा रहा है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रदेश में टीकाकरण का काम जोरों पर है। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के टीकाकरण के मामले में पूरे देश में दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन छत्तीसगढ़ का है। 45 वर्ष से अधिक आयु समूह को कोविड-19 वैक्सीन की प्रथम डोज देने में छत्तीसगढ़ राज्य का स्थान पूरे देश में चौथा है। पूरे देश में सिर्फ लद्दाख, सिक्किम और त्रिपुरा ही छत्तीसगढ़ से आगे हैं। यदि 60 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग की बात करें तो छत्तीसगढ़ पूरे देश में लद्दाख, राजस्थान, सिक्किम और त्रिपुरा के बाद पांचवे स्थान पर हैं।
वर्तमान में राज्य में प्रतिदिन औसतन 2.13 लाख व्यक्तियों का टीकाकरण किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में 88 प्रतिशत हेल्थकेयर वर्कर, 94 प्रतिशत फ्रंट लाईन वर्कर एवं 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में 73 प्रतिशत हितग्राहियों को टीकाकरण की प्रथम डोज दी गई है। 62 प्रतिशत हेल्थ केयर वर्कर, 56 प्रतिशत फ्रंट लाइन वर्कर और 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में 6 प्रतिशत नागरिकों को दूसरा डोज दिया गया है। अग्रिम पंक्ति कार्यकर्ताओं के मामले में पूरे देश में छत्तीसगढ़ का 6वां सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में पंजीकृत कुल 4894 सेशन साईट में टीकाकरण किया जा रहा है एवं राज्य में 6823 प्रशिक्षित वैक्सीनेटर उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ के सभी सामाजिक एवं व्यापारिक संगठनों के प्रमुखों से कोरोना से रोकथाम और बचाव के प्रयासों में अपनी सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने की अपील की गई है। उन्होंने कहा है कि कोरोना से हम सब मिलकर लड़ेंगे तभी कोरोना को परास्त कर सकेंगे। पिछले साल भी समाज के लोगों ने इस कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था, इस बार भी सामाजिक संगठनों ने बढ़-चढ़कर सहयोग करने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा है कि यह समय है जब हम सब संगठित होकर कोरोना से बचाव के नियमों का कड़ाई से पालन करें और अधिक से अधिक लोगों को टीकाकरण कराने के लिए प्रेरित करें। - एजेंसीभरूच: गुजरात के भरूच में शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात एक कोविड अस्पताल में आग लगने के कारण 18 मरीजों की मौत हो गई है. इस हादसे के कुछ विचलित कर देने वाले दृश्य सामने आए हैं जहां कुछ मरीजों के अवशेष बेड और स्ट्रेचर पर दिखाई दे रहे हैं. रात करीब एक बजे भरूच पटेल वेलफेयर के कोविड वार्ड में आ लग जाने की वजह से अफरा तरफी मच गई. चार मंजिला इमारत वाले अस्पताल में करीब 50 मरीज भर्ती थे. कुछ को स्थानीय और दमकलकर्मियों की मदद से बचा लिया गया है, एक पुलिस अधिकारी ने समाचार एजेंसी PTI से बात करते हुए बताया है कि सुबह 6.30 बजे तक मरने वालों की संख्या 18 हो चुकी है, हादसे के तुरंत बाद हमें 12 मरीजों की मृत होने की जानकारी मिली थी.
भरूच के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी राजेंद्र सिंह के अनुसार 12 मरीजों की मौत आग में झुलसने और दम घुटने के कारण हुई है, उन्होंने कहा कि अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि बाकी के 6 मरीजों की मौत दूसरे अस्पताल शिफ्ट करने के दौरान हुई या आग के कारण ही हुई. भरूच के यह अस्पताल भरूच-जमशेदपुर हाईवे पर राजधानी अहमदाबाद से करीब 190 किलोमीटर दूर है.
गुजरात के भरूच से पहले कई राज्यों में आग के कारण कोविड मरीजों की मौत हो चुकी है. 26 अ्प्रैल को गुजरात के ही सूरत में एक अस्पताल में आग लगने की वजह से 4 मरीजों की मौत हो गई थी. इससे पहले बुधवार को महाराष्ट्र के ठाणे के एक अस्पताल में आग लगने के काण 4 कोविड मरीजों की जान चली गई थी तो वहीं 17 अप्रैल को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के एक निजी अस्पताल में आग लगने के कारण कोरोना वायरस से संक्रमित पांच मरीजों की मौत हो गई थी. - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
1 मई से होगी टीकाकरण की शुरूआत, आपूर्ति बढ़ने पर बीपीएल और उसके बाद एपीएल राशनकॉर्डधारियों को लगेंगे टीके
राज्य शासन के ऑर्डर पर भारत बायोटेक 1 मई को रायपुर भेज रही है 1.03 लाख कोवैक्सीन, सभी विकासखंडों में भेजे जाएंगे टीके
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने मंत्रिमंडल के सदस्यों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक में दिया कार्ययोजना को मूर्त रूप
रायपुर : छत्तीसगढ़ में 18 वर्ष से 45 वर्ष आयु समूह के टीकाकरण की शुरूआत भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप 1 मई से होगी। टीके की कम आपूर्ति को देखते हुए प्रदेश में इस आयु वर्ग में सबसे पहले अंत्योदय राशनकॉर्डधारी परिवारों के पात्र व्यक्तियों का टीकाकरण किया जाएगा। आपूर्ति बढ़ने पर बीपीएल राशनकॉर्डधारी और उसके बाद एपीएल राशनकॉर्डधारी परिवारों को टीके लगेंगे। 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक पूर्ववत चलता रहेगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज मंत्रिमंडल के सदस्यों, सभी संभागायुक्तों, सभी पुलिस रेंज के महानिरीक्षकों, कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों, मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारियों और नगर निगमों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस से हुई उच्च स्तरीय बैठक में मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री सचिवालय एवं स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस कार्ययोजना को मूर्तरूप दिया गया।
राज्य सरकार के ऑर्डर पर भारत बायोटेक 1 मई को छत्तीसगढ़ को कोवैक्सीन के एक लाख तीन हजार 40 टीकों की आपूर्ति कर रहा है। ये टीके 1 मई की सुबह रायपुर पहुंच जाएंगे, जहां से तत्काल सभी जिलों को टीकों का वितरण किया जाएगा। रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग संभाग के सभी विकासखंडों और नगर निगमों में 1 मई से ही 18 वर्ष से 45 वर्ष के पात्र व्यक्तियों का टीकाकरण शुरू हो जाएगा। बस्तर और सरगुजा संभाग के विकासखंडों व नगर निगम क्षेत्रों में 2 मई से इसकी शुरूआत होगी। मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित अधिकारियों को इसकी पुख्ता तैयारी के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी मंत्रियों को भी अपने-अपने प्रभार वाले जिलों के विधायकों को सूचित करने कहा है, ताकि आवश्यक व्यवस्था बनाने और लोगों को जागरूक करने में उनका भी सहयोग मिल सके। वीडियो कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार, आबकारी मंत्री श्री कवासी लखमा और मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन मौजूद थे।
राज्य सरकार द्वारा 18 वर्ष से 45 वर्ष आयु समूह के लोगों के टीकाकरण के लिए नया सॉफ्टवेयर विकसित किया जाएगा। सभी जिलों को सॉफ्टवेयर बनते तक अंत्योदय राशनकॉर्डधारी परिवारों के पात्र हितग्राहियों का मैनुअल चिन्हांकन करने और टीकाकरण के बाद उनका रिकॉर्ड रखने के निर्देश दिए गए हैं। सभी जिलों को 1 मई से शुरू हो रहे टीकाकरण के नए चरण के व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी. पिल्लै, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला, खाद्य विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी और कोरोना टीकाकरण की राज्य नोडल अधिकारी डॉ. प्रियंका शुक्ला भी वीडियो कॉन्फ्रेंस में शामिल हुईं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रदेश में 1 मई से 18 वर्ष से 45 वर्ष तक के लोगों के टीकाकरण की शुरूआत की जा रही है। राज्यों को इस आयु वर्ग के लोगों को अपने खर्च पर टीका लगवाना है। राज्य शासन ने इस दायरे में आने वाले सभी पात्र लोगों को निःशुल्क टीका लगवाने का निर्णय लिया है। इसके लिए सरकार ने टीका उत्पादक कंपनियों सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बॉयोटेक को 25-25 लाख टीकों का आर्डर दिया है। भारत बायोटेक द्वारा 1 मई को राज्य को एक लाख तीन हजार 40 टीके उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसकी सीमित आपूर्ति को देखते हुए सरकार ने प्राथमिकता तय की है कि प्रदेश के सबसे गरीब तबके यानि अंत्योदय राशनकॉर्डधारी परिवारों के युवाओं को सबसे पहले टीका लगाया जाएगा। आपूर्ति बढ़ने पर बीपीएल और फिर एपीएल परिवारों को दायरे में लाया जाएगा। भारत बायोटेक ने जून और जुलाई को मिलाकर प्रदेश को 25 लाख टीके उपलब्ध कराने की सहमति दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अंत्योदय परिवार समाज का सबसे गरीब हिस्सा है। इन परिवारों के पास मोबाइल की उपलब्धता कम है। दूरस्थ अंचलों में नेटवर्क की भी समस्या है। केंद्र सरकार के कोविन एप में टीकाकरण के पंजीयन के लिए मोबाइल नंबर अनिवार्य है। अंत्योदय परिवारों के 18 वर्ष से 45 वर्ष के सदस्यों के टीकाकरण के लिए राज्य शासन अपनी खुद की व्यवस्था तैयार कर रही है। इसके लिए अलग सॉफ्टवेयर बनाया जा रहा है। श्री बघेल ने टीकों की कम उपलब्धता और हितग्राहियों की ज्यादा संख्या को देखते हुए टीकाकरण केंद्रों में व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस अधीक्षकों को विशेष निर्देश दिए हैं। उन्होंने केवल अंत्योदय राशनकॉर्डधारियों को ही वैक्सीनेशन साइट पर प्रवेश देने कहा है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को 18 वर्ष से 45 वर्ष आयु समूह के टीकाकरण के लिए नए साइट शुरू करने या वर्तमान साइट पर अलग से व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने इस टीकाकरण के लिए अलग टीम तैनात करने कहा। टीका लगवाने वालों का रजिस्टर में रिकॉर्ड रखने के साथ ही राशनकॉर्ड पर टीकाकरण की तारीख एवं अन्य प्रविष्टि करने कहा जिससे कि टीका का दूसरा डोज कब लगवाना है, यह हितग्राही को याद रहे। उन्होंने टीकाकरण के लिए निर्धारित सभी प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बीमार लोगों को टीका न लगाएं। इससे उनकी स्थिति बिगड़ सकती है।