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नारायणपुर : जिले में प्रौढ़ शिक्षा योजना के तहत चलेगा पढ़ना-लिखना अभियान
कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह की अध्यक्षता में बैठक में संपन्न

नारायणपुर : कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह की अध्यक्षता में आज कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में प्रौढ़ शिक्षा योजनांतर्गत पढ़ना लिखना अभियान की तैयारियों की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।
 
बैठक में कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने साक्षरता के महत्व को बताते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए उपस्थित समस्त जनप्रतिनिधियों व जिला स्तरीय अधिकारियों से आव्हान किया, ताकि शासन की मंशानुरूप जिले को शत-प्रतिशत साक्षर बनाने का उद्देश्य निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण किया जा सके।

कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सबसे बड़ी चुनौती अनुदेशकों की व्यवस्था करना है। सर्वप्रथम हमें अनुदेशकों का सर्वे कर जिम्मेदारी देना है। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अनुदेशकों को जिला स्तरीय कार्यक्रम में सम्मानित करने की बात कलेक्टर ने कही। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती श्यामबती नेताम, जिला पंचायत उपाध्यक्ष देवनाथ उसेण्डी, जनपद पंचायत अध्यक्ष श्री पंडीराम वड्डे के अलावा संगठन पदाधिकारी श्री शिव कुमार पाण्डेय तथा क्षेत्र के अन्य जनप्रतिनिधी एवं अधिकारी उपस्थित थे। 

मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत श्री राहुल देव ने पढ़ना-लिखना अभियान के उद्देश्यों, लक्ष्यों से अवगत कराते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु तैयार की गयी कार्ययोजना की जानकारी दी। श्री देव ने बताया कि इस कार्यक्रम को क्रियान्वयन करने के लिए सर्वप्रथम पढ़ाने के इच्छुक एवं पढ़ने वाले लोगों का सर्वे करना है, सर्वे के बाद स्थल का चयन तथा प्रशिक्षण उपरांत अभियान को चलाया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी श्री मंडावी ने बताया कि 15 वर्ष से अधिक उम्र के असाक्षर लोगों को बुनियादी रूप से साक्षर बनाना योजना का प्रमुख लक्ष्य है। चिन्हित लोगों को चार महीने की अवधि में 120 घंटे की पढ़ाई कराई जाएगी।

शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में योजना समान रूप से संचालित होगी। एनसीसी, एनएसएस एवं समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग से योजना का संचालन किया जाएगा। महिला, अनुसूचित जाति, जनजाति एवं समाज के वंचित तबके के लोगों को प्राथमिकता से कवर किया जाएगा।

बैठक में प्रौढ़ शिक्षा योजना के अंतर्गत आगामी पांच वर्षों के लिए पढ़ना लिखना अभियान की जिले में स्वीकृति की जानकारी दी गई। यह अभियान 5 वर्ष की समयावधि के लिए चलाया जाएगा। योजना में 15 वर्ष से अधिक उम्र समूह के लोगों को साक्षर बनाना अभियान का प्रमुख लक्ष्य होगा। जिले में 50318 असाक्षर लोगों को पांच साल में साक्षर बनाने के लिये प्रारंभिक रूप से चिन्हित किया गया है। चालू वर्ष में इनमें से 6 हजार असाक्षरों को साक्षर बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। 

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