ब्रेकिंग न्यूज़

96 प्रतिशत से अधिक सीमांकन के प्रकरण समय सीमा पर निपटाए गए, विवादित नामांतरण भी 87 प्रतिशत निपटाये गये

​​​द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा

- तेज रफ्तार से निपटाये जा रहे राजस्व प्रकरण, समय सीमा से बाहर लंबित प्रकरणों की संख्या में काफी गिरावट

- जिले भर में सीमांकन के केवल 95 प्रकरण समय सीमा के बाहर लंबित

- इस तिमाही अविवादित नामांतरण के समय  सीमा से बाहर लंबित प्रकरणों में 316 प्रकरण कम हुए, इसी प्रकार सीमांकन के समय सीमा से बाहर लंबित प्रकरणों की संख्या 15 घट गई


दुर्ग :
राजस्व प्रकरणों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों को निर्देशित किया था कि राजस्व के प्रकरण समय सीमा पर निपटाए जाएं और जल्द से जल्द तिथि देकर इन प्रकरणों पर कार्रवाई की जाए। इन निर्देशों के अनुपालन में कलेक्टर श्री पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने राजस्व अधिकारियों की बैठक ली। पहली ही बैठक में उन्होंने निर्देशित किया था कि समय सीमा से बाहर लंबित हर प्रकरण की समीक्षा होगी। यह प्रकरण किस स्तर पर रूका है। इसमें इतना समय क्यों लगा। क्या अधिकारी के स्तर पर गलती है अथवा कोई  तकनीकी कारण है। गंभीर समीक्षा के अच्छे नतीजे सामने आये हैं।

गंभीरता से हो रहा निपटारा- दुर्ग जिले में राजस्व प्रकरणों के निपटारे में युद्ध स्तर पर कार्य किए गए और सीमांकन के ही 96 प्रतिशत से अधिक प्रकरणों को समय सीमा पर निपटा लिया गया। जून से सितंबर माह तक अब तक की प्रगति देखें तो 4973 मामले सीमांकन के लगाए गए। इन मामलों में 4794 मामले समय सीमा पर निराकृत कर दिए गए। केवल 95 मामले ही समय सीमा से बाहर लंबित हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए अपर कलेक्टर श्रीमती पद्मिनी भोई ने बताया कि कलेक्टर श्री पुष्पेंद्र कुमार मीणा के निर्देश पर सभी न्यायालयों से राजस्व प्रकरणों की सूची मंगाई गई। इन प्रकरणों को जल्द हल करने के लिए समय सीमा निर्धारित की गई। इसके बाद निराकरण के विषय में लगातार मॉनिटरिंग की गई। इसका अच्छा नतीजा सामने आया और राजस्व संबंधी प्रकरण तेजी से निराकृत हो गए। श्रीमती भोई ने बताया कि कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक में सीमांकन तथा अन्य सभी राजस्व प्रकरणों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद हर सप्ताह राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली गई। सभी न्यायालयों में प्रकरणों की समीक्षा की जाती रही। जिन न्यायालयों में प्रगति अपेक्षित प्रगति नहीं दिखाई गई थी उन पर गंभीर रूप से ध्यान दिया गया और तेजी से प्रकरणों के निराकरण के निर्देश दिए गए। इसका अच्छा असर हुआ और अधिकांश आवेदन समय पर निराकृत हो गए।

विवादित बंटवारे के 76 प्रतिशत प्रकरण निराकृत- विस्तार से देखें तो अविवादित बंटवारे के 90 प्रतिशत प्रकरण समय सीमा पर निराकृत हो गये। विवादित बंटवारे के 76 प्रकरण समय सीमा पर निराकृत हो गये। अविवादित नामांतरण के 86 प्रतिशत तथा विवादित नामांतरण के 87 प्रतिशत प्रकरण समय सीमा के भीतर निराकृत हो गये। डायवर्सन के 89 प्रतिशत प्रकरण समयसीमा में निराकृत हुए।

इन न्यायालयों का रहा उत्कृष्ट कार्य- नायब तहसीलदार दुर्ग न्यायालय में शत प्रतिशत विवादित नामांतरण के मामले निराकृत कर लिये गये। नायब तहसीलदार धमधा न्यायालय में 96 प्रतिशत विवादित नामांतरण निराकृत किये गये। नायब तहसीलदार न्यायालय धमधा में अविवादित नामांतरण भी लगभग 94 प्रतिशत निराकृत किये गये। नायब तहसीलदार न्यायालय बोरी में यह प्रतिशत 91 रहा।

Related Post

Leave A Comment

छत्तीसगढ़

Facebook