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रायपुर : मुख्यमंत्री आज मालखरौदा विकासखंड के ग्राम मुक्ता और डभरा विकासखंड के ग्राम साराडीह में आम जनता से भेंट-मुलाकात करेंगे
चंद्रपुर में विभिन्न प्रतिनिधि मंडलों से मुलाकात करेंगे - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
अब तक 219 परिवहन सुविधा केन्द्रों की हो चुकी स्थापना
मुख्यमंत्री ने 1000 परिवहन सुविधा केन्द्र खोलने की है घोषणा
अब अनाधिकृत एजेंटों के चक्कर लगाने की नहीं होगी जरूरत
रायपुर : छत्तीसगढ़ में परिवहन संबंधी सेवाओं को आसान और घर के निकट उपलब्ध कराने के लिए तेजी से परिवहन सुविधा केन्द्र खोले जा रहे हैं। इसके तहत प्रदेश में अब तक 219 परिवहन सुविधा केन्द्रों की स्थापना हो चुकी है।गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने परिवहन संबंधी सेवाओं में विस्तार के लिए राज्यभर में 1000 परिवहन सुविधा केन्द्रों की स्थापना की घोषणा की है। इन सुविधा के बाद परिवहन संबंधी सुविधाओं के लिए लोगों को अनाधिकृत एजेंटों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी, वहीं परिवहन संबंधी सुविधाएं घर के पास ही उपलब्ध हो जाएगी। परिवहन सुविधा केन्द्र की स्थापना से एक ओर जहां परिवहन सुविधाओं के लिए लोगों की पहुंच आसान हो जाएगी, वहीं लोगों को इसके संचालन के जरिए रोजगार भी उपलब्ध होगा। राज्य में परिवहन सुविधा केन्द्रों की स्थापना से करीब 5 हजार युवाओं के रोजगार सृजन की सम्भावना है।
इसके तहत परिवहन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्यभर में परिवहन सुविधा केन्द्रों की स्थापना तेजी से जारी है। राज्यभर में अब तक 219 परिवहन सुविधा केन्द्रों की स्थापना हो चुकी है। इनमें जिला परिवहन कार्यालय रायपुर के अंतर्गत 32, कांकेर अंतर्गत 4, राजनांदगांव अंतर्गत 12 तथा रायगढ़ अंतर्गत 9 परिवहन सुविधा केन्द्रों की स्थापना शामिल हैं। इसी तरह महासमुन्द जिला परिवहन कार्यालय के अंतर्गत 14, धमतरी अंतर्गत 18, जांजगीर-चांपा अंतर्गत 18, जगदलपुर अंतर्गत 8, बैकुण्ठपुर अंतर्गत 2, अंबिकापुर अंतर्गत 6 तथा सूरजपुर अंतर्गत 10 परिवहन सुविधा केन्द्रों की स्थापना हो चुकी है। इसके अलावा कोण्डागांव अंतर्गत 9, कबीरधाम अंतर्गत 14, गरियाबंद अंतर्गत 13, सुकमा अंतर्गत 8, बलरामपुर अंतर्गत 3, जशपुर अंतर्गत 4, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही अंतर्गत 2, कोरबा अंतर्गत 9, मुंगेली अंतर्गत 7, बलौदाबाजार-भाटापारा अंतर्गत 12 और बालोद के अंतर्गत 5 केन्द्रों की स्थापना हो चुकी है।
सुविधा केन्द्र संचालन के लिए अर्हता
परिवहन विभाग की ओर से जारी मार्गदर्शिका के अनुसार कोई व्यक्ति, संगठन, संघ, सहकारी समिति या कोई भी विधिक इकाई सुविधा केन्द्र के लिए पात्र होंगे। केन्द्र संचालन के लिए कम-से-कम 100 वर्गफीट का स्वयं का भवन या किराया अनुबंध भवन उपलब्ध होना आवश्यक है। लर्निंग लाइसेंस के लिए अलग से विभाजित कक्ष होना भी आवश्यक है। सुविधा केन्द्र संचालन के लिए आवश्यकतानुसार जीएसटी प्रमाण-पत्र या नगरीय निकाय द्वारा जारी गुमाश्ता प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। आवेदकों के लिए मूलभूत व्यवस्था सहित प्रतीक्षालय, तकनीकी कक्ष व सीसीटीव्ही कैमरा होना चाहिए। सुविधा केन्द्र संचालन के आवेदकों को उच्चतर माध्यमिक परीक्षा उत्तीर्ण होने की योग्यता निर्धारित की गई है। वहीं डीसीए/पीजीडीसीए या समकक्ष योग्यताधारी को प्राथमिकता दी जाएगी। आवेदकों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए।सुविधा केन्द्रों के द्वारा आवेदकों से ली जा सकेगी निर्धारित फीस
परिवहन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत सरकार के राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के तहत लर्निंग लाइसेंस बनाने के लिए परिवहन सुविधा केन्द्र को अधिकृत किया जा सकता है। मार्गदर्शिका में परिवहन सुविधा केन्द्रों में विभिन्न सेवाओं के लिए शुल्क भी निर्धारित किया गया है।मार्गदर्शिका के अनुसार ऑनलाइन आवेदन के लिए सेवा शुल्क के रूप में 100 रुपये, परिवहन विभाग को ऑनलाइन फीस/टैक्स भुगतान करने के लिए (प्रत्येक एक हजार रुपये या उसके भाग के लिए) 50 रुपये, लर्निंग लाइसेंस के लिए शुल्क 50 रुपये, आवेदन पत्र के लिए आवश्यक दस्तावेज की स्कैनिंग, कम्प्रेसिंग व अपलोड (प्रति पेज) 5 रुपये तथा ऑनलाइन आवेदन पूर्ति के संपूर्ण दस्तावेजों का प्रिंटआउट शुल्क (प्रति पेज) 5 रुपये निर्धारित है।
अनाधिकृत एजेंटों के चक्कर से मिलेगी मुक्ति
राज्य में परिवहन सुविधा केन्द्रों की स्थापना का सबसे बड़ा लाभ आम जनता को होगा। अब तक सही जानकारी के अभाव में बड़ी संख्या में लोग अनाधिकृत एजेंटों से संपर्क कर परिवहन संबंधी सेवा के लिए आवेदन करते रहे हैं। जिससे उन्हें समय अधिक लगने के साथ ही आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता रहा है। परिवहन संबंधी सुविधाओं के लिए अनाधिकृत एजेंटों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
ग्रामीणों से करेंगे सीधा संवाद, विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधिमंडलों से होगी भेंट
मुख्यमंत्री जनता से कर रहे हैं सीधे संपर्क, संवाद से निकल रहा समाधान
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल अपने प्रदेशव्यापी भेंट-मुलाकात अभियान की अगली कड़ी में 18 अक्टूबर को सक्ती जिला के चन्द्रपुर विधानसभा क्षेत्र में भेंट-मुलाकात के लिए जा रहे हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री बघेल आमजनों से भेंट-मुलाकात कर शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी लेंगे। वहीं आमजनता की समस्याओं पर उनसे सीधे बातचीत करेंगे। गौरतलब है कि भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आमजनता को प्रदेश के मुखिया से सीधे बातचीत करने का अवसर मिलता है।
मुख्यमंत्री 18 अक्टूबर को हेलीकॉप्टर द्वारा रायपुर पुलिस ग्राउंड हेलीपेड से सुबह 11.30 बजे सक्ती जिले के चन्द्रपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम मुक्ता के लिए प्रस्थान करेंगे। मुख्यमंत्री का वहां दोपहर 12.15 बजे से भेंट-मुलाकात कार्यक्रम प्रारंभ होगा। फिर दोपहर 2.05 बजे ग्राम मुक्ता से हेलीकॉप्टर द्वारा प्रस्थान कर दोपहर 2.20 बजे डबरा विकासखंड के ग्राम साराडीह पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री का ग्राम साराडीह में दोपहर 3.00 बजे से भेंट-मुलाकात कार्यक्रम शुरू होगा। मुख्यमंत्री श्री बघेल ग्राम साराडीह से शाम 4.50 बजे प्रस्थान कर शाम 5 बजे चन्द्रपुर पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री चन्द्रपुर में शाम 6.30 बजे से विभिन्न प्रतिनिधिमण्डलों से भेंट करेंगे। मुख्यमंत्री चन्द्रपुर में ही रात्रि विश्राम करेंगे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अपने प्रदेशव्यापी भेंट-मुलाकात अभियान की शुरूआत इसी वर्ष 4 मई से की थी। इस दौरान मुख्यमंत्री सरगुजा संभाग के 14, बस्तर संभाग के 12, बिलासपुर संभाग अंतर्गत गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिला के एक विधानसभा एवं रायगढ़ जिला के 4 विधानसभा में भेंट-मुलाकात के लिए पहुंच चुके हैं। इसी तरह दुर्ग संभाग के बालोद जिला के 3 विधानसभा और कबीरधाम जिला अंतर्गत 2 विधानसभाओं में जनता के बीच भेंट-मुलाकात के लिए अब तक पहुंच चुके हैं। इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल 12 अक्टूबर को बिलासपुर संभाग के नवगठित सक्ती जिला अंतर्गत जैजैपुर विधानसभा में भेंट-मुलाकात पहुंचे थे, वहीं अब 18 अक्टूबर को पुनः जिले के चन्द्रपुर विधानसभा में भेंट-मुलाकात के लिए जा रहे हैं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
प्रदेश के 20 उपार्जन केंद्रों में अरहर, मूंग एवं उड़द की फसल की समर्थन मूल्य में खरीदी की मुख्यमंत्री ने की शुरूआत
धान खरीदी के बाद अब समर्थन मूल्य में अरहर, मूंग एवं उड़द भी खरीदेगी छत्तीसगढ़ सरकार
रायपुर : आज यहां अपने निवास कार्यालय से वर्चुअली प्रदेश के 20 उपार्जन केंद्रों में अरहर, मूंग एवं उड़द की फसल की समर्थन मूल्य में खरीदी की शुरूआत की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि समर्थन मूल्य पर खरीदी से किसानों की आय बढ़ेगी। किसानों के पास अब विकल्प होगा कि उन्हें जहां ज्यादा मूल्य मिलेगा वहां वे अरहर, मूंग एवं उड़द की फसल बेच सकेंगे। छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित (मार्कफेड) के माध्यम से अरहर एवं उड़द की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य 6600 रूपए प्रति क्विंटल और मूंग फसल की फसल 7755 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदी की जायेगी।
किसानों की सुविधा को देखते हुए राज्य में 20 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। इस वर्ष उड़द और मूंग का उपार्जन 17 अक्टूबर 2022 से 16 दिसम्बर 2022 तक और अरहर का उपार्जन आगामी वर्ष में 13 मार्च 2023 से 12 मई 2023 तक की अवधि में किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत शासन द्वारा पंजीकृत किसानों से अरहर 4 क्विंटल., मूंग 2 क्विंटल. एवं उड़द 3 क्विंटल. प्रति एकड़ की दर से समर्थन मूल्य में खरीदी की जाएगी।दीवाली से पहले लिए गए सरकार के इस निर्णय से प्रदेश में अरहर, मूंग एवं उड़द की फसलों की बुआई करने वाले किसानों को प्रत्यक्ष लाभ पहुंचेगा। योजना का लाभ लेने के लिए इन फसलों की बुवाई करने वाले किसान अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों से सेवा सहकारी समितियो में आवेदन पत्र के साथ ऋण पुस्तिका के साथ बी-प्, पी-प्प्, आधारकार्ड एवं बैंक पासबुक की छायाप्रति जमा कर ापेंदण्बहण्दपबण्पद पोर्टल पर पंजीयन करवा सकते हैं, पंजीयन अभी जारी है, जिसकी अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2022 है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ के किसानों को वैज्ञानिक एवं आधुनिक कृषि की ओर अग्रसर करने की दिशा में मजबूत कदम उठाए जा रहे हैं। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार किसान हितैषी योजनाओं का संचालन जमीनी स्तर पर किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में उड़द, मूंग एवं अरहर की फसलें भी अच्छी मात्रा में होती हैं, राज्य के जशपुर, सरगुजा, गरियाबंद, रायगढ़, कोंडागांव के क्षेत्रों में 122.01 हेक्टेयर में उड़द, जांजगीर, रायगढ़, कबीरधाम, कोंडागांव, जशपुर के क्षेत्रों में 16.34 हेक्टेयर में मूंग और कबीरधाम, जशपुर, बलरामपुर, राजनांदगांव, सरगुजा के क्षेत्रों में 120.31 हेक्टेयर में अरहर की फसल का उत्पादन किया जाता है।
जिलों में उपार्जन और भंडारण केंद्र
प्रदेश के कुल 20 उपार्जन केंद्रों में खरीदी की जाएगी। किसानों से समर्थन मूल्य पर मूंग, उड़द और अरहर की खरीदी के लिए सुविधाजनक क्रय व्यवस्था बनाने हेतु बलौदाबाजार जिले के बिलाईगढ़, गरियाबंद, महासमुंद जिले के बसना, दुर्ग, बेमेतरा जिले के थान खम्हरिया, कबीरधाम जिले के पंडरिया, राजनांदगांव, मुंगेली, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के मरवाही, जांजगीर जिले के बोड़ासागर, कोरबा, बलरामपुर जिले के राजपुर, सूरजपुर, सरगुजा जिले के अम्बिकापुर, जशपुर जिले के बगीचा, कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़, कोंडागांव, कांकेर, रायगढ़ जिले के लोहारसिंह-2, नारायणपुर में उपार्जन एवं भंडारण केंद्र बनाए गए हैं।
कार्यक्रम में मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, श्री टी.एस.सिंह देव, श्री ताम्रध्वज साहू, श्री मोहम्मद अकबर, श्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, श्री कवासी लखमा, डॉ.शिवकुमार डहरिया, श्री अमरजीत भगत, श्री जयसिंह अग्रवाल, श्रीमती अनिला भेंड़िया, श्री गुरू रूद्र कुमार, श्री उमेश पटेल, मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ.कमलप्रीत सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, डॉ. एस.भारतीदासन, श्री अंकित आनंद, उपसचिव सुश्री सौम्या चौरसिया एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में वर्चुअल कार्यक्रम में प्रदेश में अविवादित नामांतरण एवं खाता विभाजन प्रकरणों के त्वरित एवं समयबद्ध निराकरण हेतु नामांतरण प्रक्रिया को सरलीकृत करते हुए तैयार किए गए ऑनलाईन नामांतरण पोर्टल के नये वर्जन का शुभारंभ किया।पोर्टल के माध्यम से पंजीयन कार्यालय एवं नागरिकों से प्राप्त ऑनलाईन आवेदन नामांतरण पंजी में स्वतः दर्ज होगा। जिसके पश्चात क्रेता से राजस्व न्यायालय अथवा ग्राम पंचायतों में नामांतरण किए जाने के संबंध में विकल्प लिया जाएगा। विकल्प के पश्चात आम ईश्तहार एवं व्यक्तिशः सूचना की प्रति विभागीय वेबसाइट में उपलब्ध होगी।
नये वर्जन में पक्षकारों को प्रकरण दर्ज होने, प्रत्येक पेशी तारीख तथा आदेश पारित होने की तारीख एवं अभिलेख दुरूस्ती होने की सूचना एसएमएस के माध्यम से दी जाएगी। प्रकरण में आपत्ति प्राप्त नहीं होने पर आदेश पारित किया जाएगा।
आदेश पारित होने के 07 दिवस के भीतर हल्का पटवारी द्वारा अभिलेख दुरूस्ती कर डिजिटल हस्ताक्षर से सत्यापन किया जाएगा। इससे आम नागरिकों के समय की बचत होगी एवं न्यायलयीन प्रकरणों का शीघ्र निराकरण होगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष स्वर्गीय श्री मनोज सिंह मण्डावी को विकासखण्ड कांकेर अंतर्गत उनके गृह ग्राम नथिया-नवागांव में आज शाम राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। दुख के इस घड़ी में मुख्यमंत्री श्री बघेल आज उनके गृह ग्राम पहुंचकर स्वर्गीय श्री मण्डावी के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने इस दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष स्वर्गीय श्री मनोज सिंह मण्डावी के शोक संतप्त परिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
स्वर्गीय श्री मण्डावी के अंतिम विदाई में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा श्रम मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी, वरिष्ठ विधायक श्री मोहन मरकाम, राज्य खाद्य आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री राम गोपाल अग्रवाल सहित जनप्रतिनिधि तथा क्षेत्रवासी बड़ी संख्या में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री श्री बघेल विधानसभा उपाध्यक्ष श्री मण्डावी के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वे वरिष्ठ आदिवासी नेता थे। स्वर्गीय श्री मण्डावी छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़े हुए थे। उन्होंने नवगठित छत्तीसगढ़ के गृह राज्यमंत्री और विधानसभा के उपाध्यक्ष सहित अनेक महत्वपूर्ण पदों को सुशोभित किया और प्रदेश की सेवा की। वे वर्ष 1998 में अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के तथा वर्ष 2013 और 2018 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। श्री मंडावी छत्तीसगढ़ आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष भी रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री मनोज सिंह मंडावी आदिवासी समाज के बड़े नेता थे। वे आदिवासियों की समस्याओं को विधानसभा में प्रभावशाली ढंग से रखते थे। श्री मंडावी आदिवासी समाज की उन्नति और अपने क्षेत्र के विकास के लिए सदैव प्रयासरत रहे। विधानसभा उपाध्यक्ष के रूप में उनकी कार्यशैली को पक्ष और विपक्ष के सभी लोग प्रशंसा करते थे। सरल, सौम्य व मृदुभाषी व्यवहार वाले स्वर्गीय श्री मनोज सिंह मण्डावी को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। प्रदेश के विकास में उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। उनका निधन क्षेत्र के साथ-साथ आदिवासी समाज और प्रदेश सहित हम सबके लिए अपूरणीय क्षति है। -
एजेंसी
जमशेदपुर : के साकची स्थित शारदामणि गर्ल्स स्कूल की नौंवी की छात्रा के टीचर ने नकल के शक में कपड़े उपरवाकर जांच की थी। आहत छात्रा ने खुद को आग लगा ली थी। आज सुबह उसकी अस्पताल में मौत हो गई।
जमशेदपुर के स्कूल में नकल एक टीचर ने नकल के शक में पूरी क्लास के सामने दलित छात्रा के कपड़े उतरवाकर चेकिंग की। इससे आहत छात्रा मे घर पहुंचकर खुद को कमरे में बंद कर लिया और केरोसिन छिड़ककर आग लगा ली। परिजनों ने गंभीर रूप से जली छात्रा को अस्पताल में भर्ती कराया। जहां शनिवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। छात्रा अस्सी प्रतिशत से ज्यादा जल चुकी थी। घटना से नाराज परिजन और स्थानीय लोगों ने डीईओ कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया और आरोपी शिक्षिका पर करवाई की मांग की।
लड़की की अस्पताल में मौत
जमशेदपुर के साकची स्थित शारदामणि गर्ल्स स्कूल में नौंवी क्लास में पढ़ने वाली छात्रा के टीचर ने नकल के शक में कपड़े उतरवाए थे। छात्रा के पास से कोई पर्ची नहीं मिली लेकिन घटना की वजह से वह बहुत आहत हो गई थी। ऐसे में घर आकर उसने खुद को आग लगा ली। इलाज टीएमएच में इलाज चल रहा था। नाबालिग अस्सी फीसदी से ज्यादा जल चुकी थी। शनिवार सुबह 11.30 सुबह बजे उसकी मौत हो गई। घटना के विरोध में सैकड़ों लोग स्कूल से लेकर डीईओ कार्यालय तक बवाल कर रहे थे। मौत के बाद आक्रोश और भड़कने की आशंका है। अस्पताल से लेकर डीईओ कार्यालय तक की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। स्कूल बंद कर दिया गया है। शिक्षिका की बर्खास्तगी का आदेश दे दिया गया है।
डीईओ कार्यालय पर प्रदर्शन
छात्रा के खुद को आग लगाने के बाद शनिवार सुबह-सुबह उसके परिजन और छाया नगर बस्ती के लोग स्कूल परिसर पहुंच गए। यहां बस्ती के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि घटना के बाद शनिवार को स्कूल खुला नहीं था, इसलिए लोग स्कूल के मेन गेट के बाहर बैठे रहे। यहां घंटों बैठने के बाद बस्ती के लोग डीईओ कार्यालय के सामने प्रदर्शन करने के लिए निकल गए। बस्ती के लोग आरोपी शिक्षिका पर कार्रवाई और उसके इलाज का खर्च स्कूल की ओर से देने की मांग कर रहे थे। आक्रोशित लोगों ने डीईओ दफ्तर में ताला जड़ दिया। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
विगत 3 वर्षों में 7217 करोड़ रूपए के राजस्व की प्राप्ति
छत्तीसगढ़ खनिज भण्डार नियम : विभाग को बनाया गया सशक्त
रायपुर : छत्तीसगढ़ में विगत तीन वर्षों में कोयला खनन से प्राप्त राजस्व में उत्तरोत्तर वृद्धि दर्ज करते हुए 7 हजार 217 करोड़ रूपए के राजस्व की प्राप्ति हुई है। इनमें राज्य को कोयला खनन से प्राप्त राजस्व वर्षवार 2019-20 में 2 हजार 337 करोड़ रूपए, 2020-21 में 2 हजार 356 करोड़ रूपए तथा 2021-22 में 2 हजार 524 करोड़ रूपए है। यह उपलब्धि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ खनिज भण्डारण नियम 2009 के कुशल क्रियान्वयन से हासिल हुई है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ खनिज भण्डारण नियम, 2009 के तहत विशेष परिस्थिति में खनिज पट्टेधारियों एवं अनुज्ञप्तिधारियों को खनिज प्रेषण पूर्व जिला कार्यालय को प्रस्तावित खनिज की मात्रा, ग्रेड प्राप्तकर्ता इत्यादि विषयक जानकारी दिये जाने के प्रावधान है। इस तारतम्य में कोयले के प्रेषण हेतु जारी होने वाले डीओ की जांच के संबंध में विभाग द्वारा प्रचलित व्यवस्था के संबंध में अवगत कराया गया है। इसके तहत प्रदेश में कोयला खदानों का संचालन एवं प्रेषण प्रमुख रूप से भारत सरकार का उपक्रम एसईसीएल द्वारा किया जाता है। एसईसीएल द्वारा विभिन्न स्कीम यथा लिंकेज, ईऑक्शन आदि के माध्यम से पावर एवं नॉनपावर श्रेणी अनुसार विभिन्न उपभोक्ताओं को कोयला प्रदाय किया जाता है। कोयले पर राज्य शासन को देय रायल्टी एसईसीएल द्वारा स्कीम अनुसार प्रदाय किये जा रहे कोयले के बेसिक सेल प्राईस का 14 प्रतिशत होता है। स्कीमवाईज पावर एवं नॉनपावर श्रेणी एवं ग्रेडवाईस कोयले के बेसिक सेल प्राईस में व्यापक अंतर होता है।
अतएव कोयला किस स्कीम के तहत किस उपभोक्ता को विनिर्दिष्ट स्थान हेतु प्रेषित किया जा रहा है कि प्रेषण पूर्व रायल्टी एवं राज्य शासन को देय इस पर देय अन्य भुगतानों यथा डीएमएफ पर्यावरण उपकर, अधोसंरचना उपकर की पूर्व जानकारी विभाग को होना आवश्यक होती है। संचालित खनिज ऑनलाईन पोर्टल के तहत ऑटो अप्रूव्हल आधारित ई-परमिट एवं ई-ट्रांजिट पास व्यवस्था में कोयला खान संचालकों द्वारा किस स्कीम के तहत किस उपभोक्ता को कोयला के ग्रेड, साईज, मात्रा, गंतव्य स्थल इत्यादि विषयक जानकारी विभाग के मैदानी अमले को खदान से कोयला प्रेषण पूर्व नहीं हो पाता था।
इसके मद्देनजर 15 जुलाई 2020 निर्देश के तहत कोयला खान मालिको को खान से विभिन्न संस्थानों, उपभोक्ताओं को कोयला प्रेषण हेतु खनिज ऑनलाईन पोर्टल से डिलीवरी आर्डर के आधार पर ई-परमिट जारी करने के पूर्व निर्धारित प्रपत्र में संबंधित जिले के खनि अधिकारी को आवेदन एवं अनुमति का प्रावधान किया गया है ताकि विभाग के मैदानी अमले कोयला खान मालिकों द्वारा स्कीम विशेष अंतर्गत निर्धारित उपभोक्ता को जारी डिलिवरी आर्डर के अनुरूप ही कोयला प्रदाय किया जा रहा है अथवा नहीं इसकी समुचित जांच की जा सके। -
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तहसील कार्यालय पोंड़ी (बचरा) का शुभारंभ
बहुप्रतीक्षित मांग पूरी होने पर लोगों ने बेहद खुशी और उत्साह से मुख्यमंत्री को किया धन्यवाद
गृह एवं जिला प्रभारी मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू के मुख्य आतिथ्य में कार्यक्रम आयोजित
कोरिया : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रशासनिक विकेंद्रीकरण से प्रदेश में लोगों तक जनसुविधाओं की पहुंच आसान हो रही है। आम जनता के सर्वांगीण विकास और सुविधाओं का विस्तार सुनिश्चित करना ही मुख्यमंत्री श्री बघेल का लक्ष्य है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री की मंशानुसार आज नवीन तहसील पोंड़ी (बचरा) का शुभारंभ सम्पन्न हुआ। नवीन तहसील कार्यालय शुरू होने से लोगों के समय, श्रम और धन की बचत होगी। जनता की बहुप्रतीक्षित मांग पर नवीन तहसील के शुरू होने से इस क्षेत्र के अंतर्गत 33 ग्राम पंचायतों के लोगों को राजस्व मामलों के निराकरण में सहूलियत मिलेगी।
कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वर्चुअल रूप से जुड़े गृह, लोकनिर्माण एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने क्षेत्र की जनता को नवीन तहसील के शुभारंभ पर शुभकामनाएं प्रेषित की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशानुरूप आज नवीन तहसील निर्माण से लोगों को समय पर राजस्व सुविधाएं सुनिश्चित की जा सकेंगी और इससे प्रशासनिक कामकाज में कसावट आएगी।
तहसील कार्यालय का औपचारिक शुभारंभ संसदीय सचिव एवं बैकुंठपुर विधायक श्रीमती अम्बिका सिंहदेव के द्वारा तहसील कार्यालय में फीता काटकर किया गया। इसके बाद उन्होंने तहसील कार्यालय का मुआयना कर सभी लोगों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रेणुका सिंह एवं उपाध्यक्ष श्री वेदांती तिवारी ने भी जनता को नवीन तहसील कार्यालय शुरू होने की बधाई व शुभकामनाएं प्रेषित की।33 ग्राम पंचायतों को मिलेगा लाभ, एक राजस्व निरीक्षक मंडल एवं 15 पटवारी हल्का शामिलतहसील पोड़ी (बचरा) बनने से 33 ग्राम पंचायतों के लोगों को राजस्व मामलों के निराकरण की सुविधा मिलेगी, नवीन तहसील में एक राजस्व निरीक्षक मण्डल तथा 15 पटवारी हल्का होंगे। नवीन तहसील के शुभारंभ के पश्चात राजस्व मामलों के निराकरण के लिए पंचायतों में विशेष शिविर आयोजित करने के लिए तहसीलदार को निर्देशित किया गया है।राजस्व मामलों के निराकरण के लिए नहीं जाना होगा दूर, ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री का किया धन्यवाद’
ग्राम बैमा के विजय कुमार जायसवाल ने नवीन तहसील के शुभारंभ पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद दिया। ग्रामीण दिलभरन ने बताया कि जिन राजस्व कार्यों के लिए पहले दूर जाना पड़ता था, वे अब यहीं हो जाएंगे। इसके लिए पूरे क्षेत्रवासियों की ओर से मैं शासन तथा प्रशासन को धन्यवाद देता हूं। शुभारंभ कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी-कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे। -
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मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से कुपोषित बच्चों की संख्या में 48 प्रतिशत की कमी
रायपुर : मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान समग्र सुपोषण की दिशा में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में चलने वाला छत्तीसगढ़ सरकार का एक महत्वपूर्ण अभियान है। मुख्यमंत्री श्री बघेल का संकल्प है कि जब तक प्रदेश में कुपोषण से प्रभावित बच्चे सुपोषित नहीं हो जाते, तब तक यह अभियान जारी रहेगा। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अपने लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर है और बस्तर संभाग के दूरस्थ क्षेत्रों में बच्चों व महिलाओं को इस अभियान का लाभ मिल रहा है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कुपोषण मुक्ति के लिए शुरू किए गए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। पिछले तीन सालों में प्रदेश के लगभग 02 लाख 11 हजार बच्चे कुपोषण के चक्र से बाहर आ गए हैं। जबकि वर्ष 2019 में इस अभियान के शुरू होते समय कुपोषित बच्चों की संख्या 4 लाख 33 हजार थी। इस प्रकार कुपोषित बच्चों की संख्या में 48 प्रतिशत की कमी एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। इसके साथ ही योजना के तहत नियमित गरम भोजन और पौष्टिक आहार मिलने से प्रदेश की लगभग 85 हजार महिलाएं भी एनीमिया मुक्त हो चुकी हैं।
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान ने बचाई जूनिता की जान,योजना का लाभ लेकर स्वस्थ शिशु को दिया जन्म
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत दंतेवाड़ा को एनीमिया मुक्त बनाने हेतु कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत स्कूलों, आश्रम परिसरों में किशोरी बालिकाओं, गर्भवती महिलाओं की जांच की जा रही है और उनका उपचार किया जा रहा है। जिले के कुआकोंडा विकासखण्ड के पुजारी पारा की रहने वाली जूनिता की एनीमिया जांच की गई ।जूनिता गर्भवती थी और जांच के दौरान ये पाया गया कि वो एनीमिक है। इसकी वजह से रक्त में हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य से कम 5.6 पाया गया। जूनिता को हाई रिस्क गर्भवती महिला में चिन्हांकित कर उसका लगातार फॉलोअप किया गया गया और विशेष जांच करते हुए आयरन और कैल्शियम की गोलियां दी गई। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के प्रयासों का यह परिणाम यह हुआ कि जूनिता ने कुपोषण को हराया और 9 महीने बाद जिला चिकित्सालय में एक स्वस्थ बेटी को भी जन्म दिया। आज जूनिता और उसके परिवार के लोग काफी खुश हैं कि शासन द्वारा चलाई जा रही योजना से जूनिता लाभ ले कर स्वस्थ शिशु को जन्म दिया है।
राज्य मे कुपोषित बच्चों का आंकड़ा राष्ट्रीय औसत से कम
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी जी की 150वीं जयंती पर सुपोषण योजना को पूरे राज्य में शुरू किया था। इस योजना के तहत महिलाओं और बच्चों की मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से सभी जिलों में सुचारू रूप से संचालन किया जा रहा है। योजनांतर्गत बच्चों और गर्भवती एवं शिशुवती माताओं को प्रतिदिन मुफ्त पौष्टिक भोजन आहार, मूंगफली और गुड़ से बने लड्डू इत्यादि देकर कुपोषण व एनीमिया को दूर किया जा रहा है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय परिवार सर्वेक्षण-4 के अनुसार प्रदेश के 5 वर्ष से कम उम्र के 37.7 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार थे जबकि राष्ट्रीय परिवार सर्वेक्षण-5 के अनुसार राज्य में कुपोषित बच्चों का प्रतिशत घटकर 31.30 रह गया है जो राष्ट्रीय औसत 32.10 प्रतिशत से कम है। -
दिल्ली : मॉस्को से दिल्ली आ रहे विमान में बम होने की सूचना से हड़कंप मच गया। विमान शुक्रवार तड़के लगभग 3.20 बजे आईजीआई के रनवे पर उतरा। सभी यात्री और क्रू मेंबर्स पूरी तरह सुरक्षित हैं।
मॉस्को से दिल्ली आ रही फ्लाइट संख्या एसयू 232 में गुरुवार रात बम होने की सूचना मिली। शुक्रवार तड़के लगभग 3.20 बजे यह विमान आईजीआई के रनवे संख्या 29 पर उतरा। जहां फ्लाइट से 386 यात्री और 16 क्रू मेंबर को उतारा गया। इसके बाद विमान की जांच की गई जिसमे कुछ संदिग्ध नहीं मिला है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि विमान की जांच की जा रही है और तहकीकात जारी है।
जानकारी के अनुसार, रात को 11.30 बजे दिल्ली पुलिस को एक फोन आया। जिसमें बताया गया कि मॉस्को से दिल्ली आ रहे विमान में बम है। इसके बाद सभी एजेंसियों को अलर्ट किया गया। विमान के तड़के 3.30 बजे आईजीआई एयरपोर्ट पर लैंड होते ही सभी यात्रियों के बैग और सामान की चेकिंग की गई। फ्लाइट को भी चेक किया गया। रेस्क्यू टीम भी आईजीआई एयरपोर्ट पहुंची। अभी तक की जांच में पुलिस को कुछ संदिग्ध नहीं मिला है। इसलिए माना जा रहा है कि यह किसी शरारती तत्व की हरकत होगी।
यह घटना तब घटित हुई है जब कुछ दिन पहले ही ईरान के महान एयर के विमान में लाहौर एयर ट्रैफिक कंट्रोस से बम होने की सूचना मिली। इसके बाद विमान को भारतीय क्षेत्र में उतारने की इजाजत मांगी गई जिससे एटीसी ने इनकार कर दिया। जोधपुर एयरबेस से भारतीय वायुसेना के सुखोई विमान को इसके पीछे लगाया गया। हालांकि बाद में यह सूचना झूठी निकली। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राहुल के परिवार ने रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए मुख्यमंत्री श्री बघेल का किया धन्यवाद
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने देश के सबसे बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन से सुरक्षित निकाले गए नन्हे राहुल के गांव पिहरीद में घर जाकर उनके परिजनों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने परिजनों से चर्चा के पूर्व उस बोर स्थल का भी निरीक्षण किया जहां राहुल को बचाने के लिए बड़ा गढ्ढा खोदा गया था। निरीक्षण के दौरान विधायक रामकुमार यादव भी उपस्थित रहे।
राहुल के पिता श्री राम कुमार यादव ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को बताया कि राहुल अभी रायपुर में रहकर पढ़ाई कर रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री का साल श्री-फल भेंट कर स्वागत किया और राहुल को बचाने में मदद के लिए धन्यवाद दिया। मुलाकात के दौरान राहुल की माता गीता देवी ने भी मुख्यमंत्री से बातकर उनका आभार जताया।
गौरतलब है कि 10 जून को राहुल घर के पीछे बोरवेल के 80 फीट गहरे गड्ढे में गिर गया था। सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एसईसीएल, जिला व पुलिस प्रशासन के 500 लोगों ने 104 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन कर उसे बोरवेल के गड्ढे से निकाला था। राहुल को 5वें दिन 15 जून को बोरवेल से निकाला गया और उसे बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। देशभर की निगाहें राहुल के स्वास्थ्य को लेकर लगी हुई थी, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल स्वयं इस ऑपरेशन की पल-पल की जानकारी ले रहे थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सक्ती : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि आम जनता को योजनाओं की जानकारी होनी चाहिए।नए जिले में काम की अपार संभावनाएं हैं, आपको संतोष होगा कि जिले को मैंने स्थापित किया है।सक्ती जिले का विकास तेजी से करेंगे। हाल ही में जांजगीर-चांपा जिले से अलग होकर सक्ती नया जिला बना है। इससे यहां के लोगों की बरसों पुरानी मांग पूरी हो गई है।- अब सक्ती जिले का विकास तेजी से होगा। इस जिले के विकास में पैसों की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी।- बारिश का मौसम लगभग बीत चुका है। अब पुराने स्कूलों की मरम्मत का काम शुरू कर दिया जाएगा। स्कूलों की मरम्मत और रख-रखाव के लिए मैंने 500 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है।- इसी तरह सड़कों के निर्माण और मरम्मत का काम भी अब युद्ध स्तर पर शुरू हो जाएगा। हमने दिसंबर तक सभी सड़कों को दुरुस्त कर लेने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए राशि की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी।- सड़कों के निर्माण और मरम्मत का काम पूरी गुणवत्ता के साथ करने के निर्देश मैंने अधिकारियों को दिए हैं।
- 01 नवंबर से धान खरीदी का काम भी हम शुरु कर रहे हैं। इस बार बारदानों की कमी नहीं होगी।- पिछले साल हमने 98 लाख मीटरिक टन धान खरीदा था। इस साल यह आंकड़ा 01 करोड़ मीटरिक टन से भी पार होने की उम्मीद है।- मैंने अधिकारियों से कहा है कि किसानों को धान बेचने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए, वे किसानों को पैरादान के लिए प्रेरित करें, ताकि किसानों को अपने खेतों में पैरा न जलाना पड़े, दान में मिले पैरा का उपयोग गौठानों में पशुओं के चारे के रूप में तथा जैविक खाद के निर्माण के लिए किया जा सकेगा।- 17 अक्टूबर को न्याय योजनाओं की राशि का वितरण होगा।- पहले इसी 17 तारीख को राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना और राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना की एक और किश्त का वितरण कर दिया जाएगा। इस तरह दीपावली से पहले लगभग 1900 करोड़ रुपए की राशि बाजार में आ जाएगी।- बीते पौने चार वर्षों के दौरान हमने विभिन्न न्याय योजनाओं के माध्यम से डेढ़ लाख करोड़ रुपए से अधिक राशि का अंतरण वंचित वर्ग के लोगों के बैंक खातों में सीधे किया है।
खेल -परंपराएं हमारी संस्कृति से अभिन्न रूप से जुड़ी हुई हैं। ये परंपराएं ग्रामीण स्वास्थ्य से भी जुड़ी हुई हैं। लुप्त हो रही इन परंपराओं का संरक्षण और संवर्धन बहुत आवश्यक है। इसी उद्देश्य से राज्य में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन किया जा रहा है।
- छत्तीसगढ़िया ओलंपिक 6 अक्टूबर से शुरू हुआ है जो 6 जनवरी 2022 तक चलेगा, इसके अंतर्गत 6 स्तरों में 14 तरह की खेल स्पर्धाएं आयोजित की जा रही हैं।
- मेरी आप सभी से अपील है कि लोग ज्यादा से ज्यादा इस आयोजन का हिस्सा बनें और खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाएं।
मैं पत्रकार मित्रों से भी अपील करता हूं कि वे इन खेल स्पर्धाओं का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार कर हमारी ग्रामीण प्रतिभाओं का उत्साह बढ़ाएं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल विधानसभा क्षेत्र जैजैपुर में भेंट-मुलाकात अभियान, अधिकारियों की समीक्षा बैठक और प्रेस कांफ्रेंस के बाद आज ग्राम हसौद में आदिशक्ति माँ महामाया देवी मंदिर में दर्शन के लिए पहुँचे और पारंपरिक विधि-विधान से देवी माँ की पूजा-अर्चना की। मुख्यमंत्री ने आदिशक्ति माँ महामाया देवी से प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और ख़ुशहाली की कामना की। स्थानीय लोगों के मुताबिक़ यहाँ आदिशक्ति माँ महामाया देवी की प्रतिमा स्वयंभू प्रकट हुई हैं और यह प्रतिमा बहुत पुरातन बतायी जाती हैं। वही सन 2003 में गांव वालों ने मिलकर मंदिर का पुनर्निर्माण कराया है। इसके साथ ही मंदिर परिसर के बाहर ग्रामवासियों द्वारा मुख्यमंत्री के हसौद आगमन की खुशी और उनके सम्मान में उन्हें हसौद के प्रसिद्ध पेड़े से तौला गया।
स्थानीय लोगों ने बताया कि मिठास की नगरी हसौद में शुद्ध दूध के खोवे से विशेष विधि से पेड़ा बनाया जाता है जिस कारण इसमें कुछ विशेष तरह की मिठास होती है। देश-प्रदेश के हर क्षेत्र से लोग यहां के पेड़े की खरीददारी के लिए आते हैं।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सरकार छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति और परम्पराओं को सहेजने तथा संवारने के लिए प्रतिबद्ध
काशीगढ़, दतौद और मलनी में उप स्वास्थ्य केंद्र भवन निर्माण की घोषणा
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जैजेपुर में होगा ट्रामा सेंटर का निर्माण
जैजेपुर में कृषि गोदाम भवन निर्माण, पशु चिकित्सालय भवन और अहाता निर्माण की घोषणा
पेंड्री तथा कचंदा में पशु औषधालय काशीगढ़ में मिडिल स्कूल भवन, बेलकर्री में आंगनबाड़ी भवन निर्माण
अकलसरा से केकराघाट तक होगा सीसी रोड का निर्माण
भोथिया में मनकादाई मंदिर परिसर में सामुदायिक भवन निर्माण की घोषणा
सक्ती : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज अपने भेंट-मुलाकात अभियान के तहत नवगठित सक्ती जिला के जैजैपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम काशीगढ़ पहुंचे। स्थानीय ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री का शाल भेंट कर, फूल माला और धान की बाली पहना कर उत्साहपूर्वक उनका आत्मीय स्वागत किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल भेंट-मुलाकात के पूर्व ग्राम कांशीगढ़ में स्थित मां चंद्रहासिनी देवी मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे। उन्होंने मां चंद्रहासिनी की पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की और मंदिर परिसर में आम के पौधे का रोपण किया। इस अवसर पर राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, विधायक श्री रामकुमार यादव, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, जनप्रतिनिधि और अधिकारीगण उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने भेंट-मुलाकात के दौरान कहा कि वे शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं के जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन का जायजा लेने के लिए जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ यहां आए हैं। उन्होंने बताया कि हमने सरकार बनते ही सबसे पहले किसानों का अल्पकालीन ऋण माफी का फैसला लिया। साथ ही राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरुआत भी की। योजना के तहत अब तक दो किश्तों का भुगतान किया जा चुका है और तीसरी किश्त दीवाली के पहले 17 तारीख को किसानों के खातों में हस्तांतरित कर दी जाएगी। जिससे त्यौहार मनाने और धान की कटाई के लिए पैसों की दिक्कत नहीं होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार लोगों के जेब में पैसा डालने का काम कर रही है। सक्ती नवगठित जिला है, यहां काफी काम किया जाना है। उन्होंने कहा कि महिला स्व-सहायता समूह की सदस्यों से जानकारी मिली कि वे और भी अन्य गतिविधियों से जुड़ना चाहती हैं। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सरकार ने ग्रामीण औद्योगिक पार्क की शुरुआत करने का निर्णय लिया है। प्रारंभिक चरण में प्रत्येक ब्लॉक में दो पार्क बनाए जा रहे हैं, आवश्यकतानुरूप इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। इसके लिए शासन द्वारा 600 करोड़ का प्रावधान बजट में किया गया है। जिन गांवों में गौठान नहीं बने हैं, वहां जल्द गौठान बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए जा रहे हैं। हमारी सरकार शिक्षा के सुदृढ़ीकरण, स्वास्थ्य की बेहतरी, रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराने के साथ ही छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति और परम्पराओं को सहेजने तथा संवारने के लिए लगातार कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने क्षेत्रवासियों की मांग पर कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की। जिनमें काशीगढ़ में मिडिल स्कूल भवन का निर्माण, काशीगढ़, दतौद और मलनी में उप स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जैजेपुर में ट्रामा सेंटर का निर्माण, जैजेपुर में कृषि गोदाम भवन निर्माण, जैजेपुर में पशु चिकित्सालय भवन और उसका अहाता निर्माण, बेलकर्री में आंगनबाड़ी भवन निर्माण, अकलसरा से केकराघाट तक सीसी रोड निर्माण, पेंड्री तथा कचंदा में पशु औषधालय का निर्माण और भोथिया में मनकादाई मंदिर परिसर में सामुदायिक भवन का निर्माण शामिल है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने ग्रामीणों की मांग पर कांशीगढ़ में उप स्वास्थ्य केंद्र प्रारंभ होने तक प्रत्येक मंगलवार को बाजार के दिन कांशीगढ में हाट बाजार क्लिनिक शुरू करने कलेक्टर को जरूरी व्यवस्थाएं करने के निर्देश भी दिए।
एसडीएम सक्ती को 10 दिन में गौठान से अतिक्रमण हटाने के निर्देश
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने काशीगढ़ भेंट-मुलाकात में चोरभट्ठी पंचायत के गौठान में अतिक्रमण की शिकायत पर एसडीएम सक्ती को 10 दिन में गौठान से अतिक्रमण हटाने के लिए निर्देशित किया। किसान श्री नंद कुमार नायक ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके पास ढाई एकड़ कृषि जमीन है। शासन की कृषि ऋण माफी योजना के तहत उनका 50 हजार का और उनके पिताजी का ढाई लाख का ऋण माफ हुआ। उन्होंने राजीव गांधी किसान न्याय योजना से मिले पैसों से टीवी, मोटरसाइकिल, पत्नी के लिए हार, बच्ची के लिए कपड़े और साइकिल लिया है। श्री नायक ने मुख्यमंत्री जी को जनहितैषी योजनाओं के लिए प्रसन्नतापूर्वक आभार व्यक्त किया।संवाद के दौरान काशीगढ़ की बुजुर्ग महिला श्रीमती शकुंतला गोस्वामी ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके पास कोई जमीन नही है जिससे उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। जिस पर मुख्यमंत्री ने हल्का पटवारी को मंच पर बुलाकर योजनाओं के लिए उनकी पात्रता की जांच करने के निर्देश दिए और पात्रतानुसार तत्काल उन्हें योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए कहा। -
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मंदिर में विधि-विधान से पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की
मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर में आम का पौधा लगाया
सक्ती : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज भेंट-मुलाकात अभियान के दौरान सक्ती जिले के जैजैपुर विधानसभा के ग्राम कांशीगढ़ में स्थित माँ चंद्रहासिनी देवी मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे।
मुख्यमंत्री ने माँ चंद्रहासिनी की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर मंदिर परिसर में आम का पौधा भी लगाया। -
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वन अधिकार पट्टे से मिले ढाई एकड़ ज़मीन में 18 क्विंटल से अधिक हुआ मक्के का उत्पादन’
परंपरागत कृषि छोड़ अपना रहे है आधुनिक कृषि पद्धति
गरियाबंद : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित लोक-कल्याणकारी योजनाएं किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। प्रदेश के लघु एवं सीमांत कृषक भी खेती-बाड़ी से बेहतर आय अर्जित कर रहे हैं। राज्य शासन की पहल और अपने मेहनत से किसान सफलता की नई-नई कहानी गढ़ रहे हैं। यहां के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए शासन-प्रशासन सतत् प्रयासरत है। किसानों को उनकी परंपरागत कृषि छोड़ नई-नई फसल लेने हेतु कृषि विभाग द्वारा पहल कर उन्हें नगदी फसल, व्यापारिक फसल के उत्पादन हेतु प्रोत्साहित कर उन्हें आधुनिक कृषि से जोड़ा जा रहा है।
इसी कड़ी में गरियाबंद विकासखण्ड अंतर्गत वनांचल में बसे ग्राम जैतपुरी के सालिक राम ध्रुव ने कृषि विभाग के सहयोग और परामर्श से छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मिले वन अधिकार पट्टा का सर्वोत्तम उपयोग करते हुए उसमें मक्के की खेती कर रहे है। हालांकि इससे पूर्व में वे धान की फसल बोते थे। इस बार उन्होंने ढाई एकड़ के खेत में कृषि विभाग द्वारा मिले निःशुल्क मक्के का प्रमाणित बीज (केएमएच-3426) बोया था। इससे उसे लगभग 18 क्विंटल मक्के का उत्पादन हुआ है। जिसमें से उन्होंने 8 क्विंटल से ज्यादा खुले बाज़ार में बेचकर अच्छा लाभ प्राप्त किया। सालिक राम बताते है कि मक्के की अच्छी क्वालिटी को देखकर न सिर्फ आसपास के व्यापारी बल्कि दूसरे जिले के व्यापारी भी आकर उनसे मक्का खरीद रहे है। इससे उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ।
धान के फसल के बदले इस नई फसल से मिले आमदनी से उनका परिवार आर्थिक रूप से सशक्त हो रहा है। सालिक राम बताते है कि वे कृषि विभाग के परामर्श से राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत धान के बदले मक्के की खेती कर रहे है। इससे अच्छे आय की प्राप्ति हो रही है। कुल उत्पादन में से बचे लगभग 10 क्विंटल मक्के को अब वे राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत विक्रय कर इस योजना का अतिरिक्त लाभ लेंगे। सालिक राम अपने बेटे आत्माराम को भी अपने साथ ही खेती किसानी के गुर सिखा रहे है। अब दोनों साथ मिलकर खेती-किसानी कर रहे है। उनके पुत्र आत्माराम ने बताया कि इस बार धान के बदले मक्के की फसल से अच्छी उपज हुई है, जिससे पूरे परिवार अधिक प्रोत्साहित हुए है। आने वाले वर्षों में और अधिक उत्साह व मेहनत से नई-नई फसल की खेती करेंगे। आत्माराम ने बताया कि उन्हें देखकर आसपास के किसान भी धान के बदले अन्य फसल लेने के लिए प्रोत्साहित हो रहे है, ताकि उन्हें भी आर्थिक रूप से आमदनी हो सके। सालिक राम ने मक्के की खेती के साथ ही साथ मछली पालन और मशरूम उत्पादन भी कर रहें हैं। जिससे उनको अतिरिक्त आय हो रही है, जिससे उनके आर्थिक स्थिति सुधार के साथ-साथ घर में खुशहाली आ रही है। सालिक राम और उसके बेटे आत्माराम ने मक्के की खेती से आर्थिक रूप से संबल बनाने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, जिला प्रशासन और कृषि विभाग को धन्यवाद दिया। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 16 अक्टूबर को आयोजित वृहद कृषक सम्मेलन को करेंगे सम्बोधित
पांच दिवसीय समारोह में दिखाई देंगे खेती किसानी के विविध रंग
अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के कृषि संस्थान, वैज्ञानिक, उद्यमी एवं कृषकों की होगी भागीदारी
अन्तर्राष्ट्रीय कृषि प्रदर्शनी एवं कृषक सम्मेलन का भी होगा आयोजन
रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अन्तर्राष्ट्रीय कृषि मड़ई ‘‘एग्री कार्नीवाल 2022’’ का आयोजन 14 से 18 अक्टूबर तक किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल कार्नीवाल के दौरान 16 अक्टूबर को आयोजित वृहद कृषक सम्मेलन को सम्बोधित करेंगे। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित किए जा रहे एग्री कार्नीवाल में अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के कृषि संस्थानों के निदेशकों, कृषि वैज्ञानिकों विभिन्न कृषि उत्पाद निर्माता कम्पनियों के वरिष्ठ अधिकारियों, स्टार्टअप्स उद्यमियों एवं बड़ी संख्या में प्रगतिशील कृषक शामिल होंगे। इस अवसर पर एक वृहद अन्तर्राष्ट्रीय कृषि मेले सह प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा। एग्री कार्नीवाल के दौरान प्रत्येक दिन कृषकों, छात्रों एवं आम नागरिकों के लिए विश्वविद्यालय के अनुसंधान प्रक्षेत्र में उगाई जा रही फसलों एवं कृषि प्रदर्शनी का भ्रमण आयोजित किया जाएगा।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा राज्य शासन के कृषि विभाग, छत्तीसगढ़ बायोटेक्नोलॉजी प्रमोशन सोसायटी, अन्तर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, फिलीपींस, नाबार्ड, कंसल्टेटिव ग्रुप ऑफ इन्टरनेशनल एग्रीकल्चरल रिसर्च, कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा), एनएबीएल तथा अन्य संस्थाओं के सहयोग से आयोजित किए जा रहे अन्तर्राष्ट्रीय कृषि मड़ई ‘‘एग्री कार्नीवाल 2022’’ का उद्घाटन समारोह 14 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत के मुख्य आतिथ्य में आयोजित होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे करेंगे। एग्री कार्नीवाल का समापन समारोह 18 अक्टूबर को आयोजित किया जाएगा। जिसमें मुख्य अतिथि राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके होंगी। अध्यक्षता कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे द्वारा की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल अन्तर्राष्ट्रीय कृषि मड़ई के दौरान 16 अक्टूबर को आयोजित वृहद कृषक सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
कृषि उपज निर्यात बढ़ाने आयोजित होगा क्रेता-विक्रता सम्मेलन
पांच दिवसीय कृषि मड़ई के दौरान विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिनमें कृषि उपज निर्यात बढ़ाने हेतु क्रेता-विक्रता सम्मेलन, नवाचार स्टार्टअप्स एवं उद्यमिता पर कार्यशाला, लघु वनोपज के प्रसंस्करण एवं निर्यात पर संगोष्ठी, जैव विविधता संरक्षण एवं कृषक प्रजातियों के पंजीयन हेतु प्रशिक्षण कार्यशाला, परीक्षण प्रयोगशालाओं की मान्यताओं हेतु एनएबीएल द्वारा प्रशिक्षण, फसल प्रजनन आधुनिकीकरण एवं डिजिटलीकरण आदि प्रमुख हैं। कृषि मड़ई में फसलों की नई किस्में, अधिक आय देने वाली वैकल्पिक फसलें, नवीन कृषि प्रौद्योगिकी, प्राकृतिक एवं जैविक कृषि, जैव उर्वरक एवं जैव कीटनाशक, पशु पालन, मछली पालन एवं चारा उत्पादन, समन्वित फसल पोषक तत्व तथा कीट एवं बीमारी प्रबंधन, मृदा उर्वरता एवं मृदा स्वास्थ्य, वर्षा जल प्रबंधन एवं भू-जल संवर्धन, संरक्षित खेती, उन्नतशील कृषि यंत्र प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन आदि के संबंध में विषय विशेषज्ञ वैज्ञानिकों द्वारा जानकारी दी जाएगी। इस दौरान कृषि आधारित स्टार्टअप्स के सफल उद्यमियों द्वारा नवीन स्टार्टअप्स स्थापित करने के इच्छुक युवाओं को मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाएगा। अन्तर्राष्ट्रीय कृषि मड़ई में लगभग 20 हजार किसानों के शामिल होने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि इस पांच दिवसीय एग्री कार्नीवाल एवं अन्तर्राष्ट्रीय कृषि मड़ई में प्रथम दिवस 14 अक्टूबर, 2022 को प्रातः 10 बजे से ‘‘क्रेता-विक्रेता सम्मेलन एवं कार्यशाला’’ का आयोजन किया जाएगा जिसमें एपीडा द्वारा छत्तीसगढ़ से कृषि, उद्यानिकी खाद्य पदार्थों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए गुणवत्ता नियंत्रण, मापदंड एवं नियमों की जानकारी प्रदान की जाएगी। इस कार्यशाला में लगभग 500 कृषक, उद्यमी, निर्यातक एवं एपीडा के विशेषज्ञ उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में चेयरमेन एपीडा, कृषक प्रतिनिधि एवं उद्योगों के प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे।
‘‘नवाचार, स्टार्टअप एवं उद्यमिता पर कार्यशाला’’
कार्यक्रम के द्वितीय दिवस 15 अक्टूबर, 2022 को प्रातः 09 बजे से ‘‘इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय बायोटेक्नॉलाजी विभाग का ‘‘रजत जयंती समारोह’’ का आयोजन किया जाएगा। कार्यशाला में बायोटेक्नोलॉजी के शिक्षकों, छात्रों एवं उद्यमियों के मध्य विचार-विमर्श का आयोजन भी किया जाएगा तथा बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हुए नए अनुसंधानों तथा बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में रोजगार एवं स्व-रोजगार की संभावनाओं पर गहन विचार-मंथन किया जाएगा। कार्यशाला में 125 से अधिक छात्र एवं वैज्ञानिक उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल तथा बायोटेक्नोलॉजी के वैज्ञानिक उपस्थित रहेंगे। प्रातः 11 बजे से ‘‘नवाचार, स्टार्टअप एवं उद्यमिता पर कार्यशाला’’ का आयोजन किया जाएगा। कार्यशाला में युवाओं, स्नातकों एवं स्टार्टअप को नवाचार की जनकारी दी जाएगी जो स्टार्टअप एवं निवेशकों के मध्य सेतु का कार्य करेगा एवं स्टार्टअप को बैंक एवं अन्य संस्थानों से ऋण एवं निवेश उपलब्ध हेतु विचार-मंथन किया जाएगा। कार्यशाला में लगभग 400 युवा उद्यमी, स्टार्टअप तथा कृषि से जुडे़ युवा प्रगतिशील कृषक उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्री कवासी लखमा एवं अन्य विशेषज्ञ उपस्थित रहेंगे।
लघु वनोपज प्रसंस्करण एवं निर्यात प्रोत्साहित करने कार्यशाला भी
कार्यक्रम के तृतीय दिवस 16 अक्टूबर, 2022 को प्रातः 11 बजे से ‘‘लघु वनोपज का संग्रहण, संरक्षण प्रसंस्करण एवं निर्यात हेतु कार्यशाला‘‘ का आयोजन किया जाएगा जिसमें किसानों एवं निर्यातकों को लघु वनोपज के विपणन एवं निर्यात हेतु गुणवत्ता नियंत्रण, मानकों एवं नियमों की जानकारी प्रदान की जाएगी। कार्यशाला में 125 से अधिक लघु वनोपज के निर्यातक, एपीडा, वन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में वन विभाग एवं लघु वनोपज संघ के अधिकारी उपस्थित रहेंगे।
जैव-विविधता संरक्षण पर कार्यशाला
चतुर्थ दिवस 17 अक्टूबर, 2022 को प्रातः 11 बजे से ‘‘जैव विविधता संरक्षण एवं कृषकों की प्रजातियों के पंजीयन पर कार्यशाला’’ का आयोजन किया जाएगा। कार्यशाला में पी.पी.व्ही.एफ.आर.ए. भारत सरकार द्वारा कृषकों एवं आम जनता में जैव विविधता संरक्षण एवं कृषक प्रजातियों का भारत सरकार के पौध प्रजाति एवं कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण में पंजीयन हेतु जागरूक किया जाएगा। कार्यशाला में 125 से अधिक कृषक उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर पी.पी.व्ही.एफ.आर.ए. भारत सरकार के अधिकारी एवं वैज्ञानिक मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
‘‘प्रयोगशालाओं की मान्यता हेतु कार्यशाला’’
पांच दिवसीय एग्री कार्निवाल एवं अन्तर्राष्ट्रीय कृषि मड़ई के अंतिम दिन 18 अक्टूबर, 2022 को प्रातः 11 बजे से ‘‘प्रयोगशालाओं की मान्यता हेतु कार्यशाला’’ का आयोजन किया जाएगा जिसमे एन.ए.बी.एल. द्वारा छत्तीसगढ़ के शासकीय एवं निजी संस्थानों द्वारा संचालित प्रयोगशालाओं के एक्रीडीटेशन के लिए मापदंडों की जानकारी प्रदान की जाएगी। कार्यशाला में लगभग 300 शासकीय एवं निजी प्रयोगशालाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर ए.ए.बी.एल. के अधिकारीगण मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। -
एजेंसी
दिल्ली : थाने में काम करने को लेकर भी नस्लभेदी टिप्पणी की जाती है। मुंशी थाना चलाने के लिए महिला स्टाफ की जरूरत नहीं होने की बात कहता है। ड्यूटी के दौरान थाने में ही शराब पीने के बाद महिला स्टाफ को गालियां देत
राजधानी दिल्ली के दक्षिणी जिले के फतेहपुर बेरी थाने में तैनात महिला पुलिसकर्मियों के साथ नस्लभेदी टिप्पणी करने और यौन शोषण का मामला सामने आया है। महिला पुलिसकर्मियों ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर और डीसीपी विजिलेंस को शिकायत दी है। महिला पुलिस कमियों ने थाने के मुंशी (ड्यूटी ऑफिसर) पर यौन शोषण और नस्लभेदी टिप्पणी करने के आरोप लगाए हैं।
महिला पुलिस कर्मियों का कहना है कि चिठ्ठा मुंशी उन्हें ड्यूटी पर तैनाती के बदले शारीरिक संबंध बनाने के लिए कहता है। हेड कॉन्स्टेबल मुंशी थाने में ड्यूटी लगाने के नाम पर न केवल उनसे पैसे और महंगे गिफ्ट मांगता है, बल्कि उनसे शारीरिक संबंध बनाने के लिए कहता है।
थाने में काम करने को लेकर भी नस्लभेदी टिप्पणी की जाती है। मुंशी थाना चलाने के लिए महिला स्टाफ की जरूरत नहीं होने की बात कहता है। ड्यूटी के दौरान थाना परिसर में ही ड्रिंक पीने के बाद महिला स्टाफ को गालियां देता है। सभी महिला स्टाफ ने पुलिस आयुक्त, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त विजिलेंस, पुलिस उपायुक्त विजिलेंस, पुलिस उपायुक्त दक्षिणी जिला समेत पुलिस के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की शिकायत दी है।
आदेशों की अवहेलना का आरोप लगाया
महिला स्टाफ ने आरोप लगाए कि पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने अपने कार्यकाल में आदेश दिया था, जिसके तहत किसी भी थाने में मुंशी का काम एएसआई या फिर उससे ऊपर की रैंक का अधिकारी ही देखेगा। फतेहपुर बेरी थाने में मुंशी का काम हेड कॉन्स्टेबल रैंक के पुलिसकर्मी को दिया गया है और वह लंबे समय से इस पद पर तैनात रहा।
डीसीपी (साउथ) चंदन चौधरी ने बताया कि शिकायत मिली है। शिकायत को गंभीरता से लिया जा रहा है। इसकी प्राथमिकता के साथ जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राज्य में आरक्षण के लाभ से वंचित नहीं होंगे आदिवासी
मुख्यमंत्री की घोषणा-भोरमदेव में बैगा आदिवासी समाज के संग्रहालय का होगा निर्माण
पोस्ट मेट्रिक छात्रावास को 50 से 100 सीटर किया जाएगा
कवर्धा में आयोजित आदिवासी समाज सम्मेलन में शामिल हुए मुख्यमंत्री
कवर्धा : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल प्रदेश व्यापी भेंट मुलाकात अभियान अंतर्गत कवर्धा प्रवास के दौरान आज शाम शासकीय स्नोतकोत्तर महाविद्यालय के आडिटोरियम में आयोजित आदिवासी समाज सम्मेलन में शामिल हुए। उन्होंने इस मौके पर आदिवासी समाज को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में हमारी सरकार के बनते ही आदिवासियों के हित संरक्षण और उनके उत्थान के लिए लगातार कार्य हो रहे है। उन्होंने स्पष्ट रूप से अवगत कराया कि राज्य में आरक्षण के लाभ से आदिवासी वंचित नहीं होंगे। इसके लिए आदिवासी समाज को किसी भी तरह से चिंतित होने की जरूरत नहीं है। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस.सिंहदेव, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, पंडरिया विधायक श्रीमती ममता चंद्राकर सहित आदिवासी समाज के पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस दौरान आदिवासी समाज की मांग पर विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समाज की संस्कृति के प्रचार-प्रसार तथा उसके संरक्षण और संवर्धन के लिए भोरमदेव में बैगा आदिवासी समाज के संग्रहालय निर्माण की घोषणा की। साथ ही उन्होंने कवर्धा स्थित पोस्ट मैट्रिक छात्रावास को 50 सीटर से बढ़ाकर 100 सीटर में उन्नयन करने और आदिवासी मंगल भवन कवर्धा में अतिरिक्त कमरा के निर्माण की भी घोषणा की। इसके अलावा मुख्यमंत्री श्री बघेल ने विकासखंड बोड़ला के शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला रेंगाखार जंगल की छात्रा कु. राधना मेरावी के आईआईटी खडगपुर में चयन होने पर उन्हें उच्च शिक्षा के लिए तीन लाख रूपये प्रदान करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने संबोधित करते हुए आगे कहा कि राज्य में आदिवासियों की भलाई के लिए आदिवासी समाज की जरूरतों और अपेक्षाओं को ध्यान में रखकर अनेक योजनाएं बनाई गई है और इनका पूरी संवेदनशीलता के साथ क्रियान्वयन कर उन्हें आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। इसके तहत राज्य में आदिवासी संस्कृति को नई पहचान और बढ़ावा देने के लिए देवगुड़ी तथा घोटूल का विकास प्राथमिकता से किया जा रहा है। इस तरह देवगुडियों और घोटूलों के संरक्षण और संवर्धन से राज्य में आदिम जीवन मूल्यों को पुर्नजीवित कर सहेजा एवं संवरा जा रहा है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति को देश-दुनिया से परिचित कराने के लिए राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य जैसे गौरवशाली महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इसमें गत वर्ष देश भर से विभिन्न राज्यों के अलावा अन्य 6 देशों के आदिवासी नर्तक समूहों ने भाग लिया था, इससे छत्तीसगढ़ की आदिम संस्कृति की ख्याति अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच चुकी है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमने राज्य में वन अधिकार कानून का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करते हुए जल-जंगल-जमीन पर आदिवासी समाज के अधिकारों को पुष्ट किया है। हमने राज्य में व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र, सामुदायिक वन अधिकार पत्र और सामुदायिक वन संसाधन के अधिकार के साथ-साथ रिजर्व क्षेत्र में भी वन अधिकार प्रदान करना शुरू कर दिया है। जल-जंगल-जमीन पर अधिकार सुनिश्चित होने से सरकार पर आदिवासियों का विश्वास और मजबूत हुआ है। हम उन्हें यह विश्वास दिलाने में कामयाब हुए कि अब छत्तीसगढ़ में उनकी अपनी सरकार काम कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि राज्य में आदिवासियों के उत्थान के लिए तेंदूपत्ता संग्रहण दर को 2500 रूपये प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 4 हजार रूपये प्रति मानक बोरा किया गया है। इसी तरह 65 तरह के लघुवनोपजों को समर्थन मूल्य पर संग्रहण तथा उनके विक्रय की व्यवस्था करके स्थानीय स्तर पर इनका प्रसंस्करण और वेल्यू एडीशन करके हमारी सरकार ने न सिर्फ आदिवासियों की आय में बढ़ोतरी की है, बल्कि रोजगारों के अवसरों का भी निर्माण किया है। इसके अलावा प्रदेश में अब लघु वनोपजों की तरह लघु धान्य फसलों कोदो-कुटकी और रागी का भी समर्थन मूल्य तय करते हुए उनके संग्रहण तथा खरीदी की अच्छी व्यवस्था कर दी गई है। उन्होंने बताया कि पोषण से भरपूर लघु धान्य फसलों के प्रोसेसिंग से वर्तमान में हमारे महिला समूहों द्वारा 22 प्रकार के उत्पाद तैयार किये जा रहे है। इसमें स्वसहायता समूहों के माध्यम से सैकड़ों लोगों को रोजगार मिल रहा है और उन्हें आय का नया जरिया भी मिला है।
इस अवसर पर गोड़ तथा बैगा समाज के पदाधिकारी तथा वरिष्ठजन सर्व श्री राजा योगेश्वर राज, सी.आर. राज, मुखी राम मरकाम, ईतवारी राम मछिया, गजराज सिंह टेकाम, प्रभाती मरकाम, डॉ. संतोष धुर्वे, श्रीमती मीनाक्षी धुर्वे, पुसुराम बैगा, तुलसी राम सुरखिया, सेमलाल पड़िया, श्रीमती दसभी पड़िया, संबल सिंह बैगा आदि उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सकरी नदी पर निर्मित उच्च स्तरीय पुल, जिले में विकास की नई इबारत लिखेगा, संपर्क क्रांति लाएगा : श्री भूपेश बघेल
मध्यप्रदेश के जबलपुर-मंडला-रायपुर मार्ग तथा राज्य के निकटतम जिला मुंगेली, बेमेतरा, बिलासपुर मुख्यालय के लिए बारहमासी संपर्क बना
कबीरधाम : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कबीरधाम जिले के भेंट- मुलाकात प्रवास के दौरान आज कवर्धा शहर के राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 के सकरी नदी पर 9 करोड़ 10 लाख की लागत से निर्मित उच्च स्तरीय पुल का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि यह पुल इस जिले में विकास की नई इबारत लिखेगा और संपर्क क्रांति लाएगा। सकरी नदी पर निर्मित यह पुल शहर का सबसे ऊंचा पुल है। इसके बन जाने के बाद मध्यप्रदेश के जबलपुर, मंडला, रायपुर, मार्ग तथा राज्य के निकटतम जिला मुंगेली, बेमेतरा, बिलासपुर मुख्यालय के लिए बारहमासी संपर्क बना रहेगा। नव निर्मित उच्च स्तरीय पुल के निर्माण होने से बारिश के मौसम में अब मध्यप्रदेश सहित निकटतम जिला मुंगेली, बेमेतरा से संपर्क बना रहेगा। इससे बारह महीने आवागमन की सुविधा मिलेगी। नवीन पुल निर्माण से खुश शहर के लोगों ने पुरानी मांग पूरी होने पर मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया।
गौरतलब है कि ब्रिटिशकाल में निर्मित लगभग 100 वर्ष पुरानी सकरी नदी का पुल काफी जर्जर हो गया था, जिसमें बरसात के दिनों में बाढ़ आ जाने से आवागमन का संपर्क टूट जाता था। इस नदी में उच्च स्तरीय पुल बनाने की मांग काफी लंबे समय से की जा रही थी। वन मंत्री व कवर्धा विधायक श्री मोहम्मद अकबर ने जन आकांक्षाओं और कबीरधाम जिले के समुचित विकास को ध्यान में रखते हुए सकरी नदी में उच्च स्तरीय पुल निर्माण की स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री से अनुरोध भी किया था। कैबिनेट मंत्री श्री अकबर के प्रयासों से राज्य शासन द्वारा उच्च स्तरीय पुल निर्माण के लिए 9 करोड़ 10 लाख रूपए की स्वीकृति मिली। श्री अकबर ने उच्च स्तरीय पुल निर्माण के लिए भूमिपूजन भी किया और पुल निर्माण को निर्धारित समय में पूरा करने के लिए स्वयं मॉनिटरिंग भी करते रहे, जिसके परिणाम स्वरूप महज 9 माह में उच्च स्तरीय पुल बनकर तैयार हो गया।
मध्यप्रदेश और रायपुर-मुंगेली-बिलासपुर को जोड़ने वाली उच्च स्तरीय पुल महज 9 महीने में बनकर हुआ है।रायपुर-कवर्धा-जबलपुर राष्ट्रीय राज्यमार्ग क्रमांक 30 के सकरी नदी पर पुलमय पहुँचमार्ग का निर्माण कार्य किया गया है। पुल की लंबाई 90 मीटर और चौड़ाई 16 मीटर है। कवर्धा शहर के राष्ट्रीय राज्यमार्ग क्रमांक 30 के सकरी नदी पर पूर्व में निर्मित ब्रिटिश कालीन लगभग 100 वर्ष पुराना था जो प्रत्येक वर्ष वर्षा ऋतु में डूब जाता था, जिस वजह से आवागमन अवरूद्ध हो जाता था और शहरवासियों एवं राष्ट्रीय राजमार्ग के यातायात में परेशानियों को देखते हुए उच्चस्तरीय नए पुल निर्माण के लिए प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। पुल का निर्माण कार्य 27 जनवरी 2020 को प्रारंभ हुआ और केवल 9 महीने में ही इसे पूरा कर लिया गया। इस पुल के निर्माण में प्रमुख अभियंता से लेकर उपअभियंता तक अनेकों इंजीनियरों की भागीदारी तथा कार्यस्थल पर 15-20 स्कील्ड लेबर एवं 40-50 अनस्किलड लेबर के भागीदारी से यह नवीन पुल बनकर आम जनता की सुविधा के लिए तैयार हुआ है। अब लोगों को आवागमन में सहूलियत होगी। कबीरधाम जिले के नागरिकों ने पुल की सौगात के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
पुल के लोकार्पण अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर विधायक पंडरिया श्रीमती ममता चन्द्राकर सहित नीलकण्ठ चंद्रवंशी, छ ग राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) के सदस्य कन्हैयालाल अग्रवाल संभागायुक्त दुर्ग महादेव कावरे , कलेक्टर जनमेजय महोबे, नगरपालिका अध्यक्ष श्री ऋषि कुमार शर्मा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष प्रतिनिधि होरी साहू, कृषि उपज मंडी अध्यक्ष श्री नीलकंठ साहू, उपाध्यक्ष श्री चोवा राम साहू सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
प्रशासनिक इकाई के विस्तार से वनांचल, दूर-दराज के ग्रामीणों को अब नजदीक मिलेगी सुविधा
मुख्यमंत्री श्री बघेल वनांचल क्षेत्र झलमला और नगर पंचायत सहसपुर लोहारा के भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आम नागरिकों से सीधा संवाद कर हुए रूबरू
सहसपुर लोहारा : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपने प्रदेशव्यापी भेंट-मुलाकात के कबीरधाम जिले के प्रवास के दौरान सोमवार को विकासखण्ड मुख्यालय सहसपुर लोहारा में नवीन राजस्व अनुविभाग मुख्यालय कार्यालय का शुभारंभ किया। इस मौके पर जिले के प्रभारी मंत्री श्री टीएस सिंहदेव, कैबिनेट मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, पंडरिया विधायक श्रीमती ममता चंद्राकर, कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि विशेष रूप से उपस्थित रहे।
क्षेत्रवासियों को प्रशासनिक सुविधा और वनांचल, दूर-दराज के ग्रामीणों की सुविधा के लिए सहसपुर लोहारा में अनुविभाग कार्यालय का विधिवत शुभारंभ के साथ ही ग्रामीणों के लंबे समय की मांग को मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पूरा किया है। कैबिनेट मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के विशेष प्रयास से यह उपलब्धि क्षेत्रवासियों को मिली है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज तहसील सहसपुर लोहारा को अनुविभाग का स्वरूप देकर इसका शुभारंभ कर क्षेत्रवासियों को सहसपुर लोहारा के अनुविभाग बनने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022-23 के बजट में तहसील सहसपुर लोहारा को अनुविभाग का दर्जा दिया गया। आज इसके शुभारंभ के बाद यह जिले का चौथा अनुविभाग होगा। इसके अंतर्गत 1 नगरीय निकाय, कुल 96 ग्राम पंचायत, 198 गांव शामिल हैं। तहसील का भौगोलिक क्षेत्र 61479 हेक्टयर है। सहसपुर में 01 स्वास्थ्य केन्द्र, 05 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और 25 उपस्वास्थ्य केन्द्र संचालित है। तहसील सहसपुर के अंतर्गत 22 धान खरीदी केन्द्र, 5 राजस्व निरीक्षक मंडल और 45 पटवारी हल्का है। वर्ष 2011 के जनगणना अनुसार सहसपुर तहसील की जनसंख्या 152238 है। जिसमें 72792 पुरूष और 72929 महिला है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सहसपुर लोहारा : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल कवर्धा विधानसभा के सहसपुर लोहारा में भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में पहुंचे।छत्तीसगढ़ महतारी की पूजा अर्चना कर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने की भेंट-मुलाकात की शुरुआत।स्वास्थ्य मंत्री श्री टी एस सिंहदेव और वनमंत्री श्री मोहम्मद अकबर भी हैं मौजूद।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने हाथ हिलाकर किया आम जनता का अभिनंदन।छत्तीसगढ़ के राज्य गीत के साथ हुई भेंट-मुलाकात की शुरुआत।यहां ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का पारंपरिक खुमरी पहनाकर स्वागत किया गया।इस अवसर पर पंडरिया विधायक श्रीमती ममता चंद्राकर भी मौजूद।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि
- सब्बो झन ला जय जोहार, राम राम, जय सतनाम, भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के माध्यम से योजना का क्रियान्वयन जानने आपके बीच आया हूँ, ताकि जान सकूँ कि योजना का लाभ मिल रहा है या नहीं।
उन्होंने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि दीवाली से पहले आगामी 17 तारीख को योजना की अगली किश्त खातों में आ जायेगी। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
कवर्धा : भेंट-मुलाकात के लिए कवर्धा विधानसभा के ग्राम झलमला पहुंचे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने वहां पचराही के शिव मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख सम्रद्धि की कामना की। झलमला में भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में पहुंचने पर आदिवासी नर्तक दल ने पारंपरिक लोकनृत्य के साथ किया मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का स्वागत।छत्तीसगढ़ महतारी की पूजा अर्चना कर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने की भेंट-मुलाकात की शुरुआत।यहां ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री का खुमरी पहनाकर स्वागत किया।स्वास्थ्य मंत्री श्री टी एस सिंहदेव और वनमंत्री श्री मोहम्मद अकबर भी हैं उपस्थित। -
उत्तर प्रदेश : के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता मुलायम सिंह यादव ने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में आज 10 अक्टूबर सुबह अंतिम सांस लीं। उनके बेटे अखिलेश यादव ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। पिछले कुछ दिनों से सपा नेता की हालत गंभीर बनी हुई थी। 22 नवंबर, 1939 को जन्मे मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के सबसे प्रमुख नेताओं में से एक थे, जिन्होंने तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया और केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री के रूप में भी कार्य किया।
वे 10 बार विधायक और 7 बार लोकसभा सांसद चुने गए थे।