नारायणपुर : परम्परागत खेती एवं फसल चक्र अपनाकर मंगतू हो रहा खुशहाल
नारायणपुर : नारायणपुर जिले के किसान अब परम्परागत खेती एवं फसलचक्र अपना कर अग्रसर हो रहे हैं। नारायणपुर जिले के गा्रम बावड़ी के किसान मंगतू जो कि अपनी लगभग 2 हेक्टेयर कृषि भूमि में विगत 30 वर्षो से खेती-किसानी कर रहे है।
श्री मंगतू पिछले 3 वर्षों से खेती में हरी खाद, कम्पोस्ट और वर्मी खाद का प्रयोग करते हुए मिट्टी को उर्वरा शक्ति प्रदान कर अच्छी पैदावार ले रहे हैं। मंगतूराम से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि रासायनिक खाद के अधिक उपयोग के कारण उसके खेत की मिट्टी कठोर और बंजर हो रही थी। कृषि विभाग के अधिकारियों ने रासायनिक खाद के अधिक उपयोग से खेतों और मिट्टी को होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी।
इस पर ध्यान देते हुए मैने अपने खेतों में हरी खाद, कपोस्ट और वर्मी खाद का उपयोग करना शुरू किया। मेरे खेतों के मिट्टी की उर्वरक क्षमता में वृद्धि हुई और मुझे अच्छी फसल भी मिलने लगी। श्री मंगतू ने बताया कि कृषि विभाग के अनुदान से उसके खेत में नलकूप खनन और सोलर प्लेट भी लगायी गयी है।
इसके फलस्वरूप उसे बारहमासी सिंचाई की सुविधा मिली है। उसने बताया कि मैं फसलचक्र को अपनाकर बारहमासी फसल ले रहा हूं, अब मेरी आमदनी में बढ़ोत्तरी हुई है।
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