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 जशपुरनगर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जशपुर जिले की अतिपिछड़ी जनजाति बिरहोर की निर्मला को किया सम्मानित

मंत्री अमरजीत भगत ने भी निर्मला को 12वीं पास करने पर दी बधाई
कलेक्टर श्री महादेव कावरे ने निर्मला को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहे है

जशपुरनगर 14 जुलाई : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिला जशपुर के दुलदुला विकासखण्ड के ग्राम झरगांव की रहने वाली कु. निर्मला को रायपुर में सम्मानित किया। निर्मला को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वेच्छानुदान मद से आगे की पढ़ाई के लिये एक लाख रूपये तथा लैपटॉप प्रदान किये। कुमारी निर्मला ने हाल ही में 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है और अब वो कॉलेज भी जाना चाहती है। जशपुर जिले की कु. निर्मला बाई अति पिछडी बिरहोर जनजाति वर्ग से आती हैं। जब उनकी सफलता के बारे में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत को पता चला तो वे बहुत प्रभावित हुए। मंत्री अमरजीत भगत जशपुर जिले के प्रभारी भी हैं, उन्होंने अपने साथ ले जाकर निर्मला को मुख्यमंत्री जी से मिलवाया। उन्होंने निर्मला की प्रोत्साहित करते हुए कहा कि उसने अभावों को खुद पर हावी होने नहीं दिया। उन्होंने अपने जैसी छात्राओं के लिये एक मिसाल कायम की है, जो उच्च शिक्षा ग्रहण कर अपना उज्ज्वल भविष्य बनाना चाहती हैं।  कलेक्टर श्री महादेव कावरे ने भी अपनी शुभकामना देते हुए बिरहोर बालिका कुमारी निर्मला को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।  

निर्मला का परिवार अत्यन्त गरीब है पिता श्री कुंवर राम 5वीं पास एक खेतीहर मजदूर हैं एवं माता श्रीमती बिरसमनी बाई अशिक्षित, घरेलू महिला हैं। इस परिवार में माता-पिता, 02 भाई 02 बहन सहित 6 सदस्य हैं, इनमें निर्मला सबसे बड़ी है। उन्होंने अपने भाई-बहनों के लिये एक आदर्श स्थापित किया है। कु.निर्मला शासकीय पोस्ट-मैट्रिक कन्या छात्रावास जशपुर में रहकर शासकीय महारानी लक्ष्मी बाई कन्या उ.मा.वि. जशपुरनगर से कक्षा 12वीं की परीक्षा 58 प्रतिशत अंक के साथ उत्तीर्ण की है। बिरहोर समाज में लड़कियों की पढ़ाई-लिखाई पर ध्यान नहीं दिया जाता है, उनकी कम उम्र में ही शादी कर दी जाती है। निर्मला के पढ़ने की रूचि का खयाल रखते हुए उनके माता-पिता ने शादी के लिए दबाव नहीं डाला। उन्होंने निर्मला को इच्छानुसार पढ़ने दिया। 

निर्मला जिले में 12वीं पास करने वाली बिरहोर समाज की पहली बालिका है। उच्च शिक्षा के लिए महाविद्यालय में अध्ययन करना चाहती है। समाज के उत्थान के लिए शिक्षक बनकर भविष्य में काम करना चाहती है और अपने समाज के बच्चे बच्चियों को शिक्षा की मुख्य धारा में जोड़ना चाहती है। जिले में बिरहोर जनजाति के कुल 161 परिवार हैं जिसमें कुल 515 सदस्य निवास करते हैं।

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