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 संयुक्त टीम की विभिन्न कार्यवाही में अवैध रूप से भण्डारित एवं परिवहन किये जा रहे 1142 बोरी धान जब्त
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
 
अवैध धान के परिवहन एवं भण्डारण पर की जा रही कड़ी कार्यवाही
 
बलरामपुर : कलेक्टर श्री रिमिजियुस एक्का के निर्देशानुसार जिले में धान के अवैध परिवहन एवं संग्रहण पर लगातार कार्यवाही हो रही है। इसी कड़ी में राजस्व व पुलिस की टीम के द्वारा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यवाही करते हुए 1142 बोरी अवैध धान जप्त किया गया है। जिसमें विकासखण्ड शंकरगढ़ के ग्राम भगवतपुर से शंकरगण परिवहन करते पिकअप में 22 बोरी अवैध धान जप्त करते हुए वाहन चालक तथा वाहन मालिक को धन सहित थाने में सुपुर्द किया गया है।
 
इसी प्रकार ग्राम डीपाडीहकला निवासी मनीष जायसवाल के द्वारा अपने घर मे अवैध रूप से 225 बोरी धान रखा गया था जिस पर कार्यवाही करते हुए जप्त किया गया है ग्राम डीपाडीहकला में ही कृष्णकांत के घर से 23 बोरी तथा तहसील शंकरगढ़ में कोचिया राम आशिष जयसवाल के द्वारा अपने पास अवैध रूप से धान रखा गया था। राजस्व एवं खाद्य विभाग की टीम ने जांच में पाया की उसके द्वारा अवैध रूप से 182 बोरी अवैध धान रखा गया है। जिसे जप्ती की कार्यवाही की गयी हैं। राजस्व विभाग की टीम ने विकासखण्ड रामचंद्रपुर में कार्यवाही की है जिसमें कुर्लुडीह निवासी सुरेश गुप्ता ने उत्तरप्रदेश से लाकर अपने घर में ट्रक में अवैध धान छुपा के रखा गया था जिस पर राजस्व विभाग ने कार्यवाही करते हुये ट्रक सहित 500 बोरी अवैध धान को जप्त किया है।
 
ग्राम हरिगंवा में कोचिया सियाराम साहू ने अपने गोदाम में अवैध रूप से धान रखा था सूचना पर राजस्व, खाद्य व मंडी विभाग की टीम ने संयुक्त कार्यवाही करते हुए 190 बोरी अवैध धान जब्त किया है। विकासखण्ड के वाड्रफनगर में ग्राम झापर में उत्तरप्रदेश से ट्रैक्टर लाते समय जांच के दौरान अवैध धान ट्रैक्टर सहित जब्त जप्त किया जब्त कर मंडी अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई। इसी प्रकार कुसमी के धान खरीदी केन्द्र में 20 बोरी पुराना धान भी समिति प्रबंधक द्वारा जब्त किया गया है।
 
ज्ञातव्य है कि कलेक्टर श्री एक्का ने जिले में अवैध धान की आवक को रोकने के लिए टीम गठित कर कोचियों एवं बिचौलियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही नागरिकों से अपील की है कि धान खरीदी में किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि तथा अनियमितता होने पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं, जिसमें शिकायतकर्ता की जानकारी पूर्ण रूप से गोपनीय रखी जाएगी।
 

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