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- रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी ने मंगलवार ( 10 नवंबर) को जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। अर्नब गोस्वामी ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने अर्नब गोस्वामी को जमानत देने से इंकार करते हुए कहा था कि वो जमानत के लिए निचली अदालत में जाएं। अर्नब को आर्किटेक्ट एवं इंटिरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां को कथित रूप से आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
हाई कोर्ट का अर्नब को अंतरिम जमानत देने से इनकार Advertisement Powered By PLAYSTREAM सोमवार (09 नवंबर) को बॉम्बे हाई कोर्ट ने अर्नब गोस्वामी को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। जस्टिस एस के शिंदे और एम एस कार्णिक की खंडपीठ ने कहा था कि जमानत के लिए अर्नब गोस्वामी सेशन कोर्ट (निचली अदालत) में अपनी याचिका दायर कर सकते हैं।कोर्ट ने कहा था कि सेशन कोर्ट में चार दिन में आवेदन पर फैसला लिया जा सकता है। पीठ ने यह भी कहा था कि हाई कोर्ट की ओर असाधारण शक्तियों के इस्तेमाल के लिए अन्य विकल्प मौजूद हैं। 18 नवंबर तक अर्नब हिरासत में महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में स्थित अलीबाग की एक अदालत ने अर्नब गोस्वामी और दो अन्य आरोपियों को 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।अर्नब को अलीबाग जेल से शिफ्ट कर तलोजा जेल कर दिया गया है। अर्नब गोस्वामी और दो अन्य लोगों के खिलाफ महाराष्ट्र पुलिस ने आईपीसी की धारा 306 और 34 के तहत मामला दर्ज किया है।
सोमवार (09 नवंबर) को बॉम्बे हाई कोर्ट ने अर्नब गोस्वामी को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। जस्टिस एस के शिंदे और एम एस कार्णिक की खंडपीठ ने कहा था कि जमानत के लिए अर्नब गोस्वामी सेशन कोर्ट (निचली अदालत) में अपनी याचिका दायर कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा था कि सेशन कोर्ट में चार दिन में आवेदन पर फैसला लिया जा सकता है।पीठ ने यह भी कहा था कि हाई कोर्ट की ओर असाधारण शक्तियों के इस्तेमाल के लिए अन्य विकल्प मौजूद हैं। 18 नवंबर तक अर्नब हिरासत में महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में स्थित अलीबाग की एक अदालत ने अर्नब गोस्वामी और दो अन्य आरोपियों को 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अर्नब को अलीबाग जेल से शिफ्ट कर तलोजा जेल कर दिया गया है। अर्नब गोस्वामी और दो अन्य लोगों के खिलाफ महाराष्ट्र पुलिस ने आईपीसी की धारा 306 और 34 के तहत मामला दर्ज किया है। - बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने NDTV से कहा कि 'मोदीजी की छवि ने हमें इस चुनाव में आगे बढ़ाया है. हम शाम तक सरकार गठन और नेतृत्व पर फैसला लेंगे.'उनके इस बयान से ऐसा प्रतीत होता है कि बीजेपी राज्य में मुख्यमंत्री के नए चेहरे पर विचार कर सकती है.
नई दिल्ली : Bihar Assembly Election Results : बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आने लगे हैं. दोपहर 12 बजे तक के रुझानों में एनडीए (NDA Early Trends) को अच्छी बढ़त मिलती दिख रही है. हालांकि, बिहार में एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने का नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का सपना इस बार पूरी तरह से उनकी सहयोगी पार्टी बीजेपी के भरोसे पर रह गया है. सुबह 11.30 बजे तक के रुझानों के मुताबिक, बीजेपी को बिहार में सबसे ज्यादा सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं.
खुद नीतीश कुमार की परफॉर्मेंस अपेक्षा के मुताबिक खराब रही है और पहली बार ऐसा हो रहा है कि वो पीएम मोदी की पार्टी के साथ गठबंधन के जूनियर पार्टनर बनते दिख रहे हैं. हालांकि, नीतीश कुमार के करीबी नेताओं का कहना है कि 'ब्रांड नीतीश' अभी धूमिल नहीं पड़ा है, लेकिन उनका यह मानना है कि इस बार एंटी-इन्कंबेंसी नीतीश का खेल बिगाड़ सकती है.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने NDTV से कहा कि 'मोदीजी की छवि ने हमें इस चुनाव में आगे बढ़ाया है. हम शाम तक सरकार गठन और नेतृत्व पर फैसला लेंगे.'उनके इस बयान से ऐसा प्रतीत होता है कि बीजेपी राज्य में मुख्यमंत्री के नए चेहरे पर विचार कर सकती है. जब उनसे इस इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि चुनावी रुझान के हिसाब से नतीजे आते हैं तो बीजेपी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने के 'वादे को निभाएगी'
इधर, नीतीश कुमार की टीम ने चुनावों में जेडीयू के खराब प्रदर्शन के पीछ कोविड और चिराग पासवान को जिम्मेदार ठहराया है. 38 साल के चिराग, जो केंद्र में बीजेपी के सहयोगी हैं, ने बिहार में पूरे कैंपेन के दौरान नीतीश कुमार को निशाना बनाए रखा है. इसपर जेडीयू के प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि 'बीजेपी को चिराग पासवान को शुरू से ही अलग-थलग करना चाहिए था, उनपर शुरू से नियंत्रण किया जाना चाहिए था.' पार्टी का मानना है कि चिराग पासवान ने नीतीश के वोट बैंक में सेंध लगाई है.
दिलचस्प है कि बीजेपी के आलोचकों और नीतीश कुमार व उनके सहयोगियों का पूर्वानुमान था कि चिराग पासवान को बीजेपी ने ही बगावत करने को कहा था, या फिर कम से कम, उन्हें बीजेपी से इसकी अनुमति मिली थी, ताकि नीतीश का दायरा छोटा किया जा सके. ऐसा होने की स्थिति में पुराने सहयोगी के भविष्य का फैसला बीजेपी के हाथों में आ जाएगा
- अहमदाबाद : दक्षिण गुजरात के सूरत ग्रामीण भरूच इलाके में शनिवार दोपहर भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 बताई जा रही है। गुजरात में पिछले कुछ माह से भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। शनिवार अपरान्ह 3:40 पर 4.3 की तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया।भूकंप का केंद्र भरूच से 36 किलोमीटर दूर नैत्रंग मोटा माल पर बताया जा रहा है। सूरत, भरूच, नर्मदा, अंकलेश्वर, खेड़ा व वडोदरा आदि शहरों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।इन जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों तथा खेतों में भी लोगों ने भूकंप का झटका महसूस किया। भूकंप का झटका लगते ही लोग अपने अपने मकानों तथा फ्लैट से बाहर निकल गए।
इससे पहले गत जून में गुजरात में 24 घंटे के भीतर तीन बार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। पहला झटका रविवार की रात लगा और भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.5 रही थी। इसके बाद सोमवार दोपहर एक से शाम चार बजे के बीच कच्छ में भूकंप के दो और झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इनकी तीव्रता 4.6 व 4.1 रही। भूकंप का केंद्र भचाऊ था।कच्छ में दोपहर 12:59 बजे भूकंप का तेज झटका महसूस किया गया। लोग अभी संभले ही थे कि शाम 3:56 बजे दोबारा भूकंप आ गया। इससे लोग सहम गए।
वर्ष 2001 में आए विनाशकारी भूकंप की यादें ताजा हो गईं। इंडियन सिस्मोलॉजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार, रविवार रात से सोमवार शाम तक भूकंप के तीन झटके आए हैं। भूकंप का केंद्र भचाऊ से सिर्फ 15 किलोमीटर दूर रहा। भूगर्भ वैज्ञानिकों का कहना है कि कच्छ भूकंप की दृष्टि से सबसे खतरनाक जोन-5 में आता है।इस जोन में रिक्टर पैमाने पर 8 की तीव्रता वाला भूकंप भी आ सकता है। गुजरात में रविवार रात 8.13 बजे भूकंप आया था, जिसके बाद लोगों में डर का माहौल बन गया और लोग अपने घरों से बाहर निकल गए। भूकंप का केंद्र कच्छ में भचाऊ के पास 15 किलोमीटर अंदर रहा है। इस भूकंप के बाद कच्छ के कई घरों में दरारें तक आ गईं थीं। - मधुबनी : बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए 78 विधानसभा सीटों पर जारी मतदान के बीच मधुबनी के बेनीपट्टी विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी नीरज झा की मौत हो गई है. मिली जानकारी अनुसार नीरज की तबीयत चुनाव के नॉमिनेशन दिन खराब हुई थी. इसके बावजूद कुछ दिन दवाई खाकर उन्होंने चुनाव प्रचार भी किया.
हालांकि, बाद में तबियत बिगड़ने पर जांच की गई तो वे कोरोना पॉजिटिव पाए गए, जिसके बाद इलाज के लिए पहले मधुबनी में फिर एम्स में भर्ती हुए, जहां आज सुबह उनकी मृत्यु हो गई गई.
बता दें कि NSUI से राजनीतिक कैरियर की शुरुआत करने वाले नीराज झा वर्ष 1983 में मैट्रिक पास करने के बाद से राजनीति में सक्रिय थे. एमए पास करने के बाद वो पूर्व-रूप से राजनीति से जुड़े. उसके बाद 1992-93 तक NSUI के जिलाध्यक्ष रहे. फिर 2004 से 2008 तक यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रहे. जिला कांग्रेस के महामंत्री और जिला कांग्रेस कमिटी सहित के सदस्य भी रहे. 2012 में जदयू जॉइन किया, जहाँ 2015 से उपाध्यक्ष थे. - मुख्यमंत्री ने जंगल सफारी नवा रायपुर में वन्य प्राणियों के लिए नवनिर्मित 7 बाड़ों का किया लोकार्पण
जंगल सफारी में बाड़ों की संख्या बढ़कर हुई 18
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कल अपने निवास कार्यालय से नवा रायपुर स्थित नंदनवन जंगलसफारी एवं जू में वन्य प्राणियों के लिए नवनिर्मित 7 बाड़ों का ई-लोकार्पण किया। नंदनवन जंगल सफारी के नवनिर्मित सात बाड़ों में लोमड़ी, सियार, चौसिंगा, काला हिरण, कोटरी, नीलगाय तथा लकड़बग्गा का बाड़ा शामिल है। इसे मिलाकर वर्तमान में वहां जंगल सफारी में कुल बाड़ों की संख्या 18 हो गई है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित लोकार्पण कार्यक्रम में वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी, संसदीय सचिव श्री चन्द्रदेव राय उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने नवीन बाड़ों का लोकार्पण करते हुए नंदनवन जंगल सफारी जू नवा रायपुर को पर्यटकों के लिए और अधिक आकर्षक बनाने की दिशा में वन विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि पर्यावरण और प्रकृति के सम्मान के साथ विकास हमारी प्राथमिकता है। छत्तीसगढ़ राज्य की विलक्षण जैव-विविधता हमारी पहचान है। इस पहचान को आगे बढ़ाने के लिए वन्य प्राणियों का संरक्षण जरूरी है। उन्होंने इस अवसर पर बताया कि जंगल सफारी में वन्य प्राणियों को उनकी पसंद के अनुरूप वातावरण में रखने के लिए 37 बाड़ों के निर्माण का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि जंगल सफारी नवा रायपुर में वन्य प्राणियों के लिए लगातार बाड़ों का निर्माण किया जा रहा है। वन विभाग द्वारा जंगल सफारी में निर्मित विभिन्न बाड़ों से जैव विविधता के संरक्षण तथा संवर्धन में भी मदद मिलेगी। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए वन मंत्री श्री अकबर ने कहा कि जंगल सफारी और जू का निर्माण वन्य प्राणियों के व्यवस्थित प्रबंधन तथा प्राकृतिक परिवेश को बनाए रखने के लिए किया गया है। इसी कड़ी में नंदनवन जंगल सफारी एवं जू नवा रायपुर के निर्माण में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इससे विलुप्त प्राय वन्य प्राणी की प्रजातियों के संवर्धन तथा संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही आम आदमी तथा सैलानियों को विभिन्न वन्य प्राणियों को नजदीक से देखने का बेहतर मौका उपलब्ध होगा।गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा गत वर्ष 2019 में 5 अक्टूबर को जंगल सफारी नवा रायपुर में 11 बाड़ों का लोकार्पण किया गया था। इनमें रायल टायगर, लायन, लेपड़, सफेद बाघ, कछुआ, दरियाई घोड़ा, घड़ियाल, ऊद बिलाव, बंगाल मॉनीटर लिजॉर्ड-गोह, क्रोको डायल तथा वन भैंसा आदि बाड़ा शामिल है। नंदनवन जंगल सफारी एवं जू, नवा रायपुर में उपलब्ध नैसर्गिक वन के साथ-साथ लगभग 200 हेक्टेयर क्षेत्र में 1978-80 के मध्य रोपित किए गए विभिन्न प्रजातियों के वृक्षारोपण आज प्राकृतिक वन के रूप में विकसित हो चुके हैं। जंगल सफारी के इस अलौकिक क्षेत्र में एक सर्वेक्षण के मुताबिक लगभग 70 प्रजातियों के पेड़-पौधे, 12 विभिन्न प्रजातियों के वन्य प्राणी, 18 सर्व वर्ग के प्राणियों के साथ-साथ लगभग 76 विभिन्न प्रजातियों के प्रवासी पक्षी जैव विविधता में अपना विशिष्ठ स्थान रखते हैं, जो वन्य प्राणियों के लिए आदर्श रहवास स्थल के रूप में उपयोग में आ रहा है।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन श्री मनोज पिंगुआ, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) श्री पी.व्ही. नरसिंगा राव, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री अरूण पाण्डेय तथा मुख्य वन संरक्षक श्री जे.आर. नायक सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। - एजेंसीरोहतक : Gurmeet Ram Rahim parole : रेप और हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा के मुखिया गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim Singh) को 24 अक्टूबर को गुपचुप तरीके से पैरोल दिया गया था।हरियाणा में सीएम मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली बीजेपी-जेजेपी की गठबंधन (Haryana BJP-JJP coalition government) सरकार ने बाब राम रहीम को 24 अक्टूबर को एक दिन के लिए पैरोल दिया था। रेप और हत्या मामले में दोषी पाए गए बाबा राम रहीम हरियाणा के रोहतक जेल में बंद है।
ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि राम रहीम को अपनी बीमार मां से मिलने के लिए एक दिन का 24 अक्टूबर को पैरोल दिया गया था। राम रहीम की मां गुरुग्राम एक अस्पताल में भर्ती हैं।मां से मिलवाने के लिए गुरमीत राम रहीम को सुनियार जले से भारी सुरक्षा के साथ गुरुग्राम के हॉस्पिटल ले जाया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा पुलिस के 80 से 100 जवानों की एक टीम राम रहीम को लेकर अस्पताल पुलिस वैन में पहुंची थी।पुलिस वैन के अंदर चारों तरफ से पर्दा लगा हुआ था। अस्पताल के बेसमेंट पार्किंग में पुलिस वैन खड़ी की हुई थी। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, रोहतक एसपी राहुल शर्मा ने कहा है कि उन्हें जेल सुपरिंटेंडेंट से राम रहीम के गुरुग्राम जाने के लिए सुरक्षा देने के लिए कहा गया था। इसलिए हमने 24 अक्टूबर की सुबह से शाम तक राम रहीम को सुरक्षा दी। अस्पताल में जाने और वहां जेल में आने तक सबकुछ शांति से हुआ।
रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इस बारे में सिर्फ राज्य के सीएम मनोहर लाल खट्टर और कुछ वरिष्ठ हरियाणा के सरकारी अधिकारियों को ही जानकारी थी। पुलिस के जवानों को भी इस बात का पता नहीं था कि आखिर वो किस को सुरक्षा देकर एस्कॉर्ट कर रहे हैं। - आरा डीएसपी पंकज रावत ने बताया कि बाइक सवार अज्ञात अपराधियों ने वारदात को अंजाम दिया है. आपसी विवाद में इस घटना को अंजाम देने की बात सामने आ रही है. पुलिस सभी बिंदुओं पर छानबीन कर रही है.
आरा : बिहार के आरा में शुक्रवार को अपराधियों ने युवक को गोलियों से भून दिया है. अपराधियों ने दिनदहाड़े बीच सड़क पर कई राउंड फायरिंग कर युवक की हत्या की कर दी और फरार हो गए. इधर, घटना की सूचना पाकर भोजपुर पुलिस मौके पर पहुंची और घटना की छानबीन में जुटी गई है. घटना जिले के आरा नगर थाना क्षेत्र के गांगी इलाके की है.
मृतक की पहचान धनजी उर्फ़ धनंजय राम के रूप में की गई है, जो कामाख्या राम का बेटा बताया जा रहा है. स्थानीय लोगों ने बताया कि मृतक उसी इलाके का रहने वाला है. उसका घर गौसगंज में ही है. स्थानीय लोगों के मानें तो अपराधियों द्वारा 12 से ज्यादा राउंड फायरिंग की गई है.
बताया जा रहा है कि कई गोलियां धनंजय राम के सर और शरीर पर लगी, जिस कारण घटनास्थल पर ही उसने दम तोड़ दिया. बता दें कि धनंजय राम एक एजेंट था, जो ऑटो की एजेंटी वसूलता था.
इस वारदात के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है. इलाके की पूरी दुकानें बंद हो गई हैं. इधर, मौके पर पहुंचे आरा डीएसपी पंकज रावत ने बताया कि बाइक सवार अज्ञात अपराधियों ने वारदात को अंजाम दिया है. आपसी विवाद में इस घटना को अंजाम देने की बात सामने आ रही है. पुलिस सभी बिंदुओं पर छानबीन कर रही है. - गाजियाबाद : दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में शुक्रवार को एक फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। सूचना पर दमकल की 4 गाड़ियां मौके पर पहुंची और काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका।फिलहाल, आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है। बताया जा रहा है कि आग लगने से फैक्ट्री के अंदर मौजूद लाखों रुपए का माल जलकर राख हो गया है।बता दें, इससे पहले मंगलवार को गाजियाबाद में टीलामोड़ थाना क्षेत्र के भोपुरा कुटी के पास बनी झुग्गियों में आग लग गई थी। हादसे में 500 झुग्गियां जलकर राख हो गई थीं।
जानकारी के मुताबिक, गाजियाबाद जिले के थाना मसूरी क्षेत्र के डासना इलाके में डीसीएम फैक्ट्री है। शुक्रवार सुबह फैक्ट्री में लोगों ने धुंआ निकलते देखा। जब तक कोई कुछ समझ पाता तब तक आग ने विकराल रूप ले लिया।धीरे-धीरे आग पूरी फैक्टी में फैल गई। फैक्ट्री में आग लगने से हड़कंप मच गया। इलाके में अफरा तफरी मच गया। फैक्ट्री कर्मचारियों ने आग पर काबू पाने की कोशिश की, साथ ही दमकल विभाग को सूचना दी।
लाखों रुपए का माल जलकर राख सूचना मिलते ही दमकल की चार गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग बुझाने के कार्य में जुट गईं। बताया जा रहा है कि आग पर काफी मशक्कत के बाद काबू पा लिया गया है। फैक्ट्री की ओर से बताया गया है कि आग के कारण अंदर रखा गया लाखों रुपए का माल जलकर राख हो गया। फिलहाल, आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है। माना जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी है। - सतीश पारख उतई
नेत्रहीन महिला का बना प्रधान मंत्री आवास गलत तरीके से तुड़वाने वालों पर क्या होगी कार्यवाही
ये है मामला-नगर पंचायत उतई वार्ड 03 अंतर्गत नेत्रहीन महिला श्रीमती दुर्गी बाई पति श्री रामेश्वर साहू के नाम विगत 40/50 वर्षों से निवासरत वर्तमान प्रचलित आबादी भूमि 970/1 पर प्रधान मंत्री आवास स्वीकृत हो निर्मित किया गया था जो कि कब्जा नुसार पटवारी द्वारा कब्जा के आधार पर मौका देखकर ही आबादी नक्सा खसरा दिया गया होगा तदुपरांत ही वहां प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत व निर्मित किया गया ।
चुकी उक्त भूमि से लगा पुराना खसरा नम्बर 356/5 जवरीलाल पारख के नाम की भूमि उनके ही कब्जे में थी जिस पर लंबे न्यायालयीन कार्यवाही के बाद जवरीलाल पारख के वारिसान की ओर से प्राप्त अधिकार के तहत उनके पुत्र प्रफुल्ल पारख के नाम हक में न्यायालय द्वारा 21 बाई 64 की भूमि खाली करवा कर कब्जा देने का आदेश मा.नायब तहसीलदार दुर्ग को हुवा था जिसका परिपालन मौके पर किया जाना था किंतु उक्त आदेशीत भूमि के बाहर बने एक नेत्रहीन महिला के प्रधानमंत्री आवास को भी शायद न्यायालय आदेशित हक भूमि स्वामी के साथ मिलकर तुड़वा दिया गया ।माननीय,....
एक गरीब नेत्रहीन महिला जो हर दृष्टिकोण से कमजोर है क्या उसे न्याय मिलेगा...मौका निरीक्षण कर नापी करने से मामला पूर्णतया दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा..चूंकि लाभार्थी एक गरीब नेत्रहीन महिला व केंद्रीय योजना जिसका इतना बड़ा मजाक बनाया गया जिसमें जांच व दोषियों पर कार्यवाही का आग्रह है की जिसके द्वारा भी यह अन्यायपूर्ण कार्यवाही की गई है उनसे निर्मित आवास की राशि की वसूली के साथ साथ दोषी व्यक्ति के खिलाफ न्यायलयीन मुकदमा दर्ज करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाय
प्रतिलिपि1. माननीय.PMO नई दिल्ली2. माननीय मुख्यमंत्री छ ग3. माननीय केबिनेट मंत्री व स्थानीय विधायक4. लोकसभा सांसद दुर्ग5. राज्यसभा सांसद जी6. अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व)दुर्ग7. संयुक्त संचालक नगरीय निकाय दुर्ग सम्भाग
प्रधानमंत्री कार्यालय नई दिल्ली व मुख्यमंत्री सचिवालय रायपुर ...स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजाबाकी सभी को ज्ञापन सौंपा
मौके पर नेत्रहीन महिला दुर्गी बाई साहू स्वयम सहिंत साथी रजा रिजवी व शुभम सोनी दुर्ग
सतीश पारख उतई7869093377 - एजेंसीपटना : Bihar Chunav 2020 कोरोना काल में हो रहे विधानसभा चुनाव में वोटरों और राजनीतिक दलों के लिए कोरोना कोई मसला ही नहीं रहा। अलग-अलग चरण के लिए राजनीतिक दलों ने अपने मुद्दे क्षेत्र के हिसाब से तय किए।घोषणा पत्र पर बातें बहुत कम हुईं। वैसे, नीतीश कुमार ने अपने सात निश्चय-2 की बातें हर चरण में कीं और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव ने दस लाख युवाओं के लिए रोजगार का मुद्दा आगे किए रहा।
पहले चरण में एनडीए ने नक्सलवाद व विकास का मसला आगे किया
पहले चरण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली सभा सासाराम, गया और भागलपुर में की। इस दौरान महागठबंधन पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जिन्होंने नक्सलियों को खुली छूट दी, वहीं लोग आज एनडीए का विरोध कर रहे। विधि-व्यवस्था पर भी उन्होंने अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि 90 के दशक में बिहार की यह स्थिति थी कि लोग अगर रात में रेलवे स्टेशन पर उतरे तो घर नहीं जाते थे।सारी रात डर के मारे स्टेशन पर गुजारते थे। नीतीश कुमार ने पहले चरण में विकास से जुड़ी बातें करते रहे। इस दौरान उन्होंने अपने सात निश्चय-2 की योजनाओं का जिक्र सभी सभाओं में अनिवार्य रूप से किया।यह बताया कि अगर उन्हें दोबारा मौका मिला तो वह क्या करेंगे। वहीं, महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के दावेदार राजद नेता तेजस्वी यादव ने दस लाख युवाओं के लिए पहले हस्ताक्षर से नौकरी की बात को बड़े ही मारक अंदाज में आगे किया।
दूसरे चरण में एनडीए ने जंगलराज को आगे कर दिया
दूसरे चरण की चुनावी सभाओं में एनडीए ने जंगलराज के मुद्दे को आगे कर दिया। एनडीए ने तेजस्वी यादव के लिए जंगलराज के युवराज के विशेषण को आगे करना शुरू किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छपरा की अपनी सभा में इस बात पर जोर दिया किया, जिन लोगों के पंद्रह वर्षों के शासनकाल में जंगलराज रहा, उन्हें हराएं। परिवारवाद की बात भी मुखर रही दूसरे चरण में।राजद और कांग्रेस का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि कुछ लोग अपने परिवार के कल्याण के लिए काम कर रहे। वहीं न तो मेरे और न ही नीतीश कुमार के परिवार का कोई सदस्य राजनीति में नहीं है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपनी सभाओं में जंगलराज की बात कही। दानापुर में तो उन्होंने यहां तक कहा कि जिस तरह से कारोबारियों को परेशान किया गया, उसे याद कीजिए।
तीसरे चरण की चुनावी सभाओं में सीएए पर चर्चा शुरू हो गयी
तीसरे चरण का चुनाव जिन विधानसभा क्षेत्रों में हो रहा, उनमें अल्पसंख्यक बहुल इलाके काफी हैं। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीमांचल की एक सभा में यह कहा कि अगर कोई घुसपैठिया भारत में की सीमा में प्रवेश करने का कुत्सित प्रयास कर रहा है तो उसे निकाल बाहर निकालने का भी प्रयास करेेंगे।वहीं, नीतीश कुमार ने इस मसले पर अपना स्टैैंड साफ करते हुए चुनावी सभा में कहा कि ये सब फालतू बात है। कौन किसी को देश से बाहर करेगा? कैसी बात करते रहते हैैं यूं ही? -
टीकों के सुरक्षित संधारण के लिए प्रदेश में 530 कोल्ड-चेन प्वाइंट, 80 नए प्वाइंट और शुरू किए जाएंगे – स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव
छत्तीसगढ़ में भी कोविड-19 टीकाकरण के लिए प्रारंभिक तैयारियां शुरू हो गई है। इसके लिए भारत सरकार के निर्देशों के अनुरूप प्रदेश के सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य संस्थाओं में कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकताओं का डॉटा-बेस तैयार किया जा रहा है। यह डॉटा-बेस टीकाकरण के लिए प्राथमिकता तय करने में सहायक होगा। डॉटा-बेस में नाम शामिल होने का तात्पर्य यह नहीं है कि उनका अनिवार्यतः टीकाकरण किया जाएगा। इस संबंध में निर्णय भारत सरकार द्वारा लिया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने बताया कि टीकों के भंडारण एवं संधारण के लिए राज्य के पास पर्याप्त व्यवस्था है। इनके सुरक्षित संधारण के लिए अभी 530 कोल्ड-चेन (शीत श्रृंखला) प्वाइंट क्रियाशील हैं। साथ ही 80 नए कोल्ड-चेन प्वाइंट भी शुरू किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में टीकों की कुल संधारण क्षमता एक लाख पांच हजार लीटर है जो कि आवश्यकता से 60 हजार लीटर अधिक है। इस क्षमता को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए नया वॉक-इन-कूलर उपलब्ध कराया गया है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 टीकाकरण की तैयारी और सुचारू संचालन हेतु बेहतर अंतर्विभागीय समन्वय के लिए राज्य टास्क फोर्स समिति का गठन किया गया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय स्टीयरिंग समिति का भी गठन किया जा रहा है। सभी जिलों में भी जिला टास्क फोर्स समिति के गठन के आदेश दिए गए हैं। कोविड-19 टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन संचालक राज्य नोडल अधिकारी होंगी तथा राज्य टीकाकरण अधिकारी सहायक नोडल अधिकारी होंगे। जिलों के लिए नोडल अधिकारी संबंधित कलेक्टर तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सहायक नोडल अधिकारी होंगे। भारत सरकार द्वारा इस संबंध में प्राप्त निर्देशों के मुताबिक आगे की कार्यवाही की जाएगी। - जलगांव : महाराष्ट्र के जलगांव जिले में पूर्व मेयर अशोक सपकाले के बेटे की बीती रात हत्या कर दी गई है। बताया जा रहा है कि हत्या किसी धारदार हथियार से की गई है। घटना रात के करीब 11.30 बजे शिवाजी क्षेत्र के कब्रिस्तान के पास की है।अशोक सपकाले के बेटे राकेश सपकाले की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। उनकी उम्र महज 28 साल थी। बताया जा रहा है कि इस मामले में तीन लोग शामिल हैं। हमले के बाद राकेश को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उससे पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस हत्या के बाद से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है और शहर की पुलिस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस फिलहाल मामले में जांच कर रही है। पुलिस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि हत्या के इस मामले में लड्डू गैंग का हाथ हो सकता है। गैंग से जुडे़ दो लोगों को फिलहाल हिरासत में लिया गया है। इनसे पुलिस पूछताछ कर रही है।
पुलिस का कहना है कि वह जल्द ही सभी आरोपियों को पकड़ लेगी, इनकी तलाश की जा रही है। जलगांव में बीते कुछ समय से अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। इससे पहले जिले में एक ही परिवार के चार बच्चों की भी हत्या हो गई थी। इन्हें कुलहाड़ी से मारा गया था। लोग इस घटना के बाद से काफी गुस्से में हैं और बढ़ते अपराधों के कारण लोगों में डर का माहौल है। अब बुधवार रात एक और हत्या होने से लोगों में गुस्सा है। शुरुआती जांच में मामले को आपसी रंजिश से जुड़ा बताया जा रहा है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है और इस घटना के पीछे छिपे वास्तविक कारण का पता लगाने की कोशिश कर रही है। - गुजरात : अहमदाबाद में बुधवार को पिपलाज रोड पर स्थित एक कपड़ा गोदाम में आग लगने की खबर सामने आई है. आग की चपेट में आने से अब तक 9 लोगों की मौत हो गई है.
घटनास्थल पर मौजूद लोगों के मुताबिक, एक केमिकल यूनिट में करीब पांच बार विस्फोट की आवाज आई और कपड़ा गोदाम आग से धधका उठा. बताया जा रहा है कि कपड़ा तैयार करने और पैकिंग करने वाले गोदाम में आग से लाखों का माल जल गया है. चार मजदूरों के जलकर मरने की पुष्टि हो चुकी है.
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अहमदाबाद फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज के प्रमुख मिनोच दस्तूर के मुताबिक, कपड़ा गोदाम में आग उससे सटे प्लांट में विस्फोट के कारण लगी. रासायनिक कारखाने के बगल में ही कपड़ा गोदाम स्थित था. जिसकी दीवार गिर गई और आग लग गई. -
नई दिल्ली : बॉलीवुड एक्टर फराज खान (Faraaz Khan) का निधन हो गया है. एक्टर काफी दिनों से बीमार थे और उनका बैंगलुरु के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था. फराज खान (Faraaz Khan Death) के निधन की जानकारी एक्ट्रेस पूजा भट्ट (Pooja Bhatt) ने ट्वीट कर दी है. फराज खान 46 के थे. फिल्म मेहंदी में फराज खान ने रानी मुखर्जी के साथ काम किया था. इस फिल्म में उनके काम को काफी सराहा भी गया था. फराज खान (Faraaz Khan) के निधन के बाद एक बार फिर से फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ पड़ी है.
फराज खान (Faraaz Khan) के निधन पर पूजा भट्ट (Pooja Bhatt) ने ट्वीट किया: "भारी दिल के साथ इस खबर को आपसे बता रही हूं कि फराज खान हम सभी को छोड़कर चले गए हैं. उम्मीद है कि वह अब बेहतर दुनिया में होंगे. आप सभी ने जो मदद की उसके लिए धन्यवाद. आप सभी मदद के लिए आगे आए, जब फराज के परिवार को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी. फराज के परिवार को दुआओं में याद रखें. फराज की जगह वह कोई नहीं भर सकता." पूजा भट्ट ने इस तरह इस खबर की जानकारी दी है.
पूजा भट्ट (Pooja Bhatt) ने बीते दिनों फराज खान (Faraaz Khan) के लिए आर्थिक सहायता की अपील की थी. उनकी मदद के लिए सलमान खान भी आगे आए थे. बता दें कि फराज खान को 1990 के दशक के अंत में और 2000 के दशक की शुरुआत में कुछ लोकप्रिय बॉलीवुड फिल्मों में देखा गया था, जैसे फरेब और मेहंदी. वह अभिनेता यूसुफ खान के बेटे थे. - नई दिल्ली : देश के दिल यानी दिल्ली में प्रदूषण कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है, मंगलवार सुबह भी यहां धुंध की सफेद चादर छाई रही और हवा की क्वालिटी काफी खराब दर्ज की गई है, सीपीसीबी के मुताबिक महानगर दिल्ली में प्रति घंटे का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 371 पर बना हुआ है, जो बेहद खराब श्रेणी है, राजधानी के आईटीओ, कॉमनेल्थ गेम्स और प्रगति मैदान के आसपास मंगलवार सुबह भारी स्मॉग देखा गया है, जिससे सुबह की सैर करने निकले लोगों को भी सांस लेने में थोड़ी तकलीफ महसूस हुई।
तो वहीं राजधानी में बढ़ते प्रदूषण पर जमकर राजनीति भी हो रही है। सोमवार को दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने पराली जलाए जाने (Stubble Burning) के मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस पर जमकर प्रहार किया, उन्होंने कहा कि दिल्ली के प्रदूषण (Delhi Pollution) में पराली जलाने की हिस्सेदारी बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई है, लेकिन विपक्षी दल इसे मानने को तैयार नहीं है और ना ही वो इसे रोकने के उपाय कर रही है।
दिल्ली की सिरदर्द इसलिए भी बहुत ज्यादा है क्योंकि कुछ ही दिनों में दिवाली आने वाली है , जिसमें लोग जमकर आतिशबाजी करते हैं। यहां की हवा अभी से इतनी जहरीली है तो दिवाली के बाद हालात और भी अधिक बिगड़ सकते हैं, हालांकि लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए अब दिल्ली ने ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी है।
दिल्ली की सिरदर्द इसलिए भी बहुत ज्यादा है क्योंकि कुछ ही दिनों में दिवाली आने वाली है , जिसमें लोग जमकर आतिशबाजी करते हैं। यहां की हवा अभी से इतनी जहरीली है तो दिवाली के बाद हालात और भी अधिक बिगड़ सकते हैं, हालांकि लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए अब दिल्ली ने ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी है।
सके अलावा दिल्ली सरकार ने एक एप लॉन्च किया है। जिसका नाम है 'ग्रीन दिल्ली' एप, जिसके आने के बाद अब लोग को अगर अपने आसपास कहीं भी प्रदूषण देखें तो इसकी शिकायत कर सकते हैं। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद दिल्ली में प्रदूषण का रौद्र रूप जारी है और अगर दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण इसी तरह से बढ़ता रहा तो ये कोरोना वायरस से जंग लड़ रही राजधानी के अच्छी खबर नहीं होगी, इस मामले में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया कह चुके हैं कि त्योहारी मौसम में बढ़ता प्रदूषण, कम होता तापमान, बढ़ती भीड़ आदि से हर कोई जोखिम में है। वहीं जो लोग 'लॉन्ग कोविड' का सामना कर चुके हैं, उन्हें ऐसे में फ्लू की वैक्सीन ले लेनी चाहिए। - मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की 12 वीं कड़ी का प्रसारण 8 नवम्बर, रविवार को होगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल लोकवाणी में इस बार ‘बालक-बालिकाओं की पढ़ाई, खेलकूद, भविष्य’ विषय पर प्रदेशवासियों से बात करेंगे।लोकवाणी का प्रसारण छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केन्द्रों, एफ.एम. रेडियो और क्षेत्रीय समाचार चैनलों से सुबह 10.30 से 11 बजे तक होगा।
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छत्तीसगढ़ बन रहा देश का नया मॉडल राज्य
सांसद श्री राहुल गांधी की वर्चुअल उपस्थिति में प्रदेशवासियों को मिली कई सौगातेंकिसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरी किश्त की राशि 1500 करोड़ रूपए अंतरित
स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल और 30 नगरीय स्लम एरिया में मोबाइल हॉस्पिटल सह लैबोरेटरी का शुभारंभ
हमारी जनकल्याण की योजनाएं और उपलब्धियां राष्ट्रीय स्तर पर रेखांकित हुई: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के मौके पर लोकसभा सांसद श्री राहुल गांधी की वर्चुअल उपस्थिति में आज राज्य के 19 लाख किसानों के खाते में राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरी किश्त 1500 करोड़ रूपए अंतरित किए गए।मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित राज्योत्सव कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत एवं मंत्रीगणांे की विशेष मौजूदगी में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल योजना और मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत राज्य के 30 नगरीय स्लम एरिया में मोबाइल हॉस्पिटल-सह-लैबोरेटरी का शुभारंभ भी हुआ।समारोह में नेता प्रतिपक्ष श्री धरमलाल कौशिक, सांसद श्री पी.एल. पुनिया एवं विधायक श्री मोहन मरकाम सहित अन्य विधायकगण, जनप्रतिनिधि एवं जिलों से अन्य लोग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।
सांसद श्री राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ के लोगों को राज्योत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि किसान और मजदूर देश की नींव है। इनके कमजोर होने से देश कमजोर होगा। सांसद श्री राहुल गांधी ने कहा कि देश वर्तमान समय में कोविड-19 के कारण मुश्किल दौर से गुजर रहा है। ऐसे समय में जो कमजोर हैं, उन्हें ज्यादा कठिनाई होती है। उन्होंने कहा कि देश में किसानों की हालत किसी से छुपी नही है।किसानों के आत्महत्या की खबरें लगातार आ रही हैं। हमें किसानों और मजदूरों की रक्षा करनी चाहिए, उनके साथ खड़ा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शहर की नींव गांव है और गांव की नींव किसान और मजदूर है।यदि किसान और मजदूर कमजोर होंगेे, तो पूरा देश कमजोर हो जाएगा। किसानों और मजदूरों की रक्षा का मतलब देश की रक्षा के साथ-साथ देश की नींव को मजबूत करना और भविष्य को बेहतर बनाना है। उन्होंने कहा कि इसी तरह देश के भविष्य की नींव बच्चे और युवा हैं। युवाओं को यदि बेहतर अवसर और भविष्य नहीं मिलेगा तो इससे देश कमजोर होगा।
सांसद श्री राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों, मजदूरों और गरीबों की भलाई के लिए शुरू की गई राजीव गांधी किसान न्याय योजना तथा स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल एवं मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना की तारीफ करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की ये तीनों योजनाएं नींव को मजबूत बनाने और उसकी रक्षा करने वाली है। इससे पूरे देश को मजबूती मिलेगी।श्री राहुल गांधी ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ ने पूरे देश को रास्ता दिखाया है। चाहे वो किसानों की मदद और जमीन की रक्षा का मामला हो, उद्योग धंधों को बढ़ावा देने एवं ग्रामीण और युवाओं को स्वावलंबी बनाने का काम हो। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में मंत्रि-मंडल एवं सहयोगियों की टीम पूरे विजन के साथ काम कर रही है।उन्होंने कहा कि देश में छत्तीसगढ़ एक नया मॉडल राज्य बन रहा है। किसानों, आदिवासियों के हितों की रक्षा और बेहतर शिक्षा की व्यवस्था करके युवाओं के भविष्य को गढ़ने का काम छत्तीसगढ़ राज्य में हो रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में इंग्लिश मीडियम स्कूल शुरू करके आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों एवं युवाओं को भी अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा सुलभ कराई है।
सांसद श्री राहुल गांधी ने देश में किसानों की वर्तमान स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि आज किसान परेशान है, उनके हितों की अनदेखी की जा रही है। केन्द्र सरकार द्वारा कृषि के क्षेत्र में पारित तीन नये कृषि कानूनों का उल्लेख करते हुए कहा कि कृषि उपज मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य का महत्वपूर्ण रोल है। इससे किसानों के हितों की रक्षा होती है।उन्होंने कहा कि किसी भी सिस्टम में कमियां हो सकती है। इसका ये मतलब नही है कि उसको खत्म कर दिया जाए। सिस्टम में सुधार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार में 2006 में मंडियों को खत्म करने के बाद से लगातार किसानों की स्थिति कमजोर हुई है। केन्द्र सरकार के इन तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ हम लड़ाई लड़ रहे हैं।पंजाब और छत्तीसगढ़ में इसका विरोध हुआ है। उन्होंने कहा कि हमने प्रधानमंत्री से इन तीनों कृषि कानूनों पर फिर से विचार करने और मंडी सिस्टम को मजबूत बनाने का आग्रह किया है। मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री इस पर पुर्नविचार जरूर करेंगे।
सांसद श्री राहुल गांधी ने कहा कि छत्तीसगढ़ एक यूनिक स्टेट है। यहां जल, जंगल, जमीन और प्राकृतिक सम्पदा भरपूर है। छत्तीसगढ़ गरीब नही है, जनता गरीब है। मुझे खुशी है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में हमारी सरकार ने इन विसंगतियों को दूर करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है।उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की राशि यहां के लोगों की बेहतरी और छत्तीसगढ़ को नये विजन के साथ आगे ले जाने के लिए खर्च की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य की दिशा में सरकार और उसकी पूरी टीम एक साथ मिलकर काम कर रही है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ राज्य के 21 वें स्थापना दिवस की सभी प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। श्री बघेल ने कहा कि हमें खुशी हैं कि पिछड़ेपन और असंतुलित विकास को दूर कर छत्तीसगढ़ के आम लोगों की भावना के अनुरूप विकास करने के छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माताओं की सोच के अनुरूप काम करने में हम सफल हुए हैं ।हमने पिछले 22 महीनों में ऐसी योजनाओं का क्रियान्वयन किया हैं जिसके मूल में छत्तीसगढ़ के गरीब, किसान, वनाश्रित, अनुसूचित जाति और पिछड़े लोगों का उत्थान है। इन योजनाओं के सफल परिणाम सभी क्षेत्रों में अब साफ तौर पर दिखने भी लगे हैं।रोजगार उपलब्धता, कृषि उत्पादन, भू-जल स्तर में वृद्धि, स्वच्छता, व्यापारिक और औद्योगिक क्षेत्र, जीएसटी के आंकड़े, बिजली उत्पादन आदि में हमारी सफलता राष्ट्रीय स्तर पर रेखांकित हो रही हैं। आदिवासी क्षेत्रों में संचालित पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार की योजनाओं की सफलता की प्रशंसा नीति आयोग और अन्य नीति निर्माता संस्थाओं ने की है।
श्री बघेल ने कहा कि बीते एक साल में मुख्यमंत्री सुपोषण योजना की बदौलत 67 हजार कुपोषित बच्चे कुपोषण के चक्र से बाहर आ गये हैं । राज्य में कुपोषित बच्चों की संख्या में 13.79 प्रतिशत की गिरावट आयी है । उन्होंने कहा श्रीमती सोनिया गांधी एवं श्री राहुल गांधी ने जो विजन दिया था, उस विजन को हम जमीन पर मूर्तरूप देने में कामयाब हो रहे हैं ।श्री राहुल गांधी के न्याय के विजन को हमने जिस तरह से कृषि क्षेत्र में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से मूर्तरूप दिया है। इससे छत्तीसगढ़ के सम्पूर्ण कृषि क्षेत्र के साथ साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में क्रान्तिकारी बदलाव आये है ।हमारी अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हुई है। उन्होंने कहा कि सही सोच और नीयत के साथ शुरू की गई कोई योजना लोगों के जीवन में किस तरह सकारात्मक परिवर्तन ला सकती है, राजीव गांधी किसान न्याय योजना इसका विलक्षण उदाहरण हैं ।
गोधन न्याय योजना का जिक्र करते हुए श्री बघेल ने कहा कि हमने गोबर संग्राहकों से गोबर खरीद कर उन्हें अभी तक 39 करोड़ रूपये का भुगतान किया है । इससे छत्तीसगढ़ के गांवो में ग्रामीणों को रोजगार और आय का अतिरिक्त जरिया मिला हैं । उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना गरीब गोपालकों के जीवन स्तर को उंचा उठाने, उन्हें रोजगार और आय के नये साधन उपलब्ध कराने के लिए बनायी गयी हैं।मुझे यह बताने में आज गर्व महसूस हो रहा हैं कि हम अपने उददेश्य में सफल हुए हैं। मैं यह भी कहना चाहंूगा कि अगर आपकी नीयत साफ हो और आपके मन में वास्तव में गरीबों का उत्थान करने की इच्छा हो, तो इस तरह की अनूठी योजना बनती है और सफल भी होती है ।
श्री बघेल ने कहा कि हमने केन्द्र सरकार के किसान विरोधी कानून से अपने राज्य के किसानों के साथ होने वाले अन्याय को रोकने का पुख्ता उपाय कर दिया हैं। मंडी एक्ट में संशोधन किया है अब हमारे राज्य के किसानों को कोई हानि नहीं होगी।राज्य के अधोसंरचना और औद्योगिक विकास की दिशा में भी हमने महत्वपूर्ण कदम उठाये है। हमने उद्योगों की स्थापना के लिए 25 एम.ओ.यू. किये है और 22 नवीन एम.ओ.यू. प्रस्तावित हैं। इससे राज्य में लगभग 20 हजार करोड़ का पूंजी निवेश होगा और लगभग 36 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।हमारे अथक प्रयासांे के बाद केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को धान से इथेनाल बनाने की योजना को अनुमति प्रदान की है। इससे हमारे किसानों की आय में अतिरिक्त इजाफा होगा। राज्य में इथेनाल बनाने के उद्योग लगने पर लगभग 10 हजार करोड़ का निवेश आने की संभावना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अधोसरंचना को सुदृढ़ करने का काम भी तेज गति से जारी हैं। धरसा विकास योजना के तहत गांव के कच्चे रास्तों को पक्का करने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा हैं । इससे ग्रामीणों और मवेशियों को बरसात सहित सभी मौसम में सुगम आवागमन की सुविधा मिलेगी ।उन्होंने कहा कि राज्य में कुल 13 हजार 230 करोड़ रूपये की लागत से सड़क और पुल-पुलिया के निर्माण की महत्वाकांक्षी योजना पर तेजी से काम कर रहे हैं। युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए हमने ई-श्रेणी में पंजीयन आरंभ किया हैं। उच्च गुणवत्ता की विद्युत उत्पादन में छत्तीसगढ़ देश में अव्वल है।हम आज आदिवासी बहुल बस्तर के बीजापुर जिले में 132/33 के.व्ही. के उपकेन्द्र एवं 87.5 कि.मी. 132 के.व्ही. बारसूर बीजापुर लाईन का भी उदघाटन कर रहे है ।
श्री बघेल ने कहा कि आज सांसद श्री राहुल गांधी अपनी वर्चुअल मौजूदगी में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत राज्य के करीब 19 लाख से अधिक किसानों को 1500 करोड़ रूपये की राशि उनके खाते में अंतरित कर रहे हैं। इसके पहले हम 21 मई और 20 अगस्त को 1500-1500 करोड़ रूपए की दो किस्त किसानों दी थी।स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल योजना अंतर्गत हम 52 अंग्रेजी माध्यम के स्कूल शुरू कर रहे हैं। यहां शिक्षा निशुल्क होगी। इन स्कूलों में अभी तक 27 हजार 741 बच्चे प्रवेश ले चुके हैं। श्री बघेल ने कहा कि स्लम में रहने वाले नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजना की भी शुरूआत कर रहे है। इससे स्लम क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों और श्रमिकों को स्वस्थ्य रखने के लिए सुबह-शाम चिकित्सा संबंधी सुविधाएं उपलब्ध करायेंगे।
राज्योत्सव के वर्चुअल कार्यक्रम का संचालन कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे एवं अंत में आभार प्रदर्शन, गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने किया। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, केबिनेट मंत्री सर्वश्री मोहम्मद अकबर, डॉ. प्रेमसाय सिंह, डॉ. शिव कुमार डहरिया, अमरजीत भगत, कवासी लखमा, श्रीमती अनिला भेंड़िया, गुरू रूद्र कुमार, उमेश पटेल, राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, वरिष्ठ विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार श्री रूचिर गर्ग, मुख्यसचिव श्री आर.पी. मंडल, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। - कुल 16 हजार 278 शिक्षक (पंचायत और नगरीय निकाय) का होगा संविलयन
शिक्षक और सहायक शिक्षकों का जिला और संभाग स्तर से संविलयन का आदेश होगा जारी
रायपुर : प्रदेश के शिक्षा कर्मियों को छत्तीसगढ़ राज्योत्सव पर खुशियों की सौगात मिली है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा 8 हजार 226 व्याख्याताओं (पंचायत एवं नगरीय निकाय) के एक नवम्बर 2020 से स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन का आदेश आज जारी कर दिया गया है। प्रदेश में दो वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने वाले कुल 16 हजार 278 शिक्षक (पंचायत और नगरीय निकाय) के संविलयन का आदेश जारी किया जा रहा है। व्याख्याताओं के आदेश राज्य स्तर पर जारी कर दिए गए है, शेष शिक्षकों के आदेश जिला और संभाग स्तर पर एक दो दिन में जारी किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की घोषणा अनुसार दो वर्ष पूर्ण करने वाले 16 हजार 278 शिक्षक (पंचायत और नगरीय निकाय) संवर्ग का शिक्षा विभाग में संविलयन किया जाना था। शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम के प्रयास से पंचायत एवं नगरीय निकाय विभागों द्वारा नियुक्त शिक्षक (पंचायत और नगरीय निकाय) संवर्ग का जिन्होंने एक नवम्बर 2020 को दो वर्ष की सेवा पूर्ण कर लिए है। उनमें व्याख्याताओं का स्कूल शिक्षा विभाग में संविलयन किए जाने हेतु आदेश जारी कर दिया गया है।
आज ई-संवर्ग अंतर्गत 4 हजार 565 तथा टी-संवर्ग अंतर्गत 3 हजार 661 इस प्रकार कुल 8 हजार 226 व्याख्याता (पंचायत और नगरीय निकाय) का शिक्षा विभाग में संविलयन आदेश संचालक, लोक शिक्षण द्वारा जारी किया गया। इस संविलयन आदेश के बाद प्रदेश में पंचायत विभाग एवं नगरीय निकाय विभाग के कोई भी व्याख्याता (पंचायत और नगरीय निकाय) शेष नहीं रहेंगे। अब इन पर स्कूल शिक्षा विभाग का पूर्ण प्रशासनिक नियंत्रण होगा। संविलयन हो रहे शिक्षकों को उनके वेतन में न्यूनतम 7 हजार रूपए से 25 हजार रूपए तक का लाभ मिलेगा। - रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को एक नवम्बर राज्य स्थापना दिवस की बधाई दी है। श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार विकसित और समृद्ध छत्तीसगढ़ बनाने के लिए ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ‘ का संकल्प लेकर आगे बढ़ रही है। छत्तीसगढ़ अब अपने निर्माण के 21वें वर्ष में कदम रखने जा रहा है। युवा छत्तीसगढ़ पूरी ऊर्जा और आत्मविश्वास के साथ सभी लोगों के साथ लेकर चलने में विश्वास रखता है।
श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति, संस्कार, संसाधनों को पुनर्जीवित करने के साथ ही नागरिकों के लिए सुलभ और सुचारू प्रशासन व्यवस्था लागू करने की पहल की है। यहां के जल, जंगल, जमीन को सहेज कर उसका लाभ स्थानीय लोगों तक पहुंचाने की शुरूआत कर दी गई है। वनवासियों को वन अधिकार पट्टे और तेंदू पत्ता बोनस के माध्यम से उनका अधिकार दिया गया है। बस्तर संभाग में वर्षों से लंबित बोधघाट बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना का काम आगे बढ़ा है। गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत बनाने के लिए सुराजी गांव योजना में नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी को सहेजने का काम किया जा रहा है। कर्ज माफी और राजीव गांधी किसान न्याय योजना ने छत्तीसगढ़ में किसानों को संबल प्रदान किया है। इस साल पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के जन्मदिन 21 मई पर राज्य में फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करने और किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलाने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू की गई है। इसके तहत राज्य के 19 लाख किसानों को 5750 करोड़ रूपए की राशि 4 किश्तों में सीधे उनके खातों में दिए जाने का प्रावधान किया गया है। ग्रामीण स्तर पर आर्थिक प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए गोधन न्याय योजना की शुरूआत की गई है। इसके माध्यम से एक स्वचालित प्रणाली विकसित कर गांवों के सभी लोगों को इसका लाभ देने का प्रयास किया गया है। योजना के तहत निर्धारित दर पर गोबर खरीदी और उससे वर्मीकम्पोस्ट बनाने की शुरूआत प्रदेश में कर दी गई हैं। इसके साथ ही महिलाओं और बच्चों से कुपोषण और एनीमिया को समाप्त करने के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान शुरू किया गया है। नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी योजना के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास की दौड़ में हम तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं। कोरोना संक्रमण के दौर में भी छत्तीसगढ़ विकास की गति को बनाए रखने में सफल रहा है। अंग्रेजी माध्यम स्कूल, स्कूलों में व्यवसायिक शिक्षा, छोटे भू-खण्डों के पंजीयन और भूमि की खरीदी-बिक्री में दी गई छूट से शहरों की अर्थव्यवस्था में गति आई है। पढ़ाई तुंहर दुआर और पढ़ाई तुंहर पारा के माध्यम से हजारों छात्र कोरोना काल में भी सुरक्षित रह कर पढ़ाई कर रहे हैं। प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राम वन गमन पर्यटन पथ विकसित करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री मितान योजना, मुख्यमंत्री विद्युत अधोसंरचना विकास योजना जैसी कई योजनाएं छत्तीसगढ़ को आगे बढ़ने में मदद करेंगी। छत्तीसगढ़ को हमें विकसित राज्यों की कतार में खड़े करना है। यह सबके सक्रिय सहयोग से संभव है। इससे छत्तीसगढ़ के मूल स्वरूप को बनाए रखते हुए नया और विकसित छत्तीसगढ़ बनाने का सपना जल्द साकार कर सकेंगे। - चंडीगढ़/अमृतसर : पंजाब में आंदोलनकारी किसानों और सरकार के मंत्रियों के बीच वार्ता फिर विफल हो गई। राज्य में रेल ट्रैक खाली करने के लिए किसानों को मनाने में लगे राज्य के तीनों कैबिनेट मंत्री कामयाब नहीं हो पाए।किसानों ने राज्य के तीन मंत्रियों के साथ हुई बैठक में पंजाब सरकार द्वारा विधानसभा में पारित कराए गए कृषि विधेयकों को खारिज कर दिया। इसके साथ ही किसानों ने विभिन्न स्थानों पर रेल ट्रैकोंं पर डटे रहने का फैसला किया।इससे राज्य में रेल सेवा बहाल होने और मालगाडि़यां भी चलने की उम्मीद टूट गई। किसान पांच निजी थर्मल पावर प्लांटों की ओर जाने वाले रेल ट्रैक को जाम करके बैठे हैं।
अमृतसर में भी मंत्रियों से बैठक बेनतीजा, ट्रैक पर डटे रहेंगे किसान
अमृतसर में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के छह सदस्यीय शिष्टमंडल की कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, सुखविंदर सिंह सुख सरकारिया और तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के साथ मीटिंग में किसानों ने विधानसभा में सरकार की ओर से पेश कृषि विधेयकों को सिरे से नकार दिया। किसानों के प्रतिनिधियों ने मंत्रियों से पूछा कि विधेयक बनाने से पहले किसानों से विचार क्यों नहीं किया गया।
इसके साथ ही उन्होंने रेल ट्रैक से हटने का फैसला भी अन्य किसान संगठनों के साथ बैठक के बाद लेने का फैसला किया है। इसके साथ ही किसानों ने यह भी स्पष्ट किया कि मालगाडिय़ों के लिए ट्रैक खाली हैं लेकिन केंद्र सरकार जानबूझ कर इन्हें चलाने से पीछे हट रही है। किसानों ने इस दौरान पंजाब सरकार की तरफ गन्ना का 400 करोड़ रुपये का बकाया का भी मुद्दा उठा।कैबिनेट मंत्री रंधावा ने बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि किसानों के शिष्टमंडल को 3नवंबर को चंडीगढ़ में अटार्नी जनरल के साथ बैठक रखी है। उसमें किसानों की एक-एक मांग पर चर्चा होगी।
रेलवे ट्रैक पर डटे रहने का किया फैसला
उधर, बठिंडा में भाकियू उगराहां की बैठक हुई। इस बैठक में भी रेल ट्रैक पर डटे रहने का फैसला लिया गया है। भाकियू उगराहां के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने केंद्र सरकार की ओर से छठे दिन भी मालगाडिय़ां बंद रखने को पंजाब और जम्मू कश्मीर की खेती, व्यापार और उद्योग के खिलाफ आर्थिक नाकाबंदी बताया।उन्होंने कहा कि किसानों ने सरकारी थर्मल प्लांटों के लिए कोयला लाने के रास्ते खोल दिए हैं, सरकार इन्हें अपनी पूरी क्षमता से क्यों नहीं चलाती। सरकार निजी थर्मल प्लांटों को अपने कंट्रोल में क्यों नहीं लेती। - उत्तर प्रदेश के अमेठी में दलित ग्राम प्रधान पति की जलाकर हत्या कर दी गई है. यह मुंशीगंज कोतवाली क्षेत्र के बंदोईया गांव का मामला है. घर के पास बाउंड्रीवाल के भीतर गंभीर हालत में जली हुई अवस्था प्रधानपति अर्जुन मिला था. निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. अमेठी, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का संसदीय क्षेत्र है.
दरअसल, गुरुवार देर रात बंदोईया गांव के ही एक घर घर के पास बाउंड्रीवाल के भीतर किसी के कराहने की आवाज आ रही थी. घर के लोगों ने जब देखा कि कोई व्यक्ति बाउंड्रीवाल के भीतर जल रहा है. ग्रामीणों ने इसकी सूचना तत्काल मुशीगंज पुलिस को दी. एम्बुलेंस बुलाकर सीएचसी नौगिरवा अस्पताल पहुंचाया.
ग्रामीणों और घर के लोगों ने जल रहे शख्स की पहचान बंदोईया ग्राम प्रधान के पति अर्जुन के रूप में की. सीएचसी में प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल सुल्तानपुर ले जाया गया. वहां से भी उसे रेफर कर दिया गया. इसके बाद उसका एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था, जहां उसकी मौत हो गई है.
प्रधानपति अर्जुन का शव आज सुबह गांव पहुंचा. इस दौरान उसकी पत्नी और ग्राम प्रधान छोटका, तीन बेटे सुरेंद्र, गोविंद, रविन्द्र और दो बेटियां पुनीता व बैजंती दहाड़मारकर रोने लगे. परिजनों ने बताया कि गुरुवार शाम किसी काम से अर्जुन मुसवापुर चौराहा गए थे, जब वे देर रात तक नहीं लौटे तो इसकी सूचना मुंशीगंज पुलिस को दी गई थी.
घटना की सूचना पाकर गुरुवार रात ही पुलिस टीम और फोरेंसिक टीम गांव पहुंची. इस मामले में थानाध्यक्ष मुंशीगंज मिथिलेश सिंह ने बताया कि अभी तहरीर नहीं मिली है. प्रथम दृष्टया जलकर मौत हुई है. - नई दिल्ली : देश वा प्रदेशों में मुद्रास्फ़ीति, खाद्य मुद्रास्फ़ीति अपने छह साल के सबसे ऊँचे स्तर पर है, निर्यात नीचे जा रहा है, औद्योगिक उत्पादन और निवेश में भी ठहराव नज़र आ रहा है।समाजसेवी विष्णु नाथ पांडेय मैहर ने कहा कि देश वा प्रदेशों में महगांई की मार झेलने में जनता असमर्थ हो चुकी हैऐसा लगता है कि पिछले छह महीनों में, सरकार निश्चित रूप से डूबती हुई अर्थव्यवस्था पर कोई ध्यान नहीं दे रही है, जिसके तहत बैठकों में सिर्फ कॉर्पोरेट्स जगत को मुफ़्त और शानदार तोहफ़े देने की घोषणा की गई है, बाज़ारों को फ़र्ज़ी आश्वासन दिए जा गए हैं और धोखाधड़ी के बजट के ज़रिये घाटे पर नज़र रखने और विदेशी निवेशकों को ख़ुश रखने की बात की जा रही है। आख़िर इन सबके परिणाम हैं क्या? शून्य, जिसका अंदाज़ा मौजूदा संख्या से लगा सकते हैं। और, हालात इससे भी बदतर नज़र आएंगे अगर कोई जा कर संकट से घिरे लोगों से बात कर के देखे।
बेरोज़गारी के साथ बड़े पैमाने पर बेलगाम होती क़ीमतें लोगों के लिए दोहरी मार का काम कर रही हैं। लेकिन सरकार अब तक इन दोनों कों नियंत्रण में लाने में असमर्थ है। वास्तव में, अर्थव्यवस्था के सेहत पर बाक़ी के संकेत भी लाल स्याही में डूब गए हैं: निर्यात लगातार दसवें महीने में नीचे आया है और आयात दसवें महीने में गिर गया है; जनवरी 2019 के अंत में बैंक क्रेडिट विकास दर 14.8 प्रतिशत से घटकर इस साल जनवरी में 7.1 प्रतिशत हो गई है; और औद्योगिक उत्पादन का सूचकांक कमोबेश स्थिर रहा है। सरकार द्वारा किए जा रहे सभी "प्रयासों" का यह सबसे निचला स्तर है।
लगातार बढ़ती बेरोज़गारी
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के नवीनतम आंकडे कहते हैं कि साप्ताहिक अनुमान के अनुसार 14 फ़रवरी को समग्र बेरोज़गारी दर 7.3 प्रतिशत थी। यह लगभग 7 प्रतिशत से ऊपर पिछले एक वर्ष से चल रही है, कभी-कभी यह 8 प्रतिशत से ऊपर भी चली जाती है।
लेकिन अगर आप इसे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग देखते हैं, तो तस्वीर और भी भयावह दिखेगी। जो शहरी बेरोज़गारी 9.3 प्रतिशत से भी अधिक थी, जबकि ग्रामीण बेरोज़गारी 6.6 प्रतिशत पर है।
शहरी बेरोज़गारी मई 2017 में 4.9 प्रतिशत से लगातार बढ़ते हुए 9 प्रतिशत से अधिक पहुँच गई है। हाल ही में हुए एक सर्वेक्षण के अनुसार, उदाहरण के लिए, दिल्ली विधानसभा चुनावों में युवाओं की भारी संख्या ने बेरोज़गारी से उपजे असंतोष के कारण भाजपा के ख़िलाफ़ मतदान किया था वहीं हालत बिहार में भी चुनाव पर दिख रहा है फाइनल तस्वीर जल्द ही जनता के सामने पंद्रह दिन में अा जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी, मई 2017 में बेरोज़गारी इसी तरह 3.7 प्रतिशत से बढ़कर वर्तमान स्तर पर पहुंच गई है। यदि आप सोच रहे हैं कि ग्रामीण नौकरियों की स्थिति बेहतर है – तो ज़रा फिर से सोचें। ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के आंकड़े निचले स्तर पर इसलिए नहीं हैं क्योंकि वहां किसान दिखा कर आंकड़ों को घटाया जाता रहा है रोज़गार की भारी किल्लत ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। क्योंकि कृषि में उत्पादन में वृद्धि किए बिना अधिक लोगों को खपाने की क्षमता है। यदि कोई एक परिवार खेतों में काम कर रहा है, और एक अन्य सदस्य उनके साथ जुड़ जाता है तो वह उत्पादन बढ़ाए बिना रोज़गारशुदा दर्शा दिया जाता है।
व्यक्ति को शहर में "बेरोज़गार" घोषित किया गया होगा क्योंकि किसी को भी इतनी आसानी से शहरी रोज़गार नहीं मिल सकता है, जब तक कि यह कोई स्वरोज़गार या अनौपचारिक रोज़गार न हो। और, शहरी भारत में बेरोज़गारी का यह बेहूदा स्तर मोदी की आर्थिक नीतियों की पूरी तरह से विफलता का जीवित प्रमाण है।
बढ़ती महंगाई
डूबती अर्थव्यवस्था जो अधिक से अधिक परिवारों को ग़रीबी की तरफ़ धकेल रही है, का एक और भयानक घटक है: उसे कहते हैं मुद्रास्फ़ीति या मूल्य वृद्धि। पिछले एक साल में, ख़ासतौर पर खाद्य पदार्थों की क़ीमतों ने तबाही मचाई हुई है।
एक साल में, सामान्य मुद्रास्फ़ीति (सभी वस्तुओं और सेवाओं पर) 2.57 प्रतिशत से बढ़कर दर्दनाक स्तर यानी 7.59 प्रतिशत तक पहुँच गई है। लेकिन आवश्यक खाद्य सामग्री की मूल्य वृद्धि ने तो आसमान छू लिया है और वह घातक रूप से -0.07 प्रतिशत से बढ़कर 11.79 प्रतिशत हो गई है। ये सभी संख्याएँ (सांख्यिकी मंत्रालय की साइट पर उपलब्ध है) साल दर साल की कहानी बताती हैं - यानी एक वर्ष में प्रतिशत की वृद्धि। क़ीमतें अब छह साल के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुँच गई हैं।
इसका प्रभाव यह होगा कि वेतन या वेतन में किसी भी तरह की वृद्धि के बिना, उच्च क़ीमतों की वजह से आगे चलकर मज़दूर वर्ग/कामकाजी लोगों की तबाही होगी। क्योंकि ज़िंदा रहने के लिए परिवारों को खाद्य पदार्थों और अन्य चीज़ों पर अपने ख़र्च में कटौती करनी पड़ रही है फिर भी आय का श्रोत बंद है युवा जहा ग्रेजुए्ट पोस्ट ग्रेजुएट होकर कोई घर पर है किसी बनिया कि दुकान में हमली कर रहा है तो कोई बड़ा पाव, समोसा जलेबी बेच रहा है तो कोई सब्जी बेचने को मजबूर हैं।
अमीरों के लिए आज़ादी और ग़रीब के लिए संघर्ष और हिंसा
वास्तव में, ऐसा लगता है कि वे लोगों के ख़राब होते हालात के बारे में या संकट के प्रति चिंतित नहीं हैं। वे सरकारी ख़र्च पर रोक लगाने या कम करने की नीतियों पर क़ायम हैं, उल्टे कॉर्पोरेट्स (घरेलू और विदेशी दोनों) को भारी रियायतें दे रही हैं सरकार। सुरक्षात्मक श्रम और अन्य कल्याणकारी क़ानूनों को धता बता रहे हैं और सार्वजनिक क्षेत्र को खोखला कर रहे हैं। ये ऐसी नीतियां हैं जो अमीरों के खज़ानों को भरने का काम कर रही हैं, यह वह धोखे वाला सिद्धांत है कि आम लोगों तक कुछ तो पहुंचेगा।
संक्षेप में कहा जाए तो यह आर्थिक संकट के प्रति सरकार की पसंद का समाधान है: अमीरों को ग़रीबों का शोषण करने और लाभ कमाने की आज़ादी देना, ताकि ग़रीब/पीड़ित लोग आपस में लड़ते रहें। -
नई दिल्ली : केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदने को लेकर पारित नए भूमि कानून के खिलाफ विरोध कर रहे पीडीपी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती को भी हिरासत में ले लिया है। हिरासत में लिए जाने से पूर्व महबूबा ने कहा कि गिरफ्तार उनके कार्यकर्ताओ को मिलने की अनुमति नहीं थी, पूरे जम्मू-कश्मीर को जेल में बदल दिया गया है।
गौरतलब है केंद्र सरकार ने मंगलवार को केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए भूमि कानू से जुड़ा एक नोटिफिकेशन जारी किया है। इसके तहत अब कोई भी भारतीय कश्मीर और लद्दाख में जमीन खरीद सकेगा। हालांकि अभी खेती की जमीन को लेकर रोक जारी रहेगी। अभी तक कश्मीर में जमीन खरीदने के लिए वहां के नागरिक होने की बाध्यता थी, जिसके विरोध में पीडीपी कार्यकर्ता सड़कों पर आ गए, जहां उन्होंने नए भूमि कानून और एनआईए द्वारा कश्मीर के 6 एनजीओ और ट्रस्टों पर छापेमारी की कार्रवाई को लेकर श्रीनगर में स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के पास किया।
गृह मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि इस आदेश को केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (केंद्रीय कानूनों का अनुकूलन) तीसरा आदेश, 2020 कहा जाएगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनिय के तहत अब कोई भी भारतीय नागरकि जम्मू-कश्मीर में फैक्ट्री, घर या दुकान के लिए जमीन खरीद सकता है। इसके लिए उसे किसी भी तरह के स्थानीय निवासी होने का सबूत देने की जरूरत नहीं होगी। इसके अलावा प्रतिष्ठान बनाने के लिए कृषि भूमि के इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है।
केंद्र सरकार के उक्त फैसले के खिलाफ लामबंद जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक ने कहा कि उन्हें केंद्र का फैसला मंजूर नहीं हैं और उन्होंने नए भूमि कानून की निंदा की है। नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला द्वारा किए गए एक ट्वीट में कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर में भूमि के मालिकाना हक को लेकर कानूनों में किए गए संशोधन अस्वीकार्य है। बकौल उमर अबदुल्ला, जम्मू-कश्मीर को बिक्री के लिए रख दिया गया है। -
नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वीरवार को 'ग्रीन दिल्ली' ऐप लॉन्च की। उन्होंने बताया कि इस ऐप के जरिए इस एप्प पर दिल्ली का हर नागरिक अपने आसपास हो रहे प्रदूषण की शिकायत दर्ज करा सकता है। केजरीवाल ने कहा कि आप अगर कहीं भी किसी भी तरह का प्रदूषण देख रहे हैं तो तुरंत शिकायत दें।
'Green Delhi App' के जरिए आप किस तरह से प्रदूषण के खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकते है
जानकारी के लिए ये वीडियो जरूर देखें- pic.twitter.com/MSHpQc9d6D
— AAP (@AamAadmiParty) October 29, 2020कोई भी कर सकता है शिकायतमुख्यमंत्री ने 'ग्रीन दिल्ली' ऐप की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि इसमें ऑडियो, वीडियो, फोटो अपलोड कर सकते हैं। आपकी शिकायत उस विभाग के पास पहुंच जाएगी जिसको उस पर कार्रवाई करनी है, विभाग को शिकायत पर समयबद्ध तरीके से कार्रवाई करनी होगी। शिकायतों की मॉनिटरिंग 'ग्रीन वॉर रूम' से होगी। 70 ग्रीन मार्शल ऐप पर आई शिकायतों को हल करने में मदद करेंगे।
केजरीवाल सरकार ने शुरू किया अभियानबता दें कि यह मोबाइल ऐप राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए 6 अक्टूबर को केजरीवाल द्वारा घोषित दिल्ली सरकार के युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध अभियान का एक हिस्सा है। इस फोटो आधारित शिकायत दर्ज करने वाले ऐप के माध्यम से, लोग कचरे को जलाने और औद्योगिक और धूल प्रदूषण के बारे में सरकार को सूचित कर पाएंगे। - गांधीनगर : गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशु भाई पटेल का आज दिल का दौरान पड़ने से निधन हो गया है. केशु भाई पटेल ने दो बार गुजरात का सीएम पद संभाला था. दो दिन पहले वह कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे. केशु भाई पटेल की उम्र 92 साल थी.
पीएम मोदी ने शोक व्यक्त कियागुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशु भाई पटेल का हार्ट अटैक से निधन, पीएम मोदी ने जताया शोक
केशु भाई पटेल के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने शोक व्यक्त किया है. पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा है, ‘’केशुभाई ने जनसंघ और बीजेपी को मजबूत करने के लिए गुजरात की लंबी और चौड़ी यात्रा की. उन्होंने आपातकाल का विरोध किया. किसान कल्याण के मुद्दे उनके दिल के सबसे करीब थे. उन्होंने विधायक, सांसद, मंत्री और सीएम के रूप में योगदान दिया.’’
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट किया है, ‘’गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल जी को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि. गुजरात की प्रगति में और प्रदेश में बीजेपी संगठन को मजबूत करने में केशुभाई का योगदान हमेशा याद रखा जायेगा. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें. ॐ शांति.’’
साल 2012 में बीजेपी छोड़कर बनाई अपनी पार्टी
केशु भाई पटेल ने पहली बार साल 1995 में गुजरात का सीएम पद संभाला था. इसके बाद वह 1998 से साल 2001 तक दूसरी बार मुख्यमंत्री पद पर काबिज हुए. वह छह बार राज्य में विधानसभा चुनाव जीते. केशु भाई पटेल ने साल 2012 में बीजेपी छोड़ दी थी और अपनी नई पार्टी 'गुजरात परिवर्तन पार्टी' बनाई थी.
साल 1945 में आरएसएस में शामिल हुए
साल 2012 के राज्य विधानसभा चुनाव में उन्हें विसावदर सीट से विधायक चुना गया था, लेकिन बाद में बीमार होने के कारण उन्होंने 2014 में इस्तीफा दे दिया था. केशुभाई पटेल ने साल 1945 में प्रचारक के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ज्वाइन किया था. वह साल 1975 में आपातकाल के दौरान जेल भी गए.