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 उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान के कई हिस्सों में आकाशीय बिजली गिरने से 67 लोगों की मौत
उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान के कई हिस्सों में बिजली गिरने की अलग-अलग घटनाओं में सात बच्चों सहित 10 लोगों की मौत हो गई जबकि 13 लोग घायल हो गए.

लखनऊ/जयपुर : उत्तर भारत में यूपी, राजस्थान समेत कई राज्यों में रविवार को बिजली का कहर बरपा. उत्तर प्रदेश में रविवार को अलग-अलग घटनाओं में आकाशीय बिजली गिरने से 67 लोगों की मौत हो गई. कानपुर और उसके आसपास के ज़िलों में 18, प्रयागराज में 14, कौशाम्बी में 4, आगरा में 3, उन्नाव में दो, प्रतापगढ़, वाराणसी और रायबरेली में एक-एक मौत हुई है. कई जगह आकाशीय बिजली की वजह से जानवरों की भी मौत हुई है. हादसे में मृत लोगों के परिजनों के लिए सरकार की तरफ से 4-4 लाख रुपये के मुआवज़े का ऐलान किया गया है. वहीं राजस्थान में आमेर के किले के पास वाच टॉवर पर चढ़कर सेल्फी ले रहे लोगों पर बिजली गिरने की घटना में भी आठ लोगों की मौत हो गई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी राजस्थान औऱ यूपी की घटनाओं की जानकारी दी गई. उन्होंने प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख और घायलों के लिए 50 हजार रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग पहले ही उत्तर भारत के कई स्थानों पर सोमवार सुबह तक मूसलाधार बारिश होने की चेतावनी जारी की थी. राजस्थान के कई हिस्सों में बिजली गिरने की अलग-अलग घटनाओं में सात बच्चों सहित 10 लोगों की मौत हो गई जबकि 13 लोग घायल हो गए. बिजली गिरने से 10 बकरियों सहित 13 जानवरों की भी मौत हो गई. वहीं उत्तर प्रदेश में बिजली गिरने से 67 लोगों की भी मौत हो गई.

यूपी में सबसे ज़्यादा 14 मौतें प्रयागराज में हुई हैं. बिजली गिरने से गावों में तमाम मवेशियों की भी जानें गR हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन मौतों पर दुख भी जताया है और मरने वालों के परिवारों को आर्थिक मदद देने के निर्देश दिए हैं.कानपुर की चंद्रशेखर आज़ाद कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक हफ्ते पहले तेज बारिश की एडवाइजरी जारी की थी, लेकिन चूंकि बिजली गिरने की जगह पहले से नहीं बताई जा सकती इसलिए इससे बचाव मुश्किल है.

वैज्ञानिकों का कहना है कि इस वक़्त अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से मानसूनी हवाएं उत्तर की तरफ आ रही हैं. ट्रफ लाइन (trough line) के दोनों तरफ बारिश हो रही है. जब दो तरफ से आ रही मानसूनी हवाएं आपस में टकराती हैं तो बिजली गिराने वाले काले बादल बनते हैं. आसमानी बिजली की गर्मी सूरज की सतह से कई गुना ज्यादा होती है.

चूंकि बिजली वायुमंडलीय दबाव की वजह से गिरती है, इसलिए उसका सही वक्त या जगह की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती. शहरों में ऊंची इमारतों पर लाइटनिंग कंडक्टर लगा होने की वजह से वो बिजली को खींच कर ज़मीन के नीचे पहुंचा देता है, लेकिन गांवों में ऐसा नहीं है.उत्तर प्रदेश की क़रीब 24 करोड़ आबादी में क़रीब 18 करोड़ लोग गांवों में रहते हैं. इन्हें खेती करने, खेतों में मजदूरी करने और जानवर वग़ैरा चराने के लिए ज़्यादातर खुले आसमान के नीचे ही रहना होता है. ऐसे में यह आसानी से आसमानी बिजली का शिकार हो जाते हैं.

UP - कहां कितनी मौतें---

प्रयागराज :14

कानपुर देहात : 5

फतेहपुर: 5

कौशाम्बी : 4

फ़िरोज़ाबाद : 2

उन्नाव : 2

रायबरेली : 2

हरदोई : 1

झांसी  : 1 
 
 
राजस्थान में 20 की मौत
 
वहीं राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में बिजली गिरने की कई घटनाओं में 7 बच्चों समेत 20 लोगों की जान चली गई. इस प्राकृतिक आपदा में 21 अन्य लोग घायल हो गए हैं. घायलों का इलाज जारी है.

सीएम गहलोत ने किया मुआवजा देने का एलान

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मृतकों के परिजनों को राज्य सरकार की ओर से 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है. मृतकों को 4 लाख रुपये इमरजेंसी रिलीफ फंड से दिया जाएगा जबकि 1 लाख रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष से दिया जाएगा.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शोक प्रकट किया

आकाशीय बिजली गिरने की घटना में हुई मौत को लेकर कोटा के सांसद और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शोक प्रकट किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''आकाशीय बिजली गिरने से संसदीय क्षेत्र कोटा की कनवास तहसील के गरड़ा गांव में चार बच्चों की मृत्यु और कुछ बच्चों के घायल होने तथा धौलपुर जिले के बाड़ी क्षेत्र में तीन बच्चों की मृत्यु का समाचार हृदयविदारक है. असीम दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ है.''

वहीं दिल्ली से मानसून की बेईमानी अभी भी जारी है. आईएमडी (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि दिल्ली के ऊपर मानसून के सक्रिय होने की अनुकूल परिस्थितियां हैं, क्योंकि पूर्वी हवाओं की वजह से हवा में आर्द्रता बढ़ गई है. निम्न दबाव का क्षेत्र बनने से भी मॉनसून को गति मिलेगी. हम सोमवार को अच्छी बारिश होने की उम्मीद कर रहे हैं.

उत्तराखंड में भारी बारिश (Heavy Rain) के कारण हुए भूस्खलन के चलते एक गांव में मकान ढह जाने से आठ वर्षीय बच्चे समेत तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई स्थानों पर बारिश हुई.उधर, केरल में मानसून के सक्रिय होने से रविवार को भी राज्य के कई हिस्सों में लगातार बरसात हुई. मौसम विभाग ने पांच उत्तरी जिलों के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट' (Orange Alert) जारी किया था.

मौसम विभाग ने केरल और गुजरात के मछुआरों के लिए मौसम संबंधी चेतावनी जारी करते हुए उन्हें अगले दो दिनों तक समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई थी. मौसम विभाग ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून को दिल्ली सहित उत्तर भारत में 10 जुलाई तक दस्तक देना था, लेकिन रविवार शाम तक ऐसा नहीं हुआ.



 

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