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 दुर्ग : हरेली पर्व से होगी ’गोधन न्याय योजना’ की शुरूआत

-गोबर के क्रय-भुगतान की प्रक्रिया, वर्मी कम्पोस्ट हेतु समूहों के प्रशिक्षण, टांका निर्माण, वर्मी कम्पोस्ट की पैकेजिंग और विपणन हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश जारी

दुर्ग 17 जुलाई :मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में देश की अपनी तरह की अनूठी ’गोधन न्याय योजना’ छत्तीसगढ़ में हरेली पर्व से 20 जुलाई को प्रारंभ हो रही है। पशुपालकों से गोबर खरीदी की इस महत्वाकांक्षी योजना के क्रियान्वयन के संबंध में आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं। कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने भी इस संबंध में जिला स्तरीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

नवीन गौठानों की स्थापना के साथ होगा योजना का विस्तार - गोबर का क्रय एवं भुगतान की प्रक्रिया के अनुसार गौठान समितियों द्वारा गोबर क्रय किया जाएगा। गौठान समिति गोबर खरीदी के लिए समय का निर्धारण करेगी। गौठान में गोवंशीय एवं भैंसवंशीय पशुपालक से गोबर का क्रय शासन द्वारा निर्धारित दर से किया जाएगा। वर्तमान में शासन द्वारा 2 रूपए किलोग्राम (परिवहन व्यय सहित) की दर निर्धारित की गई है। पशुपालक गोबर का विक्रय स्वैच्छिक रूप से कर सकेंगे। गोबर की गुणवत्ता हाथ में उठाये जाने लायक अर्धठोस प्रकृति की होगी। गोबर में कांच, मिट्टी, प्लास्टिक इत्यादि नही होना चाहिए।

    गौठान समिति द्वारा पशुपालकों से क्रय किए जा रहे गोबर का लेखा विवरण दो प्रतियों में रखा जाएगा। गोबर क्रय पत्रक का नमूना निर्धारित किया गया है। गोबर क्रय पत्रक में पशुपालक का हस्ताक्षर अनिवार्य रूप से लिया जाएगा। हितग्राहियों से गोबर ही लिया जाएगा, गोबर के कोई उत्पाद यथा कंडा इत्यादि नहीं लिया जाएगा। बायोमॉस (जैविक अपशिष्ट) स्वेच्छा से गौठानों में प्रदाय किया जा सकता है, परंतु इसके लिए कोई भी राशि देय नहीं होगी।
    गौठान में पशुओं हेतु यथासंभव हरा चारा की आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। क्रय उपरांत गोबर को संग्रहित कर गौठान में सामान्यतः अंदरूनी क्षेत्र में निर्मित सीपीटी में रखा जाएगा तथा 15 से 20 दिन के उपरांत वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने में उपयोग किया जाएगा। क्रय किए गए गोबर की राशि का भुगतान प्रत्येक 15 दिवस में गौठान समिति द्वारा हितग्राहियों को किया जाएगा। गोबर के भार मापन हेतु कैलिबरेटेड फर्मा, तराजू का उपयोग किया जाएगा। गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन के किसी भी प्रक्रिया अथवा चरण में 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति, सदस्य को शामिल नहीं किया जाएगा। गौठान में वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन हेतु स्व सहायता समूह का चिन्हांकन, चयन अनिवार्य रूप से तत्काल करने के निर्देश दिए गए हैं

समूहों के प्रशिक्षण के लिए तैनात होंगे नोडल अधिकारी -  वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने हेतु प्रशिक्षण के संबंध में जारी निर्देशो के अनुसार कलेक्टर द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में प्रत्येक गौठान के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के लिए चिन्हांकित स्व-सहायता समूह को दो चक्रों में विस्तृत प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केन्द्र तथा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। समस्त गौठानों में वर्मीकम्पोस्ट निर्माण के लिए पूर्व प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित सुनिश्चित किया जाएगा।

वर्मी कम्पोस्ट टांका निर्माण- प्रत्येक गौठान में गोबर की उपलब्धता के अनुसार वर्मी टांका बनाया जाएगा। वर्मी टांका का निर्माण मनरेगा के माध्यम से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा किया जाएगा। नगरीय क्षेत्र में वर्मी टांका का निर्माण संबंधित नगरीय निकायों द्वारा किया जाएगा। जिलावार भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए वर्मी टांका निर्धारित मापदण्ड के अनुसार बनाया जाएगा, ताकि केंचुआ की जीवितता प्रभावित न हो, साथ ही वर्मी वॉश इत्यादि का एकत्रीकरण हो सके।

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