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 दुर्ग : मई 2020 तक लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत प्राप्त  आवेदनों का शत प्रतिशत गुणवत्तापूर्ण निराकरण करें - कलेक्टर

-समय सीमा की पहली बैठक में  दिए निर्देश

दुर्ग 15 जुलाई : कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने समय-सीमा की पहली बैठक में अधिकारियों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि लोक सेवा गारंटी के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों को समयसीमा के भीतर प्राथमिकता देते हुए  शत-प्रतिशत निराकरण करें। उन्होंने कहा कि लोक सेवा गांरटी अधिनियम शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल योजना है। अधिनियम अंतर्गत जो भी आवेदन प्राप्त होते है उसका गुणवत्तापूर्ण निराकरण किया जाना अधिनियम का मूल उद्देश्य है। अधिनियम अंतर्गत लंबित आवेदनों की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि मई 2020 तक जितने भी आवेदन प्राप्त हुए हैं, उनका निराकरण अनिवार्य रूप से एक सप्ताह के भीतर अगले समय-सीमा की बैठक के पूर्व हो जानी चाहिए। जिन विभागों में अधिक आवेदन लंबित है, ऐसे अधिकारी से उन्होंने आवेदनों के लंबित होने के वजहों की जानकारी लेते हुए स्पष्ट रूप से कहा है कि बेवजह कोई भी आवेदन लंबित न रहे, यह सभी अधिकारी सुनिश्चित कर लें।

कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत होने वाले फाइलों के संबंध में उन्होंने कहा है कि जो भी फाईल प्रेषित किए जाते है, उनमें विषय और निर्धारित तिथि का स्पष्ट रूप से उल्लेख करते हुए प्रस्तुत करें। साथ ही साथ नोटशीट में पेज क्रमांक का उल्लेख करते हुए प्रस्तुत किया जाए। विभागीय अधिकारी नोटशीट में संबंधित विषय के संबंध में अपना स्पष्ट रूप से अभिमतध्टीप का उल्लेख करें। कलेक्टर में अपनी पहली समय-सीमा की बैठक में संक्षिप्त समीक्षा करते हुए अधिकारियों को चेताया है कि सभी अधिकारी अपने दायित्वों का पूर्ण दायित्वों के साथ निर्वहन करें। कर्तव्य में लापरवाही अथवा कार्य के प्रति लगन नहीं होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

मुख्यालय में रहें अन्यथा होगी कार्रवाई-

कलेक्टर ने विभागीय कार्यों को स्थानीय स्तर पर गति देने और योजनाओं का क्रियान्वयन को मूर्तरूप देने के लिए ब्लाक लेवल के अधिकारियों को ब्लाक मुख्यालय में अनिवार्य रूप से निवास करने कहा है। उन्होंने एक सप्ताह के भीतर ऐसे सभी अधिकारियों को मुख्यालय में शिफ्ट होने निर्देशित किया है। ब्लाक लेवल पर मुख्यालय नहीं बनाने की दशा में सख्त कार्रवाई होने की चेतावनी दी है।

गौ-धन न्याय योजना का क्रियान्वयन सर्वोच्च प्राथमिकता से करें

छत्तीसगढ़ शासन की अति महत्वकांक्षी योजना गौ-धन न्याय योजना प्रारंभ होने जा रही है। योजना अंतर्गत पशुपालकों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुर्नजीवित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। साथ ही योजना अंतर्गत पशुपालकों के आमदनी में इजाफा करना है। योजना का शुभारंभ 20 जुलाई को विकासखण्ड पाटन के गौठानों से किया जाना संभावित है। जिले के गौठानों में संचालित गतिविधियों की जानकारी लेते हुए उन्होंने कहा कि शुभारंभ अवसर पर पाटन के साथ ही धमधा एवं दुर्ग विकासखण्ड के साथ-साथ नगरीय निकाय क्षेत्रों में गौठानों में भी इसकी विधिवत शुरूवात होगी। गौठान संचालन से संबंधित विभागीय अधिकारियों से कहा है कि योजना को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए इसका क्रियान्वयन किया जाना है। योजना में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो यह सुनिश्चित किया जाना है।

गौ-धन न्याय योजना अंतर्गत पशुपालकों से 2 रुपए प्रतिकिलो की दर से गोबर की खरीदी गौठान समिति द्वारा की जाएगी। गौठान समिति के द्वारा वर्मी खाद बनाकर 8 रुपए प्रतिकिलो की दर से विक्रय किया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए नोडल अधिकारी की भी नियुक्ति की जाएगी। उल्लेखनीय है कि जिले में 216 गौठान बनाए गए है जहां से योजना का क्रियान्यवन किया जाएगा। उन्होंने पशुपालन विभाग से कहा है कि वर्मी कम्पोस्ट के लिए सभी तैयारी कर लेवें। समिति को प्रशिक्षण एवं अन्य गतिविधियों से रूबरू करा लें। गौठान में गोबर संग्रहण के आधार पर उपलब्ध कम्पोस्ट किट की जानकारी लेते हुए कहा है कि पर्याप्त संख्या में कम्पोस्ट किट की उपलब्धता सुनिश्चित कर लेवें।
कोरोना के संक्रमण से खुद सतर्क रहें और कार्यालय का बेहतर संचालन करें

कलेक्टर ने कोरोना महामारी के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए कहा है कि जिला स्तर के अधिकारी कोरोना के संक्रमण से ना खुद सतर्क रहें, अपितु अधीनस्थ कार्यालय के अमले को भी सतर्क करते हुए कार्यालयीन कार्य का संपादन करें। कोरोना के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मास्क लगाकर सेनिटाइजर के साथ पूर्ण गतिशील होकर कार्य करें। इस दौरान कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों का भी ध्यान रखने कहा गया है।
निर्धारित स्थान पर ही लगेगा बाजार, व्यवसायी अब यत्र तत्र नहीं लगा सकेंगे

कलेक्टर ने बैठक में नगरीय निकाय के अधिकारियों से कहा है कि शहरी क्षेत्रों में लगने वाला हाट बाजार अब निश्चित निर्धारित स्थानों पर लगेगा। पसरा लगाकर सड़कों के किनारे अथवा यत्र-तत्र कहीं भी व्यवसाय नहीं किया जाएगा। वर्तमान में कोरोना संक्रमण के चलते सोशल डिस्टेंसिंग के कारण बाजार में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बाजार को नियंत्रित किया गया था, जिसके वजह से अभी कई व्यवसायी अन्यत्र कहीं भी बाजार लगाकर व्यवसाय कर रहे हैं। अब केवल निर्धारित चयनित स्थानों पर ही बाजार का संचालन किया जा सकेगा। इसके लिए व्यवसायियों को समझाइश देकर निर्धारित स्थल ही बाजार  लगाने कहा जाएगा। इसके लिए नगरीय निकाय के अधिकारियों को जरूरी कदम उठाने कहा है।

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