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 कर्ज ना चुकाने के चलते यस बैंक ने किया अनिल अंबानी के हेडक्वार्टर पर कब्जा
एजेंसी 
मुंबई:  निजी क्षेत्र के यस बैंक लिमिटेड ने मुंबई में अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप के मुख्यालय भवन 'रिलायंस सेंटर' को जब्त कर लिया है। कभी दुनिया से छठे सबसे अमीर रहे अनिल अंबानी को हेडऑफिस अब उनका नहीं रहा। यस बैंक ने 2,892 करोड़ रुपए का बकाया कर्ज नहीं चुकाने की वजह से अनिल अंबानी समूह के उपनगर सांताक्रूज के मुख्यालय को अपने कब्जे में ले लिया है। बिल्डिंग का कब्जा 22 जुलाई को सिक्योरिटाइजेशन एंड रिकंस्ट्रक्शन ऑफ फाइनेंशियल एसेट्स एंड एनफोर्समेंट ऑफ सिक्योरिटी इंटरेस्ट एक्ट के तहत हुआ।

'रिलायंस सेंटर' पर यस बैंक ने किया कब्जा यस बैंक की ओर से बुधवार को अखबार में दिए गए नोटिस के अनुसार बैंक ने रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा बकाये का भुगतान नहीं करने के चलते दक्षिण मुंबई में नागिन महल में दो फ्लैटों का कब्जा भी अपने हाथ में ले लिया है। अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (एडीएजी) की लगभग सभी कंपनियां सांताक्रूज कार्यालय 'रिलायंस सेंटर' से परिचालन कर रही हैं। यस बैंक ने कब्जे का कदम तब उठाया है जब अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप बैंक का 2,892 करोड़ का बकाया चुकाने में विफल रहा है।

अनिल अंबानी के ग्रुप पर यस बैंक का कुल 12,000 करोड़ का बकाया यस बैंक ने कहा कि उसने छह मई को रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को 2,892.44 करोड़ रुपए का बकाया चुकाने का नोटिस दिया था। 60 दिन के नोटिस के बावजूद समूह बकाया नहीं चुका पाया। जिसके बाद 22 जुलाई को उसने तीनों संपत्तियों का कब्जा ले लिया। बैंक ने आम जनता को आगाह किया है कि वह इन संपत्तियों को लेकर किसी तरह का लेनदेन नहीं करे। अनिल अंबानी के ग्रुप पर यस बैंक का कुल 12,000 करोड़ रुपए बकाया है।

हेडक्वार्टर सांताक्रूज (मुंबई) में 21,432 स्क्वायर फीट में फैला है एडीएजी समूह पिछले साल इसी मुख्यालय को पट्टे पर देना चाहता था ताकि वह कर्ज चुकाने के लिए संसाधन जुटा सके। यह मुख्यालय 21,432 वर्ग मीटर में है। दो अन्य संपत्तियां दक्षिण मुंबई के नागिन महल में हैं। ये दोनों फ्लैट क्रमश: 1,717 वर्ग फुट और 4,936 वर्ग फुट के हैं। अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप की स्थापना अनिल अंबानी ने 10 जुलाई, 2006 में की थी। इसका हेडक्वार्टर सांताक्रूज (मुंबई) में 21,432 स्क्वायर फीट में फैला है।

बिल्डिंग में इन कंपनियों का है ऑफिस यह बिल्डिंग रिलायंस पावर, रियालंस इन्फ्रास्ट्रक्चर, रिलायंस कैपिटल, रिलायंस एंटरटेनमेंट, रिलायंस हेल्थ और रिलायंस मीडियावर्क्स जैसी सभी कंपनियों का हेडक्वार्टर है। बता दें कि, यस बैंक के डूबे कर्ज की एक बड़ी वजह एडीएजी समूह की कंपनियों को दिया गया कर्ज है। गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के ऊंचे स्तर की वजह से भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के गठजोड़ ने बैंक में 10,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालकर उसे संकट से बाहर निकाला है।
 

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