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 महासमुंद : कलेक्टर की अध्यक्षता में डेंगू रोधी अंर्तविभागीय समन्वय समिति की बैठक

डेंगू की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए लोगों को किया जाए जागरुक: श्री गोयल

महासमुंद 14 जुलाई : कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल की अध्यक्षता में आज यहाँ डेंगू रोधी अंतर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक हुई। कलेक्टर ने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में डेंगू के रोकथाम एवं नियंत्रण के आवश्यक दिशा निर्देश दिए है। में डेंगू के रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए लोगों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, शहरीविकास, नगर-पालिका आदि के साथ तालमेल कर साफ-सफाई पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि डेंगू के रोकथाम एवं नियंत्रण केलिए लोगों को और जागरुक किया जाए। स्वच्छता पर विषेष ध्यान दिए जाने के साथ-साथ डेंगू के रोकथाम के लिए प्रयास किया जाए। डेंगू कीट जनित संचारी रोग है।

बैठक में डा.बी.पी सिंह ने कहा कि एडिस प्रजाति के मच्छर डेंगू वायरस से संक्रमण फैलाते है। डेंगू दो रूप में परिलक्षित होता है- डेंगू, फीवर एवं डेंगू हेमरेजीक फीवर, डेंगू शॉक सिन्ड्रोम। डेंगू का इनक्युबेशन पीरियड साधारणतः 5 से 7 दिन का होता है। एडिस इजिप्टी मच्छर प्रायः घरों में तथा घरों के आस-पास ठहरे हुए स्वच्छ पानी में पनपता है। यह मच्छर प्रायः दिन के समय काटता है। इसलिए शरीर को अधिकांश रूप से ढ़ंकने वाले कपड़े पहनें। उन्होंने डेंगू रोग के प्रमुख लक्षणों की जानकारी देते हुए बताया कि इसमें तेज सर दर्द व बुखार होना, मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द होनामुख्य है। इसके अलावा और भी लक्षण होते है। डेंगू के लक्षण दिखने पर तत्काल नजदीकी अस्पताल मे जाँच कराए। डेंगू से बचाव के लिए मच्छरदानी का उपयोग करें।

     डाक्टर सिंह ने घरों के आसपास साफ सफाई करने  और कचरे को अपने आवास से दूर फेंकने साथ ही घरों के कूलर, टेंक, ड्रम, बाल्टी पानी जमा न होने की बात कहीं। उन्होंने कहा कि कूलर का उपयोग नही होने पर  उसका पानी पूरी तरह खाली कर दें और घरों के आसपास पानी इकट्ठा होने वाली सभी वस्तुएं जैसे -टीन के डब्बे, कॉच एव प्लास्टिक के बोतल, नारियल के खोल, पुराने टायर आदि को नष्ट कर दें।

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