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 महासमुंद : अच्छी बारिश से किसानों के खिले चेहरे, अब तक 70 फीसदी से ज्यादा हुई बोनी

धान रोपाई करती महिलायें गा रही खुशी के गीत

महासमुंद 13 जुलाई : महासमुंद जिले में शनिवार और रविवार को हुई बारिश ने किसानों की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। पानी बरसा तो किसान खुशी से झूम उठे। यह बारिश किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। पिछले कई दिनों से बारिश न होने से किसान बेहद परेशान थे। उनको अपनी फसलों के बर्बाद होने की चिंता सता रही थी। यही दुआ कर रहे थे कि किसी भी तरह पानी बरसा दो। मानसून आने के बाद जिले में खरीफ की बुआई भी हो चुकी है और धान के साथ अन्य फसल भी खेतों में नजर आने लगी लेकिन इधर आसमान से बादल जैसे गायब ही हो गये। प्रचंड गर्मी से लोग बेहाल हुए तो खेतों की फसलें भी मुरझाने लगीं। यह देखकर किसान फिक्रमंद हो गये थे ।अब तक अच्छी बारिश होने से किसानों के चेहरे पर खुशी झलक रही है ।

किसानो ने खरीफ-2020 में लगभग 70 प्रतिशत बोनी पूरी कर ली है। किसान धान रोपा मेंव्यस्त हो गए है। हर तरफ खेतों में महिलायें रोपा लगाती हुई नजर आ रही है। धान रोपती महिलायें खुशी के गीत गाती दिखाई देने लगी है। कृषि विभाग द्वारा जिले में तकरीबन 2 लाख 66 हजार हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बोनी करने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य के विरूद्ध अब तक लगभग 1 लाख 87 हजार हेक्टेयर में किसानों द्वारा खरीफ मौसम की धान, मक्का, दलहन और तिलहन फसलों की बुआई पूरी की जा चुकी है। पिछले साल इस अवधि में बोनी का प्रतिशत कम था। जिले में चालू मानसून के दौरान विगत एक जून से आज 10 जुलाई तक 407 मिलीमीटर औसत वर्षा हो चुकी है। इस दौरान सबसे ज्यादा 432 मिलीमीटर बारिश विकासखंड में हुई है। विकासखंड में 382 मिलीमीटर औसत वर्षा हुई है। जिले में किसानों द्वारा धान रोपाई का काम किया जा रहा है।

कृषि अधिकारियों ने बताया कि विभाग की ओर से जिले के किसानों को 61350 क्विंटल प्रमाणित बीज उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। किसानों द्वारा विभिन्न खरीफ फसलों के लिए लक्ष्य से अधिक 73110  हजार क्विंटल बीजों का वितरण किया जा चुका है। इस में स्थानीय बीज विक्रेता भी शामिल है, वहीं 51538 मेट्रिक टन खाद का वितरण किया गया है। लक्ष्य 64590 मेट्रिक टन था। प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों में मांग के अनुसार किसानों को खाद और बीज उपलब्ध कराने की कार्रवाई की चल रही है। किसानों के लिए सस्ता कृषि लोन मिल रहा है, वही खेती में तकनीकी प्रयोग बढ़ानें पर केन्द्र और राज्य सरकार का विशेष जोर है। इसके साथ ही कृषि उपज की लागत कम करने पर भी जोर दिया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा किसानों को उपज का सही मूल्य दिलाने के प्रति वचनबद्ध है। कृषि बीमा योजना से किसानों को राहत भी मिल रही है।  

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