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- सोलापुर (महाराष्ट्र): सोलापुर संसदीय सीट से भाजपा सांसद जय सिद्धेश्वर शिवाचार्य महास्वामी (Siddheshwar Shivacharya) के खिलाफ फर्जी जाति प्रमाण (Caste Certificate) पत्र बनवाए जाने का मामला सामना आया है. फर्जी प्रमाण पत्र उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए बनवाया. बताया जा रहा है कि वहलिंगायत समुदाय से आते हैं जबकि उन्होंने अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनवाकर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सोलापुर सीट से चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें जीत भी मिली थी.
प्रमाण पत्र को एक जिला स्तरीय समिति द्वारा ‘‘अमान्य’’ करार दिए जाने के कुछ दिन बाद गुरुवार को यहां स्वामी के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया गया. यह जानकारी एक अधिकारी ने दी. गौरतलब है कि सोलापुर लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. प्रमोद गायकवाड़ नामक व्यक्ति ने स्वामी के खिलाफ समिति से शिकायत की थी कि 2019 के आमचुनाव में सौंपे गए हलफनामे में स्वामी ने खुद को अनुसूचित जाति का होने की गलत जानकारी दी थी.
गायकवाड़ ने दावा किया था कि स्वामी दरअसल हिन्दू लिंगायत समुदाय से हैं और इस मामले की जाँच की मांग की थी. तीन सदस्यीय समिति ने विस्तृत जांच के बाद कहा कि स्वामी अनुसूचित जाति के नहीं हैं. समिति ने स्वामी के जाति प्रमाण पत्र को अमान्य और जाली करार दिया. शिवाचार्य ने कांग्रेस के सुशील कुमार शिंदे को डेढ़ लाख से अधिक वोटों से हराया था. शिवाचार्य को 5 लाख 24 हजार से अधिक वोट मिले थे, जबकि सुशील कुमार शिंदे को 3 लाख 66 हजार वोट ही मिले थे. इस सीट पर 18 अप्रैल, 2019 को दूसरे चरण में वोटिंग हुई थी. - लखनऊ: नागरिकता कानून के विरोध के दौरान हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले आरोपियों की फोटो और उनके पते सहित कई होर्डिंग लखनऊ के कई अहम जगहों पर लगवा दिए हैं. इस होर्डिंग में इन लोगों से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर पेनाल्टी भरने के लिए कहा गया है. आपको बता दें कि बीते दिसंबर के महीने में लखनऊ में नागरिकता कानून के विरोध में कई प्रदर्शन हुआ था. इस दौरान हुई हिंसा में सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया था. होर्डिंग में कहा गया है कि अगर ये लोग पेनाल्टी नहीं देते हैं तो इनकी सपंत्ति जब्त कर ली जाएगी. हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि जब इन लोगों को पहले ही व्यक्तिगत स्तर पर नोटिस दिया जा चुका है तो ऐसा राज्य सरकार ने ऐसा होर्डिंग क्यों लगवाया है. जिन लोगों की होर्डिंग में तस्वीरें लगी हैं उनमें एक्टिविस्ट और राजनीतिज्ञ सदफ जफर, वकील मोहम्मद शोएब, थियेटर से जुड़े दीपक कबीर, पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी शामिल हैं. ये सभी जमानत पर है कहा है कि सरकार की ओर से संपत्ति जब्त करने के फरमान के खिलाफ कोर्ट में लड़ाई लड़ेंगे.
आपको बता दें कि जमानत देते हुए कोर्ट ने पाया है कि इनमें से कई खिलाफ लगाए गए आरोप को साबित करने के लिए पुलिस सबूत नहीं दे पाई है. फरवरी महीने में भी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी इसी तरह कानपुर के एक शख्स के खिलाफ संपत्ति जब्त करने के सरकारी आदेश पर रोक लगा दी थी.
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नई दिल्ली। आयकर विभाग ने कांग्रेस पार्टी को समन भेजने के बाद कोषाध्यक्ष अहमद पटेल को कथित तौर पर अघोषित पार्टी संग्रह (पार्टी कलेक्शन) और चुनावी खर्चों के लिए 550 करोड़ रु से अधिक की धनराशि के लिए नोटिस भेजा है। पार्टी कलेक्शन के मामले में किसी राजनीतिक दल के कोषाध्यक्ष को व्यक्तिगत रूप से पहली बार नोटिस भेजा गया है।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, 2 अप्रैल, 2019 को आईटी विभाग ने मध्य प्रदेश में कई जगहों पर छापेमारी की थी। इसके बाद अक्टूबर 2019 और फरवरी 2020 में हैदराबाद, विजयवाड़ा और अन्य स्थानों पर छापेमारी के बाद ये समन भेजा गया है। अप्रैल 2019 और अक्टूबर 2019 की छापेमारी के दौरान अलग-अलग शहरों में रहने वाले कांग्रेस पार्टी के 6 नेताओं के ठिकानों की तलाशी ली गई थी। - मीडिया रिपोर्ट
मुंबई : महाराष्ट्र और कर्नाटक के चार तर्कवादियों की हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियारों की तलाश के तहत पेशेवर गोताखोरों को ठाणे की खाड़ी से एक पिस्तौल को ढूंढ निकालने में कामयाबी मिली है. सीबीआई, महाराष्ट्र एसआईटी और कर्नाटक पुलिस डॉक्टर नरेंद्र दाभोलकर, गोविंद पनसारे, एमएम कलबुर्गी और पत्रकार गौरी लंकेश की हत्याओं की जांच कर रही है. कई महीने तक तलाश करने के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उस पिस्तौल को अरब सागर के तल से ढूंढ निकाला है जिसे पुणे में तर्कवादी डॉक्टर नरेंद्र दाभोलकर की हत्या में संभवत: इस्तेमाल किया गया.
सूत्रों ने बताया कि मामले के एक संदिग्ध की ओर से दिए गए सुराग के आधार पर ठाणे खाड़ी के पास तलाशी अभियान शुरू किया गया. इस काम में दुबई स्थित एनविटेक मरीन कंसल्टेंट्स की मदद ली गई. सूत्र ने बताया, ‘ये पुष्टि करने के लिए कि दाभोलकर की हत्या में क्या इसी पिस्तौल का इस्तेमाल किया गया, पिस्तौल को बैलिस्टिक विश्लेषण के लिए भेजा गया है.
- नई दिल्ली : रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका कार्यकाल पूरा होने में अभी छह महीनों का समय बाकी था लेकिन इससे पहले ही उन्होंने अपना पद छोड़ दिया है। विरल आचार्य के इस्तीफा देनें के बाद एनएस विश्वनाथन को दोबारा आरबीआई के डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया था। यह करीब 1 साल के भीतर तीसरी बार है जब आरबीआई के किसी उच्च अधिकारी ने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही अपने पद को छोड़ दिया है।खबरों की मानें तो विश्वनाथन ने स्वास्थ्य कारणों के चलते तीन महीने पहले ही अपना पद छोड़ दियसा है। हाल ही में उन्हें तनाव से जुड़ी समस्या हो गई थी, जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है। मार्च को विश्वनाथन केंद्रीय बैंक छोड़ देंगे। अब आरबीआई के तीन डिप्टी गवर्नर रह गए हैं -माइकल पात्रा, बीपी कनुनगो और एमके जैन और। पात्रा को हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का नया डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया था।बता दें कि रिजर्व बैंक में चार डिप्टी गवर्नर होते हैं। सरकार इनकी नियुक्ति गवर्नर की राय को अहमियत देते हुए करती है। परंपरा है कि चार डिप्टी गवर्नर में से दो केंद्रीय बैंक के ही अधिकारी होते हैं। एक डिप्टी गवर्नर कमर्शियल बैंकिंग क्षेत्र से होता है। चौथा डिप्टी गवर्नर कोई जाना माना अर्थशास्त्री होता है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भारतीय इकोनॉमी के लिहाज से उर्जित पटेल का सबसे बड़ा इस्तीफा था। इससे पहले अरविंद सुब्रमण्यम ने जुलाई 2018 में व्यक्तिगत कारणों से मुख्य आर्थिक सलाहकार पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं अगस्त 2017 में नीति आयोग के उपाध्यक्ष रहे अरविंद पनगढ़िया ने पद छोड़ दिया था।
- एजेंसी
नई दिल्ली : उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार दिया गया है. दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि आपका आशय नहीं था, लेकिन जिस तरीके से मारा गया, वो ब्रूटल था. आपको दोषी करार दिया जाता है.इस मामले में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत कुल 11 आरोपी थे. इनमें से 4 बरी किए गए है. बाकी 7 को कोर्ट ने पीड़िता के पिता की कस्टडी में हुई मौत का दोषी माना है. सजा का ऐलान 12 मार्च को किया जाएगा. धारा 304 और 120b में कुलदीप सेंगर को तीस हजारी कोर्ट ने दोषी करार दिया है.आरोपी कुलदीप सेंगर समेत जिन 7 लोग को दोषी करार दिया गया है, इनमें से दो यूपी पुलिस के अधिकारी है. एक एसएचओ है, दूसरा सब इंस्पेक्टर है.सीबीआई और वकील की तारीफफैसला सुनाते हुए जज ने कहा कि मेरी जिंदगी का सबसे चुनौतीपूर्ण ट्रायल रहा. जज ने सीबीआई की सराहना की. पीड़ित के वकील की भी सराहना की. कुलदीप सेंगर से जज ने कहा कि आप क्या कहना चाहेंगे. उसने कहा मै निर्दोष हूं. जज ने कहा कि आपने टेक्नोलॉजी का अच्छा इस्तेमाल किया.जानिए कौन दोषी, कौन बरी1- कुलदीप सेंगर -- दोषी2- कामता प्रसाद, सब इंस्पेक्टर -- दोषी3- अशोक सिंह भदौरिया, SHO -- दोषी4- शैलेंद्र सिंह उर्फ टिंकू सिंह -- बरी5- विनीत मिश्रा उर्फ विनय मिश्रा -- दोषी6- बीरेंद्र सिंह उर्फ बउवा सिंह -- दोषी7- राम शरण सिंह उर्फ सोनू सिंह -- बरी8- शशि प्रताप सिंह उर्फ सुमन सिंह -- दोषी9- अमीर खान, कॉन्स्टेबल -- बरी10- जयदीप सिंह उर्फ अतुल सिंह -- दोषी11- शरदवीर सिंह -- बरीक्या है मामलाउन्नाव रेप पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में नौ अप्रैल 2018 में मौत हो गई थी. सीबीआई ने इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर समेत अन्य कई लोगों पर पीड़िता के पिता की हत्या के आरोप का जांच कर रही थी. इस मामले में कोर्ट ने कुलदीप सेंगर, उसके भाई अतुल, अशोक सिंह भदौरिया, उप निरीक्षक कामता प्रसाद, सिपाही आमिर खान व छह अन्य के खिलाफ आरोप तय कर रखा था.55 गवाहों के दर्ज किए गए बयानइस मामले की सुनवाई को अन्य मामलों के साथ सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली ट्रांसफर किया गया था. इस मामले में सीबीआई ने आरोपों को साबित करने के लिए पीड़िता के चाचा, मां, बहन व पिता के सहकर्मी समेत 55 गवाहों के बयान दर्ज करवाए तो वहीं बचाव पक्ष ने नौ गवाहों को पेश किया. सीबीआई के मुताबिक, तीन अप्रैल 2018 को पीड़िता के पिता व आरोपी शशि प्रताप सिंह के बीच झगड़ा हुआ था.रेप केस में मिल चुकी है सजानाबालिग से दुष्कर्म मामले में कोर्ट ने बीजेपी से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को 20 दिसंबर 2019 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी - एजेंसी
भोपाल : भोपाल के बरखेड़ी इलाके में घनी आबादी के बीच एक महिला डॉक्टर की क्लीनिक में देह व्यापार रैकेट चल रहा था। क्राइम ब्रांच ने छापा मारकर मंगलवार को इसका भंडाफोड़ कर दिया। क्राइम ब्रांच ने इस मामले में 4 महिलाओं समेत 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों का सरगना तृणमूल कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष सचिन चौहान है।
क्लीनिक में चल रहा था सेक्स रैकेट क्राइम ब्रांच की डीएसपी अदिती भावसान ने बताया कि डीजीपी वीके सिंह के पास देह व्यापार की शिकायत की गई थी। सोमवार रात को जमजम शादी हॉल के पास क्लीनिक में एक पुलिस कर्मी को ग्राहक बनाकर भेजा गया, जिसके बाद देह व्यापार के इस धंधे का भंडाफोड़ हुआ। पुलिस ने डॉक्टर की क्लीनिक से आपत्तिजनक सामाग्री बरामद की हैं। क्लीनिक में छोटे कमरे बने हुए थे, जहां यह धंधा चल रहा था। सेक्स ट्वॉयस भी बरामद किए गए हैं। बताया जा रहा है कि इन्हें विदेश से ऑनलाइन मंगाया गया था।
गुप्त रोग का इलाज करते-करते डॉक्टर चलाने लगी सेक्स रैकेट घबी आबादी के बीच क्लीनिक में दो साल से सैक्स रैकेट चल रहा था। डीएसपी आदिती भावसार के मुताबिक, महिला डॉक्टर गुप्त रोग और बवासीर का इलाज करती है। उसके पति की मृत्यु 20 साल पहले हो गई थी। डॉक्टर की तीन बेटियां हैं। उनकी शादी हो चुकी है। एक बेटा उसके साथ ही रहता है। महिला के पास बीयूएमएस (यूनानी चिकित्सा) की डिग्री मिली है। इसका रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया है।
ग्राहकों को देखकर रेट तय करती थी डॉक्टर डॉक्टर ग्राहकों के अंदर आते ही डॉक्टर गेट अंदर से बंद कर लेती थी। उसकी मर्जी के बाद ग्राहक को बाहर जाने दिया जाता था। डॉक्टर ग्राहक को देखकर रेट तय करती थी। अगर ग्राहक अमीर होता था तो वह उसी हिसाब से चार्ज करती थी। वह महिलाओं को बीस फीसदी हिस्सा देती थी, जबकि 80 फीसदी अपने पास रखती थी।
मरीज ही बनते गए ग्राहक बता दें, डॉक्टर की क्लीनिक से छोटे-छोटे कमरे बने हुए थे, जहां यह धंधा चल रहा था। महिला के पति भी डॉक्टर थे और करीब 26 साल से यह क्लीनिक चल रहा था। आरोपित डॉक्टर ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर और जरूरतमंद महिलाएं खुद उसके संपर्क में आकर देह व्यापार करने लगीं। अधिकतर ग्राहक वे थे, जो कभी उसके यहां अपना इलाज कराने आए थे। इन लोगों के दोस्तों के जरिए ग्राहक बढ़ते चले गए। पिछले दो साल से वह यह धंधा कर रही थी। - लखनऊ। पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली जमानत को रद्द करने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। चिन्मयानंद छात्रा से दुराचार के मामले में यूपी की शाहजहांपुर जिला जेल में बंद है।
आपको बता दें कि बलात्कार के मामले में जेल में बंद पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को एक महीने पहले ही इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जमानत दी है। चिन्मयानंद को पिछले साल सितंबर में गिरफ्तार किया गया था और उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 376सी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम यानी एसआईटी बनी थी और बाद में चिन्मयानंद को गिरफ्तार किया गया था व पूछताछ की गई थी। एसआईटी ने बलात्कार का आरोप लगाने वाली छात्रा और उसके साथियों को भी गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने चिन्मयानंद से 5 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी।
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नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को झटका लगा है, फडणवीस पर 2014 के चुनावी हलफनामे में दो आपराधिक केसों की जानकारी छिपाने का मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नागपुर कोर्ट में ट्रायल चलते रहने के निर्देश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने फडणवीस की पुनर्विचार याचिका खारिज की थी. 18 फरवरी को खुली अदालत में सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रखा गया था. बता दें कि फडणवीस ने सुप्रीम कोर्ट से 1 अक्टूबर 2019 के उस आदेश पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था जिसमें 2014 के चुनावी हलफनामे में दो आपराधिक केसों की जानकारी छिपाने के मामले में नागपुर की कोर्ट को ट्रायल फिर से चलाने का आदेश दिया गया था.
ये दोनों मामले नागपुर के हैं. एक मानहानि है जबकि दूसरी ठगी का है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में कहा था कि फडणवीस ने जानबूझकर यह जानकारी छिपाई थी. जानकारी के लिए बता दें कि वकील सतीश उके ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया था कि 2014 के चुनाव का नामांकन दाखिल करते समय में फडणवीस ने झूठा हलफनामा दायर किया था. याचिका में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपने खिलाफ दो आपराधिक मामलों की जानकारी छुपाई थी.
- बिहार : जनता दल (यूनाइटेड) JDU के कार्यकर्ता सम्मेलन में भीड़ ना जुटने पर विपक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर ले रहे हैं. दरअसल, JDU ने पटना के गांधी मैदान में कार्यकर्ता सम्मेलन बुलाया था, लेकिन JDU के राष्ट्रीय महासचिव ने ही कहा था कि इस सम्मेलन में उच्च पदाधिकारियों के साथ-साथ बूथ लेवल के कार्यकर्ता भी बुलाए गए हैं. वहीं, विपक्ष का तर्क है कि बिहार में 71 हजार बूथ है. अगर बूथ लेबल से 2-2 कार्यकर्ता आते तो उनकी संख्या 1.40 लाख होनी चाहिए, लेकिन उससे आधे कार्यकर्ता भी नहीं पहुंचे.
वहीं, JDU के नेताओं का कहना है कि कार्यकर्ता तो लाखों की संख्या में आए, लेकिन धूप और गर्मी की वजह से अधिकतर गांधी मैदान नहीं पहुंच पाए. रविवार को इस सीजन की सबसे ज्यादा धूप और गर्मी भी दिखी, इसलिए सब पेड़ों की छांव में बैठे रहे. इसके बाद RJD नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला.
तेजस्वी ने जेडीयू के कार्यकर्ता सम्मेलन को सुपर फ्लॉप बताते हुए कहा कि नीतीश कुमार की नाक बच जाती अगर वो गांधी मैदान में कार्यकर्ता सम्मेलन नहीं बुलाते. उन्होंने कहा कि अब जनता तो दूर कार्यकर्ता भी उनका साथ नहीं दे रहे हैं. तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार के गांधी मैदान से 5 गुना भीड़ तो उनकी मोतिहारी की सभा में थी. नीतीश कुमार को मान लेना चाहिए कि बिहार में अब उनका जनाधार नहीं रहा. - दिल्ली में हुई हिंसा और इस मसले पर संसद में हो रहे हंगामे के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक ट्वीट ने विपक्ष को नया मुद्दा दिया है. पीएम का कहना है कि वो इस रविवार को सोशल मीडिया छोड़ने पर विचार कर रहे हैं. इस पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि ये प्रधानमंत्री की एक चाल है, जिससे वह मौजूदा मसलों से ध्यान हटाना चाहते हैं. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने ट्वीट कर लिखा, ‘सोशल मीडिया छोड़ने की मोदी जी की नई चाल देश के ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश है’.
अधीर रंजन चौधरी से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर पीएम मोदी पर निशाना साधा था. पीएम मोदी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए राहुल ने लिखा था कि नफरत को छोड़िए, सोशल मीडिया को नहीं. बता दें कि सोमवार को अचानक शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट किया. पीएम ने लिखा कि इस रविवार को वो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब को छोड़ने पर विचार कर रहे हैं. जल्द ही इसके बारे में जानकारी देंगे. प्रधानमंत्री के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर तूफान-सा आ गया था. लोगों ने #NoSir नाम से एक हैशटैग चलाया और पीएम से अपील करते हुए कहा कि वो ऐसा ना करें और सोशल मीडिया पर बने रहें.
- भाषा की खबर
नोएडा: नोएडा के थाना सेक्टर 49 क्षेत्र के सेक्टर 74 स्थित सुपरटेक केपटाउन सोसाइटी में रहने वाले एक व्यक्ति ने घरेलू सहायिका को वेतन मांगने पर 13वीं मंजिल से नीचे फेंक दिया और वह 12वीं मंजिल पर आकर गिर गई. उसे दो माह से वेतन नहीं दिया गया था. इस मामले में पीड़िता के भाई ने मकान मालिक के खिलाफ हत्या के प्रयास सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कराया है.
सहायक पुलिस आयुक्त विमल कुमार सिंह ने बताया कि अंकित कुमार ने थाना सेक्टर 49 में रिपोर्ट में बताया कि उसकी ममेरी बहन देव कुमारी सुपरटेक केपटाउन सोसाइटी के एक फ्लैट में घरेलू सहायिका के रूप में काम करती है. दो माह से मकान मालिक ने उसका वेतन नहीं दिया. रविवार को जब देव कुमारी अपने मकान मालिक से वेतन मांगने गई तो उसने उसके साथ गाली गलौज की तथा 13वीं मंजिल पर स्थित अपने फ्लैट से धक्का देकर नीचे फेंक दिया. उन्होंने आगे बताया कि वह 12वीं मंजिल पर आकर गिरी. एसीपी ने बताया कि इस मामले में फ्लैट के मालिक के खिलाफ हत्या के प्रयास सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. वह फरार है. पुलिस उसकी तलाश कर रही है. उन्होंने बताया कि पीड़िता को फ्लैट के मालिक का नाम पता नहीं है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. - मीडिया रिपोर्ट
असम के बिश्वनाथ जिले में 12 साल की नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप करने और उसके बाद उसकी हत्या करने के जुर्म में पुलिस ने रविवार को सात नाबालिगों को गिरफ्तार किया है. यह घटना जिले के गोहपुर पुलिस थाने के अंतर्गत सकला गांव की है. रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोपी नाबालिगों में से एक लड़का शुक्रवार रात पीड़िता को बहला-फुसला कर जंगली इलाके में ले गया था. जिसके बाद अन्य आरोपियों ने उसके साथ कथित रूप से गैंगरेप किया. शनिवार की सुबह पीड़ित लड़की के परिजनों ने स्थानीय पुलिस के पास उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसके बाद परिजनों के साथ ही साथ पुलिस भी तलाशी अभियान में लग गई थी. बाद में पीड़ित बच्ची को गांव के ही जंगली क्षेत्र में एक पेड़ से लटका हुआ पाया गया.
इस अपराध के सिलसिले में सबसे पहले पुलिस ने एक स्थानीय लड़के को हिरासत में लिया था. जिसने बाद में अपना अपराध कबूल कर लिया था. रविवार को बिश्वनाथ जिला पुलिस ने सात नाबालिग लड़कों को गिरफ्तार किया था. बताया जा रहा है कि इन सातों नाबालिगों ने कथित रूप से उस लड़की के साथ गैंगरेप किया और उसके बाद उसकी हत्या भी कर दी थी.
घटना को लेकर नाराज ग्रामीणों ने आरोपियों पर उस वक्त हमला भी कर दिया था जब पुलिस उन्हें उस इलाके में लेकर गई जहां उन्होंने यह जघन्य अपराध किया था. ग्रामीणों ने गोहपुर थाने का घेराव भी किया और पुलिस से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की.
बिश्वनाथ जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) सौरव ज्योति सैकिया ने कहा कि पुलिस ने सात लड़कों को गिरफ्तार किया है और वे किशोर हैं. पुलिस अधिकारी ने कहा, "हम उन्हें किशोर न्याय बोर्ड के पास भेजेंगे." -
दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर आज सोमवार को संसद के बजट सत्र के दौरान आम आदमी पार्टी के सांसदों ने संसद परिसर में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ प्रदर्शन किया और दिल्ली हिंसा की न्यायिक जांच की मांग की. आप के सांसदों ने संसद परिसर में गांधी मूर्ति के पास प्रदर्शन किया. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह, भगवंत मान समेत अन्य नेता यहां मौजूद रहे. संजय सिंह बोले कि दिल्ली में जो हिंसा हुई उसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए और साजिशकर्ताओं को कड़ी सजा मिलनी चाहिए. AAP सांसद ने कहा कि सभी नेताओं, पुलिसवालों का नार्को टेस्ट होना चाहिए इससे सच सामने आ जाएगा.
आम आदमी पार्टी के अलावा टीएमसी के सांसदों ने भी आंखों पर पट्टी बांध कर संसद परिसर में प्रदर्शन किया. दिल्ली हिंसा को लेकर विपक्ष के द्वारा निशाना साधा जा रहा है तो अब केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने पलटवार किया है. केंद्रीय मंत्री बोले कि जिन लोगों ने दिल्ली में हिंसा की साजिश रची, अब वही संसद में इस मसले को उठाना चाहते हैं. उन्हें इस बात को समझना चाहिए कि ऐसा करने से उनका सच हर किसी के सामने आ जाएगा. सरकार हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है. - दिल्ली : पीएमसी बैंक घोटाले का मुख्य आरोपी और HDIL कंपनी के चेयरमैन राकेश वाधवान की तबीयत बिगड़ने के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वाधवान ने सीने में दर्द की शिकायत की थी, जिसके चलते गुरुवार को उन्हें मुंबई के जेजे अस्पताल में ले जाया गया. अस्पताल में उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया है. वाधवान के अस्पताल में भर्ती होने के बाद उनके वकीलों ने मुंबई की सत्र अदालत में स्वास्थ्य ठीक न होने को आधार बनाकर जमानत की अर्जी दाखिल की है.
उधर, अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि वाधवान ने सीने में तेज दर्द की शिकायत की है और संदेह है कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा है, जिसके चलते उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया है. जेजे अस्पताल की डीन डॉ. पल्लवी सापले ने कहा, "वाधवान को ICU में भर्ती कराया गया है और उनकी नब्ज स्थिर है और यह गंभीर नहीं है."
दूसरी ओर वाधवान के स्वास्थ्य को आधार बनाकर कोर्ट में दाखिल उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए सेशन कोर्ट ने अस्पताल से शनिवार को रिपोर्ट तलब की है. वाधवान की ओर से पेश वकीलों ने अदालत से कहा कि उन्हें एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित किया जाना चाहिए और उन्हें चिकित्सीय आधार पर जमानत दी जानी चाहिए.
HDIL के प्रमोटर राकेश वाधवान और सारंग वाधवान पीएमसी बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी हैं, जिसके कारण पीएमसी बैंक को लगभग 6800 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. पिछले साल 23 सितंबर को यह घोटाला सामने आने के बाद देश के आठ राज्यों में लाखों खाताधारक तब से ही परेशान हैं.
- नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में बीते दिनों काफी हिंसा देखने को मिली। जिसके ना जाने कितने वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इन्हीं में से एक वीडियो 23 साल के फैजान और चार अन्य लड़कों का भी है। वायरल वीडियो में चार से पांच शख्स पुलिस की वर्दी में दिखाई दे रहे हैं और इनके हाथों में लाठियां हैं। ये लोग जमीन पर लेटे कुछ लड़कों को पीट रहे हैं। इस दौरान वीडियो में सुनाई देता है, 'तु्म्हें आजादी चाहिए? ये लो आजादी?'
वीडियो में जहां एक शख्स राष्ट्रगान गा रहा है, वहीं बाकी के लोग रहम करने को बोल रहे हैं। वीडियो में फैजान बेसुध जमीन पर पड़ा दिखाई दे रहा है, जिसे लगातार पीटा जा रहा है। वीडियो शूट होने के दो दिन बाद फैजान की मौत हो गई। न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, फैजान का परिवार उनकी मौत से सदमे में है। उनके बड़े भाई मीट की दुकान पर काम करते हैं। फैजान के भाई नईम ने बताया कि फैजान 23 फरवरी को काम से घर लौटने के बाद उस स्थान पर गए थे, जहां सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा था।
नईम कहते हैं, 'अचानक आंसू गैस के गोले चारों तरफ से छोड़े जाने लगे। तभी कुछ पुलिस वाले आए और उन्होंने वहां खड़े लड़कों को बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। पुलिसवाले तब तक लड़कों को पीटते रहे, जब तक कि वे अधमरी हालत में नहीं पहुंच गए।' नईम ने बताया, 'इन लड़कों को इलाज के लिए जीटीबी अस्पताल ले जाया गया। लेकिन वहां इनका नाममात्र का इलाज हुआ। फिर वहां से इन्हें ज्योति नगर पुलिस स्टेशन में दो दिनों तक बंद रखा गया। मेरा भाई वहां मर रहा था, लेकिन पुलिस वालों ने उसे हमें देखने तक नहीं दिया। उन्होंने हमें गालियां दीं और पुलिस स्टेशन से बाहर कर दिया।' नईम ने दावा करते हुए कहा कि उन्हें 25 फरवरी को फोन आया, पुलिस ने कहा कि परिवार वहां आकर फैजान को ले जा सकता है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि फैजान की मौत होने वाली थी लेकिन वो ऐसा नहीं चाहते थे कि वो जेल में मरे, तभी उन्होंने हमें फोन किया। फैजान के रिश्तेदार बबलू ने बताया, 'जब हम उसे पुलिस स्टेशन लेने गए तो उसके मुंह और सिर से काफी खून निकल रहा था। वो पूरी रात दर्द से तड़पता रहा। वो बार-बार कह रहा था कि पुलिस ने उसे पीटा है।' बबलू ने बताया कि जब सुबह फैजान को जीटीबी अस्पताल लाया गया तो वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
फैजान के भाई नईम ने कहा, 'हमारे साथ बहुत नाइंसाफी हुई है, हर जगह लापरवाही हुई थी। पुलिस वालों को मारने का अधिकार कहां है? क्या ये हमारी सुरक्षा के लिए नहीं है? किस चीज से आजादी। कभी उनसे पूछा गया? बस जान ले ली एक लड़के की यूं ही? पीट पीट के।' घटना के बाद फैजान के घर एक पुलिसकर्मी भी आया और वहां की कुछ तस्वीरें लेकर चला गया। - नई दिल्ली। हरियाणा में झज्जर जिले के बहादुरगढ़ में एक केमिकल फैक्ट्री में ब्लास्ट होने से चार लोगों की मौत गई। जबकि इस ब्लास्ट में 30 घायल हो गए। विस्फोट का असर इतना था कि बगल की एक फैक्ट्री नष्ट हो गई। बताया जा रहा है कि ये ब्लास्ट केमिकल फैक्ट्री के बॉयलर में हुई। ब्लास्ट के बाद आसपास के इलाकों में आग फैल गई जबकि फैक्टी की इमारत गिरने से चार मजदूरों की दबकर मौत हो गई।
इस ब्लास्ट के कारण आसपास की चार फैक्ट्रियों की इमारत में भी आग लग गई। झज्जर के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) जितेन्द्र कुमार ने बताया कि यह घटना दोपहर 3 बजे बहादुरगढ़ के औद्योगिक क्षेत्र में एक निजी रासायनिक कारखाने में हुई। वहीं, फैक्टी के बॉयलर फटने के बाद हुए ब्लास्ट में चार मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 30 अन्य घायल हो गए। घायलों में से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है।
मौके पर एनडीआरएफ की टीम राहत कार्य में जुटी थी। जबकि इस फैक्टी का मालिक फरार बताया जा रहा है। देर रात 11 बजे करीब आग पर काबू पाया गया। वहीं, बुरी तरह जल जाने के कारण शवों की पहचान नहीं हो पाई। ब्लास्ट के बाद फैक्ट्री की बिल्डिंग गिर गई। बताया जा रहा है कि आसपास की छोटी-छोटी फैक्ट्रियों में मजदूरों के लिए छोटे-छोटे कमरे बने हुए थे। इसी में इनका परिवार रहा था। धमाका इतना जबरदस्त था कि 500 मीटर दूर खड़ी गाड़ियों के शीशे टूट गए।
15 घायलों का बहादुरगढ़ के सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है। इसके अलावा अन्य 15 घायलों का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है। फैक्टी के अंदर फंसे सभी लोगों को निकाल लिया गया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए 2-2 लाख रु की आर्थिक मदद की घोषणा की है। - नई दिल्ली : हाल ही में रिपब्लिक टीवी के प्रतिनिधि के एक ईमेल के जरिए लेखक आतिश तासीर को डिबेट में शामिल होने के न्योता भेजा। ईमेल में लिखा था, “प्रिय महोदय, रिपब्लिक टीवी की ओर से हार्दिक बधाई! यह हमारे चैनल पर हमारे एडिटर इन चीफ श्री अर्नब गोस्वामी के साथ आज रात 10 बजे के शो के बारे में है। आज रात अर्नब गोस्वामी के साथ वेस्टर्न मीडिया द्वारा फेक न्यूज फैलाने के विषय पर डिबेट शो होगा। यदि आप अपने व्यस्त कार्यक्रम से कुछ समय निकाल सकते हैं और हमारे शो में भाग ले सकते हैं तो हम आपके आभारी होंगे।”
रिपब्लिक टीवी प्रतिनिधि के ईमेल का जवाब देते हुए आतिश तासीर ने लिखा, “आपकी रुचि के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। मगर अफसोस कि मैं पैनल डिस्कशन्स नहीं करता, खासतौर से ऐसे वाहियात टॉपिक पर। वैसे भी आप इससे तो भली भांति वाकिफ ही होंगे कि रिपब्लिक टीवी से बड़ा फेक न्यूज का कोई सोर्स नहीं है। कृपया मेरी तरफ से श्री अर्नब गोस्वामी को शुभकामनाएं दीजिएगा और कहिएगा कि वो एक बेहतर इंसान बनें।”
इन दोनों ईमेल का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए आतिश तासीर ने एक ट्वीट भी किया है, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। उनके इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। लोग लिख रहे हैं कि आपने बहुत सही तरीके से रिपब्लिक टीवी को सबक सिखाया है। वहीं, बहुत से यूजर्स आतिश के ट्वीट पर उनकी निंदा भी कर रहे हैं।
बता दें कि, लेखक आतिश तासीर पिछले दिनों काफी चर्चा में रहे थे। तासीर के ओवरसीज सिटीजनशीप ऑफ इंडिया कार्ड (OCI) को भारत सरकार ने रद्द करने का फैसला किया था। आतिश तासीर भारतीय पत्रकार तवलीन सिंह और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के दिवंगत गवर्नर सलमान तासीर के बेटे हैं। आतिश ने पिछले साल लोकसभा चुनावों से पहले TIME मैगजीन में पीएम नरेंद्र मोदी को डिवाइडर इन चीफ बताते हुए एक आर्टिकल भी लिखा था। इस आलेख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की गई थी। इस आर्टिकल को लेकर भारत में खूब बहस छिड़ी थी। - दिल्ली : यौन शोषण मामले में आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के केस को उत्तर प्रदेश से दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग की गई है. शिकायतकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे के समक्ष याचिका दायर कर यह मांग की है. कोर्ट इस मामले पर सोमवार, 2 मार्च को सुनवाई करेगा. पीड़ित लड़की और उसके पिता ने सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दाखिल की है. पीड़िता ने अर्जी दाखिल कर मामले को लखनऊ से दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की है. याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उन्हें चिन्मयानंद जैसे प्रभावशाली शख्स से खतरा है. इस मामले में सुरक्षा के तौर पर पीड़िता को एक गनमैन मिला हुआ है.
बता दें कि 3 फरवरी हाई कोर्ट ने अपने आदेश में ट्रायल के लिए केस को यूपी के शाहजहांपुर से लखनऊ ट्रांसफर किया था. इससे पहले, यौन शोषण केस के आरोपी चिन्मयानंद को मिली जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. पीड़िता का कहना था कि चिन्मयानंद की वजह से उसकी जान को खतरा है. -
दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले दिनों संपन्न हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी चुनावी हलफनामे में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गलत सूचना देने के मामले में नोटिस जारी किया है. आम आदमी पार्टी के नेता और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी उम्मीदवार रविंद्र नेगी ने याचिका दाखिल की थी. बीजेपी उम्मीदवार रविंद्र नेगी ने हाईकोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में कहा था कि मनीष सिसोदिया ने अपने नामांकन पत्र में अपने आपराधिक मामलों की जानकारी नहीं दी थी.
सिसोदिया पर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर मामले को छिपाने का आरोप है, जिसमें आरोप है कि उन्होंने संतोष कोली की मौत के बाद इंडियन फ्लैग को जलाया था. इस मामले में दिल्ली की कोर्ट में उनके खिलाफ चार्जशीट भी दिल्ली पुलिस दाखिल कर चुकी है. साथ ही सिसोदिया पर चुनाव आयोग की गाइडलाइंस का उल्लंघन का आरोप है.
सिसोदिया पर यह भी आरोप है कि उन्होंने 2018 में अपना फ्लैट बेच दिया था, लेकिन अपना पुराना वोटर आई कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं. अब इस मामले की अगली सुनवाई 29 मई को होगी. प्रचार मानदंडों का कथित रूप से उल्लंघन करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में दो याचिकाएं दायर की गई हैं। इस याचिका में दोनों के निर्वाचन को चुनौती दी गई है। इसे लेकर सिसोदिया को दिल्ली हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। - गुजरात के राजकोट जिले में तीन लोगों ने 19 साल की दलित लड़की को कथित तौर पर अगवा किया और बंदूक का भय दिखाकर कार में उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी। इस मामले में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। पुलिस ने बताया कि कोटदासनगनी तालुका की इस लड़की ने जिला पुलिस से शिकायत की कि अमित पडालिया और उसके दोस्तों- विपुल शेखदा तथा शांति पडालिया ने बुधवार को बंदूक का भय दिखाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।
आरोप है कि अमित स्थानीय भाजपा नेता है। वह पहले पार्टी की कोटदासनगनी तालुका का महासचिव रहा था। खबरों के अनुसार शांति पडालिया इसी तालुका पंचायत का निर्वाचित कांग्रेस सदस्य है। पुलिस जांच में पता चला है कि अमित की मां उसी गांव की सरपंच हैं जिस की लड़की निवासी है।
पुलिस ने बताया कि पीड़िता ने दावा किया कि तीनों ने उसे घर से अगवा किया और कार में जबरदस्ती बैठाया। पुलिस ने शिकायत के हवाले से कहा कि तीनों ने बंदूक का डर दिखाकर कार में उसके साथ दुष्कर्म किया और वे शाम को उसके घर के पास छोड़ गए। राजकोट के पुलिस अधीक्षक बलराम मीणा ने कहा, 'हम उनकी राजनीतिक संबद्धताओं के बारे में नहीं जानते। उन्होंने कहा कि अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।'
- दिल्ली : बॉलीवुड तड़का टीम. मशहूर गीतकार और कहानीकार जावेद अख्तर ने दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल करते हुए ताहिर हुसैन पर हुई कार्रवाई को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। इसके साथ ही हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर भी बात हो रही है। दिल्ली में हुई हिंसा में अब तक 30 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। वहीं, हिंसा में आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन का नाम भी सामने आ रहा है।
इसी बीच गीतकार जावेद अख्तर ने भी दिल्ली की हिंसा और पुलिस की कार्रवाई को लेकर एक ट्वीट किया है। जावेद अख्तर ने कहा है कि "कई लोग मरे, कई घायल हुए, कई दुकानों को लूटा गया, कई घर जलाए गए। कई लोग बेसहारा हो गए। लेकिन दिल्ली पुलिस ने एक घर को सील किया और उसके मालिक की तलाश कर रही है। संयोग से उसका नाम ताहिर है। दिल्ली पुलिस की इस सजगता पर मैं नतमस्तक हूं"।
यहां बता दें कि दिल्ली में हुई हिंसा के बाद पुलिस को कार्रवाई के दौरान आम आदमी पार्टी से निलंबित किए गए पार्षद ताहिर हुसैन के घर से पत्थर, पेट्रोल बम, तेजाब बम आदि सामान मिला था। जावेद अख्तर के इस ट्वीट के बाद उनको कई लोगों ने अपने निशाने पर लिया है। - नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने तीन साल में टिकट कैंसिलेशन और नन कैंसिलेशन से 9 हजार करोड़ रुपये कमा लिए. ये कमाई 1 जनवरी 2017 से 31 जनवरी 2020 के दौरान की है. कमाई का खुलासा सूचना अधिकार के तहत मिली जानकारी से हुआ है. रेलवे ने ये भी बताया कि इंटरनेट और काउंटरों से टिकट हासिल करनेवाले यात्रियों की भी संख्या में अंतर है.
राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर से पूछे गये सवाल के जवाब में CRIS ने बताया, "तीन सालों में करीब साढ़े नौ करोड़ यात्रियों ने वेटिंग टिकट कैंसिल नहीं कराए. इससे रेलवे को 4335 करोड़ की आमदनी हुई. जबकि कंफर्म टिकट के कैंसिल कराने से रेलवे को 4684 करोड़ रुपये की कमाई हुई."
दरअसल RTI कार्यकर्ता स्वामी ने राजस्थान हाईकोर्ट में रेलवे की भेदभावपूर्ण रिजर्वेशन पॉलिसी के खिलाफ याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने ऑनलाइन और काउंटर रिजर्वेशन की नीतियों के अंतर को उजागर किया था. अपनी याचिका में उन्होंने कोर्ट को बताया कि इससे यात्रियों पर अनावश्यक वित्तीय और मानसिक बोझ पड़ता है. याचिकाकर्ता ने रेलवे की भेदभावपूर्ण नीति को खत्म कर यात्रियों को राहत देने और अनुचित तरीके से कमाई पर रोक लगाने की मांग की. CRIS ने सूचना अधिकार के तहत मांगी गयी जानकारी के जवाब में कहा, "इंटरनेट और काउंटरों से टिकट खरीदने वाले लोगों की संख्या में भारी अंतर है. तीन साल की अवधि में 145 करोड़ से अधिक लोगों ने ऑनलाइन टिकट लिये जबकि 74 करोड़ लोगों ने रेलवे काउंटरों पर जाकर टिकट कटाया. सबसे ज्यादा कमाई दोनों सेगमेंट में स्लिपर क्लास के टिकट से हुई. -
दिल्ली हिंसा मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है. इस पर हाई कोर्ट ने 13 अप्रैल तक का समय दे दिया है. तब तक केंद्र सरकार को भड़काऊ भाषण पर रिपोर्ट सौंपनी होगी. अब मामले की अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार यानी गृह मंत्रालय को दिल्ली हिंसा मामले में पक्षकार बनाए जाने की दलील को मंजूरी दी.
केंद्र और दिल्ली पुलिस के वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कल कोर्ट ने आदेश जारी कर जवाब मांगा था कि जो भड़काऊ बयान दिए गए थे उनपर करवाई की जाए, जबकि ये बयान 1-2 महीने पहले दी गई. याचिकाकर्ता केवल तीन भड़काऊ बयानों को चुनकर कार्रवाई की मांग नहीं कर सकता.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमारे पास इन तीन हेट स्पीच के अलावा कई और हेट स्पीच है, जिसको लेकर शिकायत दर्ज कराई गई. याचिकाकर्ता ने चुनिंदा सिर्फ तीन वीडियो का हवाला दिया है. एक जनहित याचिका में ऐसा नहीं होता. केंद्र को पक्षकार बनाया जाए या नहीं ये कोर्ट को तय करना है, याचिकाकर्ता को नहीं. हम हिंसा को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. - नागपुर : आरएसएस के सरकार्यवाह सुरेश ‘भैयाजी' जोशी ने बृहस्पतिवार को कहा कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है और केंद्र को सुनिश्चित करना चाहिए कि दिल्ली में शांति बहाल हो. उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक हिंसा से प्रभावित राष्ट्रीय राजधानी में कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए आवश्यक कार्रवाई होनी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को उन इलाकों में शांति बहाल करनी चाहिए, जहां अशांति है. किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है. '' जोशी एक कार्यक्रम के इतर यहां दिल्ली हिंसा पर संवाददाताओं के सवालों का जवाब दे रहे थे.संशोधित नागरिकता कानून को लेकर उत्तर-पूर्वी दिल्ली के विभिन्न हिस्से में रविवार को हिंसा भड़क उठी जिसमें अभी तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं.