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 ISRO ने सफलता पूर्वक लॉन्‍च किया कार्टोसैट-3 सैटेलाइट

श्रीहरिकोटा। इंडियन स्‍पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) की तरफ से आज कार्टोसैट-3 और 13 कमर्शियल नैनोसैटेलाइट्स को लॉन्‍च कर दिया गया। पहले इन सैटेलाइट्स को 25 नवंबर को लॉन्‍च किया जाना था लेकिन बाद में इसरो की तरफ से लॉन्चिंग की तारीख बदलने की जानकारी दी गई थी। सुबह तय समय पर 9:28 मिनट पर इन सैटेलाइट्स को लॉन्‍च किया गया।

कार्टोसैट-3 और 13 सैटेलाइट्स को पोलर सैटेलाइट लॉन्‍च व्‍हीकल-XL variant (PSLV-XL) की मदद से सै लॉन्‍च किया गया है। कार्टोसैट-3 एक मौसम और सेना से जुड़ी अहम जानकारियों को जुटाने में किया जाएगा। कार्टोसैट-3 का वजन लगभग 1500 किलोग्राम है। यह तीसरी पीढ़ी के के एडवांस्ड हाई रेजोल्यूशन वाले अर्थ इमेजिंग सैटेलाइट्स में पहला सैटेलाइट है। इस सैटेलाइट को अंतरिक्ष की कक्षा से 509 किलोमीटर की दूरी पर 97.5 डिग्री के झुकाव पर स्‍थापित किया जाएगा। इसरो ने बताया है कि जो 13 और सैटेलाइट्स हैं वे सभी अमेरिका की कंपनी न्‍यूस्‍पेस इंडिया लिम‍िटेड (एनएसआईएल) के कॉन्‍ट्रैक्‍ट के तहत लॉन्‍च किए गए हैं। इसरो की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कार्टोसैट-3 में कई टेक्‍नोलॉजीज और एलीमेंट्स हैं जो इसे दुनिया का एक एडवांस्‍ड सैटेलाइट बनाते हैं।

इसरो की तरफ से बताया गया है कि इस सैटेलाइट की मदद से अलग-अलग एजेंसियों को जरूरी तस्‍वीरें दी जा सकेंगी। यह सैटेलाइट सर्विलांस के लिए काम में आ सकता है। 17 मिनट की उड़ान के बाद कार्टोसैट-3 रॉकेट से अलग हो गया था। करीब एक मिनट बाद 13 अमेरिकी सैटेलाइट्स अंतरिक्ष की कक्षा में स्‍थापित हो गए। अंतिम नैनो सैटेलाइट करीब 26 मिनट 50 सेकेंड के बाद पीएसएलवी रॉकेट से अलग होकर कक्षा में स्थापित हुआ। भारत अब तक करीब 310 विदेशी सैटेलाइट्स को लॉन्‍च कर चुका है। इसरो के नाम यह अपने आप में एक महान रिकॉर्ड है।
 

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