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 बाल विवाह की रोकथाम हेतु जिला प्रशासन ने की अपील
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
 
हाशिम खान 

सूरजपुर : कलेक्टर श्री रोहित व्यास द्वारा आम नागरिको से अपील की गई है कि बाल विवाह की रोकथाम में सहयोग प्रदान करें। बाल विवाह बच्चों के अधिकारों का निर्गम उल्लंघन हैं। बाल विवाह से पोषण व शिक्षा पाने और हिंसा, उत्पीड़न व शोषण से बचाव के मूलभूत अधिकारों का हनन होता है। कम उम्र में विवाह से बालिका का शारीरिक विकास रूक जाता है। उनके स्वास्थय पर गंभीर असर पड़ता है। जल्दी विवाह अर्थात जल्दी माँ बनना इसके कारण कम उम्र में मॉ और उसके बच्चें दोनों की जान और सेहत खतरे में पड़ जाती है। कम उम्र की माँ के नवजात शिशुओं का वजन कम रह जाता है और उनके कुपोषित होने की आशंका रहती है। अतः जिले वासी से अपील है कि बाल विवाह ना करे एवं बाल विवाह ना होने देवे। बाल विवाह की रोकथाम में शासन प्रशासन का सहयोग करे।
 
17 अप्रैल 2024 को रामनवमी के दिन से वैवाहिक सीजन शुरू हो जाता है। अबूझ मुहूर्त के कारण अक्षय तृतीया के दिन भी बड़ी संख्या में शादियों होती है। ग्रामीण अंचलों में तो आर्थिक रूप से कमजोर परिजन अपने बच्चों की कम उम्र में ही शादी कर देने तैयार हो जाते है जो कि कानूनन गलत है। ऐसे बालक-बालिका जो कि नाबालिक है उनकी शादी ना हो, उनके लिए जिला प्रशासन पूर्ण रूप से सक्रिय है। जिले में बाल विवाह की पूर्णतः रोकथाम हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग पूरे जिले में नजर रखने की तैयारी कर चुका है। जिले के साथ ग्रामीण अंचल में काम करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के माध्यम से किसी भी गांव या शहर के कम उम्र के बालक या बालिका की शादी ना हो इसकी मॉनिटरिंग शुरू कर दी गई है।
 
विभागीय अमला पूरी सक्रियता के माध्यम से कार्य कर रहा है। 21 वर्ष से कम आयु के लड़के और 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की का विवाह कानूनन प्रतिबंधित है। कोई व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है, करता है, उसमें सहायता करता है, बाल विवाह को बढ़ावा देता है, उसकी अनुमति देता है अथवा बाल विवाह में सम्मिलित होता है, को 02 वर्ष तक का कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि 1 लाख रूपये तक हो सकता है अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है।

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