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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बिलासपुर : खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा प्रतिवर्ष खिलाडियों, प्रशिक्षकों एवं निर्णायकों को खेल पुरस्कार प्रदान कर राज्य खेल अलंकरण से सम्मानित किया जाता है। इसी क्रम में वर्ष 2023-24 और वर्ष 2024-25 हेतु जिला कार्यालय एवं संचालनालय में राज्य खेल संघों से अनुशंसा सहित आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 26 जून 2025 कार्यालयीन समय तक निर्धारित की गई है। खिलाड़ी को एक से अधिक अंलकरण हेतु पृथक-पृथक आवेदन प्रस्तुत करना होगा। आवेदन पत्रों का प्रारूप सूचना विभाग की वेबसाईट https//sportsyw.cg.gov.in पर उपलब्ध है।
पुरस्कार नियम में प्रावधानों के अनुरूप जिन खिलाड़ियों की मान्यता प्राप्त संघ द्वारा पुरस्कार के लिए अनुसंशा नहीं की गई है और तुलनात्मक रूप से उनकी उपलब्धि अधिक है, तो ऐसे खिलाडी तत्संबंधी विवरण प्रस्तुत कर, निर्धारित प्रारूप में अपना व्यक्तिगत विवरण लेख करते हुए दिनांक 23 जून 2025 तक, कार्यालयीन समय में संचालनालय, खेल एवं युवा कल्याण, सरदार वल्लभ भाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम, जी.ई. रोड, रायपुर या खेल विभाग के जिला कार्यालयों में अपना आवेदन सीधे जमा कर सकते हैं।
राज्य खेल अलंकरण के अंतर्गत सीनियर वर्ग के खिलाड़ियों को शहीद राजीव पाण्डे पुरस्कार, जूनियर वर्ग के खिलाड़ियों को शहीद कौशल यादव पुरस्कार, प्रशिक्षकों एवं निर्णायकों को वीर हनुमान पुरस्कार से अलंकृत किया जाता है। ऐसे खिलाड़ी जिन्होंने विगत 5 वर्षों में चार बार सीनियर वर्ग में राष्ट्रीय चौम्पियनशिप में छत्तीसगढ़ की ओर से प्रतिनिधित्व करने वाले महिला, पुरूष खिलाडियों को शहीद पंकज विक्रम सम्मान से सम्मानित किया जाता है। खेल से जुड़े 55 वर्ष या अधिक उम्र के अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में भाग लिया हो या राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक प्राप्त किया हो या संबंधित ने ऐसी कोई उल्लेखनीय सेवा खेल के क्षेत्र में की हो, जिसके आधार पर उन्हें सम्मानित किये जाने हेतु विचार किया जाए, उन्हें शहीद विनोद चौबे सम्मान से अंलकृत किया जाता है। इसी प्रकार सीनियर व जूनियर वर्ग में राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक प्राप्त दल को मुख्यमंत्री ट्रॉफी प्रदान की जाती है। पुरस्कार के नियम छत्तीसगढ़ राजपत्र में प्रकाशित किए गए है, नियमों के अंतर्गत पात्रता रखने वाले आवेदकों को पुरस्कार के लिए प्रावीण्यता के आधार पर चयन किया जाएगा।
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बिलासपुर : पिछड़ा वर्ग के छात्रों को खेल प्रशिक्षण देने के लिये नवीन बालक क्रीड़ा परिसर बिलासपुर में प्रवेश दिया जायेगा। जिसके लिये प्रवेश परीक्षा 21 जून को स्व. बी. आर. यादव राज्य खेल प्रशिक्षण केन्द्र बहतराई में सवेरे 8 बजे से आयोजित की गई है। क्रीड़ा परिसर में एथलेटिक्स, हॉकी, कबड्डी एवं स्वीमिंग विधाओं में प्रशिक्षण दिया जाएगा। किसी भी विद्यालय में अध्ययनरत पिछड़ा वर्ग के ऐसे छात्र जिनकी उम्र 31.12.2025 को 14 वर्ष से कम हो सब जूनियर वर्ग एवं ऐसे छात्र जिनकी आयु 31.12.2025 को 18 वर्ष से कम हो वे वरिष्ठ वर्ग से क्रीड़ा परिसर की चयन परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।
प्रवेश परीक्षा के द्वारा 27 छात्रों का चयन किया जायेगा। चयन 10 बैटरी टेस्ट लेकर मूल्यांकन द्वारा किया जायेगा। जिनमें 50 मीटर दौड़, उछाल परीक्षण, शटल रेस 4 गुना 10 मीटर, स्टैंडिंग ब्रांड जमा, गतिशील स्फूर्ति परीक्षण, अपर बॉडी बेंडिंग, पुश-अप, लेग रेसिंग, सिट-अप, 400 मीटर दौड़। इसके साथ ही 23 जून को उसी स्थान पर चयन सूची जारी की जाएगी। 24 जून तक चयनित छात्रों का चिकित्सकीय परीक्षण करवा कर क्रीड़ा परिसर में प्रवेश दिया जाएगा। -
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मरीजों को कम्प्यूटराईज्ड जांच रिपोर्ट देने संभागायुक्त ने दिए निर्देश
बिलासपुर : सिम्स की स्वशासी समिति (प्रबंधकारिणी सभा) की तृतीय बैठक संभागायुक्त श्री सुनील जैन की अध्यक्षता में सिम्स के नये कौंसिल कक्ष में संपन्न हुई। संभागायुक्त द्वारा 15 जुलाई तक समस्त प्रकार के जाँचों की कम्प्यूटराईज्ड रिर्पाेट देने की सुविधा प्रारंभ करने निर्देश दिये गये हैं। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने बताया कि सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल व सिम्स चिकित्सालय के मध्य एक डेडिकेटेड बस का संचालन शीघ्र प्रारंभ किया जावेगा। बैठक में नगर निगम आयुक्त श्री अमित कुमार, अधिष्ठाता सिम्स डॉ. रमणेश मूर्ति, अधिष्ठाता शास. चिकित्सा महाविद्यालय अम्बिकापुर डॉ. अविनाश मेश्राम, चिकित्सा अधीक्षक सिम्स डॉ. लखन सिंह सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी बैठक में उपस्थित थे। बैठक की कार्यवाही पूर्व बैठक के पालन प्रतिवेदन वाचन से प्रारंभ की गई, साथ ही संभागायुक्त द्वारा आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।
संभागायुक्त श्री जैन ने विभिन्न उन्नयन कार्यों की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने पीडब्ल्यूडी के तीनों कार्यपालन अभियंताओं की सदस्यता में समिति गठित कर प्रतिवेदन में सुझाये बिन्दुओं के अनुरूप कार्य संपादित करने निर्देश दिये। बैठक में मुख्य रूप से बालक-बालिका छात्रावास में शेड निर्माण व मरम्मत कार्य, खेल मैदान एवं पीएसएम विभाग में सिविल मरम्मत कार्य, विद्युत सब-स्टेशन के संचालन व रखरखाव की व्यवस्था संबंधित कार्याें की स्वीकृति प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त नवीन वातानुकुलित ब्लड कलेक्शन एवं ट्रांसपोटेशन वैन क्रय सहित पूर्व बैठक में स्वीकृत वाहन के क्रय हेतु प्रावधानित बजट में वृद्धि प्रस्ताव पर सहमति प्रदान की गई। इस क्रम में नवीन कम्प्युटर सिस्टम, मल्टीफंक्शन प्रिंटर व साफ्टवेयर क्रय की स्वीकृति प्रदान की गई। बैठक में कलेक्टर एवं आयुक्त, नगर निगम द्वारा जानकारी दी गई की सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल व सिम्स चिकित्सालय के मध्य एक डेडिकेटेड बस का संचालन प्रारंभकिया जावेगा।
बैठक के पूर्व कमिश्नर के द्वारा डीन डॉ रमणेश मूर्ति, नोडल अधिकारी डॉ भूपेंद्र कश्यप, डॉ लखन सिंह चिकित्सा अधीक्षक के साथ चिकित्सालय का आकस्मिक निरीक्षण भी किया गया। दवा वितरण केंद्र, निर्माणाधीन कैजुअल्टी, एवं ट्रायेज में भर्ती मरीजों से इलाज, मिलने वाली दवाई के संबंध में भी जानकारी ली। बैठक में डॉ. हेमलता ठाकुर, डॉ. सुरेश तिवारी, डॉ. प्रभात श्रीवास्तव, डॉ. मनोज गुप्ता, डॉ. प्रशांत निगम, डॉ. सुमन आर्या, सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
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बिलासपुर : कलेक्टर संजय अग्रवाल ने आगामी बरसात को देखते हुए बाढ़ राहत के लिए की जा रही प्रशासनिक तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि आपदाएं किसी को पूर्व सूचना देकर नहीं आती, अचानक रूप से कहीं पर भी प्रकट हो सकती हैं। इसलिए हमें हर समय हर तरह की आपदा से निपटने के लिए पहले से तैयार रहना चाहिए। उन्होंने बाढ़ की स्थिति में प्रभावित लोगों को ठहराने के लिए राहत शिविर, सामुदायिक रसोई, नावों की व्यवस्था एवं स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी लेकर हमेशा तैयार रहने के निर्देश दिए। उन्होंने सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए जिला स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष एवं दूरभाष नम्बर 07752-251000 को सक्रिय रखने को कहा है।
कलेक्टर ने कहा कि हमेशा की तरह बाढ़ संभावित क्षेत्रों की पहचान कर लिया जाये। इन इलाकों में लोगों को ठहराने के लिए राहत शिविर एवं सामुदायिक रसोई के लिए स्थल का भी चयन कर लिया जाये। सरकारी और निजी स्तर पर नावों की उपलब्धता का आकलन कर लिया जाये। नाविकों को लाईफ जैकेट भी उपलब्ध कराया जाये। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए मोबाईल चिकित्सा यूनिट एवं चिकित्सा दलों का गठन अभी से कर लिया जाये। आपदा प्रबंधन के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ एवं होम गार्डस की टीमों को तैनात किया जायेगा। उन्हें अच्छी तरह से और अधिक प्रशिक्षित किया जाये उनकी मॉक ड्रिल भी समय-समय पर आयोजित होते रहना चाहिए ताकि वे तैयार एवं अपडेट रहें और लोगों में बचाव के प्रति जागरूकता भी आए। उन्होंने जल संसाधन विभाग को बांधों और नदियों में जल स्तर की सतत् निगरानी करते हुए लोगों को इसकी जानकारी देते रहने के निर्देश दिए हैं। जिला कार्यालय में बाढ़ एवं आपदा प्रबंधन के लिए नोडल अधिकारी डिप्टी कलेक्टर रजनी भगत मोबाईल नम्बर 9174755256 को बनाया गया है। बैठक में में जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल, डोगरा रेजिमेन्ट के कैप्टन गजराज, जिला कमाण्डेन्ट दीपांकुर नाथ, जल संसाधन विभाग खारंग के ईई मधु चन्द्रा, जल संसाधन संभाग कोटा के ईई डी जायसवाल, अधीक्षक भू-अभिलेख खिलेन्द्र यादव उपस्थित थे।
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सांसद, विधायक और पंचायतों के अध्यक्ष सलाहकार मंडल में शामिल
आदिम जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव ने जारी किया आदेश
रायपुर : राज्य शासन द्वारा एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना सलाहकार मंडल के अध्यक्ष पद पर सांसदों, विधायकों एवं जिला पंचायत तथा जनपद पंचायत के जनप्रतिनिधियों का मनोनयन किया गया है। इस आशय का आदेश मंत्रालय महानदी भवन स्थित आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा द्वारा जारी कर दिया गया है। एकीकृत आदिवासी विकास परियोजनाओं में मनोनित हुए अध्यक्षों का नाम इस प्रकार है -
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किसानों को दी गई आधुनिक कृषि तकनीक, जैविक उपायों एवं विभागीय योजनाओं की जानकारी
महासमुंद : विकासखंड महासमुंद के ग्राम बम्हनी एवं बेमचा में "विकसित कृषि संकल्प अभियान" के अंतर्गत कृषि संकल्प यात्रा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर किसानों को कृषि से संबंधित नवीनतम तकनीकों, वैज्ञानिक विधियों तथा विभिन्न विभागीय योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई।
ग्राम बम्हनी में आयोजित कार्यक्रम में उपसंचालक कृषि श्री एफ आर कश्यप, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री मनी राम ऊईके, कृषि विस्तार अधिकारी श्री मनोज पटेल, कृषि विज्ञान केंद्र महासमुंद से डॉ. रवीश केशरी, डॉ. एस. के. प्रधान, डॉ. पी. के. केसरिया, पशुपालन विभाग से श्री एल. आर. साहू, मत्स्य विभाग से श्री रेवती रमण, उद्यानिकी विभाग से श्री मति अलका सोनी एवं श्री मति उषा मरावी, उपस्थित रहे। इसके अलावा समिति अध्यक्ष श्री नामदेव साहू (बरोंडा बाजार), सरपंच बम्हनी श्रीमती रूपा ध्रुव, सरपंच चिंगरोद श्री छेरकू जी, सहकारी समिति प्रबंधक श्री हेमलाल साहू सहित कई जनप्रतिनिधि एवं किसान बड़ी संख्या में उपस्थित थे।कार्यक्रम में किसानों को मशरूम उत्पादन, लाइट ट्रैप एवं फेरोमोन ट्रैप, जैविक कीट नियंत्रण, खेती की वैज्ञानिक विधियाँ, पशुपालन, उद्यानिकी, मत्स्य एवं कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी गई। साथ ही कृषि विभाग ने मौके पर ही किसानों की समस्याएं सुनीं और उनके त्वरित निराकरण की दिशा में कदम उठाए।
ग्राम बेमचा में कृषि संकल्प यात्रा
ग्राम बेमचा में आयोजित कृषि संकल्प यात्रा में जनपद सदस्य श्रीमती सुधा योगेश्वर चंद्राकर ने किसानों को संबोधित करते हुए हॉर्टिकल्चर फसलों को बढ़ावा देने, एफपीओ के गठन, तथा तकनीकी खेती को प्रोत्साहन देने की बात कही।कार्यक्रम में सरपंच श्री देवेंद्र चंद्राकर, जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि श्री राहुल चंद्राकर, सहकारी समिति अध्यक्ष श्री रामदयाल यादव, लोहारडीह के उपसरपंच श्री चेनेश कांत डहरिया, समिति प्रबंधक श्री फत्ते लाल निर्मलकर सहित अनेक ग्रामीण जनप्रतिनिधियों ने अपनी भागीदारी दी। कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कृषि करने के लिए प्रेरित करना रहा, ताकि वे आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर खेती को अधिक लाभकारी बना सकें। विकसित कृषि संकल्प अभियान के माध्यम से ग्राम स्तर पर पहुंचकर कृषि वैज्ञानिकों एवं विभागीय अधिकारियों ने सीधे किसानों से संवाद कर उन्हें नवीन तकनीकों, योजनाओं एवं साधनों से परिचित कराया, जिससे उन्हें खेती में लागत कम और उत्पादन अधिक करने में सहायता मिलेगी।
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जिला परियोजना लाइवलीहुड कॉलेज कोरिया करेगा शिविरों का संचालन
कोरिया : जिला कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी के निर्देशानुसार, जिला परियोजना लाइवलीहुड कॉलेज, कोरिया द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 में मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना एवं प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत जिले के बेरोजगार युवक-युवतियों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु प्रचार-प्रसार शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।
यह शिविर 16 जून से 02 जुलाई 2025 तक जिले के चिन्हित ग्रामों एवं नगरीय निकायों में आयोजित किए जाएंगे। शिविरों का उद्देश्य कौशल प्रशिक्षण के लिए पात्र एवं इच्छुक युवाओं की पहचान कर उन्हें योजना की जानकारी देना तथा प्रशिक्षण हेतु पंजीयन कराना है। प्रशिक्षण हेतु इच्छुक युवक-युवतियों को शिविर स्थल पर पहुँच कर फार्म भरने एवं जानकारी प्राप्त करने हेतु आमंत्रित किया गया है।
शिविरों के सफल संचालन हेतु
विकासखंड स्तर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। शिक्षा अधिकारी को सहायक नोडल अधिकारी, संकुल शैक्षिक समन्वयक को ग्राम समन्वय का दायित्व सौंपा गया है।.ग्राम पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, मेट एवं आवास मित्र को फार्म वितरण एवं संकलन की जिम्मेदारी दी गई है।
ग्रामीण क्षेत्र में शिविर 16 जून को छिंदिया (बैकुण्ठपुर), बंजारीडांड (पोड़ी बचरा), लटमा (सोनहत), 17 जून को कटोरा, सोंस, घुघरा (सोनहत), 18 जून को गिरजापुर, तोलगा, अकलासरई (सोनहत), 19 जून को फूनपुर, अमका, बंशीपुर (सोनहत), 20 जून को खरवत, पोड़ी, रामगढ़ (सोनहत), 23 जून को तलवापारा, सोनहत, 24 जून को सलका, कैलाशपुर, 25 जून को सरईगहना, 26 जून को बरपारा, 27 जून को बुडार, 30 जून को सरभोका, 01 जुलाई को चम्पाझर, 02 जुलाई को भांडी इसी तरह नगरीय क्षेत्र में 26 जून को नगरपालिका शिवपुर-चरचा, 27 जून को नगर पालिका बैकुण्ठपुर और 30 जून को नगर पंचायत पटना में सुबह 11 बजे से अपराह्न 4 बजे तक शिविर का आयोजन किया जाएगा।
इन शिविरों के माध्यम से जिले के युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इच्छुक अभ्यर्थी निर्धारित तिथि एवं समय पर शिविर स्थल में उपस्थित होकर योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। अधिक जानकारी हेतु कार्यालयीन दिवस, समय पर जिला परियोजना लाइवलीहुड कॉलेज, कोरिया में सम्पर्क कर सकते हैं।
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सूरजपुर : कलेक्टर श्री एस.जयवर्धन ने जिला संयुक्त कार्यालय के कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक में स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए उन्होंने संबंधितों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को एनीमिया, मैटरनल प्रोग्राम जैसी बीमारियों पर प्राथमिकता से काम करने की बात कही।
उन्होंने स्पष्ट किया कि जिले में चिकित्सा ढांचे को सशक्त बनाना प्रशासन की प्राथमिकता है ताकि जिलेवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो सके । बैठक में उन्होंने उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की समय पर पहचान और उपचार के रेगुलर मॉनीटरिंग और फॉलोअप पर विशेष फोकस करने की बात कही ताकि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को नग्णय किया जा सके।
बैठक में आयुष्मान वय वंदना कार्ड के अद्यतन स्थिति की जानकारी ली गई और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इस योजना का लाभ मिले इसके लिए उन्होंने सीएमएचओ को प्रधान मंत्री वय वंदना योजना हेतु जून माह में ही महाअभियान करवाने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में डिप्टी कलेक्टर श्रीमती चांदनी कंवर, सीएमएचओ डॉ कपिल पैकरा, सिविल सर्जन डॉ अजय मरकाम, चिकित्सा अधिकारी व अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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सूरजपुर : कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित विभागीय योजनाओं की प्रगति, कुपोषण की स्थिति और पोषण ट्रैकर ऐप के उपयोग की गहन समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों में रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र अति शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। इसके अलावा बैठक में महतारी वंदन योजना, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, सखी वन स्टॉप सेंटर की गतिविधियों की समीक्षा की गई। कलेक्टर ने इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन एवं पात्र हितग्राहियों को समय पर लाभ दिलाने के निर्देश दिए।
बालिकाओं के समग्र विकास के लिए चलाई जा रही सुकन्या समृद्धि योजना की प्रगति की भी समीक्षा हुई, साथ ही समय पर खाता खोलने एवं अभिभावकों को जागरूक करने पर बल दिया गया। इसके अतिरिक्त, बाल विवाह की रोकथाम की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर भी चर्चा की गई। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि बाल विवाह रोकने हेतु ग्राम स्तर जनजागरूकता कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाए। सखी वन स्टॉप सेंटर की सेवाओं की समीक्षा करते हुए महिलाओं को समय पर परामर्श, विधिक सहायता एवं संरक्षण उपलब्ध कराने पर एवम इस सेंटर के प्रति जागरूकता पर विशेष जोर दिया गया।
इस बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी, परियोजना अधिकारी सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
बैठक में पोषण ट्रैकर ऐप में एंट्री में आ रही विसंगतियों पर चर्चा की गई। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं ऐप में प्रतिदिन की प्रविष्टि सही और समय पर करें, जिससे पोषण कार्यक्रम की सटीक मॉनिटरिंग और प्रभावशीलता सुनिश्चित की जा सके।कलेक्टर ने बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के कुपोषण से संबंधित आँकड़ों का विस्तृत विश्लेषण करने, वास्तविक स्थिति जानने तथा इसके कारणों को समझकर सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि बच्चा वाइज डाटा का विश्लेषण कर प्रभावी रणनीति बनाई जाए ताकि बच्चों को समय रहते सुपोषित किया जा सके।साथ ही, कुपोषित बच्चों को सुपोषण की ओर लाने के लिए माता-पिता, सरपंच, सचिव सहित अन्य को इस उद्देश्य में शामिल करने को कहा, ताकि समुदाय स्तर पर जागरूकता और सहभागिता बढ़ सके। उन्होंने सभी सीडीपीओ को निर्देशित किया कि पोषण ट्रैकर में वजन, ऊंचाई और फेस कैप्चर जैसी प्रविष्टियों के लिए समस्त कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जाए। साथ ही, आंगनबाड़ी केंद्रों में भोजन की गुणवत्ता, बच्चों की उपस्थिति, समय पर केंद्र खुलने-बंद होने की नियमित व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।
इसके अलावा पडो जनजातीय क्षेत्र में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति पर भी चर्चा हुई। कलेक्टर ने परियोजनावार केंद्रों में पेयजल, शौचालय, विद्युतीकरण और साफ-सफाई की स्थिति की जानकारी ली और इन व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि बेहतर कार्य करने वाले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे वे अन्य के लिए प्रेरणा बन सकें।
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सूरजपुर : शा.उ.मूल्य दुकान ग्राम पंचायत करकोटी का नवीन संचालन एजेंसी नियुक्त किया जाना है। शा.उ.मूल्य दुकान करकोटी, तहसील भैयाथान का संचालन करने के इच्छुक संस्था अपना आवेदन 27 जून तक कार्यालयीन समय सायं 5ः30 बजे तक इस कार्यालय में उपस्थित होकर निर्धारित प्रारूप में संस्था के प्रस्ताव सहित अन्य दस्तावेजो के साथ प्रस्तुत कर सकते है। नियत तिथि के पश्चात् प्राप्त आवेदनों पर कोई विचार नहीं किया जायेगा।
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सूरजपुर : शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और हर बच्चे को समान अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से सूरजपुर जिले में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी की गई है। इस प्रक्रिया के तहत जिले की वे 29 प्राथमिक शालाएं, जो अब तक शिक्षकविहीन थीं, अब शिक्षकों से युक्त हो गई हैं। जिला प्रशासन ने शासन के निर्देशानुसार, विद्यार्थियों की संख्या के अनुपात में शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ओपन काउंसलिंग का आयोजन किया। इस काउंसलिंग के माध्यम से वरीयता क्रम के आधार पर अतिशेष शिक्षकों की नवीन पदस्थापना की गई। इस कदम से न केवल शिक्षकविहीन शालाओं की समस्या का समाधान हुआ, बल्कि दूरस्थ और ग्रामीण अंचलों की शालाओं में शिक्षा की गुणवत्ता में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
विकासखंडवार शिक्षक पदस्थापन की जानकारीः-
विकासखंड प्रेमनगर के प्रा.शा. पीपरडांड में श्री किशुन राम मराबी, श्री राजेन्द्र कुमार जायसवाल, प्रा.शा. घोघरापारा में कुमारी मनीषा एक्का, श्री अजहरूद्दीन अंसारी, प्रा.शा. सोहरगइडई में श्री ललित कुमार मरावी, श्री रामेश्वर सिंह पोर्ते, प्रा.शा. कांदाबाड़ी में श्री बैजनाथ सिंह, श्री सोमार साय अडिल, प्रा.शा. कन्या आश्रम प्रेमनगर में श्रीमती शिमला जायसवाल, श्रीमती वंदना जायसवाल, प्रा.शा. भंडारपारा चंदननगर में श्रीमती नरबंदी कुमारी साहू, श्री हिरेंद्र सिंह
विकासखंड भैयाथान के प्रा.शा. करकोटी में श्रीमती सत्यभामा, प्रा.शा. कन्या बंजा में श्रीमती गायत्री खांडा
विकासखंड प्रतापपुर के प्रा.शा. मरहठा में श्रीमती अनिता केरकेट्टा, श्रीमती विमला राजवाड़े, प्रा.शा. अमनदोन में श्रीमती नीलम बड़ा विकासखंड रामानुजनगर के प्रा.शा. केशवपुर में श्रीमती अमृता दुबे, श्रीमती निशा दुबे प्रा.शा. लेडुवा में श्रीमती पार्वती देवांगन, श्रीमती अनिता पैकरा, प्रा.शा. तेंदुपारा, चंदरपुर में श्रीमती नीलू ठाकुर, श्रीमती संध्या गुप्ता, प्रा.शा. डगमलियापारा में श्रीमती संगीता, श्री विनोद कुमार साहू, प्रा.शा. पंडोपारा, राजापुर में श्रीमती सुचिता उस्मानिया, श्रीमती विद्यावती सिंह
विकासखंड ओड़गी के प्रा.शा. मेडरियापारा, सेमरा में श्री सुनील कुमार सिंह, श्री अशोक कुमार सिंह
शिक्षकों की इस नवीन पदस्थापना से जिले में शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ हुई है और ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर प्राप्त हो रहा है। शासन और जिला प्रशासन की इस पहल से सूरजपुर जिले के शिक्षा परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है। आने वाले समय में यह पहल शिक्षा के स्तर को और ऊँचाई तक पहुंचाएगी।
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सूरजपुर : भारत सरकार की डिजिटल इंडिया अभियान को गति देने एवं ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवाएं सुलभ कराने की दिशा में जिले में अटल डिजिटल सुविधा केंद्रों का संचालन प्रभावी रूप से किया जा रहा है। ग्राम पंचायत भवनों में सीएससी वीएलई के माध्यम से संचालित इन केंद्रों के तहत राज्य एवं केंद्र सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है।
उल्लेखनीय है कि इस योजना के प्रथम चरण में जिले की 60 ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सुविधा केंद्र स्थापित किए गए थे, जिनका लोकार्पण मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री विजय शर्मा द्वारा 24 अप्रैल 2025 को पंचायत दिवस के अवसर पर किया गया था। प्रथम चरण की सफलता के बाद द्वितीय चरण में 5 जून 2025 से जिले की 66 और ग्राम पंचायतों में इन केंद्रों का संचालन प्रारंभ किया गया है।
इन डिजिटल केंद्रों के माध्यम से ग्रामीणों को केवल आधार कार्ड और अंगूठा लगाकर विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्राप्त हो रही हैं। इनमें प्रमुख रूप से जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र, आय, जाति एवं निवास प्रमाण पत्र, विवाह पंजीयन, राजस्व सेवाएं, नगद आहरण एवं फंड ट्रांसफर, बीमा एवं पेंशन सेवाएं, पैन कार्ड एवं पासपोर्ट आवेदन, बिजली बिल भुगतान, रेल यात्रा टिकट बुकिंग, ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल की अन्य सेवाएं शामिल हैं।एक ही छत के नीचे इन सभी सेवाओं की उपलब्धता ने ग्रामीणों को बड़ी सुविधा दी है और प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता भी आई है। इस योजना के सफल संचालन में ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर, सीएससी जिला प्रबंधक, उप संचालक पंचायत, ग्राम पंचायत वीएलई एवं सरपंचों की अहम भूमिका रही है। प्रशासन का लक्ष्य है कि भविष्य में जिले की सभी ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सुविधा केंद्र प्रारंभ किए जाएं ताकि ग्रामीणों में डिजिटल जागरूकता बढ़े और भारत सरकार की डिजिटल इंडिया योजना को जमीनी स्तर पर मजबूती मिले।
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-वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार हेतु पत्रकार बंधुओं से सहयोग की कि अपील
सूरजपुर : कलेक्टर श्री एस.जयवर्धन की उपस्थिति में आज कलेक्ट्रेट कक्ष में ’’धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’’ के संबंध में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित किया गया था। जिसमें कलेक्टर ने धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि अभियान के तहत सामाजिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका में व्याप्त अंतराल को समाप्त करके जनजातीय क्षेत्रों और समुदायों का समग्र और सतत विकास करना है। उन्होंने बताया कि धरती आबा जनभागीदारी अभियान अंतर्गत राष्ट्राव्यापी जागरूकता सह लाभ संतृप्ति शिविर का आयोजन किया जाना है, जिसका उद्देश्य अंतिम व्यक्ति को पात्रता अनुसार व्यक्तिगत लाभों से संतृप्त किया जाना और इस अभियान के प्रति जन जागरूकता उत्पन्न किया जाना है।उन्होंने सभी पत्रकार बंधुओं से अपील की कि जिले में धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत लगने वाले शिविर के प्रचार प्रसार में सहयोग प्रदान करें और इसका वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार करें। इस अवसर पर आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त घनश्याम कुमार ने पत्रकार बंधुओं को धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के विषय पर संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायी। उन्होंने बताया कि जिले में धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष योजना अंतर्गत 284 ग्राम पंचायत का चिन्हांकन किया गया है। जिसमें विकासखंड सूरजपुर, प्रतापपुर, भैयाथान, ओड़गी, प्रेमनगर, रामानुजनगर अंतर्गत क्रमशः 34,110,25,46,28 व 41 ग्राम पंचायतों का चिन्हांकन किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि इन ग्रामों का क्लस्टर बनाकर शिविर लगाया जायेगा और इन शिविर में आधार कार्ड,आयुष्मान कार्ड, जनधन खाता,किसान क्रेडिट कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र,मनरेगा जॉब कार्ड,उज्जवला, राशन कार्ड इत्यादि से जनजातीय बाहुल्य ग्रामों के जनजातीय परिवारों को संतृप्त किया जाना है। प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकार बंधु व अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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सूरजपुर : जिले के समस्त विकाखण्डों में 29 मई 2025 से 12 जून 2025 तक “विकसित कृषि संकल्प अभियान” का आयोजन किया जा रहा है। शिविर में किसानों को खरीफ मौसम को ध्यान में रखते हुए के.सी.सी. के माध्यम से आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों से उन्नत खाद-बीज की अग्रिम उठाव की सलाह दी, खरीफ फसल अन्तर्गत अनाज, दलहन-तिलहन, साग सब्जी की उन्नत बीजों का चयन करने हेतु कहा गया। वैज्ञानिकों द्वारा धान के किस्म डज्न् 1010 के जगह पर विक्रम टी.सी.आर. एवं अन्य किस्म जो 10 वर्ष के अन्दर के हैं उपयोग करने हेतु जोर देते हुए धान बीज को 17ः नमक घोल बीज उपचार विधि अपनाने हेतु जागरूक करते हुए किसानों के पास उपलब्ध वेस्ट डीकम्पोजर के उपयोग करने एवं डीएपी खाद की कमी को देखते हुए 12ः32ः16, 20ः20ः0ः13 और एस.एस.पी., नैनो यूरिया, नैनो डी.ए.पी. जैसे वैकल्पिक उर्वरकों का सहकारी समितियों से उठाव कर उपयोग करने कहा गया। किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड में दिये गये मापदण्ड अनुसार संतुलित उर्वरक का उपयोग करने व फसलों में लगने वाले बिमारियों के बारे में बारिकी से समझाया और फसल बीमा कराने पर जोर दिया। किसानों को फसल की सिंचाई हेतु ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई के माध्यम कम पानी में अधिक पैदावार प्राप्त करने हेतु सलाह देते हुए ड्रिप, स्प्रिंकलर एवं अन्य कृषि यंत्रों में विभाग से प्रदाय अनुदान राशि से अवगत कराया गया। शिविर में धान के बदले लघु धान्य फसलों-कोदो, कुटकी, रागी इत्यादि एवं दलहन-तिलहन फसलों को बढ़ावा देने हेतु सुझाव दिया गया। किसानों ने कृषि वैज्ञानिकों से सीधा संवाद कर अपनी जिज्ञासाएं एवं समस्याएं दूर की।उद्यानिकी विभाग के अधिकारी द्वारा उद्यानिकी खेती करने की सलाह देते हुए साग-सब्जी, फल, फूल एवं मसाले की खेती करने लिए शासन द्वारा दी जा रही अनुदान राशि की जानकारी दी। पशुपालन विभाग द्वारा पशुओं को लगाये जाने वाले टीकाकरण के महत्व को बतात हुए जोर दिया गया की समय-समय पर टीकाकरण कराना अनिवार्य हैं साथ ही विभागीय योजनाओं की जानकारी दी। मत्स्यपालन विभाग से विभागीय योजनाओं की जानकारी देते हुए मछलीपालन की बारिकीयों से अवगत कराया।
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सूरजपुर : विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों में विगत दिवस दो पालियों में कृषि शिविरों का आयोजन किया गया। इन शिविरों का उद्देश्य किसानों को वैज्ञानिक एवं आधुनिक कृषि पद्धतियों से अवगत कराना, उनकी समस्याओं का समाधान करना तथा नवीन कृषि तकनीकों के प्रति जागरूक करना रहा।
शिविरों में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के अधिकारियों के साथ कृषि वैज्ञानिक, कृषि सखी, कृषक मित्र, पशु सखी तथा प्रगतिशील कृषकों ने सहभागिता की। इस दौरान किसानों को मोटे अनाज (मिलेट्स) की खेती, फसल चक्र परिवर्तन, प्राकृतिक और जैविक खेती, उन्नत बीज एवं कृषि यंत्रों का उपयोग, जल संरक्षण, मूल्य संवर्धन, पशुपालन एवं उद्यानिकी से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी गई।
उल्लेखनीय है कि करसी एवं टुकुडांड शिविर स्थल पर डॉ. के.एल. पैकरा, तेलगंवा एवं केवटाली में डॉ. योगेन्द्र राठौर तथा देवनगर एवं पस्ता शिविर स्थल पर डॉ. आर.एस. सिदार ने किसानों को मार्गदर्शन दिया।इन शिविरो में कुल 1106 कृषक लाभान्वित हुए। शिविर के दौरान 12 स्प्रेयर, 20 सॉयल हेल्थ कार्ड, 11 धान बीज पैकेट, 10 पैकेट खाद तथा 295 फलदार पौधों का वितरण किया गया।
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सूरजपुर : किसानो को गुणवक्तायुक्त एवं मानक स्तर का उर्वरक एवं बीज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन के निर्देश पर उप संचालक कृषि के मार्गदर्शन में विकासखण्ड स्तरीय निरीक्षण दल द्वारा विकासखण्ड-रामानुजनगर के आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्या. उमापुर का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान संदेह के आधार पर कृष्णा फोस्केम लिमि. कम्पनी का उर्वरक एन.पी. के. 20ः20ः0ः13 का नमूना लिया गया तथा विषलेश्ण परिणाम आने तक उक्त उर्वरक की मात्रा 32.45 मे.टन का विक्रय प्रतिबंध लगाया गया है, अभिलेखों का परीक्षण करने पर कमियां पाये जाने पर संबंधित प्रबंधक को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया। उक्त कार्यवाही करते समय उर्वरक निरीक्षक सह वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री प्रफुल्ल गुप्ता एवं क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी उपस्थित थे।
साथ ही किसानो को गुणवक्तायुक्त एवं मानक स्तर का उर्वरक एवं बीज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन के निर्देश पर उप संचालक कृषि के मार्गदर्शन में जिला एवं विकासखण्ड स्तरीय निरीक्षण दल द्वारा विश्रामपुर उर्वरक रेक पांइट का निरीक्षण किया गया। जिसमें उर्वरक निर्माता कम्पनी पारादीप फास्फेट लिमि. कम्पनी का डी.ए.पी. उर्वरक का 05 नमूना, फास्फो जिप्सम का 01 नमूना तथा उर्वरक निर्माता कोरोमण्डल इंटरनेशनल लिमि. कम्पनी का एन.पी.के. 20रू20रू0रू13 का 01 नमूना लिया गया। उक्त कार्यवाही करते समय सहायक संचालक कृषि श्री सन्दीप सिन्हा, उर्वरक निरीक्षक सह वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री अशोक सोनवानी, असिस्टेंट फिल्ड आफिसर श्री लिवेन खेस, जिला स्तरीय निरीक्षण दल के सदस्य तथा पी.पी.एल. कम्पनी के प्रतिनिधि श्री हरिकृष्णनन वाजपेयी उपस्थित थे।
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सूरजपुर : जिला पंचायत सूरजपुर की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती कमलेश नंदनी साहू ने कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन के निर्देश पर जनपद पंचायत प्रतापपुर अंतर्गत विभिन्न ग्राम पंचायतों में चल रहे मोर गांव मोर पानी महाअभियान, मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के कार्यों का औचक निरीक्षण कर विकास कार्यों की जमीनी हकीकत का जायज़ा लिया।
निरीक्षण के दौरान ग्राम पंचायत मानी में अमृत सरोवर और रिचार्ज पिट, लोलकी में मिट्टी बांध, गैबियन और सोक्ता गड्ढा, पहिया में अमृत सरोवर और चंदौरा में मिट्टी बांध के निर्माण कार्यों का गहन निरीक्षण किया गया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि आगामी वर्षा ऋतु से पहले सभी आवश्यक मरम्मत कार्यों को प्राथमिकता दी जाए ताकि ग्रामीणों को खेती के लिए अधिकतम जल स्रोत उपलब्ध हो सके। इससे खरीफ के साथ-साथ रबी की फसल की भी अच्छी पैदावार सुनिश्चित हो सकेगी, जिससे ग्रामीणों की आय में सीधा इजाफा होगा।सीईओ साहू ने कहा कि ग्रामीणों के मनोबल को बढ़ाना और सभी हितग्राहियों का समन्वय स्थापित करना ही योजनाओं की सफलता की कुंजी है। इस दिशा में समन्वित प्रयासों की जरूरत है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में गति लाने के निर्देश
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत ग्राम पंचायत चंदौरा, पहिया, मानी, और लोलकी में चल रहे आवास निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्होंने स्वयं सहायता समूहों की सक्रिय महिलाओं, ग्राम पंचायत मेट, रोजगार सहायक, और सचिव को आपसी समन्वय बनाकर तय समय सीमा में सभी आवास पूर्ण करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने विकासखंड स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि आवास की किस्तों का भुगतान समयबद्ध रूप से किया जाए ताकि निर्माण में कोई बाधा न आए। सभी हितग्राहियों को अपने पक्के मकानों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए प्रेरित किया गया, जिससे जल संरक्षण और सतत कृषि को बढ़ावा मिल सके।
ग्रामीण विकास के लिए लगातार सक्रिय हैं जिला पंचायत सीईओराज्य शासन की मंशा के अनुरूप जिला पंचायत सीईओ श्रीमती कमलेश नंदनी साहू निरंतर ग्राम स्तर पर योजनाओं की निगरानी कर रही हैं ताकि शासन की योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। उनके सक्रिय निरीक्षण और दिशा-निर्देशों से न केवल कार्यों में पारदर्शिता आई है, बल्कि ग्रामीणों के बीच भरोसा और उत्साह भी बढ़ा है। यह निरीक्षण न केवल योजनाओं की प्रगति का आकलन था, बल्कि अधिकारियों और ग्रामीणों को एक प्रेरणा भी थी कि यदि समन्वय और संकल्प हो, तो विकास की राह आसान हो सकती है।
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सूरजपुर : कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन के निर्देशन में एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत श्रीमती कमलेश नंदनी साहू के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) योजना के अंतर्गत महिलाओं को स्वावलंबन की दिशा में सशक्त किया जा रहा है। इसी क्रम में जनपद पंचायत भैयाथान अंतर्गत ग्राम पंचायत पासल की गौरी महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने आत्मनिर्भरता की दिशा में एक प्रेरणास्पद उपलब्धि प्राप्त की है।
गौरी महिला स्वयं सहायता समूह का गठन 17 नवम्बर 2019 को 10 महिलाओं के समूह द्वारा किया। प्रारंभ में ये महिलाएं कृषक या दिहाड़ी मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करती थीं। बिहान योजना के तहत ग्राम में सी.आर.पी. दीदियों के माध्यम से जानकारी मिलने के बाद महिलाओं ने समूह बनाकर आजीविका गतिविधि प्रारंभ करने का निर्णय लिया। नियमित बैठकें, बचत एवं ऋण लेन-देन की प्रक्रिया को अपनाते हुए समूह ने तीव्र गति से आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में कार्य प्रारंभ किया। गौरी महिला स्वयं सहायता समूह को रिवॉल्विंग फंड से 15,000 रू., सामुदायिक निवेश निधि से 60,000 रू, बैंक क्रेडिट लिंकेज से 3,00,000 रू आर्थिक सहयोग शासन से प्राप्त हुआ। इन सहयोगों के माध्यम से समूह की महिलाओं ने अलग-अलग स्वरोजगार गतिविधियाँ प्रारंभ कीं, जिनमें से श्रृंगार एवं मनिहारी दुकान प्रमुख रही।
समूह की सदस्य श्रीमती सीमा ने वर्ष 2019 में 75,000 रू का बैंक ऋण प्राप्त कर श्रृंगार/मनिहारी दुकान का संचालन प्रारंभ किया। प्रारंभिक पूंजी की कमी के बावजूद उन्होंने साहस और दृढ़ संकल्प के साथ व्यवसाय शुरू किया। अब उनका व्यवसाय सुचारू रूप से संचालित हो रहा है और उन्हें नियमित आय प्राप्त हो रही है। समय पर ऋण चुकाने के बाद अब वह अपने व्यवसाय का और अधिक विस्तार करने के लिए प्रयासरत हैं। आजीविका गतिविधि के माध्यम से श्रीमती सीमा अब प्रतिमाह लगभग रू 13,800 की आय अर्जित कर रही हैं, जिससे न केवल उनका परिवार आर्थिक रूप से सशक्त हुआ है, बल्कि उन्होंने समाज में आत्मनिर्भरता की नई मिसाल भी कायम की है।
“बिहान” योजना बनी ग्रामीण महिलाओं के जीवन में परिवर्तन का माध्यमः-
गौरी महिला स्वयं सहायता समूह की यह यात्रा इस बात का प्रमाण है कि यदि सही मार्गदर्शन, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता मिले तो ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं भी आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत कदम उठा सकती हैं। आज यह समूह न केवल अपने सदस्यों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करा रहा है, बल्कि अन्य महिलाओं को भी समूह से जुड़कर अपने जीवन में बदलाव लाने के लिए प्रेरित कर रहा है।
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बेमेतरा : राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा संचालित ’’स्टेट प्लान ऑफ एक्शन कैलेंडर 2025’’ के अनुसार माह जून 2025 विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर अध्यक्ष/प्रधान जिला न्यायाधीश श्री बृजेन्द्र कुमार शास्त्री के मार्गदर्शन मे व श्रीमती निधि शर्मा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बेमेतरा के निर्देशन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बेमेतरा, पुलिस अधीक्षक विभाग, जिला बाल संरक्षण विभाग, समाज कल्याण विभाग, श्रम पदाधिकारी विभाग, आदिवासी विकास विभाग, पुलिस इकाई विभाग, चाइल्ड हेल्पलाइन विभाग, लीगल एड डिफेंस कौंसिल विभाग की उपस्थिति में बाल श्रम निषेध दिवस पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उक्त प्रशिक्षण में सभी विभागों से समन्वय स्थापित कर बाल श्रम रोकने के संबंध में शपथ लेकर अपने अपने विचार व्यक्त किये जिससे बाल श्रम के कारण कोई भी बच्चा विकलांग व शिक्षा से वंचित ना हो, यदि कोई बालश्रम कराता है, तो उस व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्यवाही किया जावेगा। बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बेमेतरा के अधिकार मित्रों के द्वारा ग्राम-कोबिया (नट बस्ती), मैदा मिल मटका, सुखवानी गुड़ फैक्ट्री चोरभट्ठी, बायपास रोड चोरभट्ठी मार्ग व राइस मिल गुनरबोड बेमेतरा में विधिक जागरूक्ता शिविर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
उक्त शिविर में अधिकार मित्रों ने उपस्थित लोगों को बताया की 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को काम करवाना कानूनी अपराध है, इस उम्र में बच्चे को पढ़ाई हेतु स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करना चाहिए. बाल श्रम का मुख्य कारण है गरीबी, जिसके कारण बच्चों से बाल मजदूरी करायी जाती है, इसी बाल श्रम को रोकने और खत्म करने के लिए 12 जून को बाल श्रम निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस का प्रारंभ सन् 2002 में 14 वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों को बाल मजदूरी से निकाल कर शिक्षा दिलाने का उद्देश्य है। बाल श्रम से बच्चों का शोषण न हो बाल श्रम का एक रूप भिक्षावृत्ति जैसी समस्या को रोकने हेतु प्रोत्साहित किया गया। बच्चे ही देश का भविष्य है अतः हमें बाल श्रम को रोकने के प्रति लोगो को जागरूक कराने की आवश्यकता है। साथ ही नालसा एवं सालसा द्वारा संचालित नियमों की जानकारी एवं कानूनी संदेश दिया गया है। इसके अलावा तालुका विधिक सेवा समिति साजा के ग्राम परपोड़ी में बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया, साथ ही लीगल एड क्लीनिक कुसमी एवं प्रतापपुर के अधिकार मित्र द्वारा ग्राम कुसमी एवं छिरहा व प्रतापपुर मे विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
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बेमेतरा : सीएमएचओ जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अशोक बसोड़ आज सुबह 10 बजे जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण में पहुंचे जहां उन्होंने एम सी एच बिल्डिंग में प्रसव कक्ष, एन आर सी, एस एन सी यू, डायलिसिस वार्ड, सोनोग्राफी सेवाएं का निरीक्षण किया,अस्पताल में डायरिया नियंत्रण भर्ती वार्ड, आईसीयू, पैथोलॉजी लैब, किचन, स्टोर रूम में दवाई आवश्यक उपकरण उपलब्धता आदि की जानकारी लेते हुए कोविड जांच, भर्ती सुविधा, वेंटिलेटर, बेड की उपलब्धता,ऑक्सीजन सप्लाई प्रबंधन की तैयारी का जायजा लिया साथ में 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस की तैयारी हेतु ब्लड बैंक का निरीक्षण कर आवश्यक तैयारी हेतु दिशा निर्देश दिया,इस अवसर पर डॉक्टर स्टॉफ की उपस्थिति,सफाई व्यवस्था के साथ मरीजों के लिए पेयजल व्यवस्था की भी जानकारी लिए,अंत में सिविल सर्जन डॉ लोकेश साहू,अस्पताल प्रमुख सलाहकार डॉ. स्वाति यदु के साथ बैठक लेकर व्यवस्था के साथ आवश्यक बिस्तर तैयारी मास्क, सेनेटाइजर, पी पी ई किट, कोविड जांच किट, दवाई आदि उपलब्धता के निर्देश दिए।
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बेमेतरा: राष्ट्रीय अंधत्व एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्त राज्य के तहत जिला बेमेतरा द्वारा प्रस्तुत मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्त जिला होने के दावे के सत्यापन हेतु प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक कुमार बसोड़ के मार्गदर्शन और डॉ. भेखराम साहू जिला नोडल अधिकारी (अंधत्व नियंत्रण) निर्देशानुसार जिले के नेत्र सहायक अधिकारी की उपस्थिति में और राज्य से गठित दल डॉ. एन.सी.लांगे नेत्र रोग विशेषज्ञ जिला चिकित्सालय राजनांदगांव और 04 नेत्र सहायक अधिकारी जिला राजनांदगांव द्वारा बेमेतरा जिला के समस्त विकासखंड में भ्रमण कर जिला बेमेतरा के बैकलॉक 2023-24 मोतियाबिंद ऑपरेशन हुए मरीजों की जांच सत्यापन किया गया। मोतियाबिंद ऑपरेशन हुए मरीज का सत्यापन के लिए 04 दल का गठन किया गया। दल क्रमांक 01 खण्डसरा, दल क्रमांक 02 नवागढ़, दल क्रमांक 03 साजा एव ंदल क्रमांक 04 बेरला विकासखण्डों में भ्रमण कर विकासखण्ड खण्डसरा में 07 ग्राम 13 मरीज, विकासखण्ड नवागढ़ में 05 ग्राम 11 मरीज, विकासखण्ड साजा में 13 ग्राम 24 मरीज एवं विकासखण्ड बेरला में 06 ग्राम 11 मरीज कुल 31 ग्राम का सत्यापन किया गया, जिसमें 59 मोतियाबिंद ऑपरेशन हुए मरीजों का राज्य से गठित नेत्र दल जांच टीम द्वारा जांच किया गया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहायक नोडल अधिकारी (अंधत्व नियंत्रण) विजय कुमार देवांगन, विनोद कुमार बघेल, विनोद कुमार साहू, ओंकार चन्द्राकर, लवकुश पटेल, मुकेश टंडन, योगेन्द्र भार्गव, गुलाब चंद सिन्हा, अजीत कुमार कुर्रे नेत्र सहायक अधिकारी एवं ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक एवं मितानिनों का विशेष सहयोग रहा।
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बेमेतरा : छत्तीसगढ़ शासन, खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा प्रतिवर्ष राज्य के लिए उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों/प्रशिक्षकों एवं निर्णायको को खेल पुरुस्कार प्रदान कर राज्य खेल अलंकरण से सम्मानित किया जाता है। शहीद राजीव पाण्डे, शहीद कौशल यादव, वीर हनुमान सिह पुरुस्कार, शहीद पंकज विक्रम सम्मान, शहीद विनोद चौबे सम्मान, मुख्यमंत्री ट्राफी,नगद राशि,प्रेरणा निधी एव डाइट मनी प्रदान करने के लिए खिलाड़ियों से निर्धारित प्रारूप मे आवेदन 26 जून 2025 तक संचालनालय, खेल एवं युवा कल्याण विभाग, सरदार वल्ल्भ भाई पटेल अन्तर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम रायपुर छ.ग. या जिला कार्यालय खेल एवं युवा कल्याण विभाग बेमेतरा मे सीधे जमा कर सकते हैं।
यह पुरुस्कार वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 के लिए दिया जायेगा। खिलाड़ियों को पृथक पृथक वर्षाे के लिए पृथक पृथक आवेदन प्रस्तुत करना पड़ेगा। आवेदन पत्रों का प्रारूप मय विज्ञापन खेल एवं युवा कल्याण विभाग छ.ग. की वेबसाइट पर उपलब्ध है।शहीद राजीव पाण्डे पुरुस्कार के लिए सीनियर वर्ग के खिलाडी जिनके द्वारा राष्ट्रीय चौम्पियनशिप में या राष्ट्रीय खेलो मे कोई पदक प्राप्त किया हो या अधिकृत अन्तर्राष्ट्रीय प्रतयोगिता में देश का प्रतिनिधित्व किया हो। ’इसी प्रकार शहीद कौशल यादव पुरुस्कार के लिए जूनियर वर्ग के उन खिलाड़ियों को जिनके द्वारा राष्ट्रीय चौम्पियनशिप मे कोई पदक प्राप्त किया हो। ऐसे खिलाड़ी जिन्होंने विगत पांच वर्षों मे चार बार सीनियर वर्ग की राष्ट्रीय चौम्पियनशिप छ.ग. की ओर से प्रतिनिधित्व करने वाले को शहीद पंकज विक्रम सम्मान से सम्मानित किया जाता है। प्रशिक्षकों/निर्णायकों को वीर हनुमान सिंह पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।
खेल से जुड़े 55 वर्ष या अधिक उम्र के अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता मे भाग लिया हो या राष्ट्रीय प्रतियोगिता मे पदक प्राप्त किया हो या सम्बन्धित ने ऐसी कोई उल्लेखनीय सेवा खेल के क्षेत्र मे की हो जिसके आधार पर उन्हे सम्मानित किये जाने हेतु विचार किया जाये, उन्हे शहीद विनोद चौबे सम्मान से अलंकृत किया जाता है।इसी प्रकार सीनियर व जूनियर वर्ग मे राष्ट्रीय प्रतियोगिता मे पदक प्राप्त दल को मुख्यमंत्री ट्रॉफी प्रदान की जाती है। पुरुस्कार के नियम छत्तीसगढ़ राजपत्र मे प्रकाशित किये गये है। नियमों के अंतर्गत पात्रता रखने वाले आवेदको को पुरस्कार के लिए प्रावीण्यता के आधार पर चयन किया जायेगा। शहीद राजीव पाण्डेय पुरुस्कार हेतु रुपये 03 लाख,शहीद कौशल यादव पुरस्कार हेतु रुपये 01 लाख 50 हजार, वीर हनुमान सिंह पुरस्कार हेतु रुपये 01 लाख 50 हजार, शहीद पंकज विक्रम सम्मान व शहीद विनोद चौबे सम्मान हेतु रुपये 25-25 हजार नगद। इसी प्रकार सीनियर व जूनियर वर्ग के दलीय खेलो के लिए मुख्यमंत्री ट्रॉफी प्रदान की जाएगी, जिसमे ऐसे दलीय खेल जिसके सदस्यों की संख्या 04 है, उन्हें सीनियर वर्ग मे रुपये 02 लाख एवं जूनियर वर्ग मे रुपये 01 लाख का पुरुस्कार दिया जाएगा, तथा ऐसे दलीय खेल जिनमे सदस्यों की संख्या 04 से अधिक है, उन्हें सीनियर वर्ग मे रुपये 05 लाख तथा जूनियर वर्ग मे रुपये 03 लाख का पुरुस्कार प्रदान किया जायेगा।
पुरुस्कार के अतिरिक्त मानपत्र, अलंकरण फलक, ब्लेज़र प्रदान किया जायेगा। राष्ट्रीय प्रतियोगिताओ मे पदक प्राप्त विजेताओं को प्रोत्साहन नियम के तहत नगद राशि पुरुस्कार अलंकरण प्रदान किया जाता है, वर्ष 2023-24 (01अप्रैल् 2023 से 31 मार्च 2024 तक) एवं वर्ष 2024-25 मे (01अप्रैल् 2024 से 31 मार्च 2025 तक) जिन खिलाड़ियों ने सब जूनियर, जूनियर व सीनियर वर्ग की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओ मे पदक प्राप्त किया है, वे खिलाडी जिला कार्यालय एवं अपने खेल संघो से आवेदन प्राप्त कर निर्धारित तिथि तक अपना आवेदन जमा कर सकेंगे। इसी प्रकार खेल वृत्ती (डाइट मनी) के लिए जिन खिलाड़ियों ने अधिकृत राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओ मे पदक प्राप्त किया हो या राष्ट्रीय प्रतियोगिताओ मे प्रतिनिधित्व किया हो, खेल वृत्ती हेतु आवेदन कर सकेंगे। खेल वृत्ती हेतु अधिकतम आयु 19 वर्ष से अधिक नही होनी चाहिए।
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बेमेतरा : बेमेतरा जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ाने एवं जरूरतमंदों को सहज सहायता उपलब्ध कराने स्वास्थ्य विभाग द्वारा टेलीमानस हेल्पलाइन नंबर 14416 का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। यह हेल्पलाइन निःशुल्क, गोपनीय एवं 24x7 उपलब्ध है। आज के समय में अनिद्रा, अकेलापन, चिंता, अवसाद, परीक्षा का तनाव, नशे की आदत जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। इन्हें नज़र अंदाज़ करना गंभीर परिणाम ला सकता है। ऐसे में टेलीमानस सेवा के माध्यम से व्यक्ति प्रशिक्षित काउंसलर, मनोचिकित्सक एवं मनोवैज्ञानिक से सीधे बात कर सकते हैं। टेलीमानस 14416 हेल्पलाइन पर कॉल कर आम नागरिक बिना किसी झिझक के विशेषज्ञों से परामर्श ले सकते हैं।
यह सेवा विशेष रूप से युवाओं, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों एवं नशामुक्ति की चाह रखने वाले व्यक्तियों के लिए अत्यंत उपयोगी है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. यशवंत ध्रुव, सिविल सर्जन डॉ लोकेश साहू ने आमजन से अपील की है कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर संकोच न करें और किसी भी प्रकार की मानसिक परेशानी की स्थिति में टेलीमानस 14416 पर कॉल कर सहायता प्राप्त करें,इसके साथ स्पर्श क्लीनिक कक्ष क्रमांक 25 जिला अस्पताल बेमेतरा में ओपीडी समय पर सीधे भी संपर्क किया जा सकता है। साथ ही इस जानकारी को अपने परिवार, मित्रों और समुदाय के लोगों तक पहुंचाएं। स्वस्थ मन, सुखी जीवन की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
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जल संकट एक दिन की समस्या नहीं है”, इसे हल करने सतत प्रयास आवश्यक - निदेशक श्री अग्रवाल
बेमेतरा : भारत सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के निदेशक (CNO) श्री अमित कुमार अग्रवाल तीन दिवसीय दौरे पर आज बेमेतरा पहुंचे। उनके साथ जल शक्ति अभियान से जुड़े वैज्ञानिक श्री सर्वाेदय बारीक भी उपस्थित रहे। दौरे के पहले दिन श्री अग्रवाल ने जल शक्ति अभियान के अंतर्गत जिला जल शक्ति केंद्र में अंतरविभागीय समीक्षा बैठक ली।
’बैठक का शुभारंभ जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री टेकचंद अग्रवाल द्वारा स्वागत भाषण से हुआ। विभिन्न विभागों द्वारा जल संरक्षण एवं भूजल स्तर सुधार हेतु किए जा रहे प्रयासों की जानकारी पावर प्रेजेंटेशन के माध्यम से दी गई।
जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री चंद्रशेखर शिवहरे ने छोटे-बड़े जलाशयों, चेक डैम, कुओं और अन्य संरचनाओं की विस्तृत जानकारी दी। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (PHE) के श्री गौड़ ने शुद्ध पेयजल और वर्षा जल संचयन कार्यों की जानकारी साझा की।’
’नगर पालिका अधिकारी ने बताया कि नये प्राइवेट निर्माणों में वर्षा जल संचयन प्रणाली (Rainwater Harvesting) अनिवार्य की जा रही है। कृषि उप संचालक श्री मोरध्वज डड़सेना ने बताया कि पिछले वर्ष औसत से कम वर्षा हुई, जिससे जल संकट उत्पन्न हुआ है। किसानों को कम पानी वाली फसलें जैसे गेहूं, चना, दलहन-तिलहन अपनाने प्रेरित किया गया है।संचालक श्री अमित कुमार अग्रवाल ने कहा कि जल संकट एक दिन की समस्या नहीं है”, इसे हल करने सतत प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि जन सहभागिता ही समाधान है- अधिक से अधिक लोगों को जोड़ें, जागरूकता अभियान चलाएं।’हर शासकीय कार्यालय, पंचायत भवन व आवासीय निर्माणों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य किया जाए। वृक्षारोपण एक आवश्यक पूरक है। जल संरक्षण के साथ बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण हो। उन्होंने कहा कि किसानों को माइक्रो-इरिगेशन प्रणाली अपनाने व जल प्रबंधन में प्रशिक्षित करें। श्री अग्रवाल ने विद्यालयों, कॉलेजों, संस्थाओं में जल जागरूकता कार्यक्रम चलाने पर बल दिया।
उन्होंने इस वर्ष की थीम “जल संचय, जन भागीदारी रू जन जागरूकता की ओर” को दोहराते हुए कहा कि यह केवल प्रशासनिक नहीं, जनांदोलन का विषय बनना चाहिए।
प्रचार अभियान की जानकारी देते हुए श्री डड़सेना ने बताया कि “विकसित कृषि संकल्प अभियान” के तहत प्रचार रथों के माध्यम से जिले के सभी चार विकासखण्डों की 78 ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण जागरूकता फैलाई जा रही है।
अंत में श्री अग्रवाल ने कहा कि यह अभियान कागजों तक सीमित न रहे, इसे हर नागरिक की जीवनशैली का हिस्सा बनाएं। तभी हम आने वाली पीढ़ियों को जल संकट से बचा सकेंगे। जल है तो कल है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
महासमुंद : कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह के निर्देशानुसार अवैध खनिज उत्खनन, परिवहन एवं भंडारण पर रोक लगाने हेतु खनिज विभाग द्वारा सतत कार्रवाई जारी है। इसी क्रम में आज रायपुर जिले के चिखली रेत खदान की सीमा पर ग्राम सिरपुर, महानदी क्षेत्र में कार्रवाई करते हुए 03 वाहनों को रेत के अवैध उत्खनन करते हुए पकड़ा गया।
खनिज विभाग ,पुलिस एवं राजस्व की टीम ने 03 चैन माउंटेन मशीन (मशीन क्रमांक को अवैध रेत उत्खनन करते हुए जप्त किया गया। तीनों वाहनों को जब्त कर सुरक्षार्थ तुमगांव थाना में खड़ा किया गया है। खनिज अधिकारी श्री योगेन्द्र सिंह ने बताया कि उक्त वाहनों पर खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 1957 की धारा 21 के अंतर्गत कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। इस प्रकरण में 2 से 5 वर्षों की सजा का प्रावधान है और संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध FIR दर्ज कर न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया जाएगा।
पूर्व में भी खनिज पट्टेदारों एवं खनिज परिवहनकर्ताओं को स्पष्ट निर्देश दिए जा चुके हैं कि बिना वैध अभिवहन पास के खनिज का उत्खनन, परिवहन या भंडारण करना कानूनन अपराध है। कलेक्टर के निर्देशानुसार जिले में अवैध खनिज गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण हेतु खनिज विभाग का विशेष अभियान सतत जारी रहेगा और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।