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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
जशपुरनगर : लोक सभा सांसद रायगढ़ श्री राधेश्याम राठिया की अध्यक्षता में बुधवार को जिला पंचायत के सभाकक्ष में प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, अधोसंरचना पर किए गए खर्चों की विस्तार से जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
कलेक्टर ने बताया कि विगत वर्ष से जो खनिज न्यास निधि की राशि मिली थी उसका ही अभी तक उपयोग किया जा रहा है। इस वर्ष राशि प्राप्त नहीं हुई है। कलेक्टर रोहित व्यास ने आग्रह किया की जशपुर वनांचल जिला है यहां अधोसंरचना, स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल कौशल विकास, के लिए राशि मिल जाती तो विकास कार्यों में बल मिलता।
सांसद राठिया ने कहा कि उच्च अधिकारियों को इस संबंध में चर्चा करके जानकारी जरूर देंगे ताकि विकास कार्यों का और बेहतर क्रियान्वयन किया जा सके।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय नगर पालिका अध्यक्ष श्री अरविन्द भगत जिला पंचायत उपाध्यक्ष शौर्य प्रताप सिंह जुदेव ,नगर पालिका उपाध्यक्ष श्री यश प्रताप सिंह जुदेव जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार सहायक कलेक्टर श्री अनिकेत अशोक और जिला स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित थे। कलेक्टर ने समीक्षा बैठक में विगत वर्ष किए गए खर्च के संबंध में जानकारी दी ।
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सामुदायिक निवेश कोष में कोरिया और राजनांदगांव जिला ने महिला समूहों को प्रदान किया शत-प्रतिशत राशि
रायपुर : राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) योजना के माध्यम से राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के महिलाओं को छोटे-छोटे व्यवसायिक गतिविधियों से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने हर सभंव प्रयास किया जा रहा है। बिहान के अंतर्गत सामुदायिक निवेश कोष (सीआईएफ) में इस वित्तीय वर्ष में अब तक राज्य के 24 हजार 550 महिला स्व-सहायता समूहों को 147 करोड़ 30 लाख रूपए किए गए है। इसमें से कोरिया और राजनांदगांव जिला द्वारा उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। इन जिलों में लक्षित शत-प्रतिशत समूह को राशि प्रदान कर दी गई है।
गौरतलब है कि सामुदायिक निवेश कोष के तहत इस वित्तीय वर्ष में 42 हजार 275 स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 253 करोड़ 65 लाख रूपए की सहायता पहुुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इस तरह लक्ष्य के करीब 58 प्रतिशत की प्राप्ति की जा चुकी है। राज्य में सात जिले ऐसे है जिन्होंने मात्र चार माह की अवधि में 70 प्रतिशत से अधिक की उपलब्धि हासिल कर महिलाओं को लाभान्वित किया है। इसमें से कोरिया जिले की शत-प्रतिशत लक्षित 425 महिला स्व-सहायता समूहों को 60 हजार रूपए प्रति समूह की दर से कुल 2.55 करोड़ तथा राजनांदगांव जिले की भी शत-प्रतिशत लक्षित 628 स्व-सहायता समूहों को 3 करोड़ 76 हजार रूपए की राशि प्रदान की गई है।
इसी प्रकार दंतेवाड़ा जिला में 400 स्व-सहायता समूहों को 2 करोड़ 40 लाख वितरित कर 93 प्रतिशत, सरगुजा में 300 समूहों को 1 करोड़ 80 लाख वितरित कर 90 प्रतिशत, बलौदाबाजार में 2020 समूहों को 12 करोड़ 12 लाख रूपए वितरित कर 86 प्रतिशत, बलरामपुर-रामानुजगंज जिला में 800 समूहों को 4 करोड़ 80 लाख रूपए वितरित कर 77 प्रतिशत और गरियाबंद जिला में 900 स्व सहायता समूहांे को 5 करोड़ 40 लाख रूपए वितरित कर 70 प्रतिशत का वितरण किया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि अधिकतर महिला समूह कृषि कार्यों से जुड़े हैं और जून-जुलाई के दौरान उन्हें बीज, खाद, मजदूरी के लिए धन की आवश्यकता होती है। इस राशि के मिलने से उन्हें अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने में काफी मदद मिली है।
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शिकायतों की जांच के उपरांत जिला कार्यालय बेमेतरा ने लौटाई सेवाएं
बेमेतरा : कार्यालय कलेक्टर (श्रम), जिला बेमेतरा द्वारा जारी आदेश के अनुसार श्रम कल्याण निरीक्षक श्री छलेश्वर साहू, जो कि कार्यालय श्रम पदाधिकारी बेमेतरा में प्लेसमेंट कर्मचारी के रूप में कार्यरत थे, उनकी सेवाएं मूल प्लेसमेंट को वापस कर दी गई हैं। यह निर्णय पार्षद सुश्री नीतू कोठारी द्वारा परशुराम वार्ड, नगर पालिका परिषद बेमेतरा से संबंधित शिकायत तथा कार्यालय श्रम पदाधिकारी बेमेतरा को प्राप्त पत्रों के आधार पर लिया गया। शिकायतों में आरोप था कि श्री साहू द्वारा शासन की योजनाओं से लाभान्वित अभ्यर्थियों को गलत प्रमाण पत्र प्रदान कर आर्थिक हानि पहुँचाई जा रही है।
जांच के दौरान पाया गया कि उन्होंने रजिस्टर्ड ट्रेड यूनियन के नियुक्ति प्रमाण पत्रों का दुरुपयोग करते हुए पात्र हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ नहीं मिलने दिया। उक्त तथ्यों की पुष्टि होने पर अपर कलेक्टर, जिला बेमेतरा द्वारा श्री छलेश्वर साहू की सेवाएं तत्काल प्रभाव से मूल प्लेसमेंट को लौटाने का आदेश जारी किया गया। इस आदेश की प्रतिलिपि सचिव, श्रम संचालनालय तथा अन्य संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजी गई है।
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बेमेतरा : संचालनालय कृषि छत्तीसगढ़ रायपुर के निर्देशानुसार उर्वरकों की कालाबाजारी, तस्करी, डायवर्सन, जमाखोरी, अधिक कीमत पर विक्रय, अमानक एवं नकली उर्वरकों के व्यापार को रोकने हेतु जिले में औचक निरीक्षण अभियान चलाया गया।जिला स्तरीय निरीक्षण टीम द्वारा 20 जून 08 जुलाई एवं 10 जुलाई 2025 को तीन कृषि केन्द्रों मेसर्स बी.के. कृषि केन्द्र, ग्राम-बैजी, मेसर्स अर्जुन कृषि केन्द्र, ग्राम-सिंघौरी, एवं मेसर्स वैदिक कृषि केन्द्र, ग्राम-बैजी, (विकासखण्ड-बेमेतरा, जिला-बेमेतरा) का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान उर्वरक विक्रय में अनियमितताएं पाई गईं।
इस पर संबंधित कृषि केन्द्रों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, किन्तु प्राप्त उत्तर संतोषजनक नहीं पाए गए। फलस्वरूप उर्वरक निरीक्षक सह सहायक संचालक कृषि, बेमेतरा द्वारा तीनों केन्द्रों के उर्वरक प्राधिकर पत्र को निलंबित करने की अनुशंसा की गई। अनुशंसा के आधार पर मोरध्वज डडसेना, प्राधिकृत अधिकारी सह उप संचालक कृषि, जिला-बेमेतरा ने उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 की धारा 31 (ए) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मे. बी.के. कृषि केन्द्र ग्राम बैजी, मे. अर्जुन कृषि केन्द्र ग्राम सिंघौरी, एवं मे. वैदिक कृषि केन्द्र ग्राम बैजी का उर्वरक प्राधिकर पत्र 15 दिवस के लिए निलंबित कर दिया है। निलंबन की अवधि में उक्त केन्द्र किसी भी प्रकार से उर्वरकों का भंडारण एवं विक्रय नहीं कर सकेंगे। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा।
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शिवनाथ नदी में बाढ़ आपदा की मॉकड्रिल, टापू में फंसे लोगों का जीवंत रेस्क्यू, मॉकड्रिल में दिखा बाढ़ आपदा से निपटने का दम
बेमेतरा : संभावित बाढ़ आपदा से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए जिला प्रशासन द्वारा आज सुबह 8 बजे ग्राम अमोरा (जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर) स्थित शिवनाथ नदी तट पर व्यापक स्तर पर मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। इस मौके पर कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा स्वयं उपस्थित रहकर संपूर्ण रेस्क्यू प्रक्रिया का अवलोकन किया और सभी तैयारियों की समीक्षा की। इस मॉकड्रिल का उद्देश्य आपदा के समय त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना, आमजन को जागरूक करना और प्रशासनिक समन्वय का परीक्षण करना था। इस दौरान पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू, जिला पंचायत सीईओ श्री टेकचंद अग्रवाल, अपर कलेक्टर प्रकाश भारद्वाज, एडीएम श्री अनिल बाजपेयी, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती दीप्ती वर्मा, एसडीएम श्रीमती दिव्या पोटाई, श्रीमती पिंकी मनहर, जनसंपर्क विभाग, स्वास्थ्य, राजस्व एवं अन्य विभागों सहित पुलिस प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।
रेस्क्यू ऑपरेशन का जीवंत प्रदर्शन
मॉकड्रिल के तहत बाढ़ आपदा की स्थिति का यथार्थ सिमुलेशन करते हुए एसडीआरएफ टीम ने पहले से निर्धारित योजना के अनुसार कुछ लोगों को नदी के उस पार स्थित टापू में रखा। इसके पश्चात टीम द्वारा यह प्रदर्शित किया गया कि आपातकालीन परिस्थिति में टापू में फंसे लोगों को किस प्रकार सुरक्षित निकाला जा सकता है। रेस्क्यू दल ने मोटरबोट, लाइफ जैकेट एवं अन्य बचाव उपकरणों की सहायता से टापू में फंसे लोगों को एक-एक कर मुख्य तट पर सुरक्षित रूप से वापस लाया। इस प्रक्रिया में टीम की सतर्कता, समन्वय और दक्षता स्पष्ट रूप से परिलक्षित हुई, जिससे यह संदेश गया कि वास्तविक बाढ़ आपदा की स्थिति में भी जिले की तैयारियां पूरी तरह से सक्षम हैं।
इसके पश्चात मॉकड्रिल में एक परिदृश्य दिखाया गया, जिसमें कुछ लोग बेहोश हो गए थे। रेस्क्यू टीम ने उन्हें स्ट्रेचर पर लेटाकर प्राथमिक चिकित्सा के लिए तत्परता से निकटतम एम्बुलेंस तक पहुंचाया। इस दौरान यह भी प्रदर्शित किया गया कि किसी व्यक्ति की सांसें बंद हो जाएं या वह बेहोश हो जाए, तो उसे किस तरह से सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) देकर उसकी जान बचाई जा सकती है।सीपीआर का लाइव डेमो, अधिकारियों ने लिया व्यावहारिक अनुभव
मौके पर मौजूद एसडीआरएफ की टीम ने सीपीआर की तकनीक का लाइव डेमो देकर दिखाया कि आपात स्थिति में यह तकनीक कितनी उपयोगी हो सकती है। इस डेमो में प्रशासनिक अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया और स्वयं सीपीआर करके देखा कि संकट के समय कैसे एक आम व्यक्ति भी किसी की जान बचा सकता है। मॉकड्रिल के दौरान यह भी बताया गया कि बाढ़ के समय घर में उपलब्ध वस्तुएं जैसे गोल बर्तन, ड्रम, मटका, प्लास्टिक की बोतलें, ट्यूब इत्यादि का उपयोग करके अस्थायी राफ्ट या फ्लोटेशन डिवाइस बनाए जा सकते हैं। पानी की एक लीटर बोतल को एयरटाइट कर लाइफ जैकेट के रूप में उपयोग करने का तरीका भी दिखाया गया।
मॉक ड्रिल के दौरान, एसडीआरएफ के प्रशिक्षित अधिकारियों ने आपदा प्रबंधन के महत्व और त्वरित प्रतिक्रिया की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि आपदाओं के समय सही निर्णय लेना और प्राथमिकता के आधार पर कार्य करना जीवन बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस ड्रिल में बाढ़ मे फंसे लोगों को निकालने, घायलों को प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराने, और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बचाव कार्यों की रणनीतियों को प्रभावी ढंग से प्रदर्शित किया गया।
मॉक ड्रिल मे दिखाया उपकरणों का प्रदर्शनबचाव कार्यों के लिए आवश्यक संसाधनों जैसे मोटरबोट, स्क्यूबा डाइविंग किट, अंडरवाटर कैमरा, लाइफ बॉय, चौन-सा, आस्का लाइट, सर्च लाइट और पेलिकन लाइट आदि का भी विस्तृत प्रदर्शन किया गया, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि जिले के पास किसी भी आपदा से निपटने हेतु पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं।
कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने मॉकड्रिल की सराहना करते हुए कहा कि बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएं अचानक आती हैं और इनसे निपटने के लिए प्रशासनिक सतर्कता, संसाधनों की तत्परता और जनभागीदारी अत्यंत आवश्यक होती है। इस प्रकार की मॉकड्रिल न केवल प्रशासन को आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार करती हैं, बल्कि आम नागरिकों को भी सजग, जागरूक और आत्मनिर्भर बनाती हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा की घड़ी में हर पल कीमती होता है, और यदि सभी विभाग जैसे पुलिस, स्वास्थ्य, राजस्व, आपदा प्रबंधन, नगर सेना सभी संबंधित विभाग समन्वित रूप से कार्य करें, तो जान-माल की क्षति को न्यूनतम किया जा सकता है। कलेक्टर ने यह भी कहा कि ग्रामीणों को बाढ़ जैसी परिस्थितियों में घबराने की बजाय शांत और विवेकपूर्ण ढंग से कार्य करना चाहिए, जिससे रेस्क्यू टीम को सहयोग मिल सके और राहत कार्यों में तेजी लाई जा सके।
कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी बाढ़ संभावित क्षेत्रों में संसाधनों की पहले से मैपिंग कर ली जाए, राहत शिविरों की स्थिति मजबूत की जाए और जरूरतमंद लोगों तक समय पर सहायता पहुंचाने की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कलेक्टर ने स्पष्ट रूप से कहा कि बाढ़ आपदा से बचाव सिर्फ एक प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सामूहिक दायित्व है, जिसमें आमजन की सहभागिता सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
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अकारण गायब 8 रोजगार सहायकों को कारण बताओ नोटिस
मनरेगा और आवास योजना की केपीआई बिंदुओं पर समीक्षा
कोरिया : जिला पंचायत कोरिया के मंथन कक्ष में बुधवार को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के क्रियान्वयन की केपीआई आधारित समीक्षा बैठक आयोजित की गई। यह बैठक कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी के निर्देश पर की गई, जिसकी अध्यक्षता जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी ने की। सीईओ डॉ. चतुर्वेदी ने सभी ग्राम पंचायतों के रोजगार सहायकों और आवास मित्रों से पंचायतवार लक्ष्य और प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत स्वीकृत हितग्राहियों से निरंतर संवाद कर उनकी समस्याएं जानना और उन्हें संसाधनों से जोड़ना आवश्यक है। तभी उनके पक्के आवास का सपना समय पर पूरा हो सकेगा।
15 सितंबर तक पूर्ण हो निर्माण कार्य
सीईओ ने निर्देशित किया कि 15 सितंबर 2025 तक सभी स्वीकृत आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण कराया जाए। उन्होंने मैदानी अमले को कहा कि वे प्रत्येक हितग्राही को 90 दिन का रोजगार सुनिश्चित कराएं और मास्टर रोल कम से कम 30 दिन का निकाला जाए।
अनुपस्थित रोजगार सहायकों पर कार्रवाई
बैठक में 8 ग्राम रोजगार सहायकों की अनुपस्थिति पर नाराजगी जताते हुए उन्हें कारण बताओ (शोकॉज) नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए। सीईओ ने स्पष्ट कहा कि योजनाओं में लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।डॉ. चतुर्वेदी ने कहा कि बरसात के दिनों में भी कार्य रुकना नहीं चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि ढलाई पूर्ण हो चुके आवासों में प्लास्टर कार्य कराकर योजना में प्रगति लाई जाए। उन्होंने जिओ टैगिंग, किश्त वितरण, राशि अंतरण और निर्माण की गुणवत्ता पर भी गहन समीक्षा की।
मनरेगा के कार्यों पर विशेष जोर
मनरेगा योजना की समीक्षा में सीईओ ने निर्देशित किया कि वनाधिकार पट्टा धारकों को प्राथमिकता से कार्य दिए जाएं, महिला श्रमिकों को संगम अभियान से जोड़ते हुए आजीविका गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाए, सभी अपूर्ण कार्यों की ऑनलाइन एंट्री और प्रमाण पत्र एक सप्ताह में दर्ज कराना अनिवार्य किया जाए।
गुड गवर्नेंस और दस्तावेज संधारण के निर्देश
उन्होंने ग्राम पंचायत स्तर पर दस्तावेजों का संधारण, लेबर बजट की प्रतिलिपि संधारण, जॉब कार्ड अपडेट करने और उसका प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए। साथ ही उन्होंने मानव दिवस वृद्धि, जनजातीय महिलाओं को रोजगार, और प्राकृतिक संसाधनों पर आधारित कार्य बढ़ाने को भी कहा। बैठक में जनपद पंचायत बैकुंठपुर और सोनहत के सीईओ, एसडीओ (आरईएस), कार्यक्रम अधिकारी (मनरेगा), तकनीकी सहायक, आवास मित्र तथा रोजगार सहायक उपस्थित रहे।
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झुमका जलाशय में हाउस बोट संचालन के लिए दो वर्षों के अनुबंध पर प्रस्ताव आमंत्रित, 13 अगस्त अंतिम तिथि
कोरिया : पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक नई पहल करते हुए झुमका वाटर टूरिज्म सोसायटी, बैकुण्ठपुर द्वारा झुमका जलाशय क्षेत्र में एक नग हाउस बोट के संचालन हेतु मुहरबंद प्रथम निविदा आमंत्रित की गई है। यह निविदा दो वर्ष के अनुबंध पर निर्धारित की गई है। इच्छुक निविदाकार 15 जुलाई 2025 से 13 अगस्त 2025 तक 1000 रुपये नगद या बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से निविदा प्रपत्र प्राप्त कर सकते हैं। निविदा जमा करने की अंतिम तिथि 13 अगस्त 2025 दोपहर 2 बजे निर्धारित की गई है। प्राप्त निविदाओं को उसी दिन दोपहर 3 बजे खोला जाएगा। हाउस बोट की संख्या 01 नग है। अमानत राशि 5 लाख रुपये है, मासिक किराया 1.5 लाख रुपये (समिति द्वारा निर्धारित) है। निविदा से संबंधित अधिक जानकारी के लिए इच्छुक व्यक्ति झुमका वाटर टूरिज्म सोसायटी, बैकुण्ठपुर से संपर्क कर सकते हैं।
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नगर सेना कोरिया ने जारी किया निविदा आमंत्रण, 3 अगस्त तक खरीदी जा सकेगी निविदा प्रतियाँ
कोरिया : जिला सेनानी कार्यालय, नगर सेना, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं कोरिया से मिली जानकारी अनुसार द्वारा 3500 लीटर क्षमता वाले मल्टी टेंडर (फायर वाहन) की आपूर्ति हेतु निर्माताओं और उनके अधिकृत विक्रेताओं से सीलबंद निविदाएँ आमंत्रित की गई हैं। जारी निविदा के अनुसार, इच्छुक निर्माता अथवा उनके अधिकृत विक्रेता 03 अगस्त 2025 तक कार्यालयीन समय में 500 रुपये में नकद भुगतान कर निविदा प्रपत्र प्राप्त कर सकते हैं। निविदा आवेदन के साथ वैध आयकर प्रमाण पत्र संलग्न करना अनिवार्य है। निविदा जमा करने की अंतिम तिथि 04 अगस्त 2025, दोपहर 2 बजे निर्धारित की गई है। प्राप्त निविदाओं को 04 अगस्त की शाम 4 बजे जिला सेनानी कार्यालय, बैकुण्ठपुर-कोरिया में खोला जाएगा। अधिक जानकारी के लिए इच्छुक संस्थाएं फोन नंबर 07836-299112 अथवा ईमेल [email protected] के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं।
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कक्षा में बच्चों को समझाया गणित, शिक्षकों को दी जिम्मेदारी से पढ़ाने की नसीहत
कोरिया : जिला कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी आज अचानक निरीक्षण पर शासकीय प्राथमिक शाला कसरा एवं कंचनपुर पहुँचीं। उन्होंने स्कूल पहुँचते ही बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, स्कूल संचालन और मध्यान्ह भोजन व्यवस्था की जमीनी स्थिति का अवलोकन किया। इस दौरान पुलिस अधीक्षक श्री रवि कुमार कुर्रे, जिला पंचपत के सीईओ डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी भी उपस्थित थे। कलेक्टर जब कक्षा में पहुँचीं तो बच्चों ने सामूहिक रूप से ‘गुड मॉर्निंग‘ कहकर उनका स्वागत किया। कक्षा तीसरी की छात्रा राधिका ने जब अंग्रेजी के ए से जेड तक के अल्फाबेट सुनाए, तो कलेक्टर ने ‘वेरी गुड‘ कहकर उसकी हौसला अफजाई की। वहीं छात्राओं मिनाक्षी और दिव्या ने कविता और पहाड़ा सुनाकर सबका मन मोह लिया।
कलेक्टर ने ब्लैक बोर्ड में गणित के सवालों को शिक्षिका की तरह सरल भाषा में समझाया, जिससे बच्चे सहज रूप से सीख सकें। उन्होंने शिक्षकों को निर्देशित किया कि वे समय पर स्कूल खोलें, नियमित कक्षाएं लें और बच्चों को पूर्ण जिम्मेदारी और लगन से पढ़ाएं।कलेक्टर ने सभी बच्चों को खूब मेहनत, लगन के साथ पढ़ने की बात कही, रोजाना इमला लिखने और बोल बोलकर पढ़ने की बात कही, वहीं पुलिस अधीक्षक श्री रवि कुमार कुर्रे ने बच्चों से कहा जिस तरह पढ़ाई जरूरी है, उसी तरह खेल भी जरूरी है। तथा समय पर भरपेट भोजन भी करें और सुबह जल्दी उठने की आदत भी डालें।
कलेक्टर ने कहा, ‘शिक्षक होना केवल एक पद नहीं, बल्कि यह भविष्य को आकार देने की जिम्मेदारी है।‘ उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि बच्चों को समय पर गर्म और संतुलित भोजन दिया जाए तथा उनके पालकों से सतत संपर्क में रहकर बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करें।निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने रसोई कक्ष (किचन) का भी निरीक्षण किया और रसोइया से बातचीत कर भोजन की गुणवत्ता की जानकारी ली। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि सोयाबीन के साथ-साथ गाढ़ी दाल भी दी जाए ताकि बच्चों को प्रोटीन युक्त पोषण मिले। उन्होंने रसोई को साफ-सुथरा रखने पर विशेष जोर दिया।कलेक्टर ने नल की टोटी नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की और मौके पर उपस्थित जिला शिक्षा अधिकारी श्री जितेन्द्र गुप्ता को तत्काल सुधारने व सभी स्कूलों में निरीक्षण कर, सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
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महासमुंद बम्हनी में मोबाइल कैम्प शिविर 18 जुलाई को
महासमुंद : शासन के निर्देशानुसार जिले में मोबाईल कैम्प शिविर का आयोजन कर संगठित, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का पंजीयन, नवीनीकरण एवं योजनाओं का आवेदन प्राप्त कर उनका निराकरण किया जाना है।
श्रम पदाधिकारी ने बताया कि इस हेतु जिले के सभी विकासखण्डों में कुल 27 स्थलों पर 18 जुलाई से 29 अगस्त 2025 तक शिविर का आयोजन किया जाएगा। जिसमें महासमुंद विकासखण्ड अंतर्गत 18 जुलाई को ग्राम बम्हनी में, 28 को चिंगरौद, 04 अगस्त को ग्राम भलेसर, 12 अगस्त को ग्राम मोंगरा एवं 20 अगस्त को ग्राम मोरधा में शिविर का आयोजन किया जाएगा। इसी प्रकार बागबाहरा विकासखण्ड अंतर्गत 21 जुलाई को ग्राम दारगांव, 29 जुलाई को पचेड़ा, 05 अगस्त को मामाभांचा, 13 अगस्त को डोंगरपाली, 21 अगस्त को ओंकारबंद एवं 29 अगस्त को ग्राम खल्लारी में, पिथौरा विकासखण्ड अंतर्गत 22 जुलाई को ग्राम अरंड, 30 जुलाई को मोहदा, 06 अगस्त को परसापाली, 14 अगस्त को भोकलूडीह, 22 अगस्त को राजासेवैया एवं 28 अगस्त को ग्राम बरतुंगा, बसना विकासखण्ड अंतर्गत 23 जुलाई को ग्राम बंसुला, 31 जुलाई को अरेकेल, 07 अगस्त को बड़ेढाबा, 18 अगस्त को दूधीपाली एवं 25 अगस्त को ग्राम छांदनपुर में तथा सरायपाली विकासखण्ड अंतर्गत 25 जुलाई को ग्राम बोडेसरा, 01 अगस्त को कुटेला, 11 अगस्त को सेमलिया, 19 अगस्त को बाराडोली एवं 27 अगस्त को ग्राम भोथलडीह में मोबाईल कैम्प का आयोजन होगा।
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खाद-बीज की उपलब्धता, रोपाई की स्थिति और योजनाओं के क्रियान्वयन की ली जमीनी जानकारी
कोरिया : जिला कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी ने आज प्रातः ग्राम खुटरापारा का दौरा कर खेतों में पहुँचकर किसानों से प्रत्यक्ष संवाद किया। उन्होंने किसानों से खाद-बीज की उपलब्धता, धान रोपाई की प्रगति और कृषि योजनाओं के लाभ से जुड़ी जमीनी स्थिति की जानकारी ली। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ डॉ आशुतोष चतुर्वेदी भी उपस्थित थे। खेत में कार्यरत किसान श्रीमती शांति बाई ने बताया कि वे लगभग 5 एकड़ में धान की खेती कर रही हैं और फिलहाल रोपाई कार्य में लगी हुई हैं। उन्होंने बताया कि इस समय खाद की कोई विशेष समस्या नहीं है, लेकिन अत्यधिक वर्षा के कारण धान बीज को नुकसान अवश्य हुआ है।
कलेक्टर ने मौके पर मौजूद किसानों को फसल विविधीकरण की ओर प्रेरित करते हुए दलहन और तिलहन की खेती को बढ़ावा देने की सलाह दी। इस दौरान ग्रामीणों ने कृषि विभाग की योजनाओं और हितग्राही सामग्री के वितरण में असमानता की शिकायत भी की। कलेक्टर ने कृषि उपसंचालक श्री राजेश भारती को तत्काल मामले की जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने और आवश्यक सामग्री के वितरण की प्रक्रिया को सुधारने के निर्देश दिए। इससे पहले कलेक्टर जामपारा स्थित आदिम जाति सेवा सहकारी समिति पहुंचीं, जहां उन्होंने खाद की उपलब्धता की स्थिति की समीक्षा की। सीधे किसानों से चर्चा कर वस्तुस्थिति से अवगत हुई। चर्चा के दौरान उन्होंने समिति प्रबंधक को खाद वितरण की नियमित एंट्री करने और किसानों को समय पर खाद उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने किसानों को बताया कि समिति में अब नैनो डीएपी भी उपलब्ध है, जिसका वितरण शुरू कर दिया गया है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि इसके सही उपयोग की जानकारी कृषि कार्यालय या ग्राम सेवक से प्राप्त कर उचित तरीके से प्रयोग करें।उन्होंने सभी समिति प्रबंधकों को निर्देशित किया कि वे समय पर कार्यालय खोलें, किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता से सुनें और शासन की योजनाओं को जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू करें।
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परीक्षार्थियों के लिए व्यापम द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन अनिवार्य
महासमुंद : छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल रायपुर द्वारा आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन रविवार 27 जुलाई 2025 को किया जाएगा। यह परीक्षा जिला मुख्यालय के 25 परीक्षा केंद्रों में संपन्न होगी। परीक्षा के सफल संचालन और सुचारु व्यवस्था के लिए व्यापम द्वारा परीक्षार्थियों के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है। इन निर्देशों का उद्देश्य परीक्षा में पारदर्शिता एवं अनुशासन बनाए रखना है। कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह ने व्यापम द्वारा आयोजित परीक्षाओं में सभी निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
व्यापम द्वारा सख्त निर्देशानुसार परीक्षार्थियों को परीक्षा प्रारंभ होने से कम से कम 2 घंटे पूर्व परीक्षा केंद्र पर अनिवार्य रूप से पहुंचना है। ताकि फ्रिस्किंग (शारीरिक जांच) और पहचान पत्र सत्यापन की प्रक्रिया समय पर पूर्ण की जा सके। परीक्षा प्रारंभ होने के 30 मिनट पूर्व परीक्षा केंद्र का मुख्य द्वार बंद कर दिया जाएगा। परीक्षार्थी हल्के रंग के आधी बांह वाले कपड़े पहनकर आएं। फुटवियर के रूप में केवल चप्पल पहनना अनिवार्य है। कान में किसी भी प्रकार का आभूषण पहनना वर्जित है। मोबाइल फोन, स्मार्ट घड़ी, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, पर्स, पाउच, बेल्ट, टोपी, स्कार्फ आदि लाना पूर्णतः वर्जित है। परीक्षा कक्ष में केवल नीले या काले बाल पॉइंट पेन से उत्तर लेखन की अनुमति होगी।
परीक्षार्थी को व्यापम की वेबसाइट से डाउनलोड किया गया प्रवेश पत्र और ’फोटो युक्त मूल पहचान पत्र जैसे- आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड साथ लाना अनिवार्य है। फोटो रहित प्रवेश पत्र होने पर दो रंगीन पासपोर्ट साइज फोटो साथ लाना होगा। प्रवेश पत्र के सभी पेज का एक तरफा प्रिंट निकालें, क्योंकि परीक्षा केंद्र में व्यापम की प्रति जमा करनी होगी। परीक्षा प्रारंभ और समाप्ति के 30 मिनट के भीतर परीक्षा कक्ष से बाहर जाना वर्जित है। परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार के अनुचित साधनों का प्रयोग करने पर परीक्षार्थी की अभ्यर्थिता रद्द कर दी जाएगी और कठोर कार्रवाई की जाएगी। निर्देशों का उल्लंघन करने वाले अभ्यर्थियों को परीक्षा से वंचित किया जा सकता है। व्यापम ने परीक्षार्थियों से अनुरोध किया है कि वे जारी दिशा-निर्देशों का पूर्णतः पालन करें एवं परीक्षा में समय पर उपस्थित होकर शांतिपूर्ण वातावरण में परीक्षा संपन्न कराएं।
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महासमुंद : नन्हे कदमों से गूंजते आंगन, दीवारों पर रंग-बिरंगी पेंटिंग्स, कविताएं गुनगुनाते बच्चे और खेल-खेल में सीखने की ललक कुछ ऐसी ही सजीव और संजीव छवि अब जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों की बन गई है। महासमुंद शहरी सेक्टर-1 स्थित संजय नगर-2, दलदली रोड और विश्वकर्मा वार्ड के सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र इसकी सजीव मिसाल हैं, जहां आंगनबाड़ी अब केवल पोषण और देखभाल का केन्द्र नहीं, बल्कि बच्चों के संपूर्ण विकास की पाठशाला बन चुकी हैं। इन केन्द्रों की सजावट किसी प्ले स्कूल से कम नहीं है। दीवारों पर उकेरी गई रंगीन चित्रकारी और शैक्षणिक चार्ट नन्हे मन को पढ़ाई की ओर आकर्षित कर रहे हैं। अक्षर ज्ञान, गिनती, कविताएं और व्यवहारिक जानकारियां बच्चों को सहज और रोचक तरीके से दी जा रही हैं।
संदेशों के माध्यम से सामाजिक बदलाव की दिशा में भी कदम बढ़ाए जा रहे हैं। जितनी अच्छी वजन की रेखा, उतना अच्छा बच्चा देखा, लड़का-लड़की एक समान जैसे संदेश दीवारों पर उकेरे गए हैं, जो बाल देखभाल के साथ सामाजिक चेतना का संचार भी कर रहे हैं। यहां न केवल बच्चे बल्कि गर्भवती माताएं और किशोरी बालिकाएं भी लाभान्वित हो रही हैं। गर्भवती महिलाओं के लिए गर्म पौष्टिक भोजन की नियमित व्यवस्था है, साथ ही सुपोषण चौपाल जैसे आयोजनों के माध्यम से टीकाकरण व स्वास्थ्य परामर्श दिया जाता है। किशोरियों को स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
सेक्टर पर्यवेक्षक श्रीमती शीला प्रधान बताती हैं कि यहां मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना, नोनी सुरक्षा, महतारी वंदन, सुकन्या समृद्धि योजना जैसे कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। इन योजनाओं के ज़रिए बालिकाओं और माताओं के स्वास्थ्य एवं अधिकारों की रक्षा की जा रही है।आंगनबाड़ी केंद्रों में नियमित साफ-सफाई की जा रही है। आरओ वाटर प्योरीफायर, स्वच्छ किचन रूम और पर्याप्त खेल सामग्री यहां की विशेषता बन चुके हैं। बच्चों के लिए खेल घर उपलब्ध है और अर्ली चाइल्डहुड केयर के तहत भाषा, गणित आदि विषयों की बुनियादी जानकारी रोचक तरीकों से दी जा रही है। यहां पदस्थ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रूपा भारती और अंजू चंद्राकर बताती हैं कि यहां बच्चों के अन्नप्राशन संस्कार से लेकर किशोरी बालिकाओं तक के लिए विशेष जागरूकता कार्यक्रम होते हैं। महतारी समिति की बैठकें भी नियमित होती हैं, जिससे माताओं की सहभागिता भी सुनिश्चित होती है।
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विद्यार्थियों को प्राथमिक सहायता एवं सामाजिक दायित्वों के निर्वहन के गुर सिखाएं गए
महासमुंद : छत्तीसगढ़ की विद्यालयों में अध्ययन, अध्यापन के साथ-साथ अन्य शिक्षकोत्तर गतिविधियों में रेडक्रॉस की गतिविधियां अत्यंत ही महत्वपूर्ण होती है, इसी के अंतर्गत विभिन्न विद्यालयों में हाई स्कूल तथा हायर सेकेंडरी स्कूलों में जूनियर रेडक्रॉस का संचालन किया जाता है। कलेक्टर एवं अध्यक्ष भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी श्री विनय कुमार लंगेह के निर्देशानुसार जिले के विकासखंड पिथौरा, बागबाहरा एवं महासमुंद के समस्त हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूल की रेडक्रॉस प्रभारी शिक्षकों (काउंसलर) संख्या 111 का रेडक्रॉस से संबंधित समस्त प्रशिक्षण एवं प्राथमिक सहायता का प्रशिक्षण का आयोजन जिला स्तर पर महासमुंद में किया गया।
प्रशिक्षण के तृतीय दिवस बुधवार को समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एस. आलोक उपस्थित रहे। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी श्री विजय कुमार लहरे पदेन अध्यक्ष जूनियर रेडक्रॉस महासमुंद, जिला रेडक्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष श्री संदीप कुमार दीवान, इसके साथ ही बतौर विशिष्ट अतिथि श्री पारस चोपड़ा, श्री संजय शर्मा, श्री दाऊलाल चंद्राकार, श्री अभिषेक पांडे, श्री आशीष पांडे श्रीमती सती साहू, श्रीमती करुणा शुक्ला, जिला क्रीड़ा अधिकारी अंजलि बरमाल उपस्थित रहे।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ 14 जुलाई को हुआ, जो कि प्रशिक्षण का द्वितीय चरण था, प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि श्री संदीप दीवान, सभापति रेडक्रॉस महासमुंद, विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री ऐतराम साहू, जिला अध्यक्ष स्काउट एवं गाइड संघ, उपाध्यक्ष श्री भूपेंद्र सिंह राठौर, श्री अशोक गिरी गोस्वामी जिला संगठक महासमुंद एवं श्री राजेश्वर खरे, श्री प्रेम चंन्द्राकर, श्री माधव लाल टांकसले, श्री अभिषेक पांडे और श्री आशीष पांडे सदस्य प्रबंध संचालन, श्री अरशी अन्वर एवं सीएमएचओ डॉ. आई. नागेश्वर राव उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि प्रथम चरण का प्रशिक्षण सरायपाली में बसना विकासखंड एवं सरायपाली विकासखंड के काउंसलर का प्रशिक्षण 10 जुलाई से लेकर 12 जुलाई तक आयोजित किया गया जिसमें 80 काउंसलर ने भागीदारी दी।
इस अवसर पर ड़ॉ. अशोक गिरि गोस्वामी द्वारा रेडक्रॉस की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला गया एवं रेडक्रॉस की उद्देश्य एवं सामाजिक गतिशीलता के साथ-साथ सामाजिक पृष्ठभूमि पर इसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला गया। समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं जिला सीईओ श्री एस आलोक के द्वारा उद्बोधन दिया गया, जिसमें समस्त काउंसलर को जमीनी स्तर पर विद्यालय में रेडक्रॉस की टीम तैयार करने हेतु निर्देश दिया गया। जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा स्कूलों में विद्यार्थियों की शिक्षा में गुणवत्ता के साथ-साथ रेडक्रॉस की गतिविधियों को निरंतर संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। श्री पारस चोपड़ा के द्वारा बच्चों में सेवा की भावना को जागृत करने का संदेश दिया गया। श्री संदीप दीवान के द्वारा विद्यालयीन रेडक्रॉस बच्चों में प्राथमिक सहायता की शिक्षा, जो कि प्रशिक्षण में प्रदान किया गया, उसे देखकर उनके सामाजिक दायित्वों के निर्वहन संबंधी संदेश दिया गया। श्री दाऊलाल चंद्राकर के द्वारा महासमुंद जिले में रेडक्रॉस की विशिष्ट भूमिका एवं लगातार महासमुंद जिले में रेडक्रॉस के क्षेत्र में विशेष रूप से सभी को भविष्य में कार्य करने की प्रेरणा प्रदान किया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षक के रूप में राष्ट्रीय स्तर के प्राथमिक उपचार प्रशिक्षक डॉ यशवंत चंद्राकर एवं जिला प्रशिक्षक दिनेश कुमार साहू के द्वारा विभिन्न विद्यालयों से आए रेडक्रॉस प्रभारी काउंसलर को रेडक्रॉस के इतिहास उद्देश्य एवं सिद्धांत तथा रेडक्रॉस की मूल पृष्ठभूमि एवं विभिन्न दायित्वों का प्रशिक्षण दिया गया साथ ही इस प्रशिक्षण का मुख्य फोकस बिंदु जीवन को बचाने वाले प्राथमिक सहायता प्रशिक्षण था। प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य रूप से विभिन्न प्रकार के दुर्घटनाओं जैसे की सड़क दुर्घटना, आग लगने पर, भूकंप, बाढ़ एवं पानी में डूबने एवं प्राकृतिक आपदाओं पर एक रेडक्रॉस वॉलिंटियर का किस प्रकार से दायित्व होता है और किस प्रकार से प्राथमिक सहायता दी जा सकती है, इसका संपूर्ण प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें मुख्य रूप से घायल व्यक्ति का रक्त प्रवाह होने पर बैंडेज बांधना फ्रैक्चर की स्थिति में सहायता देना, सीपीआर थेरेपी के साथ-साथ बिच्छू डंक, कुत्ता के काटने, मधुमक्खी के काटने, मिर्गी, जहर सेवन कर लेने पर, आग से या किसी भी प्रकार से जलने पर एवं विभिन्न प्रकार के दुर्घटनाओं में प्राथमिक सहायता का संपूर्ण प्राथमिक सहायता प्रदान किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभिन्न सामाजिक दायित्वों का प्रशिक्षण प्रदान किया गया जैसे कि प्रदूषण एवं साक्षरता, वृक्षारोपण, बालक -बालिका शिक्षा एवं रक्तदान, नेत्रदान तथा टीकाकरण एवं विभिन्न प्रकार के सामाजिक परिवेश में रेडक्रॉस के दायित्वों का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। स्कूली विद्यार्थियों को स्कूल में विभिन्न प्रकार की दुर्घटनाओं में उनकी भूमिका किस प्रकार से होगी, इसका प्रशिक्षण दिया गया।
उपरोक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में महासमुंद जूनियर रेड क्रॉस सचिव श्रीमती किरण पटेल विकासखंड महासमुंद, श्री परसराम सिंन्हा सचिव विकासखंड जूनियर रेडक्रॉस बागबाहरा एवं विकासखंड पिथौरा सचिव जूनियर रेड क्रॉस पिथौरा दिनेश कुमार साहू के कुशल नेतृत्व में तीनों विकासखंड के रेड क्रॉस काउंसलर का प्रशिक्षण विधिवत् प्रदान किया गया उपरोक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में रेडक्रॉस के वार्षिक कैलेंडर पर चर्चा किया गया और आगामी समय में रेडक्रॉस के समस्त गतिविधियों को स्कूली विद्यार्थियों के समग्र विकास हेतु संचालित करने का निर्णय लिया गया। इस कार्यक्रम में विशेष रूप से अंशुमन तांडी, रामकुमार जांगड़े, प्रकाश दास मानिकपुरी एवं लोकेश्वरी साहू, विनीता अंजलि दीवान, नोबेल ध्रुव, श्रीमती भावना पांडव, श्रीमती यशोदा चौहान, श्रीमती पुष्पलता भार्गव, तेजलाल देवांगन रेडक्रॉस कार्यालय प्रभारी, एवं द्वारका प्रसाद विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम का मंच संचालन श्रीमती किरण पटेल सचिव जूनियर रेड क्रॉस विकासखंड शाखा महासमुंद के द्वारा किया गया। संपूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम डॉ. अशोक गिरी गोस्वामी के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।
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प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम से मिली नई उड़ान
स्टोन कटिंग एवं पॉलिशिंग उद्योग में पारंगत एवं सफल उद्यमी बनी
महासमुंद : महासमुंद विकासखण्ड के ग्राम भोरिंग की निवासी श्रीमती पुष्पा साहू ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के माध्यम से आत्मनिर्भरता की मिसाल कायम की है। महज 10वीं तक की शिक्षा प्राप्त करने वाली पुष्पा साहू ने शासकीय योजना का लाभ उठाकर न केवल अपना उद्योग स्थापित किया, बल्कि आज अपने परिवार के लिए आर्थिक स्थिरता भी सुनिश्चित कर रही हैं। चुनौती और कठिन परिस्थितियों में काम करने की जज्बा ने स्टोन कटिंग एवं पॉलिशिंग उद्योग में काम करते हुए पारंगत एवं सफल उद्यमी बनकर अन्य लोगों को प्रेरणा दी है।
श्रीमती पुष्पा साहू ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त किया और तत्पश्चात खादी ग्रामोद्योग विभाग, जिला पंचायत महासमुंद के माध्यम से 35 प्रतिशत अनुदान के साथ ऋण के लिए आवेदन किया। विभागीय प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात कारपोरेशन बैंक, महासमुंद द्वारा उनके उद्योग हेतु कुल 25 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई, जिसमें से प्रथम चरण में 7 लाख रुपए की किस्त मशीन क्रय के लिए प्रदान की गई। उद्योग की प्रगति के अनुसार शेष राशि भी चरणबद्ध तरीके से जारी की गई।
श्रीमती पुष्पा साहू ने वर्ष 2017 में ज्योति स्टोन कटिंग एवं पॉलिशिंग उद्योग की स्थापना की। नियमित बैंक किश्तों का भुगतान करते हुए वे अब प्रति माह 18 हजार रुपए की किश्त जमा कर रही हैं और लगभग 35 हजार रुपए मासिक आय अर्जित कर रही हैं। इससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई है और उनका जीवन सुखद एवं आत्मनिर्भर हो गया है। पुष्पा साहू ने बताया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम ने मेरी ज़िंदगी की दिशा बदल दी। आज मैं खुद का व्यवसाय चला रही हूं और अपने परिवार को अच्छे से चला पा रही हूं। इसके लिए मैं केंद्र और राज्य सरकार का दिल से आभार व्यक्त करती हूं। इसी तरह इच्छाशक्ति और सही मार्गदर्शन से ग्रामीण अंचलों की महिलाएं भी आत्मनिर्भर बन सकती हैं।
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सदस्यों को अधिकार, कर्तव्य एवं विकास योजनाओं की दी गई जानकारी
महासमुंद : जिला पंचायत महासमुंद के सभा कक्ष में जिला पंचायत सदस्यों के लिए एक दिवसीय आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में नव निर्वाचित एवं वर्तमान सदस्यों को पंचायत से जुड़े अधिकारों, कर्तव्यों तथा विकास योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान किया गया।
प्रशिक्षण में उपसंचालक पंचायत श्रीमती दीप्ति साहू द्वारा 73वें संविधान संशोधन, जिला पंचायत सदस्यों की भूमिका, सामान्य सभा एवं स्थाई समिति की प्रक्रिया, 15वें वित्त आयोग, जिला पंचायत विकास योजना, सतत विकास लक्ष्य एवं इससे संबंधित 9 प्रमुख थीमों के बारे में विस्तारपूर्वक मार्गदर्शन दिया गया।
प्रशिक्षण में जिला पंचायत के लेखाधिकारी श्री गोपेश कुमार होता ने बजट निर्माण एवं प्रबंधन की प्रक्रिया की जानकारी दी। वहीं प्रभारी जिला ऑडिटर श्री अशोक चंद्राकर ने पंचायतों में कर व्यवस्था और ऑडिट प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। सहायक परियोजना अधिकारी श्री मनोज गुप्ता ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत नागरिकों को मिलने वाले अधिकारों और पंचायत की जवाबदेही से जुड़ी जानकारियाँ साझा कीं। प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्यगण श्रीमती रामदुलारी सिंह, श्रीमती देवकी पटेल, श्रीमती देवकी पुरुषोत्तम दीवान, श्रीमती जगमोती भोई, श्रीमती कुमारी भास्कर, श्री जुगनू जागेश्वर चंद्राकर, श्री नैन पटेल, श्री मोक्ष कुमार प्रधान, श्री करण सिंह दीवान एवं श्री लोकनाथ बारी उपस्थित रहे।
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बिलासपुर : पीएम श्री स्कूल जवाहर नवोदय विद्यालय मल्हार में सत्र 2026-27 के लिए चयन परीक्षा के माध्यम से कक्षा 6वीं में प्रवेश के लिए 29 जुलाई 2025 तक आवेदन किये जा सकते है। प्रवेश के लिए चयन परीक्षा का आयोजन 13 दिसम्बर 2025 को किया जाएगा। पंजीकरण एवं विवरण के लिए वेबसाईट https://navodaya.gov.in का अवलोकन किया जा सकता है।
प्रवेश हेतु अभ्यर्थी को जिले का मूल निवासी होना आवश्यक है एवं वह जिले के किसी सरकारी मान्यता प्राप्त स्कूल में शैक्षणिक सत्र 2025-26 में कक्षा 5वीं में पढ़ रहा हो। अभ्यर्थी का जन्म 01.05.2014 से पहले तथा 31.07.2016 के बीच का होना चाहिए। अभ्यर्थी यदि कक्षा 3, 4 व 5वीं में से किसी भी कक्षा में शहरी क्षेत्र के विद्यालय में अध्ययनरत रहता है तो वह शहरी क्षेत्र का अभ्यर्थी माना जाएगा।
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बेमेतरा : खरीफ सीजन 2025 के दौरान बेमेतरा जिले ने कृषि कार्यों में उल्लेखनीय प्रगति करते हुए खाद-बीज वितरण के क्षेत्र में राज्य में अग्रणी स्थान प्राप्त किया है। जिले में अब तक 113.33% बीज वितरण किया जा चुका है, जबकि डीएपी खाद की उपलब्धता भी संशोधित लक्ष्य से 119% अधिक रही है। वर्तमान में अच्छी वर्षा के चलते जिले में खरीफ फसलों की बोनी लगभग पूर्ण हो चुकी है और धान की रोपाई कार्य तेजी से जारी है। कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा द्वारा जिले में खरीफ सीजन की विभिन्न कृषि गतिविधियों की नियमित समीक्षा की जा रही है। उन्होंने खाद-बीज के आवंटन, भण्डारण और वितरण व्यवस्था की गहनता से जांच कर किसानों तक इसकी समयबद्ध आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। समीक्षा बैठक के दौरान उप संचालक कृषि श्री मोरध्वज डडसेना ने बताया कि जिले में डीएपी खाद की मांग अधिक रही है, लेकिन इसकी सीमित उपलब्धता को देखते हुए सिंगल सुपर फास्फेट एवं एनपीके खाद को विकल्प के रूप में प्रयोग करने की सलाह दी गई है।
कलेक्टर ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि डीएपी खाद के विकल्प के रूप में एसएसपी और एनपीके के उपयोग के फायदों को किसानों को बताया जाए और इसके प्रचार-प्रसार हेतु बैनर व पोस्टर सभी सहकारी समितियों में चस्पा किए जाएं। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग के मैदानी अमले किसानों को फसल उत्पादन संबंधी उचित सलाह देकर उन्हें आधुनिक और टिकाऊ खेती के लिए प्रेरित करें।
खाद भंडारण और वितरण की स्थिति
शासन द्वारा जिले का खाद भंडारण लक्ष्य 65,015 मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है। अब तक जिले को 53,887 मीट्रिक टन खाद प्राप्त हो चुका है, जो गत वर्ष की तुलना में 89% है। इनमें से 46,103 मीट्रिक टन खाद का वितरण कृषकों को किया जा चुका है, जो कुल प्राप्त खाद का 71% है। डीएपी खाद का संशोधित लक्ष्य 5,667 मी. टन था, जिसके विरुद्ध 6,724 मी. टन का भंडारण कर लिया गया है, यानी 119% लक्ष्य की पूर्ति।
विकल्प खाद – SSP और NPK की उपलब्धता
गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष अब तक 154% एसएसपी और 130% एनपीके खाद की आपूर्ति की जा चुकी है। वर्तमान में 2,921 मीट्रिक टन एसएसपी और 553 मीट्रिक टन एनपीके खाद समितियों में उपलब्ध है। एसएसपी खाद में 16% फास्फोरस और 11% सल्फर पाया जाता है, जो धान और अन्य फसलों के लिए अत्यंत लाभकारी है।
बीज वितरण में भी रिकार्ड उपलब्धि
वर्ष 2024 में सहकारी समितियों के माध्यम से 19,742 क्विंटल बीज वितरण किया गया था। वर्ष 2025 में अब तक 22,375 क्विंटल बीज का वितरण हो चुका है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 113.33% है।
कलेक्टर की अपील
कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने कृषकों से अपील की है कि वे अपनी संबंधित समितियों से शीघ्र खाद का उठाव करें और डीएपी के विकल्प के रूप में एसएसपी एवं एनपीके खाद का उपयोग कर वैज्ञानिक पद्धति से खेती करें। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन कृषि की हर गतिविधि पर पैनी नजर रखे हुए है और किसानों को समय पर हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। जिले की यह प्रगति कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और टिकाऊ खेती की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
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बेमेतरा : मटका चोरभट्टी स्थित शासकीय डेयरी पॉलीटेक्नीक बेमेतरा के विद्यार्थियों द्वारा प्रायोगशाला में निर्मित डेयरी प्रोडक्टस रबडी, पेडा, पनीर एवं व्हे ड्रिंक को उपभोक्ताओं का भारी प्रतिसात मिल रहा है। उल्लेखनीय है की डेयरी पॉलीटेक्नीक के विद्यार्थियों द्वारा प्रायोगशाला में विभिन्न प्रकार के दुग्ध उत्पादों का निर्माण किया जाता है और उन्हे विभिन्न स्थानों पर स्टाल लगा कर उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराया जाता हैं। जिससे एक ओर जहां विद्यार्थियों को अपने द्वारा निर्मित डेयरी प्रोडक्टस की गुणवत्ता के बारे में उपभोक्ताओ की प्रतिक्रिया प्राप्त होती हैं तथा दुग्ध उत्पादों के विपरण का प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया जाता हैं। वही दूसरी ओर उपभोक्ताओं को शुद्ध मिलावट रहित उत्कृष्ट स्तर के डेयरी उत्पाद उचित मूल्य पर उपलब्ध होते है।
इस कड़ी में विद्यार्थियों द्वारा बेमेतरा कलेक्ट्रेट के सामने में स्टाल लगाया गया जहां उनके द्वारा निर्मित डेयरी प्रोडक्टस को उपभोक्ताओ ने हाथों-हाथ लिया एवं कुछ ही मिनटों में रबड़ी, पेड़ा, पनीर व्हे ड्रिंक जैसे उत्पाद समाप्त हुए। भविष्य में विद्यार्थियों द्वारा डेयरी प्रोडक्टस जैसे फ्लेवर्ड मिल्क, खोआ, रसगुल्ला, मीठा दही आदि का निर्माण कर बेमेतरा शहर के उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराने की योजनाएं है।
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बेमेतरा : परियोजना-बेरला, जिला बेमेतरा में महिला एवं बाल विकास विभाग के महिला सशक्तिकरण केंद्र (हब) द्वारा 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' योजना अंतर्गत किशोरी बालिकाओं को आत्मरक्षा का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह एक माह का प्रशिक्षण शासकीय कन्या शाला बेरला एवं शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल कुसमी में संचालित हो रहा है, जिसमें अब तक 1050 से अधिक बालिकाएं लाभान्वित हो चुकी हैं। यह प्रशिक्षण दी वॉर काई मार्शल आर्ट्स एंड सेल्फ डिफेंस एकेडमी, बेमेतरा के अनुभवी मास्टर ट्रेनर भानु प्रताप साहू द्वारा दिया जा रहा है। प्रशिक्षण में किकबॉक्सिंग, वुशू, कराते, पंच, ब्लॉक, काता, फिजिकल फिटनेस जैसे मार्शल आर्ट्स के साथ-साथ आत्मरक्षा के व्यावहारिक गुर सिखाए जा रहे हैं। प्रशिक्षण से बालिकाओं में सेल्फ डिसिप्लिन, आत्मविश्वास, सकारात्मक सोच, सामाजिक व्यवहार और मोबाइल की लत से मुक्ति जैसे गुणों का भी विकास हो रहा है। कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री चन्द्रबेश सिंह सिसोदिया के मार्गदर्शन तथा महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री सी.पी. शर्मा के निर्देशन में यह प्रशिक्षण सत्र संचालित हो रहा है।
जिला मिशन समन्वयक श्री राजीव कुमार वर्मा ने बताया कि मास्टर ट्रेनर भानु प्रताप साहू पिछले 19 वर्षों से मार्शल आर्ट्स का प्रशिक्षण दे रहे हैं। वे 3 अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग ले चुके हैं, जिसमें से 2 स्वर्ण पदक प्राप्त किए हैं। उन्होंने 17 राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लिया है और 6 स्वर्ण, 2 रजत एवं 3 कांस्य पदक अर्जित किए हैं। राज्य स्तर पर उन्होंने 13 स्वर्ण व 1 रजत पदक सहित 16 बार सहभागिता की है। संस्था द्वारा अब तक 643 बच्चों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया है, जिनमें से 193 ने स्वर्ण पदक, 167 ने रजत और 143 ने कांस्य पदक अर्जित किए हैं। इससे बालिकाओं को न केवल सुरक्षा के प्रति सजग किया जा रहा है, बल्कि उन्हें सशक्त, आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी भी बनाया जा रहा है, जिससे वे हर चुनौती का सामना दृढ़ता से कर सकें।
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सूरजपुर : जिला सूरजपुर के डुमरिया-गंगोटी शिवप्रसादनगर मार्ग पर स्थित पुल 25 जून 2025 को क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे स्थानीय नागरिकों के लिए आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया। कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन के निर्देश के अनुपालन में सेतु निर्माण विभाग द्वारा स्थल का सर्वे किया गया है और लगभग ₹503.5 लाख की लागत से नए टी-बीम स्लैब आधारित 60 मीटर लंबाई वाले पुल के निर्माण का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। निर्माण कार्य की स्वीकृति यदि वर्तमान वर्षा काल के दौरान ही प्राप्त हो जाती है तो वर्षा ऋतु के बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा, जिसे आगामी वर्षा ऋतु से पूर्व पुल का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा।
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-विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की दिशा में करें कार्य
सूरजपुर : कलेक्टर श्री एस.जयवर्धन की अध्यक्षता में आज पालक व अधीक्षिकाओं की समीक्षा बैठक का आयोजन कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में किया गया था। जिसमें कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय,100 सीटर छात्रावास की अधीक्षिका, शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एवं सचिव उपस्थित थे। बैठक में सत्र 2025-26 में प्रवेश, शैक्षणिक स्टॉफ व गैर शैक्षणिक स्टॉफ की जानकारी, सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी, छात्राओं को प्राप्त सुविधा, छात्राओं हेतु मेेडिकल सुविधा, सत्र 2024-25 के परीक्षा परिणाम, व्यवसायिक प्रशिक्षण, खेल-कूद एवं अन्य साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधि, भवन की स्थिति, ’एक पेड़ मां के नाम’, अपार आईडी की जानकारी प्राप्त की गई।
कलेक्टर ने कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के 8 वीं, 10 वीं व 12 वीं के परीक्षा परिणाम की क्रमवार जानकारी ली। जिसमें संबंधितों द्वारा बताया गया कि प्रतापपुर, प्रेमनगर व ओड़गी का परिणाम शत प्रतिशत बताया गया वहीं भैयाथान व सूरजपुर का 83.33 प्रतिशत रहा। इसके साथ ही मेन्यू के आधार पर नाश्ता व भोजन,सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, मौसमी बीमारी के सम्बंध में जानकारी ली गई। कलेक्टर ने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु कैलेंडर आधारित कार्ययोजना बनाने की बात कही। इसके साथ ही कलेक्टर ने पालकों से उनके सुझाव माँगें और महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की।
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सूरजपुर : छ.ग. शासन खेल एवं युवा कल्याण विभाग छत्तीसगढ रायपुर द्वारा निर्देशित तथा कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन के मागदर्शन में खेलों इंडिया सेंटर हर्राटिकरा में अस्मिता सिटी लीग का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य उदेश्य महिलाओं के बीच खेलों को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान कराना व महिलाओं को प्रेरित करना और उभरती हुई प्रतिभाओं को बढ़ावा देना इस उददेश्य से खेलों इंडिया सेंटर हर्राटिकरा में फुटबॉल अस्मिता सिटी लीग का आयोजन किया गया। जिसमें शिवपुर, उमेश्वरपुर, खेलों इंडिया सेंटर हर्राटिकरा, खेलों इंडिया सेंटर अम्बिकापुर, एवं कोरिया अम्झर के कुल 05 टीमो ने इस आयोजन में भाग लिया, जिसमें विजेता शिवनगर उपविजेता खेलों इंडिया सेंटर हर्राटिकरा एवं तृतीय स्थान खेलों इंडिया सेंटर अम्बिकापुर का रहा, आयोजन में अतिथि के रूप में डीप्टी कलेक्टर सूरजपुर श्री सुनील अग्रवाल, जिला खेल अधिकारी श्रीमती आरती पाण्डेय एवं सरपंच प्रतिनिधि सुन्दर दास, सचिव धनेश्वर प्रजापति, उप सरपंच संजय राजवाड़े, के हाथों से विजेता एवं उपविजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। माईक संचालन श्री आलम राजवाडे एवं सीमांचल त्रिपाठी के द्वारा किया गया। श्री रामबहादूर लामा फुटबॉल सचिव जिला फुटबॉल संघ सूरजपुर, श्री राम राजवाडे, रूपनारायण, मानसाय, चन्द्रकुमार भुवन रजक हरीश राजवाडे अनुराधे, महेन्द्र सिंह प्रकाश गुप्ता रेफरी के रूप में श्री रावेन्द्र वर्मा, अनमोल तिग्गा, रोहित रावत आदि का सहयोग रहा।
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सूरजपुर : खरीफ 2025 सीजन के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अधिसूचना जारी कर दी गई है। यह योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, असमय वर्षा, सूखा, ओलावृष्टि, कीट प्रकोप और अन्य जोखिमों से फसल को होने वाली क्षति के विरूद्ध आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है। योजना का उद्देश्य किसानों की आय को स्थिरता प्रदान करना और खेती को एक सुरक्षित व लाभकारी व्यवसाय बनाना है। इस योजना के अंतर्गत बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 निर्धारित की गई है। ऋणी कृषकों का बीमा संबंधित वित्तीय संस्थाओं द्वारा स्वचलित रूप से कर दिया जायेगा। बशर्तें उन्होंने खरीफ 2025 के लिए फसल ऋण लिया हो। लेकिन अऋणी कृषकों को इस योजना का लाभ उठाने स्वयं पहल करनी होगी एवं आवेदन करना होगा। इसके लिए किसान को नजदीकी ग्राहक सेवा केन्द्र (सीएससी) में जाकर बीमा कराना आवश्यक होगा। जिसके लिए कृषक अपने गांव के कृषक मित्र से संपर्क कर सकते हैं।
खरीफ फसल के लिए कृषक द्वारा देय प्रीमियम बीमित राशि का 2 प्रतिशत है। धान सिंचित के लिए बीमित राशि प्रति हेक्टेयर 60 हजार रूपये और किसान द्वारा देय प्रीमियम प्रति हेक्टेयर 1200 रूपये है। इसी प्रकार धान असिंचित के लिए बीमित राशि प्रति हेक्टेयर 43 हजार व किसान द्वारा देय प्रीमियम प्रति हेक्टेयर 860 रूपये, मक्का के लिए बीमित राशि प्रति हेक्टेयर 36 हजार और किसान द्वारा देय प्रीमियम प्रति हेक्टेयर 720 रूपये, कोदो के लिए बीमित राशि प्रति हेक्टेयर 16 हजार व किसान द्वारा देय प्रीमियम प्रति हेक्टेयर 320 रूपये, उड़द के लिए बीमित राशि प्रति हेक्टेयर 22 हजार व देय प्रीमियम प्रति हेक्टेयर 440 रूपये, अरहर के लिए बीमित राशि प्रति हेक्टेयर 35 हजार रुपए देय प्रीमियम प्रति हेक्टेयर 700 रूपये एवं मूंगफली के लिए बीमित राशि प्रति हेक्टेयर 42 हजार व देय प्रीमियम प्रति हेक्टेयर 840 रूपये निर्धारित है।
पंजीयन हेतु कृषक आवश्यक दस्तावेज जैसे नवीनतम आधार कार्ड की स्वप्रमाणित प्रति, स्वयं के नाम की भूमि (बी-1, पी-2) रिकार्ड की प्रति, बुआई प्रमाण पत्र, सक्रिय बैंक खाते की प्रति, वैध मोबाइल नंबर, बटाईदार, कास्तकार का घोषणा पत्र, तथा निर्धारित प्रीमियम राशि लेकर लोक सेवा केंद्र के माध्यम से अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं। किसान अधिक जानकारी हेतु विकासखण्डों में संचालित कृषि कार्यालयों से संपर्क कर सकते हैं।
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-अपने क्षेत्र के होनहार बच्चों को दिलाएं राष्ट्रीय पहचान
सूरजपुर : केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2025 के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए आवेदन प्रक्रिया जारी है। छत्तीसगढ़ शासन ने राज्यभर के नागरिकों, संस्थाओं, अभिभावकों और शिक्षकों से अपील की है कि वे अपने क्षेत्र के 5 से 18 वर्ष की आयु वाले उन बच्चों को इस सम्मान के लिए 31 जुलाई 2025 तक आवेदन कराएं, जिन्होंने बहादुरी, सामाजिक सेवा, पर्यावरण संरक्षण, खेल, कला-संस्कृति और विज्ञान-प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में असाधारण प्रदर्शन किया है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने जानकारी दी कि नामांकन https://awards.gov.in पोर्टल के माध्यम से केवल ऑनलाइन स्वीकार किए जाएंगे। पात्र बच्चों के लिए नामांकन की आयु सीमा 5 से 18 वर्ष तय की गई है। कोई भी व्यक्ति या संस्था ऐसे प्रतिभाशाली बच्चों को नामांकित कर सकती है। इच्छुक बच्चे स्वयं भी आवेदन कर सकते हैं।
नामांकन के लिए पंजीकरण के दौरान आवेदकों को अपना नाम, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर, ईमेल, आधार संख्या सहित अन्य जानकारी देनी होगी। इसके बाद प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2025 श्रेणी का चयन कर आवेदन भरना होगा। आवेदन पत्र में उपलब्धियों का 500 शब्दों का संक्षिप्त विवरण, आवश्यक दस्तावेज (पीडीएफ, अधिकतम 10 फाइलें) और हालिया फोटो (जेपीजी/पीएनजी) अपलोड करना अनिवार्य है। आवेदन ड्राफ्ट के रूप में सेव कर अंतिम तिथि से पहले संपादित कर जमा किया जा सकता है। अधिक जानकारी व आवेदन हेतु https://awards.gov.in पर विजिट करें। सरकार का उद्देश्य इन पुरस्कारों के माध्यम से देशभर के युवाओं की प्रेरणादायक उपलब्धियों को पहचान देना और बच्चों के समग्र विकास के लिए सकारात्मक वातावरण तैयार करना है।