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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मेडिकल स्टोरों पर सीसीटीव्ही लगाना अनिवार्य, न लगाने पर होगी कार्रवाई
कलेक्टर एवं एसएसपी की अध्यक्षता में एनकॉर्ड बैठक का हुआ आयोजनजशपुरनगर : जिला कार्यालय सभाकक्ष में मंगलवार को कलेक्टर रोहित व्यास एवं एसएसपी शशिमोहन सिंह की अध्यक्षता में नारकोटिक्स कॉर्डिनेशन (एनकॉर्ड) बैठक का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उन्होंने अवैध शराब बिक्री के विरुद्ध कार्रवाई तीव्र करने के निर्देश दिए। जिसके तहत कलेक्टर ने हाइवे पर बने ढाबों में आबकारी विभाग द्वारा दल बनाकर सभी ढाबों की आकस्मिक जांच करते हुए अवैध रूप से शराब के विक्रय पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य विभागों द्वारा कोटपा एक्ट के तहत की गई कार्रवाई के संबंध में जानकारी दी गयी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा इस एक्ट के अंतर्गत अधिक से अधिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कोटपा अधिनियम के तहत स्कूल एवं अन्य शिक्षण संस्थानों के निकट बाउंड्रीवाल से 100 मीटर क्षेत्र में बनाये गए श्नो टोबैकोश् जोन में किसी भी प्रकार के तम्बाकू उत्पादों के विक्रय को प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए। इसके लिए कलेक्टर ने सभी बनाये गए नो टोबैको जोन के चिन्ह के अंदर किसी भी प्रकार के तम्बाकू, सिगरेट, गुटखा या तम्बाकू से संबंधित कोई भी उत्पाद बेचने वाले ठेले या दुकान को 1 सप्ताह के भीतर वहां से हटाने एवं उनके सामान जब्त कर चालानी कार्रवाई करने के एसडीएम एवं एसडीओपी को निर्देश दिए गए।
मेडिकल स्टोर्स में सीसीटीव्ही ना होने पर होगी कार्रवाई
बैठक में कलेक्टर ने अवैध रूप से नशीली दवाइयों एवं शेड्यूल दवाइयों का विक्रय करने वाले दवाई दुकानों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके लिए उन्होने ड्रग निरीक्षक, कार्यपालिक दंडाधिकारी एवं पुलिस अधिकारियों का दल बनाकर दवाई दुकानों का रोस्टर बनाकर जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। शासन के निर्देशानुसार उन्होंने ने सभी दवाई दुकानों पर अवश्य रूप से सीसीटीवी लगवाने के निर्देश दिए। इसके लिए उन्होंने सभी अनुविभागीय अधिकारियों को मेडिकल स्टोर के संचालकों से बैठक लेकर उन्हें सीसीटीव्ही लगाने हेतु निर्देशित करने तथा मेडिकल स्टोर की नियमित जांच कर 1 माह के भीतर सीसीटीव्ही ना लगाए जाने पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने बच्चों को प्रतिबंधित दवाइयों का विक्रय ना करने के लिए दवाई दुकान संचालकों को निर्देशित करने को कहा।
कलेक्टर ने ऐसे क्षेत्र जहां नशे के आदी लोगों की संख्या अधिक है वहां समाज कल्याण विभाग, पुलिस विभाग और स्वास्थ्य विभाग को साथ मिलकर लोगों को समझाइश देने, और आदतन नशा करने वालों को नशामुक्ति केंद्र लाने एवं उनकी लत छुड़वाने के निर्देश दिए। उन्होंने नशा मुक्ति हेतु लोगों को जागरूक करने हेतु स्कूल, कॉलेज, शासकीय संस्थानों आदि में ई-प्रतिज्ञा द्वारा शपथ दिलाने एवं उन्हें ऑनलाइन सर्टिफिकेट प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को बच्चों को नशे से बचाने के लिए पालक शिक्षक मिलन कार्यक्रम में भी पालकों को जानकारी एवं समझाइश देने के लिए कहा। इस अवसर पर अपर कलेक्टर प्रदीप कुमार साहू, सभी एसडीएम, एसडीओपी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सड़कों को सुरक्षित बनाने दुर्घटनाजन्य क्षेत्रों में किया जाएगा सुधार
कलेक्टर एवं एसएसपी की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक का हुआ आयोजनजशपुरनगर : जिला कार्यालय सभाकक्ष में मंगलवार को कलेक्टर रोहित व्यास एवं एसएसपी शशिमोहन सिंह की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सड़कों को सुरक्षित बनाने कलेक्टर ने जिले में व्यापक जागरूकता अभियान चलाने एवं चारपहिया वाहन चालकों हेतु सीटबेल्ट एवं दुपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट लगाने हेतु लोगों को प्रेरित करने के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए। इसके लिए जिला कार्यालय, पुलिस कार्यालय समेत सभी शासकीय कार्यालयों एवं विभागों में बिना हेलमेट आने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने कहा कि सड़क दुर्घटना हर रोज नहीं होती बल्कि एक दिन किसी के साथ ऐसी घटना होती है और घटना में घायल व्यक्ति के साथ परिवार के लोगों का जीवन प्रभावित हो जाता है, इसलिए अपने साथ साथ प्रियजनों के हित के लिए हेलमेट एवं सीटबेल्ट पहनने के लिए लोगों को प्रेरित करें। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने व्यापक स्तर पर अभियान चला कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
उन्होंने जिले में हो रही सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए दुर्घटनाजन्य क्षेत्रों में सुधार करने के निर्देश दिए। इसके तहत जिले के सभी दुर्घटना संभाव्य क्षेत्रों की स्थिति पर चर्चा करते हुए दुर्घटनाओं के कारणों का विश्लेषण कर उनका सुधार करने के निर्देश दिए गए। जिसमें बगीचा-पत्थलगांव मार्ग, चरईडांड-बगीचा मार्ग, कुनकुरी से तपकरा मार्ग, फरसाबहार से पंडरीपानी मार्ग, कांसाबेल से बगीचा मार्ग, बेंदीनाला, गम्हरिया, बालाछापर, चरईडांड, सलियाटोली, काईकछार, लोरोघाट, पतराटोली, जरिया, केरसई, सिंगीबहार, साजबहार, मुंडापारा, कोतबा, तुमला, झांपीदरहा, रायकेरा चौक आदि में सड़क सुरक्षा हेतु रोड साइन बोर्ड, रम्बल स्ट्रीप, स्टॉपर, क्रेस बैरियर, लाइटिंग, रेडियम स्ट्रीप, बस स्टॉप लाइन, कैट्सआई आदि लगाने के निर्देश दिए गए ।
कलेक्टर ने मोटर वाहन अधिनियम के तहत शराब पीकर वाहन चलाने, हेलमेट ना पहनने, सीटबेल्ट ना लगाने, ओवर स्पीडिंग करने वालों पर अधिक से अधिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। सड़क दुर्घटना में लोगों की सहायता के लिए सड़क किनारे बसे ग्रामों में युवाओं को सड़क सुरक्षा मित्र एवं स्वयंसेवक के रूप में जोड़ते हुए उनका चिन्हांकन कर उन्हें प्राथमिक उपचार, सीपीआर एवं अन्य आपातकालीन चिकित्सा का प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए। इस अवसर पर अपर कलेक्टर प्रदीप कुमार साहू, सभी एसडीएम, एसडीओपी, जिला परिवहन विभाग के अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला आबकारी अधिकारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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विकास खंडों में दिव्यांग शिविर का आयोजन कर दिव्यांगों का मेडिकल जांच करने के दिए निर्देश
शिविर के माध्यम से आवश्यक सहायता व उपकरण प्रदान करने के लिए कहाजशपुरनगर : कलेक्टर श्री रोहित व्यास ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, उपसंचालक समाज कल्याण विभाग व सर्व परियोजना अधिकारी जिला पंचायत की बैठक लेकर विभागीय कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने हितग्राहीमूलक योजनाओं का लाभ दिलाने शिविर आयोजित करने सहित इसके प्रसार करने के लिए निर्देशित भी किया। कलेक्टर ने समाज कल्याण विभाग को प्रत्येक विकासखंडों में अलग- अलग सफ्ताह दिव्यांग शिविर का आयोजन कर दिव्यांगों का मेडिकल जांच कर आवश्यक सहायता व उपकरण प्रदान करने के निर्देश भी दिए।
आजीविका मिशन के कार्यों की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने कहा कि बीसी सखी शत प्रतिशत ग्रामों से जुड़े होने चाहिए, ताकि बैंक के द्वारा हितग्राहीमूलक एवं अन्य योजनाओं की राशि बिना किसी परेशानी के सही समय पर हितग्राही को मिल सके। उन्होंने निःशक्त, दिव्यांगजन, वृद्ध व्यक्तियों को पेंशन, महतारी सहित अन्य योजनाओं की राशि घर जाकर उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए। जनपद पंचायत सीईओ के कार्यों के समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण की प्रगति, डोर-टू डोर कचरा कलेक्शन, सेग्रीगेशन शेड की प्रगति, प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट, मनरेगा की भौतिक प्रगति की जानकारी ली और समस्त कार्यों को समयसीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता हेतु किए जा रहे श्रमदान को प्रोत्साहित करने को कहा। कलेक्टर ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृति कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण करने के निर्देश दिए।
उन्होंने आवास प्लस टू के तहत सर्वे कार्य हेतु गांवों में चौपाल, शिविर व अन्य कार्यक्रमों का आयोजन कर इसकी जानकारी देने के साथ ही आवेदन लेने के निर्देश भी दिए। इसके साथ ही उन्होंने जन्म, मृत्यु का पंजीयन लगातार अपडेट करने और प्रमाण पत्र समय पर जारी करने को कहा। कलेक्टर ने निर्देश देते हुए कहा कि मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होते ही उनका नाम राशन कार्ड से हटाने के साथ ही जिन्हें पेंशन, महतारी सहित अन्य योजनाओं को लाभ मिल रहा है, उनका नाम विलोपित कराएं। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार, अपर मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री प्रदीप कुमार राठिया सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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जशपुरनगर : अपनी सरलता और सहजता के लिए पहचाने जाने वाले मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज विशेष पिछड़ी जनजाति बिरहोर समुदाय के लोगों से मोबाईल पर पूरी संवेदनशीलता से बात की और उनकी समस्याओं से अवगत हुए। मुख्यमंत्री से बिरहोर समुदाय के लोगों ने पानी की समस्या, स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने, मोबाईल नेटवर्क के लिए टावर स्थापित कराने सहित अन्य सुविधा उपल्बध कराने के लिए निवेदन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी समस्याओं से संबंधित आवेदन बनाकर अधिकारियों के समक्ष प्रेषित करें। इसके निराकरण की तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। इस संबंध में अधिकारियों को निर्देशित भी किया जाएगा।
दरअसल आज पद्म श्री जगेश्वर यादव जनपद पंचायत कुनकुरी के ग्राम बहेरा खार में बिरहोर समुदायों के बीच पहुंचकर उनकी समस्याओं की जानकारी ले रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री साय का उनके मोबाइल पर कॉल आया। मुख्यमंत्री ने बिरहोर समुदाय के लोगों से बात करने की इच्छा जाहिर की। इस दौरान जगेश्वर यादव के साथ लगभग 25 बिरहोर समुदाय के लोग मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने बिरहोर समुदाय के लोगों से उनका हाल-चाल पूछा और उनकी समस्याओं को सुना। मुख्यमंत्री ने कहा की आप लोग अपनी समस्याओं को अधिकारियों को तत्काल अवगत कराएं। इसका समाधान करा दिया जाएगा। इस समस्या को कलेक्टर के संज्ञान में लाकर इसके निराकरण की तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाएगी।
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व्यक्तित्व विकास सहित पढ़ने की रूचि बढ़े इसके लिए बच्चों को बुक जारी करने और इससे क्या सीखा इस पर गतिविधि आयोजित कराने को कहा
जशपुरनगर: छात्र-छात्राएं प्रैक्टिकल के माध्यम से विज्ञान की गतिविधियों को और भी बेहतर तरीके से समझ सके इसके लिए कलेक्टर श्री रोहित व्यास ने आज स्कूल शिक्षा विभाग की बैठक लेकर स्कूलों में लैब रूम को व्यवस्थित करने के निर्देश दिए। उन्होंने खासकर हायर सेकेंडरी स्कूलों में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी विषयों के प्रैक्टिकल के लिए लैब रूम में तमाम उपकरण की उपलब्धता सुनिश्चित कराने को कहा। उन्होंने कहा की बच्चे थ्योरी की तुलना में प्रैक्टिकल के माध्यम से ज्यादा सीखते है और उनमें प्रतिभा का भी समुचित विकास होता है। उन्होंने प्रैक्टिकल के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण में नाम, उपयोगिता और महत्व की भी जानकारी अंकित करने के भी निर्देश दिए। कलेक्टर ने अधिकारियों को लैब रूम को व्यवस्थित करने के उद्देश्य से जिला स्तर पर एक टीम बनाकर स्कूलों का दौरा करने के निर्देश भी दिए।
इसके साथ ही कलेक्टर श्री व्यास ने ग्रंथालय को भी व्यवस्थित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्रंथालय में प्रेरणादायी, महापुरूषों के जीवन और उनके संघर्षों से संबंधित पुस्तक सहित और अन्य पुस्तकें भी होने चाहिए जो बच्चों के ज्ञान के स्तर में इजाफा करें। उन्होंने कहा कि लाइब्रेरी से छात्रों को पुस्तक जारी करें और उस पुस्तक पढ़कर उन्होंने क्या सीखा इस पर कोई एक्टिविटी का आयोजन कराएं। इससे बच्चों में पढ़ने की रूचि बढ़ेगी और यह उनके व्यक्तित्व विकास में भी सहायक होगा। इसके साथ ही कलेक्टर ने पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने स्कूलों में मौजूद आवयश्कता से अधिक खेल सामग्रियों को निकटतम छात्रावासों में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार, जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रमोद कुमार भटनागर, स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के प्राचार्य श्री विनोद गुप्ता सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी
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जशपुरनगर : राजा देवशरण जिला चिकित्सालय में दिव्यांग कुष्ठ रोगियों के लिए शल्यक्रिया शिविर 23, 24 एवं 25 अप्रैल 2025 को आयोजन किया गया है। जिसमें जिले के 15 चिन्हांकित आरसीएस योग्य मरीजों का ऑपरेशन किया जायेगा। इस शिविर में डॉ. कंबले, प्रधान सलाहकार एच.ए.जी. भारत सरकार RLTRI और MOHFW रायपुर एवं उनकी टीम द्वारा कुष्ठ प्रभावित व्यक्तियों का उपचार किया जायेगा।
डॉ.जी एस. जात्रा मुख्य चिकित्सा एवं स्वा.अधिकारी द्वारा बताया गया कि एक दाग विकलांगता को जन्म देता है। कुष्ठ रोग से बचने के लिए समय पर दवाखाना बेहद जरूरी है। साधारणतः यह सर्जरी रायपुर या मेडिकल कॉलेज स्तर पर किया जाता है पर क्षेत्रीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए जिला चिकित्सालय में शिविर आयोजित किया जा रहा है। कुष्ठ प्रभावित व्यक्ति यदि विलंब से उपचार शुरू या पूर्णतः उपचार नहीं लेता है ऐसी स्थिति में हाथ, आंख, पैर में विकृति वाले अंगों को सामान्य अवस्था में लाने के लिए विकृति सुधार शिविर का आयोजन कर उपचार किया जाता है।
शासन द्वारा हितग्राहियों को क्षति पूर्ति राशि प्रदान की जाती है।छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ऐसे विकृति सुधार शिविर के हितग्राही को भरण-पोषण की राशि 12000 रूपये प्रति व्यक्ति को किश्तों में प्रदाय किया जाता है। कुष्ठ की बीमारी में प्रारंभिक तौर पर मरीज को मरीज को कोई परेशानी नहीं होती है, लेकिन उपचार नहीं लेने से या अपूर्ण या देरी से उपचार कराने से मरीज के आंख, हाथ, पैर में विकृति आ सकती है।
डॉ. आर.एस. पैंकरा नोडल अधिकारी द्वारा जानकारी दिया गया कि यह बीमारी एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक नहीं फैलता। यह किसी पाप का फल नहीं है। यह अविश्वसनीय फैलाया गया है। यदि मरीज पूर्ण उपचार लेता है तो पूर्ण रूप से उपचारित हो जाता है।चमड़ी पर तेलिया-तामिया चमक हों, चमड़ी पर दाग, चकत्ते जिसमें सुन्न्पन हो, तंत्रिकाओं में मोटापन-सूजन हो, दबाने से दर्द होता हो, हाथ पैरो में झुनझुनी व सुन्नपन हो, चमड़ी पर, खासकर चेहरे पर भौंहों के उपर, ठुड़ी पर या कानों में गठानें, सूजन या मोटापन हो, हाथ पैर में बार-बार फफोले आते हों और पैरों में घाव हो और भर नहीं रहा हो कुष्ठ रोग के प्रमुख लक्षण होते हैं।
संक्रमित व्यक्ति में 01 या 01 से अधिक लक्षण दिखाई पड़ सकते हैं। अपने घर या आस पड़ोस में इन लक्षणों वाले कोई भी व्यक्ति हों तो स्वास्थ्य कार्यकर्ता को इसकी जानकारी अवश्य दें। सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं में कुष्ठ रोग का मुफ्त बहु औषधि उपचार निःशुल्क उपलब्ध है। इस बीमारी के साथ जुड़ी भय एवं भ्रांति को दूर करने एवं संभावित व्यक्ति शीघ्र उपचार एवं निदान स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त करें, पीड़ित होने पर सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में प्राप्त होने वाली मुफ्त बहु औषधि उपचार प्राप्त करें।
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बलरामपुर : जिला रोजगार अधिकारी ने जानकारी दी है कि सेना भर्ती कार्यालय रायपुर द्वारा अग्निवीरों की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की गई है, जो भारतीय सेना की वेबसाइट ज्वाइन इंडियन आर्मी डॉट एनआईसी डॉट इन पर उपलब्ध है। अग्निवीर की भर्ती जनरल, तकनीकी, क्लर्क, ट्रेडमैन (8वीं एवं 10वीं कक्षा उत्तीर्ण) महिला सैन्य पुलिस और रेगुलर कैडर भर्ती धर्म गुरु, नर्सिंग सहयोगी और सिपाही फार्मा के पदों के लिए जारी की गई है। सेना में भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 12 मार्च से 25 अप्रैल तक खुली रहेगी। अग्निवीर क्लर्क के अभ्यर्थियों को ऑनलाइन परीक्षा (सीईई) के समय टाइपिंग टेस्ट भी देना होगा। ऑनलाइन परीक्षा (सीईई) जून 2025 के बाद होने की संभावना है। अन्य किसी भी प्रकार की जानकारी और समस्या के लिए सेना भर्ती कार्यालय रायपुर के टेलीफोन नंबर 0771-2965212 या 0771-2965214 पर संपर्क एवं जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र बलरामपुर के सूचना पटल का अवलोकन कर सकते हैं।
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सुशासन तिहार में जारी हुए निःशुल्क जॉब कार्ड
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का लाभार्थियों ने किया आभार व्यक्त
कोरिया : प्रदेशभर में मनाए जा रहे सुशासन तिहार के अंतर्गत कोरिया जिले में ग्रामीणों की समस्याओं और मांगों का तेजी से निराकरण किया जा रहा है।इसी क्रम में जनपद पंचायत बैकुंठपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत केनापारा में 85 ग्रामीणों को महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत निःशुल्क जॉब कार्ड वितरित किए गए।
गौरतलब है कि ग्रामवासियों ने समाधान पेटी में आवेदन डालकर रोजगार हेतु जॉब कार्ड की मांग की थी। जिला प्रशासन द्वारा इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पात्र हितग्राहियों की सूची तैयार की गई और मौके पर जाकर उन्हें जॉब कार्ड प्रदान किए गए।इस पहल से अब इन ग्रामीणों को सरकारी मजदूरी कार्यों में रोजगार प्राप्त हो सकेगा। लाभार्थियों ने कहा कि इतने कम समय में उनके आवेदन का समाधान हो जाएगा वह सोचे नहीं थे, लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का सुशासन तिहार ने उनके जीवन में खुशियां लाई है, इसके लिए बहुत आभारी हैं। ग्रामीणों में प्रशासन की इस तत्परता से उत्साह का माहौल है और सरकार-शासन-प्रशासन के प्रति विश्वास और भी मजबूत हुआ है।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव के निर्देश पर पूरे प्रदेश में चल रहे सुशासन तिहार के तहत जिले के हर ग्राम पंचायत में प्राप्त आवेदनों की जांच कर निराकरण किया जा रहा है। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि सभी शिकायतों और मांगों का शीघ्र समाधान करें और आवेदकों को जानकारी भी दें। ग्रामीणों ने सरकार की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम वास्तव में जनता की बात सुनने और उसे हल करने की दिशा में एक मजबूत कदम है।
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कोरिया : सुशासन तिहार के अंतर्गत प्राप्त जनआवेदनों के शीघ्र और प्रभावी निराकरण हेतु आज जिला कार्यालय में कलेक्टर श्रीमती चन्दन त्रिपाठी की अध्यक्षता में सभी विभागीय अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।बैठक में कलेक्टर ने सबसे पहले नगरीय निकायों से संबंधित आवेदनों की समीक्षा की तथा उसके पश्चात विभागवार आवेदनों की संख्या, प्रकार एवं अब तक की गई कार्यवाही की जानकारी अधिकारियों से प्राप्त की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन आवेदनों का विषय संबंधित विभाग से नहीं है, उन्हें तत्काल संबंधित विभाग को अग्रेषित किया जाए।
कलेक्टर ने सभी विभाग प्रमुखों को निर्देशित किया कि सभी आवेदनों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निराकरण सुनिश्चित किया जाए। साथ ही समाधान होने के पश्चात आवेदकों को व्यक्तिगत रूप से सूचित करना अनिवार्य किया जाए, ताकि आम जनता को शासन-प्रशासन की तत्परता का अनुभव हो।ज्ञात हो कि सुशासन तिहार के प्रथम चरण में (8 से 11 अप्रैल 2025) जिले में 62,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें अधिकांश शिकायतें, मांग और सुझाव से संबंधित हैं।बैठक में कलेक्टर ने सभी अधिकारियों से कहा कि मुख्यमंत्री के मंशानुरूप व उनके निर्देश के तहत हम सबको सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदनों का समाधान तेजी से करना है। बता दें यह तिहार शासन की ‘जनहित में त्वरित कार्यवाही‘ की नीति को मूर्त रूप प्रदान करता है। कलेक्टर श्रीमती त्रिपाठी ने कहा प्रत्येक आवेदन हमारे लिए एक जिम्मेदारी है। अधिकारियों को चाहिए कि वे पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य करें और आवेदकों की समस्याओं का शीघ्र समाधान करें।
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रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की नव नियुक्त अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने अपने कार्यभार ग्रहण के दूसरे ही दिन बाल श्रम की रोकथाम को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए प्रदेशभर में व्यापक छापेमारी अभियान के निर्देश जारी किए हैं।डॉ. शर्मा ने श्रम विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, सभी जिलों के कलेक्टर्स एवं पुलिस अधीक्षकों को आठ बिंदुओं पर आधारित सुनियोजित और कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि बाल श्रम का उन्मूलन एक दिवस की प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक सतत अभियान है, जिसे निरंतरता से संचालित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के बाल अधिकारों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध दृष्टिकोण के अनुरूप, यह पहल राज्य में बाल श्रम उन्मूलन की दिशा में निर्णायक कदम के रूप में देखी जा रही है।डॉ. शर्मा ने निर्देश दिए हैं कि अप्रैल 2025 से प्रारंभ होकर प्रत्येक तीन माह में सात दिवसीय प्रदेशव्यापी छापामारी अभियान चलाया जाए। इस कार्यवाही में जिला बाल संरक्षण इकाई, पुलिस प्रशासन और संबंधित थाना क्षेत्रों की भागीदारी से विशेष दलों का गठन किया जाएगा। अभियान के दौरान पाए गए बाल श्रमिकों को तत्काल आवश्यकतानुसार बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।उन्होंने यह भी कहा कि इन कार्यवाहियों के दौरान राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOPs) का पूरी तरह पालन किया जाए। अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम प्रतिषेध दिवस (12 जून 2025) को सार्थक बनाते हुए, प्रत्येक जिले में जिला कलेक्टर के समक्ष श्रम विभाग द्वारा बाल श्रम की स्थिति पर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।
आम नागरिकों की सहभागिता को बढ़ाने के लिए, डॉ. शर्मा ने श्रम विभाग के अंतर्गत टोल फ्री नंबर की स्थापना और उसके सक्रिय संचालन की अनुशंसा की है, जिससे बाल श्रम संबंधी सूचनाएं त्वरित रूप से प्राप्त की जा सकें।बाल श्रम के मूल कारणों को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने यह भी निर्देशित किया है कि बचाए गए बालकों के परिवारों को तत्काल रोजगार उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए जिला कलेक्टोरेट स्तर पर ‘एकल खिड़की व्यवस्था’ स्थापित करने की सिफारिश की गई है, जिससे प्रभावित परिवारों को समुचित और त्वरित सहायता दी जा सके।डॉ. शर्मा के यह निर्देश मुख्यमंत्री श्री साय एवं मंत्री श्रीमती राजवाड़े की मंशा के अनुरूप बाल अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक प्रभावी और दूरदर्शी कदम माने जा रहे हैं।
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बाल श्रम की रोकथाम हेतु छापेमारी अभियान के कड़े निर्देश दिएमहासमुंद : छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिकां शर्मा ने बाल श्रम की रोकथाम हेतु प्रदेश के समस्त जिलों में छापामार कार्यवाही किये जाने के संबंध में आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। उन्होने 08 बिन्दुओं पर सुनियोजित तथा कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश श्रम विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग को दिए हैं। डॉ. वर्णिका शर्मा द्वारा पत्र में यह लेख किया है कि बाल श्रम की रोकथाम कोई एक दिवस की प्रक्रिया नहीं है अपितु यह एक सतत प्रक्रिया है अतः कहा गया है कि संपूर्ण प्रदेश के समस्त जिलों में अप्रैल 2025 से प्रारंभ कर प्रत्येक 03 माह में प्रदेश व्यापी सात दिवसीय छापामारी अभियान चलाया जाए। छापेमारी की कार्यवाही हेतु जिला बाल संरक्षण इकाई/जिला पुलिस प्रशासन/संबंधित थाना क्षेत्र प्रशासन को शामिल करते हुए दल बनाया जाए तथा देखभाल एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बाल श्रमिकों को आवश्यक होने पर यथाशीघ्र बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जावे। इसके साथ ही उन्होंने उक्त छापेमारी अभियान के दौरान समय-समय पर राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर जारी किए गए समस्त आदर्श क्रियान्वयन प्रक्रियाओं का पालन किये जाने के भी निर्देश दिये हैं। उन्होंने निर्देशों में यह भी लेख किया है कि अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम प्रतिषेध दिवस दिनांक 12 जून 2025 को सार्थक बनाते हुए प्रत्येक जिले में जिला कलेक्टर के समक्ष श्रम विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी द्वारा बाल श्रम की रोकथाम के संबंध में स्थिति का प्रस्तुतीकरण किया जाये। उन्होंने विभाग को यह भी अनुशंसा की है कि बाल श्रमिक के पाये जाने पर आम नागरिकों द्वारा इसकी सूचना श्रम विभाग को सुलभ रूप से देने के लिए श्रमायुक्त कार्यालय या राज्य मुख्यालय में एक टोल फ्री नंबर की सेवा को आरंभ किया जावे व आरंभ हो,तो उसे सक्रिय रखा जावे। बाल श्रम के मूल कारणों को ध्यान में रखते हुए उन्होनें यह भी लेख किया है कि बचाव किये गये संबंधित बालक के परिवार के आय उपार्जन हेतु उनके परिवार को तत्काल रोजगार उपलब्ध कराया जाये जिसके लिए जिला कलेक्टोरेट में एकल खिड़की व्यवस्था लागू करने की भी अनुशंसा की है।
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संयुक्त दल द्वारा विभिन्न स्थानों पर अभियान का किया गया आयोजन
महासमुंद : राज्य शासन के निर्देशानुसार एवं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा जारी एसओपी के तहत जिले में नशे में लिप्त बच्चों के चिन्हांकन, संरक्षण एवं पुनर्वास हेतु “युद्ध नशे के विरुद्ध” अभियान का सोमवार को सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।यह अभियान चरणबद्ध रूप से जिले के प्रमुख बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, चौक‑चौराहो एवं अन्य संवेदनशील स्थानों पर संचालित किया गया, जहाँ अक्सर नशे के कारोबार एवं सेवन की घटनाएं सामने आती हैं। अभियान में प्रमुख रूप से खाद्य एवं औषधि विभाग, श्रम विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, जिला बाल संरक्षण इकाई, चाइल्ड लाइन, जिला नोडल कोटपा शामिल रहे।अभियान के तहत गठित संयुक्त दल ने पास-पड़ोस के क्षेत्र, वेटिंग हॉल, बस अड्डे व चौराहों पर सघन निरीक्षण कर नशे की आपूर्ति करने वाले स्रोतों पर कड़ी नज़र रखी। साथ ही, संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिलने पर तुरंत जाँच‑पड़ताल कर नशीली दवाओं के सेवन के प्रमाण एकत्रित किए।
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जनप्रतिनिधि हुए शामिल, पोषण के महत्व को बताया
महासमुंद : पोषण पखवाड़ा 2025 के समापन अवसर पर आज स्थानीय संत रविदास भवन में शहरी परियोजना अंतर्गत वृहद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधिगण, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं, सहायिका और क्षेत्र की शिशुवती माताएं और गर्भवती महिलाएं, किशोरी और स्कूली बच्चे मौजूद थे। दो सप्ताह तक चले इस अभियान के अंतिम दिवस पर विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों, स्वास्थ्य परीक्षण शिविरों, पौष्टिक आहार प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। शिविर में इस दौरान बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जागरूकता का संदेश दिया गया। इस अवसर पर पोषण पर आधारित रंगोली और स्लोगन प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं। समापन पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
कार्यक्रम में स्थानीय पार्षद गण श्रीमती सीता डोंडेकर, श्री राहुल आवड़े, श्री जय देवांगन श्री सूरज नायक, श्री धनेन्द्र चंद्राकर, श्री मुस्ताक खान, ईश्वरी भोई, ओमीन कागजी, कल्पना सूर्यवंशी, श्री बड़े मुन्ना देवार, श्री माखन पटेल, श्री चंद्रशेखर बेलदार एवं श्री नीरज चंद्राकर मौजूद थे। कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों ने माताओं को सही पोषण और स्वस्थ्य जीवन के लिए उचित खान पान अपनाने की सलाह दी। कार्यक्रम में कुपोषण मुक्त भारत के सपनों को साकार करने की दिशा में पहल की गई। साथ ही बाल विवाह मुक्त समाज की संकल्पना को दोहराया गया। विभागीय योजनाओं से संबंधित अध्ययन सामग्री भी प्रदान किया गया।
परियोजना अधिकारी श्रीमती शैल नाविक एवं पर्यवेक्षक शीला प्रधान द्वारा माताओं और किशोरी बालिकाओं को सही पोषण - देश रोशन का संदेश देते हुए दैनिक जीवन में संतुलित आहार और नियमित व्यायाम को अपनाने का आह्वान किया गया। पोषण पखवाड़ा में बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं में कुपोषण की रोकथाम और निवारण के उपाय बताए गए। इसके साथ ही पखवाड़े में संतुलित भोजन क्या है और उसे कैसे अपनाया जाए तथा घरेलू या स्कूल स्तर पर पोषण वाटिकाओं को प्रोत्साहित करने और मोटे अनाजों का उपयोग बढ़ाने पर जागरूक किया गया। पोषण पखवाड़ा के अंतर्गत आंगनवाड़ी सेवाएं, मिड-डे मील, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना आदि के ज़रिए पोषण सुधार को बढ़ावा देने प्रेरित किया गया। पोषण पखवाड़ा का उद्देश्य संतुलित आहार, स्वस्थ जीवनशैली और पोषण संबंधी जागरूकता के प्रति प्रेरित करना है। विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों और किशोरों में पोषण स्तर को बेहतर बनाना है।
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जनदर्शन में प्राप्त हुए 47 आवेदन
महासमुंद : जिला कार्यालय कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में आयोजित जनदर्शन कार्यक्रम में आज आमजन से सीधे संवाद करते हुए कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह ने न सिर्फ 47 आवेदनों को गंभीरता से सुना, बल्कि विभागीय अधिकारियों को प्रत्येक मामले में त्वरित और संवेदनशील कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि सभी आवेदनों का नियमानुसार परीक्षण कर पात्र हितग्राहियों को शासकीय योजनाओं का लाभ दिया जाए। जनदर्शन में ग्राम खैरझिटी तुमगांव के निवासियों ने करणी कृपा स्टील एवं पावर लिमिटेड के खिलाफ नियमों की अवहेलना एवं अन्य कारणों को लेकर आवेदन किया। पिथौरा निवासी श्री भगनूराम निषाद ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के संबंध में आवेदन दिए। इसी प्रकार बागबाहरा अंतर्गत ग्राम मोंगरापाली के निवासियों ने नल जल योजना पानी की समस्या को लेकर, महासमुंद के ग्राम किशनपुर निवासी श्री टुनू राणा ने पीएम आवास की मांग, ग्राम मुनगासेर निवासी श्री थनवार ने नक्शा बटांकन हेतु, सरायपाली के ग्राम चारभाँठा निवासी श्री महेश नायक ने वन अधिकार पट्टा के लिए आवेदन किया। कलेक्टर श्री लंगेह ने जनदर्शन में प्राप्त आवेदनों का प्राथमिकता के साथ निराकरण के लिए निर्देश दिए। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ एस आलोक सहित समस्त जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
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खेल अधोसंरचनाओं के निर्माण के प्रस्ताव पर केन्द्रीय मंत्री ने दी सहमतिरामानुजगंज विघानसभा क्षेत्र के विभिन्न गांवों में बनेंगे इंडोर स्टेडियम, क्रीडा परिसर, क्रिकेट स्टेडियम का भी होगा निर्माण
रायपुर : छत्तीसगढ़ के आदिम जाति विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम ने दिल्ली प्रवास के दौरान आज केंद्रीय खेल एवं युवा कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया से उनके निवास कार्यालय में सौजन्य मुलाकात की। मंत्री श्री नेताम और केन्द्रीय मंत्री डॉ. मांडविया के मध्य छत्तीसगढ़ के विकास हेतु योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। मंत्री नेताम द्वारा इस दौरान रामानुजगंज-बलरामपुर जिले के विभिन्न स्थानों में खेलो इंडिया मद से खेल अधोसंरचना निर्माण के लिए प्रस्तुत प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्री डॉ. मंडाविया ने सैंद्धांतिक सहमति प्रदान करते हुए जल्द स्वीकृति देने का आश्वासन दिया।
मंत्री श्री रामविचार नेताम ने बताया कि उनके इस प्रस्ताव की स्वीकृति मिल जाने से छत्तीसगढ़ के दुरूस्थ जिले रामानुजगंज-बलरामपुर में भी खेल गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया के तर्ज पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार भी खेलो छत्तीसगढ़ के माध्यम से राज्य के युवाओं को खेल के प्रति प्रोत्साहित करने का काम कर रही है।
मंत्री श्री नेताम ने बताया कि केन्द्रीय मंत्री डॉ. मंडाविया को विधानसभा क्षेत्र रामानुजगंज जिला बलरामपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत गांजर में स्टेडियम निर्माण एवं समतलीकरण कार्य लागत 1 करोड़ 50 लाख रूपए के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। इसी प्रकार ग्राम त्रिशुली हल्दीमोड के पास क्रिकेट मैदान स्टेडियम निर्माण लागत 1 करोड़ 50 लाख रूपए डिण्डो में मिनी स्टेडियम निर्माण लागत 1 करोड़ रूपए, रामानुजगंज, बलरामपुर और रामचंद्रपुर में मल्टीपर्पस इंडोर स्टेडियम का निर्माण हेतु लागत राशि प्रति कार्य 15-15 करोड़ रूपए का प्रस्ताव दिया है। इसी तरह रामानुजगंज में बॉलीवाल तथा बैडमिंटन के लिए पक्के मैदान एवं सीटिंग बैच के निर्माण के लिए 5 करोड़ तथा रामानुजगंज में ही सर्वसुविधा युक्त क्रीडा परिसर का निर्माण जिसकी लागत 10 करोड़ रूपए अनुमानित है का प्रस्ताव केन्द्रीय खेल एवं युवा मंत्री डॉ. मंडाविया के समक्ष् रखा गया है। केन्द्रीय मंत्री डॉ. मंडाविया ने इन प्रस्तावों पर सैद्धांतिक सहमति प्रदान करते हुए जल्द स्वीकृति का आश्वासन दिया है। इन कार्यों की स्वीकृति हो जाने पर रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र में भी खेल गतिविधि को बढ़ावा मिलेगा। -
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रायपुर : आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विभाग के नवनियुक्त आयुक्त डॉ.सारांश मित्तर ने सोमवार को आयुक्त कार्यालय पहुंचकर कार्यभार ग्रहण किया। इस दौरान विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं विभागीय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष एवं सदस्यों ने उनका अभिवादन किया। कार्यभार ग्रहण के बाद उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ विभागीय योजनाओं - छात्रवृत्ति, प्राधिकरण, वन अधिकार अधिनियम, पीएम जनमन, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान, निर्माण शाखा एवं अन्य योजनाओं की संक्षेप में जानकारी प्राप्त की एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।इस अवसर पर अपर संचालक श्री संजय गौड़, श्री आर.एस.भोई, श्री जितेन्द्र गुप्ता, श्री तारकेश्वर देवांगन, उपायुक्त श्री एल.आर.कुर्रे एवं श्रीमती मेनका चंद्राकर एवं कार्यपालन अभियंता श्री त्रिदीप चक्रवर्ती उपस्थित थे।
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खेल अधोसंरचनाओं के निर्माण के प्रस्ताव पर केन्द्रीय मंत्री ने दी सहमति
रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न गांवों में बनेंगे इंडोर स्टेडियम, क्रीडा परिसर, क्रिकेट स्टेडियम का भी होगा निर्माणबलरामपुर : छत्तीसगढ़ के आदिम जाति विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम ने दिल्ली प्रवास के दौरान आज केंद्रीय खेल एवं युवा कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया से उनके निवास कार्यालय में सौजन्य मुलाकात की। मंत्री श्री नेताम और केन्द्रीय मंत्री डॉ. मांडविया के मध्य छत्तीसगढ़ के विकास हेतु योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। मंत्री नेताम द्वारा इस दौरान रामानुजगंज-बलरामपुर जिले के विभिन्न स्थानों में खेलो इंडिया मद से खेल अधोसंरचना निर्माण के लिए प्रस्तुत प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्री डॉ. मंडाविया ने सैंद्धांतिक सहमति प्रदान करते हुए जल्द स्वीकृति देने का आश्वासन दिया।
मंत्री श्री रामविचार नेताम ने बताया कि उनके इस प्रस्ताव की स्वीकृति मिल जाने से छत्तीसगढ़ के दुरूस्थ जिले रामानुजगंज-बलरामपुर में भी खेल गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया के तर्ज पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार भी खेलो छत्तीसगढ़ के माध्यम से राज्य के युवाओं को खेल के प्रति प्रोत्साहित करने का काम कर रही है।
मंत्री श्री नेताम ने बताया कि केन्द्रीय मंत्री डॉ. मंडाविया को विधानसभा क्षेत्र रामानुजगंज जिला बलरामपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत गांजर में स्टेडियम निर्माण एवं समतलीकरण कार्य लागत 1 करोड़ 50 लाख रूपए के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। इसी प्रकार ग्राम त्रिशुली हल्दीमोड के पास क्रिकेट मैदान स्टेडियम निर्माण लागत 1 करोड़ 50 लाख रूपए डिण्डो में मिनी स्टेडियम निर्माण लागत 1 करोड़ रूपए, रामानुजगंज, बलरामपुर और रामचंद्रपुर में मल्टीपर्पस इंडोर स्टेडियम का निर्माण हेतु लागत राशि प्रति कार्य 15-15 करोड़ रूपए का प्रस्ताव दिया है। इसी तरह रामानुजगंज में बॉलीवाल तथा बैडमिंटन के लिए पक्के मैदान एवं सीटिंग बैच के निर्माण के लिए 5 करोड़ तथा रामानुजगंज में ही सर्वसुविधा युक्त क्रीडा परिसर का निर्माण जिसकी लागत 10 करोड़ रूपए अनुमानित है का प्रस्ताव केन्द्रीय खेल एवं युवा मंत्री डॉ. मंडाविया के समक्ष रखा गया है। केंद्रीय मंत्री डॉ. मंडाविया ने इन प्रस्तावों पर सैद्धांतिक सहमति प्रदान करते हुए जल्द स्वीकृति का आश्वासन दिया है। इन कार्यों की स्वीकृति हो जाने पर रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र में भी खेल गतिविधि को बढ़ावा मिलेगा।
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महासमुंद : जिले में ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार का अवसर प्रदान करने के लिए भारत सरकार की योजना के तहत संचालित ’’बड़ौदा ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान’’ बरोण्डा बाजार में ’’चार पहिया वाहन प्रशिक्षण’’ प्रारंभ किया गया है। यह प्रशिक्षण 18 से 45 वर्ष की आयु के युवाओं के लिए उपलब्ध है। इस कार्यक्रम में कुल 35 सीटें निर्धारित हैं, जिनमें से 10 सीटें अभी भी रिक्त हैं। इच्छुक उम्मीदवार 23 अप्रैल तक अपना आवेदन कर सकते हैं।
पंजीयन हेतु दस्तावेज में आधार कार्ड की 2 फोटोकॉपी, बी.पी.एल. राशन कार्ड 2 फोटोकॉपी, अंकसूची 1 फोटोकॉपी न्यूनतम 8वीं उत्तीर्ण, पासपोर्ट साइज की 5 फोटो आवश्यक है। इच्छुक हितग्राही 23 अप्रैल 2025 तक बड़ौदा ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में जाकर या प्रतीक साहेब गुप्ता के मोबाईल नम्बर 93402-81974 पर संपर्क कर अपना पंजीयन करा सकते हैं।
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वाहन चलाते समय सीट बेल्ट और हेलमेट अनिवार्य रूप से लगाएं
नियम विरूद्ध चलने वाले नागरिकों के अलावा अधिकारी कर्मचारी पर भी कार्रवाई करें - कलेक्टर
महासमुंद : कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक लेकर सड़क सुरक्षा नियमों एवं सुरक्षा संबंधी उपायों के निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि शाला खोलने और बंद करने के दौरान भारी वाहन के आवागमन और परिवहन पर विशेष सतर्कता बरती जाएं। इस दौरान भारी वाहनों के गुजरने पर विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने परिवहन अधिकारी और अनुविभागीय अधिकारियों को इस बाबत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा कि स्कूल परिसर और मुख्य दरवाजे के सामने भारी वाहनों के पार्किंग पर भी कार्रवाई करें तथा वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करें। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री एस. आलोक, अपर कलेक्टर श्री रवि कुमार साहू, जिला परिवहन अधिकारी श्री रामकुमार ध्रुव एवं संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
कलेक्टर श्री लंगेह ने कहा कि विशेष तौर पर स्कूली बच्चों के आने-जाने के समय इस बात का ख्याल रखा जाए। बच्चों के स्कूली वाहन में सुरक्षा के सभी मापदंड पूरे हो। स्कूल प्रबंधन की यह जवाबदारी है कि स्कूल वाहनों में बच्चों की संख्या ओवर लोडेड न हो। साथ ही सुरक्षा संबंधी सभी उपायों का पालन करें। उन्होंने कहा कि जिले के अधिकारी-कर्मचारी भी सड़क सुरक्षा नियमों का पालन अनिवार्य रूप से करें। कार्यालय आने-जाने के दौरान हेलमेट व सीट बेल्ट लगाए। उन पर भी आम नागरिक की तरह पेनाल्टी की कार्रवाई करें। साथ ही नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने पर रोक लगाई जाए तथा आवश्यकतानुसार समझाइश देते हुए कार्रवाई भी करें। तेज गति से वाहन चलाते पाए जाने पर लाइसेंस निरस्त की कार्रवाई भी सुनिश्चित किया जाए। इसी तरह जिले में क्षमता से अधिक फर्सी व खनिज परिवहन मालवाहकों के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
जिला परिवहन अधिकारी श्री आर.के. ध्रुव ने बताया कि परिवहन विभाग द्वारा वर्ष 2025 में अब तक प्रेशर हार्न पर कार्यवाही करते हुए कुल 10249 वाहनों से 2 करोड़ 60 लाख 54 हजार 700 रुपए समन शुल्क वसूल किया गया है। इसी तरह जिले में संचालित हो रहे मोटरसाईकल में 02 से अधिक व्यक्ति बैठे पाए जाने के विरूद्ध कुल 185 प्रकरणों में कार्यवाही कर 73 हजार 200 रुपए शुल्क वसूल किया गया है। बिना हेलमेट के मोटरसाइकिल संचालन के विरूद्ध 936 प्रकरणों में कार्यवाही कर 4 लाख 67 हजार 100 रुपए एवं बिना सीट बेल्ट के कार संचालन के विरूद्ध कुल 1102 प्रकरणों में कार्यवाही करते हुए 5 लाख 55 हजार 600 रुपए समन शुल्क वसूल किया गया। -
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सुशासन तिहार में सभी आवेदनों का निराकरण सुनिश्चित किया जाए
ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में गर्मी में पेयजल की व्यवस्था हेतु उचित व्यवस्था करें
अवैध रेत उत्खनन पर कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी
शासकीय मदिरा दुकानों का टीम बनाकर निरीक्षण करें
महासमुंद : कलेक्टर श्री विनय लंगेह ने कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में समय-सीमा बैठक लेकर जिले में संचालित प्रमुख योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में “मोर दुआर साय सरकार“, “आवास प्लस 2.0“, “सुशासन तिहार“, “पीएम जनमन योजना“, धान उठाव सहित विभिन्न अभियान शामिल रहे। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री एस. आलोक, अपर कलेक्टर श्री रवि कुमार साहू, एसडीएम सरायपाली श्रीमती नम्रता चौबे, एसडीएम महासमुंद श्री हरिशंकर पैकरा, एसडीएम बागबाहरा श्री उमेश कुमार साहू, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती सृष्टि चंद्राकर, श्री आशीष कर्मा सहित जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारी वर्चुअल रूप से शामिल रहे।
बैठक में कलेक्टर श्री लंगेह ने “मोर दुआर-साय सरकार“ विशेष सर्वेक्षण पखवाड़े के सफल संचालन हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अभियान का उद्देश्य आवास योजना से वंचित पात्र ग्रामीणों की पहचान कर उन्हें लाभान्वित करना है। श्री लंगेह ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि “सुशासन तिहार“ के तहत प्राप्त आवेदनों की प्रविष्टि संबंधित पोर्टल पर आज शाम अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विभाग विशेष टीम बनाकर आवेदनों का गुणवत्ता पूर्ण और त्वरित निराकरण सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा इसका उद्देश्य जन शिकायतों का त्वरित समाधान और योजनाओं की अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है।
साथ ही कलेक्टर श्री लंगेह ने सभी सीईओ को निर्देश दिए कि राष्ट्रीय पंचायत दिवस (24 अप्रैल) के अवसर पर जिले के पांचों विकासखंड की चयनित 60 ग्राम पंचायतों में अटल पंचायत डिजिटल सुविधा केंद्रों एवं वीएलई द्वारा दी जाने वाली सेवाओं की सूची केंद्रों पर प्रदर्शित की जाए। साथ ही दी जाने वाली सेवाओं का मुनादी के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
कलेक्टर श्री लंगेह ने भूमि जल संरक्षण और जल प्रबंधन को लेकर सभी विभाग प्रमुखों को निर्देश दिए कि वे अपने अधीनस्थ क्षेत्रों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की स्थापना सुनिश्चित करें और जन जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जल संरक्षण के प्रति प्रेरित करें। उन्होंने हर नागरिक से भी अपील की है कि वर्षा जल को संचित करे और अपने घर, स्कूल तथा कार्यस्थलों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए, तो आने वाले वर्षों में जल संकट से काफी हद तक बचा जा सकता है। भीषण गर्मी को देखते हुए पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने पीएचई विभाग को निर्देशित किया कि जहां पेयजल के लिए बोर खनन आवश्यक हो वहां बोर खनन कर सुविधा उपलब्ध कराई जाए। सभी जनपद सीईओ और मुख्य नगर पालिका अधिकारी भी टैंकर से पानी उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
कलेक्टर श्री लंगेह ने सभी एसडीएम को निर्देशित किया कि लोकसेवा गारंटी के अंतर्गत प्राप्त होने वाले आवेदनों का समय सीमा में निराकरण करे। साथ ही अवैध रेत उत्खनन को लेकर जिन ग्राम पंचायतों से शिकायत प्राप्त हो रही है उन पर कार्रवाई कर एफआईआर दर्ज करें। जिले में अवैध शराब विक्रय पर कड़ी निगरानी रखते हुए जिले के सभी मदिरा दुकानों में अनुविभागीय अधिकारी, थाना प्रभारी और आबकारी उप निरीक्षक मिलकर सतत निरीक्षण करें। कलेक्टर ने कहा कि व्हीकल माउंटेड डीजे पर भी सतत कार्रवाई करे। सभी अनुविभागीय अधिकारी डीजे संचालकों की बैठक लेकर माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों से अवगत कराते हुए सख्ती से पालन कराएं। इसी के साथ उन्होंने खाद्य विभाग और संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिया कि धान उठाव की प्रक्रिया शीघ्रता से पूरी की जाए। वर्तमान में लगभग 13 हजार क्विंटल धान उठाव शेष है। उन्होंने प्रधानमंत्री जनमन योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे इस योजना के लक्ष्यों को शीघ्रता से पूरा करें। विशेषकर जाति, आधार, आयुष्मान कार्ड आदि को शत प्रतिशत बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों और सड़कों पर आवारा मवेशियों के जमवाड़ा को सुरक्षित स्थानों पर रखने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा उन्होंने राजस्व पखवाड़ा, पोषण पखवाड़ा, अपार आईडी, अनुकंपा नियुक्ति आदि की समीक्षा की गई। साथ ही पीएम पोर्टल, मुख्यमंत्री जनदर्शन, कलेक्टर जन चौपाल, समय सीमा पत्रकों की विस्तार से समीक्षा की तथा उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्राप्त मांग एवं शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निराकरण करें।
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*अब तक 15 हजार से ज्यादा मामलों का निराकरण
*एक एक आवेदन का हो सार्थक समाधान
*टीएल बैठक में प्राथमिकता वाली योजनाओं की समीक्षा
*खाद बीज का अग्रिम उठाव करने किसानों से अपील
*पेयजल समस्या का करें त्वरित समाधान
बिलासपुर : कलेक्टर अवनीश शरण ने आज साप्ताहिक टीएल बैठक में सुशासन तिहार में मिले आवेदनों के निराकरण की प्रगति की समीक्षा की। अब तक लगभग 15 हजार से ज्यादा आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है। उन्होंने दिन रात काम कर आवेदनों के परिणाम मूलक समाधान के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा कि आवेदनों को अधिकारी स्वयं पढ़ें, समझें और समाधान निकालें। कंप्यूटर ऑपरेटर अथवा बाबू के भरोसे न छोड़ें। गलती से यदि दूसरे विभागों के आवेदन आपकी आईडी में आ गए हैं, तो इसे संबंधित विभागों को तत्काल फॉरवर्ड कर दें। ताकि उनको समाधान के लिए समय मिल सके।
कलेक्टर ने बताया कि आगामी 5 मई से 31 मई तक समाधान शिविर लगेंगे। प्रत्येक 10 पंचायत के बीच एक शिविर आयोजित होगा। नगर निगम क्षेत्रों में भी 5/6 वार्डों के बीच समाधान शिविर लगेंगे। इन शिविरों में आवेदनों के निराकरण की स्थिति की जानकारी दी जाएगी। श्री शरण ने कहा कि शिकायतों के निराकरण में आवेदक को भी बुलाया जाए अथवा फोन पर उनसे चर्चा की जाए। कलेक्टर ने कहा कि पोर्टल के संबंध में यदि कोई दिक्कत आती है तो ग्रामीण क्षेत्र क्षेत्र के लिए जिला पंचायत सीईओ और नगरी क्षेत्र के लिए नगर निगम आयुक्त से संपर्क कर उसका निदान कराएं। कलेक्टर ने बैठक में आवेदनों के तेजी से निदान पर बल दिया। उन्होंने भीषण गर्मी को देखते हुए पेयजल की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि लोगों को पेयजल और निस्तारी में दिक्कत नहीं होनी चाहिए। यदि जलस्रोत नीचे हो रहा तो नलकूप। में राइजिंग पाइप बढ़ाए। मूलभूत अथवा 15 वाँ वित्त आयोग मद का उपयोग किया जा सकता है। किसी भी हालत में लोगों को पेयजल की समस्या नहीं आनी चाहिए। आगामी खरीफ सीजन को देखते हुए खाद बीज की उपलब्धता की समीक्षा भी की। किसानों से खाद बीज का अग्रिम उठाव करने की अपील की। उन्हें अतिरिक्त ब्याज नहीं देना होगा। कृषि विभाग को उठाव के बारे में किसानों को जागरूक करने के निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर ने टीएल में दर्ज एक एक प्रकरण की समीक्षा की। तथा और तेजी के साथ निराकरण करने के निर्देश दिए। निगम आयुक्त अमित कुमार, डीएफओ सत्यदेव शर्मा सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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महासमुंद : कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह के निर्देशानुसार अवैध खनिज उत्खनन, परिवहन एवं भंडारण पर रोक लगाने हेतु खनिज विभाग द्वारा सतत कार्रवाई जारी है। इसी क्रम में आज दिनांक ग्राम पंचायत खमतराई, महानदी क्षेत्र में कार्रवाई करते हुए दो वाहनों को रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन करते हुए पकड़ा गया।
खनिज विभाग की टीम ने एक हाईवा (वाहन क्रमांक CG 06 HA 9377 जिसे सूरज भारती निवासी बघतरा मंदिर, हसौद चला रहा था, को अवैध रेत परिवहन करते हुए पकड़ा गया। वहीं एक चैन माउंटेन मशीन (मशीन क्रमांक SANY210 OE1110211J3P10119), जिसका चालक अज्ञात है, को अवैध रेत उत्खनन करते हुए जप्त किया गया। दोनों वाहनों को जब्त कर सुरक्षार्थ तुमगांव थाना में खड़ा किया गया है। खनिज विभाग द्वारा स्पष्ट किया गया है कि उक्त वाहनों पर खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 1957 की धारा 21 के अंतर्गत कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। इस प्रकरण में 2 से 5 वर्षों की सजा का प्रावधान है और संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया जाएगा।
पूर्व में भी खनिज पट्टेदारों एवं खनिज परिवहनकर्ताओं को स्पष्ट निर्देश दिए जा चुके हैं कि बिना वैध अभिवहन पास के खनिज का उत्खनन, परिवहन या भंडारण करना कानूनन अपराध है। कलेक्टर के निर्देशानुसार जिले में अवैध खनिज गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण हेतु खनिज विभाग का विशेष अभियान सतत जारी रहेगा और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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सूरजपुर : तेज़ गर्मी से लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सूरजपुर जिले के नगरीय निकायों में कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन के निर्देशन में विभिन्न स्थलों पर प्याऊ की व्यवस्था की गई है। यह पहल लोगों को स्वच्छ और ठंडा पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई है, ताकि भीषण गर्मी में राहगीरों, दुकानदारों व आमजन को जल संकट का सामना न करना पड़े। साथ ही कलेक्टर श्री जयवर्धन ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि प्याऊ की नियमित रूप से सफाई हो और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध रहे।
भटगांव में एसईसीएल कम्युनिटी हॉल के पास, जरही में जरही चौक, प्रतापपुर में पुराना बस स्टैंड के पास एवं वार्ड क्रमांक 10, कदमपारा, प्रेमनगर में नगर पंचायत के पास, हॉस्पिटल के पास, वार्ड क्रमांक 04 सरना के पास एवं एसबीआई बैंक के पास, शिवनंदनपुर में हाई स्कूल के सामने तथा विश्रामपुर में बस स्टैण्ड एवं आरटीआई टेªनिंग सेंटर के पास प्याऊ चालू किए गए हैं।
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औद्योगिक निवेश और श्रमिक कल्याण की प्रभावी पहल
श्रमिकों के लिए कारखाना परिसर में ही आवासीय सुविधा का रास्ता खुला
साय सरकार के निर्णय से बढ़ेगी औद्योगिक उत्पादकता एवं कार्यक्षमता
रायपुर : छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने और श्रमिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015 में महत्वपूर्ण संशोधन किया है। यह संशोधन, जो 27 फरवरी 2025 को अधिसूचित किया गया, औद्योगिक इकाइयों के लिए पट्टे पर दी गई भूमि के उपयोग और औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिक आवास निर्माण को लेकर नए अवसर प्रदान करता है। इस कदम को राज्य की औद्योगिक नीति को और अधिक निवेशक-अनुकूल बनाने और स्थानीय श्रमिकों के जीवन स्तर को बेहतर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।
पट्टे पर दी गई भूमि का 15 प्रतिशत नियमितीकरण
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर किए गए नए संशोधन के तहत, औद्योगिक इकाइयों को पट्टे पर दी गई कुल भूमि का 15 प्रतिशत हिस्सा गैर-औद्योगिक गतिविधियों, जैसे प्रशासनिक भवन, कैंटीन, या अन्य सुविधाओं के लिए नियमित करने की अनुमति दी गई है। पहले यह सीमा सख्त थी, जिसके कारण कई इकाइयों को परिचालन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। अब इस छूट से उद्यमी अपनी इकाइयों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए लचीले ढंग से भूमि का उपयोग कर सकेंगे।
औद्योगिक श्रमिक आवास निर्माण की अनुमति
संशोधन का दूसरा महत्वपूर्ण पहलू औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों के लिए आवास निर्माण की अनुमति है। यह कदम न केवल श्रमिकों को बेहतर रहन-सहन की सुविधा प्रदान करेगा, बल्कि औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों की उपलब्धता को भी बढ़ाएगा। इससे श्रमिकों को कार्यस्थल के नजदीक रहने का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी यात्रा लागत और समय की बचत होगी।
संशोधन के लाभ
15 प्रतिशत भूमि के नियमितीकरण की अनुमति से उद्यमी अपनी इकाइयों में बुनियादी ढांचे को बेहतर बना सकेंगे। इससे उत्पादकता और कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। औद्योगिक क्षेत्रों में आवास सुविधा शुरू होने से श्रमिकों को सुरक्षित और सुविधाजनक आवास मिलेगा। यह उनकी कार्यक्षमता और जीवन स्तर को बढ़ाने में मदद करेगा। अनुकूल नीतियों के कारण छत्तीसगढ़ में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा। यह विशेष रूप से छोटे और मझोले उद्यमों के लिए लाभकारी होगा। श्रमिक आवास और औद्योगिक विस्तार से स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। औद्योगिक क्षेत्रों में आवास सुविधा से शहरी क्षेत्रों पर जनसंख्या का दबाव कम होगा, क्योंकि श्रमिकों को औद्योगिक क्षेत्रों में ही रहने का विकल्प मिलेगा।
गौरतलब है कि पहले औद्योगिक इकाइयों को पट्टे पर दी गई भूमि का उपयोग केवल विशिष्ट औद्योगिक गतिविधियों के लिए करना होता था। गैर-औद्योगिक उपयोग, जैसे कार्यालय भवन या कर्मचारी सुविधाओं के लिए, अनुमति लेना जटिल और समय लेने वाला था। नए नियम के तहत, 15 प्रतिशत भूमि को बिना किसी जटिल प्रक्रिया के नियमित करने की अनुमति दी गई है। यह उद्यमियों को परिचालन लागत कम करने और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद करेगा। उदाहरण के लिए, एक इकाई अब इस 15 प्रतिशत भूमि पर कर्मचारी कल्याण केंद्र, प्रशिक्षण सुविधा, या गोदाम बना सकती है।
छत्तीसगढ़ में औद्योगिक क्षेत्र अक्सर ग्रामीण या अर्ध-शहरी इलाकों में स्थित हैं, जहां श्रमिकों के लिए आवास की कमी रहती है। इससे श्रमिकों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, जिसका असर उनकी उत्पादकता पर पड़ता है। संशोधन के तहत, औद्योगिक इकाइयां अब अपने परिसर में या आसपास श्रमिकों के लिए आवास बना सकती हैं। यह सुविधा न केवल श्रमिकों के लिए लाभकारी होगी, बल्कि उद्यमियों को भी स्थिर और समर्पित कार्यबल उपलब्ध कराएगी।
औद्योगिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह संशोधन छत्तीसगढ़ को निवेश के लिए और अधिक आकर्षक बनाएगा। रायपुर के उद्योगपति, राजेश अग्रवाल ने कहा, 15 प्रतिशत भूमि के नियमितीकरण से हमें अपने परिसर में कर्मचारी सुविधाएं बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही, श्रमिक आवास की अनुमति से हमारे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस संशोधन को विकसित छत्तीसगढ़ के विजन का हिस्सा बताया है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य उद्योगों को बढ़ावा देना और साथ ही श्रमिकों के कल्याण को सुनिश्चित करना है। यह संशोधन दोनों उद्देश्यों को प्राप्त करने में मददगार साबित होगा। छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015 में संशोधन राज्य के औद्योगिक विकास और श्रमिक कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 15 प्रतिशत भूमि के नियमितीकरण और श्रमिक आवास निर्माण की अनुमति से न केवल उद्यमियों को लाभ होगा, बल्कि श्रमिकों के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव आएगा।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
-सिपेट में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन अंतिम तिथि 29 मई, जून में होगी परीक्षा
सूरजपुर : केन्द्रीय पेट्रोरसायन अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सिपेट), रसायन एवं पेट्रोरसायन विभाग, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत प्रमुख राष्ट्रीय संस्थान है, जो कि भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ शासन के संयुक्त प्रयास से औद्योगिक क्षेत्र रायपुर एवं कोरबा छत्तीसगढ़ में स्थापित किया गया है। सिपेट में विभिन्न पाठ्यक्रमों को संचालित किया जाता है तथा प्लास्टिक उद्योगों के क्षेत्र में रोजगार एवं स्वरोजगार के शत् प्रतिशत् अवसर प्रदान कराये जाते है। सिपेट में संचालित पाठ्यकमों के सफल समापन के बाद विद्यार्थियों को कैंपस भर्ती प्रकिया के माध्यम से देश के प्रतिष्ठित उद्योगों / संस्थानों में प्लेसमेंट मिल जाता है। सिपेट, रायपुर के विद्यार्थी देश के विभिन्न मल्टिनेशनल कम्पनियों में अपनी सेवाएँ भी दे रहे है। सिपेट का उद्देश्य विभिन्न शैक्षणिक, तकनीकी व रिसर्च कार्यक्रमों के माध्यम से छत्तीसगढ़ में प्लास्टिक्स प्रसंस्करण व सहायक उद्योगों के लिए तकनीकी कौशल प्राप्त श्रमशक्ति का निर्माण, इस क्षेत्र में युवा उद्यमियों को प्रोत्साहन देना, गुणवत्ता नियंत्रण, तकनीकी परामर्श समेत मोल्ड्स डाई, प्लास्टिक्स उत्पादों के डिजाइन व प्लास्टिक्स इंजीनियरिंग व टेक्नालॉजी के क्षेत्र में शोध व विकास को गति देना है। सिपेट द्वारा संचालित पाठ्यक्रम लघु, मध्यम व वृहत निर्माण उद्योग की वर्तमान जरूरतों के अनुरूप है। प्रदेश में 3 साल से कौशल विकास प्रशिक्षण, डिप्लोमा एवं पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा के माध्यम से युवाओं को रोजगार देने की कोशिश चल रही है। 12 वीं (विज्ञान समूह) या 2 वर्षीय आईटीआई उत्तीर्ण के बाद लेेटरल एन्ट्री के माध्यम से द्वितीय वर्ष में सीधा प्रवेश ले सकते है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति एवं अन्य पिछडा वर्ग के छात्र छात्राओं को छत्तीसगढ/मध्यप्रदेश/झारखंड/उत्तरप्रेदश/ओडिसा/ बिहार राज्य शासन के नियमानुसार छात्रवृति का प्रावधान भी है।
सिपेट सीजी में प्रवेश के लिए 07 फरवरी से आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ है जिसकी अंतिम तिथि 29 मई को है। प्रवेश परीक्षा 08 जून एवं पाठयक्रमों के प्रारंभ 14 जुलाई से संभावित है। आवेदन के लिए सीपेट की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। जिला प्रशासन द्वारा अपील की गई है कि पात्र युवा अधिक से अधिक संख्या में संस्थान में प्रवेश लें और अपने बेहतर भविष्य का निर्माण करें।