- Home
- छत्तीसगढ़
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
जशपुरनगर : मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं आयुष्मान कार्ड ओ.आई.सी के द्वारा आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयुष्मान कार्ड की समीक्षा बैठक ली गई। जिसमें छूटे हुए हितग्राहियों का आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए सभी आरएचओ एवं सीएचओ की प्रतिदिन की समीक्षा सेक्टर सुपरवाइजर द्वारा किए जाने हेतु निर्देश दिया गया। इस दौरान बताया गया कि जिन हितग्राही की मृत्यु हो गई है या लंबे समय से ग्राम से बाहर है ऐसे हितग्राहियों को सचिव से माध्यम से सत्यापन कर डेटा संकलित किया जाना है। आगामी 30 जून तक शत प्रतिशत कार्ड बनाने के निर्देश दिए गए है। बैठक में नोडल अधिकारी आयुष्मान भारत, जिला परियोजना समन्वयक आयुष्मान भारत, समस्त विकासखंड कार्यक्रम प्रबन्धक एनएचएम एवं सेक्टर सुपरवाइजर स्वास्थ्य उपस्थित थे।
ज्ञात हो कि अब तक जिले में 8 लाख 23 हज़ार 7 सौ हितग्राहियों के कार्ड बनाये जा चुके है और 95 हज़ार 01 सौ कार्ड बनाया जाना शेष है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा जन सामान्य से अपील किया गया है कि जिनका आयुष्मान कार्ड नहीं बना है वे अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर बनवा लें।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
जशपुरनगर : कलेक्टर श्री रोहित व्यास ने प्राकृतिक आपदा में जनहानि के दो मामलों में प्रभावित परिजन हेतु आर.बी.सी. 6-4 के तहत् 08 लाख रुपए की आर्थिक सहायता अनुदान राशि स्वीकृत की है। जिसमें बगीचा तहसील अंतर्गत ग्राम पिरई निवासी कौशल्या बाई का तालाब के पानी में डूबने से 13 अगस्त 2024 को मृत्यु हो जाने पर मृतिका निकटतम वारिस मृतिका के पति श्रवण कुमार साय हेतु 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता अनुदान राशि स्वीकृत की गई है।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा07 जून को कमरौद, बोडराबांधा, पथरला, बम्हनी, बाराडोली एवं चनाट में शिविर आयोजित
महासमुंद : विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत पिथौरा विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम सुखीपाली में शिविर का आयोजन किया गया। यह अभियान 12 जून तक संचालित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य किसानों को आधुनिक और वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों से अवगत कराना है।
शिविर में ग्राम सुखीपाली, चिखली एवं डुमरपाली के सरपंच, पंचगण, सहकारी समिति सुखीपाली के अध्यक्ष, उप संचालक कृषि श्री एफ. आर. कश्यप, कृषि विज्ञान केंद्र महासमुंद के डॉ. कुणाल चंद्राकर, डॉ. श्रीधर तथा कृषि महाविद्यालय के डॉ. प्रफ्फुल और बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए।इस दौरान शिविर में किसानों को विभागीय योजनाओं की जानकारी दी गई एवं मशरूम उत्पादन, लाइट ट्रैप, फेरोमोन ट्रैप जैसे जैविक कीट नियंत्रण के उपायों से अवगत कराया गया। इसके अतिरिक्त खेत की तैयारी से लेकर फसल कटाई तक की सम्पूर्ण कृषि क्रियाओं की वैज्ञानिक विधियों की विस्तार से जानकारी दी गई। इस अवसर पर उपसंचालक कृषि श्री कश्यप द्वारा किसानों की समस्याएं सुनी गईं एवं समाधान हेतु सुझाव दिए गए। उन्होंने किसानों से फीडबैक भी प्राप्त किया, जिससे आगामी योजनाओं को किसानों की आवश्यकता अनुसार बेहतर ढंग से तैयार किया जा सके। शिविर में उपस्थित जनप्रतिनिधिगण एवं उन्नत किसानों ने भी अपने बहुमूल्य सुझाव और अनुभव साझा किए। जिससे स्थानीय किसानों को अपने जैसे साथियों से प्रेरणा मिली। इस अभियान के माध्यम से जिले के किसानों को कृषि क्षेत्र में नवाचार और स्थायी विकास के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे कृषि उत्पादकता में वृद्धि के साथ-साथ किसानों की आय में भी सुधार हो सके।
उल्लेखनीय है कि “विकसित कृषि संकल्प अभियान“ अंतर्गत शनिवार 07 जून को बागबाहरा विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत कमरौद, बोडराबांधा, पिथौरा अंतर्गत ग्राम पथरला, बम्हनी एवं बसना अंतर्गत ग्राम बाराडोली व चनाट में शिविर का आयोजन किया जाएगा। आगामी शिविर 09 जून को बागबाहरा के ग्राम पंचायत कोमा, दाबपाली, पिथौरा के पेन्ड्रावन, सलडीह व बसना अंतर्गत बड़ेसाजापाली में आयोजित किया जाएगा।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सूरजपुर : विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों में शिविरों का आयोजन दो पालियों में किया गया। इन शिविरों का उद्देश्य किसानों को वैज्ञानिक और आधुनिक कृषि पद्धतियों से अवगत कराना, उनकी समस्याओं का समाधान करना और नवीन तकनीकों के प्रति जागरूक करना रहा।
पूर्वांह में तीन स्थानों पर लगे शिविर
प्रातःकालीन सत्र में जगरन्नाथपुर, बड़सरा और छिन्दिया में शिविर आयोजित किए गए। जगरन्नाथपुर शिविर में जगरन्नाथपुर, दलदली, गणेशपुर, मदननगर, पम्पापुर, धरमपुर, मानपुर, माडीडांड और केरता ग्रामों के कृषक शामिल हुए। बड़सरा शिविर में बड़सरा, बस्कर, करौंदामुडा, तरका, खाड़ापारा ग्रामों के किसान पहुंचे और छिन्दिया शिविर में छिन्दिया, पवनपुर, जगतपुर, मदनपुर, गोकुलपुर, रामेश्वरम ग्रामों के कृषक शामिल हुए।
अपरांह में आयोजित हुए तीन और शिविर
दोपहर के सत्र में कोटेया, केवरा और गणेशपुर में शिविर लगाए गए। कोटेया शिविर में कोटेया, गौरा, पलढ़ा, भरदा, सिंघरा और बगड़ा के किसान उपस्थित रहे। केवरा शिविर में केवरा, दनौली और खुर्द ग्राम शामिल थे। गणेशपुर शिविर में गणेशपुर, पंचवटी, रामतिर्थ, हुनमानगढ़, अर्जुनपुर, परेमश्वरपुर और बरबपुर ग्रामों के किसान पहुंचे। इन शिविरों में विभागीय विशेषज्ञों से मिली महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य विभाग के अधिकारियों के साथ कृषि वैज्ञानिक, कृषि सखी, कृषक मित्र, पशु सखी तथा प्रगतिशील कृषकों ने किसानों को मार्गदर्शन दिया। किसानों को मिलेट्स (मोटे अनाज) की खेती, फसल चक्र परिवर्तन, प्राकृतिक और जैविक खेती, उन्नत बीज और कृषि यंत्रों का उपयोग, जल संरक्षण, मूल्य संवर्धन, पशुपालन और उद्यानिकी से जुड़ी अत्यंत उपयोगी जानकारी दी गई।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवासूरजपुर : भारत सरकार के धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत सूरजपुर जिले के चिन्हांकित गांवों में अभियान की जानकारी देने जागरूकता एवं लाभार्थी संतृप्ति शिविरों का आयोजन आगामी 15 जून से 30 जून तक किया जाएगा। इन शिविरों के माध्यम से जनजातीय समुदायों को तात्कालिक गतिविधियों जैसे आधार कार्ड, जनधन बैंक खाता, आयुष्मान भारत कार्ड, सिकलसेल बीमारी की जांच, जाति प्रमाण पत्र, राशन कार्ड इत्यादि का लाभ प्रदान किया जाएगा। साथ ही पीएम किसान सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड, सामाजिक सुरक्षा पेंशन (वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन), रोजगार और आजीविका योजनाएं (मनरेगा, पीएम विश्वकर्मा, मुद्रा ऋण) तथा महिला एवं बाल कल्याण (पीएम एमवीवाई, आईसीडीएस लाभ, टीकाकरण) का भी लाभ पहुंचाया जाएगा।
भारत सरकार के धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का लक्ष्य बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा और आजीविका में महत्वपूर्ण अंतराल को दृष्टिगत रखते हुए जनजातीय क्षेत्रों और जनजातीय समुदायों का व्यापक विकास करना है। समन्वित दृष्टिकोण और भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से योजना का उद्देश्य समग्र, टिकाऊ और समावेशी विकास सुनिश्चित करते हुए आदिवासी समुदायों को सेचुरेशन मोड में सशक्त बनाना है। आदिवासी समुदायों को संतृप्ति मोड में सशक्त बनाने महत्वपूर्ण गतिविधियों को शामिल किया गया है।
कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन के नेतृत्व में जिले में इस अभियान का संचालन व्यापक स्तर पर किया जाएगा, जिससे जनजातीय वर्ग के लोगों को शासन की योजनाओं का सीधा लाभ मिल सके। अभियान के तहत जिले के 6 विकासखंडों के 284 चिन्हांकित ग्रामों में शिविरों का आयोजन किया जाएगा।इन शिविरों के माध्यम से केंद्र सरकार के 17 मंत्रालयों की 25 प्रमुख जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी और लाभ ग्रामीणों तक पहुँचाया जाएगा। इस दौरान आधार कार्ड, राशन कार्ड, जाति एवं निवास प्रमाण पत्र, आयुष्मान भारत कार्ड, पीएम किसान सम्मान निधि, पीएम किसान क्रेडिट कार्ड, जनधन योजना, वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, नरेगा जॉब कार्ड, पीएम विश्वकर्मा योजना, मुद्रा लोन सहित मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सूरजपुर : कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन के निर्देशन में एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत के मार्गदर्शन में जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों में स्वच्छता के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया जा रहा है। स्वच्छाग्रही समूह की दीदियों द्वारा घरों, दुकानों एवं संस्थाओं से सूखा कचरा एकत्र कर उसे सेग्रीगेशन शेड तक पहुंचाया जा रहा है, जहां वैज्ञानिक विधि से उसका पृथक्करण किया जा रहा है।
इस क्रम में जनपद पंचायत भैयाथान की मॉडल ग्राम पंचायत तेलगवां एवं जनपद पंचायत रामनुजनगर की ग्राम पंचायत रामतीर्थ में समूह की दीदियों द्वारा नियमित रूप से हितग्राहियों से यूजर चार्ज भी संग्रहित किया जा रहा है। साथ ही ग्राम पंचायत कृष्णापुर एवं हनुमानगढ़ (जनपद रामनुजनगर) में भी स्वच्छग्रही दीदियों द्वारा कचरा संग्रहण एवं पृथक्करण का कार्य सुचारू रूप से जारी है।
इसी प्रकार, जनपद पंचायत सूरजपुर के पर्यटन स्थल केनापारा में संलग्न समूह द्वारा न केवल ग्राम क्षेत्र बल्कि पर्यटन स्थल के आसपास भी नियमित रूप से कचरा संग्रहण किया जा रहा है। सभी स्थानों से संग्रहित कचरे को पृथक्करण के पश्चात आगामी प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाई में अग्रिम प्रक्रिया हेतु भेजा जाएगा, जहां उसका ट्रेडिंग कर अनुबंधित वेंडर को विक्रय किया जाएगा। इससे समूह की दीदियों को आर्थिक रूप से सशक्त करने में सहायता मिलेगी।
गौरतलब है कि जिले केग्राम पंचायत तेलगवां, जनपद भैयाथान ग्राम पंचायत रामतीर्थ, जनपद रामनुजनगर ग्राम पंचायत कृष्णपुर एवं हनुमानगढ़, जनपद रामनुजनगरग्राम पंचायत तेलाईकछार, जनपद सूरजपुर ग्राम पंचायतों में यह कार्य प्रभावी रूप से संचालित हो रहा है। इन सभी पंचायतों में स्वच्छग्रही दीदियों द्वारा सतत रूप से घरों, दुकानों एवं संस्थानों से सूखा कचरा संग्रहण कर सेग्रीगेशन शेड में लाया जा रहा है तथा पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ आय अर्जन का भी सशक्त माध्यम तैयार किया जा रहा है।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सूरजपुर : जिला पंचायत सूरजपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा जनपद पंचायत प्रेमनगर के विभिन्न ग्रामों में ’’मोर गांव मोर पानी’’ अभियान के अंतर्गत श्रमदान एवं विकास कार्यों का निरीक्षण किया गया। अभियान के तहत ग्राम पंचायत बकिरमा स्थित कोकमा नाला में सफाई एवं जीर्णोद्धार कार्य में मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा स्वयं श्रमदान किया गया। उक्त अवसर पर ग्रामीणों को जल संरक्षण के महत्व को समझाते हुए जल स्रोतों के पुनर्जीवन में समुदाय की भागीदारी को आवश्यक बताया गया। ’’मोर गांव मोर पानी’’ अभियान का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता लाना एवं पारंपरिक जल स्रोतों को पुनर्जीवित कर जल उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
मनरेगा के अंतर्गत निर्माण कार्यों का निरीक्षण
इसके पश्चात मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा ग्राम पंचायत केदारपुर में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत निर्मित मिट्टी बांध का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए तथा कार्यों को निर्धारित समयावधि में पूर्ण किया जाए। निरीक्षण के दौरान ग्राम के कृषक श्री ठाकुर/लबदु द्वारा मिट्टी बांध के जल से एफ.आर.ए. पट्टे की भूमि पर की गई तरबूज की खेती की जानकारी दी गई, जिसे सीईओ द्वारा नवाचारात्मक एवं प्रेरणास्पद बताया गया। उन्होंने कृषक के प्रयासों की सराहना करते हुए अन्य किसानों को भी इस प्रकार की कृषि अपनाने हेतु प्रेरित किया।साथ ही कृषक द्वारा किए जा रहे सुअर पालन को देखकर मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा कृषक को सुअर शेड की स्वीकृति दिए जाने का आश्वासन प्रदान किया गया, जिससे ग्रामीणों को स्वरोजगार के अवसर मिल सकें।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत चौपाल एवं निरीक्षण
इसके उपरांत ग्राम पंचायत नावापाराकला में आवास चौपाल का आयोजन कर प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत निर्माणाधीन आवासों का निरीक्षण किया गया। मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने हितग्राहियों से संवाद कर निर्माण की प्रगति की जानकारी ली एवं सभी हितग्राहियों को निर्धारित समय सीमा में निर्माण कार्य पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया। इस अवसर पर सीईओ जनपद पंचायत प्रेमनगर, एपीओ (मनरेगा), एसडीओ आरईएस, पीओ मनरेगा सहित संबंधित विभागों के अधिकारी, कर्मचारी, एनआरएलएम की महिला स्व-सहायता समूह की सदस्याएं एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे। मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा ग्रामीणों को योजनाओं की जानकारी देते हुए शासन की प्राथमिकताओं से अवगत कराया गया एवं सभी से सक्रिय भागीदारी की अपील की गई।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
कोरिया : मानसून के दौरान संभावित प्राकृतिक आपदाओं, विशेषकर बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए छत्तीसगढ़ शासन, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग, मंत्रालय रायपुर के निर्देशानुसार एवं कलेक्टर के मार्गदर्शन में कोरिया जिला में बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है। यह नियंत्रण कक्ष कक्ष क्रमांक 31 में स्थापित किया गया है, जो 24 घंटे सतत रूप से संचालित रहेगा। किसी भी आपातकालीन स्थिति की जानकारी देने अथवा सहायता प्राप्त करने के लिए नागरिक बाढ़ नियंत्रण कक्ष के दूरभाष क्रमांक 07836- 232330 पर संपर्क कर सकते हैं।
डिप्टी कलेक्टर द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 42 कर्मचारियों को नियंत्रण कक्ष में ड्यूटी पर तैनात किया गया है, जो तीन शिफ्ट के अनुसार कार्य करेंगे। इसके अतिरिक्त 6 कर्मचारियों को रिज़र्व में रखा गया है, ताकि किसी कर्मचारी की अनुपस्थिति अथवा अवकाश या आवश्यकता पड़ने पर तत्काल सहायता प्रदान करेंगे। बाढ़ पूर्व तैयारियों के अंतर्गत जिला प्रशासन द्वारा आवश्यक राहत एवं बचाव संसाधनों की व्यवस्था भी कर ली गई है। संबंधित विभागों को सतर्क कर दिया गया है तथा आपसी समन्वय के माध्यम से त्वरित कार्रवाई की रूपरेखा तैयार की गई है। जिला प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि किसी भी आपात स्थिति में घबराएं नहीं और तुरंत बाढ़ नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राशनकार्ड धारियों को एकमुश्त मिले तीन माह का चावल उचित मूल्य के दुकानों पर भी रखी जाए निगरानी
पूरे जून माह तक राशनकार्डधारी ले सकते है आगामी तीन माह का चावल
विभाग के रिक्त पदों पर जल्द होगी भर्ती, प्रस्ताव पीएससी और व्यापम को भेजने के दिए निर्देश
चावल जमा करने की कार्यवाही में तेजी लाने के दिए निर्देश
खाद्य मंत्री ने की विभागीय काम-काज की समीक्षा
बेमेतरा ; खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री दयालदास बघेल ने आज मंत्रालय महानदी भवन में वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर विभागीय काम-काज की समीक्षा की। मंत्री श्री बघेल ने बैठक में कहा कि सरकार ने प्रदेश के सभी राशनकार्ड धारियों को माह जून से अगस्त तक तीन माह का एकमुश्त चावल देने का निर्णय लिया है। राज्य के सभी 13965 शासकीय उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से हितग्राहियों को एक जून से चावल वितरण प्रारंभ हो गया है। उन्होंने चावल वितरण में तेजी लाने के साथ ही सभी राशनकार्ड धारियों को आगामी तीन माह का एकमुश्त चावल मिले इस पर विशेष रूप से निगरानी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चावल वितरण में गड़बड़ी की शिकायत आने पर तत्काल कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित हो। उन्होंने उचित मूल्य के दुकानों में चावल भंडारण की स्थिति की भी जानकारी ली।
मंत्री श्री बघेल ने बैठक में वर्ष 2022-23 से वर्ष 2024-25 के स्टॉक सत्यापन की कार्यवाही की भी जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि सितम्बर 2022 की स्थिति में भौतिक सत्यापन उपरांत कम पाए गए खाद्यान्न की वसूली तेजी के साथ किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि 335 उचित मूल्य के दुकानों में लगभग 124 करोड़ के राशन सामग्री कम पाए गए थे। जिसमें से 119 करोड़ रूपए की वसूली की जा चुकी है। पांच करोड़ रूपए कीर वसूली शेष है। जिस पर कार्यवाही की जा रही है। वहीं 27 उचित मूल्य दुकान संचालकों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करायी गई थी। मंत्री श्री बघेल ने शेष वसूली भी शीघ्र करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। मंत्री ने चना वितरण एवं भंडारण की स्थिति की भी जानकारी ली।
खाद्य मंत्री श्री बघेल ने खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 और 2024-25 में मिलर्स द्वारा केन्द्रीय और राज्य पुल में चावल जमा की स्थिति की भी समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि मिलर्स द्वारा 2023-24 के शेष 0.88 लाख मीट्रिक टन चावल को जमा करने के लिए 30 जून तक का समय दिया गया है। इसी प्रकार खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में 25.43 लाख मीट्रिक टन चावल जमा किया जाना है। जिसके विरूद्ध 14.86 लाख मीट्रिक टन उपार्जित कर लिया गया है। जो चावल जमा का 58.43 प्रतिशत है। शेष चावल की जमा करने की कार्यवाही तेजी गति से चल रही है। मंत्री श्री बघेल ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के चावल जमा करने की तिथि 30 जून के पश्चात समय में वृद्धि नही करने और तेजी के साथ चावल जमा कराने के निर्देश दिए। मंत्री श्री बघेल ने आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में धान खरीदी की तैयारी, समितियों में खरीदी व्यवस्था की तैयारी सहित संग्रहण केन्द्र में धान की भौतिक स्थिति, मिलर्स को प्रोत्साहन राशि का भुगतान, न्यायालयीन प्रकरणों की अद्यतन स्थिति की भी समीक्षा की। खाद्य मंत्री श्री बघेल ने बैठक में विभागीय स्थापना की जानकारी लेते हुए कहा कि रिक्त पदों की पूर्ति हेतु शीघ्र भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाए। उन्होंने वित्त विभाग से अनुमति ले चुके पदों के लिए पीएससी और व्यापंम को भर्ती प्रस्ताव भेजने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
मंत्री श्री बघेल ने उपभोक्ता आयोग की प्रगति का भी समीक्षा की। उन्होंने ने कहा कि राज्य एवं जिला स्तर पर अध्यक्षों और सदस्यों के रिक्त पदों पर विधिसम्मत भरने की कार्यवाही की जाए। उन्होंने उपभोक्ता आयोग में लंबित प्रकरणों के शीघ्र निराकरण पर जोर दिया। मंत्री श्री बघेल ने विधिक मापविज्ञान विभाग की प्रगति की समीक्षा की। नाप तौल विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2024-25 में नाप तौल के सत्यापन एवं मुद्रांकण से 13.5 करोड़ रूपए की राजस्व प्राप्ति हुई है। वहीं 2.21 लाख नाप तौल उपकरणों का सत्यापन किया गया है। मंत्री श्री बघेल ने कहा कि माप तौल प्रक्रिया को सरल बनाया जाए। वहीं लायसेंस प्रदान करने की समय सीमा भी कम की जाए। बैठक में खाद्य विभाग की सचिव श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले, नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक श्रीमती किरण कौशल, मार्कफेड के प्रबंध संचालक श्री रमेश शर्मा, विधिक मापविज्ञान विभाग के संचालक श्री देवेन्द्र भारद्धाज सहित खाद्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
वन मंत्री ने जल संकट से निपटने के लिए दिए अहम बातें बतायी
बेमेतरा जिले को हराभरा करना हम सबकी जिम्मेदारी : श्री केदार कश्यप
बेमेतरा : विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जिला पंचायत के सभागार में आयोजित जल-वन-जन संगोष्ठी एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, अपर मुख्य सचिव वन श्रीमती ऋचा शर्मा और वन मंत्री श्री केदार कश्यप प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। संगोष्ठी का आयोजन वनमंडल दुर्ग द्वारा आयोजित किया गया। कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने जल संकट और पर्यावरण के महत्व पर पावर प्रजेंटेशन के ज़रिए तथ्यों और आँकड़ों को साझा किया। उन्होंने जल संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी और जल संचयन के महत्व पर जोर दिया।प्रगतिशील किसानों ने कम पानी वाली फसलों के बारे में जानकारी दी और अपने गांवों को जल संकट से बचाने के उपाय बताए।
वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि बेमेतरा जिला वन विहीन है, और इसे हराभरा करना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन अपने स्तर पर काम कर रहा है, पर स्थानीय लोगों को भी सक्रिय भागीदारी निभानी होगी। उन्होंने ट्यूबवेल, पंप बोरिंग, उद्योग आदि के बारे में जानकारी ली | उन्होंने सरकारी कार्यालयों, ग्राम पंचायत भवनों और भवन निर्माण स्थलों पर रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य रूप से लगाने पर बल दिया। इसके साथ ही उन्होंने किसानों से कम पानी की फसलों, जैसे कोदो-कुटकी, अरहर, मक्का, दलहन, तिलहन जैसी फसलों को अपनाने पर जोर दिया। वन मंत्री ने जल संकट से निपटने के लिए “जल मित्र ग्राम” की अवधारणा पर भी चर्चा की, जिसमें हर गाँव को अपना जल बजट तैयार करने और वर्षा जल संग्रहण को प्राथमिकता देने की आवश्यकता बताई।
खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल ने कहा कि जल संरक्षण सिर्फ सरकार या प्रशासन का काम नहीं, बल्कि हर नागरिक की ज़िम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि खाद्य उत्पादन की दिशा में भी हमें फसलों के चयन में विवेक रखना होगा और किसानों को कम पानी वाली फसलों के लिए प्रोत्साहित करना होगा। उन्होंने आह्वान किया कि हम सभी लोग अपने घरों में भी वर्षा जल संचयन की व्यवस्था बनाएं। अपर मुख्य सचिव वन श्रीमती ऋचा शर्मा ने कहा कि हमें वर्षा जल संचयन को आदत में शामिल करना होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि स्कूलों और कॉलेजों में जल जागरूकता अभियान चलाकर नई पीढ़ी को इस अभियान से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि वन विभाग की ओर से “एक घर-एक पौधा” अभियान के रूप में लिया जाए , जिससे हर घर में कम से कम एक पौधा लगाया जाए और उसकी देखभाल सुनिश्चित की जाए। कलेक्टर श्री शर्मा ने अतिथियों को स्मृति चिह्न में पौधा भेंट किया।
इस अवसर पर इस अवसर पर विधायक श्री दीपेश साहू, विधायक श्री ईश्वर साहू,पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू, वनमंडलाधिकारी दुर्ग दीपेश कपिल, एसडीओ वन एच,वी दुबे,रेंजर माधुरी तिवारी,पूर्व विधायक श्री अवधेश चंदेल,अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ रजकर बोर्ड श्री प्रह्लाद राजकर, नगर पालिका अध्यक्ष श्री विजय सिन्हा, अध्यक्ष जनपद श्रीमती हेमा दिवाकर, अजय साहू, श्री राजेन्द्र शर्मा सहित जनप्रतिनिधि किसान गणमान्य नागरिक अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
शिक्षक विहीन और एकल शिक्षक शालाओं में अब पढ़ाई के लिए और बेहतर ,उपयुक्त माहौल तैयार
बेमेतरा : राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत बेमेतरा जिले में शिक्षकों के युक्तियुक्तरण की प्रक्रिया ने जिले की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा दी है। जिले के सभी शिक्षक विहीन एवं एकल शिक्षक विद्यालयों में अब शिक्षक उपलब्ध हैं, जिससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर मिला है। बेमेतरा जिले की कुल 1299 शालाओं में से 360 शालाओं का युक्तियुक्तरण कर 344 अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना की गई। इस प्रक्रिया के तहत:प्राथमिक शालाओं में 248 अतिशेष शिक्षकों को नई जगह भेजा गया।माध्यमिक शालाओं के 56 और हाई/हायर सेकेंडरी के 37 व्याख्याताओं की नियुक्ति की गई।
विकासखंड बेरला के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भिलौरी और बेमेतरा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चन्दनू को अब रसायन विज्ञान विषय के व्याख्याता मिल गए हैं। वाणिज्य विषय के शिक्षक अब बेरला, मोहभट्ठा, गोड़नगिरी और परपोड़ा स्कूलों में भी उपलब्ध हैं।विकासखंड बेमेतरा के छिरहा, खंडसरा, दाढ़ी और सेमरिया स्कूलों में भी वाणिज्य विषय के व्याख्याता पदस्थ हुए हैं। वही नवागढ़ विकासखंड के एक स्कूल को भी वाणिज्य विषय का व्याख्याता मिल गया। छत्तीसगढ़ सरकार की इस पहल ने केवल वर्तमान शिक्षण व्यवस्था को ही नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को भी संवारने का काम किया है। शिक्षक विहीन और एकल शिक्षक शालाओं में अब पढ़ाई के लिए और बेहतर ,उपयुक्त माहौल तैयार हुआ है। विद्यार्थियों और अभिभावकों में भी खुशी की लहर है। बच्चे अब विषय विशेषज्ञों से और बेहतर पढ़ाई कर सकेंगे । परिणामस्वरूप परीक्षा परिणाम बेहतर होने की उम्मीद है और शिक्षा की गुणवत्ता में भी वृद्धि होगी। यह कदम न केवल विद्यालयों को नई ऊर्जा देगा, बल्कि शिक्षा को जन-जन तक पहुँचाने के सरकार के संकल्प को भी मजबूती प्रदान करेगा।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रेवेंद्र सिंह वर्मा कृषि महाविद्यालय ढोलिया में विविध कार्यक्रमों का आयोजन
बेमेतरा : विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर रेवेंद्र सिंह वर्मा कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, ढोलिया बेमेतरा में "एक पेड़ माँ के नाम 2.0" अभियान के अंतर्गत वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा छात्र-छात्राओं के साथ मिलकर पर्यावरण संरक्षण हेतु पौधे लगाए गए। कार्यक्रम में अधिष्ठाता ने छात्रों को पर्यावरणीय असंतुलन, ग्लोबल वार्मिंग तथा ग्रीन हाउस गैसों के प्रभावों की जानकारी दी और पौधरोपण को जीवन शैली में अपनाने की अपील की। उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं को प्रकृति के संरक्षण के लिए अधिकाधिक वृक्ष लगाने हेतु प्रेरित किया।
इस अवसर पर विद्यार्थियों में पर्यावरणीय चेतना जागृत करने हेतु रंगोली, पोस्टर प्रदर्शनी, भाषण, एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम के अंत में प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। महाविद्यालय परिसर में आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में डॉ. टी.डी. साहू, डॉ. साक्षी बजाज (कार्यक्रम समन्वयक, एनएसएस), श्रीमती कुंती बंजारे, डॉ. हेमलता निराला, श्रीमती प्रतिभा सिंह, डॉ. भारती बघेल, डॉ. प्रीति पैंकरा, डॉ. नूतन सिंग, डॉ. सरिता शर्मा, डॉ. महानंद, डॉ. रामेश्वर तथा डॉ. संजीव गुर्जर सहित महाविद्यालय के समस्त स्टाफ एवं कर्मचारीगणों की महत्वपूर्ण सहभागिता रही। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में पर्यावरण के प्रति उत्तरदायित्व की भावना विकसित करना एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण हेतु सामूहिक प्रयासों को प्रेरित करना रहा। महाविद्यालय प्रबंधन ने इस अवसर पर संकल्प लिया कि आने वाले वर्षों में भी इसी तरह पर्यावरणीय गतिविधियों को निरंतर आगे बढ़ाया जाएगा।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
महासमुंद : राज्य सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ और संतुलित बनाने के उद्देश्य से लागू किए गए युक्तियुक्तकरण का सकारात्मक असर अब विद्यालयों की कार्यप्रणाली में नजर आने लगा है। इसी पहल के अंतर्गत महासमुंद विकासखंड के ग्राम पंचायत खट्टर के कोकड़ी गांव स्थित प्राथमिक शाला में वर्षों बाद एक अतिशेष शिक्षक की पदस्थापना की गई है, जिससे विद्यालय में शैक्षिक गतिविधियों को मजबूती मिलेगी।
प्रधानपाठक श्री गेंदलाल कोकड़िया ने बताया कि यह विद्यालय बीते लगभग दो दशकों से केवल एक शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहा था। एक ही शिक्षक को सभी कक्षाओं को पढ़ाने, प्रशासनिक कार्यों को निभाने तथा विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास का उत्तरदायित्व निभाना पड़ता था, जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना एक बड़ी चुनौती बन चुकी थी। अब युक्तियुक्तकरण के अंतर्गत श्री हेमंत कुमार देवांगन को अतिशेष शिक्षक के रूप में विद्यालय में पदस्थ किया गया है। इससे शिक्षा व्यवस्था में कई स्तरों पर सकारात्मक सुधार की उम्मीद की जा रही है।
प्रधान पाठक ने बताया कि अब विद्यालय में दो शिक्षकों की उपस्थिति से कक्षाओं का उचित विभाजन संभव हो सकेगा, जिससे प्रत्येक शिक्षक को पाठ्यक्रम को समय पर पूर्ण कराने का पर्याप्त अवसर मिलेगा। इससे न केवल बच्चों की सीखने की क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि शिक्षक प्रत्येक विद्यार्थी पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान भी दे सकेंगे। विशेषकर कमजोर छात्रों को अतिरिक्त सहयोग और मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जा सकेगा। पूर्व में एकमात्र शिक्षक का पूरा समय केवल पठन-पाठन में ही व्यतीत हो जाता था, जिससे अन्य गतिविधियों पर ध्यान देना संभव नहीं हो पाता था। अब एक और शिक्षक की नियुक्ति से खेल, कला, विज्ञान जैसी गतिविधियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। इस परिवर्तन से ग्रामवासियों और पालकों में विश्वास जगा है कि अब उनके बच्चों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त होगी।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
विदेशी कलाकारों द्वारा प्रवेश हेतु बढ़-चढ़कर किया जाता है आवेदन
रचनात्मक प्रतिभा को उजागर कर, कला के क्षेत्र में रच रहा नया इतिहास
प्रवेश हेतु पंजीयन की अंतिम तिथि 16 जून
रायपुर : छत्तीसगढ़ के इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ नृत्य, संगीत एवं ललित कला के क्षेत्र में एशिया का एकमात्र विशिष्ट विश्वविद्यालय है। यह संस्थान विद्यार्थियों के लिए एक समग्र, शोधोन्मुख एवं विद्यार्थी-केंद्रित वातावरण तैयार कर उनकी रचनात्मक क्षमता को जागृत करने और कला की गहराइयों से परिचित कराने का सुनहरा अवसर प्रदान करता है। संगीत विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किया गया है। ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया का पंजीयन 16 जून तक होगी। प्रवेश के लिए प्रथम अभिरुचि परीक्षा 24 से 27 जून तक आयोजित होगा, 30 जून तक इसका परिणाम जारी किया जाएगा। इसी तरह द्वितीय अभिरुचि परीक्षा 22 से 24 जुलाई तक आयोजित होगी, इसकी चयन सूची 25 जुलाई को जारी की जाएगी।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा इस विश्वविद्यालय को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। भारत के अतिरिक्त अन्य कई देशों के विदेशी विद्यार्थियों द्वारा भी इस विश्वविद्यालय में प्रवेश हेतु बढ़-चढ़कर आवेदन किए जा रहें है। इस विश्विद्यालय में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर हिन्दुस्तानी गायन, हिन्दुस्तानी वायलिन, सितार, सरोद, तबला, कत्थक, भरतनाट्यम, ओडिसी, लोक संगीत, नाटक, नृत्य, चित्रकला, मूर्तिकला, टेक्सटाइल्स डिज़ाइन जैसे पाठ्यक्रमों में डिप्लोमा और डिग्री दी जाती है। इस विस्तृत पाठ्यक्रम संरचना से न केवल कला की विविध धाराओं में पारंगत होने का अवसर मिलेगा, बल्कि विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होगा। इसके साथ-साथ विश्वविद्यालय में शोधात्मक गतिविधियों के विस्तार हेतु विभिन्न विषयों में पीएच.डी. एवं डी.लिट् की सुविधा प्रदान करने वाला संभवतः भारत का एकमात्र विश्वविद्यालय है।
विश्वविद्यालय की अनोखी विशेषताएँ
इंदिरा गांधी कला विश्वविद्यालय रचनात्मकता का मुक्त मंच- यहां छात्रों को अनुभवी शिक्षकों द्वारा मनोहारी प्राकृतिक वातावरण में तनावरहित शिक्षण एवं प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, जिससे उनकी कला में गहराई एवं शोध का समागम होता है। नृत्य, संगीत, ड्रामा एवं ललित कला के साथ-साथ अन्य विषयों की भी व्यापक जानकारी दी जा रही है, जिससे छात्रों का बौद्धिक विकास सुनिश्चित हो रहा है। विश्वविद्यालय का लक्ष्य शुद्ध अंतःकरण एवं बाधा रहित प्रशिक्षण व्यवस्था के साथ कला साधकों को ज्ञान के नए आयामों तथा कला की सच्ची भावना से परिचित कराना है। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय न केवल एक शिक्षण संस्थान है, बल्कि यह एक ऐसा मंच है जहाँ विद्यार्थी अपनी रचनात्मक प्रतिभा को उजागर कर, कला के क्षेत्र में नया इतिहास रच रहे हैं। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा लगातार राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 700 से अधिक पुरस्कार प्राप्त किए हैं। हाल ही में यूथ-फेस्टिवल में संगीत विश्वविद्यालय द्वारा चौंपियनशिप ट्राफी प्राप्त किया है। इस विश्वविद्यालय को सभी कला साधकों एवं समुदाय के लिए एक तीर्थस्थल के रूप में स्थापित किया गया है, जहाँ परंपरा एवं नवाचार साथ-साथ प्रगति कर रहें हैं। विश्वविद्यालय के शैक्षणिक सत्र 2025-26 के प्रवेश हेतु विश्वविद्यालय की अधिकारिक वेबसाईट www.iksv.ac.in पर विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
लापरवाही और अनियमितता के मामले में शासन ने की कार्रवाई
महासमुंद : छत्तीसगढ़ शासन ने शासकीय कार्य में अनियमितता, तय दर से अधिक मूल्य पर मदिरा विक्रय, स्टॉक में गंभीर कमी और बिक्री राशि में लाखों रुपये की गड़बड़ी के मद्देनज़र महासमुंद जिले के प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी श्री निधीश कुमार कोष्टी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के तहत की गई है। निलंबन अवधि में श्री कोष्टी का मुख्यालय आबकारी आयुक्त कार्यालय, नवा रायपुर अटल नगर में निर्धारित किया गया है।
गौरतलब है कि 29 मई 2025 को आबकारी विभाग मुख्यालय रायपुर के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा महासमुंद जिले के घोड़ारी स्थित कम्पोजिट मदिरा दुकान का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण से पूर्व एक छद्म ग्राहक को 500-500 रूपए की कुल 4 नोट यानि कुल 2000 रूपए देकर मदिरा खरीदने भेजा गया। निर्धारित मूल्य 1760 रूपए के स्थान पर विक्रयकर्ता द्वारा 2000 रूपए में मदिरा बेचा गया। पूछताछ में विक्रयकर्ता ने अधिक मूल्य पर विक्रय की बात स्वीकार की। स्टॉक के भौतिक सत्यापन में 1886 नग देशी मदिरा मसाला की कमी और एक लाख 88 हजार रूपए की आर्थिक गड़बड़ी पाई गई। वहीं, बिक्री राशि की तुलना में नगदी में 3 लाख 8 हजार रूपए और विदेशी मदिरा में एक लाख 99 हजार रूपए की कमी पकड़ में आई। इस प्रकार कुल 6 लाख 96 हजार रूपए की वित्तीय अनियमितता का मामला पकड़ में आया। उपरोक्त अनियमितताओं को देखते हुए राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम के तहत प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी महासमुंद को तत्काल प्रभाव से निलंबित किए जाने की कार्रवाई की गई है।
आबकारी आयुक्त ने बताया कि इससे पूर्व में 3 मई 2025 को राज्य स्तरीय उड़नदस्ता द्वारा बागबाहरा (महासमुंद) में उड़ीसा निर्मित और केवल उड़ीसा में वैध 351.17 बल्क लीटर अवैध मदिरा जब्त की गई थी, जिसमें तीन प्रकरण दर्ज हुए और फरार आरोपी के विरुद्ध आबकारी अधिनियम की धाराओं 34(2) और 59(क) के तहत कार्यवाही की गई। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है, प्रदेश में शासकीय जिम्मेदारियों के निर्वहन में किसी भी प्रकार की लापरवाही, भ्रष्टाचार या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। महासमुंद में की गई यह कार्रवाई, सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का प्रमाण है।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
प्लास्टिक मुक्त बलरामपुर बनाने दिलाया शपथ
पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय रूप से निभाएं भागीदारी: मंत्री श्री नेतामबलरामपुर : विश्व पर्यावरण दिवस पर आदिम जाति विकास, अनुसूचित जाति विकास, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास तथा कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम लाईवलीहुड कॉलेज परिसर (भेलवाडीह) बलरामपुर में आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कॉलेज परिसर में एक पेड़ मां के नाम 2.0 के तहत अपनी मां के नाम रुद्राक्ष का पौधा रोपण किया। इस दौरान उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने भी अपनी मां के नाम विभिन्न पौधों का रोपण किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरणीय असंतुलन के कारणों और प्रभावों के प्रति जागरूकता लाना, वृक्षारोपण के महत्व को समझाना और उसे बढ़ावा देना है।
इस दौरान पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य श्री कृष्णा गुप्ता, पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती पुष्पा नेताम, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री धीरज सिंहदेव, कलेक्टर श्री राजेन्द्र कटारा, पुलिस अधीक्षक श्री बैंकर वैभव रमनलाल, वनमण्डलाधिकारी श्री आलोक वाजपेयी, नगरपालिका अध्यक्ष श्री लोधीराम एक्का, उपाध्यक्ष श्री दिलीप सोनी, जनपद अध्यक्ष सुश्री सुमित्रा चेरवा, जिला रेडक्रॉस सोसायटी अध्यक्ष श्री ओमप्रकाश जायसवाल पुलिस अधीक्षक श्री बैंकर वैभव रमनलाल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण मौजूद रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि श्री नेताम के द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पर्यावरणीय संकटों और उनके समाधान पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने वृक्षारोपण के महत्व को समझाते हुए सभी उपस्थित जनों से अधिक से अधिक पेड़ लगाने की अपील की और स्थानीय समुदायों को पर्यावरणीय संरक्षण में सक्रिय रूप से भागीदारी के लिए प्रेरित किया।विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मंत्री श्री नेताम ने उपस्थित जनों को प्लास्टिक मुक्त बलरामपुर, सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त बनाने शपथ दिलाया। उन्होंने अपने कार्यालय परिसर मे किसी भी प्रकार के सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग न करने हेतु आस-पास के लोगों को प्रोत्साहित करने, कागज या अन्य पर्यावरण अनुकूल विकल्पों का ही उपयोग करने, प्लास्टिक के स्थान पर कपड़े के थैले, स्टील या मिट्टी के बर्तन और रीयूजेबल सामग्रियों को अपनाने, प्लास्टिक के उपयोग से होने वाले पर्यावरणीय दुष्प्रभावों के प्रति जागरुक करने तथा उन्हें प्लास्टिक का उपयोग न करने हेतु प्रेरित करने की शपथ दिलाई।
कलेक्टर श्री राजेन्द्र कटारा ने कहा कि आप सभी एक पेड़ अपनी मां के नाम पर लगाकर पर्यावरण का संरक्षण करें। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के असंतुलन होने से जलवायु में परिवर्तन होता है साथ ही साथ तापमान में भी वृद्धि होता है, जिससे जीव-जंतु सभी प्रभावित होते हैं। इसलिए हमें पर्यावरण के संतुलन के लिए पेड़ लगाना आवश्यक है।उन्होंने उपस्थित लोगों को अधिक से अधिक पौधे लगाने को कहा। वनमण्डलाधिकारी श्री आलोक कुमार वाजपेयी ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर सभी रेंज में फलदार पौधे लगाया जाएगा। उन्होंने पर्यावरण के संतुलन के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाने की बात कही। इस दौरान अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम के दौरान मंत्री श्री नेताम ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना रथ को हरी झंडी दिखाई। साथ ही 20 किसानों को बीज का वितरण भी किया। इसके साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र के प्राकृतिक खेती एवं फसल प्रबंधन पुस्तक का विमोचन किया। गौरतलब है कि प्रत्येक वर्ष 05 जून को विश्व भर में पर्यावरण के नाकारात्मक प्रभावों को रोकने के उद्देश्य से विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष वनपरिक्षेत्र बलरामपुर, रामानुजगंज, चान्दो, राजपुर, शंकरगढ़, कुसमी, वाड्रफनगर, रघुनाथनगर और धमनी में 10,000 पौधा रोपण का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें फलदार पौधा मुनगा, अमरूद, जामून, कटहल, बेल, नीम इत्यादि व छायादार/शोभायमान पौधा गुलमोहर, बरगद, कदम, अशोक, पीपल इत्यादि का रोपण किया जाएगा।
मंत्री श्री नेताम ने हनुमान मंदिर परिसर में शेड निर्माण का किया भूमिपूजन
कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम चांदो चौक स्थित हनुमान मंदिर परिसर में भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में श्री नेताम के द्वारा हनुमान मंदिर परिसर में 29.74 लाख रुपये की लागत से बनने वाले शेड निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया गया।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
लोगों से “एक पेड़ मां के नाम” अभियान से जुड़ने की अपील
रायपुर : विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज कांकेर जिले के संबलपुर स्थित हाई स्कूल मैदान परिसर में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत बादाम का पौधा रोपित किया। यह कार्यक्रम राज्य में पर्यावरण संरक्षण को जनआंदोलन बनाने की दिशा में एक सशक्त पहल है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ कांकेर सांसद श्री भोजराज नाग, अंतागढ़ विधायक श्री विक्रमदेव उसेंडी, विधायक श्री आशाराम नेताम सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं आम नागरिकों ने भी उत्साहपूर्वक वृक्षारोपण किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि एक पेड़ मां के नाम अभियान केवल वृक्षारोपण तक सीमित नहीं है, यह माता के प्रति श्रद्धा, प्रकृति के प्रति कृतज्ञता और भावी पीढ़ियों के लिए सुरक्षित भविष्य की संकल्पना है। जब हम अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगाते हैं, तो उसमें भावनात्मक जुड़ाव आता है और हम उसकी देखभाल भी पूरे मन से करते हैं। उन्होंने आम नागरिकों से अपील की कि वे इस अभियान में सहभागी बनें और अपनी माता, आराध्य देवी-देव के नाम पर कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल छत्तीसगढ़ को हरित प्रदेश बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। एक पेड़ मां के नाम अभियान एक अभिनव पहल है, जिसका उद्देश्य पर्यावरणीय जागरूकता के साथ सामाजिक और भावनात्मक सरोकार को जोड़ना है।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
भानुप्रतापपुर और दुर्गकोंदल में गोंडवाना सामाजिक भवन के लिए 25-25 लाख रूपए की घोषणा
“एक पेड़ मां के नाम” अभियान में सहभागिता की अपीलरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज कांकेर जिले के संबलपुर हाई स्कूल कराठी में आयोजित दो दिवसीय बुढालपेन करसाड़ एवं मांदरी महोत्सव 2025 के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। यह महोत्सव क्षेत्र की पारंपरिक आदिवासी संस्कृति और परंपराओं को सहेजने का महत्वपूर्ण आयोजन है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर आदिवासी समाज के आराध्य देव बूढ़ादेव की पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने कहा कि यह उत्सव हमारे पूर्वजों की परंपरा और सांस्कृतिक विरासत का उत्सव है, जो नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का माध्यम है। मुख्यमंत्री ने आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि आज विश्व पर्यावरण दिवस भी है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए जा रहे “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के अंतर्गत उन्होंने सभी लोगों से अपनी माता के नाम पर एक पेड़ लगाने की अपील की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में भानुप्रतापपुर और दुर्गुकोंदल में गोंडवाना समाज के भवन निर्माण के लिए 25-25 लाख रुपये, गोंडवाना समाज के 12 परगना में शेड निर्माण के लिए 10-10 लाख रुपये, 5 सर्कल में शेड निर्माण के लिए 5-5 लाख रुपये, ग्राम पंचायत संबलपुर के भवन निर्माण की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख आवासों की स्वीकृति दी गई, जिनमें से 3 लाख लोगों को प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा गृह प्रवेश भी कराया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण हेतु महतारी वंदन योजना, मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना, तेंदूपत्ता बोनस योजना, सुशासन तिहार, धरती आबा ग्राम उत्कर्ष योजना, पीएम जनमन योजना तथा होम स्टे योजना जैसे अनेक नवाचारों को लागू किया गया है।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि गांवों में बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अब तक 1460 ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सेवा केंद्र (कॉमन सर्विस सेंटर) खोले जा चुके हैं। आगामी समय में हर पंचायत में अटल डिजिटल सेवा केंद्र प्रारंभ किए जाएंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने नीति आयोग द्वारा आकांक्षी विकासखंडों को प्रोत्साहन स्वरूप 75 लाख रुपये की राशि का चेक कलेक्टर श्री निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर को सौंपा। इस माके पर मुख्यमंत्री ने प्रतिभावान विद्यार्थियों को सम्मानित किया और मावा मोदोल मंथन योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के माध्यम से युवाओं की रुचि के अनुसार उन्हें रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने जिले के पांच टीबी मुक्त ग्राम पंचायतों को भी सम्मानित किया।
कार्यक्रम को कांकेर सांसद श्री भोजराज नाग, अंतागढ़ विधायक श्री विक्रमदेव उसेंडी, भानुप्रतापपुर विधायक श्रीमती सावित्री मंडावी और कांकेर विधायक श्री आशाराम नेताम ने भी संबोधित किया। सभी वक्ताओं ने इस आयोजन को आदिवासी संस्कृति को जीवित रखने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास बताया। महोत्सव में गोंडवाना समाज समन्वय समिति भानुप्रतापपुर के अध्यक्ष श्री हरीश चंद्र कावड़े की अध्यक्षता में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति हुई। पारंपरिक वेशभूषा में सजे युवक-युवतियों ने लोकनृत्य की शानदार प्रस्तुतियां दीं, जिससे पूरा परिसर उत्सव के रंग में रंग गया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती किरण नरेटी, मत्स्य कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री भरत मटियारा, पूर्व सांसद श्री मोहन मंडावी, पूर्व विधायक श्री देवलाल दुग्गा एवं श्रीमती सुमित्रा मारकोले, वरिष्ठ अधिकारीगण, बड़ी संख्या में ग्रामीणजन, जनप्रतिनिधिगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार की नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है: वन मंत्री श्री केदार कश्यप
पेड़ लगाना तो पहला कदम है, असल जिम्मेदारी उसकी देखरेख और संरक्षण करना है
बेमेतरा : विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आज स्वामी विवेकानंद स्टेडियम के पास एक पेड़ माँ के नाम वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप ने रुद्राक्ष का पौधा लगाकर इस अभियान की शुरुआत की। खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल ने चंदन का पौधा रोपित किया। इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक श्री दीपेश साहू, विधायक श्री ईश्वर साहू, अपर मुख्य सचिव वन श्रीमती ऋचा शर्मा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री वी श्रीनिवास राव सहित अन्य अतिथियों ने भी तकरीबन 200 पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। ’उन्होंने पीपल पेड़ की पूजा की।
वन मंत्री श्री केदार कश्यप और खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल ने जल-वन-जन: एक प्राकृतिक बंधन अभियान के अंतर्गत शहर के टाउन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की। उन्होंने मां सरस्वती और छत्तीसगढ़ महतारी के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने पुष्पगुच्छ भेंट कर अतिथियों का स्वागत किया और जिले में जल-वन-जन अभियान के तहत चल रहे जागरूकता कार्यक्रमों की जानकारी दी।
वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने अपने संबोधन में कहा कि “पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार की नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। जल, जंगल और जमीन को बचाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। पेड़ लगाना तो पहला कदम है, असल जिम्मेदारी उसकी देखरेख और संरक्षण करना है। हमारी संस्कृति में पेड़ों को पानी देना और उनकी सेवा करना पुरानी परंपरा है। यही परंपरा हमें निभानी होगी, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी भी स्वस्थ वातावरण में सांस ले सके।
’उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी मन की बात और अलग-अलग मंच से एक पेड़ माँ के नाम लगाने का आह्वान करते है। यह एक जन आंदोलन के रूप में उभरना चाहिए। हम सबको एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए और उसकी देख रेख भी करनी चाहिए।’
उन्होंने कहा कि जल संकट की गंभीरता को समझना जरूरी है। “आज पानी बिक रहा है, ये सोचने वाली बात है। हमें जल संरक्षण के लिए हर संभव उपाय करने होंगे। किसानों से आग्रह है कि धान की जगह कम पानी वाली फसलें अपनाएं, ताकि जल संकट पर काबू पाया जा सके।
वन मंत्री ने शिक्षा, जल संसाधन और कृषि विभाग के साथ अन्य। विभाग के अधिकारियों और कार्यक्रम में उपस्थित किसान, नागरिक, महिलाओं से भी कहा कि वे स्कूल परिसरों, तालाबों और पंचायत क्षेत्रों,घरों के आसपास में वृक्षारोपण करें और पौधों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि “हर व्यक्ति को पेड़ लगाने के साथ ही उन्हें बचाने की जिम्मेदारी लेनी होगी। पानी के संरक्षण में जनभागीदारी सबसे जरूरी है।खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल ने कहा कि “पूरा जिला जल संकट से जूझ रहा है। पेड़ लगाना और उनका संरक्षण करना आज की सबसे बड़ी जरूरत है। इसके साथ ही पानी की बचत और उसका महत्व समझना भी उतना ही आवश्यक है। अगर हम अब नहीं जागे तो भविष्य में गंभीर संकट झेलना पड़ेगा। खाद्य मंत्री ने कहा कि जल और वृक्ष हमारे जीवन का आधार हैं। इनके महत्व को समझते हुए हम सबको आगे आना होगा और हर स्तर पर इन्हें संरक्षित करने का काम करना होगा।
विधायक श्री दीपेश साहू ने कहा कि आज विश्व पर्यावरण दिवस के इस अवसर पर वृक्षारोपण कर हम प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वृक्ष न सिर्फ हमें शुद्ध वायु और छाया प्रदान करते हैं, बल्कि धरती को हराभरा और जीवंत भी बनाते हैं। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि पर्यावरण संरक्षण को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और अधिकाधिक पौधे लगाकर हरियाली को बढ़ावा दें।
विधायक श्री ईश्वर साहू ने वृक्षारोपण महज एक प्रतीकात्मक कार्य नहीं है, बल्कि यह भावी पीढ़ियों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण देने का हमारा संकल्प है। प्रत्येक पौधा हमारी धरती का अभिन्न अंग है। इस पुनीत कार्य को एक जन आंदोलन बनाएं और धरती को फिर से हरा-भरा बनाएं।
कार्यक्रम के अंत में फलदार और छायादार पौधों का वितरण किया गया और उन्हें संरक्षित करने की अपील की गई। इस दौरान सभी अतिथियों ने पर्यावरण की रक्षा और जल संकट के समाधान के लिए सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया। जल संरक्षण की शपथ दिलाई।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू, वनमंडलाधिकारी दुर्ग दीपेश कपिल, एसडीओ वन एच,वी दुबे,रेंजर माधुरी तिवारी, पूर्व विधायक श्री अवधेश चंदेल, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ रजकर बोर्ड श्री प्रहलाद राजकर, नगर पालिका अध्यक्ष श्री विजय सिन्हा, अध्यक्ष जनपद श्रीमती हेमा दिवाकर, अजय साहू, श्री राजेन्द्र शर्मा, सहित जनप्रतिनिधि किसान गणमान्य नागरिक अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार की नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है: वन मंत्री श्री केदार कश्यप
पेड़ लगाना तो पहला कदम है, असल जिम्मेदारी उसकी देखरेख और संरक्षण करना है
बेमेतरा : विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आज स्वामी विवेकानंद स्टेडियम के पास एक पेड़ माँ के नाम वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप ने रुद्राक्ष का पौधा लगाकर इस अभियान की शुरुआत की। खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल ने चंदन का पौधा रोपित किया। इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक श्री दीपेश साहू, विधायक श्री ईश्वर साहू, अपर मुख्य सचिव वन श्रीमती ऋचा शर्मा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री वी श्रीनिवास राव सहित अन्य अतिथियों ने भी तकरीबन 200 पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। ’उन्होंने पीपल पेड़ की पूजा की।
वन मंत्री श्री केदार कश्यप और खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल ने जल-वन-जन: एक प्राकृतिक बंधन अभियान के अंतर्गत शहर के टाउन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की। उन्होंने मां सरस्वती और छत्तीसगढ़ महतारी के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने पुष्पगुच्छ भेंट कर अतिथियों का स्वागत किया और जिले में जल-वन-जन अभियान के तहत चल रहे जागरूकता कार्यक्रमों की जानकारी दी।
वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने अपने संबोधन में कहा कि “पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार की नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। जल, जंगल और जमीन को बचाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। पेड़ लगाना तो पहला कदम है, असल जिम्मेदारी उसकी देखरेख और संरक्षण करना है। हमारी संस्कृति में पेड़ों को पानी देना और उनकी सेवा करना पुरानी परंपरा है। यही परंपरा हमें निभानी होगी, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी भी स्वस्थ वातावरण में सांस ले सके।
’उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी मन की बात और अलग-अलग मंच से एक पेड़ माँ के नाम लगाने का आह्वान करते है। यह एक जन आंदोलन के रूप में उभरना चाहिए। हम सबको एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए और उसकी देख रेख भी करनी चाहिए।’
उन्होंने कहा कि जल संकट की गंभीरता को समझना जरूरी है। “आज पानी बिक रहा है, ये सोचने वाली बात है। हमें जल संरक्षण के लिए हर संभव उपाय करने होंगे। किसानों से आग्रह है कि धान की जगह कम पानी वाली फसलें अपनाएं, ताकि जल संकट पर काबू पाया जा सके।
वन मंत्री ने शिक्षा, जल संसाधन और कृषि विभाग के साथ अन्य। विभाग के अधिकारियों और कार्यक्रम में उपस्थित किसान, नागरिक, महिलाओं से भी कहा कि वे स्कूल परिसरों, तालाबों और पंचायत क्षेत्रों,घरों के आसपास में वृक्षारोपण करें और पौधों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि “हर व्यक्ति को पेड़ लगाने के साथ ही उन्हें बचाने की जिम्मेदारी लेनी होगी। पानी के संरक्षण में जनभागीदारी सबसे जरूरी है।खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल ने कहा कि “पूरा जिला जल संकट से जूझ रहा है। पेड़ लगाना और उनका संरक्षण करना आज की सबसे बड़ी जरूरत है। इसके साथ ही पानी की बचत और उसका महत्व समझना भी उतना ही आवश्यक है। अगर हम अब नहीं जागे तो भविष्य में गंभीर संकट झेलना पड़ेगा। खाद्य मंत्री ने कहा कि जल और वृक्ष हमारे जीवन का आधार हैं। इनके महत्व को समझते हुए हम सबको आगे आना होगा और हर स्तर पर इन्हें संरक्षित करने का काम करना होगा।
विधायक श्री दीपेश साहू ने कहा कि आज विश्व पर्यावरण दिवस के इस अवसर पर वृक्षारोपण कर हम प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वृक्ष न सिर्फ हमें शुद्ध वायु और छाया प्रदान करते हैं, बल्कि धरती को हराभरा और जीवंत भी बनाते हैं। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि पर्यावरण संरक्षण को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और अधिकाधिक पौधे लगाकर हरियाली को बढ़ावा दें।
विधायक श्री ईश्वर साहू ने वृक्षारोपण महज एक प्रतीकात्मक कार्य नहीं है, बल्कि यह भावी पीढ़ियों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण देने का हमारा संकल्प है। प्रत्येक पौधा हमारी धरती का अभिन्न अंग है। इस पुनीत कार्य को एक जन आंदोलन बनाएं और धरती को फिर से हरा-भरा बनाएं।
कार्यक्रम के अंत में फलदार और छायादार पौधों का वितरण किया गया और उन्हें संरक्षित करने की अपील की गई। इस दौरान सभी अतिथियों ने पर्यावरण की रक्षा और जल संकट के समाधान के लिए सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया। जल संरक्षण की शपथ दिलाई।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू, वनमंडलाधिकारी दुर्ग दीपेश कपिल, एसडीओ वन एच,वी दुबे,रेंजर माधुरी तिवारी, पूर्व विधायक श्री अवधेश चंदेल, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ रजकर बोर्ड श्री प्रहलाद राजकर, नगर पालिका अध्यक्ष श्री विजय सिन्हा, अध्यक्ष जनपद श्रीमती हेमा दिवाकर, अजय साहू, श्री राजेन्द्र शर्मा, सहित जनप्रतिनिधि किसान गणमान्य नागरिक अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बेमेतरा : विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत प्लास्टिक कचरे के सुरक्षित निपटान की दिशा में एक उल्लेखनीय पहल की गई। विकासखंड बेरला के कुसमी स्थित प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट में मां गौरी स्वयं सहायता समूह द्वारा एकत्रित 5.4 क्विंटल प्लास्टिक कचरे का विक्रय किया गया, जिससे समूह को 10,220 की आय प्राप्त हुई।
यह प्लास्टिक कचरा गांवों में कार्यरत स्वच्छता दीदियों द्वारा घर-घर से एकत्रित कर यूनिट तक पहुँचाया गया। इसका उद्देश्य गांवों में प्लास्टिक प्रदूषण को नियंत्रित कर पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखना है। एकत्रित कचरे को सेग्रीगेट (छंटाई) कर एवं बंडलिंग के पश्चात पंजीकृत रीसाइकलर्स को बेचा गया, जिससे यह कचरा पुनर्चक्रण की प्रक्रिया में लाया जा सका। इस संपूर्ण प्रक्रिया का संचालन कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री टेकचंद अग्रवाल के मार्गदर्शन में किया गया। उनके नेतृत्व में जिले में गांव-स्तर पर ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन हेतु स्थायी ढांचे विकसित किए जा रहे हैं। कुसमी में स्थापित यह प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक आदर्श उदाहरण बनकर उभरी है।
इस पहल ने जहां पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया, वहीं महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मां गौरी स्वयं सहायता समूह की इस सफलता से प्रेरित होकर अन्य समूहों को भी इस दिशा में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिला प्रशासन का यह प्रयास न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सार्थक कदम है, बल्कि स्वच्छता दीदियों की भूमिका को भी नई पहचान दे रहा है।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बेमेतरा : राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली व छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा संचालित ’’स्टेट प्लान ऑफ एक्शन कैलेंडर 2025’’ के अनुसार माह जून 2025 विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर अध्यक्ष/प्रधान जिला न्यायाधीश श्री बृजेन्द्र कुमार शास्त्री के मार्गदर्शन में व श्रीमती निधि शर्मा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बेमेतरा के निर्देशन में तथा श्री मो. जहाँगीर तिगाला व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ श्रेणी, श्रीमती अनिता कोशिमा रावटे व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ श्रेणी की उपस्थिति में न्यायाधीश आवासीय परिसर बेमेतरा में पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उक्त दिवस पर सचिव महोदया ने उपस्थित सभी नागरिकों और अधिकारी, कर्मचारी को पर्यावरण संरक्षण के बारे में बताते हुए कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा करना हमारा महत्वपूर्ण कर्तव्य है तथा अपने आस-पास के वातावरण को, आज के दिवस पर लगाये गये सभी पौधों की सुरक्षा एवं संवर्धन करने हेतु प्रोत्साहित किया गया। उक्त दिवस पर सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जिला जेल बेमेतरा परिसर में जेल अधिकारियों के साथ पौधारोपण किया गया। साथ ही तालुका विधिक सेवा समिति साजा के अध्यक्ष श्रीमान विवेक केरकेट्टा व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ श्रेणी के द्वारा नव निमार्णाधीन नवीन व्यवहार न्यायालय परिसर साजा एवं न्यायालयीन कर्मचारी आवासीय परिसर साजा में पौधारोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस के बारे में उपस्थित लोगों को जानकारी दी गई। इसके अलावा कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बेमेतरा एवं कार्यालय लीगल एड डिफेंस के कौंसिल एवं कर्मचारियों व अधिकार मित्रों द्वारा कार्यालय परिसर में पौधारोपण किया गया। उक्त दिवस पर ग्राम लीगल एड क्लीनिक प्रतापपुर के अधिकार मित्र मार्तण्ड सिंह द्वारा ग्राम छिरहा एवं लीगल एड क्लीनिक कुसमी के अधिकार मित्र वर्षा गौतम के द्वारा एक्ता चौक बेमेतरा में पौधारोपण कर विधिक जागरूक्ता शिविर का आयोजन किया गया।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
जशपुरनगर: जिले के नवसंकल्प शिक्षण संस्थान के 10 छात्रों ने छत्तीसगढ़ राज्य पात्रता परीक्षा (SET 2024) में शानदार सफलता हासिल की है। यह परीक्षा उच्च शिक्षण संस्थानों में सहायक प्राध्यापक (Assistant Professor) पद के लिए आवश्यक होती है। जिले में संचालित इस संस्थान की सफलता से छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों में खुशी की लहर है। यह उपलब्धि जिला कलेक्टर रोहित व्यास और जिला पंचायत सीईओ अभिषेक कुमार के मार्गदर्शन में संभव हो पाई है। दोनों अधिकारियों के समर्थन से संचालित नवसंकल्प शिक्षण संस्थान आज छात्रों के सपनों को उड़ान दे रहा है।
छात्रों को मिला विषय विशेषज्ञों का मार्गदर्शन
संस्थान के प्राचार्य डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सभी सफल छात्र नवसंकल्प में चल रहे विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की बैचों से जुड़े हुए थे। उन्होंने बताया कि संस्थान से मिली नियमित क्लास, टेस्ट सीरीज और अनुभवी शिक्षकों के मार्गदर्शन से छात्रों को SET पास करने में बड़ी मदद मिली। गणित विषय में विशेष सफलता देखने को मिली है। यहां के विषय विशेषज्ञ मनीष गुप्ता ने छात्रों को व्यक्तिगत मार्गदर्शन देकर कठिन विषय को आसान बना दिया। छात्रों ने बताया कि नवसंकल्प से पढ़ाई करके पेपर-1 काफी सरल हो गया।
ये हैं सफल छात्र
निर्मला पैंकरा (जीव विज्ञान),रिंपा पैंकरा (हिन्दी),संध्या गुप्ता (हिन्दी),सोनालिका पैंकरा (कंप्यूटर विज्ञान),निलेश देव पैंकरा (बॉटनी),होता साय (गणित),अतुल साय (गणित),दीपक सरजाल (गणित),अभिषेक भगत (गणित),दीपक कुजूर (कॉमर्स) इन सभी ने SET परीक्षा पास कर ली है और अब ये PhD में प्रवेश के साथ ही सहायक प्राध्यापक के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र हो गए हैं।
शिक्षकों ने दी बधाई
छात्रों की इस उपलब्धि पर संस्थान के शिक्षक विनीत तिवारी, विवेक पाठक, शैलेश कोसले, और खुशबू द्विवेदी ने भी बधाई दी है और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
छात्रों की जुबानी नवसंकल्प ने दिया आत्मविश्वास
सफल छात्र कहते हैं कि नवसंकल्प संस्थान की पढ़ाई, नोट्स और मॉक टेस्ट ने उन्हें आत्मविश्वासी बनाया। खासकर, जब बाकी कोचिंग संस्थान सिर्फ गाइडलाइन देते हैं, वहां नवसंकल्प में पढ़ाई के साथ-साथ मानसिक तैयारी भी कराई जाती है।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
विश्व पर्यावरण दिवस पर हरियाली का लिया संकल्प
अंबिकापुर के राज मोहिनी देवी कन्या महाविद्यालय परिसर में किया वृक्षारोपण
रायपुर : कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम आज अंबिकापुर (सरगुजा) जिले के प्रवास के दौरान विश्व पर्यावरण दिवस पर आज स्थानीय राज मोहिनी देवी कन्या महाविद्यालय में आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने महाविद्यालय परिसर में वृक्षारोपण कर आम नागरिकों के साथ हरियाली का संकल्प लिया। मंत्री श्री नेताम ने कहा कि वृक्षारोपण प्रकृति संरक्षण की दिशा में एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि पेड़-पौधे न केवल धरती का श्रृंगार हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ पर्यावरण का उपहार भी हैं। उन्होंने लोगों को आह्वान करते हुए कहा कि आइए विश्व पर्यावरण दिवस पर हम सब एकजुट होकर हरियाली बढ़ाने और धरती को हरा-भरा बनाने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि आज का एक पौधा कल के भविष्य को सुरक्षित करता है। इस अवसर पर अंबिकापुर नगर निगम की महापौर श्रीमती मंजूषा भगत, वरिष्ठ समाजसेवी श्री भरत सिंह सिसोदिया सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थी।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सूरजपुर : महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी रजवाड़े के अथक प्रयासों के फलस्वरूप जिले में प्राथमिक कृषि साख समितियों के पुनर्गठन की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। यह कार्यवाही लंबे समय से लंबित मांग को देखते हुए की जा रही है। शासन द्वारा जारी योजना के अंतर्गत सूरजपुर जिले में 05 नवीन प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों दृ खोपा, करौटी-बी, केशवनगर, सिरसी एवं सावारावा दृ का गठन किया जा रहा है। यह पहल जिले के कृषकों के हित में एक बड़ा कदम है, जिससे निश्चित रूप से उन्हें कृषि से जुड़ी सेवाओं का लाभ अधिक सुगमता से प्राप्त हो सकेगा। इन समितियों के गठन से कृषक सदस्यों को खाद-बीज प्राप्त करने और धान विक्रय करने में सुविधा होगी तथा उन्हें लंबी दूरी तय करने से राहत मिलेगी। अनुमानतः इन समितियों के माध्यम से लगभग 4650 कृषक लाभान्वित होंगे।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा लोक हित में कृषि विकास कार्यक्रमों के समुचित क्रियान्वयन हेतु वर्ष 2025 के लिए प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के पुनर्गठन की योजना जारी की गई है, जिसका प्रकाशन 03 अप्रैल 2025 को छत्तीसगढ़ राजपत्र में किया गया है।जिले में वर्तमान में कुल 47 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां कार्यरत हैं। वर्ष 2024-25 के खरीफ सीजन में इन समितियों के माध्यम से 78.35 करोड़ रुपये नगद एवं 42.72 करोड़ रुपये मूल्य का वस्तु ऋण शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कृषकों को उपलब्ध कराया गया। इससे खरीफ सीजन में 36304 एवं रबी सीजन में 5266 कृषक लाभान्वित हुए।खरीफ सीजन 2025-26 के केवल दो माह में ही अब तक 13.36 करोड़ रुपये नगद एवं 9.08 करोड़ रुपये का अल्पकालीन कृषि ऋण वितरित किया गया है, जिससे जिले के 7963 कृषक लाभान्वित हुए हैं।इसके अतिरिक्त न्यूनतम समर्थन मूल्य पर जिले में 47 समितियों एवं 07 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में कुल 397204.48 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई, जिससे 59052 कृषकों को सीधा लाभ प्राप्त हुआ।