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मुख्यमंत्री से मिले सैन्य अधिकारी, छत्तीसगढ़ यात्रा को बताया अविस्मरणीय
नक्सल उन्मूलन से स्मार्ट सिटी तक अधिकारियों ने जाना छत्तीसगढ़ के विकास का सफर
छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत और जनकल्याणकारी योजनाओं से प्रभावित हुए अधिकारी
रायपुर : छत्तीसगढ़ बहुत सुंदर प्रदेश है और नैसर्गिक सुंदरता, सांस्कृतिक धरोहर और समृद्ध जैव विविधता इसे खास पहचान देती है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज उनके निवास कार्यालय में नेशनल डिफेंस कॉलेज से आए 18 सैन्य और सिविल सर्विस के अधिकारियों के दल ने छत्तीसगढ़ भ्रमण उपरांत उनसे मुलाकात कर अपने अनुभवों को साझा करते हुए यह बातें कही। मुख्यमंत्री ने उत्सुकता के साथ सभी सैन्य अधिकारियों से उनके छत्तीसगढ़ भ्रमण को लेकर चर्चा की।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सभी अधिकारियों का आत्मीय स्वागत करते हुए प्रदेश की भौगोलिक विशेषताओं, सांस्कृतिक धरोहर और विकास यात्रा पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ केवल भौगोलिक रूप से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से भी अद्वितीय है। प्रदेश का 44 प्रतिशत भूभाग वनाच्छादित है, और आदिवासी समुदायों की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा हमारी धरोहर का अभिन्न अंग हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ का सौंदर्य अनुपम है। आपने जो यात्रा की है, वह सिर्फ प्राकृतिक दृश्यों का अनुभव नहीं, बल्कि एक जीवंत संस्कृति और इतिहास से जुड़ा हुआ सफर भी है। यह अनुभव सदैव आपकी स्मृतियों में अंकित रहेगा।
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन को लेकर किए जा रहे प्रयासों पर विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि नक्सल उन्मूलन की दिशा में छत्तीसगढ़ ने उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। हम न केवल सुरक्षा दृष्टिकोण से बल्कि शिक्षा, बुनियादी ढांचे और आर्थिक अवसरों के माध्यम से भी इस समस्या का समाधान कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ में हमने औद्योगिक और शहरी विकास के साथ-साथ ग्रामीण एवं आदिवासी समुदायों के उत्थान पर भी समान रूप से ध्यान दिया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार का प्रयास है कि छत्तीसगढ़ आत्मनिर्भरता, नवाचार और उत्कृष्ट शासन प्रणाली का उदाहरण बने। आपका यह भ्रमण हमारे प्रयासों को एक राष्ट्रीय और वैश्विक दृष्टिकोण से देखने का अवसर प्रदान करता है।
नेशनल डिफेंस कॉलेज के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्होंने अपने प्रवास के दौरान आईआईएम रायपुर, इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर, ग्रीन फील्ड सिटी और स्मार्ट सिटी परियोजनाओं का अवलोकन किया। इसके अलावा उन्होंने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से कानून व्यवस्था और नक्सल उन्मूलन अभियान के संबंध में चर्चा की। अधिकारियों ने सिरपुर, एजुकेशन सिटी दंतेवाड़ा, कांकेर वुड आर्ट सेंटर, जंगल वारफेयर कॉलेज, कोंडागांव के टाटामारी और शिल्पग्राम, बादल एकेडमी और चित्रकोट जलप्रपात का भ्रमण किया।
दल का नेतृत्व कर रहे एडमिरल संदीप सिंह संधु ने बताया कि नेशनल डिफेंस कॉलेज के द्वारा प्रति वर्ष एक वर्षीय कोर्स संचालित किया जाता है, जिसमें सेना, सिविल सेवा और अंतरराष्ट्रीय रक्षा अधिकारियों को रणनीतिक विषयों पर प्रशिक्षित किया जाता है। इस वर्ष 124 अधिकारी इस कोर्स में शामिल हैं, जिनमें 13 भारतीय और 5 अन्य देशों के अधिकारी छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक एवं प्रशासनिक ढांचे को समझने के लिए भ्रमण पर आए है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री विवेकानंद झा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, श्री पी. दयानंद और डॉ. बसवराजू एस उपस्थित रहे। नेशनल डिफेंस कॉलेज के अधिकारियों में ब्रिगेडियर अमितोज सिंह, श्री संदीप कुमार मिश्रा, कोमोडोर कार्तिक मूर्ति, ब्रिगेडियर अनिरुद्ध सिंह कंवर, एयर कोमोडोर शेखर यादव, ब्रिगेडियर गुरप्रीत सिंह मान, ब्रिगेडियर रजनीश मोहन, कैप्टन एम. व्ही. ओरपे सहित श्रीलंका, मोरक्को, नाइजीरिया, नेपाल और यूएई के अधिकारी शामिल थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर: मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से आज उनके निवास कार्यालय में नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक श्री अरुण देव गौतम ने सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने श्री गौतम को नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं देते हुए प्रदेश में कानून-व्यवस्था, अपराध नियंत्रण, नागरिक सुरक्षा और पुलिस प्रशासन को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए। उन्होंने आधुनिक तकनीकों के समुचित उपयोग, जनसहभागिता और अनुशासित पुलिसिंग के माध्यम से प्रदेश में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ किए जाने पर बल दिया।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
डोंगरगढ़ के प्रज्ञागिरी में 32वां अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन आयोजित
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि वर्तमान समय में, जब संपूर्ण विश्व आपसी भौतिक प्रतिस्पर्धा से जूझ रहा है, ऐसे में भगवान बुद्ध के शांति और करुणा के संदेश पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हो गए हैं। मानवता के उत्थान और शांति के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए बुद्ध के दिखाए रास्ते का अनुसरण करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी बुद्ध के संदेशों का व्यापक प्रभाव देखने को मिलता है, जिसके कारण यहाँ सभी धर्मों के लोग आपसी सौहार्द, भाईचारे और समरसता के साथ जीवन यापन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय आज डोंगरगढ़ के प्रसिद्ध प्रज्ञागिरी तीर्थ स्थल में आयोजित 32वें अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस आयोजन में देश-विदेश से आए बौद्ध भिक्षु, विद्वान एवं अनुयायी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ धार्मिक समरसता का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है। प्रदेश के प्राचीन बौद्ध स्थलों में सिरपुर का विशेष महत्व है, जहाँ बौद्ध धर्म की ऐतिहासिक विरासत आज भी संरक्षित है। इसी प्रकार, उत्तरी छत्तीसगढ़ के मैनपाट क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं, और यह क्षेत्र अब एक प्रमुख बौद्ध पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें पर्यटन भी एक महत्वपूर्ण घटक है। राज्य की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विविधता इसे पर्यटन के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनाती है। प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ को एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए सतत प्रयासरत है। इस दिशा में, भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की प्रसाद योजना के तहत भी इस क्षेत्र को शामिल किया गया है, जिससे यहाँ पर्यटन सुविधाओं का व्यापक विकास हो रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन में देश-विदेश से पधारे बौद्ध भिक्षुओं, विद्वानों एवं अनुयायियों का हृदय से स्वागत करते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर राजनांदगांव लोकसभा सांसद श्री संतोष पाण्डेय एवं प्रज्ञागिरी ट्रस्ट समिति के अध्यक्ष श्री विनोद खाण्डेकर ने भी सभा को संबोधित किया। कार्यक्रम में प्रज्ञागिरी ट्रस्ट समिति के सचिव श्री शैलेन्द्र डोंगरे, कोषाध्यक्ष श्री सुरेश कुमार सहारे एवं बड़ी संख्या में बौद्ध धर्म के अनुयायी उपस्थित रहे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री की जन्म तिथि वाली 21 नंबर जर्सी भेंट कर किया आमंत्रित
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज यहां उनके निवास कार्यालय में लीजेन्ड 90 क्रिकेट लीग को लेकर आयोजन समिति के सदस्यों ने सौजन्य भेंट की और उन्हें प्रतियोगिता में आमंत्रित किया। नवा रायपुर के शहीद वीर नारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में 6 फरवरी से 18 फरवरी तक लीजेन्ड 90 क्रिकेट लीग का आयोजन होगा। इस अवसर पर लीजेन्ड 90 के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री तरुणेश सिंह परिहार ने मुख्यमंत्री श्री साय को छत्तीसगढ़ वॉरियर्स टीम की 21 नंबर की विशेष जर्सी भेंट की। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री साय की जन्म तिथि 21 फरवरी है, इसको ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ वॉरियर्स टीम 21 नंबर की यह विशेष जर्सी भेंट की गई है।
लीजेन्ड 90 क्रिकेट लीग का आयोजन इस वर्ष भारत में पहली बार किया जा रहा है। 06 फरवरी से 18 फरवरी 2025 तक शहीद वीर नारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, रायपुर में यह टूर्नामेंट खेला जाएगा। यह लीग अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित प्रतियोगिता है, जिसका आयोजन पूर्व में श्रीलंका सहित विभिन्न देशों में हो चुका है।इस भव्य प्रतियोगिता में क्रिस गेल, डेविड वॉर्नर, हरभजन सिंह, शिखर धवन, युवराज सिंह, सुरेश रैना, मैथ्यू वेड, मोइन अली, आरोन फिंच, तिसारा परेरा, रॉबिन उथप्पा, दिनेश कार्तिक, शॉन मार्श, मार्टिन गप्टिल, केदार जाधव, बेन डंक, शाकिब अल हसन और डेनियल क्रिश्चियन जैसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के दिग्गज खिलाड़ी शामिल हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान लीजेन्ड 90 के सीईओ श्री तरुणेश सिंह परिहार ने प्रतियोगिता की विस्तृत जानकारी दी और छत्तीसगढ़ में इस ऐतिहासिक आयोजन के महत्व को रेखांकित किया। इस अवसर पर श्री बलविंदर सिंह, श्री राहुल भदौरिया (संचालक स्पोर्ट्स मिंट), श्री सदन घोष (संचालक यारों), श्री गौरव बत्रा और श्री राजीव सोनी भी उपस्थित रहे। इस अंतरराष्ट्रीय लीग के आयोजन से छत्तीसगढ़ के क्रिकेट प्रेमियों को दुनिया के शीर्ष क्रिकेटरों को अपने प्रदेश में खेलते देखने का शानदार अवसर मिलेगा। साथ ही, यह आयोजन राज्य में क्रिकेट के विकास को भी नई दिशा प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री की क्रिकेट प्रेमियों से अपील
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने क्रिकेट प्रेमियों से लीजेंड 90 क्रिकेट लीग के आयोजन में पहुंचकर खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करने की अपील की है। रायपुर में आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट लीग में देश-विदेश के नामचीन क्रिकेट खिलाड़ी हिस्सा लेने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में खेल अधोसंरचना को बेहतर करने के लिए अनेक निर्णय लिए हैं। ओलंपिक पदक विजेताओं को पुरस्कृत करने का निर्णय लिया है। बस्तर में हमने बस्तर ओलंपिक का आयोजन किया, जिसमें एक लाख 65 हजार लोगों ने हिस्सा लिया। छत्तीसगढ़ में क्रिकेट संबंधी अधोसंरचना को बढ़ाने के लिए भी हम प्रतिबद्ध हैं। शहीद वीर नारायण सिंह इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में भविष्य में भी क्रिकेट के रोमांचक मैच लगातार देखने मिलेंगे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से आज मंत्रालय में छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा ने सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री श्री साय ने सेवानिवृत्ति के अवसर पर श्री जुनेजा को शुभकामनाएं दीं और उनकी दीर्घकालिक सेवा की सराहना करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि श्री अशोक जुनेजा ने अपनी दीर्घ सेवाअवधि के दौरान पुलिस बल को अधिक सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री अमित कुमार और मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने 4 फरवरी को नर्मदा जयंती के पावन अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। इस अवसर पर उन्होंने मां नर्मदा के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए कहा कि मां नर्मदा का आशीर्वाद समस्त जीवों के कल्याण के लिए है।नर्मदा नदी केवल जलधारा नहीं, बल्कि आस्था, संस्कृति और समृद्धि की प्रतीक है। मां नर्मदा की निर्मल धारा जीवनदायिनी है और हमें जल संरक्षण का संदेश देती है। इस पावन पर्व पर हम सभी संकल्प लें कि जल संसाधनों के संरक्षण और पर्यावरण की रक्षा के लिए सतत प्रयास करेंगे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
जागरूकता, समय पर जांच और सही उपचार ही कैंसर से बचाव का मंत्र - मुख्यमंत्री श्री साय
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के प्रति जागरूक रहने और समय पर जांच व उपचार कराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह दिन हमें कैंसर की रोकथाम, शीघ्र पहचान और प्रभावी इलाज के प्रति जनमानस को जागरूक करने का अवसर प्रदान करता है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार कैंसर की रोकथाम और उपचार के लिए प्रतिबद्ध है। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। शासकीय अस्पतालों में कैंसर की जांच और उपचार की सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है, जिससे मरीजों को सुलभ और किफायती इलाज मिल सके।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जागरूकता, नियमित जांच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर कैंसर से बचा जा सकता है। मुख्यमंत्री ने नागरिकों से अस्वस्थ जीवनशैली और खानपान से दूर रहकर स्वस्थ जीवन शैली को अपनाने की अपील की और कहा कि स्वस्थ जीवनशैली ही दीर्घायु और निरोगी जीवन का आधार है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
श्रीकोट आश्रम में गुरुमाता पूर्णिमा जी के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री
रायपुर : यह हम सभी के लिए अत्यधिक गौरव का विषय है कि हम इस पवित्र स्थल पर एकत्रित होकर परम पूज्य संत गहिरा गुरु जी और माता पूर्णिमा जी के योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि माता पूर्णिमा जी का जीवन पूरी तरह से त्याग, तपस्या और समाज सेवा की अद्वितीय मिसाल प्रस्तुत करता है। उनका विग्रह समाज के कल्याण के प्रति उनके अडिग समर्पण का प्रतीक है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज श्रीकोट आश्रम बलरामपुर में परम पूज्य संत गहिरा गुरु की धर्मपत्नी पूर्णिमा जी के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा के विशेष अवसर पर यह बात कही।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि संत गहिरा गुरु जी ने गृहस्थ जीवन में रहते हुए भी समाज की सेवा का सर्वोत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने दीन-हीन और असहायों की सेवा को अपना परम धर्म माना और सत्य, शांति, दया और क्षमा के सिद्धांतों को धर्म के अमूल्य स्तंभ के रूप में स्थापित किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने संत गहिरा गुरु जी द्वारा आदिवासी समुदायों के उत्थान में दिए गए अतुलनीय योगदान की सराहना की। मुख्यमंत्री ने क्षेत्रवासियों को इस पावन अवसर पर शुभकामनाएं दी और उन्हें आह्वान किया कि वे माता पूर्णिमा जी और संत गहिरा गुरु जी की शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारते हुए समाज को एक नई दिशा देने हेतु मनोयोग से जुट जाएं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यहां आने पर मुझे माता के विग्रह के दर्शन सौभाग्य मिला, उनका सजीव और मनोरम विग्रह देखकर ऐसा लगा मानो किस क्षण वह बोल उठे। श्री साय ने गहिरा गुरु जी का स्मरण करते हुए कहा कि गहिरा गुरु जी आदिवासी समाज के बड़े संत हुए, जिनके उपदेशों और कथनों के जरिए पूरे समाज ने सत्य सनातन धर्म का महत्त्व जाना। उन्होंने कहा कि विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में विकास से पिछड़े हुए आदिवासी समुदाय के जीवन में गहिरा गुरु महाराज के उपदेशों से आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक सुधार आया। श्री साय ने कहा कि मेरा सौभाग्य रहा कि गहिरा गुरु समाज का आशीर्वाद मुझे मिलता रहा। रायगढ़ के सांसद रहते गहिरा गुरु महाराज के जन्म ग्राम को गोद लेकर उसका विकास करने का सौभाग्य मिला। आज उनके आदर्शों को आत्मसात कर समाज आगे बढ़ रहा है। जगह-जगह संस्कृत महाविद्यालय खुल रहे हैं और आदिवासी समाज लगातार आगे बढ़ रहा है। समारोह में बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
किसान,युवा,महिला के साथ मध्यम वर्ग और श्रमिक वर्गों के उत्थान के लिए यह बजट ऐतिहासिक
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज संसद में पेश केंद्रीय बजट 2025-26 पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस बजट से मोदी जी का वह वचन फिर से पूरा हुआ है कि जिन्हें कोई नहीं पूछता, उन्हे मोदी जी पूजते हैं। समाज के मध्यम वर्ग और श्रमिक वर्गों के उत्थान के लिए यह बजट ऐतिहासिक और क्रांतिकारी होगा। यह भारत के सुनहरे भविष्य का दस्तावेज है। स्वतंत्र भारत के इतिहास के चंद ऐतिहासिक बजटों में से यह एक है।
श्री साय ने कहा कि जो प्रावधान इस बजट में किए गए हैं वो केवल प्रधानमंत्री श्री मोदी ही कर सकते हैं। इस बजट ने सिद्ध कर दिया है कि आने वाला समय भारत का है और भारत का स्वर्णिम युवा युग शुरू हो गया है। भारत अब विश्व का नेतृत्व करेगा यह तय हो गया है। आज पेश हुआ यह बजट एक ऐतिहासिक बजट है, जिसे भारत देश में हमेशा याद रखा जाएगा। देश के टैक्स पेयर और मध्यम वर्ग का सम्मान करते हुए मोदी सरकार ने एक ऐसा निर्णय लिया है जिसकी कल्पना भी लोगों को नहीं थी, पूर्व की सरकार में जहां 2 लाख रुपए की आय पर टैक्स लगता था, मोदी जी की सरकार में 12 लाख रुपए तक कोई टैक्स नहीं लगेगा।
किसानों के संबंध में प्रावधान -
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मोदी सरकार ने इस बजट में किसानों के उत्थान के लिए दूरगामी नीतियाँ बनाई हैं। इस बजट में कृषि की उत्पादकता बढ़ाने, दालों के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने, किसानों के लिए यूरिया फैक्ट्री लगाने और किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख करने के निर्णय किसानों की तरक्की के लिए मील का पत्थर साबित होंगे।
व्यापार उद्योग एवं रोजगार -
देश के व्यापार-उद्योग को बढ़ावा देने एवं बड़ी संख्या में रोजगार के सृजन के प्रावधान इस बजट में मौजूद हैं। एमएसएमई को लोन की सीमा 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ रूपए करने का निर्णय, स्टार्टअप के लिए 10 हजार करोड़ का फंड देने एवं अब मेक इन इंडिया के साथ मेक फॉर वर्ल्ड का अभियान भारत को विश्व गुरु बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक निर्णय साबित होगा। 22 लाख श्रमिकों के लिए लेदर स्कीम, एक करोड़ वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा और भारत को खिलौनों का ग्लोबल हब बनाने का निर्णय देश के युवाओं के लिए रोजगार के अनेकों अवसर पैदा करने जा रहा है।
स्वास्थ्य संबंधी निर्णय -
भारत के लोगों के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए कैंसर व अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज की जीवन रक्षक दवाइयों को पूरी तरीके से टैक्स में छूट दे दी गई है, साथ ही कैंसर के लिए 200 केयर यूनिट भी बनाई जाएंगी।ऐसे संवेदनशील निर्णय पर हम मोदी सरकार का धन्यवाद करते हैं।
आधारभूत संरचना एवं छत्तीसगढ़ के लिए प्रावधान -
आधारभूत संरचना के लिए राज्यों को डेढ़ लाख करोड़ रुपए दिए जाने का निर्णय राज्यों की आधारभूत संरचना को मजबूत करने वाला प्रशंसनीय निर्णय है। साथ ही 1 लाख करोड़ का फंड अर्बन डेवलपमेंट के लिए मिलने से शहरों का विकास होगा।आदिवासी एवं दलित महिलाओं को 5 लाख तक के लोन का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट देश के किसानों, युवाओं, महिलाओं को समर्पित बजट है। देश में रोजगार की नई संभावनाओं का सृजन होगा। भारत के विकसित भारत बनने की दिशा में इस बजट के प्रावधान बेहद मददगार साबित होंगे। देश की आधारभूत संरचना मजबूत होगी। देश के हर वर्ग के लिए बजट में प्रावधान है। यह भारत की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने वाला बजट है। यह बजट भारत में निवेश की संभावनाओं को प्रबल करेगा और भारत की मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ की संभावनाओं को बल देगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सरस्वती मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की
रायपुर : विद्यादायनी माता सरस्वती की उपासना के पावन पर्व बसंत पंचमी पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज जशपुर जिले के दुलदुला तहसील के ग्राम पंचायत जामटोली अंतर्गत ग्राम डेवाडेलंगी में मां शारदा धाम पहुंचे। उन्होंने इस धाम परिसर में स्थित मां सरस्वती मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर शारदा धाम में आए समस्त श्रद्धालुगण को बसंत पंचमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मां सरस्वती की कृपा हमेशा हम सब पर बनी रहे। आपके कंठ में सदा मां सरस्वती विराजमान रहें। उन्होंने कहा कि वेदों में कहा गया है कि मानव योनि में जन्म लेना सौभाग्य की बात है। 84 लाख योनियों में भटकने के बाद हमें मानव जीवन मिलता है। हमारे कर्म ऐसे रहने चाहिए कि जब हम इस दुनिया से जाएं तो लोग हमें याद रखें। इस धाम में शिक्षा के लिए अलख जगाने के साथ ही खेलों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय मां शारदा के पावन धाम में आयोजित अखण्ड श्रीहरि कीर्तन राम नाम जाप के आयोजन में भी शामिल हुए, जिसमें आसपास के 48 गांवों के श्रद्धालु और 12 कीर्तन मंडलियां शामिल हो रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रसिद्व धार्मिक पर्यटन स्थल के निकट गिरमा नदी बहती है, जिसके एक ओर छत्तीसगढ़ है तो दूसरी ओर झारखंड है। इस धाम के बगल में बह रही पावन गिरमा नदी दो प्रदेशों की संस्कृति को समाहित कर अविरल धारा के साथ बह रही है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
धान खरीदी का आज अंतिम दिन, देर रात तक चलेगी धान की खरीदी
प्रदेश में रिकार्ड 149 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की हुई खरीदी
25.49 लाख किसानों ने बेचा धान
धान खरीदी के एवज में किसानों को 31 हजार 089 करोड़ रूपए का भुगतान
कुल खरीदी का 121 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान के उठाव के लिए डीओ और टीओ जारी
100 लाख मीट्रिक टन धान का हो चुका है उठाव
रायपुर : छत्तीसगढ़ में इस खरीफ सीजन में भी धान की रिकॉर्ड खरीदी हुई है। धान खरीदी के अंतिम दिन आज शाम 6.45 बजे तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 149 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी हो चुकी है। राज्य के 25 लाख 49 हजार पंजीकृत किसानों ने अब तक धान बेचा है। धान खरीदी के एवज में किसानों को बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत 31 हजार 89 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष 144.92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मीलिंग के लिए तेजी के साथ धान का उठाव किया जा रहा है। अभी तक 121 लाख मीट्रिक टन धान के उठाव के लिए डीओ और टीओ जारी कर दिया गया है। जिसके विरूद्ध 100 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव हो चुका है।गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा इस खरीफ वर्ष के लिए 27.78 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.59 लाख नए किसान शामिल है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बस्तर में जल्द ही अमन, चैन और शांति का माहौल स्थापित होगा
बस्तर संभाग में लगातार नक्सलियों द्वारा किये जा रहे आत्मसमर्पण पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुरक्षाबल के जवानों को दी बधाई
रायपुर : हमारी नीति स्पष्ट है - बोली का जवाब बोली से और गोली का जवाब गोली से। जो भी नक्सली आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं, उनके लिए हमारी सरकार द्वारा बेहतर जीवन और पुनर्वास की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। जो हिंसा का रास्ता छोड़ गणतंत्र का मार्ग अपनाते हैं, उनका स्वागत है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों में लगातार नक्सलियों द्वारा किये जा रहे आत्मसमर्पण पर सुरक्षाबल के जवानों को बधाई देते हुए, उनके अदम्य साहस को नमन करते हुए कहा कि - आज कांकेर जिले में 7 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिन पर कुल 32 लाख रुपए का इनाम घोषित था। इससे पहले नारायणपुर जिले के 27 एवं सुकमा जिले के 52 लाख के ईनामी 9 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। यह हमारी सरकार की प्रभावी आत्मसमर्पण नीति और नक्सलवाद के सफाए के लिए लगातार चलाए जा रहे अभियानों का प्रत्यक्ष परिणाम है।
सीएम साय ने कहा कि अब तक 941 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जबकि 1,112 नक्सलियों को हमारे सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार किया है। नक्सली मुठभेड़ों में 265 नक्सलियों का खात्मा हुआ है। नक्सलवाद की खोखली विचारधारा से त्रस्त होकर और बेहतर जीवन की उम्मीद में नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं। यह इस बात का संकेत है कि नक्सलवाद अब अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मैं अपने बस्तर दौरे के दौरान अक्सर आत्मसमर्पित नक्सलियों से मिलता हूं। उनसे बातचीत में यह साफ झलकता है कि खोखली माओवादी विचारधारा को छोड़कर वे आज बेहतर जीवन जी रहे हैं और खुश हैं। घोर नक्सल प्रभावित जिलों के चिन्हित ग्रामों में नक्सल आधार को खत्म करने के लिए शासकीय योजनाओं के माध्यम से बुनियादी ढांचे और मूलभूत आवश्यकताओं का विकास कर रही है।
विष्णु देव साय ने कहा कि आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ित परिवारों के लिए 15 हजार प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए गए हैं। तय समय-सीमा के भीतर माओवाद के आतंक का अंत होगा। बस्तर में जल्द ही अमन, चैन और शांति का माहौल स्थापित होगा।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर उनके छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने भारत की आजादी के लिए महात्मा गांधी जी के अतुलनीय योगदान को याद करते हुए कहा कि गांधीजी ने सत्य, अहिंसा और सत्याग्रह के माध्यम से भारत को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।गांधी जी के विचार आज भी दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करते हैं। सत्य, अहिंसा और शांति का संदेश देने वाले गांधी जी के जीवन मूल्य एवं आदर्श सदैव हम सभी का मार्गदर्शन करते रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी गांधी जी के बताए सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने का प्रण लें और राष्ट्र के विकास में योगदान दें।
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रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित किया। साय ने महात्मा गांधी सहित देश के अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा है कि शहीद दिवस उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों को याद करने का अवसर है, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
इन वीर बलिदानियों का ऋण कभी नहीं चुकाया जा सकता। भारत की आजादी के लिए महात्मा गांधी जी के अतुलनीय योगदान को याद करते हुए साय ने कहा कि गांधी ने सत्य, अहिंसा और सत्याग्रह के माध्यम से भारत को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गांधी जी के विचार आज भी दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करते हैं। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हम सभी गांधी जी के बताए सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने का प्रण लें और राष्ट्र के विकास में योगदान दें। (एजेंसी) -
Raipur : रायपुर। नक्सल विचारधारा से क्षुब्ध और छत्तीसगढ़ शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर नारायणपुर जिले के 27 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। इस महत्वपूर्ण सफलता में जिले में चलाये जा रहे आत्मसमर्पण नीति ‘‘माड़ बचाओ अभियान’’ की भी बड़ी भूमिका रही है। नक्सलवाद के काले साये से रक्षा के लिए हमारी सरकार हर संभव और हर स्तर पर लड़ाई लड़ रही है।
इसके कुचक्र में फंसे लोग अब पुनः समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं, जो स्वागतेय है। हमारी सरकार, नक्सलवाद का दामन छोड़ मुख्यधारा में आने वाले इन लोगों के पुनरुत्थान के लिए तत्पर है। बस्तर संभाग के सुदूर अंचलों में हमारी सरकार द्वारा लगातार नए सुरक्षा कैंप स्थापित करने, नियद नेल्ला नार योजना से सड़क निर्माण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार से लोगों का सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है। (एजेंसी) -
Raipur : रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सुप्रसिद्ध कवि और लेखक ’पद्मभूषण’ माखनलाल चतुर्वेदी की 30 जनवरी को पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है। श्री साय ने माखनलाल चतुर्वेदी की रचनाओं को याद करते हुए कहा कि माखनलाल जी ने अपनी प्रभावशाली लेखनी से लोगों में राष्ट्र प्रेम की भावना को जागृत किया और उन्हें आजादी की लड़ाई में सक्रिय सहयोग के लिए प्रेरित किया। उनकी रचनाओं में प्रकृति प्रेम के साथ त्याग, बलिदान और देश भक्ति का अनूठा संगम दिखाई देता है। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बिलासपुर के सेन्ट्रल जेल में 'पुष्प की अभिलाषा’ लिखी जो बहुत लोकप्रिय रचना है। श्री साय ने कहा कि माखनलाल चतुर्वेदी जी का साहित्य और देश के लिए अमूल्य योगदान हमेशा याद किया जाएगा। (एजेंसी)
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : गणतंत्र दिवस के अवसर पर आज शाम राजभवन में स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। राज्यपाल रमेन डेका ने अतिथियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। समारोह में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्यपाल को पुष्पगुच्छ भेंटकर बधाई दी। स्वागत समारोह में सांसद बृजमोहन अग्रवाल,विधायक सुनील सोनी, विधायक पुरंदर मिश्रा,अनुज शर्मा, मोतीलाल साहू, पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू, अमितेष शुक्ला सहित अन्य जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। (एजेंसी)
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवामुख्यमंत्री ने गणतंत्र दिवस पर अंबिकापुर में राष्ट्रीय ध्वज फहरायास्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान और संविधान निर्माताओं के योगदान को किया यादप्रदेश में 5.62 लाख भूमिहीन कृषि मजदूरों को सालाना 10 हजार रूपएकिसानों की खुशहाली के लिए उनके खातों में 49 हजार करोड़ रूपए अंतरितनक्सल प्रभावित क्षेत्र में खुली विकास की नई राह: जल्द ही नक्सल आतंक से पूरी तरह मुक्त होगा बस्तररायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर सरगुजा संभाग मुख्यालय अंबिकापुर के पीजी कॉलेज मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और संयुक्त परेड की सलामी ली। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर आम जनता के नाम संदेश का वाचन किया। उन्होंने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने गणतंत्र दिवस समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज का दिन हम सबके लिए अत्यंत गौरवशाली है। आज हम देश के गणतंत्र का उत्सव मना रहे हैं। इसके पीछे उन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का बलिदान है, जिन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिलाई, उन संविधान निर्माताओं का योगदान है, जिन्होंने इस संविधान के माध्यम से भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बनाया। उन विभूतियों का योगदान है, जो संविधान की रक्षा के लिए हमेशा डटे रहे तथा संविधान के मूल्यों पर चलकर अंत्योदय का कल्याण करते रहे। नक्सलवाद से लड़ते हुए देश की एकता और अखण्डता के लिए अनेक जवानों ने अपना सर्वाेच्च बलिदान दिया, ताकि हम सुरक्षित रह सकें और समाज में शांति स्थापित हो सके। इन जवानों की शहादत को मैं शत्-शत् नमन करता हूं। भारत की आजादी की यात्रा के साथ ही दुनिया के अनेक देशों ने भी अपनी स्वतंत्रता की यात्रा प्रारंभ की, लेकिन इनमें से कई देशों में शासन व्यवस्था पटरी से उतर गई और वहां की जनता आज अराजकता का सामना करने मजबूर है। गणतांत्रिक परंपराओं की अपनी ऐतिहासिक जड़ों और अपने श्रेष्ठ संविधान के बूते लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में भारत अविचल खड़ा ही नहीं है अपितु निरंतर तरक्की के नये शिखरों को छू रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत का संविधान एक पवित्र दस्तावेज है। यह वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना से प्रेरित है। इसे एक ऐसे राष्ट्र के नागरिकों ने तैयार किया, जिनकी भावनाओं के मूल में विश्व बंधुत्व और मानव कल्याण की सोच है। हमारी आजादी की लड़ाई की सोच हमारे संविधान में पूरी तरह से झलकती है। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में जब हमारे छत्तीसगढ़ से संविधान निर्मात्री समिति के सदस्य संविधान तैयार कर रहे थे, तब निश्चय ही उनके सामने बाबा गुरु घासीदास जी के समतामूलक संदेश, शहीद वीरनारायण सिंह जी के संघर्ष की गाथा और पंडित सुंदरलाल शर्मा जी का छूआछूत विरोधी संघर्ष जैसे आदर्श रहे होंगे। इन सभी के विचारों को बाबा साहेब ने अंतिम ड्राफ्ट के रूप में बहुत सुंदरता से पिरोया था।
इस गणतंत्र की धरोहर को सुरक्षित रखने और सहेजने-संवारने की जिम्मेदारी हमारी और भावी पीढ़ी के हाथों में है। हमारा गणतंत्र हमें सत्यमेव जयते की सीख देता है। मुंडकोपनिषद का यह सूत्र वाक्य हमें बताता है कि अंधेरा कितना भी घना क्यों न हो, हमें उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। अंततः विजय सत्य की ही होती है। हमारे गणतंत्र की इस भावना की विजय हमने गंभीर नक्सलग्रस्त इलाकों में देखी है।इन इलाकों में माओवाद ने अपनी हिंसक विचारधारा से न केवल आम आदमी के जीवन को नरक बना दिया था अपितु भारत के गणतंत्र को चुनौती देने के लिए गनतंत्र खड़े करने की योजना बनाकर काम कर रहे थे। हमारे सुरक्षा बलों का इनसे लगातार संघर्ष चल रहा है। यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में नई रणनीति बनाकर हमने माओवाद के कैंसर को नष्ट करने का काम किया है। इस कैंसर को नष्ट करने के लिए जरूरी था कि इसकी जड़ों पर प्रहार किया जाए। हमारे जवानों ने माओवादियों के सबसे सुरक्षित पनाहगाहों में हमला किया। इसके नतीजे बहुत अच्छे रहे। एक साल के भीतर ही हमने माओवादी कैडर के 260 से अधिक आतंकियों को मार गिराया। अंधेरी सुरंग खुल गई, जो रोशनी फूटी है उससे बस्तर में विकास का उजाला फैला है।
जब केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी पिछले महीने छत्तीसगढ़ आये तो बस्तर की इसी धरती में ग्राम गुंडम की एक बुजुर्ग माँ उनके पास आई, माता जी ने उन्हें वनोपजों की टोकरी भेंट की और कहा कि माओवाद को पूरी तरह से नष्ट कर दीजिए। जब सरकार का इरादा, जवानों का हौसला और जनता का संकल्प मिल जाता है, तो कोई भी हिंसक विचारधारा नहीं टिक सकती। बस्तर में माओवाद अब अंतिम सांसे गिन रहा है। शीघ्र ही बस्तर पूरी तरह से नक्सल आतंक से मुक्त हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आतंक से मुक्ति के साथ ही बस्तर में नक्सल प्रभावित रहे क्षेत्रों में विकास की राह भी खुल गई है। इसका माध्यम हमारी सरकार द्वारा चलाई जा रही नियद नेल्ला नार योजना बनी है। अरसे बाद स्कूलों में घंटियां गूंजी, पानी-बिजली का पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित हुआ। आधार कार्ड बने और आयुष्मान कार्ड भी बन गये। बस्तर अब उमंग से भरा हुआ है। हमने यहां बस्तर ओलंपिक का आयोजन किया। पूरे बस्तर से 1 लाख 65 हजार लोगों ने हिस्सा लिया। इनमें नक्सल हिंसा से प्रभावित परिजन भी थे। आत्मसमर्पित नक्सली भी थे और नक्सल हिंसा में अपने अंग गंवा चुके दिव्यांगजन भी थे। खेलों के इस महाकुंभ में खिलाड़ियों का उत्साह देखते ही बन रहा था, हम सबके लिए यह बहुत भावुक क्षण था, बस्तर ओलंपिक नये बस्तर की पहचान बन गया।
हर कदम में किसानों के साथ
किसान परिवार से आने वाले लोगों ने खेती का वो वक्त भी देखा है जब कड़ी मेहनत से धान उपजाने के बाद मंडियों में किसान भाई धान लेकर जाते थे, तो औने-पौने में धान बेचकर आना पड़ता था। बहुत मुश्किल से परिवार चलता था। खरीफ के बाद उनके पास दूसरे राज्यों में जाकर मजदूरी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता था। श्रद्धेय अटल जी ने छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया, तो धान खरीदी की व्यवस्था भी आरंभ हुई। धान के कटोरे में कोई भी भूखा न सोये, इसके लिए मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना भी आरंभ हुई। यह काम इतने व्यवस्थित तरीके से हुआ कि छत्तीसगढ़ देश में खाद्य सुरक्षा का माडल राज्य बन गया।
मुझे याद आता है कि छत्तीसगढ़ बनने के बाद शुरूआती दौर में धान खरीदी लगभग 4.63 लाख मीट्रिक टन के आसपास हुई। पिछली बार यह आंकड़ा 145 लाख मीट्रिक टन को छू गया। यह इसलिए हुआ कि हमारी सरकार किसान भाइयों को धान का सबसे अच्छा मूल्य दे रही है। हमने किसान भाइयों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल तथा 21 क्विंटल प्रति एकड़ में धान खरीदा। किसानों से किये वायदे के अनुरूप हमने 13 लाख किसानों को दो साल का बकाया बोनस भी दिया। इन सबके चलते पिछले सत्र में हमने किसान भाइयों के खाते में 49 हजार करोड़ रुपए अंतरित किये। लगभग ढाई माह से राज्य में तेजी से धान खरीदी चल रही है। किसानों के खाते में हम लगातार समर्थन मूल्य की राशि दे रहे हैं। प्रति क्विंटल अंतर की राशि 800 रुपए हमारी सरकार के द्वारा आदान सहायता के रूप में एकमुश्त फरवरी माह में किसान भाइयों के खाते में भेजने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही प्रदेश में भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए हमने दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना का शुभारंभ भी किया है। इसके अंतर्गत हम 5 लाख 62 हजार भूमिहीन कृषकों को 10 हजार रुपए सालाना प्रदान कर रहे हैं। यह शुभ संकल्पों और अच्छी नीयत का प्रतिफल है। छत्तीसगढ़ के किसान आज बेहद खुशहाल हैं। पलायन रूका है और किसान, खेती में निवेश कर रहे हैं क्योंकि उन्हें खेती से अच्छी आय मिल रही है।
उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार किसानों को फसल का उचित मूल्य दिलाने के साथ ही खेती को हाइटेक करने का कार्य भी कर रही है। अब खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव ड्रोन दीदी के हाथों हो रहा है। घंटों का काम ड्रोन दीदी का ड्रोन मिनटों में कर देता है। आपने इधर के वर्षों में देखा होगा कि जलवायु परिवर्तन तेजी से हो रहा है। कभी मानसून विलंब से आता है, तो कभी असमय बारिश हो जाती है। इस बड़े संकट से निपटने के लिए पुख्ता तैयारी भी हमने की है। हमने ऐसे बीज तैयार किये हैं, जो क्लाइमेट चेंज की चुनौती से निपटने में सक्षम हैं। एफपीओ के माध्यम से किसानों के लिए नए उद्यम के रास्ते हमने खोल दिये हैं।
छत्तीसगढ़ में श्वेत क्रांति की खुली राह
हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी हमेशा कहते हैं, कि हमें किसानों की आय दोगुनी करनी है, तो पशुपालन को बढ़ावा देना होगा। हम सबने सहकारिता में अमूल का प्रयोग देखा है। भारत ने एनडीडीबी अर्थात नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के माध्यम से अमूल के रूप में श्वेत क्रांति की। छत्तीसगढ़ में भी श्वेत क्रांति की राह हमने खोल दी है। बीते महीने हमने एनडीडीबी के साथ एमओयू किया है।
इस एमओयू के माध्यम से छत्तीसगढ़ दुग्ध महासंघ से जुड़ी समितियों को तकनीकी जानकारी एवं प्रशिक्षण दिया जाएगा। अभी प्रदेश में दुग्ध उत्पादन के लिए 621 सहकारी समितियां काम कर रही हैं। अब 3200 नई सहकारी समितियां बनेंगी। इस एमओयू के पश्चात, सवा लाख से अधिक किसान दूध उत्पादक समितियों से तो जुड़ेंगे ही, इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि हमारे बच्चों के भोजन में, दूध के रूप में प्रोटीन अधिक मात्रा में शामिल होगा। हमारी सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के आदर्शों के अनुरूप नागरिकों की आजीविका बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
नई उद्योग नीति से प्रदेश में बना निवेश का बेहतर वातावरण
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा- हमारी धरती रत्नगर्भा है। खनिज संपदा के मामले में छत्तीसगढ़ अतुलनीय है। कोयले और लोहे के उत्पादन में हम देश में दूसरे स्थान पर हैं। देश के बाक्साइट भंडार का 20 फीसदी हमारे यहां है। सारी दुनिया इलेक्ट्रिक गाड़ियों को अपना रही है और भारत भी इसमें पीछे नहीं है। इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी के लिए लीथियम की जरूरत होती है और इसके भंडार हमारे कोरबा, सुकमा और बस्तर जिले में है।
इन खनिज संसाधनों का दोहन राज्य के आर्थिक विकास के लिए हो, इस जरूरत को पूरा करने हमारी सरकार ने ऐतिहासिक काम किया है। आज छत्तीसगढ़ में कहीं भी चले जाइये, शानदार चौड़ी सड़कें, फ्लाईओवर से आपका स्वागत होगा। रांची, हैदराबाद और विशाखापट्नम जैसे शहरों से छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाले एक्सप्रेस-वे का काम पूरा हो जाएगा तो यह कनेक्टिविटी अभूतपूर्व स्तर तक पहुंच जाएगी। केंद्र सरकार ने हमारे राज्य में सड़क अधोसंरचना को बेहतर करने के लिए 20 हजार करोड़ रुपए के कार्यों की घोषणा भी की है। बिजली उत्पादन के मामले में छत्तीसगढ़ सरप्लस स्टेट है। ये सारी बातें छत्तीसगढ़ में निवेश की संभावनाओं को बेहद आकर्षक बनाती हैं।
इतने बेहतर वातावरण में यदि निवेश के इच्छुक उद्यमियों को अनुदान सहित अनेक सुविधाएं मिले, तो उनके लिए यह सोने पर सुहागा है। हमारी नई उद्योग नीति ने यही कार्य किया है। इज आफ डूइंग बिजनेस अंतर्गत जरूरी सुधार किये गये हैं। सिंगल विंडो 2.0 से एनओसी की दिक्कत बिल्कुल दूर हो गई है। हमारा फोकस यह है, कि स्थानीय लोगों को अधिकतम संख्या में रोजगार मिल सके। एक हजार से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार देने वाले उद्यमों के लिए हम विशेष अनुदान दे रहे हैं।
पांच सालों में ढाई लाख करोड़ रूपए के निवेश का लक्ष्य
नई औद्योगिक नीति में हमने इस बात का पूरा ध्यान रखा है कि ऐसे उद्योगों को प्रोत्साहन दें, जिनके लिए छत्तीसगढ़ की विशिष्टताओं के अनुरूप आगे बढ़ने की भरपूर संभावनाएं हों। क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों से निपटने के लिए मोदी जी ने वर्ष 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। इससे कार्बन उत्सर्जन कम करने वाली टेक्नालाजी अर्थात ग्रीन उद्यमों के लिए बड़ी संभावनाएं बनी हैं। नई उद्योग नीति में हमने इसके लिए निवेश प्रोत्साहन पैकेज रखा है। छत्तीसगढ़ में उद्यमी अब ग्रीन स्टील की ओर फोकस कर रहे हैं। नई उद्योग नीति से इसके लिए बेहतर वातावरण बन रहा है। इस बात का अनुमान है, कि अगले पांच वर्षों में प्रदेश में ढाई लाख करोड़ रुपए का निवेश होगा और इसके चलते पांच लाख नये रोजगार सृजित होंगे। हम अटल नगर, नवा रायपुर को आईटी हब के रूप में तैयार कर रहे हैं और तेजी से आईटी कंपनियां यहां निवेश के लिए सामने आ रही हैं। यहां पर हम 14 एकड़ में एआई डाटा सेंटर भी बना रहे हैं, इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल सकेगा। राज्य के युवाओं को वित्तीय बाजारों के लिए प्रशिक्षित करने और इसके माध्यम से रोजगार के अवसर बढ़ाने शासन द्वारा नेशनल स्टाक एक्सचेंज के साथ छात्र स्किलिंग प्रोग्राम के लिए एमओयू करने का निर्णय लिया गया है। यह प्रशिक्षण हाईस्कूल, हायर सेकेंडरी और कालेज के विद्यार्थियों के लिए संचालित किया जाएगा।
पर्यटन को मिला बढ़ावा
नई उद्योग नीति में हमने छत्तीसगढ़ की पर्यटन संभावनाओं का भी पूरा ध्यान रखा है। हमारे यहां एशिया का नियाग्रा कहा जाने वाला चित्रकोट जलप्रपात है। कांगेर घाटी में कोटमसर जैसी विलक्षण गुफाएं हैं। यहां धुड़मारास को संयुक्त राष्ट्र पर्यटन संगठन ने बेस्ट टूरिज्म विलेज के रूप में चुना है। सरगुजा में रामगढ़ की पहाड़ियां हैं, जहां के विलक्षण प्राकृतिक सौंदर्य से अभिभूत होकर महाकवि कालिदास के मन में अपने महान खंडकाव्य मेघदूतं को लिखने का विचार आया। जशपुर में विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर महादेव हैं। देश के पर्यटन नक्शे में गुरु घासीदास तमोरपिंगला टाइगर रिजर्व भी आ गया है। हमारी सरकार ने देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बनाकर न केवल बाघों के संरक्षण के लिए कार्य किया है अपितु इससे इको टूरिज्म की संभावनाओं में भी कई गुना वृद्धि कर दी है।वन एवं वृक्ष आवरण में देश में सर्वाधिक वृद्धि
अपनी प्राकृतिक संपदा को न केवल हम सहेजे हुए हैं अपितु उसका निरंतर संवर्धन भी कर रहे हैं। वन पारिस्थितिकी सेवा को हमने ग्रीन जीडीपी के साथ जोड़ने की पहल की है। अभी हाल ही में भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट आई है, इसमें बताया गया है कि छत्तीसगढ़ में 684 वर्ग किलोमीटर संयुक्त वन एवं वृक्ष आवरण की वृद्धि हुई है जो देश में सबसे ज्यादा रही है।
एयर कनेक्टिविटी में इजाफा
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रदेश की जनजातीय संस्कृति भी विलक्षण है। यहां पर्यटन की अधोसंरचना उपलब्ध कराने हमने होम-स्टे की सुविधा देने वाले उद्यमियों को विशेष अनुदान देने का निर्णय लिया है। कुछ महीनों पहले अंबिकापुर में माँ महामाया एयरपोर्ट का शुभारंभ किया गया। जगदलपुर और अंबिकापुर एयरपोर्ट अब विमानन मानचित्र में आ गये हैं। एयर कनेक्टिविटी की सुविधा उपलब्ध होने से पर्यटक भी बड़ी संख्या में यहां आकर्षित होंगे। रायपुर-बिलासपुर-अंबिकापुर विमान सेवा आरंभ होने से स्थानीय पर्यटकों को भी काफी सुविधा मिल रही है। पर्यटन अधोसंरचना का सीधा लाभ, स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ने के रूप में होगा।
पीएससी पर लौटा युवाओं का भरोसा
उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता हमारी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकताओं में से है। पीएससी परीक्षाओं में भ्रष्टाचार की जांच का कार्य हमने सीबीआई को सौंपा है और सीबीआई इस मामले में पुख्ता कार्रवाई कर रही है। हमने पीएससी परीक्षा में पारदर्शिता लाने इसे यूपीएससी की तर्ज पर आयोजित करने का निर्णय लिया है। सरकार द्वारा उठाये गये कदमों से युवाओं का भरोसा पीएससी की परीक्षा में लौट आया है। हमने यूपीएससी की परीक्षाओं की तैयारी के लिए दिल्ली में ट्राइबल यूथ हास्टल में सीटों की संख्या 50 से बढ़ाकर 185 कर दी है। हम रायपुर के नालंदा परिसर की तर्ज पर प्रदेश के 13 अन्य नगरीय निकायों में ऐसी ही लाइब्रेरी बनवा रहे हैं। शासकीय सेवा के 9 हजार से अधिक पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया चल रही है।
प्रधानमंत्री आवास का बढ़ा दायरा
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने एक साल पूरे कर लिये हैं। इस अवधि में हमने अपने अधिकांश वायदों को पूरा कर दिया है। कैबिनेट की पहली ही बैठक में हमने 18 लाख प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति दी। इन पर तेजी से काम हो रहा है। अपना घर जीवन का सबसे बड़ा सपना होता है। राज्य के लिए नये वित्तीय वर्ष हेतु तीन लाख अतिरिक्त पीएम आवास की स्वीकृति भी मिली है, इसके लिए मार्च तक सर्वे हो जाएगा। अब उन लोगों को भी पीएम आवास मिल सकेगा, जिसके पास टू व्हीलर है। उनको भी मकान मिल सकेगा, जिसने पास ढाई एकड़ तक सिंचित जमीन और पांच एकड़ तक असिंचित जमीन है। उनको भी मकान मिल सकेगा, जिनकी आय 15 हजार रूपए महीना तक है। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना 2.0 के अंतर्गत 1 लाख 32 हजार हितग्राहियों को लाभान्वित करने राज्यांश का भी हमने अनुमोदन कर दिया है। हमें इस बात का संतोष है कि हम लाखों लोगों के गृह प्रवेश का माध्यम बन सके हैं। हमारी सरकार ने जरूरतमंद 68 लाख परिवारों को पांच साल तक मुफ्त राशन देने का निर्णय भी लिया है। तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए संग्रहण दर 4 हजार रुपए से बढ़ाकर हमने साढ़े 5 हजार रुपए कर दिया है।
सशक्त महिलाएं सशक्त छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ महतारी को संवारने में, बड़ी भूमिका हमारी मातृशक्ति की है। वे हर दिन कड़ी मेहनत कर, विकसित छत्तीसगढ़ की नींव रख रही हैं। उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त करना हमारा संकल्प है। इसके लिए हमने सरकार गठन के तीन महीने के भीतर ही महतारी वंदन योजना का क्रियान्वयन आरंभ कर दिया। करीब 70 लाख माताओं-बहनों को अब तक हम इस योजना की ग्यारह किश्त दे चुके हैं। हर माह की पहली तारीख को हम महतारी वंदन योजना के रूप में माताओं-बहनों के लिए खुशियों का रिचार्ज कर देते हैं। यह राशि उनके बजट को व्यवस्थित करने में, अपने सपनों को पूरा करने में मदद करती है। यह महिलाओं की अपनी निधि है, वे इसे अपनी इच्छा से खर्च कर रही हैं। कोई बहन इसे बच्चों की पढ़ाई में लगा रही है, कोई निवेश कर रही है। कोई मां अपनी हवाई यात्रा का सपना पूरा कर रही है। सारंगढ़ के ग्राम दानसरा की माताएं-बहनें अयोध्या धाम में श्रीरामलला का मंदिर बनने से अभिभूत थीं। वे श्रीराम का मंदिर अपने गांव में बनाना चाहती थीं। सभी महिलाएं एकजुट हुईं। महतारी वंदन योजना से मिलने वाली राशि और चंदा इकट्ठा करके प्रभु श्रीराम का मंदिर बनवा रही हैं। हम महिला स्व-सहायता समूहों को रेडी-टू-ईट फूड का काम सौंप रहे हैं। पहले चरण में पांच जिलों से इस काम की शुरूआत करेंगे।
प्रदेश में नई शिक्षा प्रणाली लागू
प्राचीन काल में हमारा देश विश्वगुरु था। इसका कारण, हमारी गुरुकुल शिक्षा प्रणाली थी। यह प्रणाली ज्ञान-विज्ञान के साथ ही सांस्कृतिक मूल्यों की भी शिक्षा विद्यार्थियों को देती थी। अंग्रेज जब भारत आये, तो उन्होंने महसूस किया कि भारत में राज करने के लिए बहुत जरूरी है, कि भारतीयों में हीनता की भावना भर दी जाए। उन्होंने प्राचीन पद्धति समाप्त कर, मैकाले द्वारा लाई गई अंग्रेजी शिक्षा प्रणाली लागू की। इसके चलते हमारे मनीषियों द्वारा लिखे श्रेष्ठ ग्रंथों की स्मृति भी जनमानस में धुंधली होती गई।
मोदी जी ने आधुनिक ज्ञान-विज्ञान के साथ ही हमारी सांस्कृतिक उपलब्धियों और गौरवशाली परंपरा को शामिल करने वाली नई शिक्षा प्रणाली हमें दी है। छत्तीसगढ़ में हमने इसे लागू किया है। हम 18 स्थानीय भाषाओं में बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। 341 पीएमश्री विद्यालय हमने आरंभ किये हैं। हम बच्चों को एआई और रोबोटिक्स की शिक्षा भी दे रहे हैं। हम यह मानते हैं, कि बच्चों की शिक्षा को बेहतर दिशा देने में जितनी जिम्मेदारी शिक्षकों की है, उतनी ही अभिभावकों की भी है। इसके लिए हमने पैरेण्ट्स-टीचर मीटिंग का एजेंडा भी व्यवस्थित किया है। अपने जन्मदिन को स्कूलों में बच्चों के साथ न्योता भोज के रूप में भी मनाने की परंपरा हमने आरंभ की है। पांचवीं और आठवीं की बोर्ड परीक्षा समाप्त होने के चलते बच्चों का शैक्षणिक स्तर गिरा था। इसे दुरुस्त करने, हमने पांचवीं और आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं पुनः आरंभ करने का निर्णय लिया है।
प्रदेश के 77 लाख 20 हजार परिवारों को मिली स्वास्थ्य सुरक्षा
हमारी भारतीय परंपरा में आशीर्वाद देने पर लंबी आयु की कामना करते हुए आयुष्मान भवः कहा जाता है। लोगों की दीर्घायु और उनके अच्छे स्वास्थ्य से जुड़े सरोकार, हमारे लिए सर्वाेच्च प्राथमिकता हैं। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना अंतर्गत प्रदेश के 77 लाख 20 हजार परिवारों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान की गई है। जो समाज अपने वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान करता है, वही समाज फलता-फूलता भी है। मोदी जी ने आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना का दायरा बढ़ाते हुए इसमें 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को सम्मिलित किया है। इन्हें अब पांच लाख रुपए तक के इलाज का लाभ मिल रहा है।
छत्तीसगढ़ बनेगा मेडिकल टूरिज्म का केंद्रहमारा उद्देश्य छत्तीसगढ़ को मेडिकल हब बनाना है, ताकि न केवल हमारे सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में छत्तीसगढ़ के नागरिकों का इलाज हो सके अपितु छत्तीसगढ़ मेडिकल टूरिज्म के भी महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित हो। इसके लिए हमने अटल नगर नवा रायपुर में 200 एकड़ भूमि चिन्हांकित की है। यहां मेडिसिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत 5 हजार बेड वाला अत्याधुनिक अस्पताल बनेगा। अटल नगर नवा रायपुर में हम 141 एकड़ भूमि पर फार्मास्युटिकल पार्क भी स्थापित कर रहे हैं। इससे अटल नगर नवा रायपुर, मध्य भारत का फार्मास्युटिकल हब के रूप में उभरेगा।
बिलासपुर में 200 करोड़ रुपए की लागत से सिम्स के विस्तार का कार्य शुरू कर दिया गया है। राजधानी रायपुर के अंबेडकर हास्पिटल में भी 700 बिस्तर अस्पताल के विस्तार के लिए हमने 231 करोड़ रुपए का टेंडर जारी कर दिया है। इसके पूरे होने के साथ ही अंबेडकर हास्पिटल में 2 हजार बेड की सुविधा हो जाएगी। प्रदेश में मेडिकल शिक्षा को विकसित करने के लिए चार नये मेडिकल कालेज जांजगीर-चांपा, कबीरधाम, मनेंद्रगढ़ और गीदम में भवनों के लिए 1020 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
हिंदी माध्यम से एमबीबीएस की पढ़ाई की सुविधा
आपको याद होगा कि पहले पीएमटी की परीक्षाओं में एक पेपर अंग्रेजी का होता था। हमारे ग्रामीण पृष्ठभूमि और हिंदी माध्यम के अनेक प्रतिभाशाली परीक्षार्थी कई बार इस वजह से भी पीएमटी क्लीयर नहीं कर पाते थे। बाद में इसे हटा दिया गया लेकिन आगे मेडिकल की पढ़ाई में अंग्रेजी की समस्या कायम रही। हमने मेडिकल छात्र-छात्राओं को हिंदी माध्यम से एमबीबीएस की पढ़ाई की सुविधा दी है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं की राह में अब कोई रूकावट शेष नहीं रही।
रजत जयंती पर छत्तीसगढ़ मना रहा अटल निर्माण वर्ष
हमारा प्रदेश इस वर्ष अपनी स्थापना की रजत जयंती मना रहा है। संयोग से यह वर्ष छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म शताब्दी वर्ष भी है। इस अवसर को हम अटल निर्माण वर्ष के रूप में मना रहे हैं। श्रद्धेय अटल जी द्वारा दिखाये गये सुशासन के मूलमंत्र पर चलते हुए, हमने पारदर्शी, सजग और लोककल्याणकारी प्रशासनिक तंत्र तैयार किया है, जिसके बूते हम विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए कार्य कर रहे हैं।
पारदर्शी प्रशासन के लिए आईटी का उपयोग
छत्तीसगढ़ ने सुशासन एवं अभिसरण विभाग के रूप में सुशासन को कार्यान्वित करने देश में अनूठी पहल की है। छत्तीसगढ़ में लाल फीताशाही की रोकथाम के लिए हम ई-आफिस प्रणाली अपना रहे हैं। इसमें फाइलों का निपटारा आनलाइन होगा। तय समय-सीमा में अधिकारी को ई-फाइल पर अपनी टिप्पणी देनी होगी। इस प्रणाली के चलते समय-सीमा पर भ्रष्टाचार की आशंका के बगैर फाइलों का कुशलता से निपटारा हो सकेगा।
यह समय स्मार्ट फोन का है। हमने शासकीय सेवाओं की डिलीवरी को आसान करने के लिए मोबाइल फोन में नागरिक सुविधाओं से संबंधित बहुत से एप आरंभ किये हैं। मंत्रालय में किसी से मिलना हो, तो स्वागतम एप में एक क्लिक करें और समय लें, रजिस्ट्री करानी हो, तो सुगम एप में क्लिक करें और बसों का लोकेशन जानना हो, तो संगवारी एप देख लें। नागरिक सेवाओं की उपलब्धता डिजिटल गवर्नेंस के चलते काफी आसान हो गई है।
शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन पर नजर रखने के लिए हमने अटल मानिटरिंग पोर्टल आरंभ किया है। इससे न केवल महत्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी जानकारी मिलती है अपितु इसे बेहतर करने के लिए आवश्यक दिशा भी मिलती है। हमारी सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस पर न केवल भरोसा करती है अपितु इसे क्रियान्वित भी करती है। खनिज में हमने मैनुअल पास को समाप्त कर आनलाइन ट्रांजिट पास आरंभ कर दिये हैं। शासकीय खरीदी में भ्रष्टाचार रोकने के लिए, हमने जेम पोर्टल को अनिवार्य कर दिया है। भारत सरकार, राज्यों को बेहतर काम के लिए इंसेटिव देती है। हमने जो सुधार छत्तीसगढ़ में किये, उसके चलते केंद्र सरकार ने इंसेटिव के रूप में राज्य को 4400 करोड़ रुपए दिये हैं, जिन्हें हम इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करेंगे।
20 हजार श्रद्धालुओं ने की अयोध्या धाम की यात्रा
अपने भांचा भगवान श्रीराम के आशीर्वाद से यह सब शुभ कार्य हम कर पाए हैं। ननिहाल के लोगों को अपने भांजे का आशीर्वाद हमेशा मिलता रहे, भगवान श्रीराम का आदर्श जीवन, उनके भीतर शुभ संकल्पों के बीज बोता रहे, इसके लिए हमने पुण्य अयोध्या धाम के दर्शन के लिए श्रीरामलला अयोध्या धाम दर्शन योजना आरंभ की है। अब तक 20 हजार से अधिक श्रद्धालु, इस योजना के माध्यम से श्री रामलला के दर्शन कर चुके हैं।
जनजातीय गांवों में अखरा निर्माण
हमारे प्रदेश की सांस्कृतिक संपदा समृद्ध है। जनजातीय संस्कृति की थाती संभालने वाले हमारे बैगा, गुनिया, सिरहा को हम लोग हर साल पांच-पांच हजार रुपए की सम्मान निधि दे रहे हैं। जनजातीय गांवों में अखरा निर्माण विकास योजना, हमने आरंभ की है। स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने वाले हमारे जनजातीय सेनानियों और शहीदों की प्रतिमाएं, उनके गांवों में लगाने का निर्णय लिया है। राजिम कुंभ का सुंदर आयोजन हमने पुनः आरंभ कराया है। देश भर से साधु संतों का समागम राजिम के त्रिवेणी संगम पर हो रहा है। प्रयागराज में 144 वर्षों बाद महाकुंभ का सुखद संयोग बना है। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं को सुविधा देने हमने साढ़े 4 एकड़ में छत्तीसगढ़ पैवेलियन तैयार किया है। यहां प्रदेश के श्रद्धालुओं के ठहरने और खान-पान की सुविधा हमने उपलब्ध कराई है।
विकसित छत्तीसगढ़ के लिए रोडमैप तैयार
गांधी जी कहते थे कि भविष्य इस बात पर निर्भर करता है, कि हम वर्तमान में क्या करते हैं। मुझे इस बात की खुशी है, कि इस वर्ष जब हम छत्तीसगढ़ के स्थापना का रजत जयंती वर्ष मना रहे हैं तब हमने विकसित छत्तीसगढ़ की यात्रा का रोडमैप तैयार कर लिया है। वर्ष 2047 में जब आजादी के सौ वर्ष पूरे हो जाएंगे तब विकसित भारत के साथ ही विकसित छत्तीसगढ़ का भव्य स्वरूप हम सभी के सामने होगा। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए हमने विजन डाक्यूमेंट तैयार किया है।हमारी सरकार ऐसी सरकार है, जिसने एक साल पूरे होने पर प्रदेश की जनता के समक्ष अपने एक साल का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया है। हमारे पास शुभ संकल्प है। सच्चाई है। ईमानदारी है और पुरखों की परंपरा से आई शक्ति है। हम आप सभी के सहयोग से आगे बढ़ेंगे और हर बाधा को पार कर एक उज्ज्वल सशक्त विकसित छत्तीसगढ़ के अपने सपने को मूर्त रूप देंगे। अथर्ववेद का मंत्र है कृतं मे दक्षिणे हस्ते जयो मे सव्य आहितः। कार्य का शुभ संकल्प मन में हो तो सफलता जरूर मिलती है।

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