- Home
- मुख्य समाचार
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बस्तर अब उड़ान भरना चाहता है, बस्तर के युवा देश दुनिया में अपना पहचान बनाना चाहता है -श्री विजय शर्मा
रायपुर : उप मुख्यमंत्री तथा गृहमंत्री श्री विजय शर्मा एवं राजस्व तथा खेल मंत्री श्री टंकराम वर्मा एक दिवसीय प्रवास पर बीजापुर पहुंचकर बस्तर ओलंपिक के ब्लॉक स्तरीय प्रतियोगिता में शामिल हुए। मंत्रियों के आगमन पर पारंपरिक गौर नृत्य और बीजापुर के सुप्रसिद्ध मद्देड़ बाजा से भव्य स्वागत किया।उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा एवं खेल मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने गौर मुकुट पहनकर बीजापुर के पारंपरिक नृत्य पर जमकर थिरके, मंत्री द्वारा जिला प्रशासन के विभागीय योजना पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया जिसमें जिला पंचायत के स्टॉल में आवास दिवस के थीम पर आधारित केक हितग्राहियों के हाथों कटवाया गया। वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास पूर्ण करने वाले हितग्राहियों को उनके नए घर की प्रतीकात्मक चाबी भेंट किया गया।बीजादूतीर कार्नर में स्वयंसेवकों से आवश्यक चर्चा की गई और शासन के योजनाओं के क्रियान्वयन में भागीदारी निभाने पर उनका उत्साहवर्धन किया गया। महिला बाल विकास विभाग के स्टॉल में मंत्रियों एवं अतिथियों को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का बैच लगाकर स्वागत किया गया एवं मंत्री द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ हस्ताक्षर अभियान में हस्ताक्षर अभियान में हस्ताक्षर किया गया। वहीं राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी जगह बनाने वाले खिलाड़ियों को सफलता की कहानी का प्रदर्शन बीजापुर स्पोर्ट्स एकेडमी के स्टॉल पर किया गया जिनका अवलोकन मंत्रियो द्वारा की गई।इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा एवं खेल मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने खिलाड़ियों के उत्साह को देख प्रफुल्लित नजर आए और भव्य आयोजन को देख युवाओं में नया जोश भरा उनके साथ सेल्फी एवं फोटो सेशन कराया। बस्तर ओलंपिक प्रतियोगिता के आयोजन के दौरान कस्तूरबा गांधी बालिक विद्यालय, बीजापुर स्पोर्ट्स एकेडमी एवं कन्या शिक्षा परिसर की मनमोहक प्रस्तुति को उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने जमकर तारीफ की। वहीं रायपुर के टीम द्वारा बीजापुर एवं बस्तर में नक्सलियों के कायराना हरकत से किस प्रकार निर्दाेष ग्रामीणों को पीड़ा और तकलीफ उठाना पड़ रहा है उनको जीवंत चित्रण किया गया।इस दौरान उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा एवं खेल मंत्री श्री टंकराम वर्मा द्वारा ध्वजारोहरण कर खेल का शुभारंभ किया गया, खेल भावना से खेलने के शपथ दिलाई गई एवं कबड्डी, व्हालीबाल खेलो का टॉस करके खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर खेल का शुभारंभ किया गया। गृहमंत्री श्री विजय शर्मा के साथ पुलिस विभाग के अधिकारी एवं राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा के साथ जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच रस्साकसी का मुकाबला हुआ जिसमें पुलिस विभाग विजेता बने।उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने बस्तर ओलंपिक के आयोजन पर गोण्डी में बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मंत्री श्री शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि बीजापुर के खिलाड़ियों में जबरदस्त प्रतिभा है आज बीजापुर के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ राज्य और भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे है। हम ऐसा अवसर प्रदान करेंगे कि राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर और भी सफलता हासिल करें। बस्तर अब उड़ान भरना चाहता है यहां के युवा देश दुनिया में पहचान बनाना चाहता है। अब बीजापुर और बस्तर के युवा विकास का सपना देख रहे हैं, चहुमुखी विकास चाहते हैं जिसे पूरा करना हमारा दायित्व है। भटके हुए लोगो से हम अभी भी अपील करते हैं मुख्य धारा में लौटे और विकास में अपना योगदान दें।प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गृहमंत्री श्री अमित शाह ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि मार्च 2026 तक बस्तर माओवाद से मुक्त होगा। यह बस्तर के लिए आजादी का दिन होगा माओवाद मुक्त बस्तर में युवाओं की नई ऊर्जा और ताकत सकारात्मक बदलाव लाएगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के महत्वाकांक्षी योजना नियद नेल्लानार से बस्तर में बदलाव की शुरुआत हो गई है। बिजली, पानी, राशन, अस्पताल, स्कूल, आंगनबाड़ी जैसे तमाम सुविधाएं अब उन क्षेत्रों में मिलने लगी है और उन गावों के युवा खिलाड़ी बस्तर ओलंपिक में भयमुक्त होकर अपनी खेल प्रतिभा को दिखा रहे हैं। बस्तर में खेल के माध्यम से सुखद बदलाव आया है। मंत्री श्री शर्मा ने बस्तर की खुशहाली और आतंकमुक्त बस्तर के लिए दंतेश्वरी माई से प्रार्थना की।राजस्व एवं खेल मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने बस्तर ओलंपिक का आयोजन कर बस्तर के युवा खिलाड़ियों के प्रतिभा को निखारने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि बस्तर में खेल प्रतिभाओं की कमी नही है। बीजापुर के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी सर्वश्रेष्ठ पहचान बनाई है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में पहली बार बस्तर ओलंपिक का आयोजन हो रहा है जिससे युवाओं में उत्साह का संचार हुआ है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने खेल प्रतियोगिता को बढ़ाने ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को 3 करोड़, सिल्वर मेडल को 2 करोड़ एवं ब्रांज मेडल वाले खिलाड़ियों को 1 करोड़ रूपए देने की घोषणा की। वहीं चार साल से रूके अलंकरण समारोह को आयोजित कर खिलाड़ियों को 4 करोड़ की राशि हस्तांतरित किया है। खिलाड़ियों को हमेशा खेल भावना से खेलने के लिए प्रोत्साहित किया।पूर्व मंत्री श्री महेश गागड़ा ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को बस्तर ओलंपिक का शुरूआत करने के लिए धन्यवाद दिया। कलेक्टर श्री संबित मिश्रा ने कहा बस्तर ओलंपिक में 12 हजार से अधिक खिलाड़ियों ने पंजीयन कराया है जिसमें नियद नेल्लानार योजनार्न्तगत अंदरूनी गावों के खिलाड़ियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। जिला प्रशासन द्वारा खिलाड़ियों को रहने, खाने सहित सभी प्रकार की आवश्यक सुविधाएं दी जा रही है जिससे खिलाड़ी उत्साहित नजर आ रहे हैं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात के दौरान केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने दी हरी झंडीराज्य की हवाई कनेक्टिविटी को मजबूत करने और क्षेत्रीय हवाई अड्डों के विकास पर हुई चर्चाबिलासपुर एयरपोर्ट पर शुरू होगी नाईट लैंडिंग की सुविधारायपुर से हवाई सुविधा से जुड़ेगा झारखण्ड और बिहाररायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज नई दिल्ली स्थित राजीव गांधी भवन में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री किंजरापु राममोहन नायडू से मुलाक़ात की। बैठक में राज्य की हवाई कनेक्टिविटी को मजबूत करने और क्षेत्रीय हवाई अड्डों के विकास के सम्बन्ध में चर्चा की गयी। केंद्रीय मंत्री ने रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट से जल्द ही अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवा शुरू करने पर अपनी सहमति जताई है। इसके साथ ही रायपुर एयरपोर्ट पर कार्गो हब विकसित करने की प्रक्रिया भी जल्द शुरू की जाएगी एवं रायपुर एयरपोर्ट से पटना एवं रांची के लिए भी हवाई सेवा शुरू करने की सहमति मिली है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का दर्जा देने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवा की बड़ी संभावनाएं हैं। इस कदम से राज्य के आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा और वैश्विक स्तर पर कनेक्टिविटी बढ़ेगी। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में अंतरराष्ट्रीय यात्री ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए रायपुर से सिंगापुर और दुबई के लिए सीधी उड़ानों की आवश्यकता पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि इन मार्गों पर यात्री ट्रैफिक काफी अच्छा है, जिससे ये सेवाएं व्यावसायिक रूप से लाभकारी साबित होंगी। केंद्रीय उड्डयन मंत्री ने रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट से जल्द ही अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवा शुरू करने के प्रस्ताव पर अपनी सहमति जताई है।
श्री साय ने राज्य में वर्तमान में कोई बड़ा कार्गो सुविधा केंद्र नहीं होने की जानकारी देते हुए रायपुर के एयरपोर्ट को एक केंद्रीय कार्गो हब में विकसित करने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि इससे कृषि और बागवानी उत्पादों के परिवहन को बढ़ावा मिलेगा। केन्द्रीय मंत्री ने इस प्रस्ताव पर जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
बैठक में बिलासपुर एयरपोर्ट के लिए 3C IFR कैटेगरी में अपग्रेडेशन का प्रस्ताव भी रखा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने इसके लिए रेडियो नेविगेशन सिस्टम डीवीओआर (DVOR) की इंस्टॉलेशन प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने का अनुरोध किया है। केन्द्रीय मंत्री ने बिलासपुर एयरपोर्ट पर विमानों की नाईट लैंडिंग में आ रही दिक्कतों को देखते हुए इसे तुरंत शुरू करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
मुख्यमंत्री ने अंबिकापुर एयरपोर्ट को रायपुर, वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या जैसे प्रमुख शहरों से जोड़ने के लिए नई उड़ानों की शुरुआत की भी मांग की। मुख्यमंत्री ने कहा क्षेत्र की सांस्कृतिक और खनिज संपदा को देखते हुए नई उड़ान सेवा शुरू करने से लोगों को काफी लाभ होगा, जिस पर भी केन्द्रीय मंत्री ने सकारात्मक पहल का आश्वासन दिया है।
बैठक में मुख्यमंत्री ने जगदलपुर और बिलासपुर एयरपोर्ट्स पर आरसीएस उड़ानों के लिए वित्तीय सहायता को बहाल करने की भी मांग की है। उन्होंने बताया कि इन रूट्स पर कनेक्टिविटी बढ़ाने से क्षेत्रीय विकास में मदद मिलेगी। श्री साय ने बताया कि जगदलपुर से रायपुर के बीच इंडिगो एयरलाइंस द्वारा संचालित उड़ान सेवा को कम यात्रियों के चलते बंद कर दिया गया था। इसे पुनः सही समय पर शुरू करने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि बस्तर में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए इस मार्ग पर हवाई कनेक्टिविटी की भारी मांग है। केंद्रीय मंत्री ने अन्य प्रस्तावों पर भी सकारात्मक पहल का आश्वासन दिया है।इस दौरान मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत एवं नई दिल्ली में पदस्थ छत्तीसगढ़ की इन्वेस्टमेंट कमिश्नर श्रीमती ऋतु सैन भी उपस्थित थीं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
दिव्यांग पुनर्वास केंद्र और गारमेंट फैक्ट्री का किया अवलोकन, बस्तर ओलंपिक में भी हुए शामिल
रायपुर : उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने अपने दो दिवसीय बस्तर प्रवास के दूसरे दिन आज बीजापुर में सड़क और पुल निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने जल जीवन मिशन के कार्यों का भी जायजा लिया। श्री साव ने इस दौरान ग्रामीणों से चर्चा कर विभिन्न योजनाओं के मैदानी स्तर पर क्रियान्वयन की जानकारी ली। उन्होंने बीजापुर एजुकेशन सिटी में दिव्यांग पुनर्वास केंद्र ‘समर्थ’ का भ्रमण कर बच्चों से मुलाकात की और उनके समूह नृत्य की प्रस्तुति भी देखी। श्री साव ने जैतालूर स्थित गारमेंट फैक्ट्री में महिलाओं का काम देखा। वे मिनी स्टेडियम में आयोजित बस्तर ओलंपिक में भी शामिल हुए। लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव श्री मोहम्मद कैसर अब्दुलहक और प्रमुख अभियंता डॉ. एम.एल. अग्रवाल भी कार्यों के निरीक्षण के दौरान मौजूद थे।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने बीजापुर में नेलसनार से गंगालूर तक निर्माणाधीन सड़क का निरीक्षण किया। 50 किलोमीटर लंबाई के इस सड़क के 39 किलोमीटर हिस्से का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। श्री साव ने अधिकारियों को काम में तेजी लाते हुए शेष 11 किलोमीटर सड़क का काम जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने भैरमगढ़ विकासखंड के फुंडरी में निर्माणाधीन उच्च स्तरीय पुल का भी निरीक्षण किया। यह पुल बीजापुर को नारायणपुर से जोड़ेगा, जिससे बीजापुर और रायपुर की दूरी कम हो जाएगी। इसके निर्माण से बांगोली और बेलनार सहित कई गांवों के लोग बारहों महीने आवागमन कर सकेंगे। इससे व्यापक रूप से शासन की योजनाओं को अंदरुनी ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाया जा सकेगा। उप मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को पुल के निर्माण के बाद सड़कों के विस्तार के लिए सुरक्षा कैम्प स्थापित करने के निर्देश दिए।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने अधिकारियों और निर्माण कंपनियों से गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए दोनों कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित अति संवेदनशील क्षेत्र में निर्माणाधीन ये सड़क और पुल बीजापुर जिले के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले कई गांव स्थित हैं। इनके निर्माण से शासन-प्रशासन पर ग्रामीणों का भरोसा बढ़ेगा। साथ ही इनसे माओवादी घटनाओं पर अंकुश लगाने में भी सहायता मिलेगी।श्री साव ने बीजापुर जिले के गदामली ग्राम पंचायत के आश्रित वन ग्राम मिंगाचल में जल जीवन मिशन के कार्यों का अवलोकन किया। मिंगाचल में सोलर आधारित तीन स्ट्रक्चर के माध्यम से 42 घरों में स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। जल जीवन मिशन के तहत 65 लाख रुपए से अधिक की लागत से गांव में यह व्यवस्था की गई है। श्री साव ने हर घर जल उत्सव कार्यक्रम में यहां की सरपंच श्रीमती लक्ष्मी कांता सकनी को अभिनंदन पत्र प्रदान किया। उन्होंने ग्रामीणों से चर्चा कर हर घर नल से पेयजल आपूर्ति के साथ ही महतारी वंदन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी एवं अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन की मैदानी स्तर पर जानकारी ली।
बस्तर में बदल रहे हालात, नियद नेल्ला नार से अंदरूनी क्षेत्रों में हो रहा तेजी से विकास – श्री अरुण साव
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने बीजापुर के मिनी स्टेडियम में आयोजित बस्तर ओलंपिक को संबोधित करते हुए कहा कि विष्णु देव सरकार के कार्यों से बस्तर में बदलाव की बयार दिख रही है जिसका उदाहरण ये 12 हजार खिलाड़ी हैं जो बस्तर ओलंपिक में शामिल हो रहे हैं। मैं इन खिलाड़ियों के जज्बे को सलाम करता हूं और उम्मीद करता हूं कि बस्तर एवं बीजापुर के खिलाड़ी अपनी बेहतरीन खेल प्रतिभा का परिचय देकर देश-दुनिया में छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करेंगे। उन्होंने कहा कि बीजापुर अत्यंत सुदूर क्षेत्र है। हमारी सरकार ने भटके हुए लोगों से मुख्य धारा में लौटने का आह्वान किया है, ताकि वे बेहतर जिंदगी जीकर अपने और अपने परिवार का सुनहरा भविष्य गढ़ सकें।
श्री साव ने कहा कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नियद नेल्ला नार से अंदरुनी क्षेत्रों में तेजी से विकास हो रहा है। सड़कों और पुल-पुलियों के निर्माण सहित स्कूलों, आंगनबाड़ियों, बिजली, पानी व स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार हो रहा है। लोगों को शासन की योजनाओं से जोड़ने आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, जाति प्रमाण पत्र सहित सभी आवश्यक दस्तावेज सुलभ कराए जा रहे हैं। आवासहीन परिवारों का सर्वे कर पक्का आवास दिया जा रहा है। हमारे सुरक्षा बलों के जवानों का बीजापुर के विकास में बड़ा योगदान है जिनकी सुरक्षा के साये में लोगों को शासन की योजनाओं में शामिल कर सरकार बेहतर जिंदगी दे रही है। श्री साव के बीजापुर में निर्माण कार्यों के निरीक्षण और विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने के दौरान कलेक्टर श्री संबित मिश्रा, जिला पंचायत के सीईओ श्री हेमंत रमेश नंदनवार और पूर्व मंत्री श्री महेश गागड़ा सहित अनेक जनप्रतिनिधि तथा जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
हमारा शौचालय, हमारा सम्मान की थीम पर हुआ विश्व शौचालय दिवस का आयोजन
19 नवम्बर से 10 दिसंबर तक होगा विविध गतिविधियों का आयोजन
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने इस अवसर पर 5 हितग्राहियों को व्यक्तिगत शौचालय का स्वीकृति पत्र एवं स्वच्छाग्राही दीदियों को स्वच्छता किट का किया वितरण
रायपुर : विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर आज उपमुख्यमंत्री निवास कार्यालय में उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा की अध्यक्षता में हमारा शौचालय, हमारा सम्मान की थीम पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य स्वच्छता के महत्व और शौचालय उपयोग को लेकर ग्रामीण समुदायों में जागरूकता फैलाना था।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के कल्पना को साकार करने का प्रण लेते हुए 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन का शंखनाद किया। माननीय प्रधानमंत्री जी का यह प्रण आज संपूर्ण राष्ट्र का प्रण बन चुका है। स्वच्छ भारत के निर्माण को एक जनक्रांति का स्वरूप देने की कड़ी में 19 नवम्बर, 2024 विश्व शौचालय दिवस से 10 दिसम्बर, 2024 मानव अधिकार दिवस तक पूरे राष्ट्र में अभियान मनाया जा रहा है। यह अभियान हमारा शौचालय हमारा सम्मान के विषय पर मनाया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में कोई भी परिवार बिना शौचालय के न हो इसके लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा की स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के फेज-2 में हमारा प्रदेश ओ.डी.एफ. प्लस मॉडल प्रदेश बनने की ओर निरंतर आगे बढ़ रहा है जिसके लिए स्वच्छाग्राही समूहों की दीदीयों के माध्यम से घर-घर से कचरा संग्रहण का कार्य किया जा रहा है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि खुले में शौच एक कुप्रथा का अंत करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की आधारशीला रखी गई है। खुले में शौच करने से पानी और मिट्टी प्रदूषित होती है, जिससे कई प्रकार की बीमारियां फैलती हैं। व्यक्तिगत शौचालयों के उपयोग से इन बीमारियों में कमी आती है। महिलाओं को खुले में शौच के लिए घर से बाहर जाना पड़ता था, जिससे उनकी गरिमा और सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह रहता था। व्यक्तिगत शौचालयों ने उन्हें इस असुविधा से मुक्त किया है। रात के समय या विषम परिस्थितियों में बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती, जिससे महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है। गांव के आस-पास के वातावरण में स्वच्छता बनी रहती है।जिससे बीमारियों के प्रसार पर नियंत्रण होता है।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि व्यक्तिगत शौचालयों का उपयोग केवल एक व्यक्तिगत सुविधा नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज को स्वस्थ, स्वच्छ और सशक्त बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) ने ग्रामीण भारत में स्वच्छता के महत्व को समझाया है और लोगों की जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाया है। यह पहल न केवल वर्तमान पीढ़ी बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक स्वस्थ और स्वच्छ वातावरण प्रदान करने में सहायक होगी।
अब तक प्रदेश के लगभग 36 लाख से अधिक परिवारों को व्यक्तिगत शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। वहीं 13137 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण ग्रामीण क्षेत्रों में किया गया है। 16,167 गांवों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था बन चुकी है। 18,659 गांवों में गंदे पानी के निपटारे हेतु संरचनाओं का निर्माण हो चुका है।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने इस अवसर पर 5 हितग्राहियों को व्यक्तिगत शौचालय का स्वीकृति पत्र एवं 5 स्वच्छाग्राही दीदियों को स्वच्छता किट का वितरण किया।कार्यक्रम में बड़ी संख्या में वर्चुअल रूप से जिलों से जनप्रतिनिधियों, सरपंच एवं अधिकारीगण शामिल हुए। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने जिले से जुड़े सरपंच एवं जनप्रतिनिधियों से भी वर्चुअली बातचीत की। कार्यक्रम को प्रमुख सचिव सुश्री निहारिका बारीक सिंह, मिशन संचालक सुश्री जयश्री जैन ने भी सम्बोधित किया। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
दिल्ली के भरतमंडपम में छत्तीसगढ़ राज्य सांस्कृतिक दिवस कार्यक्रम में होंगे शामिलरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय 20 नवम्बर को प्रातः 9.15 बजे स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट रायपुर से नई दिल्ली रवाना होंगे। मुख्यमंत्री श्री साय वहां संध्या 5.30 बजे से 7.30 बजे तक एम्फी थियेटर-1 भरतमंडपम में आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य सांस्कृतिक दिवस कार्यक्रम में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री 21 नवम्बर को दोपहर 1.45 बजे नियमित विमान से रायपुर लौट आएंगे।
यहां यह उल्लेखनीय है कि नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 14 नवम्बर से 27 नवम्बर तक आयोजित 43वें भारत अंतर्राष्ट्रीय मेले में छत्तीसगढ़ राज्य की उपलब्धियों के प्रचार-प्रसार एवं प्रदर्शन के लिए कुल 11 स्टाल लगाए गए हैं, जहां विकसित छत्तीसगढ़ 2047 की अवधारणा पर छत्तीसगढ़ के ग्रामोद्योग, सेल्फ हेल्प ग्रुप, हाथकरघा, हस्तशिल्प, हर्बल एवं कृषि विभाग के प्रदर्शन स्टाल लगे हैं। 20 नवम्बर को यहां छत्तीसगढ़ राज्य सांस्कृतिक दिवस मनाया जाएगा। इस अवसर पर राज्य की समृद्ध संस्कृति एवं लोककला का प्रदर्शन होगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ राज्य सांस्कृतिक दिवस कार्यक्रम में शामिल होंगे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज "एक पेड़ मां के नाम" अभियान के तहत सीआरपीएफ बस्तरिया बटालियन 241 वाहिनी के परिसर में नीम का पौधा रोपा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का अनूठा प्रयास है, जिसमें सभी लोग स्वस्फूर्त अपनी भागीदारी दे रहे हैं। श्री साय ने सभी से एक पौधा लगाने और उसकी देखभाल करने का आह्वान किया।उन्होंने कहा कि पौधरोपण से हम न केवल पर्यावरण को सुरक्षित करते हैं, बल्कि भावी पीढ़ियों को स्वच्छ हवा और स्वस्थ वातावरण का उपहार देते हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री साय बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक के बाद अचानक सीआरपीएफ बस्तरिया बटालियन के कैंप पहुंचे थे। वृक्षारोपण के दौरान सीआरपीएफ बस्तरिया बटालियन के सुरक्षा बल के जवान उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सरगुजा के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्पर्धा में जीते मैडल, मुख्यमंत्री ने उज्ज्वल भविष्य के लिए दी शुभकामनाएं
रायपुर : सरगुजा के चार खिलाडियों ने कर्नाटक के कुर्ग में 10 से 14 नवंबर तक आयोजित प्रोफेशनल नेशनल किक बॉक्सिंग लीग में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करते हुए 2 स्वर्ण और एक -एक रजत और कांस्य पदक हासिल इस राष्ट्रीय स्पर्धा में छत्तीसगढ़ का परचम लहराया। पदक विजेता इन खिलाड़ियों ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से उनके निवास कार्यालय में मुलाकात कर उन्हें अपनी उपलब्धियों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने इस खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।वाको इंडिया किक बॉक्सिंग फेडरेशन द्वारा आयोजित इस स्पर्धा में सरगुजा की स्वाति राजवाड़े ने 60 किलो से कम वजन वर्ग में गोल्ड, सरवर एक्का ने 50 किलो से कम वजन वर्ग में गोल्ड मैडल, सत्यम साहू ने 70 किलो से कम वजन वर्ग में रजत और संजना मिंज ने 50 किलो से कम वजन वर्ग में कांस्य पदक जीता है।
इस अवसर पर किक बॉक्सिंग एसोशिएशन ऑफ छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष श्री छगन लाल मूंदड़ा, कार्यकारी अध्यक्ष श्री तारकेश मिश्रा, सचिव श्री आकाश गुरु दीवान और टीम के कोच श्री खिलावन दास उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने 426 करोड़ रुपए से अधिक लागत की योजनाओं के तेजी से क्रियान्वयन के दिए निर्देश
8,091 किलोमीटर लाइनें, 2217 ट्रांसफॉर्मर, 7950 बसाहटें
रायपुर : आदिवासी अँचलों में बिजली से वंचित रह गए घरों में बिजली पहुंचाने के लिए 3 अतिविशिष्ट योजनाओं के माध्यम से 77,292 घरों में बिजली पहुंचाने की कार्ययोजना बनाकर उस पर अमल प्रारंभ कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी द्वारा इस महती कार्ययोजना पर कार्य किया जा रहा है जिसमें से 2 योजनाएं केंद्र सरकार की है तथा 1 योजना छत्तीसगढ़ शासन की है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने 426 करोड़ रुपए से अधिक लागत की इन योजनाओं का क्रियान्वयन शीघ्रता से करने के निर्देश दिए है। वहीं छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज के अध्यक्ष श्री रोहित यादव ने तीनों योजनाओं की प्रगति की नियमित तौर पर मॉनिटरिंग की व्यवस्था की है।
प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा-अभियान (पीएम जनमन) के अंतर्गत छत्तीसगढ़ की अति पिछड़ी 7 जनजातियों जिनमें अबुझमाड़िया, बैगा, भारिया, पहाड़ी कोरवा, कमार तथा बिरहोर शामिल हैं, इन 7 जनजातियों के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। ग्रिड से विद्युतीकृत गांवों के 7,077 घरों में बिजली पहुंचाने के लिए 37 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत 1,087 बसाहटों में 363.24 किलोमीटर 11 के.वी. लाइन, 267 नग 25 के.वी.ए. क्षमता के वितरण ट्रांसफॉर्मर तथा 650 किलोमीटर से अधिक निम्नदाब लाइनें बिछाई जा रही है। पीएम जनमन के तहत अभी तक 4,500 घरों में बिजली पहुंचाई जा चुकी है।
प्रधानमंत्री जनजाति उन्नत ग्राम अभियान की घोषणा हाल ही में की गई है जिसके अंतर्गत 919 गांवों के 65,711 अविद्युतीकृत घरों में बिजली पहुंचाने के लिए 323 करोड़ 63 लाख रुपए की कार्ययोजना को स्वीकृति मिली है। जिसके अंतर्गत 6,863 बसाहटों में 1889.56 किलोमीटर लाइनें, 25 के.वी.ए. क्षमता के 1950 वितरण ट्रांसफॉर्मर स्थापित किए जाएंगे तथा 5,188 किलोमीटर से अधिक निम्नदाब लाइनें बिछाई जाएंगी।
आदिवासी बहुल गांवों में बिजली पहुंचाने में सबसे बड़ी समस्या वहां के सघन वन क्षेत्र होते हैं। घने जंगलों में बहुत से क्षेत्र पहुंच विहीन होती हैं। इसके अलावा बस्तर के सघन वन क्षेत्रों में विरासत में मिली नक्सलवाद की समस्या भी है जिसके समाधान की दिशा में राज्य सरकार द्वारा केंद्र की मदद से लगातार प्रयास किया जा रहा है। इस मोर्चे पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के कार्यकाल में बड़ी सफलताएं भी मिल रही हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर सुरक्षाबलों की तैनाती केंद्र तथा राज्य शासन द्वारा की गई है। जिसके लिए सुरक्षा कैम्प बनाए गए है।सुरक्षा कैम्पों के समीप 5 किलोमीटर के दायरे में बहु-आयामी विकास कार्यों को गति देने के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय द्वारा नियद नेल्लानार योजना प्रांरभ की गई है। इस योजना के अंतर्गत 24 सुरक्षा कैम्पों के 5 किलोमीटर के दायरे में 96 गांवों में घरों को रोशन करने की कार्ययोजना बनाकर कार्य प्रारंभ किया गया है। इसमें ग्रिड से विद्युतीकृत 8 गांवों के 105 आवासों तथा ऑफग्रिड विद्युतीकृत 61 गांवों के 4,399 आवासों को ग्रिड से विद्युतीकृत करने की योजना प्रचलन में है।61 करोड़ रुपए की लागत से इस योजना के अंतर्गत उपकेंद्रों, वितरण लाइनों की स्थापना की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत बीजापुर जिले के यथागुण्डम तथा चिन्तावागु गांवों का विद्युतीकरण किया गया है तथा 60 आवासों में बिजली पहुंचाई जा चुकी है। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज के अध्यक्ष श्री रोहित यादव के निर्देशानुसार इन तीनों योजनाओं को प्राथमिकता से पूरा किया जाना है। एम.डी. डिस्ट्रीब्यूशन श्री भीमसिंह कंवर द्वारा नियमित तौर पर क्रियान्वयन की समीक्षा की जा रही है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय वन मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव के प्रति जताया आभार
रायपुर : छत्तीसगढ़ को बाघों के संरक्षण और संवर्धन के लिए ‘गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व‘ के रूप में एक नया टायगर रिजर्व मिल गया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस महत्वपूर्ण घोषणा के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय वन मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव को धन्यवाद दिया है। यह टायगर रिजर्व देश का 56वां टायगर रिजर्व होगा। गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 2829.387 वर्ग किलोमीटर होगा। इनमें आरक्षित वन 1254.586 वर्ग किलोमीटर, संरक्षित वन 1438.451 वर्ग किलोमीटर तथा राजस्व क्षेत्र 136.35 वर्ग किलोमीटर शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व को देश के 56वें टाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित किए जाने की जानकारी राष्ट्र को दी है। उन्होंने कहा कि भारत बाघ संरक्षण में नए मील के पत्थर स्थापित कर रहा है, इसी क्रम में हमने छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास-तमोर पिंगला को 56वें टाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित किया है। गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व 2,829 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की सलाह पर छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर जिलों में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व को अधिसूचित किया। कुल 2829.38 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस बाघ अभयारण्य में 2049.2 वर्ग किलोमीटर का कोर/ क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट शामिल है, जिसमें गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं, और इसका बफर क्षेत्र 780.15 वर्ग किलोमीटर का है। यह इसे आंध्र प्रदेश के नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व और असम के मानस टाइगर रिजर्व के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बनाता है। गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व देश में अधिसूचित होने वाला 56वां टाइगर रिजर्व बन गया है।
भारत की राष्ट्रीय वन्यजीव योजना में परिकल्पित संरक्षण के लिए परिदृश्य दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, नव अधिसूचित बाघ अभयारण्य मध्य प्रदेश में संजय दुबरी बाघ अभयारण्य से सटा हुआ है, जो लगभग 4500 वर्ग किलोमीटर का परिदृश्य परिसर बनाता है। इसके अलावा, यह अभयारण्य पश्चिम में मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य और पूर्व में झारखंड के पलामू बाघ अभयारण्य से जुड़ा हुआ है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने अक्टूबर, 2021 में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला बाघ अभयारण्य को अधिसूचित करने के लिए अंतिम मंजूरी दी थी।
छोटा नागपुर पठार और आंशिक रूप से बघेलखंड पठार में स्थित यह बाघ अभयारण्य विविध भूभागों, घने जंगलों, नदियों और झरनों से समृद्ध है, जो समृद्ध जीव विविधता के लिए अनुकूल हैं और इसमें बाघों के लिए महत्वपूर्ण आवास मौजूद हैं।
भारतीय प्राणी सर्वेक्षण द्वारा गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व से 365 अकशेरुकी और 388 कशेरुकी सहित कुल 753 प्रजातियों का दस्तावेजीकरण किया गया है। अकशेरुकी जीवों का प्रतिनिधित्व ज्यादातर कीट वर्ग द्वारा किया जाता है। कशेरुकी जीवों में पक्षियों की 230 प्रजातियाँ और स्तनधारियों की 55 प्रजातियाँ शामिल हैं, जिनमें दोनों समूहों की कई संकटग्रस्त प्रजातियाँ शामिल हैं।
इस अधिसूचना के साथ, छत्तीसगढ़ में अब 4 बाघ रिजर्व हो गए हैं, जिससे प्रोजेक्ट टाइगर के तहत राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से मिल रही तकनीकी और वित्तीय सहायता से इस प्रजाति के संरक्षण को मजबूती मिलेगी। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री ने 14 नवंबर को किया था नयी “छत्तीसगढ़ औद्योगिक नीति 2024-30” का विमोचन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बीते 14 नवंबर को छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास नीति 2024-30 का विमोचन किया। इसके साथ ही सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास नीति 2024-30 (#CGIndustrialPolicy24) पूरे दिन ट्रेंडिंग करता रहा। एक्स हैंडल पर #CGIndustrialPolicy24 पहले नंबर था।
ग़ौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में सरकार बनने के साथ ही मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने नयी औद्योगिक नीति बनाने की घोषणा की थी। इसे अमलीजामा पहनाते हुए राज्य गठन के 25वें वर्ष यानी रजत जयंती के साथ ही जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर 14 नवंबर को नयी छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास नीति 2024-30 पर विमोचन किया। विमोचन के बाद श्री साय ने इसे ऐतिहासिक दिन बताया। उन्होंने कहा कि इस औद्योगिक नीति का निर्माण सभी की सहभागिता से किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद यह 6वीं औद्योगिक नीति है जिसमें प्रदेश के युवाओं को अधिक-से-अधिक रोज़गार, पर्यटन और स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि बस्तर और सरगुजा क्षेत्र में भी उद्योगों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इस नयी नीति से अग्निवीरों, अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं के लिए भी रोज़गार और स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त होगा। नयी औद्योगिक विकास नीति में पर्यावरण संरक्षण का भी समुचित प्रावधान किया गया है। छत्तीसगढ़ में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए लागत को कम करते हुए, औद्योगिक पार्क, रेल, सड़क और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना हमारा लक्ष्य है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के विशेष प्रयासों से जगमड़वा बांध निर्माण ने लिए 39.77 करोड़ की निविदा जारी, बांध निर्माण कार्य जल्द होगा प्रारंभ
जगमड़वा जलाशय योजना के निर्माण से 1820 हेक्टेयर क्षेत्र में सिचांई सुविधा उपलब्ध होगी, मुख्य नहर से 14 गांव के हजारों किसान होंगे लाभान्वित
किसानों की समृद्धि और खुशहाली मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय सरकार की प्राथमिकता में शामिल-उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा
राज्योत्सव मे रखा गया था ,इस योजना का माडल, जनता ने दिखाई थी योजना पर रूची
कवर्धा : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मंशानुरूप प्रदेश में बरसो से लंबित सिंचाई परियोजनाओं तथा योजनाओं निर्माण के लिए राशि स्वीकृत की जा रही है। कबीरधाम जिले के सहसपुर लोहारा विकासखंड के ग्राम बोदलपानी में 69.76 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली जगमड़वा जलाशय योजना के निर्माण कार्य को गति मिली है।राज्य शासन से इस बांध के निर्माण के लिए 39.77 करोड़ रुपए जारी की गई है। जिसकी निविदा आमंत्रित की गई है, जिसके बाद निर्माण कार्य शीघ्र आरंभ होगा। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव से किसानों की सुविधाओं के विस्तार के लिए कबीरधाम जिले के लंबित सिंचाई योजना जगमड़वा जलाशय के राशि जारी करने के लिए विशेष अनुरोध किया था।कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने बताया कि योजना के डुबान में शासकीय, निजी और वन भूमि कुल 120.02 हेक्टेयर भूमि आ रही है , जिसके मुआवजा और व्यपवर्तन के लिए त्वरित गति से कार्यवाई की जा रही है। साथ ही नहर निर्माण के लिए सर्वे और तकनीकी स्वीकृति भी प्राप्त कर ली गई है। मुआवजा और भूअर्जन की प्रक्रिया भी साथ-साथ चल रही है। जिसकी भी निविदा लगाई जाएगी।जगमड़वा जलाशय योजना के निर्माण पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि किसानों की समृद्धि और खुशहाली मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। प्रदेश सरकार हर किसान को सिंचाई सुविधा, जल संरक्षण और फसल उत्पादन में सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जलाशय योजना न केवल किसानों की वर्षों पुरानी मांग को पूरा करेगी, बल्कि क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को भी मजबूत बनाएगी। इस परियोजना के मुख्य नहर से 14 गांवों के हजारों किसानों को सीधा लाभ होगा और 1820 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। यह परियोजना न केवल कृषि विकास बल्कि रोजगार, भू-जल स्तर सुधार, और ग्रामीण जीवन में सकारात्मक परिवर्तन का जरिया बनेगी।
उप मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने यह भी बताया कि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठा रही है। उपमुख्यमंत्री ने क्षेत्र के किसानों और ग्रामीणों से इस योजना के सफल क्रियान्वयन में सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश है कि सभी परियोजनाएं समय पर पूरी हों और उनके लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे।
जगमड़वा जलाशय योजना से क्षेत्र के किसानों की वर्षों पुरानी मांग पूरी होने जा रही है। जगमड़वा जलाशय योजना का शीर्ष कार्य स्थल सहसपुर लोहारा विकासखंड के ग्राम बोदलपानी है। योजना के तहत नदी पर पिकअप वियर का निर्माण किया जाएगा, जिससे बांयी और दांयी तट नहरों के माध्यम से अंतिम गांवों तक सिंचाई सुविधा पहुंचाई जाएगी। खरीफ सिंचाई उपरांत खेतों में उपलब्ध नमी से रबी फसल गेहू, चना और सब्जी आदि की पैदावार होगी, जिससे लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा। जलाशय से लगभग 498 क्विन्टल प्रतिवर्ष मत्स्य उत्पादन होगा, जिससे ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध होगा। सिंचाई सुविधा के फलस्वरूप कृषि भूमि की दरों में उन्नयन होगा। भू-जल स्तर में वृद्धि होगी, जिससे फसल उत्पादन, पेयजल एवं निस्तारी की समस्या दूर होगी। नहरों के सर्विस बैंक से ग्रामीणों को आवागमन की सुविधा प्राप्त होगी। यह क्षेत्र पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा, जिससे ग्रामीणों को रोजगार के अवसर प्राप्त होगें। वन्य प्राणियों एवं पालतू पशुओं को पानी की सुविधा उपलब्ध होगी।
मुख्य नहर से 14 गांवों के हजारों किसानों को मिलेगा सीधा लाभ:-
जगमड़वा जलाशय के निर्माण से खेती किसानी की उन्नति का रास्ता खुलेगा और किसान आर्थिक रूप से मजबूत होंगे। जगमड़वा जलाशय के निर्माण से ग्राम डुमरिया, बेलहरी, जगमड़वा, बानो, बासीन झोरी, लखनपुर, सिल्हाटी, लोहारा, राम्हेपुर, तिलईभाट, दलसाटोला, धनगांव, नवघटा, सबराटोला के हजारों किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। इस योजना से न केवल खेती-किसानी का स्तर ऊंचा होगा, बल्कि रोजगार और क्षेत्रीय विकास को भी नई दिशा मिलेगी।
किसानों ने जताया आभार
जगमड़वा जलाशय योजना की निर्माण कार्य में तेजी से क्षेत्र के किसानों और ग्रामीणों में उत्साह का माहौल है। किसानों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना उनके जीवन में बड़ा बदलाव लाएगी। इस जलाशय से हमें नियमित सिंचाई का लाभ मिलेगा और हमारी फसलों की पैदावार बढ़ेगी। वर्षों से इस योजना का इंतजार था, जो अब पूरा होता दिख रहा है। सरकार की यह पहल उन्हें आत्मनिर्भर बनाने और क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सहायक होगी।समाचार क्रमांक,1265/गुलाब डड़सेना- निखिलेश -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
निषाद समाज के सामाजिक भवन के लिए 10 लाख और निषाद समाज के पीड़ित परिवार की सहायता राशि 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख करने की घोषणा
मुख्यमंत्री निषाद समाज के युवक-युवती परिचय सम्मेलन व आदर्श विवाह कार्यक्रम में हुए शामिल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज यहां राजधानी रायपुर के ग्राम-फुंडहर में छत्तीसगढ़ निषाद समाज के 23वें राज्य स्तरीय युवक-युवती एवं विधवा-विधुर परिचय सम्मेलन तथा आदर्श विवाह कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने विवाहित जोड़ियों को शुभकामनाएं दी और निषाद समाज द्वारा किए जा रहे इस कार्य की सराहना की। इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री साय ने घोघरा नवापारा में समाज के सामुदायिक भवन के लिए 10 लाख रूपए देने की घोषणा की।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने गत दिनों ग्राम छरछेद में हुई घटना में निषाद समाज के पीड़ित परिवार की सहायता राशि को 10 लाख रूपए से बढ़ाकर 20 लाख रूपए करने और साथ ही पीड़ित परिवार के चार बच्चों को 18 वर्ष होते तक प्रतिमाह 4 हजार रूपए की भी सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवार के 2 युवाओं को कलेक्टर दर पर नौकरी दी जा चुकी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने निषाद समाज के सब-इंस्पेक्टर पद पर चयनित 10 युवाओं को सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि निषाद समाज द्वारा यह आयोजन बहुत अच्छा प्रयास है। सामाजिक एकता बहुत जरूरी है। समाज मे सभी बराबर होते हैं, कोई छोटा-बड़ा नहीं होता। संगठित समाज से सिर्फ समाज को ही फायदा नहीं होता बल्कि समाज के साथ-साथ देश भी मजबूत होता है। उन्होंने कहा कि सामाजिक उन्नति के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। शिक्षा से ही समाज आगे बढ़ता है। उन्होंने समाज प्रमुखों से सभी को शिक्षा का महत्व समझते हुए शिक्षा से जोड़ने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी गुहा निषाद राज के वंशज हैं, जिन्होंने श्री राम की नौका पार कराई थी। हमारी सरकार द्वारा श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन कराए जा रहे हैं। उन्होंने सभी से प्रभु श्री राम के दर्शन करने का आग्रह किया। श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना पुनः प्रारंभ की जा रही है। मुख्यमंत्री ने निषाद समाज को शासन की मत्स्य पालन की योजनाओं का लाभ लेने का भी आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदीजी की गारंटी को हम पूरा कर रहे हैं। दो साल का बकाया धान बोनस, तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक में बढ़ोत्तरी, आवासहीनों को प्रधानमंत्री आवासों की स्वीकृति जैसे अनेक निर्णय हमारी सरकार ले रही है और क्रियान्वित भी कर रही है। समर्थन मूल्य पर 14 नवम्बर से धान खरीदी की जा रही है। किसानों को 72 घण्टे में ही बेची गई धान की कीमत देने की व्यवस्था की गई है।
इस अवसर पर विधायक श्री कुंवर सिंह निषाद, विधायक श्री मोतीलाल साहू, छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री नेहरू निषाद भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर श्री एम आर निषाद, श्री सुरेश धीवर सहित बड़ी संख्या में निषाद समाज के प्रतिनिधि उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री साय के वीडियो-कॉल से बैडमिंटन प्लेयर रितिका के अरमानों को मिले पंख
मजदूर पिता की बेटी रितिका के जज़्बे को मुख्यमंत्री ने सराहा
छत्तीसगढ़ की खेल प्रतिभाओं को सींच रहे मुख्यमंत्री श्री साय
रायपुर : धमतरी की रहने वाली मजदूर पिता की बैडमिंटन प्लेयर बेटी रितिका ध्रुव ने कभी नहीं सोचा था कि उसका अपने खेल के प्रति जुनून एक दिन उसे मुख्यमंत्री से रूबरू करवा देगा। आज जब रितिका को मोबाइल पर वीडियो कॉल में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का स्नेहमयी चेहरा नजर आया तो उसे विश्वास नहीं हुआ कि उसकी बात प्रदेश की मुखिया से हो रही है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने रितिका से बात करते हुए उसके बैडमिंटन के हुनर को सराहा और उसका हौसला बढ़ाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप इसी तरह अपने बैडमिंटन के हुनर को निखारिये। खूब आगे बढ़िये और अपने माता-पिता के साथ पूरे छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाइये। हम आपके साथ हैं, आपको बैडमिंटन के लिए जो भी सहायता व सुविधाएं चाहिए उसे हम आपको देंगे। मुख्यमंत्री की ये बात सुनकर रितिका का चेहरा खिल उठा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने रितिका से वीडियो-कॉल में बड़ी आत्मीयता से बात की और उसके बैकग्राउंड के विषय में जाना। रितिका ने बताया कि उसके पिता जीवनयापन के लिए मजदूरी का कार्य करते हैं और माता आंगनबाड़ी सहायिका हैं। उसे बचपन से ही बैडमिंटन के खेल में रुचि थी। समय के साथ उसका ये शौक जुनून में बदल गया और वह पूरे तरह से इस खेल के प्रति समर्पित हो गयी। मगर परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि बड़े स्तर के टूर्नामेंट के लिए वह अपने टैलेंट को तराश सके। मुख्यमंत्री ने संघर्षों के बावजूद बैडमिंटन में शानदार प्रदर्शन के लिए रितिका की खूब सराहना की।
मुख्यमंत्री श्री साय को रितिका ने वीडियो कॉल पर बताया कि उसने बंगलुरू में खेलो-इंडिया यूनवर्सिटी लेवल गेम्स और हाल ही में ओडीसा में नेशनल टूर्नामेंट में हिस्सा लिया है। वह आगे नेशनल-इंटरनेशनल स्तर पर खेलना चाहती है और ओलम्पिक में मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करना चाहती है। मुख्यमंत्री श्री साय ने रितिका से कहा कि आपका ओलम्पिक का सपना भी पूरा होगा। मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ वे राज्य ओलंपिक संघ के अध्यक्ष भी हैं। आपकी तरह छत्तीसगढ़ की बेटियां जो अपने खेल में शानदार प्रदर्शन कर रही हैं, उन्हें सरकार का पूरा सहयोग मिलेगा।
मुख्यमंत्री को रितिका ने बताया कि वो अभी बीए अंतिम वर्ष में पढ़ाई भी कर रही है। मुख्यमंत्री श्री साय ने रितिका को खेल के साथ अपनी पढ़ाई भी पूरे मन से करने प्रोत्साहित किया। उन्होंने बिटिया को खूब आशीर्वाद देते हुए उसके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री से बात कर के रितिका के चेहरे पर खुशी की मुस्कान छा गयी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री साय लगातार प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं। उनका प्रयास है कि राज्य में खेल का मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर बनने के साथ-साथ यहां के टैलेंट को आगे बढ़ने का पूरा मौका मिले। इसी क्रम में मुख्यमंत्री श्री साय ने विगत दिनों छत्तीसगढ़ की पर्वतारोही निशा को किलिमंजारो पर्वत फतह करने कॉल कर पूरी मदद का आश्वासन दिया था। आज जब मुख्यमंत्री ने रितिका के संघर्ष और उसकी बैडमिंटन की प्रतिभा को जाना तो वीडियो कॉल पर बिटिया का हौसला बढ़ाया। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री के हाथों सम्मानित होकर अभिभूत हुए किसान हरिराम और उत्तम
रायपुर : समर्थन मूल्य पर धान खरीदी योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के द्वारा बालोद जिले के गुण्डरदेही विकासखण्ड के धान खरीदी केन्द्र भाठागांव बी में धान खरीदी के कार्य का विधिवत् शुभारंभ किया गया। धान खरीदी के पहले दिन मुख्यमंत्री श्री साय की उपस्थिति में संपन्न धान खरीदी के कार्य के शुभारंभ में शामिल होने का अवसर प्राप्त होने पर इस दौरान मौजूद कृषकों ने इस पल को अपने लिए अविस्मरणीय पल बताते हुए इसकी मुक्तकंठ से सराहना की।इस अवसर पर धान की बिक्री करने हेतु धान खरीदी केन्द्र में पहुँचे ग्राम मोंगरी निवासी कृषक हरिराम साहू एवं ग्राम भाठागांव बी निवासी कृषक उत्तम निषाद मुख्यमंत्री के हाथों से सम्मानित होने पर बहुत ही अभिभूत हुए। इन दोनों किसानों ने इस पल को अपने जीवन का सबसे यादगार और रोमांचकारी क्षण बताया।
उन्होंने कहा कि अपने धान की बिक्री के लिए धान खरीदी केन्द्र में पहुँचने पर राज्य के मुखिया के हाथों से सम्मानित होना निश्चित रूप से हमारे लिए गौरव की बात है। यह क्षण उनके स्मृति पटल पर सदैव अंकित रहेगा। किसान हरिराम साहू ने बताया कि वे एक मध्यमवर्गीय किसान है। श्री साहू ने कहा कि राज्य शासन की समर्थन मूल्य पर धान खरीदी योजना उनके परिवार की खुशहाली के लिए बहुत बड़ा आर्थिक आधार है। उन्होंने बताया कि धान खरीदी केन्द्र में उन्होंने कुल 65 क्विंटल 20 किलो पतला धान की बिक्री की है। श्री साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाले छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा प्रति क्विंटल 3100 रुपये की दर पर प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी का निर्णय लिया गया है, जो बहुत ही सराहनीय एवं किसान हितैषी फैसला है।इसी प्रकार ग्राम भाठागांव बी के किसान श्री उत्तम निषाद ने कहा कि राज्य शासन के समर्थन मूल्य पर धान खरीदी योजना के अंतर्गत मिलने वाली राशि उनके परिवार के लिए मुश्किल वक्त का सहारा साबित होती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने एक सच्चे अभिभावक की तरह राज्य की किसानों की वास्तविक जरूरतों को समझते हुए धान खरीदी के दर में जो वृद्धि की है, उससे उनके जैसे अनेक किसान लाभान्वित होंगे। श्री उत्तम निषाद ने कहा कि राज्य शासन के इस निर्णय से राज्य के किसान बहुत ही प्रसन्नचित होकर इस योजना की भूरी-भूरी सराहना कर रहे हैं। उन्होंने इस किसान हितैषी निर्णय के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ सरकार को हृदय से धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया है। धान खरीदी केन्द्र में धान बिक्री के लिए आने वाले किसानों के लिए छांव, बैठक, शुद्ध पेयजल, शौचालय आदि सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई है। इससे सभी किसान सुगमता से बिना किसी असुविधा के धान की बिक्री कर पा रहे हैं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
हाथी प्रभावित इलाके से आए कलाकारों ने गांव में स्ट्रीट लाइट लगवाने का किया आग्रह : मुख्यमंत्री ने दी मंजूरी
रायपुर : राजधानी रायपुर में आयोजित दो दिवसीय जनजातीय गौरव दिवस में अपनी कला का प्रदर्शन करने आए जशपुर जिले के मुंडारी नृत्य दल के कलाकारों ने आज रात यहां मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से उनके निवास कार्यालय में मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि राजधानी के मुख्य समारोह में अपनी कला का प्रदर्शन करके उनके दल के सदस्य काफी उत्साहित हैं। उन्होंने इस आयोजन के माध्यम से मिले अवसर के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया।
मुख्यमंत्री ने इन कलाकारों से इनके गांव का हालचाल भी पूछा, जिसके जवाब में दल के सदस्यों ने बताया कि वे लोग बादलखोल अभ्यारण्य के बगीचा विकासखंड की ग्राम पंचायत बछरांव के निवासी हैं। यहां मुड़ा, नगेशिया, पहाड़ी कोरवा और उरांव जनजाति के परिवार निवासरत हैं। यह क्षेत्र हाथी प्रभावित है। तीन हजार की आबादी वाले इस गांव में इन लोगों ने सात स्ट्रीट लाइट की मांग मुख्यमंत्री से की। मुख्यमंत्री ने उन्हें स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए आश्वस्त किया।
लोक कलाकारों के इस दल में प्रतिभा मुंडा, मीना मुंडा, शांता, विष्णु बरला, रामदयाल, सुनीता, अनुराधा, अमिता बरला, विष्णु मांझी और विश्वनाथ प्रधान आदि शामिल थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
एक मंच पर दिखी विभिन्न राज्यों की संस्कृतियों की अनूठी झलक
देश भर से आए नर्तक दलों ने बिखेरी आदिवासी लोक नृत्यों की छटा
रायपुर : राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में दो दिवसीय जनजातीय गौरव दिवस एवं अंतर्राज्यीय आदिवासी लोक नृत्य महोत्सव का शुभारंभ हुआ। महोत्सव में विभिन्न राज्यों से आए लोक नर्तक दलों ने अपनी-अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया। इस अवसर पर सिक्किम, गुजरात, अरुणाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, जम्मू कश्मीर, छत्तीसगढ़, नागालैण्ड, उत्तरांचल, तेलंगाना, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, दमन दीव, गुजरात और राजस्थान के जनजातीय समूह ने पारंपरिक लोकनृत्यों की प्रस्तुति दी।
लोक नृत्य महोत्सव में पहली सांस्कृतिक प्रस्तुति छत्तीसगढ़ के माड़िया जनजाति ने गौर माड़िया नृत्य के माध्यम से दी। गौर माड़िया नृत्य छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर संभाग में गौर माड़िया जनजाति द्वारा किया जाता है। इस जनजाति का यह नृत्य बहुत ही हर्षाेल्लास से परिपूर्ण, सजीव एवं सशक्त होता है। सिक्किम के लिम्बू जनजाति समुदाय के लोक नर्तक दल ने प्रकृति पूजा, फसल और प्राणियों के संरक्षण में किए जाने वाला नृत्य चासोक तांगनाम नृत्य प्रस्तुत किया। गुजरात से आए लोकनर्तक दल ने सिद्दी गोमा नृत्य और राठवा नृत्य की प्रस्तुति दी। अरुणाचल प्रदेश से आए नर्तक समूह ने गेह पदम ए ना-न्यी की प्रस्तुति दी।
इसके उपरांत मध्यप्रदेश के डिंडौरी से आए गोंड जनजाति समूह ने सैला-रीना नृत्य की प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया। सैला-रीना नृत्य एवं गीत बहु जनजातीय नृत्य है। जम्मू कश्मीर के गुज्जर जनजातीय समुदाय के नर्तक दल ने मनमोहक गोजरी नृत्य की प्रस्तुति से खूब तालियां बंटोरी। जनजातीय गौरव दिवस एवं अंतर्राज्यीय आदिवासी लोक नृत्य महोत्सव के पहले दिन उत्तराखंड के जनजातीय समुदाय द्वारा दिया बाती नृत्य, तेलंगाना के द्वारा मथुरी नृत्य, उत्तर प्रदेश के द्वारा कर्मा नृत्य, कर्नाटक के द्वारा सुगाली नृत्य , आंध्र प्रदेश के द्वारा ढीमसा नृत्य, दमन दीव द्वारा तारपा नृत्य तथा राजस्थान के जनजातीय कलाकारों द्वारा चकरी नृत्य की प्रस्तुति दी गई।इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के जनजातीय कलाकारों द्वारा अलग-अलग तीज त्यौहारों के लोक नृत्यों की प्रस्तुति दी गई।
साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस एवं अंतर्राज्यीय आदिवासी लोक नृत्य महोत्सव के पहले दिन कलाकारों के साथ ही उपस्थित दर्शकों में भी जबरदस्त उत्साह का माहौल था।दर्शकों ने विभिन्न प्रदेशों से आए जनजातीय कलाकारों के नृत्य पर तालियां बजाकर उनका उत्साहवर्धन किया। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
14 से 27 नवंबर तक होगा आयोजन
रायपुर : नई दिल्ली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में छत्तीसगढ़ का स्टॉल इस बार विशेष आकर्षण का केंद्र है। यहां ढोकरा कला, कोसा सिल्क, बस्तर के बांस शिल्प और अन्य पारंपरिक शिल्पों की झलक देखने को मिलती है। इसके साथ ही, राज्य ने अपने औद्योगिक उत्पादों, विशेष आर्थिक क्षेत्रों और हर्बल उत्पादों को भी प्रमुखता से प्रदर्शित किया है। इस वर्ष की थीम “विकसित भारत @ 2047” को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ ने अपने स्टॉल को तैयार किया है। राज्य ने हाल के वर्षों में अपने आदिवासी क्षेत्रों के विकास, रोजगार सृजन, और औद्योगिक निवेश में उल्लेखनीय प्रगति की है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य ने एक मजबूत औद्योगिक और सामाजिक आधार तैयार किया है, जिसने देश-विदेश के निवेशकों को आकर्षित किया है।
उल्लेखनीय है कि नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 43वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 14 नवंबर से प्रारंभ हो गया है। इस वर्ष मेले की थीम “विकसित भारत @ 2047” है, जिसमें देश के सभी राज्यों व केन्द्रशासित प्रदेश अपनी प्रगति और उपलब्धियों को प्रदर्शित कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ भवन की आवासीय आयुक्त श्रीमती श्रुति सिंह ने छत्तीसगढ़ के पवेलियन का उद्घाटन किया। इस मौके पर छत्तीसगढ़ से आए कलाकारों ने करमा नृत्य की प्रस्तुति दी। ‘विकसित छत्तीसगढ़@2047' की अवधारणा पर छत्तीसगढ़ के ग्रामोद्योग, स्वयं सहायता समूह, हैंडलूम, हस्तशिल्प, हर्बल, कृषि विभाग आदि के स्टॉल लगाए गए हैं। 20 नवंबर को राज्य सांस्कृतिक दिवस मनाया जाएगा जहां लोक कलाकार प्रदेश की समृद्ध लोक कला और संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
15 नवंबर को आयोजित कार्यशाला में विभिन्न राज्यों के गिद्ध विशेषज्ञ होंगे शामिल
बाम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी और बर्ड काउंट इंडिया के प्रतिनिधि भी होंगे शामिल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ में विलुप्त होने के कगार पर पहुंचे वन्य जीव प्रजातियों के संरक्षण की दिशा में वन विभाग द्वारा कार्य किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में वन विभाग द्वारा 15 नवम्बर 2024 को नवा रायपुर स्थित अरण्य भवन में गिद्ध संरक्षण पर कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है जिसमें विभिन्न राज्यों में गिद्ध संरक्षण हेतु कार्य कर रहे विशेषज्ञ राजधानी रायपुर में गिद्धों के संरक्षण पर चर्चा करने के लिए एकत्रित होंगे। इस कार्यशाला में विशेषज्ञ और शोधार्थी अपने अनुभव साझा करेंगे और मध्य भारत में विशेषकर छत्तीसगढ़ में गिद्ध संरक्षण के क्षेत्र में अपने-अपने सुझाव प्रस्तुत करेंगे। बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस), बर्ड काउंट इंडिया और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ जैसी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी इस कार्यशाला में शामिल होंगे।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के इंद्रावती टाइगर रिजर्व, अचानकमार टाइगर रिजर्व, बस्तर और गुरु घासीदास टाइगर रिज़र्व और अन्य वन्यजीव अभ्यारण्यों में गिद्धों की छह प्रजातियाँ पाई जाती हैं जिसमे लॉन्ग बिल्ड वल्चर, व्हाइट रम्प्ड वल्चर, इजिप्शियन वल्चर, हिमालयन वल्चर, यूरेशियन वल्चर, और सिनेरियस वल्चर शामिल हैं। जंगल सफारी के संचालक श्री धम्म्शील गणवीर ने बताया कि गिद्ध जैव विविधता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, वे पर्यावरण में प्राकृतिक सफाईकर्मी के रूप में कार्य करते हैं और संक्रमण फैलने से रोकने में सहायक होते हैं। गिद्धों की संख्या में कमी के कारण पर्यावरण में जैविक असंतुलन उत्पन्न हो सकता है। इस कार्यशाला का उद्देश्य न केवल छत्तीसगढ़ में बल्कि संपूर्ण देश में गिद्ध संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना और गिद्ध संरक्षण में सामूहिक सहभागिता को बढ़ावा देना है।