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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने चक्रधर सम्मान से सम्मानित, संगीत साधना के महान पुरोधा, कलागुरु वेदमणि सिंह ठाकुर ‘बेदम’ जी के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि कलागुरु ‘बेदम’ जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन संगीत की साधना एवं प्रचार-प्रसार में समर्पित कर दिया। रायगढ़ को ‘सांस्कृतिक राजधानी’ के रूप में गौरवान्वित करने में उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा। उनके व्यक्तित्व, साधना और कला ने न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे देश के सांस्कृतिक जीवन को समृद्ध किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि देशभर के अनेक प्रतिष्ठित मंच उनकी प्रतिभा से आलोकित हुए हैं। उनके शिष्यों और संगीत साधकों के लिए उनका जाना अपूरणीय क्षति है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने तथा शोकाकुल परिवार और शिष्यों को इस दुःख की घड़ी में संबल देने की प्रार्थना की। -
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मुख्यमंत्री ने मुलाकात के दौरान दंतेवाड़ा के युवा उद्यमियों को किया प्रोत्साहित:आईआईएम में दंतेवाड़ा के 50 युवा उद्यमी ले रहे हैं प्रशिक्षण
रायपुर : छत्तीसगढ़ में खनिज, वन सहित अन्य प्राकृतिक संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। इसके फलस्वरूप कृषि के साथ-साथ उद्योग-धंधों सहित प्रत्येक क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं। आवश्यकता इस बात की है कि हम अपनी मौजूदा क्षमताओं का सही ढंग से उपयोग कर प्रदेश और देश के नव निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करें।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय विगत दिवस नवा रायपुर स्थित आईआईएम परिसर में दंतेवाड़ा के नवोदित उद्यमियों को संबोधित कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि दंतेवाड़ा जिले के 50 युवाओं का एक बैच देश के प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थान आईआईएम में उद्यमिता का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे सभी युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और कहा कि यह प्रशिक्षण उनके कैरियर निर्माण एवं जीवन संवारने में अत्यंत कारगर सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जब कोई युवा उद्यमी अपने सपनों को साकार करता है, तो वह अनेक युवाओं के लिए प्रेरणा और अवसर का द्वार खोलता है। यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि आप सभी बस्तर क्षेत्र से हैं और उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। आज बस्तर को सबसे संभावनाओं वाला क्षेत्र माना जा रहा है। प्रशिक्षण में आपने उद्यमिता से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें सीख ली हैं। अब उन्हें लागू कर अपने उद्यम को आरंभ कीजिए। शासन की ओर से हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कृषि क्षेत्र के साथ-साथ उद्योगों के विकास के लिए भी अनुकूल वातावरण है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के समग्र विकास के लिए हम निरंतर नवाचार, अनुसंधान तथा उद्यमिता को प्रोत्साहित कर रहे हैं। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए हमने ‘नई औद्योगिक नीति 2024-30’ लागू की है। इस नीति का मूल मंत्र है: “न्यूनतम शासन, अधिकतम प्रोत्साहन।” इसके तहत उद्योग स्थापना की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए ‘सिंगल विंडो 2.0’ व्यवस्था लागू की गई है, जिसके माध्यम से सभी आवश्यक क्लीयरेंस सुलभता से प्रदान किए जा रहे हैं। नई औद्योगिक नीति में प्रदेश के पिछड़े माने जाने वाले बस्तर और सरगुजा अंचल को सर्वाधिक निवेश प्रोत्साहन क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया है, ताकि उनका त्वरित विकास सुनिश्चित हो सके।
मुख्यमंत्री श्री साय ने चर्चा के दौरान यह भी बताया कि नई औद्योगिक नीति के अंतर्गत बस्तर में उद्योग स्थापित करने पर विशेष अनुदान का प्रावधान किया गया है। बस्तर के विकास का रोडमैप भी गत माह तैयार किया गया है, जिसमें कृषि, वनोपज आधारित व्यवसाय और पर्यटन सहित सभी प्रमुख क्षेत्रों के लिए योजनाएं बनाई गई हैं। बस्तर की कनेक्टिविटी अब उत्कृष्ट हो गई है, जिससे उद्यमियों के उत्पाद देश भर के बाजारों तक आसानी से पहुँच सकें। सड़कों के सशक्त जाल के माध्यम से विकास को प्रोत्साहन मिलता है।
मुख्यमंत्री श्री साय से मुलाकात के दौरान युवा अत्यंत उत्साहित नजर आए और उन्होंने भी अपने अनुभव साझा किए। इस अवसर पर बड़े बचेली से श्री चंद्रकुमार साहू, किरंदुल-बैलाडीला से श्री अभिषेक गुप्ता, बचेली से श्री अनिरुद्ध कुमार, बीजापुर से श्री तेजस्व कुमार एवं श्री नीलम पांडे, बचेली से कु. शिल्पा कुमारी तथा दंतेवाड़ा से श्री राकेश यादव सहित कुल 50 युवा उद्यमी उपस्थित थे। -
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रायपुर : साहित्य अकादमी नई दिल्ली और साहित्य अकादमी, छत्तीसगढ संस्कृति परिषद रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में आज नवीन विश्राम भवन (सिविल लाईंस) रायपुर के कन्वेंशन हॉल में आयोजित अखिल भारतीय आदिवासी लेखक सम्मिलन में लेखिका शकुंतला तरार की हल्बी में 101 लेजा गीत चो गीत की हल्बी के साथ हिंदी में अनुवाद के साथ शब्दार्थ सहित पुस्तक का विमोचन अध्यक्ष साहित्य अकादमी दिल्ली श्री माधव कौशिक, सचिव साहित्य अकादमी दिल्ली श्री के. श्रीनिवास राव, लोक साहित्य विद डॉ महेंद्र ठाकुर, लोक साहित्यकार श्री रुद्रनारायण पाणिग्राही, कुलपति छत्रपति महाराज विश्व विद्यालय मुंबई डॉ. केशरीलाल वर्मा, अध्यक्ष साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ श्री शशांक शर्मा के करकमलों से संपन्न हुआ।अध्यक्ष साहित्य अकादमी दिल्ली श्री माधव कौशिक, सचिव साहित्य अकादमी दिल्ली श्री के. श्रीनिवास राव, ने कहा कि लेखिका शकुंतला तरार की हल्बी में 101 लेजा गीत चो गीत एक विधा होती है उसका 101 गीत हिंदी में अनुवाद के साथ शब्दार्थ सहित पुस्तक शोधार्थियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। इस अवसर पर भाषाविद, साहित्यकार, कविगण सहित जनप्रतिनिध ओर गण मान्य नागरिक उपस्थित थे। -
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मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ विभिन्न आसनों का किया अभ्यास
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) नवा रायपुर परिसर के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ योगासन कर चिंतन शिविर 2.0 के दूसरे दिन की शुरुआत की। उन्होंने योग को स्वस्थ जीवनशैली का आधार बताते हुए कहा कि योग न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि मन को भी शांत करता है और हमें प्रकृति के अधिक समीप लाता है। यह योगाभ्यास न केवल एक प्रेरणादायक पहल थी, बल्कि प्रदेश में स्वास्थ्य एवं संतुलित जीवनशैली को प्रोत्साहित करने का भी सशक्त संदेश था।
मुख्यमंत्री श्री साय के साथ इस योग सत्र में उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा तथा आईआईएम रायपुर के निदेशक प्रो. रामकुमार काकानी भी शामिल हुए।
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आईआईएम रायपुर में दो दिवसीय शिविर का आयोजन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों का दो दिवसीय चिंतन शिविर 2.0 आज आईआईएम रायपुर में प्रारंभ हो गया है। छत्तीसगढ़ शासन के सुशासन एवं अभिसरण विभाग द्वारा भारतीय प्रबंधन संस्थान, रायपुर (आईआईएम) के सहयोग से दो दिवसीय चिंतन शिविर 2.0 का आयोजन किया गया है।
कार्यक्रम के शुभारंभ के पश्चात आज ‘परिवर्तनकारी नेतृत्व और दूरदर्शी शासन’, संस्कृति, सुशासन और राष्ट्र निर्माण तथा सक्षमता से सततता तक: विकास के लिए सार्वजनिक वित्त पर पुनर्विचार जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सत्र का आयोजित किया जा रहा है। दो दिवसीय शिविर के दौरान भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्रबुद्धे, प्रो. हिमांशु राय (डायरेक्टर आईआईएम इंदौर), डॉ. रविंद्र ढोलकिया (आईआईएम अहमदाबाद), श्री संजीव सान्याल (प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद सदस्य), पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक उदय माहुरकर, ग्लोबल डिजिटल स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र प्रताप गुप्ता जैसे ख्यातिप्राप्त विशेषज्ञ विभिन्न सत्रों को संबोधित करेंगे।
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विदेशी कलाकारों द्वारा प्रवेश हेतु बढ़-चढ़कर किया जाता है आवेदन
रचनात्मक प्रतिभा को उजागर कर, कला के क्षेत्र में रच रहा नया इतिहास
प्रवेश हेतु पंजीयन की अंतिम तिथि 16 जून
रायपुर : छत्तीसगढ़ के इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ नृत्य, संगीत एवं ललित कला के क्षेत्र में एशिया का एकमात्र विशिष्ट विश्वविद्यालय है। यह संस्थान विद्यार्थियों के लिए एक समग्र, शोधोन्मुख एवं विद्यार्थी-केंद्रित वातावरण तैयार कर उनकी रचनात्मक क्षमता को जागृत करने और कला की गहराइयों से परिचित कराने का सुनहरा अवसर प्रदान करता है। संगीत विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किया गया है। ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया का पंजीयन 16 जून तक होगी। प्रवेश के लिए प्रथम अभिरुचि परीक्षा 24 से 27 जून तक आयोजित होगा, 30 जून तक इसका परिणाम जारी किया जाएगा। इसी तरह द्वितीय अभिरुचि परीक्षा 22 से 24 जुलाई तक आयोजित होगी, इसकी चयन सूची 25 जुलाई को जारी की जाएगी।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा इस विश्वविद्यालय को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। भारत के अतिरिक्त अन्य कई देशों के विदेशी विद्यार्थियों द्वारा भी इस विश्वविद्यालय में प्रवेश हेतु बढ़-चढ़कर आवेदन किए जा रहें है। इस विश्विद्यालय में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर हिन्दुस्तानी गायन, हिन्दुस्तानी वायलिन, सितार, सरोद, तबला, कत्थक, भरतनाट्यम, ओडिसी, लोक संगीत, नाटक, नृत्य, चित्रकला, मूर्तिकला, टेक्सटाइल्स डिज़ाइन जैसे पाठ्यक्रमों में डिप्लोमा और डिग्री दी जाती है। इस विस्तृत पाठ्यक्रम संरचना से न केवल कला की विविध धाराओं में पारंगत होने का अवसर मिलेगा, बल्कि विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होगा। इसके साथ-साथ विश्वविद्यालय में शोधात्मक गतिविधियों के विस्तार हेतु विभिन्न विषयों में पीएच.डी. एवं डी.लिट् की सुविधा प्रदान करने वाला संभवतः भारत का एकमात्र विश्वविद्यालय है।
विश्वविद्यालय की अनोखी विशेषताएँ
इंदिरा गांधी कला विश्वविद्यालय रचनात्मकता का मुक्त मंच- यहां छात्रों को अनुभवी शिक्षकों द्वारा मनोहारी प्राकृतिक वातावरण में तनावरहित शिक्षण एवं प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, जिससे उनकी कला में गहराई एवं शोध का समागम होता है। नृत्य, संगीत, ड्रामा एवं ललित कला के साथ-साथ अन्य विषयों की भी व्यापक जानकारी दी जा रही है, जिससे छात्रों का बौद्धिक विकास सुनिश्चित हो रहा है। विश्वविद्यालय का लक्ष्य शुद्ध अंतःकरण एवं बाधा रहित प्रशिक्षण व्यवस्था के साथ कला साधकों को ज्ञान के नए आयामों तथा कला की सच्ची भावना से परिचित कराना है।इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय न केवल एक शिक्षण संस्थान है, बल्कि यह एक ऐसा मंच है जहाँ विद्यार्थी अपनी रचनात्मक प्रतिभा को उजागर कर, कला के क्षेत्र में नया इतिहास रच रहे हैं। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा लगातार राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 700 से अधिक पुरस्कार प्राप्त किए हैं। हाल ही में यूथ-फेस्टिवल में संगीत विश्वविद्यालय द्वारा चौंपियनशिप ट्राफी प्राप्त किया है। इस विश्वविद्यालय को सभी कला साधकों एवं समुदाय के लिए एक तीर्थस्थल के रूप में स्थापित किया गया है, जहाँ परंपरा एवं नवाचार साथ-साथ प्रगति कर रहें हैं। विश्वविद्यालय के शैक्षणिक सत्र 2025-26 के प्रवेश हेतु विश्वविद्यालय की अधिकारिक वेबसाईट www.iksv.ac.in पर विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकती है। -
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रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका ने ईद-उल-जुहा (बकरीद) पर्व के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने अपने संदेश में कहा है कि ईद-उल-जुहा का त्यौहार हमें बलिदानी-संस्कारवान बनने और मानव उत्थान के लिए समर्पण की सीख देता है। राज्यपाल ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की है। -
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स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल की तरफ से आवश्यक जांच कराने, समय पर सैंपल परीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश
सामान्य लक्षणों के चलते मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं
रायपुर : छत्तीसगढ़ में वर्तमान में कोविड-19 के जो भी मामले सामने आए हैं, उनमें अधिकतर मरीजों में सामान्य इंफ्लूएंजा जैसे लक्षण ही देखे जा रहे हैं, जैसे हल्का बुखार, सर्दी-खांसी या गले में खराश। विशेषज्ञों के अनुसार, इन लक्षणों के चलते अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं पड़ी है और मरीजों की स्थिति स्थिर बनी हुई है। अब तक राज्य में कुल 1183 लोगों की जांच की गई है, जिनमें से 50 व्यक्तियों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि सभी संक्रमितों में सिर्फ सामान्य सर्दी-खांसी जैसे हल्के लक्षण पाए गए हैं और केवल गंभीर लक्षण वाले व्यक्तियांे को चिकित्सालय में उपचार हेतु संदर्भित करने के लिए निर्देश दिये गये है।
सतर्कता के साथ संपर्क जांच और निगरानी का कार्य जारी
आयुक्त सह संचालक स्वास्थ्य सेवाएं ने स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण की रोकथाम के लिए आवश्यक सभी कदम उठाए हैं। जिन व्यक्तियों में संक्रमण की पुष्टि हुई है, उनके संपर्क में आए लोगों की पहचान कर जांच की जा रही है। साथ ही, उनके निवास क्षेत्रों में स्वास्थ्य दल भेजकर सर्वेक्षण किया गया है। यदि किसी में लक्षण पाए जा रहे हैं तो उसकी जांच कराई जा रही है, और गंभीर लक्षण होने की स्थिति में उपचार के लिए अस्पताल भेजा जा रहा है।
राज्य भर में मॉक ड्रिल, सभी अस्पताल तैयार
5 जून 2025 को पूरे राज्य के अस्पतालों में कोविड-19 की रोकथाम एवं उपचार की तैयारियों को परखने के लिए मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इस दौरान सभी जिलों की व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई और संक्रमण से निपटने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए।
स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल की तरफ से निर्देश दिए गए हैं कि राज्य के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों, सिविल सर्जनों और मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पताल कोविड-19 के संदिग्ध मामलों की निगरानी करें, आवश्यक जांच कराएं, और समय पर सैंपल परीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
घबराएं नहीं, सतर्क रहें: विशेषज्ञों की सलाह
भारत सरकार के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, वर्तमान में कोविड-19 के लक्षण सामान्य फ्लू की तरह ही हैं, जिससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। राज्य सरकार ने मौसमी बीमारियों और कोविड-19 दोनों से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि यदि किसी में हल्के सर्दी-जुकाम, बुखार या गले में खराश जैसे लक्षण दिखें, तो वह निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें। सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे सजग रहें, लेकिन भयभीत न हों।
राज्य सरकार ने भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार कोविड-19 एवं मौसमी बीमारियों के संभावित मरीजों के उपचार की संपूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की है। अस्पतालों में दवाएं, परीक्षण सुविधा एवं चिकित्सकीय संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। -
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स्वर्गीय श्री रामजीलाल अग्रवाल को श्रद्धांजलि अर्पित की, परिवारजनों से मिलकर शोक-संवेदना प्रकट की
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज शाम सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल के पिताजी स्वर्गीय श्री रामजीलाल अग्रवाल के शांति मिलन कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री साय ने स्वर्गीय श्री रामजीलाल अग्रवाल के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल और उनके परिवारजनों से मिलकर शोक संवेदना प्रकट की।
मुख्यमंत्री के साथ स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल भी कार्यक्रम में पहुंचे थे। उन्होंने भी स्वर्गीय श्री रामजीलाल अग्रवाल को श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का आयोजन रायपुर के बेबीलोन इंटरनेशनल होटल में किया गया। सांसद श्री अग्रवाल ने अपने पिता जी स्वर्गीय श्री रामजीलाल अग्रवाल के व्यक्तित्व और कृतित्व तथा प्रेरणादायक जीवन पर प्रकाशित पुस्तक ‘हमर सियान’ की प्रति मुख्यमंत्री श्री साय को भेंट की।
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लोगों से “एक पेड़ मां के नाम” अभियान से जुड़ने की अपील
रायपुर : विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज कांकेर जिले के संबलपुर स्थित हाई स्कूल मैदान परिसर में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत बादाम का पौधा रोपित किया। यह कार्यक्रम राज्य में पर्यावरण संरक्षण को जनआंदोलन बनाने की दिशा में एक सशक्त पहल है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ कांकेर सांसद श्री भोजराज नाग, अंतागढ़ विधायक श्री विक्रमदेव उसेंडी, विधायक श्री आशाराम नेताम सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं आम नागरिकों ने भी उत्साहपूर्वक वृक्षारोपण किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि एक पेड़ मां के नाम अभियान केवल वृक्षारोपण तक सीमित नहीं है, यह माता के प्रति श्रद्धा, प्रकृति के प्रति कृतज्ञता और भावी पीढ़ियों के लिए सुरक्षित भविष्य की संकल्पना है। जब हम अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगाते हैं, तो उसमें भावनात्मक जुड़ाव आता है और हम उसकी देखभाल भी पूरे मन से करते हैं। उन्होंने आम नागरिकों से अपील की कि वे इस अभियान में सहभागी बनें और अपनी माता, आराध्य देवी-देव के नाम पर कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल छत्तीसगढ़ को हरित प्रदेश बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। एक पेड़ मां के नाम अभियान एक अभिनव पहल है, जिसका उद्देश्य पर्यावरणीय जागरूकता के साथ सामाजिक और भावनात्मक सरोकार को जोड़ना है। -
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अन्य लोगों को अपने अभिनव प्रयोग का दे रहीं प्रशिक्षण
रायपुर : औषधीय गुणों से भरपूर सुपर फुड मुनगा की फसल लेकर धमतरी जिले के ग्राम कोकड़ी की महिलाएं अपनी आमदनी दुगुना कर रहीं हैं। मुनगा को सब्जी के तौर पर तो उपयोग किया ही जाता है। इसके साथ ही मुनगे की पत्तियों का पावडर मल्टीविटामिन सप्लीमेंट के साथ ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल और बीपी को कंट्रोल करने में भी मदद करता है। यही वजह है कि महिलाएं मुनगा की बिक्री ना केवल आसपास के बाजारों में कर रहीं हैं, बल्कि राजधानी रायपुर में भी इसकी सप्लाई कर रहीं हैं। इससे उन्हें दुगुनी आमदनी मिल रही है।

सरकार में मिल रही है मदद
धमतरी जिले के कुरूद विकासखण्ड स्थित ग्राम पंचायत कोकड़ी की जय मां लक्ष्मी स्व सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती रामेश्वरी साहू बतातीं हैं कि उनके समूह में 12 सदस्य हैं, जो मिल-जुलकर मुनगे की खेती कर रहीं हैं। उन्होंने बताया कि गांव के खाली पड़े लगभग साढ़े तीन एकड़ से अधिक की भाठा जमीन पर मिश्रित खेती करने के लिए उन्हें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत वर्ष 2022-23 में 11 लाख 44 हजार रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति मिली। इसके बाद महिलाओं ने इस भाठा जमीन पर साल भर मेहनत किया और उनके द्वारा लगाए गए पौधे लहलहाने लगे। इन पौधों में मुनगा के अलावा करौंदा, आंवला और नींबू के पौधे शामिल हैं। मुनगे के पेड़ों में फल जल्दी लगने लगे और साल में दो फसल मिलने लगी। इससे महिलाओं को दुगुनी आय मिल रही है। श्रीमती साहू बताती हैं कि उनके इस अभिनव प्रयोग को देखने के लिए जिले के अन्य गांव के लोग भी आते हैं और उनसे इसका प्रशिक्षण भी लेकर जाते हैं।
आजकल खेती के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ रहा है और आधुनिक तरीके से भी लोग खेती कर रहे हैं। धान, गेहूं, दलहन-तिलहन के अलावा अब लोग सब्जियों की फसल लेने में आगे आ रहे हैं और मुनाफा भी कमा रहे हैं। मुनगा का पौधा किसी भी जमीन पर आसानी से उगने और कम पानी में भी जल्द फल देने वाला पौधा है। इसमें प्रोटिन, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन बी, सी और ए की मात्रा भरपूर होती है। मुनगा के जड़, छाल, फूल, पत्तियां और फल सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। यह सिर्फ स्वाद ही नहीं, बल्कि सेहत से भी सीधा रिश्ता रखता है। मुनगे के इसी गुण के कारण इसकी अच्छी खासी मांग रहती है।
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मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने नालंदा परिसर, मल्टी परपस हॉल व फायर स्टेशन स्थल का किया चयन
राजस्व मंत्री ने शहर के विभिन्न स्थलों का निरीक्षण कर अधिकारियों को दिए आवश्यक निर्देश
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर प्रदेश के सभी जिलों में नालंदा परिसर का निर्माण किया जा रहा है। अत्याधुनिक शैक्षिक सुविधा से लैस नालंदा परिसर का निर्माण उन विद्यार्थियों के लिए लाभदायक होगा जो छोटे शहरों में रहकर उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई करना चाहते हैं या फिर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। यह परिसर अपनी विश्वस्तरीय लाइब्रेरी और स्मार्ट स्टडी जोन के लिए प्रसिद्ध है। यहां सातों दिन 24 घंटा वाईफाई और हाई-स्पीड इंटरनेट सुविधा मिलती है। यह परिसर सिविल सर्विसेज, मेडिकल, इंजीनियरिंग, CLAT और मैथ्स ओलंपियाड जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए संसाधन और मार्गदर्शन प्रदान करता है।

राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने जिला मुख्यालय बलौदाबाजार में करोड़ों की लागत से तैयार हो रहे महत्वपूर्ण विकास कार्यों का निरीक्षण कर स्थल भ्रमण किया। उन्होंने निर्माण हेतु उपयुक्त स्थल सहित अन्य जरुरी निर्देश अधिकारियों क़ो दिये। इस दौरान कलेक्टर दीपक सोनी, नगर पालिका अध्यक्ष अशोक जैन, भारत स्काउट गाइड के राज्य उपाध्यक्ष विजय केशरवानी भी साथ थे।
जिला मुख्यालय में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु युवाओं के लिए नालंदा परिसर का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए मंत्री श्री वर्मा ने शहर के वार्ड क्रमांक-20 स्थित 29 क्वार्टऱ के पास के स्थान क़ो उपयुक्त मानते हुए स्थल निर्धारित किया। यहां राजधानी रायपुर की तर्ज पर 4 करोड़ रूपए से अधिक की लागत से नालंदा परिसर का निर्माण होगा। परिसर में 250 सीटर लाइब्रेरी के साथ इंटरनेट सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं मिलेंगी।
इसी तरह खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा 15 करोड़ रूपए से अधिक की लागत से बनने वाले मल्टी परपज हॉल निर्माण हेतु आउट डोर स्टेडियम ग्राउंड के पीछे खाली जमीन क़ो चिन्हांकित किया गया। वहीं स्टेडियम ग्राउंड में 9 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाले एथलेटिक्स ट्रैक का भी जायजा लिया। राजस्व मंत्री ने यहां जमीन के एक किनारे स्थित मुक्तिधाम के लिए शेड निर्माण हेतु प्रस्ताव तैयार करने नगर पालिका अधिकारी क़ो निर्देशित किया।
राजस्व मंत्री ने फायर स्टेशन निर्माण हेतु शाश्वत स्कूल के पास खाली जमीन का भी मुआयना किया और फायर स्टेशन के लिए स्थल चिन्हांकन किया। वर्तमान में फायर स्टेशन सकरी में है जो शहर से करीब 4 किलोमीटर दूर है। दूर होने के कारण फायर ब्रिगेड क़ो पहुंचने में देर हो जाती है जिससे शहर में किसी दुर्घटना या आपातकालीन स्थिति से निपटने में तत्काल सुविधा मिलने में दिक्कत होती है, अब जो फायर स्टेशन के लिए स्थल चिन्हांकित की गयी है वह शहर के मध्य स्थित है, जिससे किसी भी दुर्घटना या आपातकाल से निपटने में आसानी होगी।
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रायपुर : छत्तीसगढ़ में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और प्रत्येक विद्यार्थी को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की एक व्यापक और प्रभावशाली प्रक्रिया शुरू की है। इस पहल से दूरस्थ, आदिवासी व ग्रामीण क्षेत्रों में लंबे समय से शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता और शिक्षा की गुणवत्ता का नया संतुलन कायम होगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का कहना है कि युक्तियुक्तकरण का उद्देश्य शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। इसको ध्यान में रखकर शालाओं और शिक्षकों का तर्कसंगत समायोजन किया जा रहा है। जहां जरूरत ज्यादा है, वहां शिक्षकों का बेहतर ढंग से उपयोग सुनिश्चित हो। उन स्कूलों को, जो कम छात्रों के कारण समुचित शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं, उन्हें नजदीक के अच्छे स्कूलों के साथ समायोजित किया जा रहा है, ताकि बच्चों को बेहतर माहौल, संसाधन और पढ़ाई का समान अवसर मिल सके। युक्तियुक्तकरण से शिक्षा का स्तर सुधरेगा और हर बच्चे को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। यह पहल राज्य की शिक्षा व्यवस्था को ज्यादा सशक्त और संतुलित बनाएगी।
कोरबा जिले के सभी प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में अब न्यूनतम दो व तीन शिक्षक पदस्थ किए गए हैं। 287 सहायक शिक्षक, 147 माध्यमिक शिक्षक और 75 व्याख्याताओं को काउंसलिंग के माध्यम से ऐसी शालाओं में पदस्थ किया गया है, जहां शिक्षक की जरूरत थी। इससे पोड़ी उपरोड़ा, पाली, करतला, कटघोरा जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में वर्षों से शिक्षकविहीन रहे विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। गणित, विज्ञान जैसे विषयों के विशेषज्ञों शिक्षक स्कूलों में उपलब्ध होंगे।
रायपुर के धरसीवां विकासखंड में कई स्कूलों में छात्रों की संख्या के मान से शिक्षक अधिक पदस्थ हैं। नयापारा कन्या स्कूल में 33 छात्राओं पर 7 शिक्षक तथा रविग्राम में 82 विद्यार्थियों पर 8 शिक्षक पदस्थ हैं। युक्तियुक्तकरण के माध्यम से इन शिक्षकों को आवश्यकता वाली शालाओं में पदस्थ किया जाएगा, जिससे शिक्षक और छात्र के अनुपात का संतुलन कायम होने के साथ ही दूरस्थ इलाकों के बच्चों को भी अध्यापन के लिए शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
इसी तरह शिक्षकों की पदस्थापना में असंतुलन के चलते राजनांदगांव और दुर्ग जिले के ग्रामीण स्कूलों के परीक्षा परिणामों में गिरावट आई है। राजनांदगांव के घोटिया स्कूल में 103 छात्रों पर मात्र 3 व्याख्याता हैं, वहीं दुर्ग के मुरमुदा, सिलितरा और बिरेझर जैसे स्कूलों में पर्याप्त संख्या में व्याख्याता न होने के कारण इन स्कूलों का परीक्षा परिणाम प्रभावित हो रहा है। इसके उलट शहरी स्कूलों में शिक्षक आवश्यकता से अधिक पदस्थ हैं। युक्तियुक्तकरण से अब इस असमानता को दूर किया जा रहा है।
बस्तर संभाग के सात जिलों बस्तर, बीजापुर, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, कांकेर और सुकमा में कुल 1611 स्कूलों का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है। इससे शैक्षणिक संसाधनों का समुचित वितरण, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, कंप्यूटर, खेल सामग्री जैसी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। साथ ही, एक ही परिसर में संचालित शालाओं का एकीकरण कर प्रशासनिक खर्च में भी बचत होगी। कमोवेश यह स्थिति कोरिया जिले में मिली, जिसके कारण जिले में 81 सहायक शिक्षक, 33 शिक्षक व 7 व्याख्याताओं को ऐसी शालाओं में पदस्थ किया गया, जहां शिक्षकों की जरूरत रही है। जिलों में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी ढंग से संचालित की जा रही है और अतिशेष शिक्षकों को काउंसलिंग के माध्यम से उनकी पसंद की शालाओं में पदस्थ किया जा रहा है।
सरगुजा जिले में भी युक्तियुक्तकरण के माध्यम से 283 सहायक शिक्षकों को उन शालाओं में भेजा गया है, जहां शिक्षकों की जरूरत थी। जांजगीर जिले में 18 प्रधान पाठक, 196 शिक्षक और 436 सहायक शिक्षकों की काउंसलिंग प्रक्रिया पारदर्शी व वरिष्ठता प्रणाली के आधार पर पूर्ण की गई। चयनित शिक्षकों को तत्काल पदस्थापना आदेश भी दे दिए गए हैं। छत्तीसगढ़ में शिक्षक युक्तियुक्तकरण की यह नीति न केवल शैक्षणिक असमानताओं को दूर कर रही है, बल्कि प्रत्येक विद्यार्थी को समान, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में एक सशक्त और दूरदर्शी कदम है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
छत्तीसगढ़ में रूफटॉप सोलर सिस्टम से उपभोक्ता हो रहे आत्मनिर्भर, बिजली बिल से मिल रही बड़ी राहत
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ राज्य में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस योजना ने प्रदेश के आम नागरिकों को अपनी छतों पर सोलर पैनल लगाकर खुद बिजली पैदा करने की सुविधा दी है, जिससे न केवल पर्यावरण को फायदा हो रहा है, बल्कि उपभोक्ताओं को आर्थिक रूप से लाभ पहुंच रहा है। घरों में रूफटॉप सोलन सिस्टम लगाए जाने से बिजली बिल शुन्य हो रहा है, इससे उपभोक्ता बिजली के लिए आत्मनिर्भर भी बन रहे हैं।
सरकार से मिल रही है सब्सिडी
इसी योजना से लाभान्वित हुए हैं जांजगीर-चांपा जिले के चांपा नगर निवासी श्री रजनीकांत राठौर। उन्होंने अपने मकान की छत पर 3 किलोवाट क्षमता का रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाया है, जिसकी कुल लागत 1.80 लाख रुपए रही। इसमें उन्हें सरकार की ओर से 78 हजार रुपए की सब्सिडी प्राप्त हुई। श्री राठौर ने बताया कि पहले उनका बिजली बिल काफी ज्यादा आता था, लेकिन अब बिल पूरी तरह शून्य हो गया है। उन्होंने इस योजना को आमजन के लिए आर्थिक रूप से राहत देने वाली और पर्यावरण हितैषी बताते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त किया है।
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के अंतर्गत राज्य के पात्र उपभोक्ताओं को 78 हजार रूपए तक की सब्सिडी सीधे उनके बैंक खाते में प्रदान की जा रही है। योजनांतर्गत 0 से 105 यूनिट मासिक खपत के लिए 1 से 2 किलोवाट सोलर प्लांट पर 30 हजार से 60 हजार रुपए तक अनुदान, 150 से 300 यूनिट मासिक खपत के लिए 2 से 3 किलोवाट सोलर प्लांट पर 60 हजार से 78 हजार रुपए तक अनुदान, औसत मासिक विद्युत खपत 300 से अधिक यूनिट के लिए 3 किलो वॉट से अधिक रूफटॉप सोलर प्लांट क्षमता हेतु 78 हजार रूपए तक का अनुदान का प्रावधान है। इस योजना ने छत्तीसगढ़ में न केवल ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया है, बल्कि लाखों घरों को आर्थिक रूप से सशक्त करने का मार्ग भी प्रशस्त किया है। श्री रजनीकांत की तरह प्रदेश के अनेक परिवार अब अपने बिजली बिल से पूरी तरह मुक्ति पा चुके हैं।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : भारतीय रिजर्व बैंक रायपुर कार्यालय का नवीन कार्यालय 2 जून 2025 से नवा रायपुर सेक्टर-24, अटल नगर में संचालित हो रहा है। क्षेत्रीय निदेशक भारतीय रिजर्व बैंक रायपुर से मिली जानकारी के अनुसार कार्यालय के सभी संचार नए पते पर भेजे जा सकते हैं। दूरभाष 07771-2242321 एवं ई-मेल [email protected] अपरिवर्तित रहेगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के प्रयासों से पुलिस विभाग के अंतर्गत कार्यरत निरीक्षक संवर्ग के वर्ष 1999 और 2000 बैच के निरीक्षक को उप पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) के पद पर पदोन्नति देने की प्रक्रिया शुरू हो गया है। यह निर्णय उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री श्री विजय शर्मा की दृढ़ इच्छाशक्ति, संवेदनशील नेतृत्व और त्वरित प्रशासनिक पहल का परिणाम है।
उल्लेखनीय है कि निरीक्षक संवर्ग के इन अधिकारियों ने लंबे समय से डीएसपी पदोन्नति की मांग की थी। विभाग में मात्र 17 रिक्त पदों के कारण यह प्रक्रिया अटकी हुई थी। ऐसे में उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा से अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल मिलकर अपनी समस्या को उनके समक्ष प्रस्तुत किया। संवेदनशीलता के साथ अधिकारियों की बातों को सुनते हुए उपमुख्यमंत्री ने न केवल उन्हें शीघ्र पदोन्नति का आश्वासन दिया, बल्कि पूरी प्रक्रिया को गति देने हेतु आवश्यक निर्देश भी तत्काल प्रभाव से जारी किए।
पदोन्नति की बाधा मुख्यतः रिक्त पदों की सीमित संख्या के कारण थी। इसे देखते हुए श्री विजय शर्मा ने पुलिस विभाग के हित में डीएसपी के पदों में संख्यायेत्तर वृद्धि का निर्णय लिया और इस हेतु प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग को भेजा गया। वित्त विभाग से स्वीकृति प्राप्त होते ही पदोन्नति की कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई, जो पूर्णता की ओर है।
इस निर्णय के तहत अब कुल 55 निरीक्षक डीएसपी पद पर पदोन्नत हो गए हैं। इसके अलावा रक्षित निरीक्षक संवर्ग से 1 अधिकारी, विशेष शाखा (एसबी) से 1 निरीक्षक, आर्म्स शाखा से 1 निरीक्षक तथा कंपनी कमांडर पद पर कार्यरत 7 अधिकारियों को सहायक सेनानी पद पर पदोन्नत किया गया है। इस प्रकार कुल 65 अधिकारियों को उनकी पात्रता और वरिष्ठता के आधार पर उच्च पदों पर पदोन्नति दी गई है।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि यह निर्णय केवल प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह उन अधिकारियों के समर्पण, अनुशासन और वर्षों की सेवा के सम्मान का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सुशासन की सरकार में सभी विभागों में समय पर पदोन्नति और पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि कर्मचारी वर्ग का मनोबल ऊँचा रहे और सेवा का स्तर उत्तरोत्तर बेहतर होता जाए।
यह पदोन्नति ना केवल संबंधित अधिकारियों के व्यक्तिगत जीवन में एक उपलब्धि है, बल्कि यह प्रदेश की कानून व्यवस्था और पुलिस प्रशासन की कार्यक्षमता को भी मजबूती प्रदान करेगी। श्री शर्मा ने उम्मीद जताई कि पदोन्नत अधिकारी अपनी नई जिम्मेदारियों का निर्वहन पूरी निष्ठा, सजगता और कर्तव्यपरायणता के साथ करेंगे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : जगदलपुर के मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट में उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा और वन मंत्री श्री केदार कश्यप अपने एक दिवसीय संक्षिप्त बस्तर प्रवास में जगदलपुर आगमन पर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने आत्मीय स्वागत किया। इस दौरान विधायक चित्रकोट श्री विनायक गोयल भी साथ रहे।
अतिथियों का स्वागत बस्तर सांसद श्री महेश कश्यप, महापौर श्री संजय पाण्डे सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ ही एडीजी नक्सल ऑप. श्री विवेकानंद सिन्हा, कमिश्नर श्री डोमन सिंह, बस्तर आईजी श्री सुंदरराज पी., एसपी श्री शलभ कुमार सिन्हा, प्रभारी कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ श्री प्रतीक जैन सहित अन्य अधिकारियों द्वारा किया गया। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : हमने कभी नहीं सोचा था कि गांव की महिलाएं भी राजमिस्त्री बन सकती हैं, यह कहते हुए ग्राम तुर्काडीह की ममता यादव की आंखों में आत्मविश्वास की चमक दिखाई देती है। ममता उन 22 महिलाओं में शामिल हैं जो इन दिनों बिलासपुर के कोनी स्थित एसबीआई ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान आरसेटी में राजमिस्त्री प्रशिक्षण में भाग ले रही हैं। अब वे सिर्फ दीवारें नहीं बना रहीं, बल्कि अपने भविष्य की नींव भी मजबूत कर रही हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों के बेरोजगार युवाओं और महिलाओं को व्यावसायिक दक्षता प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाने का कार्य यह संस्थान बखूबी कर रहा है। खासकर बीपीएल परिवारों के लिए यह एक वरदान साबित हो रहा है, जहां निःशुल्क आवास, भोजन और प्रशिक्षण की सुविधा मिल रही है। प्रशिक्षण प्राप्त महिलाएं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आभार जताते हुए कहती हैं कि सरकार की योजनाओं से अब ग्रामीण महिलाएं भी आगे बढ़ रही हैं। यह बदलाव केवल कौशल तक सीमित नहीं है, बल्कि महिलाओं की सोच, आत्मनिर्भरता और सामाजिक स्थिति में भी सकारात्मक परिवर्तन ला रहा है।
ग्राम मानिकपुरी की शांता मरावी बताती हैं कि उन्होंने स्व सहायता समूह से प्रशिक्षण की जानकारी मिलने पर तुरंत भाग लिया। वे कहती हैं, यहां रहने और खाने की उत्तम व्यवस्था है और वह भी पूरी तरह निःशुल्क। इससे हम बिना चिंता के प्रशिक्षण पर ध्यान दे पा रहे हैं। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद वे अपने गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्माण कार्य में काम कर आजीविका कमाना चाहती हैं।
संस्थान के निदेशक श्री नरेंद्र साहू ने बताया कि हर वर्ष 1000 से अधिक युवाओं और महिलाओं को यहां प्रशिक्षित किया जाता है। संस्थान का मुख्य उद्देश्य बीपीएल परिवारों को व्यावसायिक रूप से दक्ष बनाना है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद उन्हें बैंकों से जोड़ा जाता है, ताकि वे स्वरोजगार के लिए ऋण प्राप्त कर सकें। संस्थान विभिन्न ट्रेडों जैसे- दर्जी, ब्यूटी पार्लर, मशरूम उत्पादन, पशुपालन, जैविक खेती, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, बेकिंग, कुकिंग, बागवानी, ज्वेलरी मेकिंग और मोबाइल रिपेयरिंग में प्रशिक्षण देता है।
यह संस्थान आत्मनिर्भर भारत अभियान के उद्देश्य को साकार करता हुआ न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामाजिक बदलाव का वाहक बन रहा है। महिलाएं, जो कभी घर की चारदीवारी तक सीमित थीं, अब निर्माण कार्य में सक्रिय भागीदारी निभा रही हैं। इससे न सिर्फ उनका आत्मविश्वास बढ़ा है, बल्कि गांवों में महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण में भी सकारात्मक परिवर्तन आया है।

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