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- शासन के कार्यो में मनमानी किये जाने सरपंच एवं सचिव पर कार्यवाही
सूरजपुर : मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अश्वनी देवांगन से प्राप्त जानकारी अनुसार जनपद पंचायत सूरजपुर के ग्राम पंचायत रामनगर में सरपंच द्वारा 14वें वित्त की राशि व नरवा, गरुवा, घुरुवा एवं बाड़ी के कार्य में भारी अनियमितता की गई है। जिसकी शिकायत समस्त ग्रामवासियों द्वारा किया गया है शिकायत पत्र में ग्रामवासियों द्वारा सरपंच ग्राम पंचायत रामनगर द्वारा किए गए अनियमितता की बिंदुवार क्रमांक 1 से 7 तक विस्तृत उल्लेख कर शिकायत किया गया है।
जिसकी जांच मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सूरजपुर द्वारा कराकर जिला पंचायत को प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। जांचकर्ता द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन अनुसार सरपंच एवं तत्कालीन सचिव श्री तुलाराम यादव ग्राम पंचायत रामनगर जनपद पंचायत सूरजपुर के द्वारा 14वां वित्त की राषि को, नियमों का अवहेलना करते हुए प्रस्तावित कार्ययोजना के अनुसार पीएफएमएस के माध्यम से न करते हुए 14वां वित्त की राशि 1399800 रुपये फर्जी दस्तावेज तैयार कर व्यय किया गया है न कोई प्राक्कलन तैयार किया गया और न ही कोई तकनीकी स्वीकृति ली गई है, के संबंध में जनपद पंचायत सी0ई0ओ द्वारा जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। प्राप्त जांच प्रतिवेदन का प्रकरण तैयार कर पंचायत राज अधिनियम की धारा 39, 40 एवं 92 के तहत प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही करने हेतु एवं एफआईआर दर्ज कराने हेतु अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सूरजपुर को एवं जनपद पंचायत सीईओ को निर्देशित किया गया है। -
कलेक्ट्रेट में संपन्न हुई समय-सीमा की बैठक
सूरजपुर : कलेक्टर श्री दीपक सोनी की अध्यक्षता एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अष्वनी देवांगन, वनमण्डलाधिकारी श्री जे0 आर0 भगत एवं अपर कलेक्टर श्री एस0एन0 मोटवानी की उपस्थिति में आज संयुक्त जिला कार्यालय (कलेक्ट्रेट) के सभाकक्ष में समय-सीमा की बैठक संपन्न हुई।
बैठक में कलेक्टर श्री दीपक सोनी ने किसान क्रेडिट कार्ड के संबंध में जानकारी ली एवं समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व व तहसीलदार को वन अधिकार पत्र हितगा्रहियों की एंट्री कराने एवं सभी किसानों को अधिक से अधिक लाभ हो इस पर दुरूस्त होकर कार्य करने कहा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री सम्मान निधि से संबंधित एंट्री की समीक्षा करते हुए प्रगति लाने निर्देषित किया। अग्रणी जिला प्रबंधक से किसान क्रेडिट कार्ड बनाये जाने की स्थिति की जानकारी लेते हुए शत् प्रतिषत के.सी.सी. किसानों का बैंक में एंट्री कर कार्ड जारी करने कहा। किसान सम्मान निधि और के.सी.सी. शासन की पहली प्राथमिकता में है बताते हुए इस ओर विषेष ध्यान देते हुए कार्य करने के निर्देष दिये। समस्त एसडीएम व तहसीलदार को फील्ड विजीट कर राषन दुकान, आंगनबाड़ीयों और स्वास्थ्य केन्द्रों का निरीक्षण करने कहा साथ ही स्वप्रेरणा से कार्य करते हुए सूचना तंत्र मजबूत करने और प्राप्त षिकायतों का त्वरित निराकरण के लिए निर्देषित किया गया। उन्होंनंे लोक सेवा गारण्टी के लंबित प्रकरणों पर समीक्षा करते हुए आय, जाति प्रमाण पत्रों के लिए किसी भी हितग्राही को परेषानी न हो इसका विषेष ध्यान रखने को कहा तथा कार्य में गति लाने के निर्देष दिये। इसके अतिरिक्त कलेक्टर ने ओड़गी क्षेत्र में हुए ओलावृष्टि से फसलों की क्षति की रिपोर्ट ली तथा तहसीलदारों से सीमांकन के प्रकरणों की स्थिति जानी और सिमांकन और ओलावृष्टि से हुई क्षति की रिपोर्ट प्राप्त कर राज्य को भेजने के निर्देष दिये। इसके साथ ही कलेक्टर ने दुर्घटना में मृत शवों का पोस्टमार्टम तत्काल कराये जाने कहा साथ ही जिले में निर्माणाधीन पोस्टमार्टम केन्द्र की स्थिति की जानकारी लेते हुए कार्य में गति लाने को कहा।
कलेक्टर ने शासन की फ्लैगषिप योजना जैस सुपोषण, नजुल पट्टा वितरण, नरवा,गरूवा, घुरूवा और बाड़ी योजना, हाट बाजार क्लिनिक योजना, घर पहुॅच पेंषन योजना कार्यो को दुरूस्त होकर करने को कहा। उन्होनें नवनिर्मित गौठानों को दुरूस्त करने एवं गौठानो में उचित चारागाह, पानी व्यवस्था, सौलर पंप की व्यवस्था करने संबंधित अधिकारियों को निर्देष दिये। इसके अतिरिक्त महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी को निर्देषित करते हुए कहा कि सामूहिक कन्या विवाह की तिथि चयन करने कहा। माध्यमिक षिक्षा मण्डल द्वारा आयोजित दसवीं बारहवीं के परीक्षा के सफल संचालन के लिए एसडीएम, तहसीलदार एवं अन्य अधिकारियों को निरीक्षण करने के निर्देष दिये।
8 मार्च 2020 को महिला दिवस पर जिला प्रषासन द्वारा आयोजित सायकिंलीग प्रतिस्पर्धा के लिए अधिकारियों को कार्य आबंटित किये गये हैं, इस हेतु कलेक्टर ने सभी को अपने दायित्व का सही निर्वहन करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने कहा और आबंटित कार्य अनुरूप विभाग अधिकारियों की समीक्षा करते हुए व्यवस्था दुरूस्त रखने कहा। प्रतिस्पर्धा हेतु चयननित पर्यटन स्थलों का भ्रमण भी प्रतिभागीयों को कराया जायेगा जिसमें सात स्थलों पर हाईड्रेषन प्वांइट बनाये जायेंगे जिसमें अधिकारियों को टेन्ट सुविधा औीर पर्याप्त पानी व्यवस्था करने कहा।
इसके अतिरिक्त कलेक्टर ने नगर की साफ-सफाई हेतु मुख्य नगर पालिका अधिकारी, निर्माण कार्याे के लिए लोक निर्माण विभाग के अधिकारी, पेयजल हेतु लोकस्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग व अन्य कार्यो की समीक्षा करते हुए दिषा निर्देष दिये। बैठक में बताया गया कि शासन के निर्देषानुसार बिते समय में कार्यालयों में जमा पुराने अनावष्यक सामग्री व कबाड़ की सूची बनाकर निलामी कराई जानी है जिससे प्राप्त राषि शासन को प्रेषित किया जाना है, इस पर ध्यान देकर पालन करने कहा गया। बैठक में समस्त अनुविभागिय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार एवं समस्त विभागाप्रमुख अधिकारी उपस्थित थे। - सूरजपुर : जिला बाल संरक्षण अधिकारी सूरजपुर से प्राप्त जानकारी अनुसार जिले के दुरस्त विकास खण्ड के सुदूर ग्रामों में भी लोगों के पास जानकारी पहुंच गई है कि बच्चों के विवाह का उम्र कितना हैं। मगर वे प्रशासन को धोखा देकर विवाह करने के उद्देश्य से सरपंच से जन्म प्रमाण पत्र लिखवाकर विवाह कर रहे थे। चाईल्ड हेल्प लाईन नं0 1098 पर प्राप्त शिकायत पर जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री मुक्तानंद खुटे के निर्देश पर जिला बाल संरक्षण इकाई के टीम द्वारा ग्राम टमकी विकास खण्ड ओड़गी में जांच करने गई तो पता चला कि बालक पढ़ा लिखा है, जिसके दस्तावेजों में जन्म तिथि 10 सितम्बर 2004 है, अर्थात बालक का उम्र 15 वर्ष 06 माह 22 दिन है। परिजनों द्वारा सरपंच से एक प्रमाण पत्र बनावा लिया गया था जिसमें प्रमाणित किया गया था कि बालक का उम्र विवाह योग्य हो गया है। मौंके पर सरपंच को बुलाने से वे नहीं आये। बहुत मुश्किल से समझाईस पर बालक का विवाह नहीं करने के लिए परिजन राजी हुए। परिजन अपना मण्डप उखाड़ दिये और उम्र हो जाने पर ही शादी करने को राजी हुए।
कार्यवाही के दौरान पता चला कि नाबालिक लड़की का विवाह बेदमी में हो रहा है। टीम द्वारा बेदमी आकर जांच करने पर पता चला कि बालिका के विवाह की जानकारी पर गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा बालिका का विवाह ना करने के संबंध में 20 फरवरी 2020 को ही समझाईस दिया गया था एवं उसके संबंध में पंचनामा तैयार किया गया था। इसके बावजूद जिद्द कर बालिका का विवाह जिसकी जन्म तिथि 06 अगस्त 2007 अर्थात मात्र 13 वर्षिय नाबालिक लड़की का विवाह किया जा रहा था। जानकारी पर अधिकारी कार्यवाही के लिए आने वाले है मण्डप उखाड़ कर बालिका को दूसरे घर में छुपा दिया गया और दूसरी लड़की को टीम के समक्ष प्रस्तुत कर दिया गया। शंका होने पर जब लड़की को ले जाने की बात कि गई तो बालिका स्वयं बताने लगी कि वह दुल्हन नहीं है तब जाकर वास्तविक लड़की को प्रस्तुत किया गया।
सभी को समझाईस दिया गया कि यदि बाल विवाह किया गया तो सभी के उपर बाल विवाह प्रतिशेध के तहत् कार्यवाही की जायेगी। जिसके तहत 2 वर्ष की सजा एवं 1 लाख रुपये जुर्माना का प्रावधान है। जिसमें विवाह करने वाले, सहयोग करने वाले, अनुमति देने वाले एवं विवाह में सम्मलित होने वाले सभी को सजा एवं जुर्माना हो सकता है।
अपीलः-
जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने जिले के समस्त परिजनों से अपील की है कि बाल विवाह ना करें, और अपने बच्चों का बचपन ना छीने बच्चों के किसी अधिकारों को ना छिने। बाल विवाह करने से बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार का उल्लंघन होता है। साथ ही कम उम्र में विवाह होने से आने वाला भविष्य कुपोषित होता है। बच्चीयां परिपक्व नहीं होने से जिम्मेदारीयों का निर्वहन नहीं कर पाती है। बाल विवाह करने से कानुनी परेशानी में पड़ना पड़ सकता है। विवाह से पूर्व अपने बच्चों का जन्म तिथि जरुर देख लें।
उपरोक्त कार्यवाही में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, परामर्शदाता जैनेन्द्र दुबे आउटरिच वर्कर हर गोविन्द चक्रधारी एवं कुमारी अनिता पैकरा, चाईल्ड लाईन ओड़गी से अनवरी खातुन, श्रीमती राधा यादव, पुलिस थाना रमकोला से थाना प्रभारी निर्मल प्रसाद राजवाड़े, योगेश्वर सिंह कंवर उपस्थित थे। -
सूरजपुर : जिला रोजगार अधिकारी श्री मानिकराम जायसवाल से प्राप्त जानकारी अनुसार कलेक्टर श्री दीपक सोनी के निर्देषन पर जिले में युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर प्राप्त हो इस हेतु जिला रोजगार एवं स्वरोगार मार्गदर्षन केन्द्र सूरजपुर के द्वारा नियोजकों को आमंत्रित कर प्लेसमेंट कार्यक्रम नित्य दिन आयोजित किया जा रहा है।
इसी संबंध में 24 फरवरी 2020 को जिला रोजगार एवं स्वरोगार मार्गदर्षन केन्द्र सूरजपुर कार्यालय परिसर में प्लेसमेन्ट कैम्प का आयोजन किया गया जिसमें निजी क्षेत्र के नियोजक ओमदराई मर्चेन्ड़ाइज एन्ड़ कन्सलटेंट एल0एल0पी0 प्राइवेट लिमिटेड रायपुर छ0ग0 के द्वारा सेक्यूरिटी गार्ड के लिए जिले के आवेदकों का साक्षात्कार लिया गया, जिसमें जिले से 32 आवेदको का चयन किया गया हैं। -
बेमेतरा : आज 03 मार्च 2020 से हाईस्कूल परीक्षा 2020 प्रारम्भ हुई। जिसके अंतर्गत विषय-विशिष्ट हिन्दी विशिष्ट अंग्रेजी की परीक्षा संपन्न हुई। जिसमें दर्ज 14785 परीक्षार्थियों में कुल 14410 परीक्षार्थी उपस्थित रहे एवं 375 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। जिले में कुल 69 परीक्षा केन्द्र में परीक्षा शांतिपूर्ण एवं सुव्यवस्थित रूप से संचालित हुई। दूरभाष से प्राप्त जानकारी के अनुसार सभी परीक्षा केन्द्रों से परीक्षोपरांत अमूल्यांकित उत्तर पुस्तिकाओं के सील बंद पैकेट संबंधित पुलिस थाने एवं जिला मुख्यालय के केन्द्रों की गोपनीय सामाग्री समन्वय केन्द्र बालक उ.मा.वि. बेमेतरा में सकुशल जमा कर दिया गया है। जिले के कलेक्टर श्री शिव अनंत तायल के द्वारा जिले के परीक्षा केन्द्रों का निरीक्षण किया गया एवं आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किया। जिला स्तर पर गठित उड़नदस्ता के द्वारा भी विभिन्न परीक्षा केन्द्रों का सघन निरीक्षण किया गया। जिला बेमेतरा के सभी परीक्षा केन्द्रों में परीक्षा सुव्यवस्थित एवं निर्विघ्न रूप से संपन्न हुई। जानकारी निम्नानुसार हैः-क्र. दल प्रमुख का नाम निरीक्षण किये गये केन्द्र का नाम
1 श्री शिव अनंत तायल(कलेक्टर, जिला-बेमेतरा) बालक बेमेतरा, अंधियारखोर, झाल, बालक नवागढ़, कन्या नवागढ़2 श्री संजय कुमार दीवान( अपर कलेक्टर, जिला-बेमेतरा) बालक बेमेतरा, अंधियारखोर, झाल, बालक नवागढ़, कन्या नवागढ़3 श्रीमती ज्योति सिंह( संयुक्त कलेक्टर, नोडल अधिकारी परीक्षा) पिकरी4 श्री सी.एस.धु्रव(जिला शिक्षा अधिकारी बेमेतरा) जेवरा, कठिया, बदनारा, कुरां, चंदनू, नांदघाट5 श्री कुलदीप नारंग(कार्यपालन अभियंता, जल संसाधन विभाग) बालक साजा, कन्या साजा, ठेलका, बालक थानखम्हरिया, कन्या थानखम्हरिया, बनरांका, स.शि.म.थानखम्हरिया6 श्री मुनेन्द्र जोषी(खनिज अधिकारी, बेमेतरा) बालक बेरला, कन्या बेरला, सोंढ़, लेंजवारा, आनंदगांव7 श्री निर्मल सिंह(कार्यपालन अंभियंता, लोक.निर्माण विभाग) बालक देवकर, कन्या देवकर,8 श्री हरिदास रमन(सहायक अभियंता पीएमजीएसवाई बेमेतरा) मारो, नांदघाट, टेमरी, नवागांव9 श्री रमाकांत चंद्राकर(जिला कार्यक्रम अधिकारी.म.बा.वि. बेमेतरा) अधिंयारखोर, नांदल, बालक नवागढ़ कन्या नवागढ़, मुरता,10 श्री डी.एल.वैद्य(जिला आबकारी अधिकारी बेमेतरा) बदनारा, चंदनू, बाबमोहतरा, बालसमुंद11 श्री गितेष मिश्रा(सहायक खाद्य अधिकारी) देवरबीजा, बीजा, खाती, खैरझिटीकला, कारेसरा, ओड़िया, पदुमसरा, दाढ़ी12 श्री एच.एस.राजपूत(प्र.उप-संचालक, कृषि. बेमेतरा) बालक बेमेतरा कन्या बेमेतरा , कुसमी, बारगांव, तिलईकुड़ा सरदा, जेवरी13 श्री डाहिरे(अनुविभागीय अधिकारी नवागढ़) नांदघाट, कंुरा14 श्री दुर्गेष वर्मा(अनुविभागीय अधिकारी बेरला) कुसमी,टीपः- दूरभाष से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला में नकल प्रकरण निरंक है। - बेमेतरा : जिले मे इस बार सर्वाधिक रिकार्ड धान की खरीदी की गई है। जिले मे पिछले वर्ष 91245 पंजीकृत किसानों द्वारा 466488.76 मीट्रिक टन की खरीदी की तुलना मे इस वर्ष खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में 105286 पंजीकृत किसानों द्वारा 496092.04 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है। इस प्रकार जिले मे पिछले वर्ष की तुलना मे अधिक धान बेचा गया है। शासन द्वारा बेमेतरा जिला गठन के बाद सर्वाधिक धान खरीदी इस वर्ष हुई है। खाद्य अधिकारी बेमेतरा ने बताया कि धान के अवैध परिवहन और विक्रय को राकने के लिए जिले मे 09 चेक पोस्ट बनाये गये थे, जिनमें खाद्य, राजस्व, मण्डी, पुलिस एवं वन विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों की तैनाती की गई थी। इसके अलावा सुचारू धान खरीदी के संचालन हेतु जिले के 91 उपार्जन केंद्रांे में जिला स्तरीय अधिकारीयों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया था।
किसानो के समस्या के निदान के लिए टोल फ्री नंबर जारी किया गया। साथ ही धनहा एप/काॅल सेंटर से प्राप्त आवेदनों का निराकरण किया गया है। उपार्जन केंद्रों मे रखे धान का सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था की गई। असामयिक वर्षा से धान को किसी प्रकार का कोई नुकसान नही हुआ है। -
आज माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा वर्ष 2020-21 का बजट प्रस्तुत किया गया। यह बजट मुख्य रूप से गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ - स्वस्थ एवं सुपोषित नई युवा पीढ़ी का निर्माण की भावना के साथ सुपोषण, स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी एवं विस्तार तथा युवाओं की ऊर्जा का सकारात्मक एवं उत्पादक रूप में उपयोग कर उनकों राज्य के सशक्त संसाधन के रूप में विकसित करने पर केन्द्रित है।
इसके अतिरिक्त यह बजट सर्वेभवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः की भावना के साथ किसानों व आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो की समृद्धि, गांवों की आर्थिक प्रगति, शिक्षा में प्रगति के नये सोपान, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्गों के विकास, युवाओं की ऊर्जा का उत्पादक संसाधन के रूप में अनुप्रयोग, शहरी एवं ग्रामीण अधोसंरचना के सुदृढीकरण तथा संवेदनशील प्रशासन की अवधारणा के साथ छत्तीसगढ़ जनता को समर्पित है।
बजट एक नजर में (राशि रु. करोड़ में)क्र.
मद 2019-20
(बजट अनुमान)
2020-21
(बजट अनुमान)
1. कुल आय 91,542 96,091
2. कुल व्यय 90,910 95,650
3. राजस्व व्यय 78,595 81,400
4. पूंजीगत व्यय 12,110 13,814
5. राजस्व आधिक्य 1,151 2,431
6. सकल वित्तीय घाटा 10,881 11,518
1. आर्थिक स्थिति
1.1 वर्ष 2019-20 के प्रावधिक अनुमान अनुसार स्थिर भाव पर राज्य की जीएसडीपी मंे 6.08 प्रतिशत की तुलना में त्वरित अनुमान अनुसार 7.06 प्रतिशत की वृद्धि संभावित।
1.2 वर्ष 2019-20 में स्थिर भाव पर कृषि क्षेत्र में 3.31 प्रतिशत, औद्योगिक क्षेत्र में 4.94 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र में 6.6 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित। इस प्रकार कृषि एवं औद्योगिक क्षेत्रों में राज्य की अनुमानित वृद्धि दर राष्ट्रीय स्तर पर इन क्षेत्रों में अनुमानित वृद्धि दर क्रमशः 2.8 एवं 2.5 प्रतिशत की तुलना में अधिक है।
1.3 प्रचलित भाव पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2018-19 में 3 लाख 04 हजार करोड़ से बढ़कर 2019-20 में 3 लाख 29 हजार करोड़ होना अनुमानित है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 8.26 प्रतिशत अधिक।
1.4 विगत वर्ष अनुमानित प्रति व्यक्ति आय 96 हजार 887 की तुलना में वर्ष 2019-20 में प्रति व्यक्ति आय 98 हजार 281 रूपये का अनुमान है, जो कि गत वर्ष की तुलना में
6.35 प्रतिशत अधिक।
1.5 वर्ष 2019-20 के केन्द्रीय बजट में राज्य के लिये अनुमानित केन्द्रीय करों में कमी। आगामी वर्ष में केन्द्र से प्राप्त होने वाली जीएसटी क्षतिपूर्ति में भी कमी संभावित, किन्तु राज्य सरकार की नीतियों एवं प्रयासों से राज्य के स्वयं के संसाधनों में 11 प्रतिशत की दर से वृद्धि।2. गढ़बो नवा छत्तीसगढ़: स्वस्थ और सुपोषित नयी युवा पीढ़ी का निर्माण
2.1 राज्य के सभी परिवार सार्वभौम सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत शामिल।
2.2 राज्य में 65 लाख 22 हजार राशन कार्डधारी, लाभान्वित जनसंख्या 2 करोड़ 43 लाख। इन राशन कार्डाें पर चावल प्रदाय हेतु 3 हजार 410 करोड़ का प्रावधान।
2.3 अनुसूचित जनजाति बाहुल्य इलाकों में प्रति परिवार 2 किलो चना वितरण के लिए 171 करोड़ का प्रावधान है। बस्तर संभाग में प्रति परिवार 2 किलो गुड़ वितरण के लिए 50 करोड़ का प्रावधान है।
2.4 कोण्डागांव में आयरन एवं विटामिन युक्त फोर्टिफाईड चावल वितरण की पायलट परियोजना के लिये 5 करोड़ 80 लाख का प्रावधान है।
2.5 महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर से प्रारंभ मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की सफलता को देखते हुए मुख्यमंत्री सुपोषण योजना प्रारंभ की जा रही है। इसके लिए 60 करोड़ का प्रावधान है।
2.6 आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों के लिये ऊंचाई, लंबाई एवं भार मापक यंत्रों की व्यवस्था के लिए 25 करोड़ का प्रावधान है।
2.7 विशेष पोषण आहार योजना में 766 करोड़, महतारी जतन योजना में 31 करोड़ का प्रावधान है।
2.8 डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना में प्राथमिकता एवं अंत्योदय राशन कार्डधारी परिवारों को 5 लाख रूपये एवं सामान्य राशन कार्ड वाले परिवारों को 50 हजार तक कैशलेस इलाज की सुविधा। लगभग 65 लाख परिवारों को इलाज की पात्रता व इसके लिए 550 करोड़ का प्रावधान।
2.9 मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत गंभीर बीमारियों के उपचार पर 20 लाख तक के व्यय हेतु 50 करोड़ का प्रावधान है।
2.10 मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना में 13 करोड़ का प्रावधान। 5 माह की अल्प अवधि में ही 11 लाख से अधिक मरीज लाभान्वित।
2.11 मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत 13 नगर निगमों के स्लम एरिया में निवासरत परिवारों को निःशुल्क स्वास्थ्य परामर्श, जांच उपचार एवं दवाईयां उपलब्ध कराने की व्यवस्था।
2.12 राज्य सिकलसेल संस्थान में उच्च स्तरीय प्रयोगशाला एवं सभी जिला अस्पतालों में सिकलसेल यूनिट की स्थापना की जायेगी।
2.13 एम.सी.आई. के मापदण्डों के अनुरूप चिकित्सा महाविद्यालयों के चिकित्सा उपकरण और स्किल लैब की स्थापना हेतु 75 करोड़ का प्रावधान है।3. कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य पालन
3.1 अन्नदाता को उनके श्रम का उचित लाभ देने के लिये राजीव गांधी किसान न्याय योजना प्रारंभ की जायेगी। योजना का लाभ वर्ष 2019-20 के लिये भी दिया जायेगा। इसके लिए 5 हजार 100 करोड़ का प्रावधान है।
3.2 प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 366 करोड़, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में 370 करोड़, एकीकृत बागवानी मिशन में 205 करोड़, जैविक खेती मिशन के लिए 20 करोड़, वाटरशेड प्रबंधन कार्यक्रम में 200 करोड़ एवं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में 110 करोड़ का प्रावधान है।
3.3 कृषक जीवन ज्योति योजना के तहत 5 एच.पी. तक के कृषि पंपों को निःशुल्क विद्युत प्रदाय के लिये 2 हजार 300 करोड़ का प्रावधान है।
3.4 गोठानों के संचालन हेतु गौठान समितियों को प्रतिमाह 10 हजार का अनुदान तथा पशुओं के चारे के लिये धान के पैरे की व्यवस्था की जायेगी। पैरा के रख-रखाव को सरल बनाने हेतु चौकोर बेलर क्रय करने के लिए नवीन मद में 6 करोड़ का प्रावधान है।
3.5 बेमेतरा, जशपुर, धमतरी एवं अर्जुन्दा, जिला बालोद में उद्यानिकी महाविद्यालय तथा लोरमी में कृषि महाविद्यालय की स्थापना के लिए नवीन मद में 5 करोड़ का प्रावधान है।
3.6 इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में खाद्य प्रौद्योगिकी की स्थापना की जायेगी।
3.7 बेमेतरा एवं तखतपुर में डेयरी डिप्लोमा महाविद्यालय की स्थापना के लिए 2 करोड़ का प्रावधान है।
3.8 मछली पालन के क्षेत्र में रोजगार की संभावना को देखते हुए युवाओं को डिप्लोमा पाठ्यक्रम के अध्यापन हेतु ग्राम राजपुर (धमधा) में फिशरीज पॉलिटेक्निक की स्थापना की जायेगी।
3.9 9 पशु औषधालयों को पशु चिकित्सालय में उन्नयन, 12 नवीन पशु औषधालय तथा 5 विकास खंडों में मोबाईल पशु चिकित्सा इकाई स्थापित की जायेगी।4. सिंचाई
4.1 बस्तर संभाग मंे बोधघाट बहुद्देशीय परियोजना से 2 लाख 66 हजार हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित करने का लक्ष्य रखा गया है।
4.2 पैरी बांध एवं पैरी-महानदी इंटर लिंकिंग नहर परियोजना के लिए 20 करोड़, डांडपानी वृहत् जलाशय परियोजना, कुनकुरी के लिए 20 करोड़ एवं शेखरपुर वृहत् जलाशय, सरगुजा के लिए 20 करोड़ का नवीन मद में प्रावधान है।
4.3 नाबार्ड सहायित सिंचाई परियोजनाओं हेतु 697 करोड़, महानदी परियोजना हेतु 237 करोड़, लघु सिंचाई परियोजनाओं हेतु 610 करोड़ तथा एनीकट/स्टाप डैम निर्माण के लिए 173 करोड़ का प्रावधान है। कमाण्ड क्षेत्र में सिंचाई की पूर्ति हेतु भी 116 करोड़ का प्रावधान है।5. पंचायत एवं ग्रामीण विकास
5.1 ‘नरवा गरूवा घुरूवा बारी’ कार्यक्रम के तहत 912 नालों पर नरवा उपचार के लिये 20 हजार 810 काम स्वीकृत किये गए हैं। 1 हजार 900 गोठानों का निर्माण पूर्ण हो चुका है। घुरूवा का उपयोग कर 3 लाख 16 हजार मैट्रिक टन जैविक खाद का उत्पादन किया गया है। 1 लाख 50 हजार बाड़ियों को पुनर्जीवित करने का कार्य हुआ है। इन कार्याें के लिये महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अभिसरण से राशि की स्वीकृतियां दी गई हैं। योजना मंे 1 हजार 603 करोड़ का प्रावधान है।
5.2 राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में 400 करोड का प्रावधान है।
5.3 प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में अब तक 7 लाख 22 हजार आवास पूर्ण हो चुके हैं। आगामी वर्ष में इस हेतु 1 हजार 600 करोड़ का प्रावधान है।
5.4 गोबर.धन योजना अंतर्गत 1 हजार 176 बायोगैस संयंत्र के स्थापना का भी लक्ष्य है। इस हेतु 450 करोड़ का प्रावधान है।
5.5 प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हेतु 2 हजार 70 करोड़ का प्रावधान है।6. स्वच्छ पेयजल
6.1 नल कनेक्शन के माध्यम से पेय जल हेतु प्रारंभ की गई जल जीवन मिशन योजना के लिये 225 करोड़ का प्रावधान है।
6.2 ग्रामीण क्षेत्रों में पाईप द्वारा ग्रामीण जल प्रदाय योजना के लिये 185 करोड़ तथा नलकूप खनन के लिये 70 करोड़ का प्रावधान है।
6.3 नगरीय जल प्रदाय योजनाओं के लिये 124 करोड़ का प्रावधान है।
6.4 राज्य में निर्मित हो रहे गोठानों में जल प्रदाय हेतु नलकूप खनन के लिये 5 करोड़ का प्रावधान है।7. शैक्षणिक विकास-स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा
7.1 राज्य के 1 लाख 31 हजार शिक्षाकर्मियों को संविलियन हो चुका है। शेष 16 हजार शिक्षाकर्मियों में से 2 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके शिक्षाकर्मियों का 1 जुलाई 2020 से संविलियन किया जायेगा।
7.2 महान संत गुरू घासीदास की जन्मस्थली ग्राम गिरौदपुरी में गुरूकुल विद्यालय की स्थापना की जायेगी।
7.3 दूरस्थ आदिवासी अंचल के ग्राम तोंगपाल, जिला सुकमा एवं कुआकोंडा, जिला दंतेवाड़ा में छात्रावास की सुविधा सहित नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किया जायेगा। सुुकमा, कोण्डागांव, नारायणपुर, बीजापुर एवं तखतपुर में कन्या महाविद्यालय खोला जायेगा।
7.4 महात्मा गांधी के छत्तीसगढ़ आगमन की स्मृति में ग्राम कंडेल, जिला धमतरी में महाविद्यालय प्रारंभ किया जायेगा।
7.5 स्थानीय उद्योगों की मांग के अनुरूप प्रशिक्षित मानव संसाधन की पूर्ति हेतु औद्योगिक क्षेत्र सिरगिट्टी, नगरनार एवं तिल्दा में नवीन आई.टी.आई. खोले जाएंगे।
7.6 दंतेवाड़ा में मल्टी स्किल सेंटर की स्थापना के लिए 3.85 करोड़ का प्रावधान है।
7.7 मुख्यमंत्री पॉलीटेक्निक गुणवत्ता विकास योजना के तहत 9 पॉलीटेक्निक कॉलेज के उन्नयन हेतु 5 करोड़ का प्रावधान है।
7.8 राज्य के 3 इंजीनियरिंग कॉलेज एवं 5 पॉलीटेक्निक कॉलेजों में नव विकसित तकनीकों के अध्ययन एवं शोध हेतु इंटरनेट ऑफ थिंग्स एवं रोबोटिक्स की प्रयोगशालाएं स्थापित की जायेगी।8. श्रम एवं समाज कल्याण
8.1 निराश्रितों, बुजुर्गाें, विधवा महिलाओं एवं निःशक्त व्यक्तियों को समय पर सहायता उपलब्ध कराने के लिये सामाजिक सुरक्षा और कल्याण मद में 352 करोड़, वृद्धावस्था पेंशन योजना में 185 करोड़ और मुख्यमंत्री पेंशन योजना मेें 150 करोड़ का प्रावधान है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना में 68 करोड़ तथा सुुखद सहारा योजना में 100 करोड़ का प्रावधान है।
8.2 दिव्यांगजनों के लिये निःशक्तजन पुनर्वास केन्द्र, मादक द्रव्यों एवं पदार्थाें की रोकथाम एवं नशामुक्ति केन्द्र का संचालन तथा तृतीय लिंग समुदाय से संबंधित योजनाओं हेतु 5 करोड़ 30 लाख का प्रावधान है।
8.3 असंगठित श्रमिक सुरक्षा एवं कल्याण मण्डल हेतु 38 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है।
8.4 ठेका मजदूर, घरेलू कामकाजी महिला एवं हम्माल कल्याण मण्डल हेतु 15 करोड़ का प्रावधान है।9. युवा कल्याण
9.1 युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत स्वामी विवेकानंद जी के रायपुर स्थित निवास स्थान डे-भवन को स्वामी विवेकानंद स्मृति संस्थान के रूप में विकसित किया जायेगा।
9.2 राजीव युवा मितान क्लब योजना के लिए नवीन मद में 50 करोड़ का प्रावधान है।
9.3 युवा महोत्सव के लिए नवीन मद में 5 करोड़ का प्रावधान है।
9.4 आईआईटी, आईआईएम एवं एम्स जैसे राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश लेने वाले राज्य के युवाओं के शिक्षण शुल्क का भार शासन द्वारा वहन किया जायेगा तथा ऐसे युवाओं की प्रतिभा का राज्य के विकास में उपयोग करने के लिये शासकीय, अर्द्धशासकीय संस्थानों में सीधे चयन की पात्रता दी जायेगी।
9.5 खेल संबंधी नीतिगत निर्णय, विभिन्न विभागों से समन्वय, खेल अधोसंरचनाओं का रख-रखाव तथा आवासीय खेल अकादमी के संचालन हेतु छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है।
9.6 मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना के लिए नवीन मद में 10 करोड़ का प्रावधान है।
10. औद्योगिक विकास
10.1 नई औद्योगिक नीति 2019 का मुख्य उद्देश्य समावेशी विकास, आत्मनिर्भरता एवं परिपक्व अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है।
10.2 उद्योगों के लिये आबंटित किये जाने वाले भू-खण्ड की दरों में 30 प्रतिशत तथा लीज रेन्ट की दर में 33 प्रतिशत कमी की गई है।
10.3 अनुसूचित जनजाति बाहुल्य बस्तर क्षेत्र में 20 एकड़ तक के निजी औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना की अनुमति देते हुए अधोसंरचनात्मक विकास कार्याें के विरूद्ध 4 करोड़ तक का अनुदान देने का प्रावधान है।
10.4 राज्य में उत्पादित सब्जी, फल एवं मोटे अनाजों को प्रसंस्कृत कर मूल्य संवर्धन की दृष्टि से उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए नये फूड पार्क की स्थापना हेतु नवीन मद में 50 करोड़ का प्रावधान है।
10.5 नये औद्योगिक क्षेत्रों के लिए 15 करोड़ एवं जेम ज्वेलरी पार्क की स्थापना के लिए 1 करोड़ का प्रावधान है।
10.6 उद्योगों की स्थापना पर दी जाने वाली लागत पूंजी अनुदान के लिये 100 करोड़ एवं ब्याज अनुदान के लिये 39 करोड़ का प्रावधान है।11. वन संपदा
11.1 प्राकृतिक पुनरोत्पादन के संरक्षण हेतु 200 करोड़ का प्रावधान है। इससे 60 लाख मानव दिवस रोजगार का सृजन होगा तथा राज्य की सालाना आय में 400 करोड़ की वृद्धि संभावित है।
11.2 लघु वनोपज के प्रसंस्करण हेतु 50 करोड़ का प्रावधान है।12. नगरीय प्रशासन एवं विकास
12.1 शहरी नागरिकों की बुनियादी समस्याओं का निराकरण वार्ड स्तर पर करने के लिये मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय योजना प्रारंभ की गई है। इस हेतु 5 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
12.2 13 नगर निगम क्षेत्र के निवासियों के लिये मुख्यमंत्री मितान योजना प्रारंभ की जा रही है। इस हेतु 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
12.3 पौनी-पसारी योजना के लिए 30 करोड़ का प्रावधान है।
12.4 नगरीय क्षेत्र में अधोसंरचना विकास के लिए 489 करोड़, स्मार्ट सिटी योजना के लिए 396 करोड़, अमृत मिशन के लिए 300 करोड़ एवं राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के लिए 50 करोड़ का प्रावधान है।13. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्गाें का कल्याण
13.1 अनुसूचित जनजाति वर्ग के बच्चों के लिये 61 नये छात्रावास खोलने सहित कुल छात्रावास/आश्रमों के संचालन के लिये 378 करोड़ का प्रावधान है।
13.2 नवीन मद में 100 भवन विहीन छात्रावास/आश्रमों के भवन निर्माण सहित कुल छात्रावास/आश्रम निर्माण कार्याें के लिये विवेकानंद गुरूकुल उन्नयन योजना में 303 करोड़ का प्रावधान है।
13.3 जनजाति सलाहकार परिषद् के कामकाज के लिये पृथक सचिवालय की स्थापना की जायेगी।
13.4 दिसंबर 2019 में रायपुर में आयोजित देश के सबसे बड़े आदिवासी नृत्य महोत्सव की सफलता को देखते हुए प्रतिवर्ष राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जायेगा।
13.5 अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के दौरान निःशुल्क आवासीय सुविधा के लिये 10 पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों की स्थापना की जायेगी।
13.6 सरगुजा एवं बस्तर संभाग एवं कोरबा जिले के लिये जिला संवर्ग के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती के लिये विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड का गठन किया गया है।14. शिल्प, कला, संस्कृति एवं पर्यटन
14.1 छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की पहचान का केन्द्र बन चुके रायपुर के गढ़-कलेवा की अन्य 26 जिला मुख्यालयों में स्थापना के लिये स्व-सहायता समूहों को 10 लाख का रिवॉल्विंग फंड उपलब्ध कराया जायेगा।
14.2 मुख्यमंत्री लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना हेतु 25 करोड़ का प्रावधान है।
14.3 नवा रायपुर में अभिलेखागार एवं संग्रहालय का निर्माण तथा जगदलपुर एवं बिलासपुर के संग्रहालयों का उन्नयन किया जायेगा।
14.4 राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये विभाग के बजट में 75 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए इस वर्ष 103 करोड़ 50 लाख का प्रावधान किया गया है।
14.5 राम वन गमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत श्रीराम-जानकी द्वारा उपयोग किये गये मार्ग पर चिन्हांकित 9 प्रमुख पर्यटन केन्द्रों पर अधोसंरचना विकास एवं निर्माण के लिये 10 करोड़ का प्रावधान है।
15. एकीकृत ई-शासन परियोजना (IPEG)
15.1 वर्तमान प्रणाली में पृथक-पृथक सेवाओं के लिये नागरिकों को बार-बार पहचान पत्र एवं अन्य दस्तावेज जमा करने पड़ते हैं। उक्त परेशानियांे को दूर करने के लिये आधुनिक सूचना और संचार तकनीक का उपयोग कर सक्रिय एवं कुशल नागरिक सेवा वितरण प्रणाली का निर्माण किया जायेगा।16. राजस्व प्रशासन
16.1 11 नगर निगम क्षेत्रों के लिये 1 अनुपात 500 के बड़े स्केल वाले नक्शे तैयार किये जाएंगे। नगर निगम क्षेत्रों के सर्वेक्षण कार्य हेतु नवीन मद में 25 करोड़ का प्रावधान है।
16.2 5 तहसील कार्यालयों के मॉडल भवन, 25 नये तहसील कार्यालय एवं 4 नये राजस्व अनुविभाग की स्थापना की जायेगी। 10 फरवरी 2020 से अस्तित्व में आ चुके नवीन जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 17 करोड़ की लागत से जिला कार्यालय भवन निर्माण किया जायेगा। इन कार्याें हेतु 11 करोड़ 80 लाख का प्रावधान है।17. पुलिस प्रशासन एवं न्याय व्यवस्था
17.1 समाज में बढ़ते हुए साइबर अपराधों की संख्या को देखते हुए 1 साइबर पुलिस थाना की स्थापना की जायेगी।
17.2 03 स्मार्ट पुलिस थाना, 5 नवीन थाना, 10 चौकी एवं 5 पुलिस अनुविभाग कार्यालय भवन, रायपुर एवं दुर्ग में पुलिस ट्रांजिट भवन तथा बस्तर रेंज में पुलिस कर्मचारियों के लिये 1 हजार आवास गृहों के निर्माण हेतु 22 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है।
17.3 5 थाना, 10 चौकी निर्माण, 10 चौकी से थाने में उन्नयन किया जायेगा।
17.4 बेमेतरा, गरियाबंद, संजारी बालोद, बलौदाबाजार, सूरजपूर, मुंगेली, सुकमा एवं पेण्ड्रारोड के उपजेल को जिला जेल में उन्नयन किया जायेगा।
17.5 जेलों की व्यवस्था में सुधार हेतु सुझाव प्रस्तुत करने के लिये जेल सुधार आयोग का गठन किया जायेगा।
17.6 माननीय उच्च न्यायालय एवं सभी सिविल जिलों में लंबित मामलों में पक्षकारों के बीच समझौता कराने के लिये मध्यस्थता केन्द्र खोला जाना प्रस्तावित हैै।18. अधोसंरचना विकास
18.1 एशियन विकास बैंक की सहायता से राज्य में सड़क विकास परियोजना (फेज़-3) के अंतर्गत कुल 3 हजार 535 करोड़ लागत की 25 नवीन सड़कों हेतु 710 करोड़ का प्रावधान है। वर्ष 2020-21 में एडीबी सहायित सड़क विकास योजना की चौथे चरण की स्वीकृति भी प्राप्त की जायेगी।
18.2 नवीन वृहद पुल निर्माण हेतु 240 करोड़ 50 लाख एवं नवीन मध्यम पुल निर्माण की जवाहर सेतु योजना के अंतर्गत 151 करोड़ का प्रावधान है।
18.3 सड़क एवं पुल निर्माण के नवीन कार्यों के लिए 600 करोड़ का नवीन मद में प्रावधान है। इनमें 434 ग्रामीण सड़कें, 88 मुख्य जिला मार्ग, 50 राज्य मार्ग एवं 31 शहरी मार्गों का निर्माण किया जायेगा।
18.4 500 एवं 750 सीट की क्षमता वाले 11 नवीन ऑडिटोरियम का निर्माण किया जायेगा।
18.5 इसके अतिरिक्त संभागीय मुख्यालयों दुर्ग, जगदलपुर एवं अम्बिकापुर में 3 हजार 500 सीटर क्षमता के 3 नवीन इन्डोर स्टेडियम का निर्माण किया जायेगा। इसके लिये नवीन मद में 54 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है।
18.6 नवा रायपुर में झीरम घाटी के शहीदों की स्मृति में शहीद स्मारक का निर्माण किया जायेगा।
18.7 जगदलपुर, अंबिकापुर एवं बिलासपुर एयरपोर्ट में आटोमेटेड एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर की स्थापना हेतु 7 करोड़ 20 लाख का प्रावधान है।
18.8 बैकुण्ठपुर (कोरिया) में एयर स्ट्रीप के निर्माण हेतु 1 करोड़ का प्रावधान है।19. परिवहन
19.1 वाहनों में ओवर लोडिंग की जांच के लिये वे-ब्रिज की स्थापना हेतु 9 करोड़ का प्रावधान है।
19.2 सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं की सुरक्षा के लिये वाहनों में जीपीएस के ट्रैकिंग हेतु व्हीकल टैªकिंग प्लेटफार्म का निर्माण किया जायेगा। इस हेतु 14 करोड़ 40 लाख का प्रावधान है।20. विद्युतीकरण
20.1 मुुख्यमंत्री विद्युत अधोसंरचना विकास योजना के लिये 25 करोड़ का प्रावधान है।
20.2 घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को 400 यूनिट तक के बिजली बिल आधा के लिये 850 करोड़ का प्रावधान है।
20.3 मुख्यमंत्री शहरी विद्युतीकरण योजना में 135 करोड़ का प्रावधान है।
21. वर्ष 2020-21 का बजट अनुमान
21.1 वर्ष 2020-21 हेतु कुल राजस्व प्राप्तियां 83 हजार 831 करोड़ अनुमानित है। इसमें राज्य का राजस्व 35 हजार 370 करोड़ एवं केन्द्र से प्राप्त होने वाली राशि 48 हजार 461 करोड़ है।
21.2 वर्ष 2020-21 के लिए अनुमानित सकल व्यय 1 लाख 2 हजार 907 करोड़ का है। सकल व्यय से ऋणों की अदायगी एवं पुर्न प्राप्तियों को घटाने पर शुद्ध व्यय 95 हजार 650 करोड़ अनुमानित है। राजस्व व्यय 81 हजार 400 करोड़ एवं पूंजीगत व्यय 13 हजार 814 करोड़ है। वर्ष 2020-21 में पूंजीगत व्यय कुल व्यय का 14.44 प्रतिशत है।
21.3 वर्ष 2020-21 के बजट में सामाजिक क्षेत्र के लिए 38 प्रतिशत, आर्थिक क्षेत्र के लिए 40 प्रतिशत एवं सामान्य सेवा क्षेत्र के लिए 22 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है।22. राजकोषीय स्थिति
22.1 इस बजट में पूर्व वर्षों की भांति 2 हजार 431 करोड़ का राजस्व आधिक्य अनुमानित किया गया है।
22.2 राज्य का सकल वित्तीय घाटा 11 हजार 518 करोड़ अनुमानित है, जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 3.18 प्रतिशत एवं निर्धारित सीमा के भीतर है।
22.3 वर्ष 2020-21 हेतु कुल प्राप्तियां 96 हजार 91 करोड़ के विरूद्ध शुद्ध व्यय 95 हजार 650 करोड़ अनुमानित है। इन वित्तीय संव्यवहारों के फलस्वरूप 441 करोड़ की बचत अनुमानित है। वर्ष 2019-20 के संभावित घाटा 3 हजार 963 करोड़ को शामिल करते हुए वर्ष 2020-21 के अंत में 3 हजार 522 करोड़ का बजट घाटा अनुमानित है।23. कर प्रस्ताव
2020-21 के लिए कोई नया कर प्रस्ताव नहीं है।
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परिशिष्ट 1
बजट एक नजर मेंस.क्र.
मद राशि (करोड़ में)
1. कुल आय 96,091
2. कुल व्यय 95,650
3. राजकोषीय घाटा 11,518 ( राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 3.18
प्रतिशत)
क्षेत्रवार व्यय1. राजस्व व्यय 81,400 (85.1 प्रतिशत)
2. पूंजीगत व्यय 13,814 (14.9 प्रतिशत)
3. अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के लिए व्यय 34 प्रतिशत
4. अनुसूचित जाति क्षेत्र के लिए व्यय 12 प्रतिशत
5. सामाजिक क्षेत्र में व्यय 38 प्रतिशत
6. आर्थिक क्षेत्र में व्यय 40 प्रतिशत
सामाजिक क्षेत्र पर व्यय के मुख्य अवयव
स्कूल शिक्षा
16.2 प्रतिशत अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास
2.5 प्रतिशत
स्वास्थ्य
5.8 प्रतिशत
महिला एवं बाल विकास
2.4 प्रतिशत
आर्थिक क्षेत्र पर व्यय के मुख्य अवयव
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति
5.3 प्रतिशत
पंचायत एवं ग्रामीण विकास
9.4 प्रतिशत
लोक निर्माण
6.7 प्रतिशत
सिंचाई
3.1 प्रतिशत
परिशिष्ट 2
आर्थिक विकास दर
आर्थिक स्थिति (2019-20) - अग्रिम अनुमान (स्थिर भाव पर)छत्तीसगढ़ भारत
आर्थिक विकास दर
8.26 प्रतिशत 5.0 प्रतिशत
कृषि विकास दर
3.31 प्रतिशत 2.8 प्रतिशत
औद्योगिक विकास दर
4.94 प्रतिशत 2.5 प्रतिशत
सेवा क्षेत्र विकास दर
6.6 प्रतिशत 6.9 प्रतिशत
प्रति व्यक्ति आय
(प्रचलित भाव पर)98,281
(6.35 प्रतिशत की वृद्धि)
- रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि संत कवि पवन दीवान एक कवि, भागवताचार्य और राजनेता के रूप में समूचे छत्तीसगढ़ में सभी वर्ग के लोगों में काफी लोकप्रिय थे। लोग उनके भागवत कथा के सरस प्रवचन, छत्तीसगढ़ की गौरवपूर्ण संस्कृति से ओत-प्रोत कविता और छत्तीसगढ़ की समृद्धि और विकास की परिकल्पना से युक्त भाषण को सुनने के लिए हमेशा लालायित रहते थे।
रायपुर : मुख्यमंत्री बघेल आज राजधानी रायपुर के समता कॉलोनी में स्थित विप्र सांस्कृतिक भवन में संत पवन दीवान के चतुर्थ पुण्य स्मृति पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा एवं सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इसका आयोजन छत्तीसगढ़ी ब्राम्हण समाज के तत्वाधान में विप्र सांस्कृतिक भवन प्रबंध समिति द्वारा किया गया था। कार्यक्रम में दो कवि तथा साहित्यकारों दानेश्वर शर्मा और रामेश्वर वैष्णव को संत पवन दीवान सम्मान से सम्मानित भी किया गया। इसके अलावा डॉ. परदेशी राम वर्मा द्वारा रचित संत कवि पवन दीवान-साहित्य संचयन का विमोचन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने की। इस अवसर पर कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सम्बोधित करते हुए कहा कि समाज के दलित तथा शोषित वर्गों के उद्धार सहित छत्तीसगढ़ के स्वभिमान तथा प्रतिष्ठा और समृद्धि में संत कवि पवन दीवान के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनके काव्य संसार में आदिवासी मजदूर और किसान को सर्वाधिक महत्ता प्राप्त है। उनकी कविताओं में छत्तीसगढ़ के गौरव और माटी की वंदना है। इन कविताओं में समता, एकता के लिए प्रगतिशील जनवादी जीवन मूल्यों और सार्थक राजनीति की जरूरत का रेखांकन भी है। मुख्यमंत्री बघेल ने अवगत कराया कि छत्तीसगढ़ सरकार इन महान मनीषियों के बताए राह पर चलकर राज्य के चहुंमुखी विकास को निरन्तर गति दी जा रही है। उन्होंने राज्य में उनके महान योगदानों को चिरस्थायी बनाने के लिए नवा रायपुर के विभिन्न चौक-चौराहों में इनकी मूर्तियां स्थापित कर महान विभूतियों के नाम पर नामकरण किए जाने आवश्यक पहल की भी जानकारी दी। मुख्यमंत्री बघेल ने इस तारतम्य में यह भी बताया कि प्रदेश में प्रायमरी से लेकर हायर सेकेण्डरी स्कूल तक के पाठ्यक्रमों में इनकी जीवनी तथा योगदानों को शामिल करने के लिए आवश्यक पहल हो रही है। उन्होंने संत पवन दीवान की मंशा के अनुरूप चंदखुरी में माता कौशल्या मंदिर के जीर्णोद्धार सहित विकास और प्रदेश में राम वन गमन पथ का हो रहे विकास के बारे में भी अवगत कराया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत ने संत पवन दीवान को छत्तीसगढ़ का सशरीर चिन्हारी बताया। साथ ही छत्तीसगढ़ की माटी के लिए उनके योगदान के बारे में विस्तार से अवगत कराया। इस अवसर पर कृषि तथा जल संसाधन मंत्री श्री चौबे ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति और अस्मिता के लिए संत कवि और राजनेता के रूप में उनके योगदान के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि उनकी शैली, ठहाके लगाकर हंसना और बड़ी दमदार आवाज में निरंतर कविता पाठ करना आज भी हमारे जेहन में है। इस अवसर पर विधायक विकास उपाध्याय, नगर पालिक निगम रायपुर के सभापित प्रमोद दुबे, नरेन्द्र तिवारी, पार्षद ज्ञानेश शर्मा, पार्षद मृत्युंजय दुबे, व्यास नारायण शुक्ला, एम.डी. दीवान, कमलेश तिवारी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, विनय तिवारी, संजय दीवान सहित गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। -
7 वें संत स्वामी राजाराम साहिब का जन्म 1882 में हुआ था, (शदाणी संवत 174 के अनुसार, कार्तिक, 28 शुक्ल की एकादशी), गुलु पितफी में, तहसील मीरपुर माथेलो, जिला घोटकी, सिंध, पाकिस्तान उनके पिता भाई राम जागीर का एक गाँव था। शदाणी दरबार के एक समर्पित अनुयायी, जबकि उनकी माँ, माता खेमी बाई पूरी तरह से भग्वान शिवा को समर्पित थीं। हर बार, वह "ओम् नमो शिवाय" सुनती थी, उसके होंठ उसके बेटे थे। एक दिन भगवन शिव ने खेमी बाई पर अपना आशीर्वाद बरसाया और उन्हें सपने में बताया कि वह भक्ति से बहुत प्रसन्न हैं। बहुत जल्द, वह अपने घर में जन्म लेगा ताकि वह माँ के आकार में उससे अपना स्नेह व्यक्त कर सके। जैसा कि प्रथा है, संत राजा राम के जन्म के समय उनके छठ उत्सव (जन्म के छठे दिन) पर एक नाम देने के लिए एक ब्राह्मण को बुलाया गया था। जब ब्राह्मण ने लड़के की तरफ देखा, तो उसने AADAM DOT ON HIS FOOT का अवलोकन किया। उन्होंने माता-पिता को बधाई दी और कहा कि उनका बच्चा कोई साधारण बच्चा नहीं था, लेकिन वह एक महान संत या एक महान राजा होगा। यही कारण था कि उनका नाम राजा राम था। जब राजा राम आठ वर्ष के थे, तब उनके पिता उन्हें 5 वें शदाणी संत, सतगुरु पूजनिया माता साहिब द्वारा आशीर्वाद देने के लिए शदाणी दरबार में ले गए। जैसे ही राजा राम ने माता साहिब के पवित्र चरणों में माथा छुआ, उसने उसे अपनी बाहों में ले लिया।
जब राजा राम ने साहब से प्रसाद के लिए कहा, तो उन्होंने उसके सामने प्रसाद की पूरी टोकरी रख दी और कहा "राजल, यह सारा प्रसाद तुम्हारा है और इसे वितरित करना भविष्य है।" उन शब्दों में एक बड़ा अर्थ छिपा था। माता साहब त्रिकाल दर्शी (भूतकाल, वर्तमान और भविष्य को जानने वाले) थे। वह जानती थी कि एक दिन उसे शदाणी दरबार की गद्दी दी जाएगी। जैसा कि माता साहब ने भाई राम से कहा था, "राजल अब हमारा है, इसलिए उसे हमारी सेवा और शिखा के लिए यहां दरबार में रहने दो।"अब राजा राम ने शदाणी दरबार में रहना शुरू कर दिया और माता साहिब को अपनी पूरी श्रद्धा से प्रसन्न किया। उन्होंने पूज्य माता साहिब की देख रेख में शदाणी दरबार में अपनी प्रारंभिक धार्मिक शिक्षा (धार्मिक शिक्षा) पूरी की। तब उन्हें कनखल में एक उच्च धार्मिक शिक्षा केंद्र भेजा गया, भारत में हरिद्वार के पास वह 1904-1906 तक रहे और वेद, उपनिषद सीखे। वियाकरण और कुछ अन्य पवित्र ग्रन्थ। SWAMI CHETAN DEV, तब संस्था के प्रमुख उनकी अतिरिक्त साधारण क्षमता को देखकर बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने उसे संस्था का प्रमुख बनने की पेशकश की और उस पर स्थायी रूप से रहने के लिए जोर दिया।
लेकिन संत राजाराम शदाणी दरबार के प्रति पूर्ण समर्पण में थे। वह किसी भी शादाणी दरबार की तुलना में शादाणी, दरबार के सेवा को अधिक फलदायी मानता था। उन्होंने भगवत गीता, रामायण और गुरुवाणी भी सीखी। उनकी अद्वितीय सेवाओं और प्रबुद्ध आत्मा के कारण, संत राजाराम ने शदाणी गद्दी को 1932 में दे दिया। शदाणी दरबार का संचालन अपने पूर्ववर्तियों के अनुसार प्रथाओं और दिशानिर्देशों के अनुसार किया गया। न केवल उसकी, बल्कि वह, जो कि धार्मिक शिक्षा में एक विद्वान व्यक्ति है, अभी भी दैनिक दिनचर्या में धार्मिक व्याख्यान देने में अपनी रुचि को आगे बढ़ाता है और इस तरह, उसके दिनों में अनुयायियों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हुई।
3 अक्टूबर 1958 को, संत राजाराम साहिब भारत के लिए रवाना हुए और हरिद्वार, मथुरा और अमृतरस आदि का दौरा किया, उनके सैकड़ों शिष्यों ने प्रत्येक तीर्थ में उनका स्वागत किया और अपने "दर्शन" से खुद को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध बनाया। संत राजाराम साहब ने बहुत ही पवित्र और सादा जीवन व्यतीत किया। उनकी हर क्रिया महज एक दिखावा या उनके अनुयायी थे। संत राजाराम के कुछ मार्मिक गुण यहां दिए गए हैं।
1.HOSPITALITY: -
शादानी दरबार की मुख्य विशेषता आतिथ्य था। संत राजाराम साहब के दिनों में तब तक भोजन शुरू नहीं किया जाता था, जब तक कि कोई मेहमान उनके साथ शामिल नहीं हो जाता। एक बार ऐसा हुआ कि उनके भोजन करने के लिए दरबार में कोई अतिथि नहीं था। समय बहुत देर हो चुकी थी। शवारादियों ने भोजन शुरू करने की अनुमति देने का अनुरोध किया, लेकिन संत राजाराम साहब ने उन्हें इंतजार करने के लिए कहा, आखिरकार, वह एक दुकान पर एक अतिथि से मिले जो अपने रिश्तेदारों को देखने के लिए आए थे। संत राजाराम साहब ने भोजन की शुरुआत उस अतिथि के दरबार में ले जाने के बाद की।, br>संत राजाराम "भगवान शिव" के अवतार थे और हर शरीर उन्हें शिव का अवतार मानता था। वह हमेशा मुस्कुराता रहता था और बहुत धीरे-धीरे बोलता था। उन्होंने हृदय से गीता, ग्रन्थ साहिब और वेदांत के दर्शन सीखे। वह खुद एक प्रबुद्ध आत्मा थी, इसलिए वह सीखे हुए लोगों का सम्मान और सम्मान करती थी।
2.MERCY: -
संत राजाराम साहब बड़े दयालु द्रष्टा थे। वह दूसरों का दुःख नहीं देख सकता था। एक बार शादाब दरबार के एक शिष्य घोटकी के भाई गंगूराम थे, जिनका भतीजा नामदेव तब सात साल का था और कैंसर की चपेट में आ गया था। भाई गंगूराम ने कई डॉक्टरों से मुलाकात की लेकिन कोई भी व्यक्ति नामदेव का इलाज नहीं कर सका। वह अपने भतीजे के जीवन के बारे में बहुत चिंतित था। अंत में, उन्होंने शादानी दरबार में नामदेव को ले लिया और अपने सतगुरु के सामने रोने लगे और रोने लगे। उसकी आंखों से आंसू बार-बार गिर रहे थे। यह देखकर संत राजाराम साहब को सहानुभूति हुई। नामदेव दिन-ब-दिन बेहतर होते गए। कुछ ही दिनों में, वह पूरी तरह से ठीक हो गया और अपने घर वापस चला गया। नामदेव अभी जीवित हैं और घोटकी, सिंध में अपना कारोबार चला रहे हैं।
3. हिन्दू - मुस्लिम भाई
shadani sant ने हमेशा हिंदुओं और मुस्लिमों के dc विभिन्न संप्रदायों के बीच भाईचारे को बनाए रखने की कोशिश की है। यही कारण है कि आज भी सैकड़ों मुसलमान इस दरबार के अनुयायी हैं। वे शदाणी संतों का सम्मान करते हैं। आध्यात्मिक संतुष्टि के लिए थानेदार दरबार में आने वाले मुसलमानों के कई उदाहरण हैं।
एक बार सरदार ददन खान, लंड बलूच जनजाति के प्रमुख और एक महान राजनेता, अपने मुंशी कुंदनदास के साथ शादानी दरबार गए। वह जमीन पर बैठ गया और भीख माँग रहा था। संत राजाराम साहब एक बेटे के लिए, जिसने टोकरी से दो पाटा (मीठी बूंदें) निकालीं और उन्हें अपनी पत्नी को देने के लिए कहा। दादान खान के दो बेटे थे अहमद खान और नूर अहमद खान। हाल ही में नूर अहमद खान पाकिस्तान की संसद के सदस्य हैं। शादानी दरबार में दादन खान का इतना विश्वास था (यह स्पष्ट है कि विभाजन से पहले जब कांग्रेस और मुस्लिम लीग सिंध में आमने-सामने थे, संत राजाराम साहब) ने दादन खान को कांग्रेस में शामिल होने की सलाह दी थी। वह न केवल अपने आप में शामिल हो गया, बल्कि अपने पूरे समूह को कांग्रेस में ले आया। परिणामस्वरूप, उनमें से अधिकांश को विधायक के रूप में चुना गया और इस तरह पहला कांग्रेस मंत्रालय सिंध में अस्तित्व में आया। प्रमोशन की
4.FULFILLMENT: -
संत राजाराम साहब ने हमेशा इन शब्दों को उद्धृत किया। वह अपने वादे पर अडिग था।“रघुकुल रीति सदा चलि आयप्राण जाय पर वचन न जाय ”
एक बार जब वह अमृतरस में तीर्थ यात्रा पर थे, तो 23 फरवरी 1959 की सुबह 4 बजे संत राजाराम साहब ने अपने साथी को बताया कि उनके सतगुरु, स्वामी टेकलाललाल साहिब हज़ूरी ने अमरुतस में परमधाम के लिए अपना मृत्यु लोक छोड़ दिया है। इसी तरह वह भी ऐसा ही करना चाहता था। यह सुनकर सभी शिष्य ठिठक गए। वे रोने लगे और संत राजाराम साहब से विनती की कि उन्हें रास्ते में अकेला न छोड़ें। उन्होंने उसे यह भी याद दिलाया कि उसने जल्द ही वापस आने के लिए पंचायत को एक शब्द दिया था। संत राजाराम साहब ने कहा कि, हम प्रार्थना करते हैं कि हमारे जीवन को एक वर्ष से आगे बढ़ाएं और उन्हें हयात पिटाफि में वापस लाया जाए। तीन महीने के बाद, 13-3-1960 संत राजाराम ने फिर परमधाम के लिए छुट्टी की घोषणा की। इस घोषणा के बाद उनके करीबी अनुयायी भाई पंजूराम, भाई बहूराम के साथ आए और उनसे हाथ जोड़कर और आंखों में आंसू भरकर निवेदन किया। सतगुरु, मेरी बेटी और बेटे की शादियां 16 मार्च और 18 मार्च, 1960 को तय हैं। "अगर आप PARAMDHAM के लिए निकलते हैं, तो मैं उस विवाह समारोह को नहीं कर पाऊंगा। मुझ पर दया करें और कृपया अपने स्वयं के साथ जीआरटी विवाह करें। पवित्र हाथ। "दयालु संत ने उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया और ऐसा करने के लिए सहमत हो गए।
आखिरकार, संत राजाराम साहब ने 20-03-1960 को इस मृत्यु लोक को छोड़ दिया। (रात में १०.५५ बजे चैत्र मास, शुक्ल पक्ष, शादानी संवत २५२)। एक बहुत बड़े समारोह के बाद, हर साल पुण्यतिथि मनाई जाती है। भजन कीर्तन, प्रवचन और भंडारे बड़े पैमाने पर चल रहे हैं, हजारों अनुयायियों ने उनकी वर्षगांठ पर प्रार्थना की और उनसे प्रार्थना की। - जशपुरनगर :सरस्वती सायकल योजना के अंतर्गत जशपुर विकासखंड स्थित शासकीय हाई स्कूल सिटोंगा की 17 छात्राओं को शाला परिसर में आयोजित एक गरिमामय कार्यक्रम में जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कल्पना लकड़ा ने सायकल प्रदान करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर सरपंच श्रीमती अंजू शकुंतला टोप्पो, पंचगण एवं ग्रामीणजन सहित स्कूल के शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
जनपद अध्यक्ष श्रीमती लकड़ा एवं ने कक्षा 9वीं में अध्ययनरत बालिकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि बालिकाओं को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए शासन द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही ह,ै जिसमें निःशुल्क शिक्षा, गणवेश, पाठ्य पुस्तक, छात्रवृत्ति एवं सरस्वती सायकल योजना प्रमुख हैै। उन्होंने कहा कि बालिकाएं आसानी से स्कूल आकर शिक्षा ग्रहण कर सकें, इसके लिए सरस्वती सायकल योजना के तहत निःशुल्क सायकल दी जाती है। उन्होंने कहा कि बालिका शिक्षा जरूरी है। बालिका के शिक्षित होने से पूरा परिवार और समाज शिक्षित होता है। इससे समाज में व्याप्त बुराई और अंधविश्वास को भी दूर करने में मदद मिलती है। उन्होंने स्वयं अपना उदाहरण देते हुए कहा कि शिक्षा के कारण ही मैं ग्राम पंचायत सिटोंगा की सरपंच रही एवं वर्तमान में जशपुर जनपद पंचायत की अध्यक्ष हूँ। उन्होंने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण है। उन्होंने बालिकाओं का आह्वान किया ताकि वे शिक्षा ग्रहण कर अपने माता-पिता एवं समाज का नाम रोशन करें। कार्यक्रम के अंत में संस्था के प्राचार्य एवं कर्मचारियों ने सभी अतिथियों एवं ग्रामीणों का आभार जताया। - जशपुरनगर : प्रत्येक किसान को किसान क्रेडिट कार्ड बनवाना चाहिए इसके जरिए व्यवसायिक बैंको से सहजता से भी खेती-किसानी के साथ ही उद्यानिकी, पशुपालन, मछलीपालन के लिए सहजता से ऋण मिलता है। उद्यानिकी के लिए 3 लाख रूपये तथा मछली पालन हेतु 2 लाख रूपये का ऋण मात्र 1 प्रतिशत ब्याज पर व्यवसायिक बैंक देते है। यह जानकारी ग्रामीणों को बीते दिनों ग्राम सन्ना, चंपा, मनोरा, रायडीह, लोदाम, घाघरा के साप्ताहिक हाट बाजार में जनसंपर्क विभाग द्वारा आयोजित छायाचित्र प्रदर्शनी एवं आॅडियो के माध्यम से दी गई। यहां शासन की प्रमुख योजनाओं तथा जिले के विकास कार्याें की जानकारी देने के उद्देश्य से फोटो, फ्लैक्स बोर्ड एवं बैनर का प्रदर्शन किया गया था। ग्रामीणों को जशपुर के पर्यटन स्थलों की जानकारी वाला ब्रोशर तथा जनमन पत्रिका का निःशुल्क वितरण किया गया।
इस दौरान ग्रामीणों को छत्तीसगढ़ सरकार की 2 नई स्वास्थ्य योजनाओं के बारे में भी बताया गया। प्रदेश सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के सभी नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए डाॅ.खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना शुरू किए जाने का निर्णय लिया गया है। इस योजना के तहत् सामान्य परिवारों को 50 हजार रुपए तक तथा प्राथमिकता एवं अन्त्योदय के राशनकार्ड धारी परिवारों को 5 लाख रुपए तक की स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत् गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों के इलाज के लिए 20 लाख रुपए तक की स्वास्थ्य सुविधा शासन द्वारा मुहैया कराई जाएगी। ग्रामीणों को सर्वाभौम पीडीएस मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना पीएमईजीपी के बारे में भी जानकारी देने के साथ ही शासकीय योजनाओं का लाभ उठाने के लिए मार्गदर्शन दिया गया। - जशपुर : कलेक्टर ने कहा कि 0-14 वर्ष की उम्र के मूकवधिर बच्चों के इलाज के लिए मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना संचालित है। इस योजना के तहत् मूकवधिर बच्चों के कान का आपरेशन कर काॅक्लियर इम्प्लांट किया जाता है। जिस पर औसतन 6 से 10 लाख रुपए का खर्च आता है, जो सरकार वहन करती है। उन्होंने बताया कि बच्चे की उम्र 5 साल से कम होने पर काॅक्लियर इम्प्लांट कराया जाना ज्यादा लाभदायक होता है।
जिला चिकित्सालय जशपुर में पदस्थ ईएनटी विशेषज्ञ एवं इस पखवाड़े के नोडल अधिकारी डाॅ. आर.एन. केरकेट्टा ने बताया कि गूंगापन कभी भी जन्मजात नहीं होता है। बहरापन की वजह से बच्चा जब कुछ सुनता नहीं है, तो वह बोल भी नहीं पाता है, जो बाद में गूंगेपन से ग्रसित हो जाता है। उन्होंने बताया कि जब कोई भी बच्चा दो़ साल या उससे अधिक की उम्र होने पर बोलना शुरू नहीं करता है, तो उसे तुरंत चिकित्सक को दिखाना चाहिए। बच्चे के न बोल पाने की समस्या का प्रमुख कारण उसका बहरापन ही होता है, जिसे उचित इलाज या काॅक्लियर इम्प्लांट करके ठीक किया जा सकता है।
अभियान का उद्देश्य
डाॅ. केरकेट्टा ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य प्रारंभिक अवस्था में ही बहरेपन का निदान और उपचार की सेवा का पुनः स्थापना कर सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देना है।
कर्ण रोग के लक्षण
जन्मजात ऐसे बच्चे जो आवाज की तरफ अपना ध्यान केन्द्रित नहीं कर पाते हो अथवा ऐसे बच्चें जिनकी उम्र 2 साल या उससे अधिक हो और वह कुछ बोल नहीं पा रहा हो और न ही कुछ सुन पा रहा हो। ऐसा बच्चा जो कक्षा में शिक्षक की बात पर ध्यान नही दे रहा हो। ऐसे वृद्ध व्यक्ति जिनमें चिड़चिड़ापन आ गया हो/ इसके अलावा कान मे दर्द, कान से मवाद/पानी बहना भी कर्ण रोग के लक्षण है।
कान की बीमारी से बचने के उपाय
गंदे प्रदूषित पानी में नहाने से बचे। कान में कुछ भी कड़ी चीज डालकर खुद ही सफाई न करें, नही तो कान के पर्दे को नुकसान पहुँचने का अंदेशा रहता है। पालको, अभिभावको, माता-पिता एवं प्रशिक्षकों को कभी भी बच्चे को कान के ऊपर थप्पड़ नही मारना चाहिए। इससे भी कान के पर्दे को क्षतिग्रस्त होने का खतरा रहता हैै। - जशपुरनगर :राष्ट्रीय बधिरता रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत जशपुर जिले में कर्ण देखभाल जागरूकता पखवाड़ा का आयोजन 3 मार्च से 17 मार्च तक होगा। इस दौरान जन सामान्य को कर्ण रोगों के लक्षण एवं उसके बचाव के बारे में जानकारी देकर जागरूक किया जाएगा। जशपुर जिला चिकित्सालय में इस दौरान प्रतिदिन सुबह 9 बजे से अपरान्ह 3 बजे तक कैम्प लगाकर कान के रोगियों की जांच, आवश्यक परामर्श एवं निःशुल्क दवाएं दी जाएगी। जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में लोगों कों जानकारी एवं उचित परामर्श देने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। कर्ण देखभाल जागरूकता पखवाड़ा के दौरान बहरेपन एवं कान की गंभीर बीमारियों से पीड़ित एवं चिन्हित लोगों को बेहतर इलाज के लिए उच्च स्तरीय सुविधा वाले चिकित्सालयों एवं मेडिकल कालेज में रेफर कर इलाज कराया जाएगा।
कलेक्टर श्री निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर ने जिले के कान की बीमारी एवं बहरेपन से ग्रसित लोगों से कर्ण देखभाल जागरूकता पखवाड़ा के दौरान जिला चिकित्सालय अथवा अपने गांव के समीप स्थित स्वास्थ्य केन्द्रों में जाकर परीक्षण एवं आवश्यक इलाज कराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक सर्वे के अनुसार वर्तमान समय में देश में बहरेपन से 6.30 करोड़ लोग पीड़ित है। राष्ट्रीय सर्वे के अनुसार प्रति लाख आबादी पर 291 व्यक्ति ऐसे है, जो बहरेपन से ग्रसित है, जिसमें 0-14 वर्ष के बच्चों की संख्या अधिक है। उन्होंने कहा कि बहरापन एक गंभीर समस्या है, जो मानवीय विकास के साथ ही प्रदेश के विकास में बाधक है। कलेक्टर ने जिले के नागरिकों से अपने परिवार एवं गांव एवं समाज में बहरेपन अथवा कान की बीमारी से पीड़ित लोगोें का परीक्षण पखवाड़ा के दौरान जरूर कराएं, ताकि उनका उचित इलाज हो सके। - ( स्व सहायता समुह की महिलाये जैविक खाद् से कर रही है, सब्जी उत्पादन)बेमेतरा :- ”जहाँ चाह वहाँ राह“ कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय से किसी भी काम में सफलता मिलती ही है। ऐसा ही ग्राम पंचायत खाती की स्व-सहायता समुह की बहनों (महिलाओं) ने कर दिखाया जिन्होने लगातार पिछले ढाई माह से कड़ी मेहनत कर स्वीकृत चारागाह की भूमि में सब्जी-भाजी का उत्पादन कार्य शुरू किया एवं उसे अपने आजीविका साधन के रूप में प्राप्त किया।
शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी के तहत जनपद पंचायत साजा के ग्राम पंचायत खाती के आश्रित ग्राम गाड़ाघाट में बनाये गये गौठान में कान्हा महिला स्व सहायता समुह की महिलाओं को जोड़ा गया। समुह की सभी 15 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया एवं गौठान के उद्देश्य को समझाया गया, उन्हे गौठान की खाली जमीन पर सब्जी उगाने के लिये प्रेरित किया गया एवं यह बताया गया इससे होने वाली कमाई से वे अपने व अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बना सकते है। प्रशिक्षण पश्चात समुह ने गौठान की खाली जमीन को जुताई कर उसमें पालक, मेथी, धनिया, मुली आदि लगाये। आज कान्हा महिला स्व सहायता समुह की महिलाओं के दिन रात की मेहनत से उनकी बाड़ी तैयार हो गई है एवं कुछ सब्जियां काटने लायक हो गई है जिन्हे काट कर समुह की महिलाये ही नजदीकी मंडी मे ले जाकर उसका विक्रय करेंगे।
इस बाड़ी की खास बात यह भी है कि इसमे किसी भी रासायनिक खाद का उपयोग नही किया गया है, इसका उत्पादन पूर्ण रूप से जैविक खाद का ही उपयोग किया गया है जिसकी वजह से अभी से आसपास के लोगो में काफी मांग हो रही है। जिससे महिला स्व सहायता समुह काफी उत्साहित है एवं भविष्य में इससे अधिक जमीन में काम करने को तैयार है। अब कान्हा महिला स्व सहायता समुह गांव के अन्य महिलायों के लिये प्रेरणास्त्रोत का कार्य कर रही है। - बेमेतरा 02 मार्च 2020:- राजस्व पुस्तक परिपत्र (आर.बी.सी.) 6-4 के तहत कलेक्टर श्री शिव अनंत तायल द्वारा 04 जरूरतमंद परिवारों को 4-4 लाख रूपए के मान से 16 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की गई है। संयुक्त जिला कार्यालय के राजस्व शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार 04 प्रकरणों जिनमे ग्राम-किरीतपुर तह.बेरला निवासी पुरुषोत्तम साहू की तालाब मे डूबने से मृत्यु होने पर परिजन जिवराखन, ग्राम-मुलमुला तह.-बेमेतरा निवासी सुनीता की आग से जलकर मृत्यु होने पर परिजन दुखितराम, ग्राम-निनवा तह.-बेमेतरा निवासी रामकली की आग से जलकर मृत्यु होने पर परिजन शत्रुहन, ग्राम-बगलेडी तह.-साजा निवासी नारायण सिंह की बांध मे डुबने से मृत्यु होने पर परिजन प्रदीप कुमार को 4-4 लाख रुपए (कुल 16 लाख रुपए) की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की।
- सतत् निरीक्षण के लिए कलेक्टर ने जिला अधिकारियों का उड़नदस्ता दल में लगाई है ड्यूटी
सूरजपुर : आज 2 मार्च 2020 को छत्तीसगढ माध्यमिक षिक्षा मंडल रायपुर द्वारा आयोजित दसवीं एवं बारहवीं की वार्षिक बोर्ड परीक्षा विषय हिन्दी विषिष्ट आयोजित हुई। परीक्षा सुबह 09 बजे से दोपहर 12ः30 बजे तक शांतिपूर्ण संचालित हुई। कूल दर्ज परीक्षार्थी 8787 में 8634 परीक्षार्थी उपस्थित थे तथा 153 छात्र-छात्राएॅ परीक्षा में शामील नहीं हुए। इस दौरान कोई भी नकल प्रकरण सामने नहीं आया है। परीक्षा के सफल संचालन के लिए कलेक्टर श्री दीपक सोनी के निर्देषानुसार जिला स्तरीय तथा खण्ड स्तरीय निरीक्षण दल का गठन किया गया था जिनके द्वारा औचक निरीक्षण कर परीक्षा व्यवस्था का सतत् जायजा लिया जा रहा है। निरीक्षण दल में जिला षिक्षा अधिकारी, जिला समन्वयक सर्व षिक्षा अभियान, प्राचार्य, समस्त तहसील के तहसीलदार, जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, विकासखंड षिक्षा अधिकारी, मण्डल संयोजक एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। सभी अनुभाग के अनुभाविभागीय अधिकारी राजस्व ने भी अपने अनुभाग में परीक्षा का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। -
नव निर्वाचित अध्यक्ष,उपाध्यक्ष,पार्षद एवं एल्डरमेनों का उन्मुखीकरण कार्यषाला सम्पन्न
सूरजपुर : कलेक्टर श्री दीपक सोनी की अध्यक्षता में नगरपालिका परिषद् सूरजपुर के नवनिर्वाचित अध्यक्ष/उपाध्यक्ष/पार्षदगण तथा एल्डरमेन का एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन जिला पंचायत के सभाकक्ष में किया गया। उक्त कार्यषाला में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सूरजपुर श्री अष्विनी देवांगन के मार्गदर्षन में नवनिर्वाचित नगरपालिका परिषद् के सदस्यों को छत्तीसगढ़ शासन के नगरीय प्रषासन एवं विकास के समस्त योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। इस संबंध में पार्षदगणों एवं जिला प्रषासन के अधिकारियों के मध्य द्विपक्षीय चर्चा करते हुए आगामी 05 वर्षों की कार्य योजना पर विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए प्राथमिकता के आधार पर रणनीति तैयार की गई। कलेक्टर सूरजपुर के द्वारा समस्त जनप्रतिनिधियों को प्राथमिकता के आधार पर वार्डवार कार्य योजना तैयार करने तथा उसका क्रियान्वयन के संबंध में बताया गया। विषेष रूप से शहर में मूलभूत सुविधाओं जैसे घर-घर तक पानी उपलब्ध कराना, स्वच्छता, जल निकासी, सड़क, वार्डो में बारहमासी सड़क की सुविधा, बिजली व्यवस्था आदि के संबंध कार्य योजना तैयार करने पर जोर दिया गया। इसके अलावा शहर का सौन्दर्यीकरण, चैक-चैराहों का सौन्दर्यीकरण, जल संरचनाओं का संधारण एवं सौन्दर्यीकरण तथा विभिन्न स्थानों पर छोट-छोटे पार्क एवं हरियाली के विस्तार हेतु कार्य योजना तैयार कर शासन को प्रस्ताव भेजने के निर्देष दिए गए। शहर में बड़ी परियोजनाओं के क्रियान्वयन जैसे ई-लाईब्रेरी, आॅडिटोरियम, छठ घाट का विकास एवं सौन्दर्यीकरण, स्वीमिंग पूल का निर्माण आदि के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई।
जनप्रतिनिधियों के द्वारा समाज कल्याण के विभिन्न योजनओं का सुचारू रूप से क्रियान्वयन, मोर जमीन मोर मकान, पट्टा वितरण, राषन कार्ड, जल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन के संबंध में सुझाव दिए गए। जनप्रतिनिधियों के द्वारा अवगत कराया गया कि राजीव आश्रय योजना अंतर्गत वितरित किए जाने वाले पट्टे सिर्फ नजूल भूमि में ही प्रदान किए जा रहें, जबकि नगरपालिका परिषद् सूरजपुर क्षेत्रान्तर्गत अधिकांष भूमि छोटे झाड़ के जंगल या रिजर्व फारेस्ट मद में दर्ज होने के कारण वहां पर रह रहे निवासियों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस संबंध में जनप्रतिनिधियों ने भूमि का मद परिवर्तन कर आबादी भूमि या नजूल भूमि में दर्ज करने हेतु जिला प्रषासन के पहल करने की अपील की गई। जिससे ज्यादा से ज्यादा शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले शहरी गरीबों को राजीव आश्रय योजना का लाभ मिल सके। कार्यक्रम मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा अपने अनुभवों को साझा करते हुए नगरीय प्रषासन विकास की विभिन्न योजनाओं के सफल क्रियान्वयन तथा जनप्रतिनिधियों के आपसी समन्वय से नगपालिका परिषद् सूरजपुर को स्वच्छ एवं आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध हो सकेगी। इस कार्यक्रम में अपर कलेक्टर सूरजपुर के द्वारा अपने अनुभवों को साझा करते हुए कई सुझाव एवं जनप्रतिनिधियों को आष्वासन दिया गया कि जिला प्रषासन की ओर से शहर के विकास हेतु पूरा सहयोग प्रदान होगा। इस कार्यक्रम में मुख्य नगरपालिका अधिकारी दीपक एक्का, मिषन प्रबंधक संजीव तिवारी, उप अभियंता आलोक चक्रधारी, मोनिका प्रसाद के साथ-साथ क्षितिज सिंह, अनिल सोनवानी एवं नगरपालिका के समस्त कर्मचारी उपस्थित थे। - महासमुन्द : तहसीलदार बागबाहरा के पत्र एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा जारी गंभीर अपराध की विशेष सूचना प्रतिवेदन 17 फरवरी के अनुसार पुष्टि होती है कि सिटी कोतवाली महासमुन्द में तहसील कार्यालय बागबाहरा के सहायक वर्ग-03 श्री प्रशांत चन्द्राकर के खिलाफ भारतीय दण्ड संहित की धारा 376, 294, 323, 506 एवं 342 के तहत् मामला दर्ज किया गया है, जिसे 16 फरवरी 2020 से हिरासत में लिया गया है तथा वे वर्तमान में जेल में परिरूद्ध है।
कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन द्वारा इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग के छत्तीसगढ़ सिविल सेवा(वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 के उपनियम (1) (2) के तहत् 48 घंटे से अधिक कालावधि के लिये अभिरक्षा में निरूद्ध किए जाने के कारण तहसील कार्यालय बागबाहरा में पदस्थ सहायक वर्ग-03श्री प्रशान्त चन्द्राकर को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय तहसील कार्यालय पिथौरा नियत किया गया है। निलंबन अवधि में श्री प्रशांत चन्द्राकर को जीवन निर्वाह-भत्ते की पात्रता होगी। - महासमुन्द : समग्र शिक्षा के वार्षिक कार्य योजना 2019-20 के तहत सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत वर्ष 2014-15 एवं पूर्व के वर्षों में स्वीकृत विकासखंड महासमुंद में 35, बागबाहरा में 30, पिथौरा मे 32, बसना में 30 एवं विकासखंड सरायपाली में 33 इस प्रकार कुल 160 अतिरिक्त कक्षों सहित पुराने कार्यो को पूर्ण कराने के लिए राज्य कार्यालय से दो करोड़ 92 लाख 25 हजार रूपए आबंटित किया गया है। राजीव गांधी शिक्षा मिशन के जिला मिशन समन्वयक ने बताया कि निर्माण एजेंसी द्वारा पूर्ण अतिरिक्त कक्ष का उपयंत्री से मूल्यांकन पत्रक पूर्णता प्रमाण पत्र, फोटोग्राफ्स, एवं अपूर्ण अतिरिक्त कक्ष का मूल्यांकन पत्रक, उपयोगिता प्रमाण पत्र एवं दो फोटोग्राफ्स अपने विकासखंड स्त्रोत केन्द्र कार्यालय में 13 मार्च 2020 तक अनिवार्य रूप से जमा करने को कहा है। ताकि राशि संबंधित निर्माण एजेंसी के खाते ंमें अंतरित किया जा सके।
- महासमुन्द : आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालित आदिम जाति, अनुसूचित जाति विद्यार्थी उत्कर्ष योजना के तहत शैक्षणिक सत्र 2020-21 में कक्षा छठवीं में प्रवेश के लिए आगामी 07 मार्च 2020 को दोपहर 12ः00 बजे से दोपहर 02ः00 बजे तक डाईट में परीक्षा आयोजित की गई है। आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त श्री एन.आर.देवांगन ने बताया कि प्रवेश पत्र 05 एवं 06 मार्च को आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त कार्यालय महासमुन्द से प्राप्त कर सकते है। परीक्षार्थियों को परीक्षा समय से आधा घण्टा पूर्व परीक्षा केन्द्र पर उपस्थित होना अनिवार्य है।
- महासमुन्द :जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती उषा पटेल की अध्यक्षता में जिला पंचायत महासमुन्द के सामान्य सभा की बैठक 04 मार्च को दोपहर 12ः00 बजे से जिला पंचायत के सभा कक्ष आयोजित की गई है। जिला पंचायत से प्राप्त जानकारी के अनुसार बैठक में नव-निर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों से परिचयात्मक चर्चा, मुख्यमंत्री सुपोषण आहार योजना जिले में क्रियान्वयन करने के लिए प्रस्ताव, कार्यालयीन सामग्री खरीदी एवं वाहन मरम्मत का अनुमोदन सहित अन्य विषयों पर चर्चा की जाएगी। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ.मित्तल ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को नियत समय पर उपस्थित होने को कहा है।
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महासमुन्द 02 मार्च : समाज कल्याण विभाग एवं लाईवलीहुड कॉलेज तथा आईसीआईसीआई अकादमी फॉर स्किल्स के संयुक्त प्रयास से विगत 27 फरवरी 2020 को ग्राम खरोरा स्थित समर्थ केन्द्र में कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया था। इस कार्यशाला में 100 दिव्यांगजनों ने भाग लिया, जिसमें से दस दिव्यांगजनों को विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण के लिए चयनित किया गया है। इनमें ग्राम भोरिंग के दशवंतिन साहू, महासमुन्द की सविता निषाद एवं रानु पटेल, बरबसपुर के संजय परमार, गढ़सिवनी के राम्हीन यादव एवं ईश्वरी साहू, परसदा(ब) की दिनेश्वरी ध्रुव, बागबाहरा के कुन्ती, नयापारा के पिताम्बर बंजारे एवं खट्टी के तोषण यादव शामिल है।
- महासमुन्द : राज्य शासन द्वारा प्रदेश के सभी नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना प्रारंभ की गई है। इसके अंतर्गत अन्त्योदय व प्राथमिकता के क्रियाशील राशन कार्डधारी परिवारों को प्रतिवर्ष फैमिली फ्लोटर आधार पर प्रति परिवार पांच लाख रूपए तक एवं शेष अन्य सभी प्रकार के राशन कार्डधारी परिवारों को प्रति परिवार पचास हजार रूपए तक निर्धारित चिकित्सा पैकेजों के माध्यम से निःशुल्क ईलाज प्रदान किया जाएगा। उपचार लाभ लेने के लिए पंजीकृत अस्पताल में कोई भी शासकीय पहचान पत्र के साथ जिसमें राशन कार्ड, आधार कार्ड, पूर्व में निर्मित आयुष्मान ई-कार्ड में से किसी एक कार्ड के माध्यम से योजना में पंजीयन कराएं और उपचार प्राप्त करें। इस योजना के तहत शासकीय अस्पतालों में उपचार के लिए आरक्षित पैकेज की जानकारी पंजीयन काउंटर से प्राप्त की जा सकती है। ईलाज कराने के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर अस्पताल में टी.पी.ए. असिस्टेंट हेल्पडेस्क से मिलें और उनसे सहायता प्राप्त कर सकते है। हितग्राहियों की सुविधा के लिए टोल फ्री नम्बर 104 अथवा 14555 संचालित है, इस नंबर में किसी भी समय संपर्क कर आवश्यक सहयोग प्राप्त किया जा सकता है।
योजनांतर्गत अस्पतालों का पंजीयन प्रारंभ हो गया है। यदि कोई चिकित्सालय योजनांतर्गत पंजीयन कराना चाहता है, तो उन चिकित्सालयों से अपील है की पोर्टल https://dkbssy.cg.nic.in/: में दिए गए निर्देशों का अवलोकन करते हुए शासन के वेबसाइट https://hospitals.abnhpm.gov.in में रजिस्ट्रेशन अवश्य करें। पूर्व से पंजीकृत समस्त चिकित्सालयों को पुनः ऑनलाईन जानकारी अद्यतन करना आवश्यक है। - महासमुन्द : पण्डित दीनदयाल दिव्यांगजन पुनर्वास कार्यक्रम के तहत जिले के अंतर्गत विकासखण्ड सरायपाली के ग्राम सिघोंडा एवं पाटसेन्द्री में दिव्यांगजन प्रमाणीकरण, नवीनीकरण एवं कृत्रिम अंग उपकरण प्रदाय करने के लिए चिन्हांकन शिविर का आयोजन किया गया था, जिसमें 28 फरवरी 2020 को सिंघोडा में 59 नवीन दिव्यांग प्रमाण पत्र प्रदान किया गया, वहीं 25 दिव्यांगजनों के प्रमाण पत्रों का नवीनीकरण किया गया। इसके अलावा 35 दिव्यांगजनों को जांच के लिए रेफर किया गया। इसी तरह 29 फरवरी 2020 को पाटसेन्द्री में में 45 नवीन दिव्यांग प्रमाण पत्र प्रदान किया गया, वहीं 25 दिव्यांगजनों के प्रमाण पत्रों का नवीनीकरण किया गया। इसके अलावा 28 दिव्यांगजनों को जांच के लिए रेफर किया गया। पाटसेन्द्री में आयोजित शिविर स्थल पर ग्राम नूनपानी निवासी श्रीमती नॉनबाई चौहान पति धनसाय चौहान को श्रवण यंत्र के लिए चिन्हांकित किया। समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक श्री धर्मेन्द्र साहू द्वारा संज्ञान में लेते हुए शिविर स्थल पर ही सरपंच ग्राम पंचायत पाटसेन्द्री श्रीमति चन्द्रकला पटेल के हाथो संबंधित हितग्राही को उपकरण प्रदाय किया गया।
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श्रवण बधिरता को दूर करने के लिए तीन मार्च को जिला चिकित्सालय में लगेगा शिविर
निःशुल्क जांच, परामर्श एवं दवा वितरण सहित आवश्यकता होने पर सुनने की मशीन भी प्रदाय की जाएगी
शिविर उपरांत सत्रह मार्च तक जारी रहेगा श्रवण जागरूकता पखवाड़ा
महासमुन्द 02 मार्च : सुनने की दक्षता में कमी या बहरेपन की परेशानी से जूझ रहे पीड़ितों के लिए एक अच्छी खबर है। दरअसल, जिले में श्रवण-बधिक मरीजों को राहत देने के लिए प्रदाय की जा रही सुविधाओं में एक और इजाफा किया गया है। एक ओर जहां, ‘राष्ट्रीय बधिरता बचाव व नियंत्रण कार्यक्रम‘ अंतर्गत जिले में तीन से सत्रह मार्च 2020 तक ‘श्रवण जागरूकता पखवाड़ा‘ मनाया जाएगा। वहीं दूसरी ओर पखवाड़े के पहले दिन यानी ‘‘तीन मार्च को जिला चिकित्सालय में एक विशाल स्वास्थ्य शिविर‘‘ आयोजित कर पखवाड़े की शुरूआत की जाएगी। जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों की देख-रेख में श्रवण-बाधित मरीजों को निःशुल्क जांच, परामर्श एवं दवा वितरण सेवाएं सहित आवश्यकता होने पर सुनने की मशीन भी प्रदाय की जाएगी।
सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ आरके परदल से मिली जानकारी के मुताबिक शिविर में मरीजों को स्वास्थ्य लाभ देने के लिए राष्ट्रीय बधिरता बचाव व नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ के गजभिए एवं नाक-कान व गला रोग विशेषज्ञ डॉ ओंकेश्वरी साहू को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ ऑडियोलॉजिस्ट सुश्री अर्चना तोमर, ऑडियेमेट्री असिस्टेंट श्री डोमार सिंह निषाद एवं अन्य अनुभवी स्वास्थ्यकर्मी भी अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे। डॉ गजभिए ने बताया कि मंगलवार के श्रवण बधिरता निवारण स्वास्थ्य शिविर में सुनने में परेशानी महसूस करने वाले संभावित व पीड़ित मरीजों की ऑडियोमेट्री मशीन से निःशुल्क जांच एवं परामर्श प्रदान कर आवश्यक दवा वितरण किया जाएगा। इसके साथ ही आवश्यकता होने पर समाज कल्याण विभाग द्वारा श्रवण यंत्र भी प्रदाय किए जाएंगे। अस्पताल सलाहकार डॉ निखिल गोस्वामी ने बताया कि शिविर के लिए जिला अस्पताल में व्यवस्थागत तैयारी पूरी कर ली गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एसपी वारे ने बच्चे, जवान एवं बुजुर्गो से अधिकाधिक संख्या में उपस्थित होकर निःशुल्क सेवाओं का लाभ लेने की अपील की है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार ने बताया कि राज्य स्तर से मिले निर्देशानुसार जिले के सभी विकासखंडों में मंगलवार तीन मार्च से सत्रह मार्च 2020 तक विशेष रूप से ‘श्रवण जागरूकता पखवाड़ा‘ मनाया जाएगा। जिले में श्रवण बाधा से पीड़ित मरीजों लिए परामर्शदायी सुविधाएं आगामी समय में भी निरंतर जारी रहेंगी।
उल्लेखनीय है कि व्यक्ति को सामान्य सुनने वाले व्यक्ति की तुलना में 25 डेसिबल सुनने की सामान्य सीमा रेखा से अधिक में ही सुन पाने की असमर्थता या दोनों कानों में होने वाली क्षति को बधिकता कहा जाता है। व्यक्ति में सुनने की क्षमता में कमी से कान की बीमारियों और बहरेपन का प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। संवादहीनता की स्थिति अकेलापन, तन्हाई और असंतोष की भावनाएं सहित दैनिक जीवन की गतिविधियों की दक्षता में भी गिरावट आती है। वहीं कई मर्तबा यह बच्चों के कमजोर शैक्षणिक स्तर और वयस्कों में रोजगार अनुपलब्धताओं जैसी संकटापन्न स्थिति उत्पन्न करने का कारण भी बन जाता है। देखा जाता है कि आमतौर पर लोग जागरूकता के अभाव में या लापरवाही के कारण ध्यान नहीं देते और शासन द्वारा प्रदत्त निःशुल्क सुविधाओं से वंचित हो रह जाते है।
वयस्कों में दूसरे व्यक्तियों को स्पष्ट सुनने में परेशानी, लोगों का दोबारा बोलने के लिए आग्रह करना, ऊँची आवाज़ के साथ संगीत सुनना या टीवी देखना, दरवाजे की घंटी या टेलीफोन की आवाज़ सुनने में असमर्थ होना। बच्चों में बच्चा धीरे सीखता है, अस्पष्ट उच्चारण करता है, बच्चा बहुत ज़ोर से बोलता है,बच्चा दोबारा कहने के लिए बोलता है, बच्चा ऊँची आवाज़ के साथ टीवी देखता है।