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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
अधिकारी शिविरों में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहे : कलेक्टर श्री शर्मा
बेमेतरा : कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने आज शाम यहां कलेक्ट्रेट के दिशा सभाकक्ष में जिला अधिकारियों की बैठक लेकर "सुशासन तिहार-2025" के तीसरे चरण की तैयारी की समीक्षा की।बैठक में अपर कलेक्टर श्री अनिल बाजपेयी, जिले के सभी एसडीएम एवं अन्य जिला अधिकारी मौजूद थे। कलेक्टर श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता आम जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान और जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है। इसी उद्देश्य को लेकर पूरे छत्तीसगढ़ के जिलों में "सुशासन तिहार" 2025 का आयोजन किया जा रहा है। आप सब पूरी गंभीरता से अपने दायित्वों का पालन सुनिश्चित करें।
उन्होंने बताया कि जिले में सुशासन तिहार का तीसरा और अंतिम चरण 5 मई से 31 मई तक चलेगा, जिसके अंतर्गत जिले में कुल 64 समाधान शिविर आयोजित किए जाएंगे। शिविर में जिन अधिकारियों को दायित्व सौपा गया है, वहाँ जाकर व्यवस्था देख लें। इन शिविरों का आयोजन 5 मई से प्रारंभ होगा। शिविरों में विभागीय योजनाओं से संबंधित स्टाल भी लगाए जाएंगे, यदि नए आवेदन प्राप्त होते है तो नए आवेदन भी लिए जाएं। साथ ही हितग्राहीमूलक योजनाओं के फॉर्म भी उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि समाधान शिविर में जनता को उनके आवेदन की स्थिति और समाधान की जानकारी देना सुनिश्चित करें।शिविरों में विभागीय योजनाओं से संबंधित स्टाल भी लगाए जाएंगे,यदि नए आवेदन प्राप्त होते है तो नए आवेदन भी लिए जाएं। साथ ही हितग्राहीमूलक योजनाओं के फॉर्म भी उपलब्ध रहेंगे। कलेक्टर ने बताया कि किसी भी शिविर में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्रीगण, सांसद, विधायकगण शामिल हो होंगे और आमजनता से सीधा संवाद करेंगे और विकास कार्यों का औचक निरीक्षण कर फीडबैक लेंगे। उन्होंने कहा कि समाधान शिविर के दौरान कोई भी अधिकारी बिना अनुमति के मुख्यालय से बाहर नहीं जाएंगे और ना ही अवकाश लेंगे। उन्होंने शेष आवेदनों का निराकरण रविवार शाम तक करने के निर्देश दिए।
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1.40 लाख से अधिक आवेदनों में से 99 हजार का गुणवत्तापूर्ण निराकरण
शत-प्रतिशत भूमि सीमांकन और फ़ौती मामलों का समाधान: कलेक्टर श्री शर्मा
बेमेतरा : सुशासन तिहार-2025 के अंतर्गत जिले में जनहितकारी कार्यों की रफ्तार तेज हो गई है। आज कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान मीडिया को तीनों चरणों की जानकारी दी। कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने बताया कि सुशासन तिहार का पहला चरण 8 से 11 अप्रैल तक संपन्न हुआ, जिसमें जिले भर के कार्यालयों, जिला कार्यालय, नगरीय निकाय, ग्राम पंचायतें, जनपद पंचायत, तहसील और एसडीएम कार्यालयों, में समाधान पेटियां स्थापित की गईं। इन पेटियों में कुल 1,40,780 आवेदन प्राप्त हुए। दूसरे चरण के तहत प्राप्त आवेदनों का एक माह के भीतर निराकरण यानी कल रविवार तक किया जा रहा है। अब तक 99,000 से अधिक आवेदनों का गुणवत्तापूर्ण निराकरण किया जा चुका है। श्री शर्मा ने बताया कि जिले में मात्र 3,022 आवेदन शिकायतों से संबंधित हैं, शेष आवेदन मांगों और सुविधाओं से जुड़े हैं।
कलेक्टर ने यह भी बताया कि जिले में सबसे अधिक आवेदन प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्राप्त हुए हैं, लगभग 90,000 इनमें से 22,000 आवास स्वीकृत कर दिये गये हैं और 50,000 का सर्वेक्षण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। स्वच्छता मिशन, पेंशन, बिजली कनेक्शन, राशन कार्ड और अन्य राजस्व मामलों में भी गुणवत्ता पूर्ण निराकरण किया गया है, और कुछ की प्रक्रिया जारी है। भूमि सीमांकन और फौती के सभी प्राप्त आवेदनों का शत-प्रतिशत निराकरण कर लिया गया है।
श्री शर्मा ने बताया कि तीसरे चरण के अंतर्गत 5 मई से 31 मई तक जिले में 64 समाधान शिविर आयोजित किए जाएंगे, जिनमें नगरीय क्षेत्र के 37 और ग्रामीण क्षेत्र के 27 शिविर शामिल हैं। इन शिविरों में जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी और हितग्राहीमूलक योजनाओं के फॉर्म वितरित किए जाएंगे।
कलेक्टर ने बताया कि इन शिविरों का औचक निरीक्षण मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, प्रभारी मंत्रीगण, मुख्य सचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी करेंगे। साथ ही उन्होंने मीडिया प्रतिनिधियों को इन शिविरों में आमंत्रित करते हुए प्रचार-प्रसार में सहयोग की अपेक्षा की। प्रेस वार्ता में अपर कलेक्टर श्री अनिल बाजपेयी, जिले के समस्त एसडीएम, उप संचालक जनसंपर्क श्री शशिरत्न पाराशर एवं प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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बेमेतरा : आगामी 1 मई 2025 को नवीन आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया है। यह बैठक कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा की अध्यक्षता में दोपहर 12 बजे, कलेक्ट्रेट के दिशा सभाकक्ष में आयोजित होगी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू ने जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में प्रॉसिक्यूशन ऑफिसर, जिले के सभी थाना एवं चौकी प्रभारी, अनुसंधान अधिकारी (आईओ) एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी उपस्थित रहेंगे।
गौरतलब है कि नवीन आपराधिक कानून 2023 के अंतर्गत तीन नए कानून -
1. भारतीय न्याय संहिता,
2. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, और
3. भारतीय साक्ष्य अधिनियम को 1 जुलाई 2024 से लागू कर दिया गया है।
इन नए कानूनों ने भारतीय दंड संहिता (IPC), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है। बैठक का उद्देश्य इन कानूनों के सफल एवं एकरूप क्रियान्वयन की तैयारी सुनिश्चित करना है। -
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बेमेतरा: कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा के निर्देशानुसार आज मंगलवार को अपर कलेक्टर श्री डॉ. अनिल बाजपेयी द्वारा कलेक्टर कार्यालय दृष्टि सभा कक्ष में जनदर्शन का आयोजन किया गया, जिसमें जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए लोगों की समस्याओं और शिकायतों का निराकरण किया गया। इस जनदर्शन में 25 आवेदन प्राप्त हुए। प्रमुख रूप से भूमि विवाद, सरकारी योजनाओं का लाभ न मिल पाना, आधार या राशन कार्ड से संबंधित समस्याएं, जल, बिजली, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी जैसे आवेदन प्राप्त हुए।
अपर कलेक्टर ने सभी आवेदनों को गंभीरता से सुनते हुए संबंधित विभागों को त्वरित निराकरण के निर्देश दिए। कई समस्याओं का मौके पर ही समाधान किया गया, जबकि कुछ गंभीर मामलों को टीएल पंजी पर दर्ज कर संबंधित अधिकारियों को समय-सीमा में निपटाने के आदेश दिए। तहसील नवागढ़ के ग्राम कुंरा निवासी संगीता घृतलहरे ने अपने पिता की सड़क दुर्घटना ने मृत्यु होने के कारण आर्थिक सहायता के संबंध में आवेदन दिया, तहसील बेरला के ग्राम मनियारी के समस्त ग्रामवासी ने वार्ड क्र.10 शीतला मंदिर पर तलाब सौंदर्यकरण नहीं करवाने के संबंध में आवेदन दिया, तहसील नवागढ़ के ग्राम दर्री निवासी मोतिम बाई ने मुआवजा राशि दिलाने के संबंध मे आवेदन दिया, इसी प्रकार तहसील साजा के ग्राम धौराभाठा निवासी हेमंत बंजारे ने बिल्डिग निर्माण में घटीया और अधुरे कार्य के संबंध में आवेदन दिया। इसके अलावा अन्य आवेदनों में निराश्रित पेंशन, बैटरी चालित ट्राईसाइकिल, प्रधानमंत्री आवास, वृद्धा पेंशन, दिव्यांगता पेंशन आदि से संबंधित मांगें भी शामिल रहीं। जनदर्शन में दूर-दराज से आए नागरिकों की समस्याओं को त्वरित समाधान हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए गए। इस अवसर पर अन्य विभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे।
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बेमेतरा : कल बुधवार 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया के अवसर पर बाल विवाह की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ शासन ने प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। माननीय मुख्यमंत्री जी के संकल्प अनुसार “बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़” अभियान की अवधारणा को साकार करने हेतु समस्त जिलों के प्रशासनिक अमले को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकथाम हेतु प्रशासन सतर्क, मुख्यमंत्री के संकल्प को साकार करने प्रयास तेज कर दिए है।
अक्षय तृतीया’ पर गाँव में बाल विवाह के मामलें सामने आते है। यह एक गम्भीर सामाजिक बुराई है समाज में इस कुप्रथा का स्वरूप बहुत ही भयावह है। सामान्य रूप से प्रचलित वैवाहिक कार्यक्रमों के साथ-साथ शहरी, ग्रामीण क्षेत्रों में 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के अवसर पर अन्य वैवाहिक कार्यक्रम भी शुरू हो जाएंगे, किसी भी स्थिति में बाल विवाह न हो, यह प्रशासन के द्वारा सामुदायिक सहयोग से ही संभव है जिसके लिए कई तैयारियां की गई है।
कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने जिला अधिकारियों पत्र लिख कर कहा है कि ‘अक्षय तृतीया’ (30 अप्रैल) के अवसर पर बाल विवाह को रोकने के लिए जागरूकता फैलाई जाए। अभियान के तहत पंचायत, आंगनबाड़ी, शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से व्यापक जन जागरूकता कार्यक्रम संचालित किए जाए। बाल विवाह रोकथाम अधिनियम के तहत कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन को अधिकार सौंपे गए हैं तथा ग्रामीण क्षेत्रों में निगरानी समितियों का गठन किया गया है। इसके अतिरिक्त, ग्राम पंचायत स्तर पर प्रचार-प्रसार, रैली, नुक्कड़ नाटक एवं परामर्श शिविरों के माध्यम से बाल विवाह के दुष्परिणामों की जानकारी दी जा रही है।
अक्षय तृतीया जैसे पर्वों पर बाल विवाह की परंपरा को समाप्त करने हेतु समाज के हर वर्ग का सहयोग आवश्यक है। प्रशासन से अपेक्षा की गई है कि ऐसे आयोजनों पर विशेष निगरानी रखी जाए एवं किसी भी प्रकार की सूचना पर त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा अनुरोध किया गया है, कि रोके गए बाल विवाहों की जानकारी एकत्र कर तत्काल विभाग को अवगत कराया जाए, जिससे अभियान की प्रभावशीलता आंकी जा सके एवं भविष्य की रणनीति तय की जा सके।
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बेमेतरा : मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अनुसार, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन फैमिली मेडिसिन” (PGDFM) कोर्स के तहत CMC वेल्लोर द्वारा 28 अप्रैल से 3 मई 2025 तक राजनांदगांव जिला अस्पताल में एक विशेष प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में बेमेतरा से नामांकित चिकित्सा अधिकारी डॉ. बुद्धेश्वर सिंह वर्मा भी भाग ले रहे हैं।
उक्त प्रशिक्षण में डॉ. वर्मा की सहभागिता के चलते बेमेतरा जिला चिकित्सालय में अल्ट्रा सोनोग्राफी सेवाएं अस्थायी रूप से स्थगित रहेंगी। प्रशासन द्वारा यह सूचना हितग्राहियों तक पहले ही पहुंचाई जा रही है, ताकि उन्हें अनावश्यक परेशानी से बचाया जा सके।मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने नागरिकों से सहयोग की अपील की है और यह भी सुनिश्चित किया है, कि 3 मई के पश्चात सेवाएं पुनः नियमित रूप से प्रारंभ कर दी जाएंगी।
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सभी आवेदनों का गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्ध निराकरण सुनिश्चित करें: कलेक्टर श्री शर्मा
बेमेतरा : सुशासन तिहार 2025 के तहत आज कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने विकासखंड बेरला के ग्राम पंचायत देवरी में आयोजित शिविर में ग्रामीणों से प्राप्त समस्याओं, मांगों और शिकायतों के आवेदनों के निराकरण की समीक्षा की। गौरतलब है कि सुशासन तिहार 2025 के प्रथम चरण में, 8 अप्रैल से 11 अप्रैल तक जिले के सभी पंचायत निकायों में समाधान पेटियां स्थापित की गई थीं, जिनमें नागरिकों द्वारा विभिन्न प्रकार के आवेदन डाले गए थे।समाधान शिविर में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री टेकचंद्र अग्रवाल, अपर कलेक्टर श्री अनिल बाजपेयी, एसडीएम श्रीमती दीप्ति वर्मा, सरपंच सीमा सिवारे सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी तथा बड़ी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित रहे।
बैठक में लोक स्वास्थ यांत्रिकी, विद्युत, समाज कल्याण, खनिज, स्वास्थ्य, कृषि, खाद्य, शिक्षा, राजस्व, महिला एवं बाल विकास, आदि संबंधित विभागों के अधिकारियों ने क्रमवार ढंग से अपने-अपने विभागों से संबंधित आवेदनों के निराकरण की स्थिति की जानकारी दी। कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने निर्देश दिए कि सभी आवेदनों का गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्ध निराकरण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि लोगों की छोटी-छोटी लेकिन महत्वपूर्ण समस्याएं होती है, उनका अधिकारी त्वरित समाधान कर जनता का विश्वास अर्जित कर सकते है।
श्री शर्मा ने बताया कि अगले चरण में 5 मई से 31 मई 2025 तक जिलेभर में समाधान शिविर आयोजित किए जाएंगे। इन शिविरों में जनकल्याणकारी और हितग्राही मूलक योजनाओं की जानकारी आम नागरिकों को दी जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि शिविरों में जिला, अनुभाग और विकासखंड स्तर के अधिकारी तथा जनप्रतिनिधियों की अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित की जाए, ताकि पहल को और अधिक जनोन्मुखी बनाया जा सके। कलेक्टर ने यह भी जानकारी दी कि कुछ समाधान शिविरों में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्रीगण, मुख्य सचिव, प्रभारी सचिव एवं राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे और आवेदकों से सीधा संवाद कर समस्याओं का अवलोकन करेंगे। इसलिए सभी आवेदनों का समय रहते गुणवत्तापूर्ण निराकरण अनिवार्य है।
श्री शर्मा ने समाज कल्याण, विद्युत एवं खनिज विभाग द्वारा आवेदनों के निराकरण में अपेक्षित गुणवत्ता नहीं दिखाने पर असंतोष व्यक्त करते हुए एक सप्ताह के भीतर सभी लंबित प्रकरणों के समाधान के निर्देश दिए। वहीं खाद्य विभाग द्वारा किए गए निराकरण पर संतोष व्यक्त किया और अन्य विभागों से भी इसी तरह की तत्परता की अपेक्षा जताई।इस दौरान कलेक्टर श्री शर्मा ने स्वयं ग्रामीणों से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनीं। एक ग्रामीण महिला द्वारा जॉब कार्ड बनाने और एक अन्य व्यक्ति का आयुष्मान कार्ड जारी न होने की समस्या पर तत्काल संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
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बेमेतरा : जिला जेल बेमेतरा में आज राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (NACO) और छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति (CGSACS) के निर्देशानुसार 140 विचाराधीन बंदियों का स्वास्थ्य परीक्षण, परामर्श एवं रक्त जांच अभियान सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम कलेक्टर एवं जिला एड्स नियंत्रण समिति (DACS) के अध्यक्ष श्री रणबीर शर्मा के निर्देशन तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. यशवंत कुमार ध्रुव एवं जिला एड्स नियंत्रण नोडल अधिकारी डॉ. खगदेव साहू के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया।
स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान जिला चिकित्सालय बेमेतरा के HCTS (एचआईवी काउंसलिंग एवं टेस्टिंग सर्विस) के परामर्शदाता श्री पुराणिक नायक द्वारा सभी बंदियों को एचआईवी/एड्स के संक्रमण के कारण, बचाव उपायों, यौन रोगों, सिफलिस व हेपेटाइटिस के प्रति जागरूक करते हुए परामर्श प्रदान किया गया। साथ ही, HCTS के एमएलटी श्री संजय तिवारी द्वारा एचआईवी, सिफलिस, हेपेटाइटिस बी एवं सी सहित विभिन्न बीमारियों के लिए रक्त जांच की गई।इस अवसर पर जिला जेल बेमेतरा के जेल अधीक्षक, फार्मासिस्ट श्रीमती दीक्षा अंगारे, जेल स्टाफ तथा जेल प्रहरीगण भी उपस्थित रहे।कार्यक्रम का उद्देश्य बंदियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना एवं गंभीर संक्रामक बीमारियों की समय पर पहचान कर उचित उपचार सुनिश्चित करना रहा।
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बेमेतरा : कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा के निर्देशन एवं सहायक आयुक्त आबकारी श्री प्रमोद कुमार नेताम तथा सहायक जिला आबकारी अधिकारी श्री नितिन कुमार खंडूजा के मार्गदर्शन में, आबकारी विभाग बेमेतरा द्वारा बीते शुक्रवार को अवैध मदिरा धारण व परिवहन के विरुद्ध बड़ी कार्यवाही की गई।
मुखबिर से प्राप्त सूचना के आधार पर आबकारी विभाग ने साकिन जिया पथर्रा रोड में अस्थायी नाका लगाकर वाहन हीरो होंडा (क्रमांक CG 07 LX 4125) की तलाशी ली। जांच के दौरान आरोपी गिरवर साहू (उम्र 30 वर्ष, निवासी-जिया) के कब्जे से कुल 5.94 बल्क लीटर शराब (27 नग देशी मदिरा प्लेन पाव व 6 नग विदेशी मदिरा पाव) बरामद की गई। उक्त शराब की कुल बाजार कीमत ₹42,880/- आँकी गई है। मौके पर आरोपी गिरवर साहू के विरुद्ध आबकारी अधिनियम की विभिन्न धारा अंतर्गत गैर-जमानती प्रकरण कायम कर उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत कर रिमांड पर लिया गया। इस कार्यवाही में आबकारी उपनिरीक्षक श्रीमती वीणा भंडारी, आबकारी आरक्षक संतोष अहिरवार तथा वाहन चालक पूर्णानंद सोम की महत्वपूर्ण भूमिका रही। आबकारी विभाग ने अवैध मदिरा संबंधी शिकायतों हेतु संपर्क हेतु आबकारी उपनिरीक्षक वृत्त बेमेतरा के कार्यालय के दूरभाष नंबर 7803036415 पर आम जनता से सहयोग की अपील की है।
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बेमेतरा : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के निर्देशानुसार अब खेतों में फसल अवशेष जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। पर्यावरण को हो रहे नुकसान को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। उप संचालक कृषि मोरध्वज डडसेना ने जानकारी दी कि आदेश का उल्लंघन करने पर कृषकों से उनके खेत के रकबे के अनुसार दंड वसूला जाएगा। दो एकड़ तक के किसानों पर 2,500 रुपए, दो से पांच एकड़ वाले किसानों पर 5,000 रुपए तथा पांच एकड़ से अधिक रकबा वाले किसानों पर 15,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।
उप संचालक कृषि मोरध्वज डडसेना ने बताया कि फसल अवशेष जलाने से खेत की सतह पर मौजूद लाभकारी सूक्ष्मजीव, मित्र कीटों के अंडे तथा भूमि में पाई जाने वाली ह्यूमस नष्ट हो जाती है, जिससे भूमि की उर्वरता एवं आगामी फसल उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ता है। इसके विपरीत, फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन जैसे कम्पोस्टिंग अथवा जीरो टिलेज विधि से अवशेषों को खेत में ही सड़ने देना, मृदा की गुणवत्ता को बनाए रखने में सहायक हो सकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि एक टन पैरा जलाने से भारी मात्रा में प्रदूषक गैसें जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड उत्सर्जित होती हैं और करीब 199 किलोग्राम राख का उत्पादन होता है, जो पर्यावरण के लिए बेहद हानिकारक है। साथ ही, प्रति टन जलने वाले धान के पैरा से मृदा में 5.5 किलोग्राम सल्फर का नुकसान होता है। कलेक्टर ने सभी सरपंचों से अपील की है कि वे अपने-अपने गांवों में किसानों को फसल अवशेष जलाने से रोकें और पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करें।
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बेमेतरा : जिले की एकीकृत बाल विकास परियोजना बेरला अंतर्गत वर्तमान में नवीन स्वीकृत पद एवं रिक्त पद हेतु आ.बा. सहायिका के पद पर शासन द्वारा निर्धारित निर्देश एवं मानदंडों के अनुसार नियमानुसार नियुक्ति किया जाना हैं। इसके अंतर्गत एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय बेरला आंगनबाड़ी केंद्र आनंदगांव 05 पर आ. बा. सहायिका पद, आंगनबाड़ी केंद्र रवेली 02 आ.बा. सहायिका पद, आंगनबाड़ी केंद्र कोदवा 03 आ.बा. सहायिका पद, आंगनबाड़ी केंद्र सोढ़ 06 आ.बा. सहायिका हेतु पद पर आवेदन आमंत्रित किया गया हैं।
आवेदन संबंधित नगरीय की आवेदिकाओ द्वारा आवेदन पत्र भरकर निर्धारित तिथि में 25 अप्रैल 2025 से 09 मई 2025 तक एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय बेरला में कार्यालयीन समय 10ः00 से 5ः30 बजे तक सीधे अथवा पंजीकृत डाक द्वारा जमा किये जायेगे। निर्धारित तिथि के पश्चात् प्राप्त आवेदन स्वीकार नहीं किये जावेगे।
आंगनबाड़ी सहायिका के पद हेतु निर्धारित न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 8 वीं परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए। आवेदिका की आयु 18 से 44 वर्ष के मध्य होना चाहिए। एक वर्ष या अधिक सेवा अनुभव रखने वाले अभ्यर्थियों को आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट दी जाएगी। आवेदिका को ग्रामीण क्षेत्रों में उसी पंचायत/नगरी वार्ड की स्थानीय निवासी होनी चाहिए जिस पंचायत में आंगनबाड़ी केन्द्र के लिए विज्ञापन जारी हुआ है। तथा पंचायत/नगरीय क्षेत्र में उसी वार्ड की निवासी होनी चाहिए जिस पंचायत हेतु विज्ञापन जारी हुआ है। सभी आवश्यक दस्तावेजों की स्व-प्रमाणित प्रति के साथ आवेदन पत्र सम्बन्धित एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय में निर्धारित अंतिम तिथि तक सीधे अथवा पंजीकृत डाक के माध्यम से प्रस्तुत किया जा सकता है।
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बेमेतरा : विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर आयोजित आज शुक्रवार को जिले में विभिन्न शासकीय स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस वर्ष की थीम “Malaria Ends With Us: Reinvest, Reimagine, Reignite” (मलेरिया हमारे साथ समाप्त हो जाए - पुनः निवेश करें, पुनः कल्पना करें, पुनः प्रज्वलित करें) के अंतर्गत यह आयोजन किया गया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. यशंवत कुमार ध्रुव एवं जिला नोडल अधिकारी (NVBDCP) सह जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक बसोड़ द्वारा जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस रथ के माध्यम से आमजन को मलेरिया के लक्षण, बचाव और उपचार संबंधी जानकारी दी गई।
कार्यक्रम का उद्देश्य वर्ष 2027 तक प्रदेश को स्थानीय मलेरिया संक्रमण से मुक्त करना एवं 2030 तक मलेरिया का पूर्णतः उन्मूलन करना है। इसके लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया गया। शहरी क्षेत्र की समस्त मितानिनों के लिए मलेरिया पर एक कार्यशाला का भी आयोजन किया गया, जिसमें मलेरिया की पहचान, रोकथाम व त्वरित उपचार संबंधी जानकारी प्रदान की गई। मलेरिया संक्रमित मादा मच्छर के काटने से फैलता है, जिसके लक्षणों में तेज बुखार, बदन दर्द, सिर दर्द एवं उल्टी आदि शामिल हैं।स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि मलेरिया की जांच एवं उपचार सभी शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में निःशुल्क उपलब्ध है। साथ ही मच्छरों के लार्वा नियंत्रण के लिए रुके हुए पानी में मिट्टी का तेल अथवा जला हुआ मोबिल ऑयल डालने तथा कीटनाशक-उपचारित मच्छरदानी के प्रयोग की सलाह दी गई।
कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुश्री लता बंजारे, व्ही.बी.डी. पर्यवेक्षक श्री गुलाबचंद साहू, जिला मितानिन समन्वयक श्रीमती लता मेरावी, मितानिन प्रशिक्षक उषा साहू, समस्त मितानिन एवं अन्य अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।इस अवसर पर सभी ने मलेरिया मुक्त समाज की दिशा में कार्य करने का संकल्प लिया। -
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बेमेतरा : कलेक्टर एवं दंडाधिकारी श्री रणबीर शर्मा ने आज शुक्रवार को जिला अस्पताल बेमेतरा का औचक निरीक्षण कर स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अस्पताल के विभिन्न वार्डों में जाकर भर्ती मरीजों से सीधे संवाद किया, उनका हालचाल जाना और इलाज से जुड़ी उनकी संतुष्टि की स्थिति पर जानकारी प्राप्त की।कलेक्टर श्री शर्मा ने महिला वार्ड, शिशु वार्ड, जनरल वार्ड, आपातकालीन कक्ष, औषधि वितरण कक्ष, ऑपरेशन थियेटर और ओपीडी सहित अन्य प्रमुख हिस्सों का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रत्येक वार्ड में साफ-सफाई की स्थिति, बेड की उपलब्धता, बिजली और पानी की आपूर्ति, पंखों और कूलर की कार्यशीलता तथा मरीजों को मिलने वाली भोजन व्यवस्था की भी बारीकी से जांच की।
मरीजों से संवाद और समस्याओं का त्वरित समाधान
निरीक्षण के दौरान कई मरीजों और उनके परिजनों ने अपनी समस्याएं और सुझाव साझा किए। जिलाधीश ने डॉक्टर से कहा की हॉस्पिटल मे आवश्यकता अनुसार दवाइयों की स्टॉक पर्याप्त उपलब्ध रहे । कलेक्टर ने अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिए कि मरीजों को पौष्टिक एवं गुणवत्तापूर्ण भोजन समय पर उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि अस्पताल में इलाज के साथ-साथ मरीजों के लिए गरिमापूर्ण और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराना प्रशासन की जिम्मेदारी है।
डॉक्टरों और कर्मचारियों को निर्देश
कलेक्टर रणबीर शर्मा ने डॉक्टरों के कक्षों में पहुंचकर चिकित्सकों से भी चर्चा की और उपस्थित मेडिकल स्टाफ से मरीजों की देखभाल की प्रक्रिया, औषधियों की उपलब्धता, और अस्पताल में उपलब्ध उपकरणों की कार्यप्रणाली की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि चिकित्सक अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी निष्ठा और संवेदनशीलता के साथ करें। मरीजों के प्रति सहानुभूति का भाव रखें और हर मरीज को समय पर, उचित इलाज मिले, यह सुनिश्चित करें। उन्होंने स्टाफ की उपस्थिति रजिस्टर की भी जांच की और समय पर ड्यूटी पर उपस्थित रहने के निर्देश दिए। साथ ही यह भी कहा कि अस्पताल में अनुशासन और कार्यकुशलता बनी रहनी चाहिए।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार प्रशासन की प्राथमिकता
कलेक्टर श्री शर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता आम नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इसके लिए अस्पतालों का समय-समय पर निरीक्षण किया जा रहा है और जो भी कमियां सामने आती हैं, उन्हें तुरंत दूर करने के निर्देश दिए जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य सुविधा के मामलों किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अस्पतालों में आने वाले हर मरीज को बेहतर इलाज और सुविधा मिलना ही प्रशासन का उद्देश्य है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि आने वाले दिनों में उपस्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का भी निरीक्षण किया जाएगा। निरीक्षण के दौरान एडीएम अनिल वाजपेयी, एसडीएम प्रकाश भारद्वाज, सीएमएचओ, और अस्पताल प्रबंधक तथा अन्य संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
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अन्य दिव्यांगों को भी मिले सहायक उपकरण
बेमेतरा : ग्राम मारो, नवागढ़ विकासखंड — “अब मैं किसी पर निर्भर नहीं हूँ, मैं अपने कार्य खुद कर सकता हूँ।” ये शब्द हैं, श्री दीपक महिलांग के, जो 90% दिव्यांगता के बावजूद आज आत्मनिर्भर जीवन की ओर अग्रसर हैं। यह बदलाव संभव हो सका है, सुशासन तिहार 2025 के तहत समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रदत्त बैटरी चालित ट्रायसायकल की मदद से।
दीपक महिलांग एक ग्रामीण परिवेश से हैं, जहाँ परिवहन की सीमित सुविधाएँ दिव्यांगजनों के लिए बड़ी बाधा बनती थीं। लेकिन जैसे ही उन्हें ट्रायसायकल प्राप्त हुआ, उनके जीवन की दिशा ही बदल गई। अब वे स्वतंत्र रूप से घर से बाहर आ-जा सकते हैं, छोटे-मोटे काम कर सकते हैं और सामाजिक गतिविधियों में भी भाग ले पा रहे हैं। उन्होंने बताया, “पहले हर जगह जाने के लिए किसी न किसी पर निर्भर रहना पड़ता था। अब मैं खुद बाजार जा सकता हूँ, पंचायत बैठकों में शामिल हो सकता हूँ।”
दीपक समाज कल्याण की योजना के तहत आर्थिक सहायता भी मिल रही है, जिससे उनकी मासिक आवश्यकताएँ पूरी हो जाती हैं। यह उनके लिए न केवल आर्थिक बल्कि मानसिक संबल भी है। विभागीय जानकारी के अनुसार, बेरला विकासखंड के ग्राम केशतरा निवासी श्री नंदलाल महाकुर (100% दिव्यांगता), ग्राम सोढ़ निवासी श्री मिलन कुमार घीवर (40% दिव्यांगता), ग्राम केशतरा के श्री नवलदास महाकुर (85% दिव्यांगता) और ग्राम रवेली के श्री संतोष साहू (80% दिव्यांगता) को सहायक उपकरण प्रदान किए गए हैं। इन लाभार्थियों को उनकी आवश्यकता अनुसार बैटरी चालित ट्रायसायकल, सामान्य ट्रायसायकल और व्हीलचेयर का वितरण किया गया है। इन सभी दिव्यांगों को प्रतिमाह सामाजिक सहायता कार्यक्रम योजना के अंतर्गत निशक्त पेंशन योजना द्वारा प्रतिमाह लाभाविंत किया जा रहा है।
समाज कल्याण विभाग के उप संचालक ने बताया कि सुशासन तिहार के तहत जनहित में प्राप्त आवेदनों का त्वरित निराकरण कर पात्र हितग्राहियों को सहायता प्रदान की जा रही है। विभाग का प्रयास है कि किसी भी पात्र व्यक्ति को योजनाओं से वंचित न रहना पड़े। उनकी यह कहानी इस बात का प्रतीक है कि यदि सरकार की योजनाएँ सही समय पर पात्र व्यक्ति तक पहुँचें, तो वे किसी के जीवन में वास्तविक परिवर्तन ला सकती हैं।
सुशासन तिहार के अंतर्गत ऐसे ही कई दिव्यांगजनों को न केवल उपकरण मिले, बल्कि उन्हें समाज में सम्मान के साथ जीने का हक भी मिला।दीपक महिलांग आज सिर्फ एक लाभार्थी नहीं, बल्कि सुशासन की सफलता के प्रतीक बन चुके हैं — एक ऐसी मिसाल जो यह दिखाती है कि संवेदनशील प्रशासन और त्वरित सेवा मिलकर समाज के सबसे कमजोर वर्गों को भी सशक्त बना सकते हैं। छत्तीसगढ़ शासन संवेदनशील है जहां बदलाव निश्चित है।”
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बेमेतरा : छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, जिला बेमेतरा के अंतर्गत रिक्त संविदा पदों पर भर्ती हेतु विज्ञापन के माध्यम से जारी किया गया था। इच्छुक एवं योग्य अभ्यर्थियों से आवेदन 24 मार्च 2025 की संध्या 5.30 बजे तक आमंत्रित किए गए थे। प्राप्त आवेदनों का परीक्षण पूर्व में गठित समिति द्वारा किया गया, जिसमें नाम, पता, उम्र, शैक्षणिक योग्यता एवं अनुभव जैसे बिंदुओं का सूक्ष्म निरीक्षण किया गया। परीक्षण उपरांत पात्र एवं अपात्र अभ्यर्थियों की सूची का प्रकाशन कर दिया गया है। अपात्रता के मुख्य कारणों में आवश्यक योग्यता या अनुभव का अभाव, दस्तावेजों की अपूर्णता तथा पूर्ण समय अनुभव प्रमाण हेतु बैंक स्टेटमेंट/सैलरी स्लिप का अभाव शामिल है।
यदि किसी अभ्यर्थी को इस सूची के संबंध में कोई दावा या आपत्ति प्रस्तुत करनी हो, तो वह कार्यालयीन समय में 28 अप्रैल 2025 की संध्या 5.00 बजे तक रजिस्टर्ड/स्पीड पोस्ट या व्यक्तिगत रूप से जिला पंचायत बेमेतरा की आवक-जावक शाखा में प्रस्तुत कर सकते हैं। डाक से विलंब से प्राप्त आवेदनों के लिए कार्यालय उत्तरदायी नहीं होगा। पात्र/अपात्र सूची का अवलोकन जिले की वेबसाइट www.bemetara.gov.in पर तथा जिला पंचायत कार्यालय के सूचना पटल पर किया जा सकता है।
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ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी सेवाओं की आसान, पारदर्शी और डिजिटल पहुंच, ग्रामीणजन डिजिटल लेनदेन भुगतान कर सकेंगे
बेमेतरा : राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर 24 अप्रैल को पूरे देश के साथ छत्तीसगढ़ में भी अटल पंचायत डिजिटल सुविधा केंद्रों की शुरुआत हुई। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी सेवाओं की आसान, पारदर्शी और डिजिटल पहुंच सुनिश्चित करना है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने राज्य की 1474 ग्राम पंचायतों में इन केंद्रों का वर्चुअल शुभारंभ किया। बेमेतरा जिले में खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल ने नवागढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत टेमरी में अटल पंचायत डिजिटल सुविधा केंद्र का शुभारंभ किया। जिले के कुल 48 ग्राम पंचायतों में यह सुविधा प्रारंभ की गई है, जिसमें बेमेतरा, बेरला और नवागढ़ विकासखंड की 10-10 ग्राम पंचायतें तथा साजा विकासखंड की 18 ग्राम पंचायतें शामिल हैं।
बेमेतरा विकासखंड की ग्राम पंचायतें – चरभाठा, गंगपुर, जौंग, कुर्दा, मारतरा, नागपुरा, नवागांव कला, ओटेबंद, पाँचभैया और लोलेसरा।
बेरला की ग्राम पंचायतें – अछोली, भेड़ानी, बारगांव, शिवर, हसदा, हटपन, कोड़वा, लवटारा, संकरा और सोरला।
नवागढ़ की ग्राम पंचायतें – अंधियारखोर, बोरतरा, एरमसाही, गनियारी, मालदा, रनबोर, संबलपुर, सिवानी, तरपोंगी और टेमरी है।
साजा विकासखंड की ग्राम पंचायतें – बुंदेली, गड़ुवा, घाटवानी, कोंगियाकला, रौद्र, सहसपुर, टेंडुभाठा, तिरियाभाठ, बंरका, कारेसरा, खैरझीटी कला, खटी, किरकी, ओड़िया, पदुमसरा, पतोरा, सैगोंना और सौरी है।
इन डिजिटल सुविधा केंद्रों में जन्म, मृत्यु, जाति, आय, निवास, विवाह पंजीयन जैसे प्रमाणपत्रों की सुविधा के साथ राजस्व सेवाएं भी उपलब्ध हैं। साथ ही ग्रामीण नागरिक अब माइक्रो एटीएम, आधार आधारित भुगतान, डिजिटल लेनदेन, बीमा प्रीमियम भुगतान, बिजली-पानी के बिल भुगतान, पेंशन संबंधित सेवाएं और बैंकिंग सुविधाओं का लाभ भी उठा सकेंगे। इन केंद्रों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण अपने गाँव में ही सरकारी सेवाओं तक सरल से प्राप्त कर सकेंगे।
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बेमेतरा : हर वर्ष 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य इस जानलेवा बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इसके उन्मूलन के लिए वैश्विक स्तर पर प्रयास करना है। इस वर्ष की थीम “Malaria Ends With Us: Reinvest, Reimagine, Reignite” अर्थात् “मलेरिया हमारे साथ समाप्त हो जाये - पुनः निवेश करें, पुनः कल्पना करें, पुनः प्रज्वलित करें” पर आधारित है। यह संदेश देता है कि मलेरिया को समाप्त करने की जिम्मेदारी हम सभी की है।
बेमेतरा जिले में इस अवसर पर जिला चिकित्सालय, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय, सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में विशेष जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। प्रदेश में वर्ष 2027 तक शून्य स्थानीय संक्रमण तथा 2030 तक मलेरिया मुक्त राज्य का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे सामूहिक प्रयासों से ही संभव बनाया जा सकता है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. यशवंत कुमार ध्रुव ने बताया कि मलेरिया संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, ठंड लगना, बदन दर्द, सिरदर्द, उल्टी आदि शामिल हैं। यदि कोई व्यक्ति इन लक्षणों से पीड़ित है, तो उसे तुरंत नजदीकी शासकीय स्वास्थ्य संस्था में जाकर जांच करवानी चाहिए। मलेरिया की जांच और इलाज सभी शासकीय संस्थानों में निःशुल्क उपलब्ध है।
रोकथाम के लिए आवश्यक है कि मच्छरों के प्रजनन को रोका जाए। घर के आसपास पानी जमा न होने दें। जमे हुए पानी में मिट्टी का तेल या जला हुआ मोबिल ऑयल डालें। मच्छरदानी का उपयोग करें और यदि संभव हो, कीटनाशक-उपचारित मच्छरदानी अपनाएं। जिला नोडल अधिकारी (NVBDCP) डॉ. अशोक बसोड ने जानकारी दी कि विश्व मलेरिया दिवस के उपलक्ष्य में जिले के सभी विकासखंडों एवं गांवों में प्रचार-प्रसार एवं जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। आइए, हम सभी मिलकर मलेरिया के खिलाफ इस लड़ाई में भागीदार बनें और अपने घर, समाज और प्रदेश को मलेरिया मुक्त बनाने में सहयोग दें। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।
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बेमेतरा : बृजेन्द्र कुमार शास्त्री प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बेमेतरा की अध्यक्षता व श्रीमती निधि शर्मा, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की उपस्थिति में आगामी नेशनल लोक अदालत 10 गई 2025 के संबंध में बैंक विभाग, विद्युत विभाग, बीएसएनएल एवं नगर पालिका के अधिकारीगण के साथ बैठक का आयोजन किया गया। उक्त बैठक में नेशनल लोक अदालत के सफल कियान्वयन के लिए अधिक से अधिक प्री-लिटिगेशन एवं बैंक संबंधित, बिजली बिल भुगतान, वॉटर बिल राजीनामा योग्य प्रकरणों को समय-सीमा में चिन्हांकित कर निराकरण हेतु प्रस्तुत करने एवं नोटिस तामिली कराने का निर्देश दिया गया। अधिकारीगण को यह भी कहा कि ऐसे विशेष प्री-लिटिगेशन मामलें जिनमें नोटिस तामिल से पक्षकार यदि बच रहे है तो उनकी सूची बनाकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बेमेतरा के माध्यम से क्षेत्राधिकार के थाना प्रभारी के साथ समन्वय स्थापित कर पक्षकारों के साथ सौहाद्रपूर्ण रूप से राजीनामा कराने का प्रयास किया जा सकता है। अध्यक्ष द्वारा पक्षकारगण के मध्य विवाद को वैकल्पिक समाधान के तहत सम्भावनाओं को तलाश करते हुए पक्षकारों की दिन-प्रतिदिन प्री-सीटिंग कर लोक अदालत में उनके मध्य राजीनामा किये जाने का यथा संभव प्रयास किये जाने का निर्देश भी दिया गया।
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बेमेतरा : अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। वर्ष 2024-25 के पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति (कॉलेज स्तर) के तहत संस्था परिवर्तन, पाठ्यक्रम परिवर्तन, कोर्स ईयर परिवर्तन अथवा संस्था एवं पाठ्यक्रम दोनों परिवर्तन की सुविधा विभागीय पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई है। यह सुविधा केवल उन्हीं विद्यार्थियों को प्राप्त होगी जो भारत सरकार के नियमानुसार पात्रता रखते हैं। छात्रवृत्ति से संबंधित समस्त प्रक्रियाएं — पंजीयन, स्वीकृति एवं भुगतान — विभागीय पोर्टल https://postmatric-scholarship.cg.nic.in/ के माध्यम से की जा रही हैं।विभाग द्वारा इस सुविधा के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 28 मई 2025 निर्धारित की गई है। संबंधित विद्यार्थी अपना आवेदन कार्यालय, सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास, बेमेतरा — कलेक्टोरेट कम्पोजिट बिल्डिंग, कक्ष क्रमांक 71 (छात्रवृत्ति शाखा) में 28 मई 2025 तक प्रस्तुत कर सकते हैं।
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ग्रामीणों को मिलेगी बड़ी राहत, छोटे-छोटे कामों के लिए पैसा निकालने नहीं जाना पड़ेगा दूर : मंत्री श्री बघेल
श्रीमती शशि कुर्रे और श्रीमती कजला ने महतारी वंदन योजना के अंतर्गत 1000-1000 रुपये की राशि इस केन्द्र से निकाली
बेमेतरा : राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल ने नवागढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत टेमरी में अटल पंचायत डिजीटल सुविधा केन्द्र का शुभारंभ किया। इस सुविधा केन्द्र के शुरू होने से ग्रामीणों को बैंकिंग और अन्य डिजिटल सेवाओं के लिए अब दूर विकासखंड या जिला मुख्यालय नहीं जाना पड़ेगा।
शुभारंभ अवसर पर दो महिला हितग्राहियों, श्रीमती शशि कुर्रे और श्रीमती कजला ने महतारी वंदन योजना के अंतर्गत 1000-1000 रुपये की राशि इस केन्द्र से निकाली। मंत्री श्री बघेल ने दोनों को नगद राशि भी सौंपते हुए योजना की सफलता की सराहना की।
खाद्य मंत्री ने इस श्री बघेल ने कहा कि इस योजना के माध्यम से ग्रामीण अब अपने खातों से नकद राशि निकाल सकेंगे, जमा कर सकेंगे, बिजली-पानी के बिल भर सकेंगे और पेंशन व बीमा जैसी सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि अटल पंचायत डिजीटल सुविधा केन्द्र ग्रामीणों की सुविधा और सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। खाद्य मंत्री श्री बघेल ने उपस्थित लोगों को जल संरक्षण की शपथ दिलायी।बेमेतरा जिले में अब तक 48 अटल पंचायत डिजीटल सुविधा केन्द्र शुरू किए जा चुके हैं। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ रजककार विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री प्रहलाद रजक, जिला पंचायत सभा पति श्री अंजू बघेल, श्री अजय साहू, मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री टेकचंद्र अग्रवाल, एसडीएम श्रीमती दिव्या पोटाई, ई-जिला प्रबन्धक चिप्स , जिला प्रबन्धक सी.एस. सी. युगल किशोर आडिल, डी. पी.एम. ग्राम पंचायत csc/vle मयंक शुक्ला, डी. पी.एम. ग्राम पंचायत csc/vle अकलाख कुर्रे सहित पंच-सरपंच और ग्रामीणजन उपस्थित थे।यह पहल डिजिटल इंडिया की दिशा में ग्रामीण छत्तीसगढ़ को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी।
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बेमेतरा : प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी और लू के प्रकोप को देखते हुए राज्य शासन ने स्कूली छात्रों के स्वास्थ्य पर संभावित प्रतिकूल प्रभाव को ध्यान में रखते हुए ग्रीष्मकालीन अवकाश की तिथि में आंशिक संशोधन किया है।
पूर्व में विभागीय समसंख्यक आदेश दिनांक 20 सितंबर 2024 द्वारा शासकीय, अनुदान प्राप्त, गैर अनुदान प्राप्त शालाओं में 1 मई से 15 जून 2025 तक ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया गया था। लेकिन अब संशोधित आदेशानुसार यह अवकाश 25 अप्रैल से 15 जून 2025 तक प्रभावी रहेगा।
यह आदेश शासकीय, अनुदान प्राप्त, गैर अनुदान प्राप्त एवं अशासकीय सभी प्रकार की शालाओं पर लागू होगा। हालांकि, यह आदेश शिक्षकों पर लागू नहीं होगा और विभागीय पूर्व आदेश की अन्य शर्तें पूर्ववत लागू रहेंगी। -
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बेमेतरा : राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के आदेशानुसार तथा अध्यक्ष/प्रधान जिला न्यायाधीश श्री बृजेन्द्र कुमार शास्त्री के मार्गदर्शन एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बेमेतरा की सचिव श्रीमती निधि शर्मा के निर्देशन में ग्राम मऊ, मल्दा, केशला, नांदघाट और अकलवारा (साजा) में पृथ्वी दिवस के अवसर पर विधिक जागरूकता शिविरों का आयोजन किया गया। शिविरों का उद्देश्य न केवल नागरिकों को उनके विधिक अधिकारों एवं निःशुल्क विधिक सहायता संबंधी जानकारी प्रदान करना था, बल्कि उन्हें पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना भी था। इस अवसर पर लोगों को अधिक से अधिक संख्या में वृक्षारोपण हेतु प्रेरित किया गया। बताया गया कि पृथ्वी की सुन्दरता बनाए रखने और जलवायु संतुलन को सुधारने के लिए हर व्यक्ति को पेड़ लगाना चाहिए।
अधिकार मित्रों ने शिविरों में पौधारोपण कर एक मिसाल पेश की और लोगों से आग्रह किया कि वे अपने जन्मदिवस जैसे विशेष अवसरों पर पेड़ लगाएं और उपहार स्वरूप पौधे देने की परंपरा को बढ़ावा दें। साथ ही जल संरक्षण पर भी बल दिया गया - जैसे वर्षा जल संग्रहण, सोख्ता निर्माण और जल स्रोतों के समीप जल संधारण की व्यवस्था। वायुमंडलीय संतुलन बनाए रखने के लिए वायु प्रदूषण पर नियंत्रण की आवश्यकता पर भी चर्चा की गई। शिविर में नालसा एवं सालसा द्वारा संचालित विधिक योजनाओं, निःशुल्क विधिक सहायता और नागरिकों के कानूनी अधिकारों की जानकारी दी गई। इस आयोजन में तालुका विधिक सेवा समिति साजा एवं समस्त अधिकार मित्रों की सक्रिय सहभागिता रही। कार्यक्रम ने न केवल विधिक जागरूकता को बढ़ावा दिया बल्कि पर्यावरण सुरक्षा के लिए जन सहभागिता का संदेश भी दिया।
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जनदर्शन में विभिन्न शिकायत एवं समस्याओं से संबंधित 32 आवेदन प्राप्त हुए
बेमेतरा : कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा की उपस्थिति मे आज मंगलवार क़ो कलेक्टरेट के दृष्टि सभा कक्ष मे जनदर्शन आयोजित की गई। जिसमे जिले के अलग-अलग क्षेत्र के लोग अपनी-अपनी मांग, समस्याएं एवं शिकायतें लेकर आये। इस दौरान जनदर्शन मे आने वाले सभी लोगों की समस्याओं का निराकरण भी किया गया। आज के जन चौपाल में कलेक्टर ने लोगों की समस्याओं को गौर से सुना और संबंधित अधिकारियों से दूरभाष पर और समक्ष बुलाकर संबंधित आवेदनों का त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिए। कुछ आवेदन मौके पर ही निराकरण किए गए। आज जनदर्शन में विभिन्न शिकायत एवं समस्याओं से संबंधित 32 आवेदन प्राप्त हुए। तात्कालिक महत्व की समस्याओं का जहां त्वरित निराकरण किया। वहीं गंभीर और जांच के आवेदनों को टीएल पंजी पर दर्ज करके, इनका निराकरण करने के निर्देश संबंधित अफसरों को दी।
इस दौरान जनदर्शन में दूरदराज के गांवों से अपनी समस्याओं के समाधान हेतु पहुंचे लोगों में से तहसील साजा के ग्राम मौहाभाठा के निवासी दानीराम ने त्रुटि सुधार करने के संबंध में आवेदन दिया, तहसील थानखम्हरिया के ग्राम सेमरिया के निवासी जयकिशन यादव ने अपने लगानी भूमि के सामने अवैध कब्जा हटवाने के संबंध में आवेदन दिया, तहसील साजा के ग्राम परसबोड़ निवासी हरक खुटेल ने प्रधानमंत्री आवास का राज्यांश अविलम्ब जारी करने के विषय में आवेदन दिया, ग्राम डगनिया के समस्त ग्रामवासी ने शासकीय मद की तालाब के पास रोड (खपरी रास्ता) से लगे भूमि पर स्थित पांच एकड़ भूमि पर अवैधानिक कब्जा कर बबूल वृक्षों की कटाई करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही करने के संबंध में आवेदन दिया। इसके अलावा आम नागरिकों ने निराश्रित पेंशन दिलाने, बैटरी चलित ट्रायसायकल हेतु, प्रधानमंत्री आवास दिलाने, कटा हुआ रकबा जोड़ने, खाद गड्ढा को हटाये जाने, आम रास्ता खुलवाने, वृद्धापेंशन हेतु, दिव्यांगता पेंशन दिलाये जाने आदि से संबंधित आवेदन प्राप्त हुए है। कलेक्टर ने ग्रामीणों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और उनके निराकरण के लिए ग्रामीणों को आश्वासन दिलाया। इस अवसर पर सी.ई.ओ. जिला पंचायत श्रीं टेकचंद अग्रवाल, अपर कलेक्टर डॉ. अनिल वाजपेयी, एसडीएम बेरला दिप्ती वर्मा सहित विभिन्न विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।
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बेमेतरा : सुशासन तिहार 2025 के तहत ग्राम तेंदुआ, विकासखंड नवागढ़, जिला बेमेतरा के निवासी धनंजय कुमार की एक बड़ी समस्या का सफल समाधान हुआ। धनंजय का आयुष्मान भारत कार्ड पुराने राशन कार्ड से जुड़ा हुआ था, जिससे उन्हें नई सूची में नाम नहीं होने के कारण दिक्कत हो रही थी।
’8 अप्रैल से 11 अप्रैल के बीच आयोजित पहले चरण में उन्होंने समाधान पेटी में अपनी समस्या दर्ज करवाई। प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए गुणवत्ता पूर्ण कार्यवाही की। दूसरे चरण के अंतर्गत उनके आयुष्मान कार्ड को नए राशन कार्ड से जोड़कर, नया कार्ड उन्हें सौंप दिया गया।
अब धनंजय 5 लाख रुपये तक की मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का लाभ बिना किसी परेशानी के उठा सकते हैं। यह न केवल एक व्यक्ति की सफलता है, बल्कि शासन की जनहितकारी नीतियों और त्वरित समाधान प्रणाली की मिसाल है। इस प्रकार, सुशासन तिहार 2025 ने आमजन की छोटी लेकिन महत्वपूर्ण समस्याओं को हल कर जनता का विश्वास और उम्मीदें दोनों बढ़ाई हैं।’छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय कर रहे है। पूरे छत्तीसगढ़ में सुशासन सुशासन तिहार 2025 चलाया जा रहा है। इस तिहार के तीन चरण है। पहला चरण में 8 अप्रैल से 11 अप्रैल तक लोगों ने अपनी-अपनी समस्या, मांग और शिकायतें समाधान पेटी और ऑनलाइन आवेदन किए। दूसरा चरण में प्राप्त आवेदनों का एक माह में निराकरण करना है। तीसरा और अंतिम चरण आगामी 5 मई से 31 मई 2025 तक क्लस्टर बनाकर 10 ग्राम पंचायतों में एक-एक और सभी नगरीय निकायों में भी समाधान शिविर आयोजित किए जाएँगे।
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बेमेतरा : ढोलिया स्थित रेवेंद्र सिंह वर्मा कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र में खरीफ-2025 के लिए अनुसंधान परिषद एवं शिक्षा विस्तार परिषद की संयुक्त बैठक का आयोजन किया गया। कार्यक्रम मे अधिष्ठाता डॉ. संदीप भंडारकर ने अपने उद्बोधन में भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए यह बताया कि किस प्रकार आने वाले समय में छोटे स्तर पर अनुसंधान कर क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुसार कृषि क्षेत्र में सुधार किया जा सकता है। उन्होंने जिले की भौगोलिक एवं कृषि संबंधी विशेषताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि एक समय था जब यह जिला दलहन उत्पादन में अग्रणी था, किंतु समय के साथ किसानों की रुचि में गिरावट आई है, जिसे पुनः जाग्रत करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर कृषि महाविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केंद्र के समस्त वैज्ञानिकों ने बीते वर्ष की अनुसंधान उपलब्धियों को साझा किया तथा आगामी अनुसंधान प्रस्तावों और योजनाओं को पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया। बैठक में क्षेत्रीय कृषि विकास की दिशा में समन्वित प्रयास करने एवं अनुसंधान कार्यों को किसानों तक पहुंचाने पर बल दिया गया, जिससे खरीफ-2025 की फसलों में गुणवत्ता एवं उत्पादन क्षमता में वृद्धि सुनिश्चित की जा सके।