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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री जिले को 200 करोड़ से अधिक रुपए की विकासात्मक सौगात देंगे
बेमेतरा : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय 9 अक्टूबर 2025 को बेमेतरा के बेसिक स्कूल मैदान में आयोजित भव्य कार्यक्रम में जिले को करोड़ों रुपए की विकासात्मक सौगात देंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय विभिन्न विभागों के कुल 52 से अधिक कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण करेंगे। कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री श्री साय 22 कार्यों का भूमिपूजन एवं 30 कार्यों का लोकार्पण करेंगे। भूमिपूजन कार्यों की कुल लागत 31 करोड़ 65 लाख 22 हजार रुपए, जबकि लोकार्पण कार्यों की कुल लागत 87 करोड़ 37 लाख 17 हजार रुपए है। इसके अलावा और अन्य कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन शामिल हैं इस प्रकार जिले में लगभल कुल 200 करोड़ से अधिक रुपयों के विकास कार्यों का शुभारंभ और समर्पण किया जाएगा।
प्रमुख लोकार्पण और भूमिपूजन मे जल संसाधन विभाग, संभाग बेमेतरा, भूमिपूजन संख्या 2 एवं लोकार्पण की संख्या 6 कुल कार्याे की संख्या 8 कुल कार्य की लागत 4089.76 लाख रूपये इसी प्रकार छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कं.लि., संभाग साजा भूमिपूजन की संख्या 1 कार्य की लागत 237.09 लाख रूपये, इसी प्रकार कार्यालय उप संचालक कृषि, भूमिपूजन की संख्या 1 कार्य की लागत 50 लाख लागत रूपये, इसी प्रकार लोक निर्माण विभाग, संभाग बेमेतरा, भूमिपूजन की संख्या 4 लोकार्पण की संख्या 1 कुल कार्याे की संख्या 5 कुल कार्य की लागत 3638.84 लाख रूपये, इसी प्रकार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, लोकार्पण की संख्या 5 कार्य की कुल लागत 682.90 लाख रूपये, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग संभाग बेमेतरा, लोकार्पण की संख्या 4 कुल कार्य की लागत 1889.26 लाख रूपये, इसी प्रकार जनपद पंचायत बेमेतरा भूमिपूजन की संख्या 3 एवं लोकार्पण की संख्या 2 कुल कार्याे की संख्या 5 कुल कार्याे की लागत 66.99 लाख रूपये, इसी प्रकार जनपद पंचायत बेरला भूमिपूजन की संख्या 2 एवं लोकार्पण की संख्या 1 कुल कार्याे की संख्या 3 कुल कार्याे की लागत 72.40 लाख रूपये, जनपद पंचायत साजा भूमिपूजन की संख्या 3 एवं लोकार्पण की संख्या 1 कुल कार्याे की संख्या 4 कुल कार्याे की लागत 157.64 लाख रूपये, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग बेमेतरा, भूमिपूजन संख्या 5 एवं लोकार्पण की संख्या 8 कुल कार्याे की संख्या 13 कुल कार्याे की लागत 359.54 लाख रूपये, इसी प्रकार आदिवासी विकास बेमेतरा लोकार्पण की संख्या 1 कुल कार्य की लागत 191.51 लाख रूपये, इसी प्रकार नगर पालिका परिषद् बेमेतरा भूमिपूजन की संख्या 1 एवं लोकार्पण की संख्या 1 कुल कार्याे की संख्या 2 कुल कार्याे की लागत 466.43 लाख रूपयें शामिल है।
इन कार्यों में जल संसाधन, लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, बिजली, कृषि, जनपद पंचायतें, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, आदिवासी विकास एवं नगरीय प्रशासन विभाग के कार्य शामिल हैं। जिलेभर में सड़कों के निर्माण, सिंचाई सुविधाओं के विस्तार, पेयजल व्यवस्था, भवन निर्माण, विद्युत लाइन विस्तार तथा ग्रामीण एवं शहरी आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने से संबंधित परियोजनाओं का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया जाएगा।
मुख्य विभागवार प्रमुख कार्य इस प्रकार है :-
इसके अतिरिक्त कृषि विभाग, जनपद पंचायतें बेमेतरा, बेरला और साजा सहित ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा सड़क, भवन और आधारभूत ढांचा विकास के कई कार्यों का शुभारंभ किया जाएगा। आदिवासी विकास विभाग और नगर पालिका परिषद बेमेतरा के भी महत्वपूर्ण कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय के इस प्रवास से बेमेतरा जिले में विकास की गति को और बल मिलेगा। जिले के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में आधारभूत संरचनाओं के विस्तार से नागरिकों को बेहतर सुविधाएँ प्राप्त होंगी और शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचेगा।
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बेमेतरा : आधुनिक प्रतिस्पर्धा के इस युग में जहां हर व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने की जद्दोजहद में लगा हुआ है, वहीं मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का महत्व पहले से कहीं अधिक बढ़ गया है। यह सर्वविदित है कि किसी व्यक्ति का संपूर्ण विकास माँ के गर्भ से ही आरंभ होता है। गर्भावस्था के दौरान लिए गए संतुलित आहार और पोषण से न केवल माँ का स्वास्थ्य बेहतर रहता है बल्कि शिशु का भी समुचित विकास होता है।
मोहभट्ठा की राधिका बनी उदाहरण
ग्राम मोहभट्ठा (सेक्टर देवरबीजा-02, विकासखण्ड बेरला) की निवासी राधिका ने अपने जीवन में इस बात को पूरी तरह आत्मसात किया। महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता योगेश्वरी यादव द्वारा गृहभेंट के दौरान राधिका को नियमित रूप से संतुलित आहार, स्वच्छता, और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लाभों के बारे में बताया गया। राधिका का गर्भ का पाँचवाँ माह पूर्ण होते ही प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत प्रथम किस्त हेतु पंजीयन किया गया। कार्यकर्ता और पर्यवेक्षक द्वारा उसे कैल्शियम, आयरन तथा रेडी टू ईट आहार का उपयोग करने के लिए निरंतर प्रेरित किया गया।
मिलने वाली सहायता बनी वरदान
गर्भावस्था के दौरान जब राधिका को पता चला कि वह जुड़वा बच्चों की माँ बनने वाली है, तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। ऐसे समय में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की पहली किस्त ₹3,000 उसके खाते में प्राप्त हुई, जो उसके लिए बेहद उपयोगी सिद्ध हुई। राधिका ने इस राशि का सदुपयोग अपने पोषण और स्वास्थ्य सुधार में किया।
प्रसव के पश्चात राधिका ने जुड़वा दो बच्चियों को जन्म दिया। जब बच्चियों का प्रथम टीकाकरण चक्र पूर्ण हुआ, तब योजना के अंतर्गत द्वितीय किस्त के लिए आवेदन किया गया। जल्द ही राधिका को डीबीटी के माध्यम से ₹2,000 की दूसरी किस्त भी प्राप्त हो गई।
इस प्रकार उसे कुल ₹5,000 की राशि सीधे बैंक खाते में हस्तांतरित की गई।योजना से मिला सुरक्षित मातृत्व
राधिका बताती हैं कि यह राशि उनके और उनकी बच्चियों के लिए “रामबाण” साबित हुई। इससे उन्हें बेहतर आहार, स्वास्थ्य देखभाल और बच्चों के लिए पोषण सामग्री की व्यवस्था में मदद मिली। वर्तमान में राधिका और उनकी जुड़वा बच्चियाँ पूरी तरह स्वस्थ हैं तथा उन्हें महिला एवं बाल विकास विभाग की अन्य योजनाओं कृ जैसे पूरक पोषण आहार, टीकाकरण, एवं स्वास्थ्य परामर्श सेवाओं का लाभ निरंतर मिल रहा है।
शासन के प्रति आभार
राधिका कहती हैं कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना ने मेरे जैसे अनेक माताओं को सशक्त बनाया है। गर्भावस्था के समय मिली आर्थिक सहायता ने मुझे और मेरी बच्चियों को स्वस्थ जीवन की राह दिखाई। इसके लिए मैं शासन एवं महिला बाल विकास विभाग की आभारी हूँ।
सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में पहलप्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के माध्यम से बेमेतरा जिले में हजारों गर्भवती एवं धात्री माताओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। यह योजना मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने, पोषण स्थिति सुधारने तथा महिलाओं में स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।
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बेमेतरा : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय 9 अक्टूबर को एक दिवसीय प्रवास पर बेमेतरा आएंगे। उनके आगमन के अवसर पर बेसिक स्कूल मैदान, बेमेतरा में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसमें वे जिले को अनेक विकास कार्यों की सौगात देंगे एवं हितग्राहियों से सीधे संवाद करेंगे। मुख्यमंत्री श्री साय का आगमन दोपहर 12ः30 बजे प्रस्तावित है। आगमन उपरांत वे विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का अवलोकन करेंगे। इसके पश्चात वे करोड़ों रुपये की लागत से तैयार विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन करेंगे।
मुख्य मंच पर दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ होगा। मुख्यमंत्री श्री साय का स्वागत पुष्पगुच्छ, पारंपरिक अंगवस्त्र एवं गजमाला से किया जाएगा। महतारी वंदन योजना एवं बिहान की दीदियों द्वारा मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत किया जाएगा।कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन देंगे। इसके बाद अतिथिगण जनसमूह को संबोधित करेंगे। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय अपने उद्बोधन में जिले के विकास, जनकल्याण योजनाओं एवं आगामी प्राथमिकताओं पर प्रकाश डालेंगे।
कार्यक्रम में विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को सामग्री, प्रमाणपत्र एवं चेक वितरित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह, बाल वृक्ष एवं जैकेट भी भेंट किए जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रवास को लेकर जिला प्रशासन द्वारा सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। कार्यक्रम दोपहर 2ः30 बजे मुख्यमंत्री के प्रस्थान के साथ समाप्त होगा।
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प्रशिक्षणार्थियों को सम्मानित कर दिया गया राज्य स्तरीय रोजगार मेले में शामिल होने का संदेश
बेमेतरा : शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था (आईटीआई) बेरला में 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर 2025 तक सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। इस दौरान संस्था स्तर पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिनमें खेल प्रतियोगिता, रंगोली प्रतियोगिता, स्वच्छता अभियान, पोस्टर मेकिंग, वृक्षारोपण तथा एड्स/टीबी जागरूकता कार्यशाला प्रमुख रहे। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रशिक्षणार्थियों में सेवा, समर्पण और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना विकसित करना रहा। इस अवसर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रशिक्षणार्थियों को सम्मानित किया गया।
संस्था के प्रशिक्षण अधिकारियों ने विद्यार्थियों को आगामी राज्य स्तरीय रोजगार मेला (रायपुर में 09 एवं 10 अक्टूबर 2025) में भाग लेने हेतु प्रेरित किया और अप्रेंटिसशिप पोर्टल एवं स्किल इंडिया योजना से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। समारोह में उत्तीर्ण प्रशिक्षणार्थियों के साथ-साथ एलुमनी मीट के सदस्य, भूतपूर्व छात्र-छात्राएँ, संस्था प्रमुख एवं प्रशिक्षण अधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
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शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता, जवाबदेही और गुणवत्ता सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
बेमेतरा : मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान के अंतर्गत आज विकासखण्ड साजा में शासकीय शालाओं का सामाजिक अंकेक्षण किया गया। इस अंकेक्षण का उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता, जवाबदेही एवं सामुदायिक भागीदारी को सुदृढ़ बनाना है। जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला मिशन समन्वयक (समग्र शिक्षा) के नेतृत्व में अंकेक्षण दल द्वारा साजा ब्लॉक के विभिन्न विद्यालयों का निरीक्षण किया गया। इनमें कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय साजा, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय घोटवानी, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बीजा, एवं शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय साजा सहित कई विद्यालय शामिल रहे।
अंकेक्षण के दौरान विद्यालयों की शैक्षणिक गुणवत्ता, छात्रों के सीखने के स्तर, शिक्षकों की उपस्थिति और शिक्षण पद्धति, तथा संसाधनों के उपयोग एवं रखरखाव की विस्तृत समीक्षा की गई। विद्यार्थियों से सीधा संवाद कर उनके सीखने की क्षमता एवं शिक्षण सामग्री की उपलब्धता का भी मूल्यांकन किया गया।
मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान का उद्देश्य केवल शिक्षा देना नहीं, बल्कि प्रत्येक छात्र में गुणवत्तापूर्ण अधिगम सुनिश्चित करना है। विद्यालय स्तर पर पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के साथ सामुदायिक निगरानी भी इस प्रक्रिया का अभिन्न हिस्सा है। अंकेक्षण टीम ने शिक्षकों से शिक्षण गुणवत्ता में सुधार के लिए नवाचार अपनाने, नियमित मूल्यांकन करने और विद्यार्थियों को सक्रिय अधिगम की दिशा में प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। वहीं स्कूल प्रबंधन समितियों की बैठकें नियमित रूप से आयोजित करने पर भी बल दिया गया, ताकि समुदाय की भागीदारी से शिक्षा प्रणाली और अधिक प्रभावी बन सके।
इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, शिक्षकगण, पालकगण और विद्यार्थी उपस्थित रहे। सामाजिक अंकेक्षण के परिणामों के आधार पर आगे की कार्ययोजना तैयार की जाएगी, जिससे साजा विकासखण्ड में शिक्षा की गुणवत्ता को और सुदृढ़ किया जा सके।
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बेमेतरा : छत्तीसगढ़ में ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना नई ऊर्जा क्रांति का प्रतीक बनकर उभर रही है। केंद्र और राज्य सरकार दोनों के संयुक्त प्रयासों से यह योजना आम उपभोक्ताओं के जीवन में बड़ा परिवर्तन ला रही है। राज्य सरकार द्वारा दी जा रही अतिरिक्त सब्सिडी से अब सौर पैनल लगवाना और भी आसान और किफायती हो गया है।प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ने आम नागरिकों के जीवन में यह बड़ा बदलाव संभव किया है।
इसी योजना से प्रेरित होकर बेमेतरा के पिकरी वार्ड क्रमांक 1निवासी श्री पी. के. विनोद ने अपने मकान की छत पर 3 केवीए का सोलर रूफटॉप सिस्टम स्थापित कर स्वयं बिजली उत्पादक बनने का मार्ग प्रशस्त किया है।
अब बिजली बिल लगभग शून्य, सब्सिडी सीधे खाते में
श्री विनोद बताते हैं कि पहले हर महीने उनका बिजली बिल औसतन 1200 से 1300 रुपए आता था। लेकिन सोलर सिस्टम लगवाने के बाद अब उनका बिल लगभग शून्य (केवल 80 से 100 रुपए) रह गया है। उन्होंने बताया कि उन्हें योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार से 78,000 रुपए की सब्सिडी सीधे बैंक खाते में प्राप्त हुई, जिससे लागत में बड़ी राहत मिली।
त्वरित बैंक फाइनेंस और आसान स्थापना प्रक्रिया
योजना का लाभ लेने में किसी आर्थिक परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए ग्रामीण बैंक से उन्हें त्वरित फाइनेंस सुविधा मिली। बैंक की सहायता से सिर्फ 5 दिनों में पूरा सोलर सिस्टम लग गया।
श्री विनोद के अनुसार, सब्सिडी का लाभ मिलने के कारण यह निवेश केवल दो वर्ष में पूरी तरह वसूल हो जाएगा, जिसके बाद वे न सिर्फ मुफ्त बिजली का उपयोग करेंगे बल्कि अतिरिक्त आय भी अर्जित करेंगे।
केंद्र और राज्य सरकार की डबल सब्सिडी से मिला दोहरा लाभ
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार इस योजना के तहत सब्सिडी उपलब्ध करा रही है, वहीं छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में 30,000 रुपए की अतिरिक्त राज्य सब्सिडी भी दी जा रही है। इससे उपभोक्ताओं को डबल राहत प्राप्त हो रही है। श्री विनोद का कहना है कि यह योजना आम जनता के लिए बचत, सहूलियत और भविष्य की सुरक्षा का एक नया अवसर लेकर आई है।
अब न बिजली कटती है, न चिंता होती है” - श्री विनोद
उन्होंने बताया पहले अक्सर बिजली कट जाती थी, जिससे नींद और बच्चों की पढ़ाई दोनों प्रभावित होती थी। अब सोलर पैनल लगने के बाद बिजली आने-जाने की झंझट खत्म हो गई है। बच्चे रात में बिना रुकावट पढ़ाई करते हैं और हम सभी सुकून से रहते हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना ने उनके परिवार को सस्ती, सतत और स्वच्छ ऊर्जा दी है। अब वे केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि बिजली उत्पादक भी बन चुके हैं।
पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का लाभ कैसे लें?
इस योजना का लाभ लेने के लिए नेशनल पोर्टल pmsuryaghar.gov.in पर अपने बिजली उपभोक्ता संख्या और मोबाइल नंबर के साथ पंजीकरण करना होगा। इसके बाद अधिकृत वेंडर का चयन कर सोलर रूफटॉप प्लांट लगवाया जा सकता है। यदि उपभोक्ता किसी कारण वेंडर से संतुष्ट नहीं है, तो वेंडर बदलने का भी विकल्प है।
जनता के लिए प्रेरणा और अपीलश्री विनोद ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा यह योजना हर घर को आत्मनिर्भर बना रही है। हमें प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग कर न केवल अपना बिजली खर्च घटाना चाहिए बल्कि पर्यावरण को स्वच्छ रखने में योगदान देना चाहिए। मैं बेमेतरा सहित पूरे प्रदेश के नागरिकों से अपील करता हूँ कि वे भी प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना का लाभ अवश्य उठाएँ।
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बेमेतरा जिला में 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को खांसी का सिरप देने पर लगा प्रतिबंध, सभी शासकीय एवं निजी पंजीकृत स्वास्थ्य संस्थानों को सीएमएचओ डॉ अमृत लाल रोहलेडर का निर्देश
बिना चिकित्सकीय परामर्श के अपने बच्चों को कोई भी दवा न दे - सीएमएचओ
बेमेतरा : स्वास्थ्य विभाग जिला बेमेतरा भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी भी प्रकार की खांसी की सिरप या सर्दी-जुकाम की दवाएं नहीं दी जानी चाहिए। साथ ही, यह दवाएं सामान्यतः 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए भी अनुशंसित नहीं हैं। यह कदम शिशुओं को संभावित दुष्प्रभावों से बचाने और उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग का एडवाइजरी जारी होते ही बेमेतरा स्वास्थ्य विभाग ने तत्परता से कार्यवाही करते हुए जिला के सिविल सर्जनों ,एवं सभी ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए हैं। सभी शासकीय और निजी स्वास्थ्य संस्थानों को निर्देशित किया गया है कि भारत सरकार की इस गाइडलाइन का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें।
साथ ही आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा इस संबंध में एक उच्चस्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित कर सभी जिलास्तरीय विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि खांसी या सर्दी की दवाओं का उपयोग केवल चिकित्सकीय परामर्श पर आधारित होना चाहिए, तथा इस संबंध में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए।
विशेषज्ञों के अनुसार अधिकांश मामलों में बच्चों में खांसी-जुकाम जैसी सामान्य बीमारियाँ अपने आप ठीक हो जाती हैं और इसके लिए दवा देना आवश्यक नहीं होता। इसलिए आम जनता को भी डॉक्टर की सलाह के बिना बच्चों को दवाएं न देने के प्रति जागरूक किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन (सीजीएमएससी) से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिन दो कंपनियों के विरुद्ध अन्य राज्यों में कार्रवाई की गई है, उनकी राज्य में किसी भी प्रकार की सरकारी आपूर्ति नहीं रही है। ये कंपनियाँ सीजीएमएससी के डेटाबेस में पंजीकृत भी नहीं हैं। यह तथ्य राज्य में सरकारी स्तर पर आपूर्ति शृंखला की पारदर्शिता और सतर्कता की पुष्टि करता है।भारत सरकार के स्वास्थ्य सचिव द्वारा 5 अक्टूबर को आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंस के पश्चात, छत्तीसगढ़ में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने भी निगरानी और कार्रवाई को तेज कर दिया है। राज्यभर में औषध निर्माण इकाइयों का जोखिम-आधारित निरीक्षण (त्पे-ठेंमक प्देचमबजपवद) करने हेतु औषधि निरीक्षकों के दल गठित किए गए हैं।
प्रदेश के सभी सहायक औषधि नियंत्रकों और औषधि निरीक्षकों को पत्र जारी कर निर्देशित किया गया है कि वे सभी औषधि विक्रय संस्थानों का तत्काल निरीक्षण करें, ताकि एडवाइजरी के उल्लंघन की कोई संभावना न रहे। इसके साथ ही निजी फार्मेसियों का आकस्मिक निरीक्षण भी किया जा रहा है। इन कार्यवाहियों का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बच्चों के संदर्भ में किसी भी प्रकार की दवाओं का अनुचित या असावधानीपूर्वक उपयोग पूर्णतः बंद हो। स्वास्थ्य विभाग बेमेतरा के सीएमएचओ डॉ अमृत लाल रोहलेडर द्वारा अभिभावकों से अनुरोध किया गया है कि वे बिना चिकित्सकीय परामर्श के अपने बच्चों को कोई भी दवा न दें।
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बेमेतरा : जिला कार्यालय बेमेतरा में हर मंगलवार को आयोजित होने वाले जन चौपाल में जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों से पहुंचे लोगों ने कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा से एक-एक कर मुलाकात की और उनके समक्ष अपनी मांगे व समस्याएं रखी। जन चौपाल में आज अलग-अलग समस्याओं के निराकरण हेतु कुल 16 आवेदन प्राप्त हुए। कलेक्टर ने प्रकरणों के अनुसार संबंधित अधिकारियों को आवेदन प्रेषित करते हुए यथाशीघ्र नियमानुसार निराकरण के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने महत्वपूर्ण प्रकरणों को समय सीमा में दर्ज कर आवश्यक कार्यवाही हेतु संबंधित अधिकारी को प्रेषित किया। जनचौपाल में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
जन चौपाल में ग्राम-काचरी निवासी नारायण साहू एवं तोरन लाल साहू ने खेत में वर्षा की कमी के कारण हुए फसल क्षति का मुआवजा राशि दिलवाने के संबंध में आवेदन दिया। ग्राम-बैजलपुर निवासी प्रदीप कुमार साहू ने 02 माह (अप्रैल 2025 एवं मई 2025) का मानदेय भुगतान कराने के संबंध में आवेदन दिया। ग्राम-भुरकी निवासी अनिल ने तहसीलदार कार्यदिश के विरुद्ध आपत्ति दर्ज कर वास्तविकता के आधार पर आवेदक/शिकायतकर्ता के नाम दर्ज किये जाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया। ग्राम-काचरी निवासी रामकुमार साहू ने सहायता राशि प्रदान करने के संबंध में आवेदन दिया। कलेक्टर ने संवेदनशीलता के साथ आवेदकों की मांग एवं समस्याओं को सुना और नियमानुसार उनका निराकरण करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बेमेतरा : जिला बेमेतरा के विकासखंड साजा अंतर्गत ग्राम कुटरू के प्रगतिशील किसान श्री छत्रपाल वर्मा ने अपनी लगन, दूरदृष्टि और नवाचार से खेती के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रस्तुत की है। श्री वर्मा ने परंपरागत रासायनिक खेती को छोड़कर जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग को अपनाकर सफलता की नई कहानी लिखी है। वर्षों तक परंपरागत खेती करने वाले श्री वर्मा रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर निर्भर थे। इसके कारण खेती की लागत बढ़ती जा रही थी, मिट्टी की उर्वरता घट रही थी और उत्पादन के बावजूद मुनाफा कम होता जा रहा था।
समस्याएँ जिनसे बदलाव की शुरुआत हुई
श्री छत्रपाल वर्मा बताते हैं कि उन्हें निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था,रासायनिक खाद और दवाइयों पर अधिक खर्च, मिट्टी की उत्पादकता में गिरावट, स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर, बाजार में उपज का उचित मूल्य न मिलना जैसी परेशानी थी द्य इन समस्याओं ने उन्हें खेती की नई दिशा में सोचने पर विवश किया।
परिवर्तन की शुरुआत - 2019 में ली प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग
वर्ष 2019 में श्री वर्मा ने जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग (ZBNF) का प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रशिक्षण से प्रेरित होकर उन्होंने अपनी 5 एकड़ भूमि पर रासायनिक खेती को छोड़कर प्राकृतिक खेती अपनाई। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें सिखाया गया कि प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग से न केवल लागत घटाई जा सकती है, बल्कि मिट्टी की सेहत और फसलों की गुणवत्ता भी बेहतर की जा सकती है। प्राकृतिक खेती के उपाय जो अपनाए गए उनमे जीवामृत और घनजीवामृत का उपयोग मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने हेतु किया गया। बीजामृत से बीजों का उपचार कर उन्हें रोगमुक्त बनाया गया।
नीमास्त्र और बहास्त्र जैसे जैविक घोलों से कीट नियंत्रण किया गया। फसल विविधता के तहत धान, दलहन, तिलहन और सब्जियों की खेती की गई। मल्चिंग और मृदा आवरण तकनीक से नमी संरक्षण और खरपतवार नियंत्रण सुनिश्चित किया गया।श्री वर्मा के पास 5 देशी गायें हैं, जिनके गोबर और गोमूत्र से वे जीवामृत तैयार करते हैं। इससे उनकी खेती पूरी तरह आत्मनिर्भर और रसायनमुक्त बन गई है।
धान की पारंपरिक एवं सुगंधित किस्मों का जैविक उत्पादन
कोदो जैसे मिलेट्स की खेती को बढ़ावा, मौसमी सब्जियों का जैविक उत्पादन, जैविक तरीकों से मिट्टी का पुनर्जीवन परिणाम यह निकला कि घटती लागत, बढ़ता लाभ और स्वस्थ जीवन द्य प्राकृतिक खेती अपनाने के बाद श्री वर्मा की खेती की लागत में उल्लेखनीय कमी आई। जहाँ पहले प्रति एकड़ ₹25,000 तक की लागत आती थी, वहीं अब यह घटकर ₹6,000 - 7,000 प्रति एकड़ रह गई है।
मिट्टी की उर्वरता में सुधार हुआ, फसलों की गुणवत्ता बेहतर हुई और स्थानीय बाजार में उनके जैविक उत्पादों को पहले से दोगुना मूल्य मिलने लगा। परिवार अब रसायन मुक्त भोजन का सेवन कर रहा है जिससे स्वास्थ्य में भी सुधार आया है।
आज श्री छत्रपाल वर्मा न केवल स्वयं सफल किसान हैं, बल्कि वे आसपास के गाँवों के किसानों को भी प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण दे रहे हैं। वे किसानों को बताते हैं कि रासायनिक खेती से बाहर निकलकर प्राकृतिक खेती अपनाना न केवल पर्यावरण के लिए हितकारी है, बल्कि यह आर्थिक रूप से भी अधिक स्थायी मॉडल है।
किसान की प्रेरक बात नेचुरल फार्मिंग से न केवल खेत की मिट्टी जीवित हुई, बल्कि हमारे जीवन में भी नई ऊर्जा आई। यह खेती कम लागत, अधिक लाभ और स्वस्थ जीवन की कुंजी है। श्री छत्रपाल वर्मा का यह प्रयास जिला बेमेतरा के किसानों के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने यह सिद्ध किया है कि यदि दृढ़ निश्चय, वैज्ञानिक सोच और परिश्रम को साथ लेकर चलें, तो खेती न केवल लाभकारी बल्कि पर्यावरण और समाज दोनों के लिए कल्याणकारी बन सकती है।
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हेल्थ फ्राइडे अभियान से मिला पोषण और स्वास्थ्य का नया जीवन
बेमेतरा : छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना “हमर स्वस्थ लईका अभियान (हेल्थ फ्राइडे)” ने ग्राम भिलौरी की झीना साहू जैसी अनेक माताओं के जीवन में उम्मीद की नई किरण जगाई है। झीना साहू, जो एक गृहणी हैं और जिनका परिवार पूरी तरह कृषि पर निर्भर है, आर्थिक तंगी के चलते अपने बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य को लेकर चिंतित थीं। सीमित आमदनी के कारण बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति भी कठिन होती थी, जिससे उनके बच्चों का पोषण स्तर लगातार गिरता गया और उनकी छोटी बेटी खुशी मध्यम कुपोषण की स्थिति में पहुँच गई। इसी दौरान ग्राम की आंगनबाड़ी सहायिका ने झीना साहू से संपर्क किया और उन्हें आंगनबाड़ी केंद्र बुलाया। वहाँ कार्यकर्ता ने खुशी के पोषण स्तर की जानकारी देते हुए झीना को शासन की महिला एवं बाल विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। इसी चर्चा में उन्हें “हमर स्वस्थ लईका अभियान (हेल्थ फ्राइडे)” के बारे में बताया गया।
यह अभियान राज्य शासन की एक जनकल्याणकारी पहल है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक माह के प्रथम एवं तृतीय शुक्रवार को कुपोषित बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। इस दौरान बच्चों को आवश्यक औषधियाँ जैसे जिंक टेबलेट, ओ.आर.एस. पाउडर और विटामिन सिरप निःशुल्क प्रदान किए जाते हैं। साथ ही माताओं को बच्चों के संतुलित आहार और पोषण संबंधी जानकारी भी दी जाती है। इस अभियान के तहत झीना साहू की बेटी खुशी को भी स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की गईं। झीना ने नियमित रूप से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के मार्गदर्शन में खुशी को समय पर दवाएँ दीं और पोषणयुक्त आहार देना शुरू किया। परिणामस्वरूप कुछ ही महीनों में खुशी के स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला। पहले मध्यम कुपोषण से जूझ रही खुशी का अब वजन 14.3 किलोग्राम हो गया है, जो उसकी उम्र के अनुसार सामान्य स्तर पर है।
अपनी बच्ची के स्वस्थ होने पर झीना साहू ने भावुक होकर कहा कि हमर स्वस्थ लईका अभियान ने मेरी बच्ची के जीवन को नया संबल दिया है। आज खुशी पूरी तरह स्वस्थ है। मैं शासन और महिला एवं बाल विकास विभाग की पूरी टीम की आभारी हूँ जिन्होंने हमें यह सहायता प्रदान की। हमर स्वस्थ लईका अभियान ने न केवल खुशी जैसी बच्चियों को कुपोषण से मुक्त किया है, बल्कि ग्रामीण परिवारों में स्वास्थ्य और पोषण के प्रति जागरूकता भी बढ़ाई है। यह अभियान बेमेतरा जिले में एक सशक्त पहल के रूप में उभर रहा है, जो स्वस्थ, सशक्त और कुपोषण मुक्त समाज की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
ग्राम चन्दनू में ग्राम सभा में की सहभागिता, बाल विवाह उन्मूलन पर दिया विशेष जोर
बेमेतरा : जिले को बाल विवाह मुक्त जिला बनाने के उद्देश्य से चल रहे अभियान के तहत कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने आज तहसील बेमेतरा के ग्राम चन्दनू में आयोजित ग्राम सभा में पहुँचे । इस अवसर पर उन्होंने ग्रामवासियों, जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के साथ बाल विवाह उन्मूलन पर विस्तृत चर्चा की और समाज के सभी वर्गों से इस दिशा में सक्रिय सहयोग का आह्वान किया। कलेक्टर ने ग्राम सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक बुराई है, जो न केवल बालकों के भविष्य को प्रभावित करती है बल्कि समाज में कुपोषण, शिक्षा से वंचित होना और सामाजिक असमानता जैसी अनेक समस्याओं को जन्म देती है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह की रोकथाम केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि यह पूरे समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है।
उन्होंने उपस्थित जनप्रतिनिधियों, पंचायत सदस्यों एवं नागरिकों से अपील की कि ग्राम सभा के एजेंडा के अंतर्गत बाल विवाह मुक्त जिला बनाए जाने के प्रस्ताव पर चर्चा कर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करें। उन्होंने कहा कि 31 अक्टूबर 2025 तक जिले की सभी ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों में यह प्रस्ताव पारित कर बेमेतरा को प्रदेश का पहला “बाल विवाह मुक्त जिला” बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
इस अवसर पर ग्राम पंचायत चन्दनू के जनप्रतिनिधियों ने कलेक्टर के इस प्रयास की सराहना करते हुए पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान, किशोरियों की शिक्षा पर बल, और सामाजिक संवाद के माध्यम से बाल विवाह पर अंकुश लगाने के ठोस प्रयास किए जाएंगे। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिनकी ड्यूटी ग्राम सभा में लगी है, वे अपने-अपने क्षेत्र में इस विषय पर गंभीरता से चर्चा करें और प्रस्ताव पारित करने में सक्रिय भूमिका निभाएँ। उन्होंने कहा कि “यह केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि समाज के भविष्य को संवारने की दिशा में एक ठोस कदम है।”
ग्राम सभा में उपस्थित ग्रामीणों ने भी एक स्वर में बाल विवाह के विरोध में अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और इस सामाजिक बुराई को समाप्त करने का संकल्प लिया। बाल विवाह की रोकथाम तभी संभव है जब समाज जागरूक होगा। हर बालक और बालिका को शिक्षा और समान अवसर देना ही हमारा लक्ष्य है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने विधायक श्री दिपेश साहू एवं जनप्रतिनिधियों से की बैठक
मुख्यमंत्री के स्वागत, कार्यक्रम संचालन और आमजन की सुविधा पर हुआ विस्तृत विचार-विमर्श
बेमेतरा : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के आगामी 9 अक्टूबर को प्रस्तावित बेमेतरा प्रवास एवं विभिन्न लोकार्पण और भूमिपूजन कार्यक्रमों को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह तैयारियों में जुटा हुआ है। कार्यक्रम को सफल, भव्य और सुव्यवस्थित रूप देने के उद्देश्य से आज कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री रणबीर शर्मा ने विधायक श्री दिपेश साहू सहित जिले के वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों के साथ विस्तृत बैठक आयोजित की। बैठक में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम की रूपरेखा, मंच व्यवस्था, आमजन की बैठक व्यवस्था, सुरक्षा प्रबंधन, यातायात नियंत्रण, मीडिया समन्वय, पेयजल, स्वास्थ्य सुविधा, स्वच्छता और पार्किंग जैसी सभी व्यवस्थाओं पर विस्तृत चर्चा एवं समीक्षा की गई। इस अवसर पर सर्व एसडीएम, पूर्व विधायक साजा लाभचंद बफना, जिला अध्यक्ष अजय साहू, पूर्व विधायक बेमेतरा अवधेश चंदेल, राजेंद्र शर्मा, तेलघानी विकास बोर्ड अध्यक्ष जितेंद्र साहू, नगर पालिका अध्यक्ष विजय सिन्हा सहित वरिष्ठ जनप्रतिनिधि उपस्थित थे |
कलेक्टर ने जनप्रतिनिधियों से माँगे सुझाव, कहा – “यह जिले का गौरवपूर्ण अवसर
कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का बेमेतरा प्रवास जिले के लिए गौरव का अवसर है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के स्वागत और कार्यक्रम आयोजन में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। सभी विभाग और प्रतिनिधि एकजुट होकर समन्वयपूर्वक कार्य करें ताकि यह आयोजन बेमेतरा की पहचान बने और जिले की उत्कृष्टता प्रदर्शित करे। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से सुझाव लेते हुए कहा कि कार्यक्रम स्थल पर नागरिकों की सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि मंच, पंडाल, विद्युत, पेयजल और यातायात व्यवस्था सहित सभी कार्य समय-सीमा में गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूर्ण किए जाएँ।
विधायक श्री दिपेश साहू और जनप्रतिनिधियों ने दी राय – “कार्यक्रम को बने यादगार अवसर
बैठक में विधायक श्री दिपेश साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का यह दौरा बेमेतरा जिले के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्रशासन को पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के स्वागत और कार्यक्रम आयोजन में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। यह अवसर जिले की जनता के लिए गौरवपूर्ण है, इसलिए हम सब मिलकर इसे यादगार बनाएँगे। जनप्रतिनिधियों ने भी अपने-अपने सुझाव प्रस्तुत करते हुए कहा कि आम जनता के बैठने, पेयजल, यातायात और पार्किंग की व्यवस्था सुचारु होनी चाहिए ताकि लोग कार्यक्रम में बिना किसी असुविधा के शामिल हो सकें। उन्होंने कहा कि आयोजन ऐसा हो जिससे जिले की अतिथि सत्कार की परंपरा और प्रशासनिक दक्षता दोनों की झलक दिखाई दे।
कलेक्टर ने दी निर्देश – “सभी विभाग समय-सीमा में करें तैयारी पूर्ण
कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्यक्रम स्थल की साफ-सफाई, सजावट, मंच एवं विद्युत व्यवस्था, चिकित्सा दल, एम्बुलेंस और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि सभी कार्यों की दैनिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए और स्थल पर वरिष्ठ अधिकारी प्रतिदिन निरीक्षण करें। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के प्रवास के दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, जलप्रदाय और ग्रामीण विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया जाएगा, जो जिले के समग्र विकास की दिशा में एक नया अध्याय जोड़ेंगे।
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मां और शिशु के सुखद भविष्य की ओर एक सशक्त कदम
बेमेतरा : मां बनना हर स्त्री के जीवन का सबसे सुखद और पवित्र अनुभव होता है। किंतु यह अनुभव केवल आनंद का नहीं, बल्कि अनेक जिम्मेदारियों और चुनौतियों का भी होता है। गर्भावस्था के दौरान स्त्री के शरीर और मन दोनों में परिवर्तन आते हैं। ऐसे समय में पौष्टिक आहार, उचित चिकित्सकीय देखभाल और मानसिक संबल की आवश्यकता होती है। लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की महिलाओं के लिए यह सब संभव नहीं हो पाता। इन्हीं चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की शुरुआत की — जो गर्भवती माताओं के लिए एक संकल्प, संबल और वरदान के रूप में सिद्ध हुई है।
योजना का उद्देश्य – हर मां को मिले पोषण, सुरक्षा और सम्मान
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का प्रमुख उद्देश्य है कि कोई भी गर्भवती महिला पोषण की कमी या आर्थिक अभाव के कारण अपने या अपने शिशु के स्वास्थ्य से समझौता न करे। इस योजना के तहत प्रथम गर्भावस्था में दो किश्तों के माध्यम से ₹5000 की राशि डीबीटी के जरिए सीधे हितग्राही के बैंक खाते में जमा की जाती है। साथ ही पात्र बालिका जन्म पर अतिरिक्त ₹6000 की एकमुश्त राशि भी दी जाती है।
देवरबीजा सेक्टर की माताएँ बन रही हैं योजना की मिसाल
परियोजना बेरला के सेक्टर देवरबीजा-01 में सैकड़ों माताएँ इस योजना का लाभ प्राप्त कर रही हैं। इन्हीं में से एक हैं ग्राम पंचायत डंगनिया बी की श्रीमती मोनिका, जिन्होंने इस योजना के सहयोग से अपने जीवन में बड़ा परिवर्तन महसूस किया। श्रीमती मोनिका बताती हैं कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना ने मुझे न केवल आर्थिक सहायता दी, बल्कि मेरे और मेरे बच्चे के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की हिम्मत और अवसर भी दिया। इस राशि से मैंने गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार लिया, डॉक्टर से नियमित जांच कराई और प्रसव के बाद बच्चे के पोषण पर ध्यान दिया। आज मैं और मेरा बच्चा दोनों स्वस्थ और प्रसन्न हैं।
स्वावलंबन और जागरूकता का माध्यम बन रही योजनाप्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लाभार्थी अब अन्य गर्भवती महिलाओं को भी प्रेरित कर रही हैं। श्रीमती मोनिका जैसी माताएँ अपने अनुभव साझा कर आसपास की महिलाओं को योजना की जानकारी दे रही हैं, ताकि वे भी समय पर पंजीकरण कर इसका लाभ ले सकें। यह योजना न केवल गर्भवती महिलाओं को आर्थिक संबल देती है, बल्कि उनमें स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और आत्मविश्वास भी बढ़ाती है।
सरकार का प्रयास – स्वस्थ मातृत्व, स्वस्थ भारत
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना “स्वस्थ मां – स्वस्थ शिशु – स्वस्थ भारत” के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। जिला बेमेतरा में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा लगातार जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, जिससे अधिक से अधिक गर्भवती महिलाएँ इस योजना से जुड़ सकें और अपने मातृत्व को सुरक्षित एवं सुखद बना सकें।
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कम लागत में अधिक उत्पादन, पर्यावरण संरक्षण और स्वदेशी संसाधनों का उत्कृष्ट उदाहरण
बेमेतरा : जिला बेमेतरा के विकासखण्ड साजा के ग्राम पंचायत भरदालोधी अंतर्गत ग्राम सोनपुरी के प्रगतिशील कृषक श्री पुरषोत्तम सिन्हा ने प्राकृतिक खेती के माध्यम से खेती की एक नई दिशा दिखाई है। कुल 03 एकड़ भूमि में खेती करने वाले श्री सिन्हा पिछले तीन वर्षों से प्राकृतिक एवं जैविक कृषि पद्धति को अपनाकर न केवल अपनी आय बढ़ा रहे हैं, बल्कि मिट्टी की उर्वरता और जलवायु संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
प्राकृतिक खेती: स्वदेशी संसाधनों से आत्मनिर्भरता की ओर
प्राकृतिक खेती एक रसायन-मुक्त पारंपरिक कृषि पद्धति है, जो स्थानीय जैव विविधता और पर्यावरणीय संतुलन पर आधारित है। इसका उद्देश्य बाहर से खरीदे जाने वाले रासायनिक इनपुट्स पर निर्भरता घटाकर स्थानीय संसाधनों जैसे गोबर, गौमूत्र, नीम, गुड़, बेसन आदि का उपयोग बढ़ाना है। श्री पुरषोत्तम सिन्हा इसी सिद्धांत पर कार्य करते हुए कम लागत में अधिक उत्पादन कर रहे हैं।
खेती के मुख्य क्षेत्र एवं नवाचार
श्री सिन्हा ने अपनी 3 एकड़ भूमि में विविध फसलों का उत्पादन करते हुए एक मल्टी क्रॉपिंग मॉडल तैयार किया है।
मुख्य क्षेत्र इस प्रकार हैं, धान उत्पादन पारंपरिक एवं सुगंधित किस्मों का जैविक उत्पादन। कोदो मिलेट उत्पादन: मोटे अनाज को बढ़ावा देकर पौष्टिक आहार को प्रोत्साहन। सब्जी उत्पादन: मौसमी सब्जियों की जैविक पद्धति से खेती। पशुपालन: पाँच देशी गायों से प्राप्त गोबर व गौमूत्र से ‘जीवामृत’ का निर्माण।जीवामृत – मिट्टी की उर्वरता का प्राकृतिक वरदान
जीवामृत एक प्राकृतिक उत्प्रेरक (bio catalyst) है, जो मिट्टी में सूक्ष्मजीवों की संख्या और क्रियाशीलता को बढ़ाता है। इससे मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों का अपघटन तीव्र होता है और फसलों को पोषक तत्वों की पर्याप्त उपलब्धता मिलती है। जीवामृत निर्माण विधि मे 50-60 लीटर पानी में 10 किलोग्राम गोबर और 10 लीटर गौमूत्र मिलाएं। इसमें 2 किग्रा गुड़, 2 किग्रा बेसन तथा 150 ग्राम सजीव मिट्टी डालें। मिश्रण को छांव में रखकर 7-10 दिन तक दिन में दो बार हिलाएं। लगभग 200 लीटर तैयार जीवामृत एक एकड़ भूमि के लिए पर्याप्त होता है। प्रति हेक्टेयर लगभग 500 लीटर जीवामृत का प्रयोग किया जाता है। इसे सिंचाई के पानी में मिलाया जा सकता है या पत्तियों पर छिड़काव किया जा सकता है।
सतत खेती का उत्कृष्ट उदाहरण
श्री पुरषोत्तम सिन्हा की खेती में रासायनिक उर्वरक या कीटनाशकों का प्रयोग नहीं किया जाता। वे गोबर खाद, वर्मी कम्पोस्ट, नीम तेल, पेंडाल विधि तथा जल संरक्षण तकनीकों का उपयोग कर सतत कृषि मॉडल को साकार कर रहे हैं। उनकी खेतों में धान, कोदो, सब्जियों और दलहनी फसलों का संयोजन “बहुफसली प्रणाली” का जीवंत उदाहरण है, जो भूमि की उत्पादकता और आय दोनों बढ़ाती है।
श्री सिन्हा की मेहनत और नवाचारशील दृष्टिकोण ने उन्हें क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए एक प्रेरणास्रोत बना दिया है। कम लागत, बेहतर उपज और पर्यावरण-संवेदनशील पद्धति अपनाकर उन्होंने साबित किया है कि “प्रकृति के साथ चलना ही स्थायी समृद्धि का मार्ग है।” -
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बेमेतरा : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के आगामी 9 अक्टूबर को प्रस्तावित बेमेतरा प्रवास एवं विभिन्न लोकार्पण और भूमिपूजन कार्यक्रमों के मद्देनज़र जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। मुख्यमंत्री का मुख्य कार्यक्रम जिले के ऐतिहासिक बेसिक स्कूल मैदान में आयोजित होना प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री के आगमन के पूर्व सभी व्यवस्थाएँ सुचारु रूप से सुनिश्चित करने के लिए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री रणबीर शर्मा ने आज सुबह 10 बजे बेसिक स्कूल मैदान पहुँचकर मंच व्यवस्था, बैठक व्यवस्था, सुरक्षा परिधि, यातायात नियंत्रण एवं आमजन की सुविधा से संबंधित तैयारियों का स्थल निरीक्षण किया। उन्होंने स्थल पर उपस्थित विभिन्न विभागों के अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि सभी कार्य समय-सीमा में गुणवत्तापूर्ण रूप से पूर्ण किए जाएँ ताकि मुख्यमंत्री के आगमन के समय किसी भी प्रकार की कमी न रहे।
मैदान में बैठक एवं तैयारी की समीक्षा
कलेक्टर ने अधिकारियों के साथ मैदान में ही बैठक आयोजित कर पंडाल, मंच, विद्युत, पेयजल, सुरक्षा व्यवस्था, मीडियाकर्मियों के लिए स्थान, पार्किंग व्यवस्था तथा आम जनता की बैठने की सुविधा की बारीकी से समीक्षा की। उन्होंने सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस विभाग को आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही, लोक निर्माण विभाग को सड़कों की मरम्मत, रंग-रोगन और सजावट के कार्य शीघ्र पूर्ण करने को कहा। नगर पालिका को मैदान की साफ-सफाई, पेयजल व्यवस्था, और शौचालयों की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। स्वास्थ्य विभाग को मेडिकल टीम और एम्बुलेंस की व्यवस्था स्थल पर रखने के निर्देश दिए गए।
कलेक्टरेट में विस्तृत समीक्षा बैठक
इसके पश्चात कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने कलेक्टरेट स्थित दिशा सभाकक्ष में सभी जिला अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के आगमन कार्यक्रम के विस्तृत प्रोटोकॉल और अधिकारियों की जिम्मेदारियों की समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के स्वागत, मंच संचालन, सुरक्षा, मीडिया समन्वय और नागरिक सुविधा से जुड़ी हर व्यवस्था पूर्व निर्धारित समय से पहले पूर्ण होनी चाहिए। सभी अधिकारी अपने-अपने दायित्वों के प्रति सजग रहें और समन्वय बनाकर कार्य करें। कलेक्टर ने यह भी कहा कि यह अवसर जिले के लिए गौरवपूर्ण है, इसलिए तैयारियों में किसी भी प्रकार की लापरवाही या विलंब स्वीकार्य नहीं होगा। उन्होंने जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को टीम बनाकर कार्य की मॉनिटरिंग करने और दैनिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रवास के दौरान जिले में कई विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया जाएगा। इनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, जलप्रदाय और ग्रामीण विकास से जुड़े महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं। साथ ही, मुख्यमंत्री जनता को संबोधित करेंगे और जिले के विकास हेतु नई योजनाओं की घोषणाएँ भी कर सकते हैं।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाबेमेतरा : जिला बेमेतरा में 108 संजीवनी एक्सप्रेस टीम की तत्परता और सूझबूझ ने एक बार फिर मानवता और सेवा भावना की मिसाल पेश की है। रविवार की रात बेरला विकासखंड के ग्राम ढाबा निवासी गर्भवती महिला हेमवती निषाद (26 वर्ष) पत्नी विकास निषाद को अचानक तेज प्रसव पीड़ा हुई। परिजनों ने घबराहट की स्थिति में रात लगभग 10:30 बजे 108 संजीवनी एक्सप्रेस को कॉल किया। सूचना मिलते ही पायलट भूपेन्द्र कुर्रे और ईएमटी रामगोपाल देवांगन तत्काल एम्बुलेंस लेकर गांव ढाबा पहुंचे। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए गर्भवती महिला को सावधानीपूर्वक एम्बुलेंस में बैठाया गया और टीम तेजी से पीएचसी गुधेली की ओर रवाना हुई।
रास्ते में कुछ ही दूरी तय करने के बाद हेमवती की प्रसव पीड़ा असहनीय रूप से बढ़ गई। स्थिति की नजाकत को भांपते हुए ईएमटी रामगोपाल देवांगन ने तत्काल ईआरसीपी के माध्यम से ड्यूटी डॉक्टर से संपर्क कर पूरी स्थिति से अवगत कराया। डॉक्टर की सलाह और परिजनों की सहमति से एम्बुलेंस को सुरक्षित स्थान पर रोका गया और प्रसव प्रक्रिया प्रारंभ की गई। ईएमटी रामगोपाल ने अपने अनुभव और शांतचित्त निर्णय क्षमता का परिचय देते हुए सफलतापूर्वक प्रसव कराया। कुछ ही क्षणों बाद एम्बुलेंस में नवजात बच्ची की किलकारी गूंज उठी, जिससे पूरे वातावरण में खुशी की लहर दौड़ गई। प्रसव के पश्चात मां और बेटी दोनों को सुरक्षित रूप से पीएचसी गुधेली में भर्ती कराया गया, जहां दोनों की स्थिति स्वस्थ बताई गई है। परिजनों ने 108 संजीवनी टीम के त्वरित कार्य, मानवीय संवेदना और समर्पण के लिए हृदयपूर्वक आभार व्यक्त किया।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बेमेतरा : छत्तीसगढ़ खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, जिला पंचायत बेमेतरा के माध्यम से युवाओं एवं आम नागरिकों के लिए स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (ऑफलाइन) तथा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (ऑनलाइन) संचालित किए जा रहे हैं। इन योजनाओं के अंतर्गत पात्र आवेदकों को बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जाता है तथा शासन द्वारा अनुदान का लाभ भी दिया जाता है।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, भारत सरकार के खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग द्वारा प्रायोजित है। इस योजना के अंतर्गत आयोग द्वारा जारी नकारात्मक उद्योगों को छोड़कर किसी भी ग्रामोद्योग इकाई की स्थापना हेतु बैंक से ऋण प्रदाय किया जाता है। सेवा क्षेत्र में 20 लाख रुपये तक और विनिर्माण क्षेत्र में 50 लाख रुपये तक की परियोजनाओं को स्वीकार किया जाता है। इसमें ग्रामीण क्षेत्र के हितग्राही को 35 प्रतिशत तथा शहरी क्षेत्र के हितग्राही को 25 प्रतिशत तक अनुदान का लाभ मिलता है। सामान्य वर्ग के पुरुष ग्रामीण हितग्राही को 25 प्रतिशत तथा शहरी हितग्राही को 15 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है। इस योजना में सामान्य वर्ग के पुरुष को 10 प्रतिशत और अन्य वर्गों एवं महिलाओं को 5 प्रतिशत स्वयं का अंशदान करना अनिवार्य है। ऋण राशि को अधिकतम सात वर्षों में आसान किस्तों के साथ ब्याज सहित चुकाना होता है। इस योजना का आवेदन केवल ऑनलाइन किया जा सकता है, जिसके लिए आवेदक को www.kviconline.gov.in/pmegp पोर्टल में जाकर पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, जाति प्रमाणपत्र, अंकसूची, निवास प्रमाणपत्र और प्रोजेक्ट रिपोर्ट अपलोड करना होगा।
वहीं मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम राज्य शासन द्वारा प्रायोजित योजना है। इसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के हितग्राहियों के लिए सेवा क्षेत्र में 1 लाख रुपये तक और विनिर्माण क्षेत्र में 3 लाख रुपये तक लागत की परियोजनाओं को स्वीकार किया जाता है। इसमें हितग्राही को 35 प्रतिशत अनुदान का लाभ प्राप्त होता है। इस योजना में मात्र 5 प्रतिशत स्वयं का अंशदान करना आवश्यक है। ऋण राशि को अधिकतम तीन वर्षों में ब्याज सहित आसान किस्तों में वापस किया जा सकता है। यह योजना पूरी तरह ऑफलाइन है। इच्छुक आवेदक अपना आवेदन जिला कार्यालय, छत्तीसगढ़ खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, कक्ष क्रमांक 27 एवं 28, प्रथम तल, डाइट हॉस्टल परिसर, बेमेतरा में जमा कर सकते हैं।
दोनों योजनाओं में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के पात्र हितग्राही आवेदन कर सकते हैं। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के लाभार्थियों के लिए अलग-अलग अनुदान की दरें निर्धारित की गई हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराना, ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा देना और हितग्राहियों को आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर करना है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बेमेतरा : नवरात्रि त्यौहार को ध्यान में रखते हुए जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार व अनुविभागीय अधिकारियों के मार्गदर्शन में खाद्य एवं औषधि प्रशासन, जिला बेमेतरा द्वारा जिलेभर के होटल, ढाबा, किराना, डेयरी व मिठाई दुकानों का औचक निरीक्षण किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान जिले के विभिन्न प्रतिष्ठानों से कुल 11 नमूने संकलित किए गए। इनमें फर्म सदगुरु किराना से सोनपापड़ी और शक्कर, ओम किराना से उड़द एवं अरहर दाल, मयूर ट्रेडर्स से फलाहारी सूजी, गांधी ट्रेडिंग से फलाहारी सिंघाड़ा आटा व राजगीरा आटा, महावीर प्रोविजन स्टोर्स से चक्की फ्रेश आटा व टोस्ट तथा सफायर रेस्टोरेंट से कुक्ड राइस और कुक्ड मिक्स वेज शामिल हैं। इन सभी नमूनों को गुणवत्ता परीक्षण हेतु खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भेजा गया है।
शिकायत पर कार्रवाई, मिठाई के नमूने जांच हेतु संकलित
साजा स्थित करणी मां बीकानेर स्वीट्स की मिठाई की गुणवत्ता को लेकर शिकायत मिलने पर साजा एसडीएम के निर्देशन में विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दुकान का निरीक्षण किया। यहाँ से कलाकंद, छेना रसगुल्ला और नारियल लड्डू के नमूने जांच के लिए फूड लेबोरेटरी भेजे गए हैं। साथ ही संचालक को नोटिस जारी किया गया है। इसके अलावा, साजा की अन्य मिठाई दुकानों और गुपचुप-चाट कार्नर का निरीक्षण कर स्वच्छता बनाए रखने तथा स्वच्छ पेयजल उपयोग करने के निर्देश दिए गए।
अमानक पाए जाने पर न्यायालयीन कार्रवाई
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत, यदि जाँच परिणाम अमानक पाए जाते हैं तो संबंधित फर्म संचालकों के विरुद्ध प्रकरण माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा। हाल ही में कैलाश ब्रांड गरम मसाले, बालूशाही मिठाई और गणेश कुकिंग सोडा के नमूनों में अमानकता पाए जाने पर न्यायालय द्वारा 1.70 लाख रुपये का अर्थदंड लगाया गया है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाबेमेतरा : नवरात्रि त्यौहार को ध्यान में रखते हुए जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार व अनुविभागीय अधिकारियों के मार्गदर्शन में खाद्य एवं औषधि प्रशासन, जिला बेमेतरा द्वारा जिलेभर के होटल, ढाबा, किराना, डेयरी व मिठाई दुकानों का औचक निरीक्षण किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान जिले के विभिन्न प्रतिष्ठानों से कुल 11 नमूने संकलित किए गए। इनमें फर्म सदगुरु किराना से सोनपापड़ी और शक्कर, ओम किराना से उड़द एवं अरहर दाल, मयूर ट्रेडर्स से फलाहारी सूजी, गांधी ट्रेडिंग से फलाहारी सिंघाड़ा आटा व राजगीरा आटा, महावीर प्रोविजन स्टोर्स से चक्की फ्रेश आटा व टोस्ट तथा सफायर रेस्टोरेंट से कुक्ड राइस और कुक्ड मिक्स वेज शामिल हैं। इन सभी नमूनों को गुणवत्ता परीक्षण हेतु खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भेजा गया है।
शिकायत पर कार्रवाई, मिठाई के नमूने जांच हेतु संकलित
साजा स्थित करणी मां बीकानेर स्वीट्स की मिठाई की गुणवत्ता को लेकर शिकायत मिलने पर साजा एसडीएम के निर्देशन में विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दुकान का निरीक्षण किया। यहाँ से कलाकंद, छेना रसगुल्ला और नारियल लड्डू के नमूने जांच के लिए फूड लेबोरेटरी भेजे गए हैं। साथ ही संचालक को नोटिस जारी किया गया है। इसके अलावा, साजा की अन्य मिठाई दुकानों और गुपचुप-चाट कार्नर का निरीक्षण कर स्वच्छता बनाए रखने तथा स्वच्छ पेयजल उपयोग करने के निर्देश दिए गए।
अमानक पाए जाने पर न्यायालयीन कार्रवाई
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत, यदि जाँच परिणाम अमानक पाए जाते हैं तो संबंधित फर्म संचालकों के विरुद्ध प्रकरण माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा। हाल ही में कैलाश ब्रांड गरम मसाले, बालूशाही मिठाई और गणेश कुकिंग सोडा के नमूनों में अमानकता पाए जाने पर न्यायालय द्वारा 1.70 लाख रुपये का अर्थदंड लगाया गया है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बेमेतरा : स्कूल शिक्षा, ग्रामोद्योग, विधि एवं विधायी मंत्री श्री गजेंद्र यादव आज 27 सितम्बर को बिलासपुर एवं बेमेतरा जिले के भ्रमण के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे। जारी कार्यक्रम के अनुसार मंत्री श्री यादव 27 सितम्बर को बिलासपुर जिले के बोदरी में आयोजित रजत जयंती समारोह में शामिल होंगे। इसके पश्चात् वे कोनी स्थित सरस्वती शिशु मंदिर के स्वर्गीय लखीराम सभा भवन में आयोजित लोकार्पण एवं मेधावी छात्र अलंकरण समारोह में सम्मिलित होंगे। मंत्री श्री यादव शाम 4 बजे रतनपुर पहुंचकर मां महामाया देवी के दर्शन एवं पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद वे बेमेतरा जिले के कार्यक्रमों में शामिल होंगे। बेमेतरा में वे रात्रि 7:40 बजे सदर रोड स्थित महामाया मंदिर एवं माता भद्रकाली के दर्शन करेंगे।
मंत्री श्री यादव रात्रि 8:30 बजे से 9:30 बजे तक बीटीआई ग्राउंड, बेमेतरा में आयोजित जगराता कार्यक्रम में शामिल होंगे। तत्पश्चात् वे दुर्ग स्थित अपने निजी निवास के लिए प्रस्थान करेंगे।
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बेमेतरा : भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली के निर्देशानुसार विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियों के विशेष गहन पुनरीक्षण-2025 (Special Intensive Revision - SIR) की कार्यवाही जिले में प्रारंभ हो चुकी है। इसी क्रम में आज कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय राजनैतिक दलों की बैठक आयोजित की गई।बैठक में बताया गया कि वर्ष 2003 एवं वर्ष 2025 की मतदाता सूची का मिलान किया गया है। इसमें जिन मतदाताओं का नाम दोनों सूचियों में पाया गया उन्हें ‘A’ श्रेणी में तथा जिन मतदाताओं का नाम वर्ष 2025 की सूची में है, जबकि उनके माता-पिता का नाम 2003 की सूची में पाया गया, उन्हें ‘B’ श्रेणी में शामिल किया गया है। अब तक जिले में 65.56 प्रतिशत मतदाताओं का सफलतापूर्वक मिलान किया जा चुका है और इसका डाटा एंट्री कार्य प्रगति पर है।
कलेक्टर ने बताया कि जैसे मतदान केन्द्रवार BLO (Booth Level Officer) की नियुक्ति की जाती है, उसी प्रकार निर्वाचन आयोग ने Booth Level Agent (BLA) की नियुक्ति की व्यवस्था भी की है। इसके लिए सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया गया कि वे अपने-अपने BLA की सूची (नाम एवं मोबाइल नंबर सहित) दिनांक 07 अक्टूबर 2025 तक कलेक्टर कार्यालय को उपलब्ध कराएँ।निर्वाचन आयोग द्वारा दिनांक 09 एवं 10 अक्टूबर 2025 को विधानसभा स्तर पर Orientation Program आयोजित किया जाएगा, जिसमें Booth Level Agents को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया एवं कार्यप्रणाली संबंधी प्रशिक्षण दिया जाएगा।कलेक्टर श्री शर्मा ने कहा कि – "शुद्ध एवं त्रुटिरहित निर्वाचक नामावली तैयार करने में Booth Level Agents की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। अतः सभी राजनीतिक दल अपने प्रतिनिधियों की नियुक्ति समय-सीमा के भीतर सुनिश्चित करें, ताकि निर्वाचक नामावलियों को और अधिक पारदर्शी एवं विश्वसनीय बनाया जा सके।"
बैठक में आयोग के निर्देशों के अनुरूप जिले में प्रस्तावित कार्ययोजना की विस्तृत जानकारी साझा की गई तथा आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए गए। कलेक्टर श्री शर्मा ने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया को पारदर्शी, निष्पक्ष एवं व्यवस्थित बनाए रखने में सभी राजनीतिक दलों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सभी सुझावों का स्वागत किया जाएगा और प्रत्येक मतदान केन्द्र पर नियुक्त बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) के माध्यम से कार्यवाही की जाएगी। नवीन मतदान केन्द्रों की सूची अनुमोदन उपरांत सभी राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराई जाएगी, जिसके आधार पर प्रत्येक केन्द्र में बूथ लेवल एजेंट (BLA) की नियुक्ति कर जानकारी साझा करना आवश्यक होगा।बैठक में यह जानकारी दी गई कि वर्ष 2003 एवं वर्ष 2025 की मतदाता सूची का मिलान कराया गया है। इसमें जिन मतदाताओं का नाम दोनों सूचियों में पाया गया उन्हें ‘A’ श्रेणी तथा जिन मतदाताओं का नाम 2025 की सूची में शामिल है किन्तु उनके माता-पिता का नाम वर्ष 2003 की सूची में पाया गया, उन्हें ‘B’ श्रेणी में रखा गया है। इस प्रकार जिले में अब तक 65.56 प्रतिशत मतदाताओं का सफलतापूर्वक मिलान किया जा चुका है और इसकी डाटा एंट्री का कार्य प्रगति पर है।
कलेक्टर ने यह भी बताया कि निर्वाचक नामावली में नाम दर्ज कराने हेतु वर्ष भर चार अर्हता तिथियां 01 जनवरी, 01 अप्रैल, 01 जुलाई और 01 अक्टूबर निर्धारित की गई हैं। नाम जोड़ने के लिए फॉर्म-6, नाम हटाने के लिए फॉर्म-7 तथा संशोधन, स्थानांतरण, डुप्लीकेट ईपिक कार्ड अथवा दिव्यांगजन को चिह्नित करने हेतु फॉर्म-8 का उपयोग किया जा सकता है। ये सभी फॉर्म वोटर हेल्पलाइन ऐप अथवा voters.eci.gov.in वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन किसी भी समय भरे जा सकते हैं।एपिक कार्ड निर्माण का कार्य एमटेक इनोवेशन प्रा. लि., पुणे (महाराष्ट्र) द्वारा किया जा रहा है, जिसे स्पीड पोस्ट के माध्यम से मतदाताओं को भेजा जा रहा है। साथ ही, मतदाता अपना e-EPIC कार्ड भी ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं। मतदाता सूची या ईपिक कार्ड से संबंधित किसी भी जानकारी अथवा शिकायत के लिए जिला स्तरीय टोल फ्री नंबर 1950 पर कार्यालयीन समय में संपर्क किया जा सकता है।इस अवसर पर उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री प्रकाश भारद्वाज, विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्यगण एवं निर्वाचन शाखा के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
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रजत जयंती महोत्सव पर एच आई वी/एड्स जागरूकता कार्यक्रम के साथ प्रभावित के प्रति भेदभाव समाप्त करने ली गई शपथ
स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान की दी गई जानकारी
बेमेतरा : लक्ष्मण प्रसाद वैद्य शासकीय कन्या महाविद्यालय, बेमेतरा में रजत जयंती समारोह के अवसर पर जिला एड्स नियंत्रण कार्यक्रम रेड रिबन क्लब, रेड क्रॉस, जिला चिकित्सालय एवं जीवन रेखा फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में एड्स जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह एच आई वी/एड्स, सिफलिश पर जागरूकता कार्यक्रम के साथ स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान की जानकारी कलेक्टर रणबीर शर्मा के निर्देशानुसार, सीएमएचओ डॉ अमृत लाल रोहलेडर के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया, जिसमें नोडल अधिकारी डॉ चंद्रप्रकाश, प्राचार्य डॉ विनीता गौतम के सहयोग से उक्त जागरूकता कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया।
इस जागरूकता कार्यक्रम में कॉलेज के विद्यार्थियों को एच आई वी/एड्स, सिफलिश की बारे में संपूर्ण जानकारी साझा किया गया और आई ई सी पम्पलेट का वितरण भी किया गया साथ में उनके होने के कारण और बचाव को भी बताया गया, और स्वस्थ नारी सशक्त परिवार पर जानकारी साझा करते हुए बताया गया कि यदि परिवार में नारी स्वस्थ और शसक्त है तो परिवार भी मजबूत परिवार के लोग भी स्वस्थ और शसक्त रहता है,जानकारी को उपस्थित विद्यार्थियों ने ध्यान से सुना और कुछ प्रश्न भी पूछते हुए जानकारी को समझा,इसके साथ ही उपस्थित महाविद्यालय के प्रोफेसर अधिकारी,कर्मचारी सहित विद्यार्थियों द्वारा एच आई वी, एड्स से प्रभावित लोगों के प्रति भेदभाव समाप्त करने हेतु शपथ ली गई, इसके साथ एच आई वी, एड्स के संबंध में अधित जानकारी हेतु टोल फ्री नंबर 1097 पर फोन कर ली जा सकती है कि जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में जिला एड्स नियंत्रण कार्यक्रम से जुड़े संजय तिवारी, पुरानिक नायक, विनेश्वर जायसवाल तथा जीवन रेखा फाउंडेशन से श्रीमती मिकेश माणिकपुरी एवं महेश चतुर्वेदी उपस्थित रहे। जिन्होंने एच आई वी/एड्स, सिफलिश पर उसके कारण, सावधानियाँ एवं उससे जुड़ी भ्रांतियों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. विनिता गौतम की गरिमामयी उपस्थिति में अतिथियों ने छात्राओं को महत्वपूर्ण जानकारी दी। विशेष व्याख्यान में डॉ. पुरानिक नायक, संजय तिवारी एवं श्रीमती मिकेश मानिकपुरी ने एच.आई.वी./एड्स से संबंधित वैज्ञानिक तथ्यों एवं आवश्यक सावधानियों पर छात्राओं को मार्गदर्शन दिया।
गौरतलब है कि महाविद्यालय में 800 से अधिक छात्राएँ अध्ययनरत हैं, जिन्हें इस कार्यक्रम का लाभ प्राप्त हुआ। प्राचार्य डॉ. विनिता गौतम ने सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए छात्राओं को स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति सजग रहने का संदेश दिया।कार्यक्रम का सफल संचालन दिनानाथ सारथी एवं डा. मेघा तिवारी द्वारा किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
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बेमेतरा : अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति (कॉलेज स्तर) वर्ष 2025-26 के विद्यार्थियों के लिए खुशखबरी है। विभागीय पोर्टल https://postmatric-scholarship.cg.nic.in/ के माध्यम से पंजीयन, स्वीकृति एवं भुगतान की प्रक्रिया संचालित की जा रही है।
वर्ष 2025-26 में ऐसे विद्यार्थी, जो संस्था परिवर्तन, पाठ्यक्रम परिवर्तन, कोर्स ईयर परिवर्तन अथवा संस्था एवं पाठ्यक्रम दोनों परिवर्तन करना चाहते हैं, उन्हें भारत सरकार के नियमों के अनुरूप पोर्टल पर यह सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
इच्छुक एवं पात्र विद्यार्थी अपना आवेदन कार्यालय सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास बेमेतरा, कलेक्टोरेट कम्पोजिट बिल्डिंग, कक्ष क्रमांक-71 (छात्रवृत्ति शाखा) में जमा कर सकते है। -
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बेमेतरा : भारत सरकार, सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग, शास्त्री भवन, नई दिल्ली से प्राप्त पत्र के अनुसार 16 एवं 17 सितम्बर 2025 को ’’रीहेबिलिटेशन ऑफ़ पोक्सो सरवाईवर्स फॉर चेयरपर्सन्स एण्ड मेंबर्स ऑफ़ सीडब्लूसीएस विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन निपसीड, नई दिल्ली में किया जा रहा है।
इस कार्यशाला में जिले से नामांकित प्रतिनिधि भाग लेंगे। प्रशिक्षण हेतु यात्रा व्यय की प्रतिपूर्ति निपसीड, नई दिल्ली द्वारा की जाएगी। प्रशिक्षण की अवधि में बैठक दिवस ही कार्य दिवस माना जाएगा। प्रतिनिधियों के लिए प्रशिक्षण स्थल पर भोजन एवं आवासीय सुविधा निःशुल्क उपलब्ध होगी। कार्यक्रम का शुभारंभ 16 सितम्बर से होगा तथा यह 17 सितम्बर 2025 तक चलेगा। नामांकित प्रतिनिधियों को निर्धारित तिथि पर अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
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बेमेतरा : जिला महिला सशक्तिकरण केन्द्र (हब) महिला एवं बाल विकास विभाग, बेमेतरा (छ.ग.) द्वारा भारत सरकार की योजना अंतर्गत ऑनलाइन सुरक्षा एवं साइबर जागरूकता संवेदीकरण कार्यक्रम का आयोजन शासकीय पं. जवाहरलाल नेहरू कला एवं विज्ञान स्नातकोत्तर महाविद्यालय बेमेतरा में किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन महिला सशक्तिकरण (हब) मिशन शक्ति अंतर्गत जिला मिशन समन्वयक श्री राजीव कुमार वर्मा के नेतृत्व में हुआ।
कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री चंद्रबेश सिंह सिसोदिया के निर्देशानुसार आयोजित इस कार्यशाला का उद्देश्य छात्र-छात्राओं को साइबर अपराध, ऑनलाइन एवं बैंकिंग धोखाधड़ी, डेटा चोरी, सॉफ्टवेयर पाइरेसी, डी-डॉस हमलों और साइबर जासूसी जैसे खतरों के प्रति जागरूक करना रहा।
कार्यक्रम में रिसोर्स पर्सन सुश्री सोनाली गुहा (साइबर फॉरेनसिक - लेब एक्सपर्ट) ने साइबर सुरक्षा से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने सोशल मीडिया एवं ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के सुरक्षित उपयोग, साइबर बुलिंग, फिशिंग, ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाव, महिलाओं एवं बालिकाओं के लिए विशेष सुरक्षा टिप्स, मोबाइल फोन, ईमेल आईडी, व्हाट्सएप, यूपीआई और बैंकिंग लेनदेन को सुरक्षित रखने के उपाय बताए। साथ ही ओटीपी और पासवर्ड की सुरक्षा तथा साइबर अपराध की शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया पर भी प्रकाश डाला। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य श्रीमती वीणा त्रिपाठी, जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री व्योम श्रीवास्तव, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, महाविद्यालय के शिक्षकगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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