- Home
- टॉप स्टोरी
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय तथा झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अर्जुन मुंडा का आज कांकेर जिले के नरहरपुर पहुंचने पर हेलीपैड में जनप्रतिनिधियों, आदिवासी समाज के पदाधिकारियो और प्रशासनिक अधिकारियों ने आत्मीय स्वागत किया।
इस अवसर पर वन मंत्री श्री केदार कश्यप, सांसद कांकेर श्री भोजराज नाग, विधायक कांकेर श्री आशाराम नेताम, पुलिस उप महानिरीक्षक श्री अमित तुकाराम कांबले, कलेक्टर श्री निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने पुष्पगुच्छ भेंटकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। आदिवासी समाज के पदाधिकारियों ने पारंपरिक रीति रिवाज के अनुसार मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को पारंपरिक पगड़ी पहनाकर आत्मीय स्वागत किया। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय तथा झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अर्जुन मुंडा का आज कांकेर जिले के नरहरपुर पहुंचने पर हेलीपैड में जनप्रतिनिधियों, आदिवासी समाज के पदाधिकारियो और प्रशासनिक अधिकारियों ने आत्मीय स्वागत किया।
इस अवसर पर वन मंत्री श्री केदार कश्यप, सांसद कांकेर श्री भोजराज नाग, विधायक कांकेर श्री आशाराम नेताम, पुलिस उप महानिरीक्षक श्री अमित तुकाराम कांबले, कलेक्टर श्री निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने पुष्पगुच्छ भेंटकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। आदिवासी समाज के पदाधिकारियों ने पारंपरिक रीति रिवाज के अनुसार मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को पारंपरिक पगड़ी पहनाकर आत्मीय स्वागत किया। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय तथा झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अर्जुन मुंडा का आज कांकेर जिले के नरहरपुर पहुंचने पर हेलीपैड में जनप्रतिनिधियों, आदिवासी समाज के पदाधिकारियो और प्रशासनिक अधिकारियों ने आत्मीय स्वागत किया।
इस अवसर पर वन मंत्री श्री केदार कश्यप, सांसद कांकेर श्री भोजराज नाग, विधायक कांकेर श्री आशाराम नेताम, पुलिस उप महानिरीक्षक श्री अमित तुकाराम कांबले, कलेक्टर श्री निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने पुष्पगुच्छ भेंटकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। आदिवासी समाज के पदाधिकारियों ने पारंपरिक रीति रिवाज के अनुसार मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को पारंपरिक पगड़ी पहनाकर आत्मीय स्वागत किया। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
क्षेत्रवासियों को मिली विभिन्न विकास कार्यों की सौगात
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज कांकेर जिले के नरहरपुर विकासखंड मुख्यालय में आयोजित गोंडवाना समाज के “ठाकुर जोहारनी“ कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने नरहरपुर क्षेत्र में 75 करोड़ 31 लाख 72 हजार रुपए की लागत वाले 11 विकास कार्यों का भूमिपूजन किया।
इन निर्माण कार्यों में अमोड़ा-नरहरपुर मार्ग ( लंबाई 16 कि.मी.) के चौड़ीकरण कार्य पर 40 करोड़ 22 लाख 71 हजार रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इसी भैंसमुण्डी से झलियामारी मार्ग (लंबाई 4.67 कि.मी.) पर 4 करोड़ 90 लाख 16 हजार रुपये का कार्य शामिल है। साथ ही नरहरपुर हाई स्कूल बिरनपुर, नावडबरी और रावस में तीनों स्कूल भवन निर्माण कार्यों पर 75.23-75.23 लाख रुपये की लागत से निर्माण कार्यों का भूमिपूजन कार्य शामिल है।
इसी तरह नरहरपुर टूरी व्यपवर्तन योजना के तहत नहर का जीर्णाेद्धार एवं लाइनिंग कार्य हेतु (8 करोड़ 94 लाख 51 हजार रू.), पैरी नदी पर धनेसरा एनीकट निर्माण (4 करोड़ 82 लाख 54 हजार रू.), सिहारी नाला तालाब एवं नहर कार्य का जीर्णाेद्धार व शूटफॉल निर्माण (3 करोड़ 84 लाख 12 हजार रू.), बागोड़ एनीकट दायीं तट पर बाढ़ नियंत्रण कार्य (4 करोड़ 31 लाख 90 हजार रू.) तथा कोचवाही नाला एनीकट निर्माण (4 करोड़ 37 लाख 33 हजार) के लिए राशि स्वीकृत की गई है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री श्री साय ने 1 करोड़ 62 लाख 76 हजार रुपये के लागत वाले आदिवासी बालक आश्रम चरभट्टी भवन निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
नरहरपुर में आयोजित ठाकुर जोहारनी कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री: क्षेत्रवासियों को दी विभिन्न सौगात
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज कांकेर जिले के नरहरपुर में आदिवासी समाज द्वारा आयोजित ठाकुर जोहारनी कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर उनके साथ झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अर्जुन मुंडा भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने ठाकुर जोहारनी कार्यक्रम में आदिवासी समाज के ईष्ट आराध्य देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि नई उद्योग नीति में आदिवासी विकास को प्राथमिकता देते हुए बस्तर सहित सरगुजा को विशेष तौर पर फोकस किया गया है, ताकि यहां के निवासियों को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़कर उन्हें अधिकतम लाभ दिलाया जा सके। ब्लॉक मुख्यालय नरहरपुर के उन्मुक्त खेल मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री साय ने आदिवासी समाज के ईष्ट देवी-देवताओं का जयघोष करते हुए उपस्थित लोगों को ठाकुर जोहारनी और नवाखाई की बधाई दी। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की यह अनूठी परंपरा आगे भी जीवित रहनी चाहिए और समाज की एकजुटता हमेशा बनी रहनी चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के युवा आगे बढ़ें, सुशिक्षित बनें, इसके लिए पूरे प्रदेश में नई शिक्षा नीति लागू की गई है। उन्होंने बताया कि आईआईटी, आईआईएम, ट्रिपल आईआईटी जैसी राष्ट्रीय स्तर की उच्च शिक्षण संस्थाएं प्रदेश में संचालित हैं, जिससे गुणवत्तापूर्ण और रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध हो सके। इसी तरह प्रयास और एकलव्य जैसे श्रेष्ठ संस्थानों के माध्यम से भी लगातार सुधार के प्रयास हो रहे हैं। दिल्ली में ट्राइबल यूथ हॉस्टल संचालित है और प्रदेशभर में नालंदा परिसर स्थापित किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सुरक्षा बलों को माओवाद के विरुद्ध अभियान में लगातार बड़ी सफलताएँ मिल रही हैं। उन्होंने 31 मार्च 2026 तक माओवाद के खात्मे का संकल्प दोहराया। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की मंशानुरूप, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के सहयोग से पशुपालन, मुर्गीपालन जैसी रोजगारमूलक गतिविधियों से लोगों को जोड़ने का कार्य प्रदेश सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि तेंदूपत्ता संग्राहकों के पारिश्रमिक में वृद्धि, चरणपादुका वितरण, रामलला दर्शन योजना सहित ग्राम पंचायतों में पारदर्शिता और सुगमता लाने के लिए अटल डिजिटल सेवा केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार की पीएम जनमन योजना और धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान के माध्यम से आदिवासियों के सतत् और समग्र विकास को अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह हमारा उत्सव का कार्यक्रम है। जल, जंगल, जमीन और अपनी परंपराओं, लोकनृत्य, गीत, मांदर और मृदंग के साथ जीने वाले आदिवासियों की अपनी विशिष्ट पहचान है। उन्होंने कहा कि अपनी जड़ों को मजबूत करते हुए स्वास्थ्य, शिक्षा और अधिकारों के प्रति सजग रहना नितांत आवश्यक है।
कार्यक्रम को सांसद श्री भोजराज नाग, कांकेर विधायक श्री आशाराम नेताम और केशकाल विधायक श्री नीलकंठ टेकाम सहित गोंडवाना समाज के संभागीय अध्यक्ष श्री सुमेर सिंह नाग, जिला अध्यक्ष श्री राजेश भास्कर तथा श्री राजाराम तोड़ेम ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने नरहरपुर क्षेत्र के लिए अनेक घोषणाएँ भी कीं। इनमें 30 करोड़ की लागत से बागोड़ एनीकट का निर्माण, नरहरपुर में 132 केवी विद्युत सब स्टेशन स्थापना हेतु 30 करोड़ रुपये, नरहरपुर में मावा मोदोल लाइब्रेरी के लिए 20 लाख रुपये, ग्राम ढोढ़रापहार में गोंडवाना सामुदायिक भवन निर्माण हेतु 20 लाख रुपये, नरहरपुर में मोबाइल टॉवर की स्थापना, नरहरपुर में सर्वसुविधायुक्त विश्राम गृह निर्माण के लिए 80 लाख रुपये और नरहरपुर विकासखंड के गोंडवाना समाज के सभी 12 मुड़ा क्षेत्रों में 12 टीन शेड निर्माण हेतु 10–10 लाख रुपये के मान से कुल 1 करोड़ 20 लाख रुपये स्वीकृत करने की घोषणा शामिल हैं। इसके अतिरिक्त ग्राम धनेसरा में गोंडवाना समाज द्वारा संचालित जंगोरायतार इंग्लिश मीडियम स्कूल हेतु आवश्यक सहयोग की घोषणा भी की गई।
कार्यक्रम में वन मंत्री श्री केदार कश्यप, कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्री भोजराज नाग, कांकेर विधायक श्री आशाराम नेताम, अंतागढ़ विधायक श्री विक्रम उसेंडी, केशकाल विधायक श्री नीलकंठ टेकाम, प्रदेश मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री भरत मटियारा, नगरपालिका परिषद कांकेर के अध्यक्ष श्री अरुण कौशिक, कलेक्टर श्री निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर, जिला पंचायत के सीईओ श्री हरेश मंडावी और समाज के प्रमुखजन सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
नरहरपुर में आयोजित ठाकुर जोहारनी कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री: क्षेत्रवासियों को दी विभिन्न सौगात
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज कांकेर जिले के नरहरपुर में आदिवासी समाज द्वारा आयोजित ठाकुर जोहारनी कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर उनके साथ झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अर्जुन मुंडा भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने ठाकुर जोहारनी कार्यक्रम में आदिवासी समाज के ईष्ट आराध्य देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि नई उद्योग नीति में आदिवासी विकास को प्राथमिकता देते हुए बस्तर सहित सरगुजा को विशेष तौर पर फोकस किया गया है, ताकि यहां के निवासियों को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़कर उन्हें अधिकतम लाभ दिलाया जा सके। ब्लॉक मुख्यालय नरहरपुर के उन्मुक्त खेल मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री साय ने आदिवासी समाज के ईष्ट देवी-देवताओं का जयघोष करते हुए उपस्थित लोगों को ठाकुर जोहारनी और नवाखाई की बधाई दी। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की यह अनूठी परंपरा आगे भी जीवित रहनी चाहिए और समाज की एकजुटता हमेशा बनी रहनी चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के युवा आगे बढ़ें, सुशिक्षित बनें, इसके लिए पूरे प्रदेश में नई शिक्षा नीति लागू की गई है। उन्होंने बताया कि आईआईटी, आईआईएम, ट्रिपल आईआईटी जैसी राष्ट्रीय स्तर की उच्च शिक्षण संस्थाएं प्रदेश में संचालित हैं, जिससे गुणवत्तापूर्ण और रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध हो सके। इसी तरह प्रयास और एकलव्य जैसे श्रेष्ठ संस्थानों के माध्यम से भी लगातार सुधार के प्रयास हो रहे हैं। दिल्ली में ट्राइबल यूथ हॉस्टल संचालित है और प्रदेशभर में नालंदा परिसर स्थापित किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सुरक्षा बलों को माओवाद के विरुद्ध अभियान में लगातार बड़ी सफलताएँ मिल रही हैं। उन्होंने 31 मार्च 2026 तक माओवाद के खात्मे का संकल्प दोहराया। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की मंशानुरूप, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के सहयोग से पशुपालन, मुर्गीपालन जैसी रोजगारमूलक गतिविधियों से लोगों को जोड़ने का कार्य प्रदेश सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि तेंदूपत्ता संग्राहकों के पारिश्रमिक में वृद्धि, चरणपादुका वितरण, रामलला दर्शन योजना सहित ग्राम पंचायतों में पारदर्शिता और सुगमता लाने के लिए अटल डिजिटल सेवा केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार की पीएम जनमन योजना और धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान के माध्यम से आदिवासियों के सतत् और समग्र विकास को अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह हमारा उत्सव का कार्यक्रम है। जल, जंगल, जमीन और अपनी परंपराओं, लोकनृत्य, गीत, मांदर और मृदंग के साथ जीने वाले आदिवासियों की अपनी विशिष्ट पहचान है। उन्होंने कहा कि अपनी जड़ों को मजबूत करते हुए स्वास्थ्य, शिक्षा और अधिकारों के प्रति सजग रहना नितांत आवश्यक है।
कार्यक्रम को सांसद श्री भोजराज नाग, कांकेर विधायक श्री आशाराम नेताम और केशकाल विधायक श्री नीलकंठ टेकाम सहित गोंडवाना समाज के संभागीय अध्यक्ष श्री सुमेर सिंह नाग, जिला अध्यक्ष श्री राजेश भास्कर तथा श्री राजाराम तोड़ेम ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने नरहरपुर क्षेत्र के लिए अनेक घोषणाएँ भी कीं। इनमें 30 करोड़ की लागत से बागोड़ एनीकट का निर्माण, नरहरपुर में 132 केवी विद्युत सब स्टेशन स्थापना हेतु 30 करोड़ रुपये, नरहरपुर में मावा मोदोल लाइब्रेरी के लिए 20 लाख रुपये, ग्राम ढोढ़रापहार में गोंडवाना सामुदायिक भवन निर्माण हेतु 20 लाख रुपये, नरहरपुर में मोबाइल टॉवर की स्थापना, नरहरपुर में सर्वसुविधायुक्त विश्राम गृह निर्माण के लिए 80 लाख रुपये और नरहरपुर विकासखंड के गोंडवाना समाज के सभी 12 मुड़ा क्षेत्रों में 12 टीन शेड निर्माण हेतु 10–10 लाख रुपये के मान से कुल 1 करोड़ 20 लाख रुपये स्वीकृत करने की घोषणा शामिल हैं। इसके अतिरिक्त ग्राम धनेसरा में गोंडवाना समाज द्वारा संचालित जंगोरायतार इंग्लिश मीडियम स्कूल हेतु आवश्यक सहयोग की घोषणा भी की गई।
कार्यक्रम में वन मंत्री श्री केदार कश्यप, कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्री भोजराज नाग, कांकेर विधायक श्री आशाराम नेताम, अंतागढ़ विधायक श्री विक्रम उसेंडी, केशकाल विधायक श्री नीलकंठ टेकाम, प्रदेश मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री भरत मटियारा, नगरपालिका परिषद कांकेर के अध्यक्ष श्री अरुण कौशिक, कलेक्टर श्री निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर, जिला पंचायत के सीईओ श्री हरेश मंडावी और समाज के प्रमुखजन सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बिहान योजना ने दिया सपनों को आकार
रायपुर : राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) अंतर्गत सूरजपुर जिले की महिलाएं आज आत्मनिर्भरता और खुशहाली की नई मिसाल कायम कर रही हैं। ग्राम नरेशपुर की दिव्य ज्योति महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य श्रीमती भाग्य लक्ष्मी तिवारी इसका उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
श्रीमती तिवारी को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास स्वीकृत हुआ। इस योजना से उन्हें अपने परिवार के लिए पक्के घर का सपना साकार करने का अवसर मिला। हालांकि, उन्हें लगा कि घर का बजट अधिक है और आवंटित राशि से वे बड़ा घर नहीं बना पाएंगी।
इसी बीच बिहान योजना ने उनके सपनों को उड़ान दी। बिहान योजना के अंतर्गत एनआरएलएम से सामुदायिक निवेश कोष तथा बैंक लिकेंज के माध्यम से उन्हें 1 लाख 20 हजार रुपये का ऋण प्राप्त हुआ। इस वित्तीय सहयोग से वे अपने घर को अपेक्षा के अनुरूप बड़ा और सुविधाजनक बनाने में सफल हुईं।
श्रीमती तिवारी ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना और बिहान योजना के संयोजन से आज उनका सपना साकार हुआ है। अब उनके पास न केवल एक पक्का और सुरक्षित घर है बल्कि आत्मनिर्भर जीवन की नई राह भी खुल गई है। उन्होंने कहा कि आज हमारे पास खुशियों की चाबी है और यह सरकार की योजनाओं के कारण संभव हो सका है।
प्रधानमंत्री आवास योजना और बिहान योजना का यह समन्वय ग्रामीण महिलाओं व परिवारों को न केवल आवास उपलब्ध करा रहा है बल्कि आर्थिक संबल भी प्रदान कर रहा है। इसके माध्यम से आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की ओर ठोस कदम बढ़ाए जा रहे हैं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री साय कार्टून फेस्टिवल-2025 में हुए शामिल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में कार्टून वॉच पत्रिका द्वारा आयोजित कार्टून फेस्टिवल-2025 में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि कार्टून केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज का दर्पण भी है, जो हास्य और व्यंग्य के माध्यम से गंभीर मुद्दों को सरलता से प्रस्तुत करता है। कार्टून मनोरंजन के साथ ही समाज को जागरूक करने और सोचने के लिए प्रेरित करने वाली कला है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने जम्मू-कश्मीर के प्रख्यात कार्टूनिस्ट श्री मनोज चोपड़ा को कार्टून वॉच पत्रिका का लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड प्रदान किया। उन्होंने कार्टून फेस्टिवल में हिस्सा ले रहे कार्टूनिस्टों का उत्साहवर्धन करते हुए स्वयं भी कार्टून बनाया।
कार्टून वॉच फेस्टिवल को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह गर्व की बात है कि कार्टून वॉच पत्रिका ने 29 वर्षों का सफल सफर तय कर लिया है और अब अपने 30वें वर्ष में प्रवेश कर रही है। मैं कार्टून वॉच की पूरी टीम को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ देता हूँ कि वे आगे भी कार्टून की इस विधा में उत्कृष्ट कार्य करते रहें।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यदि अगले वर्ष कार्टून वॉच फेस्टिवल बस्तर में आयोजित हो तो यह अत्यंत हर्ष का विषय होगा। बस्तर में अब शांति स्थापित हो रही है और जल्द ही यह क्षेत्र पूर्णतः नक्सलमुक्त होगा। नियद नेल्ला नार योजना (जिसका अर्थ है – आपका अच्छा गाँव) के माध्यम से सरकार की योजनाएँ बस्तर के लोगों तक पहुँच रही हैं। 300 से अधिक गाँवों में अब तक सड़क, बिजली, पानी और राशन कार्ड जैसी सभी मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा चुकी हैं। जहाँ पहले बंदूक की आवाज गूंजती थी, वहाँ अब स्कूल की घंटी बज रही है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर ओलंपिक में 1 लाख 65 हजार लोगों ने हिस्सा लिया। इसी तरह बस्तर की सांस्कृतिक पहचान का उत्सव बस्तर पंडुम आयोजित किया गया, जिसमें 47 हजार लोग शामिल हुए। यह इस बात का प्रमाण है कि बस्तर के लोग अब मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। कल ही मैं बस्तर में इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम में शामिल हुआ। अब बस्तर में बड़े पैमाने पर निवेश के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विकसित छत्तीसगढ़ के रोडमैप के रूप में हमने विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया है। छत्तीसगढ़ में सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा सेंटर और टेक्सटाइल सहित अनेक क्षेत्रों में निवेश हो रहा है। हाल ही में जापान और कोरिया की यात्रा के दौरान भी हमने उद्योगों के साथ कई एमओयू किए हैं। छत्तीसगढ़ का भविष्य अत्यंत उज्ज्वल है।
उन्होंने कहा कि कार्टून एक बेहद सशक्त माध्यम है। कार्टून वॉच की टीम सरकार की योजनाओं को भी कार्टून के जरिए आमजन तक पहुँचाए। कार्टून वॉच का यह प्रयास कार्टूनिस्टों को मंच प्रदान करता है, जो उनकी रचनात्मकता को और निखारने में सहायक है।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि कार्टून की विधा मीडिया और साहित्य का अद्भुत संगम है। यह विधा चुटीलेपन के साथ गागर में सागर भरने का सामर्थ्य रखती है। मैं स्वयं जब भी समाचार पत्र पढ़ता हूँ, कार्टून अवश्य देखता हूँ। श्री त्रयम्बक शर्मा ने कार्टून की इस विधा को जीवंत बनाए रखने में उल्लेखनीय योगदान दिया है।
विधायक श्री अनुज शर्मा ने कहा कि कार्टून वॉच देश की एकमात्र कार्टून पत्रिका है। 30 वर्षों की यह यात्रा इसके संपादक श्री त्रयम्बक शर्मा के जज़्बे को दर्शाती है। उनका यह सफर सभी कलाकारों के लिए प्रेरणादायी है। उन्होंने अपने कार्य से यह साबित किया है कि किसी भी क्षेत्र में पूरे समर्पण और निष्ठा से कार्य करने पर सफलता अवश्य प्राप्त की जा सकती है।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव, छत्तीसगढ़ स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष श्री राजीव अग्रवाल, छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी के अध्यक्ष श्री शशांक शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रेस अधिकारी श्री आलोक सिंह, हरिभूमि के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी, कार्टून वॉच के संपादक श्री त्रयम्बक शर्मा सहित अनेक कार्टूनिस्ट और साहित्य-कला जगत के गणमान्यजन उपस्थित थे।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
महिला उद्यमी रागिनी जायसवाल स्थानीय उत्पादों से फिटनेस एवं न्यूट्रीशन के लिए कर रही पहल
बीजापुर में 6 टन प्रतिघंटा क्षमता के राइस मिल की स्थापना करेंगे गीदम के सोहैल रिजवी
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य की औद्योगिक विकास को सर्वाधिक सम्भावनाओं से युक्त बस्तर अंचल के दूरस्थ ईलाके तक पहुंचाने की पहल का सुखद परिणाम अब धरातल पर परिलक्षित हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा इस महत्ती उद्देश्य पर ध्यान केन्द्रित कर बस्तर क्षेत्र में औद्योगिक विकास की असीम संभावनाओं के मद्देनजर इस वर्ष बीते छह महीने पहले यहां के उद्योगपति, व्यवसायियों, नव उद्यमियों के साथ ही स्टार्टअप से जुड़े युवाओं से संवाद कर सकारात्मक प्रयास किया गया था।इन सभी सार्थक प्रयासों के फलस्वरूप गुरुवार को जगदलपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ इनवेस्टर कनेक्ट बस्तर कार्यक्रम के दौरान करीब 1000 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों की स्वीकृति पत्र निवेशकों को प्रदान किए गए। जिसमें बस्तर क्षेत्र के कोंडागांव जिले की युवा महिला उद्यमी रागिनी जायसवाल सहित माओवाद प्रभावित बीजापुर जिले में सोहैल रिजवी जैसे स्थानीय उद्यमी शामिल हैं जिन्होंने इन सुदूर ईलाके में स्वरोजगार के अवसर को अपनाने के लिए चुनौती स्वीकार किया है।कोंडागांव निवासी युवा महिला उद्यमी रागिनी बीते एक वर्ष पहले शासन की प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण योजना से लाभान्वित होकर स्थानीय उत्पादों पर आधारित फिटनेस एंड न्यूट्रिशन यूनिट स्थापित कर गर्भवती एवं पोषक माताओं सहित बच्चों को हेल्दी फूड उपलब्ध करवा रही हैं। रागिनी ने अपने इस यूनिट के लिए शासन की योजनांतर्गत 09.53 लाख रुपए की सहायता ली है, जिसमें 35 प्रतिशत अनुदान समाहित है। वहीं दंतेवाड़ा जिले के अंतर्गत गीदम के युवा उद्यमी सोहैल रिजवी बीजापुर में एक आधुनिक राइस मिल की स्थापना करने जा रहे हैं।इस राइस मिल की क्षमता प्रतिघंटा 6 टन होगी, जिसकी स्थापना पर लगभग 06 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इस परियोजना में शासन से 90 लाख रुपये का अनुदान भी प्राप्त होगा। इस राइस मिल के शुरू होने से क्षेत्र में 50 से 60 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की उम्मीद है।
रागिनी बताती हैं कि स्थानीय परम्परागत ग्रामीण परिवेश से जुड़े परिवार तथा जन्मभूमि बस्तर होने के फलस्वरूप यहां के वनोत्पाद, आर्गेनिक कृषि उत्पाद तथा जड़ी बूटी की अच्छी जानकारी होने के साथ ही बस्तर के रहवासियों की नियमित जरूरतों एवं खानपान से पूरी तरह वाकिफ होने और प्रसंस्करण की अभिरुचि के कारण सबसे पहले माताओं एवं बच्चों की पोषण पर स्टार्टअप करने का निर्णय लिया और अब कोंडागांव में स्वयं के उत्पाद तैयार कर हेल्दी फूड कार्नर के जरिए आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर हैं।रागिनी ने बताया कि वह 10 सदस्यीय परिवार जिसमें माता-पिता और दो भाइयों का सहयोग उसे आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रही है और अब स्वयं को स्वरोजगार से जोड़कर काफी गौरवान्वित महसूस करती हैं। रागिनी कहती हैं कि वह बस्तर अंचल में सबसे ज्यादा जरूरी पोषण सम्बन्धी सेवाओं को समर्पित होकर लगातार जारी रखेंगी। वहीं दंतेवाड़ा जिले के निवासी सोहैल के पिता ने 17 वर्ष पहले गीदम में राइस मिल की स्थापना की थी, जिसके बाद सोहैल ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के उपरांत इस पारिवारिक व्यवसाय को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। बीजापुर में इस नए उद्यम की स्थापना की योजना को उन्होंने अब अमलीजामा पहनाया है।
इसके साथ ही, सोहैल 3 करोड़ रुपये की लागत से फ्लाई ऐश ब्रिक्स का कारोबार भी संचालित कर रहे हैं, जो उनके उद्यमशीलता के दृष्टिकोण को दर्शाता है। इस राइस मिल के शुरू होने से न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। युवा स्टार्टअप रागिनी और सोहैल रिजवी का यह प्रयास सरकार के सुरक्षित, पारदर्शी एवं आकर्षक नवीन औद्योगिक नीति के साथ ही सकारात्मक पहल के दूरगामी एवं शुरुआती नतीजे हैं जो भविष्य में स्थानीय उद्योग और रोजगार सृजन के क्षेत्र में मील के पत्थर साबित होंगे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
छात्रा पुलम सहित कलावती, देवा और प्रभु को मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की मौजूदगी में मिले जयपुर कृत्रिम पैर
रायपुर : शासन की एक छोटी सी मदद से दिव्यांगों के जीने की राह आसान हो गई है। इससे दैनिक कार्यों के संपादन में उन्हें बड़ी सहूलियत हो सकेगी। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज जगदलपुर प्रवास के दौरान ऐसे ही दिव्यांगजनों से मिलकर उनका दर्द साझा किया।
समाज कल्याण विभाग और श्री महावीर विकलांग सहायता समिति के संयुक्त तत्वावधान में ग्राम आड़ावाल में सहायक उपकरण वितरण समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री श्री साय ने दिव्यांगों को जयपुर कृत्रिम पैर एवं हाथ, ट्रायसिकल और अन्य सहायक उपकरण वितरित किए गए। इस दौरान ग्राम साडगुड़ से कक्षा 6वीं की छात्रा कु. पुलम बघेल जो पैर से दिव्यांग है, को जयपुर कृत्रिम पैर वितरित किया गया। कु. पुलम के पिता श्रीधर बघेल ने बताया कि 5 साल की आयु में बेटी का बायां पैर साइकल में फंस जाने के कारण उसमें सेप्टिक हो गया। यहां तक कि बच्ची का पैर कटवाना पड़ गया। उन्होंने बताया कि आज मुख्यमंत्री के समक्ष कृत्रिम पैर मिलने से बिटिया का जीवन आसान हो जाएगा। कृत्रिम पैर मिलने से उसे चलने फिरने, कहीं आने जाने में दिक्कत नहीं होगी। साथ ही वह खुद से अपने कामों को निष्पादित करने में सक्षम होगी।
इसी तरह तोकापाल ब्लॉक के ग्राम कुरेंगा से आई 23 वर्षीया कु. कलावती मंडावी ने बताया कि जब वह कक्षा आठवीं में अध्ययनरत थीं, तभी उनका बायां पैर करेंट की चपेट में आ गया था और इस घटना से उन्हें अपना पैर खोना पड़ा। मजदूरी करके जीवन चलाने वाली मां देवती बाई के लिए यह दोहरी मार थी। आज कलावती से मिलकर मुख्यमंत्री ने चर्चा की तथा हालचाल जाना। दिव्यांग कलावती ने बताया कि कृत्रिम पैर मिलने से अब उनका जीवन बेहद सुगम और सुविधापूर्ण हो जाएगा।
यहां पहुंचे श्री राजू नाग के 07 वर्षीय बेटे देवा को भी समाज कल्याण विभाग और समिति के द्वारा कृत्रिम पैर प्रदान किया गया। श्री राजू ने बताया कि जब उनकी पत्नी गर्भवती थी तो शारीरिक कमजोरी के चलते सात माह में ही देवा का जन्म हो गया। इसके चलते वह पैदाइशी दिव्यांग हो गया। उन्होंने बताया कि देवा को कृत्रिम पैर मिलने से उसका रोजाना का क्रियाकलाप काफी आसान हो जाएगा। इसी तरह श्री प्रभु सहाय, सुशील कश्यप, अर्खित रॉय ने भी अलग अलग दुर्घटनाओं में अपने हाथ और पैर खो दिए थे, जिन्हें आज मुख्यमंत्री की उपस्थिति में निःशुल्क कृत्रिम पैर और हाथ प्रदान किए गए। इन सभी के जीवन में उम्मीद की नई किरण आलोकित हुई है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट में ₹967 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव: 2100 से अधिक लोगों को मिलेगा रोजगार
नक्सल उन्मूलन से विश्वास निर्माण तक – बदलता हुआ बस्तर
समावेशी विकास की ओर तेजी से अग्रसर बस्तर
औद्योगिक नीति 2024–30 ने दी बस्तर को नई उड़ान
“नियद नेल्ला नार” योजना और पुनर्वास नीति से सशक्त हो रहा बस्तर
नया बस्तर – निवेश, विकास और विश्वास की नई पहचान
रायपुर : बस्तर आज विकास की स्वर्णिम सुबह का प्रतीक बनकर उभर रहा है। जो क्षेत्र कभी उपेक्षा और अभाव की पहचान से जूझता था, वह अब निवेश, अवसर और रोजगार का नया केंद्र बन रहा है। यहाँ हर क्षेत्र,उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और पर्यटन में समावेशी विकास की गूंज सुनाई दे रही है। यह बदलाव न केवल बस्तर की तस्वीर बदल रहा है, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के उज्ज्वल भविष्य की गाथा लिख रहा है।
रेल–सड़क परियोजनाओं से आएगा बड़ा बदलाव
बस्तर के विकास को गति देने के लिए सरकार ने ₹5,200 करोड़ की रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इनमें रावघाट–जगदलपुर नई रेल लाइन (₹3,513.11 करोड़) और केके रेल लाइन (कोत्तवलसा–किरंदुल) के दोहरीकरण जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं। ये परियोजनाएँ न केवल बस्तर में यात्रा, पर्यटन और व्यापार को नई दिशा देंगी, बल्कि युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोज़गार और औद्योगिक अवसर भी सृजित करेंगी। बेहतर रेल कनेक्टिविटी से नक्सलवाद उन्मूलन के प्रयास और मजबूत होंगे तथा बस्तर विश्वसनीय निवेश और समावेशी विकास का केंद्र बनकर उभरेगा।
इसके साथ ही, बस्तर में ₹2300 करोड़ की सड़क विकास परियोजनाएँ भी स्वीकृत की गई हैं। कभी नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में जाना जाने वाला यह संभाग अब छत्तीसगढ़ के सबसे विकसित और समृद्ध क्षेत्रों में से एक बनने की राह पर है। राज्य और केंद्र सरकार मिलकर धमतरी–कांकेर–कोंडागांव–जगदलपुर मार्ग का एक वैकल्पिक रास्ता बना रही हैं, जो कांकेर, अंतागढ़, नारायणपुर के अबूझमाड़ होते हुए दंतेवाड़ा के बारसूर और आगे बीजापुर तक पहुँचेगा। इन परियोजनाओं से बस्तर के सभी जिलों तक पहुँचने के लिए कई रास्ते उपलब्ध होंगे, जिससे दूरियाँ कम होंगी और योजनाओं व विकास कार्यों की पहुँच और अधिक प्रभावी होगी। यह आधुनिक सड़क नेटवर्क न केवल आवागमन की सुविधा बढ़ा रहा है, बल्कि सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक प्रगति के नए द्वार भी खोल रहा है। इस प्रकार, बस्तर अब संघर्ष की भूमि से आगे बढ़कर संपर्क, समृद्धि और सुरक्षा का प्रतीक बन रहा है।
बड़े सार्वजनिक निवेश से बदलता बस्तर
बस्तर में एनएमडीसी द्वारा ₹43,000 करोड़ तथा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल हेतु ₹200 करोड़ का निवेश किया जा रहा है। ये निवेश बस्तर की आधारभूत संरचना को मजबूती प्रदान कर रहे हैं।
निजी निवेश और समावेशी विकास
बड़े सार्वजनिक निवेशों के साथ-साथ लगभग ₹1,000 करोड़ का निजी निवेश भी सेवा क्षेत्र और एमएसएमई में किया जा रहा है। यह विविधीकृत विकास रोजगार के अवसरों को बढ़ाएगा और समावेशी व सतत विकास को सुनिश्चित करेगा। कुल मिलाकर लगभग ₹52,000 करोड़ की प्रतिबद्धताओं के साथ बस्तर औद्योगिक और सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन का नया केंद्र बन रहा है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति: बस्तर को मिला पहला 350 बेड का निजी अस्पताल
जगदलपुर में पहली बार 350 बेड का मल्टी-स्पेशियलिटी निजी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज स्थापित होने जा रहा है। इसके लिए रायपुर स्टोन क्लिनिक प्रा. लि. को “इनविटेशन टू इन्वेस्ट” पत्र जारी किया गया है। 550 करोड़ रुपये के निवेश और 200 रोजगार अवसरों के साथ यह परियोजना बस्तर की स्वास्थ्य सेवाओं को नई ऊँचाई देगी और इसे मेडिकल शिक्षा का केंद्र बनाएगी।
इसके अतिरिक्त, जगदलपुर में 33 करोड़ रुपये के निवेश से एक और मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल तथा नवभारत इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज द्वारा 85 करोड़ रुपये के निवेश से 200 बेड का मल्टी-सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल स्थापित किया जाएगा। ये पहल न केवल आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करेंगी, बल्कि सैकड़ों युवाओं को रोजगार भी प्रदान करेंगी।
खाद्य प्रसंस्करण में नई शुरुआत
बीजापुर, नारायणपुर, बस्तर और कोंडागांव में आधुनिक राइस मिल और फूड प्रोसेसिंग इकाइयाँ स्थापित की जा रही हैं, जिससे किसानों को बेहतर मूल्य मिलेगा और स्थानीय युवाओं के लिए अनेक रोजगार अवसर सृजित होंगे।
एग्रीटेक और वैल्यू एडिशन
नारायणपुर जिले में पार्श्वा एग्रीटेक प्रतिवर्ष 2,400 टन परबॉयल्ड चावल का उत्पादन करेगी। 8 करोड़ रुपये के निवेश और नए रोजगार के साथ यह परियोजना बस्तर की कृषि उपज को वैल्यू एडिशन का नया आधार देगी।
वेलनेस और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में प्रगति
जगदलपुर में नमन् क्लब एंड वेलनेस सेंटर 7.65 करोड़ रुपये के निवेश और 30 रोजगार अवसरों के साथ स्थापित हो रहा है। वहीं पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में एएस बिल्डर्स एंड ट्रेडर्स तथा सेलिब्रेशन रिजॉर्ट्स एंड होटल्स बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करेंगे।
डेयरी और कृषि-आधारित उद्योग
बस्तर डेयरी फार्म प्रा. लि. 5.62 करोड़ रुपये का निवेश कर दुग्ध उत्पादन और प्रसंस्करण को गति देगा। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और किसानों की आय में वृद्धि होगी।
निर्माण सामग्री और औद्योगिक विकास
पीएस ब्रिक्स और महावीर माइन्स एंड मिनरल्स जैसी कंपनियाँ ईंट और स्टोन क्रशर क्षेत्र में प्रवेश कर रही हैं, जिससे निर्माण गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और बुनियादी ढांचा सशक्त होगा।
वेयरहाउसिंग, लॉजिस्टिक्स और कोल्ड स्टोरेज
कांकेर, भानुप्रतापपुर और कोंडागांव में नए वेयरहाउसिंग केंद्र स्थापित हो रहे हैं। दंतेश्वरी कोल्ड स्टोरेज जैसी परियोजनाएँ किसानों की उपज को लंबे समय तक सुरक्षित रखने, बर्बादी घटाने और लाभ बढ़ाने में मदद करेंगी।
वुड, फर्नीचर और कृषि मशीनरी
माँ दंतेश्वरी वेनियर्स और अली फर्नीचर जैसी इकाइयाँ बस्तर की पारंपरिक कारीगरी को आधुनिक बाजारों से जोड़ेंगी।
आधुनिक उद्योगों की एंट्री
शंकरा लेटेक्स इंडस्ट्रीज 40 करोड़ रुपये के निवेश से सर्जिकल ग्लव्स निर्माण इकाई स्थापित करेगी, जिससे 150 रोजगार अवसर सृजित होंगे। यह भारत की स्वास्थ्य आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
पीएमएफएमई योजना के तहत सहयोग
पीएमएफएमई योजना अंतर्गत कांकेर, बस्तर और कोंडागांव जिलों के हितग्राहियों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई। कांकेर जिले के श्री मुकेश खटवानी (मेसर्स रूद्रा फूड्स एंड बेवरेजेस) को ₹35 लाख, बस्तर जिले की श्रीमती योगिता वानखेडे (मेसर्स माँ गृह उद्योग) को ₹5 लाख तथा कोंडागांव जिले की श्रीमती रागिनी जायसवाल (मेसर्स फिटनेस फ्यूल) को ₹5 लाख एवं ₹9.50 लाख की स्वीकृति मिली। कुल मिलाकर योजना के अंतर्गत ₹49.50 लाख से अधिक की सहायता दी गई।
पीएमईजीपी योजना से सशक्तिकरण
पीएमईजीपी योजना अंतर्गत कांकेर जिले के श्री हरीश कोमरा (रेडीमेड गारमेंट्स – ₹9 लाख), श्री सुरेश बघेल (हार्वेस्टर – ₹20 लाख), बस्तर जिले के श्री चंद्रशेखर दास (मेसर्स दीक्षा टेंट हाउस – ₹8.80 लाख) और श्री रेवेन्द्र राणा (मेसर्स राणा मोबाईल रिपेयरिंग – ₹7.50 लाख) को सहायता दी गई। वहीं कोंडागांव जिले के श्री सुरेश कुमार देवांगन (मेसर्स किसान मितान एग्रो) को ट्रैक्टर-ट्रॉली निर्माण हेतु ₹50 लाख का अनुदान स्वीकृत हुआ। इस प्रकार योजना के अंतर्गत ₹94.50 लाख की राशि वितरित की गई।
औद्योगिक नीति से नए अवसर
राज्य सरकार की औद्योगिक नीति के तहत स्थायी पूंजी निवेश हेतु भी अनुदान दिया गया। कांकेर जिले की श्रीमती साधना शर्मा (मेसर्स महावीर वेयरहाउस) को वेयरहाउस स्थापना के लिए ₹90 लाख की स्वीकृति मिली। इन पहलों से बस्तर संभाग में उद्यमिता और औद्योगिक विकास को गति मिल रही है और स्थानीय युवाओं व महिलाओं को रोजगार एवं आत्मनिर्भरता के अवसर मिल रहे हैं।
कुल मिलाकर बस्तर में अब तक ₹967 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव आए हैं, जिससे 2100 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। स्वास्थ्य, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी, पर्यटन, निर्माण और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में यह निवेश लहर बस्तर को एक सच्चे “निवेश गंतव्य” के रूप में स्थापित कर रही है।
बस्तर में औद्योगिक विस्तार के अवसर
बस्तर में औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएँ हैं। स्टील प्लांट के समीप समर्पित सीमेंट प्लांट, मोटर रिपेयर एवं वाइंडिंग, मशीन एवं फैब्रिकेशन शॉप्स, पंप रिपेयर जैसी सहायक इकाइयों को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही लोहा और इस्पात उद्योग से जुड़े पिग आयरन, टीएमटी बार, एंगल/चैनल, वायर रॉड्स और ब्राइट बार के उत्पादन की भी बड़ी संभावनाएँ हैं।
मुख्यमंत्री के 20 माह में 100+ दौरे: विश्वास और विकास का संकल्प
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने पिछले 20 महीनों में बस्तर के 100 से अधिक स्थानों का दौरा कर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास की नई उम्मीद और विश्वास का संचार किया है। “नियद नेल्ला नार” योजना के तहत सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और संचार सुविधाएँ दूरस्थ इलाकों तक पहुँची हैं।
सुरक्षा शिविरों के 10 किमी दायरे में अब तक 81,090 आधार कार्ड, 49,239 आयुष्मान कार्ड, 5,885 किसान सम्मान निधि लाभ, 2,355 उज्ज्वला कनेक्शन और 98,319 राशन कार्ड जारी किए गए। 21 सड़कों, 635 मोबाइल टॉवर, 18 उचित मूल्य दुकानों और 9 उप-स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण हुआ। अब तक 54 सुरक्षा शिविर स्थापित हुए हैं। पहली बार 28 गाँवों (जैसे जगारगुंडा, पामेड) में बैंक खुले हैं और 50 से अधिक बंद स्कूल फिर से शुरू हुए हैं।
नई पुनर्वास नीति: आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए जीवन की नई राह
नई पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पित नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने का अवसर दिया जा रहा है। इसमें तीन वर्षों तक ₹10,000 मासिक सहायता, शहरी क्षेत्रों में 4 डिसमिल प्लॉट या ग्रामीण क्षेत्रों में एक हेक्टेयर जमीन दी जाएगी। साथ ही व्यावसायिक प्रशिक्षण, पूर्ण इनामी राशि और सामूहिक आत्मसमर्पण (80% से अधिक) पर दुगुना इनाम तथा नक्सल-मुक्त गाँवों के लिए ₹1 करोड़ तक की विकास योजनाएँ स्वीकृत होंगी। प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत 15,000 घर आत्मसमर्पित नक्सलियों और हिंसा प्रभावित परिवारों को मंजूर किए गए हैं।
मोदी की गारंटी: तेंदूपत्ता संग्राहकों को अधिक दर
राज्य सरकार ने तेंदूपत्ता खरीदी दर को ₹4,000 से बढ़ाकर ₹5,500 प्रति मानक बोरा कर दिया है। इससे बस्तर के 52 लाख संग्राहक (13 लाख परिवार) सीधे लाभान्वित हो रहे हैं।
कौशल विकास से युवाओं को अवसर
मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत 90,273 युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया, जिनमें से 39,137 को रोजगार मिला। वर्ष 2024–25 में ही आईटी, ऑटोमोबाइल, कंस्ट्रक्शन और सौर ऊर्जा क्षेत्रों में 3,296 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
नक्सल उन्मूलन में बड़ी सफलता
दिसंबर 2023 से अब तक सुरक्षा बलों की आक्रामक रणनीति के परिणामस्वरूप 453 नक्सली मारे गए, 1,611 गिरफ्तार हुए और 1,636 ने आत्मसमर्पण किया। बीते 20 महीनों में 65 से अधिक नए सुरक्षा शिविर स्थापित हुए हैं। सड़क, पुल और मोबाइल नेटवर्क जैसे ढाँचागत विकास ने भी इस प्रक्रिया को मजबूती दी है।
सरकार का लक्ष्य मार्च 2026 तक नक्सल उन्मूलन सुनिश्चित करना है, जिसके साथ-साथ सतत विकास और शांति का मार्ग प्रशस्त होगा।
औद्योगिक नीति 2024–30: बदलाव का सूत्रधार
छत्तीसगढ़ औद्योगिक नीति 2024–30 ने बस्तर ही नहीं बल्कि पूरे राज्य में निवेश, नवाचार और रोजगार के नए द्वार खोले हैं। “बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट” संतुलित क्षेत्रीय विकास के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
यह नीति रोजगार सृजन, उद्यमिता संवर्धन और सामुदायिक सशक्तिकरण सुनिश्चित करती है, साथ ही बस्तर की जनजातीय धरोहर और सांस्कृतिक पहचान को भी संरक्षित रखती है। 1,000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश या 1,000 से अधिक रोजगार देने वाली परियोजनाओं को विशेष प्रोत्साहन दिए जाएंगे। फार्मा, एग्रो-प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल्स, आईटी व डिजिटल टेक, एडवांस इलेक्ट्रॉनिक्स, एयरोस्पेस-डिफेंस और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स को प्राथमिकता दी गई है।
पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है, जिसमें होटलों, ईको-टूरिज्म, वेलनेस सेंटर, एडवेंचर स्पोर्ट्स और खेल सुविधाओं पर 45% तक सब्सिडी मिलेगी। बस्तर के 88% ब्लॉक ग्रुप-3 श्रेणी में आते हैं, जिससे निवेशकों को अधिकतम लाभ मिलेगा।समावेशिता को नीति का केंद्र बनाया गया है: एससी/एसटी उद्यमियों और नक्सल प्रभावित परिवारों को अतिरिक्त 10% सब्सिडी दी जाएगी। आत्मसमर्पित नक्सलियों को रोजगार देने वाली इकाइयों को 40% वेतन सब्सिडी (5 लाख रुपये प्रतिवर्ष तक, पाँच वर्षों के लिए) प्रदान की जाएगी। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना से प्रतिज्ञा का फौज में जाने का सपना होगा पूरा
रायपुर : एक माँ की आँखों में उमड़ी खुशी, चेहरे पर झलकता गर्व और शब्दों में छलकता भावातिरेक इस बात का प्रमाण है कि सरकार की दिशा सही है और योजनाएँ वास्तविक जरूरतमंदों तक पहुँच रही हैं। रायपुर की नंदिनी यादव, जो रोज़ी-मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करती हैं, आज अपनी बेटी प्रतिज्ञा को छत्तीसगढ़ पब्लिक स्कूल, टाटीबंध में प्रवेश दिलाकर गदगद हैं। यह संभव हुआ है मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर शुरू की गई अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना से।
नंदिनी यादव बताती हैं कि वह हमेशा चाहती थीं कि उनके बच्चे भी इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ें, लेकिन सीमित आर्थिक स्थिति के कारण यह सपना पूरा नहीं हो पा रहा था। घर के अन्य बच्चों को देख वह कई बार सोचती थीं कि उनकी बिटिया भी अच्छे स्कूल में पढ़े। जब प्रतिज्ञा का चयन अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना में हुआ तो उनकी आँखों से खुशी के आँसू छलक पड़े। उन्होंने कहा मेरे लिए यह क्षण अविस्मरणीय है। यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा तोहफा है।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से मुलाकात के दौरान नंदिनी यादव ने अपने मन की भावनाएँ साझा कीं। उन्होंने कहा कि अब बेटी का भविष्य संवर जाएगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने भी नंदिनी यादव को बधाई और शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह योजना श्रमिक परिवारों के बच्चों को बेहतर शिक्षा और जीवन की नई दिशा देने का माध्यम बनेगी।
नंदिनी ने बताया कि बेटी प्रतिज्ञा का सपना बड़ा है। वह हमेशा से कहती आई है कि उसे फौज में जाना है और देश की सेवा करनी है। बिटिया का यह सपना अब हकीकत बनने की राह पर है। इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई और बेहतर संसाधनों की उपलब्धता से वह अपने लक्ष्य तक पहुँच सकेगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने बच्ची की इस सोच की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे सपनों से ही देश की नींव मजबूत होती है।
नंदिनी यादव ने अपनी खुशी साझा करते हुए बताया कि केवल बच्ची की शिक्षा की व्यवस्था ही नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री आवास योजना से उन्हें पक्का मकान मिला है, उज्ज्वल योजना से रसोई गैस कनेक्शन मिला और उनकी सासू माँ को शासन से सिलाई मशीन भी प्राप्त हुई है। इन योजनाओं ने उनके परिवार की जिंदगी बदल दी है। उन्होंने कहा सरकार की योजनाएँ मेरे परिवार के लिए संबल बन गई हैं, यही तो सच्चा अंत्योदय है।
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री जी के कारण आज मेरी बच्ची को बेहतर शिक्षा मिल रही है। मैं मुख्यमंत्री जी के पास अपनी भावनाएँ व्यक्त करने आई हूँ। यह खुशी शब्दों में बयान करना मुश्किल है। माँ की भावुकता देखकर उपस्थित लोग भी प्रभावित हुए। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि बेटी की पढ़ाई पूरी जिम्मेदारी से होगी और परिवार को लगातार सहयोग मिलता रहेगा।
उल्लखेनीय है कि अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना के तहत छठी से बारहवीं तक पढ़ाई का पूरा दायित्व सरकार उठाती है। नंदिनी यादव अब निश्चिंत हैं कि उनकी बच्ची का भविष्य सुरक्षित है। महतारी वंदन योजना से मिलने वाले सहयोग ने उनके परिवार को आर्थिक संबल दिया है। यह कहानी केवल एक माँ-बेटी की नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के उन हजारों परिवारों की है जिनके सपने सरकार की योजनाओं से साकार हो रहे हैं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
देश-विदेश में है 75 दिनों तक मनाए जाने वाले "बस्तर दशहरा" की विशेष ख्याति
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में बस्तर सांसद श्री महेश कश्यप के नेतृत्व में बस्तर दशहरा समिति, जगदलपुर के प्रतिनिधि मंडल ने सौजन्य भेंट की। प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व 2025 में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।
प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को बताया कि 75 दिनों तक चलने वाला यह पर्व हरेली अमावस्या से प्रारंभ होकर आश्विन शुक्ल पक्ष के 13वें दिन तक मनाया जाता है। इस वर्ष इसकी शुरुआत 24 जुलाई को पाटजात्रा पूजा विधान के साथ हुई है। आगामी प्रमुख आयोजनों में 21 सितंबर को काछनगादी पूजा, 29 सितंबर को बेल पूजा तथा 4 अक्टूबर को मुरिया दरबार का आयोजन शामिल है।मुख्यमंत्री श्री साय ने बस्तर दशहरा के आमंत्रण के लिए प्रतिनिधि मंडल का आभार व्यक्त किया और आयोजन की सफलता के लिए शुभकामनाएँ दीं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
ऐतिहासिक विसर्जन झांकी में पहुंचे मुख्यमंत्री श्री साय
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय 8 सितंबर की देर रात राजधानी रायपुर के हृदयस्थल जयस्तंभ चौक स्थित नगर निगम द्वारा निर्मित स्वागत मंच पर पहुंचे और ऐतिहासिक गणेश विसर्जन यात्रा में शामिल होकर झांकियों का अभिनंदन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि रायपुर की गणेश विसर्जन झांकी अत्यंत ऐतिहासिक परंपरा का प्रतीक है। इस अवसर पर उन्होंने विघ्नहर्ता श्री गणेश से छत्तीसगढ़ की खुशहाली और समृद्धि की कामना भी की। मुख्यमंत्री श्री साय ने ऐतिहासिक विसर्जन यात्रा में आमंत्रित करने के लिए आयोजकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
उल्लेखनीय है कि विगत दिवस राजधानी रायपुर में शाम 8 बजे से ही गणेश झांकी यात्रा प्रारंभ हो गई थी। इस बार भी निर्धारित रूट पर शारदा चौक से झांकियों को टोकन प्रदान किया गया। झांकियां तेलघानी नाका, राठौर चौक और तात्यापारा से होकर शारदा चौक में एकत्रित हुईं, तत्पश्चात एक-एक कर आगे बढ़ीं। ये सभी झांकियां जयस्तंभ चौक से होते हुए मालवीय रोड, सदर बाजार, कंकालीपारा, पुरानी बस्ती, लाखेनगर, अश्वनी नगर, सुंदर नगर और रायपुरा मार्ग से होकर महादेव घाट तक पहुंचीं।
इस वर्ष भी झांकियों को विभिन्न विषयों पर आकर्षक रूप से सजाया गया। इनमें विविध पौराणिक प्रसंगों के साथ-साथ ऑपरेशन सिंदूर और राफेल विमान की झलक भी देखने को मिली। रायपुर की सड़कों पर झांकी के रूप में राफेल विमान का दृश्य विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। एक झांकी में बप्पा छत्तीसगढ़ी पारंपरिक परिधान में विराजमान दिखाई दिए। इन झांकियों को देखने के लिए न केवल रायपुर शहरवासी बल्कि आसपास के ग्रामीण भी बड़ी संख्या में राजधानी पहुंचे।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री खुशवंत साहेब, विधायक श्री मोतीलाल साहू, विधायक श्री पुरंदर मिश्रा तथा रायपुर नगर निगम महापौर श्रीमती मीनल चौबे सहित बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
तीन वर्षों में छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या दोगुनी, 17 से बढ़कर हुई 35
छत्तीसगढ़ राज्य वन्यजीव कल्याण बोर्ड की 15वीं बैठक सम्पन्न
रायपुर : छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या पिछले तीन वर्षों में दोगुनी हो गई है। वर्ष 2022 में जहां बाघों की संख्या 17 थी, वहीं अप्रैल 2025 के सर्वेक्षण में यह बढ़कर 35 हो गई। यह जानकारी आज मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में सम्पन्न छत्तीसगढ़ राज्य वन्यजीव कल्याण बोर्ड की 15वीं बैठक में दी गई। .
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बैठक में कहा कि छत्तीसगढ़ में वन्य प्राणियों का संरक्षण और संवर्धन हमारी प्राथमिकता है। हमारा राज्य वन संपदा और वन्य प्राणियों के मामले में अत्यंत समृद्ध है। इन्हें सुरक्षित और विकसित करने के लिए सरकार पूर्णतः प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राज्य में बाघों की संख्या में तीन वर्षों के भीतर हुई दोगुनी वृद्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि बाघों की संख्या 17 से बढ़कर 35 होना इस बात का प्रमाण है कि छत्तीसगढ़ में वन्यजीव संरक्षण की दिशा में संतोषजनक कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि अब हमें अन्य वन्यजीवों के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में भी ठोस प्रयास करने होंगे। छत्तीसगढ़ के कई इलाके ऐसे हैं जिन्हें वन्यजीव संरक्षण के माध्यम से विकसित किया जा सकता है। जशपुर जिले के नीमगांव में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं। यहां प्रवासी पक्षियों के संरक्षण और संवर्धन हेतु आवश्यक कार्य किए जाने की आवश्यकता है। इसी तरह अन्य क्षेत्रों की पहचान कर उनका भी विकास किया जाना चाहिए। इससे न केवल पर्यटन बढ़ेगा बल्कि रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
बोर्ड के उपाध्यक्ष एवं वनमंत्री श्री केदार कश्यप ने अपने उद्बोधन में कहा कि राज्य में बाघों की संख्या के साथ-साथ अन्य वन्य प्राणियों के संरक्षण और संवर्धन में भी वृद्धि हुई है तथा उनके रहवासों में सुधार के प्रयास जारी हैं। आगे इसके और बेहतर परिणाम जनता के सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि आज पारित प्रस्ताव जनहित के महत्वपूर्ण कार्य हैं, जो शांति का वातावरण स्थापित करने में सहायक होंगे। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है कि वन्यजीवों एवं जैव विविधता को किसी प्रकार की क्षति न पहुंचे।
बोर्ड के सदस्य सचिव श्री अरुण कुमार पांडेय, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) द्वारा विभागीय उपलब्धियों और एजेण्डा पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। सदस्य सचिव ने बताया कि राज्य में सर्वाधिक बाघ अचानकमार टाइगर रिज़र्व में हैं। राज्य वन्यजीव बोर्ड की 14वीं बैठक में पारित निर्णय के परिप्रेक्ष्य में राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा उदंती-सीतानदी टाइगर रिज़र्व और गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिज़र्व में मध्यप्रदेश से बाघ एवं बाघिन के ट्रांसलोकेशन की अनुमति मिल चुकी है। शीघ्र ही ट्रांसलोकेशन की कार्यवाही पूर्ण की जाएगी।
उन्होंने बताया कि राजकीय पशु वनभैंसा की संख्या बढ़ाने के लिए विभाग द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। असम से लाए गए वनभैंसों की संख्या में वृद्धि हो रही है। इसी प्रकार राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना के संरक्षण हेतु भी विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। “मैना मित्र” नामक समूह का गठन किया गया है, जो मैना के संरक्षण और उनके रहवास की निगरानी करता है। टाइगर रिज़र्व और कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए अन्य सुविधाएं विस्तारित की जा रही हैं, जिससे समीपवर्ती ग्रामवासियों को रोजगार मिलेगा और वन्यजीव संरक्षण में भी सहयोग प्राप्त होगा।
बैठक में वन्यजीव संरक्षण और संवर्धन हेतु गश्ती मार्ग निर्माण तथा संरक्षित क्षेत्र के युक्तियुक्तकरण के प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। उदंती-सीतानदी टाइगर रिज़र्व, गरियाबंद अंतर्गत धवलपुर से कुकरार तक सड़क निर्माण कार्य; मिशन अमृत योजना के तहत पाइपलाइन विस्तार कार्य; तथा कवर्धा वनमंडल में इंटरनेट सुविधा के लिए ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने की अनुमति प्रदान की गई। इससे वन क्षेत्रों में निवासरत ग्रामीणों को मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी, शासकीय योजनाओं के अंतर्गत लाभार्थियों को डिजिटल भुगतान की सुविधा मिलेगी, ग्रामीणों के सामाजिक-आर्थिक विकास में सुधार होगा और क्षेत्रीय अमलों के लिए सूचना संप्रेषण मजबूत होगा।
बैठक में राज्य वन्यजीव कल्याण बोर्ड के सदस्यों ने वन्यजीव संरक्षण के लिए अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। बैठक में विधायक श्री धर्मजीत सिंह, विधायक श्री चैतराम अटामी, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक श्री अरुण देव गौतम, अपर मुख्य सचिव वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग श्रीमती ऋचा शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री व्ही. श्रीनिवास राव, सचिव वन श्री अमरनाथ प्रसाद तथा अन्य माननीय सदस्य और गैर-शासकीय संस्थाओं के प्रख्यात वन्यजीव विशेषज्ञ उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री ने "अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना" में अगले शैक्षणिक सत्र से 200 बच्चों को लाभ दिलाने की महत्वपूर्ण घोषणा
मुख्यमंत्री श्री साय ने अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना का किया शुभारंभ, चयनित बच्चों का किया सम्मान
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में श्रम विभाग द्वारा श्रमिक बच्चों के लिए संचालित "अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना" का शुभारंभ किया। उन्होंने चयनित बच्चों का सम्मान करते हुए उन्हें शुभकामनाएँ दीं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना से निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा का मार्ग प्रशस्त हुआ है। श्री साय ने घोषणा की कि अगले शैक्षणिक सत्र से इस योजना का लाभ 200 बच्चों को मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि श्रमिक अनेक समाज के हित के लिए कार्य करता है, परंतु अपने परिवार के लिए बहुत कम समय, संसाधन, ऊर्जा और ध्यान दे पाता है। उनके भी सपने होते हैं कि उनके घर के बच्चे पढ़-लिखकर बेहतर जीवन जिएँ, ताकि भविष्य में मजदूर का बेटा-बेटी केवल मजदूरी न करे, बल्कि समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, वकील और राजनेता बने।इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी के अंतर्गत श्रमिक बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने छत्तीसगढ़ में "अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना" प्रारंभ की है। इसके तहत प्रदेश के श्रमिकों के बच्चों को कक्षा छठवीं से बारहवीं तक श्रेष्ठ आवासीय विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा प्राप्त होगी। इनका पूरा खर्च श्रम विभाग द्वारा वहन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से कार्यक्रम के दौरान निर्माण श्रमिकों एवं उनके बच्चों ने मिलकर योजना का शुभारंभ पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना से अब हम अपने बच्चों के भविष्य को लेकर निश्चिंत हो गए हैं। इस योजना के माध्यम से बच्चों को अच्छी शिक्षा और भविष्य सँवारने का सुनहरा अवसर मिल गया है। हमारे लिए यह एक सपना था, जो अब पूरा हो गया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने श्रमिकों से चर्चा करते हुए कहा कि निर्माण श्रमिकों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह योजना लागू की गई है। योजना के तहत चालू वर्ष में 100 निर्माण श्रमिकों के बच्चों को 14 निजी आवासीय विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। इन विद्यालयों में सीबीएसई और आईसीएसई पाठ्यक्रम के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई कराई जाएगी।
श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज श्रम विभाग के सहयोग से श्रमिक परिवारों के 100 बच्चों का दाखिला प्रदेश के 14 निजी आवासीय विद्यालयों में कराया गया है। सरकार की सोच है कि श्रमिक का बच्चा केवल श्रमिक न रहकर अधिकारी बने और देश की सेवा करे। उन्होंने बताया कि श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों के बच्चों के लिए निःशुल्क कोचिंग योजना भी संचालित की जा रही है, जिसके निश्चित ही दूरगामी परिणाम सामने आएँगे।
श्रम मंत्री श्री देवांगन ने आगे कहा कि श्रम विभाग के अंतर्गत तीन मंडल संचालित हैं, जिनमें लगभग 70 से अधिक योजनाएँ चलाई जा रही हैं। राज्य सरकार द्वारा पिछले 20 माह में लगभग 600 करोड़ रुपये का लाभ श्रमिकों को डीबीटी के माध्यम से पहुँचाया गया है। उन्होंने योजना के तहत चयनित बच्चों को शुभकामनाएँ देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अध्यक्ष डॉ. रामप्रताप सिंह ने कहा कि श्रद्धेय अटल जी के संकल्पों को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सुशासन की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है। राज्य में लगभग 30 लाख से अधिक पंजीकृत श्रमिक हैं, जिनके बच्चे अच्छे विद्यालयों में नहीं पढ़ पाते थे। उनके लिए "अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना" किसी वरदान से कम नहीं है। इस योजना से श्रमिकों के बच्चों को बेहतर विद्यालयों में पढ़ने का अवसर मिलेगा। उन्होंने चयनित बच्चों एवं अभिभावकों को शुभकामनाएँ दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इस मौके पर श्रम विभाग के सचिव श्री हिम शिखर गुप्ता ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर संयुक्त सचिव श्रीमती फरिहा आलम, श्रम कल्याण मंडल के सचिव श्री गिरीश रामटेके सहित बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे एवं उनके अभिभावक उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत राज्य सरकार की 1.85 करोड़ रुपये की सब्सिडी का ऑनलाइन अंतरण
मुख्यमंत्री ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में व्यापक जागरूकता के लिए सूर्य रथ को दिखाई हरी झंडी
मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा जागरूकता और प्रोत्साहन अभियान में हुए शामिल, उत्कृष्ट वेंडरों को किया सम्मानित
रायपुर : प्रदेश में सौर ऊर्जा के उपभोक्ता अब केवल ऊर्जा उत्पादक ही नहीं, बल्कि ऊर्जा दाता भी बन रहे हैं। पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना जैसी महत्वाकांक्षी पहल के माध्यम से प्रदेश स्वच्छ ऊर्जा के लक्ष्य की प्राप्ति के संकल्प को तीव्र गति से पूर्ण करने की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित सौर ऊर्जा जागरूकता और प्रोत्साहन अभियान को संबोधित करते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर सौर ऊर्जा के फायदों, पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना और इसके अंतर्गत मिलने वाली सब्सिडी के विषय में लोगों को जानकारी देने और जागरूक करने के उद्देश्य से सूर्य रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। साथ ही मुख्यमंत्री ने 618 उपभोक्ताओं के खातों में प्रत्येक को 30 हजार रुपये की दर से कुल 1.85 करोड़ रुपये की राज्यांश सब्सिडी का ऑनलाइन अंतरण किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और लगातार बढ़ता प्रदूषण हम सभी के लिए गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2070 तक नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित किया है और छत्तीसगढ़ इस लक्ष्य की प्राप्ति में पूरे समर्पण और क्षमता के साथ अपनी भूमिका निभा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देते हुए हॉफ बिजली बिल से आगे बढ़ते हुए मुफ्त बिजली की ओर ले जाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने इसे हर्ष का विषय बताते हुए कहा कि प्रदेशवासी इस योजना के महत्व को समझते हुए स्वच्छ ऊर्जा अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आमजन से आग्रह किया कि वे अपने आसपास के लोगों को भी इस योजना से जोड़ें और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में प्रदेश को अग्रसर बनाने में योगदान दें।
मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर उपभोक्ताओं को सब्सिडी उपलब्ध करा रही हैं। साथ ही बैंकिंग व्यवस्था के माध्यम से आसान वित्तीय सुविधा भी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उपभोक्ताओं को पूर्ण रूप से मुफ्त बिजली का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत आज लाभार्थियों को लेटर ऑफ अवार्ड प्रदान किए गए हैं। इन योजनाओं से उपभोक्ता स्वयं सौर ऊर्जा का उत्पादन कर बिजली का विक्रय कर रहे हैं और साथ ही सस्ती बिजली का लाभ भी प्राप्त कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने सौभाग्य योजना के माध्यम से हर घर बिजली पहुँचाने का संकल्प लिया था। उस समय देश के 18 हजार गाँव अंधेरे में थे और आज उन सभी गाँवों तक बिजली पहुँच चुकी है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अब देश स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ में बिजली उत्पादन क्षमता केवल 1,400 मेगावाट थी, जबकि आज प्रदेश 30,000 मेगावाट का उत्पादन कर रहा है और पड़ोसी राज्यों को भी बिजली उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने बताया कि नई उद्योग नीति के अंतर्गत ऊर्जा क्षेत्र में 3.50 लाख करोड़ रुपये के एमओयू संपादित हुए हैं और आने वाले समय में प्रदेश की ऊर्जा उत्पादन क्षमता और भी बढ़ जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनेगा। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का लाभ उठाएँ और स्वच्छ ऊर्जा के लक्ष्य की प्राप्ति में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाएँ।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के समक्ष राजनांदगांव से आए कक्षा 12वीं के छात्र श्री प्रथम सोनी ने सौर ऊर्जा की विशेषताओं और शासन द्वारा इसे बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर अपने विचार रखे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘इम्पैक्ट ऑफ डिस्ट्रीब्यूटेड रिन्यूएबल एनर्जी ऑन ग्रिड स्टेबिलिटी’ तथा ‘एग्रीवोल्टाइक्स परफार्मर हैण्डबुक’ का भी विमोचन किया।
इस अवसर पर पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के क्रियान्वयन में विशेष भूमिका निभाने वाले उत्कृष्ट वेंडरों को भी सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में विधायक श्री मोतीलाल साहू, विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, क्रेडा के चेयरमैन श्री भूपेंद्र सवन्नी, ऊर्जा विभाग के सचिव डॉ. रोहित यादव, क्रेडा के सीईओ श्री राजेश राणा, भारतीय सौर ऊर्जा महासंघ के अध्यक्ष श्री सुमन कुमार, तीनों पॉवर कंपनी के प्रबंध निदेशक सहित बड़ी संख्या में सौर ऊर्जा के उपभोक्ता उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सुपोषण, महतारी वंदन योजना सहित राज्य सरकार के प्रयासों की यूनिसेफ इंडिया ने की सराहना
मुख्यमंत्री से यूनिसेफ इंडिया के प्रतिनिधिमंडल ने की सौजन्य भेंट
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से आज मंत्रालय महानदी भवन में यूनिसेफ इंडिया के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने विकसित छत्तीसगढ़ बनाने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की और यूनिसेफ की ओर से तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता जताई।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने यूनिसेफ इंडिया के सहयोग का स्वागत करते हुए कहा कि यूनिसेफ द्वारा विश्वभर में जनकल्याण हेतु विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यूनिसेफ की तकनीकी विशेषज्ञता का लाभ छत्तीसगढ़ को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने अंजोर विजन 2047 दस्तावेज़ के अंतर्गत सरकार की प्राथमिकताओं को प्रतिनिधिमंडल के साथ साझा किया।
मुख्यमंत्री को यूनिसेफ के प्रतिनिधिमंडल ने छत्तीसगढ़ में यूनिसेफ द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रगति से अवगत कराया। यूनिसेफ इंडिया की फील्ड सर्विसेज प्रमुख सुश्री सोलेदाद हेरेरो ने राज्य की पोषण संबंधी पहल और "विकसित छत्तीसगढ़" निर्माण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की।
सुश्री हेरेरो ने कहा कि महतारी वंदन योजना महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने बताया कि यूनिसेफ छत्तीसगढ़ में हमर स्वस्थ लइका कार्यक्रम में भी सहयोग प्रदान कर रहा है, जिसके अत्यंत सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। इस पहल को मध्यप्रदेश, राजस्थान और ओडिशा जैसे अन्य राज्यों द्वारा भी अपनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने यूनिसेफ इंडिया द्वारा छत्तीसगढ़ में किए जा रहे योगदान की सराहना की और भविष्य में भी अंजोर विजन 2047 के लक्ष्यों को केंद्र में रखते हुए विभिन्न क्षेत्रों में तकनीकी सहयोग की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक विकसित भारत बनाने का आह्वान किया है। उसी कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार भी विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए संकल्पित है और इसके लिए अंजोर विजन 2047 दस्तावेज़ तैयार किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अंजोर विजन 2047 के तहत आदिवासी समुदाय, विशेषकर विशेष पिछड़ी जनजातियों (पीवीटीजी) का उत्थान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। शिशु मृत्यु दर, कुपोषण सहित स्वास्थ्य एवं पोषण के सूचकांकों को बेहतर बनाने में यूनिसेफ का सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। मुख्यमंत्री ने किशोरियों के सशक्तिकरण के लिए बेहतर स्वास्थ्य एवं शिक्षा के महत्व पर भी चर्चा की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी, स्वास्थ्य सचिव श्री अमित कटारिया, यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के प्रमुख श्री विलियम हैनलॉन जूनियर तथा डॉ. बाल परितोष दास भी उपस्थित रहे।

.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)


.jpg)

.jpg)
.jpg)

.jpg)

.jpg)
.jpg)

.jpg)

.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)

.jpg)
