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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
पारंपरिक-आधुनिक कृषि यंत्रों, लोक वेशभूषाओं की आकर्षक प्रदर्शनी
मुख्यमंत्री ने सराहा, बोले-हरेली प्रकृति के प्रति सम्मान का तिहार
रायपुर : छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक अस्मिता और कृषि परंपराओं का प्रतीक हरेली तिहार इस वर्ष मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निवास परिसर में अत्यंत हर्षाेल्लास और गरिमा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर राज्य की समृद्ध विरासत, पारंपरिक कृषि यंत्रों, लोक परिधानों, खानपान और आधुनिक कृषि तकनीकों का समन्वय एक अद्भुत नजारे के रूप में सामने आया। कार्यक्रम स्थल को पारंपरिक छत्तीसगढ़ी रंग-रूप में सजाया गया था, जहां ग्रामीण परिधान पहने अतिथि, कलाकार और आमजन लोक संस्कृति में रमे हुए नजर आए।
हरेली उत्सव के दौरान मुख्यमंत्री निवास में परम्परागत और आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदर्शनी स्थल का भ्रमण कर विभिन्न पारंपरिक यंत्रों और वस्तुओं का अवलोकन किया। प्रदर्शनी में काठा, खुमरी, झांपी, कांसी की डोरी और तुतारी जैसे ऐतिहासिक कृषि उपकरणों को प्रदर्शित किया गया। कृषि विभाग द्वारा आयोजित आधुनिक कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी, जिसमें नांगर, कुदाली, फावड़ा, रोटावेटर, बीज ड्रिल, पावर टिलर और स्प्रेयर जैसे यंत्रों का प्रदर्शन किया गया। ‘काठा’ वह परंपरागत मापक है जिससे पुराने समय में धान तौला जाता था; ‘खुमरी’ बांस और कौड़ियों से बनी छांव प्रदान करने वाली टोपी है; ‘झांपी’ शादी-ब्याह में उपयोग होने वाली वस्तुएं रखने की बांस से बनी पेटी; ‘कांसी की डोरी’ खाट बुनने में काम आती है और ‘तुतारी’ पशुओं को संभालने में उपयोग होती है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी कहा कि हरेली तिहार केवल पर्व नहीं, बल्कि यह हमारे कृषि जीवन, पशुधन और प्रकृति के प्रति सम्मान का प्रतीक है। इस अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी किसानों, युवाओं और आमजनों के लिए ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक रही। मुख्यमंत्री ने इन उपकरणों की जानकारी लेकर कृषि तकनीकी प्रगति की सराहना की और कहा कि छत्तीसगढ़ की खेती परंपरा और तकनीक के समन्वय से और भी अधिक लाभकारी और टिकाऊ बनेगी। किसानों को नई तकनीकों की जानकारी देकर हम राज्य की कृषि उत्पादकता को ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आम नागरिक, किसान, छात्र और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। इस आयोजन ने छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति और कृषि नवाचार के अद्वितीय संगम को सजीव रूप में प्रस्तुत किया, जो राज्य की समृद्ध परंपरा और विकासशील सोच का प्रतीक है। -
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भगवान भोले की कृपा बनी रहे और हमारा देश व छत्तीसगढ़ सतत् रूप से विकास, शांति और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ता रहे : मुख्यमंत्री
रायपुर : सावन मास के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने अपनी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय के साथ आज बगिया स्थित श्री फलेश्वरनाथ महादेव मंदिर पहुंचकर पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की मंगलकामना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सुप्रसिद्ध कथा वाचिका किशोरी राजकुमारी तिवारी द्वारा किए जा रहे शिव महापुराण कथा का श्रवण भी किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान भोलेनाथ की कृपा सभी पर बनी रहे और हमारा देश और छत्तीसगढ़ सतत् रूप से विकास, शांति और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ता रहे। उन्होंने कहा कि भगवान श्री भोलेनाथ के आशीर्वाद से छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के कल्याण के लिए समर्पित होकर कार्य कर रही है। हमारी सरकार की नई उद्योग नीति से आकर्षित होकर बीते छह से आठ महीनों में लगभग साढ़े छह लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। राज्य सरकार ने युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों के अवसर सृजित किए हैं।
इस अवसर पर फलेश्वरनाथ महादेव मंदिर परिसर में आयोजित 01 लाख 108 पार्थिव शिवलिंग निर्माण एवं विशेष पूजन अनुष्ठान श्रद्धा, आस्था और शास्त्रोक्त विधि-विधान के साथ संपन्न हुआ। यह आयोजन 22 जुलाई से प्रारंभ हुआ था और इसका समापन आज 24 जुलाई को विधिपूर्वक किया गया। पूरे आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं। भक्तगण पूर्ण श्रद्धा, निष्ठा और भक्ति भाव से पार्थिव शिवलिंग निर्माण में सहभागी रहे। पूजन एवं अनुष्ठान का आयोजन प्रतिष्ठित विद्वान पंडितों द्वारा शास्त्र सम्मत विधियों के अनुसार किया गया, जिससे वातावरण भक्तिमय और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण हो उठा। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, कमिश्नर श्री नरेंद्र दुग्गा, आईजी श्री दीपक कुमार झा, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, पुलिस अधीक्षक श्री शशिमोहन सिंह, जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार, जनप्रतिनिधिगण और भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बच्चों के समुचित विकास के लिए महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग समन्वय के साथ करें कार्य
अगली कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में महिलाओं और बच्चों के लिए संचालित योजनाओं की होगी गहन समीक्षा
बच्चों से जुड़ी योजनाओं का हो शत-प्रतिशत गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन
महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं की जिला स्तर पर नियमित समीक्षा करें कलेक्टर
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि नौनिहालों के पोषण और उनको सुरक्षित और उज्ज्वल भविष्य प्रदान करने के लिए राज्य सरकार पूर्णतः प्रतिबद्ध है। बच्चों के समुचित विकास हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग को आपसी समन्वय के साथ मिलकर कार्य करना होगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं की प्रगति एवं क्रियान्वयन की उच्च स्तरीय समीक्षा की और अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों पर केंद्रित योजनाओं की जिलेवार नियमित मॉनिटरिंग सचिव स्तर से की जाए तथा आगामी कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में इसकी गहन समीक्षा की जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की आधारभूत संरचना, बजट और संचालित योजनाओं की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि विभाग बच्चों, किशोरियों और महिलाओं के पोषण एवं सुरक्षा के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने यह भी कहा कि छोटे बच्चों की देखभाल और पोषण जितनी संवेदनशीलता और कुशलता से की जाएगी, उनका शारीरिक और मानसिक विकास उतना ही प्रभावी और सुदृढ़ होगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बच्चे हमारे देश के भविष्य की नींव हैं और इस नींव को मजबूत करने के लिए सभी की सहभागिता आवश्यक है। उन्होंने विभागीय अमले को जमीनी स्तर पर सक्रियता और स्वप्रेरणा के साथ कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह सुनिश्चित करने पर बल दिया कि राज्य के प्रत्येक बच्चे को पूरक पोषण आहार और विभागीय योजनाओं का समुचित लाभ प्राप्त हो।
उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित किए जाने वाले पोषण आहार, गर्म भोजन, उसकी मात्रा, गुणवत्ता और कैलोरी मानकों सहित विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की और वितरण की प्रक्रिया की निरंतर निगरानी की आवश्यकता बताई।
मुख्यमंत्री श्री साय ने पीएम जनमन योजना अंतर्गत संचालित 197 आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन की जानकारी ली तथा विशेष पिछड़ी जनजाति (PVTG) समुदाय के बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बच्चों के पोषण से संबंधित महत्वपूर्ण सूचकांकों की समीक्षा करते हुए अपेक्षित सुधार लाने हेतु ठोस प्रयास करने की बात कही। उन्होंने कहा कि सूचकांकों के माध्यम से वास्तविक स्थिति का आंकलन संभव होता है, और जहां भी कमी दिखाई दे, वहां त्वरित सुधारात्मक कदम उठाए जाएं।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में बेहतर प्रदर्शन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि यह प्रगति इसी प्रकार सतत बनी रहे। उन्होंने कहा कि बच्चों के मानसिक विकास पर छोटी-छोटी बातों और व्यवहार का गहरा प्रभाव पड़ता है, इसलिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संवेदनशीलता के साथ बच्चों से भावनात्मक जुड़ाव बनाएं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने विभागीय अमले के नियमित प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा, ताकि वे तकनीकी रूप से दक्ष और अनुसंधानपरक दृष्टिकोण के साथ परिणामोन्मुखी कार्य कर सकें।
बैठक में बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, सखी वन स्टॉप सेंटर, शक्ति सदन, महिला एवं चाइल्ड हेल्पलाइन, महिला कोष, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, मिशन वात्सल्य तथा अन्य योजनाओं की भी समीक्षा की गई।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, श्री राहुल भगत, महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी, संचालक श्री पी. एस. एल्मा सहित विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे। -
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’नौनिहालों के पोषण के साथ ही सुरक्षित और सुनहरा भविष्य देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध रू मुख्यमंत्री श्री साय’
’बच्चों के समुचित विकास के लिए महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग समन्वय के साथ करें कार्य’
’अगली कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में महिलाओं और बच्चों के लिए संचालित योजनाओं की होगी गहन समीक्षा’
’महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं की जिला स्तर पर नियमित समीक्षा करें कलेक्टर’
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि नौनिहालों के पोषण और उनको सुरक्षित और उज्ज्वल भविष्य प्रदान करने के लिए राज्य सरकार पूर्णतः प्रतिबद्ध है। बच्चों के समुचित विकास हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग को आपसी समन्वय के साथ मिलकर कार्य करना होगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं की प्रगति एवं क्रियान्वयन की उच्च स्तरीय समीक्षा की और अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों पर केंद्रित योजनाओं की जिलेवार नियमित मॉनिटरिंग सचिव स्तर से की जाए तथा आगामी कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में इसकी गहन समीक्षा की जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की आधारभूत संरचनाए बजट और संचालित योजनाओं की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि विभाग बच्चोंए किशोरियों और महिलाओं के पोषण एवं सुरक्षा के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने यह भी कहा कि छोटे बच्चों की देखभाल और पोषण जितनी संवेदनशीलता और कुशलता से की जाएगीए उनका शारीरिक और मानसिक विकास उतना ही प्रभावी और सुदृढ़ होगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बच्चे हमारे देश के भविष्य की नींव हैं और इस नींव को मजबूत करने के लिए सभी की सहभागिता आवश्यक है। उन्होंने विभागीय अमले को जमीनी स्तर पर सक्रियता और स्वप्रेरणा के साथ कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह सुनिश्चित करने पर बल दिया कि राज्य के प्रत्येक बच्चे को पूरक पोषण आहार और विभागीय योजनाओं का समुचित लाभ प्राप्त हो। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित किए जाने वाले पोषण आहारए गर्म भोजनए उसकी मात्राए गुणवत्ता और कैलोरी मानकों सहित विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की और वितरण की प्रक्रिया की निरंतर निगरानी की आवश्यकता बताई।
मुख्यमंत्री श्री साय ने पीएम जनमन योजना अंतर्गत संचालित 197 आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन की जानकारी ली तथा विशेष पिछड़ी जनजाति ;च्टज्ळद्ध समुदाय के बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बच्चों के पोषण से संबंधित महत्वपूर्ण सूचकांकों की समीक्षा करते हुए अपेक्षित सुधार लाने हेतु ठोस प्रयास करने की बात कही। उन्होंने कहा कि सूचकांकों के माध्यम से वास्तविक स्थिति का आंकलन संभव होता हैए और जहां भी कमी दिखाई देए वहां त्वरित सुधारात्मक कदम उठाए जाएं।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में बेहतर प्रदर्शन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि यह प्रगति इसी प्रकार सतत बनी रहे। उन्होंने कहा कि बच्चों के मानसिक विकास पर छोटी.छोटी बातों और व्यवहार का गहरा प्रभाव पड़ता हैए इसलिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संवेदनशीलता के साथ बच्चों से भावनात्मक जुड़ाव बनाएं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने विभागीय अमले के नियमित प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहाए ताकि वे तकनीकी रूप से दक्ष और अनुसंधानपरक दृष्टिकोण के साथ परिणामोन्मुखी कार्य कर सकें।
बैठक में बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियानए मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनाए सखी वन स्टॉप सेंटरए शक्ति सदनए महिला एवं चाइल्ड हेल्पलाइनए महिला कोषए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओए मिशन वात्सल्य तथा अन्य योजनाओं की भी समीक्षा की गई।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़ेए मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैनए मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंहए मुख्यमंत्री के सचिव श्री पीण् दयानंदए श्री राहुल भगतए महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव श्रीमती शम्मी आबिदीए संचालक श्री पीण् एसण् एल्मा सहित विभाग के अधिकारी.कर्मचारी उपस्थित थे। -
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कृषि यंत्रों का पूजन, गेड़ी नृत्य, सावन झूला और रामायण पाठ जैसे विविध आयोजन होंगे आकर्षण का केंद्र
रायपुर : छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक आत्मा और कृषि परंपरा से जुड़ा प्रमुख लोकपर्व हरेली तिहार इस वर्ष 24 जुलाई को मुख्यमंत्री निवास में पारंपरिक और उल्लासपूर्ण रूप से मनाया जाएगा। छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित इस विशेष आयोजन में लोकजीवन की विविध रंगतें, सांस्कृतिक विरासत और किसानों के प्रति सम्मान का भाव सजीव रूप में प्रकट होगा। हरेली त्यौहार के आयोजन के लिए मुख्यमंत्री निवास परिसर को छत्तीसगढ़ी लोकसंस्कृति के रंगों से सजाया गया है। पारंपरिक तोरण, हरियाली से सजे द्वार और ग्रामीण शिल्प कला से समृद्ध इस वातावरण में हरेली की वास्तविक आत्मा को अनुभव किया जा सकेगा।
आयोजन में छत्तीसगढ़ के विविध अंचलों से आए लोक कलाकारों द्वारा गेड़ी नृत्य, राउत नाचा आदि लोकनृत्यों की प्रस्तुतियाँ दी जाएँगी। सावन की फुहारों के बीच सावन झूला और सवनाही रामायण पाठ दर्शकों के आकर्षण का केंद्र होंगे। यह कार्यक्रम ना केवल एक सांस्कृतिक आयोजन होगा, बल्कि यह प्रदेश की लोकभावना और पारंपरिक धरोहर का जीवंत उत्सव भी होगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय इस आयोजन में शामिल होकर कृषि यंत्रों एवं औजारों की पूजा करेंगे, जो हरेली पर्व की मुख्य परंपरा रही है। पारंपरिक से लेकर आधुनिक यंत्रों की एक विस्तृत प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, जिससे नई पीढ़ी को छत्तीसगढ़ की कृषि परंपराओं और यांत्रिकी प्रगति से परिचय मिलेगा।
कार्यक्रम में बच्चों के लिए परंपरागत खेल और लोककला प्रदर्शनी भी आयोजित की जा रही हैं। हरेली तिहार को इस बार केवल एक त्योहार नहीं बल्कि पर्यावरण, परंपरा और प्रगति के मिलन के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों को हरेली की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि हरेली पर्व केवल खेती और हरियाली का नहीं, बल्कि हमारे लोकजीवन, परंपरा और प्रकृति के साथ सहअस्तित्व का उत्सव है। हमारी सरकार इस सांस्कृतिक विरासत को नई पीढ़ी तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
हरेली तिहार के अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में होने वाला यह आयोजन छत्तीसगढ़ के ग्रामीण लोकसंस्कृति को न केवल संरक्षित करने की दिशा में एक प्रयास है, बल्कि उसे सार्वजनिक जीवन के केंद्र में लाने की प्रेरक पहल भी है। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने स्वतंत्रता संग्राम के महानायक लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और अमर क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की जयंती (23 जुलाई) के अवसर पर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन किया है। उन्होंने कहा कि देश की आज़ादी के लिए इन दोनों महान स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान अविस्मरणीय है, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन मातृभूमि के लिए समर्पित कर दिया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि लोकमान्य तिलक ने "स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा" जैसे क्रांतिकारी उद्घोष के माध्यम से जनमानस में आज़ादी के लिए चेतना की ज्वाला प्रज्वलित की। उन्होंने सामाजिक समरसता के उद्देश्य से महाराष्ट्र में गणेश उत्सव की सार्वजनिक परंपरा की शुरुआत कर राष्ट्रीय एकता को एक नया सांस्कृतिक आधार प्रदान किया।
श्री साय ने चंद्रशेखर आजाद के अदम्य साहस और बलिदान को याद करते हुए कहा कि वे स्वतंत्रता संग्राम की ज्वलंत प्रेरणा हैं। आजाद ने अपना जीवन देश को समर्पित कर युवाओं में आत्मबल, साहस और राष्ट्रभक्ति की भावना को जाग्रत किया। उनका नाम ही देशभक्ति, अदम्य साहस और संकल्प का प्रतीक बन गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तिलक जी और आजाद जी का संघर्ष और बलिदान केवल इतिहास नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा के स्तंभ हैं। उनके विचार, आदर्श और राष्ट्रप्रेम आज भी हम सभी को देश की सेवा के लिए प्रेरित करते हैं। -
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डॉ कुशराममुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता शूटर श्री अभिनव बिंद्रा ने की मुलाकात
छत्तीसगढ़ में ओलंपिक वैल्यू एजुकेशन, स्पोर्ट्स इंजरी रिकवरी और स्पोर्ट्स साइंस डेवलपमेंट के लिए होगा कार्य
रायपुर : छत्तीसगढ़ की खेल प्रतिभाएं अब आकाश को छूएंगी। राज्य के खिलाड़ी प्रारंभिक स्तर से ही आधुनिक तकनीकों के माध्यम से दक्ष बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से आज उनके निवास कार्यालय में ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता शूटर श्री अभिनव बिंद्रा ने सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री श्री साय ने श्री बिंद्रा से छत्तीसगढ़ में ओलंपिक वैल्यू एजुकेशन, स्पोर्ट्स इंजरी रिकवरी एवं स्पोर्ट्स साइंस डेवलपमेंट के विषय में विस्तारपूर्वक चर्चा की।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने श्री बिंद्रा का पुष्पगुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर आत्मीय स्वागत किया। उन्होंने श्री बिंद्रा से छत्तीसगढ़ में खेल गतिविधियों के विकास एवं खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने संबंधी योजनाओं पर गहन चर्चा की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने चर्चा के दौरान कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ की खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने हेतु पूर्णतः प्रतिबद्ध है। प्रदेश के युवाओं में खेलों के प्रति स्वाभाविक रुचि एवं नैसर्गिक प्रतिभा है, विशेषकर आदिवासी अंचलों के युवाओं में अत्यधिक संभावनाएं हैं। इस परिप्रेक्ष्य में श्री बिंद्रा ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि वे छत्तीसगढ़ में ओलंपिक वैल्यू एजुकेशन, स्पोर्ट्स इंजरी रिकवरी और स्पोर्ट्स साइंस कार्यक्रम प्रारंभ करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि राज्य की खेल प्रतिभाओं को निखारने में ये प्रयास अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध होंगे।
चर्चा के दौरान श्री बिंद्रा ने बताया कि वे अभिनव बिंद्रा फाउंडेशन के माध्यम से देश के विभिन्न राज्यों में खिलाड़ियों को आगे लाने के लिए विविध कार्यक्रम संचालित कर रहे हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि फाउंडेशन द्वारा खेलहित में संचालित ये कार्यक्रम निःशुल्क होते हैं, जिससे खिलाड़ियों को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है। उन्होंने छत्तीसगढ़ में भी फाउंडेशन के माध्यम से ऐसे कार्यक्रम प्रारंभ किए जाने के सम्बन्ध में चर्चा की।
श्री बिंद्रा ने जानकारी दी कि ओलंपिक वैल्यू एजुकेशन कार्यक्रम के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के स्कूली बच्चों में ओलंपिक मूल्यों का विकास किया जाएगा। उन्हें उत्कृष्टता, सम्मान और मैत्री जैसे मूल्यों को अपनाने हेतु प्रेरित किया जाएगा, जिससे प्रारंभिक अवस्था से ही खेल प्रतिभाओं का संवर्धन संभव हो सकेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय को श्री बिंद्रा ने अवगत कराया कि स्पोर्ट्स इंजरी खिलाड़ियों के लिए एक बड़ी चुनौती है। स्पोर्ट्स इंजरी रिकवरी कार्यक्रम के अंतर्गत खिलाड़ियों को निःशुल्क सर्जरी, पुनर्वास एवं उपचार उपरांत देखभाल की संपूर्ण सुविधा प्रदान की जाएगी, ताकि वे स्वस्थ होकर पुनः खेल क्षेत्र में सक्रीय हो सकें। इस हेतु फाउंडेशन के साथ देश के 30 उत्कृष्ट चिकित्सकों का नेटवर्क कार्यरत है, जिसका लाभ छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को मिलेगा।
मुख्यमंत्री को श्री बिंद्रा ने बताया कि वर्तमान खेल परिदृश्य पूर्णतः विज्ञान-आधारित हो गया है। अतः वे छत्तीसगढ़ में स्पोर्ट्स साइंस कार्यक्रम प्रारंभ करना चाहते हैं, जिससे आधुनिक एवं वैज्ञानिक पद्धति से खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया जा सके। नवीनतम तकनीकों की सहायता से प्रतिभाओं की पहचान वैज्ञानिक तरीके से की जा सकेगी तथा टेक्नोलॉजी के माध्यम से उनके कौशल को समुचित रूप से विकसित किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को आवश्यक सभी सुविधाएं प्रदान कर रही है। विशेषकर आदिवासी क्षेत्रों के युवाओं में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि विशेष पिछड़ी जनजाति कोरवा समुदाय के युवाओं में तीरंदाजी का प्राकृतिक कौशल है। इस प्रतिभा को बढ़ावा देने हेतु रायपुर एवं जशपुर में एनटीपीसी के सहयोग से 60 करोड़ रुपये की लागत से आर्चरी अकादमी की स्थापना की जा रही है। इसी प्रकार बस्तर में आयोजित बस्तर ओलंपिक में 1.65 लाख से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया। राज्य सरकार द्वारा ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेता छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को 3 करोड़ रुपये, रजत पदक विजेता को 2 करोड़ रुपये एवं कांस्य पदक विजेता को 1 करोड़ रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में देने की घोषणा की गई है।
इस अवसर पर खेल मंत्री श्री टंकराम वर्मा, छत्तीसगढ़ युवा आयोग के अध्यक्ष श्री विश्वविजय सिंह तोमर, खेल विभाग के सचिव श्री यशवंत कुमार, संचालक श्रीमती तनुजा सलाम, डॉ. दिगपाल राणावत सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे। -
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समन्वित प्रयासों से निराश्रित पशुओं की समस्या का स्थायी समाधान आवश्यक : मुख्यमंत्री
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया कि सड़कों पर निराश्रित पशुओं की आवाजाही पर प्रभावी रोकथाम सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं की एक प्रमुख वजह निराश्रित मवेशी हैं, जिन्हें नियंत्रित करने के लिए सभी संबंधित विभागों को त्वरित, ठोस और समन्वित कार्य योजना के साथ आगे बढ़ना होगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने पशुधन विकास, नगरीय प्रशासन एवं विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास और लोक निर्माण विभाग को आपसी तालमेल के साथ जिम्मेदारी साझा करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह समस्या शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में गंभीर है और इसके समाधान में किसी प्रकार की ढिलाई स्वीकार्य नहीं होगी।
बैठक में मुख्यमंत्री श्री साय ने राज्य में संचालित गौशालाओं, गौठानों, कांजी हाउस एवं काउ-कैचर (Cow-Catcher) जैसी व्यवस्थाओं की स्थिति की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने इन संस्थानों की वर्तमान उपयोगिता, क्षमता और सुधार की संभावनाओं पर भी गहन चर्चा की और सुझाव माँगे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने विशेष रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे स्थित गांवों में पशुओं के प्रबंधन हेतु प्रभावी एवं व्यावहारिक मॉडल विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हाईवे पर पशुओं की उपस्थिति केवल यातायात में बाधा नहीं, बल्कि जानलेवा दुर्घटनाओं का कारण बनती है, अतः इस दिशा में प्राथमिकता के साथ कार्रवाई आवश्यक है।
बैठक में सड़क दुर्घटनाओं के मामलों और उनमें निराश्रित पशुओं की भूमिका की समीक्षा की गई। साथ ही, गोधन विकास से संबंधित प्रस्तावों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने निराश्रित एवं लावारिस गौवंश की देखभाल, चारे की उपलब्धता और उनके पुनर्वास के लिए सुनियोजित रणनीति अपनाने की बात कही।
नगरीय क्षेत्रों में सड़कों पर घूमने वाले पशुओं की रोकथाम के लिए काउ-कैचर की कार्यप्रणाली और उसके विस्तार पर भी विचार-विमर्श किया गया। कृषि एवं पशुधन विकास विभाग की सचिव श्रीमती शहला निगार ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से प्रदेशभर की गौठानों, गौशालाओं एवं पशुधन विकास योजनाओं की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया।
बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री विशेषर सिंह पटेल, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद एवं श्री राहुल भगत, नगरीय प्रशासन विभाग एवं मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजु एस. तथा लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। -
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18,215 करोड़ रुपये लागत की 37 सड़क परियोजनाओं पर चल रहा काम
राष्ट्रीय राजमार्गों के उन्नयन के लिए 5353 करोड़ रुपए मंजूर
रायपुर-विशाखापट्टनम और रायपुर-धनबाद आर्थिक गलियारे हो रहें तैयार
रायपुर : छत्तीसगढ़ में सड़क नेटवर्क का तेजी से विस्तार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए राज्य में दो इकोनॉमिक कॉरिडोर सहित राज्य के दूरस्थ एवं पिछड़े क्षेत्रों में सड़कों का मजबूत नेटवर्क बनाने का काम शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ में औद्योगिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने का भी निर्णय लिया गया है।
छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के लिए वर्तमान में कुल 18,215 करोड़ रुपये लागत की 37 परियोजनाओं पर काम चल रहा है। राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास हेतु 11 विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही हैं, इन सड़कों की लंबाई 1131 किलोमीटर होगी, जिनकी कुल लागत 24,693 करोड़ रुपये है। राष्ट्रीय राजमार्गों के उन्नयन के लिए भारत सरकार द्वारा कुल 5353 करोड़ रुपये की लागत वाली 18 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है,जिसके सम्पूर्ण होने से राज्य के विकास को एक नयी गति मिलेगी। राज्य में वर्ष 2014 से 2025 तक 840 किलोमीटर लंबाई के सिंगल-मध्यवर्ती लेन राष्ट्रीय राजमार्ग को 2 या अधिक लेन में उन्नत किया गया है। राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के लिए 2014 से 2025 तक 21,380 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
राष्ट्रीय राजमार्गों के अलावा, भारत सरकार ने 2014 से 2025 तक केंद्रीय सड़क और सी.आर.आई.एफ. और इकनोमिक इंपोर्टेंस एवं इंटर स्टेट कनेक्टिविटी के तहत राज्य की सड़कों के विकास के लिए कुल 3826 करोड़ रुपये की लागत के 70 कार्यों को मंजूरी दी है। रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, बस्तर और सरगुजा जैसे क्षेत्रों में राजमार्गों के नेटवर्क को और मजबूत किया जा रहा है। रायपुर एवं दुर्ग शहर के नागरिकों को सघन एवं भारी यातयात से राहत पहुंचाने हेतु 2 पैकेजों में 92 किलोमीटर लंबाई वाला 6 लेन का रायपुर-दुर्ग बाईपास का भी निर्माण कराया जा रहा है, जिसकी लागत 2289 करोड़ रूपए है।
दो आर्थिक गलियारे
विशाखापट्टनम के पोर्ट के माध्यम से छत्तीसगढ़ के उत्पादों को वैश्विक बाजार मिलेगा, साथ ही रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे। रायपुर-विशाखापट्टनम इकोनॉमिक कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है, इस 6 लेन सड़क की लंबाई के 124 किलोमीटर होगी। इस मार्ग के लिए 4146 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है तथा निर्माण कार्य प्रगति पर है। रायपुर एवं बिलासपुर को झारखण्ड की औद्योगिक नगरी रांची और धनबाद से जोड़ने के लिए 4 लेन सड़क का बिलासपुर-उरगा-पत्थलगाँव का निर्माण कराया जा रहा है, जिसकी लंबाई 157 किलोमीटर और लागत 4007 करोड़ रुपये है।
एल डब्ल्यू ई और जनमन योजना
भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद की समस्या को समाप्त करने के लिए 2014 से 2025 तक लेफ्ट विंग एक्सट्रिमिस्म (एल. डब्लू. ई) योजना के अंतर्गत महत्वपूर्ण सड़कों के विकास के लिए 2625 करोड़ रुपये की राशि व्यय की है। इसी प्रकार विशेष पिछड़ी जनजातीय समूह के विकास हेतु पीएम-जनमन योजना में राज्य को 715 सड़कें, 2449 किमी. एवं 1699 करोड़ की स्वीकृति दी गई है। इन सड़कों से 775 विशेष पिछड़ी जनजातीय बसाहटें लाभान्वित होगी। भारत सरकार द्वारा देश में राज्यों को 4831 किमी. लम्बाई की स्वीकृति में से राज्य को 2449 किमी. लम्बाई की स्वीकृति दी गई है, जो कि कुल स्वीकृति का 51 प्रतिशत है।
राष्ट्रीय राजमार्गों के आस-पास औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कोरबा-बिलासपुर इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर के निर्माण का निर्णय लिया गया है। उरगा-कटघोरा बाईपास बसना से सारंगढ़ (माणिकपुर) फीडर रूट, सारंगढ़ से रायगढ़ फीडर रूट और रायपुर-लखनादोन आर्थिक गलियारा परियोजनाओं की कुल लंबाई 236.1 किलोमीटर है, जिसके लिए भारत सरकार ने कुल 9208 करोड़ स्वीकृत किया है। केन्द्रीय सड़क निधि से सड़कों के निर्माण के लिए 908 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी गई है। -
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पात्र परिवारों को प्राथमिकता क्रम के अनुसार मिलेगा आवास
हितग्राहियों को चिंतित अथवा व्यग्र होने की जरूरत नहीं
पीएम आवास योजना के सर्वे सूची 2.0 में है शामिल करण सोनवानी का नाम
रायपुर : जिला प्रशासन, धमतरी का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत आवास प्लस सर्वे सूची 2.0 में शामिल हितग्राही परिवारों को सत्यापन के उपरांत नियमानुसार आवास की स्वीकृति दी जाएगी। सर्वे सूची में शामिल हितग्राही परिवार के सदस्यों को इस बात को लेकर न तो चिंता करने की जरूरत है और न ही व्यग्र होने की जरूरत है। कलेक्टोरेट परिसर धमतरी में आज पीएम आवास स्वीकृति के मामले में बिलंब को लेकर ग्राम डोमा के करण सोनवानी द्वारा आत्मदाह किए जाने के प्रयासों को लेकर जिला प्रशासन ने यह बात कही है।
गौरतलब है कि करण सोनवानी का नाम पीएम आवास योजना (ग्रामीण) आवास प्लस 2.0 की सर्वे सूची की आईडी 93358481 में दर्ज है, परंतु युवक करण सोनवानी द्वारा चेकर साफ्टवेयर में अपना नाम चेक करने पर भ्रम की स्थिति निर्मित हुई, जिसके कारण उसके द्वारा आत्मदाह का प्रयास किया गया, जिसे कलेक्टोरेट परिसर में तैनात सुरक्षाकर्मी द्वारा तत्परता से रोककर विफल कर दिया गया। जिला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि चेकर साफ्टवेयर रेंडमली चेक करता है, जिसके कारण युवक के मन में भ्रम की स्थिति निर्मित हुई।
कलेक्टर धमतरी श्री अविनाश मिश्रा ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के आवास प्लस सर्वे 2.0 की सूची में शामिल हितग्राहियों का सत्यापन किया जा रहा है। यह कार्य 31 जुलाई 2025 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। सत्यापन उपरांत पात्र परिवारों को नियम प्रक्रिया के तहत आवास की मंजूरी दी जाएगी।
कलेक्टर ने कहा कि आमजन की समस्याओं एवं शिकायतों के निदान तथा शासकीय कार्यक्रमों एवं हितग्राही मूलक योजनाओं के क्रियान्वयन एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन धमतरी द्वारा जनदर्शन डेस्क शुरू किया गया है। जहां लोग अपनी समस्याओं को सोमवार से शुक्रवार कार्य दिवस में अधिकारियों के समक्ष सीधे रख सकते हैं।
जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रोमा श्रीवास्तव ने बताया है कि योजना के तहत धमतरी जिले में 84,439 हितग्राही परिवारों का सर्वे किया गया है, जिसमें से 26 हजार 923 हितग्राहियों का सत्यापन कार्य प्रगति पर है। हितग्राही परिवारों के सत्यापन का कार्य पूरा होने के बाद पात्र हितग्राही परिवारों को नियमानुसार प्राथमिकता क्रम के अनुसार आवास की स्वीकृति दी जाएगी। -
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रजक समाज की भूमिका सनातन परंपराओं की निरंतरता में अत्यंत महत्वपूर्ण - मुख्यमंत्री
रायपुर : शिक्षा ही वह साधन है, जिसके माध्यम से व्यक्ति अपने लक्ष्यों की प्राप्ति कर सकता है और अपने सपनों को साकार कर सकता है। शिक्षा से ही रोजगार के अवसर सृजित होते हैं। व्यक्तिगत और सामाजिक विकास के लिए शिक्षा अत्यंत आवश्यक है। "सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास” हमारी सरकार का मूलमंत्र है। वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के राष्ट्रीय संकल्प में छत्तीसगढ़ की महत्त्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित है। हमने राष्ट्रीय विजन के अनुरूप छत्तीसगढ़ विजन डॉक्युमेंट भी जारी किया है, और उसके प्रत्येक बिंदु को धरातल पर उतारने की दिशा में निरंतर कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बिलासपुर के सिम्स ऑडिटोरियम में आयोजित रजक युवा गाडगे सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री श्री साय ने संत गाडगे महाराज की पूजा-अर्चना कर राज्य स्तरीय गाडगे सम्मेलन का शुभारंभ किया। उन्होंने सम्मेलन में रजक समाज के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं, प्रबुद्धजनों एवं समाजसेवियों को शाल एवं श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने उद्बोधन में कहा कि रजक समाज का सामाजिक समरसता और सेवा भाव हमेशा से अनुकरणीय रहा है।छत्तीसगढ़ के प्रत्येक गांव में इस समाज की उपस्थिति है, और शादी-विवाह, छठ्ठी सहित अन्य सनातन परंपराएं इनके सहयोग के बिना पूर्ण नहीं होतीं। इनके पुश्तैनी व्यवसाय के सशक्तिकरण हेतु राज्य सरकार ने रजककार विकास बोर्ड का गठन किया है, जिसके माध्यम से उन्हें किफायती दर पर ऋण सुविधा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि समाज के युवाओं को उन्नति के नए आयाम तक पहुँचाने के लिए राज्य सरकार पूर्णतः प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि भ्रष्टाचार पर नियंत्रण और सुशासन की स्थापना के लिए राज्य सरकार ने सुशासन एवं अभिसरण विभाग का गठन किया है। आज अधिकांश सेवाएं ऑनलाइन मोड में संचालित की जा रही हैं, जिससे पारदर्शिता बढ़ी है और भ्रष्टाचार की गुंजाइश समाप्त हुई है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की प्रत्येक गारंटी को वचनबद्धता के साथ पूर्ण कर रही है। हमने 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदी की है। महतारी वंदन योजना के अंतर्गत 70 लाख महिलाओं को प्रति माह एक-एक हजार रुपये प्रदान किए जा रहे हैं। तेन्दूपत्ता की खरीदी 5500 रुपये प्रति मानक बोरा की दर से की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि नई औद्योगिक नीति के माध्यम से महिलाओं, अनुसूचित जातियों, जनजातियों एवं दिव्यांगजनों को रोजगार एवं उद्योग स्थापित करने हेतु विशेष प्राथमिकता दी जा रही है। नई उद्योग नीति से आकर्षित होकर बीते छह से आठ महीनों में लगभग साढ़े छह लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। राज्य सरकार ने युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों के अवसर सृजित किए हैं। डेढ़ वर्षों में लगभग 10 हजार सरकारी नौकरियाँ प्रदान की गई हैं। पाँच हजार शिक्षकों की भर्ती हेतु शीघ्र ही विज्ञापन जारी किया जाएगा। साथ ही, स्वरोजगार के लिए भी सकारात्मक वातावरण तैयार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने उद्बोधन के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से हमें अलग छत्तीसगढ़ राज्य मिला। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के 15 वर्षों के कार्यकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से राज्य को भुखमरी की समस्या से मुक्ति मिली और जनकल्याणकारी योजनाओं का विस्तार हुआ।
सम्मेलन की अध्यक्षता रजककार विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री प्रहलाद रजक ने की। कार्यक्रम का संचालन सुप्रसिद्ध लोकगायिका श्रीमती रजनी रजक द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विधायक श्री अमर अग्रवाल, श्री धरमलाल कौशिक, श्री धर्मजीत सिंह, श्री सुशांत शुक्ला, क्रेडा अध्यक्ष श्री भूपेन्द्र सवन्नी सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। -
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मुख्यमंत्री श्री साय वाको इंडिया राष्ट्रीय किक बॉक्सिंग चैम्पियनशिप 2025 के समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह में हुए शामिल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज देर शाम राजधानी रायपुर स्थित सरदार बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में आयोजित वाको इंडिया राष्ट्रीय किक बॉक्सिंग चैम्पियनशिप 2025 के समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह में सम्मिलित हुए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर देश के 28 राज्यों से आए लगभग 1200 प्रतिभागियों और 300 कोचों का भगवान श्रीराम की ननिहाल और माता कौशल्या की पावन धरती छत्तीसगढ़ में हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए कहा कि यह राज्य का सौभाग्य है कि वाको इंडिया राष्ट्रीय किक बॉक्सिंग फेडरेशन ने इस प्रतिष्ठित आयोजन के लिए छत्तीसगढ़ को चुना।
मुख्यमंत्री ने प्रतिभागियों को छत्तीसगढ़ राज्य की विशेषताओं से अवगत कराते हुए बताया कि यह देश के हृदयस्थल पर स्थित एक छोटा, परंतु अत्यंत समृद्ध प्रदेश है, जिसका 44 प्रतिशत भूभाग सुरम्य वनों से आच्छादित है। यहाँ 5,000 वर्ग किलोमीटर में फैला सघन अबूझमाड़ क्षेत्र है, जहाँ सूर्य की किरणें तक नहीं पहुँचतीं। राज्य में मनोरम जलप्रपात, सुंदर गुफाएँ, समृद्ध खनिज संपदा और सांस्कृतिक विविधता है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि केन्द्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह के संकल्प के अनुरूप छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद अब अपने अंतिम चरण में है। उन्होंने देशभर से आए खिलाड़ियों को आग्रहपूर्वक छत्तीसगढ़ घूमने का निमंत्रण भी दिया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि किक बॉक्सिंग जैसे खेल युवाओं में साहस, शक्ति और दृढ़ संकल्प का विकास करते हैं। उन्होंने कहा कि “यह आयोजन निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय खेल मानचित्र पर और अधिक सशक्त स्थान प्रदान करेगा।”
मुख्यमंत्री ने किक बॉक्सिंग एसोसिएशन ऑफ छत्तीसगढ़ को इस भव्य आयोजन के लिए साधुवाद देते हुए कहा कि खेल जीवन का अभिन्न अंग हैं, जो केवल शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि अनुशासन, आत्मविश्वास और समर्पण का भी पाठ सिखाते हैं।
उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे मेहनत, लगन और जुनून के साथ अपने लक्ष्यों की दिशा में निरंतर अग्रसर रहें। मुख्यमंत्री ने कहा, “जीत और हार जीवन का हिस्सा हैं, लेकिन असली लक्ष्य अपनी क्षमता को पहचानना और उसे निखारना होना चाहिए।”
मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संचालित खेलो इंडिया कार्यक्रम की सराहना करते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ के सभी 33 जिलों को इस योजना से जोड़ा गया है, ताकि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के खिलाड़ियों को समान अवसर प्राप्त हो सकें।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे के विकास, प्रशिक्षण एवं प्रोत्साहन योजनाओं पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने यह भी बताया कि ओलंपिक जैसे अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को 1 से 3 करोड़ रुपये तक की पुरस्कार राशि देने की योजना सरकार की प्रतिबद्धता का परिचायक है।
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना का उल्लेख करते हुए बताया कि इस योजना के तहत खेल मैदानों का उन्नयन, उच्च स्तरीय उपकरणों की व्यवस्था, खेल क्लबों को आर्थिक सहायता तथा पारंपरिक खेलों के आयोजन सुनिश्चित किए गए हैं।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने सभी प्रतिभागियों को प्रतिस्पर्धा में भागीदारी के लिए शुभकामनाएँ दीं और आशा जताई कि आगामी वर्षों में छत्तीसगढ़ देश में खेलों के क्षेत्र में नेतृत्वकारी भूमिका निभाएगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि किक बॉक्सिंग जैसे खेल विशेष रूप से बालिकाओं की आत्मरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने सभी स्कूली छात्र-छात्राओं से पढ़ाई के साथ-साथ खेलों को भी अपनी दिनचर्या में शामिल करने की अपील की। उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य में खेलों को हर स्तर पर प्रोत्साहन मिल रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में खेल अकादमियों और आधारभूत संरचनाओं का निर्माण भी तेजी से किया जा रहा है।
महापौर श्रीमती मीनल चौबे ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सभी खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इस अवसर पर वाको इंडिया राष्ट्रीय किक बॉक्सिंग फेडरेशन के अध्यक्ष श्री संतोष अग्रवाल, छत्तीसगढ़ किक बॉक्सिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री छगन मुंदड़ा, छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष श्री अमरजीत छाबड़ा, ऑब्जर्वर श्रीमती रेणु पारीख, श्री मुरली शर्मा, स्थानीय जनप्रतिनिधिगण एवं खेलप्रेमीजन उपस्थित रहे।
प्रतियोगिता में 22 स्वर्ण, 18 रजत एवं 26 कांस्य पदकों के साथ पंजाब ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। 21 स्वर्ण, 16 रजत एवं 29 कांस्य पदकों के साथ महाराष्ट्र द्वितीय और 12 स्वर्ण, 14 रजत एवं 15 कांस्य पदकों के साथ तमिलनाडु तृतीय स्थान पर रहा। इस चैम्पियनशिप में छत्तीसगढ़ ने 8 स्वर्ण, 13 रजत और 37 कांस्य पदक प्राप्त कर राष्ट्रीय स्तर पर छठवाँ स्थान अर्जित किया, जो राज्य के लिए गर्व का विषय है। इसके साथ ही असम रायफल्स को सर्वश्रेष्ठ अनुशासित टीम के रूप में सम्मानित किया गया। -
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स्वास्थ्य विभाग द्वारा दृष्टिहीनता को रोकने के लिए वृहद स्तर पर किया जा रहा है कार्य
विगत डेढ़ वर्षों में 1.80 लाख से अधिक सफल मोतियाबिंद ऑपरेशन संपन्न
नेत्रदान को लेकर बढ़ रही है जागरूकता, डेढ़ वर्षों में हुए 351 नेत्रदान
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा दृष्टिहीनता की रोकथाम हेतु वृहद स्तर पर कार्य किया जा रहा है। दृष्टिहीनता के प्रमुख कारणों में से एक मोतियाबिंद है, जो सामान्यतः एक आयुजन्य नेत्र रोग है। एक निश्चित आयु के पश्चात इसका होना सामान्य माना जाता है, किन्तु इसका ऑपरेशन कर दृष्टि पुनः प्राप्त की जा सकती है। इसके उपचार हेतु गुणवत्तापूर्ण निःशुल्क नेत्र ऑपरेशन की सुविधा राज्य के 25 जिला चिकित्सालयों एवं 10 चिकित्सा महाविद्यालयों सहित कुल 43 स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध है, जहाँ नियमित रूप से नेत्र ऑपरेशन किए जा रहे हैं।
राज्य में अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक 1,45,580 तथा अप्रैल 2025 से जून 2025 तक 27,245 मोतियाबिंद ऑपरेशन सफलतापूर्वक किए गए हैं। प्रदेश में भारत सरकार की महत्वाकांक्षी "राष्ट्रीय नेत्र ज्योति योजना" संचालित है, जिसके अंतर्गत सभी जिलों को ‘‘कैटरेक्ट ब्लाइंडनेस बैकलॉग फ्री स्टेटस’’ (सीबीबीएफएस) प्रदान किया जाना है। इस योजना के अंतर्गत दोनों आंखों में मोतियाबिंद से दृष्टिहीन रोगियों की पहचान कर प्राथमिकता के आधार पर ऑपरेशन द्वारा उन्हें दृष्टिहीनता से मुक्त किया जाता है।
अब तक राज्य के 11 जिलों — कबीरधाम, रायपुर, धमतरी, बलौदाबाजार, बालोद, दुर्ग, राजनांदगांव, खैरागढ़, रायगढ़, कोरबा एवं बस्तर — को दृष्टिहीनता मुक्त घोषित किए जाने हेतु दावा भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। वहीं कांकेर एवं बेमेतरा जिलों के दावों का सत्यापन कार्य प्रगति पर है, जिसके उपरांत प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जाएगा।
दृष्टिहीनता के एक अन्य प्रमुख कारण "ग्लॉकोमा" की भी पहचान और उपचार हेतु विभाग सजग है। यह आंख की एक जटिल बीमारी है, जिसकी प्रारंभिक अवस्था में रोगी को जानकारी नहीं होती और जब पता चलता है, तब तक दृष्टि का ह्रास हो चुका होता है। इसकी गई दृष्टि वापस नहीं लाई जा सकती। इसकी पहचान केवल नियमित नेत्र परीक्षण से ही संभव है। अतः 40 वर्ष की आयु के बाद प्रत्येक 6 माह में नेत्र परीक्षण कराने की सलाह दी जाती है। राज्य के सभी विकासखंड केन्द्रों में इसकी जांच की सुविधा उपलब्ध है।
कॉर्नियल दृष्टिहीनता की रोकथाम के लिए "कॉर्नियल दृष्टिहीनता मुक्त राज्य योजना" भी संचालित की जा रही है। इसके अंतर्गत सभी जिलों में कॉर्नियल दृष्टिहीन रोगियों की पहचान कर, नेत्र प्रत्यारोपण केन्द्रों से उनका सत्यापन कराते हुए नेत्र बैंक में पंजीयन कराया गया है। नेत्रदान प्राप्त होते ही प्राथमिकता के आधार पर इनका प्रत्यारोपण किया जाता है। जनजागरूकता के माध्यम से नेत्रदान को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक 263 और अप्रैल 2025 से जून 2025 तक 88 नेत्रदान संपन्न हुए हैं।
अन्य सामान्य नेत्र रोगों के उपचार की सुविधा राज्य के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क उपलब्ध है। सभी जिला चिकित्सालयों में निर्धारित दिवसों पर स्पेशल क्लीनिक आयोजित किए जाते हैं, जिनके अंतर्गत ग्लॉकोमा, रेटिना, डायबिटिक रेटिनोपैथी, पीडियाट्रिक ऑप्थैल्मोलॉजी सहित अन्य नेत्र रोगों का उपचार किया जाता है। अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक ऐसे 81,000 से अधिक तथा अप्रैल 2025 से जून 2025 तक 25,000 से अधिक रोगियों का उपचार किया गया है।
गुणवत्तापूर्ण नेत्र स्वास्थ्य सेवाएं, नियमित स्क्रीनिंग शिविर, आधुनिक उपकरणों से जांच तथा तत्काल सर्जरी की सुविधा के माध्यम से प्रदेशवासी निरंतर लाभान्वित हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग, छत्तीसगढ़ प्रदेश की जनता को बेहतर, प्रभावी और सुलभ नेत्र चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु पूर्णतः प्रतिबद्ध है। -
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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की विशेष पहल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की विशेष पहल से जशपुर जिले के कोतबा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को अब 50 बिस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उन्नयन और वहाँ आवश्यक अधोसंरचना निर्माण के लिए 4 करोड़ 37 लाख रुपए की स्वीकृति मिली है। इस राशि से भवन निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा।
कोतबा क्षेत्र के लिए यह एक बड़ी सौगात है। इससे पूर्व जशपुर जिले को 220 बिस्तर वाले आधुनिक अस्पताल की स्वीकृति मिल चुकी है, जो जिले की स्वास्थ्य सुविधा को एक नई मजबूती देगा। वहीं कुनकुरी विकास खंड के ग्राम गिना बहार में 8 करोड़ की लागत से 50 बिस्तरीय मातृत्व और शिशु अस्पताल बनाने की भी स्वीकृत दी जा चुकी है। जिससे मां और बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
कोतबा समेत आस-पास के ग्रामीण अंचलों के ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा की इससे कोतबा क्षेत्र के लोगों को इलाज की बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में जशपुर जिले को स्वास्थ्य के क्षेत्र में निरंतर सौगातें मिल रही हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के नागरिकों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। -
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मुख्यमंत्री ने बीजापुर के युवा ग्रेजुएट पंच का बढ़ाया हौसला
बीजापुर जिले के युवाओं से मुख्यमंत्री ने की आत्मीय मुलाकात
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज यहां छत्तीसगढ़ विधानसभा परिसर में स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना के तहत राजधानी रायपुर के भ्रमण पर आए बीजापुर जिले युवाओं से मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री साय इन युवाओं से बहुत आत्मीयता से मिले और उनसे राजधानी रायपुर भ्रमण के अनुभवों को जाना। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर का हर गांव आपका अच्छा गांव बनेगा। बस्तर के विकास को अब कोई नहीं रोक सकता। बस्तर का युवा आज आत्मविश्वास से भरा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बीजापुर जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों से आये युवाओं से उनका हाल-चाल जाना और आत्मीय चर्चा की। मुख्यमंत्री ने युवाओं से पूछा कि वे विगत डेढ़ वर्षों में क्या परिवर्तन महसूस कर रहे हैं ? युवाओं ने बताया कि बहुत परिवर्तन है। अब हमारे क्षेत्र में सड़कें बन रही हैं, बिजली की व्यवस्था हुई है और आंगनबाड़ी केंद्र भी खुल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर का विकास हमारी सरकार की प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने युवाओं से उनकी पढ़ाई-लिखाई और गतिविधियों के विषय में जानकारी ली। बीजापुर के एक युवा ने मुख्यमंत्री श्री साय को बताया कि वह जूलॉजी विषय से बीएससी कर चुका है और वर्तमान में वह अपने गांव का पंच है। उसका एक साथी भी पंच निर्वाचित हुआ है। मुख्यमंत्री ने इन युवाओं के जज्बे की सराहना की और उनका हौसला बढ़ाया।
इस दौरान उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने बच्चों से पूछा- कितने बच्चे इंस्टाग्राम चलाते हैं ? जब इस प्रश्न पर कई बच्चों ने हाथ उठाया तो मुख्यमंत्री ने आश्चर्यमिश्रित मुस्कान के साथ कहा- अब बस्तर के हमारे बच्चे भी समय के साथ हाईटेक हो रहे हैं। ये सुनकर ठहाके गूंज उठे। मुख्यमंत्री ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि युवा अपडेट हैं और तकनीक को समझ रहे हैं। युवाओं ने बताया कि उनके गांव में अब मोबाइल टावर भी लग रहे हैं।
युवाओं ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे कल राजधानी रायपुर आये हैं। उन्होंने मुक्तांगन, जंगल सफारी सहित अन्य जगहें देखी हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने युवाओं से कहा कि वे राजधानी रायपुर के भ्रमण के अनुभव का पूरा लाभ उठाएं।
उल्लेखनीय है कि स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना के तहत बीजापुर जिले के नियद नेल्लानार ग्राम पंचायतों के 100 युवा राजधानी रायपुर के भ्रमण पर आये हैं। जिसके अंतर्गत आज ये युवा छत्तीसगढ़ विधानसभा पहुंचे। इस अवसर पर वनमंत्री श्री केदार कश्यप, विधायक श्री किरण देव, श्री संपत अग्रवाल, श्री ईश्वर साहू सहित गणमान्यजन उपस्थित थे। -
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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा-यह केवल दस्तावेज नहीं, संकल्प है, दिशा है, विकसित छत्तीसगढ़ की नींव है
रायपुर : छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा में आज का दिन ऐतिहासिक बन गया, जब मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने “छत्तीसगढ़ अंजोर विज़न@2047” दस्तावेज को प्रदेश की जनता को समर्पित किया। नवा रायपुर अटल नगर में आयोजित भव्य कार्यक्रम में राज्य मंत्रिमंडल के सदस्यगण, नीति आयोग भारत सरकार, विषय विशेषज्ञ, जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दस्तावेज केवल शब्दों का संकलन नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर, समृद्ध और विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण का एक ठोस संकल्प और स्पष्ट दिशा है। उन्होंने कहा कि यह विज़न प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विकसित भारत@2047 के संकल्प से प्रेरित है और छत्तीसगढ़ को भारत के अग्रणी एवं विकसित राज्य में शामिल करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां सोच बड़ी हो, दिशा स्पष्ट हो और जन-जन की भागीदारी हो, वहाँ विकास तय होता है। आज हम अपने राज्य का विज़न डाक्यूमेंट - छत्तीसगढ़ अंजोर विज़न@2047 प्रदेशवासियों को समर्पित कर रहे हैं। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि छत्तीसगढ़ उन चुनिंदा राज्यों में है जिन्होंने यह विज़न तैयार किया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने स्वयं पिछले माह प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की बैठक में इस विज़न की जानकारी दी, जिसे विशेष रूप से सराहा गया।
उन्होंने कहा कि श्रद्धेय पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने हमारे राज्य की नींव रखी थी, और प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में यह आगे बढ़ा है। ऐसे ऐतिहासिक अवसर पर, जब हम राज्य की स्थापना के रजत जयंती और अटल निर्माण वर्ष मना रहे हैं, यह विज़न जनता को समर्पित किया जाना अत्यंत सार्थक है। उन्होंने कहा कि यह दस्तावेज जनभागीदारी का प्रतीक है, जिसमें प्रदेश के तीन करोड़ लोगों के सपने और संकल्प समाहित हैं। इसे तैयार करने में न केवल विशेषज्ञों और विभागों का सहयोग रहा, बल्कि वर्किंग ग्रुप्स, संभाग स्तरीय जनसंवाद और मोर सपना मोर विकसित छत्तीसगढ़ पोर्टल के माध्यम से जनता के सुझाव भी शामिल किए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में जब भारत वैश्विक आशाओं का केंद्र बन चुका है, तब छत्तीसगढ़ भी विकसित भारत की दिशा में अग्रणी भूमिका निभाने को तैयार है। हम आतंकवाद और नक्सलवाद के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस नीति के साथ विकास के नए कीर्तिमान रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऊँचा लक्ष्य रखना और मेहनत करना हमने मोदी जी से सीखा है। पहले कहते थे मोदी हैं तो मुमकिन है, अब कहते हैं मोदी हैं तो निश्चित है - 2047 तक का लक्ष्य अब हमारी साझा दिशा है।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर विशेष बल दिया कि विकसित भारत की भव्य इमारत को ऊर्जावान बनाने में छत्तीसगढ़ पावर हाउस की भूमिका निभाएगा। हमारा स्टील, इस लक्ष्य को फौलादी बनाएगा। उन्होंने बताया कि स्टील उत्पादन को वर्ष 2030 तक 28 मिलियन टन से बढ़ाकर 45 मिलियन टन किया जाएगा, और यह गर्व का विषय है कि जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर बने देश के सबसे ऊंचे ब्रिज में छत्तीसगढ़ के स्टील का उपयोग हुआ है। इसी तरह, कोयला उत्पादन को 207 मिलियन टन से बढ़ाकर 437 मिलियन टन, विद्युत उत्पादन को वर्तमान 30 हजार मेगावाट से देश में शीर्ष स्थान तक पहुँचाया जाएगा। आयरन ओर उत्पादन को 46 से बढ़ाकर 100 मिलियन टन किया जाएगा। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बना है, जहां लिथियम खनिज ब्लॉक की सफल नीलामी हुई है।
मुख्यमंत्री ने मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को संसाधनों के प्रबंधन का सबसे अहम आधार बताया। उन्होंने कहा कि राज्य में वर्ष 1853 से 2014 तक केवल 1100 रूट किलोमीटर रेलमार्ग बने थे, जिन्हें वर्ष 2030 तक दोगुना किया जाएगा। बोधघाट परियोजना जैसी योजनाओं से सिंचाई और बिजली उत्पादन को नया विस्तार मिलेगा। उन्होंने बताया कि यह विज़न स्पष्ट कार्ययोजना के साथ तैयार किया गया है, जिसमें 2030 तक अल्पकालिक, 2035 तक मध्यकालिक और वर्ष 2047 तक दीर्घकालिक लक्ष्य रखे गए हैं।
राज्य के 13 प्रमुख क्षेत्रों में 10 मिशनों के माध्यम से संतुलित विकास किया जाएगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अंजोर विज़न @2047 के माध्यम से राज्य के 13 प्रमुख क्षेत्रों में 10 मिशनों के माध्यम से आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास को संतुलित रूप से आगे बढ़ाया जाएगा, इनमें कृषि, मैन्युफैक्चरिंग, पर्यटन, संस्कृति, लॉजिस्टिक्स और आईटी से लेकर जैविक खेती और शिक्षा तक का समावेश है। रायपुर की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए लॉजिस्टिक्स नीति तैयार की गई है जो ई-कॉमर्स को गति देगी।
राज्य की जीडीपी 5 लाख करोड़ रूपए से बढ़ाकर 75 लाख करोड़ करने का लक्ष्य
उन्होंने बताया कि इस विजन के माध्यम से राज्य की जीडीपी को 5 लाख करोड़ रूपए से वर्ष 2030 तक 11 लाख करोड़ और वर्ष 2047 तक 75 लाख करोड़ रुपए तक करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य है। कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए कृषि उन्नति मिशन, जैविक खेती, निर्यात आधारित संभावनाएं और किसान सम्मान निधि जैसी योजनाएं प्रभावी होंगी। वर्ष 2047 तक किसानों की आय में 10 गुना से अधिक वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है।
स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन प्रत्याशा के क्षेत्र में भी ठोस योजनाएँ बनाई गई हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत 87 प्रतिशत लोग पहले ही कवर हो चुके हैं, लक्ष्य 100 प्रतिशत का है। नवा रायपुर में मेडीसिटी, बस्तर-सरगुजा में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल तथा राज्य में कई मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं। युक्तियुक्तकरण के बाद अब कोई भी विद्यालय शिक्षकविहीन नहीं है। 5 हजार नई शिक्षक भर्ती, 1 हजार पीएमश्री स्कूल, 36 आदर्श कॉलेज और ग्लोबल स्किल यूनिवर्सिटी की स्थापना पर काम हो रहा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बेरोजगारी दर 2.7 प्रतिशत है, जिसे 2047 तक 1 प्रतिशत से कम लाने का लक्ष्य है। पैन-आईआईटी संस्थानों के सहयोग से स्किल डेवलपमेंट को नई दिशा दी जा रही है। आईटी सेक्टर में सेमीकंडक्टर प्लांट और एआई डाटा सेंटर पार्क विकसित किए जा रहे हैं। पिछले डेढ़ वर्षों में 350 से अधिक नीतिगत और प्रशासनिक सुधार किए गए हैं और 6.75 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 से उद्योगों को एक क्लिक पर मंजूरी
उन्होंने बताया कि सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 के माध्यम से उद्योगों को एक क्लिक पर मंजूरी दी जा रही है। पर्यटन को उद्योग का दर्जा देकर बस्तर और सरगुजा में होम-स्टे व ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है। वर्तमान में 2 करोड़ पर्यटक राज्य में आते हैं, जिन्हें वर्ष 2047 तक 10 करोड़ तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है।
44 प्रतिशत वन क्षेत्र देश के ऑक्सीजन हब बनेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल डिजिटल सेवा केंद्रों के माध्यम से आधार, राशन कार्ड, बैंकिंग जैसी सेवाएं गाँवों तक पहुँचाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण-अनुकूल विकास ही टिकाऊ है और प्रधानमंत्री जी के वर्ष 2070 तक ‘नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन’ लक्ष्य को प्राप्त करने में छत्तीसगढ़ अग्रणी भूमिका निभाएगा। राज्य के 44 प्रतिशत वन क्षेत्र देश के लिए ऑक्सीजन हब बनेंगे। बस्तर के कलागुड़ा में प्लास्टिक कचरे से बनाई गई सड़क जैसे नवाचार सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने खनन को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करते हुए कहा कि राज्य में पिछले 45 वर्षों में केवल 28,700 हेक्टेयर वनभूमि एफसीए के तहत परिवर्तित हुई है, और इसमें भी वास्तविक कटाई केवल 0.11 प्रतिशत क्षेत्र में हुई है। वहीं, पिछले वर्षों में 68,300 हेक्टेयर वन क्षेत्र की वृद्धि दर्ज की गई है। खनन से राज्य की जीडीपी का 9.38 प्रतिशत हिस्सा आता है और 2 लाख प्रत्यक्ष व 20 लाख परोक्ष रोजगार सृजित होते हैं।मुख्यमंत्री ने सीएसआर और डीएमएफ के जरिए हुए विकास कार्यों को ‘नया उजाला’ बताया और कहा कि केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को सम्मानित किया गया है। उन्होंने बताया कि नागरिक सहभागिता पोर्टल भी तैयार किया जा रहा है ताकि योजनाओं में जनता की भागीदारी बढ़े।
जब रास्ता स्पष्ट हो, संकल्प दृढ़ हो और मेहनत हो तब कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता
मुख्यमंत्री ने राज्य नीति आयोग और अधिकारियों को इस ऐतिहासिक विज़न डाक्यूमेंट को तैयार करने के लिए बधाई देते हुए कहा कि जब रास्ता स्पष्ट हो, संकल्प दृढ़ हो और मेहनत हो तब कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। उन्होंने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे इस विज़न को साझा सपना मानकर सहभागी बनें और वर्ष 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ की संकल्पना को साकार करें।
अल्पकालिक से दीर्घकालिक लक्ष्य तक, आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन की स्पष्ट कार्ययोजना तैयार: वित्त एवं योजना मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी
विज़न दस्तावेज़ की संरचना और उसकी रणनीतिक विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए छत्तीसगढ़ राज्य के वित्त एवं योजना मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने अपने उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ अंजोर विज़न @2047 राज्य के नागरिकों की सुख-सुविधा, समावेशी आर्थिक विकास, सुशासन और निवेश प्रोत्साहन जैसे क्षेत्रों में एक बहुआयामी रणनीति प्रस्तुत करता है। उन्होंने बताया कि इस दस्तावेज़ में अल्पकालिक (2030 तक), मध्यकालिक (2035 तक) और दीर्घकालिक (2047 तक) लक्ष्यों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है, जो राज्य के सर्वांगीण विकास की दिशा को सुनिश्चित करते हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि यह दृष्टिपत्र 13 प्रमुख सामाजिक-आर्थिक थीम्स पर केंद्रित है, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, अधोसंरचना, लॉजिस्टिक्स, कृषि, वनोपज, निवेश, कौशल विकास, सूचना प्रौद्योगिकी एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, पर्यटन, संस्कृति, पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इन सभी विषयों के प्रभावी और समयबद्ध क्रियान्वयन, मूल्यांकन और अनुश्रवण के लिए रणनीति, मापनीय इण्डिकेटर्स और 200 से अधिक नीतिगत, संस्थागत और अधोसंरचना संबंधी पहलें प्रस्तावित की गई हैं।उन्होंने बताया कि अंजोर विज़न के माध्यम से राज्य की अर्थव्यवस्था के आकार को आगामी पाँच वर्षों में दोगुना करने और वर्ष 2047 तक जीडीपी में 15 गुना तथा प्रति व्यक्ति आय में 10 गुना वृद्धि करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को उद्योग, सेवा, स्वास्थ्य, शिक्षा और अधोसंरचना में निवेश के एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें 5,000 से अधिक स्मार्ट विलेज और 10 से अधिक स्मार्ट सिटीज़ के निर्माण का खाका तय किया गया है, साथ ही छत्तीसगढ़ को देश का एक अग्रणी आईटी हब बनाया जाएगा।
उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि सेवा क्षेत्र में नवाचार और अवसरों को प्रोत्साहन देना, पर्यटन और आईटी सेक्टर में छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय नेतृत्व प्रदान करना, तथा राज्य की अनुकूल भौगोलिक स्थिति का लाभ उठाते हुए लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को मजबूती देना, विज़न की प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल है। इन प्रयासों से राज्य में रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे और आर्थिक संरचना में व्यापक परिवर्तन आएगा।
वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि इस विज़न डाक्यूमेंट का निर्माण राज्य नीति आयोग द्वारा विभागों के सहयोग और व्यापक जनभागीदारी से किया गया है। युवाओं, महिलाओं, कृषकों और विभिन्न हितधारकों से संवाद के माध्यम से इस दस्तावेज़ में उनकी आकांक्षाओं को समाहित किया गया है। देश की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ राज्य की सांस्कृतिक विरासत को भी यथोचित सम्मान देते हुए यह दस्तावेज़ तैयार किया गया है।वित्त मंत्री ने अंत में यह विश्वास व्यक्त किया कि यह विज़न दस्तावेज़ केवल दिशादर्शक ही नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य में रूपांतरित करने की एक ठोस रणनीतिक रूपरेखा भी है, जिसमें हर नागरिक की भूमिका अहम होगी और जिसका मूल्यांकन निरंतर प्रगति सूचकों के माध्यम से किया जा सकेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने की। नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद, उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, मंत्री सर्व श्री रामविचार नेताम, दयालदास बघेल, केदार कश्यप, श्याम बिहारी जायसवाल, श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, सासंद श्री बृजमोहन अग्रवाल, नीति आयोग के सीईओ श्री बी.वी आर. सुब्रह्मण्यम, मुख्य सचिव एवं राज्य नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री अमिताभ जैन विशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इसके अलावा कार्यक्रम में राज्य के पद्म पुरस्कार से सम्मानित अतिथिगण, विधायक गण, जनप्रतिनिधि गण, निगम, मंडल, आयोग के अध्यक्षगण, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री मनोज पिंगुआ, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी दयानंद, श्री राहुल भगत, राज्य नीति आयोग के सदस्य श्री के सुब्रह्मण्यम, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के सचिव श्री अंकित आनंद सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राज्यपाल के मुख्य आतिथ्य में उत्कृष्टता अलंकरण समारोह संपन्न
उत्कृष्ट विधायक के रूप में श्रीमती भावना बोहरा और श्री लखेश्वर बघेल सम्मानित
उत्कृष्ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए डॉ. राकेश कुमार पाण्डेय, श्री योगेश मिश्रा और श्री विश्वप्रकाश पुरेना पुरस्कृत
रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका के मुख्य आतिथ्य में आज छत्तीसगढ़ विधानसभा परिसर में आयोजित "उत्कृष्टता अलंकरण समारोह" गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने समारोह की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत विशिष्ट अतिथि के रूप में समारोह में शामिल हुए। "उत्कृष्टता अलंकरण समारोह" में वर्ष-2024 के लिए श्रीमती भावना वोहरा और श्री लखेश्वर बघेल को उत्कृष्ट विधायक के रूप में सम्मानित किया गया। उत्कृष्ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए दैनिक भास्कर के विशेष संवाददाता डॉ. राकेश कुमार पाण्डेय, सुदर्शन न्यूज़ चैनल के राज्य ब्यूरो प्रमुख श्री योगेश मिश्रा और सुदर्शन न्यूज़ के कैमरामेन श्री विश्वप्रकाश पुरेना को समारोह में सम्मानित किया गया।उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव और श्री विजय शर्मा, संसदीय कार्य मंत्री श्री केदार कश्यप, सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत, श्री बृजमोहन अग्रवाल और श्री विजय बघेल, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह की धर्मपत्नी श्रीमती वीणा सिंह, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय, मंत्रीगण और विधायकगण भी "उत्कृष्टता अलंकरण समारोह" समारोह में शामिल हुए। समारोह में छटवीं विधानसभा के लिए निर्वाचित विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम पर केन्द्रित पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।
"उत्कृष्टता अलंकरण समारोह" को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए राज्यपाल श्री रमेन डेका ने कहा कि यह समारोह न केवल व्यक्तिगत उपलब्धियों के सम्मान का अवसर है, बल्कि हमारी संसदीय परंपराओं को और अधिक सशक्त करने का माध्यम भी है। उन्होंने वर्ष-2024 के उत्कृष्ट विधायक के लिए चयनित श्रीमती भावना बोहरा और श्री लखेश्वर बघेल, तथा उत्कृष्ट संसदीय पत्रकारिता के लिए चयनित डॉ. राकेश कुमार पाण्डेय, श्री योगेश मिश्रा एवं श्री विश्वप्रकाश पुरेना को बधाई दी।
राज्यपाल श्री रमेन डेका ने समारोह में कहा कि आप सभी ने विधानसभा की गतिविधियों को ईमानदारी, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ जनता तक पहुंचाने का कार्य किया है। आपकी यह भूमिका लोकतंत्र की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने में अत्यंत महत्वपूर्ण है। छत्तीसगढ़ विधानसभा की स्वस्थ परंपरा है जहां न केवल विधायकों, बल्कि पत्रकारों को भी सम्मानित किया जाता है। मेरा आप सभी से आग्रह है कि अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धताओं से ऊपर उठकर सदैव लोकहित और लोक कल्याण को प्राथमिकता दें।
राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा अपनी स्थापना के रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर चुका है। यह अवसर हम सभी के लिए आत्ममंथन और नये संकल्प का क्षण है। हमारे संसदीय लोकतंत्र की आत्मा को जीवंत बनाए रखने के लिए संसदीय परंपराओं और प्रक्रियाओं का आदरपूर्वक पालन आवश्यक है। किसी भी विधायी सदन की वास्तविक सार्थकता जनकल्याण में निहित होती है। देश और राज्य के समग्र विकास के लिए यह आवश्यक है कि सभी जनप्रतिनिधि दलगत सीमाओं से ऊपर उठकर, एकजुट होकर समन्वय और सहयोग की भावना के साथ कार्य करें।
समारोह को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ के 90 विधायक राज्य की तीन करोड़ जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे सभी श्रेष्ठ हैं। हर वर्ष दो उत्कृष्ट विधायकों का चयन कठिन काम है। इस बार 50 नए विधायक चुनकर आए हैं। छत्तीसगढ की विधानसभा जीवंत विधानसभा है। इसने अपना ‘छत्तीसगढ़िया स्वभाव’ नहीं छोड़ा है। सदभाव और सहयोग से जनहित के मुद्दों पर सक्रियता और गंभीरता से चर्चा करते हैं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन हम सब के लिए खास है। ‘उत्कृष्टता अलंकरण समारोह‘ गर्व और प्रेरणा का अवसर है। विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है। यहां पर जनहित के मुद्दों को उठाना विधायकों का धर्म है। संसदीय रिपोर्टिंग सजगता और जिम्मेदारी भरा कार्य है। इस कार्य में मीडिया प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। इनकी मूल भूमिका को रेखांकित करने के लिए इन्हें सम्मानित करने की परंपरा हमारे विधानसभा में है।
श्री साय ने कहा कि हमारी विधानसभा की कार्यवाही को देशभर में सराहा जाता है। विधायकों की सक्रिय भागीदारी और मीडिया की निरंतर निगरानी ने छत्तीसगढ़ को लोकतंत्र की दृष्टि से एक आदर्श राज्य के रूप में स्थापित किया है। छत्तीसगढ़ विधानसभा देश की पहली और एकमात्र ऐसी विधानसभा है, जहां गर्भगृह में किसी विधायक के प्रवेश करते ही वे स्वमेव निलंबित हो जाते हैं। इस विशिष्टता और आत्म-अनुशासन ने छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय पटल पर एक नई पहचान दिलाई है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ ने बीते वर्षों में न सिर्फ़ आर्थिक व सामाजिक क्षेत्र में प्रगति की है, बल्कि यहां की विधानसभा और संसदीय कार्यप्रणाली भी पूरे देश में मिसाल बनकर उभरी है।
समारोह को संबोधित करते हुए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सम्मानित विधायकों और पत्रकारों को बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदन में सदस्यों में राज्य के मुद्दों को लेकर मतभेद रहा है , लेकिन आपस में मन का भेद कभी नहीं रहा। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के रूप डॉ. रमन सिंह के आने से सदन में पक्ष और विपक्ष का बेहतर समन्वय देखने को मिला है और हम सभी एकता और भाईचारे के साथ आगे बढ़ रहे हैं। संसदीय कार्य मंत्री श्री केदार कश्यप ने समारोह में शामिल अतिथियों और लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। विधानसभा के सचिव श्री दिनेश शर्मा ने स्वागत भाषण दिया। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना, अधोसंरचना एवं सेंट्रल लाइटिंग मद से स्वीकृत हुए कार्य
स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय तथा उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव का आभार व्यक्त किया
रायपुर : शासन की प्राथमिकता में शामिल नगरीय विकास को लेकर मनेंद्रगढ़ क्षेत्र के लिए एक और खुशखबरी सामने आई है। मुख्यमंत्री नगर उत्थान योजना, अधोसंरचना मद एवं सेंट्रल लाइटिंग मद अंतर्गत राज्य बजट से मनेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए कुल 25 करोड़ 99 लाख 82 हजार रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है।
स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने चिरमिरी नगर क्षेत्र के लिए 25 करोड़ 99 लाख रुपए से अधिक की विकास परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान करने हेतु मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय तथा उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव का आभार व्यक्त किया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि इन योजनाओं की स्वीकृति से गौरव पथ सड़क, बाईपास सड़क निर्माण, प्रकाश व्यवस्था एवं सेंट्रल लाइब्रेरी जैसे महत्वपूर्ण कार्य अब धरातल पर उतरेंगे, जिससे चिरमिरी के समग्र विकास के संकल्प को नई गति प्राप्त होगी।
यह स्वीकृति नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा प्रदान की गई है, जिसके अंतर्गत चिरमिरी नगर पालिका क्षेत्र के लिए अनेक महत्वपूर्ण कार्य स्वीकृत किए गए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, स्वीकृत कार्यों में गोदरी पारा से डोमनहिल तक गौरवपथ निर्माण कार्य हेतु 2 करोड़ रुपये, वार्ड क्रमांक 8 बड़ा ग्राउंड से सिद्धबाबा मंदिर तक सीसी रोड एवं नाली निर्माण कार्य हेतु 2 करोड़ 40 लाख रुपये, प्रकाश व्यवस्था हेतु 20 लाख रुपये की राशि मंजूर की गई है।
इसके साथ ही सांस्कृतिक मंच ग्राम पंचायत से आत्मानंद स्कूल मुख्य मार्ग, चित्रोझोर पौड़ी तक रिटेनिंग वॉल एवं फुटपाथ निर्माण हेतु 2 करोड़ रुपये, सोनमली नाका से नगर से दीनदयाल चौक पौड़ी तक बायपास कोरिया होते हुए निर्माण हेतु 8 करोड़ 75 लाख 47 हजार रुपये, अन्य अतिरिक्त कार्यों हेतु 6 करोड़ 22 लाख 86 हजार रुपये, तथा सेंट्रल लाइटिंग सह री-डिंग जोन (250 सीटर्स) हेतु 4 करोड़ 41 लाख 49 हजार रुपये की स्वीकृति दी गई है।
इस प्रकार कुल मिलाकर चिरमिरी नगर पालिका क्षेत्र को 25.99 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं की सौगात प्राप्त हुई है, जिससे क्षेत्र में आधारभूत संरचनाओं को मजबूती मिलेगी एवं आमजन को सुविधाएं प्राप्त होंगी।
स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के सतत प्रयासों से यह बड़ी स्वीकृति मनेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र को प्राप्त हुई है। स्थानीय नागरिकों ने इसके लिए शासन एवं जनप्रतिनिधियों के प्रति आभार व्यक्त किया है।