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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं है। उन्होंने कहा कि यह पावन अवसर हमें अपने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान को स्मरण करते हुए एकजुट होकर ‘विकसित छत्तीसगढ़’ और ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने का संकल्प लेने की प्रेरणा देता है।
उल्लखेनीय है कि स्वतंत्रता दिवस की पूर्वसंध्या पर राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास रोशनी में जगमगा उठा है। मुख्य भवन, जनदर्शन हॉल, गणेश पंडाल, मंदिर और परिसर के अन्य हिस्सों को आकर्षक लाइटों से सजाया गया है।मुख्यमंत्री निवास के मुख्य द्वार को विशेष साज-सज्जा और रंगीन रोशनी से आलोकित किया गया है, जो दूर से ही स्वतंत्रता दिवस के पर्व की भव्यता का आभास कराता है। -
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मुख्यमंत्री श्री साय ने हजारों युवाओं के साथ लगाई स्वतंत्रता की दौड़
भारत माता और रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया
रायपुर : हमारा तिरंगा पूर्वजों के वर्षों के संघर्षों और बलिदान का जीवंत प्रतीक है। हम सभी तिरंगे की शान को हमेशा बनाए रखेंगे, अपने अमर बलिदानियों को कभी नहीं भूलेंगे और सभी मिलकर विकसित, समृद्ध और सशक्त छत्तीसगढ़ का निर्माण करेंगे। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के मरीन ड्राइव में आयोजित स्वतंत्रता दौड़ में शामिल हुए और कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने हजारों युवाओं के साथ स्वतंत्रता दौड़ लगाई और भारत माता और अमर बलिदानी रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि तिरंगे में करोड़ों भारतीयों की आकांक्षाएं समाई हैं और यह हमारी वीरता, शांति और समृद्धि के भाव की अमिट चेतना है।
श्री साय ने पवित्र तिरंगे को प्रणाम करते हुए कहा कि हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर पिछले कुछ वर्षों से स्वतंत्रता दिवस में पूरा देश तिरंगामय हो जाता है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से हम सभी अलग-अलग तरीकों से इस पावन दिवस को उत्साह के साथ मना रहे है। तिरंगा यात्राएं और हर-घर तिरंगा फहराने के संकल्प ने इस पावन अवसर को जन-जन से जोड़ दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तिरंगा यात्रा केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि हमारी एकता, अखंडता और राष्ट्रीय गौरव का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस हमें यह स्मरण कराती है कि आज़ादी अनगिनत बलिदानों की अमूल्य देन है। लाखों-करोड़ों देशभक्तों ने अपने प्राण न्योछावर किए, तब जाकर हमें यह स्वतंत्रता प्राप्त हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के खास अवसर ने मुझे बचपन के दिनों की याद दिला दी। जब मैं स्कूल में था तब स्वतंत्रता दिवस पर प्रभात फेरी निकलती थी, गांव-गांव में देशभक्ति गाने गूंजते थे। उन्होंने कहा कि उस समय जो गर्व महसूस होता था, वही गर्व आज भी हमारे दिल में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारा दायित्व है कि हम अपने देश और प्रदेश को विकास की नई ऊँचाइयों पर ले जाएं। वर्ष 2047 तक के लिए हमने विकसित छत्तीसगढ़ विज़न डॉक्यूमेंट तैयार किया है, और हमारी सरकार उसी के अनुरूप कार्य कर रही है। यह सरकार के साथ-साथ हम सभी का साझा संकल्प है। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर उपस्थित सभी को स्वतंत्रता दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने कहा कि स्वतंत्रता दौड़ सिर्फ एक दौड़ नहीं बल्कि आजादी के लिए किये गए संघर्ष का प्रतिसाद है। देश को वीर सपूतों के बलिदान से आजादी मिली है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित, स्वच्छ, स्वस्थ और श्रेष्ठ भारत के विजन के साथ चलते हुए हमारे मुख्यमंत्री ने भी विकसित और समृद्धशाली छत्तीसगढ़ का सपना संजोया है। उन्होंने कहा कि इस स्वप्न को पूर्ण करने अपना अमूल्य योगदान देने का संकल्प लें।
इस दौरान विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, विधायक श्री मोतीलाल साहू, विधायक गुरु खुशवंत साहेब, विधायक श्री अनुज शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री नवीन अग्रवाल, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव श्री यशवंत कुमार मौजूद रहे। -
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भव्य तिरंगा यात्रा से गूंजा रायपुर – एकता, सुरक्षा और विकास का संदेश
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि तिरंगा यात्रा केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि राष्ट्रभक्ति का एक महान अनुष्ठान है, जो भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि तिरंगा हमारी आन-बान-शान है, इसकी रक्षा और मान-सम्मान के लिए हर नागरिक को दृढ़संकल्पित होना चाहिए। स्वतंत्रता संग्राम के वीरों को सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी, जब हर घर तिरंगा फहराएगा और भारत आर्थिक एवं सांस्कृतिक रूप से और अधिक सशक्त बनेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने ‘भारत माता की जय’ और ‘छत्तीसगढ़ महतारी की जय’ के उद्घोष के साथ जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत एक सशक्त और सम्मानित राष्ट्र के रूप में उभर रहा है। उन्होंने हाल ही में पहलगाम में हुए कायराना हमले के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में हमारे वीर जवानों द्वारा दिखाए गए साहस और पराक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि यह पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है, जिसने तिरंगे की शान को और ऊंचा किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बीते डेढ़ वर्षों में छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगातार एरिया डॉमिनेशन कर नक्सलियों का प्रभुत्व समाप्त किया है। उन्होंने कहा कि जहाँ कभी नक्सलियों का लाल झंडा लहराता था, आज वहां तिरंगा शान से लहरा रहा है। कई संवेदनशील गांवों में बरसों बाद गणतंत्र दिवस के अवसर पर पुनः तिरंगा फहराया गया है, जो शांति, विकास और सुरक्षा का नया संदेश दे रहा है।
विकसित भारत 2047 और ‘छत्तीसगढ़ अंजोर’ विजन
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि तिरंगे की असली गरिमा तब और बढ़ेगी जब देश आर्थिक रूप से मजबूत होगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के संकल्प के अनुरूप छत्तीसगढ़ ने भी ‘विकसित छत्तीसगढ़’ का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए ‘छत्तीसगढ़ अंजोर’ विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया गया है, जिसमें प्रदेश के समग्र विकास का रोडमैप प्रस्तुत किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे ‘हर घर तिरंगा’ अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाएं और अपने घरों पर तिरंगा फहराकर स्वतंत्रता संग्राम के वीरों का स्मरण करें।
भव्य तिरंगा यात्रा – एकता और उत्साह का अद्भुत संगम
उल्लेखनीय है कि आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान पर चलाए जा रहे हर घर तिरंगा अभियान के तहत रायपुर में भव्य तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया। रायपुर के शहीद स्मारक भवन से तेलीबांधा तक निकली तिरंगा यात्रा में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय स्वयं शामिल हुए और हजारों नागरिकों के साथ कदम से कदम मिलाकर देशभक्ति का संदेश दिया। यात्रा के दौरान ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम्’ के नारों से पूरा मार्ग गूंज उठा।
इस अवसर पर रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि तिरंगा हमारा मान, अभियान और पहचान है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में तिरंगा यात्राएं निकाली जा रही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ प्रगति और खुशहाली की ओर अग्रसर है। यह तिरंगा यात्रा उन वीर सैनिकों को समर्पित है जिन्होंने इसकी रक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर किया। कार्यक्रम में विभिन्न सैन्य अभियानों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले प्रदेश के भूतपूर्व सैनिकों को भी सम्मानित किया गया।
विधायक श्री किरण सिंह देव ने कहा कि तिरंगा हमारी पहचान और हमारी सबसे बड़ी ताकत है। यह हमें एकजुट करता है और हमें याद दिलाता है कि हम सब एक भारत हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है।
तिरंगा यात्रा में विधायक श्री सुनील सोनी, श्री मोतीलाल साहू, श्री पुरंदर मिश्रा, महापौर श्रीमती मीनल चौबे, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष श्री नीलू शर्मा, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री नंद कुमार साहू, छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव, छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी के अध्यक्ष श्री शशांक शर्मा, सीएसआईडीसी के अध्यक्ष श्री राजीव अग्रवाल सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी और बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। -
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पायनियर समूह द्वारा स्थापना दिवस एवं छत्तीसगढ़ राज्य के स्वप्नदृष्टा एवं निर्माता भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति संगोष्ठी में शामिल हुए श्री साय
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय पायनियर समूह के स्थापना दिवस एवं छत्तीसगढ़ राज्य के स्वप्नदृष्टा एवं निर्माता भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में आयोजित संगोष्ठी समारोह में शामिल हुए। कार्यक्रम का आयोजन राजधानी स्थित श्री बालाजी मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने की।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ वासियों के लिए नए राज्य के रूप में छत्तीसगढ़ का निर्माण भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की ही देन है। हम उनके सपनों के अनुरूप छत्तीसगढ़ के चहुंमुखी विकास पथ पर अग्रसर हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि भारत गांवों का देश है और गांव-गांव में सड़कों का जाल बिछाने में भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी का महत्वपूर्ण योगदान है। गांव तक आज विकास की जो धार पहुंची है, वह अटल जी का ही आशीर्वाद है। उनके शासनकाल में ही देश में स्वर्णिम चतुर्भुज योजना लागू हुई और टेलीकॉम इंडस्ट्री में भी महत्वपूर्ण कार्य हुए। श्री अटल जी ने ही देश में अनुसूचित जनजाति का अलग से विभाग गठित कर आदिवासी क्षेत्रों के विकास का मार्ग प्रशस्त किया।
कार्यक्रम में पायनियर समूह के 10 वर्ष पूर्ण होने पर मुख्यमंत्री ने समूह को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि आज जिस निर्भीकता एवं निष्पक्षता के साथ पायनियर समूह ने छत्तीसगढ़ में 10 साल पूरे किए हैं, वह अत्यंत सराहनीय है। आगे भी इसी निर्भीकता और निष्पक्षता से बढ़ते हुए यह समूह आम जनता की आवाज बने। इसके साथ ही उन्होंने बालाजी ग्रुप द्वारा महिलाओं की नि:शुल्क डिलीवरी एवं उपचार करने के कार्य की सराहना करते हुए बधाई दी।
श्री अटल जी को याद करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि उन्हें 2004 तक सांसद के रूप में उनके साथ कार्य करने का अवसर मिला। वे देश में तीन बार प्रधानमंत्री बने और वादे के अनुरूप सन 2000 में मध्यप्रदेश से अलग कर छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया। वे न केवल कुशल राजनीतिज्ञ, बल्कि साहित्यकार और कवि भी थे। वे अपने भाषणों और बातों को बेहद सधी हुई और प्रभावशाली शैली में प्रस्तुत करते थे। विपक्षी भी उनके भाषण के कायल होते थे।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि पायनियर रायपुर संस्करण का शुभारंभ 2016 में हुआ था और आज यह 10वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। इस 10 साल की यात्रा आसान नहीं थी। उन्होंने समूह को इसके लिए बधाई दी। उन्होंने याद किया कि पायनियर के प्रथम संस्करण 2016 के शुभारंभ अवसर पर अरुण जेटली जी उपस्थित हुए थे और उन्होंने अपनी शुभकामनाएं दी थीं। आज 10 साल बाद पायनियर व बालाजी ग्रुप न केवल स्वास्थ्य के क्षेत्र में, बल्कि समाचार जगत में भी गौरवपूर्ण स्थान बना चुका है और पायनियर को गांव-गांव तक पहुंचाने का कार्य किया है। पायनियर ने 169 सालों से अलग-अलग शहरों में अपनी यात्रा जारी रखते हुए नाम कमाया है।
अटल जी को याद करते हुए डॉ. रमन सिंह ने कहा कि वे कई समाचार पत्रों के संपादक भी रहे। ग्रामीण सड़क योजना के माध्यम से गांवों को जोड़ने का काम श्रद्धेय अटल जी ने किया। सर्व शिक्षा अभियान के तहत उन्होंने बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के कार्य भी किए। विदेश के दबाव के बावजूद परमाणु परीक्षण हमारे अटल जी के नेतृत्व में ही पूरा हो पाया। इस दौरान उन्होंने अटल जी से जुड़े 45 साल पुराने कई संस्मरण भी साझा किए।
इस अवसर पर विधायक श्री पुरंदर मिश्रा ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्थापना दिवस की बधाई दी। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, बसना विधायक श्री संपत अग्रवाल, डॉ. देवेंद्र नायक, डॉ. नीता नायक सहित पायनियर समूह और बालाजी ग्रुप के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे। -
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सीपत-नवाडीह चौक का नामकरण शहीद विनोद सिंह कौशिक के नाम पर करने की घोषणा
3 हजार से अधिक मेधावी छात्र-छात्राओं का हुआ सम्मान
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज बिलासपुर में गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में आयोजित शहीद विनोद सिंह कौशिक मेधावी छात्र अभिनंदन समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने विश्वविद्यालय के मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित करते हुए कहा कि युवा पीढ़ी ही राष्ट्र का भविष्य है और उनकी मेहनत, लगन एवं संकल्प से प्रदेश और देश नई ऊँचाइयों को छुएंगे। मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि यह अवसर अत्यंत गर्व और उत्साह का है, जब हम अपनी नई पीढ़ी के होनहार, परिश्रमी और प्रतिभाशाली बच्चों को सम्मानित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह आयोजन शहीद विनोद सिंह कौशिक की स्मृति में विगत तीन वर्षों से हो रहा है और यह कार्यक्रम समूचे समाज के लिए प्रेरणास्रोत है। ऐसे कार्यक्रम बच्चों को आगे बढ़ने और कुछ नया करने की प्रेरणा देते हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने शहीद विनोद सिंह कौशिक को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि वीर सपूत शहीद विनोद सिंह कौशिक माओवादियों से लड़ते हुए वर्ष 2018 में नारायणपुर में शहीद हो गए थे। उनकी स्मृति को चिरस्थायी बनाए रखने हेतु उनकी स्मृति में न्यास का गठन किया गया है और इसके माध्यम से प्रतिभाओं का सम्मान किया जाना अनुकरणीय पहल है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह के नेतृत्व में हम मार्च 2026 तक नक्सली आतंक को समाप्त करने की दिशा में अग्रसर हैं। केंद्र और राज्य की डबल इंजन की सरकार नक्सलवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। लगातार नक्सल ऑपरेशनों में सफलता मिल रही है, करोड़ों के इनामी नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं और नक्सलवाद की कमर टूट चुकी है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस सम्मान समारोह के माध्यम से हम केवल परीक्षा में अच्छे अंक लाने वाले विद्यार्थियों का ही नहीं, बल्कि देश के भविष्य निर्माता बच्चों का भी सम्मान कर रहे हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आपने जो उपलब्धि हासिल की है, उसमें निःसंदेह आपकी मेहनत है, लेकिन इसके पीछे परिवार, गुरुजनों और समाज का भी अहम योगदान है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर चुका है।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि राज्य में ही सभी उच्च स्तरीय शैक्षणिक संस्थान उपलब्ध हैं।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री साय ने विभिन्न संकायों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किए। उन्होंने विद्यार्थियों को लक्ष्य तय करने, निरंतर मेहनत करने और सकारात्मक सोच बनाए रखने का संदेश दिया।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने वीर सपूत शहीद विनोद सिंह कौशिक को श्रद्धासुमन अर्पित कर नमन किया। उन्होंने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप जीवन के ऐसे महत्वपूर्ण पड़ाव पर हैं, जहाँ से भविष्य की दिशा तय होती है। आपके प्रयासों से न केवल आपका, बल्कि देश और प्रदेश का उज्ज्वल भविष्य निर्माण होगा। आपके सपनों के साथ आपके माता-पिता, शिक्षक और रिश्तेदारों की उम्मीदें भी जुड़ी हुई हैं। इन सपनों को साकार करने के लिए समर्पित भाव से निरंतर मेहनत करें। श्री साव ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि ‘डिप्रेशन’ और ‘निराशा’ जैसे शब्द अपनी डिक्शनरी से हमेशा के लिए हटा दीजिए, क्योंकि निराश व्यक्ति कभी सफलता प्राप्त नहीं कर सकता। उत्साह और सकारात्मक सोच के साथ अपने लक्ष्य की ओर निरंतर आगे बढ़ें।
इस अवसर पर विधायक सर्वश्री अमर अग्रवाल, धरमलाल कौशिक, धरमजीत सिंह, सुशांत शुक्ला, दिलीप लहरिया, महापौर श्रीमती पूजा विधानी, पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष श्री राजेश पांडे, क्रेडा के अध्यक्ष श्री भूपेंद्र सवन्नी सहित जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद और महान समाजसेविका स्वर्गीय मिनीमाता जी की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका जीवन निस्वार्थ सेवा, अटूट साहस और सामाजिक परिवर्तन का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने कहा कि मिनीमाता जी ने वंचित वर्गों, महिलाओं, दलितों और गरीबों के अधिकारों की रक्षा को अपने जीवन का उद्देश्य बनाया और समाज में सम्मान, समानता एवं न्याय की नींव मजबूत की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने स्मरण किया कि संसद में अपने कार्यकाल के दौरान मिनीमाता जी ने बाल विवाह, दहेज प्रथा और छुआछूत जैसी सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध सशक्त और निर्भीक स्वर उठाया। उन्होंने मजदूरों के अधिकारों की रक्षा, महिला शिक्षा के प्रसार और सामाजिक समानता की स्थापना के लिए जो योगदान दिया, वह इतिहास के स्वर्णिम अध्यायों में दर्ज है। उनकी सादगी, संवेदनशीलता और सेवाभाव ने उन्हें जनमानस में अमिट स्थान दिलाया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मिनीमाता जी की विचारधारा केवल अतीत की धरोहर नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के वर्तमान और भविष्य के लिए प्रकाशस्तंभ की तरह है। उन्होंने आह्वान किया कि हम सभी उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर, भाईचारे, समानता और न्याय पर आधारित एक सशक्त, समावेशी और प्रगतिशील छत्तीसगढ़ के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएँ। -
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मुख्यमंत्री श्री साय ने सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले को दी 186 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात
मुख्यमंत्री श्री साय ने की घोषणा: भारत माता चौक से कोसीर चौक तक 5 करोड़ से बनेगा गौरव पथ, सारंगढ़ में 3 करोड़ में बनेगा पीजी कॉलेज भवन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला अंतर्गत सारंगढ़ के शासकीय लोचन प्रसाद पांडे महाविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में 96 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण और 90 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का भूमिपूजन कर जिले को 186 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात दी। मुख्यमंत्री श्री साय ने जिले में विभिन्न जनसुविधाओं के विस्तार के लिए 13.40 करोड़ रुपये के विभिन्न कार्यों की घोषणा मंच से की।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने अपने उद्बोधन में कहा कि सांसद के रूप में उन्होंने लंबे समय तक सारंगढ़ की सेवा की है और अब प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में छत्तीसगढ़ को विकास पथ आर अग्रसर करने के दायित्व को विगत डेढ़ वर्षों से पूर्ण लगन और समर्पण के साथ निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटियों को पूरा करने की दिशा में सरकार द्वारा ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान 3,100 रुपये की दर से खरीदा जा रहा है। 18 लाख प्रधानमंत्री आवास निर्माण को स्वीकृति प्रदान की गई है और तीव्र गति से हितग्राहियों के मकानों का निर्माण हो रहा है, जिसकी गति इतनी तेज है कि गांवों में राजमिस्त्री और सेंटरिंग प्लेट की भी कमी महसूस होने लगी है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि महतारी वंदन योजना से प्रदेश की 70 लाख महिलाओं को आर्थिक संबल मिला है। हर माह मिलने वाली राशि से महिलाएं अपना खुद का व्यवसाय भी प्रारंभ कर रही हैं। सारंगढ़ जिले के दानसरा की माताओं और बहनों ने महतारी वंदन की राशि से अपने गांव में राम मंदिर निर्माण की पहल की है, जिसे आज पूरा प्रदेश जानता है। तेंदूपत्ता खरीदी के दाम बढ़ाए गए हैं। 5.62 लाख कृषि भूमिहीन मजदूरों को 10-10 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। श्री रामलला दर्शन योजना से अब तक 22 हजार श्रद्धालु अयोध्याधाम में प्रभु श्रीराम के दर्शन कर चुके हैं।
राजस्व और जिले के प्रभारी मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने कहा कि हमारी सरकार पिछले डेढ़ वर्षों में प्रदेश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सभी जगह विकास कार्यों को गति देने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में करोड़ों की विकास कार्यों की सौगात मिलने से यहां जनसुविधाओं में वृद्धि होगी।
सांसद श्री राधेश्याम राठिया ने कहा कि सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में विकास कार्यों और अधोसंरचना विस्तार के कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं के साथ पीएम आवास जैसे कार्यों को प्राथमिकता से पूरा किया जा रहा है।
जगदलपुर विधायक श्री किरण देव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के जनकल्याणकारी कार्यों को जमीन पर उतारने के साथ प्रदेश में विकास कार्यों को नई ऊंचाई देने का कार्य मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में निरंतर जारी है।सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले को 186 करोड़ की सौगात मिली है, जो जिले में अधोसंरचना विकास को मजबूती प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर भारत माता चौक से गढ़ चौक होते हुए कोसीर चौक तक गौरव पथ निर्माण हेतु 5 करोड़ रुपये, नगर पालिका सारंगढ़ में गार्डन निर्माण हेतु 1 करोड़ रुपये, सारंगढ़ में पी.जी. कॉलेज हेतु भवन निर्माण के लिए 3 करोड़ रुपये, इंडोर स्टेडियम सारंगढ़ के जीर्णोद्धार हेतु 2.5 करोड़ रुपये, बालक छात्रावास सारंगढ़ के मरम्मत हेतु 1 करोड़ रुपये, नवीन जिला अस्पताल में मरीजों की सुविधा हेतु कक्ष निर्माण के लिए 40 लाख रुपये, बस स्टैंड सारंगढ़ में सुविधा विस्तार हेतु 50 लाख रुपये के विकास कार्यों की घोषणा की।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल अध्यक्ष श्री अनुराग सिंहदेव सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, अधिकारीगण और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। -
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जशपुर जिले में 3 नए छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंकों का लोकार्पण
ग्राम आरा, कुडे़केला और छिछली में शुरू हुई नई बैंक शाखाएं
23 ग्राम पंचायतों एवं 48 आश्रित ग्रामों के लगभग 44 हज़ार लोगों को मिलेगा लाभ
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि राज्य और जिले के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराना हमारी सरकार की प्राथमिकता है, ताकि किसानों, व्यापारियों और आम नागरिकों को वित्तीय सेवाएं उनके ही गाँव में सुलभ हों। उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेवाएं न केवल आर्थिक गतिविधियों को गति देती हैं, बल्कि शासकीय योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन का भी आधार बनती हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने जशपुर जिले के बगिया ग्राम में मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय से वर्चुअल माध्यम से जशपुर विकासखंड के ग्राम आरा, पत्थलगांव विकासखंड के ग्राम कुडे़केला (घरजियाबथान) और बगीचा विकासखंड के ग्राम छिछली में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक की नई शाखाओं का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के 12वें वार्षिक प्रतिवेदन का भी विमोचन किया।
44 हज़ार से अधिक ग्रामीण होंगे लाभान्वित
मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यकम को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि जशपुर जिले में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के तीन नई शाखाओं के शुरू होने से 23 ग्राम पंचायतों और 48 आश्रित ग्रामों के लगभग 44 हज़ार लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। अब ग्रामीणों को बैंकिंग कार्यों के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा, जिससे समय और धन की बचत होगी।
अटल डिजिटल सुविधा केंद्र से ग्रामीणों को मिलेगी वित्तीय सेवाएं
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि जशपुर जिले की 268 पंचायतों में अटल डिजिटल सुविधा केंद्र शुरू किए गए हैं, जिनके माध्यम से अब तक लगभग 15 करोड़ रुपये का लेन-देन हो चुका है। आगामी पंचायत दिवस तक जिले की सभी पंचायतों में ये सुविधा केंद्र प्रारंभ करने की योजना है। इन केंद्रों से ग्रामीणों को उनके गाँव में ही बैंकिंग, बीमा और सरकारी योजनाओं से जुड़ी सेवाएं उपलब्ध होंगी।
जशपुर जिले के ग्राम छिछली की सरपंच श्रीमती अनिमा मिंज, आरा के सरपंच श्री मनोज भगत और कुडे़केला के सरपंच श्रीमती शशिकांता पैंकरा ने कहा कि नई बैंक शाखाओं से अब उनके क्षेत्र के ग्रामीणों को सभी बैंकिंग सुविधाएं स्थानीय स्तर पर उपलब्ध होंगी।
ग्राम पंचायत आरा से वर्चुअली जुड़ी विधायक श्रीमती रायमुनी भगत ने कहा कि बैंक खुलने से हितग्राहीमूलक योजनाओं का लाभ सीधे बैंक के माध्यम से हितग्राहियों को मिलेगा।
ग्राम कुडे़केला से वर्चुअली जुड़ी विधायक श्रीमती गोमती साय ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की जनधन योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे लोगों में वित्तीय जागरूकता बढ़ी है और अब 3 नए ग्रामीण बैंकों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में गति आएगी। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय ने भी मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया। इन 3 नई शाखाओं के खुलने से जिले में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक की कुल शाखाओं की संख्या बढ़कर 30 हो गई है।
कैंप कार्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में माटीकला बोर्ड के अध्यक्ष श्री शंभूनाथ चक्रवर्ती, जिला पंचायत सदस्य श्री वेद प्रकाश भगत, श्री उपेन्द्र यादव, श्री सुनील गुप्ता, जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार, छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के चेयरमैन श्री विनोद अरोड़ा सहित तीनों ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधिगण और ग्रामीण वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहे। -
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विगत तीन माह में बस्तर जिले में आभा लिंक के माध्यम से 53 फीसदी मरीजों ने कराया ओपीडी रजिस्ट्रेशन
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बस्तर संभाग में हो रहा है डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल की पहल पर “नेक्स्ट जेन ई-हॉस्पिटल” से स्वास्थ्य सुविधाएं हुईं और भी सुलभ, प्रभावी एवं पारदर्शी
रायपुर : बस्तर संभाग में नेक्स्ट जेन ई-हॉस्पिटल, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन तथा आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का प्रभावी क्रियान्वयन क्षेत्र के लिए एक बड़ा परिवर्तन साबित हो रहा है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय द्वारा बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं के सशक्त विस्तार की दिशा में लगातार सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के सतत मार्गदर्शन में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं आज तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं।
बस्तर के छ :जिला चिकित्सालयों, दो सिविल अस्पतालों और 41 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में नेक्स्ट जेन ई-हॉस्पिटल प्रणाली का सफल संचालन किया जा रहा है, जिससे ओपीडी पंजीकरण, परामर्श, जांच, दवा वितरण तथा मरीजों की स्वास्थ्य संबंधी सभी जानकारियां अब एक डिजिटल मंच पर उपलब्ध हो रही हैं। इसके तहत मरीजों को बेहतर और समयबद्ध सेवाएं मिल रही हैं। डिजिटल तकनीक के इस समावेशन ने अस्पतालों में पारदर्शिता, कार्यकुशलता और मरीजों की संतुष्टि में उल्लेखनीय वृद्धि की है।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत अस्पतालों का हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्रेशन (HFR) और चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ का हेल्थ प्रोफेशनल रजिस्ट्रेशन (HPR) सुनिश्चित किया गया है। अस्पताल परिसरों में आभा कियोस्क स्थापित कर मरीजों को आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) बनाने की सुविधा दी जा रही है। स्कैन एंड शेयर एवं आभा आईडी के माध्यम से ऑनलाइन ओपीडी पंजीयन की सुविधा से मरीजों को लम्बी कतारों से राहत मिली है और उन्हें त्वरित सेवाएं मिल रही हैं।
डिजिटल नवाचारों का प्रभाव भी स्पष्ट रूप से सामने आया है। जिला चिकित्सालय बस्तर में मई, जून और जुलाई 2025 के दौरान कुल 60,045 ओपीडी पंजीयन दर्ज किए गए, जिनमें से 32,379 पंजीयन आभा लिंक के माध्यम से हुए — जो कि कुल पंजीयनों का 53% है। इसी अवधि में जिला चिकित्सालय दंतेवाड़ा में 33,895 ओपीडी पंजीयन दर्ज हुए, जिनमें से 13,729 पंजीयन आभा से लिंक किए गए — यानी 40% का डिजिटल एकीकरण।
यह पूरी प्रक्रिया न केवल समय की बचत सुनिश्चित कर रही है, बल्कि मरीजों के लिए डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड की सुविधा भी प्रदान कर रही है, जिसे वे देश के किसी भी हिस्से में कभी भी देख सकते हैं। इससे स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में पारदर्शिता के साथ-साथ उपचार की निरंतरता और गुणवत्ता में भी वृद्धि हो रही है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि बस्तर संभाग में नेक्स्ट जेन ई-हॉस्पिटल और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन जैसी आधुनिक तकनीकों के सफल क्रियान्वयन ने स्वास्थ्य सेवाओं को नई गति और दिशा दी है। डिजिटल पंजीकरण, हेल्थ रिकॉर्ड और पारदर्शी सेवा प्रणाली से मरीजों को समयबद्ध, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण इलाज मिल रहा है। यह पहल न केवल बस्तर के लिए, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक अनुकरणीय मॉडल है, जिसे हम शीघ्र ही राज्य के सभी जिलों में लागू कर "स्वस्थ और सशक्त छत्तीसगढ़" के संकल्प को साकार करेंगे।
स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं का यह तकनीकी उन्नयन न केवल स्थानीय जनता के लिए उपयोगी सिद्ध हो रहा है, बल्कि यह पूरे प्रदेश के लिए एक अनुकरणीय मॉडल बनकर उभर रहा है। राज्य सरकार का लक्ष्य इस प्रणाली को सभी जिलों में सुदृढ़ रूप से लागू कर "स्वस्थ और सशक्त छत्तीसगढ़" की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ना है।
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में यह पहल केवल स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटलीकरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम है। बस्तर में मिले सकारात्मक परिणाम इस बात का प्रमाण हैं कि जब तकनीक, प्रशासनिक इच्छाशक्ति और जनभागीदारी एक साथ आते हैं, तो विकास की रफ्तार कई गुना बढ़ जाती है। यह पहल न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में बदलाव लाएगी, बल्कि ‘स्वस्थ भारत’ के निर्माण में भी छत्तीसगढ़ का महत्त्वपूर्ण योगदान सुनिश्चित करेगी। -
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सरलता, करुणा और जनसामान्य से जुड़ाव की मिसाल बने मुख्यमंत्री श्री साय : किसान पिता बोले, जीवन भर रहेगा याद
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का नेतृत्व केवल जनकल्याणकारी योजनाओं और विकास की दिशा में सशक्त पहल तक सीमित नहीं है, बल्कि उनकी सहजता, आत्मीयता और मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण व्यवहार ने उन्हें जन-जन के हृदय में विशेष स्थान दिलाया है। आज जांजगीर चांपा जिले में आगमन के दौरान हेलीपेड पर ऐसा ही एक क्षण सामने आया, जब मुख्यमंत्री ने नन्ही बच्ची सृष्टि को गोद में उठाकर स्नेह से दुलारा।
किसान श्री योगेंद्र पांडेय अपनी तीन वर्षीय पुत्री सुश्री सृष्टि पांडेय को लेकर ग्राम भणेसर से विशेष रूप से मुख्यमंत्री श्री साय से मिलने पहुंचे थे। जब मुख्यमंत्री श्री साय की दृष्टि मासूम बच्ची सृष्टि पर पड़ी, तो उन्होंने तुरंत आत्मीय मुस्कान के साथ निहारा और उसे स्नेह से अपनी गोद में उठा लिया। मुख्यमंत्री से मिलकर नन्ही सृष्टि की आँखों में जो चमक थी, वह पूरे वातावरण को आत्मीयता से भर गई।
सृष्टि के पिता श्री योगेंद्र पांडेय ने भावुक होकर बताया कि मुख्यमंत्री जी के आने की खबर सुनकर मैंने तय किया कि अपनी बेटी को उनसे मिलवाऊँगा। जब मुख्यमंत्री जी ने उसे गोद में उठाया, तो हमारी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मेरी बेटी और हम दोनों के लिए यह पल हमारे जीवन की सबसे अनमोल स्मृति बन गई है जो जीवन भर याद रहेगी।
सुश्री सृष्टि, जो वर्तमान में नर्सरी कक्षा की छात्रा हैं, अपने पिता के साथ मुख्यमंत्री श्री साय को देखने के लिए अत्यंत उत्साह के साथ पहुंची थीं। उनका परिवार एक साधारण किसान परिवार है, जिसमें माता-पिता, दादा-दादी और सृष्टि स्वयं शामिल हैं। -
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अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण का बजट 50 करोड़ से बढ़ाकर 75 करोड़ किया गया
अनुसूचित जाति वर्ग के पांच युवाओं को हर साल पायलट बनाने दी जाएगी आर्थिक सहायता
गिरौधपुरी धाम के विकास के लिए 2 करोड़, अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के कोचिंग के लिए 50 लाख रुपए की दी गई स्वीकृति
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज जांजगीर-चांपा जिले के जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण की बैठक में प्राधिकरण के बजट को 50 करोड़ से बढ़ाकर 75 करोड़ रुपये करने की स्वीकृति दी गई। मुख्यमंत्री श्री साय ने निर्देश दिए कि प्राधिकरण मद से स्वीकृत कार्यों को सभी कलेक्टर्स गंभीरता से लें और उन्हें उच्च गुणवत्ता के साथ निर्धारित समयसीमा में पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अब प्राधिकरण की बैठक हर वर्ष समय पर आयोजित होगी और कार्यों की गहन समीक्षा की जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि संविधान की मंशा के अनुरूप अनुसूचित जाति समुदाय के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक उत्थान के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा प्रदत्त संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करते हुए हम बाबा गुरु घासीदास जी के ‘मनखे-मनखे एक समान’ के संदेश को आत्मसात कर समाज में सम्मान और समानता की भावना को सशक्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुँचे, यह सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जांजगीर-चांपा जिले को इस बैठक के लिए विशेष रूप से इसलिए चुना गया क्योंकि यह अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य अपनी स्थापना के 25वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है, और अब समय आ गया है कि हम विकास की दिशा में नए कीर्तिमान स्थापित करें।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की संकल्पना के अनुरूप राज्य में विकास के कार्य हुए हैं। अनुसूचित जाति समाज के समुचित विकास के लिए प्राधिकरण एक सशक्त माध्यम है, जिसके माध्यम से सरकार ठोस प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने गिरौधपुरी धाम के विकास के लिए 2 करोड़ रुपये, अजा वर्ग के विद्यार्थियों हेतु कोचिंग व्यवस्था के लिए 50 लाख रुपये, प्रत्येक वर्ष अनुसूचित जाति वर्ग के 5 युवाओं को पायलट प्रशिक्षण हेतु सहायता, तथा जोड़ा जैतखंभ के निर्माण में सीमेंट के साथ-साथ लकड़ी के उपयोग हेतु राशि स्वीकृत करने की घोषणा की। साथ ही, दिल्ली में संचालित ट्राइबल यूथ हॉस्टल में सीट संख्या बढ़ाकर 200 करने की जानकारी दी और विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु इसका लाभ लेने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने आगामी समय में सभी जिला मुख्यालयों में 'नालंदा परिसर' के निर्माण की भी बात कही।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बैठक के दौरान प्राधिकरण मद से स्वीकृत कार्यों के वर्षों से लंबित रहने पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि भले ही प्राधिकरण के कार्यों की राशि कम हो, लेकिन उनका सामाजिक महत्व अत्यंत बड़ा है। इन कार्यों का समय पर पूर्ण न होना चिंता का विषय है।
बैठक को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में अनुसूचित जाति समाज के उत्थान के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री की सोच समाज के वंचित वर्ग को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में स्पष्ट है। उन्होंने सभी लंबित कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए और सभी समाज को साथ लेकर छत्तीसगढ़ के समग्र विकास का संकल्प दोहराया।
अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष गुरु खुशवंत साहेब ने मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में समाज के विकास के लिए किए जा रहे कार्यों हेतु आभार प्रकट किया। उन्होंने गिरौधपुरी धाम में रोपवे निर्माण, मेला आयोजन के दौरान बुनियादी सुविधाओं के विस्तार, जोक नदी के पास स्नान हेतु आवश्यक व्यवस्था, ठहरने की सुविधा, जोड़ा जैतखंभ में लकड़ी के उपयोग, बाराडेरा धाम में ऐतिहासिक तालाब का संरक्षण और सौंदर्यीकरण, विद्यार्थियों के लिए स्मार्ट क्लास की व्यवस्था जैसी मांगें बैठक में रखीं। उन्होंने बजट वृद्धि और मांगों की स्वीकृति के लिए भी आभार व्यक्त किया।
बैठक में प्राधिकरण के स्वरूप, कार्यक्षेत्र, अनुमोदित कार्यों की समीक्षा, बजट प्रावधानों की जानकारी, एवं वित्तीय वर्ष 2020 से 2025 तक स्वीकृत कार्यों की प्रगति सहित नागरिक सुविधाओं, सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों, और शैक्षणिक सुविधा विस्तार जैसे विषयों पर गहन चर्चा की गई। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों एवं प्राधिकरण सदस्यों के प्रस्तावों के आधार पर 49 करोड़ रुपये से अधिक की राशि के विकास एवं हितग्राही मूलक कार्यों का अनुमोदन किया गया।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव, उपाध्यक्ष गुरु खुशवंत साहेब, मंत्री श्री दयाल दास बघेल, श्री लखन लाल देवांगन, श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, श्री टंकराम वर्मा, सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े, विधायक श्री पुन्नूलाल मोहले, श्री डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, श्री दिलीप लहरिया, श्रीमती शेषराज हरवंश, श्रीमती उतरी गणपत जांगड़े, श्रीमती कविता प्राण लहरे, श्रीमती हर्षिता स्वामी बघेल सहित रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग संभाग के आयुक्त, आईजी, एवं 17 जिलों के कलेक्टर उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि अनुसूचित जाति प्राधिकरण का कार्यक्षेत्र संपूर्ण राज्य है जिसमें प्रदेश के 17 अनुसूचित जाति बाहुल्य जिले – जांजगीर-चांपा, सक्ती, बिलासपुर, मुंगेली, रायपुर, बलौदाबाजार-भाटापारा, गरियाबंद, रायगढ़, सारंगढ़-बिलाईगढ़, दुर्ग, बेमेतरा, बालोद, महासमुंद, राजनांदगांव, खैरागढ़ सहित अन्य वे जिले भी शामिल हैं, जिनमें अनुसूचित जाति जनसंख्या 25 प्रतिशत से अधिक है।
बैठक में जांजगीर-चांपा जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सत्यलता आनंद मिरी, बिलासपुर से श्री राजेश सूर्यवंशी, गरियाबंद से श्री गौरीशंकर कश्यप, अपर मुख्य सचिव श्रीमती ऋचा शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद एवं श्री बसव राजू, पुलिस महानिदेशक श्री अरुणदेव गौतम, विभागीय सचिव श्रीमती शहला निगार, श्री रोहित यादव, श्री कमलप्रीत सिंह, श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले, श्री आर. प्रसन्ना, श्रीमती शम्मी आबिदी सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से उनके निवास कार्यालय में एशियन अफ्रीकन पैसिफिक पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता सुश्री नमी राय पारेख ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री साय को रायपुर निवासी सुश्री नमी राय पारेख ने बताया कि 05 से 13 जुलाई तक जापान के हिमेजी में एशियन पॉवरलिफ्टिंग एसोसिएशन द्वारा एशियन अफ्रीकन पैसिफिक पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था। इस चैंपियनशिप में उन्होंने 57 किलोग्राम डेडलिफ्ट वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल किया है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सुश्री नमी राय पारेख को एशियन अफ्रीकन पैसिफिक पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि आपने अपनी मेहनत और समर्पण से छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया है। प्रदेश की बेटियों को आपकी उत्कृष्ट उपलब्धि से प्रेरणा मिलेगी। इस अवसर पर श्री अंजय शुक्ला, श्री अंजिनेश शुक्ला, श्री सनी पारेख सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे। -
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'एक राखी सैनिक भाइयों के नाम' अभियान की दी जानकारी
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से उनके निवास कार्यालय में भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री श्री साय को भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ द्वारा प्रदेश भर में चलाए गए 'एक राखी सैनिक भाइयों के नाम' अभियान की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री को प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ द्वारा रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में हमारे देश की सीमा पर तैनात सैनिक भाईयों के सम्मान में "एक राखी सैनिक भाईओं के नाम' अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत छत्तीसगढ़ राज्य के सभी 33 जिलों के बुलबुल, गाइड और रेंजर बहनों द्वारा हस्त निर्मित राखियां सैनिक भाईयों के लिए प्राप्त हुई है। ये राखियां हमारे सैनिक भाइयों को प्रेषित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ के अभियान 'एक राखी सैनिक भाइयों के नाम' की सराहना करते हुए कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि इस अभियान के तहत छत्तीसगढ़ के बच्चे देश की रक्षा में सीमा पर डटे जवानों को रक्षासूत्र भेज रहे हैं। इस पहल से बच्चों में देशभक्ति की भावना बढ़ेगी और हमारे जवानों को भी भावनात्मक संबल मिलेगा । इस अवसर पर भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ के राज्य मुख्य आयुक्त डॉ. सोमनाथ यादव, श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, श्री मुरली शर्मा, श्री कैलाश सोनी, श्री समीर शेख सहित अन्य गणमान्य जन उपस्थित थे। -
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पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-शांति और समृद्धि के लिए की प्रार्थना
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज महासमुंद में विधायक श्री योगेश्वर राजू सिन्हा द्वारा पवित्र श्रावण मास के अवसर पर आयोजित रूद्र महाभिषेक हवन पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने रुद्र पाठ के मंत्रोच्चार और ॐ नमः शिवाय, हर-हर महादेव के जयकारों के साथ भगवान शिव का अभिषेक किया। उन्होंने पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख, शांति और समृद्धि के लिए मंगलकामना की। -
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कौशल प्रशिक्षण को रोजगार से जोड़ें, युवाओं को बनाएं आत्मनिर्भर – मुख्यमंत्री श्री साय
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन, नवा रायपुर में कौशल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि युवाओं के कौशल प्रशिक्षण को सीधे रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल प्रशिक्षण देना नहीं, बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाना है। इसके लिए विभाग द्वारा निरंतर नवाचार और प्रभावी कार्ययोजना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने बैठक में विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए वर्ष 2025–26 के लिए जिलेवार प्रशिक्षण उपलब्धि और आबंटित बजट पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0, और प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने ‘नियद नेल्ला नार’ योजना के तहत आत्मसमर्पित माओवादियों को दिए जा रहे प्रशिक्षण के सम्बन्ध में जानकारी ली। बैठक में बताया गया कि अब तक 549 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जबकि पुनर्वास केंद्रों में 382 प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इसी क्रम में पीएम जनमन योजना के तहत अत्यंत पिछड़ी जनजाति (PVTG) के युवाओं को दिए जा रहे कोर्सवार प्रशिक्षण की भी समीक्षा की गई।
बैठक में विभागीय उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया गया कि 1 जुलाई 2025 से मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत चेहरा-आधारित स्कैनिंग प्रणाली द्वारा प्रशिक्षणार्थियों की उपस्थिति दर्ज की जा रही है, जिससे पारदर्शिता और निगरानी में सुधार हुआ है।बैठक में विभाग द्वारा निजी संस्थाओं के साथ किए गए एमओयू की जानकारी भी साझा की गई, जिनमें नांदी फाउंडेशन और महिंद्रा एंड महिंद्रा संस्थानों से किए गए समझौते शामिल हैं। इन संस्थानों के माध्यम से राज्य में गुणवत्ता आधारित प्रशिक्षण संचालित किया जा रहा है।
बैठक में ‘कौशल तिहार 2025’ के आयोजन की रूपरेखा भी प्रस्तुत की गई, जिसका उद्देश्य युवाओं में कौशल के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। यह प्रतियोगिता जिला और राज्य स्तरीय दो चरणों में आयोजित की जाएगी, जिसमें दो आयु वर्ग – 22 वर्ष से कम एवं 22 वर्ष से अधिक – के प्रतिभागी भाग लेंगे। प्रतियोगिता में 10 प्रमुख ट्रेड ऑटोमोबाइल टेक्नोलॉजी, ब्रिकलेइंग, रिन्युएबल एनर्जीहेल्थ एंड सोशल केयर, प्लंबिंग एंड हीटिंग, इलेक्ट्रिकल इंस्टॉलेशंस, इलेक्ट्रॉनिक्स फील्ड टेक्नीशियन, कंप्यूटर, मोबाइल फोन टेक्नीशियन, ग्राफिक डिजाइन टेक्नोलॉजी/डेस्कटॉप पब्लिशिंग तथा रेफ्रिजरेशन एंड एयर कंडीशनिंग शामिल है।जिला स्तर पर प्रत्येक ट्रेड और आयु वर्ग से दो विजेताओं का चयन किया जाएगा, जो राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेंगे। राज्य स्तर के विजेताओं को पुरस्कार, ट्रॉफी और रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। उन्हें इंडिया स्किल्स 2025 की क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार किया जाएगा, जहाँ से चयनित प्रतिभागी ‘वर्ल्ड स्किल्स 2026’, शंघाई (चीन) में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि कौशल विकास योजनाओं को युवाओं की आजीविका, आत्मनिर्भरता और भविष्य के निर्माण से जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने इस दिशा में सतत प्रयास करने के निर्देश दिए।
बैठक में वन एवं कौशल विकास मंत्री श्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, कौशल विकास विभाग के सचिव श्री एस. भारतीदासन तथा छत्तीसगढ़ राज्य कौशल विकास अभिकरण (CSDA) के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विजय दयाराम के सहित अन्य वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। -
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मुख्यमंत्री श्री साय ने वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के कार्यों की समीक्षा की
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि हिंसक वन्यप्राणियों द्वारा जनहानि, पशुहानि एवं फसल क्षति के प्रकरणों में त्वरित, नियमानुसार एवं संवेदनशीलता से क्षतिपूर्ति सहायता प्रदान की जाए। वनांचल में निवासरत लोगों को कई बार वन्यप्राणियों के हमलों से अपनों को खोने की पीड़ा सहनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में प्रभावितों के दुख-दर्द का मानवीय दृष्टिकोण से शीघ्र निराकरण किया जाना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री श्री साय आज मंत्रालय महानदी भवन, नवा रायपुर में वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हाथी-मानव द्वंद्व और अन्य हिंसक वन्यप्राणियों द्वारा जनहानि, पशुहानि एवं फसल क्षति की घटनाएं राज्य के वनांचल क्षेत्रों में चुनौती बनकर उभर रही हैं। ऐसी स्थितियों में शासन की जिम्मेदारी है कि पीड़ितों को शीघ्र एवं न्यायसंगत सहायता उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी संबंधित प्रकरणों का नियमानुसार त्वरित निराकरण सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जंगली हाथियों द्वारा धान जैसी प्रमुख फसल के अतिरिक्त गन्ना, केला, पपीता एवं कटहल जैसी नगदी फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचाया जाता है, जिससे किसानों को आर्थिक ही नहीं, मानसिक रूप से भी दोहरी मार झेलनी पड़ती है। बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश में प्रदत्त व्यक्तिगत वनाधिकार पट्टों की अद्यतन स्थिति की भी जानकारी ली।
बैठक में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि शासन द्वारा प्रदत्त सहायता समय पर प्रभावितों तक पहुंचे, इसके लिए विभागीय समन्वय को और अधिक मजबूत किया जाए। जनहानि, स्थायी अपंगता, पशुहानि, मकान क्षति तथा फसल हानि के लिए दी जाने वाली क्षतिपूर्ति दरों में वृद्धि किए जाने का प्रस्ताव भी बैठक में प्रस्तुत किया गया।बैठक में प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली फसल क्षति के आरबीसी के प्रावधानों के अंतर्गत दी जाने वाली सहायता राशि पर भी चर्चा की गई।
बैठक मे मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव (वन) श्रीमती ऋचा शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, कृषि विभाग की सचिव श्रीमती शहला निगार, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव श्री अविनाश चंपावत, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी सचिव श्री अंकित आनंद, सचिव (वन) श्री अमरनाथ प्रसाद, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) श्री सुधीर अग्रवाल, अपर मुख्य वन संरक्षक श्री प्रेम कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। -
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मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की अपील – बारिश के मौसम में गहरे जल स्रोतों से सतर्क रहें आमजन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी क्षेत्र एवं जगदलपुर के हजारीगुड़ा गांव में नहाते समय गहरे पानी में डूबकर पाँच मासूम बच्चों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने इस हृदयविदारक घटना को अत्यंत पीड़ादायक बताते हुए दिवंगत आत्माओं की शांति और शोक संतप्त परिजनों को इस दुःखद घड़ी को सहन करने की शक्ति प्रदान करने हेतु ईश्वर से प्रार्थना की है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार इस कठिन समय में पीड़ित परिवारों के साथ है। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि पीड़ित परिवारों को शासन के नियमानुसार चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि तत्काल प्रदान की जाए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बरसात के मौसम में नदी-नालों और गहरे जल स्रोतों में बढ़ते जल स्तर और तेज प्रवाह को देखते हुए आम नागरिकों से विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि विशेषकर बच्चों को ऐसे खतरनाक स्थलों के पास जाने से रोका जाए, ताकि इस प्रकार की दुःखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
मुख्यमंत्री ने सामाजिक जागरूकता बढ़ाने, जलभराव वाले स्थानों की पहचान कर चिन्हांकन करने तथा जोखिम वाले इलाकों में चेतावनी बोर्ड लगाने जैसे सतर्कता उपायों को प्राथमिकता के साथ लागू किए जाने के निर्देश दिए हैं। -
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भगवान मधेश्वर की पावन धरा के विकास हेतु मिलेंगे 10 करोड़ रुपये, तीर्थ पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
श्रीरामलला दर्शन योजना और तीर्थदर्शन योजना से श्रद्धालुओं को मिल रहा आध्यात्मिक लाभ
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने पवित्र श्रावण मास के चौथे सोमवार के शुभ अवसर पर रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय से जशपुर जिले के कुनकुरी विकासखंड अंतर्गत मयाली में विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पहाड़ के समीप आयोजित दिव्य शिव महापुराण कथा के समापन समारोह को ऑनलाइन माध्यम से संबोधित किया।
श्रावण मास की इस सात दिवसीय दिव्य कथा श्रृंखला का आयोजन 28 जुलाई से 4 अगस्त 2025 तक महामधेश्वर धाम समिति द्वारा किया गया, जिसमें अयोध्या के प्रसिद्ध कथावाचक पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने शिव महापुराण की अमृतमयी वाणी से हजारों श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया। मुख्यमंत्री ने व्यासपीठ से जुड़े सभी संतजनों को प्रणाम करते हुए समिति को भव्य आयोजन के लिए बधाई एवं आभार प्रकट किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिव और शक्ति छत्तीसगढ़ के कण-कण में समाए हैं और प्रदेश को आध्यात्मिक ऊर्जा इन्हीं देवस्थलों से प्राप्त होती है। उन्होंने बताया कि मधेश्वर महादेव धाम के विकास के लिए केंद्र सरकार से ₹10 करोड़ की राशि प्राप्त हुई है, तथा राज्य सरकार तीव्र गति से अधोसंरचना विकास और श्रद्धालु सुविधाओं के लिए कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में विराजित भगवान शिव के प्रमुख स्थलों का उल्लेख करते हुए कहा कि मयाली में मधेश्वर पहाड़, कवर्धा में बाबा भोरमदेव, राजिम में कुलेश्वर महादेव, गरियाबंद में भूतेश्वर महादेव और जांजगीर-चांपा के खरौद में लक्ष्मणेश्वर महादेव के रूप में भगवान शिव विभिन्न रूपों में श्रद्धालुओं को दर्शन दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सम्पूर्ण प्रदेश शिवमय है।
श्री साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ में पाँच प्रमुख शक्तिपीठों के विकास के लिए शक्ति कॉरिडोर योजना प्रारंभ की गई है। इसमें डोंगरगढ़ की बमलेश्वरी देवी, रतनपुर की महामाया देवी, चंद्रपुर की चंद्रहासिनी माता, दंतेवाड़ा की दंतेश्वरी देवी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में तीर्थ पर्यटन को नई दिशा दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने श्री रामलला दर्शन योजना का उल्लेख करते हुए बताया कि अब तक 22 हजार से अधिक श्रद्धालु अयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम के दर्शन का लाभ प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह योजना श्रद्धालुओं को प्रभु श्रीराम के प्रति श्रद्धा से जोड़ने का सशक्त माध्यम बनी है।
इसी क्रम में पुनः प्रारंभ की गई मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत राज्य के वृद्ध श्रद्धालुओं को देश के 19 प्रमुख तीर्थ स्थलों के दर्शन कराए जा रहे हैं, जिससे उन्हें जीवन मं आध्यात्मिक संतोष और आस्था का अनुभव हो रहा है।
समापन अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना करते हुए प्रार्थना की कि बाबा भोलेनाथ की कृपा सदैव सभी श्रद्धालुओं पर बनी रहे। उन्होंने महामधेश्वर धाम समिति को आयोजन की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी और कहा कि प्रदेश सरकार श्रद्धा, संस्कृति और विकास के समन्वय से छत्तीसगढ़ को नया धार्मिक एवं पर्यटन गंतव्य बनाएगी।