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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने छत्रपति शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि (03 अप्रैल) पर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए कहा कि शिवाजी महाराज केवल इतिहास के पन्नों में दर्ज एक नाम नहीं, बल्कि भारतमाता की आत्मा में रचा-बसा वह स्वाभिमान हैं, जिन्होंने स्वराज्य का स्वप्न देखा और उसे यथार्थ में परिणत किया। वे साहस, संकल्प और राष्ट्रभक्ति की सजीव प्रतिमूर्ति थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शिवाजी महाराज भारतीय संस्कृति, नीति और नेतृत्व के अमिट प्रतीक हैं। उन्होंने न केवल धार्मिक सहिष्णुता, जनकल्याण और न्यायप्रिय शासन की अद्वितीय मिसाल प्रस्तुत की, बल्कि यह भी सिद्ध किया कि एक सच्चा शासक केवल तलवार से नहीं, नीति, मूल्य और जनसेवा से पहचाना जाता है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज जब देश नए भारत के निर्माण की दिशा में बढ़ रहा है, तब शिवाजी महाराज की सोच, उनका साहस और स्वराज्य का दर्शन हमारे लिए प्रेरणापुंज बन सकता है। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज के जीवन से हमे यह प्रेरणा मिलती है कि जब संकल्प अडिग हो और ध्येय राष्ट्रहित, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती।
मुख्यमंत्री श्री साय ने युवाओं को प्रेरित किया कि शिवाजी महाराज के राष्ट्रप्रेम के आदर्श का अनुसरण करते हुए राष्ट्र की उन्नति में अपनी ऊर्जा, प्रतिभा और समय को समर्पित कर सशक्त और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सहभागी बनें। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री साय 'स्वदेश' द्वारा आयोजित 'विमर्श' कार्यक्रम में हुए शामिल
भगवान श्रीराम के आदर्श गुणों को आत्मसात करना ही मन की अयोध्या को सजाना है – सह सरकार्यवाह श्री रामदत्त चक्रधर
"समय है अब मन की अयोध्या को सजाने का" विषय पर हुआ विशेष व्याख्यान
"राम काजु कीन्हें बिनु" एवं छत्तीसगढ़ की लोक कला संस्कृति पुस्तक का विमोचन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में राष्ट्रीय विचार पत्रिका "स्वदेश" द्वारा आयोजित विशेष कार्यक्रम "विमर्श" में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। "समय है अब मन की अयोध्या को सजाने का" विषय पर आयोजित इस विमर्श व्याख्यान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री रामदत्त चक्रधर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे।
सह सरकार्यवाह श्री चक्रधर ने अपने व्याख्यान में कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के आदर्शों एवं गुणों को मन में आत्मसात करना ही “मन की अयोध्या” को सजाना है। उन्होंने कहा कि केवल मन ही नहीं, बल्कि अपने परिवार, समाज, गांव और राष्ट्र को भी राममय बनाना है। उन्होंने श्रीराम के आदर्शों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका जीवन वचन-पालन, धैर्य, करुणा भाव, परामर्श, श्रेय, न्याय, अहंकार का त्याग, मित्रता और दूसरों के प्रति सम्मान एवं समभाव जैसे गुणों से परिपूर्ण था। इन गुणों को अपनाकर हम अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं।
श्री चक्रधर ने आगे श्रीराम के जीवन से जुड़ी घटनाओं के छोटे-छोटे उदाहरणों के माध्यम से उनके आदर्श गुणों को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि श्रीराम वचन के प्रति दृढ़ प्रतिज्ञ थे—राजतिलक की घोषणा के अगले ही दिन उन्होंने पिता दशरथ द्वारा दिए गए वचन के सम्मान में सहर्ष वनवास स्वीकार किया। इसी प्रकार उन्होंने हर सुख-दुख की परिस्थिति में धैर्य बनाए रखा, कभी भी अहंकार को अपने पास नहीं आने दिया और सभी के साथ समभाव रखते हुए सम्मान का आदर्श प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि इन गुणों को आत्मसात कर हम अपने मन, परिवार, समाज और राष्ट्र को सशक्त बना सकते हैं और 2047 के विकसित भारत की परिकल्पना को साकार कर सकते हैं।
इस अवसर पर अयोध्या आंदोलन पर केंद्रित ग्रंथ "राम काजु कीन्हें बिनु" एवं छत्तीसगढ़ की लोक कला-संस्कृति पर आधारित पुस्तक का विमोचन मंच से किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्य क्षेत्र के संघचालक डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना ने की। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, स्वदेश पत्रिका समूह के संपादक श्री अतुल तारे एवं प्रबंध संपादक श्री यशवर्धन जैन मंच पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अपने संबोधन में कहा कि स्वदेश पत्र समूह ने अपनी सात दशकों की अविरल यात्रा में समाज में भारतीयता की भावना को पुष्ट करने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि स्वदेश समाचार पत्र आज भले ही नए कलेवर में है, लेकिन इसका इतिहास अत्यंत समृद्ध है। देश की आजादी के तुरंत बाद 1948 में अंत्योदय और एकात्म मानवतावाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की परिकल्पना से इस पत्र का प्रकाशन आरंभ हुआ। हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी भी इसके संपादक रहे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वर्ष 1975 में जब देश में आपातकाल लागू हुआ, तब स्वदेश समाचार पत्र समूह के अधिकांश लोगों को जेल में डाल दिया गया। इसके बावजूद यह पत्र भारतीयता की भावना को लोगों तक पहुँचाता रहा और अडिग रहा। आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की हत्या की गई और लाखों लोगों को जेल में डाल दिया गया। अनेक परिवार उजड़ गए। ऐसे मीसाबंदियों को पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की सरकार ने सम्मान निधि देना प्रारंभ किया था, जो पिछले 5 वर्षों से बंद थी, जिसे हमारी सरकार ने पुनः प्रारंभ किया है। साथ ही विधानसभा में विधेयक लाकर यह सुनिश्चित किया गया है कि मीसाबंदियों को यह सम्मान राशि निरंतर मिलती रहे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज का व्याख्यान विषय – "समय है अब मन की अयोध्या को सजाने का" – अत्यंत प्रासंगिक है। छत्तीसगढ़ माता कौशल्या की भूमि है और भगवान श्रीराम को यहां भांजा कहा जाता है। उन्होंने कहा कि रामराज्य का अर्थ है—जनता की सेवा। हमारी सरकार सभी वर्गों को साथ लेकर जनसेवा का कार्य कर रही है। भ्रष्टाचार के प्रति हमारी नीति जीरो टॉलरेंस की है। हम श्रीराम के आदर्शों के अनुरूप रामराज्य की कल्पना को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
कार्यक्रम को विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह एवं मध्य क्षेत्र के संघचालक डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम की प्रस्तावना समूह संपादक श्री अतुल तारे ने रखी। आभार प्रदर्शन श्री योगेश मिश्रा (स्थानीय संपादक) ने किया तथा संचालन श्री शशांक शर्मा ने किया।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छत्तीसगढ़ प्रांत प्रचारक श्री अभयराम, प्रांत संघचालक डॉ. टॉपलाल वर्मा, उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव, श्री विजय शर्मा, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन, विधायक श्री किरण देव, श्री पुरंदर मिश्रा, श्री सुनील सोनी, श्री खुशवंत साहेब, श्री पवन साय सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। -
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उत्कल दिवस पर ओडिशा राज्य स्थापना की ऐतिहासिक प्रेरणा को किया नमन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के महिला थाना चौक (मधुसूदन दास चौक) में उत्कल दिवस के अवसर पर महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बैरिस्टर मधुसूदन दास की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें सादर नमन किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने उत्कल समाज और ओडिशा वासियों को दी शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री श्री साय ने ओडिशा राज्य स्थापना दिवस (उत्कल दिवस) पर प्रदेश सहित देशभर में रह रहे उत्कल समाज के सभी बंधुओं को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह दिवस केवल ओडिशा के गठन का उत्सव नहीं, बल्कि संघर्ष, आत्मगौरव और सांस्कृतिक एकता की प्रेरणा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में उत्कल समाज के लोग निवास करते हैं, जो प्रदेश की सामाजिक समरसता और विविधता को सशक्त बनाते हैं।
बैरिस्टर मधुसूदन दास के योगदान को किया नमन
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बैरिस्टर मधुसूदन दास जैसे दूरदर्शी और समर्पित व्यक्तित्व के संघर्षों के कारण ही 1 अप्रैल 1936 को ओडिशा राज्य का गठन हुआ। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच सदियों से सांस्कृतिक और सामाजिक संबंध रहे हैं। उन्होंने बताया कि महाप्रभु श्री जगन्नाथ को चढ़ने वाला भोग का चावल आज भी छत्तीसगढ़ से जाता है। विशेष रूप से देवभोग क्षेत्र का चावल, जो प्रभु के प्रसाद के रूप में उपयोग होता है, दोनों राज्यों के धार्मिक जुड़ाव का प्रतीक है।
महाप्रभु जगन्नाथ से प्रदेशवासियों के कल्याण की कामना
मुख्यमंत्री श्री साय ने महाप्रभु श्री जगन्नाथ से छत्तीसगढ़वासियों के सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। उन्होंने कहा कि भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद हमेशा छत्तीसगढ़ पर बना रहेगा।
इस अवसर पर विधायक श्री किरण देव, विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, विधायक श्री सुनील सोनी, महापौर श्रीमती मीनल चौबे, सभापति श्री सूर्यकांत राठौर, श्री संजय श्रीवास्तव, उत्कल समाज के सदस्य एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। -
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रायपुर : घना जंगल, टेढ़े-मेढ़े रास्ते, और सूरज ढलते ही छा जाने वाला घना अंधेरा – कुछ समय पहले तक बीजापुर जिले के हीरापुर ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम पुसकोंटा की यही पहचान थी। लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में संचालित "नियद नेल्लानार योजना" ने वह कर दिखाया, जो लंबे समय से सिर्फ एक सपना था। गांव के प्रत्येक घर में जब पहली बार बल्ब जला, तो वह एक नए जीवन की शुरुआत थी।
पुसकोंटा के ग्रामीण देवा कुंजाम, भीमा माड़वी, नागू पोट्टाम और जमुना मिच्चा की आँखों में यह चमक साफ़ देखी जा सकती है, जो उम्मीद और विश्वास की होती है।
देवा कुंजाम बताते हैं, “पहले अंधेरा ऐसा होता था कि जंगली जानवरों का डर हर समय बना रहता था। लेकिन अब गांव में रोशनी है, और साथ ही सुरक्षा का भी एहसास।"
पीने का पानी अब घर के द्वार पर
गृहिणी जमुना मिच्छा कहती हैं, “जल जीवन मिशन के तहत हर घर में नल होने से अब हमें पानी के लिए हैण्डपंप तक नहीं जाना पड़ता। पहले बच्चों को अकेला छोड़कर पानी लाने जाना पड़ता था, अब घर में ही पानी है, तो बच्चों का भी ठीक से ध्यान रख पाती हूं।”
सपनों को पंख देने वाला प्रशासन
भीमा माड़वी के लिए तो यह बदलाव कुछ और ही मायने रखता है। वे पहली बार रायपुर देखने गए – एक ऐसा अनुभव जो पहले कभी कल्पना में भी नहीं था। वे कहते हैं, “मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी की पहल के कारण आज पुसकोंटा जैसे दूरदराज गांव के ग्रामीण भी राजधानी के विकास कार्यों को देख पा रहे हैं।”
बिजली, पानी, सड़क, मोबाइल टावर, स्कूल, आंगनबाड़ी – एक समग्र बदलाव
नियद नेल्लानार योजना सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि एक विजन है – वह विजन जो हर गांव को विकास की मुख्यधारा से जोड़ता है। अब पुसकोंटा जैसे गांवों में न सिर्फ रोशनी आई है, बल्कि संभावनाओं की नई सुबह भी हुई है। प्रधानमंत्री आवास, शौचालय, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी सुविधाएं अब यहां दस्तक दे रही हैं। ये बदलाव सिर्फ सुविधा का नहीं, बल्कि सम्मान और आत्मनिर्भरता का है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में यह स्पष्ट हो चुका है कि कोई भी गांव अब ‘दूर’ नहीं है, और कोई भी सपना अब ‘असंभव’ नहीं है। -
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मुख्यमंत्री श्री साय ने बैंक ऑडिट एंड एआई विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला को किया संबोधित
चार्टर्ड अकाउंटेंट्स विकसित छत्तीसगढ़ 2047 के निर्माण में बनें अग्रणी भागीदार: मुख्यमंत्री श्री साय
रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के व्यापक आर्थिक सुधारों के कारण भारत आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। जीएसटी और कर सुधारों ने टैक्स व्यवस्था को सरल बनाया है और राजस्व संग्रहण को मजबूत किया है।चार्टर्ड अकाउंटेंट्स भारत की इस विकास यात्रा में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं और विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को पाने में भी उनकी भागीदारी अहम होगी। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर में इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला 'नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन बैंक ऑडिट एंड एआई' को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस अवसर पर उन्होंने सीए छत्तीसगढ़ के विशेष लोगो का भी विमोचन किया।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) भविष्य का सबसे बड़ा औजार
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बौद्धिक वर्ग हमेशा नई तकनीकों को अपनाता है और एआई (AI) ऐसी ही एक गेम-चेंजर तकनीक है। उन्होंने माना कि एआई न केवल सीए पेशे को और सशक्त करेगा, बल्कि इस क्षेत्र की गुणवत्ता व गति को भी बढ़ाएगा। उन्होंने एआई से जुड़ी संभावनाओं और चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आईसीएआई की स्थापना को भारतीय अकाउंटिंग क्षेत्र की ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि 1949 में 1600 लोगों के साथ शुरू हुआ यह संस्थान आज चार लाख से अधिक सदस्यों का मजबूत संगठन बन चुका है, जो देशभर में आर्थिक उत्तरदायित्व निभा रहे हैं।
नई औद्योगिक नीति से बढ़ा निवेश, प्रदेश को 4 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त
मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति की चर्चा करते हुए कहा कि यह नीति निवेशकों के लिए आकर्षक है और सभी वर्गों का ध्यान रखती है। अब तक 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में लिथियम जैसे दुर्लभ खनिज की उपलब्धता और सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री की स्थापना से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई उड़ान मिलेगी। उन्होंने कहा कि पिछले 15 महीनों में राज्य सरकार ने कई दूरदर्शी फैसले लिए हैं, जिससे प्रदेश में तेज़ी से विकास हो रहा है और रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। लोक कल्याणकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन नागरिकों के आर्थिक सशक्तिकरण में सहायक सिद्ध हो रहा है।
छत्तीसगढ़ विज़न डॉक्यूमेंट 2047: विकसित भारत में प्रदेश की महती भूमिका
मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ विज़न डॉक्यूमेंट 2047 का ज़िक्र करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ विकसित भारत के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाएगा। प्रदेश के 3,000 से अधिक चार्टर्ड अकाउंटेंट्स इसमें भागीदार बनेंगे।
आईसीएआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री चरणजोत सिंह नंदा ने संस्था की स्थापना (1949) से लेकर अब तक की विकास यात्रा की जानकारी दी। उन्होंने चार्टर्ड एकाउंटेंट के कार्य से जुड़ी चुनौतियों और दायित्वों पर भी प्रकाश डाला और कहा कि देश के सभी सीए मिलकर प्रधानमंत्री के विकसित भारत 2047 के सपनों को साकार करने में अपना बहुमूल्य योगदान देंगे।
इस अवसर पर प्रदेश मीडिया प्रभारी सीए श्री अमित चिमनानी, सीए श्री पंकज शाह, सीए श्री अभय छाजेड़, सीए श्री विकास गोलछा सहित आईसीएआई के रायपुर, भिलाई, बिलासपुर और रायगढ़ ब्रांच के सदस्य उपस्थित थे। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आमसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदू नववर्ष के शुभारंभ के अवसर पर आज छत्तीसगढ़ की पावन धरती पर विकास की नई रोशनी फैली है, जब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राज्य को 33,700 करोड़ रुपए से अधिक की बहुआयामी परियोजनाओं की सौगात दी है। उन्होंने जनसभा में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का छत्तीसगढ़ की 3 करोड़ जनता की ओर से हार्दिक स्वागत और अभिनंदन किया।
जनकल्याण और अधोसंरचना के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा लोकार्पित एवं शिलान्यास की गई परियोजनाएं रेल, सड़क, ऊर्जा, ईंधन, आवास और शिक्षा से जुड़ी हैं, जो न केवल लोगों के जीवन में खुशहाली और सुविधा का नया सूर्याेदय लाएंगी, बल्कि विकसित छत्तीसगढ़ की नींव भी मजबूत करेंगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की गारंटी पर लोगों ने भरोसा किया जिससे विधानसभा और लोकसभा चुनावों में डबल इंजन की सरकार बनी और अब स्थानीय निकाय चुनावों में तीसरा इंजन भी जुड़ गया है।
2047 के विकसित भारत की ओर छत्तीसगढ़ का मजबूत कदम
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भावी पीढ़ी के भविष्य को ध्यान में रखकर 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ इसमें ऊर्जा, खनिज और कृषि के क्षेत्र में राष्ट्रीय आवश्यकताओं की पूर्ति में सहायक बनेगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला, आयुष्मान भारत, किसान सम्मान निधि जैसे कार्यक्रमों के जरिए अंतिम छोर तक लाभ पहुंचा है। साथ ही रेल, सड़क, एयर कनेक्टिविटी और डिजिटल नेटवर्क का तेजी से विस्तार हुआ है।
आदिवासी विकास में विशेष योगदान
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री जन-मन, धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान, स्वच्छ भारत मिशन, जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं ने जनजातीय बहुल छत्तीसगढ़ को एक नई दिशा और दशा दी है। भारत अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में अयोध्या में श्रीरामलला का भव्य मंदिर बना और प्रयागराज महाकुंभ में भारत की संस्कृति की भव्यता को दुनिया ने देखा।
छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रही है। गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों के सशक्तिकरण के लिए सरकार पूरी शक्ति से जुटी है।मुख्यमंत्री श्री साय ने अंत में प्रधानमंत्री जी के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए कहा कि जब-जब छत्तीसगढ़ के विकास के लिए हमने मांग की, आपने अपेक्षा से अधिक दिया। इसके लिए हम सदैव आभारी रहेंगे। उन्होंने प्रदेश की जनता की ओर से प्रधानमंत्री के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया। -
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रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज छत्तीसगढ़ के मोहभट्ठा बिलासपुर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हरी झंडी दिखाकर अभनपुर-रायपुर मेमू ट्रेन सेवा का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस अवसर पर 2,695 करोड़ रूपए की लागत से पूरी हो चुकी चार रेल परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करने के साथ ही 7 रेल परियोजनाओं की आधारशिला रखी। छत्तीसगढ़ में रेल सुविधाओं के विकास और यात्रियों को किफायती एवं सुगम परिवहन की दिशा में एक बड़ा कदम है। इन परियोजनाओं से छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास को भी नई गति मिलेगी।
रायपुर और अभनपुर के बीच मेमू ट्रेन शुरू होने से आम लोगों के लिए आवागमन किफायती और आसान होगा। इस ट्रेन का ठहराव मंदिर हसौद, सीबीडी, केंद्री और अभनपुर स्टेशनों पर होगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 747 करोड़ की लागत से राजनांदगांव-बोरतलाव तक बिछाई गई तीसरी रेल लाइन, 353 करोड़ की लागत से मंदिर हसौद-केन्द्री-अभनपुर नई रेल लाइन, 88 करोड़ की लागत से दुर्ग-रायपुर स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली के साथ ही छत्तीसगढ़ में रेल नेटवर्क का 100 प्रतिशत विद्युतीकरण का लोकार्पण किया।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने खरसिया-झाराडीह पांचवीं रेल लाइन, सरगबुंदिया-मड़वारानी तीसरी-चौथी रेल लाइन, दाधापारा-बिल्हा-दगोरी चौथी रेल लाइन, निपनिया-भाटापारा-हथबंद चौथी रेल लाइन, भिलाई-भिलाई नगर-दुर्ग लिंक केबिन चौथी रेल लाइन, राजनांदगांव-डोंगरगढ़ चौथी रेल लाइन, और करगी रोड-सल्का रोड तीसरी रेल लाइन का शिलान्यास किया।
वन मंत्री श्री केदार कश्यप इस मौके पर अभनपुर रेल स्टेशन पर आयोजित एक संक्षिप्त कार्यक्रम में मौजूद लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि रेल सुविधाओं का विकास राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। रेल संपर्क का विस्तार दूरदराज के क्षेत्रों में रोजगार और व्यापार के नए अवसर खोलेगा, जिससे आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों को विशेष रूप से लाभ मिलेगा।
सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने रायपुर से अभनपुर के बीच शुरू की गई मेमू ट्रेन का उत्साहपूर्वक स्वागत किया। उन्होंने कहा कि स्थानीय व्यापार और परिवहन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि भविष्य में रेल सुविधाओं का विस्तार बस्तर, सरगुजा और जशपुर जैसे दूरस्थ क्षेत्रों तक किया जाए, ताकि छत्तीसगढ़ का बड़ा हिस्सा रेल्वे नेटवर्क से जुड़े। कार्यक्रम में विधायक श्री राजेश मूणत, श्री सुनील कुमार सोनी, श्री पुरन्दर मिश्रा, श्री मोतीलाल साहू, श्री गुरु खुशवंत साहेब, श्री इंद्र कुमार साहू, महापौर श्रीमती मीनल चौबे, नगर निगम कमिश्नर श्री विश्वदीप, ज़िला पंचायत सीईओ श्री कुमार बिश्वरंजन सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी भी उपस्थित थे। -
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प्रधानमंत्री जनमन योजना बनी आत्मसम्मान की छत – एक सजीव संवाद की प्रेरक कहानी
तीन लाख गरीबों का सपना हुआ पूरा, पहुंचे खुद के पक्के मकानों में
सोमारी पुनेम, दल्लुराम बैगा और जगतपाल राम को प्रधानमंत्री ने अपने हाथों से सौंपी नए आवास की चाबी
दूरस्थ वनांचलों में भी गरीबों और वंचितों के अब खुद के पक्के घर, सुरक्षा और सम्मान के साथ चिंतामुक्त रह रहे अपने सपने के आशियानों में
रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जब बिलासपुर जिले के ग्राम मोहभट्ठा में आयोजित आमसभा एवं विकास कार्यों के लोकार्पण-शिलान्यास समारोह के दौरान हितग्राहियों से संवाद किया, तो मंच पर एक विशेष क्षण आया – प्रधानमंत्री और दल्लु राम बैगा के बीच सरल, संक्षिप्त किन्तु सजीव, आत्मीय एवं सारगर्भित संवाद।
प्रधानमंत्री ने मुस्कराकर पूछा –“पक्का मकान बन गया है?”दल्लु राम ने हाथ जोड़कर जवाब दिया –“हां, बन गया है।”प्रधानमंत्री श्री मोदी ने फिर स्नेहपूर्वक पूछा –“अच्छा लग रहा है की नहीं?”भावुक दल्लु राम ने जवाब दिया“अच्छा लग रहा है।”प्रधानमंत्री ने अंत में पूछा –“बाकी सब ठीक है?”दल्लु राम ने आत्मविश्वास के साथ कहा –“ठीक है।”
यह संवाद कोई औपचारिक प्रश्नोत्तर नहीं था, बल्कि विश्वास, संवेदना और साझेदारी का साक्षात चित्रण था।
छत्तीसगढ़ के तीन लाख गरीब परिवारों के लिए आज का दिन बेहद खास और अविस्मरणीय है। आज चैत्र नवरात्रि के पहले दिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें उनके सपनों के आशियानों में गृहप्रवेश कराया। इनमें बड़ी संख्या में दूरस्थ वनांचलों के गरीब और वंचित परिवार भी शामिल हैं। ये ऐसे परिवार हैं जो प्रधानमंत्री आवास जैसी योजना नहीं होती तो शायद ही कभी अपने खुद के पक्के मकान का सपना पूरा कर पाते। यह योजना प्रदेश के लाखों गरीब परिवारों का बड़ा सपना पूरा कर रही है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज बिलासपुर के मोहभट्ठा में दूरस्थ अंचलों के तीन आदिवासी परिवारों को खुद अपने हाथों से नए आवासों की चाबी सौंपी। बीजापुर जिले के चेरपाल पंचायत की श्रीमती सोमारी पुनेम, कबीरधाम जिले के ग्राम हाथीडोब के श्री दल्लुराम बैगा और जशपुर जिले के करदना पंचायत के पहाड़ी कोरवा श्री जगतपाल राम को जब प्रधानमंत्री श्री मोदी ने प्रतीक रूप में मंच से उनके नवनिर्मित पक्के आवासों की चाबी सौंपी तो उनकी खुशियां देखते ही बनती थी।
रोटी, कपड़ा और मकान हर इंसान की सबसे बुनियादी जरूरतें हैं। पिछड़े ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में जहां आज भी संसाधनों की भारी कमी है, वहां एक पक्का घर सिर्फ एक दीवार और छत नहीं, बल्कि सम्मान, सुरक्षा और आत्मविश्वास का प्रतीक है।
विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समुदाय के दल्लुराम बैगा कभी कच्ची मिट्टी और खपरैल के घर में भय और असुरक्षा के साये में रहते थे। बरसात में छत से टपकते पानी, कमजोर मिट्टी की दीवारें और रात के सन्नाटे में रेंगते जहरीले जीव-जंतु... ऐसे हालात में पूरे परिवार के साथ रहना रोज का संघर्ष था।
प्रधानमंत्री जनमन योजना के अंतर्गत दल्लुराम का आवास स्वीकृत होने के बाद उसके सपनों के घर का सफर शुरू हुआ। आवास निर्माण के लिए दो लाख रुपए की आर्थिक सहायता के साथ ही 95 दिनों की मनरेगा मजदूरी के रूप में 23 हजार रुपए भी मिले। अन्य योजनाओं से रसोई गैस, शौचालय और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं भी मिलीं। अब दल्लुराम और उसका परिवार न केवल सुरक्षित मकान में रह रहा है, बल्कि आत्मसम्मान और गर्व के साथ समाज में अपनी पहचान भी बना रहा है।
दीवारों की नहीं सपने के पूरे होने की मुस्कान
राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरबा समुदाय के जशपुर जिले के सुदूर अंचल में बसे ग्राम करदना के श्री जगतपाल राम वर्षों से एक टूटी-फूटी झोपड़ी में अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे। बरसात के मौसम में छत से पानी टपकता था, चारों ओर कीचड़ और भीतर डर का माहौल बना रहता था। सांप-बिच्छुओं का डर, हर साल झोपड़ी की मरम्मत का बोझ, और बिजली जैसी मूलभूत सुविधा का भी अभाव था।
प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान के अंतर्गत प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना जगतपाल के लिए उम्मीद की रोशनी लेकर आई। योजना के तहत मिली दो लाख रुपए की सहायता से जगतपाल ने साफ-सुथरा, मजबूत पक्का घर बनवाया जहां न केवल रहने के लिए कमरे हैं, बल्कि शौचालय और बिजली भी है। अब उनका परिवार मूसलाधार बारिश के थपेड़ो, जंगली जानवर और रात के अंधेरे के खतरों से सुरक्षित है।
आज जब जगतपाल अपने घर के सामने बैठते हैं, तो उनके चेहरे पर संतोष की मुस्कान होती है। यह मुस्कान सिर्फ दीवारों की नहीं, बल्कि सपने के पूरे होने की मुस्कान है। जगतपाल की ही तरह हजारों गरीब और वंचित आदिवासी परिवारों की भी ऐसी ही कहानी है जिनका जीवन प्रधानमंत्री आवास योजना ने खुशियों से भर दिया है।
टूटे सपनों को मिला सहारा और मिट्टी के आंगन में उग आई उम्मीद की छत
वर्षों तक संघर्ष करते हुए सोमारी पुनेम ने कभी नहीं सोचा था कि उसके सिर पर एक दिन पक्की छत होगी। पति के निधन के बाद वह अपने बेटे के साथ एक छोटे से टपकते छप्पर के नीचे जीवन की अनगिनत कठिनाइयों के बीच अपना जीवन-यापन कर रही थी। नियद नेल्ला नार योजना शुरू होने के बाद जब उसे प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी मिली, तो उसकी आंखें चमक उठी। वह बताती है - "मैंने अपने पास जो थोड़ी-बहुत बचत थी, वही लगाई। हर दिन मजदूरों के साथ बैठकर खुद ईंटें उठाई। घर बनता गया... और मेरा आत्मविश्वास भी। आखिरकार महीनों की मेहनत के बाद पक्का आवास बनकर तैयार हो गया। अब बारिश की बूंदें डर नहीं, राहत देती हैं... रातें भी सुकूनभरी लगती हैं। धूप से अब सिर्फ दीवारें नहीं, सम्मान भी बचता है।"
बीजापुर के चेरपाल में रहने वाली 60 साल की सोमारी कहती है - "आज जब मैं अपने घर के दरवाजे से अंदर जाती हूं, तो लगता है कि मैं अकेली नहीं हूं। मेरे साथ मेरे स्वर्गीय पति का सपना भी इस घर में सांस ले रहा है।" प्रधानमंत्री आवास योजना ने सोमारी को सिर्फ एक मकान नहीं दिया। यह योजना उसके जीवन में भरोसे की नींव, आत्मसम्मान की दीवारें और भविष्य की छत बनकर उतरी है। -
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वसुधैव कुटुंबकम् के पथ पर अग्रसर छत्तीसगढ़
रायपुर : भारत की सनातन परंपरा में ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना रची-बसी है। यही वह सोच है जो भारत को विश्व में अद्वितीय बनाती है – जहाँ विविध आराध्य और परंपराएँ एक ही परिवार की तरह सह-अस्तित्व में रहती हैं।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर के गॉस मेमोरियल ग्राउंड में आयोजित त्रिदिवसीय ‘विश्व शांति अखण्ड ब्रह्म यज्ञ’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने संतों एवं भक्तों का छत्तीसगढ़ की पावन धरती पर स्वागत किया और प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि व कल्याण की कामना की।
सनातन परंपरा ने सहा हर आघात, फिर भी रही अटूट
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि भारतवर्ष संतों, ऋषियों और तपस्वियों की तपोभूमि रहा है। प्राचीन काल से ही सनातन परंपरा पर समय-समय पर अनेक आघात हुए, लेकिन यह परंपरा कभी नहीं टूटी। सत्य सनातन आलेख महिमा धर्म विकास समिति द्वारा आयोजित यह यज्ञ, उसी परंपरा को और भी सुदृढ़ करने की दिशा में एक प्रेरणादायी पहल है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आलेख महिमा के संतों से उनका विशेष आत्मीय संबंध रहा है। उनका आशीर्वाद ही है जिसने उन्हें जनसेवा का सौभाग्य दिलाया। उन्होंने बताया कि जशपुर के इला गाँव, रायगढ़ के सरिया, हिमगिर आदि में संतों के आश्रम स्थापित हैं। रायपुर में भी आश्रम के लिए स्थान उपलब्ध कराने का आश्वासन मुख्यमंत्री ने संतों को दिया।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना बनी फिर से श्रद्धा की डगर
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि राज्य सरकार ने ‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना’ को दोबारा शुरू कर दिया है, जो विगत सरकार के कार्यकाल में पूरी तरह बंद हो चुकी थी। उन्होंने कहा कि कल ही मैंने 780 श्रद्धालुओं को तीर्थयात्रा पर रवाना किया, जो रामेश्वरम, मदुरई और तिरुपति के दर्शन कर रहे हैं। उन्हें विदा करते समय जो आत्मसंतोष मिला, वह अवर्णनीय था। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ माता कौशल्या की भूमि और प्रभु श्रीराम का ननिहाल है। यहाँ के जन-जन में श्रवण कुमार जैसे संस्कार आज भी जीवित हैं। तीर्थ यात्रा करवाना केवल एक योजना नहीं, बल्कि हमारे मूल्यों और परंपराओं का सम्मान है।
श्रीरामलला अयोध्या धाम दर्शन योजना से हजारों श्रद्धालु लाभान्वित
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ‘श्रीरामलला अयोध्या धाम दर्शन योजना’ के तहत अब तक 22,000 से अधिक श्रद्धालु भगवान श्रीराम और काशी विश्वनाथ के दर्शन कर चुके हैं। साथ ही उन्होंने राजिम कुंभ के आयोजन की भी चर्चा की, जो प्रदेश की अध्यात्मिक पहचान बन चुका है।
कार्यक्रम को संत श्री किशोर चंद्र बाबा, संत श्री वासुदेव बाबा, संत श्री उदयनाथ बाबा एवं विधायकगण श्री पुरंदर मिश्रा, मोतीलाल साहू और संपत अग्रवाल ने भी संबोधित किया और आयोजन की सराहना की। -
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रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर जनजातीय रॉक क्लाइम्बर्स के एक चयनित समूह को अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हिमालयी गाइड के साथ अल्पाइन पर्वतारोहण अभियान के लिए मियार घाटी भेजा जा रहा है। मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गई इस अनूठी पहल में रोहित व्यास एक प्रमुख नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभा रहे हैं। यह भारत में अपनी तरह का पहला प्रयास है, जहां एक राज्य सरकार भारतीय हिमालय में ऐसे तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण पर्वतारोहण के लिए जनजातीय पर्वतारोहियों को प्रायोजित कर रही है।
अल्पाइन पर्वतारोहण की विशिष्टताअल्पाइन शैली में पर्वतारोहण, पारंपरिक पर्वतारोहण से भिन्न होता है। इसमें हल्के उपकरणों का उपयोग, छोटे दलों में और बिना किसी पूर्व-स्थापित शिविरों या फिक्स्ड रस्सियों के पहाड़ों पर चढ़ना शामिल है। यह पर्वतारोहण की सबसे शुद्ध और चुनौतीपूर्ण शैली मानी जाती है, जिसे मुख्यतः पेशेवर पर्वतारोहियों द्वारा ही किया जाता है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य राज्य स्तर पर युवाओं में साहसिक खेलों को बढ़ावा देना और राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय हिमालय में तकनीकी पर्वतारोहण को प्रोत्साहित करना है। यह पहल भारतीय पर्वतारोहण के पुनरुद्धार में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।
जशपुर प्रशासन युवाओं के लिए एक जीवन शैली के रूप में साहसिक खेलों को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रहा है, जिससे स्थानीय गाइडों के लिए आय के अवसर पैदा हो रहे हैं और क्षेत्रीय पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है। श्री रोहित व्यास (आईएएस) ने कहा, "इस अभियान के माध्यम से, हम जशपुर की छवि को बदलना चाहते हैं। हम जनजातीय युवाओं की ताकत और क्षमता को देश के सामने प्रदर्शित करना चाहते हैं और आने वाली पीढ़ियों को भारत के प्रगतिशील और रचनात्मक भविष्य की झलक देना चाहते हैं।"
इस अभियान का नेतृत्व राज्य की प्रसिद्ध एडवेंचर कंपनी पहाड़ी बकरा एडवेंचर के निदेशक स्वप्निल शिरीष राचेलवार कर रहे हैं, जिन्हें वैदिक वाटिका, जशप्योर, एड्वेनॉम, काफ़ी मीडिया और रनर्सएक्सपी जैसे स्थानीय संगठनों का समर्थन प्राप्त है, जिन्होंने राज्य को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानचित्रों पर लाने में योगदान दिया है, साथ ही मिस्टिक हिमालयन ट्रेल और क्रेग डेवलपमेंट इनिशिएटिव जैसी प्रमुख भारतीय कंपनियों का भी सहयोग है।
अभियान के लिए जशपुर जिले के रॉक क्लाइम्बर्स तेजल भगत, सचिन कुजूर, प्रतीक नायक, रूषनाथ भगत और रवि का चयन किया गया है। यह अभियान सितंबर में निर्धारित है, जिसमें पहली प्रारंभिक कार्यशाला कल से देशदेखा क्लाइम्बिंग सेक्टर, छत्तीसगढ़ के प्रथम साहसिक खेलों को समर्पित क्षेत्र में शुरू होगी। पूरे वर्ष, चयनित भारतीय कोचों और एथलीटों की भागीदारी के साथ आगे की कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। इस अभियान से क्षेत्रीय पर्यटन को बढ़ावा मिलने, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत होने और जनजातीय प्रतिभा को भारतीय पर्वतारोहण समुदाय से परिचित कराने की उम्मीद है, जिससे देश में साहसिक खेलों के विकास में योगदान मिलेगा। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने मुख्यमंत्री निवास में आयोजित कार्यक्रम में मुस्लिम समाज की जरूरतमंद बहनों को सौगातें भेंट कर सामाजिक सौहार्द का संदेश दिया।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की पहल “सौगात-ए-मोदी” के तहत मुख्यमंत्री श्री साय ने गरीब महिलाओं को गिफ्ट पैकेट वितरित किए जिसमें लेडीज़ सूट का कपड़ा, सेवइयां, खजूर और मिठाइयां शामिल थीं। मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी को ईद की बधाई देते हुए कहा कि ईद का पर्व प्रेम, सद्भाव और एकजुटता का प्रतीक है।
डॉ. सलीम राज ने बताया कि इसके पहले रायपुर में अल्प संख्यक मोर्चे और छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में 500 महिलाओं को गिफ्ट पैकेट वितरित किए गए।
इस अवसर पर अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जमाल सिद्दीकी, वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज, प्रदेश अध्यक्ष श्री शकील अहमद, श्री एम. इकबाल, श्री संजय श्रीवास्तव, शाहिद खान, रजिया खान, आबिदा खान सहित बड़ी संख्या में गणमान्यजन उपस्थित थे। -
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आदिवासी समुदायों के लिए वन आधारित जीविकोपार्जन के अवसर विषय पर कार्यशाला को मुख्यमंत्री श्री साय ने किया संबोधित
वनोपज से समृद्धि पर नीति आयोग और सरकार की साझा पहल:वन संसाधनों के समुचित उपयोग और रोजगार सृजन पर जोर
रायपुर : जनजातीय समाज और वनों के मध्य गहरा संबंध है और दोनों एक दूसरे के पूरक के रूप में संरक्षित - संवर्धित हो रहे हैं। प्रकृति की गोद में ही जनजाति समाज का पीढ़ी दर पीढ़ी विकास हुआ है। यह कार्यशाला आदिवासियों और वनों के सहअस्तित्व को केंद्र में रखकर उनके उन्नति का मार्ग प्रशस्त करेगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज नवा रायपुर में आदिवासी समुदायों के लिए वन आधारित जीविकोपार्जन के अवसर विषय पर नीति आयोग तथा वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कार्यशाला में सभी प्रबुद्धजनों, विषय विशेषज्ञों और अधिकारियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि जनजाति समाज को जीविकोपार्जन के समुचित अवसर उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी हम सभी पर है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 32 प्रतिशत जनजाति समुदाय निवासरत है और 44 प्रतिशत इलाका वन आच्छादित है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पिछले 35 वर्षों से अधिक के सार्वजनिक जीवन में मैने प्रदेश के जनजाति समुदाय और विशेष पिछड़ी जनजातियों के संघर्ष और पीड़ा को करीब से देखा है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी ने छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की व्यथा को समझा और एक आदिवासी बहुल नए राज्य के रूप में छत्तीसगढ़ अस्तित्व में आया। श्री साय ने कहा कि अटल जी ने आदिवासियों के कल्याण के लिए पृथक मंत्रालय का भी गठन किया और आदिवासियों के कल्याण के लिए केंद्र सरकार द्वारा भेजी जा रही राशि का सही उपयोग हो पाया। अटल जी के प्रयासों से ही छत्तीसगढ़ में विकास के नए आयाम स्थापित हुए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश में कोई भी भूखा न रहे, इस उद्देश्य से पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश में व्यापक स्तर पर पीडीएस सिस्टम लागू कर लोगो को सस्ते दर पर अनाज उपलब्ध कराया। उन्होंने समर्थन मूल्य पर वनोपज की खरीदी प्रारंभ की, जिसने आदिवासियों को आर्थिक रूप से मजबूत करने का काम किया।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लघु वनोपज पर्याप्त मात्रा में है। कुल 67 प्रकार के लघु वनोपजों का संग्रहण, प्रसंस्करण और विक्रय महिला स्वसहायता समूहों के माध्यम से किया जा रहा है। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा वनोपजों से जुड़ी प्रोत्साहक नीतियों का लाभ उठाकर स्व सहायता समूह की बहनें आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह के आजीविका और उत्थान के लिए संचालित पीएम-जनमन योजना और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का विशेष रूप से धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से अनुसूचित जनजाति बाहुल्य ग्रामों को लाभान्वित किया जा रहा है। इस मौके पर श्री साय ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जनजाति समुदायों के उत्थान के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी साझा की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि नीति आयोग और वन विभाग की इस संयुक्त कार्यशाला से जनजातीय समाज को तकनीक और नवाचार से जोड़ने के साथ ही आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि नीति आयोग के सहयोग से एक प्रासंगिक और महत्वपूर्ण विषय पर आज एकदिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई है। वन मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि जनजातीय समुदाय के लिए संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन अब तेजी से हो रहा है और वनवासी क्षेत्रों में व्यवस्थाएं अब सुदृढ़ हुई है। उन्होंने पर्यावरण संतुलन के साथ वन संसाधनों के समुचित उपयोग पर जोर देने और रोजगार सृजन की बात कही।
कार्यशाला में नीति आयोग के सलाहकार श्री सुरेंद्र मेहता, प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा और वन बल प्रमुख श्री व्ही श्रीनिवास राव ने अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर एपीसीसीएफ श्रीमती शालिनी रैना, नीति आयोग के निदेशक श्री अमित वर्मा, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी गण और झारखंड, मध्यप्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक सहित अन्य राज्यों से आए प्रबुद्धजन, विषय विशेषज्ञ और अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने वनोपज आधारित स्टालों का किया अवलोकन
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अरण्य भवन परिसर में वन उत्पादों पर आधारित स्टालों का भी अवलोकन किया। लीफ प्लेट टेक्नोलॉजी, हैदराबाद की टीम ने मुख्यमंत्री श्री साय को लीफ से तैयार डिनर सेट भेंट किया। इस दौरान भोपालपट्टनम, बीजापुर जिले से आये श्री बी. आर. राव ने मुख्यमंत्री श्री साय को बताया कि वे पिछले 35 वर्षों से वनौषधीय पौधों के बीजों का संरक्षण कर रहे हैं। वे अपने 'गमलों से जंगल की ओर' अभियान के तहत निःशुल्क बीजों का वितरण भी करते आ रहे हैं।मुख्यमंत्री ने श्री राव के कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएँ दी। बलौदाबाजार जिले के अमरवा बांस प्रसंस्करण केन्द्र के सदस्यों ने मुख्यमंत्री को बांस शिल्प से बना गुलदस्ता भेंट करते हुए केन्द्र में संचालित गतिविधियों की जानकारी दी। श्री साय ने लाख उत्पादक किसान समिति कांकेर, छत्तीसगढ़ हर्बल और जशप्योर एफपीसी जशपुर के स्टालों का अवलोकन कर समूह के सदस्यों के साथ चर्चा की। -
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बिलासपुर के मोहभठ्ठा में 30 मार्च को आयोजित होगी ऐतिहासिक जनसभारायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 30 मार्च को बिलासपुर जिले के बोदरी तहसील स्थित ग्राम मोहभठ्ठा में प्रस्तावित विशाल जनसभा की तैयारियों का आज मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने स्वयं कार्यक्रम स्थल पर पहुँचकर जायजा लिया। उन्होंने कार्यक्रम से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण व्यवस्थाओं—मुख्य मंच, हेलीपैड, ग्रीन रूम, सांस्कृतिक मंच, हितग्राहियों एवं विशिष्ट अतिथियों की बैठक व्यवस्था आदि का गहन निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने मौके पर अधिकारियों की बैठक लेकर निर्देश दिए कि 55 एकड़ क्षेत्र में आयोजित इस ऐतिहासिक सभा के लिए सभी तैयारियाँ समयबद्ध, सुव्यवस्थित और जनहित केंद्रित हों। बैठक में बताया गया कि कार्यक्रम में प्रदेशभर से लगभग 2 लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है, जिसके मद्देनज़र सभी विभागों को अलर्ट मोड पर कार्य करने को कहा गया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का अब तक का सबसे बड़ा छत्तीसगढ़ दौरा होगा। उनका आगमन नवरात्रि के शुभ अवसर पर हो रहा है, जो प्रदेश के विकास के लिए अत्यंत मंगलकारी संकेत है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमने स्वयं दिल्ली जाकर उन्हें आमंत्रित किया था, और आज पूरा प्रदेश उनके स्वागत के लिए आतुर है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने जानकारी दी कि इस ऐतिहासिक आयोजन में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी लगभग ₹33,000 करोड़ के विकास कार्यों की सौगात देंगे। इनमें पीएम जनमन योजना के तहत विशेष रूप से बिरहोर, बैगा और पहाड़ी कोरवा जैसी जनजातियों के लिए संचालित योजनाएँ शामिल हैं, जो छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचलों के विकास को नई दिशा देंगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने जिला प्रशासन को निर्देशित किया कि हितग्राहियों को घर से सभा स्थल तक लाना और वापस सुरक्षित पहुंचाना प्रशासन की प्राथमिक ज़िम्मेदारी है। उन्होंने ग्रीष्म ऋतु को देखते हुए जल, छाया, चिकित्सा आदि की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव के नेतृत्व में स्थानीय प्रशासन पूरी तन्मयता से तैयारियों में जुटा है और यह कार्यक्रम प्रदेश के जनजीवन में एक ऐतिहासिक स्मृति के रूप में दर्ज होगा। उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कहा कि आमसभा के सफल आयोजन के लिए सभास्थल में सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित की जा रही हैं।
इस अवसर पर विधायक श्री धरमलाल कौशिक, श्री अमर अग्रवाल, श्री धरमजीत सिंह, श्री पुन्नूलाल मोहले, श्री सुशांत शुक्ला, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी दयानंद, संभागायुक्त श्री महादेव कावरे, आईजी संजीव शुक्ला, कलेक्टर श्री अवनीश शरण सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे। -
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बेंगलुरु : छत्तीसगढ़ में हरित ईंधन के क्षेत्र में निवेश को लेकर उद्योग जगत की दिलचस्पी बढ़ रही है। बेंगलुरु में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से GPRS Arya Pvt. Ltd. के दीपक अग्रवाल ने मुलाकात कर बताया कि उनकी कंपनी राज्य में पराली से Compressed Bio-Gas (CBG) बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में CBG प्लांट लगाने की योजना है, जिससे किसानों को फसल अवशेषों से अतिरिक्त आमदनी मिलेगी और प्रदूषण में भी कमी आएगी।
कंपनी ने हाल ही में बेमेतरा जिले में इंडियन ऑयल के साथ मिलकर एक CBG प्लांट स्थापित किया है, जो अब पूरी तरह से कार्य करने की दिशा में है। दीपक अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस परियोजना के सफल होने के बाद वे छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों में भी इसी मॉडल को अपनाना चाहते हैं। इस पहल से जैविक ईंधन उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य की भागीदारी मजबूत होगी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि सरकार हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति के तहत जैविक ईंधन और पर्यावरण अनुकूल परियोजनाओं के लिए विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इस बैठक में उद्योग जगत के अन्य प्रतिनिधियों ने भी छत्तीसगढ़ में निवेश को लेकर उत्सुकता जताई। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में स्वर्गीय श्री दिलीप सिंह जूदेव की जयंती पर उनके छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर विधायक श्रीमती रायमुनी भगत भी उपस्थित रहीं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव जी न केवल प्रखर राष्ट्रवादी थे, बल्कि छत्तीसगढ़ की अस्मिता और सांस्कृतिक पहचान के दृढ़ रक्षक भी थे। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन धर्म, संस्कृति और समाज सेवा के लिए समर्पित किया। उनके नेतृत्व में प्रारंभ हुआ ‘घर वापसी’ अभियान एक ऐतिहासिक सामाजिक आंदोलन बना, जिसने हजारों लोगों को उनकी मूल सनातन परंपरा से पुनः जोड़ने का कार्य किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि श्री जूदेव जी जल, जंगल, जमीन और जनजातीय अस्मिता के सशक्त प्रहरी थे। छत्तीसगढ़ के वनांचल क्षेत्रों में आदिवासी समाज को उनका गौरव और पहचान लौटाने के लिए उन्होंने अनवरत संघर्ष किया। उनके प्रयासों से समाज में राष्ट्रवादी चेतना का प्रसार हुआ और छत्तीसगढ़ के जनजातीय समाज को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से और अधिक जुड़ने का अवसर मिला।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव जी केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि एक विचारधारा के प्रतीक थे। उन्होंने अपने जीवन में राष्ट्रवादी मूल्यों को आत्मसात कर समाजहित में कार्य किया। उनकी दृढ़ता, निडरता और ओजस्वी नेतृत्व आज भी हम सभी को प्रेरित करता है। उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। -
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बुज़ुर्गों की आंखों में वर्षों से पल रही तीर्थ यात्रा की अभिलाषा हुई पूरी: पहली विशेष ट्रेन से 780 श्रद्धालु तिरुपति, मदुरै, रामेश्वरम रवाना
विधवा और परित्यकता महिलाओं को भी अब मिल सकेगा मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का लाभ
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज रायपुर रेलवे स्टेशन से पहली विशेष तीर्थ यात्रा ट्रेन को तिरुपति, मदुरै और रामेश्वरम के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस पहली तीर्थ यात्रा ट्रेन में रायपुर और बलौदाबाजार-भाटापारा जिलों के 780 श्रद्धालु बुजुर्ग सम्मिलित हुए, जिनके लिए यह यात्रा केवल धार्मिक अनुभव नहीं, बल्कि सम्मान और स्नेह का प्रतीक बन गई। प्रदेश के बुजुर्गों की वर्षों पुरानी अभिलाषा आज पूरी हो गई जब मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का विधिवत शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने तीर्थयात्रा पर जा रहे बुजुर्गों से आत्मीय चर्चा करते हुए कहा कि आप सभी के चेहरे पर जो खुशी है, वही मेरा संतोष है। उन्होंने कहा कि रामेश्वरम में आप लोग पवित्र रामसेतु देख सकेंगे, ज्योतिर्लिंग का दर्शन कर सकेंगे। आप लोग मदुरै तीर्थ का भी दर्शन करेंगे जहां मीनाक्षी मंदिर है। तिरुपति में बालाजी का दर्शन करेंगे। दक्षिण भारत के तीर्थ स्थलों को देखने का यह सुंदर अवसर है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री रामलला (अयोध्या दर्शन) योजना अंतर्गत अब तक 22 हजार से अधिक श्रद्धालु अयोध्या में श्री रामलला के दर्शन कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रयागराज में 144 वर्षों उपरांत महाकुंभ का आयोजन हुआ। छत्तीसगढ़ के तीर्थयात्रियों ने भी बड़ी संख्या में कुंभ में हिस्सा लिया। छत्तीसगढ़ के तीर्थयात्रियों की सेवा के लिए और उनकी सुविधा का ध्यान रखने के लिए हमने प्रयागराज मेला क्षेत्र में छत्तीसगढ़ पवैलियन तैयार किया था। यहां लगभग साढ़े चार एकड़ में तीर्थयात्रियों के रूकने के इंतजाम थे। यह हमारा सौभाग्य है कि हम गंगा जी में स्नान करने पहुंचे प्रदेश के लाखों श्रद्धालुओं की सेवा कर सके।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि अब श्रद्धालुओं की यात्रा मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना अंतर्गत निरन्तर होती रहेगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए हमने 15 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया है। इस योजना में उज्जैन, पुरी, द्वारिका, वैष्णो देवी, मथुरा, वृंदावन जैसे अनेक तीर्थ स्थलों को जोड़ा गया है, जिनकी निःशुल्क यात्रा कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि हमारे बुज़ुर्गों की तीर्थ यात्रा की इच्छा अक्सर आर्थिक कठिनाइयों के चलते अधूरी रह जाती थी। उन्होंने कहा कि हमें संतोष है कि हम उनकी इस इच्छा को साकार कर पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि योजना में विधवा और परित्यक्त महिलाओं को भी शामिल किया गया है, जिससे उन्हें भी धार्मिक स्थलों के दर्शन का गौरव प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार युवाओं, किसानों, महिलाओं और आदिवासी समुदाय सहित समाज के प्रत्येक वर्ग के उत्थान के लिए पूरी तरह समर्पित है और इसी दिशा में निरंतर कार्य कर रही है।
यह केवल यात्रा नहीं, संस्कृति और श्रद्धा का संगम है – मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े
समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना केवल तीर्थ यात्रा नहीं, बल्कि हमारी सनातन संस्कृति, परंपराओं और धार्मिक आस्था का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत उन श्रद्धालुओं को यह अवसर प्राप्त होगा, जो अब तक आर्थिक सीमाओं के कारण तीर्थ यात्रा से वंचित रहे हैं। सरकार ने श्रद्धालुओं के लिए पूर्ण सुविधायुक्त पैकेज तैयार किया है जिसमें ट्रेन यात्रा, यात्रियों के ठहरने, भोजन, मंदिर दर्शन, सुरक्षा और चिकित्सा जैसी सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ शामिल हैं।स्पेशल ट्रेन में टूर एस्कॉर्ट, पुलिस बल और चिकित्सकों की टीम भी उनके साथ यात्रा कर रही है ताकि श्रद्धालुओं को हर क्षण सुरक्षा और सुविधा का अहसास हो। योजना के तहत देशभर के 19 प्रमुख तीर्थ क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जिनमें उज्जैन, ओंकारेश्वर, पुरी, हरिद्वार, काशी, शिरडी, वैष्णोदेवी, अमृतसर, द्वारका, बोधगया, कामाख्या मंदिर, सबरीमाला जैसे प्रमुख धार्मिक स्थल सम्मिलित हैं।समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में 4 दिसंबर 2012 को की गई थी। 15 जनवरी 2013 से 10 जून 2019 के मध्य इस योजना के अंतर्गत कुल 272 तीर्थ यात्राओं के माध्यम से 2,46,983 श्रद्धालुओं को लाभान्वित किया गया था। पूर्व सरकार के कार्यकाल के दौरान यह योजना 5 साल तक संचालन में नहीं थी। डॉ. रमन सिंह की सरकार के दौरान संचालित इस योजना को, जिसे उसके बाद आने वाली सरकार ने बंद कर दिया था, अब पुनः प्रारंभ कर वर्तमान सरकार ने छत्तीसगढ़ में बुजुर्गों की श्रद्धा, आस्था और वर्षों से संजोए गए तीर्थ यात्रा के सपने को पूर्ण करने के लिए एक बार फिर पहल की है।
इस अवसर पर विधायकगण श्री पुरंदर मिश्रा, श्री मोतीलाल साहू, श्री अनुज शर्मा, समाज कल्याण आयुक्त श्री भुवनेश यादव, संचालक श्रीमती रोक्तिमा यादव, रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह, नगर निगम आयुक्त श्री विश्वदीप, रायपुर डीआरएम श्री दयानंद, समाज कल्याण और रेलवे विभाग के अधिकारी-कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में नागरिकगण उपस्थित रहे। -
रायपुर : CM साय ने मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के तहत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। आपको बता दें कि यह योजना पहले भाजपा की रमन सरकार ने शुरू की थी, लेकिन कांग्रेस सरकार में इस योजना का लाभ बुजुर्गों को नहीं मिल पाया था। अब, भाजपा की साय सरकार ने इस योजना को पुनः शुरू करने का निर्णय लिया है, ताकि अधिक से अधिक बुजुर्गों को इसका लाभ मिल सके।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना क्या है? - मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत राज्य के बुजुर्गों को धार्मिक तीर्थ स्थलों की यात्रा करवाई जाएगी, ताकि वे अपने श्रद्धा स्थलों का दौरा कर सकें। (एजेंसी) -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मयाली नेचर कैम्प में साहसिक खेलों की रोमांचक शुरुआत: जनजातीय प्रतिभाओं को मिलेगा मंच और युवाओं को मिलेगा रोजगाररायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज जशपुर जिले को एक नई पहचान देने वाली ऐतिहासिक पहल की। उन्होंने कुनकुरी स्थित मयाली नेचर कैम्प में एडवेंचर जोन का शुभारंभ किया और जिले के लिए तीन प्रमुख पर्यटन सर्किटों—आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक (स्पिरिचुअल एंड हेरिटेज), प्राकृतिक एवं वन्य जीव (नेचर एंड वाइल्ड लाइफ) और साहसिक पर्यटन (एडवेंचर) सर्किट—का लोकार्पण किया। यह कदम न केवल जशपुर को छत्तीसगढ़ के भीतर एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य बनाएगा, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए भी नए अवसरों के द्वार खोलेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने स्वयं पोंटून बोट में सवार होकर मधेश्वर महादेव के विहंगम दृश्य का अवलोकन किया और कहा कि मयाली एडवेंचर ज़ोन अब रोमांच और रोजगार का केंद्र बनेगा। यहाँ एक्वा साइक्लिंग, कयाकिंग, स्पीड बोट, फ्लोटिंग जेटी, बम्पर बोट जैसे एडवेंचर एक्टिविटी की शुरुआत की गई है।
तीन नए पर्यटन सर्किटों की झलक
मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा जिन तीन प्रमुख पर्यटन सर्किटों का लोकार्पण किया गया, वे जशपुर की विविधता और विशेषता को दर्शाते हैं। स्पिरिचुअल और हेरिटेज सर्किट कोतेबीरा से शुरुआत होती है, जो तमता, कैलाश गुफा, मधेश्वर पहाड़, शारदा धाम, ग्वालिन सरना जैसे स्थलों से होकर गुजरता है—यह सर्किट श्रद्धा, विरासत और जनजातीय परंपराओं की अनमोल झलक पेश करता है।
प्राकृतिक एवं वन्य जीव सर्किट उन पर्यटकों को आकर्षित करेगा जो प्रकृति की गोद में सुकून तलाशते हैं। इसमें मकरभंजा जलप्रपात, बादलखोल अभ्यारण्य, रानीदाह और गुल्लू जलप्रपात से लेकर सारुडीह का चाय बागान तक शामिल हैं—प्राकृतिक धरोहरों से भरपूर यह सर्किट पर्यावरण प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं होगा।
साहसिक पर्यटन सर्किट रोमांच के शौकीनों को आकर्षित करेगा। इसमें दनगरी कैम्प साइट, बेलवार जलप्रपात, देशदेखा हिल कैम्प, सरना ईको एथेनिक रिसोर्ट और क्लाइम्बिंग सेक्टर जैसे स्थान शामिल हैं, जो ट्रेकिंग, क्लाइम्बिंग और नेचर-कैम्पिंग जैसी गतिविधियों के लिए एक आदर्श स्थान बनेंगे।
जनजातीय युवाओं के लिए पर्वतारोहण अभियान: हिमाचल की ऊंचाइयों से लौटेगा जशपुर का आत्मविश्वास
मुख्यमंत्री श्री साय की पहल पर अब जशपुर के जनजातीय युवाओं को हिमाचल प्रदेश के मियाड़ घाटी में पर्वतारोहण, रोप क्लाइम्बिंग आदि का प्रशिक्षण मिलेगा। प्रशिक्षण प्राप्त युवा वापस लौटकर स्थानीय युवाओं को भी प्रशिक्षित करेंगे, जिससे पर्यटन और युवाशक्ति दोनों को मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री श्री साय से अभियान में जाने वाले बच्चों ने मिलकर कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि उन्हें ये अनोखा अवसर प्राप्त हुआ है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शासन द्वारा युवाओं को विभिन्न साहसिक खेलों के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। विगत दिनों छत्तीसगढ़ की एक पर्वतारोही बेटी ने अफ्रीका के सबसे ऊंचे शिखर पर तिरंगा फहराने की इच्छा दर्शाई थी जिसे तुरन्त आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई थी। उसने किलीमंजारो फतह किया। इसी तरह आपको भी खूब मेहनत कर राज्य का नाम ऊंचा करना है। जिस पर युवा तेजल भगत ने कहा अब हमारी पारी है हम भी राज्य को गौरवान्वित करेंगे।
स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने कहा—पर्यटन ने बदली जिंदगी
मयाली नेचर कैम्प में कार्यरत लक्ष्मी एवं तुलसी स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने मुख्यमंत्री से भेंट कर उनका आभार जताया। उन्होंने बताया कि पर्यटन की वजह से अब उन्हें नियमित आय मिल रही है और बच्चों को भी रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। महिलाओं ने मधेश्वर महादेव की काष्ठ-निर्मित कलाकृति भेंट कर मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री श्री साय की यह पहल पर्यटन को सिर्फ सैर नहीं, बल्कि सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण का साधन बना रही है। जशपुर की प्राकृतिक सुंदरता, आध्यात्मिक विरासत और जनजातीय आत्मबल को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की यह ऐतिहासिक शुरुआत है।

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