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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
कंवर-पैकरा समाज की नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के सम्मान समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री
धमतरी में कंवर समाज भवन के लिए 50 लाख रुपए की घोषणा
केकराखोली मार्ग में पुल निर्माण हेतु 30 लाख रूपये की मंजूरी
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज धमतरी जिले के रांकाडीह में आयोजित कंवर पैकरा समाज के नवनिर्वाचित आदिवासी पंचायत जनप्रतिनिधियों के सम्मान समारोह और धमतरी राज कंवर पैकरा समाज का वार्षिक महासभा में शामिल हुए। उन्होंने इस अवसर पर नगरीय निकाय निर्वाचन और त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन में विजयी जनप्रतिनिधियों को बधाई दी। मुख्यमंत्री श्री साय ने गहिरागुरू बाबा द्वारा समाज कल्याण के लिए किये गये कार्यों को बताते हुए उनसे प्रेरणा लेकर समाज कल्याण के लिए कार्य करने की बात कही।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि कंवर एवं पैकरा समाज का गौरवशाली इतिहास रहा है, हम सभी को मिलकर इस गौरवशाली इतिहास को संजोए रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा की आज समाज के अनेक लोग विभिन्न क्षेत्रों में काम कर समाज का नाम रौशन कर रहे है। उन्होंने समाज के लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि मदिरापान और मांस से दूर रहकर विकास में सहभागी बनें।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी डबल इंजन की सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी के तहत् किये गये वादों को पूरा करने में कोई कमी नहीं की है। हमने शपथ लेते ही 18 लाख प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृत प्रदान की। वहीं धमतरी जिले में 40 हजार आवासों की स्वीकृति जल्द ही दी जायेगी। राज्य सरकार ने प्रदेश के किसानों से 3100 रूपये क्विंटल की दर से धान की खरीदी की और उसके बोनस की अंतर राशि भी एक सप्ताह के भीतर उन्हें प्रदान कर दी है। इसके साथ ही लंबित 2 वर्षाे का धान बोनस भी किसानो को दिया गया, जिसका लाभ प्रदेश के किसानों को मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महतारी वंदन योजना के तहत प्रदेश की 70 लाख से अधिक महिलाओं को एक हजार रूपये प्रदान किये जा रहे हैं, जल्द ही ऐसी महिलायें जो नवविवाहित है या जिनका नाम नहीं जुड़ पाया है, उन्हें भी जोड़ा जायेगा। उन्होंने कहा कि तेन्दूपत्ता खरीदी में भी हमने प्रति मानक बोरा की दर में वृद्धि करते हुए 5500 रूपये किया है। रामलला दर्शन योजना और मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना के तहत् प्रदेश के लोगों को धार्मिक स्थानों पर जाने का अवसर मिल रहा है। भूमिहीन ग्रामीण कृषि मजदूर योजना के तहत् भी प्रदेश के पात्र हितग्राहियों को सहायता राशि प्रदान की जा रही है।उन्होंने प्रदेश के औद्योगिक नीति और प्रदेश में संचालित उच्च शैक्षणिक संस्थानों और विद्यार्थियों को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम को कांकेर लोकसभा सांसद श्री भोजराज नाग, प्रदेश अध्यक्ष कंवर समाज श्री हरिवंश सिंह मिरी, कंवर समाज के अध्यक्ष श्री विश्राम जी दाउ और अन्य अतिथियों ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर पूर्व विधायक सिहावा श्रीमती पिंकी धुव, पूर्व विधायक सिहावा श्री श्रवण मरकाम सहित अनेक समाज के पदाधिकारी और ग्रामीणजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने 10 हितग्राहियों को पीएम आवास की सौंपी चाबी
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस मौके पर कंवर समाज के 10 हितग्राहियों को प्रतीकात्मक रूप से आवास की चाबी प्रदान करते हुए गृह प्रवेश की शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत् जिले में सभी पात्र हितग्राहियों को पक्का आवास प्रदान करने के उद्देश्य से 21 हजार 875 आवास स्वीकृत किए गए है। वर्तमान में नवीन परिवारों का सर्वे किया जा रहा है, जिसमें जिले 32 हजार 565 का सर्वे हो चुका है।
25 हितग्राहियों को मिला अधिकार अभिलेख
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने 25 हितग्राहियों को अधिकार अभिलेख प्रदान कर हितग्राहियों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि अधिकार अभिलेख मिल जाने से अब किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी। उल्लेखनीय है कि ग्रामीण राजस्व ग्रामों में स्थित आबादी भूमि में निवासरत परिवारों को स्वामित्व कार्ड जिले में प्रदाय किया जा रहा है। धमतरी जिला, स्वामित्व कार्ड वितरण में पूरे राज्य में प्रथम स्थान पर है।
अब तक धमतरी जिले के 143 ग्रामों में 17 हजार 354 स्वामित्व कार्ड तैयार किए जा चुके हैं। इनमें से दो चरणों में 11 हजार 551 कार्डों का वितरण किया गया है। इसमें मगरलोड तहसील के 21 ग्रामों के 3 हजार 134 कार्ड भी सम्मिलित हैं। पंचायती राज दिवस (24 अप्रैल 2025) के अवसर पर 26 ग्रामों के 3 हजार 345 कार्डों के वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अभिलेखों को तैयार करने का काम प्रगति पर है।
स्टार्टअप के लिए जयंती सिदार को मिला साढ़े तीन करोड़ रुपये का चेक
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने धमतरी जिले से आईएफसीआई वेंचर कैपिटल फंड्स के अनुसूचित जनजाति के लिए, उद्यम पूंजी कोष के पहली लाभार्थी और स्टार्टअप हेमल फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड की श्रीमती जयंती सिदार को 3 करोड़ 41 लाख रूपये का चेक प्रदान किया और व्यवसाय की सफलता के लिए अग्रिम बधाइयाँ दीं। बता दें कि भारत के सबसे बड़े स्टार्टअप इवेंट का दूसरा एडिशन नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित किया गया। इस भव्य आयोजन को गवर्नमेंट ई मार्केट प्लेस द्वारा किया गया। इस आयोजन में 3 हजार से ज्यादा स्टार्टअप, एक हजार से अधिक निवेशक और 50 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी की जयंती के पावन अवसर पर समस्त प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई दी है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने संदेश में कहा कि भगवान महावीर ने अपने जीवन से सत्य, अहिंसा, करुणा और अपरिग्रह जैसे महान मूल्यों का जो संदेश दिया, वह आज के सामाजिक और नैतिक जीवन के लिए अत्यंत प्रासंगिक है। श्री साय ने कहा कि भगवान महावीर ने अहिंसा को सर्वोच्च धर्म बताया और दया तथा प्रेम को जीवन का आधार बनाया। उन्होंने समरसता, सह-अस्तित्व और शांति का मार्ग दिखाया।उनकी शिक्षाएं न केवल धार्मिक आस्था का आधार हैं, बल्कि वे मानवता को एक नई दिशा देने वाली प्रेरणा हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि वे भगवान महावीर की शिक्षाओं को अपने जीवन में आत्मसात करें और दीन-दुखियों, जरूरतमंदों तथा समाज के कमजोर वर्गों की सहायता के लिए सदैव तत्पर रहें।
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नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन और अपराध अनुसंधान की गुणवत्ता पर दिए निर्देश
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन, नवा रायपुर में गृह विभाग के कार्यो की समीक्षा की। मुख्यमंत्री श्री साय ने भारत सरकार द्वारा लागू किए गए नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के प्रभावी क्रियान्वयन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ये कानून न केवल न्याय प्रणाली में सुधार लाने वाले हैं, बल्कि अपराधियों में भय और आम जनता में विश्वास उत्पन्न करने में सहायक होंगे।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इन कानूनों की प्रभावी समझ और व्यावहारिक प्रशिक्षण पुलिस बल, अभियोजन अधिकारी एवं अन्य संबंधित कर्मियों के लिए आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी जिलों में चरणबद्ध तरीके से कार्यशालाओं और सेमिनारों का आयोजन किया जाए, जिनमें केस स्टडी और मॉक ट्रायल के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाए।बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अपराध अनुसंधान प्रणाली को अधिक प्रभावी, वैज्ञानिक और प्रमाणिक बनाने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि आपराधिक प्रकरणों में केवल गिरफ्तारी ही नहीं, बल्कि सटीक और पुख्ता साक्ष्य के आधार पर विवेचना पूरी की जाए ताकि अभियुक्तों को सजा दिलाई जा सके। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि विवेचना अधिकारियों को आधुनिक अनुसंधान तकनीकों, डिजिटल फॉरेंसिक, सीसीटीएनएस प्रणाली और वैज्ञानिक उपकरणों के उपयोग में दक्ष किया जाए।पीड़ितों को समय पर न्याय दिलाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए अनुसंधान प्रक्रिया में पारदर्शिता, तत्परता और तकनीकी दक्षता अनिवार्य है। मुख्यमंत्री श्री साय ने साइबर अपराधों की बढ़ती चुनौती को देखते हुए साइबर सेल को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने तथा जनता को साइबर जागरूकता से जोड़ने के लिए अभियान चलाने के निर्देश भी दिए।इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री मनोज पिंगुआ, पुलिस महानिदेशक श्री अरुण देव गौतम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह,सचिव श्री राहुल भगत के अलावा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। -
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रायपुर जिले के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की राज्यपाल ने
रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अधिकारी कार्यालयों में बैठे, आम जनता से मिले, उनसे नियमित संवाद करें। उनकी समस्याओं को जाने और उनका निराकरण करें। शासकीय सेवक जनता के सेवक होते है। उनकी समस्याओं को हल करना पहली प्राथमिकता है।
राज्यपाल श्री डेका ने आज रायपुर के रेडक्रॉस हॉल, कलेक्ट्रेट में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की।
रायपुर जिले में किसी राज्यपाल इस तरह समीक्षा करने पहली बार आए है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि केन्द्र सरकार की फ्लैगशीप योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन आप लोगों के माध्यम से ही होगा। इस बैठक में जिले के विकास कार्यों की विस्तृत समीक्षा की गई। इसके साथ ही, राज्यपाल ने कलेक्ट्रेट परिसर में ‘एक पेड़ माँ के नाम‘ अभियान के तहत पौधारोपण भी किया। इस दौरान उन्होंने जिले की प्रमुख समस्याओं जैसे ट्रैफिक जाम, पेयजल की स्थिति, नशे की बढ़ती प्रवृत्ति और अन्य मुद्दों पर गहन चर्चा की। राज्यपाल ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य समस्याओं को उजागर करना नहीं, बल्कि उनके समाधान के लिए ठोस कदम सुझाना और लागू करना है।
राज्यपाल श्री रमेन डेका ने रायपुर की मूलभूत समस्याओं के बारे में पूछा और कहा कि राजधानी रायपुर में पेयजल की कमी, ट्रैफिक जाम और ड्रग्स तीन बड़ी समस्याएं है। उन्होंने इन मुद्दों को जिले के विकास में बाधा बताया और अधिकारियों से इनके समाधान के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी मांगी।
राज्यपाल ने इस पर जोर दिया कि ट्रैफिक सुधार का मकसद सिर्फ चालान काटना नहीं, बल्कि लोगों को यातायात के लिए शिक्षित करना है। इसको मिशन की तरह ले. उन्होंने सुझाव दिया कि बाएं मोड़ (लेफ्ट टर्न) को आसान बनाया जाए, रेलवे फाटकों पर डिवाइडर लगाए जाएं ताकि दुर्घटनाएं कम हों, और स्टंट करने वाली तेज रफ्तार टू-व्हीलर गाड़ियों पर सख्ती से कार्रवाई हो। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे किसी भी दबाव में न आएं और नियमों का सख्ती से पालन करवाएं।
राज्यपाल श्री डेका ने अधिकारियों से पूछा कि जलसंचयन के लिए ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में कितना काम हुआ है और बरसात के बाद इसका मापन कर स्थिति बताने को कहा। उन्होंने यह भी पूछा कि जिले में 149 डबरी हैं, इनका क्या हाल है। जल की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए उन्होंने पूछा कि रायपुर जिले में पेयजल में कौन से खनिज मुख्य रूप से मिलते हैं। पीएचई के अधिकारी ने बताया कि यहां पानी में फ्लोराइड और आयरन की समस्या पाई गई है। राज्यपाल ने आईआईटी गुवाहाटी के सहयोग से विकसित प्रोटोटाइप का जिक्र करते हुए निर्देश दिया कि धरसीवां के एक गांव में पायलट प्रोजेक्ट की तरह फ्लोराइड और आयरन हटाने के लिए यह प्लांट लगाया जाए। उन्होंने क्रेडाई द्वारा रायपुर के शासकीय भवनों में बनाए गए जल संग्रहण रिचार्ज पिट की तारीफ की और कहा कि ऐसे छोटे प्रयासों से बड़ी सफलता मिल सकती है।
बच्चों और युवाओं में नशे की समस्या पर राज्यपाल ने गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति केंद्र के अलावा अस्पताल, और मनोवैज्ञानिक की मदद से भी युवाओं को नशे की लत से निकालने की कोशिश की जानी चाहिए।
‘एक पेड़ माँ के नाम‘ अभियान के तहत पौधारोपण पर जोर देते हुए राज्यपाल ने बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों से पूछा कि क्या उन्होंने पेड़ लगाया है। उन्होंने कहा कि पेड़ों के जीवित रखने का भी प्रयास करें। उन्होंने उद्योगो को पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया। स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, कार्यालय, अस्पताल आदि स्थानों में जहां भी जगह हो पेड़ लगाएं।
श्री डेका ने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए विशेष प्रयास करने पर बल दिया। स्कूल के समय में डम्पर चालन को रोकें, दुपहिया वाहन चालकों को हेलमेट पहनने के लिए प्रेरित किया जाए।
श्री डेका ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग और पानी के रिसाइकिलिंग के लिए किए जा रहे कार्याे की जानकारी ली। सभी शासकीय कार्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।श्री डेका ने कृषि विभाग के अधिकारी से पूछा कि जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए क्या कर रहे है। कृषि उत्पादन के वेल्यू एडिशन पर जोर दिया और कहा कि बाड़ी कल्चर बढ़ाने से देश की आय बढ़ेगी।श्री डेका ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा में शिक्षा पर बल दिया गया है। स्कूलों में हितधारकों की नियमित बैठक करे और मातृभाषा में पढ़ाई के लिए पालकों और शिक्षकों को प्रोत्साहित करें ,इसी में देश का भविष्य है। स्कूल, कॉलेजों में समुदाय के सहयोग से उन्नत लाइब्रेरी निर्माण पर भी उन्होंने बल दिया।श्री डेका ने कहा कि भिक्षा वृत्ति को रोकने के लिए समाजसेवी संस्थाओं का सहयोग ले। कुष्ठ रोगियों के लिए कार्य करने वालों को प्रोत्साहित करे। वृद्धाश्रमों में समाज के लोगों को भी जोड़े। उन्होंने माना के वृद्धाश्रम में विस्थापितों को जो विगत 50 वर्षाे से यहां रह रहे है, उनको सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। बैठक में श्री डेका ने अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की और आवश्यक निर्देश दिए। बैठक मे ंराज्यपाल के सचिव डॉ. सी.आर.प्रसन्ना, उप सचिव श्रीमती हिना अनिमेष नेताम, रायपुर कलेक्टर श्री गौरव सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री लाल उमेद सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज उनके निवास कार्यालय में साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) के नव नियुक्त अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (सीएमडी) श्री हरीश दुहन ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री साय ने श्री दुहन को नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को श्री दुहन ने एसईसीएल द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) के अंतर्गत राज्य के खनन प्रभावित क्षेत्रों में किए जा रहे विकास कार्यों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इन प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के औद्योगिक और सामाजिक विकास के लिए हरसंभव सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।
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मुख्यमंत्री विश्व बंजारा दिवस पर विशाल बंजारा महाकुंभ कार्यक्रम में हुए शामिल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज विश्व बंजारा दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में अखिल भारतीय बंजारा सेवा संघ छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित विशाल बंजारा महाकुंभ कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बंजारा समाज का इतिहास बहुत समृद्धशाली रहा है। बहुत पहले से यह समाज व्यापार से जुड़ा रहा है। देश की स्वतंत्रता में भी बंजारा समाज का उल्लेखनीय योगदान रहा है।

मुख्यमंत्री का बंजारा समाज द्वारा पारम्परिक बंजारा पोशाक पहना कर सम्मान किया गया। मुख्यमंत्री को बंजारा समाज द्वारा प्रकाशित पुस्तिका भी भेंट की गयी। बंजारा समाज की महिलाओं ने पारम्परिक लड़ी नृत्य की सुंदर प्रस्तुति दी।मुख्यमंत्री श्री साय ने विशाल बंजारा महाकुंभ कार्यक्रम की शुरुआत बंजारा समाज के आराध्य श्री गुरुनानक देव व सन्त सेवालाल महाराज व के छायाचित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर के किया। उन्होंने बंजारा समाज को विश्व बंजारा दिवस 08 अप्रैल की बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बंजारा समुदाय बरसों से व्यापार करता रहा है। पहले बैल के माध्यम से बंजारा समाज व्यापार के सामान दूर-दूर तक ले जाता था। मुझे बंजारा समाज के आदरणीय लखी शाह जी के योगदान का स्मरण हो रहा है। बताते हैं कि उनके पास दो लाख बैल थे और उनके हर कारवां में सैकड़ों बैल होते थे, वे रावलपिंडी से काबुल-कंधार तक यात्रा करते थे। उस जमाने में दिल्ली के चांदनी चौक में बड़ी जमीन उनके पास थी।धन-दौलत के भंडार होने के बावजूद वे हमेशा विनम्र रहे और परोपकार में अपना धन खर्च किया। उन्होंने 95 साल की उम्र में औरंगजेब की सेना का प्रतिरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा बंजारा समाज से घनिष्ठ संबंध रहा है। मेरे गांव बगिया के आसपास मदनपुर, पत्थलगांव, हथगड़ा आदि अनेक गांव हैं, जहां बंजारा समाज के भाई-बंधु रहते हैं, वे सब मेरे आत्मीय हैं। ग्राम हथगड़ा में तो पूरा बंजारा समाज के लोग ही निवासरत है। जहां पूरा गांव कैटरिंग का काम करते है। आसपास के गांव में कोई भी कार्यक्रम होता है तो इसी गांव के लोगों को ही बुलाते है। छत्तीसगढ़ के बसना में भी बंजारा समाज के लोगों की बड़ी जनसंख्या है। बहुत खुशी की बात है कि आज यह महाकुंभ का आयोजन बंजारा समाज कर रहा है। ऐसे आयोजन से समाज को आपस मिलने-जुलने और एकजुट होने का अवसर मिलता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को तेजी से पूरा किया जा रहा है। सरकार बनने के बाद हमने पहली कैबिनेट बैठक में 18 लाख प्रधानमंत्री आवास को स्वीकृति दी। छत्तीसगढ़ में 70 लाख माताओं- बहनों को महतारी वंदन की राशि दी जा रही है। हमारा राज्य धान का कटोरा है। हम 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदी कर रहे हैं। हमारे वनवासी भाई-बहनों को तेंदूपत्ता का प्रति मानक बोरा 5500 रुपये दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ भगवान श्री राम का ननिहाल है। रामलला दर्शन योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ वासियों को भगवान श्री रामलला का दर्शन कराया जा रहा है। अभी तक 22000 से ज्यादा श्रद्धालु भगवान रामलला का दर्शन कर चुके हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना की भी शुरुआत शुरूआत की गई है। हम हर क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को आगे ले जाने का प्रयास कर रहे हैं। यह बहुत गर्व की बात है कि राज्य बनने के बाद 25 वर्ष की यात्रा में छत्तीसगढ़ में हमने आईआईटी, आईआईएम, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, ट्रिपल आईटी जैसे शीर्ष संस्थाएं स्थापित हैं।
विशाल बंजारा महाकुंभ कार्यक्रम को महाराष्ट्र के मृदा व जल संरक्षण मंत्री श्री संजय राठौड़ ने कहा कि केरल से लेकर कश्मीर तक बंजारा समाज की एक बोली है। पूरे देश में बंजारा समाज के तीज-त्योहार, परंपरा, संस्कृति, खान-पान एक है। बंजारा समाज नैसर्गिक रूप से एक प्रकृति पूजक समाज है। हमारा समाज पूरे देश में फैला हुआ है। हर जगह यह अलग-अलग नामों से पहचाना जाता है।
विशाल बंजारा महाकुंभ कार्यक्रम में श्रीश्री मंडल श्री महंत स्वामी उमेशानन्द गिरी महाराज, महाराष्ट्र के राज्य मंत्री श्री इंद्रनील नाइक, बसना विधायक श्री सम्पत अग्रवाल, कर्नाटक के पूर्व सांसद श्री उमेश जाधव, अखिल भारतीय बंजारा सेवा संघ के अध्यक्ष श्री शंकर पवार, प्रदेश अध्यक्ष श्री सदाशिव रामजी नायक, श्री पिसी राठौड़, श्रीमती शीतल संजय राठौड़, श्रीमती मोहिनी ताई नायक सहित बड़ी संख्या में बंजारा समाज के लोग उपस्थित रहे।
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जशपुर जिला प्रशासन और बालको मेडिकल सेंटर द्वारा निःशुल्क रोग परामर्श शिविर का किया जा रहा आयोजन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार जशपुर जिला प्रशासन और बालको मेडिकल सेंटर, रायपुर के संयुक्त तत्वाधान में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा 07 एवं 08 अप्रैल 2025 को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुनकुरी में निःशुल्क रक्त एवं कैंसर रोग परामर्श शिविर का आयोजन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज सीएम कैंप कार्यालय बगिया से मोबाइल कैंसर डिटेक्शन वैन को झंडी दिखाकर रवाना किया गया। कैंसर डिटेक्शन वैन के माध्यम से जशपुर जिले में कैंसर सम्भावित मरीजों का जाँच एवं उपचार 7 एवं 8 अप्रैल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुनकुरी में नि:शुल्क उपलब्ध रहेगा। इस स्वास्थ्य शिविर का उद्देश्य कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को शुरुआती स्तर पर ही पकड़ना है जिसे इसका प्रभावी एवं सुगम इलाज हो सके । शिविर में स्तन कैंसर, बच्चेदानी का कैंसर, मुंह का कैंसर, रक्त संबंधी कैंसर व रक्त विकारो की नि:शुल्क जांच की जाएगी।
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59.75 करोड़ रूपए के 22 कार्यों का शिलान्यास, 3.64 करोड़ रूपए की लागत के पांच कार्यों का लोकार्पण
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले को 63 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों की सौगात दी। उन्होंने जिला मुख्यालय जशपुर में आयोजित कार्यक्रम में 59.75 करोड़ रुपये के 22 कार्यों का भूमिपूजन और 3.64 करोड़ रुपये के 5 कार्यों का लोकार्पण किया। इनमें जय स्तंभ चौक के सौंदर्यीकरण, छात्रावासों के निर्माण, सामुदायिक भवन, कम्पोस्ट सेंटर और आरआर सेंटर जैसी जनोपयोगी परियोजनाएं शामिल हैं। मुख्यमंत्री द्वारा भूमिपूजन किए गए कार्यों में नगर पालिका परिषद, पुलिस विभाग, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल और पंचायत एवं ग्रामीण सड़क विकास विभाग से जुड़े 22 महत्वपूर्ण विकास कार्य सम्मिलित हैं। इनमें बीटी रोड, सीसी रोड, नालियों और स्टॉर्म वॉटर ड्रेन, सामुदायिक भवन, सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, स्ट्रीट लाइट विस्तार, तालाब और पार्क उन्नयन, छात्रावास भवन और सड़क निर्माण कार्य प्रमुख हैं।
जय स्तंभ चौक सौन्दर्यीकरण और उन्नयन कार्य का लोकार्पण
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने जशपुर के जय स्तंभ चौक में 23 लाख 86 हजार की लागत से कराये गए सौन्दर्यीकरण और उन्नयन कार्य का लोकार्पण किया। भारत के स्वतंत्रता दिवस कीे यादगार के रूप में स्थापित जय स्तंभ चौक का उन्नयन कार्य किया गया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जय स्तंभ चौक वर्षों तक आने वाली पीढ़ियों को हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के त्याग बलिदान और राष्ट्र भक्ति की प्रेरणा देता रहेगा, राष्ट्रसेवा हेतु सभी को प्रेरित करता रहेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह परियोजनाएं जशपुर जिले के समग्र विकास और नागरिकों की सुविधाओं में उल्लेखनीय वृद्धि करेंगी। उन्होंने सभी कार्यों को गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध रूप से पूर्ण करने के निर्देश भी दिए। कार्यक्रम में सरगुजा आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष एवं विधायक श्रीमती गोमती साय, जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनि भगत सहित अनेक जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारी और नागरिक उपस्थित थे।
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नक्सलवाद को खत्म करने का संकल्प होगा पूरा: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
गोंडवाना सामाजिक भवन के जीर्णाेद्धार, बाउंड्री वॉल के लिए 80.48 लाख रूपए की घोषणा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज कांकेर के ग्राम भिरावाही में गोंडवाना समाज द्वारा आयोजित मरका पंडुम (चैतरई महापर्व) के समापन समारोह में शामिल हुए। उन्होंने गोंडवाना समाज के आराध्य बूढ़ादेव और आंगा देव की पूजा-अर्चना कर तेंदू, चार, चिरौंजी, महुआ और आम फल अर्पित किया और प्रदेशवासियों की खुशहाली के लिए कामना की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने भिरावाही के गोंडवाना भवन परिसर में आयोजित मरका पंडुम के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि गोंडवाना समाज का समृद्धशाली इतिहास रहा है। मरका पण्डुम पर्व में नए फलों, फसलों का अर्पण अराध्य देवी-देवताओं को किए जाने की परंपरा है। उन्होंने आगे कहा कि हमें अपनी संस्कृति और परंपरा आगे बढ़ाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री श्री साय ने समाज को शिक्षित होने पर जोर देते हुए बच्चों को पढ़ाने के लिए सबको आगे आने तथा जागरूक होने पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ का तेजी से विकास हुआ है। पीएम जनमन योजना से विशेष पिछड़ी जनजाति का तेजी से विकास हुआ है, वहीं प्रयास आवासीय विद्यालय में प्रतिभाशाली बच्चों को आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है। छत्तीसगढ़ में आईआईएम, आईआईटी, ट्रिपल आईटी जैसी उच्च संस्थाएं स्थापित हुई हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि केन्द्र सरकार के सहयोग से प्रदेश सरकार द्वारा बस्तर से नक्सलवाद जड़ से खत्म करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले एक साल में नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने का केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह का संकल्प अवश्य पूर्ण होगा। उन्होंने बताया कि अब नियद नेल्लानार योजना के दायरे को विस्तारित किया जा रहा है, ताकि नक्सल प्रभावित क्षेत्र के अधिक से अधिक ग्रामीणों को शासन की योजनाओं का लाभ मिल सके।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर गोंडवाना समाज के प्रतिनिधियों की मांग पर 80 लाख 48 हजार रूपए के विभिन्न विकास एवं निर्माण कार्यों की घोषणा की, जिसमें गोंडवाना समाज के भवन के जीर्णाेद्धार हेतु 45 लाख रुपए, बाउंड्री वॉल निर्माण के लिए 23 लाख 47 हजार रूपए और देवगुड़ी के सांदर्यीकरण एवं विभिन्न कार्यों के लिए 12 लाख 01 हजार रूपए की स्वीकृति शामिल है।
समापन समारोह को कांकेर विधायक श्री आशाराम नेताम ने संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी समाज के हितचिंतक मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश का नेतृत्व कर रहे, यह गर्व की बात है। उन्होंने आगे कहा कि आदिवासियों को अपनी समृद्ध संस्कृति, परंपरा और विरासत को विस्मृत नहीं करना चाहिए, क्योंकि यही हमारी जड़ और वास्तविक पहचान है।
इस दौरान बस्तर गोंडवाना समाज के संभागीय अध्यक्ष श्री सुमेर सिंह नाग ने सामाजिक गतिविधियों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। कार्यक्रम में कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्री भोजराज नाग, अंतागढ़ विधायक श्री विक्रम उसेंडी, भानुप्रतापपुर विधायक श्रीमती सावित्री मंडावी, नगर पालिका कांकेर के अध्यक्ष श्री अरूण कौशिक, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती किरण नरेटी, पूर्व सांसद श्री मोहन मंडावी, पूर्व विधायक श्री शिशुपाल सोरी, श्रीमती सुमित्रा मारकोले, कलेक्टर श्री नीलेश कुमार महादेव क्षीरसागर, एसएसपी श्री इंदिरा कल्याण एलेसेला एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में 50 करोड़ रुपए से अधिक के कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजनमुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सौर ऊर्जा से संचालित ई-रिक्शा और बैटरी स्वैपिंग स्टेशन का किया लोकार्पण
रायपुर : अक्षय ऊर्जा का अधिक से अधिक उपयोग स्वच्छ, सुरक्षित भविष्य की ओर ले जाएगा। बिजली आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में नए लक्ष्य तय किए गए हैं और इसे पूरा करने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के क्रेडा कार्यालय परिसर में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में 50 करोड़ रुपए से अधिक के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण व भूमिपूजन कर कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सौर ऊर्जा संचालित बैटरी स्वैपिंग स्टेशन और सामान्य से सौर ऊर्जा में परिवर्तित ई रिक्शा का लोकार्पण भी किया।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सभी को रामनवमी के पावन पर्व की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आज के इस शुभ घड़ी में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में बड़े कामों की शुरुआत हुई है। परंपरागत ईंधन के स्रोतों से पर्यावरण को हो रही क्षति को देखते हुए सौर और नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग बड़ा परिवर्तन ला सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सौर ऊर्जा से जुड़ी अनेक योजनाएं संचालित है और इसके प्रभावी क्रियान्वयन से प्रदेश के आमजनों और किसानों को बड़ा लाभ मिल रहा है। साथ ही नक्सल प्रभावित इलाकों में भी नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से बिजली पहुंचाने का काम पूरा हो रहा है और सुदूर अंचल के गांव इससे रोशन हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा से संचालित ई रिक्शा का आज लोकार्पण किया गया है और इस पहल से ई रिक्शा का संचालन किफायती हो जाएगा और ई रिक्शा चालकों के आय में वृद्धि होगी।
श्री साय ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश में हॉफ बिजली नहीं बल्कि मुफ्त बिजली मिले और इस दिशा में सरकार प्रयासरत है। उन्होंने पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली को केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना बताया और कहा कि प्रदेश में अधिक से अधिक गरीब परिवारों को इससे लाभान्वित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा भी सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान बजट में किया गया है। मुख्यमंत्री ने ऊर्जा के क्षेत्र में 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त होने की जानकारी दी और कहा कि इससे ऊर्जा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा और हम भविष्य की जरूरतों को आसानी से पूरा कर पाएंगे।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि पूरी दुनिया स्वच्छ पर्यावरण के लिए अक्षय ऊर्जा को अपना रही है। उन्होंने कहा कि अब फॉसिल फ्यूल का उपयोग धीरे धीरे कम होगा और आने वाले समय में नवीकरणीय ऊर्जा से यह रिप्लेस हो जाएगा। डॉ. सिंह ने अक्षय ऊर्जा से जुड़े 50 करोड़ रुपए से अधिक के कार्यों के लोकार्पण और भूमिपूजन के लिए अपनी शुभकामनाएं दी और इसे स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में बड़ी पहल बताया।
अक्षय ऊर्जा से जुड़े 50 करोड़ रुपए से अधिक के कार्यों का हुआ भूमिपूजन और लोकार्पण
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर में अक्षय ऊर्जा से जुड़े 50 करोड़ रुपए से अधिक के कार्यों का लोकार्पण और शिलान्य किया। लोकार्पण किए गए कार्यों में रायपुर में 29 लाख की लागत से सौर ऊर्जा संचालित बैटरी स्वैपिंग स्टेशन, सामान्य ई रिक्शा को सोलर ई रिक्शा में परिवर्तित करने तथा नियद नेल्लानार योजना अंतर्गत स्थापित 54 नग सोलर हाई मास्ट, 152 नग सोलर ड्यूल पंप एवं दो नग सोलर पावर प्लांट स्थापना कार्य शामिल है।
इसी तरह भूमिपूजन किए गए कार्यों में बिलासपुर, राजनांदगांव एवं जगदलपुर के ऊर्जा शिक्षा उद्यानों में सौर ऊर्जा से संचालित बैटरी स्वैपिंग स्टेशन स्थापना कार्य, प्रदेश के समस्त ऊर्जा शिक्षा उद्यानों को नेट जीरो करने, ऊर्जा शिक्षा उद्यान राजनांदगांव का जीणोद्धार का कार्य शामिल है।
साथ ही जिला बालोद में मुख्यमंत्री की घोषणा अनुरूप दो नग सोलर हाई मास्ट एवं एक नग सामुदायिक बायोगैस संयंत्र की स्थापना कार्य, जिला बलौदा बाजार में मुख्यमंत्री के घोषणा अनुरूप 23 ग्रामों के पर्यटन स्थलों में 50 नग सोलर हाई मास्ट संयंत्र का स्थापना कार्य, जिला कोरबा अंतर्गत उप स्वास्थ्य केंद्रों का सौर ऊर्जीकरण का कार्य, हिर्री डोलोमाइट खदान जिला बिलासपुर में 500 किलो वाट क्षमता के ऑन ग्रिड सोलर पावर प्लांट का स्थापना कार्य, जिला कोरबा अंतर्गत आश्रम/ छात्रावासों का सौर ऊर्जीकरण कार्य, ग्राम कुंजारा जिला जशपुर में 280 किलो वाट क्षमता के ऑन ग्रिड एवं 2.4 किलो वाट क्षमता के ऑफ ग्रिड सोलर पावर प्लांट की स्थापना कार्य का भूमिपूजन किया गया।क्रेडा के नवाचारी पहल से बैटरी ऑपरेटेड ई रिक्शा चालकों की बढ़ेगी आय
सौर ऊर्जा से मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाने पर हो रहा है काम
क्रेडा सीईओ श्री राजेश सिंह राणा ने बताया कि सौर संचालित बैटरी स्वैपिंग स्टेशन क्रेडा द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बैटरी ऑपरेटेड इलेक्ट्रिक रिक्शा के लिए विकसित किया गया है। बैटरी स्वैपिंग के मदद से ई-रिक्शा चालक कम समय में सस्ते दर पर डिस्चार्ज बैटरी को चार्ज बैटरी से बदल सकते हैं। इससे ई-रिक्शा चालक प्रतिदिन अधिक दूरी तय कर पाएंगे तथा इससे उनकी आमदनी भी बढ़ेगी। इसी तरह सोलर पैनल आधारित ई-रिक्शा साधारण ई-रिक्शा के मुकाबले एक ऊर्जा दक्ष ई-रिक्शा के रूप में क्रेडा द्वारा विकसित किया गया है। इससे रिक्शा चालक को बार-बार बैटरी चार्ज करने की समस्या से राहत मिलती है। साधारणतः रिक्शा चालक प्रतिदिन बैटरी चार्जिंग समस्या से अधिक दूरी तय नहीं कर पाते हैं। ई-रिक्शा में सौर पैनल स्थापित कर इस समस्या को क्रेडा द्वारा काफी हद तक दूर किया गया है। श्री राणा ने बताया कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में सौर ऊर्जा से मूलभूत सुविधाओं को मुहैया कराने में क्रेडा द्वारा अनेकों प्रयास किये जा रहे हैं, जिसमें आश्रम-छात्रावासों, स्वास्थ्य केन्द्रों, ऊर्जा शिक्षा उद्यान में सौर संयत्रों की स्थापना, पथ प्रकाश व्यवस्था हेतु सौर संयंत्रों से सामुदायिक स्ट्रीट लाईट का संचालन, सोलर हाई मास्ट लाईट की स्थापना एवं सामुदायिक बायोगैस संयंत्रों की स्थापना जैसे कार्य सम्मिलित है।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, विधायक श्री मोतीलाल साहू, विधायक श्री अनुज शर्मा, विधायक श्री संपत अग्रवाल, विधायक श्री सुनील सोनी, क्रेडा के नवनियुक्त अध्यक्ष श्री भूपेंद्र सवन्नी, नव नियुक्त निगम मंडलों के अध्यक्षगण, ऊर्जा विभाग के सचिव डॉ. रोहित यादव सहित बड़ी संख्या में आमजन मौजूद थे।
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कांसाबेल विकास खंड के ग्राम बगिया में 72 लाख 30 हजार की लागत से निर्मित हेलीपेड लाउन्ज का लोकार्पण किया। सर्व सुविधायुक्त युक्त लाउन्ज में दो कमरा ,एक हाल एक किचन और स्टडी रूम की भी सुविधा दी है। इसमें पायलट एवं उनके टेक्निकल स्टाफ के लिए रुकने की सुविधा की गई है।
इस अवसर पर सरगुजा आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष और विधायक पत्थलगांव श्रीमती गोमती साय, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, सरपंच बगिया श्रीमती राजकुमारी साय, पीसीसीएफ श्री अरुण पांडेय, कमिश्नर नरेंद्र दुग्गा, आईजी श्री अंकित गर्ग, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, पुलिस अधीक्षक श्री शशिमोहन सिंह, वनमंडलाधिकारी श्री जितेन्द्र उपाध्यक्ष, आईएफएस श्री निखिल अग्रवाल, सर्वश्री रामप्रताप सिंह, भरत सिंह, सुनील गुप्ता सहित अधिकारीगण और जनप्रतिनिधिगण मौजूद थे। -
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खूबसूरत प्राकृतिक परिवेश में निर्मित वाटिका में औषधीय पौधे, एडवेंचर जोन, तितली जोन बनाए गए हैं28 हेक्टेयर में 53 लाख रूपए की लागत से बनाई गई है पर्यावरण वाटिका
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बगिया में पर्यावरण वाटिका का किया लोकार्पण मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बगिया में पर्यावरण वाटिका का किया लोकार्पण मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बगिया में पर्यावरण वाटिका का किया लोकार्पण अगर आप प्रकृति के बीच स्वच्छ वातावरण में अपने परिवार के साथ समय बिताने आना चाहें तो बगिया में बनी पर्यावरण वाटिका आपका इंतजार कर रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज जशपुर जिले में स्थित अपने गृहग्राम बगिया में पर्यावरण वाटिका का लोकार्पण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने वाटिका परिसर में नारियल, सुपाड़ी और सीता अशोक का पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया।
सुरम्य प्राकृतिक परिवेश में 53 लाख रुपए की लागत से 28 हेक्टेयर में निर्मित पर्यावरण वाटिका में एडवेंचर जोन, औषधीय गुणों से भरपूर पौधे, चिल्ड्रन पार्क, वाटर फॉल, मेडिटेशन हट, तितलियों के जीवन चक्र को प्रदर्शित करता तितली जोन और कई निर्माण कराए गए हैं, जो लोगों को प्रकृति के और भी करीब ले जाकर आनंदमय अनुभव कराती है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने वहां मौजूद ग्रामीणों से कहा कि इसके बन जाने से यहां पर रोजगार के अवसर निर्मित होंगे।
वाटिका में लगाये गए हैं औषधीय गुणों से भरपूर पौधे
पर्यावरण वाटिका में जंगल ट्रेल का निर्माण किया गया है। जहां योग जोन, आरोग्य वन पथ, जंगल जिम, तितली जोन, मोगली एडवेंचर जोन, ऑक्सीजन बूथ, पैगोडा, गजराज जोन, तालाब, नेचुरल झूले, किड्स प्ले जोन बनाया गया है। यहां पर औषधीय गुणों से भरपूर हर्रा, गिलोय, बेली बांस, सर्पगंधा, अश्वगंधा, बारबाडोस लिली, पुदीना, लेमन ग्रास, पत्थरचट्टा, आंवला आदि अनेक प्रजातियों के पौधे लगाए गए हैं।
वाटिका में निर्मित तितली जोन में तितली के पर्यावरण में योगदान को प्रदर्शित करते हुए तितली के सम्पूर्ण जीवन चक्र को दर्शाया गया है। यहां पर जशपुर में पाई जाने वाली सभी तितलियों की प्रजातियों को भी प्रदर्शित किया गया है। इस प्रदर्शन का उद्देश्य तितलियों के बारे में लोगों को जानकारी देने के साथ उनके संरक्षण के महत्व के बारे में भी बताना है।
मोगली एडवेंचर जोन में बच्चों के लिए हैं विभिन्न साहसिक खेल
वाटिका में बने किड्स प्ले जोन में बच्चों के लिए आकर्षक झूले लगाए गए हैं। जिसमें प्राकृतिक झूले भी बनाए गए हैं। इसके अतिरिक्त बच्चों के मनोरंजन के लिए मोगली एडवेंचर जोन बनाया गया है। जहां कमांडो नेट, टायर वॉक, बैलेंस ब्रिज, टायर क्लाइम्बिंग, रोप वॉक, इंक्लाइंड लॉग, कार्गाे नेट, सिंगल लाइन ब्रिज, बर्मा ब्रिज आदि बनाये गए हैं।
वाटिका में सरई छांव प्राकृतिक पैगोडा का निर्माण किया गया है। जहां परिवार के साथ प्रकृति का आनंद लिया जा सकता है। यहां पर आदिम कलाकारों द्वारा आदिम संस्कृति को प्रदर्शित करती कास्ट मूर्तियां भी लगाई गई हैं। इस वाटिका में पर्यावरण के प्रति जागृति दिखाते हुए बांस के बने आकर्षक डस्टबिन भी लगाए गए हैं।

मुख्यमंत्री बच्चों से पूरी आत्मीयता से मिले, दिए फल और ड्राई फ्रूट्समुख्यमंत्री जब भी बच्चों से मिलते है पूरे वात्सल्य भाव से मिलते हैं। आज जब मुख्यमंत्री पर्यावरण वाटिका का अवलोकन कर रहे थे, तब उन्होंने वहां खेल रहे बच्चों को अपने पास बुलाया और उनसे प्रेम भाव से बात की। मुख्यमंत्री ने उन्हें फल और ड्राय फ्रूट्स भेंट किए। प्राथमिक स्कूल में पढ़ने वाले दीपांशु यादव, नीतू देवार, भीम विश्वकर्मा, रितेश राम सहित अन्य बच्चे मुख्यमंत्री से मिलने के बाद काफी खुश नजर आए।
इस अवसर पर विधायक और सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष श्रीमती गोमती साय, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, पीसीसीएफ श्री अरुण पांडेय, कमिश्नर नरेंद्र दुग्गा, आईजी श्री अंकित गर्ग, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, पुलिस अधीक्षक श्री शशिमोहन सिंह, वनमंडलाधिकारी श्री जितेन्द्र उपाध्याय, आईएफएस श्री निखिल अग्रवाल, सर्वश्री रामप्रताप सिंह, भरत सिंह, सुनील गुप्ता सहित अधिकारीगण और जनप्रतिनिधिगण मौजूद थे।
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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सुशासन तिहार आयोजन के संबंध में कलेक्टरों को दिए दिशा-निर्देशरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सभी जिला कलेक्टरों को पत्र जारी करते हुए “सुशासन तिहार-2025” के आयोजन के निर्देश दिए है। यह तिहार प्रदेश में सुशासन की सशक्त स्थापना, जनसमस्याओं के त्वरित समाधान, जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा और जन संवाद को सशक्त बनाने के उद्देश्य से तीन चरणों में आयोजित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने स्पष्ट किया कि सरकार शासन के प्रत्येक स्तर पर पारदर्शिता, प्रभावशीलता और जन-हितैषी प्रशासन की स्थापना को लेकर कटिबद्ध है। इस तिहार के माध्यम से शासन-प्रशासन सीधे आम जनता से जुड़कर, उनकी समस्याओं को समयबद्ध ढंग से सुलझाने का कार्य करेगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि हमारी सरकार राज्य में सुशासन की स्थापना को लेकर लगातार काम कर रही है। शासन-प्रशासन के प्रत्येक स्तर पर शासकीय काम-काज में पारदर्शिता आए, शासकीय योजनाओं और कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो, इसका लाभ समाज के उन वर्गों को तत्परता से मिले, जिनके लिए योजनाएं संचालित की जा रही हैं, इसको लेकर शासन-प्रशासन स्तर पर प्रभावी पहल की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर सुशासन तिहार-2025 के संचालन के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि “सुशासन तिहार-2025” के आयोजन के उद्देश्य आम जनता की समस्याओं का समयबद्ध निराकरण सुनिश्चित करना, शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करना तथा विकास कार्यों में गति लाने के साथ ही आम जनता, जनप्रतिनिधियों और विभिन्न सामाजिक संगठनों से सीधा संवाद स्थापित करना है।
सुशासन तिहार-2025 का आयोजन तीन चरणों में
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सुशासन तिहार-2025 का आयोजन तीन चरणों में होगा। पहले चरण में 08 अप्रैल से 11 अप्रैल 2025 तक आम जनता से आवेदन प्राप्त किए जाएंगे। दूसरे चरण में लगभग एक माह के भीतर प्राप्त आवेदनों का निराकरण किया जाएगा। तीसरे एवं अंतिम चरण में 05 मई से 31 मई 2025 के बीच समाधान शिविरों का आयोजन किया जाएगा। इस तिहार को सुव्यवस्थित और प्रभावी बनाने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं एवं एक पोर्टल बनाया जा रहा है। प्रत्येक जिले की परंपराओं, आवश्यकताओं और परिस्थितियों के अनुसार नवाचार भी किए जा सकते हैं, जिससे यह तिहार अधिक जनोपयोगी और प्रभावशाली बने।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि आम जनता से उनकी समस्याओं के संबंध में 08 अप्रैल से 11 अप्रैल 2025 तक ग्राम पंचायत मुख्यालयों और नगरीय निकाय कार्यालयों में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक आवेदन प्राप्त किए जाएंगे। इन स्थलों पर समाधान पेटी रखी जाएगी, ताकि लोग अपनी समस्याएं और शिकायतें निःसंकोच लिखकर उसमें डाल सकें। आवेदन प्राप्त करने के लिए समाधान पेटी की व्यवस्था जिला और विकासखण्ड मुख्यालय स्तर पर भी की जाए।आवश्यकतानुसार हाट बाजारों में भी आवेदन संग्रह किये जा सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करने की भी पोर्टल में व्यवस्था रहेगी। कॉमन सर्विस सेंटर का भी ऑनलाइन आवेदन लेने हेतु उपयोग किया जा सकता है। प्रत्येक आवेदन को एक कोड देने की जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध रहेगी। निर्धारित प्रारूप में खाली आवेदन पत्र (ग्रामवार/नगरीय निकायवार कोड सहित) प्रिन्ट कराकर ग्रामीणों को उपलब्ध कराये जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रत्येक आवेदन को पोर्टल में पंजीकृत कर ऑनलाइन अपलोड किया जाएगा, साथ ही, आवेदनकर्ता को पावती दी जाएगी। जनता को आवेदन लिखने में सहायता प्रदान करने हेतु कलेक्टर आवश्यकतानुसार अधिकारियों/कर्मचारियों की ड्यूटी लगा सकते हैं। इन तिथियों का विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
आवेदनों का निराकरण
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सभी प्राप्त आवेदनों को स्कैन कर सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जाएगा और संबंधित जिला/जनपद/नगरीय निकाय के अधिकारियों को ऑनलाइन व भौतिक रूप से भेजा जाएगा। संबंधित विभाग/अधिकारी लगभग एक माह में इन आवेदनों का निराकरण सुनिश्चित करेंगे। मांग से संबंधित आवेदनों को बजट की उपलब्धता के आधार पर निराकृत किया जाएगा। इन आवेदनों के निराकरण की गुणवत्ता का विश्लेषण जिला और राज्य स्तर पर किया जाए।
समाधान शिविर का आयोजन
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि 05 मई से 31 मई 2025 के दौरान प्रत्येक 08 से 15 पंचायतों के मध्य समाधान शिविर आयोजित किए जाएंगे, जिनमें आवेदकों को उनके आवेदनों की स्थिति की जानकारी दी जाएगी। नगरीय निकायों में भी आवश्यकतानुसार समाधान शिविर आयोजित होंगे। शिविरों के आयोजन की तिथि की जानकारी आवेदकों को एस.एम.एस. के माध्यम से तथा आवेदन की पावती के माध्यम से दी जाए, साथ ही इन तिथियों का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए। इन शिविरों में प्राप्त आवेदनों की प्रविष्टि भी पोर्टल में की जाए तथा जिन आवेदनों का निराकरण शिविर में सम्भव हो, शिविर में किया जाए, शेष आवेदनों का समाधान एक माह में कर आवेदकों को सूचित किया जाए।
शिविरों में विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी और हितग्राहीमूलक योजनाओं के आवेदन पत्र/प्रपत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रत्येक शिविर के लिए एक खंडस्तरीय अधिकारी को प्रभारी बनाया जाए, जो शिविर के समुचित संचालन को सुनिश्चित करेंगे। समाधान शिविरों में विकासखंड एवं अनुभाग स्तर के सभी अधिकारी उपस्थित रहेंगे, जिला स्तर से भी कुछ अधिकारी उपस्थित रहेंगे। इसी तरह की व्यवस्था नगरीय निकायों के शिविरों में भी की जाए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वे स्वयं, उप मुख्यमंत्रीगण, मंत्रीगण, मुख्य सचिव, प्रभारी सचिव एवं राज्य शासन के अधिकारी भी कुछ शिविरों में शामिल होंगे तथा वहां आवेदकों से भेंटकर उनकी समस्याओं और निराकरण के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। इस तिहार को अधिक प्रभावी बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का व्यापक उपयोग किया जाएगा। आवेदन लेने, उनकी प्रविष्टि, मॉनिटरिंग एवं समाधान प्रक्रियाओं के लिए समुचित प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी।
जनप्रतिनिधियों की होगी भागीदारी
जिला कलेक्टर यह सुनिश्चित करेंगे कि इस तिहार में स्थानीय सांसदों, विधायकों एवं अन्य जनप्रतिनिधियों की भागीदारी हो और उन्हें आवश्यक जानकारियां समय पर उपलब्ध कराई जाए।
विकास कार्यों का औचक निरीक्षण
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों और योजनाओं के क्रियान्वयन का औचक निरीक्षण उनके द्वारा किया जाएगा। विभिन्न योजनाओं से लोगों को मिल रहे लाभ के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। प्रभारी मंत्रीगण, प्रभारी सचिव भी अपने स्तर पर यह प्रक्रिया अपनाएंगे।
समीक्षा बैठक का आयोजन
दोपहर के बाद जिला मुख्यालय पर अधिकारियों के साथ बैठक होगी, जिसमें समाधान शिविरों में प्राप्त आवेदनों के निराकरण की स्थिति और विभिन्न योजनाओं व परियोजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की जाएगी, साथ ही आगामी कार्ययोजना पर चर्चा की जाएगी। राज्य स्तर से बिंदुवार समीक्षा पत्रक उपलब्ध कराए जाएंगे।
प्रेसवार्ता एवं विभिन्न संगठनों तथा नागरिकों से भेंट
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि समीक्षा बैठक के उपरांत अथवा उपयुक्त समय पर प्रेसवार्ता को संबोधित करेंगे और विभिन्न संगठनों एवं नागरिकों से भेंट करेंगे। -
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कुदरगढ़ मंदिर धाम ’प्रसाद योजना‘ में शामिल: विकास के लिए केन्द्र सरकार से मिलेगी मदद
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय शामिल हुए कुदरगढ़ महोत्सव के समापन समारोह में
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि कुदरगढ़ महोत्सव आस्था, भक्ति और परंपरा का अनूठा संगम है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए योजनाबद्ध प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार के प्रस्ताव पर इस अंचल के आस्था के प्रमुख केन्द्र कुदरगढ़ मंदिर धाम को केन्द्र सरकार की ’प्रसाद योजना‘ में शामिल किया है। इससे यहां के विकास के लिए केन्द्र सरकार से मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज सूरजपुर जिले के कुदरगढ़ धाम में चैत्र नवरात्र के अवसर पर आयोजित कुदरगढ़ महोत्सव का समापन समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही।
कुदरगढ़ धाम में शुरू होगा चिकित्सालय
मुख्यमंत्री श्री साय ने कुदरगढ़ धाम में बनने वाले रोपवे का भूमिपूजन किया। यह रोपवे दो वर्ष में बनकर तैयार होगा। इस अवसर पर उन्होंने कुदरगढ़ धाम के विकास के लिए अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं की। उन्होंने प्रशासनिक भवन एवं सर्व सुविधायुक्त सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 50-50 लाख तथा गढ़वातियां माता मंदिर में सीढ़ी निर्माण और पेयजल व्यवस्था हेतु 50 लाख सहित कुल 1 करोड़ 50 लाख रुपये के निर्माण कार्यों की घोषणा की। इस दौरान रोपवे निर्माण के लिए अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने धाम में चिकित्सालय निर्माण की भी घोषणा की, जिससे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके।105 करोड़ रूपए से अधिक लागत के कार्यो का भूमिपूजन-शिलान्यास
मुख्यमंत्री श्री साय ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए माता कुदरगढ़ी से प्रदेश की सुख-शांति, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की और श्रद्धालुओं को चैत्र नवरात्रि की शुभकामनाएं दी। उन्होंने इस अवसर पर 105 करोड़ रूपए से अधिक लागत के 43 विकास कार्यों का भूमि पूजन एवं लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने भटगांव विधानसभा क्षेत्र के लिए सुशासन रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया, जो राज्य सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार करेगा।
भोरमदेव मंदिर हेतु स्वदेश दर्शन योजना में 148 करोड़ रूपए मंजूर
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य सरकार के प्रस्ताव पर छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध भोरमदेव मंदिर के विकास के लिए भारत सरकार ने स्वदेश दर्शन योजना के तहत 148 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी है। प्रदेश की पांच शक्तिपीठों सूरजपुर के कुदरगढ़, चंद्रपुर की चंद्रहासिनी, रतनपुर की मॉ महामाया, डोंगरगढ़ की मॉ बम्लेश्वरी और दंतेवाड़ा की मॉ दंतेश्वरी शक्तिपीठ के विकास के लिए चार धाम की तर्ज पर योजना बनाई गई है। राज्य सरकार द्वारा तीर्थ दर्शन योजना पुनः प्रारंभ की गई है।इस योजना में 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के साथ-साथ विधवा, परित्यक्ता और दिव्यांगजनों को तीर्थ यात्रा का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि पात्र नागरिकों से इस योजना का भरपूर लाभ उठाने की अपील की। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि श्री रामलला अयोध्या धाम दर्शन योजना के तहत 22 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किए। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में कुंभ के दौरान छत्तीसगढ़ का मंडप बनाया गया था, जहां छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं को ठहरने और भोजन के निःशुल्क व्यवस्था की गई थी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने राज्य को नक्सलमुक्त बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास योजनाओं के साथ-साथ समावेशी विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। अंदरूनी क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। लोगों को रोजगार से जोड़ा जा रहा है। बस्तर क्षेत्र में नियद नेल्लानार योजना के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ ग्रामीणों को केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है। यहां बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम जैसे कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी रजवाड़े और सांसद श्री चिंतामणि महाराज ने भी सभा को संबोधित किया। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय को नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए प्रदेश की समृद्धि, शांति और उन्नति की कामना की। साथ ही रोपवे निर्माण के लिए बधाई देते हुए इसे ऐतिहासिक पहल बताया।
समापन समारोह में दिखी लोकसंस्कृति की झलक
समापन समारोह में छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोकसंस्कृति की झलक देखने को मिली। कार्यक्रम के दौरान भक्ति संगीत ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। कार्यक्रम में माता कुदरगढ़ को समर्पित भजन प्रस्तुत कर वातावरण को भक्तिमय बना दिया। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर विभिन्न विभागों की योजनाओं पर लगाए गए स्टॉलों का अवलोकन किया और हितग्राहियों को हितग्राहीमूलक सामग्री का वितरण किया।
कार्यक्रम में विधायक श्री भूलन सिंह मरावी, श्रीमती शकुंतला पोर्ते, श्रीमती रजनी शंकर त्रिपाठी, वन विकास निगम एवं कुदरगढ़ धाम ट्रस्ट अध्यक्ष श्री रामसेवक पैकरा सहित अनेक गणमान्य नागरिक एवं श्रद्धालु उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह का आज रायपुर के स्वामी विवेकानंद विमानतल पहुंचने पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आत्मीय स्वागत किया।
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह का उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव, उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, केंद्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू, सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, विधायक श्री अनुज शर्मा ने पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया। -
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मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ी अग्रवाल भवन में नवनिर्मित आडिटोरियम का लोकार्पण करते हुए दानदाताओं को किया सम्मानित
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़ी अग्रवाल समाज द्वारा दानशीलता दिवस पर आयोजित सम्मान एवं शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। उन्होंने इस दौरान छत्तीसगढ़ी अग्रवाल भवन में समाज द्वारा नवनिर्मित 200 सीटर ऑडिटोरियम का लोकार्पण और दान दाताओं का सम्मान भी किया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अग्रवाल समाज की दानशीलता के कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि मानवता की सेवा और दानशीलता के लिए अग्रवाल समाज हमेशा ही आगे रहा है। छत्तीसगढ़ी अग्रवाल समाज का छत्तीसगढ़ से काफी पुराना नाता रहा है। लगभग 400 साल पहले जब से अग्रवाल समाज का छत्तीसगढ़ में पदार्पण हुआ है, तब से छत्तीसगढ़ के विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि अग्रवाल समाज व्यापार व्यवसाय से जुड़ा हुआ है जो कठिन परिश्रम तथा लगन से कार्य करते हुए मानवता की सेवा में जुटा रहना वाला समाज है। अग्रवाल समाज के द्वारा कोविड की विषम परिस्थिति में भी मानव सेवा सम्बंधी किए गए कार्यों को भुलाया नहीं जा सकता।
मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ी अग्रवाल समाज के दानदाताओं के सहयोग का उल्लेख किया। इनमें उन्होंने डीकेएस अस्पताल, एम्स, शीतलबांधा तालाब सहित अनेक कार्यों का उल्लेख किया। कृषि विश्वविद्यालय के लिए 1900 एकड़ भूमि समाज के दानदाताओं द्वारा दी गई है। अनेक धर्मशाला, तालाब, मंदिर, गौशाला, छत्तीसगढ़ी अग्रवाल समाज के द्वारा बनाई गई है। इन कार्यों से समाज का हर वर्ग लाभान्वित है। सामाजिक समरसता का इससे अनूठा उदाहरण और कुछ नहीं हो सकता।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर ही नहीं बल्कि प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में छत्तीसगढ़ी अग्रवाल समाज के लोगों ने सेवा के ऐसे काम किए हैं, जो सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, कन्या विवाह, रोजगार जैसे अनेक क्षेत्रों में आप सभी ने जरूरतमंदों की सेवा की है। हमारा प्रदेश छत्तीसगढ़ देश-दुनिया में सामाजिक समरसता के लिए जाना जाता है। इसके पीछे छत्तीसगढ़ी अग्रवाल समाज की महत्वपूर्ण भूमिका है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सपनों के अनुरूप 2047 में विकसित भारत के साथ विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को पाने में अग्रवाल समाज की महत्वपूर्ण भूमिका रहेंगी। इस दौरान उन्होंने समाज के नव निर्वाचित पदाधिकारियों को शपथ भी दिलाई। साथ ही मुख्य मंच से दान देने वाले अग्रणी परिवारों को सम्मानित किया। इस अवसर पर रायपुर दक्षिण विधायक सुनील सोनी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, रायपुर नगर निगम महापौर श्रीमती मीनल चौबे, श्री संजय श्रीवास्तव, श्री दाऊ अनुराग अग्रवाल सहित समाज के गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। -
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ई-वे बिल की सीमा ₹1 लाख तक बढ़ाई गई, पेट्रोल पर वैट ₹1 प्रति लीटर कम
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के छोटे व्यापारियों और मध्यमवर्गीय परिवारों को राहत पहुंचाने के लिए दो अहम निर्णय लागू किए हैं, जो 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन और वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी के दिशानिर्देश पर इन निर्णयों को वर्ष 2025-26 के बजट में शामिल किया गया था।
ई-वे बिल की सीमा में वृद्धि : अब ₹1 लाख तक का माल परिवहन होगा बिना ई-वे बिल के
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के भीतर माल परिवहन के लिए अनिवार्य ई-वे बिल की सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख कर दी है। यह निर्णय विशेष रूप से छोटे व्यापारियों को राहत देने के उद्देश्य से लिया गया है। इस निर्णय से व्यापारियों को ₹1 लाख तक के मूल्य के सामानों के परिवहन में अब ई-वे बिल की आवश्यकता नहीं होगी। इस निर्णय से राज्य में ई-वे बिल जनरेट करने वाले लगभग 26% व्यापारियों को ई-वे बिल जनरेट करने से मुक्ति मिलेगी। इस निर्णय से ई-वे बिल जनरेशन में 54 प्रतिशत की कमी आएगी, जिससे अनुपालन व्यय में उल्लेखनीय कमी आएगी।हालांकि, कुछ विशेष वस्तुएं जैसे पान मसाला, तंबाकू उत्पाद, विशिष्ट लकड़ी उत्पाद जैसे – प्लायवुड, लेमिनेटेड शीट, पार्टिकल बोर्ड, फाइबर बोर्ड, आयरन, स्टील एवं उसके सामान, कोयला के लिए यह छूट लागू नहीं होगी।
व्यापारियों द्वारा लंबे समय से ई-वे बिल में छूट दिए जाने की मांग पर यह निर्णय लिया गया है, जो व्यापार को सुगम और लागत प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल है।
पेट्रोल पर वैट में ₹1 प्रति लीटर की कमी : मध्यमवर्गीय परिवारों को सीधी राहत
राज्य सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से पेट्रोल पर वैट की राशि में ₹1 प्रति लीटर की कटौती की है। इस निर्णय से पेट्रोल की कीमतों में सीधे कमी आएगी, जिसका लाभ विशेष रूप से मध्यमवर्गीय और निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों को मिलेगा।
छत्तीसगढ़ में दुपहिया वाहनों का उपयोग करने वालों की संख्या अधिक है, जो मुख्यतः पेट्रोल पर निर्भर हैं। वैट में की गई यह कटौती इन परिवारों की रोज़मर्रा की लागत को कम करने में सहायक सिद्ध होगी।
यह निर्णय भी मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन और वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी द्वारा वर्ष 2025-26 के बजट में की गई घोषणा के अनुरूप वर्तमान आर्थिक परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए क्रियान्वित किया गया है।
सरकार की प्रतिबद्धता : सुगमता, सुविधा और संवेदनशीलता
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेशवासियों की समस्याओं को समझते हुए लगातार ऐसे निर्णय ले रही है जो सार्थक, जनहितकारी और दूरदर्शिता से परिपूर्ण हों। व्यापारी वर्ग को सहूलियत और आम जनता को राहत देने के ये निर्णय प्रदेश के आर्थिक विकास को गति देने में महत्वपूर्ण कारक सिद्ध होंगे। -
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वित्तीय वर्ष 2024-25 में ₹16,390 करोड़ का जीएसटी संग्रह, दर्ज की गई 18 प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि अपने नाम की है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य ने कुल ₹16,390 करोड़ का जीएसटी राजस्व संग्रह कर देशभर में सबसे अधिक 18 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की है। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ को जीएसटी राजस्व वृद्धि के मामले में पूरे देश में पहले स्थान पर स्थापित करती है। इस क्रम में महाराष्ट्र 16% और तमिलनाडु 15% की वृद्धि दर के साथ क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
मार्च 2025 में पहली बार 2000 करोड़ से अधिक का मासिक संग्रह
मार्च 2025 में छत्तीसगढ़ को SGST मद में ₹1,301.09 करोड़ की प्राप्ति हुई, जो कि मार्च 2024 की तुलना में 72 प्रतिशत अधिक है। यह पहली बार है जब राज्य ने SGST संग्रह में ₹1000 करोड़ का आंकड़ा पार किया है।मार्च 2025 में ही IGST मद में ₹756.73 करोड़ प्राप्त हुए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है। इस प्रकार मार्च 2025 में कुल जीएसटी संग्रह ₹2,057.82 करोड़ रहा, जो मार्च 2024 के ₹1,443.66 करोड़ की तुलना में 43 प्रतिशत की प्रभावशाली मासिक वृद्धि दर्शाता है। जीएसटी आने के बाद छत्तीसगढ़ ने पहली बार एक माह में कुल जीएसटी राजस्व में 2000 करोड़ रुपए का आंकड़ा पार किया है।
बेहतर प्रशासन, तकनीक का समावेश और सतत निगरानी से मिली ऐतिहासिक सफलता
यह उल्लेखनीय प्रगति राज्य में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन और वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी के दिशानिर्देश पर वाणिज्यिक कर विभाग में किए गए व्यापक सुधार, नवाचार और नई कार्यसंस्कृति का प्रत्यक्ष परिणाम है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और वाणिज्यिक कर मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी के मार्गदर्शन में विभाग ने जीएसटी प्रशासन को अधिक सक्रिय, पारदर्शी और परिणामोन्मुख बनाने हेतु निर्णायक कदम उठाए हैं।
नॉन-फाइलर्स पर नियंत्रण
रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले व्यापारियों की निरंतर निगरानी एवं संवाद के माध्यम से अनुपालना दर में बड़ा सुधार हुआ है। नॉन-फाइलर्स की संख्या 15 प्रतिशत से घटकर मात्र 6 प्रतिशत रह गई है।
फर्जी पंजीकरण की जांच
28,000 से अधिक व्यवसायों का भौतिक सत्यापन किया गया, जिनमें से 4, 252 फर्मों, जो कुल फर्मों का लगभग 15% है, को फर्जी पाया गया। इससे कर अपवंचन पर प्रभावी अंकुश लगा और कर अनुपालना में वृद्धि हुई।
डेटा एनालिटिक्स आधारित कार्रवाई
वर्षभर में डेटा एनालिटिक्स के आधार पर 313 मामलों में लेखा पुस्तकों की जांच कर ₹45.13 करोड़ की वसूली की गई।वहीं, 77 प्रतिष्ठानों की तलाशी/निरीक्षण से ₹47.35 करोड़ की अतिरिक्त राशि प्राप्त हुई।
सेक्टर विश्लेषण और इंटर-डिपार्टमेंटल समन्वय
जीएसटी विभाग द्वारा सेक्टर आधारित विश्लेषण और इंटर डिपार्टमेंटल डेटा का उपयोग करते हुए 49 संभावित कर अपवंचन क्षेत्रों की पहचान की गई जिससे ₹101 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया गया।
सरकारी विभागों से बेहतर अनुपालन
मार्च 2025 में किए गए विशेष प्रयासों के तहत शासकीय विभागों द्वारा जीएसटीआर-7 रिटर्न दाखिल करवाकर इनके सप्लायर्स से ₹37 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व एकत्रित किया गया।
व्यापक व्यापारी संपर्क अभियान
राज्य भर में ऐसे 36,847 व्यापारियों से संपर्क किया गया, जिन्होंने या तो शून्य रिटर्न दाखिल किया था या व्यवसाय में नकारात्मक वृद्धि दर्शाई थी, जिससे कर अनुपालन में बढ़ोतरी सुनिश्चित हुई। इन सभी ठोस और तकनीक आधारित उपायों का प्रत्यक्ष परिणाम है कि छत्तीसगढ़ आज देश में जीएसटी वृद्धि में शीर्ष स्थान पर है।
भविष्य के लिए डिजिटल और एआई-आधारित रणनीति तैयार
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन और वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी के मार्गदर्शन में जीएसटी विभाग अब डिजिटल ट्रैकिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित निगरानी प्रणाली और उन्नत अनुपालन तंत्र को लागू कर, आने वाले वर्षों में भी छत्तीसगढ़ को देश में अग्रणी स्थिति में बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
"छत्तीसगढ़ की यह ऐतिहासिक उपलब्धि केवल आंकड़ों की उपलब्धि नहीं, बल्कि ईमानदारी, पारदर्शिता और जनभागीदारी पर आधारित सुशासन की पहचान है। हमारी सरकार ने टैक्स प्रशासन को जनकेंद्रित और टेक्नोलॉजी-संचालित बनाकर यह सिद्ध किया है कि अगर इच्छाशक्ति हो तो राजस्व भी बढ़ता है और विश्वास भी। हम इसी गति को बनाए रखते हुए छत्तीसगढ़ को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और समावेशी विकास का मॉडल बनाएंगे।"


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