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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
अग्रसेन भवन कोरबा में पगड़ी रस्म कार्यक्रम में शामिल होकर किया नमन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज कोरबा के अग्रसेन भवन में आयोजित छत्तीसगढ़ के पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष स्वर्गीय श्री बनवारी लाल अग्रवाल की पगड़ी रस्म कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने स्वर्गीय अग्रवाल के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय श्री बनवारी लाल अग्रवाल की धर्मपत्नी श्रीमती पुष्पा अग्रवाल एवं उनके परिवार के लोगों से भेंट कर उन्हें ढाढस बंधाया और अपनी गहरी संवेदना प्रकट की।
श्री साय ने कहा कि स्वर्गीय श्री बनवारी लाल अग्रवाल का जीवन जनसेवा और समर्पण का प्रतीक था। उन्होंने सदैव कोरबा जिले के विकास और जनता की भलाई के लिए कार्य किया। उनकी सादगी, विनम्रता और सामाजिक संवेदनशीलता हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत रहेगी।
कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि, सामाजिक संगठन, गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। सभी ने स्वर्गीय अग्रवाल के योगदान को स्मरण करते हुए उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया। इस दौरान विधायक कटघोरा श्री प्रेमचंद पटेल, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल, श्री महावीर अग्रवाल, श्री बजरंग लाल अग्रवाल, बिहारी लाल अग्रवाल, सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण आदि मौजूद रहे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री साय ने दुलदुला छठ घाट के सौन्दर्यीकरण की घोषणा की
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय ने आज छठ महापर्व के अवसर पर दुलदुला छठ घाट में पहुँचकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया और प्रदेश की सुख-समृद्धि तथा खुशहाली की कामना की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों को छठ पूजा की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत सौभाग्य का अवसर है कि मुझे छठ पर्व में सम्मिलित होने का अवसर मिला।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जनता के विश्वास और स्नेह से ही उन्हें जनसेवा का अवसर मिला है, और वे क्षेत्र के विकास एवं जनता की अपेक्षाओं की पूर्ति के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने दुलदुला क्षेत्रवासियों की माँग पर छठ घाट के सौन्दर्यीकरण की घोषणा की। उन्होंने कहा कि आगामी छठ पर्व तक दुलदुला छठ घाट का सौन्दर्यीकरण कार्य पूर्ण कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुनकुरी छठ घाट का सौन्दर्यीकरण लगभग ₹5 करोड़ 17 लाख की लागत से किया गया है, जहाँ इस वर्ष व्रती महिलाएँ पूर्ण श्रद्धा-भाव से पूजा-अर्चना कर रही हैं।
इस अवसर पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, जनपद पंचायत दुलदुला अध्यक्ष श्री रामकुमार सिंह, आईजी श्री दीपक कुमार झा, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, पुलिस अधीक्षक श्री शशिमोहन सिंह सहित छठ व्रत करने वाली महिलाएँ, जनप्रतिनिधिगण एवं ग्रामीणजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे। -
दंतेवाड़ा। जिले से एक दुखद घटना सामने आई है। 231BN बटालियन में तैनात CRPF जवान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक जवान उत्तर प्रदेश के कानपुर का रहने वाला था। हालांकि, अभी तक सुसाइड की वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है। मामला गीदम थाना क्षेत्र का है। यह पूरी घटना दंतेवाड़ा जिले के गीदम थाना क्षेत्र की बताई जा रही है। फिलहाल आत्महत्या के कारणों की जांच पुलिस द्वारा की जा रही है।
मृतक की पहचान जशवीर सिंह (46) कॉन्स्टेबल वाशर मेन कानपुर के भवानीपुर के रूप में हुई है। जानकारी के मुताबिक, जवान गीदम स्थित सीआरपीएफ 231 बटालियन के हेडक्वार्टर में पोस्टेड था। सोमवार सुबह कमरे में फंदे से लटकता जवान का शव मिला। घटना की जानकारी मिलते ही सीआरपीएफ के अधिकारी और पुलिस टीम मौके पर पहुंची। शव का पंचनामा कर पोस्टमॉर्टम के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भिजवा दिया गया है। हालांकि, घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला है। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है
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रायपुर। राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज की एमएससी के एक छात्रा ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी है. बताया जा रहा है कि ये घटना 17 अक्टूबर की है. पुलिस मर्ग कायम करके नौ दिनों से जांच कर रही है. पूरा मामला डीडी नगर थाना क्षेत्र का है.
मिली जानकारी के अनुसार, 25 साल की मृतका प्रज्ञा शर्मा की एक सहेली 17 अक्टूबर को उससे मिलने किराए के मकान सुंदरनगर आदर्श चौक स्थित रामजी कुंज में पहुंची तो रूम के अंदर का नजारा देख उनके होश उड़ गए. सीलिंग फैन के रॉड में प्रज्ञा की लाश फांसी पर झूल रही थी.
सुसाइड नोट बरामद
सुसाइड नोट में लिखा, मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं पुलिस के मुताबिक छात्रा ने अपनी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं बताया है. उसने यह भी लिखा है कि उसे पिता का प्यार नहीं मिला. दरअसल छात्रा के माता-पिता में अलगाव हो चुका है. पिता इन दिनों बीमार हैं और मां शासकीय नौकरी में महासमुंद में पदस्थ हैं. पुलिस परिजनों का बयान दर्ज कर रही है, जिसके बाद ही पता चलेगा कि प्रज्ञा ने आत्महत्या क्यों की है.
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रायपुर। राजधानी रायपुर में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा है। आए दिन लूट-पाट मारपीट और चाकूबाजी की घटना सामने आती रहती है। ऐसा ही एक मामला श्याम नगर से सामने आया है। जहां एक मजदूर पर पुराने विवाद को लेकर चाकू से जानलेवा हमला किया गया। इस घटना के बाद मौके पर हड़कंप मच गया।
मिली जानकारी के अनुसार, हमला तीन माह पुराने विवाद के कारण हुआ था। जय नेताम और उसके साथियों ने मजदूर गोपाल निर्मलकर पर सफेद कार में पहुंचकर चाकू से हमला किया। हालांकि, गोपाल ने स्कूटी से उतरकर अपनी जान बचाई, लेकिन जांघ में चाकू लग गया। जिसके बाद राहुल ध्रुव और सुमेश ध्रुव नामक व्यक्तियों ने घायल को जिला अस्पताल पंडरी में भर्ती कराया और पुलिस को सूचना दी।
सूचना मिलते ही तेलीबांधा थाना पुलिस ने हत्या के प्रयास (धारा 109) का मामला दर्ज कर और 5 आरोपीयों को गिरफ्तार किया। जिसमें से एक आरोपी 1 नाबालिग भी इस घटना में शामिल था। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है। वहीं इस घटना को लोकर इलाके में दहशत का माहौल है।
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बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले से सड़क हादसे को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। जहां तेज रफ्तार बेकाबू कार ने भीड़ भरी सड़क पर एक के बाद एक पांच वाहनों को टक्कर मार दी। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने आरोपी के घर में जमकर हंगामा मचाया। इस दौरान घर पर खड़ी गाड़ी और घर के शीशे भी तोड़ दिए।
घटना की जानकारी मिलते ही शहर की सिटी कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंच गई और मामले की जांच में जुट गई। वहीं, मृतकों और घायलों के परिजन समेत स्थानीय लोग आरोपी व्यापारी के घर के बाहर जमा हो गए और दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करने लगे।
सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने स्थिति को काबू में करने के लिए पूरे बल के साथ आरोपी के घर में घुसकर कार्रवाई की, लेकिन इसके बावजूद घर के बाहर भारी भीड़ जमा रही। भीड़ और पुलिस के बीच छोटे-मोटे झड़पें भी हुईं। इस दौरान लोगों ने आरोपी के घर में तोड़फोड़ की, गाड़ी और घर के शीशे तोड़ दिए।
पुलिस ने फिलहाल स्थिति को नियंत्रित कर लिया है और मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। प्रशासन ने स्थानीय लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा कि दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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रायपुर। राजधानी रायपुर के वीआईपी चौक छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा को तोड़ने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। घटना की जानकारी मिलते ही छत्तीसगढ़ी क्रांति सेना ने मौके पर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन कर किया था। संगठन के सदस्यों ने इस घटना को छत्तीसगढ़ की अस्मिता पर हमला बताते हुए कड़ी नाराजगी जताई थी।वही प्रशासन ने रविवार को हुए बवाल के बाद छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा सोमवार को दोबारा स्थापित कर दी गई है। वही पुलिस ने छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ती तोड़ने वाले शख्स को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
गिरफ्तार आरोपी –

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में अगले 3 से 4 दिन बस्तर और रायपुर संभाग के जिलों में बारिश की आशंका है। बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरा दबाव अब चक्रवाती तूफान में बदल गया है। इसके असर से प्रदेश के मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। कल बस्तर क्षेत्र के जिलों में 60 से 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है।
28 अक्टूबर को मौसम विभाग ने दक्षिण छत्तीसगढ़ के 5 जिलों में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। इनमें नारायणपुर, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा 5 शामिल है। वहीं कोंडागांव, कांकेर, धमतरी, गरियाबंद में ऑरेंज अलर्ट है।
रायपुर, दुर्ग, बलौदाबाजार, महासमुंद, बालोद, राजनांदगांव, खैरागढ़- छुईखदान-गंडई में यलो अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान गरज-चमक के साथ बिजली गिरने की आशंका भी है।
रविवार को भी बस्तर में कई जगहों पर हल्की बारिश हुई। राजधानी रायपुर में भी बूंदाबादी हुई। आसमान में हल्के बादल भी छाए रहे। रायपुर के माना में सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान 33.6°C और सबसे कम न्यूनतम तापमान 17.5 डिग्री अंबिकापुर में दर्ज किया।
इस वजह से बारिश
दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में एक गहरा अवदाब (मजबूत सिस्टम) बना हुआ है। इसके चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है। इस वजह से 28 अक्टूबर को बस्तर संभाग के अधिकांश जिलों में 60 से 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी। यह अधिकतम 80 किमी तक पहुंच सकती है। इससे बस्तर संभाग में तेज हवा चलने के साथ भारी बारिश होगी।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में कहा – नगर निगम अंबिकापुर के प्लास्टिक मुक्त संकल्प से बदली शहर की तस्वीर
‘मन की बात’ में छत्तीसगढ़ के नवाचारों और माओवाद उन्मूलन के संकल्प का उल्लेख प्रदेशवासियों के लिए गौरव की बात : मुख्यमंत्री श्री साय
प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित इलाके में देशी श्वान की उपलब्धि का किया जिक्र – विस्फोटक का पता लगाकर की जवानों की सुरक्षा
रायपुर : मन की बात’ कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के नवाचारों और माओवाद उन्मूलन के संकल्प का उल्लेख होना प्रदेशवासियों के लिए गौरव की बात है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा अंबिकापुर के ‘गार्बेज कैफे’ और भारतीय नस्ल के श्वानों की उपलब्धि का विशेष उल्लेख किए जाने पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इसे पूरे प्रदेश के लिए सम्मान बताया। मुख्यमंत्री ने आज राजधानी रायपुर के शांति नगर में ‘मन की बात’ के 127वें संस्करण का श्रवण किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने छठ पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ‘मन की बात’ देशभर में हो रहे नवाचारी, प्रेरणादायी और जनहितकारी कार्यों को जोड़ने वाला एक विशेष मंच है, जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने वालों प्रयासों को राष्ट्रीय पहचान दिलाता है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ का उल्लेख होना प्रत्येक नागरिक के लिए गर्व का विषय है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अंबिकापुर नगर निगम की अनूठी पहल ‘गार्बेज कैफे’ की सराहना की, जिसने प्लास्टिक मुक्त शहर की दिशा में एक मिसाल कायम की है। यहाँ प्लास्टिक कचरा देने वालों को भोजन उपलब्ध कराया जाता है — यह पहल स्वच्छता, पुनर्चक्रण और सामाजिक संवेदना का अद्भुत उदाहरण बन चुकी है।अम्बिकापुर में शहर से प्लास्टिक कचरा साफ करने के लिए एक अनोखी पहल की गई है। अम्बिकापुर में गार्बेज कैफे चलाए जा रहे हैं। ये ऐसे कैफे हैं, जहाँ प्लास्टिक कचरा लेकर जाने पर भरपेट खाना खिलाया जाता है। अगर कोई व्यक्ति एक किलो प्लास्टिक लेकर जाए उसे दोपहर या रात का खाना मिलता है और कोई आधा किलो प्लास्टिक ले जाए तो नाश्ता मिल जाता है। ये कैफे अम्बिकापुर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन चलाता है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने त्योहारों की बढ़ी रौनक, सामाजिक एकता के प्रतीक छठ पर्व और नए आत्मविश्वास से आगे बढ़ते भारत की भावना का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि माओवादी गतिविधियों के सिमटते प्रभाव पर गर्व का अनुभव होता है। डबल इंजन की सरकार के मजबूत संकल्प से देश में शांति और सुरक्षा की दिशा में उल्लेखनीय परिणाम मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से अब मूलभूत सुविधाएं सुदूर गाँवों तक पहुँच रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने हर भारतीय को गर्व से भर दिया है। इस बार उन इलाकों में भी खुशियों के दीप जले हैं, जहाँ कभी माओवादी आतंक का अंधेरा छाया रहता था। उन्होंने कहा कि लोग उस माओवादी आतंक का जड़ से खात्मा चाहते हैं जिसने उनके बच्चों के भविष्य को संकट में डाल दिया था।
श्री साय ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने सुरक्षा एजेंसियों में भारतीय नस्ल के श्वानों को शामिल किए जाने के निर्णय की भी सराहना की। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित क्षेत्र में एक देशी श्वान ने 8 किलो विस्फोटक का पता लगाकर जवानों की जान बचाई। यह सिद्ध करता है कि भारतीय नस्ल के श्वान अधिक अनुकूल, दक्ष और विश्वसनीय हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रकृति संरक्षण पर भी विशेष जोर देते हुए सभी नागरिकों से पेड़ लगाने का आग्रह किया और ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान से जुड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि पर्यावरणीय नवाचारों को जनआंदोलन के रूप में आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूर्ण होने पर इसे उत्सव के रूप में मनाने का आह्वान किया। उन्होंने इसे राष्ट्रप्रेम की अमर अभिव्यक्ति बताते हुए प्रत्येक नागरिक से इसके गौरवगान में स्वस्फूर्त रूप से सहभागिता करने की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा के पुण्य स्मरण के साथ जनजातीय अधिकारों और स्वतंत्रता संग्राम में उनके सर्वोच्च योगदान को नमन किया। उन्होंने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस उन महान जननायकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का दिवस है, जिन्होंने देश की आज़ादी और सम्मान के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देशवासियों से अपील की है कि वे अपने आसपास हो रहे नवाचारों और सकारात्मक प्रयासों को अवश्य साझा करें, ताकि अन्य लोग भी उनसे प्रेरणा लेकर समाजहित में योगदान दे सकें।
मुख्यमंत्री ने पुंगनूर नस्ल की गायों को खिलाया चारा
‘मन की बात’ कार्यक्रम के उपरांत मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने पुंगनूर नस्ल की गायों को चारा खिलाया और उनकी विशेषताओं की जानकारी ली। उल्लेखनीय है कि आंध्र प्रदेश में पाई जाने वाली यह विशेष नस्ल अपनी अनूठी शारीरिक बनावट और विशिष्ट गुणों के कारण प्रसिद्ध है।
कार्यक्रम में विधायक श्री पुरन्दर मिश्रा, छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष श्री राजीव अग्रवाल, छत्तीसगढ़ माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष श्री शंभूनाथ चक्रवर्ती, छत्तीसगढ़ अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष श्री अमरजीत छाबड़ा सहित अनेक जनप्रतिनिधिगण भी उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ प्रदेश मानिकपुरी पनिका समाज के शपथ ग्रहण एवं दीपावली मिलन समारोह में हुए शामिल
रायपुर : शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है। शिक्षा केवल नौकरी प्राप्त करने का साधन नहीं, बल्कि सफल जीवन का मार्ग है। सामाजिक विकास का मूलमंत्र शिक्षा है। चाहे जीवन जीने की कला हो, व्यापार, कृषि या कोई अन्य क्षेत्र — प्रत्येक क्षेत्र में सफलता के लिए शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित छत्तीसगढ़ प्रदेश मानिकपुरी पनिका समाज के शपथ ग्रहण एवं दीपावली मिलन समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी नव-निर्वाचित पदाधिकारियों को शपथ दिलाई और उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रारंभ से ही शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर कार्य कर रही है। राज्य गठन के समय जहाँ केवल एक मेडिकल कॉलेज था, वहीं आज प्रदेश में लगभग 15 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। इसी प्रकार राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान — जैसे आईआईटी, ट्रिपल-आईटी, आईआईएम, लॉ यूनिवर्सिटी, एम्स और सिपेट — छत्तीसगढ़ में स्थापित किए गए हैं, जिनसे राज्य के स्थानीय विद्यार्थियों को शिक्षा और अवसर दोनों प्राप्त हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि आज समाज को संगठित होने की आवश्यकता है, क्योंकि संगठित समाज से ही राष्ट्र मजबूत बनता है। उन्होंने कहा कि आपके समाज का कला और साहित्य के क्षेत्र में भी आदिकाल से अतुलनीय योगदान रहा है। विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा के दौरान काछनदेवी रस्म में देवी माँ जिस कन्या पर अवतरित होती हैं, वह भी पनिका समाज की होती है — यह निश्चित ही पूरे समाज के लिए गर्व की बात है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का मूलमंत्र है — सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास। उनके मार्गदर्शन में हमारी सरकार पिछले 22 महीनों से सभी वर्गों के कल्याण के लिए सतत रूप से कार्य कर रही है। हमने अन्नदाताओं के हित में कृषक उन्नति योजना, प्रत्येक व्यक्ति को पक्का मकान देने हेतु प्रधानमंत्री आवास योजना, माताओं और बहनों को सशक्त बनाने के लिए महतारी वंदन योजना, तथा दूरस्थ अंचलों के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए शिक्षक युक्तियुक्तकरण जैसे कदम उठाए हैं।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष श्री शम्भु नाथ चक्रवर्ती ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सभी नव-निर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई दी।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ प्रदेश मानिकपुरी पनिका समाज के अध्यक्ष श्री भरत दास मानिकपुरी सहित समाज के पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री ने दिव्यांग बच्चों के संग बांटी दीपावली की खुशियां
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज राजधानी रायपुर स्थित एक निजी होटल में छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर जरूरतमंद दिव्यांग बच्चों के साथ दीपावली की खुशियां साझा कीं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए पूर्णतः संकल्पित है। उन्होंने कहा कि रायपुर में 5 एकड़ भूमि में दिव्यांगजनों के लिए सर्व-सुविधायुक्त पार्क का निर्माण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने दिव्यांग बच्चों से बड़ी आत्मीयता के साथ भेंट की और उन्हें दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। कोंपलवाणी और अर्पण दिव्यांग संस्था में अध्ययनरत बच्चों ने मुख्यमंत्री सहित उपस्थित अतिथियों के समक्ष साइन लैंग्वेज का सुंदर प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने बच्चों के इशारों को दोहराते हुए उनसे साइन लैंग्वेज में गुड मॉर्निंग और गुड आफ्टरनून जैसे शब्द सीखे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में दिव्यांगजनों के विकास के लिए सराहनीय कार्य हो रहा है। दिव्यांगजनों को निःशुल्क कृत्रिम अंग उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्हें स्वरोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए ऋण की व्यवस्था भी की गई है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र खटीक ने रायपुर में दिव्यांग पार्क बनाए जाने की घोषणा की थी, और अब रायपुर में 5 एकड़ भूमि पर यह सर्व-सुविधायुक्त दिव्यांग पार्क विकसित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने दिव्यांग बच्चों के साथ दीपावली मिलन कार्यक्रम के आयोजन हेतु छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन की सराहना की। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन द्वारा जनसेवा के कार्यों के माध्यम से सामाजिक जिम्मेदारी का उत्कृष्ट निर्वहन किया जा रहा है। पूर्व में एसोसिएशन द्वारा मरीजों के लिए एम्बुलेंस भी प्रदान की गई थी, जिसका लाभ अनेक जरूरतमंद लोगों को प्राप्त हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वर्ष छत्तीसगढ़ निर्माण का 25वां वर्ष है, जिसे हम रजत जयंती वर्ष के रूप में मना रहे हैं। यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि इस वर्ष प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी राज्योत्सव का शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य निर्धारित किया है। उसी दिशा में हमें विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण का संकल्प लेकर आगे बढ़ना है। इस हेतु राज्य सरकार ने विकसित छत्तीसगढ़ विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया है। सभी के सहयोग से इस लक्ष्य को हम अवश्य प्राप्त करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य में सड़कों का निरंतर विस्तार किया जा रहा है, जिससे प्रदेश की कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। भारतमाला परियोजना के अंतर्गत रायपुर–विशाखापत्तनम तथा रायपुर–धनबाद मार्गों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
महाराष्ट्र और त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल श्री रमेश बैस ने कहा कि मैं सांसद के रूप में दिव्यांगजनों के लिए गठित सोशल जस्टिस स्टैंडिंग कमेटी का सदस्य रहा हूँ। संसद में दिव्यांग बिल के लिए हमने व्यापक अध्ययन किया था। बिल पारित होने के पश्चात दिव्यांगजनों को मिलने वाली सुविधाओं में तीन गुना वृद्धि हुई। राज्यपाल रहते हुए मुझे दिव्यांगजनों के लिए कार्य कर रही संस्थाओं में जाने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों की चुनौतियों को सामान्यजन अक्सर समझ नहीं पाते।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वनमंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि इस बार जीएसटी दरों में कमी के कारण दीपावली का उत्सव और अधिक भव्य रूप में मनाया गया। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया, जिसकी हम आज रजत जयंती मना रहे हैं।
राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन के तहत छत्तीसगढ़ का योजनाबद्ध विकास निरंतर हो रहा है। सभी के सहयोग से विकसित छत्तीसगढ़ का सपना साकार होगा।
कौशल विकास मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने कहा कि दिव्यांगजनों के साथ दीपावली मिलन का आयोजन उत्तम सोच का प्रतीक है। खुशियां बांटने से बढ़ती हैं, और यह देखकर प्रसन्नता होती है कि एसोसिएशन जनसेवा में सक्रिय है तथा समाज के अन्य लोगों को भी इससे जोड़ रही है।
मुख्यमंत्री के समक्ष पैरों से पेंटिंग करने वाले दिव्यांग चित्रकार श्री गोकर्ण पाटिल ने अपनी अद्भुत कला का प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री ने उनकी कला की सराहना करते हुए उनका उत्साहवर्धन किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में दिव्यांग बच्चों को गर्म कपड़ों का वितरण भी किया।
इस अवसर पर विधायक श्री इंद्र कुमार साहू, रायपुर की महापौर श्रीमती मीनल चौबे, छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अंजय शुक्ला सहित अन्य पदाधिकारीगण, कोंपलवाणी और अर्पण दिव्यांग संस्था के बच्चे तथा गणमान्यजन उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
153 हथियारों के साथ 210 नक्सलियों का आत्मसमर्पण
बस्तर में रचा गया इतिहास, वंदे मातरम की गूंज से शांति, विकास और विश्वास के नये युग की शुरूआत
पूना मारगेम - पुनर्वास से पुनर्जीवन: दण्डकारण्य के 210 माओवादी कैडर लौटे समाज की मुख्यधारा में
एक सेंट्रल कमेटी सदस्य, चार डीकेएसजेडसी सदस्य, 21 डिविजनल कमेटी सदस्य सहित अनेक वरिष्ठ माओवादी नेता का आत्मसमर्पण
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर में 210 माओवादी कैडरों के आत्मसमर्पण को राज्य ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने कहा कि जो युवा कभी माओवाद के झूठे विचारधारा के जाल में फंसे थे, उन्होंने आज संविधान, लोकतंत्र और विकास की मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लिया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज का दिन केवल बस्तर ही नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और देश के लिए ऐतिहासिक है। जिन युवाओं ने वर्षों तक अंधेरी राहों पर भटककर हिंसा का मार्ग चुना, उन्होंने आज अपने कंधों से बंदूक उतारकर संविधान को थामा है। यह न केवल आत्मसमर्पण का क्षण है, बल्कि विश्वास, परिवर्तन और नये जीवन की शुरुआत है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर में बंदूकें छोड़कर सुशासन पर विश्वास जताने वाले इन युवाओं से मेरी मुलाकात मेरे जीवन के सबसे भावनात्मक और संतोष देने वाले पलों में से एक रही। यह दृश्य इस बात का प्रमाण है कि बदलाव नीतियों और विश्वास से आता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य शासन की नक्सलवादी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025, “नियद नेल्ला नार योजना” और “पूना मारगेम - पुनर्वास से पुनर्जीवन” जैसी योजनाएँ विश्वास और परिवर्तन का आह्वान हैं। इन्हीं नीतियों के प्रभाव से नक्सल प्रभावित इलाकों में बंदूक छोड़कर लोग शासन की विश्वास और विकास की प्रतिज्ञा को स्वीकार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज का यह दृश्य केवल सरकार की सफलता नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के शांतिपूर्ण भविष्य का शिलान्यास है। हमारी सरकार आत्मसमर्पितों के पुनर्वास और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन सरकार की प्रतिज्ञा है कि छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से पूर्णतः मुक्त किया जाए। उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के नेतृत्व में यह प्रतिज्ञा पूर्ण हो रही है। छत्तीसगढ़ अब शांति, विश्वास और विकास के नए युग की ओर अग्रसर है।
पूना मारगेम - पुनर्वास से पुनर्जीवन: दण्डकारण्य के 210 माओवादी कैडर लौटे समाज की मुख्यधारा में
राज्य शासन की व्यापक नक्सल उन्मूलन नीति और शांति, संवाद एवं विकास पर केंद्रित सतत प्रयासों के परिणामस्वरूप बस्तर संभाग में आज नक्सल विरोधी मुहिम को ऐतिहासिक सफलता मिली है। ‘पूना मारगेम दृ पुनर्वास से पुनर्जीवन’ कार्यक्रम के अंतर्गत दण्डकारण्य क्षेत्र के 210 माओवादी कैडरों ने हिंसा का मार्ग त्यागकर समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है।
यह आत्मसमर्पण विश्वास, सुरक्षा और विकास की दिशा में बस्तर की नई सुबह का संकेत है। लंबे समय से नक्सली गतिविधियों से प्रभावित अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर क्षेत्र में यह ऐतिहासिक घटनाक्रम नक्सल उन्मूलन अभियान के इतिहास में एक निर्णायक मोड़ के रूप में दर्ज होगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य शासन द्वारा अपनाई गई व्यापक नक्सल उन्मूलन नीति ने क्षेत्र में स्थायी शांति की मजबूत नींव रखी है। पुलिस, सुरक्षा बलों, स्थानीय प्रशासन, सामाजिक संगठनों और सजग नागरिकों के समन्वित प्रयासों से हिंसा की संस्कृति को संवाद और विकास की संस्कृति में परिवर्तित किया जा सका है।
बस्तर के लिए ऐतिहासिक दिन, 153 अत्याधुनिक हत्यारों के साथ आत्मसमर्पणयह पहली बार है जब नक्सल विरोधी अभियान के इतिहास में इतनी बड़ी संख्या में वरिष्ठ माओवादी कैडरों ने एक साथ आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण करने वालों में एक सेंट्रल कमेटी सदस्य, चार डीकेएसजेडसी सदस्य, 21 डिविजनल कमेटी सदस्य सहित अनेक वरिष्ठ माओवादी नेता शामिल हैं। इन कैडरों ने कुल 153 अत्याधुनिक हथियार जिनमें AK/47 SLR, INSA रायफल और LMG शामिल हैं, समर्पित किए हैं। यह केवल हथियारों का समर्पण नहीं, बल्कि हिंसा और भय के युग का प्रतीकात्मक अंत है। एक ऐसी घोषणा, जो बस्तर में शांति और भरोसे के युग की शुरुआत का संकेत देती है।
मुख्यधारा में लौटने वाले प्रमुख माओवादी नेता
मुख्यधारा में लौटने वाले प्रमुख माओवादी नेताओं में सीसीएम रूपेश उर्फ सतीश, डीकेएसजेडसी सदस्य भास्कर उर्फ राजमन मांडवी, रनीता, राजू सलाम, धन्नू वेत्ती उर्फ संतू, आरसीएम रतन एलम सहित कई वांछित और इनामी कैडर शामिल हैं। इन सभी ने संविधान पर आस्था व्यक्त करते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था में सम्मानजनक जीवन जीने का संकल्प लिया।
मांझी-चालकी विधि से हुआ स्वागत, वंदे मातरम की गूंज के साथ संविधान के प्रति दिखाई निष्ठा
यह ऐतिहासिक आयोजन जगदलपुर पुलिस लाइन परिसर में हुआ, जहाँ आत्मसमर्पित कैडरों का स्वागत पारंपरिक मांझी-चालकी विधि से किया गया। उन्हें संविधान की प्रति और शांति, प्रेम एवं नए जीवन का प्रतीक लाल गुलाब भेंट कर सम्मानित किया गया। मांझी-चालकी प्रतिनिधियों ने कहा कि बस्तर की परंपरा सदैव प्रेम, सहअस्तित्व और शांति का संदेश देती रही है। जो साथी अब लौटे हैं, वे इस परंपरा को नई शक्ति देंगे और समाज में विश्वास की नींव को और मजबूत करेंगे। कार्यक्रम के अंत में सभी आत्मसमर्पित कैडरों ने संविधान की शपथ लेकर लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त की। उन्होंने प्रतिज्ञा ली कि वे अब हिंसा के बजाय विकास और राष्ट्रनिर्माण की दिशा में योगदान देंगे। ‘वंदे मातरम’ की गूंज के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। यह क्षण केवल 210 माओवादी कैडरों के आत्मसमर्पण का नहीं, बल्कि बस्तर में विश्वास, विकास और शांति के नए युग की शुरुआत का प्रतीक बन गया।
कार्यक्रम के दौरान पुलिस विभाग द्वारा आत्मसमर्पित माओवादियों को पुनर्वास सहायता राशि, आवास और आजीविका योजनाओं की जानकारी दी गई। राज्य शासन इन युवाओं को स्वरोजगार, कौशल विकास और शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि वे आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन जी सकें।
Dandakaranya Surrender: Total Cadre Profile
1. CCM 01 cadre2. DKSZC 04 cadres3. Regional Committee Member 01 cadre4. DVCM 21 cadres5. ACM level 61 cadres6. Party Members 98 cadres7. PLGA member/ RPC members/ Others 22 nos
Total 208 cadresTotal 110 Female] 98 Male
Dandakarnya Surrender: Total Weapon Details
1. AK 47 Rifle 19 nos2. SLR rifle 17 nos3. INSAS rifle 23 nos4. INSAS LMG 01 nos5. 303 Rifle 36 nos6. Carbine 04 nos7. BGL Launcher 11 nos8. 12 Bore/ Single shot 41 nos9. Pistol 01 nosTotal 153 weapons -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
90 करोड़ रुपये के 26 निर्माण कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर में आयोजित सर्व पिछड़ा वर्ग समाज के 13वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने 90 करोड़ रुपये की लागत से 26 निर्माण कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने जिले के प्रत्येक विकासखंड में 50-50 लाख रुपये की लागत से एक-एक सामुदायिक भवन के निर्माण तथा पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों में ओबीसी विद्यार्थियों की सीटों में वृद्धि करने की घोषणा की। कार्यक्रम में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री अरुण साव तथा वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार पिछड़ा वर्ग के विकास और हितों को लेकर पूरी तरह संवेदनशील और प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग को संवैधानिक अधिकार प्रदान किए गए हैं, जिसके लिए पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन भी किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन केवल प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि बस्तर के विकास में सबसे बड़ी बाधा नक्सलवाद अब समाप्ति की ओर अग्रसर है। उन्होंने बताया कि शासन की नीतियों और रीति-नीति से प्रभावित होकर जगदलपुर में आज 210 भटके हुए लोग मुख्यधारा में लौटे हैं तथा उन्होंने 153 हथियार भी जमा किए हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मोदी की गारंटी को पूर्ण करने के लिए प्रदेश सरकार पिछले 22 महीनों से समर्पण के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने वायदे के अनुरूप तेंदूपत्ता खरीदी की कीमत में वृद्धि की, 3100 रुपये प्रति क्विंटल के मान से धान खरीदा, रामलला दर्शन योजना लागू की तथा मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना को पुनः प्रारंभ किया।
इसके अतिरिक्त भी अनेक जनहितकारी और महत्वाकांक्षी योजनाएँ संचालित की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने सर्व पिछड़ा वर्ग समाज के स्थापना दिवस की बधाई देते हुए समाजजनों से शासन की योजनाओं से जुड़कर विकास में सहभागी बनने की अपील की।
इससे पूर्व उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने समाजजनों को बधाई देते हुए समाज में अपनी भूमिका को और सशक्त करने का आह्वान किया। वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी ने कहा कि पिछड़ा वर्ग समाज मेहनतकश और कर्मठ है। उन्होंने आने वाली पीढ़ी को बेहतर ढंग से शिक्षित करने और अपने अधिकारों के प्रति सजग एवं जागरूक रहने की अपील की। उन्होंने जिले में संचालित ‘मावा मोदोल कोचिंग संस्थान’ की सराहना करते हुए अधिक से अधिक युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रोत्साहित करने की बात कही।
मुख्यमंत्री श्री साय ने सर्व पिछड़ा वर्ग सम्मेलन के दौरान कुल 90 करोड़ 06 लाख 88 हजार रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इनमें 56 करोड़ 51 लाख 40 हजार रुपये की लागत से 14 विकास कार्यों का शिलान्यास तथा 33 करोड़ 55 लाख 48 हजार रुपये की लागत से 12 निर्माण कार्यों का लोकार्पण सम्मिलित है।कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने ओबीसी वर्ग के तीन मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया।
इस अवसर पर सांसद श्री भोजराज नाग, अंतागढ़ विधायक श्री विक्रम उसेंडी, भानुप्रतापपुर विधायक श्रीमती सावित्री मंडावी, कांकेर विधायक श्री आशाराम नेताम, पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री नेहरू निषाद, प्रदेश मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री भरत मटियारा सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
श्रमिकों के खातें में 16 करोड़ रूपए अंतरित
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत श्रमिकों को दीवाली से पूर्व 16 करोड़ रूपए सहायता राशि उनके बैंक खातों में अंतरित कर दी गई है। श्रम मंत्री श्री लखनलाल देवांगन के मार्गदर्शन में मंडल के अध्यक्ष डॉ रामप्रताप सिंह द्वारा डीबीटी के माध्यम से श्रमिकों के खातें में अंतरित की गई। श्रम कल्याण मंडल द्वारा संचालित 18 योजनाओं के अंतर्गत 64,195 हितग्राहियों को 15 करोड़ 99 लाख 14 हजार 559 रूपए की राशि प्रदान की गई है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : दीपावली के शुभ अवसर पर राज्य शासन ने अपने शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए माह अक्टूबर 2025 का वेतन 17 एवं 18 अक्टूबर को अग्रिम रूप से भुगतान करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने सभी विभागों को आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मेरे लिए शासन केवल तंत्र नहीं, बल्कि उन कर्मठ साथियों का परिवार है जो पूरे मन से जनता की सेवा में लगे हैं। दीपावली पूर्व अग्रिम वेतन भुगतान का यह निर्णय उसी आत्मीयता का प्रतीक है — कि सरकार अपने हर साथी की खुशियों में सहभागी बने और हर घर में उजियारा तथा प्रसन्नता फैले।
उन्होंने कहा कि दीपावली का पर्व प्रसन्नता, एकता और उत्साह का प्रतीक है। शासन का उद्देश्य है कि प्रत्येक अधिकारी-कर्मचारी इस पर्व को परिवार सहित उल्लासपूर्वक मना सके और किसी प्रकार की आर्थिक असुविधा का सामना न करना पड़े।
वेतन भुगतान की प्रक्रिया को सुचारु रूप से संपन्न करने हेतु राज्य के सभी कोषालय एवं उपकोषालय 18 अक्टूबर (शनिवार, अवकाश दिवस) को भी खुले रहेंगे, ताकि किसी कर्मचारी को भुगतान प्राप्त करने में कोई कठिनाई न हो।
राज्य शासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि मजदूरी, मानदेय एवं पारिश्रमिक जैसे अन्य मदों में भी नियमानुसार अग्रिम भुगतान किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि दीपावली पूर्व अग्रिम वेतन भुगतान से न केवल शासकीय कर्मचारियों को आर्थिक सुविधा और राहत प्राप्त होगी, बल्कि इससे जीएसटी बचत उत्सव के दौरान राज्य के बाजारों में रौनक, व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि और आर्थिक प्रवाह में तीव्रता आएगी। इससे स्थानीय व्यापारियों, कारीगरों और छोटे उद्यमियों को भी प्रत्यक्ष लाभ होगा तथा राज्य की अर्थव्यवस्था में उत्सव और विश्वास का वातावरण बनेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शासन का हर निर्णय अपने कर्मठ साथियों की खुशियों और सम्मान से जुड़ा है। दीपावली से पहले अग्रिम वेतन भुगतान उसी आत्मीय भावना का प्रतीक है कि हर घर में उजियारा फैले और हर हृदय में प्रसन्नता एवं विश्वास का दीप जले।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सिंधी समाज के प्रमुख धर्मगुरु, संत शिरोमणि श्री सांईं चाँडूराम साहिब जी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि श्री सांईं चाँडूराम साहिब जी का जीवन सेवा, करुणा और मानवता के आदर्शों से ओतप्रोत था। गरीब, असहाय, दिव्यांग एवं पशुधन की सेवा के प्रति उनका समर्पण अनुकरणीय रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि उन्होंने अपने उपदेशों और जीवन-मूल्यों के माध्यम से समाज को प्रेम, करुणा, और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। उनका स्नेहिल व्यक्तित्व और सेवा का भाव हमेशा समाज के लिए प्रेरणास्रोत रहेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस दुःखद घड़ी में उनकी संवेदनाएँ संत श्री चाँडूराम साहिब जी के परिवारजनों, अनुयायियों और श्रद्धालुओं के साथ हैं। उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें और उनके अनुयायियों को यह दुख सहने की शक्ति दें।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
‘नियद नेल्ला नार’ योजना और ‘आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति-2025’ बनी बदलाव की आधारशिला
सुरक्षाबलों के साहस और शासन की संवेदनशील नीतियों से बदल रहा है बस्तर का चेहरा - मुख्यमंत्री श्री साय
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में नक्सल-मुक्त भारत की ओर अग्रसर छत्तीसगढ़ - मुख्यमंत्री श्री साय
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति, संवेदनशील नीतियों और सुरक्षा बलों के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप नक्सलवाद पर निर्णायक प्रहार जारी है। सुकमा जिले में आज 50 लाख रुपए के इनामी सहित कुल 27 सक्रिय माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। यह न केवल नक्सल हिंसा के अंत की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह बस्तर अंचल में विश्वास, सुरक्षा और विकास के नए युग की शुरुआत का प्रतीक भी है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पीएलजीए बटालियन नंबर-01 के हार्डकोर नक्सली सहित विभिन्न स्तरों पर सक्रिय रहे माओवादियों का आत्मसमर्पण राज्य शासन की “नक्सलवादी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025” और “नियद नेल्ला नार योजना” की सफलता का प्रत्यक्ष प्रमाण है। शासन की संवेदनशील पहल लगातार स्थापित हो रहे सुरक्षा शिविरों और वनांचलों में प्रशासन के प्रति बढ़ते जन-विश्वास से यह परिवर्तन संभव हुआ है।
गढ़चिरौली में कुख्यात माओवादी पोलित ब्यूरो सदस्य मल्लोजुला वेणुगोपाल राव उर्फ सोनू समेत 60 नक्सलियों का आत्मसमर्पण नक्सलवादी विचारधारा पर एक निर्णायक प्रहार है। हमारे शौर्यवान सुरक्षाबल दिन-रात अदम्य साहस के साथ इस लड़ाई को अंजाम दे रहे हैं और सफलता प्राप्त कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि सरकार ने बंदूक छोड़ने वालों को सम्मानपूर्वक मुख्यधारा में लाने का रास्ता दिखाया है।उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य केवल नक्सलवाद का अंत नहीं, बल्कि उन क्षेत्रों में स्थायी शांति और विकास की स्थापना करना है जहाँ कभी भय और हिंसा का साया था। आज वही इलाके संवाद, शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य और रोजगार की नई दिशा पकड़ रहे हैं।
राज्य के पुलिस बल, डीआरजी, सीआरपीएफ, कोबरा, एसटीएफ तथा अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी अदम्य वीरता, संयम और रणनीतिक कौशल से इस संघर्ष को निर्णायक मोड़ पर पहुँचाया है। मुख्यमंत्री ने सभी सुरक्षाबलों को इस सफलता के लिए बधाई देते हुए कहा कि उनके साहस, अनुशासन और समर्पण से ही बस्तर में विश्वास का माहौल स्थापित हुआ है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के मार्गदर्शन में भारत ‘नक्सल मुक्त राष्ट्र’ के लक्ष्य की ओर तीव्र गति से बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार इस राष्ट्रीय संकल्प में पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ अग्रसर है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा — सादगी, मितभाषिता और जनसेवा डॉ. रमन सिंह के स्वभाव की पहचान
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राजनांदगांव के स्टेट स्कूल ग्राउंड में युवा वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा आयोजित भव्य समारोह में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के जन्मदिन पर उन्हें हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि डॉ. रमन सिंह जी जन-जन के नेता हैं, जिन्होंने छत्तीसगढ़ को नई दिशा दी। प्रभु से मेरी यही प्रार्थना है कि वे दीर्घायु हों, स्वस्थ रहें और अपना मार्गदर्शन इसी तरह देते रहें।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज हम एक ऐसे व्यक्तित्व का जन्मदिन मना रहे हैं, जिन्होंने पंद्रह वर्षों तक मुख्यमंत्री के रूप में छत्तीसगढ़ के सर्वांगीण विकास का नया इतिहास रचा। उन्होंने कहा कि डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) का ऐसा प्रभावी मॉडल तैयार हुआ, जिसे पूरे देश ने अपनाया। गरीबों और वंचितों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने की यह योजना आज भी उनकी संवेदनशीलता की मिसाल है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि डॉ. रमन सिंह ने किसानों को सशक्त बनाने के लिए धान खरीदी की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया और किसानों को उनकी उपज का पूरा मूल्य दिलाया। आज छत्तीसगढ़ अपने किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान का भुगतान कर रहा है तथा 21 क्विंटल प्रति एकड़ तक की खरीदी कर रहा है — यह उनके द्वारा स्थापित मॉडल की निरंतरता है।
उन्होंने कहा कि डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए। विशेषकर जनजातीय अंचलों में स्कूलों और अस्पतालों की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ। यही कारण है कि जब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी दंतेवाड़ा के एजुकेशन सिटी पहुँचे, तो वहाँ के बच्चों से मिलकर उन्होंने राज्य की इस उपलब्धि की सराहना की।
उन्होंने कहा कि सादगी और मितभाषिता डॉ. रमन सिंह के स्वभाव की पहचान है। वे अपनी विशाल उपलब्धियों के बावजूद सदैव विनम्र रहे हैं। छोटे-बड़े हर व्यक्ति से वे सहजता से मिलते हैं और हर किसी पर अपनी सौम्य व्यक्तित्व की गहरी छाप छोड़ते हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस वर्ष छत्तीसगढ़ विधानसभा अपनी स्थापना की रजत जयंती मना रही है। डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में विधानसभा ने कई नवाचार किए हैं, जैसे प्रबोधन कार्यक्रम, जिसमें विधायकों को संसदीय परंपराओं और लोकतांत्रिक मूल्यों की गहन समझ दी गई।
कार्यक्रम में प्रसिद्ध गायक पद्मश्री कैलाश खेर ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति से वातावरण को सुरमयी बना दिया।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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