- Home
- टॉप स्टोरी
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए -
1) मंत्रिपरिषद द्वारा निर्णय लिया है कि राज्य के अनुसूचित क्षेत्र एवं माडा पॉकेट क्षेत्र में रहने वाले अंत्योदय और प्राथमिकता श्रेणी के परिवारों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत हर माह वितरित किए जाने वाले 2 किलो चना की आवश्यक मात्रा नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा NeML ई-ऑक्शन प्लेटफार्म के माध्यम से खरीदी जाएगी। यह खरीदी वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्वीकृत 0.25 प्रतिशत या इससे कम ट्रांजैक्शन/सर्विस चार्ज पर की जाएगी।
इसके साथ ही मंत्रिपरिषद ने कहा है कि जुलाई 2025 से नवंबर 2025 तक जिन हितग्राहियों ने चना नहीं लिया है, उन्हें पात्रतानुसार यह चना दिसंबर 2025 तक वितरित कर दिया जाए।
2) मंत्रिपरिषद ने नवा रायपुर में सूचना प्रौद्योगिकी (IT/IITS) उद्योग की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए 90 एकड़ भूमि के भूखंड को रियायती प्रीमियम दर पर आबंटित करने का निर्णय लिया है। इस फैसले का उद्देश्य आईटी क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करना और औद्योगिक विकास को गति देना है। रियायती दर पर भूमि उपलब्ध होने से निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ेगी और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
इस पहल से नवा रायपुर में न सिर्फ तकनीकी और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यहां की बसाहट और शहरीकरण की प्रक्रिया को भी बल मिलेगा। आईटी कंपनियों की स्थापना से क्षेत्र में आधारभूत संरचनाएं विकसित होंगी, जिससे स्थानीय निवासियों को भी प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
कुशराम सर
भिलाईवासियों को मिली 241.50 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात
भिलाई नगर निगम कार्यालय भवन के लिए 20 करोड़ की घोषणा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि स्टेट कैपिटल रीजन से रायपुर, दुर्ग, भिलाई और राजनांदगांव सहित पूरे अंचल को लाभ मिलेगा। इससे विकास कार्यों में तेजी आएगी और नगरीय सुविधाओं का विस्तार होगा। उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों के चुनाव में जारी अटल विश्वास पत्र के सभी वादों को एक-एक कर पूरा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय आज भिलाई में नगर पालिक निगम क्षेत्र के लिए 241.50 करोड़ रुपये के विकास कार्यों के लोकार्पण और शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने भिलाई नगर पालिक निगम के नए कार्यालय भवन के लिए 20 करोड़ रुपये की घोषणा की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि नगरीय क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार भरपूर सहयोग दे रही है। नगरीय सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सुशासन और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए राज्य में सुशासन एवं अभिसरण विभाग का गठन किया गया है। पूरे राज्य में प्रशासन को डिजिटल और पारदर्शी बनाया जा रहा है, जिसका सीधा लाभ नागरिकों को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य की 1460 ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सेवा केंद्र शुरू हो चुके हैं। अगले छह महीनों में 5 हजार और पंचायतों को इस योजना से जोड़ा जाएगा। 24 अप्रैल 2026, पंचायती राज दिवस पर छत्तीसगढ़ की सभी ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सेवा केंद्र प्रारंभ किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार ने बीते 20 महीनों में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अधिकांश गारंटियों को पूरा किया है। किसानों की आर्थिक उन्नति के लिए प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी और 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान सुनिश्चित किया गया है। महिलाओं को महतारी वंदन योजना के तहत प्रतिमाह एक-एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता राशि दी जा रही है, जिससे 70 लाख से अधिक महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं। दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना के अंतर्गत भूमिहीन कृषि मजदूरों को सालाना 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। रामलला दर्शन योजना के तहत अब तक 22 हजार से अधिक श्रद्धालु अयोध्या यात्रा कर चुके हैं।
उपमुख्यमंत्री श्री अरूण साव ने कहा कि प्रदेश में सरकार गठन के बाद पिछले एक वर्ष में सभी नगरीय निकायों के विकास के लिए सात हजार करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। नगरोत्थान योजना के तहत नगरीय निकायों में योजनाबद्ध और सुनियोजित विकास के लिए राशि दी जा रही है। विगत 18 माह में अकेले नगर पालिक निगम भिलाई को विकास कार्यों के लिए 470 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि शहरों को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इसी का परिणाम है कि प्रदेश के सात नगरीय निकायों को पहली बार राष्ट्रीय स्वच्छता पुरस्कार प्राप्त हुआ है। वहीं 20 हजार से कम जनसंख्या वाले शहरों में छत्तीसगढ़ के 58 शहर पुरस्कृत हुए हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने पार्षद श्रीमती स्मृति दोड़के को स्वच्छता वार्ड के लिए शील्ड प्रदान की। प्रधानमंत्री आवास योजना के 9 हितग्राहियों को गृह प्रवेश प्रमाणपत्र, पीएम सूर्य घर योजना के तीन हितग्राहियों को प्रमाणपत्र, दिव्यांगजनों को मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल और व्हीलचेयर प्रदान की गईं। महिला स्व-सहायता समूहों को आर्थिक गतिविधियों के लिए राशि के चेक तथा वूमेन फॉर ट्री योजना के तहत राधारानी महिला स्व-सहायता समूह को प्रमाणपत्र प्रदान किया गया।
कार्यक्रम को वैशाली नगर विधायक श्री रिकेश सेन और नगर निगम के महापौर श्री नीरज पाल ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर विधायक श्री ललित चन्द्राकर, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, पूर्व मंत्री श्रीमती रमशीला साहू और पूर्व विधायक श्री लाभचंद बाफना सहित अनेक जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज शाम राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में श्रीरामहर्षण मेथिल संख्य पीठाधीश्वर, श्री अयोध्याधाम से पधारे स्वामी श्री श्री वल्लभाचार्य जी महाराज ने सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर स्वामी श्री श्री वल्लभाचार्य जी महाराज ने मुख्यमंत्री श्री साय को आगामी 5 से 14 अक्टूबर 2025 तक अयोध्या, उत्तरप्रदेश में आयोजित होने वाले “अंतर्राष्ट्रीय 51 कुण्डीय श्रीराम महायज्ञ एवं श्रीराम मंत्र जप अनुष्ठान महायज्ञ” के भव्य समारोह के लिए आमंत्रित किया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आमंत्रण के लिए स्वामी श्री श्री वल्लभाचार्य जी महाराज के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
प्रदेश के 6 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट, रायगढ़ बना उत्पादन शुरू करने वाला पहला जिला
महिलाओं की तरक्की और बच्चों का स्वास्थ्य, दोनों को नया आयाम देगा ‘रेडी-टू-ईट’ : मुख्यमंत्री श्री साय
मुख्यमंत्री श्री साय ने 10 महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपे थे अनुबंध पत्र
वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी ने कोतरलिया में रेडी-टू-ईट यूनिट का किया शुभारंभ
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को मूर्त रूप देते हुए महिला स्व-सहायता समूहों को पूरक पोषण आहार "रेडी-टू-ईट" निर्माण का कार्य पुनः सौंपा है। इस महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत रायगढ़ जिले से हुई है। हाल ही में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने रायगढ़ की 10 महिला स्व-सहायता समूहों को अनुबंध पत्र प्रदान किए थे। इसके बाद मशीन इंस्टॉलेशन का कार्य तेजी से किया गया और अब रायगढ़ जिले के ग्राम पंचायत कोतरलिया से "रेडी-टू-ईट" उत्पादन का शुभारंभ हो चुका है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह पहल महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही आंगनबाड़ी के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक आहार उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि देशभर में 3 करोड़ "लखपति दीदी" बनाने का लक्ष्य रखा गया है और छत्तीसगढ़ इस दिशा में तेज गति से कार्य कर रहा है। रायगढ़ इस अभियान में अग्रणी जिला बना है।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी ने ग्राम कोतरलिया में "रेडी-टू-ईट" निर्माण इकाई का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने स्वयं मशीन चलाकर निर्माण प्रक्रिया का निरीक्षण किया और महिलाओं को गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए। वित्त मंत्री ने कहा कि रायगढ़ से प्रारंभ हुई यह पहल शीघ्र ही प्रदेश के सभी जिलों में लागू होगी और यह मॉडल पूरे प्रदेश के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बनेगा।

उल्लेखनीय है कि रायगढ़ जिले में कुल 2709 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इन सभी केंद्रों के लिए 10 महिला स्व-सहायता समूहों का चयन किया गया है। इन समूहों को प्रधानमंत्री फॉर्मेलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइज़ (PMFME) योजना के अंतर्गत पूंजीगत सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है। रायगढ़ जिले की परियोजनाओं—रायगढ़ शहरी, रायगढ़ ग्रामीण, पुसौर, खरसिया, घरघोड़ा, तमनार, लैलूंगा, मुकड़ेगा, धरमजयगढ़ एवं कापू के अंतर्गत चयनित समूह जल्द ही "रेडी-टू-ईट" उत्पादन प्रारंभ करेंगे। फिलहाल इसकी शुरुआत कोतरलिया से हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण और कुपोषण मुक्ति के इस मिशन को प्रथम चरण में प्रदेश के 6 जिलों—बस्तर, दंतेवाड़ा, बलौदाबाजार, कोरबा, रायगढ़ एवं सूरजपुर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जा रहा है। वहीं रायगढ़ प्रदेश का पहला जिला बन गया है, जहां महिला समूहों ने "रेडी-टू-ईट" उत्पादन प्रारंभ किया है। यह पहल महिलाओं की आर्थिक समृद्धि और बच्चों के स्वास्थ्य—दोनों को नई दिशा प्रदान करेगी।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने जन्माष्टमी पर प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएँ, निभाई दही-हांडी की परंपरा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय राजधानी रायपुर के गुढ़ियारी में आयोजित जन्माष्टमी उत्सव एवं दही-हांडी प्रतियोगिता में शामिल हुए। उन्होंने प्रदेशवासियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं और भगवान श्रीकृष्ण से प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रतीकात्मक रूप से दही-हांडी तोड़कर उत्सव की परंपरा निभाई तथा राधा-कृष्ण के रूप में सजे नन्हे-मुन्ने बच्चों को मिठाई खिलाकर स्नेह प्रदान किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि हम सभी सौभाग्यशाली हैं कि हम छत्तीसगढ़ जैसे पावन प्रदेश के निवासी हैं, जो भगवान श्रीराम का ननिहाल और माता कौशल्या का मायका है। उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं से सनातन संस्कृति को और अधिक सशक्त एवं समृद्ध बनाने हेतु निरंतर प्रयास करने का आह्वान किया।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण और संवर्धन के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार भोरमदेव मंदिर सहित प्रदेश के सभी प्रमुख शक्तिपीठों और तीर्थ स्थलों के समग्र विकास हेतु कार्य कर रही है। साथ ही, श्री रामलला दर्शन योजना और मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा दर्शन योजना के माध्यम से श्रद्धालुओं को विभिन्न पावन स्थलों के दर्शन की सुविधा भी प्रदान की जा रही है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस भव्य आयोजन के सफल संचालन हेतु आयोजक श्री बसंत अग्रवाल एवं उनकी टीम को हार्दिक बधाई दी।कार्यक्रम में विधायक श्री किरण देव एवं श्री पवन साय ने भी श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए जन्माष्टमी के पावन पर्व की शुभकामनाएँ दीं। इस अवसर पर खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री टंक राम वर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव, महापौर श्रीमती मीनल चौबे, श्री राजीव लोचन महाराज, अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आज शाम यहां राजभवन में स्वागत समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियां शामिल हुईं। राज्यपाल श्री रमेन डेका ने सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी। राज्यपाल श्री डेका को मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर प्रथम महिला श्रीमती रानी डेका काकोटी उपस्थित थीं।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, केंद्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू, उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, खेलकूद एवं युवक कल्याण, मंत्री श्री टंकराम वर्मा, सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, सहित विधायक श्री पुरंदर मिश्रा एवं अन्य विधायकगण, जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे। समारोह में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित श्री भारतीबंधु, डॉ. राधेश्याम बारले, सुश्री उषा बारले, श्री अनुज शर्मा एवं अन्य उपस्थित थे। स्वागत समारोह में शहीदों के परिजन, वीरता पुरस्कार से सम्मानित पुलिस के अधिकारी, विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली हस्तियां, ब्रम्हकुमारी बहनें मौजूद थीं।
समारोह में छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष श्री धरमलाल कौशिक, छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी के अध्यक्ष श्री शशांक शर्मा, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक श्री अरूण देव गौतम, अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु पिल्ले, श्री सुब्रत साहू, श्री मनोज पिंगुआ, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, प्रमुख सचिव श्री सोनमणी बोरा राज्यपाल के सचिव श्री डॉ. सी. आर. प्रसन्ना, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, श्री बसवराजू एस, संचालक आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण श्रीमती हिना अनिमेष नेताम, राज्यपाल के विधिक सलाहकार श्री भीष्म प्रसाद पाण्डेय, सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, सेना के वरिष्ठ अधिकारीगण, विश्वविद्यालयों के कुलपति, प्रेस-मीडिया कर्मी एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष 2025 के अंतर्गत आयोजित "आजादी की गढ़-गाथा" फोटो प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर स्थित महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय की आर्ट गैलरी में फीता काटकर शुभारंभ किया।
इस अवसर पर रायपुर ग्रामीण विधायक श्री मोतीलाल साहू, रायपुर उत्तर विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, आरंग विधायक श्री खुशवंत साहेब, राज्य खाद्य नागरिक एवं आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव, केशकला बोर्ड की अध्यक्ष सुश्री मोना सेन, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष श्री अमरजीत छाबड़ा, छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी के अध्यक्ष श्री शशांक शर्मा उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने फोटो प्रदर्शनी की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रदर्शनी अत्यंत ज्ञानवर्धक है। हमारे आज़ादी के जननायकों की कहानी और उनके योगदान की जानकारी आम नागरिक तक पहुँचे, इसके लिए विशेष प्रयास करने की आवश्यकता है।
संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित इस फोटो प्रदर्शनी का विषय "आजादी की गढ़-गाथा" है, जो स्वतंत्रता आंदोलन में छत्तीसगढ़ियों के संघर्ष की प्रेरक और गौरवशाली परंपरा को दर्शाता है। इसमें विशेष रूप से परलकोट विद्रोह (1825) के नायक शहीद गैंद सिंह, 1857 की क्रांति में छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद वीर नारायण सिंह की गिरफ्तारी और फांसी से संबंधित दस्तावेज, शहीद सुरेन्द्र साय, 1910 के आंदोलन के महानायक शहीद गुंडाधुर, कंडेल नहर सत्याग्रह (1920), छत्तीसगढ़ में महात्मा गांधी का आगमन सहित प्रदेश के अमर वीर शहीद स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और अन्य स्वतंत्रता आंदोलन संबंधी घटनाओं का जीवंत चित्रण किया गया है। यह प्रदर्शनी 19 अगस्त तक प्रतिदिन प्रातः 10 बजे से शाम 5 बजे तक दर्शकों के लिए खुली रहेगी। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
प्रदेशवासियों से आत्मनिर्भर भारत - आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ के निर्माण का आव्हान
स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान से हमें मिला स्वतंत्रता का उजाला
जनजातीय नायकों का बलिदान देशभक्ति की अद्भुुत मिसाल
अटल जी के जन्म शताब्दी वर्ष को हम अटल निर्माण वर्ष के रूप में मना रहे हैं
ऑपरेशन सिंदूर भारत के पराक्रम और दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रतीक
राष्ट्रहित में प्रदेशवासियों को स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने की अपील
रायपुर में शीघ्र ही पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की घोषणा
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव का किया शुभारंभ
शहरों को संवारने मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना आरंभ
बस्तर और सरगुजा संभाग में शुरू होगी मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सेवा योजना

रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर के पुलिस परेड ग्राउण्ड में ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली। उन्होंने प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन हम सभी के लिए अत्यंत गौरव का दिन है। अंग्रेजी साम्राज्यवाद से लड़ते हुए हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अपना सर्वस्व बलिदान कर हमें स्वतंत्रता का उजाला सौंपा।

मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और सेना के वीर जवानों को नमन करते हुए कहा कि हम छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के 25 गौरवशाली वर्षाें की विकास यात्रा को ’’छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव’’ के रूप में मना रहे हैं। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के शुभारंभ की घोषणा की। उन्होंने यह भी घोषणा कि रायपुर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली जल्द ही लागू की जाएगी।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि इस अवसर पर हम विकसित भारत-विकसित छत्तीसगढ़ का संकल्प लें। छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता श्रद्धेय अटल जी के सुशासन का दृढ़ संकल्प हमें शक्ति देता है। हम निश्चित ही जन-जन की सहभागिता से विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लक्ष्य को साकार करेंगे। गोस्वामी तुलसीदास जी का कथन ‘‘रामकाजु कीन्हें बिनु मोहि कहां बिश्राम‘‘ हमारा आदर्श वाक्य है और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के अंत्योदय के सिद्धांत हमारे पथप्रदर्शक हैं।

राष्ट्रहित में स्वदेशी अपनाएं
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वदेशी को जन-आंदोलन का रूप दिया है। आत्मनिर्भर भारत 140 करोड़ भारतीयों का संकल्प है। स्वतंत्रता दिवस का यह प्रेरक अवसर हमें राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों की प्रेरणा देता है। मुख्यमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए प्रदेशवासियों से राष्ट्रहित में यह संकल्प लेने का आह्वान किया कि - हर नागरिक स्वदेशी वस्तु खरीदना देशभक्ति का कार्य माने, हर व्यवसाय गुणवत्ता और स्थिरता को अनिवार्य मानें, हर नवाचारी सबसे पहले भारत के बारे में सोचे, हर किसान पर्यावरण अनुकूल समावेशी कृषि को अपनाए और हर क्षेत्र निर्भरता से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़े।

वोकल फॉर लोकल अभियान में अग्रणी छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के वोकल फॉर लोकल अभियान को आगे बढ़ाने में छत्तीसगढ़ की अग्रणी भूमिका हो। स्वदेशी रोजगार सृजन का ही नहीं देशभक्ति का भी एक उपक्रम है। हम नई औद्योगिक नीति के जरिए प्रदेश में बनने वाले उत्पादों को वैश्विक मंच प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री जी के लोकल फॉर ग्लोबल विजन पर काम कर रहे हैं। अपने दैनिक जीवन में स्वदेशी और स्थानीय उत्पादों को अपनाने से स्थानीय कारीगरों, बुनकरों, शिल्पकारों को रोजगार मिलता है।

इसका सीधा परिणाम देश और प्रदेश की आर्थिक समृद्धि के रूप में सामने आता है। हमारी आयात निर्भरता कम होती है। हम खादी को बढ़ावा देकर स्थानीय बुनकरों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकते हैं, इससे हमें टैक्सटाइल क्षेत्र में अपनी वैश्विक पहचान बनाने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई को प्रोत्साहित कर हम मेक इन इंडिया अभियान में अपनी भागीदारी बढ़ा रहे हैं। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को अपने उत्पादों की गुणवत्ता पर विशेष जोर देना होगा।

जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान के साथ जय अनुसंधान हो हमारा ध्येय वाक्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई के लिए प्रधानमंत्री जी द्वारा दिया गया जीरो डिफेक्ट - जीरो इफेक्ट का मंत्र अत्यंत कारगर है। हमारे गांव, नगर और जिले स्तर पर तैयार होने वाली वस्तुएं गुणवत्ता के मामले में किसी से कम नहीं है। इसके लिए उन्हें डिजिटल संसाधनों, नवाचार, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी और एआई जैसी तकनीक को अपनाना होगा। अब जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान के साथ जय अनुसंधान... के ध्येय वाक्य के साथ हम आगे बढ़ेंगे।

प्राकृतिक खेती हमारे स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेक इन इंडिया अभियान के जरिए रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करते हुए भारत सैन्य उपकरणों का निर्यातक के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि आज जलवायु संकट का सीधा असर हमारे जीवन पर पड़ रहा है। कृषि क्षेत्र इससे अछूता नहीं है। ऐसे समय में रसायन मुक्त, प्राकृतिक खेती किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ हमारे स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी साबित होगी। श्रीअन्न, दलहन-तिलहन और मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देकर छत्तीसगढ़ के हमारे किसान भाई कृषि लागत को कम कर सकते हैं। इससे रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों पर हमारी निर्भरता भी कम होगी।

स्वतंत्रता संग्राम के नायकों का पुण्य स्मरण
मुख्यमंत्री ने देश की आजादी की लड़ाई में स्वर्णिम अक्षरों में लिखे गये परलकोट विद्रोह के नायकों का पुण्य स्मरण करते हुए कहा कि इस वर्ष परलकोट विद्रोह के 200 वर्ष पूरे हो गए हैं। आज भी शहीद गेंदसिंह की वीरता के किस्से प्रदेश की जनता उतने ही गौरव भाव से सुन रही है। भूखे और उत्पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने के लिए शहीद वीरनारायण सिंह द्वारा की गई लड़ाई को कौन भूल सकता है।
उन्होंने रायपुर सिपाही विद्रोह के नायक हनुमान सिंह जी का भी इस अवसर पर स्मरण किया। उन्होंने कहा कि भूमकाल विद्रोह के माध्यम से वीर गुंडाधुर ने अपनी मातृभूमि के लिए जिस अद्भुत शौर्य का प्रदर्शन किया, वो इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है। शहीद यादव राव, वेंकट राव, धुरवा राव, डेबरी धुर, आयतु माहरा सहित हमारे अनेक जनजातीय नायकों का बलिदान देशभक्ति की अद्भुुत मिसाल है।
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने अपना अटल संकल्प पूरा किया और देश के नक्शे में छत्तीसगढ़ का एक नये राज्य के रूप में उदय हुआ। अटल जी के जन्म शताब्दी वर्ष को हम अटल निर्माण वर्ष के रूप में मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की पुण्य धरा प्राकृतिक संसाधनों से सम्पन्न है। हमारे पास समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर हैं और अपार उत्साह समेटे हुए विपुल जन संसाधन है। एक नवंबर 2000 को जब यह राज्य बना, तब हमने एक सपना देखा था, एक विकसित, आत्मनिर्भर और समावेशी छत्तीसगढ़ का। आज मैं गर्व से कह सकता हूँ कि हम उस दिशा में तेजी से आगे बढ़़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने आपातकाल के पचास बरस पूरे होने पर लोकतंत्र सेनानियों को नमन करते हुए कहा कि आपातकाल के बेहद कठिन दौर में यातनाओं की परवाह न करते हुए उन्होंने लोकतंत्र की मशाल थामें रखी। उन्होंने कहा कि मातृभूमि के लिए अपने हिस्से की जिम्मेदारी हमें निभानी है। हमें यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में वर्ष 2047 तक विकसित भारत-विकसित छत्तीसगढ़ की संकल्पना को मूर्त रूप देना है।
हमारे जवानों ने तिरंगे का मान बढ़ाया
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें अपने वीर जवानों पर गर्व है, जिन्होंने अपने असीम शौर्य और साहस से मातृभूमि का शीश हमेशा ऊंचा रखा। वर्ष 1947 में देश की आजादी के बाद पाकिस्तान की ओर से हुए आक्रमण से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक हर बार हमारे जवानों ने तिरंगे का मान बढ़ाया है। पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी कृत्य का बदला लेने हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में ऑपरेशन सिन्दूर चलाया गया। यह ऑपरेशन दुनियाभर में भारत के पराक्रम और दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रतीक बना।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की अगुवाई में भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो गई है। हमारा चंद्रयान चंद्रमा के दक्षिण धु्रव पर पहुंच चुका है और शुभांशु शुक्ला ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में तिरंगा लहरा दिया है। इस सफलता के पीछे देशवासियों की कड़ी मेहनत और हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व, दृढ़ संकल्प और अथाह इच्छा शक्ति की विशेष भूमिका है।
मार्च 2026 तक देश को आतंकवाद से मुक्त करने का संकल्प
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के इस गौरवशाली दिन हम अपने सुरक्षाबलों के जवानों का अभिनंदन करते हैं, जिन्होंने नक्सलियों को उनके ठिकानों में घुसकर मात दी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और केन्द्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी के नेतृत्व में हम मार्च 2026 तक देश को माओवादी आतंक से मुक्त करने के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले 20 महीनों में हमारे जवानों ने 450 माओवादियों को न्यूट्रलाइज और 1578 को गिरफ्तार किया है। हमारे जवानों ने माओवादियों के शीर्ष नेताओं बसवराजू और सुधाकर को न्यूट्रलाइज करने में सफलता पायी। राज्य सरकार की आकर्षक आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर 1589 माओवादी हथियार छोड़ चुके हैं। इनके पुनर्वास, कौशल विकास और रोजगार की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन का असली मतलब तब है, जब आखिरी व्यक्ति तक लाभ पहुँचे। ताड़मेटला में जहां हमारे 76 जवानों ने माओवादी हमले में शहादत दी थी, उसके समीप ही चिंतागुफा के स्वास्थ्य केंद्र को राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाण-पत्र मिला है। यहां हर महीने औसतन 20 प्रसव होते हैं और हजारों ग्रामीण निःशुल्क इलाज की सुविधा ले रहे हैं। नक्सलवाद के कम होते ही बस्तर में विकास की रफ्तार तेजी से बढ़ी है। 50 बंद स्कूल फिर से खोले गए और कई गांवों में पहली बार बिजली पहुंची। नियद नेल्ला नार अर्थात आपका अच्छा गाँव योजना से 327 गांवों में बुनियादी सुविधाएं पहुंची हैं। पामेड़, जो कभी नक्सलियों का गढ़ था, वहां अब बैंक की शाखा खुल गई हैं।
पूरा हो रहा है हर नागरिक के पक्का घर का सपना
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 20 महीनों में हमने प्रदेश के नागरिकों को प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा दी गई गारंटियों को पूरा करने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किये हैं। कैबिनेट की पहली बैठक में हमने 18 लाख प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए। पीएम जनमन योजना में विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए 34 हजार और नक्सल पीड़ित व आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए 15 हजार आवास मंजूर किए गए। पात्रता नियम आसान किए गए हैं और नए लाभार्थियों के लिए आवास प्लस 2.0 के तहत सर्वे कराया गया है। इस तरह हर नागरिक का पक्का घर पाने का सपना पूरा हो रहा है।महतारी वंदन योजना: माताओं-बहनों को 11 हजार 728 करोड़ रूपए की सहायता
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तीकरण हमारी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सरकार बनने के तीन महीने के भीतर हमने महतारी वंदन योजना शुरू की। प्रदेश में 70 लाख महिलाओं को हर महीने एक-एक हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है। इस योजना से महिलाएं आत्मनिर्भरता की राह पर कदम बढ़ा रही हैं। महतारी वंदन योजना के तहत माताओं-बहनों को अब तक 11 हजार 728 करोड़ रूपए की राशि दी जा चुकी है। रायगढ़ जिले से हमने महिला समूहों को रेडी टू ईट फूड निर्माण का काम सौंपा है और इसका विस्तार जल्द ही हम अन्य जिलों में करेंगे।
किसानों का कल्याण हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के किसान भाइयों का कल्याण हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है। कृषक उन्नति योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ के किसानों को धान का सबसे ज्यादा मूल्य मिल रहा है। हमने पिछले खरीफ सीजन में 149 लाख मीट्रिक टन धान की रिकॉर्ड खरीदी की है। राज्य में फसल विविधता को बढ़ावा देने के लिए कृषक उन्नति योजना के दायरे का विस्तार किया गया है। धान के बदले अब अन्य खरीफ फसल लेने वाले किसानों को प्रति एकड़ 11 हजार रूपए तथा दलहन-तिलहन, मक्का, कोदो, कुटकी, रागी और कपास की फसल लेने वाले कृषकों को प्रति एकड़ 10 हजार रूपए की आदान सहायता राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषक मजदूर कल्याण योजना के तहत राज्य के 5 लाख 62 हजार भूमिहीन कृषि श्रमिकों को प्रतिवर्ष 10-10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दे रहे हैं। छत्तीसगढ़ के 26 लाख किसान भाइयों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है। इस योजना से विशेष पिछड़ी जनजाति के 32 हजार 500 किसान भी लाभान्वित हो रहे हैं। खरीफ सीजन में हमने खाद-बीज की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की है। वैश्विक तनाव के कारण जहां डीएपी की आपूर्ति में कुछ कमी आयी, वहां हमने भरपूर मात्रा में नैनो डीएपी उपलब्ध कराकर किसान भाइयों की दिक्कत दूर की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम राज्य में सहकारिता की सम्भावनाओं को साकार कर रहे हैं। खेती-किसानी के साथ-साथ हम पशुधन और मत्स्यपालन को भी बढ़ावा दे रहे हैं। राज्य में दुग्ध उत्पादन और पशुपालकों की आय को बढ़ावा देने के लिए एनडीडीबी से हमने एमओयू किया है। वर्ष-2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किया गया है। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी के मार्गदर्शन में हम सहकार से समृद्धि के मंत्र पर चलते हुए राज्य में सहकारी गतिविधियों को नई ऊंचाई दे रहे हैं।शिक्षक-छात्र अनुपात राष्ट्रीय औसत से बेहतर
मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी कहते थे कि शिक्षा के जरिए समाज में बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं। हमने नई शिक्षा नीति को लागू करने के साथ ही इसके प्रावधानों के अनुरूप स्कूलों और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया है। अब सुकमा के दुर्गम गांव में भी शिक्षक हैं। राजधानी रायपुर से लेकर पहाड़ी कोरवा बसाहट वाले स्कूलों तक पूरे प्रदेश में शिक्षक-छात्र अनुपात एक समान है। हमारे स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। हम शासकीय विद्यालयों में मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान भी संचालित कर रहे हैं। पेरेण्ट्स टीचर मीटिंग तथा न्यौता भोज के माध्यम से हमने बच्चों के शैक्षणिक विकास में सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित की है, जिसका बेहतर परिणाम मिल रहा है। हमने स्कूलों के रखरखाव एवं अधोसंरचना विकास के लिए 133 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
नवा रायपुर में आकार ले रही एजुकेशन सिटी
नवा रायपुर में हम सौ एकड़ में एजुकेशन सिटी बना रहे हैं। विज्ञान और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए यहां साइंस सिटी का भी निर्माण कर रहे हैं। नवा रायपुर में हमने नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी के कैंपस का भूमिपूजन किया है। देश में लागू नये कानूनों में फारेंसिक का महत्व काफी बढ़ गया है, जिससे राज्य के युवाओं को इस क्षेत्र में करियर निर्माण के अवसर सुलभ होंगे। छत्तीसगढ़ में आईटी और एआई क्रांति दस्तक दे चुकी है। हम नवा रायपुर को सेंट्रल इंडिया की सिलिकॉन वैली के रूप में तैयार कर रहे हैं। नवा रायपुर में नेशनल इंस्टीट्यूट आफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नॉलाजी की स्थापना करने जा रहे हैं, जिससे आईटी का बड़ा टैलेंट पूल यहां तैयार होगा।
बस्तर संभाग के सभी विकासखण्डों में कौशल विकास केन्द्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम जॉब मार्केट की जरूरत के मुताबिक वर्क फोर्स तैयार कर रहे हैं। स्किल इंडिया मिशन के तहत नवा रायपुर में लाइवलीहुड सेंटर आफ एक्सीलेंस आरंभ कर रहे हैं। जनजातीय बहुल बस्तर संभाग के सभी 32 विकासखंडों में, कौशल विकास केन्द्र के माध्यम से युवाओं को विभिन्न व्यवसायों का प्रशिक्षण दे रहे हैं। आईआईटी के पूर्व विद्यार्थियों की संस्था पैन आईआईटी के साथ वंचित समुदायों के कौशल विकास के लिए हमने एमओयू किया है। युवाओं को कौशल विकास के साथ ही विदेशी भाषाओं का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि उन्हें विदेशों में भी रोजगार के अवसर मिलें।राज्य में 150 स्टार्टअप स्थापित करने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए हमने नई स्टार्टअप नीति बनाई है। इसके माध्यम से हम राज्य के 100 तकनीकी संस्थाओं के 50 हजार छात्र-छात्राओं तक पहुंच बनाएंगे। राज्य में हमने 150 स्टार्टअप स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। ईज ऑफ लिविंग के साथ ही स्पीड ऑफ बिजनेस की ओर बढ़ते हुए हमने 350 से अधिक रिफॉर्म किये हैं। सिंगल विंडो सिस्टम से प्रदेश में निवेश सरल, सहज और पारदर्शी हो गया है।
निवेशकों के लिए छत्तीसगढ़ पसंदीदा राज्य
उन्होंने कहा कि नई औद्योगिक नीति की बुनियाद पर विकसित छत्तीसगढ़ की भव्य इमारत तैयार होगी। नई औद्योगिक नीति में हमने सबसे ज्यादा जोर पॉवर सेक्टर पर दिया है। इस सेक्टर में हमें 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इससे छत्तीसगढ़ विकसित भारत का पावर हाउस बनेगा। निवेशकों के लिए छत्तीसगढ़ पसंदीदा राज्य बन चुका है। हमने दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू के साथ ही रायपुर में भी इन्वेस्टर्स समिट किये। इन समिट के माध्यम से अब तक 6 लाख 65 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव हमें मिल चुके हैं।
नई औद्योगिक नीति में हम नये जमाने के उभरते हुए उद्योगों को भी विशेष अनुदान दे रहे हैं। छत्तीसगढ़ में पहली सेमीकंडक्टर यूनिट का भूमिपूजन हमने किया है। लगभग 11 सौ करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली इस यूनिट से हमने चिप निर्माण के क्षेत्र में कदम रख दिया है। हम टैक्सटाइल क्षेत्र में संभावनाओं को अवसर में बदलना चाहते हैं। इसके लिए हम नवा रायपुर में नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फैशन टेक्नॉलाजी का कैंपस स्थापित करने जा रहे हैं। इसकी अनुमानित लागत 271 करोड़ रुपए होगी। इससे बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
राज्य राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण गठन का निर्णय
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर राज्य राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए प्राधिकरण गठन का निर्णय लिया है। यह प्राधिकरण राजधानी क्षेत्र के सुव्यवस्थित और योजनाबद्ध विकास के लिए कार्य करेगा। यह प्राधिकरण योजना बनाने, निवेश को बढ़ावा देने, विभिन्न सरकारी और निजी संगठनों के बीच समन्वय तथा शहर के विस्तार को सही ढंग से नियंत्रित करने का भी काम करेगा। अब जमाना ई-कॉमर्स का है। इसे प्रोत्साहित करने हमारी लॉजिस्टिक नीति विशेष रूप से उपयोगी होगी और प्रदेश में तेजी से इनलैंड कंटेनर डिपो तथा ड्राईपोर्ट में निवेश होगा।
नई रेल लाइनें बनेंगी ‘‘विकसित भारत-विकसित छत्तीसगढ़‘‘ की धमनियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में निवेश की जो संभावनाएं पैदा हुई हैं, उसके पीछे एक दशक में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर हुए कामों की बड़ी भूमिका है। वर्ष 2030 तक हम उतनी ही रेल लाइन बिछा देंगे, जितनी 1853 में रेलवे शुरू होने से लेकर वर्ष 2014 तक बिछाई गई थी। रावघाट से जगदलपुर, केके लाइन का दोहरीकरण, तेलंगाना के कोठागुडेम से किरंदुल तक नई रेल परियोजनाएं बस्तर की भाग्य रेखा साबित होंगी। खरसिया से परमालकसा जाने वाली रेल लाइन प्रदेश के महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्रों को जोड़ेगी। नई रेल लाइनें ‘‘विकसित भारत-विकसित छत्तीसगढ़‘‘ की धमनियां साबित होंगी। स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट रायपुर से हमने कार्गाे सुविधा भी आरंभ की है। धनबाद और विशाखापट्नम जैसे औद्योगिक केंद्रों को जोड़ने वाले एक्सप्रेस-वे का निर्माण तेजी से हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी प्रदेश की आर्थिक सेहत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वहां बिजली की खपत कितनी है। हमारा प्रदेश जीरो पॉवर कट स्टेट है। हमारे राज्य में प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत 2 हजार 211 यूनिट है, जबकि देश का औसत ऊर्जा खपत प्रति व्यक्ति 1 हजार 255 यूनिट है।
हाफ बिजली बिल से मुफ्त बिजली की पहल
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में हमने बड़ा कदम उठाया है। हम हाफ बिजली बिल से मुफ्त बिजली की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना के माध्यम से आमजन अब बिजली उपभोक्ता से बिजली उत्पादनकर्ता बन रहेे हैं। इस योजना के तहत सौर संयंत्रों की स्थापना पर केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा आकर्षक सब्सिडी दी जा रही है।
एक किलोवॉट के सौर संयंत्र पर केन्द्र सरकार द्वारा 30 हजार रूपए और राज्य सरकार द्वारा 15 हजार रूपए, इस प्रकार कुल 45 हजार रूपए की सब्सिडी दी जा रही है। दो किलोवॉट पर केन्द्र द्वारा 60 हजार रूपए और राज्य द्वारा 30 हजार रूपए, इस प्रकार कुल 90 हजार रूपए तथा तीन किलोवॉट का सौर संयंत्र लगाने पर केन्द्र सरकार द्वारा 78 हजार रूपए और राज्य सरकार द्वारा 30 हजार रूपए, इस प्रकार कुल एक लाख 8 हजार रूपए की सब्सिडी दी जा रही है। मैं प्रदेश की जनता से आग्रह करता हूँ कि इस योजना का त्वरित लाभ उठाएं।
सुशासन हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता
सुशासन हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है। हमने ई-ऑफिस प्रणाली को सभी विभागों में कार्यान्वित किया है। हर स्तर पर पारदर्शिता सुनिश्चित हो रही है। हमने सरकारी खरीदी में पारदर्शिता लाने जेम पोर्टल को अपनाया है। भ्रष्टाचार के मामलों की ईओडब्ल्यू द्वारा पूरी तत्परता से जांच की जा रही है। पब्लिक पॉलिसी में युवाओं को आगे लाने हमने मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप योजना आरंभ की है। इसके जरिए युवा आईआईएम रायपुर में दो वर्षीय फेलोशिप कर रहे हैं। सुशासन तिहार के माध्यम से हम आपके गांव, आपके मोहल्ले तक पहुंचे। सुशासन तिहार में 41 लाख से अधिक आवेदन में से अधिकतर आवेदनों का हमने गुणवत्तापूर्ण निराकरण किया है।
हमने रजिस्ट्री से संबंधित 10 क्रांतिकारी पहल की है। अब ऑनलाईन रजिस्ट्री की सुविधा, रजिस्ट्री के साथ ही अब नामांतरण, आधार प्रमाणीकरण, रजिस्ट्री से संबंधित दस्तावेज बनाने की सुविधा के साथ पारिवारिक दान, हक त्याग और बंटवारा अब केवल पांच सौ रुपए शुल्क में हो जाता है। हमने छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक के माध्यम से नियमों को सरल किया है। 5 डिसमिल से कम कृषि भूमि की रजिस्ट्री नहीं होगी। इसका उद्देश्य अवैध प्लाटिंग और जमीन को छोटे टुकड़ों में बांटकर बिक्री पर रोक लगाना है। हमने जनविश्वास विधेयक के माध्यम से राज्य के 8 अधिनियमों के 163 प्रावधानों में संशोधन किया है। आम नागरिकों और कारोबारियों द्वारा किये गये छोटे-छोटे तकनीकी उल्लंघन अब अपराध की श्रेणी में नहीं आएंगे।
विकसित छत्तीसगढ़ का नेतृत्व युवा शक्ति के हाथों में होगा। युवाओं के लिए शासकीय पदों में भर्ती पर सरकार तेजी से काम कर रही है। राज्य निर्माण के बाद पहली बार व्यापम की परीक्षा का साल भर का कैलेंडर जारी किया गया है।
खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए भी हमारी सरकार लगातार कार्य कर रही है। नई औद्योगिक नीति में हमने खेल अकादमी और निजी प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने के लिए विशेष अनुदान प्रावधान किये हैं। युवा प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए हमने युवा रत्न सम्मान योजना आरंभ करने का निर्णय लिया है।
नवा रायपुर में बन रही मेडिसिटी
स्वास्थ्य सेवाओं को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए 441 करोड़ रुपए की लागत से हम स्वास्थ्य केंद्रों की व्यवस्था बेहतर कर रहे हैं। राज्य के 543 सरकारी अस्पतालों को क्वालिटी सर्टिफिकेशन प्राप्त हुआ है। अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ की लगातार भर्ती की जा रही है। पिछले महीने हमने एनएचएम के तहत 109 संविदा चिकित्सकों तथा 563 बांड अनुबंधित चिकित्सकों की नियुक्ति की है। हम नवा रायपुर में मेडिसिटी बना रहे हैं, जहां राष्ट्रीय स्तर के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल संचालित होंगे।
मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना आरंभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि नगरीय निकायों की सूरत संवारने मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना आरंभ की गई है। इसके तहत सात नगर निगमों में 157 करोड़ रुपए के कार्य स्वीकृत किये गये हैं। इनमें आक्सीजोन, बस टर्मिनल, बायपास, आडिटोरियम निर्माण जैसे काम शामिल हैं। प्रदेश के नगरीय निकायों ने स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छी रैंक हासिल की है। प्रधानमंत्री जी ने मन की बात कार्यक्रम में बिल्हा की हमारी स्वच्छता दीदियों की विशेष रूप से प्रशंसा की है।
बस्तर और सरगुजा संभाग में शुरू होगी मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सेवा योजना
हमारी सरकार शहरों के साथ-साथ गाँवों में भी बुनियादी सुविधाओं के विस्तार के लिए लगातार काम कर रही है। मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सेवा योजना को प्रथम चरण में हम बस्तर और सरगुजा संभाग में शुरू करने जा रहे हैं। इन बसों का संचालन स्थानीय लोग ही करेंगे। इससे ग्रामीणों की आवाजाही आसान होगी और उनकी रोज़मर्रा की परेशानियाँ दूर होंगी।
बोधघाट बहुउद्देशीय परियोजना को गति
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम बोधघाट बहुउद्देशीय परियोजना पर आगे बढ़ रहे हैं। 50 हजार करोड़ रुपए की इस परियोजना के माध्यम से 200 मेगावाट बिजली के उत्पादन के साथ ही लगभग 7 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा का विस्तार होगा। प्रदेश में सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिए 9 सिंचाई परियोजनाओं में 522 करोड़ रुपए की राशि से सुधार कार्य कराया जाएगा।
चरण पादुका योजना की फिर से शुरूआतमुख्यमंत्री ने कहा कि हम जनजातीय समाज के उत्थान के लिए अनेक कदम उठा रहे हैं। तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक की राशि 4 हजार रुपए से बढ़ाकर साढ़े 5 हजार रुपए कर दी गई है। इससे साढ़े 12 लाख तेन्दूपत्ता संग्राहक परिवारों के 50 लाख लोग लाभान्वित हो रहे हैं। तेंदूपत्ता संग्रहण के दौरान संग्राहकों के पैरों में छालें न पड़े, कांटे न चुभे, इसके लिए हमने चरण पादुका योजना फिर से शुरू की है। हर्बल औषधियों को बढ़ावा देने हमने फॉरेस्ट टू फार्मेसी मॉडल के तहत दुर्ग जिले के जामगांव (एम) में हाल ही में हर्बल एक्सट्रैक्शन यूनिट का लोकार्पण किया है। इससे दो हजार लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार के अवसर सुलभ हुए हैं।
आकार ले रहा आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को समर्पित स्मारक
मुख्यमंत्री ने कहा कि सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण को प्रोत्साहित करने हमारी सरकार ने बैगा, गुनिया, सिरहा लोगों को 5-5 हजार रुपए की सालाना सम्मान निधि प्रदान करने का निर्णय लिया है। नवा रायपुर में हमने ट्राइबल म्यूजियम का लोकार्पण किया जा चुका है। प्रदेश के स्वतंत्रता संग्राम के जनजातीय नायकों को समर्पित शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मारक-सह-संग्रहालय का निर्माण कराया जा रहा है। बस्तर की जनजातीय संस्कृति की झलक देश-दुनिया को दिखाने हमने बस्तर पंडुम का आयोजन किया। बस्तर अब वैश्विक पर्यटन मानचित्र में है। बस्तर के धुड़मारास को यूएन पर्यटन संगठन ने सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव के रूप में चुना है। होम-स्टे को प्रोत्साहित करने हमने छत्तीसगढ़ होम-स्टे नीति बनाई है।
छत्तीसगढ़ में 683 वर्ग किलोमीटर में वृक्ष आवरण की वृद्धि
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी प्राकृतिक संपदा को न केवल हम सहेजे हुए हैं अपितु उसका निरंतर संवर्धन भी कर रहे हैं। वन पारिस्थितिकी सेवा को हमने ग्रीन जीडीपी के साथ जोड़ने की पहल की है। हाल ही में भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट आई है, इसमें बताया गया है कि छत्तीसगढ़ में 683 वर्ग किलोमीटर संयुक्त वन एवं वृक्ष आवरण की वृद्धि हुई है, जो देश में सबसे ज्यादा रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान पर प्रदेश में ‘‘एक पेड़ मां के नाम‘‘ अभियान के तहत विगत वर्ष में साढ़े तीन करोड़ से अधिक पौधे लगाए गए हैं।
कलाकारों और साहित्यकारों को प्रतिमाह 5 हजार रूपए पेंशन
राज्य की कला-संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए नवा रायपुर में कलाग्राम की स्थापना के लिए 10 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। कलाकारों और साहित्यकारों को दी जाने वाली पेंशन राशि 2 हजार रुपए से बढ़ाकर 5 हजार रुपए प्रति माह कर दी गई है। प्रदेश के 22 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को श्री रामलला अयोध्या धाम दर्शन योजना के माध्यम से भांचा राम के दर्शन लाभ मिला। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के माध्यम से भी हम तीर्थयात्रियों को देश भर के पुण्यस्थलों की यात्रा करा रहे हैं।
‘छत्तीसगढ़ अंजोर विजन’ डॉक्यूमेंट तैयार
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत के निर्माण का लक्ष्य रखा है। इसी दिशा में हमने ‘छत्तीसगढ़ अंजोर विजन’ डॉक्यूमेंट के रूप में एक ऐसा रोडमैप तैयार किया है, जिसके माध्यम से हम विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को साकार करेंगे। छत्तीसगढ़ देश का दूसरा राज्य है जिसने विजन डाक्यूमेंट तैयार किया है। इसमें हमने निकटवर्ती, मध्यवर्ती और दीर्घकालीन लक्ष्य रखे हैं। इन्हें प्राप्त करने हमने सामाजिक आर्थिक विकास के 13 थीम चुने हैं और इनके क्रियान्वयन के लिए 10 मिशन तैयार किये हैं। छत्तीसगढ़ राज्य को संवारने के लिए आप सभी के सहयोग से हम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर हम सभी विकसित भारत-विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण का संकल्प लें।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
प्यारे प्रदेशवासियों, जय जोहार...आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
1. आज का दिन हम सभी के लिए अत्यंत गौरव का दिन है। अंग्रेजी साम्राज्यवाद से लड़ते हुए हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अपना सर्वस्व बलिदान कर हमें स्वतंत्रता का उजाला सौंपा। आज स्वतंत्रता दिवस की इस प्रभात बेला में हम अपने सभी वीर सपूतों को कृतज्ञता से नमन करते हैं।
2. देश के उन्यासीवें (79वें) स्वतंत्रता दिवस के साथ-साथ हम छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के 25 गौरवशाली वर्षाें की विकास यात्रा को ’’छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव’’ के रूप में मना रहे हैं। मुझे आपसे यह बात साझा करते हुए खुशी हो रही है कि हम आज के इस शुभ दिन से छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव का शुभारंभ कर रहे हैं। आप सभी की भागीदारी से हम इस महोत्सव को अविस्मणीय बनाएंगे।
3. आज का दिन परलकोट विद्रोह के नायकों के पुण्य स्मरण का भी है। देश की आजादी की लड़ाई में स्वर्णिम अक्षरों में लिखे गये परलकोट विद्रोह के 200 वर्ष पूरे हो गए हैं। आज भी शहीद गेंदसिंह की वीरता के किस्से पीढ़ी दर पीढ़ी प्रदेश की जनता उतने ही गौरव भाव से सुन रही है।
4. भूखे और उत्पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने के लिए शहीद वीरनारायण सिंह द्वारा की गई लड़ाई को कौन भूल सकता है। रायपुर सिपाही विद्रोह के नायक हनुमान सिंह जी का इस अवसर पर स्मरण करना चाहूँगा। भूमकाल विद्रोह के माध्यम से वीर गुंडाधुर ने अपनी मातृभूमि के लिए जिस अद्भुत शौर्य का प्रदर्शन किया, वो इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है। शहीद यादव राव, वेंकट राव, धुरवा राव, डेबरी धुर, आयतु माहरा सहित हमारे अनेक जनजातीय नायकों का बलिदान देशभक्ति की अद्भुुत मिसाल है।
5. हम अपने राज्य के निर्माता पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को नमन करते हैं, जिन्होंने अपना अटल संकल्प पूरा किया और देश के नक्शे में छत्तीसगढ़ का एक नये राज्य के रूप में उदय हुआ। अटल जी के जन्म शताब्दी वर्ष को हम अटल निर्माण वर्ष के रूप में मना रहे हैं।
6. छत्तीसगढ़ की पुण्य धरा प्राकृतिक संसाधनों से सम्पन्न है। हमारे पास समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर हैं और अपार उत्साह समेटे हुए विपुल मानव संसाधन हैं। एक नवंबर 2000 को जब यह राज्य बना, तब हमने एक सपना देखा था, एक विकसित, आत्मनिर्भर और समावेशी छत्तीसगढ़ का। आज मैं गर्व से कह सकता हूँ कि हम उस दिशा में तेजी से आगे बढ़़ रहे हैं।
7. आपातकाल के पचास बरस पूरे हो गये हैं। हम अपने लोकतंत्र सेनानियों को नमन करते हैं, जिन्होंने आपातकाल के बेहद कठिन दौर में यातनाओं की परवाह न करते हुए लोकतंत्र की मशाल थामें रखी।
8. मातृभूमि के लिए अपने हिस्से की जिम्मेदारी हमें निभानी है। हमें यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में वर्ष 2047 तक विकसित भारत-विकसित छत्तीसगढ़ की संकल्पना को मूर्त रूप देना है।
9. हमें अपने वीर जवानों पर गर्व है, जिन्होंने अपने असीम शौर्य और साहस से मातृभूमि का शीश हमेशा ऊंचा रखा। वर्ष 1947 में देश की आजादी के बाद पाकिस्तान की ओर से हुए आक्रमण से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक हर बार हमारे जवानों ने तिरंगे का मान बढ़ाया है। पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी कृत्य का बदला लेने हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में ऑपरेशन सिन्दूर चलाया गया। यह ऑपरेशन दुनियाभर में भारत के पराक्रम और दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रतीक बना।
10. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की अगुवाई में भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो गई है। हमारा चंद्रयान चंद्रमा के दक्षिण धु्रव पर पहुंच चुका है और शुभांशु शुक्ला ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में तिरंगा लहरा दिया है।
11. इस सफलता के पीछे देशवासियों की कड़ी मेहनत और हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व, दृढ़ संकल्प और अथाह इच्छा शक्ति की विशेष भूमिका है। आज के इस गौरवशाली दिन, हम अभिनंदन करते हैं, अपने सुरक्षाबलों के जवानों का, जिन्होंने नक्सलियों को उनके ठिकानों में घुसकर मात दी।
12. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और केन्द्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी के नेतृत्व में हम मार्च 2026 तक देश को माओवादी आतंक से मुक्त करने के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले 20 महीनों में हमारे जवानों ने 450 माओवादियों को न्यूट्रलाइज और 1578 को गिरफ्तार किया है।
13. हमारे जवानों ने माओवादियों के शीर्ष नेताओं बसवराजू और सुधाकर को न्यूट्रलाइज करने में सफलता पायी। राज्य सरकार की आकर्षक आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर 1589 माओवादी हथियार छोड़ चुके हैं। इनके पुनर्वास, कौशल विकास और रोजगार की व्यवस्था की गई है।
14. सुशासन का असली मतलब तब है, जब आखिरी व्यक्ति तक इसका लाभ पहुँचे। ताड़मेटला में जहां हमारे 76 जवानों ने माओवादी हमले में शहादत दी थी, उसके समीप ही चिंतागुफा के स्वास्थ्य केंद्र को राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाण-पत्र मिला है। यहां हर महीने औसतन 20 प्रसव होते हैं और हजारों ग्रामीण निःशुल्क इलाज की सुविधा ले रहे हैं।
15. नक्सलवाद के कम होते ही बस्तर में विकास की रफ्तार तेजी से बढ़ी है। 50 बंद स्कूल फिर से खोले गए और कई गांवों में पहली बार बिजली पहुंची। नियद नेल्ला नार अर्थात आपका अच्छा गाँव योजना से 327 गांवों में बुनियादी सुविधाएं पहुंची हैं। पामेड़, जो कभी नक्सलियों का गढ़ था, वहां अब बैंक की शाखा खुल गई हैं।
16. पिछले 20 महीनों में हमने प्रदेश के नागरिकों को प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा दी गई गारंटियों को पूरा करने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किये हैं।
17. कैबिनेट की पहली बैठक में हमने 18 लाख प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए। पीएम जनमन योजना में विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए 34 हजार और नक्सल पीड़ित व आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए 15 हजार आवास मंजूर किए गए। पात्रता नियम आसान किए गए हैं और नए लाभार्थियों के लिए आवास प्लस 2.0 के तहत सर्वे कराया गया है। इस तरह हर नागरिक का पक्का घर पाने का सपना पूरा हो रहा है।
18. महिला सशक्तीकरण हमारी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सरकार बनने के तीन महीने के भीतर हमने महतारी वंदन योजना शुरू की। प्रदेश में 70 लाख महिलाओं को हर महीने एक-एक हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है। इस योजना से महिलाएं आत्मनिर्भरता की राह पर कदम बढ़ा रही हैं।
19. महतारी वंदन योजना के तहत माताओं-बहनों को अब तक 11 हजार 728 करोड़ रूपए की राशि दी जा चुकी है। रायगढ़ जिले से हमने महिला समूहों को रेडी टू ईट फूड निर्माण का काम सौंपा है और इसका विस्तार जल्द ही हम अन्य जिलों में करेंगे।
20. राज्य के किसान भाइयों का कल्याण हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है। कृषक उन्नति योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ के किसानों को धान का सबसे ज्यादा मूल्य मिल रहा है। हमने पिछले खरीफ सीजन में 149 लाख मीट्रिक टन धान की रिकॉर्ड खरीदी की है।
21. राज्य में फसल विविधता को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार नेकृषक उन्नति योजना के दायरे का विस्तार किया है। धान के बदले अब अन्य खरीफ फसल लेने वाले किसानों को प्रति एकड़ 11 हजार रूपए तथा दलहन-तिलहन, मक्का, कोदो, कुटकी, रागी और कपास की फसल लेने वाले कृषकों को प्रति एकड़ 10 हजार रूपए की आदान सहायता राशि दी जाएगी।
22. दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषक मजदूर कल्याण योजना हमने शुरू की है। इसके तहत राज्य के 5 लाख 62 हजार भूमिहीन कृषि श्रमिकों को प्रतिवर्ष 10-10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दे रहे हैं।
23. छत्तीसगढ़ के 26 लाख किसान भाइयों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है। खास बात यह है कि इस योजना से विशेष पिछड़ी जनजाति के 32 हजार 500 किसान भी लाभान्वित हो रहे हैं।
24. खरीफ सीजन में हमने खाद-बीज की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की है। वैश्विक तनाव के कारण जहां डीएपी की आपूर्ति में कुछ कमी आयी, वहां हमने भरपूर मात्रा में नैनो डीएपी उपलब्ध कराकर किसान भाइयों की दिक्कत दूर की।
25. हम राज्य में सहकारिता की सम्भावनाओं को साकार कर रहे हैं। खेती-किसानी के साथ-साथ हम पशुधन और मत्स्यपालन को भी बढ़ावा दे रहे हैं। राज्य में दुग्ध उत्पादन और पशुपालकों की आय को बढ़ावा देने के लिए एनडीडीबी से हमने एमओयू किया है।
26. वर्ष-2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किया गया है। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी के मार्गदर्शन में हम सहकार से समृद्धि के मंत्र पर चलते हुए राज्य में सहकारी गतिविधियों को नई ऊंचाई दे रहे हैं।
27. महात्मा गांधी कहते थे कि शिक्षा के जरिए समाज में बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं। हमने नई शिक्षा नीति को लागू करने के साथ ही इसके प्रावधानों के अनुरूप स्कूलों और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया है। अब सुकमा के दुर्गम गांव में भी शिक्षक हैं। राजधानी रायपुर से लेकर पहाड़ी कोरवा बसाहट वाले स्कूलों तक पूरे प्रदेश में शिक्षक-छात्र अनुपात एक समान है। हमारे स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात राष्ट्रीय औसत से बेहतर है।
28. हम शासकीय विद्यालयों में मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान भी संचालित कर रहे हैं। पेरेण्ट्स टीचर मीटिंग तथा न्यौता भोज के माध्यम से हमने बच्चों के शैक्षणिक विकास में सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित की है, जिसका बेहतर परिणाम मिल रहा है। हमने स्कूलों के रखरखाव एवं अधोसंरचना विकास के लिए 133 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
29. नवा रायपुर में हम सौ एकड़ में एजुकेशन सिटी बना रहे हैं। विज्ञान और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए यहां साइंस सिटी का भी निर्माण कर रहे हैं।
30. नवा रायपुर में हमने नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी के कैंपस का भूमिपूजन किया है। देश में लागू नये कानूनों में फारेंसिक का महत्व काफी बढ़ गया है, जिससे राज्य के युवाओं को इस क्षेत्र में करियर निर्माण के अवसर सुलभ होंगे।
31. छत्तीसगढ़ में आईटी और एआई क्रांति दस्तक दे चुकी है। हम नवा रायपुर को सेंट्रल इंडिया की सिलिकॉन वैली के रूप में तैयार कर रहे हैं। नवा रायपुर में नेशनल इंस्टीट्यूट आफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नॉलाजी की स्थापना करने जा रहे हैं, जिससे आईटी का बड़ा टैलेंट पूल यहां तैयार होगा।
32. हम जॉब मार्केट की जरूरत के मुताबिक वर्क फोर्स तैयार कर रहे हैं। प्रदेश के युवाओं को कौशलयुक्त बनाने के लिए स्किल इंडिया मिशन पर काम किया जा रहा है। नवा रायपुर में हम लाइवलीहुड सेंटर आफ एक्सीलेंस आरंभ कर रहे हैं। हम जनजातीय बहुल बस्तर संभाग के सभी 32 विकासखंडों में, कौशल विकास केन्द्र के माध्यम से युवाओं को विभिन्न व्यवसायों का प्रशिक्षण दे रहे हैं।
33. आईआईटी के पूर्व विद्यार्थियों की संस्था पैन आईआईटी के साथ वंचित समुदायों को सशक्त करने हमने एमओयू किया है। यह संस्था कौशल विकास को बढ़ावा देने का काम करेगी। युवाओं के कौशल विकास के साथ ही उन्हें विदेशी भाषाओं का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि हमारे युवाओं को विदेशों में भी रोजगार के अवसर मिल सकें।
34. स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए हमने नई स्टार्टअप नीति बनाई है। इसके माध्यम से हम राज्य के 100 तकनीकी संस्थाओं के 50 हजार छात्र-छात्राओं तक पहुंच बनाएंगे। राज्य में हमने 150 स्टार्टअप स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।
35. ईज ऑफ लिविंग के साथ ही स्पीड ऑफ बिजनेस की ओर बढ़ते हुए हमने 350 से अधिक रिफॉर्म किये हैं। सिंगल विंडो सिस्टम से प्रदेश में निवेश सरल, सहज और पारदर्शी हो गया है।
36. नई औद्योगिक नीति की बुनियाद पर विकसित छत्तीसगढ़ की भव्य इमारत तैयार होगी। नई औद्योगिक नीति में हमने सबसे ज्यादा जोर पॉवर सेक्टर पर दिया है। इस सेक्टर में हमें 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इससे छत्तीसगढ़ विकसित भारत का पावर हाउस बनेगा।
37. निवेशकों के लिए छत्तीसगढ़ पसंदीदा राज्य बन चुका है। हमने दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू के साथ ही रायपुर में भी इन्वेस्टर्स समिट किये। इन समिट के माध्यम से अब तक 6 लाख 65 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव हमें मिल चुके हैं।
38. नई औद्योगिक नीति में हम नये जमाने के उभरते हुए उद्योगों को भी विशेष अनुदान दे रहे हैं। छत्तीसगढ़ में पहली सेमीकंडक्टर यूनिट का भूमिपूजन हमने किया है। लगभग 11 सौ करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली इस यूनिट से हमने चिप निर्माण के क्षेत्र में कदम रख दिया है।
39. हम टैक्सटाइल क्षेत्र में संभावनाओं को अवसर में बदलना चाहते हैं। इसके लिए हम नवा रायपुर में नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फैशन टेक्नॉलाजी का कैंपस स्थापित करने जा रहे हैं। इसकी अनुमानित लागत 271 करोड़ रुपए होगी। इससे बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
40. हमने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर राज्य राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए प्राधिकरण गठन का निर्णय लिया है। यह प्राधिकरण राजधानी क्षेत्र के सुव्यवस्थित और योजनाबद्ध विकास के लिए कार्य करेगा।
41. यह प्राधिकरण राजधानी क्षेत्र के लिए योजना बनाने, निवेश को बढ़ावा देने, विभिन्न सरकारी और निजी संगठनों के बीच समन्वय तथा शहर के विस्तार को सही ढंग से नियंत्रित करने का भी काम करेगा।
42. अब जमाना ई-कॉमर्स का है। इसे प्रोत्साहित करने हमारी लॉजिस्टिक नीति विशेष रूप से उपयोगी होगी और प्रदेश में तेजी से इनलैंड कंटेनर डिपो तथा ड्राईपोर्ट में निवेश होगा।
43. जब हमारे राज्य का गठन हुआ तब प्रदेश की अधोसंरचना औद्योगिक वातावरण के अनुकूल नहीं थी। छत्तीसगढ़ में निवेश की जो संभावनाएं पैदा हुई हैं, उसके पीछे एक दशक में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर हुए कामों की बड़ी भूमिका है। वर्ष 2030 तक हम उतनी ही रेल लाइन बिछा देंगे, जितनी 1853 में रेलवे शुरू होने से लेकर वर्ष 2014 तक बिछाई गई थी।
44. रावघाट से जगदलपुर, केके लाइन का दोहरीकरण, तेलंगाना के कोठागुडेम से किरंदुल तक नई रेल परियोजनाएं बस्तर की भाग्य रेखा साबित होंगी। खरसिया से परमालकसा जाने वाली रेल लाइन प्रदेश के महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्रों को जोड़ेगी। नई रेल लाइनें ‘‘विकसित भारत-विकसित छत्तीसगढ़‘‘ की धमनियां साबित होंगी।
45. स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट रायपुर से हमने कार्गाे सुविधा भी आरंभ की है। धनबाद और विशाखापट्नम जैसे औद्योगिक केंद्रों को जोड़ने वाले एक्सप्रेस-वे का निर्माण तेजी से हो रहा है।
46. किसी प्रदेश की आर्थिक सेहत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वहां बिजली की खपत कितनी है। हमारा प्रदेश जीरो पॉवर कट स्टेट है। हमारे राज्य में प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत 2 हजार 211 यूनिट है, जबकि देश का औसत ऊर्जा खपत प्रति व्यक्ति 1 हजार 255 यूनिट है।
47. ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में हमने बड़ा कदम उठाया है। हम हाफ बिजली बिल से मुफ्त बिजली की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना के माध्यम से आमजन अब बिजली उपभोक्ता से बिजली उत्पादनकर्ता बन रहेे हैं।
48. इस योजना के तहत सौर संयंत्रों की स्थापना पर केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा आकर्षक सब्सिडी दी जा रही है। एक किलोवॉट के सौर संयंत्र पर केन्द्र सरकार द्वारा 30 हजार रूपए और राज्य सरकार द्वारा 15 हजार रूपए, इस प्रकार कुल 45 हजार रूपए की सब्सिडी दी जा रही है। दो किलोवॉट पर केन्द्र द्वारा 60 हजार रूपए और राज्य द्वारा 30 हजार रूपए, इस प्रकार कुल 90 हजार रूपए तथा तीन किलोवॉट का सौर संयंत्र लगाने पर केन्द्र सरकार द्वारा 78 हजार रूपए और राज्य सरकार द्वारा 30 हजार रूपए, इस प्रकार कुल एक लाख 8 हजार रूपए की सब्सिडी दी जा रही है। मैं प्रदेश की जनता से आग्रह करता हूँ कि इस योजना का त्वरित लाभ उठाएं।स्वच्छ ऊर्जा केवल पर्यावरण का विकल्प नहीं, अपितु वर्तमान समय की आर्थिक और रणनीतिक आवश्यकता है।
49. सुशासन हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है। हमने ई-ऑफिस प्रणाली को सभी विभागों में कार्यान्वित किया है। फाइलें अब ऑनलाइन मूव हो रही हैं। इन पर निश्चित समय में निर्णय लिये जा रहे हैं और हर स्तर पर पारदर्शिता सुनिश्चित हो रही है। हमने सरकारी खरीदी में पारदर्शिता लाने जेम पोर्टल को अपनाया है। भ्रष्टाचार के मामलों की ईओडब्ल्यू द्वारा पूरी तत्परता से जांच की जा रही है। पब्लिक पॉलिसी में युवाओं को आगे लाने हमने मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप योजना आरंभ की है। इसके जरिए युवा आईआईएम रायपुर में दो वर्षीय फेलोशिप कर रहे हैं।
50. सुशासन तिहार के माध्यम से हम आपके गांव, आपके मोहल्ले तक पहुंचे। वहां हितग्राहियों के चेहरे की खुशी और उत्साह देखकर लगा कि हमारी मेहनत सार्थक हुई है। सुशासन तिहार में 41 लाख से अधिक आवेदन आये और इनमें से अधिकतर आवेदनों का हमने गुणवत्तापूर्ण निराकरण किया है।
51. भ्रष्टाचार तब पनपता है जब आम जनता को कार्यालयों के बार-बार चक्कर काटने पड़ते हैं। यह तब ठीक होता है, जब जनता को कार्यालय जाने की जरूरत ही न पड़े। हमने रजिस्ट्री से संबंधित 10 क्रांतिकारी पहल की है। अब ऑनलाईन रजिस्ट्री की सुविधा भी हमने सुनिश्चित की है। रजिस्ट्री के साथ ही अब नामांतरण भी हो जाता है। आधार प्रमाणीकरण के चलते किसी तरह की धोखाधड़ी की आशंका नहीं रहती। रजिस्ट्री से संबंधित दस्तावेज बनाने आम नागरिकों को कानूनी विशेषज्ञों की भी जरूरत नहीं। पारिवारिक दान, हक त्याग और बंटवारा अब केवल पांच सौ रुपए शुल्क में हो जाता है।
52. हमने छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक के माध्यम से नियमों को सरल किया है। 5 डिसमिल से कम कृषि भूमि की रजिस्ट्री नहीं होगी। इसका उद्देश्य अवैध प्लाटिंग और जमीन को छोटे टुकड़ों में बांटकर बिक्री पर रोक लगाना है।
53. जनविश्वास विधेयक पारित करने वाले हम अग्रणी राज्य हैं। हमने जनविश्वास विधेयक के माध्यम से राज्य के 8 अधिनियमों के 163 प्रावधानों में संशोधन किया है। छोटे-छोटे प्रकरणों में कोर्ट का बहुमूल्य समय नष्ट होता है और नागरिकों का भी काफी समय इसमें बर्बाद होता है। आम नागरिकों और कारोबारियों द्वारा किये गये छोटे-छोटे तकनीकी उल्लंघन अब अपराध की श्रेणी में नहीं आएंगे।
54. विकसित छत्तीसगढ़ का नेतृत्व युवा शक्ति के हाथों में होगा। युवाओं के लिए शासकीय पदों में भर्ती पर सरकार तेजी से काम कर रही है। राज्य निर्माण के बाद पहली बार व्यापम की परीक्षा का साल भर का कैलेंडर जारी किया गया है।
55. खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए भी हमारी सरकार लगातार कार्य कर रही है। हम इसके लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी पर भी काम कर रहे हैं। नई औद्योगिक नीति में हमने खेल अकादमी और निजी प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने के लिए विशेष अनुदान प्रावधान किये हैं। युवा प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए हमने युवा रत्न सम्मान योजना आरंभ करने का निर्णय लिया है।
56. स्वास्थ्य सेवाओं को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए 441 करोड़ रुपए की लागत से हम स्वास्थ्य केंद्रों की व्यवस्था बेहतर कर रहे हैं। राज्य के 543 सरकारी अस्पतालों को क्वालिटी सर्टिफिकेशन प्राप्त हुआ है। अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ की लगातार भर्ती की जा रही है। पिछले महीने हमने एनएचएम के तहत 109 संविदा चिकित्सकों तथा 563 बांड अनुबंधित चिकित्सकों की नियुक्ति की है। हम नवा रायपुर में मेडिसिटी बना रहे हैं, जहां राष्ट्रीय स्तर के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल संचालित होंगे।
57. स्थानीय निकायों में हुए निर्वाचन के पश्चात अब प्रदेश के विकास को तीसरा इंजन भी मिल गया है। जनाकांक्षाएं तेजी से पूरी हो रही हैं। ग्रामीण विकास के लिए नई सोच के साथ काम हो रहा है। नगरीय निकायों की सूरत संवारने मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना आरंभ की गई है। इसके तहत सात नगर निगमों में 157 करोड़ रुपए के कार्य स्वीकृत किये गये हैं। इनमें आक्सीजोन, बस टर्मिनल, बायपास, आडिटोरियम निर्माण जैसे काम शामिल हैं।
58. प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा स्वच्छ भारत मिशन को जनांदोलन बनाने का प्रयास अब हर गांव-शहर में दिखने लगा है। मुझे खुशी है कि हमारे प्रदेश के नगरीय निकायों ने स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छी रैंक हासिल की है। प्रधानमंत्री जी ने मन की बात कार्यक्रम में बिल्हा की हमारी स्वच्छता दीदियों की विशेष रूप से प्रशंसा की। सफाई के इस महायज्ञ से जुड़ी प्रदेश की पूरी टीम को मैं इस सफलता के लिए बधाई देता हूँ।
59. हमारी सरकार शहरों के साथ-साथ गाँवों में भी बुनियादी सुविधाओं के विस्तार के लिए लगातार काम कर रही है। मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सेवा योजना को प्रथम चरण में हम बस्तर और सरगुजा संभाग में शुरू करने जा रहे हैं। इन बसों का संचालन स्थानीय लोग ही करेंगे। इससे ग्रामीणों की आवाजाही आसान होगी और उनकी रोज़मर्रा की परेशानियाँ दूर होंगी।
60. हम बोधघाट बहुउद्देशीय परियोजना पर आगे बढ़ रहे हैं। 50 हजार करोड़ रुपए की इस परियोजना के माध्यम से 200 मेगावाट बिजली के उत्पादन के साथ ही लगभग 7 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा का विस्तार होगा। प्रदेश में सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिए 9 सिंचाई परियोजनाओं में 522 करोड़ रुपए की राशि से सुधार कार्य कराया जाएगा।
61. हम जनजातीय समाज के उत्थान के लिए अनेक कदम उठा रहे हैं। तेंदूपत्ता संग्राहकों को दी जाने वाली संग्रहण राशि 4 हजार रुपए से बढ़ाकर साढ़े 5 हजार रुपए कर दी गई है। इससे साढ़े 12 लाख तेन्दूपत्ता संग्राहक परिवारों के 50 लाख लोग लाभान्वित हो रहे हैं।
62. वनांचल में रहने वाले लोगों के लिए तेंदूपत्ता हरा सोना है। तेंदूपत्ता संग्रहण के दौरान संग्राहकों के पैरों में छालें न पड़े, कांटे न चुभे, इसके लिए हमने चरण पादुका योजना फिर से शुरू की है। यह योजना तेन्दूपत्ता संग्राहकों की सुरक्षा, सम्मान और अंत्योदय का सुन्दर उदाहरण है।
63. हर्बल औषधियों को बढ़ावा देने हमने फॉरेस्ट टू फार्मेसी मॉडल के तहत दुर्ग जिले के जामगांव (एम) में हाल ही में हर्बल एक्सट्रैक्शन यूनिट का लोकार्पण किया है। इससे दो हजार लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार के अवसर सुलभ हुए हैं।
64. सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण को प्रोत्साहित करने हमारी सरकार ने बैगा, गुनिया, सिरहा लोगों को 5-5 हजार रुपए की सालाना सम्मान निधि प्रदान करने का निर्णय लिया है। प्रदेश की सुंदर जनजातीय संस्कृति के बारे में लोगों की उत्सुकता बढ़े, इसके लिए नवा रायपुर में हमने ट्राइबल म्यूजियम का लोकार्पण तीन महीने पहले किया है।
65. प्रदेश के स्वतंत्रता संग्राम के जनजातीय नायकों को समर्पित शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मारक-सह-संग्रहालय का निर्माण कराया जा रहा है।
66. बस्तर की जनजातीय संस्कृति की झलक देश-दुनिया को दिखाने हमने बस्तर पंडुम का आयोजन किया। बस्तर अब वैश्विक पर्यटन मानचित्र में है। बस्तर के धुड़मारास को यूएन पर्यटन संगठन ने सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव के रूप में चुना है। होम-स्टे को प्रोत्साहित करने हमने छत्तीसगढ़ होम-स्टे नीति बनाई है।
67. अपनी प्राकृतिक संपदा को न केवल हम सहेजे हुए हैं अपितु उसका निरंतर संवर्धन भी कर रहे हैं। वन पारिस्थितिकी सेवा को हमने ग्रीन जीडीपी के साथ जोड़ने की पहल की है। हाल ही में भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट आई है, इसमें बताया गया है कि छत्तीसगढ़ में 683 वर्ग किलोमीटर संयुक्त वन एवं वृक्ष आवरण की वृद्धि हुई है, जो देश में सबसे ज्यादा रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान पर प्रदेश में ‘‘एक पेड़ मां के नाम‘‘ अभियान के तहत विगत वर्ष में साढ़े तीन करोड़ से अधिक पौधे लगाए गए हैं।
68. राज्य की कला-संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए नवा रायपुर में कलाग्राम की स्थापना के लिए 10 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। कलाकारों और साहित्यकारों को दी जाने वाली पेंशन राशि को हमने 2 हजार रुपए से बढ़ाकर 5 हजार रुपए प्रति माह कर दिया है।
69. हमारा सौभाग्य है कि प्रदेश के 22 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को श्री रामलला अयोध्या धाम दर्शन योजना के माध्यम से भांचा राम के दर्शन लाभ कराने के निमित्त बन सके। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के माध्यम से भी हम तीर्थयात्रियों को देश भर के पुण्यस्थलों की यात्रा करा रहे हैं।
70. यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वदेशी को जन-आंदोलन का रूप दिया है। आत्मनिर्भर भारत 140 करोड़ भारतीयों का संकल्प है - अपने पैरों पर खड़े होने का, नवाचार करने का और अपनी ताकत दुनिया के सामने साझा करने का।
71. स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर हम सभी को स्वदेशी वस्तुओं के अधिक से अधिक उपयोग का संकल्प लेना होगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के वोकल फॉर लोकल अभियान को आगे बढ़ाने में हमारे प्रदेश छत्तीसगढ़ की अग्रणी भूमिका हो, इसके लिए हम सभी को आगे आना होगा। स्वदेशी सिर्फ रोजगार सृजन का ही माध्यम नहीं है, यह देशभक्ति का भी एक उपक्रम है।
72. हम नई औद्योगिक नीति के जरिए प्रदेश में बनने वाले उत्पादों को वैश्विक मंच प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री जी के लोकल फॉर ग्लोबल विजन पर काम कर रहे हैं। दैनिक जीवन में छोटी-छोटी पहल से हम स्वदेशी और स्थानीय उत्पादों को अपना सकते हैं। इससे स्थानीय कारीगरों, बुनकरों, शिल्पकारों के साथ ही बड़ी संख्या में ऐसे लोगों को रोजगार मिलता है, जो हमारी अर्थव्यवस्था के स्तंभ हैं।
73. स्वदेशी वस्तुओं का उत्पादन तथा उपयोग बढ़ने का सीधा परिणाम देश और प्रदेश की आर्थिक समृद्धि के रूप में सामने आता है। इससे हमारी आयात निर्भरता कम होती है। उदाहरण के लिए स्वदेशी के सबसे बड़े प्रतीक खादी का उपयोग बढ़ाकर हम स्थानीय बुनकरों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकते हैं, इससे हमें टैक्सटाइल क्षेत्र में अपनी वैश्विक पहचान बनाने में मदद मिलेगी।
74. एमएसएमई को प्रोत्साहित कर हम मेक इन इंडिया अभियान में अपनी भागीदारी बढ़ा रहे हैं। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को अपने उत्पादों की गुणवत्ता पर विशेष जोर देना होगा।एमएसएमई के लिए प्रधानमंत्री जी द्वारा दिया गया जीरो डिफेक्ट - जीरो इफेक्ट का मंत्र अत्यंत कारगर है।
75. हमारे गांव, नगरऔर जिले स्तर पर तैयार होने वाली वस्तुएं गुणवत्ता के मामले में किसी से कम नहीं है। इसके लिए उन्हें डिजिटल संसाधनों, नवाचार, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी और एआई जैसी तकनीक को अपनाना होगा। अब जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान के साथ जय अनुसंधान... के ध्येय वाक्य के साथ हम आगे बढ़ेंगे।
76. मेक इन इंडिया अभियान के जरिए रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सैन्य उपकरणों का निर्यातकके रूप में उभर रहा है।
77. आज जलवायु संकट का सीधा असर हमारे जीवन पर पड़ रहा है। कृषि क्षेत्र इससे अछूता नहीं है। ऐसे समय में रसायन मुक्त, प्राकृतिक खेती किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ हमारे स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी साबित होगी। श्रीअन्न, दलहन-तिलहन और मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देकर छत्तीसगढ़ के हमारे किसान भाई कृषि लागत को कम कर सकते हैं। इससे रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों पर हमारी निर्भरता भी कम होगी।
78. स्वतंत्रता दिवस का यह प्रेरक अवसर हमें राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों की प्रेरणा देता है। आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिएमैं प्रदेशवासियों से आह्वान करता हूं कि यह संकल्प राष्ट्रहित में अवश्य लें कि -
-हर नागरिक स्वदेशी वस्तु खरीदना देशभक्ति का कार्य माने...-हर व्यवसाय गुणवत्ता और स्थिरता को अनिवार्य मानें...-हर नवाचारी सबसे पहले भारत के बारे में सोचे...-हर किसान पर्यावरण अनुकूल समावेशी कृषि को अपनाए...-हर क्षेत्र निर्भरता से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़े...
79. प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत के निर्माण का लक्ष्य रखा है। इसी दिशा में हमने ‘छत्तीसगढ़ अंजोर विजन’ डॉक्यूमेंट के रूप में एक ऐसा रोडमैप तैयार किया है, जिसके माध्यम से हम विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को साकार करेंगे।
80. छत्तीसगढ़ देश का दूसरा राज्य है जिसने विजन डाक्यूमेंट तैयार किया है। इसमें हमने निकटवर्ती, मध्यवर्ती और दीर्घकालीन लक्ष्य रखे हैं। इन्हें प्राप्त करने हमने सामाजिक आर्थिक विकास के 13 थीम चुने हैं और इनके क्रियान्वयन के लिए 10 मिशन तैयार किये हैं।
81. छत्तीसगढ़ राज्य को संवारने के लिए आप सभी के सहयोग से हम दृढ़ संकल्प के साथ निरंतर आगे बढ़ रहे हैं।
जयशंकर प्रसाद जी की पंक्तियां याद आती हैं -‘‘इस पथ का उद्देश्य नहीं है श्रांत भवन में टिक रहनाकिन्तु पहुंचना उस सीमा पर जिसके आगे राह नहीं’’
गोस्वामी तुलसीदास जी का ‘‘रामकाजु कीन्हें बिनु मोहि कहां बिश्राम‘‘ हमारा आदर्श वाक्य है।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के अंत्योदय के सिद्धांत हमारे पथप्रदर्शक हैं।
82. हमारे राज्य के निर्माता श्रद्धेय अटल जी के सुशासन का दृढ़ संकल्प हमें शक्ति देता है। हम निश्चित ही जन-जन की सहभागिता से विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लक्ष्य को साकार करेंगे।
83. आइए हम सब छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के इस रजत जयंती वर्ष में स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर विकसित भारत-विकसित छत्तीसगढ़ का संकल्प लें।
84. सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को पुनः शत्-शत् नमन, हमारे वीर जवानों का अभिनंदन, आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की पुनः बहुत-बहुत बधाई।
राम राम । जय भारत - जय छत्तीसगढ़ -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं है। उन्होंने कहा कि यह पावन अवसर हमें अपने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान को स्मरण करते हुए एकजुट होकर ‘विकसित छत्तीसगढ़’ और ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने का संकल्प लेने की प्रेरणा देता है।
उल्लखेनीय है कि स्वतंत्रता दिवस की पूर्वसंध्या पर राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास रोशनी में जगमगा उठा है। मुख्य भवन, जनदर्शन हॉल, गणेश पंडाल, मंदिर और परिसर के अन्य हिस्सों को आकर्षक लाइटों से सजाया गया है।मुख्यमंत्री निवास के मुख्य द्वार को विशेष साज-सज्जा और रंगीन रोशनी से आलोकित किया गया है, जो दूर से ही स्वतंत्रता दिवस के पर्व की भव्यता का आभास कराता है।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री साय ने हजारों युवाओं के साथ लगाई स्वतंत्रता की दौड़
भारत माता और रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया
रायपुर : हमारा तिरंगा पूर्वजों के वर्षों के संघर्षों और बलिदान का जीवंत प्रतीक है। हम सभी तिरंगे की शान को हमेशा बनाए रखेंगे, अपने अमर बलिदानियों को कभी नहीं भूलेंगे और सभी मिलकर विकसित, समृद्ध और सशक्त छत्तीसगढ़ का निर्माण करेंगे। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के मरीन ड्राइव में आयोजित स्वतंत्रता दौड़ में शामिल हुए और कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने हजारों युवाओं के साथ स्वतंत्रता दौड़ लगाई और भारत माता और अमर बलिदानी रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि तिरंगे में करोड़ों भारतीयों की आकांक्षाएं समाई हैं और यह हमारी वीरता, शांति और समृद्धि के भाव की अमिट चेतना है।
श्री साय ने पवित्र तिरंगे को प्रणाम करते हुए कहा कि हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर पिछले कुछ वर्षों से स्वतंत्रता दिवस में पूरा देश तिरंगामय हो जाता है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से हम सभी अलग-अलग तरीकों से इस पावन दिवस को उत्साह के साथ मना रहे है। तिरंगा यात्राएं और हर-घर तिरंगा फहराने के संकल्प ने इस पावन अवसर को जन-जन से जोड़ दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तिरंगा यात्रा केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि हमारी एकता, अखंडता और राष्ट्रीय गौरव का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस हमें यह स्मरण कराती है कि आज़ादी अनगिनत बलिदानों की अमूल्य देन है। लाखों-करोड़ों देशभक्तों ने अपने प्राण न्योछावर किए, तब जाकर हमें यह स्वतंत्रता प्राप्त हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के खास अवसर ने मुझे बचपन के दिनों की याद दिला दी। जब मैं स्कूल में था तब स्वतंत्रता दिवस पर प्रभात फेरी निकलती थी, गांव-गांव में देशभक्ति गाने गूंजते थे। उन्होंने कहा कि उस समय जो गर्व महसूस होता था, वही गर्व आज भी हमारे दिल में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारा दायित्व है कि हम अपने देश और प्रदेश को विकास की नई ऊँचाइयों पर ले जाएं। वर्ष 2047 तक के लिए हमने विकसित छत्तीसगढ़ विज़न डॉक्यूमेंट तैयार किया है, और हमारी सरकार उसी के अनुरूप कार्य कर रही है। यह सरकार के साथ-साथ हम सभी का साझा संकल्प है। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर उपस्थित सभी को स्वतंत्रता दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने कहा कि स्वतंत्रता दौड़ सिर्फ एक दौड़ नहीं बल्कि आजादी के लिए किये गए संघर्ष का प्रतिसाद है। देश को वीर सपूतों के बलिदान से आजादी मिली है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित, स्वच्छ, स्वस्थ और श्रेष्ठ भारत के विजन के साथ चलते हुए हमारे मुख्यमंत्री ने भी विकसित और समृद्धशाली छत्तीसगढ़ का सपना संजोया है। उन्होंने कहा कि इस स्वप्न को पूर्ण करने अपना अमूल्य योगदान देने का संकल्प लें।
इस दौरान विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, विधायक श्री मोतीलाल साहू, विधायक गुरु खुशवंत साहेब, विधायक श्री अनुज शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री नवीन अग्रवाल, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव श्री यशवंत कुमार मौजूद रहे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
भव्य तिरंगा यात्रा से गूंजा रायपुर – एकता, सुरक्षा और विकास का संदेश
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि तिरंगा यात्रा केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि राष्ट्रभक्ति का एक महान अनुष्ठान है, जो भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि तिरंगा हमारी आन-बान-शान है, इसकी रक्षा और मान-सम्मान के लिए हर नागरिक को दृढ़संकल्पित होना चाहिए। स्वतंत्रता संग्राम के वीरों को सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी, जब हर घर तिरंगा फहराएगा और भारत आर्थिक एवं सांस्कृतिक रूप से और अधिक सशक्त बनेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने ‘भारत माता की जय’ और ‘छत्तीसगढ़ महतारी की जय’ के उद्घोष के साथ जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत एक सशक्त और सम्मानित राष्ट्र के रूप में उभर रहा है। उन्होंने हाल ही में पहलगाम में हुए कायराना हमले के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में हमारे वीर जवानों द्वारा दिखाए गए साहस और पराक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि यह पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है, जिसने तिरंगे की शान को और ऊंचा किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बीते डेढ़ वर्षों में छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगातार एरिया डॉमिनेशन कर नक्सलियों का प्रभुत्व समाप्त किया है। उन्होंने कहा कि जहाँ कभी नक्सलियों का लाल झंडा लहराता था, आज वहां तिरंगा शान से लहरा रहा है। कई संवेदनशील गांवों में बरसों बाद गणतंत्र दिवस के अवसर पर पुनः तिरंगा फहराया गया है, जो शांति, विकास और सुरक्षा का नया संदेश दे रहा है।
विकसित भारत 2047 और ‘छत्तीसगढ़ अंजोर’ विजन
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि तिरंगे की असली गरिमा तब और बढ़ेगी जब देश आर्थिक रूप से मजबूत होगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के संकल्प के अनुरूप छत्तीसगढ़ ने भी ‘विकसित छत्तीसगढ़’ का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए ‘छत्तीसगढ़ अंजोर’ विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया गया है, जिसमें प्रदेश के समग्र विकास का रोडमैप प्रस्तुत किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे ‘हर घर तिरंगा’ अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाएं और अपने घरों पर तिरंगा फहराकर स्वतंत्रता संग्राम के वीरों का स्मरण करें।
भव्य तिरंगा यात्रा – एकता और उत्साह का अद्भुत संगम
उल्लेखनीय है कि आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान पर चलाए जा रहे हर घर तिरंगा अभियान के तहत रायपुर में भव्य तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया। रायपुर के शहीद स्मारक भवन से तेलीबांधा तक निकली तिरंगा यात्रा में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय स्वयं शामिल हुए और हजारों नागरिकों के साथ कदम से कदम मिलाकर देशभक्ति का संदेश दिया। यात्रा के दौरान ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम्’ के नारों से पूरा मार्ग गूंज उठा।
इस अवसर पर रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि तिरंगा हमारा मान, अभियान और पहचान है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में तिरंगा यात्राएं निकाली जा रही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ प्रगति और खुशहाली की ओर अग्रसर है। यह तिरंगा यात्रा उन वीर सैनिकों को समर्पित है जिन्होंने इसकी रक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर किया। कार्यक्रम में विभिन्न सैन्य अभियानों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले प्रदेश के भूतपूर्व सैनिकों को भी सम्मानित किया गया।
विधायक श्री किरण सिंह देव ने कहा कि तिरंगा हमारी पहचान और हमारी सबसे बड़ी ताकत है। यह हमें एकजुट करता है और हमें याद दिलाता है कि हम सब एक भारत हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है।
तिरंगा यात्रा में विधायक श्री सुनील सोनी, श्री मोतीलाल साहू, श्री पुरंदर मिश्रा, महापौर श्रीमती मीनल चौबे, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष श्री नीलू शर्मा, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री नंद कुमार साहू, छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव, छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी के अध्यक्ष श्री शशांक शर्मा, सीएसआईडीसी के अध्यक्ष श्री राजीव अग्रवाल सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी और बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
पायनियर समूह द्वारा स्थापना दिवस एवं छत्तीसगढ़ राज्य के स्वप्नदृष्टा एवं निर्माता भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति संगोष्ठी में शामिल हुए श्री साय
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय पायनियर समूह के स्थापना दिवस एवं छत्तीसगढ़ राज्य के स्वप्नदृष्टा एवं निर्माता भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में आयोजित संगोष्ठी समारोह में शामिल हुए। कार्यक्रम का आयोजन राजधानी स्थित श्री बालाजी मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने की।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ वासियों के लिए नए राज्य के रूप में छत्तीसगढ़ का निर्माण भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की ही देन है। हम उनके सपनों के अनुरूप छत्तीसगढ़ के चहुंमुखी विकास पथ पर अग्रसर हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि भारत गांवों का देश है और गांव-गांव में सड़कों का जाल बिछाने में भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी का महत्वपूर्ण योगदान है। गांव तक आज विकास की जो धार पहुंची है, वह अटल जी का ही आशीर्वाद है। उनके शासनकाल में ही देश में स्वर्णिम चतुर्भुज योजना लागू हुई और टेलीकॉम इंडस्ट्री में भी महत्वपूर्ण कार्य हुए। श्री अटल जी ने ही देश में अनुसूचित जनजाति का अलग से विभाग गठित कर आदिवासी क्षेत्रों के विकास का मार्ग प्रशस्त किया।
कार्यक्रम में पायनियर समूह के 10 वर्ष पूर्ण होने पर मुख्यमंत्री ने समूह को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि आज जिस निर्भीकता एवं निष्पक्षता के साथ पायनियर समूह ने छत्तीसगढ़ में 10 साल पूरे किए हैं, वह अत्यंत सराहनीय है। आगे भी इसी निर्भीकता और निष्पक्षता से बढ़ते हुए यह समूह आम जनता की आवाज बने। इसके साथ ही उन्होंने बालाजी ग्रुप द्वारा महिलाओं की नि:शुल्क डिलीवरी एवं उपचार करने के कार्य की सराहना करते हुए बधाई दी।
श्री अटल जी को याद करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि उन्हें 2004 तक सांसद के रूप में उनके साथ कार्य करने का अवसर मिला। वे देश में तीन बार प्रधानमंत्री बने और वादे के अनुरूप सन 2000 में मध्यप्रदेश से अलग कर छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया। वे न केवल कुशल राजनीतिज्ञ, बल्कि साहित्यकार और कवि भी थे। वे अपने भाषणों और बातों को बेहद सधी हुई और प्रभावशाली शैली में प्रस्तुत करते थे। विपक्षी भी उनके भाषण के कायल होते थे।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि पायनियर रायपुर संस्करण का शुभारंभ 2016 में हुआ था और आज यह 10वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। इस 10 साल की यात्रा आसान नहीं थी। उन्होंने समूह को इसके लिए बधाई दी। उन्होंने याद किया कि पायनियर के प्रथम संस्करण 2016 के शुभारंभ अवसर पर अरुण जेटली जी उपस्थित हुए थे और उन्होंने अपनी शुभकामनाएं दी थीं। आज 10 साल बाद पायनियर व बालाजी ग्रुप न केवल स्वास्थ्य के क्षेत्र में, बल्कि समाचार जगत में भी गौरवपूर्ण स्थान बना चुका है और पायनियर को गांव-गांव तक पहुंचाने का कार्य किया है। पायनियर ने 169 सालों से अलग-अलग शहरों में अपनी यात्रा जारी रखते हुए नाम कमाया है।
अटल जी को याद करते हुए डॉ. रमन सिंह ने कहा कि वे कई समाचार पत्रों के संपादक भी रहे। ग्रामीण सड़क योजना के माध्यम से गांवों को जोड़ने का काम श्रद्धेय अटल जी ने किया। सर्व शिक्षा अभियान के तहत उन्होंने बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के कार्य भी किए। विदेश के दबाव के बावजूद परमाणु परीक्षण हमारे अटल जी के नेतृत्व में ही पूरा हो पाया। इस दौरान उन्होंने अटल जी से जुड़े 45 साल पुराने कई संस्मरण भी साझा किए।
इस अवसर पर विधायक श्री पुरंदर मिश्रा ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्थापना दिवस की बधाई दी। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, बसना विधायक श्री संपत अग्रवाल, डॉ. देवेंद्र नायक, डॉ. नीता नायक सहित पायनियर समूह और बालाजी ग्रुप के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सीपत-नवाडीह चौक का नामकरण शहीद विनोद सिंह कौशिक के नाम पर करने की घोषणा
3 हजार से अधिक मेधावी छात्र-छात्राओं का हुआ सम्मान
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज बिलासपुर में गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में आयोजित शहीद विनोद सिंह कौशिक मेधावी छात्र अभिनंदन समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने विश्वविद्यालय के मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित करते हुए कहा कि युवा पीढ़ी ही राष्ट्र का भविष्य है और उनकी मेहनत, लगन एवं संकल्प से प्रदेश और देश नई ऊँचाइयों को छुएंगे। मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि यह अवसर अत्यंत गर्व और उत्साह का है, जब हम अपनी नई पीढ़ी के होनहार, परिश्रमी और प्रतिभाशाली बच्चों को सम्मानित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह आयोजन शहीद विनोद सिंह कौशिक की स्मृति में विगत तीन वर्षों से हो रहा है और यह कार्यक्रम समूचे समाज के लिए प्रेरणास्रोत है। ऐसे कार्यक्रम बच्चों को आगे बढ़ने और कुछ नया करने की प्रेरणा देते हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने शहीद विनोद सिंह कौशिक को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि वीर सपूत शहीद विनोद सिंह कौशिक माओवादियों से लड़ते हुए वर्ष 2018 में नारायणपुर में शहीद हो गए थे। उनकी स्मृति को चिरस्थायी बनाए रखने हेतु उनकी स्मृति में न्यास का गठन किया गया है और इसके माध्यम से प्रतिभाओं का सम्मान किया जाना अनुकरणीय पहल है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह के नेतृत्व में हम मार्च 2026 तक नक्सली आतंक को समाप्त करने की दिशा में अग्रसर हैं। केंद्र और राज्य की डबल इंजन की सरकार नक्सलवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। लगातार नक्सल ऑपरेशनों में सफलता मिल रही है, करोड़ों के इनामी नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं और नक्सलवाद की कमर टूट चुकी है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस सम्मान समारोह के माध्यम से हम केवल परीक्षा में अच्छे अंक लाने वाले विद्यार्थियों का ही नहीं, बल्कि देश के भविष्य निर्माता बच्चों का भी सम्मान कर रहे हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आपने जो उपलब्धि हासिल की है, उसमें निःसंदेह आपकी मेहनत है, लेकिन इसके पीछे परिवार, गुरुजनों और समाज का भी अहम योगदान है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर चुका है।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि राज्य में ही सभी उच्च स्तरीय शैक्षणिक संस्थान उपलब्ध हैं।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री साय ने विभिन्न संकायों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किए। उन्होंने विद्यार्थियों को लक्ष्य तय करने, निरंतर मेहनत करने और सकारात्मक सोच बनाए रखने का संदेश दिया।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने वीर सपूत शहीद विनोद सिंह कौशिक को श्रद्धासुमन अर्पित कर नमन किया। उन्होंने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप जीवन के ऐसे महत्वपूर्ण पड़ाव पर हैं, जहाँ से भविष्य की दिशा तय होती है। आपके प्रयासों से न केवल आपका, बल्कि देश और प्रदेश का उज्ज्वल भविष्य निर्माण होगा। आपके सपनों के साथ आपके माता-पिता, शिक्षक और रिश्तेदारों की उम्मीदें भी जुड़ी हुई हैं। इन सपनों को साकार करने के लिए समर्पित भाव से निरंतर मेहनत करें। श्री साव ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि ‘डिप्रेशन’ और ‘निराशा’ जैसे शब्द अपनी डिक्शनरी से हमेशा के लिए हटा दीजिए, क्योंकि निराश व्यक्ति कभी सफलता प्राप्त नहीं कर सकता। उत्साह और सकारात्मक सोच के साथ अपने लक्ष्य की ओर निरंतर आगे बढ़ें।
इस अवसर पर विधायक सर्वश्री अमर अग्रवाल, धरमलाल कौशिक, धरमजीत सिंह, सुशांत शुक्ला, दिलीप लहरिया, महापौर श्रीमती पूजा विधानी, पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष श्री राजेश पांडे, क्रेडा के अध्यक्ष श्री भूपेंद्र सवन्नी सहित जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद और महान समाजसेविका स्वर्गीय मिनीमाता जी की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका जीवन निस्वार्थ सेवा, अटूट साहस और सामाजिक परिवर्तन का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने कहा कि मिनीमाता जी ने वंचित वर्गों, महिलाओं, दलितों और गरीबों के अधिकारों की रक्षा को अपने जीवन का उद्देश्य बनाया और समाज में सम्मान, समानता एवं न्याय की नींव मजबूत की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने स्मरण किया कि संसद में अपने कार्यकाल के दौरान मिनीमाता जी ने बाल विवाह, दहेज प्रथा और छुआछूत जैसी सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध सशक्त और निर्भीक स्वर उठाया। उन्होंने मजदूरों के अधिकारों की रक्षा, महिला शिक्षा के प्रसार और सामाजिक समानता की स्थापना के लिए जो योगदान दिया, वह इतिहास के स्वर्णिम अध्यायों में दर्ज है। उनकी सादगी, संवेदनशीलता और सेवाभाव ने उन्हें जनमानस में अमिट स्थान दिलाया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मिनीमाता जी की विचारधारा केवल अतीत की धरोहर नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के वर्तमान और भविष्य के लिए प्रकाशस्तंभ की तरह है। उन्होंने आह्वान किया कि हम सभी उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर, भाईचारे, समानता और न्याय पर आधारित एक सशक्त, समावेशी और प्रगतिशील छत्तीसगढ़ के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएँ। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री साय ने सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले को दी 186 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात
मुख्यमंत्री श्री साय ने की घोषणा: भारत माता चौक से कोसीर चौक तक 5 करोड़ से बनेगा गौरव पथ, सारंगढ़ में 3 करोड़ में बनेगा पीजी कॉलेज भवन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला अंतर्गत सारंगढ़ के शासकीय लोचन प्रसाद पांडे महाविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में 96 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण और 90 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का भूमिपूजन कर जिले को 186 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात दी। मुख्यमंत्री श्री साय ने जिले में विभिन्न जनसुविधाओं के विस्तार के लिए 13.40 करोड़ रुपये के विभिन्न कार्यों की घोषणा मंच से की।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने अपने उद्बोधन में कहा कि सांसद के रूप में उन्होंने लंबे समय तक सारंगढ़ की सेवा की है और अब प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में छत्तीसगढ़ को विकास पथ आर अग्रसर करने के दायित्व को विगत डेढ़ वर्षों से पूर्ण लगन और समर्पण के साथ निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटियों को पूरा करने की दिशा में सरकार द्वारा ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान 3,100 रुपये की दर से खरीदा जा रहा है। 18 लाख प्रधानमंत्री आवास निर्माण को स्वीकृति प्रदान की गई है और तीव्र गति से हितग्राहियों के मकानों का निर्माण हो रहा है, जिसकी गति इतनी तेज है कि गांवों में राजमिस्त्री और सेंटरिंग प्लेट की भी कमी महसूस होने लगी है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि महतारी वंदन योजना से प्रदेश की 70 लाख महिलाओं को आर्थिक संबल मिला है। हर माह मिलने वाली राशि से महिलाएं अपना खुद का व्यवसाय भी प्रारंभ कर रही हैं। सारंगढ़ जिले के दानसरा की माताओं और बहनों ने महतारी वंदन की राशि से अपने गांव में राम मंदिर निर्माण की पहल की है, जिसे आज पूरा प्रदेश जानता है। तेंदूपत्ता खरीदी के दाम बढ़ाए गए हैं। 5.62 लाख कृषि भूमिहीन मजदूरों को 10-10 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। श्री रामलला दर्शन योजना से अब तक 22 हजार श्रद्धालु अयोध्याधाम में प्रभु श्रीराम के दर्शन कर चुके हैं।
राजस्व और जिले के प्रभारी मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने कहा कि हमारी सरकार पिछले डेढ़ वर्षों में प्रदेश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सभी जगह विकास कार्यों को गति देने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में करोड़ों की विकास कार्यों की सौगात मिलने से यहां जनसुविधाओं में वृद्धि होगी।
सांसद श्री राधेश्याम राठिया ने कहा कि सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में विकास कार्यों और अधोसंरचना विस्तार के कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं के साथ पीएम आवास जैसे कार्यों को प्राथमिकता से पूरा किया जा रहा है।
जगदलपुर विधायक श्री किरण देव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के जनकल्याणकारी कार्यों को जमीन पर उतारने के साथ प्रदेश में विकास कार्यों को नई ऊंचाई देने का कार्य मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में निरंतर जारी है।सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले को 186 करोड़ की सौगात मिली है, जो जिले में अधोसंरचना विकास को मजबूती प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर भारत माता चौक से गढ़ चौक होते हुए कोसीर चौक तक गौरव पथ निर्माण हेतु 5 करोड़ रुपये, नगर पालिका सारंगढ़ में गार्डन निर्माण हेतु 1 करोड़ रुपये, सारंगढ़ में पी.जी. कॉलेज हेतु भवन निर्माण के लिए 3 करोड़ रुपये, इंडोर स्टेडियम सारंगढ़ के जीर्णोद्धार हेतु 2.5 करोड़ रुपये, बालक छात्रावास सारंगढ़ के मरम्मत हेतु 1 करोड़ रुपये, नवीन जिला अस्पताल में मरीजों की सुविधा हेतु कक्ष निर्माण के लिए 40 लाख रुपये, बस स्टैंड सारंगढ़ में सुविधा विस्तार हेतु 50 लाख रुपये के विकास कार्यों की घोषणा की।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल अध्यक्ष श्री अनुराग सिंहदेव सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, अधिकारीगण और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
जशपुर जिले में 3 नए छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंकों का लोकार्पण
ग्राम आरा, कुडे़केला और छिछली में शुरू हुई नई बैंक शाखाएं
23 ग्राम पंचायतों एवं 48 आश्रित ग्रामों के लगभग 44 हज़ार लोगों को मिलेगा लाभ
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि राज्य और जिले के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराना हमारी सरकार की प्राथमिकता है, ताकि किसानों, व्यापारियों और आम नागरिकों को वित्तीय सेवाएं उनके ही गाँव में सुलभ हों। उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेवाएं न केवल आर्थिक गतिविधियों को गति देती हैं, बल्कि शासकीय योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन का भी आधार बनती हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने जशपुर जिले के बगिया ग्राम में मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय से वर्चुअल माध्यम से जशपुर विकासखंड के ग्राम आरा, पत्थलगांव विकासखंड के ग्राम कुडे़केला (घरजियाबथान) और बगीचा विकासखंड के ग्राम छिछली में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक की नई शाखाओं का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के 12वें वार्षिक प्रतिवेदन का भी विमोचन किया।
44 हज़ार से अधिक ग्रामीण होंगे लाभान्वित
मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यकम को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि जशपुर जिले में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के तीन नई शाखाओं के शुरू होने से 23 ग्राम पंचायतों और 48 आश्रित ग्रामों के लगभग 44 हज़ार लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। अब ग्रामीणों को बैंकिंग कार्यों के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा, जिससे समय और धन की बचत होगी।
अटल डिजिटल सुविधा केंद्र से ग्रामीणों को मिलेगी वित्तीय सेवाएं
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि जशपुर जिले की 268 पंचायतों में अटल डिजिटल सुविधा केंद्र शुरू किए गए हैं, जिनके माध्यम से अब तक लगभग 15 करोड़ रुपये का लेन-देन हो चुका है। आगामी पंचायत दिवस तक जिले की सभी पंचायतों में ये सुविधा केंद्र प्रारंभ करने की योजना है। इन केंद्रों से ग्रामीणों को उनके गाँव में ही बैंकिंग, बीमा और सरकारी योजनाओं से जुड़ी सेवाएं उपलब्ध होंगी।
जशपुर जिले के ग्राम छिछली की सरपंच श्रीमती अनिमा मिंज, आरा के सरपंच श्री मनोज भगत और कुडे़केला के सरपंच श्रीमती शशिकांता पैंकरा ने कहा कि नई बैंक शाखाओं से अब उनके क्षेत्र के ग्रामीणों को सभी बैंकिंग सुविधाएं स्थानीय स्तर पर उपलब्ध होंगी।
ग्राम पंचायत आरा से वर्चुअली जुड़ी विधायक श्रीमती रायमुनी भगत ने कहा कि बैंक खुलने से हितग्राहीमूलक योजनाओं का लाभ सीधे बैंक के माध्यम से हितग्राहियों को मिलेगा।
ग्राम कुडे़केला से वर्चुअली जुड़ी विधायक श्रीमती गोमती साय ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की जनधन योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे लोगों में वित्तीय जागरूकता बढ़ी है और अब 3 नए ग्रामीण बैंकों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में गति आएगी। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय ने भी मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया। इन 3 नई शाखाओं के खुलने से जिले में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक की कुल शाखाओं की संख्या बढ़कर 30 हो गई है।
कैंप कार्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में माटीकला बोर्ड के अध्यक्ष श्री शंभूनाथ चक्रवर्ती, जिला पंचायत सदस्य श्री वेद प्रकाश भगत, श्री उपेन्द्र यादव, श्री सुनील गुप्ता, जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार, छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के चेयरमैन श्री विनोद अरोड़ा सहित तीनों ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधिगण और ग्रामीण वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
विगत तीन माह में बस्तर जिले में आभा लिंक के माध्यम से 53 फीसदी मरीजों ने कराया ओपीडी रजिस्ट्रेशन
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बस्तर संभाग में हो रहा है डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल की पहल पर “नेक्स्ट जेन ई-हॉस्पिटल” से स्वास्थ्य सुविधाएं हुईं और भी सुलभ, प्रभावी एवं पारदर्शी
रायपुर : बस्तर संभाग में नेक्स्ट जेन ई-हॉस्पिटल, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन तथा आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का प्रभावी क्रियान्वयन क्षेत्र के लिए एक बड़ा परिवर्तन साबित हो रहा है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय द्वारा बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं के सशक्त विस्तार की दिशा में लगातार सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के सतत मार्गदर्शन में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं आज तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं।
बस्तर के छ :जिला चिकित्सालयों, दो सिविल अस्पतालों और 41 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में नेक्स्ट जेन ई-हॉस्पिटल प्रणाली का सफल संचालन किया जा रहा है, जिससे ओपीडी पंजीकरण, परामर्श, जांच, दवा वितरण तथा मरीजों की स्वास्थ्य संबंधी सभी जानकारियां अब एक डिजिटल मंच पर उपलब्ध हो रही हैं। इसके तहत मरीजों को बेहतर और समयबद्ध सेवाएं मिल रही हैं। डिजिटल तकनीक के इस समावेशन ने अस्पतालों में पारदर्शिता, कार्यकुशलता और मरीजों की संतुष्टि में उल्लेखनीय वृद्धि की है।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत अस्पतालों का हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्रेशन (HFR) और चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ का हेल्थ प्रोफेशनल रजिस्ट्रेशन (HPR) सुनिश्चित किया गया है। अस्पताल परिसरों में आभा कियोस्क स्थापित कर मरीजों को आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) बनाने की सुविधा दी जा रही है। स्कैन एंड शेयर एवं आभा आईडी के माध्यम से ऑनलाइन ओपीडी पंजीयन की सुविधा से मरीजों को लम्बी कतारों से राहत मिली है और उन्हें त्वरित सेवाएं मिल रही हैं।
डिजिटल नवाचारों का प्रभाव भी स्पष्ट रूप से सामने आया है। जिला चिकित्सालय बस्तर में मई, जून और जुलाई 2025 के दौरान कुल 60,045 ओपीडी पंजीयन दर्ज किए गए, जिनमें से 32,379 पंजीयन आभा लिंक के माध्यम से हुए — जो कि कुल पंजीयनों का 53% है। इसी अवधि में जिला चिकित्सालय दंतेवाड़ा में 33,895 ओपीडी पंजीयन दर्ज हुए, जिनमें से 13,729 पंजीयन आभा से लिंक किए गए — यानी 40% का डिजिटल एकीकरण।
यह पूरी प्रक्रिया न केवल समय की बचत सुनिश्चित कर रही है, बल्कि मरीजों के लिए डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड की सुविधा भी प्रदान कर रही है, जिसे वे देश के किसी भी हिस्से में कभी भी देख सकते हैं। इससे स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में पारदर्शिता के साथ-साथ उपचार की निरंतरता और गुणवत्ता में भी वृद्धि हो रही है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि बस्तर संभाग में नेक्स्ट जेन ई-हॉस्पिटल और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन जैसी आधुनिक तकनीकों के सफल क्रियान्वयन ने स्वास्थ्य सेवाओं को नई गति और दिशा दी है। डिजिटल पंजीकरण, हेल्थ रिकॉर्ड और पारदर्शी सेवा प्रणाली से मरीजों को समयबद्ध, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण इलाज मिल रहा है। यह पहल न केवल बस्तर के लिए, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक अनुकरणीय मॉडल है, जिसे हम शीघ्र ही राज्य के सभी जिलों में लागू कर "स्वस्थ और सशक्त छत्तीसगढ़" के संकल्प को साकार करेंगे।
स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं का यह तकनीकी उन्नयन न केवल स्थानीय जनता के लिए उपयोगी सिद्ध हो रहा है, बल्कि यह पूरे प्रदेश के लिए एक अनुकरणीय मॉडल बनकर उभर रहा है। राज्य सरकार का लक्ष्य इस प्रणाली को सभी जिलों में सुदृढ़ रूप से लागू कर "स्वस्थ और सशक्त छत्तीसगढ़" की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ना है।
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में यह पहल केवल स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटलीकरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम है। बस्तर में मिले सकारात्मक परिणाम इस बात का प्रमाण हैं कि जब तकनीक, प्रशासनिक इच्छाशक्ति और जनभागीदारी एक साथ आते हैं, तो विकास की रफ्तार कई गुना बढ़ जाती है। यह पहल न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में बदलाव लाएगी, बल्कि ‘स्वस्थ भारत’ के निर्माण में भी छत्तीसगढ़ का महत्त्वपूर्ण योगदान सुनिश्चित करेगी।


.jpg)

.jpg)

.jpg)

.jpg)
.jpg)

.jpg)

.jpg)

.jpg)

.jpg)




.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)