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- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
दुर्ग : मम्प्स या गल्वा माता के मरीज इन दिनों काफी देखने को मिल रहें हैं। इसको ध्यान में रखते हुए 28 जनवरी 2024 को जिला चिकित्सालय दुर्ग में आम जनता के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। सिविल सर्जन डॉ. साहू के अनुसार कार्यशाला में जिला चिकित्सालय के शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. रजनीश कान्त मल्होत्रा, डॉ. सीमा जैन, डॉ. हेमंत साहू, डॉ. वाय किरण तथा संजीवनी गर्ल्स होस्टल की लड़कियां व वार्डन रितू बोरकर सम्मिलित हुए।मम्प्स या गल्वा माता के बारे में बताया गया कि यह एक वायरल डिसिस् है, जो पेरामिक्सौ वायरस् से फैलता है। इस बीमारी में चेहरे के दोनों या एक तरफ पेरोटिड व अन्य लार ग्रंथियों में सूजन, दर्द होता है, बुखार, सिर दर्द, हाथ पांव में दर्द, सुस्ती लगना, खाने की इच्छा न होना आदि लक्षण हैं। यह खांसने से, छींकने से हवा द्वारा दूसरे बच्चों में फैलता है। बुखार तेज होने पर, अधिक सर दर्द, पेट दर्द, चक्कर आने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी है।बुखार व दर्द के लिए पैरासिटामोल लेना है, अधिक से अधिक आराम करना है, सूजन व दर्द ज्यादा होने पर हल्की सिकाई कर सकते हैं। यह तकलीफ बड़ों में भी देखने को मिल रही है। इस बीमारी के मुख्य जटिलताएं पुरुष व महिलाओं के अण्डकोष में सूजन व दर्द, मस्तिष्क ज्वर, मेनिनजाइटिस, पैनक्रिटाइटिस आदि है। इस बीमारी के समय बच्चों को स्कूल न भेजें। बच्चों को भीड़-भाड़ वाली जगह में न ले जायें। मास्क का उपयोग करें। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
- स्कूली बच्चों को तनावमुक्त परीक्षा दिलाने प्रधानमंत्री ने दिए टिप्स
- लिखना जितना अच्छा होगा शार्पनेस उतना ही ज्यादा आएगा
- अपने मेहनत और शिक्षक पर भरोसा रखें, सफलता अवश्य मिलेगी- कलेक्टर
- कार्यक्रम का आयोजन पीएम श्री स्कूल जवाहर नवोदय विद्यालय बोरई में किया गया
दुर्ग : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ’परीक्षा पर चर्चा’ का आयोजन आज नई दिल्ली में किया गया। चर्चा के इस सातवें संस्करण का सीधा प्रसारण किया गया। प्रधानमंत्री श्री मोदी के ऑनलाइन परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का आयोजन पीएम श्री स्कूल जवाहर नवोदय विद्यालय बोरई दुर्ग में किया गया। इस मौके पर कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी श्री अभय जायसवाल सहित स्कूल के छात्र-छात्राएं एवं शिक्षक उपस्थित थे।परीक्षा पर चर्चा 2024 के दौरान ऑनलाइन जुड़कर छात्राएं, शिक्षक और अभिभावकों ने प्रधानमंत्री से तनावमुक्त परीक्षा दिलाने संबंधी बातचीत की। प्रधानमंत्री ने स्कूली बच्चों को तनावमुक्त परीक्षा दिलाने के टिप्स दिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्ट्रेस या तनाव एक ऐसी मानसिक स्थिति है, जिसमें हमें किसी भी परिस्थिति से निपटने या फिर निर्णय लेने में कठिनाई होती है। तनाव को सहने के लिए हमे सामर्थ्यवान बनना होगा। हमें यह मानके चलना चाहिए कि हमें परिस्थिति के अनुसार अपने आप को ढालना है। परिवार, शिक्षक और अभिभावकों में थोड़ा लचीलापन पैदा करना होगा और उन्हें तनाव से निपटने में मदद करना होगा। बच्चों को प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए, किंतु स्वयं से प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए। बच्चों को कभी भी दूसरे बच्चों के प्रति ईष्याभाव नही लाना चाहिए। यदि एक बच्चा किसी एक विषय में कमजोर है और वहीं दूसरा बच्चा उस विषय में अच्छा है तो दोनों एक दूसरे की सहायता करके अधिक सामर्थ्यवान बन सकते हैं। हमेशा सीखने का प्रयास करते रहना चाहिए।