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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बुजुर्ग - संस्कृति, अनुभव और मूल्यों के स्तंभ
डॉ. दानेश्वरी संभाकर, उप संचालक जनसंपर्क विभाग
रायपुर : भारतीय संस्कृति के केंद्र में हमारे बुजुर्ग हैं - जिनके अनुभव समाज को दिशा देते हैं और जिनकी स्मृतियाँ हमारी सभ्यता की नींव हैं, लेकिन बदलते सामाजिक परिदृश्य में पारिवारिक संरचना और सामाजिक दायरे सिमटने लगे हैं। ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सहभागिता और गरिमामय जीवन सुनिश्चित करना शासन की प्राथमिकता बन जाता है। इसी भावना को साकार करती है - छत्तीसगढ़ सरकार की संवेदनशील नीतियाँ और सशक्त क्रियान्वयन।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने वरिष्ठजनों के सम्मान को शासन प्रणाली में प्रमुख स्थान दिया है। उनका मानना है “माता-पिता की पूजा ही ईश्वर की पूजा है।” इसी सोच के साथ राज्य में ऐसे प्रकल्पों का विस्तार हो रहा है जो बुजुर्गों के जीवन की गुणवत्ता बढ़ाते हैं। एक अक्टूबर अंतर्राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने रायपुर, बिलासपुर, कोरबा और दुर्ग में पीपीपी मॉडल के तहत आधुनिक वृद्धाश्रम स्थापित करने तथा असहाय बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के लिए रायपुर में उपकरण सर्विस सेंटर खोलने की घोषणा की। इसी के साथ राज्य में “सियान गुड़ी” जैसे सामाजिक-आध्यात्मिक केंद्रों का विस्तार बुजुर्गों को मानसिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक सहारा प्रदान कर रहा है।
छत्तीसगढ़ की समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने वृद्धजन केंद्रित कार्यक्रमों को जमीनी स्तर तक पहुँचाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उनका कहना है “संवेदनशील शासन का अर्थ है, हर बुजुर्ग तक सेवा और सुरक्षा पहुँचाना।”
राज्य में 35 वृद्धाश्रम सक्रिय रूप से संचालित हैं, जहाँ लगभग 1049 वरिष्ठ नागरिक भोजन, आवास, स्वास्थ्य, परामर्श और मनोरंजन की सुविधाएँ प्राप्त कर रहे हैं। गंभीर रोगों या असहाय स्थिति में रह रहे बुजुर्गों के लिए रायपुर, दुर्ग, कबीरधाम, रायगढ़, बालोद और बेमेतरा इन 6 जिलों में प्रशामक देखभाल गृह संचालित किए जा रहे हैं, जहाँ 128 वरिष्ठजनों को निःशुल्क उपचार, दवाइयाँ और नियमित स्वास्थ्य देखभाल मिल रहा है। वरिष्ठजनों की समस्याओं के निवारण हेतु स्थापित हेल्पलाइन सेवा द्वारा अब तक 2 लाख 70 हजार से अधिक प्रकरणों का समाधान किया जा चुका है। यह सेवा न केवल उनकी पहुँच बढ़ाती है, बल्कि आत्मविश्वास और सुरक्षा बोध भी जगाती है।
वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम - 2007 का राज्य में सख्ती से पालन किया जा रहा है। अनुविभाग स्तर पर - भरण-पोषण अधिकरण, जिला स्तर पर - अपीलीय अधिकरण इन व्यवस्थाओं ने बुजुर्गों को संपत्ति, सुरक्षा और भरण-पोषण से जुड़े मामलों में त्वरित न्याय दिलाने का मार्ग प्रशस्त किया है। गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले वरिष्ठ नागरिकों को नियमित पेंशन सहायता प्रदान की जा रही है 60 से 79 वर्ष तक की आयु के बुजुर्गों को 500 रुपए प्रति माह और 80 वर्ष से अधिक आयु वाले वरिष्ठजनों को 650 रुपए प्रति माह सहायता राशि दी जा रही है। वर्तमान में 14 लाख से अधिक बुजुर्ग इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। यह सहायता उनके जीवन में आर्थिक सुरक्षा का आधार बनती है।
राज्य सरकार की योजनाएँ गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा के अधिकार को सुदृढ़ कर रही हैं। आयुष्मान भारत और शहीद वीर नारायण सिंह स्वास्थ्य सहायता योजनाओं के तहत 8 लाख से अधिक वरिष्ठ नागरिकों को निःशुल्क उपचार मिला है। साथ ही वरिष्ठ नागरिक सहायक उपकरण प्रदाय योजना के अंतर्गत 50 हजार से अधिक बुजुर्गों को व्हीलचेयर, श्रवण यंत्र, छड़ी, चश्मा जैसे उपकरण प्रदान किए गए हैं।
आध्यात्मिक संतोष बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य का आधार है। इसी उद्देश्य से मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना और श्री रामलला दर्शन योजना के माध्यम से 2.5 लाख से अधिक वरिष्ठ नागरिक, 278 व्यक्ति तीर्थयात्राओं का लाभ ले चुके हैं। यात्रा के दौरान भोजन, आवास और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। प्रत्येक वर्ष एक अक्टूबर वृद्धजन दिवस राज्य और जिला स्तर पर मनाया जाता है। इन कार्यक्रमों से समाज में बुजुर्गों के प्रति सम्मान, संवेदना और सहयोग की भावना को प्रोत्साहन मिलता है। वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान केवल एक सामाजिक मूल्य नहीं, बल्कि एक कर्तव्य है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने यह सिद्ध किया है कि संवेदनशील शासन, सुचारु क्रियान्वयन और मानवीय दृष्टिकोण मिलकर बुजुर्गों के जीवन में वास्तविक परिवर्तन ला सकते हैं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
छत्तीसगढ़ बन रहा है टेक्नोलॉजी और इनोवेशन का नया पावर सेंटर - मुख्यमंत्री श्री साय
छत्तीसगढ़ के युवा नवाचार से रच रहे तकनीकी भविष्य – मुख्यमंत्री ने किया आइडियाथॉन विजेताओं का सम्मान
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज नया रायपुर स्थित मेफेयर होटल में आयोजित ‘छत्तीसगढ़ टेक स्टार्ट’ कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ‘टेक स्टार्ट’ का यह आयोजन राज्य में नवाचार और तकनीकी उद्यमिता को नई दिशा देने वाला एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस अवसर पर उन्होंने ‘आइडियाथॉन 2025’ के विजेताओं को सम्मानित किया और छत्तीसगढ़ शासन के साथ पार्टनरशिप एक्सचेंज करने वाली इकाइयों को एग्रीमेंट पत्र सौंपे। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित तकनीकी क्षेत्र के विशेषज्ञों, उद्यमियों एवं प्रबुद्धजनों को रजत जयंती वर्ष की शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारे विजनरी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सदैव बड़े लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया है। उनके ‘विकसित भारत’ के संकल्प से प्रेरणा लेते हुए राज्य सरकार ने वर्ष 2047 तक ‘विकसित छत्तीसगढ़’ का लक्ष्य तय किया है, जिसके लिए विजन डॉक्यूमेंट भी तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आज भारत में लाखों स्टार्टअप कार्यरत हैं, जिनमें से अनेक यूनिकॉर्न बन चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार भी युवाओं की उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए पूर्ण समर्पण के साथ कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के युवा कठिन परिस्थितियों में भी आगे बढ़ने की अद्भुत क्षमता रखते हैं। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश की बेटी आकांक्षा सत्यवंशी भारतीय महिला क्रिकेट टीम की फिजियोथैरेपिस्ट हैं, वहीं स्क्वाड्रन लीडर गौरव पटेल नया रायपुर एयरो शो में फाइटर प्लेन उड़ाकर राज्य का गौरव बढ़ा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस और सिंगल विंडो सिस्टम को सशक्त करते हुए 350 से अधिक सुधार किए हैं, जिससे छत्तीसगढ़ निवेश के लिए देश के सबसे आकर्षक राज्यों में शामिल हो गया है। औद्योगिक विकास के साथ-साथ आईटी और आईटीईएस सेक्टर में भी राज्य तीव्र गति से प्रगति कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि हाल ही में आयोजित ‘आइडियाथॉन 2025’ में प्रदेशभर से 1800 से अधिक स्टार्टअप आइडिया प्राप्त हुए, जिनमें दूरस्थ अंचलों के युवाओं की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन नवाचारों को मंच, मार्गदर्शन और वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि रायपुर को आईटी और तकनीकी सेवाओं का केंद्र बनाने की दिशा में कार्य तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। एआई डेटा सेंटर पार्क और सेमीकंडक्टर प्लांट जैसी परियोजनाएं भी साकार हो रही हैं। श्री साय ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि अब तक राज्य सरकार को साढ़े सात लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। उन्होंने राज्य में तीव्र आर्थिक गतिविधियों और युवाओं के लिए रोजगार सृजन के बढ़ते अवसरों पर भी विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने उद्यमियों से कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार आपके साथ चट्टान की तरह खड़ी है। अपनी मेहनत और प्रतिभा को वैश्विक स्तर पर ले जाने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि आप सभी की सफलता ही छत्तीसगढ़ का गौरव बनेगी।
मुख्य सचिव श्री विकास शील ने कहा कि नई औद्योगिक नीति 2024 का उद्देश्य उद्यमिता को बढ़ावा देना और विजन 2047 के अनुरूप विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण करना है। उन्होंने बताया कि इस नीति में नवाचार, निवेश, रोजगार और स्टार्टअप के अवसरों को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने ई-वेस्ट मैनेजमेंट, राइजिंग सेक्टर और स्किल डेवलपमेंट जैसे उभरते क्षेत्रों में कार्य करने की आवश्यकता बताई तथा उद्यमियों से अपने सुझाव साझा करने का आग्रह किया।
मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार युवाओं और उद्यमियों के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ को तकनीकी और औद्योगिक विकास का हब बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि उद्यमियों और शासन के मध्य संवाद केवल विशेष अवसरों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि निरंतर होना चाहिए ताकि विचारों का आदान-प्रदान सतत रूप से होता रहे।
मुख्यमंत्री ने ‘आइडियाथॉन 2025’ के विजेताओं को किया सम्मानित
मुख्यमंत्री श्री साय ने टेक स्टार्ट कार्यक्रम के दौरान हाल ही में आयोजित ‘आइडियाथॉन 2025’ के विजेता प्रतिभागियों को सम्मानित किया। उन्होंने युवाओं द्वारा प्रस्तुत नवाचारी सृजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि जब युवा नवाचार से जुड़ते हैं, तो यह अत्यंत सुखद होता है और तकनीकी भविष्य को मजबूती प्रदान करता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एनआईटी रायपुर, रुंगटा बिजनेस इनक्यूबेटर और आईजीकेवीआर को इनक्यूबेटर के रूप में उत्कृष्ट कार्य हेतु सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने आइडियाथॉन 2025 में दिव्यांगजनों के लिए स्मार्ट बैंड के आइडिया के लिए आदर्श वर्मा को प्रथम पुरस्कार, सड़क किनारे पौधों की सुरक्षा हेतु ‘अटल कवच ट्री गार्ड’ के लिए जागृति और नरेंद्र शर्मा को द्वितीय पुरस्कार तथा स्मार्ट सुरक्षा हेलमेट के आइडिया के लिए अथर्व दुबे को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया। उन्होंने निपुण वर्मा और अनुष्का सोनकर को भी उनके नवाचारी विचारों के लिए सम्मानित किया। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने एग्रोफेब सस्टेनेबल स्टार्टअप के लिए करण चंद्राकर, वर्टेक्स सुइट के लिए सजल मल्होत्रा और लैरक एआई के लिए अमित पटेल को सम्मानित किया।
राज्य सरकार के साथ ‘पार्टनरशिप एक्सचेंज’ हेतु समझौता पत्र सौंपे
मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में माइटी स्टार्टअप हब, नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन, वाधवानी फाउंडेशन, नैस्कॉम फाउंडेशन, स्टार्टअप मिडिल ईस्ट, कार्व स्टार्टअप लैब और छत्तीसगढ़ शासन के मध्य पार्टनरशिप एक्सचेंज के लिए समझौता पत्र भी वितरित किए।
एआई आधारित नवाचारों का अवलोकन – युवाओं का उत्साहवर्धन
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने एआई (Artificial Intelligence) आधारित नवाचार स्टॉलों का निरीक्षण किया। उन्होंने स्टार्टअप टीमों द्वारा विकसित मॉडलों, तकनीकों और अनुप्रयोगों की बारीकी से जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने युवा नवाचारकर्ताओं द्वारा तैयार किए गए समाधान, सॉफ्टवेयर, ऐप्लिकेशन और तकनीकी मॉडलों को देखकर उनकी उद्यमशीलता एवं शोध-क्षमता की सराहना की। निरीक्षण के दौरान उपस्थित युवा उद्यमियों ने अपने प्रोजेक्ट्स की उपयोगिता, बाज़ार संभावनाओं और भविष्य की योजनाओं की जानकारी मुख्यमंत्री को दी। मुख्यमंत्री ने सभी युवाओं को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे निरंतर नई तकनीक के साथ वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अपनी पहचान बनाएँ।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, निवेश आयुक्त श्रीमती ऋतु सैन, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, डीजी एसटीपीआई श्री अरविंद कुमार, उद्योग विभाग के सचिव श्री रजत कुमार, संचालक उद्योग श्री प्रभात मलिक, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग की उप सचिव सुश्री रेना जमील, सीएसआईडीसी के प्रबंध निदेशक श्री विश्वेश कुमार तथा बड़ी संख्या में उद्यमी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। -
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मुख्यमंत्री ने नक्सल मोर्चे पर अदम्य साहस दिखाने वाले दो शहीदों के परिजनों और 12 पुलिस जवानों को प्रदान किए वीरता पदक
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज शाम राज्योत्सव के चौथे दिन नवा रायपुर में आयोजित राज्योत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने राज्योत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ ने अपनी स्थापना के 25 वर्षों में विकास की नई गाथा लिखी है। राज्य ने हर क्षेत्र में विकास के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 1 नवम्बर को दिनभर नवा रायपुर में रहकर राज्योत्सव का शुभारंभ किया और विधानसभा के नए भवन का लोकार्पण किया। उन्होंने अपने प्रवास के दौरान राज्य को 14 हजार करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों की सौगात दी है। इसके लिए मैं राज्य के तीन करोड़ लोगों की ओर से उनके प्रति आभार व्यक्त करता हूं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि अलग राज्य के निर्माण के बाद छत्तीसगढ़ उपेक्षा के दंश से मुक्त हुआ। अटलजी की दूरदृष्टि से छत्तीसगढ़ के विकास को नई गति मिली। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से गांव-गांव तक पक्की सड़क पहुँची, जिससे ग्रामीण विकास के द्वार खुले। शिक्षा, स्वास्थ्य और अधोसंरचना सहित सभी क्षेत्रों में तीव्र गति से कार्य हुए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार ने पिछले 22 महीनों में ‘मोदी की गारंटी’ के अधिकांश बड़े कार्यों को पूरा किया है। हम राज्य में स्वच्छ, संवेदनशील और पारदर्शी शासन के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी उद्देश्य से हमने सुशासन एवं अभिसरण विभाग का गठन किया है।
वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य निर्माण से पूर्व बस्तर और सरगुजा के सुदूर वनांचल उपेक्षा का शिकार हुआ करते थे। स्वास्थ्य, शिक्षा और निर्माण सुविधाओं के अभाव में ये क्षेत्र नक्सल हिंसा की पीड़ा सहते हुए दयनीय अवस्था में थे। पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस पीड़ा को समझते हुए अलग राज्य का निर्माण किया, जिसके बाद से छत्तीसगढ़ लगातार विकास की राह पर अग्रसर है। संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के सचिव डॉ. रोहित यादव ने राज्य निर्माण के 25 वर्ष पूर्ण होने पर सभी नागरिकों को बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं।
मुख्यमंत्री ने 14 पुलिस जवानों को प्रदान किए वीरता पदक
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने नक्सल ऑपरेशन में अदम्य साहस और वीरता का प्रदर्शन करने वाले पुलिस के 14 जवानों को वीरता पदक प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने शहीद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री आकाश राव गिरिपुंजे और शहीद वीरेंद्र कुमार शोरी के परिजनों सहित नक्सल मोर्चे पर जांबाजी के साथ लड़ने वाले पुलिस जवानों श्री धरम सिंह तुलावी, श्री विजय पुनेंग, श्री गोपाल बरदू, श्री रामेश्वर ओयामी, श्री राजूलाल मरकाम, श्री समलूराम सेठिया, श्री तुलाराम ओवासी, श्री मोहन लाल कट्टम, श्री संतोष मोरामी, श्री मनोज यादव, श्री जामुराव तथा सुश्री निशा कचलाम को वीरता पदक प्रदान कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर विधायक श्री इंद्र कुमार साहू, नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव, साहित्य अकादमी संस्कृति परिषद के अध्यक्ष श्री शशांक शर्मा, छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम की अध्यक्ष सुश्री मोना सेन, अपर मुख्य सचिव श्री मनोज पिंगुआ, पुलिस महानिदेशक श्री अरुण देव गौतम तथा संस्कृति विभाग के संचालक श्री विवेक आचार्य उपस्थित थे।
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रायपुर: उपराष्ट्रपति श्री सी.पी. राधाकृष्णन के करकमलों से छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी वंदन योजना की लाभार्थी 69 लाख से अधिक महिलाओं को 21वीं किश्त के रूप में 647 करोड़ 28 लाख 36 हजार 500 रूपए की राशि जारी की जाएगी। लाभार्थी महिलाओं में 7658 महिलाएं बस्तर संभाग के उन गांवों की है, जो छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बीते 22 महीनों में संचालित माओवाद उन्मूलन अभियान के चलते माओवाद के प्रभाव से मुक्त हुए हैं। इन महिलाओं को पहली बार इस योजना का लाभ मिलेगा। उपराष्ट्रपति श्री राधाकृष्णन 5 नवम्बर को राजनांदगांव में आयोजित लखपति दीदी सम्मेलन में महतारी वंदन योजना की 21वीं किश्त की राशि हितग्राही महिलाओं के बैंक खाते में ऑनलाईन ट्रांसफर करेंगे।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी को पूरा करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम एवं आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से महतारी वंदन योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रूपए की सहायता राशि दी जाती है। लाभार्थी महिलाओं को 20 किश्तों में अब तक कुल 13,024 करोड़ 40 लाख रूपए की सहायता राशि दी जा चुकी है। 05 नवम्बर को 21वीं किश्त की राशि 647.28 करोड़ रूपए की राशि जारी होने के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 13,671 करोड़ 68 लाख रूपए हो जाएगा।
यहां यह उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की विशेष पहल पर बस्तर संभाग में माओवाद के प्रभाव से मुक्त हुए गांवों में बुनियादी सुविधाओं के विकास एवं ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों का लाभ दिलाने के उद्देश्य से नियद नेल्ला नार योजना शुरू की गई है। इस योजना के दायरे में शामिल 327 गांवों में तेजी से विकास के कार्य और ग्रामीणजनों को शासकीय सुविधाओं का लाभ सुनिश्चित किया जा रहा है। इन्हीं प्रयासों के चलते पहली बार नियद नेल्ला नार योजना गांवों की महिलाओं को पात्रता के आधार पर इस योजना में शामिल किया गया है, जिनकी संख्या फिलहाल 7658 है, उन्हें पहली बार 76 लाख 26 हजार 500 रूपए की सहायता राशि इस योजना के तहत मिलेगी।
महिला एवं बाल विकास विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नियद नेल्ला नार योजना में शामिल बीजापुर जिले के गांवों की 3872, दंतेवाड़ा जिले की 428, कांकेर जिले की 191, नारायणपुर जिले की 559 तथा सुकमा जिले की 2608 महिलाएं महतारी वंदन योजना की नयी लाभार्थी के रूप में दर्ज की गई है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि नियद नेल्ला नार योजना में शामिल गांवों की शासन की सभी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को दिलाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लगातार पहल की जा रही है। यह खुशी की बात है कि माओवाद आतंक के प्रभाव से मुक्त हुए गांवों की महिलाओं को महतारी वंदन योजना का लाभ मिलने की शुरूआत उपराष्ट्रपति श्री सी.पी. राधाकृष्णन के करकमलों से हो रही है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि महतारी वंदन योजना से महिलाओं के जीवन में आर्थिक स्थिरता आई है। आज माओवाद प्रभावित क्षेत्रों की महिलाओं तक यह योजना पहुंचना प्रदेश सरकार की उपलब्धि है। महतारी वंदन योजना के माध्यम से दी जा रही राशि से महिलाओं को परिवार की जरूरतों की पूर्ति, पोषण सुरक्षा और सामाजिक सशक्तिकरण में बड़ी मदद मिल रही है।
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रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजनांदगांव जिले के दौरे पर रहेंगे, लेकिन उससे पहले वे राजधानी रायपुर में सुबह 11:00 बजे सूर्य किरण एरोमेटिक के एयर शो में शामिल होंगे। इसके बाद रायपुर एयरपोर्ट से राजनांदगांव के लिए रवाना होंगे।
राजनांदगांव में वे दोपहर 2:10 पर मल्टी स्पेशलिटी आई केयर इंस्टीट्यूट का उद्घाटन और लखपति दीदी सम्मेलन में शामिल होंगे। शाम 4:00 बजे रायपुर लौटकर नवा रायपुर में रजत जयंती महोत्सव के समापन कार्यक्रम में शिरकत करेंगे ।

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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रजत जयंती वर्ष के अवसर पर रायपुर में होगा एमआरएफ नेशनल सुपरक्रॉस चैम्पियनशिप 2025 का भव्य आयोजन
रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना की रजत जयंती वर्ष के अवसर पर राजधानी रायपुर का बूढ़ापारा आउटडोर स्टेडियम आगामी 8 और 9 नवम्बर को रफ्तार, रोमांच और युवाओं के उत्साह का मंच बनेगा। रजत जयंती समारोह की श्रृंखला में आयोजित यह विशेष कार्यक्रम छत्तीसगढ़ की नई ऊर्जा, नवाचार भावना और युवा सामर्थ्य का प्रतीक होगा।
छत्तीसगढ़ मोटर स्पोर्ट्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित एमआरएफ नेशनल सुपरक्रॉस बाइक रेसिंग चैम्पियनशिप 2025 का यह भव्य आयोजन न केवल रोमांचक मोटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देगा, बल्कि युवाओं को सुरक्षित ड्राइविंग, हेलमेट पहनने और सड़क पर रेसिंग से बचने जैसे सामाजिक संदेश देने का भी माध्यम बनेगा।
कार्यक्रम से पूर्व आज मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने स्वयं बाइक चलाकर युवाओं को “सेफ ड्राइविंग” का संदेश दिया। उन्होंने आगामी 8-9 नवंबर को आयोजित नेशनल सुपरक्रॉस बाइक रेसिंग चैंपियनशिप के सफल आयोजन के लिए अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा, "युवाओं में अपार ऊर्जा है, और उस ऊर्जा को सही दिशा देना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।" मुख्यमंत्री श्री साय ने युवाओं को सेफ ड्राइविंग का संदेश देते हुए कहा कि जीवन अनमोल है इसीलिए दुपहिया चलाते समय हमेशा हेलमेट पहने और ट्रैफिक नियमों का पालन करें ।सड़क पर रेसिंग बिल्कुल ना करें।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि रजत जयंती वर्ष छत्तीसगढ़ की उपलब्धियों का उत्सव मनाने के साथ ही नई पीढ़ी में अनुशासन, जिम्मेदारी और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने का भी अवसर है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ का युवा केवल गति से नहीं, बल्कि संयम और संकल्प से पहचाना जाए।
छत्तीसगढ़ मोटर स्पोर्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री उज्जवल दीपक ने बताया कि यह आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर युवाओं को सकारात्मक दिशा देने का प्रयास है। उन्होंने कहा,"हम चाहते हैं कि रफ्तार जुनून बने, जोखिम नहीं — यही इस चैम्पियनशिप की असली सोच है।”
इस आयोजन की सबसे खास बात यह है कि रेसिंग सड़क पर नहीं, बल्कि विशेष रूप से निर्मित सुरक्षित रेसिंग ट्रैक पर होगी, जहाँ सभी सुरक्षा मानकों का पूर्ण पालन किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि इस दो दिवसीय सुपरक्रॉस चैम्पियनशिप में देश के शीर्ष राइडर्स हिस्सा लेंगे। एमआरएफ के सहयोग से आयोजित यह प्रतियोगिता छत्तीसगढ़ को देश के मोटर स्पोर्ट्स मानचित्र पर एक नई और सम्मानजनक पहचान दिलाने जा रही है। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम को विश्वविजेता बनने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय महिला खिलाड़ियों ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन, अनुशासन, समर्पण और अदम्य जज़्बे से देश का नाम रोशन किया है। यह उपलब्धि पूरे भारत के लिए गौरव का क्षण है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम की जीत हर उस बेटी के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को साकार करने का साहस रखती है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम की इस ऐतिहासिक उपलब्धि को “परिश्रम, आत्मविश्वास और संकल्प की जीत” बताते हुए कहा कि यह जीत देशभर में महिला खेल प्रतिभाओं को नई दिशा देगी। -
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मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया पर साझा किया यह भावनात्मक पल
रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और रामनामी समाज के बीच आत्मीय संवाद का एक वीडियो देश में तेजी से वायरल हुआ है। इस वीडियो को अपने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इसे भावनात्मक और प्रेरणादायी पल बताया है ।
छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर आयोजित रजत महोत्सव के दौरान एक हृदयस्पर्शी दृश्य उस समय देखने को मिला, जब रामनाम में लीन जीवन जीने वाले रामनामी समाज के प्रतिनिधियों ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से आत्मीय भेंट की।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बताया कि प्रधानमंत्री जी के रायपुर प्रवास से कुछ ही घंटे पहले मंत्रालय में रामनामी समुदाय के प्रतिनिधियों से उनकी भेंट हुई थी। उन्होंने प्रधानमंत्री जी से मिलने की अपनी प्रबल इच्छा व्यक्त की थी, जिसके अनुरूप इसके लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गईं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जब रजत महोत्सव के दौरान रामनामी समुदाय के ये श्रद्धालु प्रधानमंत्री श्री मोदी से मिले, तब उन्होंने बड़े आदर और प्रेम से प्रधानमंत्री जी को अपने पारंपरिक मोर मुकुट से मुख्य मंच पर अलंकृत करने की अभिलाषा प्रकट की। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जिस सहजता, स्नेह और आत्मीय भाव से उनके इस अनुरोध को स्वीकार किया, वह क्षण वहां उपस्थित सभी लोगों के लिए अत्यंत भावनात्मक और प्रेरणादायी बन गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रामनाम ही जिनका धर्म, रामभक्ति ही जिनका कर्म - ऐसे अद्भुत और राममय रामनामी समाज के सदस्यों के तन पर अंकित ‘राम’ केवल एक नाम नहीं, बल्कि समर्पण, तपस्या और अटूट आस्था का प्रतीक है। यह समुदाय अपने तन, मन और जीवन को प्रभु श्रीराम के चरणों में अर्पित कर देता है — यही उनकी जीवन साधना है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की इस आत्मीयता में भक्ति और कर्म का अद्वितीय संगम झलकता है। यह दृश्य इस सत्य को पुष्ट करता है कि रामभक्ति केवल पूजा नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक पवित्र साधना है, जिसे प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने आचरण और जीवन मूल्यों से सार्थक किया है। -
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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सपरिवार की पूजा-अर्चना
रायपुर : देवउठनी एकादशी के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में श्रद्धा, भक्ति और पारंपरिक विधि-विधान के साथ तुलसी विवाह का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय ने माता तुलसी एवं भगवान शालिग्राम का विवाह संपन्न कराया और सपरिवार पूजा-अर्चना की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि देवउठनी एकादशी धर्म, अध्यात्म और प्रकृति के संतुलन का प्रतीक है। भगवान श्री विष्णु के योगनिद्रा से जागरण के साथ ही शुभ कार्यों की पुनः शुरुआत होती है। तुलसी विवाह समाज में पवित्रता, सौहार्द और एकत्व की भावना को जागृत करता है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की लोक परंपराओं में तुलसी विवाह का विशेष महत्व है। यह पर्व हमें परिवार, समाज और प्रकृति के बीच सामंजस्य और संतुलन बनाए रखने की प्रेरणा देता है। हमारी लोक संस्कृति में तुलसी विवाह को पवित्रता और समर्पण का प्रतीक माना गया है, जो जीवन में सात्त्विकता और सद्भावना का संचार करता है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों के सुख, शांति, समृद्धि और आरोग्यता की मंगलकामना करते हुए कहा कि सृष्टि के पालनहार भगवान श्री विष्णु और माता तुलसी की कृपा से सभी के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास हो, तथा समूची सृष्टि में आरोग्य, सौहार्द और मंगलमय ऊर्जा का संचार हो।
उन्होंने कहा कि यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि जीवन में संतुलन, सकारात्मकता और नव आरंभ का प्रतीक भी है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों को देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह के पावन अवसर की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं और कहा कि यह पर्व हमारी समृद्ध परंपराओं, लोकआस्था और जीवनमूल्यों को निरंतर जीवंत रखने का प्रतीक है।
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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दी बधाई
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि जब हर गेंद पर उम्मीदें डगमगा रही थीं, तब भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने अपने अदम्य साहस, संयम और जुनून से पूरे खेल का रुख ही बदल दिया। महिला क्रिकेट विश्वकप के सेमीफाइनल मुकाबले में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर वह कर दिखाया जिसकी प्रतीक्षा पूरे देश को थी।
उन्होंने कहा कि टीम इंडिया की यह ऐतिहासिक उपलब्धि न केवल भारतीय क्रिकेट के लिए, बल्कि देश की हर बेटी के आत्मविश्वास, संघर्ष और प्रतिबद्धता के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी। इन खिलाड़ियों ने यह साबित किया है कि असली खिलाड़ी वही होता है जो मुश्किल परिस्थितियों में भी हार नहीं मानता और अपने जज़्बे से इतिहास लिख देता है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने टीम इंडिया को इस शानदार उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा कि यह जीत देश के हर नागरिक के लिए गर्व का क्षण है। हमारी बेटियों ने साहस और अनुशासन से विश्व पटल पर भारत का परचम फहराया है। फाइनल मुकाबले में हम सबकी शुभकामनाएँ उनके साथ हैं।
उन्होंने कहा कि आज भारत की बेटियाँ विश्वकप के फाइनल में पहुँचकर पूरे राष्ट्र का सिर गर्व से ऊँचा कर चुकी हैं। यह केवल खेल नहीं, बल्कि ‘नए भारत की नारी शक्ति’ का उज्जवल प्रतीक है। -
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छगन लोन्हारे
उप संचालक (जनसंपर्क)श्रम विभाग अंतर्गत 25 वर्षों की विभागीय उपलब्धियां
रायपुर : छत्तीसगढ राज्य स्थापना के समय 16 जिलों में से 09 जिलों में श्रम कार्यालय तथा 04 जिलों में औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा कार्यालय संचालित है। वर्तमान में राज्य के समस्त 33 जिलों में श्रम कार्यालय तथा 10 जिलों में औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा तथा वर्ष 2008 से रायपुर में इंडस्ट्रीयल हाईजिन लैब का राज्य स्तरीय कार्यालय प्रारंभ किया गया है। राज्य स्थापना के बाद से वर्ष 2008 में छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल तथा वर्ष 2011 में छत्तीसगढ़ असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल का गठन किया गया है। उक्त मण्डलों में श्रमिकों के पंजीयन, नवीनीकरण तथा विभिन्न योजनाओं में आवेदन विभागीय पोर्टल/श्रमेव जयते मोबाईल ऐप के माध्यम से ऑनलाईन करने की सुविधा दी गयी है तथा विभिन्न योजनाओं में डी०बी०टी के माध्यम से श्रमिकों को लाभान्वित किया जा रहा है।

52 लाख 75 हजार 618 संगठित/निर्माण/असंगठित श्रमिक पंजीकृत
31 जुलाई, 2025 तक छ0ग0 श्रम कल्याण मंडल अंतर्गत 5लाख 41 हजार 920 संगठित श्रमिक, छ0ग0 भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत 30 लाख 21 हजार 624 निर्माण श्रमिक तथा छ०ग० असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल अंतर्गत 17 लाख 12 हजार 074 असंगठित श्रमिक पंजीकृत हैं। इस प्रकार विभाग अंतर्गत संचालित मंडलों में कुल 52 लाख 75 हजार 618 संगठित, निर्माण, असंगठित श्रमिक पंजीकृत हैं। राज्य स्थापना के बाद से 57 लाख 24 हजार 745 श्रमिकों को 23 अरब 70 करेाड 24 लाख 56 हजार 757 रूपये से लाभांवित किया गया।

छ0ग0 श्रम कल्याण मंडल में 80 लाख 713 संगठित श्रमिक को 31 जुलाई, 2025 तक राशि रूपये 26 करोड 56 लाख 2 हजार 131 से, छ०ग० भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में 51 लाख 72, हजार 579 निर्माण श्रमिकों को राशि रूपये 19 करोड 82 लाख 69 लाख 48 हजार 448 तथा छ०ग० असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल में 4 लाख 71 हजार 453 अंगठित कर्मकारों को राशि रूपये 3अरब 60 करोड 99 लाख 06 हजार 178 से इस प्रकार राज्य स्थापना के बाद से कुल 57 लाख 24 हजार 745 श्रमिकों को राशि रूपये 23 अरब 70 करोड़ 24 लाख 56 हजार 757 (तेईस अरब सत्तर करोड़ चौबीस लाख छप्पन हजार सात सौ सात रूपये) से लाभांवित किया गया है।
श्रमिक सहायता केन्द्र 24x7 संचालित
श्रमिकों के हितलाभ संरक्षण, सहायता एवं उनके शिकायतों के निराकरण करने के लिए राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री श्रमिक सहायता केन्द्र (Helpline Center) रायपुर में 24x7 संचालित है। प्रत्येक जिले में जिला स्तरीय तथा समस्त विकासखंडों में मुख्यमंत्री श्रम संसाधन केन्द्र संचालित किया जा रहा है, जिसके माध्यम से 31 जुलाई 2025 तक 84 हजार 810 निर्माण श्रमिकों को पंजीयन एवं योजनाओं के आवेदन में सहयोग प्रदान किया गया है।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अंतर्गत विभिन्न श्रम कानूनों के अंतर्गत कारखानों, दुकान व स्थापनाओं, ठेकेदारों आदि का पंजीयन, नवीनीकरण, संशोधन तथा विभाग अंतर्गत गठित मंडलों में श्रमिकों के पंजीयन, नवीनीकरण, संशोधन तथा योजनाओं हेतु आवेदन/स्वीकृति विभागीय वेब पोर्टल एवं श्रमेव जयते मोबाईल एप के माध्यम से ऑनलाईन की जा रही है। साथ ही विभिन्न श्रम अधिनियमों के अंतर्गत पंजियों/अभिलेखों को ऑनलाईन डिजिटल रूप में संधारित करने तथा एकीकृत वार्षिक विवरणी ऑनलाईन प्रस्तुत करने की सुविधा नियोजकों को प्रदान की गई है।
ई-गवर्नेस के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार
भारत सरकार कार्मिक, लोक शिकायत मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा छ०ग० शासन श्रम विभाग को 2020-21 हेतु ‘ई-श्रमिक सेवा‘ सहित सार्वभौमिक पहुंच हेतु ‘ई-गवर्नेस के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार‘ रूपये 02 लाख पुरस्कार राशि के साथ गोल्ड पुरस्कार प्रदान किया गया।
प्रवासी श्रमिकों के हित संरक्षण, कल्याण एवं सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विभिन्न विभागों के समन्वय से दिनांक 19 जुलाई 2021 से छ०ग० राज्य प्रवासी श्रमिक नीति, 2020 लागू किया गया है, जिसमें पलायन पंजी के ऑनलाईन संधारण की व्यवस्था की गई है।
श्रमिक परिवारों के बच्चों के लिये अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना
मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा एवं श्रम मंत्री के निर्देशानुसार पंजीकृत निर्माण श्रमिक परिवारों के बच्चों को उत्कृष्ट निजी शालाओं में निःशुल्क अध्ययन कराये जाने हेतु छ०ग० भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा ‘अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना‘ 08.जनवरी 2025 से प्रारंभ की गई है। योजना के तहत मंडल में 01 वर्ष पूर्व पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के प्रथम 02 बच्चों को कक्षा 6 वीं में प्रवेश दिया जाकर कक्षा 12 वीं तक आवासीय विद्यालयों में वर्तमान में 100 श्रमिकों के बच्चों को विभिन्न विद्यालयों में प्रवेश दिया जाकर गुणवत्तायुक्त निःशुल्क शिक्षा प्रदान किया जा रहा है। निर्माण श्रमिकों के स्वयं के आवास क्रय एवं आवास निर्माण हेतु एक लाख रूपये एकमुश्त अनुदान सहायता राशि प्रदाय किया जा रहा है। 31 जुलाई 2025 तक 2 हजार 278 निर्माण श्रमिकों को नवीन आवास क्रय/आवास निर्माण हेतु अनुदान सहायता राशि प्रदाय किया जा चुका है।
निर्माण श्रमिकों के लिये पेंशन योजना
60 वर्ष आयु पूर्ण कर चुके पंजीकृत निर्माण श्रमिक, जिनका मंडल में 10 वर्ष पूर्व का पंजीयन हो, ऐसे 37 निर्माण श्रमिकों को प्रतिमाह रूपये 1500/- पेंशन योजना से लाभांवित किया जा रहा है। शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना इस योजना अंतर्गत पंजीकृत निर्माण, असंगठित एवं संगठित श्रमिकों को रूपये 05 में गरम एवं पौष्टिक भोजन प्रदाय किया जा रहा है। प्रदेश के 17 जिलों में 37 श्रम अन्न योजना केन्द्र संचालित है, जिसमें प्रतिदिन लगभग 8 हजार श्रमिक गरम भोजन प्राप्त करे रहें है।
संचालनालय, कर्मचारी राज्य बीमा सेवायें
कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 के अंतर्गत कर्मचारी राज्य बीमा योजना, राज्य निर्माण के समय श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदाय करने वाली यह योजना केवल कारखानों, सिनेमाघरों, ट्रांसपोर्ट, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर लागू थी। राज्य निर्माण के पश्चात इस योजना में निजी सहायता प्राप्त शैक्षणिक एवं निजि चिकित्सा संस्थाओं तथा राज्य सरकार द्वारा संचालित नगर निगमों, नगर पालिकाएं, नगर परिषद् एवं अन्य स्थानीय निकाय पर भी लागू की गई है।
निःशुल्क चिकित्सा हित लाभ
छ.ग. राज्य गठन के उपरांत कर्मचारी राज्य बीमा योजना का विस्तार छ.ग. राज्य के 15 जिलों के सम्पूर्ण क्षेत्र तथा 17 जिलों के नगरीय निकाय क्षेत्रों में किया गया है। कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम 1948 के अंतर्गत छ.ग. राज्य निर्माण के पूर्व लगभग 30 हजार कामगार बीमित होकर राज्य के संचालनालय, कर्मचारी राज्य बीमा सेवायें के अंतर्गत संचालित औषधालयों के माध्यम से निःशुल्क चिकित्सा हितलाभ प्राप्त कर रहे थे, जो कि अब बढ़कर लगभग 6 लाख 25 हजार हो गये हैं।
राज्य निर्माण के पूर्व छ.ग. राज्य में केवल 6 औषधालय संचालित थी जो अब बढ़कर 42 हो गई है। बीमित हितग्राहियों को बेहतर चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध कराने के लिये राज्य के रायपुर, कोरबा, भिलाई तथा रायगढ़ में एक-एक 100 बिस्तरयुक्त चिकित्सालय का निर्माण कर्मचारी राज्य बीमा निगम के द्वारा किया गया है।
बीमित हितग्राहियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधायें
राज्य निर्माण के पूर्व बीमित हितग्राहियों को अंतःरोगी उपचार पर होने वाले व्यय का वहन पहले स्वयं करना पड़ता था फिर वे चिकित्सा पुर्नभुगतान हेतु अपना देयक प्रस्तुत करते थे। राज्य निर्माण के पश्चात् वर्ष 2014 में बीमित हितग्राहियों को कैशलेस आधार पर सेकेण्डरी केयर चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध कराने के लिये निजी चिकित्सालयों को अधिकृत किया गया है। अधिकृत किये गये चिकित्सालयों में बीमित हितग्राहियों को कैशलेस अधार पर सेकेण्डरी केयर चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध कराई जा रही है।
बीमित हितग्राहियों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा उनके प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करने के उदद्देश्य से छत्तीसगढ़ कर्मचारी राज्य बीमा सोसायटी का गठन वर्ष 2018 में किया गया है, जिसका लाभ पंजीकृत श्रमिक उठा रहे हैं।
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संवाद, संवेदना और विश्वास की नई धरती बन रहा है बस्तर - मुख्यमंत्री
रायपुर : राज्य सरकार की ‘आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025’ और ‘नियद नेल्ला नार योजना’ ने बस्तर अंचल में एक नई क्रांति की शुरुआत की है। इन नीतियों के परिणामस्वरूप माओवाद की हिंसक विचारधारा में लिप्त युवाओं में विश्वास जागा है और वे मुख्यधारा में लौटकर विकास की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बीजापुर जिले में “पूना मारगेम – पुनर्वास से पुनर्ज़ीवन” अभियान के तहत आज सुरक्षा बलों के निरंतर प्रयासों से कुल ₹66 लाख के इनामी 51 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। इन सभी ने संविधान पर आस्था व्यक्त करते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था में सम्मानजनक जीवन जीने का संकल्प लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम इस बात का प्रमाण है कि बस्तर भय और हिंसा के अंधकार से बाहर निकलकर शांति, विश्वास और प्रगति के नए युग में प्रवेश कर रहा है। शासन की संवेदनशील नीतियाँ और मानवीय दृष्टिकोण इस परिवर्तन की सबसे बड़ी शक्ति बनकर उभरी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का मानना है कि संवाद ही इस समस्या का स्थायी समाधान है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के मार्गदर्शन में देश अब नक्सल मुक्त भारत के लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर है। छत्तीसगढ़ सरकार इस दिशा में प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे इस परिवर्तन की यात्रा में सहभागी बनें, ताकि छत्तीसगढ़ का प्रत्येक गाँव शांति, प्रगति और समरसता का प्रतीक बन सके। -
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रायपुर : जनजातीय समाज के महान शिक्षाविद्, समाजसेवी एवं राष्ट्रनायक बाबा कार्तिक उरांव की जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर आज अंबिकापुर में भूमि पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बाबा कार्तिक उरांव जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि बाबा कार्तिक उरांव समाज के गौरव हैं। उन्होंने विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद अपनी धर्म, संस्कृति और सभ्यता को कभी नहीं छोड़ा। उन्होंने पुरखों के बताए हुए मार्ग पर चलते हुए उच्चतम शिक्षा अर्जित की और समाज को दिशा दी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बाबा कार्तिक उरांव का यह कथन-“जितना ज्यादा पढ़ेंगे, उतना ही समाज को गढ़ेंगे”- आज भी हमें प्रेरित करता है। उन्होंने जनजातीय समाज के उत्थान, शिक्षा के प्रसार और सामाजिक एकता के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित किया। हमें उनके दिखाए मार्ग पर चलकर समाज के सर्वांगीण विकास का संकल्प लेना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने नगर निगम कार्यालय के समीप बनने वाले बाबा कार्तिक उरांव चौक का भूमि पूजन किया तथा मूर्ति एवं चौक निर्माण के लिए ₹40.79 लाख की राशि की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह चौक बाबा कार्तिक उरांव के आदर्शों, विचारों और योगदान की स्मृति को सहेजने का प्रतीक बनेगा।
कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम ने कहा कि बाबा कार्तिक उरांव हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने समाज के उत्थान और विकास के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित किया। हमें उनके बताए हुए मार्ग पर चलने की आवश्यकता है। उन्होंने समाज की संस्कृति, सभ्यता, परंपरा और रीति-रिवाजों को सम्मान देते हुए समाज को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
सांसद श्री चिंतामणि महाराज ने कहा कि बाबा कार्तिक उरांव ने सदैव समाज में एकता, शिक्षा और जागरूकता का संदेश दिया। आज यह आवश्यक है कि हम उनके आदर्शों और बताए मार्ग पर चलकर समाज को संगठित करें और एकता के सूत्र में बांधें, जिससे जनजातीय समाज सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनकर देश के विकास में अपनी भागीदारी निभा सके।
इस अवसर पर सामरी विधायक श्रीमती उद्धेश्वरी पैकरा, जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनी भगत, सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को आगामी 1 नवम्बर को आयोजित होने वाले नवीन विधानसभा भवन के लोकार्पण समारोह में आमंत्रित करते हुए औपचारिक आमंत्रण पत्र भेंट किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह अत्यंत हर्ष और गर्व का अवसर है कि छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण की रजत जयंती वर्ष के शुभ अवसर पर प्रदेश की जनता को नवीन विधानसभा भवन समर्पित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कर-कमलों से इस भव्य एवं सुसज्जित विधानसभा भवन का लोकार्पण प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण क्षण होगा। उन्होंने कह कि यह भवन छत्तीसगढ़ की लोकतांत्रिक परंपराओं, विकास यात्रा और जनभावनाओं का प्रतीक बनेगा, जिसके हम सभी साक्षी बनेंगे। -
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मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने किया हिमालय अभियान के पर्वतारोहियों का सम्मान
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज जशपुर जिले के बगिया स्थित सीएम कैंप कार्यालय में ट्राइबल अल्पाइन एक्सपीडिशन हिमालय 2025 में सफलता प्राप्त करने वाले जशपुर जिले के पर्वतारोहियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने युवाओं के साहस, अनुशासन और अदम्य इच्छाशक्ति की सराहना करते हुए कहा कि जशपुर के युवाओं ने यह साबित किया है कि दृढ़ इच्छाशक्ति, लगन और आत्मविश्वास से किसी भी महान लक्ष्य को प्राप्त करना असंभव नहीं है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस उल्लेखनीय उपलब्धि से जशपुर और पूरे प्रदेश के आदिवासी युवाओं में एडवेंचर स्पोर्ट्स के प्रति नई जागरूकता और उत्साह पैदा होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे अभियानों से युवाओं में आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और सामूहिक भावना का विकास होता है।
उल्लेखनीय है कि जशपुर जिले के युवाओं ने हिमाचल प्रदेश में आयोजित ट्राइबल अल्पाइन एक्सपीडिशन हिमालय 2025 में भाग लेकर दुहांगन वैली में 5350 मीटर ऊंचाई तक सफलतापूर्वक आरोहण किया और छत्तीसगढ़ राज्य का गौरव बढ़ाया। अभियान के दौरान दल के सदस्यों ने ट्रैकिंग, रॉक क्लाइंबिंग और आइस क्लाइंबिंग जैसी कठिन व रोमांचक गतिविधियों में अपनी अद्वितीय दक्षता और साहस का परिचय दिया। यह दल जिला प्रशासन, जशपुर के सहयोग से सितंबर माह में रवाना हुआ था।
युवाओं ने मुख्यमंत्री श्री साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि शासन और प्रशासन के सहयोग एवं प्रोत्साहन से ही उन्हें हिमालय अभियान का हिस्सा बनने और यह उपलब्धि हासिल करने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि इस अभियान से मिले अनुभव और आत्मविश्वास से जिले के अन्य युवा भी साहसिक खेलों में भागीदारी के लिए प्रेरित होंगे।
युवाओं ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि शासन के सहयोग से आदिवासी वनांचल क्षेत्र जशपुर से हिमालय अभियान में भाग लेने का अवसर मिला। वहां विभिन्न प्रकार की एडवेंचर गतिविधियों — ट्रैकिंग, रॉक क्लाइंबिंग और आइस क्लाइंबिंग — में हिस्सा लेकर उन्होंने कठिन परिस्थितियों में टीम भावना और धैर्य का अभ्यास किया।
उल्लेखनीय है कि जनजातीय हिमालय पर्वतारोहण अभियान 2025 की शुरुआत एक स्थानीय प्रशिक्षण पहल के रूप में हुई थी, जो सामूहिक विश्वास, सहयोग और समर्पण से एक सशक्त अभियान में परिवर्तित हुई। इस पहल ने न केवल युवाओं में आत्मविश्वास और रोमांच की भावना जगाई, बल्कि छत्तीसगढ़ की पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक सशक्त बनाया। -
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20 करोड़ 53 लाख रुपए की लागत से बनेगा आधुनिक आर्चरी सेंटर
छत्तीसगढ़ के युवाओं को तीरंदाजी के क्षेत्र में आगे बढ़ने का मिलेगा अवसर – मुख्यमंत्री श्री साय
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में आज जशपुर जिले के बगिया स्थित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में बगीचा विकासखंड अंतर्गत सन्ना पंडरापाठ में तीरंदाजी अकादमी स्थापित करने के लिए जिला प्रशासन और एनटीपीसी के बीच एग्रीमेंट किया गया। एनटीपीसी द्वारा यह परियोजना कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) के तहत 20 करोड़ 53 लाख रुपए की लागत से संचालित की जाएगी। इस अवसर पर कलेक्टर श्री रोहित व्यास और एनटीपीसी के अपर महाप्रबंधक (मानव संसाधन) श्री बिलाश मोहंती उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि एनटीपीसी द्वारा सीएसआर के माध्यम से आर्चरी सेंटर की स्थापना के लिए 20 करोड़ 53 लाख रुपए की राशि प्रदान की जा रही है, यह अत्यंत हर्ष का विषय है। उन्होंने कहा कि जशपुर क्षेत्र के युवाओं में तीरंदाजी के प्रति अपार संभावनाएं हैं, और इस सेंटर के आरंभ होने से उन्हें प्रशिक्षण और संसाधनों की बड़ी सुविधा प्राप्त होगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वर्ष 2036 में भारत ने ओलंपिक खेलों की मेज़बानी के लिए दावेदारी प्रस्तुत की है। हमारी कोशिश होगी कि छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम में अधिकतम संख्या में शामिल हों और पदक जीतकर प्रदेश व देश का नाम रोशन करें। यह तभी संभव है जब हम आर्चरी सेंटर जैसे और प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करें। ऐसे केंद्रों के माध्यम से प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान कर उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने घोषणा की है कि ओलंपिक में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को 3 करोड़ रुपए, रजत पदक विजेताओं को 2 करोड़ रुपए और कांस्य पदक प्राप्त करने वालों को 1 करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी कहा कि राज्य खेल अलंकरण समारोह को पुनः आयोजित किए गए हैं और इसके माध्यम से प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में ‘खेलो इंडिया’ के नए प्रशिक्षण केंद्र आरंभ किए गए हैं और जनजातीय क्षेत्रों में खेल अधोसंरचना के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा देश प्राचीन काल से ही तीरंदाजी में अग्रणी रहा है। महाभारत और रामायण जैसे हमारे पवित्र ग्रंथों के नायक भी इस विधा में पारंगत रहे हैं। उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए हमें आधुनिक तकनीक और प्रशिक्षित मार्गदर्शन के माध्यम से नए आर्चर्स तैयार करने होंगे।
उल्लेखनीय है कि सन्ना पंडरापाठ में 10.27 एकड़ भूमि में यह अकादमी स्थापित की जाएगी। यहां आउटडोर तीरंदाजी रेंज, खिलाड़ियों के लिए छात्रावास, स्टाफ क्वार्टर, खिलाड़ियों की सुविधा हेतु भवन, जैविक खेती के लिए छायादार नर्सरी, पुस्तकालय, चिकित्सा केंद्र, कौशल विकास केंद्र, हर्बल वृक्षारोपण तथा प्रशिक्षण मैदान जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। -
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4.16 करोड़ लागत के 4 कार्यों का लोकार्पण और 36.72 करोड़ लागत के 9 विकासकार्यों का हुआ भूमिपूजन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज जशपुर जिले के फरसाबहार क्षेत्र के व्यापक विकास को नए आयाम देते हुए 40 करोड़ 89 लाख 26 हजार रुपए की लागत के 13 विकासकार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। इनमें 4 करोड़ 16 लाख 41 हजार रुपए लागत के 4 विकासकार्यों का लोकार्पण और 36 करोड़ 72 लाख 85 हजार रुपए लागत के 9 विकासकार्यों का भूमिपूजन शामिल हैं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने जिन विकासकार्यों का लोकार्पण किया उनमें 01 करोड़ 81 लाख 32 हजार रुपए लागत के मस्कामारा से होते हुए लवाकेरा मेन रोड तक मार्ग लं. 1.70 कि.मी., 01 करोड़ 29 लाख 56 हजार रुपए लागत के जिला जशपुर के अम्बाकछार पहुंच मार्ग लं. 1.00 कि.मी., 10 लाख रुपए लागत के आर सी.सी. पुलिया निर्माण, सिंहटोला दीपक घर से मेन रोड़ पहुंच मार्ग पर, ग्राम लावाकेरा और 95 लाख 53 हजार रूपए लागत के जशपुर के मुण्डाडीह पहुच मार्ग लं. 0.90 कि.मी. का निर्माण कार्य शामिल है।
इसी तरह उन्होंने 36 करोड़ 72 लाख 85 हजार रुपए लागत के जिन 9 विकासकार्यों का भूमिपूजन किया उनमें 31 लाख 38 हजार रूपए लागत के फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट, 23 करोड़ 96 लाख 94 हजार रूपए लागत के पमशाला में सरईटोला पहुंच मार्ग लं. 11.50 कि.मी. का निर्माण कार्य, 01 करोड़ 72 लाख 55 हजार रुपए लागत के फरसाबहार में विश्रामगृह भवन का निर्माण कार्य, 01 करोड़ 91 लाख 51 हजार रुपए लागत के प्रो.मै. आदिवासी बालक छात्रावास कोल्हेनझरिया का भवन निर्माण, 01 करोड़ 91 लाख 51 हजार रुपए लागत के प्रो.मै. आदिवासी बालक छात्रावास फरसाबहार का भवन निर्माण, 01 करोड़ 52 लाख 97 हजार रुपए लागत के प्री.मै. आदिवासी बालक छात्रावास लवाकेरा का भवन निर्माण, 01 करोड़ 52 लाख 97 हजार रुपए लागत के प्री.मै. आदिवासी बालक छात्रावास पण्डरीपानी का भवन निर्माण, 01 करोड़ 91 लाख 51 हजार रुपए लागत के प्रो.मै. आदिवासी बालक छात्रावास पंडरीपानी का भवन निर्माण कार्य और 01 करोड़ 91 लाख 51 हजार रुपए लागत के प्री.मै. आदिवासी बालक छात्रावास तपकरा का भवन निर्माण कार्य शामिल है।
इस अवसर पर सांसद श्री राधेश्याम राठिया, विधायक श्रीमती गोमती साय, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, नगर पालिका जशपुर के उपाध्यक्ष श्री यश प्रताप सिंह जूदेव,पूर्व संसदीय सचिव श्री भरत साय, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, पुलिस अधीक्षक श्री शशिमोहन सिंह, श्री विजय आदित्य सिंह जूदेव सहित जनप्रतिनिधिगण और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राज्योत्सव पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी करेंगे संग्रहालय का लोकार्पण
रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका ने आज अटल नगर नवा रायपुर में आदिवासी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान परिसर में शहीद वीर नारायण सिंह जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी स्मारक सह-संग्रहालय का जायजा लिया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी राज्योत्सव के अवसर पर देश के इस पहले डिजिटल संग्रहालय का लोकार्पण करेंगे। राज्यपाल श्री डेका ने लोकार्पण के तैयारियों के संबंध में अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश एवं मार्गदर्शन दिया।
राज्यपाल श्री डेका ने परिसर में स्थापित आदिवासी संग्रहालय का भी अवलोकन किया जहां प्रदेश के विभिन्न जनजातियों की संस्कृति, परंपराओं, रहन-सहन, आभूषण, उनकी आजीविका के साधन सहित उनके जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं को जीवंत रूप से प्रदर्शित किया गया है। राज्यपाल ने संग्रहालय की सराहना की और कहा कि छत्तीसगढ़ के जनजातियों की परंपरा, संस्कृति, असम राज्य के जनजातियों से मिलती जुलती है।
राज्यपाल ने डिजिटल संग्रहालय के अवलोकन के दौरान एआई तकनीक से कियोस्क पर क्लिक कर अपनी जनजातीय फोटो भी निकलवाई साथ ही एआई तकनीक से प्रधानमंत्री के साथ फोटो भी खिंचवाए।
अवलोकन के दौरान के अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने दोनों संग्रहालयों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्मारक सह-संग्रहालय छत्तीसगढ़ के जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर गहराई से अध्ययन व रिसर्च के बाद वीएफएक्स तकनीक और प्रोजेक्शन वर्क के साथ तैयार किया जा रहा है। दर्शक संग्रहालय में आकर जनजातीय विद्रोह को जीवंत महसूस कर सकेंगे।
राज्यपाल श्री डेका ने परिसर में एक पेड़ मां के नाम पर महुवा के पौधे लगाए। राज्यपाल को छत्तीसगढ़ में स्वतंत्रता संग्राम के आदिवासी जननायकों पर आधारित आदि विद्रोह पुस्तक की प्रति एवं जनजातीय संस्कृति पर आधारित पेंटिंग भेंट की गई।
इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव डॉ. सी.आर.प्रसन्ना, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर, जनजाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान की संचालक श्रीमती हिना अनिमेेष नेताम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।



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