- Home
- मुख्य समाचार
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज "एक पेड़ मां के नाम" अभियान के तहत सीआरपीएफ बस्तरिया बटालियन 241 वाहिनी के परिसर में नीम का पौधा रोपा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का अनूठा प्रयास है, जिसमें सभी लोग स्वस्फूर्त अपनी भागीदारी दे रहे हैं। श्री साय ने सभी से एक पौधा लगाने और उसकी देखभाल करने का आह्वान किया।उन्होंने कहा कि पौधरोपण से हम न केवल पर्यावरण को सुरक्षित करते हैं, बल्कि भावी पीढ़ियों को स्वच्छ हवा और स्वस्थ वातावरण का उपहार देते हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री साय बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक के बाद अचानक सीआरपीएफ बस्तरिया बटालियन के कैंप पहुंचे थे। वृक्षारोपण के दौरान सीआरपीएफ बस्तरिया बटालियन के सुरक्षा बल के जवान उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सरगुजा के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्पर्धा में जीते मैडल, मुख्यमंत्री ने उज्ज्वल भविष्य के लिए दी शुभकामनाएं
रायपुर : सरगुजा के चार खिलाडियों ने कर्नाटक के कुर्ग में 10 से 14 नवंबर तक आयोजित प्रोफेशनल नेशनल किक बॉक्सिंग लीग में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करते हुए 2 स्वर्ण और एक -एक रजत और कांस्य पदक हासिल इस राष्ट्रीय स्पर्धा में छत्तीसगढ़ का परचम लहराया। पदक विजेता इन खिलाड़ियों ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से उनके निवास कार्यालय में मुलाकात कर उन्हें अपनी उपलब्धियों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने इस खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।वाको इंडिया किक बॉक्सिंग फेडरेशन द्वारा आयोजित इस स्पर्धा में सरगुजा की स्वाति राजवाड़े ने 60 किलो से कम वजन वर्ग में गोल्ड, सरवर एक्का ने 50 किलो से कम वजन वर्ग में गोल्ड मैडल, सत्यम साहू ने 70 किलो से कम वजन वर्ग में रजत और संजना मिंज ने 50 किलो से कम वजन वर्ग में कांस्य पदक जीता है।
इस अवसर पर किक बॉक्सिंग एसोशिएशन ऑफ छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष श्री छगन लाल मूंदड़ा, कार्यकारी अध्यक्ष श्री तारकेश मिश्रा, सचिव श्री आकाश गुरु दीवान और टीम के कोच श्री खिलावन दास उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने 426 करोड़ रुपए से अधिक लागत की योजनाओं के तेजी से क्रियान्वयन के दिए निर्देश
8,091 किलोमीटर लाइनें, 2217 ट्रांसफॉर्मर, 7950 बसाहटें
रायपुर : आदिवासी अँचलों में बिजली से वंचित रह गए घरों में बिजली पहुंचाने के लिए 3 अतिविशिष्ट योजनाओं के माध्यम से 77,292 घरों में बिजली पहुंचाने की कार्ययोजना बनाकर उस पर अमल प्रारंभ कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी द्वारा इस महती कार्ययोजना पर कार्य किया जा रहा है जिसमें से 2 योजनाएं केंद्र सरकार की है तथा 1 योजना छत्तीसगढ़ शासन की है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने 426 करोड़ रुपए से अधिक लागत की इन योजनाओं का क्रियान्वयन शीघ्रता से करने के निर्देश दिए है। वहीं छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज के अध्यक्ष श्री रोहित यादव ने तीनों योजनाओं की प्रगति की नियमित तौर पर मॉनिटरिंग की व्यवस्था की है।
प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा-अभियान (पीएम जनमन) के अंतर्गत छत्तीसगढ़ की अति पिछड़ी 7 जनजातियों जिनमें अबुझमाड़िया, बैगा, भारिया, पहाड़ी कोरवा, कमार तथा बिरहोर शामिल हैं, इन 7 जनजातियों के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। ग्रिड से विद्युतीकृत गांवों के 7,077 घरों में बिजली पहुंचाने के लिए 37 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत 1,087 बसाहटों में 363.24 किलोमीटर 11 के.वी. लाइन, 267 नग 25 के.वी.ए. क्षमता के वितरण ट्रांसफॉर्मर तथा 650 किलोमीटर से अधिक निम्नदाब लाइनें बिछाई जा रही है। पीएम जनमन के तहत अभी तक 4,500 घरों में बिजली पहुंचाई जा चुकी है।
प्रधानमंत्री जनजाति उन्नत ग्राम अभियान की घोषणा हाल ही में की गई है जिसके अंतर्गत 919 गांवों के 65,711 अविद्युतीकृत घरों में बिजली पहुंचाने के लिए 323 करोड़ 63 लाख रुपए की कार्ययोजना को स्वीकृति मिली है। जिसके अंतर्गत 6,863 बसाहटों में 1889.56 किलोमीटर लाइनें, 25 के.वी.ए. क्षमता के 1950 वितरण ट्रांसफॉर्मर स्थापित किए जाएंगे तथा 5,188 किलोमीटर से अधिक निम्नदाब लाइनें बिछाई जाएंगी।
आदिवासी बहुल गांवों में बिजली पहुंचाने में सबसे बड़ी समस्या वहां के सघन वन क्षेत्र होते हैं। घने जंगलों में बहुत से क्षेत्र पहुंच विहीन होती हैं। इसके अलावा बस्तर के सघन वन क्षेत्रों में विरासत में मिली नक्सलवाद की समस्या भी है जिसके समाधान की दिशा में राज्य सरकार द्वारा केंद्र की मदद से लगातार प्रयास किया जा रहा है। इस मोर्चे पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के कार्यकाल में बड़ी सफलताएं भी मिल रही हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर सुरक्षाबलों की तैनाती केंद्र तथा राज्य शासन द्वारा की गई है। जिसके लिए सुरक्षा कैम्प बनाए गए है।सुरक्षा कैम्पों के समीप 5 किलोमीटर के दायरे में बहु-आयामी विकास कार्यों को गति देने के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय द्वारा नियद नेल्लानार योजना प्रांरभ की गई है। इस योजना के अंतर्गत 24 सुरक्षा कैम्पों के 5 किलोमीटर के दायरे में 96 गांवों में घरों को रोशन करने की कार्ययोजना बनाकर कार्य प्रारंभ किया गया है। इसमें ग्रिड से विद्युतीकृत 8 गांवों के 105 आवासों तथा ऑफग्रिड विद्युतीकृत 61 गांवों के 4,399 आवासों को ग्रिड से विद्युतीकृत करने की योजना प्रचलन में है।61 करोड़ रुपए की लागत से इस योजना के अंतर्गत उपकेंद्रों, वितरण लाइनों की स्थापना की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत बीजापुर जिले के यथागुण्डम तथा चिन्तावागु गांवों का विद्युतीकरण किया गया है तथा 60 आवासों में बिजली पहुंचाई जा चुकी है। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज के अध्यक्ष श्री रोहित यादव के निर्देशानुसार इन तीनों योजनाओं को प्राथमिकता से पूरा किया जाना है। एम.डी. डिस्ट्रीब्यूशन श्री भीमसिंह कंवर द्वारा नियमित तौर पर क्रियान्वयन की समीक्षा की जा रही है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय वन मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव के प्रति जताया आभार
रायपुर : छत्तीसगढ़ को बाघों के संरक्षण और संवर्धन के लिए ‘गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व‘ के रूप में एक नया टायगर रिजर्व मिल गया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस महत्वपूर्ण घोषणा के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय वन मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव को धन्यवाद दिया है। यह टायगर रिजर्व देश का 56वां टायगर रिजर्व होगा। गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 2829.387 वर्ग किलोमीटर होगा। इनमें आरक्षित वन 1254.586 वर्ग किलोमीटर, संरक्षित वन 1438.451 वर्ग किलोमीटर तथा राजस्व क्षेत्र 136.35 वर्ग किलोमीटर शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व को देश के 56वें टाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित किए जाने की जानकारी राष्ट्र को दी है। उन्होंने कहा कि भारत बाघ संरक्षण में नए मील के पत्थर स्थापित कर रहा है, इसी क्रम में हमने छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास-तमोर पिंगला को 56वें टाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित किया है। गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व 2,829 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की सलाह पर छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर जिलों में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व को अधिसूचित किया। कुल 2829.38 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस बाघ अभयारण्य में 2049.2 वर्ग किलोमीटर का कोर/ क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट शामिल है, जिसमें गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं, और इसका बफर क्षेत्र 780.15 वर्ग किलोमीटर का है। यह इसे आंध्र प्रदेश के नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व और असम के मानस टाइगर रिजर्व के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बनाता है। गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व देश में अधिसूचित होने वाला 56वां टाइगर रिजर्व बन गया है।
भारत की राष्ट्रीय वन्यजीव योजना में परिकल्पित संरक्षण के लिए परिदृश्य दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, नव अधिसूचित बाघ अभयारण्य मध्य प्रदेश में संजय दुबरी बाघ अभयारण्य से सटा हुआ है, जो लगभग 4500 वर्ग किलोमीटर का परिदृश्य परिसर बनाता है। इसके अलावा, यह अभयारण्य पश्चिम में मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य और पूर्व में झारखंड के पलामू बाघ अभयारण्य से जुड़ा हुआ है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने अक्टूबर, 2021 में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला बाघ अभयारण्य को अधिसूचित करने के लिए अंतिम मंजूरी दी थी।
छोटा नागपुर पठार और आंशिक रूप से बघेलखंड पठार में स्थित यह बाघ अभयारण्य विविध भूभागों, घने जंगलों, नदियों और झरनों से समृद्ध है, जो समृद्ध जीव विविधता के लिए अनुकूल हैं और इसमें बाघों के लिए महत्वपूर्ण आवास मौजूद हैं।
भारतीय प्राणी सर्वेक्षण द्वारा गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व से 365 अकशेरुकी और 388 कशेरुकी सहित कुल 753 प्रजातियों का दस्तावेजीकरण किया गया है। अकशेरुकी जीवों का प्रतिनिधित्व ज्यादातर कीट वर्ग द्वारा किया जाता है। कशेरुकी जीवों में पक्षियों की 230 प्रजातियाँ और स्तनधारियों की 55 प्रजातियाँ शामिल हैं, जिनमें दोनों समूहों की कई संकटग्रस्त प्रजातियाँ शामिल हैं।
इस अधिसूचना के साथ, छत्तीसगढ़ में अब 4 बाघ रिजर्व हो गए हैं, जिससे प्रोजेक्ट टाइगर के तहत राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से मिल रही तकनीकी और वित्तीय सहायता से इस प्रजाति के संरक्षण को मजबूती मिलेगी। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री ने 14 नवंबर को किया था नयी “छत्तीसगढ़ औद्योगिक नीति 2024-30” का विमोचन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बीते 14 नवंबर को छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास नीति 2024-30 का विमोचन किया। इसके साथ ही सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास नीति 2024-30 (#CGIndustrialPolicy24) पूरे दिन ट्रेंडिंग करता रहा। एक्स हैंडल पर #CGIndustrialPolicy24 पहले नंबर था।
ग़ौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में सरकार बनने के साथ ही मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने नयी औद्योगिक नीति बनाने की घोषणा की थी। इसे अमलीजामा पहनाते हुए राज्य गठन के 25वें वर्ष यानी रजत जयंती के साथ ही जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर 14 नवंबर को नयी छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास नीति 2024-30 पर विमोचन किया। विमोचन के बाद श्री साय ने इसे ऐतिहासिक दिन बताया। उन्होंने कहा कि इस औद्योगिक नीति का निर्माण सभी की सहभागिता से किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद यह 6वीं औद्योगिक नीति है जिसमें प्रदेश के युवाओं को अधिक-से-अधिक रोज़गार, पर्यटन और स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि बस्तर और सरगुजा क्षेत्र में भी उद्योगों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इस नयी नीति से अग्निवीरों, अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं के लिए भी रोज़गार और स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त होगा। नयी औद्योगिक विकास नीति में पर्यावरण संरक्षण का भी समुचित प्रावधान किया गया है। छत्तीसगढ़ में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए लागत को कम करते हुए, औद्योगिक पार्क, रेल, सड़क और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना हमारा लक्ष्य है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के विशेष प्रयासों से जगमड़वा बांध निर्माण ने लिए 39.77 करोड़ की निविदा जारी, बांध निर्माण कार्य जल्द होगा प्रारंभ
जगमड़वा जलाशय योजना के निर्माण से 1820 हेक्टेयर क्षेत्र में सिचांई सुविधा उपलब्ध होगी, मुख्य नहर से 14 गांव के हजारों किसान होंगे लाभान्वित
किसानों की समृद्धि और खुशहाली मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय सरकार की प्राथमिकता में शामिल-उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा
राज्योत्सव मे रखा गया था ,इस योजना का माडल, जनता ने दिखाई थी योजना पर रूची
कवर्धा : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मंशानुरूप प्रदेश में बरसो से लंबित सिंचाई परियोजनाओं तथा योजनाओं निर्माण के लिए राशि स्वीकृत की जा रही है। कबीरधाम जिले के सहसपुर लोहारा विकासखंड के ग्राम बोदलपानी में 69.76 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली जगमड़वा जलाशय योजना के निर्माण कार्य को गति मिली है।राज्य शासन से इस बांध के निर्माण के लिए 39.77 करोड़ रुपए जारी की गई है। जिसकी निविदा आमंत्रित की गई है, जिसके बाद निर्माण कार्य शीघ्र आरंभ होगा। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव से किसानों की सुविधाओं के विस्तार के लिए कबीरधाम जिले के लंबित सिंचाई योजना जगमड़वा जलाशय के राशि जारी करने के लिए विशेष अनुरोध किया था।
कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने बताया कि योजना के डुबान में शासकीय, निजी और वन भूमि कुल 120.02 हेक्टेयर भूमि आ रही है , जिसके मुआवजा और व्यपवर्तन के लिए त्वरित गति से कार्यवाई की जा रही है। साथ ही नहर निर्माण के लिए सर्वे और तकनीकी स्वीकृति भी प्राप्त कर ली गई है। मुआवजा और भूअर्जन की प्रक्रिया भी साथ-साथ चल रही है। जिसकी भी निविदा लगाई जाएगी।
जगमड़वा जलाशय योजना के निर्माण पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि किसानों की समृद्धि और खुशहाली मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। प्रदेश सरकार हर किसान को सिंचाई सुविधा, जल संरक्षण और फसल उत्पादन में सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जलाशय योजना न केवल किसानों की वर्षों पुरानी मांग को पूरा करेगी, बल्कि क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को भी मजबूत बनाएगी। इस परियोजना के मुख्य नहर से 14 गांवों के हजारों किसानों को सीधा लाभ होगा और 1820 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। यह परियोजना न केवल कृषि विकास बल्कि रोजगार, भू-जल स्तर सुधार, और ग्रामीण जीवन में सकारात्मक परिवर्तन का जरिया बनेगी।
उप मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने यह भी बताया कि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठा रही है। उपमुख्यमंत्री ने क्षेत्र के किसानों और ग्रामीणों से इस योजना के सफल क्रियान्वयन में सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश है कि सभी परियोजनाएं समय पर पूरी हों और उनके लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे।
जगमड़वा जलाशय योजना से क्षेत्र के किसानों की वर्षों पुरानी मांग पूरी होने जा रही है। जगमड़वा जलाशय योजना का शीर्ष कार्य स्थल सहसपुर लोहारा विकासखंड के ग्राम बोदलपानी है। योजना के तहत नदी पर पिकअप वियर का निर्माण किया जाएगा, जिससे बांयी और दांयी तट नहरों के माध्यम से अंतिम गांवों तक सिंचाई सुविधा पहुंचाई जाएगी। खरीफ सिंचाई उपरांत खेतों में उपलब्ध नमी से रबी फसल गेहू, चना और सब्जी आदि की पैदावार होगी, जिससे लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा। जलाशय से लगभग 498 क्विन्टल प्रतिवर्ष मत्स्य उत्पादन होगा, जिससे ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध होगा। सिंचाई सुविधा के फलस्वरूप कृषि भूमि की दरों में उन्नयन होगा। भू-जल स्तर में वृद्धि होगी, जिससे फसल उत्पादन, पेयजल एवं निस्तारी की समस्या दूर होगी। नहरों के सर्विस बैंक से ग्रामीणों को आवागमन की सुविधा प्राप्त होगी। यह क्षेत्र पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा, जिससे ग्रामीणों को रोजगार के अवसर प्राप्त होगें। वन्य प्राणियों एवं पालतू पशुओं को पानी की सुविधा उपलब्ध होगी।
मुख्य नहर से 14 गांवों के हजारों किसानों को मिलेगा सीधा लाभ:-
जगमड़वा जलाशय के निर्माण से खेती किसानी की उन्नति का रास्ता खुलेगा और किसान आर्थिक रूप से मजबूत होंगे। जगमड़वा जलाशय के निर्माण से ग्राम डुमरिया, बेलहरी, जगमड़वा, बानो, बासीन झोरी, लखनपुर, सिल्हाटी, लोहारा, राम्हेपुर, तिलईभाट, दलसाटोला, धनगांव, नवघटा, सबराटोला के हजारों किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। इस योजना से न केवल खेती-किसानी का स्तर ऊंचा होगा, बल्कि रोजगार और क्षेत्रीय विकास को भी नई दिशा मिलेगी।
किसानों ने जताया आभार
जगमड़वा जलाशय योजना की निर्माण कार्य में तेजी से क्षेत्र के किसानों और ग्रामीणों में उत्साह का माहौल है। किसानों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना उनके जीवन में बड़ा बदलाव लाएगी। इस जलाशय से हमें नियमित सिंचाई का लाभ मिलेगा और हमारी फसलों की पैदावार बढ़ेगी। वर्षों से इस योजना का इंतजार था, जो अब पूरा होता दिख रहा है। सरकार की यह पहल उन्हें आत्मनिर्भर बनाने और क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सहायक होगी।समाचार क्रमांक,1265/गुलाब डड़सेना- निखिलेश -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
निषाद समाज के सामाजिक भवन के लिए 10 लाख और निषाद समाज के पीड़ित परिवार की सहायता राशि 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख करने की घोषणा
मुख्यमंत्री निषाद समाज के युवक-युवती परिचय सम्मेलन व आदर्श विवाह कार्यक्रम में हुए शामिल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज यहां राजधानी रायपुर के ग्राम-फुंडहर में छत्तीसगढ़ निषाद समाज के 23वें राज्य स्तरीय युवक-युवती एवं विधवा-विधुर परिचय सम्मेलन तथा आदर्श विवाह कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने विवाहित जोड़ियों को शुभकामनाएं दी और निषाद समाज द्वारा किए जा रहे इस कार्य की सराहना की। इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री साय ने घोघरा नवापारा में समाज के सामुदायिक भवन के लिए 10 लाख रूपए देने की घोषणा की।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने गत दिनों ग्राम छरछेद में हुई घटना में निषाद समाज के पीड़ित परिवार की सहायता राशि को 10 लाख रूपए से बढ़ाकर 20 लाख रूपए करने और साथ ही पीड़ित परिवार के चार बच्चों को 18 वर्ष होते तक प्रतिमाह 4 हजार रूपए की भी सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवार के 2 युवाओं को कलेक्टर दर पर नौकरी दी जा चुकी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने निषाद समाज के सब-इंस्पेक्टर पद पर चयनित 10 युवाओं को सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि निषाद समाज द्वारा यह आयोजन बहुत अच्छा प्रयास है। सामाजिक एकता बहुत जरूरी है। समाज मे सभी बराबर होते हैं, कोई छोटा-बड़ा नहीं होता। संगठित समाज से सिर्फ समाज को ही फायदा नहीं होता बल्कि समाज के साथ-साथ देश भी मजबूत होता है। उन्होंने कहा कि सामाजिक उन्नति के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। शिक्षा से ही समाज आगे बढ़ता है। उन्होंने समाज प्रमुखों से सभी को शिक्षा का महत्व समझते हुए शिक्षा से जोड़ने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी गुहा निषाद राज के वंशज हैं, जिन्होंने श्री राम की नौका पार कराई थी। हमारी सरकार द्वारा श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन कराए जा रहे हैं। उन्होंने सभी से प्रभु श्री राम के दर्शन करने का आग्रह किया। श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना पुनः प्रारंभ की जा रही है। मुख्यमंत्री ने निषाद समाज को शासन की मत्स्य पालन की योजनाओं का लाभ लेने का भी आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदीजी की गारंटी को हम पूरा कर रहे हैं। दो साल का बकाया धान बोनस, तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक में बढ़ोत्तरी, आवासहीनों को प्रधानमंत्री आवासों की स्वीकृति जैसे अनेक निर्णय हमारी सरकार ले रही है और क्रियान्वित भी कर रही है। समर्थन मूल्य पर 14 नवम्बर से धान खरीदी की जा रही है। किसानों को 72 घण्टे में ही बेची गई धान की कीमत देने की व्यवस्था की गई है।
इस अवसर पर विधायक श्री कुंवर सिंह निषाद, विधायक श्री मोतीलाल साहू, छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री नेहरू निषाद भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर श्री एम आर निषाद, श्री सुरेश धीवर सहित बड़ी संख्या में निषाद समाज के प्रतिनिधि उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री साय के वीडियो-कॉल से बैडमिंटन प्लेयर रितिका के अरमानों को मिले पंख
मजदूर पिता की बेटी रितिका के जज़्बे को मुख्यमंत्री ने सराहा
छत्तीसगढ़ की खेल प्रतिभाओं को सींच रहे मुख्यमंत्री श्री साय
रायपुर : धमतरी की रहने वाली मजदूर पिता की बैडमिंटन प्लेयर बेटी रितिका ध्रुव ने कभी नहीं सोचा था कि उसका अपने खेल के प्रति जुनून एक दिन उसे मुख्यमंत्री से रूबरू करवा देगा। आज जब रितिका को मोबाइल पर वीडियो कॉल में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का स्नेहमयी चेहरा नजर आया तो उसे विश्वास नहीं हुआ कि उसकी बात प्रदेश की मुखिया से हो रही है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने रितिका से बात करते हुए उसके बैडमिंटन के हुनर को सराहा और उसका हौसला बढ़ाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप इसी तरह अपने बैडमिंटन के हुनर को निखारिये। खूब आगे बढ़िये और अपने माता-पिता के साथ पूरे छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाइये। हम आपके साथ हैं, आपको बैडमिंटन के लिए जो भी सहायता व सुविधाएं चाहिए उसे हम आपको देंगे। मुख्यमंत्री की ये बात सुनकर रितिका का चेहरा खिल उठा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने रितिका से वीडियो-कॉल में बड़ी आत्मीयता से बात की और उसके बैकग्राउंड के विषय में जाना। रितिका ने बताया कि उसके पिता जीवनयापन के लिए मजदूरी का कार्य करते हैं और माता आंगनबाड़ी सहायिका हैं। उसे बचपन से ही बैडमिंटन के खेल में रुचि थी। समय के साथ उसका ये शौक जुनून में बदल गया और वह पूरे तरह से इस खेल के प्रति समर्पित हो गयी। मगर परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि बड़े स्तर के टूर्नामेंट के लिए वह अपने टैलेंट को तराश सके। मुख्यमंत्री ने संघर्षों के बावजूद बैडमिंटन में शानदार प्रदर्शन के लिए रितिका की खूब सराहना की।
मुख्यमंत्री श्री साय को रितिका ने वीडियो कॉल पर बताया कि उसने बंगलुरू में खेलो-इंडिया यूनवर्सिटी लेवल गेम्स और हाल ही में ओडीसा में नेशनल टूर्नामेंट में हिस्सा लिया है। वह आगे नेशनल-इंटरनेशनल स्तर पर खेलना चाहती है और ओलम्पिक में मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करना चाहती है। मुख्यमंत्री श्री साय ने रितिका से कहा कि आपका ओलम्पिक का सपना भी पूरा होगा। मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ वे राज्य ओलंपिक संघ के अध्यक्ष भी हैं। आपकी तरह छत्तीसगढ़ की बेटियां जो अपने खेल में शानदार प्रदर्शन कर रही हैं, उन्हें सरकार का पूरा सहयोग मिलेगा।
मुख्यमंत्री को रितिका ने बताया कि वो अभी बीए अंतिम वर्ष में पढ़ाई भी कर रही है। मुख्यमंत्री श्री साय ने रितिका को खेल के साथ अपनी पढ़ाई भी पूरे मन से करने प्रोत्साहित किया। उन्होंने बिटिया को खूब आशीर्वाद देते हुए उसके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री से बात कर के रितिका के चेहरे पर खुशी की मुस्कान छा गयी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री साय लगातार प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं। उनका प्रयास है कि राज्य में खेल का मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर बनने के साथ-साथ यहां के टैलेंट को आगे बढ़ने का पूरा मौका मिले। इसी क्रम में मुख्यमंत्री श्री साय ने विगत दिनों छत्तीसगढ़ की पर्वतारोही निशा को किलिमंजारो पर्वत फतह करने कॉल कर पूरी मदद का आश्वासन दिया था। आज जब मुख्यमंत्री ने रितिका के संघर्ष और उसकी बैडमिंटन की प्रतिभा को जाना तो वीडियो कॉल पर बिटिया का हौसला बढ़ाया। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री के हाथों सम्मानित होकर अभिभूत हुए किसान हरिराम और उत्तम
रायपुर : समर्थन मूल्य पर धान खरीदी योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के द्वारा बालोद जिले के गुण्डरदेही विकासखण्ड के धान खरीदी केन्द्र भाठागांव बी में धान खरीदी के कार्य का विधिवत् शुभारंभ किया गया। धान खरीदी के पहले दिन मुख्यमंत्री श्री साय की उपस्थिति में संपन्न धान खरीदी के कार्य के शुभारंभ में शामिल होने का अवसर प्राप्त होने पर इस दौरान मौजूद कृषकों ने इस पल को अपने लिए अविस्मरणीय पल बताते हुए इसकी मुक्तकंठ से सराहना की।
इस अवसर पर धान की बिक्री करने हेतु धान खरीदी केन्द्र में पहुँचे ग्राम मोंगरी निवासी कृषक हरिराम साहू एवं ग्राम भाठागांव बी निवासी कृषक उत्तम निषाद मुख्यमंत्री के हाथों से सम्मानित होने पर बहुत ही अभिभूत हुए। इन दोनों किसानों ने इस पल को अपने जीवन का सबसे यादगार और रोमांचकारी क्षण बताया।
उन्होंने कहा कि अपने धान की बिक्री के लिए धान खरीदी केन्द्र में पहुँचने पर राज्य के मुखिया के हाथों से सम्मानित होना निश्चित रूप से हमारे लिए गौरव की बात है। यह क्षण उनके स्मृति पटल पर सदैव अंकित रहेगा। किसान हरिराम साहू ने बताया कि वे एक मध्यमवर्गीय किसान है। श्री साहू ने कहा कि राज्य शासन की समर्थन मूल्य पर धान खरीदी योजना उनके परिवार की खुशहाली के लिए बहुत बड़ा आर्थिक आधार है। उन्होंने बताया कि धान खरीदी केन्द्र में उन्होंने कुल 65 क्विंटल 20 किलो पतला धान की बिक्री की है। श्री साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाले छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा प्रति क्विंटल 3100 रुपये की दर पर प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी का निर्णय लिया गया है, जो बहुत ही सराहनीय एवं किसान हितैषी फैसला है।इसी प्रकार ग्राम भाठागांव बी के किसान श्री उत्तम निषाद ने कहा कि राज्य शासन के समर्थन मूल्य पर धान खरीदी योजना के अंतर्गत मिलने वाली राशि उनके परिवार के लिए मुश्किल वक्त का सहारा साबित होती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने एक सच्चे अभिभावक की तरह राज्य की किसानों की वास्तविक जरूरतों को समझते हुए धान खरीदी के दर में जो वृद्धि की है, उससे उनके जैसे अनेक किसान लाभान्वित होंगे। श्री उत्तम निषाद ने कहा कि राज्य शासन के इस निर्णय से राज्य के किसान बहुत ही प्रसन्नचित होकर इस योजना की भूरी-भूरी सराहना कर रहे हैं। उन्होंने इस किसान हितैषी निर्णय के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ सरकार को हृदय से धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया है। धान खरीदी केन्द्र में धान बिक्री के लिए आने वाले किसानों के लिए छांव, बैठक, शुद्ध पेयजल, शौचालय आदि सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई है। इससे सभी किसान सुगमता से बिना किसी असुविधा के धान की बिक्री कर पा रहे हैं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
हाथी प्रभावित इलाके से आए कलाकारों ने गांव में स्ट्रीट लाइट लगवाने का किया आग्रह : मुख्यमंत्री ने दी मंजूरी
रायपुर : राजधानी रायपुर में आयोजित दो दिवसीय जनजातीय गौरव दिवस में अपनी कला का प्रदर्शन करने आए जशपुर जिले के मुंडारी नृत्य दल के कलाकारों ने आज रात यहां मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से उनके निवास कार्यालय में मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि राजधानी के मुख्य समारोह में अपनी कला का प्रदर्शन करके उनके दल के सदस्य काफी उत्साहित हैं। उन्होंने इस आयोजन के माध्यम से मिले अवसर के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया।
मुख्यमंत्री ने इन कलाकारों से इनके गांव का हालचाल भी पूछा, जिसके जवाब में दल के सदस्यों ने बताया कि वे लोग बादलखोल अभ्यारण्य के बगीचा विकासखंड की ग्राम पंचायत बछरांव के निवासी हैं। यहां मुड़ा, नगेशिया, पहाड़ी कोरवा और उरांव जनजाति के परिवार निवासरत हैं। यह क्षेत्र हाथी प्रभावित है। तीन हजार की आबादी वाले इस गांव में इन लोगों ने सात स्ट्रीट लाइट की मांग मुख्यमंत्री से की। मुख्यमंत्री ने उन्हें स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए आश्वस्त किया।
लोक कलाकारों के इस दल में प्रतिभा मुंडा, मीना मुंडा, शांता, विष्णु बरला, रामदयाल, सुनीता, अनुराधा, अमिता बरला, विष्णु मांझी और विश्वनाथ प्रधान आदि शामिल थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
एक मंच पर दिखी विभिन्न राज्यों की संस्कृतियों की अनूठी झलक
देश भर से आए नर्तक दलों ने बिखेरी आदिवासी लोक नृत्यों की छटा
रायपुर : राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में दो दिवसीय जनजातीय गौरव दिवस एवं अंतर्राज्यीय आदिवासी लोक नृत्य महोत्सव का शुभारंभ हुआ। महोत्सव में विभिन्न राज्यों से आए लोक नर्तक दलों ने अपनी-अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया। इस अवसर पर सिक्किम, गुजरात, अरुणाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, जम्मू कश्मीर, छत्तीसगढ़, नागालैण्ड, उत्तरांचल, तेलंगाना, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, दमन दीव, गुजरात और राजस्थान के जनजातीय समूह ने पारंपरिक लोकनृत्यों की प्रस्तुति दी।
लोक नृत्य महोत्सव में पहली सांस्कृतिक प्रस्तुति छत्तीसगढ़ के माड़िया जनजाति ने गौर माड़िया नृत्य के माध्यम से दी। गौर माड़िया नृत्य छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर संभाग में गौर माड़िया जनजाति द्वारा किया जाता है। इस जनजाति का यह नृत्य बहुत ही हर्षाेल्लास से परिपूर्ण, सजीव एवं सशक्त होता है। सिक्किम के लिम्बू जनजाति समुदाय के लोक नर्तक दल ने प्रकृति पूजा, फसल और प्राणियों के संरक्षण में किए जाने वाला नृत्य चासोक तांगनाम नृत्य प्रस्तुत किया। गुजरात से आए लोकनर्तक दल ने सिद्दी गोमा नृत्य और राठवा नृत्य की प्रस्तुति दी। अरुणाचल प्रदेश से आए नर्तक समूह ने गेह पदम ए ना-न्यी की प्रस्तुति दी।
इसके उपरांत मध्यप्रदेश के डिंडौरी से आए गोंड जनजाति समूह ने सैला-रीना नृत्य की प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया। सैला-रीना नृत्य एवं गीत बहु जनजातीय नृत्य है। जम्मू कश्मीर के गुज्जर जनजातीय समुदाय के नर्तक दल ने मनमोहक गोजरी नृत्य की प्रस्तुति से खूब तालियां बंटोरी। जनजातीय गौरव दिवस एवं अंतर्राज्यीय आदिवासी लोक नृत्य महोत्सव के पहले दिन उत्तराखंड के जनजातीय समुदाय द्वारा दिया बाती नृत्य, तेलंगाना के द्वारा मथुरी नृत्य, उत्तर प्रदेश के द्वारा कर्मा नृत्य, कर्नाटक के द्वारा सुगाली नृत्य , आंध्र प्रदेश के द्वारा ढीमसा नृत्य, दमन दीव द्वारा तारपा नृत्य तथा राजस्थान के जनजातीय कलाकारों द्वारा चकरी नृत्य की प्रस्तुति दी गई।इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के जनजातीय कलाकारों द्वारा अलग-अलग तीज त्यौहारों के लोक नृत्यों की प्रस्तुति दी गई।
साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस एवं अंतर्राज्यीय आदिवासी लोक नृत्य महोत्सव के पहले दिन कलाकारों के साथ ही उपस्थित दर्शकों में भी जबरदस्त उत्साह का माहौल था।दर्शकों ने विभिन्न प्रदेशों से आए जनजातीय कलाकारों के नृत्य पर तालियां बजाकर उनका उत्साहवर्धन किया। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
14 से 27 नवंबर तक होगा आयोजन
रायपुर : नई दिल्ली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में छत्तीसगढ़ का स्टॉल इस बार विशेष आकर्षण का केंद्र है। यहां ढोकरा कला, कोसा सिल्क, बस्तर के बांस शिल्प और अन्य पारंपरिक शिल्पों की झलक देखने को मिलती है। इसके साथ ही, राज्य ने अपने औद्योगिक उत्पादों, विशेष आर्थिक क्षेत्रों और हर्बल उत्पादों को भी प्रमुखता से प्रदर्शित किया है। इस वर्ष की थीम “विकसित भारत @ 2047” को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ ने अपने स्टॉल को तैयार किया है। राज्य ने हाल के वर्षों में अपने आदिवासी क्षेत्रों के विकास, रोजगार सृजन, और औद्योगिक निवेश में उल्लेखनीय प्रगति की है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य ने एक मजबूत औद्योगिक और सामाजिक आधार तैयार किया है, जिसने देश-विदेश के निवेशकों को आकर्षित किया है।
उल्लेखनीय है कि नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 43वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 14 नवंबर से प्रारंभ हो गया है। इस वर्ष मेले की थीम “विकसित भारत @ 2047” है, जिसमें देश के सभी राज्यों व केन्द्रशासित प्रदेश अपनी प्रगति और उपलब्धियों को प्रदर्शित कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ भवन की आवासीय आयुक्त श्रीमती श्रुति सिंह ने छत्तीसगढ़ के पवेलियन का उद्घाटन किया। इस मौके पर छत्तीसगढ़ से आए कलाकारों ने करमा नृत्य की प्रस्तुति दी। ‘विकसित छत्तीसगढ़@2047' की अवधारणा पर छत्तीसगढ़ के ग्रामोद्योग, स्वयं सहायता समूह, हैंडलूम, हस्तशिल्प, हर्बल, कृषि विभाग आदि के स्टॉल लगाए गए हैं। 20 नवंबर को राज्य सांस्कृतिक दिवस मनाया जाएगा जहां लोक कलाकार प्रदेश की समृद्ध लोक कला और संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
15 नवंबर को आयोजित कार्यशाला में विभिन्न राज्यों के गिद्ध विशेषज्ञ होंगे शामिल
बाम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी और बर्ड काउंट इंडिया के प्रतिनिधि भी होंगे शामिल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ में विलुप्त होने के कगार पर पहुंचे वन्य जीव प्रजातियों के संरक्षण की दिशा में वन विभाग द्वारा कार्य किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में वन विभाग द्वारा 15 नवम्बर 2024 को नवा रायपुर स्थित अरण्य भवन में गिद्ध संरक्षण पर कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है जिसमें विभिन्न राज्यों में गिद्ध संरक्षण हेतु कार्य कर रहे विशेषज्ञ राजधानी रायपुर में गिद्धों के संरक्षण पर चर्चा करने के लिए एकत्रित होंगे। इस कार्यशाला में विशेषज्ञ और शोधार्थी अपने अनुभव साझा करेंगे और मध्य भारत में विशेषकर छत्तीसगढ़ में गिद्ध संरक्षण के क्षेत्र में अपने-अपने सुझाव प्रस्तुत करेंगे। बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस), बर्ड काउंट इंडिया और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ जैसी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी इस कार्यशाला में शामिल होंगे।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के इंद्रावती टाइगर रिजर्व, अचानकमार टाइगर रिजर्व, बस्तर और गुरु घासीदास टाइगर रिज़र्व और अन्य वन्यजीव अभ्यारण्यों में गिद्धों की छह प्रजातियाँ पाई जाती हैं जिसमे लॉन्ग बिल्ड वल्चर, व्हाइट रम्प्ड वल्चर, इजिप्शियन वल्चर, हिमालयन वल्चर, यूरेशियन वल्चर, और सिनेरियस वल्चर शामिल हैं। जंगल सफारी के संचालक श्री धम्म्शील गणवीर ने बताया कि गिद्ध जैव विविधता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, वे पर्यावरण में प्राकृतिक सफाईकर्मी के रूप में कार्य करते हैं और संक्रमण फैलने से रोकने में सहायक होते हैं। गिद्धों की संख्या में कमी के कारण पर्यावरण में जैविक असंतुलन उत्पन्न हो सकता है। इस कार्यशाला का उद्देश्य न केवल छत्तीसगढ़ में बल्कि संपूर्ण देश में गिद्ध संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना और गिद्ध संरक्षण में सामूहिक सहभागिता को बढ़ावा देना है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
जनजाति गौरव दिवस एवं कंवर समाज सम्मेलन में शामिल हुए मुख्यमंत्री
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ सरकार जनजाति समाज के सर्वांगीण विकास के लिए संकल्पित है। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जनजाति समाज के समग्र विकास के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। श्री साय आज बालोद जिले के गुण्डरदेही विकासखंड के ग्राम भाठागांव (बी) में आयोजित जनजाति गौरव दिवस एवं कंवर समाज के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के शौर्य और पराक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी अस्मिता, संस्कृति एवं मातृभूमि की रक्षा के लिए अंग्रेजी हुकूमत से लड़ाई लड़ी और 25 वर्ष की अल्पायु ने ही शहीद हो गए थे। मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्राम भाठागांव बी में कंवर समाज द्वारा संचालित हायर सेकंडरी स्कूल का शासकीयकरण करने तथा शाला भवन के जीर्णाेद्धार हेतु 25 लाख रुपए, गुण्डरदेही विकासखंड के ग्राम रेंगाकठेरा में आदिवासी पैंकरा कंवर समाज के सामाजिक भवन निर्माण हेतु 50 लाख रुपए एवं गुण्डरदेही के वार्ड नंबर 10 में राम मंदिर के राम सत्ता स्थल के निर्माण हेतु 10 लाख रुपए की राशि प्रदान करने की घोषणा की। कार्यक्रम की अध्यक्षता कंवर समाज के प्रदेश अध्यक्ष श्री हरबंश मिरी ने की।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने भगवान बिरसा मुंडा एवं संत गहिरा गुरु को नमन करते हुए कहा कि स्वाधीनता संग्राम के साथ साथ राष्ट्र व समाज के नवनिर्माण में जनजाति समाज की विभूतियों का महत्वपूर्ण योगदान है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा पूरे देश एवं दुनिया के साथ साथ भावी पीढ़ी को जनजाति समाज एवं जनजाति नायकों के गौरव गाथा का बोध कराने के लिए भगवान बिरसा मुंडा के जन्म दिवस 15 नवम्बर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई है। इससे जनजातीय समाज का गौरव बढ़ा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्राम भाठागांव (बी) के शहीद ठामन सिंह ठाकुर एवं जमींदार स्व दाऊ गिरधारी सिंह का गांव में शिक्षा के प्रसार के लिए उनके योगदान की सराहना की और कार्यक्रम में पहुंचने से पूर्व उनकी समाधि पर गए और पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर श्री साय ने कार्यक्रम स्थल में विभिन्न विभागों द्वारा लगाए स्टालों का अवलोकन कर सराहना की। कार्यक्रम में सांसद श्री भोजराज नाग, विधायक श्री कुंवर सिंह निषाद, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सोनादेवी देशलहरा सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में कंवर समाज के लोग उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
जनजाति गौरव दिवस पर पूर्वोत्तर राज्यों के कलाकार अपनी संस्कृति की दिखाएंगे झलक
वांगला-रुंगला, रेट-किनॉन्ग, गेह पदम ए ना-न्यी ई और सोलकिया आदिवासी नृत्यों की देंगे प्रस्तुति
रायपुर : राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में दो दिवसीय जनजातीय गौरव दिवस के भव्य आयोजन में देश के विभिन्न राज्यों के साथ पूर्वोत्तर राज्यों के कलाकार भी अपनी संस्कृति की झलक बिखेरेंगे। 14-15 नवम्बर को आयोजित कार्यक्रम में प्रस्तुति देने पूर्वोत्तर भारत के पांच राज्यों मेघालय, मिजोरम, असम, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के कलाकार रायपुर पहुंच चुके हैं। रायपुर रेलवे स्टेशन पर कलाकारों का पुष्पाहार और तिलक लगाकर स्वागत किया गया। पूर्वोत्तर राज्यों से आए ये कलाकार वांगला-रुंगला, रेट-किनॉन्ग, गेह पदम ए ना-न्यी ई, सोलकिया जैसे लोक नृत्यों की प्रस्तुति से अपनी संस्कृति के विविध रंग बिखेरेंगे।
फसल कटाई के बाद गारो आदिवासी करते हैं वांगला-रुंगला नृत्य, देवता मिस्सी सालजोंग का करते हैं धन्यवाद
जनजातीय गौरव दिवस पर प्रस्तुति देने मेघालय से 20 सदस्यों की टीम रायपुर आई है। यह दल गारो जनजाति द्वारा फसल कटाई के बाद किया जाने वाला वांगला-रुंगला लोक नृत्य प्रस्तुत करेगी। इसके कलाकार मेघालय की राजधानी शिलांग से करीब 200 किलोमीटर दूर नॉर्थ कर्व हिल्स (North Curve Hills) से आए हैं। दल का नेतृत्व कर रहे श्री मानसेन मोमिन ने बताया कि वांगला गारो जनजाति का लोकप्रिय त्योहार है। यह जनजाति कृषि अर्थव्यवस्था पर निर्भर है। फसल कटाई के बाद उर्वरता (Fertility) के देवता मिसी सालजोंग को धन्यवाद देने के लिए वे यह नृत्य करते हैं। वे फसल उपलब्ध कराने के लिए भगवान को धन्यवाद देते हैं, उनकी पूजा कर नाच-गाकर प्रार्थना करते हैं और नई फसल का भोग लगाते हैं। देवता मिसी सालजोंग को धन्यवाद देने से पहले किसी भी कृषि उत्पाद का उपयोग नहीं किया जाता है।
वांगला-रुंगला आदिवासी लोक नृत्य में महिला और पुरुष दोनों हिस्सेदारी करते हैं। पुरुष नर्तक अपना परंपरागत ढोल लेकर नृत्य करते हैं जिसे दामा कहा जाता है। वांगला-रुंगला लोक नृत्य में नर्तकों का नेतृत्व करने वाले को ग्रिकगिपा या तोरेगिपा कहा जाता है। इसमें महिलाएं संगीत की धुन पर अपने हाथ हिलाती हैं, जबकि पुरुष अपने परंपरागत ढोल को बजाकर नृत्य करते हैं।
दुश्मनों पर जीत के जश्न का नृत्य है सोलकिया, मंत्रोच्चार जैसे स्वर संगीत के साथ होता है नृत्य
मिजोरम की राजधानी आईजोल से रायपुर पहुंची लोक नृत्य दल यहां सोलकिया नृत्य की प्रस्तुति देगी। इसके 20 सदस्यों के दल में 11 पुरूष और नौ महिलाएं शामिल हैं। यह नृत्य मुख्यतः मिजोरम की मारा जनजाति द्वारा किया जाता है। ‘सोलकिया’ का अर्थ दुश्मन के कटे हुए सिर से है। सोलकिया नृत्य मूल रूप से दुश्मनों पर जीत का जश्न मनाने के लिए किया जाता था। खासकर उस मौके पर जब विजेता द्वारा दुश्मन का सिर ट्रॉफी के रूप में घर लाया जाता था। लेकिन अब यह सभी महत्वपूर्ण अवसरों पर मिजो समुदायों के पुरुषों और महिलाओं द्वारा किया जाता है।
मिजोरम के कलाकारों के दल का नेतृत्व कर रहे श्री जोथमजामा ने बताया कि सोलकिया नृत्य की शुरुआत पिवी और लाखेर समुदायों द्वारा की गई थी। इस लोक नृत्य के साथ आने वाला स्वर संगीत गायन की तुलना में मंत्रोच्चार के अधिक निकट है। ताल संगीत एक जोड़ी घडि़यों द्वारा प्रदान किया जाता है, जो एक दूसरे से बड़े होते हैं, जिन्हें डार्कहुआंग कहा जाता है। संगीत को बेहतर बनाने के लिए कई जोड़ी झांझ भी बजाए जाते हैं।
श्री जोथमजामा ने इस नृत्य को करने वाली मारा जनजाति के बारे में बताया कि यह एक कुकी जनजाति है जो मिजोरम की लुशाई पहाड़ियों और म्यांमार की चिन पहाड़ियों में रहती है। इन्हें लाखेर, शेंदु, मारिंग, ज़ु, त्लोसाई और खोंगज़ई नामों से भी जाना जाता है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
विभागीय कार्यों में लापरवाही के चलते काष्ठ डिपो में रखे वनोपज की गुणवत्ता खराब होने से राजस्व की क्षति का मामला
रायपुर : प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख छत्तीसगढ़ द्वारा लगातार विभागीय समीक्षा करते हुए विभागीय कार्यों में कसावट लाते हुए त्वरित कार्यवाही कर वनमंडल मोहला में पदस्थ रेंजर श्री हरिसूरजबली सिन्हा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन की यह कार्यवाही रेंजर हरिसूरजबली सिन्हा द्वारा काष्ठ पातन डिपो परिवहन के विदोहन योजना में लापरवाही के चलते वनोपज की गुणवत्ता खराब होने से राजस्व की क्षति होने, अग्नि प्रहरी के प्रमाणकों को जारी करने के लिए पैसों की मांग करने, अतिक्रमण, बेदखली की कार्यवाही के दौरान अधीनस्थों को सहयोग नहीं के कारण की गई है।
उल्लेखनीय है कि वनमंडलाधिकारी मोहला द्वारा रेंजर हरिसूरजबली सिन्हा को लगातार समझाईश देने के बाद भी उनकी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं हुआ था। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख, छत्तीसगढ़ ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियमों के तहत शासकीय कार्य एवं पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही तथा प्रकरण की जांच में प्रथम दृष्टतया दोषी पाये जाने पर निलंबित कर दिया है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
पारंपरिक खेलों और खिलाड़ियों को मिल रहा प्रोत्साहन
रायपुर : बस्तर संभाग के सभी जिलों में इन दिनों बस्तर ओलिंपिक का आयोजन हो रहा है। अबूझमाड़ जैसे बेहद पिछड़े ईलाके में भी बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक बस्तर ओलंपिक में हिस्सा ले रहे है। बस्तर ओलंपिक के शुभंकर मस्कट वनभैंसा और पहाड़ी मैना सबच्चें, युवा और आम नागरिक को आकर्षित हो रहे है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की विशेष पहल पर बस्तर संभाग में बस्तर ओलंपिक का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य राज्य के जनजातीय बहुल क्षेत्रों के खिलाड़ियों की खेल प्रतिभा को निखारना है और उन्हें रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ना है। मुख्यमंत्री श्री साय ने बस्तर अंचल के लोगों से इन खेल प्रतियोगिताओं में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि राज्य में खेल और खिलाड़ियों को लगातार प्रोत्साहन दिया जा रहा है और बस्तर अंचल में नई खेल अधोसंरचनाएं विकसित की जा रही है।
बस्तर ओलंपिक के आयोजन के तहत प्रथम चरण में 6 नवम्बर से 16 नवम्बर तक विकासखण्ड स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही है। दूसरे चरण में 19 नवम्बर से 26 नवम्बर तक जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी। इसके बाद अंतिम चरण में संभाग स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी। बस्तर ओलंपिक में युवा खो-खो, कब्बडी, बालीबाल, ऊंची कूद, तवाफेक, फुटबाल, गोलाफेक, तीरदांजी, बैडमिन्टन जैसे खेलों का आयोजन किया जा रहा है।
बचपन की यादें हो रही ताजा
बस्तर ओलंपिक में ऐसे खेल शामिल किए गए है जिसे ग्रामीणजन हमेशा से गांवों में खेलते आएं है। ग्रामीण परिवेश से जुड़े खेल होने के कारण बिना किसी हिचक के इन खेलों में उत्साह के साथ शामिल हो रहे है। इन आयोजनों में स्कूली बच्चों, ग्रामीण महिलाओं और बुजुर्गो को भी आनंद मिल रहा है। विशेषकर बुजुर्गो को अपने स्कूली जीवन और बचपन की याद ताजा हो रही है।
बस्तर ओलंपिक सराहनीय पहल
नारायणपुर के बोरावण्ड गांव के खिलाड़ी जयसिंह, रजनु यादव और उनके साथियों ने बस्तर ओलंपिक में अपने खेल को निखारने के इस अवसर के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त किया और उन्होंने कहा कि अबूझमाड़ के सुदूर पहुंचविहीन गांव के प्रतिभावान युवाओं की खेल प्रतिभा को निखारने के लिए यह उनकी सराहनीय पहल है। उन्होंने बताया कि कबड्डी पुरुष वर्ग में उनकी टीम ने विकासखंड स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया, जिसके लिए उन्हें ट्रॉफी, मेडल और टीम को ड्रेस प्रदान किया गया। जिला स्तर पर बेहतर प्रदर्शन के लिए तैयार है।
अबूझमाड़ अंचल में आ रहा बदलाव
बस्तर ओलंपिक में शामिल हो रहे खिलाड़ियों ने बताया कि अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षा और आधारभूत सुविधाओं में लगातार सुधार हो रहा है। इस क्षेत्र में माओवादी घटनाओं में कमी आई है और लोगों का जीवन स्तर भी बेहतर हो रहा है। अबूझमाड़ के संवेदनशील इलाकों में सड़क, बिजली, पानी, आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल और उप-स्वास्थ्य केंद्र जैसी बुनियादी सुविधाएं बड़ रही हैं। ईरकभट्टी, मसपुर और गारपा जैसे दूरस्थ गांवों तक अब पक्की सड़कें बन चुकी हैं, जिससे इन गांवों के निवासियों को शहरों और बाजारों से जोड़ने में आसानी हो रही है। नारायणपुर से गारपा और मसपुर तक बस सेवाओं की शुरुआत भी इस क्षेत्र के विकास में एक अहम कदम है, जिससे लोगों को यातायात में सहूलियत मिल रही है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर पहुंचे कलाकारों का रेलवे स्टेशन पर हुआ स्वागत
रायपुर : जनजातीय गौरव दिवस पर राजधानी रायपुर में 14-15 नवम्बर को आयोजित दो दिवसीय अंतरराज्यीय आदिवासी नृत्य उत्सव में असम के कलाकार रेट-किनॉन्ग और अरुणाचल प्रदेश का दल गेह पदम ए ना-न्यी लोक नृत्य प्रस्तुत करेंगे। उत्सव में शामिल होने रायपुर पहुंचने पर रेलवे स्टेशन पर कलाकारों का तिलक लगाकर स्वागत किया गया।
असम के कारबी जनजाति के लोक नृत्य रेट-किनॉन्ग में वहां की आदिम कृषि परंपरा को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया जाता है। अरुणाचल प्रदेश के आदि जनजाति के लोक नृत्य गेह पदम ए ना-न्यी में परंपरागत रूप से सूत कातने और बुनकरों के रूप में महिलाओं की अहम भूमिका को रेखांकित किया जाता है।

.png)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)

.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)