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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ का एक दिवसीय प्रवास पर आज रायपुऱ आगमन हुआ। राज्यपाल श्री रमेन डेका ने स्वामी विवेकानंद विमानतल माना में राजकीय गमछा पहनाकर और पुष्प गुच्छ भेंट कर उनका आत्मीय स्वागत किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव, केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री श्री तोखन साहू, विधायक गण तथा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाछत्तीसगढ़ में किसान हितैषी नीतियों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए मंत्री श्री नेताम को लाइफ टाइम अचीवमेंट सम्मानकृषि एवं शोध के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों और किसान भी सम्मानित‘‘कृषि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए वैश्विक अनुसंधान पहल’’ विषय पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभइंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के 39 में स्थापना दिवस में शामिल हुए कृषि मंत्रीरायपुर : कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम ने कहा कि मेहनतकश किसानों को सक्षम बनाने में विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं कृषि वैज्ञानिकों का महत्वपूर्ण योगदान है। इसी का परिणाम है कि आज किसान उन्नत कृषि तकनीक का उपयोग कर आत्मनिर्भर बन रहे है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में हमारी सरकार किसानों की उन्नति एवं समृद्धि के लिए निरंतर कार्य कर रही है। हमारी सरकार देश के अन्य राज्यों की तुलना में किसानों को धान का वाजिब मूल्य प्रदान कर उनका सम्मान बढ़ाया है। मंत्री श्री नेताम आज इंदिरा गांधी कृषि विश्वद्यालय के 39वां स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उक्त बाते कही।
इस मौके पर विश्वद्यालय द्वारा मंत्री श्री रामविचार नेताम को राज्य सरकार की किसान हितैषी नीतियों के क्रियान्वयन में उत्कृष्ट योगदान के लिए लॉइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साथ ही कृषि एवं शोध के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए कुलपति डॉ. गिरिश चन्देल, किसान श्री नारायण भाई चावड़ा, शिक्षक श्री बी.आर. चन्द्रवशी तथा डॉ. एम.एन श्रीवास्तव भी लॉइफ टाइम अचीमेंट पुरस्कार से सम्मानित हुए। मंत्री श्री नेताम इस अवसर पर ‘‘कृषि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए वैश्विक अनुसंधान पहल’’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया।कृषि मंत्री श्री नेताम ने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सहित देश के किसानों को कृषि और उ़द्यानिकी क्षेत्र में और कैसे सक्षम बनाया जाए इस दिशा में कृषि वैज्ञानिकों एवं शोधार्थियों को सोचने की जरूरत है हमारी सरकार किसानों को सक्षम बनाने के लिए किसान हित में बहुत से फैसले लिए है। हमारी सरकार ने किसानों से प्रति एकड़ 21 क्ंिवटल तथा 31 सौ रूपए प्रति क्ंिवटल के मान धान खरीद कर किसानों को देश में सर्वोच्च कीमत प्रदान कर रही है। वहीं किसानों को किए गये वायदों के मुताबिक लगभग 3800 करोड़ रूपए की बोनस राशि भी प्रदान की गई है। इससे प्रदेश के किसान आर्थिक रूप से समृद्ध हुए है।
मंत्री श्री नेताम ने कहा कि केशर, अखरोट सहित अन्य चिन्हाकिंत फसलों के लिए जम्मू-कश्मीर की अपनी एक अलग पहचान है। यह पहचान वहां के मेहनतकश किसानों के परिश्रम से बना है। वहां के किसान कॉपरेटिव सेक्टर बना कर एवं एग्रो से जुड़कर किस तरह से उन्नत कृषि कर रहें है। कार्यशाला में इस क बारे में भी जानने एवं समझने को मिलेगा उन्होंने इंदिरा कृषि विश्व विद्यालय के 39वें स्थापना दिवस एवं कार्यशाला के लिए बधाई एवं शुभकामानाएं दी कार्यशाला को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरिश चन्देल ने संबोधित किया।कार्यशाला इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर एवं राष्ट्रीय कृषि विकास सहकारी लिमिटेड, बरामूला (जम्मू-कश्मीर) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई थी। इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में देश भर के 21 राज्यों के 400 से अधिक कृषि वैज्ञानिक एवं शोधार्थी शामिल है। सम्मेलन में वैश्विक परिदृष्य में भूमि, जल तथा पर्यावरण के क्षेत्र में विद्यमान अवसरों एवं चुनौतियों पर विचार मंथन कर संसाधनों का बेहतर उपयोग कर इनमें निरंतर होने वाली कमियों को सुधारने के रास्ते तलाशे जाएंगे। सम्मेलन में संबंधित विषयों पर वैज्ञानिकों तथा शोधार्थियों द्वारा शोध पत्र तथा पोस्टर्स प्रस्तुत किया गया।
उल्लेखनीय है कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर की स्थापना 20 जनवरी 1987 को हुई थी। इस विश्वविद्यालय को छत्तीसगढ़ प्रदेश में कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार की जिम्मेदारी दी गई है, जिसे विश्वविद्यालय अपने 28 कृषि महाविद्यालय, 4 कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय, 1 खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, 08 अनुसंधान केन्द्र एवं 27 कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से संचालित कर रहा है। विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों में वर्तमान में लगभग 9000 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जिनमें स्नातक पाठ्यक्रमों में 2763, स्नात्तकोत्तर पाठ्यक्रमों में 500 तथा शोध पाठ्यक्रमों (पी.एच.डी.) में 115 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहें हैं। विश्वविद्यालय की स्थापना के पश्चात् 52 फसलों की लगभग 162 प्रजातियों का विकास किया गया है एवं कृषि से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए 100 से अधिक तकनीकें विकसित की गई हैं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाअनियमितता और लापरवाही पर सरकार सख्त, बीजापुर से लेकर रायपुर तक अधिकारियों पर कार्रवाई
बीजापुर में सड़क निर्माण में गड़बड़ी, भ्रष्टाचार, मिलीभगत, शासकीय राशि के अपव्यय और गुणवत्ताहीन कार्यों पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर के निर्देश, तत्काल प्रभाव से निलंबन भी
रायपुर में मोवा ओवरब्रिज की मरम्मत में अमानक एवं गुणवत्ताहीन कार्य और अनियमितता पर पांच अधिकारी निलंबित
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने विकास कार्यों में अनियमितता और लापरवाही करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर कड़ी कार्यवाही करते हुए जीरो टॉलरेंस का परिचय दिया है। राज्य शासन ने सड़क निर्माण और ओवरब्रिज मरम्मत कार्य में गड़बड़ी, लापरवाही, गुणवत्ताहीन कार्य और अनियमितता पर सख्ती बरतते हुए लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के विरूद्ध बीजापुर से लेकर रायपुर तक कड़ी कार्रवाई की है। राज्य शासन ने बीजापुर में सड़क निर्माण में गड़बड़ी, भ्रष्टाचार, मिलीभगत, शासकीय राशि के अपव्यय और गुणवत्ताहीन कार्यों के दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर के साथ ही निलंबन की भी कार्रवाई की है। एक अधिकारी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। वहीं रायपुर में मोवा ओवरब्रिज की मरम्मत में अमानक एवं गुणवत्ताहीन कार्य और अनियमितता पर पांच अधिकारियों को निलंबित किया गया है।
राज्य में भ्रष्टाचार और गडबड़ी पर जीरो टॉलरेंस पर अमल करते हुए सरकार ने आज कई अधिकारियों के विरूद्ध बड़ी कार्रवाई की है। बीजापुर में आर.आर.पी.-1 (एल.डब्ल्यू.ई.) योजना के अंतर्गत 54.40 किमी लंबाई के अति महत्वपूर्ण प्रगतिरत नेलसनार-कोडोली-मिरतुल-गंगालुर मार्ग के कार्य के संबंध में गठित जाँच दल से प्राप्त प्रतिवेदन में पाई गई गड़बड़ियों के गंभीर होने एवं संबंधित अधिकारियों के मिलीभगत होने के कारण सड़क निर्माण में शासकीय राशि के अपव्यय, गबन, त्रुटिपूर्ण मूल्यांकन प्रतिवेदन देने एवं ठेकेदार/निर्माण एजेंसी के साथ मिलकर भ्रष्टाचार करने के प्रथम दृष्टया साक्ष्य हैं।राज्य शासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क निर्माण कार्य में गड़बड़ियों, गंभीर भ्रष्टाचार, मिलीभगत कर शासकीय राशि के अपव्यय एवं जानबूझकर गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य किए जाने के कारण तत्कालीन कार्यपालन अभियंता श्री बी.एल. ध्रुव, अनुविभागीय अधिकारी श्री आर.के. सिन्हा और उप अभियंता श्री जी.एस. कोड़ोपी तथा अन्य संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध प्रकरण में भारतीय न्याय संहिता, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम एवं अन्य सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज कराकर तत्काल लोक निर्माण विभाग को सूचित करने के निर्देश बस्तर परिक्षेत्र, जगदलपुर के मुख्य अभियंता को दिए हैं।
नेलसनार-कोडोली-मिरतुल-गंगालुर मार्ग के कार्य के संबंध में गठित जाँच दल द्वारा बस्तर परिक्षेत्र के मुख्य अभियंता एवं बस्तर मंडल के अधीक्षण अभियंता के साथ विगत 8 जनवरी और 9 जनवरी को कार्यस्थल का निरीक्षण किया गया। इस दौरान कई कमियां पाई गईं। मार्ग के निर्माण कार्य में 29.00 किमी से 32.00 किमी एवं 50/10 तक कुल 4.20 किमी बी.टी. (OGPC+SEAL COAT) कार्य में अधिकांश जगह सील कोट (SEAL COAT) उखड़ गए हैं, जो डी.एल.पी. 06/2025 तक में है। किमी 41/2 से 50/10 मार्ग के विभिन्न फर्लांग (Furlong) में 41/10, 42/2, 42/6, 42/8, 42/10, 43/2, 43/4, 43/8, 44/6, 44/8, 45/4, 45/6, 45/8, 45/10, 46/6, 47/2, 47/10 एवं 50/8 सड़क सतह सिंक पोथोल्स (SINK POTHOLES) उत्पन्न हो गए हैं, जो डी.एल.पी. 06/2025 तक में है।किमी 28/4, 30/6 एवं 40/2 में पुल के एप्रोच स्लैब अपर्याप्त मोटाई (Inadequate Thickness) एवं बिना रिइनफोर्समेंट (Reinforcement) के बैक फीलिंग मटेरियल (Back filling material) के कमजोर कॉम्पेक्शन (Poor compaction) होने से सेटल्ड (Settled) हो गया है। इस प्रकार निर्धारित मानक एवं मापदण्ड का पालन किए बिना ही कार्य कराया जाकर अनुविभागीय अधिकारी एवं उप अभियंता द्वारा अधिकार का दुरूपयोग कर अपने पदीय कर्तव्य के निर्वहन में अनियमितता बरती गई है। इस पर कठोर कार्रवाई करते हुए विभाग ने अनुविभागीय अधिकारी श्री आर.के. सिन्हा, और उप अभियंता श्री जी.एस. कोड़ोपी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनका मुख्यालय नवा रायपुर स्थित लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता कार्यालय निर्धारित किया गया है। निलंबन अवधि में दोनों को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।
लोक निर्माण विभाग ने नेलसनार-कोडोली-मिरतुल-गंगालुर मार्ग के कार्य में निर्धारित मानक एवं मापदण्ड का पालन किए बिना ही कार्य कराए जाने को कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही, उदासीनता एवं स्वेच्छाचारिता को गंभीर कदाचार मानते हुए बीजापुर के सेवानिवृत्त प्रभारी कार्यपालन अभियंता श्री बी.एल. ध्रुव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्हें जारी नोटिस में विभाग ने कहा है कि क्यों न उक्त कृत्य के लिए आपके विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए। उन्हें इस संबंध में अपना लिखित प्रतिवाद नोटिस प्राप्ति के 15 दिवस की समयावधि में प्रस्तुत करने को कहा गया है। लिखित प्रतिवाद निर्धारित समयावधि में प्राप्त नहीं होने पर संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार एकपक्षीय कार्यवाही की जाएगी। मोवा ओवरब्रिज मरम्मत कार्य में गडबड़ी पर पांच अधिकारी निलंबित, उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कार्य का निरीक्षण कर जांच के दिए थे आदेश
लोक निर्माण विभाग ने रायपुर के मोवा रेलवे ओवरब्रिज की मरम्मत में अमानक एवं गुणवत्ताहीन कार्य तथा अनियमितता पर भी बड़ी कार्रवाई की है। जांच के बाद विभाग ने पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। ओवरब्रिज में डामरीकरण कार्य में शिकायतों का संज्ञान लेकर उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री श्री अरुण साव ने कार्य का औचक निरीक्षण किया था। उन्होंने निरीक्षण के दौरान कार्यस्थल पर गुणवत्ताहीन कार्य/खराबी पाई थी। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के सेतु परिक्षेत्र, रायपुर के मुख्य अभियंता द्वारा केन्द्रीय गुणवत्ता एवं अनुसंधान प्रयोगशाला, लोक निर्माण विभाग, रायपुर से जांच प्रतिवेदन प्राप्त की गई, जिसमें औसत बिटुमिन कंटेंट, कंबाईन्ड डेन्सिटी, मटेरियल के ग्रेडेशन मानक स्तर से कम पाया गया।इस प्रकार अमानक स्तर एवं गुणवत्ता के मापदण्डों का पालन किए बिना ही डामरीकरण का कार्य कराया जाकर कार्यपालन अभियंता, अनुविभागीय अधिकारी एवं उप अभियंताओं द्वारा अधिकार का दुरूपयोग कर अपने पदीय कर्तव्य के निर्वहन में अनियमितता बरती गई है। इस पर कड़ी कार्रवाई करते हुए विभाग ने कार्यपालन अभियंता श्री विवेक शुक्ला, अनुविभागीय अधिकारी श्री रोशन कुमार साहू तथा उप अभियंता श्री राजीव मिश्रा, श्री देवव्रत यमराज और श्री तन्मय गुप्ता को निलंबित किया है। निलंबन अवधि में इन सभी का मुख्यालय नवा रायपुर स्थित लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता कार्यालय निर्धारित किया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवागृह निर्माण मण्डल के दो अभियंताओं पर निलंबन की गिरी गाज
ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने की नोटिस
आवास एवं पर्यावरण मंत्री के निर्देश पर हाउसिंग बोर्ड के आयुक्त ने जारी किया आदेश
रायपुर : आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री ओ पी चौधरी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है।निर्माण कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित की जाएगी और प्रशासनिक कार्यों में किसी भी प्रकार की अनियमितता को सहन नहीं किया जाएगा। सुशासन के मद्देनजर शासकीय कार्यो में अनियमितता पाए जाने पर सख्ती से कार्रवाई हो रही है।
छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल जगदलपुर के कार्यपालन अभियंता श्री सी. के. ठाकुर और सहायक अभियंता श्री नीरज ठाकुर को निर्माण कार्य में अनियमितताएँ पाए जाने पर तत्काल निलंबित कर दिया गया है।
वित्त मंत्री श्री चौधरी के निर्देश पर छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के आयुक्त श्री कुंदन कुमार द्वारा कार्यपालन अभियंता और सहायक अभियंता का निलंबन आदेश तथा जगदलपुर के गृह निर्माण मण्डल के निर्माण कार्य से जुड़े ठेकेदार मेसर्स एन. के. कंस्ट्रक्शन दुर्ग को भी ब्लैकलिस्ट करने के लिए नोटिस जारी किया गया है।
गौरतलब है कि बीजापुर जिले के भैरमगढ़, भोपालपट्टम और उसूर (आवापल्ली) ब्लॉकों में जीएडी आवास भवनों के निर्माण कार्यों में मिली शिकायतों के बाद मुख्यालय स्तर पर जांच की गई। जांच में वित्तीय अनियमितताएं और कार्यों में विलंब पाया गया, जिसके बाद ठेकेदार मेसर्स एन. के. कंस्ट्रक्शन दुर्ग के पंजीयन को निरस्त करने नोटिस जारी किया गया है। यह भी खुलासा हुआ कि मेसर्स एन. के. कंस्ट्रक्शन को कार्य से अधिक राशि का आखिरी भुगतान पूर्ववर्ती सरकार के समय किया गया था। ठेकेदार को उस कार्य का भी भुगतान कर दिया गया था जो कार्य उसके द्वारा किया ही नहीं गया है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवालाभार्थियों ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का आभार जताया
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज महासमुंद में आयोजित स्वामित्व कार्ड वितरण कार्यक्रम में 25 भू-स्वामियों को स्वामित्व कार्ड प्रदान कर बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर लाभार्थियों को हार पहनाकर उनका अभिनंदन किया। इस अवसर पर हितग्राहियों के चेहरे खुशी से दमक उठे और उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त किया। लाभार्थियों ने एक स्वर में इस अभिनव योजना को ग्रामीण विकास के लिए क्रांतिकारी बताया।
महासमुंद जिले के ग्राम परसट्ठी के इंदरमन धु्रव, बुधारू साहू, और सखाराम ध्रुव सहित कई हितग्राहियों ने वर्षों से स्वामित्व अधिकार का इंतजार किया था। इंदरमन ध्रुव ने बताया, 23 साल से मैं अपने मकान में निवास कर रहा था, लेकिन स्वामित्व अधिकार के अभाव में कई योजनाओं का लाभ नहीं ले पाया। अब मेरे परिवार के लिए यह किसी उपहार से कम नहीं है। स्वामित्व योजना के तहत ड्रोन सर्वेक्षण तकनीक का उपयोग करके ग्रामीण नागरिकों को उनकी संपत्ति के मालिकाना दस्तावेज प्रदान किए जा रहे हैं।
ग्रामीण नागरिक इन दस्तावेजों का इस्तेमाल कर बैंकों के माध्यम से ऋण प्राप्त कर सकेंगे। यह योजना आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है। गौरतलब है कि देश के अब तक 3.17 लाख गांव में ड्रोन सर्वे पूरा किया गया है एवं 1.49 लाख गांव के लिए 2.19 करोड़ सम्पत्ति कार्ड तैयार किए गए है। छत्तीसगढ़ के सभी आबादी गांव में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है एवं 1384 गांवों में 1.84 लाख सम्पत्ति कार्ड तैयार किए गए है। स्वामित्व योजना का उद्देश्य भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण के माध्यम से ग्रामीणों को संपत्ति का अधिकार प्रदान करना है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि देशव्यापी स्वामित्व कार्ड वितरण के अंतर्गत आज छत्तीसगढ़ राज्य के 10 जिलो में स्वामित्व कार्ड का वितरण की शुरूआत की गई। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने महासमुंद जिले में 128 गांवों के 10 हजार 850 लोगों को स्वामित्व कार्ड का वितरण का शुभारंभ किया।
इसी तरह कोरबा जिले में उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव की मौजूदगी में आयोजित कार्यक्रम में 9 हजार, दुर्ग जिले में उप मुख्मयंत्री श्री विजय शर्मा ने 10 हजार 325, राजनांदगांव जिले में वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने 548, धमतरी जिले में खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल ने 12 हजार 716, स्वामित्व कार्डों का वितरण कर इसकी विधिवत् शुरूआत की।इसी प्रकार बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने पांच हजार 841, अम्बिकापुर जिले में वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी ने 471, सूरजपुर जिले में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्री लक्ष्मी राजवाड़े ने 478, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में कृषि मंत्री श्री राम विचार नेताम ने 757, कबीरधाम जिले में उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन द्वारा 7 हजार 025 स्वामित्व कार्डों का वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवावित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी व्यापार महोत्सव 2025 में हुए शामिल
रायपुर : छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा जयंती स्टेडियम भिलाई में आयोजित व्यापार महोत्सव 2025 में शनिवार को वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी ने शिरकत की। उन्होंने मेले का अवलोकन कर व्यापारियों और उद्यमियों से मुलाकात की तथा व्यापार क्षेत्र के विकास को लेकर चर्चा की।
इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से न केवल व्यापारियों को एक मंच मिलता है, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी नई गति मिलती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार व्यापार और उद्योग के अनुकूल वातावरण बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है।
महोत्सव के दौरान वित्त मंत्री ने विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण किया और व्यापारियों से उनकी समस्याओं एवं आवश्यकताओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने राज्य सरकार की नीतियों के अनुरूप व्यापारियों को हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया।
व्यापार महोत्सव में विभिन्न क्षेत्रों से आए व्यापारियों ने खाद्य उत्पाद, वस्त्र, हस्तशिल्प, इलेक्ट्रॉनिक्स, कृषि उत्पाद और अन्य व्यवसायिक सामग्रियों की प्रदर्शनी लगाई। इस अवसर पर विधायक श्री गजेंद्र यादव सहित बड़ी संख्या में नागरिकों और व्यापारियों की उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाछत्तीसगढ़ सरकार युवाओं के कौशल विकास और रोजगार के अवसर प्रदान करने पूरी तरह प्रतिबद्ध - उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा
अनुबंध छत्तीसगढ़ के युवाओं के भविष्य को संवारने में मील का पत्थर होगा साबित
रायपुर : छत्तीसगढ़ में युवाओं को रोजगार और कौशल विकास के क्षेत्र में नई संभावनाएं प्रदान करने के उद्देश्य से आज शहीद स्मारक ऑडिटोरियम, रायपुर में उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा और वन एवं कौशल विकास मंत्री श्री केदार कश्यप के मुख्य आतिथ्य में कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा और रोजगार विभाग के सचिव श्री एस भारतीदासन ने सीएसआरबॉक्स फाउंडेशन, सीआईआई यंग इंडियंस और अपनाटेक प्राइवेट लिमिटेड के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर संचालक तकनीकी शिक्षा और रोजगार श्री ऋतुराज रघुवंशी, अपनाटेक प्राइवेट लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट डॉ प्रीतसिंह, सीएसआरबॉक्स फाउंडेशन के वाइस प्रेसिडेंट श्री मनो विराज सिंह, वाईस प्रेजिडेंट और सीआईआई यंग इंडियंस के चेयर पर्सन श्री गौरव अग्रवाल के अलावा अन्य अधिकारी कर्मचारी और विभिन्न संस्थान के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।अनुबंध निष्पादन समारोह के अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार युवाओं के कौशल विकास और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आज का यह अनुबंध छत्तीसगढ़ के युवाओं के भविष्य को संवारने में मील का पत्थर साबित होगा। हमारा उद्देश्य केवल युवाओं को नौकरी देना नहीं है, बल्कि उन्हें ऐसा कौशल प्रदान करना है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें और अपने क्षेत्र में नई ऊंचाइयां हासिल कर सकें। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि हर छात्र चाहे वह आईटीआई से हो इंजीनियरिंग कॉलेज से हो या पॉलीटेक्निक से उसके पास रोजगार का उचित अवसर हो। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि रोजगार के लिए पंजीकृत छात्रों का डेटा पूरी तरह सुरक्षित रहेगा और यह केवल राज्य के हित में उपयोग किया जाएगा। उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि अनुबंध के तहत जो भी सेवाएं प्रदान की जाएंगी, वे पूर्ण पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ सुनिश्चित की जाएंगी।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने युवाओं से सीजी रोजगार पोर्टल पर पंजीकरण करने की अपील करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हर युवा को उसकी क्षमता और योग्यता के अनुरूप एक सही दिशा मिले। युवाओं के सपनों को साकार करने के लिए यह सरकार हर संभव प्रयास करेगी। अपनाटेक प्राइवेट लिमिटेड, सीएसआरबॉक्स और सीआईआई यंग इंडियंस जैसे साझेदारों के साथ मिलकर राज्य में रोजगार और कौशल विकास का एक नया युग शुरू हो रहा है। आईबीएम द्वारा फ्री ऑफ कॉस्ट सर्टिफिकेशन कोर्स करवाया जाएगा जो राज्य के आईटीआई, इंजीनियरिंग और पॉलीटेक्निक कॉलेजों में उपलब्ध होगा। इस कोर्स से छात्रों को वैश्विक मानकों के अनुसार प्रशिक्षित किया जाएगा और कम से कम 10% छात्रों को रोजगार सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि युवा अगर चाहे तो बड़े से बड़ा बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि नवाचार केवल एक विचार से शुरू होता है।हमें अपने युवाओं को प्रेरित करना होगा कि वे केवल वही न बनाएं जो पहले से बाजार में है, बल्कि ऐसे नए उत्पाद और समाधान तैयार करें, जो समाज के लिए उपयोगी हों। एक छोटी सोच को बड़ा लक्ष्य बनाकर ही सफलता पाई जा सकती है। इस अनुबंध के साथ सरकार ने कौशल विकास और रोजगार के क्षेत्र में एक नई शुरुआत की है, जो राज्य के युवाओं को एक उज्जवल भविष्य की ओर ले जाएगी। वन एवं कौशल विकास मंत्री श्री केदार कश्यप ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ के युवाओं में अपार क्षमता है, लेकिन उन्हें सही मार्गदर्शन और अवसरों की आवश्यकता है। यह अनुबंध सुनिश्चित करेगा कि ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों के युवा भी मुख्यधारा में शामिल हो सकें और अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन कर सकें। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार युवाओं को सशक्त बनाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना चाहती है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : बीजापुर के पुतकेल में हुए माओवादी हमले में घायल हुए दो बहादुर जवानों से आज उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने रायपुर के अस्पताल में मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने जवानों का कुशलक्षेम जाना, उनसे बातचीत की और उनका हौसला बढ़ाया।उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने संबंधित डॉक्टरों और अधिकारियों से जवानों के इलाज की प्रगति की जानकारी ली और यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि उनके इलाज में किसी भी प्रकार की कमी न हो। उन्होंने कहा कि इन जवानों के शौर्य और साहस के कारण नक्सल मोर्चे पर हमें निरंतर सफलता मिल रही है।उपमुख्यमंत्री ने जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा स्थापित करने के लिए संकल्पित है। जवानों के बलिदान और समर्पण को कभी भुलाया नहीं जाएगा। उनके साहस ने पूरे प्रदेश को गौरवान्वित किया है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : आज उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने बस्तर ओलंपिक 2024 के यूथ आइकन खिलाड़ियों से निवास कार्यालय में मुलाकात की। इस अवसर पर खिलाड़ियों ने अपनी उपलब्धियों और अनुभव साझा किए। मुलाकात के दौरान सुशीला कुहरामी, उमेश सिंह, कृतिका मरकाम, रंजू सोरी, योगिता मरकाम, रामकुमार कुरेटी, दुलारी मंडावी, मानुराम उसेंडी, बिंदु तेलम, ध्रुवा वीरेंद्र, सोयम ललिता, किच्चे महेश, राखी नेताम, सोमारू राम, राधा नेताम, जितेंद्र कोसा, रामु राम, दिनेश कुमार और प्रियंका कश्यप उपस्थित रहे।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप बस्तर के यूथ आइकन हैं और अपने संघर्ष व उपलब्धियों के माध्यम से क्षेत्र के अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि बस्तर में विकास को नई ऊंचाई तक पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सड़कों, स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों, स्वास्थ्य सेवाओं और मोबाइल टावर जैसी सुविधाओं को हर गांव तक पहुंचाने का लक्ष्य सरकार का है।
उपमुख्यमंत्री ने बस्तर के युवाओं से अपील की कि वे क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि बंदूक उठाकर जंगलों में भटकने से समस्याओं का समाधान नहीं होगा। इसके बजाय, बस्तर के विकास और यहां की समस्याओं के समाधान के लिए संवाद और सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने खिलाड़ियों से आग्रह किया कि वे अपने अनुभव और प्रभाव का उपयोग करके युवाओं को सही दिशा दिखाएं।
इस अवसर पर खिलाड़ियों को विशेष उपहार किट प्रदान की गई, जिसमें उनकी आवश्यकताओं और उपयोगिता का ध्यान रखा गया। मुलाकात के अंत में उपमुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं और कहा कि उनकी उपलब्धियां न केवल बस्तर बल्कि पूरे प्रदेश के लिए गर्व का विषय हैं। बस्तर ओलम्पिक के आइकन को विधान सभा भ्रमण मंत्रालय भ्रमण, स्वामी विवेकानंद विमानतल, माना, रायपुर, रेलवे स्टेशन, रायपुर, जंगल सफारी, नया रायपुर, पुलिस अकादमी, प्रशासन अकादमी, रायपुर, सिटी सेंटर मॉल, लाईट एण्ड साउण्ड शो, साइंस सेंटर, गंगरेल, जिला-धमतरी, राम मंदिर, रायपुर, वनवासी कल्याण आश्रम, रायपुर का भ्रमण करवाया गया।बस्तर ओलम्पिक के आइकन को कॉलेज बैग, रेडियो, थाली, गिलास, पानी की बोतल, हाथ घड़ी, मोबाइल, मिठाई, टी-शर्ट, लोअर, टोपी, पेन, डायरी, कैलेंडर आदि सामग्री दी गयी। -
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कल्याणकारी योजनाओं को हितग्राहियों तक पहुंचाने में बैकों की है महत्वपूर्ण भूमिका: वित्त मंत्रीराज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की समीक्षा बैठक में बैंकिंग सुविधाओं को बढ़ावा देने पर दिया गया जोररायपुर : छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाने में बैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बैंकिंग सेवाओं के विस्तार के लिए राज्य सरकार सजग है और पिछड़े एवं दूरस्थ इलाकों में बैंकिंग सुविधाओं के विस्तार के लिए हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए तैयार है। वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी ने आज राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक को सम्बोधित करते हुए यह बात कही।
वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था में बैंकिंग सिस्टम रीढ़ की तरह है। बिना बैंकिंग सुविधा का विकास किए बिना हम प्रदेश का विकास नहीं कर सकते इसलिए हमें तेजी से बैंकिंग सुविधाओं का विस्तार करना होगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ डीबीटी के मामले में देश में अग्रणी राज्य है। राज्य में पहले की अपेक्षा में बैंकिंग सेवाओं का विस्तार हुआ है, लेकिन अभी और विस्तार की गूंजाईश है। उन्होंने बताया कि राज्य का सीडी रेसियो राष्ट्रीय स्तर से बेहतर है और छत्तीसगढ़ देश में तीसरा सर्वाधिक सीडी रेसियो वाला राज्य है। लेकिन कुछ जिलों का सीडी अनुपात कम है, इसे बढ़ाने पर जोर देना चाहिए।
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने बैंक अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों को खरीफ के साथ-साथ रबी, उद्यानिकी, मत्स्यपालन और पशुपालन के लिए भी पर्याप्त मात्रा में ऋण उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख से अधिक आवास निर्माण का वृहद अभियान चलाया जा रहा है। पीएम आवास के लाभार्थियों को यदि बैंक ऋण उपलब्ध कराया जाता है तो लाभार्थियों के लिए व्यवस्थित और सुविधायुक्त आवास बनाने में आसानी होगी। इससे राज्य में रोजगार के अवसरों के साथ-साथ आर्थिक क्रियाकलापों में भी बढ़ोतरी होगी।
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नवा रायपुर में बैंकों के रीजनल और हेड ऑफिस प्रारंभ करने के लिए हर संभव मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि नया रायपुर में रीजनल और हेड ऑफिस बनाने के लिए सरकार द्वारा जमीन आवंटन प्राथमिकता से किया जाएगा। उन्होंने बैंक अधिकारियों को कहा कि छत्तीसगढ़ के पिछड़े और दूरस्थ इलाकों में बैंक शाखाएं प्रारंभ करने पर इन शाखाओं को सरकारी योजनाओं की डिपॉजिट दिलाने की पहल की जाएगी।
समीक्षा बैठक को अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री मनोज पिंगुआ, प्रमुख सचिव सुश्री निहारिका बारिक सिंह , प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा, एसबीआई के उप प्रबंधक निदेशक श्री सुरेन्दर राणा, सीजीएम नाबार्ड श्री ज्ञानेंद्र मणि, श्रीमती शीतल एस वर्मा डीआईएफ छत्तीसगढ़ सहित अनेक बैंक अधिकारियों ने संबोधित किया। बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती शहला निगार, वित्त सचिव मुकेश कुमार बंसल सहित विभिन्न विभागों के सचिव, आयुक्त, संचालक स्तर के अधिकारी और बैंकर्स उपस्थित थे। -
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रबी फसल के लिए किसानों को मिला 336 करोड़ रूपए का कृषि ऋणरायपुर : छत्तीसगढ़ में 16.41 लाख हेक्टयर क्षेत्रों में चना, गेहू, मटर, अलसी, सरसों, मक्का, रागी सहित विभिन्न रबी फसलों की बोनी हो चुकी है, जो कुल बोनी का 85 प्रतिशत है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर खरीफ सीजन की तरह रबी सीजन के लिए भी अल्पकालीन कृषि ऋण का भी प्रावधान किया गया है। अब तक किसानों को रबी फसल के लिए 336 करोड़ रूपए की ऋण राशि प्रदाय किया जा चुका है।रबी फसल के लिए इस वर्ष 2.89 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें 1.63 लाख क्विंटल बीज का भण्डारण कर 1.46 लाख क्विंटल बीज वितरित किया गया है, जो भण्डारण का 90 प्रतिशत है। इसी प्रकार रबी फसल के लिए राज्य में 4.65 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण करने का लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 5.58 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का भण्डारण कर 2.20 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का वितरण किया गया है जो कुल भण्डारण का 39 प्रतिशत है। -
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179 बच्चों को पांच दवाओं से निर्मित बाल रक्षा किट भी दिए गएरायपुर : बच्चों के व्याधिक्षमत्व, पाचन शक्ति, स्मरण शक्ति, शारीरिक शक्तिवर्धन एवं रोगों से बचाव के लिए शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय, रायपुर में बुधवार को 2516 बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया गया। विभिन्न रोगों से रोकथाम एवं इम्युनिटी बढ़ाने के लिए 179 बच्चों को पांच दवाईयों से बने बाल रक्षा किट भी वितरित किए गए। आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय के कौमारभृत्य विभाग द्वारा हर पुष्य नक्षत्र तिथि में शून्य से 16 वर्ष के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाता है। स्वर्णप्राशन के साथ ही डॉ. लवकेश चंद्रवंशी ने बच्चों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया।
शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय परिसर में आयुष विभाग की संचालक सुश्री इफ्फत आरा, प्राचार्य प्रो. डॉ. जी.आर. चतुर्वेदी, चिकित्सालय अधीक्षक प्रो. डॉ. प्रवीण कुमार जोशी और कौमारभृत्य विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. नीरज अग्रवाल के निर्देशन में स्वर्णप्राशन कराया गया। महाविद्यालय के कौमारभृत्य विभाग की व्याख्याता डॉ. सत्यवती राठिया तथा स्नातकोत्तर एवं स्नातक छात्र-छात्राएं हर महीने इसमें महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। -
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मैनपुर के दुर्गम वनांचल डुमरपड़ाव से जागड़ा तक पक्की सड़क का निर्माण प्रारंभआजादी के 75 वर्ष बाद सड़क निर्माण की प्रभावी पहल: मुख्यमंत्री श्री साय का ग्रामीणों ने जताया आभाररायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के कुशल और संवेदनशीलता नेतृत्व में गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखंड के नक्सल प्रभावित दुर्गम वनांचल क्षेत्रों में पक्की सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ हो चुका है। नेशनल हाईवे 130सी के डुमरपड़ाव से जागड़ा तक 4.7 किमी लंबी सड़क के निर्माण के लिए 3.02 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। दशकों से सड़क की मांग कर रहे ग्रामीणों ने इस ऐतिहासिक पहल के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार प्रकट किया है। क्षेत्र के दर्जनभर गांवों के हजारों लोग इस सड़क के अभाव में आवागमन और स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित थे। अब इस सड़क के निर्माण से उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद जगी है।
ग्रामीणों का कहना है कि आजादी के 75 वर्षों बाद यह पहली बार है जब उनकी सड़क निर्माण की मांग पर गंभीरता से ध्यान दिया गया है। ग्राम पंचायत जागड़ा के सरपंच मिथुला बाई नेताम, उपसरपंच भानु प्रताप सिन्हा और अन्य ग्रामीणों ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने उनकी वर्षों पुरानी मांग को पूरा करके ग्रामीणों के हित के लिए बहुत बड़ा कार्य किया है। ग्रामीणों ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय ने हमारी समस्या के प्रति संवेदनशीलता का परिचय देते इसे हल करने की तत्काल पहल की है।
उल्लेखनीय है कि गरियाबंद जिले के मैनपुर विकास खंड मुख्यालय से 40 किमी दूर पयलीखंड और जांगड़ा जैसे गांव अब पक्की सड़क से जुड़ने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने स्पेशल केंद्रीय सहायता फंड से इस सड़क निर्माण कार्य को मंजूरी दी है। सड़क बन जान से न केवल आवागमन सुगम होगा, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा और बिजली जैसी सुविधाओं का लाभ भी ग्रामीणों को मिल सकेगा। यह सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बन रही है। 3.02 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन सड़क निर्माण कार्य शीघ्र ही पूरा होने की उम्मीद है।
पक्की सड़क निर्माण कार्य शुरू होने से क्षेत्र के ग्रामीणों में भारी उत्साह है। जागड़ा और आसपास के गांवों के लोगों ने इस पहल को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुशासन और दूरदर्शी नेतृत्व का परिणाम है। ग्रामीणों ने कहा कि यह सड़क उनके लिए विकास और उन्नति का मार्ग प्रशस्त करेगी। ग्रामीणों ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुशासन और संवेदनशीलता ने दुर्गम क्षेत्रों तक विकास की पहुंच सुनिश्चित की है। इस सड़क निर्माण के जरिए न केवल ग्रामीणों को राहत मिली है, बल्कि उनके जीवन स्तर को सुधारने का मार्ग भी प्रशस्त हुआ है। -
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नियद नेल्ला नार से लगे सोलर हाईमास्ट से पहली बार रोशन हुई माओवाद प्रभावित गांवों की रातें : सोलर पंप से लोगों को मिल रहा स्वच्छ पेयजलरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा बस्तर के सुदूर गांवों में विकास की गति तेज करने राज्य शासन द्वारा शुरू की गई नियद नेल्ला नार योजना से दूरस्थ आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में बड़ा बदलाव आ रहा है। इसके तहत स्थापित सोलर हाईमास्ट से कांकेर के माओवाद प्रभावित गांवों की रातें पहली बार रोशन हो रही है। सौर ऊर्जा से संचालित ड्यूल पंपों के माध्यम से ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति भी हो रही है।कांकेर के कोयलीबेड़ा विकासखंड के पानीडोबीर, आलपरस, जुगड़ा, गुन्दूल (मर्राम), अलपर, हेटाड़कसा और चिलपरस गांव के चौक-चौराहों को रात में रोशन करने सोलर हाईमास्ट संयंत्रों की स्थापना की गई है। रात में उजाले की अच्छी व्यवस्था हो जाने से ग्रामीण अब वहां रात्रिकालीन बैठक और सामुदायिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम कर रहे हैं। इस निर्बाध प्रकाश व्यवस्था से वे जंगली जानवरों से खुद को ज्यादा सुरक्षित भी महसूस कर रहे हैं।
नियद नेल्ला नार से संवेदनशील और दूरस्थ माओवाद प्रभावित गांवों में शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाकर विकास को नई गति दी जा रही है। सौर ऊर्जा का उपयोग कर रात्रिकालीन प्रकाश व्यवस्था के साथ-साथ स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का काम किया जा रहा है। सोलर ड्यूल पंपों के माध्यम से ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति हो रही है। माओवाद प्रभावित गांवों में वृहद स्तर पर सौर संयंत्रों की स्थापना से लोगों का जीवन बदल रहा है।
दूरस्थ गांवों में बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने नियद नेल्ला नार से प्रकाश व्यवस्था के लिए सोलर हाईमास्ट, शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए सोलर पेयजल संयंत्र, सौर सुजला योजना के तहत सिंचाई व्यवस्था और सौर ऊर्जा से संचालित उपकरण स्थापित किए जा रहे हैं। इन कार्यों से बस्तर के दूरस्थ और दुर्गम गांवों के लोग विकास की मुख्य धारा से जुड़ रहे हैं।
आश्रम परिसर भी लगा जगमगानेकांकेर के ग्राम पानीडोबीर स्थित बालक आश्रम के अधीक्षक श्री समरथ ने बताया कि पहले आश्रम परिसर में लाइट की व्यवस्था नहीं होने से बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में परेशानियों का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब आश्रम परिसर में सोलर लाइट लगने से रात में उजाले की व्यवस्था हो गई है। इससे बच्चे अब रात में भी पढ़ाई कर रहे हैं। अच्छी प्रकाश व्यवस्था से रात में सब खुद को ज्यादा सुरक्षित भी महसूस कर रहे हैं। -
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क्रम में कैंसर उपचार की दिशा में उम्मीद की नई किरण पाइपेक तकनीक से शुरू हुई उपचार सुविधा की शुरुआतक्षेत्रीय कैंसर संस्थान के कैंसर सर्जरी विभाग में पहली बार पाइपेक विधि से पेट की झिल्ली के कैंसर का किया सफल उपचार :ओडिशा की महिला मरीज हुई लाभान्वितलेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया के जरिये महिला मरीज के पेट में सीधे पहुंचा कीमोथेरेपी, उपचार के बाद महिला की स्थिति पहले से बेहतररायपुर : प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में स्वास्थ्य सुविधाओं का लगातार सशक्तिकरण हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के अथक प्रयासों से राज्य की जनता को सहज और सर्वसुलभ स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल रहा है। वहीं नित नये वैज्ञानिक शोध, परीक्षण और निष्कर्ष पर आधारित आधुनिक चिकित्सा प्रणाली की मदद से आज मनुष्य कई गंभीर बीमारी से ठीक होकर निकल रहे हैं। डॉक्टरों की उपचार प्रक्रिया और मरीज की सकारात्मक सोच की बदौलत कैंसर जैसे असाध्य रोग भी अब साध्य हो चले हैं। इसी क्रम में हाल ही में पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय स्थित क्षेत्रीय कैंसर संस्थान के आंकोसर्जरी (कैंसर सर्जरी) विभाग के डॉक्टरों की टीम ने पेट की झिल्ली के (पेरिटोनियम) कैंसर से पीड़ित महिला का उपचार पाइपेक (PIPAC) पद्धति से कर महिला के बहुमूल्य जीवन को बचाने में अपनी अहम भूमिका निभाई है।संभवतः मध्य भारत के किसी भी शासकीय कैंसर अस्पताल में इस पद्धति से पहली बार इलाज कर डॉक्टरों ने मरीज के पेट की झिल्ली के कैंसर का इलाज किया है। पाइपेक यानी प्रेशराइज्ड इंट्रापेरिटोनियल एरोसोलाइज़्ड कीमोथेरेपी, कैंसर बीमारी में दी जाने वाली कीमोथेरेपी का ही एक प्रकार है। यह उदर गुहा में दबाव के साथ कीमोथेरेपी को पहुंचाती है जिससे कैंसर कोशिकाओं को फैलने से रोकने में मदद मिलती है। कैंसर सर्जन डॉ.(प्रो.) आशुतोष गुप्ता के नेतृत्व में लेप्रोस्कोपिक विधि से न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया के अंतर्गत किये गये इस उपचार विधि में कीमोथेरेपी को एक मशीन के जरिये एरोसोल के रूप में दिया जाता है जिससे कैंसर उत्तकों में दवा का प्रभाव ज्यादा होता है और कैंसर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। ओड़िशा की रहने वाली 54 वर्षीय महिला मरीज को उपचार के पांच दिन बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था। उपचार के बाद वह अब ठीक है और फॉलोअप के लिए आ रही है।
पाइपेक एक लेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया है। इसका मतलब है कि डॉक्टर मरीज के पेट में एक या दो छोटे छेद करके इस प्रक्रिया को पूरी करते हैं जिन्हें एक्सेस पोर्ट भी कहा जाता है।
क्षेत्रीय कैंसर संस्थान के संचालक एवं पं. नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विवेक चौधरी ने पहली बार इस नये विधि से किये गये सफल उपचार के लिए कैंसर सर्जरी विभाग की पूरी टीम को बधाई दी है। साथ ही उन्होंने कहा है कि यह एक सुरक्षित और प्रभावी उपचार प्रक्रिया है जो कीमोथेरेपी के प्रभाव को बढ़ाता है। कोलोरेक्टल कैंसर, डिम्बग्रंथि का कैंसर और गैस्ट्रिक कैंसर जैसे कैंसर बीमारियों में कीमोथेरेपी के नये विकल्प के रूप में इसे अपनाया जा सकता है। प्रयास करेंगे कि भविष्य में कैंसर के अन्य मरीजों को भी इस उपचार सुविधा का लाभ मिल सके।
अम्बेडकर अस्पताल अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने कहा कि अम्बेडकर अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा मरीजों के उपचार हेतु किये जा रहे निष्ठापूर्ण प्रयासों ने लोगों का विश्वास इस संस्था के प्रति सदा से ही बनाये रखा है। कैंसर सर्जन डॉ. आशुतोष गुप्ता के अनुसार, प्रेशराइज्ड इंट्रापेरिटोनियल एरोसोलाइज़्ड कीमोथेरेपी एक तकनीक है जो दबाव के तहत एरोसोल के रूप में उदर गुहा में कीमोथेरेपी को पहुंचाती है। एरोसोल दो शब्दों से मिलकर बना है। एयरो यानी विशेष हवा और सोल अर्थात् द्रव में अत्यंत छोटे कणों के रूप में पदार्थ का मिश्रण। दबावयुक्त एरोसोल पूरे पेट में कीमोथेरेपी को समान रूप से वितरित करता है। एडवांस पेरिटोनियम कैंसर, जीआई कैंसर और एडवांस ओविरयन कैंसर जैसी बीमारियों में उपचार की इस नई प्रक्रिया के कई संभावित लाभ हो सकते हैं। कीमोथेरेपी की उच्च सांद्रता के कारण कैंसर कोशिकाओं से लड़ने की क्षमता में वृद्धि होती है और अन्य अंगों को नुकसान कम होता है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण जैसे मतली, उल्टी, कब्ज, दस्त और भूख न लगना जैसी स्थितियां कम होती हैं। लीवर और किडनी जैसे अंगों को कम नुकसान होता है।ऐसे संपन्न की जाती है प्रक्रिया
डॉ. आशुतोष गुप्ता ने बताया कि सबसे पहले प्रक्रिया के लिए एक्सेस पोर्ट बनाते हैं फिर पेरिटोनियम (पेट की परत वाली झिल्ली) को फुलाने के लिए पोर्ट का उपयोग करते हैं। एक एक्सेस पोर्ट में दबावयुक्त कीमोथेरेपी देने वाला उपकरण डालते हैं। दबावयुक्त एरोसोल कीमोथेरेपी को लगभग 30 मिनट तक पेरिटोनियम के भीतर दिया जाता है। इसके बाद मरीज के पेट से सभी उपकरणों को बाहर निकाल देते हैं और छोटे छेद/चीरे को बंद कर देते हैं। उपचार करने वाली टीम में कैंसर सर्जन डॉ. आशुतोष गुप्ता के साथ डॉ. किशन सोनी, डॉ. राजीव जैन, डॉ. गुंजन अग्रवाल और एनेस्थीसिया से डॉ. शशांक शामिल रहे। -
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उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ कार्यों का किया निरीक्षण, समस्याएं दूर करने दिए आवश्यक निर्देशयोजना से माना नगर पंचायत के करीब चार हजार घरों में हर घर पहुंचेगा नल से जल44 करोड़ रुपए से अधिक की लागत की पेयजल योजना का काम प्रगति पररायपुर : मिशन अमृत 2.0 के अंतर्गत माना नगर पंचायत में निर्माणाधीन जल प्रदाय योजना के काम में अब तेजी आएगी। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव ने आज सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ फील्ड पर पहुंचकर कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने पेयजल योजना के काम में तेजी लाने तथा गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित करने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने रायपुर नगर निगम और माना नगर पंचायत के बीच पेयजल आपूर्ति में समन्वय के लिए रायपुर नगर निगम के आयुक्त को माना नगर पंचायत में पेयजल की उपलब्धता के लिए आवश्यक निर्देश दिए। विधायक मोतीलाल साहू, नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस., रायपुर के कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह और नगर निगम आयुक्त श्री अबिनाश मिश्रा भी कार्यों के निरीक्षण के दौरान मौजूद थे।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने आज माना नगर पंचायत में पुष्प वाटिका गार्डन में निर्माणाधीन पानी टंकी के कार्यों के निरीक्षण के दौरान पेयजल वितरण लाइन के लिए लोक निर्माण विभाग की लगभग नौ किमी की लंबाई की सड़कों को लेकर विभाग और नगर पंचायत के बीच समन्वय की कमी को भी दूर किया। उन्होंने कार्यस्थल पर ही नगरीय निकाय और लोक निर्माण विभाग के बीच जल प्रदाय परियोजनाओं में समन्वय के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने और पाइपलाइन विस्तार का कार्य तत्काल प्रारंभ करने के निर्देश दिए। श्री साव ने सीएसपीटीसीएल से संबंधित प्रकरणों के निराकरण के लिए ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाकर तत्काल परियोजना में आ रही भूमि संबंधी दिक्कतों के समाधान के निर्देश दिए।
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी मिशन अमृत 2.0 के अंतर्गत माना नगर पंचायत में पेयजल योजना तैयार की जा रही है। इसके तहत माना नगर पंचायत के करीब चार हजार घरों में नल से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जाएगी। 44 करोड़ 38 लाख रुपए लागत की इस योजना का अब तक 30 प्रतिशत से अधिक काम पूरा कर लिया गया है। सितम्बर-2025 तक इसका काम पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
माना नगर पंचायत कार्यालय में निर्माणाधीन 840 किलोलीटर और पुष्प वाटिका गार्डन में निर्माणाधीन 650 किलोलीटर क्षमता की दो ओवरहेड पानी टंकियों के माध्यम से माना शहर में जलापूर्ति की जाएगी। दोनों टंकियों का काम क्रमशः 85 प्रतिशत और 75 प्रतिशत पूरा हो गया है। जलापूर्ति के लिए नगर पंचायत में करीब 66 किमी का डिस्ट्रीब्यूशन पाइपलाइन बिछाया जाएगा। इसमें से अब तक 34 किमी से अधिक पाइपलाइन बिछाया जा चुका है। -
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प्रयागराज महाकुंभ में लोगों के आकर्षण का केंद्र बना छत्तीसगढ़ पैवेलियनछत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और इतिहास को जानने के लिए उमड़ रही है लोगों की भीड़छत्तीसगढ़ की पहचान गौर मुकुट को धारण किया हुआ प्रवेश द्वार लोगों को कर रहा है आकर्षित: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में दिख रही छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति की तस्वीररायपुर : छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और यहां का गौरवशाली इतिहास हर किसी को प्रेरित करता है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व और मोदी की गारंटी के साथ तेजी से आगे बढ़ रहे छत्तीसगढ़ को जानने के लिए देश में हर कोई बेताब रहता है। इसकी बड़ी झलक प्रयागराज महाकुम्भ के दौरान छत्तीसगढ़ पैवेलियन में देखने को मिल रही है। प्रयागराज के सेक्टर 6 महाकुम्भ में लक्ष्मीद्वार के पास भारत सरकार के कलाग्राम के सामने छत्तीसगढ़ पैवेलियन स्थित है। इसके प्रवेश द्वार को छत्तीसगढ़ की पहचान गौर मुकुट का रूप दिया गया है जो दूर से ही श्रद्धालुओं को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है। प्रवेश द्वार पर ही भारत के नियाग्रा कहे जाने वाले बस्तर के चित्रकोट जलप्रपात की तस्वीर लगी है। पैवेलियन के भीतर प्रवेश करते ही छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा स्थापित की गयी है और प्रवेश द्वार के दाहिनी तरफ राज्य की चार ईष्ट देवियां मां महामाया, मां चंद्रहासिनी, मां दंतेश्वरी और मां बम्लेश्वरी की फोटो और उनकी जानकारी दी गयी है।
पैवेलियन के भीतर प्रवेश करते ही बांयी तरफ छत्तीसगढ़ के जीवंत ग्रामीण परिवेश को दिखाया गया है। यहां पर परंपरागत ग्रामीण जीवन के साथ ही आदिवासी कला, संस्कृति, आभूषण, वस्त्र समेत एक संपूर्ण गांव का चित्रण किया गया है। छत्तीसगढ़ के प्रदर्शनी में प्रवेश करने के पहले बस्तर के ढोकरा शिल्प और राजकीय पशु तथा पक्षी को दर्शाया गया है। प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ शासन की फ्लैगशिप योजनाओं विशेषतर मोर आवास मोर अधिकार, 3100 रूपए प्रति क्विंटल धान खरीदी योजना की जानकारी दर्शायी गयी है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक विरासत के रूप में सिरपुर और जैतखाम की प्रतिकृति को निर्मित किया गया है।
स्थानीय लोग और देश भर से आए श्रद्धालु छत्तीसगढ़ को ज्यादा से ज्यादा करीब से जान पाएं, इसके लिए वर्चुअल रियेलिटी हेडसेट और डोम के भीतर 180 डिग्री वीडियो के माध्यम से शासन की योजनाओं और छत्तीसगढ़ राज्य की जानकारी साझा की जा रही है। इन तकनीकों के जरिए छत्तीसगढ़ को जानने के लिए स्थानीय लोगों में जबरदस्त उत्साह है और लोग लंबी लाइन लगाकर अपनी बारी का इंतजार करते हुए नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने की संकल्पना पर काम कर रहे हैं और ये संकल्पना धीरे धीरे मूर्त रूप ले रही है। जिस तरह से छत्तीसगढ़ को जानने और समझने की इच्छा रखने वाले यहां आ रहे हैं उससे मुख्यमंत्री के नेतृत्व में किए जा रहे कार्यों की सार्थकता झलक रही है। इसे देखकर कहा जा सकता है मानो उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मानो एक छोटा सा छत्तीसगढ़ ही बसा हुआ है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज तातापानी महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर विभिन्न शासकीय विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का अवलोकन कर स्थानीय कला, संस्कृति और सरकारी योजनाओं के प्रभाव को करीब से देखा। मुख्यमंत्री श्री साय ने राजपुर के आरा ग्राम के निवासी शिवमंगल से मुलाकात की, जो 25 वर्षों से कुम्हार का काम कर रहे हैं। शिवमंगल ने बताया कि विद्युत चाक मिलने से उनकी जीविका चलाना आसान हुआ है। उनका परिवार पारंपरिक मिट्टी के बर्तन बनाकर सालाना 2-3 लाख रुपये की आय अर्जित कर रहा है। शिवमंगल की कला को महोत्सव में प्रदर्शित किया गया, जहां मटके, कुल्हड़ और अन्य मिट्टी के बर्तनों की जीवंत प्रदर्शनी लगाई गई। मुख्यमंत्री ने पारंपरिक कला को प्रोत्साहन देने के लिए उनकी सराहना की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बुनकर सौदन सिंह के आग्रह पर गांधीजी के आत्मनिर्भरता के प्रतीक चरखे को भी चलाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने 28 विभागों द्वारा लगाए गए थीम-आधारित स्टॉलों का अवलोकन किया। इन स्टॉलों में आजीविका मॉडल, अमृत सरोवर, जैव विविधता संरक्षण, जैविक खेती, उन्नत कृषि तकनीक, फूलों की खेती, सौर सुजला योजना, जल जीवन मिशन, यातायात जागरूकता, पशु रोग नियंत्रण और नालंदा परिसर मॉडल जैसी योजनाओं का प्रदर्शन किया गया। श्रृंगार सदन स्टॉल में लाइव बैंगल और चूड़ियां बनाने की विधि का प्रदर्शन किया गया। मिलेट कैफे में स्थानीय मिलेट से बने स्वादिष्ट भोज्य पदार्थों की प्रदर्शनी लगी, जबकि ट्राइबल फूड स्टॉल में आदिवासी परंपरा, वाद्य यंत्र, बांस की कलाकृतियां और देवगुड़ी की झलक प्रस्तुत की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन प्रदर्शनियों के माध्यम से स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने और उनकी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने स्टॉल संचालकों और प्रतिभागियों की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन स्थानीय कला, संस्कृति और सरकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का बढ़िया माध्यम है।

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