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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
महासमुंद : छत्तीसगढ़ शासन खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा प्रतिवर्ष खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों, निर्णायकों को खेल पुरस्कार प्रदान कर राज्य खेल अंलकरण से सम्मानित किया जाता है। यह पुरस्कार राज्य के लिए उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाडियों, प्रशिक्षकों, निर्णायकों को प्रदान किये जाते हैं। राज्य खेल अंलकरण के अंतर्गत सीनियर वर्ग के ऐसे खिलाड़ियों को शहीद राजीव पाण्डे पुरस्कार से अलंकृत किया जाएगा, जिनके द्वारा राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में या राष्ट्रीय खेलों में कोई पदक प्राप्त किया गया हो या अधिकृत अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में देश का प्रतिनिधित्व किया गया हो। इसी प्रकार जूनियर वर्ग के उन खिलाड़ियों को शहीद कोैशल यादव पुरस्कार से अंलकृत किया जाएगा, जिनके द्वारा जूनियर वर्ग के राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में कोई पदक प्राप्त किया गया हो। ऐसे खिलाड़ी जिन्होंने विगत 5 वर्षों में चार बार सीनियर वर्ग राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में छत्तीसगढ़ की ओर से प्रतिनिधित्व करने वाले महिला, पुरूष खिलाड़ियों को शहीद पंकज विक्रम सम्मान से सम्मानित किया जाता है।
प्रशिक्षकों, निर्णायकों को वीर हनुमान सिंह पुरस्कार से अलंकृत किया जायेगा। खेल से जुड़े 55 वर्ष या अधिक उम्र के अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में भाग लिया हो या राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक प्राप्त किया हो या संबंधित ने ऐसी कोई उल्लेखनीय सेवा खेल के क्षेत्र में की हो, जिसके आधार पर उन्हें सम्मानित किये जाने हेतु विचार किया जाए, उन्हें शहीद विनोद चौबे सम्मान से अलंकृत किया जावेगा। इसी प्रकार सीनियर व जूनियर वर्ग में राष्ट्रीय प्रतियोगिता पदक प्राप्त दल को मुख्यमंत्री ट्राफी प्रदान की जाती है। पुरस्कार के नियम छत्तीसगढ़ राजपत्र मे प्रकाशित किए गए है, नियमों के अंतर्गत पात्रता रखने वाले आवेदकों को पुरस्कार के लिए प्रावीण्यता के आधार पर चयन किया जाएगा।
शहीद राजीव पाण्डे पुरस्कार हेतु 03 लाख रूपये, शहीद कौशल यादव पुरस्कार हेतु 01 लाख 50 हजार रूपये, वीर हनुमान सिंह पुरस्कार हेतु 01 लाख 50 हजार रूपये, शहीद विनोद चौबे सम्मान एवं पंकज विक्रम सम्मान हेतु 25-25 हजार रूपये का नगद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इसी प्रकार सीनियर एवं जूनियर वर्ग के दलीय खेलों के लिए मुख्यमंत्री ट्राफी प्रदान की जायेगी, जिसमें ऐसे दलीय खेल जिसके सदस्यों की संख्या 04 है, उन्हें सीनियर वर्ग में 02 लाख रूपये एवं जूनियर वर्ग में 01 लाख रूपये का पुरस्कार दिया जायेगा तथा ऐसे दलीय खेल जिनमें सदस्यों की संख्या 04 से अधिक है, उन्हें सीनियर वर्ग में 05 लाख रूपये तथा जूनियर वर्ग में 03 लाख रूपए का पुरस्कार प्रदान किया जायेगा। पुरस्कार के अतिरिक्त मानपत्र, अलंकरण फलक, ब्लेजर एवं टाई प्रदान की जावेगी।
राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक प्राप्त विजेताओं को प्रोत्साहन नियम के तहत नगद राशि पुरस्कार अलंकरण प्रदान किया जाता है। वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में 1 अप्रैल से 31 मार्च तक 2 वर्ष के लिए जिन खिलाड़ियों ने सब जूनियर, जूनियर एवं सीनियर वर्ग की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक प्राप्त किया है, वे खिलाड़ी जिला कार्यालय एवं अपने खेल संघों से आवेदन फार्म प्राप्त कर निर्धारित तिथि तक अपना आवेदन जमा कर सकेंगे।
इसी प्रकार खेल वृत्ति (डाईटमनी) के लिए जिन खिलाड़ियों ने विगत वर्ष अधिकृत राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में पदक प्राप्त किया हो या राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिनिधित्व किया हो, खेलवृत्ति हेतु आवेदन कर सकेंगे। खेलवृत्ति के लिए अधिकतम आयु 19 वर्ष से अधिक नहीं होने चाहिए। खेल संघों को प्रोत्साहन के लिए उनके द्वारा वर्ष 2019 एंव 2020 में 1 अप्रैल से 31 मार्च दो वर्ष के लिए अर्जित की गई उपलब्धि के लिए प्रेरणा निधि के आवेदन जिला कार्यालय या संचालनालय में निर्धारित तिथि तक जमा कर सकेंगे।
शहीद पंकज विक्रम सम्मान के आवेदन संघों के माध्यम से नियमानुसार निर्धारित प्रक्रिया के तहत राज्य खेल संघों की अनुसंशा सहित प्राप्त किये जायेंगे। खेल संघ पृथक-पृथक वर्षवार दो पुरस्कारों (एक महिला एक पुरुष खिलाड़ी) के लिये वरीयता के आधार पर 2-2 खिलाड़ियों के नाम की अनुशंसा कर सकेंगे। शहीद पंकज विक्रम सम्मान के आवेदन संचालनालय में या जिला कार्यालय में सीधे स्वीकार नही किये जायेंगे।
आवेदन खेल एवं युवा कल्याण विभाग के जिला कार्यालय या संचालनालय में राज्य खेल संघों से अनुशंसा सहित आवेदन निर्धारित तिथि तक कार्यालयीन समय अवधि में जमा किए जा सकते हैं। खिलाड़ी को पृथक-पृथक वर्षों के लिए पृथक-पृथक आवेदन प्रस्तुत करना होगा। आवेदन पत्रों का प्रारूप मय विज्ञापन विभाग की वेबसाइट www.sportsyw.cg.gov.in पर उपलब्ध है।
पुरस्कार नियम में प्रावधानों के अनुरुप जिन खिलाड़ियों की मान्यता प्राप्त संघ द्वारा पुरस्कार के लिए अनुसंशा नहीं की गई हैं और तुलनात्मक रुप से उनकी उपलब्धि अधिक हैं, तो ऐसे खिलाड़ी तत्संबंधी विवरण प्रस्तुत कर, निर्धारित प्रारुप में अपना व्यक्तिगत विवरण लेख करते हुए 07 अगस्त, 2021 तक कार्यालय में सीधे जमा कर सकते है। -
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महासमुंद : जिला में संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में शिक्षण सत्र 2021-22 में कक्षा 6वीं में प्रवेश हेतु चयन परीक्षा का आयोजन दिनांक 15 जुलाई को आयोजित किया गया था।अनुसूचित जनजाति संवर्ग के छात्र-छात्रा सम्मिलित हुए थे। इस संबंध में डिप्टी कलेक्टर एवं प्रभारी आदिवासी विकास ने बताया कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में छात्र-छात्राओं द्वारा अर्जित किए गए अंको का प्रकाशन जिला महासमुंद के वेबसाईट www.mahasamund govt nic.in पर अपलोड किया गया है, जिसका अवलोकन परीक्षार्थी कर सकते हैं।
साथ ही परीक्षार्थी कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग महासमुंद में उपस्थित होकर भी परीक्षा परिणाम का अवलोकन कर सकते हैं। प्रवेश चयन परीक्षा परिणाम किसी प्रकार की आपत्ति है तो वह 22 जुलाई 2021 तक इसी कार्यालय में कार्यालयीन समय पर कर सकते है । -
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महासमुन्द : अनुविभाग पिथौरा के नगर पंचायत पिथौरा में शासन के निर्देशानुसार एवं कलेक्टर के द्वारा शासकीय उचित मूल्य दुकानों का युक्तियुक्तकरण किया जाना है।नगर पंचायत पिथौरा के वार्ड क्रमांक 05, 06, 07, 08, एवं 09 के लिए नवीन शासकीय उचित मूल्य दुकान के आबंटन हेतु आवेदन की समय-सीमा में वृद्धि करते हुए उक्त दुकान में छत्तीसगढ़ सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2026 के तहत पंजीकृत वहृत्ताकार आदिम जाति बहुउद्देश्य सहकारी समितियों, प्राथमिक कृषि साख समितियां, वन सुरक्षा समितियों, महिला स्व सहायता समूहों, ग्राम पंचायतों/स्थानीय नगरीय निकाय एवं अन्य उपभोक्ता सहकारी समितियों जो उचित मूल्य की दुकान के संचालन के लिए इच्छुक है।वेे निर्धारित प्रपत्र में आवेदन पत्र समस्त दस्तावेजों के साथ 03 अगस्त 2021 तक अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय पिथौरा में कार्यालयीन समय पर जमा कर सकते है। नगर पंचायत पिथौरा में शासकीय उचित मूल्य की दुकान की आबंटन की कार्रवाई छत्तीगसढ़ सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2016 के तहत की जाएगी। -
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शासकीय उचित मूल्य दुकान के संचालन हेतु 03 अगस्त तक कर सकते है आवेदन
महासमुन्द : अनुविभाग पिथौरा के अंतर्गत सहकारी समितियों के द्वारा संचालित उचित मूल्य दुकानों का समर्पण किया गया है। इन ग्राम पंचायतों में शासन के निर्देशानुसार एवं कलेक्टर के द्वारा शासकीय उचित मूल्य दुकानों का युक्तियुक्तकरण किया जाना है। उक्तानुसार नवीन शासकीय उचित मूल्य दुकान का नवीन आबंटन किया जाना है।
इनमें पिथौरा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत खेड़ीगांव, नयापाराकला, दुरूगपाली, अमलीडीह, मेमरा, धनोरा, कुम्हारीमुड़ा, परसदा, नवागांवखुर्द, बिराजपाली, डोंगरीपाली, अठाराहगुडी, राजासवैया, खैरखूंटा, लक्ष्मीपुर, जंघोरा, बरतुंगा, ढोढरकसा, मोहगांव, कंचनपुर, रिखादादर, चारभाठा, देवलगढ़, बरनईदादर, भतकुंदा, पिरदा एवं बामडाडीह में नवीन शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालन के लिए छत्तीसगढ़ सार्वजनिक वितरण प्रणली के तहत पंजीकृत वृत्ताकार आदिम जाति बहुउद्देश्य सहकारी समितियों, प्राथमिक कृषि साख समितियां, वन सुरक्षा समितियों, महिला स्व सहायता समूहों, ग्राम पंचायतों एवं अन्य उपभोक्ता सहकारी समितियों जो उचित मूल्य की दुकान के संचालन के लिए इच्छुक है।
उनसे निर्धारित प्रपत्र में आवेदन पत्र समस्त दस्तावेजों के साथ 19 जुलाई 2021 से 03 अगस्त 2021 तक अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय पिथौरा में कार्यालयीन समय पर जमा कर सकते है।सभी ग्राम पंचायतों में शासकीय उचित मूल्य की दुकान की आबंटन की कार्रवाई छत्तीगसढ़ सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2016 के तहत की जाएगी। -
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शहरी क्षेत्रों में सौ फीसदी टीकाकरण होगा तो ग्रामीण क्षेत्र भी सुरक्षित होंगे
कार्ययोजना बनाकर कर करें काम: कलेक्टर श्री सिंह
महासमुन्द : महामसुन्द जिले के नगरीय क्षेत्र सरायपाली और पिथौरा के शत्-प्रतिशत् लोगों को कोविड टीका लगा है। कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने महासमुन्द, बसना, बागबाहरा और तुमगाॅव शहरी क्षेत्र के शत्-प्रतिशत पात्र लोगों को भी जल्द से जल्द वैक्सीन लगें, इसकी कार्ययोजना बनायी जाए। कलेक्टर श्री सिंह ने संयुक्त कलेक्टर श्री सुनील कुमार चंद्रवंशी एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री ए.के. हालदार को कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा इसके लिए जल्द योजना बनाकर दो दिवस के भीतर तीन शहरी क्षेत्रों बागबाहरा, बसना और तुमगाॅव में शत्-प्रतिशत टीकाकरण हो जाए यह सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने आज की समय-सीमा की बैठक में कहा कि शहरी क्षेत्रों में कोरोना का प्रभाव अधिक होता है। ग्रामीण और आस-पास के लोग व्यापार, व्यवसाय तथा विभिन्न जरूरी आवश्यकताओं के लिए शहर की ओर रूख करते है। इसलिए शहरी क्षेत्र के सभी पात्र लोगों को कोविड का टीका लगे ताकि ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले लोग जिन्हें टीेका नहीं लगा है, उनका स्वास्थ्य सुरक्षित रहें। ताकि वे अपने परिजनों और आस-पास के लोगों को संक्रमित होने से बचा सकें। सहायक टीकाकरण अधिकारी डाॅ मुकुन्द राव ने बताया कि महासमुन्द में 18,939 पात्र लोगों को, तुमगाॅव शहरी क्षेत्र में 816 पात्र लोगों को, बागबाहरा शहर में 2,218 और बसना नगरीय क्षेत्र में 1,131 लोग टीकाकरण के लिए शेष है। टीकाकरण कराने के लिए लोगों को विभिन्न प्रचार माध्यमों से जागरूक किया जा रहा है। डोर-टू-डोर जाकर भी लोगों को समझाया जा रहा है।
जिले में अब तक 4,33,792 लोगों को पहला टीका लग गया है। इसमें स्वास्थ्य कर्मी 8835, फ्रंटलाईन वर्कर 5900 लोगों को शुरूआती चरण में टीकाकरण किया गया। इसी प्रकार 18-44 उम्र के 1,56,864, वहीं 45-59 उम्र के 1,46,509 हितग्राहियों को कोविड की डोज दी गयी।
इसी तरह 60 उम्र से अधिक 1,08,657 पात्र व्यक्तियों को वैक्सीनेशन की पहली डोज दी गयी। इसी प्रकार 1,06,937 लोगों को कोरोना की द्वितीय डोज दी जा चुकी है। द्वितीय डोज में स्वास्थ्य कर्मी 7487, फ्रंटलाईन वर्कर 4712 को लगी है। इसी प्रकार 18-44 वर्ष के 2945 लोगों को, 45-59 उम्र के 48,264 हितग्राहियों को और 60 वर्ष से अधिक उम्र के 43,529 व्यक्तियों को कोविड की दूसरी खुराक दी गयी है। -
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महासमुन्द : ईद-उल-जुहा (बकरीद) पर्व बुधवार को मनाया जाएगा। इस बार कोविड गाईड लाईन का पालन और कोरोना संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए व्यक्ति अपने-अपने घर पर रहकर ही ईद की नमाज अदा करेंगे। यदि आवश्यक हो तो मस्जिदों के प्रवेश द्वार पर सैनेटाईजर एवं थर्मल स्कैनिंग की जाए एवं नमाज के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएं।
मस्जिद परिसर में माॅस्क सहित सीमित संख्या में नमाज अदा करने की अपील शांति समिति की बैठक में की गयी। यह बैठक अनुविभाग एवं तहसील स्तर पर अनुविभागीय दण्डाधिकारियों, कार्यपालिक दण्डाधिकारियों एवं थाना प्रभारी की उपस्थिति में 19 एवं 20 जुलाई को हुई। बैठक में मुस्लिम समाज के गणमान्य नागरिक भी शामिल हुए। बैठक में उपस्थित समाज के प्रमुखों द्वारा एकमत से सहमति व्यक्त की गयी।मालूम हो कि वर्तमान में महासमुन्द जिले में धारा 144 अभी प्रभावशील है। केन्द्र और राज्य शासन एवं जिला प्रशासन द्वारा कोविड-19 के नियंत्रण हेतु समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी किए गए है। सभी तरह के त्यौहारों के दौरान उनका पूर्णतः पालन किया जाए।
अतिरिक्त जिला एवं दण्डाधिकारी ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा 26 जून 2021 को पूजा स्थल/धार्मिक स्थल संचालन हेतु विभिन्न शर्तों के अधीन अनुमति प्रदान की गयी है। उसका भी पूर्ण से पालन किया जाना सभी के लिए अनिवार्य होगा। -
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अधिकारियों से वन-टू-वन ली प्रकरणों के निराकरण की जानकारी
मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन सर्वोच्च प्राथमिकता: कलेक्टर श्री सिंह
महासमुन्द : कलेक्टर श्री डोमन सिंह की अध्यक्षता में आज यहाँ कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में समय-सीमा की बैठक हुई। उन्होंने विभिन्न विभागों के जिला अधिकारियों से समय-सीमा के प्रकरणों के निराकरण के संबंध में वन-टू-वन जानकारी ली। उन्होंने कहा कि राज्य शासन सर्वोच्च प्राथमिकताओं में चारागाह में चारा उपलब्ध करना है।
इसके लिए जिले के 275 गौठानों या उनके समीप लगभग 142 एकड़ में चारागाह विकसित किया जा रहा है। चारागाह में मवेशियों को हरा चारा उपलब्ध कराने के लिए नेपियर घास लगाया जा रहा है। यह व्यवस्था हो जाने से मवेशियों को बेहतर स्थान मिल सकेगा।
पशुओं के चारे की कमी नहीं होगी। सुपर हाइब्रिड नेपियर ग्रास की 8 लाख से ज्यादा सेप्लिग (जड़) रोपित की जा रही है। साथ ही नगरीय क्षेत्र चारागाह जमीन पर नेपियर ग्रास लगाने नगर पालिका अधिकारी को कहा। उन्होंने संबंधित अधिकारियों के साथ अन्य अधिकारियों से सहयोग की अपेक्षा की।
कलेक्टर ने महासमुंद को छोड़ सभी अनुविभागीय दंडाधिकारियों और ब्लॉक अधिकारियों से वीडियों कांन्फ्रेसिंग के माध्यम से यह बात कहीं। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आकाश छिकारा, वनमंडलाधिकारी श्री पंकज राजपूत, एस.डी.एम श्री भागवत प्रसाद जायसवाल, डिप्टी कलेक्टर सहित सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक हैं। इस पर जोर देेते हुए कहा कि ऐसे इच्छुक किसान जो इस योजना में धान के बदलें अन्य फसल और पौधें लगाना चाह रहें है, उन्हें पौधें उपलब्ध जाएं। इसके साथ ही उन्हें अन्य फसल के लिए खाद-बीज भी उनकी मांग के अनुसार गुणवत्तापूर्ण मिलें, यह भी ध्यान रखें। उप संचालक कृषि ने बताया कि जिले में 148 किसान 159 एकड़ जमीन पर इस योजना का लाभ ले रहें हैं।
कलेक्टर श्री सिंह ने संभावित कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए की जा रही तैयारियों के बारें में भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर से अनुभव लेते हुए लोगों के स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से सभी तरह की स्वास्थ्य उपचार संबंधी जरूरी व्यवस्थाएं पूरी कर ली जाए। सभी ब्लाॅक मेडिकल आॅफिसर और जनपद सीईओ स्वीकृति के अनुसार स्वास्थ्य उपचार संबंधी उपकरण 31 जुलाई से पहले क्रय की कार्रवाई पूरी कर ली जाए।
कलेक्टर श्री सिंह ने स्कूली बच्चों के जाति प्रमाण-पत्र आॅनलाईन एण्ट्री में तेजी लाने को कहा। उन्होंने कहा कि यह कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता का है। सभी पात्र बच्चों को जल्द से जल्द जाति प्रमाण पत्र मिलें, यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि बारिश में आम जनता को शुद्ध पानी मिलें, इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
जिला वनमंडलाधिकारी श्री पंकज राजपूत ने बताया कि जिले में अब तक ढाई लाख से ज्यादा विभिन्न प्रजातियों के पौधों का वितरण किया जा चुका है। जिले की 17 नर्सरियों में पर्याप्त पौधें उपलब्ध है। संबंधित विभाग अपनी जरूरत की मुताबिक निःशुल्क पौधें ले सकते है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि उनकी मांग अनुसार उपलब्ध कराए गए पौधें और पौधारोपण की जानकारी निर्धारित प्रपत्र में भेज दें। -
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महासमुंद : महासमुंद जिले में कोविड-19 वायरस संक्रमण के रोकथाम के लिए हर स्तर पर व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। ज़िले के संदिग्ध मरीजों की सेम्पल जाॅच किया गया । ग्राम गहनाखार तहसील सरायपाली ज़िला महासमुंद में कोरोना वायरस का सक्रिय प्रकरण पाया गया है ।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री डोमन सिंह ने कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को दृष्टिगत रखते हुए ग्राम गहनाखार तहसील सरायपाली ज़िला महासमुंद के नीचे वर्णित चैहद्दी को माइक्रो कन्टेंनमेंट जोन घोषित किया गया हैं।
(1) उत्तर दिशा में रास्ता , दक्षिण दिशा में नहर, पूर्व दिशा शंकर का घर और पश्चिम दिशा में शंकर की बाड़ीहै ।(2) इसी प्रकार की दिशाओं में क्रमशः रास्ता,संक्रमित का खेत,मदन का घरभरत का घर है । (3)रिक्त भूमि,रास्ता,सफ़ेद का घर और पिताम्बर का घर है ।(4) वही इसी दिशा क्रम में रिक्त भूमि,रास्ता, पिताम्बर का घर और रामदयाल का घरहै ।
कन्टेन्टमेंट जोन में प्रावधान के अंतर्गत होगी कार्रवाई कटेंनमेंट जोन के चिन्हित क्षेत्र अंतर्गत सभी दुकानें एवं अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान आगामी आदेश पर्यन्त बंद रहेंगे। प्रभारी अधिकारी द्वारा उक्त क्षेत्र में घर पहुॅच सेवा के माध्यम से आवश्यक वस्तु की आपूर्ति उचित दरों पर सुनिश्चित की जाएगी।
सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किन्हीं भी कारणों से घर के बाहर निकलना प्रतिबंधित होगा। स्वास्थ्य विभाग के मानकों के अनुरूप व्यवस्था के लिए पुलिस पेट्रोलिंग सुनिश्चित की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार आवश्यक सर्विलांस काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग एवं सैम्पल जांच आदि की कार्रवाई की जाएगी।
कन्टेनमेंट जोन में तत्काल कार्रवाई के लिए प्रभारी अधिकारी नियुक्त किए गए है, इनमें सम्पूर्ण प्रभार सुश्री नम्रता जैन0अनुविभागीय दण्डाधिकारी सरायपाली को दिया गया हैं। दुकानें एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान तथा आवागमन पर प्रतिबंध कराने का प्रभार अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) को सौंपा गया हैं।
इसी तरह केवल एक प्रवेश एवं निकास की व्यवस्था के लिए बेरिकेटिंग का प्रभार कार्यपालन लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता को, काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए सिविल सर्जन को प्रभार सौंपा गया हैं। इसी प्रकार प्रवेश सहित क्षेत्र की सेनिटाईजिंग व्यवस्था के लिए जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को, स्वास्थ्य टीम को आवश्यक दवा, माॅस्क, पी.पी.ई किट उपलब्ध कराने का प्रभार खंड चिकित्सा को, घरों का एक्टिव सर्विलांस का प्रभार महिला एवं बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षक को,खण्ड स्तर पर स्थापित नियंत्रण कक्ष में व्यवस्था केलिए विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी को तथा पर्यवेक्षण अधिकारी तहसीलदार को नियुक्त किया गया हैं। इसके अलावा कंटेनमेंट जोन के लिए गूगल मैप तैयार करने का प्रभार जिला विज्ञान एवं सूचना अधिकारी ई-जिला प्रबंधक, सीजी स्वान श्री एवं भू-अभिलेख शाखा के सहायक अधीक्षक को सौंपा गया हैं। -
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महासमुंद : जनपद पंचायत महासमुंद के अंतर्गत कृषि स्थायी समिति की बैठक 19 जुलाई को कार्यालय वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी लभराखुर्द महासमुंद में आहुत की गई। बैठक के प्रारंभ में कृषि स्थायी समिति के सदस्यों ने विभागीय अधिकारियों- कर्मचारियों से परिचय प्राप्त किया।
बैठक में महासमुंद विकासखण्ड को खरीफ वर्ष 2021 के लिये प्राप्त विभिन्न योजनांतर्गत फसल प्रदर्शन एवं अन्य विभागीय योजनाओं की लक्ष्य एवं पूर्ति के संबंध में समीक्षा की गई।इसके अलावा उद्यानिकी विभाग, पशु पालन, मछली पालन व जल संसाधन, बीज निगम तथा कृषि अभियांत्रिकी के अधिकारियों द्वारा विभागीय योजनाओं के बारे में सदस्यगणों को जानकारी दी गई।
इस अवसर पर श्री यतेन्द्र कुमार साहू अध्यक्ष जनपद पंचायत महासमुंद व कृषि स्थायी समिति के सभापति श्री दिग्विजय साहू, श्री कुणाल चन्द्राकर, रंजीता जांगड़े जनपद सदस्य तथा कृषि साहित संबंधित विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे। -
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महासमुन्द : छत्तीसगढ़ राज्य भंडारगृह निगम के अध्यक्ष एवं विधायक श्री अरुण वोरा ने आज सोमवार को महासमुंद स्थित राज्य भंडारगृह निगम के गोदाम का निरीक्षण किया। उन्होंने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) एवं फोर्टिफाइड चावलों की गुणवत्ता जाॅची। विधायक श्री वोरा ने भंडारगृह की साफ-सफाई एवं फ्यूमिगेशन का जायजा लिया।
शाखा प्रबंधक श्री आर.एस. नयन ने बताया कि महासमुंद ब्रांच की यूटिलाइजेशन 100 फीसदी होने के कारण भंडारगृह की स्वनिर्मित क्षमता 49,960 मेट्रिक टन (एमटी) की है।इसके अलावा 1875 मेट्रिक टन का गोदाम भी किराए से लिया गया है। जिसे मिलाकर भंडारण की क्षमता बढ़कर 51 हजार 835 मेट्रिक टन की हो गयी है जिसमें से 20 हजार मेट्रिक टन पीडीएस एवं बाकी की क्षमता का उपयोग केंद्रीय पूल के लिए किया जा रहा है।
उन्होंने उपस्थित लोगों को सरकार की उपलब्धियां के बारें में बताया। उन्होंने कहा कि भंडारगृह की क्षमता बढ़ाने की दिशा में लगातार काम हो रहा है जिसके लिए पुराने गोदामों के संधारण के साथ ही नवीन गोदामों का निर्माण कार्य भी तेजी से जारी है।
खाद्य पदार्थों की जांच में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 14 करोड़ की लागत से नवा रायपुर में मध्य भारत का पहला फूड टेस्टिंग लैब स्थापित किया जा रहा है। इसके अलावा दूरस्थ क्षेत्रों में समय पर पीडीएस राशन उपलब्ध करवाने प्रदेश भर में 1500 दुकान सह गोदामों का भी निर्माण स्वीकृत किया गया है।
निगम के अध्यक्ष श्री अरूण वोरा से भंडारगृह निगम के कर्मचारियों ने पॉवर स्प्रेयर एवं संस्था के संचालन के लिए इम्प्रेस्ट राशि बढ़ाई जाने का अनुरोध किया। कर्मचारियों के अनुरोध पर अध्यक्ष श्री वोरा ने उनकी जायज मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार किए जाने का भरोसा दिया। केबिनेट दर्जा मिलने के बाद महासमुंद पहुंचने पर संगठन पदाधिकारियों द्वारा भी विधायक वोरा का कई स्थानों पर स्वागत किया गया।
प्रवास के दौरान श्री वोरा ने विधायक एवं संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर, पूर्व विधायक एवं छत्तीसगढ़ बीज विकास निगम के नवनियुक्त अध्यक्ष श्री अग्नि चंद्राकर एवं संगठन पदाधिकारी डॉ रश्मि चंद्राकर, प्रकाश राव साकरकर आदि से मिलें।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों, संगठन पदाधिकारियों से चर्चा करते हुए श्री वोरा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ग्रामीण के साथ साथ शहरी क्षेत्रों के लिए भी अभूतपूर्व विकास कार्य एवं नवाचारी योजनाएँ चला रही है। हम सभी का दायित्व है कि इन योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों तक पहुंचे और उन्हें मिलें। इसके लिए मेहनत करने की जरूरत है। -
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महासमुन्द : अपने बीते दिनों को याद करके भावुक हो जाने वाले बसना विकासखण्ड के ग्राम पंचायत छिर्राचुवा के आश्रित ग्राम खवासपाली के किसान श्री गुपत साहू बताते है कि सरकार का प्रत्येक व्यक्ति के ऊपर ध्यान है।
इसमें से शासन ने मुझे भी लाभ दिया है, अब मुझे किसी प्रकार की चिंता नहीं है। मुझे ग्राम पंचायत के द्वारा शासन के योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से हितग्राही मूलक कार्यों के लाभ के बारे में जानकारी प्राप्त हुआ, जिसके तहत मैंने अपने निजी भूमि के कुछ भाग में डबरी निर्माण कार्य करवाया। इसके पहले मैं डबरी वाली भूमि पर एक फसल ले रहा था।
लेकिन अब मनरेगा निर्मित डबरी में मैंने मछली का बीज डाला है। अब बस इन बीजों से बड़ी मछली होने का इंतजार है। जिसे बेचकर मैं अपनी आर्थिक स्थिति और बेहतर कर सकूंगा। वे कहते है कि मनरेगा योजना ने उनके खुशहाल जीवन जीने की आसान राह बना दी है।
किसान श्री साहू के मुताबिक वे डबरी के मेढ़ में केला का पेड़, पपीता, गन्ना, करेला, बरबट्टी, तोराई, स्वयं के भूमि पर नगदी फसल के रूप में साग सब्जी का उत्पादन कर रहा है।
इस तरह वर्तमान में श्री साहू के परिवार के पास आत्मनिर्भर रहने वाले संपूर्ण संसाधन है। अब उन्हें कृषि कार्य कर अपनी मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ मत्स्य पालन से अतिरिक्त आय भी प्राप्त होगा। महात्मा गांधी योजना से जुड़ कर श्री गुप्त साहू के परिवार की प्रमुख चिंताएॅ समाप्त हो गयी है। उन्होंने इसके लिए शासन एवं प्रशासन के इस कार्य में सहयोग को सराहनीय बताया है।
छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा कृषकों की आय वृद्धि के लिए खेती-किसानी, पशुपालन के साथ-साथ मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिले में मछली पालन कृषकों के आर्थिक लाभ हेतु एक सार्थक जरिया बन रहा है। जिसके चलते कृषकों की अभिरूचि खेती-किसानी के साथ-साथ मछली पालन के प्रति तेजी से बढ़ रहा है।
इसका एक और बड़ा कारण यह है कि एक ही तालाब या डबरी से वर्ष में दो बार मछली का उत्पादन कर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। ग्रामीणों की बढ़ती रूचि का एक कारण यह भी है कि जहां 1 हेक्टेयर खेत में धान व गेहॅू की फसल से किसानों को अधिकतम सवा लाख रूपए की आमदनी होती है, वहीं इतनी ही भूमि में मछली पालन कर ढाई लाख रूपए का आय प्राप्त कर सकता है।
जिले में खेती के अलावा मछली पालन कृषकों के लिए काफी लाभदायक सिद्ध हो रहा है। मछली पालन के माध्यम से स्थानीय स्तर पर रोजगार उत्पन्न कर स्थानीय लोगों के लिए पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने मंे महासमुन्द जिला अपनी पहचान बना रहा है। इस व्यवसाय को प्रारम्भ करने के लिए अब खेती-किसानी व बाड़ी का काम करने वाले कृषक काफी रूचि दिखा रहे है। -
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महामसुन्द : कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने कृषि विज्ञान केन्द्र भलेसर महासुन्द का भ्रमण किया और उन्होंने वहां केन्द्र के वैज्ञानिकों के साथ, राजीव गांधी किसान न्याय योजना एवं गोधन न्याय योजना के बारे में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने वैज्ञानिकों को गौठानों में रोजगारोन्मुखी कृषि मॉडल को प्रदर्शित कर गौठानों को स्वावलंबी बनाने हेतु कार्य करने के निर्देश दिए।
उन्होंने प्रत्येक वैज्ञानिक को विषय से संबंधित सभी मॉडल, कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन एवं कृषि से संबंधित सहायक उद्यमों को गौठानों में प्रदर्शित करने कहा। साथ ही खरीफ में धान के बदले मुनाफा देने वाली अन्य दूसरी फसलों को गांव-गांव में किसानों के प्रक्षेत्र पर लगाने हेतु प्रोत्साहित करने कहा।
उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र प्रक्षेत्र पर उन्नत किस्म के फलदार पौधे ंतैयार कर किसानों को उपलब्ध कराया जाए और जिले में उद्यानिकी फसलों को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा दें। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आकाश छिकारा, केवीके के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. एस.के. वर्मा, पशु चिकित्सा सेवाएं के उप संचालक डॉ. डी.डी. झारिया सहित केवीके के अधिकारीगण उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र में रिक्त जगहों पर अधिक से अधिक नेपियर ग्रास लगाएं। इसके अलावा अन्य फसलों का उत्पादन के लिए प्लान बनाएं। भूमि समतलीकरण के लिए कार्ययोजना बनाए ताकि राशि स्वीकृत की जा सकें।
आस-पास के ग्रामीण पशुपालक किसानों को शामिल करते हुए दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए यहां शामिल कर उन्हें प्रेरित करें ताकि दुग्ध उत्पादन में भागीदारी सुनिश्चित हो जिससे उन्हें आमदनी भी प्राप्त हो सकें। कलेक्टर ने कृषि विज्ञान केन्द्र के भ्रमण के दौरान मुर्गीपालन, बटेर पालन, बत्तख पालन, कड़कनाथ, मत्स्य पालन यूनिट सहित अन्य व्यवसाय का अवलोकन किया।
वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. एस.के. वर्मा ने बताया कि जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा चारागाह विकास कार्यक्रम के अंतर्गत चारा फसलों की उन्नत किस्मों जैसे-नेपियर, बहुवर्षीय ज्वार का प्रार्दश प्रक्षेत्र स्थापित किया गया है।
गौठान ग्रामों में नगदी फसलों को बढ़ावा देने के लिए प्रदर्शन प्रक्षेत्र स्थापित किया गया है। कृषि विज्ञान केन्द्र भलेसर द्वारा नवीनतम, उन्नत एवं नवोन्मेषी तकनीकियों का प्रचार-प्रसार अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन, प्रक्षेत्र परीक्षण एवं प्रशिक्षण के माध्यम से निरंतर दिया जा रहा है। -
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महामसुन्द : कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने शुक्रवार को जिला कार्यालय के सभाकक्ष में राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर कामकाज की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि राजस्व कार्यों के साथ-साथ शासन के फ्लैगशिप योजनाओं पर भी विशेष ध्यान दें।
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशानुरूप योजनाओं का क्रियान्वयन कर लक्ष्य समय पर पूरा करें और शासन की योजनाओं से पात्र हितग्राहीं लाभान्वित हो यह सुनिश्चित करें।ताकि इनका लाभ लक्षित वर्गों को मिल सकें। बैठक में अपर कलेक्टर श्री जोगेंद्र नायक, संयुक्त कलेक्टर श्री सुनील कुमार चंद्रवंशी, एस डी एम श्री भागवत जायसवाल एवं डिप्टी कलेक्टर साहित अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे।
उन्होंने राजस्व अधिकारियों और तहसीलदारों से कोविड-19 एवं शहर में शत्-प्रतिशत् टीकाकरण की तैयारी के संबंध में चर्चा करते हुए क्लीनिकल ट्रीटमेंट और वैक्सीनेशन पर अधिक से अधिक ध्यान देने को कहा।7500 वर्गफीट भूमि का आबंटन नियमितिकरण के संबंध में समीक्षा के दौरान कहा कि इस योजना का लाभ लेने के लिए लोगों को प्रेरित करते हुए उन्हें लाभान्वित कराएं।
साथ ही उन्होंने व्यवस्थापन,नजूल नवीनीकरण, फ्रीहोल्ड के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने भू-अर्जन प्रकरणों का मुआवजा वितरण,अभिलेख अद्यतन की जानकारी समस्त राजस्व प्रकरणों,ऑनलाईन नामांतरण के संबंध में जानकारी,पीएचसी और सीएचसी सेन्टर में सामग्री क्रय के संबंध में जानकारी,चारागाह से अतिक्रमण हटाने की जानकारी,अ.वि.अ. (रा०) कार्यालय में कम्प्यूटर,फर्नीचर क्रय एवं मिटिंग हॉल निर्माण के संबंध में चर्चा,चिटफण्ड कम्पनी की जानकारी, वनअधिकार पत्र,ऋण पुस्तिका वितरण,जाति प्रमाण पत्र की समीक्षा की। इसके अलावा विधानसभा प्रश्न तैयारी की समीक्षा, डिजिटल हस्ताक्षर,आधार सिडिंग की जानकारी एवं फसल गिरदावरी के संबंध में भी समीक्षा की। -
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कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने आदर्श गौठान बम्हनी का किया निरीक्षण
महामसुन्द : शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरूवा एवं बाड़ी के तहत गोठानों की गतिविधियों में विस्तार करते हुए गोधन न्याय योजना से बने गौठानों में पशुपालकों और गोबर विक्रेताओं से गोबर क्रय किया जा रहा है। इसके कारण गांव, गरीब एवं किसानों को आर्थिक सहायता के साथ-साथ गौ संरक्षण में लाभ मिल रहा है।
फसलों के अकस्मात चराई से भी निजात मिल रही है। शासन की इस योजना से गौ-पालक प्रोत्साहित हो रहे हैं। गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में निर्मित वर्मी एवं सुपर कम्पोस्ट खाद की शासन की ओर से निर्धारित विक्रय दर खुले बाजार की अपेक्षा कम है।
इससे कम कीमत पर उच्च गुणवत्ता युक्त खाद किसानों के लिए उपलब्ध है। शासन की किसान हितैषी सुराजी गांव योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में प्रभावी है और गांव में खुशहाली ला रही है। कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने आज महासमुन्द विकासखण्ड के ग्राम बम्हनी के आदर्श गौठान पहुंचकर योजना के क्रियान्वयन की जानकारी ली।
उन्होंने कहा कि समूह की महिलाओं के जीवन स्तर को उन्नत बनाने के लिए उन्हें विभिन्न गतिविधियों से जोडऩे की जरूरत है। गांव के गौठान को मल्टीएक्टीविटी केन्द्र के रूप में विकसित करें और इसके लिए समूह की महिलाओं के रूचि के अनुसार अन्य गतिविधियां भी संचालित करें।
गौठान में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्रीमती अल्का सोनी ने बताया कि गौठान में 1348.50 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट एवं 933.20 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया गया है। यहां पर दो महिला स्व-सहायता समूह द्वारा सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं। जिसमें से एक महिला स्व-सहायता समूह को एक लाख 70 हजार रूपए की राशि उन्हें प्राप्त हो गई है और शेष राशि भी मिलने वाली है।
इसी प्रकार दूसरे महिला स्व-सहायता समूह को खाता क्रमांक सही नहीं होने के कारण उन्हें राशि प्राप्त नहीं हुई है। इस पर कलेक्टर ने उनके खाता क्रमांक को तत्काल सुधार कराने के निर्देश दिए। जिससे कि उन्हें राशि प्राप्त हो सके। कलेक्टर ने समूह की महिलाओं को खाद निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया।
इसके अलावा समूह की महिलाओं को गौठान की बाड़ी में जिमीकंद, हल्दी एवं अदरक की खेती करने के लिए कहा। समूह की महिलाएं आंगनबाड़ी तथा मध्यान्ह भोजन के लिए पापड़, बड़ी एवं अचार बनाकर मल्टीएक्टीविटी गतिविधि से जोडऩे के लिए कहा।
उन्होंने कहा कि जितना जल्दी हो सके वर्मी कम्पोस्ट बनाएं। समूह की महिलाओं ने बताया कि यहां फेसिंग तार का निर्माण भी किया जा रहा है। इस दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आकाश छिकारा, पशु चिकित्सक सेवाएं के उप संचालक डॉ. डी.डी. झारिया, कृषि विज्ञान केन्द्र के समन्वयक डॉ. एस.के. वर्मा उपस्थित थे। -
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महामसुन्द : कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने कृषि विज्ञान केन्द्र भलेसर महासुन्द का भ्रमण किया और उन्होंने वहां केन्द्र के वैज्ञानिकों के साथ, राजीव गांधी किसान न्याय योजना एवं गोधन न्याय योजना के बारे में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने वैज्ञानिकों को गौठानों में रोजगारोन्मुखी कृषि मॉडल को प्रदर्शित कर गौठानों को स्वावलंबी बनाने हेतु कार्य करने के निर्देश दिए।
उन्होंने प्रत्येक वैज्ञानिक को विषय से संबंधित सभी मॉडल, कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन एवं कृषि से संबंधित सहायक उद्यमों को गौठानों में प्रदर्शित करने कहा। साथ ही खरीफ में धान के बदले मुनाफा देने वाली अन्य दूसरी फसलों को गांव-गांव में किसानों के प्रक्षेत्र पर लगाने हेतु प्रोत्साहित करने कहा।
उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र प्रक्षेत्र पर उन्नत किस्म के फलदार पौधे ंतैयार कर किसानों को उपलब्ध कराया जाए और जिले में उद्यानिकी फसलों को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा दें। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आकाश छिकारा, केवीके के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. एस.के. वर्मा, पशु चिकित्सा सेवाएं के उप संचालक डॉ. डी.डी. झारिया सहित केवीके के अधिकारीगण उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र में रिक्त जगहों पर अधिक से अधिक नेपियर ग्रास लगाएं। इसके अलावा अन्य फसलों का उत्पादन के लिए प्लान बनाएं। भूमि समतलीकरण के लिए कार्ययोजना बनाए ताकि राशि स्वीकृत की जा सकें।
आस-पास के ग्रामीण पशुपालक किसानों को शामिल करते हुए दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए यहां शामिल कर उन्हें प्रेरित करें ताकि दुग्ध उत्पादन में भागीदारी सुनिश्चित हो जिससे उन्हें आमदनी भी प्राप्त हो सकें। कलेक्टर ने कृषि विज्ञान केन्द्र के भ्रमण के दौरान मुर्गीपालन, बटेर पालन, बत्तख पालन, कड़कनाथ, मत्स्य पालन यूनिट सहित अन्य व्यवसाय का अवलोकन किया।
वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. एस.के. वर्मा ने बताया कि जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा चारागाह विकास कार्यक्रम के अंतर्गत चारा फसलों की उन्नत किस्मों जैसे-नेपियर, बहुवर्षीय ज्वार का प्रार्दश प्रक्षेत्र स्थापित किया गया है।
गौठान ग्रामों में नगदी फसलों को बढ़ावा देने के लिए प्रदर्शन प्रक्षेत्र स्थापित किया गया है। कृषि विज्ञान केन्द्र भलेसर द्वारा नवीनतम, उन्नत एवं नवोन्मेषी तकनीकियों का प्रचार-प्रसार अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन, प्रक्षेत्र परीक्षण एवं प्रशिक्षण के माध्यम से निरंतर दिया जा रहा है। -
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महामसुन्द : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसान अब 31 जुलाई तक खरीफ फसलों का बीमा करा सकेंगे। खरीफ वर्ष 2021 में फसल बीमा की पहले अंतिम तिथि 15 जुलाई 2021 निर्धारित थी, जिसे बढ़ाकर अब 31 जुलाई कर दिया गया है।
अधिसूचित फसल को बीमित कराने के लिए इच्छुक कृषक फसल बीमा के लिए 31 जुलाई 2021 तक नजदीकी बैंक, वित्तीय संस्था, लोक सेवा केन्द्रों, बीमा कंपनी में संपर्क कर फसल बीमा करा सकते हैं।प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के संबंध में अधिक जानकारी के लिए कृषि कार्यालय, बैंक, वित्तीय संस्थान, बीमा कंपनी से संपर्क कर प्राप्त की जा सकती है।
मौसम आधारित फसल बीमा के लिए पहले अंतिम तारीख 15 जुलाई निर्धारित थी, जिसे कोविड-19 महामारी को देखते हुए किसानों के हित के मद्देनजर छत्तीसगढ़ शासन के आग्रह पर भारत सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा 31 जुलाई 2021 तक बढ़ाए जाने का आदेश जारी किया गया है। -
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महामसुन्द : कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री डोमन सिंह ने कोविड-19 संक्रमण की स्थिति में सुधार होने से पूर्व के आदेश में आंशिक संशोधन किया गया है। जारी आदेश में कहा गया है कि प्रतिदिन रात्रि 10ः00 बजे से प्रातः 06ः00 बजे तक रात्रिकालीन लॉकडाउन लागू रहेगा। इस दौरान राज्य शासन द्वारा अनुमति प्राप्त गतिविधियों एवं आपातकालीन आवागमन को छोड़कर अन्य समस्त सार्वजनिक गतिविधियों पर प्रतिबंध रहेगा।
इसके अलावा प्रतिबंधित गतिविधियों को छोड़कर अन्य सभी प्रकार की स्थायी एवं अस्थायी दुकानें, शॉपिंग मॉल, व्यवसायिक प्रतिष्ठान, सुपर मार्केट, सुपर बाजार, फल एवं सब्जी मंडी, बाजार, अनाज मंडी शो-रूम क्लब मदिरा दुकानें, ठेला, चौपाटी सैलून, ब्यूटी पार्लर, स्पॉ, पार्क, जिम व ग्रंथालय इत्यादि रविवार सहित सभी दिवस में अपने निर्धारित समय तक खोले जा सकेंगे, किन्तु सभी ग्रंथालय का संचालन उनकी बैठक क्षमता के 50 प्रतिशत की सीमा के साथ तथा कोविड-19 टीके के दोनों डोज ले चुके सदस्यों को प्राथमिकता देते हुए पहले आओ, पहले पाओ के नियम अनुसार किया जा सकेगा।
सभी वाटर पार्क, थीम पार्क, सिनेमा हॉल, थियेटर, स्विमिंग पूल तथा सामूहिक स्थल आम जनता हेतु अपने निर्धारित समय तक खोले जा सकेंगे। किन्तु सिनेमा हॉल, थियेटर का संचालन उनकी कुल क्षमता के 50 प्रतिशत व्यक्तियों के लिए ही किया जा सकेगा। संबंधित व्यवसायिक प्रतिष्ठान तथा नगरीय निकाय, विभाग इसके लिए उत्तरदायी होंगे। भारत सरकार एवं राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी गाईडलाईन का कड़ाई से पालन अनिवार्य होगा।
होटल, रेस्टोरेंट्स, रेस्टोरेंट बार एवं क्लब अपने निर्धारित समय तक खुल सकेंगे आउटसाइड डायनिंग की भी अनुमति होगी किन्तु डायनिंग हॉल, रूम में उनकी बैठक क्षमता के 50 प्रतिशत से अधिक व्यक्तियों को अनुमति नहीं होगी। होटल, रेस्टोरेंट्स ऑनलाईन टेलीफोनिक ऑर्डर पर होम डिलीवरी तथा टेक अवे को प्राथमिकता देंगे। होटलों में इन हाउस अतिथियों के लिए होटल किचन, स्वयं के रेस्टोरेंट्स के उपयोग की अनुमति रहेगी।
शासकीय उचित मूल्य दुकानों को मास्क फिजिकल डिस्टेंसिंग नियमित सेनिटाईजेशन एवं भीड़-भाड़ नहीं होने देने की शर्त का कड़ाई से पालन कराने के अधीन टोकन व्यवस्था के साथ अपने निर्धारित समय तक खुलने की अनुमति होगी।प्रतिदिन रात्रि 10ः00 बजे से प्रातः 06ः00 बजे तक रात्रिकालीन लॉकडाउन के दौरान वैवाहिक कार्यक्रम होटल, रेस्टोरेंट में इन-हाऊस डायनिंग एवं होम डिलीवरी, रेस्टोरेंट-बार क्लब, राज्य शासन के निर्देशानुसार संचालित सेवाएं तथा थोक माल, वेयरहाउस, कार्गो, फल सब्जी की लोडिंग, अनलोडिंग की अनुमति निर्धारित समयावधि में रहेगी। -
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महामसुन्द : महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक एवं उप महानिरीक्षक पंजीयन के आदेशानुसार तथा जिला कलेक्टर श्री डोमन सिंह के निर्देशानुसार जिला पंजीयक श्री दीपक मंडावी द्वारा तीन लोगों की टीम गठित कर सरायपाली क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले स्टाम्प वेंडरों का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। जहां सरायपाली क्षेत्र के 03 स्टाम्प वेंडरों द्वारा निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर स्टाम्प की बिक्री करते पाए गए।
इस कृत्य के कारण उन तीनों स्टाम्प वेंडरों का लाईसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है तथा अन्य स्टाम्प वेंडरों को भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 के अधीन स्टाम्पों के विक्रय के लिए बनाये गये अनुज्ञप्ति नियम का पालन करने निर्देशित किया गया है। पंजीयन विभाग द्वारा अधिक मूल्य के स्टाम्प विक्रय करने वाले वेडरों पर सघन कार्रवाई की जा रही है। -
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आरोपियों से कुल 44.00 लीटर हाथ भट्ठी महुआ मदिरा जप्त
महासमुन्द : आबकारी विभाग के सहायक आयुक्त श्री विजय सेन शर्मा के मार्गदर्शन में 15 जुलाई को गश्त के दौरान अवैध मदिरा विक्रय पर कड़ी कार्रवाई की गई।आबकारी दल द्वारा ग्राम उमरदा थाना महासमुंद में रेल्वे क्रॉसिंग के पास 02 आरोपियों श्री लाल कुमार ध्रुव एवं भगवानी ध्रुव को अवैध मदिरा विक्रय करते हुए घेराबंदी कर पकड़ा गया।
उनके कब्जे से 5 जरकीन में भरी 19 लीटर हाथभट्ठी महुआ मदिरा जप्त किया गया। इस प्र्रकार आरोपियों से कुल 44.0 लीटर महुआ मदिरा जप्त कर आरोपियों को आबकारी अधिनियम की धारा 34 (2), 59 (क) के तहत न्यायालय से रिमांड लेकर जेल भेजा गया।
उक्त कार्रवाई में आबकारी उपनिरीक्षक श्रीमती सविता रानी मेश्राम, श्री मधुकर श्याम हरित, तथा श्री कौशल किशोर सोनी, मुख्य आरक्षक श्री यज्ञशरण शुक्ला, आबकारी आरक्षक श्री लेखराम देशमुख, श्री इरफान अली एवं वाहन चालक श्री गांधीराम ठाकुर की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
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महासमुन्द : गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष विभिन्न क्षेत्रों में प्रदान किए जाने वाले पद्म पुरस्कार वर्ष 2022 के लिए पात्र व्यक्तियों से निर्धारित प्रारूप में नामांकन प्रस्ताव आमंत्रित किया गया हैं।वर्ष 2022 में पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री पुरस्कार प्रदान करने के लिए निर्धारित पात्रता एवं मापदंड अनुरूप स्पष्ट अनुशंसा सहित योग्य, पात्र व्यक्तियों के नामांकन प्रस्ताव 20 अगस्त 2021 तक संचालनालय, खेल एवं युवा कल्याण छ0ग0, रायपुर द्वारा मंगाई गई है। पद्म पुरस्कार देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है।
इस पुरस्कार में उत्कृष्ट कार्य को मान्यता प्रदान की जाती है और इसे सभी क्षेत्रों, विषयों जैसे कला, साहित्य और शिक्षा, खेल, चिकित्सा, सामाजिक कार्य, विज्ञान और इंजीनियरी, सार्वजनिक मामलों, नागरिक सेवा, व्यापार और उद्योग आदि में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों, सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। कोई भी व्यक्ति, किसी जाति, व्यवसाय, हैसियत या लिंग के भेदभाव के बिना इन पुरस्कारों के पात्र है। डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को छोड़कर, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में काम करने वाले व्यक्तियों सहित सरकारी सेवक, पद्म पुरस्कार के लिए पात्र नहीं है।
इन पुरस्कारों से संबंधित विधान और नियमावली भारत सरकार के आधिकारिक वेबसाइट ूूण्चंकउूंंतकेण्हवअण्पद पर उपलब्ध है। पद्म पुरस्कार के लिए नामांकन केवल ऑनलाईन पोर्टल पर ही स्वीकार की जाएंगी।नामांकन में अनुशंसित व्यक्ति की उससे संबंधित क्षेत्र, विषय में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों का स्पष्ट रूप से उल्लेख करते हुए विवरणात्मक रूप में प्रशस्ति पत्र सहित उपर्युक्त पोर्टल पर उपलब्ध प्रारूप में उल्लेखित सभी प्रासंगिक जानकारी दी जानी चाहिए।ऑनलाईन नामांकन करने की क्रमवार प्रक्रिया वेबसाइट पर दी गई है। अंतिम तिथि के पश्चात् प्राप्त होने वाले नामांकन पर विचार नहीं किया जाएगा।
ऑनलाईन नामांकन पश्चात् जिले के कार्यालय खेल एवं युवा कल्याण जिला महासमुन्द में नामांकन पत्र की छायाप्रति 20 अगस्त 2021 कार्यालयीन समय तक जमा किया जा सकता है। निर्धारित तिथि व समय के पश्चात् प्राप्त नामांकन पर विचार नहीं किया जाएगा। संबंधित जानकारी के लिए जिला कार्यालय खेल एवं युवा कल्याण जिला-महासमुन्द से कार्यालयीन दिवस एवं समय पर संपर्क कर सकते है। -
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महासमुन्द : दिव्यांगजनां के जीवन स्तर में सुधार लाने तथा उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के लिए जिले के दिव्यांगजनां को पेट्रोल चलित टू-व्हीलर स्कूटर, स्कूटी दो अतिरिक्त पहियों के साथ निःशुल्क प्रदान किया जाएगा।समाज कल्याण विभाग के उप संचालक ने बताया कि दिव्यांग छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पेट्रोल चलित टू-व्हीलर स्कूटर, स्कूटी प्राप्त होने पर उच्च शिक्षा, कौशल विकास प्रशिक्षण, रोजगार एवं स्वरोजगार की ओर अग्रसर होंगे।वहीं दूसरी ओर कामगार दिव्यांग जो अपने घर अथवा गांव से रोजगार के लिए अन्य स्थलों पर नहीं जा पाते तथा वे दूसरों पर निर्भर रहते थे। उन्हें निःशुल्क पेट्रोल चलित टू-व्हीलर स्कूटर, स्कूटी मिलने पर वे कहीं भी जाकर अपनी सेवा दे सकेगें।
शालाआें में अध्ययनरत् दिव्यांगजन छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पेट्रोल चलित स्कूटर, स्कूटी प्राप्त करने के लिए जिला महासमुन्द का मूल निवासी होना आवश्यक है। अभ्यर्थी की आयु 18 वर्ष से कम व 40 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। अभ्यर्थी के पास वाहन चलाने का वैध लाइसेंस होना चाहिए। अभ्यर्थी या उसके माता-पिता अभिभावक की मासिक आय 20 हजार रूपए तक होनी चाहिए।
अभ्यर्थी का दिव्यांगता का प्रतिशत 60 प्रतिशत या उससे अधिक तथा उसके पास यू.डी.आई.डी. कार्ड होना आवश्यक है। ऐसे दिव्यांगजन जो नियमित विद्यार्थी के रूप में विद्यालय, महाविद्यालय या विश्वविद्यालय में पंजीकृत है। उन्हें संस्था प्रमुख से प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
इसी तरह कामगार दिव्यांगजनां को जिला महासमुन्द छत्तीसगढ़ राज्य का मूल निवासी होना चाहिए। उनकी आयु 18 वर्ष से कम व 40 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। अभ्यर्थी के पास वाहन चलाने का वैध लाईसेंस होना चाहिए। अभ्यर्थी या उसके माता-पिता अभिभावकां का मासिक आय 20 हजार रूपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।
उनकी दिव्यांगता 70 प्रतिशत या उससे अधिक तथा उसके पास यू.डी.आई.डी. कार्ड होना चाहिए। रोजगार में कार्यरत दिव्यांगजन को संबंधित कार्यालय प्रमुख से प्रमाणित वेतन पर्ची, कार्यस्थल आदि के संबंध में शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा। स्वरोजगार में कार्यरत् दिव्यांगजन को स्वरोजगार ऋण देयक भुगतान की प्रति तथा संबंधित बैंक, विभाग के संस्था प्रमुख से प्रमाणित प्रति प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
उन्होंने बताया कि पात्रता रखने वाले दिव्यांगजन निःशुल्क पेट्रोल चलित टू-व्हीलर स्कूटर, स्कूटी प्राप्त करने के लिए ब्लॉक स्तर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं नगर पंचायत में आवेदन पत्र जमा कर सकते है।मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, नगर पालिका एवं नगर पंचायत में अभिलेखां के परीक्षण पश्चात् मूल आवेदन को कार्यालय उप संचालक समाज कल्याण विभाग महासमुन्द को प्रस्तुत करेगें। -
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किसानों को साढ़े सात हजार रूपए प्रति हेक्टेयर का दिया जाता है अनुदान
महासमुन्द : छत्तीसगढ़ राज्य के अधिकतर क्षेत्रों में वर्तमान में छिटका (ब्राड कास्टिग) पद्धति के माध्यम से धान की बुआई की जाती है। इस परम्परागत पद्धति से धान की बुआई की जाती है। इस पद्धति में बीज की खपत ज्यादा होती है।
वही निंदाई, गुड़ाई, कटाई आदि में अधिक खर्च एवं कठिनाई होती है। कृषि कार्य के लिए श्रमिकों की लागत को देखते हुए किसानों का रूझान अब पैडी ट्रांसप्लॉटर मशीन से धान की रोपाई के प्रति बढ़ रहा है।
कृषि विभाग के संचालक श्री यशवंत कुमार ने बताया कि राज्य शासन के कृषि विभाग द्वारा किसानों को पैडी ट्रांसप्लॉटर मशीन से धान रोपाई के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।इस आधुनिक पद्धति से धान रोपाई के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के सभी क्षेत्रों के सभी वर्ग के किसानों को प्रति हेक्टेयर की दर से साढ़े सात हजार रूपए का अनुदान प्रदाय किया जाता है।
अपर संचालक कृषि अभियांत्रिकी श्री जी.के. पीडिया द्वारा बताया कि पैडी ट्रांसप्लॉटर मशीन से धान की रोपाई के लिए क्लस्टर के रूप में कृषकों का चयन किया जाता है तथा एक किसान को अधिकतम 02 हेक्टेयर सीमा तक अनुदान की पात्रता है।
महासमुन्द जिले के ग्राम साराडीह के किसान श्री अनिल चंद्राकर अपने खेत में पैडी ट्रांसप्लॉटर मशीन के माध्यम से रोपाई करवा रहे है। इसके लिए उन्होंने अपने खेत में करीब 15 दिन पहले नर्सरी तैयार करवाया है। इसी तरह महासमुन्द जिले के साथ-साथ अन्य जिले में भी किसान लाभान्वित हो रहें हैं।
योजना से लाभान्वित होने तथा योजना की जानकारी प्राप्त करने के लिए संभागीय कृषि यंत्री कार्यालय या जिले के उप संचालक कृषि कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है। योजना का उद्देश्य राज्य में उन्नत तकनीक से धान रोपाई को प्रोत्साहित करना तथा रोपाई के रकबे में वृद्धि करना है। इससे धान उत्पादन में वृद्धि होगी वहीं कृषि श्रमिकों की समस्या से निदान होगा और बीज की बचत होने के साथ निंदाई, गुड़ाई, कटाई आदि में सुगमता होगी। -
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महासमुन्द : संचालनालय आयुष के निर्देशानुसार महासमुन्द जिले के विकासखण्ड बसना के आयुर्वेद ग्राम बिछिया में स्वास्थ्य एवं जागरूकता शिविर का आयोजन 12 जुलाई को बजार पड़ाव पर किया गया। शिविर में कोविड-19 के बचाव को ध्यान में रखते हुए निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन किया गया। शिविर का उद्घाटन गांव के सरपंच श्रीमती पार्वती पटेल, अमृत लाल, श्री शौकीलाल पटेल, माखनलाल यादव सहित गणमान्य नागरिकां द्वारा किया गया।
शिविर प्रभारी डॉ. गदाधर पण्डा द्वारा कोविड-19 से बचाव एवं रोकथाम के उपाय एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता वर्धक आयुर्वेदिक उपाय के बारें में बताया गया। इसके अलावा वर्षा ऋतु में उत्पन्न होने वाले बीमारियों जैसे उल्टी-दस्त, मलेरिया, डेंगु, पीलिया, टायफाईड, वायरल बुखार आदि मौसमी बीमारियों से बचाव एवं रोकथाम के बारें में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।
शिविर में 194 रोगियों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उपचार किया गया। जिसमें चर्मरोग के 33, उदररोग के 20, वात रोग के 60, प्रवाहिका के 02, ज्वर के 03 प्रतिश्याय के 19, कास के 24, दैब्ल्यिता के 09, कृमि के 07, दंतरोग के 04, मनोरोग के 03 एवं व्रण रोग के 10 मरीज शामिल है। शिविर पर आए सभी लोगों को मास्क, आयुष काढ़ा, ब्रोसर एवं पॉम्प्लेट का वितरण किया गया। शिविर में सफलता पूर्वक सम्पन्न कराने में डॉ. दुष्यंत प्रधान, डॉ. डोलाराम भोई, फॉर्मासिस्ट श्री गणेश राम जगत, श्री धरम सिंह ठाकुर, चतुर्भुज सांई, परमानंद कश्यप का सराहनीय योगदान रहा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
उर्वरक गुण नियंत्रण नियम के तहत् की गयी कार्रवाई
महासमुंद : जिले में कुछ सहकारी समितियों में बिना अनुमोदन के अवैध उर्वरक/सूक्ष्मतत्व भंडारित किए जाने पर उर्वरक निरीक्षकों द्वारा सहकारी समितियों के निरीक्षण उपरांत 6 सहकारी समितियों सरायपाली विकासखण्ड के तोरेसिंहा, पिथौरा विकासखण्ड के पिरदा, भस्करापाली, पथरला, जाड़ामुड़ा और आरंगी समितियों में फेरो पाॅवर खाद 12,120 किलोग्राम तथा फेरोजेन 1,175 किलोग्राम अवैध रूप से बिना अनुमोदित स्त्रोत प्रमाण पत्र के भण्डारण तथा विक्रय किए जाने पर जब्त किया गया। कृषि उप संचालक ने बताया कि यह कार्रवाई उर्वरक गुण नियंत्रण आदेश 1985 के कंडिका 8 का उल्लंघन किए जाने पर की गयी है। -
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54 हजार से अधिक कृषकों को खेती-किसानी के लिए 220 करोड़ में ऋण वितरण
महासमुंद : महासमुंद जिले में सोमवार और मंगलवार को हुई बारिश ने किसानों की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। पानी बरसा तो किसान खुशी से झूम उठे। यह बारिश किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।पिछले कई दिनों से बारिश न होने से किसान बेहद परेशान थे। उनको अपनी फसलों के बर्बाद होने की चिंता सता रही थी। यही दुआ कर रहे थे कि किसी भी तरह पानी बरसा दो।
मानसून आने के बाद जिले में खरीफ की बुआई भी हो चुकी है और धान के साथ अन्य फसल भी खेतों में नजर आने लगी लेकिन इधर आसमान से बादल जैसे गायब ही हो गये। प्रचंड गर्मी से लोग बेहाल हुए तो खेतों की फसलें भी मुरझाने लगीं।
यह देखकर किसान फिक्रमंद हो गये थे। अब तक अच्छी बारिश होने से किसानों के चेहरे पर खुशी झलक रही है। कृषि विभाग द्वारा अब तक 54,082 कृषकों को खेती-किसानी के लिए 220.93 करोड़ का ऋण वितरण किया गया है।
उप संचालक कृषि श्री एस.आर. डोंगरे ने बताया कि किसानो ने खरीफ वर्ष 2021-22 में लगभग 65 प्रतिशत से ज्यादा बोनी पूरी कर ली है। किसान धान रोपा में व्यस्त हो गए है। हर तरफ खेतों में महिलायें रोपा लगाती हुई नजर आ रही है। कृषि विभाग द्वारा जिले में तकरीबन 2 लाख 59 हजार हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बोनी करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस लक्ष्य के विरूद्ध अब तक लगभग 1 लाख 77 हजार हेक्टेयर में किसानों द्वारा खरीफ मौसम की धान, मक्का, दलहन और तिलहन फसलों की बुआई पूरी की जा चुकी है। पिछले साल इस अवधि में बोनी का प्रतिशत इसी के आस-पास था।जिले में चालू मानसून के दौरान विगत एक जून से आज 14 जुलाई तक 324 मिलीमीटर औसत वर्षा हो चुकी है। इस दौरान सबसे ज्यादा 417 मिलीमीटर बारिश महासमुन्द विकासखंड में हुई है। जिले में किसानों द्वारा धान रोपाई का काम किया जा रहा है।
कृषि अधिकारियों ने बताया कि विभाग की ओर से जिले के किसानों को 76,995 क्विंटल प्रमाणित बीज उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। किसानों द्वारा विभिन्न खरीफ फसलों के लिए अब तक 43,615 क्विंटल बीजों का वितरण किया जा चुका है। इसमें स्थानीय बीज विक्रेता भी शामिल है, वहीं अब तक 53,504 मेट्रिक टन खाद का वितरण किया गया है।
जिसका लक्ष्य 98,900 मेट्रिक टन है। प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों में मांग के अनुसार किसानों को खाद और बीज उपलब्ध कराने की कार्रवाई की चल रही है।किसानों के लिए सस्ता कृषि लोन मिल रहा है, वही खेती में तकनीकी प्रयोग बढ़ानें पर केन्द्र और राज्य सरकार का विशेष जोर है। इसके साथ ही कृषि उपज की लागत कम करने पर भी जोर दिया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा किसानों को उपज का सही मूल्य दिलाने के प्रति वचनबद्ध है। कृषि बीमा योजना से किसानों को राहत भी मिल रही है।