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पांच देशी और सात विदेशी मदिरा दुकाने रहेंगी बंद, 14 देशी और 11 विदेशी दुकानों में बिकेगी शराब
कोरबा 03 मई 2020/ जिले में 4 मई से मदिरा दुकानों का संचालन सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक किया जायेगा। इस संबंध में कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने निर्देश-आदेश जारी कर दिया है। सभी खुलने वाली दुकानों को समय-समय पर राज्य शासन एवं केन्द्र शासन द्वारा जारी कोविड-19 प्रोटोकाल के दिशा निर्देशों के तहत संचालित किया जायेगा। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए मदिरा दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जाना अनिवार्य होगा। जिले में कुल 37 मदिरा दुकानें हैं। जिनमें से 25 दुकानों से ही मदिरा बिक्री की अनुमति होगी। जिले की कुल 19 देशी मदिरा की दुकानों में से पांच दुकानें बंद रहेंगी और 14 दुकानें खुलेंगी। इसी प्रकार विदेशी मदिरा की 18 दुकानों में से 11 दुकानों से शराब की बिक्री होगी जबकि सात दुकानें बंद रहेंगी। राज्य शासन के निर्देशों के अनुसार कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने शराब दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए दुकानों के सामने बेरिकेटिंग आदि की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। श्रीमती कौशल ने शराब बिक्री के दौरान कानून व्यवस्था के लिए पर्याप्त पुलिस बल लगाने के निर्देश भी दिए हैं। शासन के निर्देश अनुसार कोरबा जिले में कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर डिलेवरी ब्वाय के माध्यम से मदिरा प्रदाय करने की व्यवस्था भी आगामी दो-तीन दिनों में कर ली जायेगी।ये दुकानें रहेंगी बंद-दुकानों में भीड़-भाड़ की स्थिति को ध्यान में रखते हुए जिले की टीपी नगर, बांकीमोंगरा, दीपका, कटघोरा और आईटीआई रामपुर पांच देशी मदिरा दुकानें बंद रहेंगी। इसी तरह टीपी नगर, , बांकीमोंगरा, दीपका, कटघोरा, गेवरा, निहारिका और प्रीमियम शाप निहारिका की विदेशी मदिरा दुकानें भी बंद रहेंगी।ये दुकानें खुलेंगी- देशी मदिरा की 14 दुकानें दादर, कोरबा, रूमगरा, लालघाट,मुड़ापार, उमरेली, रजगामार, लाटा, गोपालपुर, सर्वमंगला, गेवरा, हरदीबाजार, पाली और भैरोताल से देशी शराब की बिक्री होगी। इसी प्रकार कोरबा, लालघाट,मुड़ापार, बरपाली, रजगामार, लाटा, गोपालपुर, सर्वमंगला, हरदीबाजार, पाली और पसान की कुल 11 विदेशी मदिरा दुकानों से भी विदेशी मदिरा की बिक्री होगी। -
ड्राईवरों, हेल्परों पर रहेगी नजर, आबादी वाले इलाकों में घूमने-फिरने पर होगी कार्यवाही
कोरबा 03 मई 2020/ गेवरा, कुसमुंडा, दीपका जैसी कोयला नगरियों में कोरोना वायरस के फैलाव को कोल परिवहन में लगे डम्फरों, ट्रकों और अन्य वाहनों पर जिला प्रशासन की विशेष निगाह रहेगी। इन वाहनों के ड्राईवरो, कंडेक्टरों, हेल्परों से कोयला नगरियों के रिहायसी क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा विशेष सावधानी बरती जा रही है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम के लिए कोल क्षेत्रों में चलने वाले कोयला ट्रकों के परिवहन पर निगरानी रखने के लिए 11 सदस्यीय विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया है। यह विशेष टास्क फोर्स कोल क्षेत्र में चलने वाली समस्त कोयला ट्रकों के परिवहन पर आवश्यक पर्यवेक्षण करेंगे। टास्क फोर्स द्वारा सभी कोयला गाड़ियों के निर्धारित रूट पर ही चलना सुनिश्चित किया जायेगा।कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने बताया कि एसईसीएल दीपका, गेवरा, कुसमुंडा, कोरबा माईनिंग क्षेत्र के पास सघन आबादी वाली बस्तियां हैं। इन क्षेत्रों में कोयला परिवहन वाली गाड़ियों के साथ ड्राईवर, हेल्पर जैसे बाहरी लोगों का बड़ी संख्या में आवागमन प्रतिदिन होता रहता है। दीपका सहित सभी कोल क्षेत्र के आसपास की बस्तियां कोरोना संक्रमण हेतु संवेदनशील जोन हो सकती है तथा इन गाड़ियों के परिवहन से कोरोना संक्रमण का फैलाव भी हो सकता है। इसलिए किसी भी स्थिति में कोयला परिवहन में लगी गाड़ियां बस्ती एवं बस्ती के आसपास क्षेत्र में खड़ी न हो और गाड़ियों के चालक-परिचालक आबादी क्षेत्र में अनावश्यक रूक कर रात्रि विश्राम तथा भ्रमण न करें। इसके मानिटरिंग के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया है।कलेक्टर श्रीमती कौशल ने इस संबंध में बताया कि यह विशेष टास्क फोर्स कोल क्षेत्र में गाड़ियों के रूकने का स्थान, आटो पाट्र्स दुकान हेतु स्थान एवं रिपेयर स्थल चिन्हांकित करेंगे। टीम द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि गाड़ियां, चालक-परिचालक व अन्य संदिग्ध लोग माईनिंग एरिया के बाहर न निकलें। ड्राईवरों-हेल्परों के ठहरने आदि की जगह का चिन्हाकन कर पर्याप्त बेरिकेटिंग लगाकर निगरानी की जायेगी। टास्क फोर्स द्वारा चालक-परिचालक, हेल्पर, क्लीनर के रूकने व भोजन की व्यवस्था कोल एरिया के भीतर ही संस्थान द्वारा करवाया जाना सुनिश्चित किया जायेगा। कलेक्टर ने कहा कि टीम के सदस्य इन कोल क्षेत्रों में प्रतिदिन पेट्रोलिंग करके हरेक स्थिति पर नजर रखेंगे। टास्क फोर्स का मुख्यालय एसईसीएल दीपका में रहेगा। -
सभी की रिपोर्ट आई थी निगेटिव, जमातियों के आवेदन पर प्रशासन ने दिलाई बस सुविधा
कोरबा 03 मई 2020/कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका पर सीईटीआई हास्टल गेवरा में पिछले 30 दिनों से क्वारेंटाइन में रखे गये दिल्ली निवासी 28 जमातियों को आज दोपहर उनके गृह नगर के लिए रवाना कर दिया गया। जिला प्रशासन द्वारा इसके पहले सभी जमातियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। जमातियों के कोरोना टेस्ट लगातार निगेटिव आये थे और सभी ने 28 दिन की निर्धारित क्वारेंटाइन अवधि भी पूरी कर ली थी। जमातियों द्वारा कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल को आवेदन प्रस्तुत कर अपने गृह नगर दिल्ली जाने की अनुमति चाही गई थी। कलेक्टर ने जमातियों के सामूहिक आवेदन पर उन्हें मुस्तफाबाद उत्तर पूर्व दिल्ली जाने की ईजाजत दी है। सभी को कोरोना संक्रमण से बचाव और नियंत्रण के संबंध में स्वास्थ्य विभाग तथा शासन के दिशा निर्देशों का पूरी तरह पालन करने के निर्देश भी दिये गये हैं। सभी जमातियों को दिल्ली पहुंचने पर वहां के जिला प्रशासन को सूचित करने और तय दिशा निर्देशों का पालन करने के भी निर्देश दिए गये हैं। गेवरा से निकली बस क्रमांक सीजी-10 जी 1566 कटघोरा- अंबिकापुर, बम्हनी, रैनकोट, राबटर््सगंज, बनारस, कानपुर, आगरा, नोएडा होकर मुस्तफाबाद दिल्ली पहुंचेगी। इसी मार्ग से बस की वापसी भी जिला प्रशासन द्वारा तय की गई है।मुस्तफाबाद दिल्ली से राताखार मस्जिद पहुंचे इन सभी 28 जमातियों को निजामुद्दीन में आयोजित मरकज में शामिल होने और कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आने की संभावना पर एसईसीएल गेवरा के सीईटीआई हास्टल में में चार अपे्रल को क्वारेंटाइन किया गया था। इस दौरान इन सभी की लगातार मेडिकल मानिटरिंग की जाती रही। सभी जमातियों के गले व नाक के स्वाब सेम्पल लेकर एम्स रायपुर की लैब में परीक्षण कराया गया था। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई थी। इन सभी जमातियों को लेकर कोरबा से एक बस आज दोपहर दिल्ली के लिए रवाना हुई। बस में जमातियों के लिए पर्याप्त मात्रा में मास्क एवं सेनेटाईजर आदि की व्यवस्था की गई। दो बस चालकों को भी इनके साथ रवाना किया गया है जो सभी जमातियों को दिल्ली छोड़कर सात अपे्रल तक खाली बसों के साथ कोरबा लौटेंगे। वहां से आने के पश्चात दोनों ड्राईवरों को भी कोरबा में 14 दिन के होम क्वारेंटाइन में रखा जायेगा।अच्छी रहीं प्रशासन की व्यवस्थाएं, सोशल डिस्टेंसिंग और सेनेटाईजेशन से ही रूकेगा कोरोना का फैलाव, बोले जमाती- तीस दिन के क्वारेंटाईन में रहने के बाद रमजान के पवित्र महिने में अपने घरों के लिए रवाना हुए जमातियों ने क्वारेंटाइन सेंटर में जिला प्रशासन की व्यवस्थाओं की जमकर तारीफ की और कलेक्टर सहित सभी अधिकारी-कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त किया। रहने, खाने की व्यवस्था के साथ सुरक्षा और सेनेटाईजेशन को लेकर किये गये इंतजामों पर सभी ने संतुष्टि जताई। जमातियों में शामिल मोहम्मद यामीन, नसीम अहमद, नौशाद, सिराज अहमद, शदाब सोहेल खान आदि ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को तहेदिल से धन्यवाद दिया। सभी ने कोरबा सहित देश के लोगों को संदेश दिया है कि सोशल डिस्टेंसिंग और लगातार सेनेटाईजेशन से ही कोरोना के फैलाव को रोका जा सकता है। सभी जमातियों ने अपने समान अन्य जगहों पर रह रहे जमातियों से भी पहचान नहीं छुपाने, शासन के नियमों का पालन करने और कोरोना से संबंधित लक्षण पाये जाने पर मेडिकल टेस्ट कराने की अपील भी की है। -
नियंत्रण कक्ष के नंबर 07759-224608 पर दी जा सकती है जानकारी, कलेक्टर ने की अपील
कोरबा 3 मई 2020/ कोरबा जिला प्रशासन अन्य राज्यों में लाॅक डाउन में फंसे जिले के कामगारों, विद्यार्थियों, टूरिस्टों सहित सभी लोगों की जानकारी इकट्ठी कर रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशों के बाद जिला प्रशासन ने ऐसे सभी लोगों की जानकारी इकट्ठी करने का काम तेज कर दिया है। बाहर राज्यों में फंसे लोगों की जानकारी कोरबा में रह रहे उनके परिजन भी दे सकते हैं। इसके लिए कलेक्टोरेट में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। लोग फोन नंबर 07759-224608 पर फोन कर ऐसी जानकारी तथा आवेदन दे सकते हैं। आवेदन का प्रारूप भी नियंत्रण कक्ष से प्राप्त किया जा सकता है।इस सम्बंध में जिले के नोडल अधिकारी श्री अजय उराँव से मोबाइल नम्बर 94255-42525 और श्रम अधिकारी श्री बी आर पटेल से 98263-40787 पर भी सम्पर्क किया जा सकता है।कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने सभी जिलावासियों से अपील की है कि लाॅक डाउन के कारण छत्तीसगढ़ से बाहर के राज्यों में फंसे कोरबा के लोग यदि वापस अपने घर लौटना चाहते हैं तो उनकी पूरी जानकारी जिला प्रशासन को उपलब्ध करावें। जानकारी में उनका नाम, पिता का नाम, कोरबा का पता, कोरबा में संपर्क का मोबाईल नंबर, संबंधित व्यक्ति का मोबाईल नंबर, लाॅक डाउन के कारण फंसे होने वाला राज्य, जिला, शहर का नाम, जाने का कारण आदि विस्तृत रूप से बताएं ताकि राज्य शासन के निर्देशों के अनुसार डाटाबेस तैयार कर ऐसे लोगों की कोरबा वापसी के लिए योजना तैयार की जा सके। -
* अन्य राज्यों से जिले में बिना सूचना के प्रवेश करने तथा क्वारेंटीन का उल्लंघन करने वालों पर होगी दण्डात्मक कार्रवाई
कोरबा 01 मई 2020/ कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के लिए कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल द्वारा राज्य में अन्य राज्यों से प्रवेश करने वाले व्यक्तियों-श्रमिकों को जिले के सीमावर्ती एन्ट्री पाइंट में पहुंचने पर उनके द्वारा प्रवास की जानकारी और स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही आने की अनुमति देने के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर द्वारा आगामी दिनों में जिले में बड़ी संख्या में व्यक्तियों के आगमन की संभावना को ध्यान में रखते हुए अन्य राज्यों से बिना सूचना के प्रवेश करने वाले व्यक्तियों तथा क्वारेंटीन का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी दण्डात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गये हैं। कलेक्टर ने कहा है कि कोरोना संक्रमण एक वैश्विक स्तर की चुनौती है, जिस पर नियंत्रण के लिए कड़ी निगरानी एवं प्रभावी प्रशासनिक कार्यवाही करनी होगी। शासन के निर्देशों एवं आदेशों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों पर जिला प्रशासन द्वारा यथास्थिति धारा 188 भारतीय दंड संहिता 1860 तथा धारा 51 से 60 आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के प्रावधानों अनुसार कड़ी कार्यवाही की जाए।कलेक्टर ने कहा है कि शासन द्वारा जारी पत्र में लाॅकडाउन के कारण गृह राज्य से भिन्न राज्यों-स्थानों में फंसे हुए श्रमिकों एवं अन्य व्यक्तियों को आपातकालीन कारण जैसे- मृत्यु, मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में आने-जाने हेतु गृह (पुलिस) विभाग की अनुमति से आवागमन करने तथा छत्तीसगढ़ राज्य में जिले के भीतर तथा अर्तजिला आवागमन हेतु अनुमति जिला दण्डाधिकारी द्वारा देने संबंधी निर्देश दिए गए हैं। इसके अनुपालन में राज्य सरकार के द्वारा अन्य राज्यों से आने वाले व्यक्तियों को अनुमति देने एवं क्वारेंटीन करने के बारे मे दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा है कि अन्य राज्यों से वापस आने वाले व्यक्तियों-श्रमिकों के जिले में एन्ट्री पाइंट पर पहुंचने के साथ उनके द्वारा प्रवास की जानकारी देने के बाद ही आगे जाने की अनुमति प्रदान की जाएगी। बिना जानकारी दिए तथा बिना स्वास्थ्य परीक्षण के निवास स्थान जाने वाले ऐसे व्यक्तियों को चिंहित कर उनके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। एन्ट्री पाइंट पर जानकारी एकत्रित करने के लिए प्रारूप भी उपलब्ध कराया गया है।कलेक्टर ने कहा है कि अन्य राज्यों से आने वाले व्यक्ति कोरोना संक्रमित हो सकते हैं, जिनमें स्थानीय समुदाय में कोरोना वायरस का संक्रमण निश्चित रूप से फैल सकता है। क्वारेंटीन का पालन न करने से फैले संक्रमण पर काबू पाना अत्यंत कठिन होगा। इसलिए जिले के सभी ग्राम पंचायतों-नगरीय निकायों में अन्य राज्यों से आने वाले व्यक्तियों की जानकारी देने के लिए आए हुए व्यक्तियों, उनके परिजनों एवं जन साधारण को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसमें स्थानीय निकायों का सहयोग लिया जा रहा है। इसकी माॅनिटरिंग जिला स्तरीय कंट्रोल रूम के माध्यम से की जा रही है। अन्य राज्यों से अवैध रूप से आने वाले तथा ऐसी जानकारी छुपाने वाले व्यक्तियों पर विधि अनुसार कार्यवाही की जाएगी। अन्य राज्यों से आने वाले व्यक्तियों को निश्चित अवधि पर क्वारेंटीन करने की गाइड लाइन स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई है। क्वारेंटीन का उल्लंघन करने वालों व्यक्ति पर भी विधि अनुसार कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। -
जनपद कार्यालय में ली अधिकारियों की बैठक, दिए जरूरी निर्देश
कोरबा 29 अपे्रल 2020/कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज पाली पहुंचकर कटघोरा-पाली-बिलासपुर मार्ग का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने रोड पर लगे लंबे जाम को देखकर नाराजगी जताई और तत्काल थाना प्रभारी, एसडीएम और तहसीलदार को बुलाकर जाम को सामान्य करवाने के निर्देश दिए। इसके पश्चात कलेक्टर श्रीमती कौशल ने जनपद पंचायत पाली में बैठक ली। इस दौरान एडीएम श्री संजय अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में श्रीमती कौशल ने पाली शहर के दोनों तरफ के प्रवेश द्वारों को मजबूत करने और शहर के अंदर भारी वाहनों के प्रवेश नहीं देने के निर्देश अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने यह भी आशंका जताई कि जाम लगने के कारण बाहर राज्यों से आये वाहनों के चालक-परिचालक ईधर-उधर घूमते रहते हैं जिससे अन्य लोगों में कोरोना के संक्रमण की संभावना बनी रहती है। इसलिए कलेक्टर ने इस मार्ग पर भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। केवल खाद्य पदार्थ, कृषि एवं अन्य अति आवश्यक सामग्री लेकर आवागमन करने वाली वाहनों को ही इस मार्ग पर चलने की अनुमति होगी। कोल परिवहन और अन्य भारी वाहनों के लिए अन्य वैकल्पिक मार्ग के रूप में हरदीबाजार-सरईसिंगार-बलौदा मार्ग को चिन्हांकित किया गया है। कोल परिवहन और फ्लाईऐश परिवहन में लगे वाहन इस मार्ग से आवागमन करेंगे।
बैठक में कलेक्टर श्रीमती कौशल ने यह भी निर्देशित किया कि दूसरे जिले और उूसरे राज्यों से कोरबा जिले में आने वाले प्रवासी मजदूरों के आने पर कड़ी निगरानी रखी जाये। उनके जिले की सीमा में प्रवेश करते ही उन्हे चिन्हाकित कर बनाये गये राहत शिविरों में रखा जाये। उन्हे 14 दिन तक क्वारेंटाईन में रखा जाए और समय-समय पर उनकी मेडिकल जांच भी कराई जाए जिससे कोरोना संक्रमण का फैलने की संभावना न रहे।
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पिछले बारह दिनों से कोरबा में कोरोना का कोई पाजिटिव केस नहीं,
अब तक तीन हजार 922 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव,कोरबा 28 अपे्रल 2020/ कोरोना से संक्रमित कटघोरा के दो और मरीज आज पूरी तरह ठीक होकर एम्स रायपुर से डिस्चार्ज हो गये। इन्हें मिलाकर जिले के 26 मरीज अब तक ठीक हो चुके हैं। जिनमें से एक कोरबा शहर और 25 कटघोरा के हैं। अब जिले के दो अन्य संक्रमितों का ईलाज एम्स में चल रहा है। उनके भी जल्द ठीक होने की उम्मीद है। पिछले बारह दिनों में कोरबा जिले से एम्स रायपुर और मेडिकल कालेज रायपुर भेजे गये कोई भी सेम्पल कोरोना की जांच में पाजिटिव नहीं आया है। जांच में कोरबा जिले के तीन हजार 922 सेम्पलों की रिपोर्ट निगेटिव मिली है। कोरोना संक्रमण की जांच के लिए जिले से तीन हजार 950 सेम्पल रायपुर भेजे गये हैं, इन सभी सेम्पलों की जांच रिपोर्ट प्राप्त हो गई है। केवल 28 लोग ही इस जांच में संक्रमित पाये गये हैं। -
वीडियो कांफे्रेंसिंग के जरिये धीमें पड़े कामों की समीक्षा की, अधिकारियों को कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन करते हुए कामों में तेजी लाने दिये निर्देश कोरबा 28 अपे्रल 2020/ कोरबा तथा कटघोरा में कोविड-19 कसंक्रमण के नियंत्रण के बाद अब कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल का फोकस जनता की सहूलियत के अन्य दूसरे विकास कार्यों पर है। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण पिछले कुछ दिनों से धीमे पड़े विकास कार्यों को तेजी से पूरा कराने के लिए कलेक्टर ने आज अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। श्रीमती कौशल ने वीडियो कांफे्रसिंग के माध्यम से विकासखंड स्तरीय अधिकारियों के साथ विकास कार्यों की जमीनी हकीकत की जानकारी ली और गहन समीक्षा की। उन्होंने अब कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करते हुए गांव-गांव में या शहरी क्षेत्रों में धीमी गति से चल रहे विकास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने विकास कार्यों के लिए जरूरी सामग्री, श्रमिक, अन्य विभागीय समन्वय के साथ-साथ मशीनरी आदि के भी इंतजाम के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। वीडियो कांफे्रंसिंग में अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी श्री संजय अग्रवाल, जिला पंचायत के सीईओ श्री एस. जयवर्धन, डीएफओ कोरबा श्री एस.गुरूनाथन, डीएफओ कटघोरा सुश्री शमा फारूकी, अपर कलेक्टर श्रीमती प्रियंका महोबिया सहित सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी भी मौजूद रहे और अपने-अपने विभागों के विकास कार्यों के बारे में कलेक्टर को जानकारी दी। वीडियो कांफेंसिंग के जरिये हुई समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने वनांचल क्षेत्रों में वन अधिकार मान्यता पत्रों के वितरण की जानकारी अधिकारियों से ली। उन्होंने अगले तीन दिनों में पट्टा वितरण के लिए तैयार सूची का सत्यापन खतम करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। श्रीमती कौशल ने कटघोरा की कोरोना प्रभावित पंचायतों को छोड़कर अन्य सभी ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार देने के लिए अधिक से अधिक काम शुरू कराने के निर्देश जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दिये। कलेक्टर ने अगले दो दिनों में सभी ग्राम पंचायतों से मनरेगा के तहत शुरू किये जाने वाले कामों के प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग और कामगारों को मास्क आदि लगाकर ही काम कराने के निर्देश रोजगार सहायकों को दिए। श्रीमती कौशल ने यह भी निर्देशित किया कि मनरेगा के कामों में अधिक से अधिक स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार दिया जाये ताकि लाॅक डाउन के कारण ग्रामीणों को हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई की जा सके। श्रीमती कौशल ने तहसीलदारों और पटवारियों को मनरेगा के कामों में लगे ग्रामीणों की वास्तविक संख्या का सत्यापन करने के निर्देश भी दिए। श्रीमती कौशल ने सभी विकासखंडों में स्वीकृत नरवा विकास के कामों में तत्काल तेजी लाने के निर्देश दिए। बारिश के मौसम में नालों में बहने वाले पानी की अधिक से अधिक मात्रा को रोककर रखने और संरक्षित करने के लिए कलेक्टर ने नरवा विकास के तहत चेकडेम, बोल्डर चेकडेम, गेवियन और डाईक निर्माण के ज्यादा से ज्यादा काम शुरू करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने नरवा विकास के कामों में वन विभाग द्वारा ली जाने वाली अनुमतियों के लिए भी त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। श्रीमती कौशल ने जिले में लघु वनोपजों महुआ, माहुल पत्ता आदि की खरीदी की भी समीक्षा की और ग्रामीणों को सीधे फायदा पहुंचाने के लिये अधिक से अधिक मात्रा में वनोपजों की खरीदी करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने राशन कार्ड बनाने से लेकर गरीबी रेखा श्रेणी और अन्य राशनकार्ड धारकों को अगले दो महिने का राशन वितरण की प्रगति भी खाद्य अधिकारी से पूछी। श्रीमती कौशल ने बच्चों की आनलाईन पढ़ाई के लिए की जाने वाली व्यवस्थाओं की जानकारी भी जिला शिक्षा अधिकारी से ली। उन्होंने सभी शिक्षकों को विद्यार्थियों के घर-घर जाकर पढ़ाई के लिए परिजनों के मोबाईल फोनों पर संबंधित एप्प डाउन लोड करने, उन्हें पढ़ने का पूरा तरीका बताने के साथ-साथ होमवर्क आदि गतिविधियों की भी जानकारी लेने के निर्देश दिए।
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लाॅकडाउन के दौरान आंगनबाडी कार्यकर्ता नन्हें बच्चों को अनेक गतिविधियां शामिल करके कर रहे हैं बौद्धिक विकास
मुख्यमंत्री ने शुभांरभ के दौरान जशपुर जिले के नैंसी एवं परिधि के माताओं से वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से की थी बात
जशपुरनगर 28 अपै्रल 2020/ लाॅकडाउन के कारण जिले में नन्हें मुन्हें बच्चों के बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने के लिए और उनमें सीखने की प्रक्रिया को विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सार्थक पहल करते हुए महिला बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी के छोटे बच्चों के लिए चकमक अभियान और अभिभावकों के लिए सजग अभियान की शुरूआत 25 अपै्रल 2020 को की गई है। अभियान का उद्देश्य डिजिटल मोड पर आधारित है। इसमें नन्हें बच्चों को वाॅल पेंटिंग, औपचारिक शिक्षा, राज्य शासन दौरा तैयार की गई फिल्म दिखाई जा रही है। बच्चों को छत्तीसगढ़ी बाल गीत आकर्षक कार्टून वाीडियो पर आधारित अध्ययन सामग्री बच्चों को आकर्षित कर रही है। सजग कार्यक्रम के तहत् बच्चों के अभिभावकों को आॅडियो मैसेज दिया जाता है। इसके माध्यम से बच्चों को कहानियां सुनाने और अपने स्वयं के अनुभव से बच्चों को प्रेरित करने के साथ उन्हें आॅडियो भी सुनाया जा रहा है। बच्चों में सीखने के प्रति रूचि बढ़ेगी।
अभियान के शुभारंभ के दौरान मुख्यमंत्री ने पुरानी टोली जशपुर निवासी नैन्सी चैहान, परिधि बड़ाईक की माता बसंती बड़ाईक एवं पुष्पा चैहान से बात करके बच्चों की गतिविधियों के बारे में जानकारी ली। महिला बाल विकास अधिकारी श्री अजय शर्मा ने बताया है कि जशपुर जिले में आंगबनाड़ी केन्द्र के नन्हें मुन्हें बच्चों को इस अभियान से जोड़कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने-अपने सेक्टर के 8-10 बच्चों को एकत्रित करके वीडियों के माध्यम से शिक्षा दे रहे हैं और उन्हें अन्य गतिविधियों में शामिल करके उनका बौद्धिक विकास कर रहे है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बच्चों को खेल-खेल के माध्यम से अंगांे की जानकारी, फल के नाम, फुलों के नाम, पक्षियों के नाम बताया जा रहा है।
आंगनबाड़ी केन्द्र बांडोेपारा सेक्टर घरजियाबथान परियोजना लूडेग की कार्यकर्ता इन्द्रावती, सरनापारा बटुराबहार की सविता नन्हें बच्चे योगिनी, दामिनी, प्रशांत, गुड्डू, अमरपूरी, प्रितेश आशिष, प्रियांशु को खेल एवं वीडियो के माध्यम से शिक्षा से जोड़ा जा रहा है।
- कोरबा : कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण देश भर में लागू लाॅक डाउन के दौरान सभी संस्थान प्रतिष्ठान बंद रखे गये हैं। इस स्थिति में आम जनता को चिकित्सकीय सलाह के लिए असुविधा न हो इसके लिए जिले के सभी निजी चिकित्सालय, नर्सिंग होम का नियमित संचालन करने के लिए कलेक्टर ने निजी चिकित्सक तथा नर्सिंग होम संचालको को कलेक्टर सभागार में आयोजित बैठक में निर्देश दिए। बैठक में एडीएम श्री संजय अग्रवाल, अपर कलेक्टर श्रीमती प्रियंका महोबिया, सीएमएचओ डा. बी.बी.बोडे सहित जिले के निजी अस्पतालों के डाक्टर भी मौजूद रहे। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि लाॅक डाउन के दौरान आम जनता को चिकित्सीय सुविधाएं निरंतर मिलती रहे इसके लिए अस्पतालों एवं नर्सिंग होम का संचालन किया जाना आवश्यक है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने कहा कि मरीजों को स्वास्थ्य संबंधी परामर्श देने के लिए टेलीफोन, मोबाईल फोन के माध्यम से अलग-अलग समय दिया जाये, जिससे मरीजों के अस्पताल में आने पर चिकित्सकीय परामर्श, जांच तत्काल उपलब्ध हो सके और मरीजों की अनावश्यक भीड़ से बचा जा सके। अस्पताल में आने वाले मरीजों के साथ एक से ज्यादा व्यक्ति अटेंडेंट या परिजन न रहें जिससे अनावश्यक भीड़ न बढ़े और सोशल और फिजिकल डिस्टेसिंग के नियम का पालन हो सके।बैठक में कलेक्टर श्रीमती कौशल ने कहा कि अस्पताल संचालन के दौरान यह सुनिश्चित करना अनिवार्य है कि आने वाले सभी मरीज सोशल और फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करें। उन्होंने अस्पताल के सभी कमरे और परिसर को नियमित रूप से एक प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराईड से सेनेटाईज कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने मरीजों से भी अपील की कि वे उपचार के दौरान डाक्टरों और मेडिकल टीम की सुरक्षा संबंधी मापदण्डों का अनिवार्य रूप से पालन करें। श्रीमती कौशल ने चिकित्सकों को कहा कि सर्दी, खांसी, और बुखार वाले मरीजों के लिए अलग से फीवर क्लीनिक बनायें और उनका ईलाज सामान्य मरीजों से अलग तरीके से करें तथा अस्पताल में अलग से वार्ड या कमरा तय कर कोरोना के संदिग्ध लक्षण वाले मरीजों को रखें। कलेक्टर ने कोरोना वायरस के कारण वर्तमान हालात में अस्पतालों में सामान्य मरीज और कोरोना संदिग्ध मरीजों को अलग-अलग परामर्श देने की सुविधा प्रदान करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देशित किया कि अस्पताल में मरीजों के प्रवेश और बाहर निकलने के लिए अलग-अलग प्रवेश और निकासी द्वार बनायें जायें। कलेक्टर ने अस्पताल में आने वाले सभी मरीजों को कोरोना के संदिग्ध मानकर किसी भी मरीज से भेदभाव न करने और आपातकालीन स्थिति वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर उनका गंभीरता से ईलाज करने की अपील निजी अस्पताल, नर्सिंग होम संचालकों से की। कलेक्टर ने मरीजों और उनके साथ आने वाले परिजनों से भी अपील की कि अस्पताल परिसर में गंदगी न फेलायंे, यहां वहां न थूकें तथा अनावश्यक भीड़ न बढ़ावें। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने कहा कि आपातकालीन स्थिति में मरीजों को लाने-ले जाने के लिए उपयोग में आने वाले वाहन को स्थिति को देखते हुए अनुमति प्रदान की जायेगी जिससे मरीजों को अस्पताल पहुंचने में असुविधा न हो।
- कलेक्टर ने जारी किया आदेश, उल्लंघन पर धारा 188 की कार्यवाही होगीकोरबा : जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम तथा नियंत्रण के लिए कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने गुटखा, तंबाकू और गुड़ाखू की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब गुटखा, तंबाकू, गुड़ाखू बेचते हुए पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति या संस्थान के विरूद्ध धारा 188 के तहत कार्यवाही की जायेगी। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने इस बारे में आज यहां आदेश भी जारी कर दिया है।कलेक्टर ने बताया कि कोरोना संक्रमण ने महामारी का रूप ले लिया है। इससे बचाव के लिए कोविड-19 वायरस के संपर्क में पीड़ित, संदेही से दूर रहने की सख्त हिदायत भी शासन द्वारा दी जा रही है। उन्होंने बताया कि लोगों द्वारा गुटखा, तम्बाखू या गुड़ाखू का सेवन कर जगह-जगह थूक दिया जाता है जिससे संक्रमण के बढने का खतरा बना रहता है। ऐसी स्थिति में एपीडेमिक एक्ट के तहत पूरे जिले में गुटखा, तंबाखू एवं गुड़ाखू के क्रय विक्रय पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।
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सार्वजनिक स्थानों पर थूकने या मास्क नहीं पहनने पर लगेगा एक सौ रूपये जुर्माना, कलेक्टर श्रीमती कौशल ने जारी किया आदेश, दुकानदारों द्वारा तीन बार उल्लंघन के बाद दुकान संचालन की छूट भी समाप्त होगी
कोरबा : कोरबा जिले में अब सार्वजनिक स्थानों पर मास्क या अन्य तरीकों से अच्छी तरह चेहरा नहीं ढकने पर एक सौ रूपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर भी एक सौ रूपये का अर्थदंड लगेगा। कोरोना संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम के लिए कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। यह आदेश एपिडेमिक डिसीज एक्ट 1897 के सेक्शन 02 के तहत जारी किया गया है। जुर्माना स्वास्थ्य विभाग या स्थानीय स्वशासी निकाय, नगर निगम, नगर पालिका परिषद या नगर पंचायत, ग्राम पंचायत द्वारा लगाया जायेगा।जारी आदेश के अनुसार सार्वजनिक स्थलों पर अनावश्यक विचरण करने या सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने पर भी प्रति व्यक्ति दो सौ रूपये का जुर्माना लगेगा। कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए जारी लाॅक डाउन से छूट प्राप्त दुकानों, संस्थानों, सब्जी विके्रताओं द्वारा मास्क नहीं पहनने या उनके द्वारा अनावश्यक विचरण करने व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने पर पहली बार एक सौ रूपये से पांच सौ रूपये तक जुर्माना वसूला जाएगा। दूसरी बार ऐसा करते पाए जाने पर पांच सौ रूपये से एक हजार रूपये तक का जुर्माना लगेगा तथा तीसरी बार भी ऐसा करते पाए जाने पर दुकान संचालन की छूट खत्म कर दी जाकर दुकान बंद करा दी जायेगी। इसके साथ ही ऐसे लोगों के विरू¬द्ध अन्य प्रभावी नियमों के तहत वैधानिक कार्यवाही भी की जायेगी। - अब बाजार के प्रवेश द्वार पर मास्क की दुकान भी लगेगी, कलेक्टर ने किया शहर के विभिन्न बाजारों का निरीक्षणमास्क नहीं लगाने या अच्छी तरह मुंह नहीं ढकने पर होगा जुर्मानाकोरबा : गुड़िया मास्क क्यों नहीं लगाया? क्या कोरोना के बारे में नहीं जानती? तुम्हारे मास्क नहीं लगाने से वायरस का संक्रमण तुम्हे और दूसरे लोगों को भी हो सकता है... यह संवाद किसी और का नहीं बल्कि जिले की सबसे बड़ी प्रशासनिक अधिकारी कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल का है।कलेक्टर ने बुधवारी बाजार में आज एक लड़की को बिना मास्क के सब्जी खरीदते देख जमकर फटकार लगाई। श्रीमती कौशल ने आज सुबह बुधवारी बाजार पहुंचकर वहां दुकानदारों और ग्राहकों के लिए निर्धारित किये गये सोशल डिस्टेंसिंग के दिशा निर्देशों का पालन करने का निरीक्षण किया। पूरे बाजार में घूमकर श्रीमती कौशल ने स्वयं दुकानदारों और सब्जी खरीदने आये लोगों से बात की और उन्हें अपना मुंह अच्छी तरह ढंककर या मास्क लगाकर ही घरों से निकलने की हिदायत दी। कलेक्टर ने शहर के विभिन्न बाजारों में प्रवेश द्वारों पर मास्क बेचने के लिए दुकान भी लगाने के निर्देश नगर निगम के अधिकारियों को दिए।उन्होंने बिना मास्क पहने या अपने मुंह को अच्छी तरह ढंके बिना सड़कों पर निकलने वाले लोगों पर जुर्माना लगाने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए। इस दौरान अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी श्री संजय अग्रवाल, नगर निगम आयुक्त श्री राहूल देव सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।बुधवारी बाजार के बाद कलेक्टर ने टीपी नगर मेनरोड, सुनालिया चैक, पुराना कोरबा, कोतवाली रोड होते हुए पुराना बस स्टैंड से सीतामणी तक किराना दुकानों और अन्य दुकानों का निरीक्षण किया तथा लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ही सामान बेचने के निर्देश दिए। श्रीमती कौशल ने पुराना बस स्टैंड के सामने सड़क किनारे लगी सब्जी की दुकानों के दुकानदारों और ग्राहकों से भी बात की और सभी को मास्क लगाकर ही घरांे से बाहर निकलने की समझाईश दी। कलेक्टर ने इस दौरान दो दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ होने और दुकानदार द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग के लिए किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं होने के कारण जुर्माना लगाने के भी निर्देश नगर निगम के अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने इसके बाद बालको और दर्री क्षेत्र के मार्केट का भी अवलोकन किया। श्रीमती कौशल ने एसडीएम श्री सुनील नायक और सीएसपी श्री राहूल देव शर्मा को सभी दुकानों के सामने सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन कराने और बिना मास्क या अच्छी तरह मुंह ढके बिना बाहर निकलने वाले लोगों के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
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छुरीकला के एकलव्य विध्यालय में प्रशासन ने की व्यवस्था, सबकी मेडिकल जाँच भी होगी
बिलासपुर संभाग के विद्यार्थियों को छत्तीसगढ़ लाने कोटा राजस्थान से आज शाम सात बजे रवाना होंगी बसें
परसों तक कोरबा पहुँचने की सम्भावना
कोरबा 26 अपे्रल 2020/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रयासों से राजस्थान के कोचिंग हब से छत्तीसगढ़ के छात्र-छात्राओं को लेकर बसें आज शाम सात बजे के बाद कोटा से रवाना हो जायेंगी। कोटा से कोरबा जिले के 141 छात्र-छात्राओं के इन बसों से परसों सुबह तक कोरबा पहुँचने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है।इन सभी विद्यार्थियों को कोरबा पहुँचने के बाद चौदह दिन क्वारेंनटाइन में रखा जाएगा। जिला प्रशासन ने विद्यार्थियों को क्वारेंनटाइन करने छुरी के एकलव्य विध्यालय में सभी व्यवस्थाएँ पूरी कर ली है। यहाँ विद्यार्थियों के पहुँचने पर उनका मेडिकल चेक अप किया जाएगा। क्वारेंनटाइन अवधि में विध्यार्थी किसी अन्य व्यक्ति के सम्पर्क में नही आएँगे। सर्दी, खांसी, बुखार और साँस की तकलीफ़ वाले विध्यार्थियो की विशेष जाँच भी की जाएगी। बिलासपुर संभाग के विद्यार्थियों को लेकर बसें कोटा में तीन तय जगहों से आज 26 अपे्रल को शाम सात बजे छत्तीसगढ़ के लिए रवाना होंगी। कोटा के कंट्री इन से नौ बसें, सत्यार्थ से आठ बसें और कुनहाड़ी से 11 बसें बिलासपुर संभाग के विद्यार्थियों को लेकर रवाना होंगी। कोटा जिला प्रशासन द्वारा इसकी सूचना सभी कोचिंग संस्थानों को दी गई है।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने एकलव्य विध्यालय में विद्यार्थियों के लिए आवश्यक व्यवस्था दुरूस्त करने के निर्देश आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त को दिए है। उन्होंने कहा कि बच्चों की व्यवस्था और देखरेख के लिए पर्याप्त कर्मचारी की व्यवस्था होनी चाहिए। बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में बताया जाए। क्वारेंटाइन के दौरान क्या करना है और क्या नहीं इसकी भी जानकारी उन्हें दी जाए। कलेक्टर ने कहा कि स्वास्थ्य टीम द्वारा प्रतिदिन बच्चों का हेल्थ चेकअप किया जाएगा। बच्चों के लिए स्कूल के हॉस्टल में सेनेटाईजर की व्यवस्था भी होनी चाहिए। उनकी सुरक्षा के लिए पुलिस भी तैनात रहेगी।
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पिछले नौ दिनों से कोरबा में कोरोना का कोई पाजिटिव केस नहीं,
अब तक तीन हजार 750 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव,91 सेम्पलों की रिपोर्ट आना बाकीकोरबा 25 अपे्रल 2020/ कोरोना से संक्रमित कटघोरा के दो और मरीज आज पूरी तरह ठीक होकर एम्स रायपुर से डिस्चार्ज हो गये। इन्हें मिलाकर जिले के 24 मरीज अब तक ठीक हो चुके हैं। जिनमें से एक कोरबा शहर और 23 कटघोरा के हैं। जिले के चार अन्य संक्रमितों का ईलाज एम्स में चल रहा है। उनके भी जल्द ठीक होने की उम्मीद है। पिछले नौ दिनों में कोरबा जिले से एम्स रायपुर और मेडिकल कालेज रायपुर भेजे गये कोई भी सेम्पल कोरोना की जांच में पाजिटिव नहीं आया है। जांच में कोरबा जिले के तीन हजार 750 सेम्पलों की रिपोर्ट निगेटिव मिली है। कोरोना संक्रमण की जांच के लिए जिले से तीन हजार 869 सेम्पल रायपुर भेजे गये हैं, इनमें से तीन हजार 778 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट प्राप्त हो गई है। केवल 28 लोग ही इस जांच में संक्रमित पाये गये हैं। लगभग 91 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट आना बाकी है। -
कोरबा 25 अपे्रल 2020/कोरबा में कोरोना संक्रमण के हाॅट स्पाॅट कटघोरा में प्रतिदिन लगभग पांच सौ लीटर दूध की घर पहुंच आपूर्ति हो रही है। जिला प्रशासन द्वारा आवश्यक वस्तुओं राशन, दवाई के साथ-साथ दूध की भी इस संक्रमित इलाके में घर पहुंच आपूर्ति की जा रही है। कटघोरा के तीन डेयरी उत्पादक विके्रताओं को ग्रामीण पशु पालकों से उत्पादित दूध को इकट्ठा करने और उन्हें पैकेट बनाकर घर-घर पहुंचाने की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन द्वारा सौंपी गई है। श्याम डेयरी, कान्हा डेयरी और गोपाल डेयरी संचालकों द्वारा आसपास के ग्रामीण दूध उत्पादक पशु पालकों से सुबह साढ़े छह बजे दूध एकत्रित कर लाॅजिस्टिक सेंटर हाईस्कूल कटघोरा पहुंचाया जा रहा है। ग्रामीण दूध उत्पादक पशु पालकों से एकत्रित दूध सुबह सात बजे तक जेंजरा बाईपास से होते हुए शासकीय वाहन में लाॅजिस्टिक सेंटर तक पहुंचता है। लॅाजिस्टिक सेंटर में प्रभारी पशु चिकित्सा शल्यज्ञ डाक्टर की मौजूदगी में दूध के आधा लीटर, एक लीटर और दो लीटर के पैकेट तैयार किये जाते हैं। पैकेट तैयार होने के बाद दूध को दोपहर से पहले घर-घर पहुंचाया जाता है।
कोरोना संक्रमण प्रभावित रेड जोन में शामिल कटघोरा शहर में पहला कोरोना पाजिटिव मिलने के साथ ही पूरी तरह लाॅक डाउन कर दिया गया है। संक्रमण को अन्य इलाकों और लोगों में फैलने से रोकने के लिए सभी इंतजाम जिला प्रशासन द्वारा किये गये हैं। लोगों को अपने घरों से निकलने की मनाही के साथ-साथ इलाके का सेनेटाईजेशन, संदिग्ध लोगों की सेंपलिंग और संक्रमित लोगों को ईलाज के लिए एम्स रायपुर पहुंचाने के साथ-साथ प्रशासन ने सभी जरूरी व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की हैं। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने लाॅक डाउन शुरू होेते ही इस इलाके में राशन, दवाईयां, सब्जियों, दूध जैसी अति जरूरी चीजों की सप्लाई के लिए घर पहुंच सेवा शुरू करवा दी थी। 60 वालिंटियर लोगों के घरों तक जरूरत का सामान, दवाई, दूध आदि रोज पहुंचा रहे हैं। इलाके में हर रोज औसतन 400 घरों तक वालिंटियरों की पहुंच है। प्रतिदिन लगभग पांच सौ लीटर दूध घर पहुंच सेवा के तहत सप्लाई किया जा रहा है। राशन मांग अनुसार पैकेट बनाकर लोगों के घरों तक पहुंचाया जा रहा है। सब्जियों की बिक्री भी पचास रूपये, 100 रूपये और 200 रूपये के किट के रूप में घरों तक पहुंचाकर की जा रही है। इस व्यवस्था के लिए कटघोरा के चिन्हांकित राशन दुकानों और मेडिकल स्टोर्स का वाट्सएप्प गु्रप बनाया गया है और इनके नंबर सार्वजनिक किए गये हैं। कटघोरा में बने कंट्रोल रूम से भी लोगों को मांग के अनुसार अपने आर्डर करने के लिए इन नंबरों पर ही संपर्क करने की सलाह दी जाती है। लोग इन नंबरों पर अपना आर्डर वाट्सएप्प के माध्यम से दर्ज कराते हैं और संबंधित वालिंटियर सामान्य दरों पर सामाग्री घरों तक पहुंचा देते हैं।दूध और सब्जी की घर पहुंच सेवा के लिए भी ऐसी ही व्यवस्था की गई है परंतु इन दोनों चीजों के लिए भंडारण और निगरानी का काम प्रशासन की देखरेख में किया जा रहा है। कटघोरा के हाई स्कूल में लाजिस्टिक सेंटर स्थापित किया गया है। आसपास के दूध एवं सब्जी उत्पादक किसान इस लाजिस्टिक सेंटर में अपने उत्पाद लेकर आते हैं। वाट्सएप्प गु्रप पर आर्डर के हिसाब से दूध और सब्जियों की पैकिंग कर उन्हें मांग अनुसार लोगों के घरों तक पहुंचाया जाता है। भुगतान केैश आॅन डिलेवरी होता है। इस व्यवस्था से कोरोना संक्रमित क्षेत्र में एक ओर जहां अति आवश्यक चीजों की सरल, सुगम और मांग अनुसार आपूर्ति सुनिश्चित हुई है वहीं दूसरी और लोगों का इन चीजों के लिए घर से बाहर नहीं निकलने पर लाॅक डाउन का पूरी तरह पालन कराने में प्रशासन को बड़ी मदद मिली है। -
फ्लू, इनफ्लूएंजा के लक्षणों वाले मरीजों का होगा अलग ईलाज, सम्भावित संक्रमण से बचेंगे अन्य मरीज
कोरबा 25 अपे्रल 2020/ कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास और नवाचार लगातार किये जा रहे हैं। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल की पहल पर जिले में एक और नवाचार फीवर क्लीनिक शुरू किया गया है। जिले के सरकारी अस्पतालों में कोरोना संदिग्ध और सामान्य मरीजों का अलग-अलग ईलाज करके संक्रमण को फैलने से रोकना इस नवाचार का प्रमुख उद्देश्य है। कोरोना का हॅाट स्पाॅट बन चुके कोरबा के कटघोरा मेें स्थितियां अब नियंत्रण में हैं और पिछले नौ दिनों से कोई भी नया संक्रमित इलाके में नहीं मिला है। जिले की सभी सरकारी अस्पतालों और कोरबा मुख्यालय में स्थित इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय में सर्दी, खांसी, बुखार के साथ सांस की बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए ईलाज की अलग व्यवस्था फीवर क्लीनिक संचालित की जा रही है।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने इस विषय में बताया कि अस्पतालों की सामान्य ओपीडी में इनफ्लूएंजा या फ्लू जैसी बीमारियों के लक्षण सर्दी, खांसी, बुखार वाले मरीजों का ईलाज अन्य रोगों से पीड़ित मरीजो के साथ ही किये जा रहे थे। कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रारंभिक लक्षण भी इसी तरह के हैं। इसलिए ऐसे लक्षणों वाले मरीजों को अन्य रोगों के मरीजों से अलग कर जांच एवं ईलाज की व्यवस्था जिला अस्पताल सहित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में शुरू की गई है। कलेक्टर ने बताया कि इससे कोरोना के संदिग्ध मरीजों की पहचान में आसानी होगी और ऐसे संदिग्ध मरीजों को पहचान कर तत्काल उनका कोरोना टेस्ट कराया जायेगा। टेस्ट में पाजिटिव आने पर समय रहते ऐसे संक्रमित मरीजों को बेहतर ईलाज मिल सकेगा। इसके साथ ही ऐसे मरीजों के संपर्क में आने से दूसरे मरीजों को भी संक्रमित होने से बचाया जा सकेगा।
कलेक्टर ने बताया कि जिला अस्पताल में बने नये भवन में फीवर क्लीनिक शुरू किया गया है। यहां डाक्टरों की ड्यूटी निर्धारित कर सर्दी, खांसी, बुखार के मरीजों का अलग से उपचार करने के साथ-साथ कोरोना संक्रमण का संदेह होने पर मरीजों का कोरोना टेस्ट कराने की व्यवस्था भी की गई है। फीवर क्लीनिक तक आने-जाने और मरीजों के बैठने की भी अलग व्यवस्था की गई है। डाक्टरों को भी क्लीनिक में सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखते हुए सर्दी, खांसी, बुखार सांस में तकलीफ वाले मरीजों की जांच और ईलाज के निर्देश दिए गये हैं।
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छुरीकला नगर पंचायत में भी अति आवश्यक सेवाओं के लिए लाॅक डाउन में दी गई छूट
कोरबा 25 मार्च 2020/कोरोना वायरस के संक्रमण के नियंत्रण के लिये पूर्व में चिकन, मटन, मछली और अण्डा विक्रय पर लगाई गई रोक प्रशासन ने हटा ली है। कटघोरा नगर पालिका परिषद क्षेत्र को छोड़कर पूरे कोरबा जिले में अब अति आवश्यक सेवाओं के लिए प्रशासन द्वारा समय सुबह नोै बजे से दोपहर दो बजे तक समय निर्धारित किया गया है। राशन, सब्जी, फल, दूध आदि के साथ-साथ इलेक्ट्रिक पंखों, कूलर, बे्रड आदि की दुकानें भी इसी अवधि में खुली रहेंगी। दूध बांटने का समय सुबह साढ़े छह बजे से साढ़े आठ बजे तक और शाम पांच बजे से सात बजे तक निर्धारित किया गया है। इसी तरह कटघोरा में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मरीजों को देखते हुए ऐतिहातन तौर पर छुरीकला नगर पंचायत में किया गया पूर्ण लाॅक डाउन शिथिल किया गया है। अब छुरीकला में भी अति आवश्यक सेवायें प्रदान करने वाले कार्यालय और प्रतिष्ठान सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक खुलेंगे। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने निर्धारित छूट अवधि के बाद लोगों को अपने घरों से बाहर नहीं निकलने की ही हिदायत दी है। इस दौरान लोग अपने घरों में ही रहंेगे। अभी भी लाॅकडाउन के दौरान कोरोना वायरस के लिये शासन द्वारा तय किये गये दिशा-निर्देश पूरी तरह लागू रहेंगे।अखबारों के वितरण के लिये सुबह साढ़े छह बजे से साढ़े नौ बजे तक छूट रहेगी। इस तीन घण्टे की अवधि में अखबार के हाॅकर शहर में अखबार बांटेंगे। कटघोरा नगर पालिका क्षेत्र को छोड़कर जिले के अन्य क्षेत्रों में सब्जी-फल-किराना-राशन, जानवरों के खाने की चीजों और चारे आदि की दुकानें सुबह नौ बजे से दो बजे तक खुली रहेंगी। दवाई दुकानें और पेट्रोल पम्प सामान्य दिनों की तरह ही संचालित होंगे, परन्तु उन्हें कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिये शासन द्वारा समय-समय पर जारी किये गये निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। जिले में कटघोरा नगर पालिका क्षेत्र को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में बिजली के पंखे, कूलर की दुकानें और इनकी रिपेयरिंग की दुकानें भी निर्धारित समय में खुल सकेंगी। विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक किताबों की दुकानों को भी निर्धारित समयावधि के लिए पूर्णतया तालाबंदी से छूट दे दी गई है। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में एसडीएम द्वारा चिन्हाकित ट्रकों और आटोमोबाईल रिपेरिंग की दुकानें तथा राजमार्गों पर ढाबे भी खुल सकेंगे। ढाबों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए केवल पार्सल ले जाने की सुविधा होगी। कुरियर, डाक और पोस्ट आफिस सेवाओं को भी लाक डाउन से छूट प्रदान कर दी गई है। इलेक्ट्रिशियन, मोटर मैकेनिक, प्लंबर, बढ़ई, आईटी रिपेयर का काम करने वाले लोगों को भी लाक डाउन से छूट दी गई है। खोया, पनीर, दही जैसे दूध उत्पादों की बिक्री की दुकानें भी निर्धारित समय में खुली रहेंगी। निःशक्तजनों, बच्चों, बेघर वरिष्ठ नागरिकों व महिलाओं तथा विधवाओं की देखरेख के लिए संचालित आवासीय संस्थाओं को भी पूर्ण तालाबंदी से छूट दी गई है।नगरीय सीमा के बाहर संचालित किये जाने वाले शासकीय और निजी औद्योगिक संस्थानों को भी चालू करने की अनुमति दी गई है। इंडस्ट्रियल स्टेट में स्थिति औद्योगिक इकाईयों को कामगारों के आने-जाने पर नियंत्रण रखने और उद्योग परिसर के भीतर या लगी हुई जगहों पर रहने की व्यवस्था करने पर ही संचालन की अनुमति दी गई है। नगरीय सीमा के बाहर ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क निर्माण, सिंचाई योजना, भवन निर्माण, जल प्रदाय एवं स्वच्छता, लाईनों का निर्माण, दूर संचार के लिए आप्टिकल फाईबर केबल डालने का काम एवं सभी प्रकार के औद्योगिक निर्माण परियोजनाओं के लिए भी लाॅक डाउन में अनुमति दी गई है। नगरीय निकायों की सीमा के भीतर ऐसी निर्माण परियोजनाएं जहां श्रमिक साईट पर उपलब्ध हों तथा बाहर लाने की आवश्यकता न हो, संचालित की जायेंगी। ग्रामीण क्षेत्रों में सीएससी एवं च्वाईस सेंटर तथा बोर खनन की गतिविधियों को भी लाक डाउन से छूट प्रदान कर दी गई है।दुकानदारों को मेन्टेन करना होगा सोशल डिस्टेन्सिंग:- लाॅकडाउन की स्थिति में निर्धारित किये गये समयानुसार अत्यावश्यक सेवाओं से संबंधित दुकानें आदि खुलेंगी। दुकानदारों को कोरोना संक्रमण की गम्भीरता को देखते हुये अपने ग्राहकों के बीच कम से कम एक-एक मीटर की दूरी मेन्टेन करनी होगी। इसके लिये दुकानों के सामने एक-एक मीटर पर लाईन, चैकोर डिब्बा या गोला बनाकर लोगों को निर्धारित दूरी पर रखना होगा। दुकानों पर भीड़ लगाने की बजाय लोगों को भी एक-एक कर सामान खरीदने की हिदायत जिला प्रशासन द्वारा लगातार दी जा रही है। -
कोटा जिला प्रशासन ने रवानगी की जगहों की जानकारी भेजी, तीन जगहों से सवार हो सकेंगे विद्यार्थी
कोरबा 25 अपे्रल 2020/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रयासों से राजस्थान के कोचिंग हब से छत्तीसगढ़ के छात्र-छात्राओं को लेकर बसें कल कोटा से रवाना हो जायेंगी। कोटा जिला प्रशासन ने छत्तीसगढ़ के पांचों संभागों के विद्यार्थियों के लिए बसों की रवानगी का समय, रवानगी स्थल और बसों की संख्या तय कर जानकारी कोरबा जिला प्रशासन को भेजी है। बिलासपुर संभाग के विद्यार्थियों को लेकर बसें कोटा में तीन तय जगहों से कल 26 अपे्रल को शाम सात बजे छत्तीसगढ़ के लिए रवाना होंगी। कोटा के कंट्री इन से नौ बसें, सत्यार्थ से आठ बसें और कुनहाड़ी से 11 बसें बिलासपुर संभाग के विद्यार्थियों को लेकर रवाना होंगी। कोटा जिला प्रशासन द्वारा इसकी सूचना सभी कोचिंग संस्थानों को दी गई है। कोरबा जिला प्रशासन ने भी पालकों से अपील की है कि वे कोटा में कोचिंग के लिए गये अपने बच्चों को बसों के रवानगी स्थल और समय के बारे में अपने स्तर पर भी दूरभाष पर बातचीत के दौरान बता दें ताकि बच्चे निर्धारित समय पर निर्धारित जगह पर पहुंचकर छत्तीसगढ़ आने के लिए बसों में सवार हो सकें।
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कोरबा 24 अप्रैल 2020/वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने एवं गरीब,मजदूरों को जीवन उपयोगी सामग्र्री उपलब्ध कराने के सहयोग में अपना योगदान देने हेतु पंचायत सचिव संघ, जिला कोरबा के 326 पंचायत सचिवों ने मार्च माह के एक दिन का वेतन कटौती कर राशि दो लाख सत्ताईस हजार एक सौ अड़तीस रूपये मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करायी है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कोरबा ने जिला प्रशासन की ओर से सचिव संघ कोरबा के अध्यक्ष एवं समस्त सचिवों को उनके द्वारा किये गये सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।
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*वनोपज संग्रहण लाॅक डाउन में वनवासियों की आय का मुख्य साधन, गंभीरता से लें अधिकारी
कलेक्टर श्रीमती कौशल ने की समीक्षा, कोचियों के विरूद्ध कार्यवाही के भी दिए निर्देश*कोरबा 24 अपे्रल 2020/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर प्रदेश के लघु वनोपज संग्राहकों को उनकी मेंहनत का पूरा दाम दिलाने के लिए महुआ फूल की दर 13 रूपये बढ़ाकर 17 रूपये से 30 रूपये प्रति किलो कर दी गई है। अब जिले के वनांचलों में महुआ इकट्ठा कर वनोपज समितियों को बेचने वाले सभी वनवासियों को महुए का तीस रूपये प्रतिकिलो भाव मिलेगा। जिले में वर्तमान सीजन में कोरबा तथा कटघोरा वन मण्डल को मिला चार हजार 500 क्विंटल महुआ फूल खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसमें सीजन के शुरूआती दौर में भी लगभग साढ़े तीन सौ क्विंटल महुआ फूल की खरीदी अभी तक की जा चुकी है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज वीडियो कांफें्रसिंग के माध्यम से कोरबा तथा कटघोरा वन मण्डलों में लघु वनोपजों के संग्रहण और खरीदी की गहन समीक्षा की। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण चल रहे लाॅक डाउन से वन क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी प्रभावित हो रहे हैं और वनोपजों का संग्रहण इस दौर में उनकी आय का महत्वपूर्ण साधन है। ऐसी स्थिति में वनवासियों को उनकी लघु वनोपजों का पूरा और बेहतर दाम दिलाने के लिए कलेक्टर ने अधिकारियों को गंभीरता के साथ काम करने की हिदायत दी। उन्होंने वनोपज संग्रहण करने वाले वनवासियों से न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दामों पर खरीदी या वस्तु विनिमय के आधार पर लघु वनोपजों की अदला-बदली पर गंभीरता से कार्यवाही करने के निर्देश वन विभाग के अधिकारियों को दिए। श्रीमती कौशल ने चरौंटा बीज, हर्रा, बहेड़ा, महुआ, चार गुठली, बेल गुदा, फूल झाडू, शहद, साल बीज, आदि वनोपजों को शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ही सुनिश्चित करने के निर्देश वन विभाग के अधिकारियों को दिए। उन्होंने किसी भी स्थिति में कोचियों और व्यापारियों द्वारा कम कीमत पर लघु वनोपजों की वनवासियों से खरीदी पर संबंधित क्षेत्र के वन विभाग के अधिकारियों को कार्यवाही करने के लिए भी निर्देशित किया।कलेक्टर ने महुआ सहित सभी लघुवनोपजों का शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य ग्राम पंचायतों, शासकीय भवनों की दीवारों और खरीदी करने वाली वनोपज समितियों के कार्यालयों में लिखवाने के निर्देश दिए। उन्होंने महुआ के बढ़े हुए रेट की जानकारी वनवासियों को देने के लिए कोटवारों से मुनादी करवाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये। कलेक्टर ने कोविड-19 संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग मेन्टेन कर खरीदी करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी संग्राहकों को सभी संग्रहण केंद्रों में सेनेटाईजेशन के लिए हाथ धोने की सुविधा देने के भी निर्देश दिए। -
बाहर से आने वाले खरीददारों को रहना होगा आइसोलेट, कोरोना की जांच भी होगी
कोरबा 24 अपे्रल 2020/कोरबा जिले के दोनों वनमण्डलों में आने वाले महिने के पहले हफ्ते से तेंदूपत्ता संग्रहण का काम शुरू होने की संभावना है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज वीडियो कांफे्रंसिंग के माध्यम से तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए कोरबा तथा कटघोरा वनमण्डलों में की जा रही तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान एडीएम श्री संजय अग्रवाल, कोरबा वनमण्डल के डीएफओ श्री एस.गुरूनाथन, कटघोरा वनमण्डल की डीएफओ सुश्री शॅमा फारूकी सहित विकासखंडों में वन विभाग के रेंजर एवं मैदानी अमला भी वीडियो कांफें्रसिंग द्वारा जुड़ा रहा। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने तेंदूपत्ता की खरीदी के लिए बाहर से आने वाले ठेकेदारों, प्रबंधकों और सुपरवाईजरों को कोरोना संबंधी पूरी सावधानी बरतते हुए ही काम करने की अनुमति देने के निर्देश अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे सभी संग्राहकों, फड़ मुंशियों और फड़ अभिरक्षकों को एक-एक मीटर की दूरी रखते हुए ही अपने काम संपादित करने होंगे। सभी संग्राहकों को मास्क के साथ-साथ फड़ों पर हाथ धोने की सुविधा रखनी होगी। उन्होंने बाहर से आने वाले लोगों के लिए विशेष पहचान पत्र भी जारी करने के निर्देश दोनो वनमण्डलों के अधिकारियों को दिए।इस वर्ष चार हजार रूपये प्रति मानक बोरा की निर्धारित दर पर जिले में एक लाख 31 हजार 700 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसमें से 53 हजार दो सौ कोरबा वनमण्डल और 78 हजार पंाच सौ मानक बोरा कटघोरा वनमण्डल में संग्रहित किया जायेगा। पिछले वर्ष जिले में 60 करोड़ 82 लाख रूपये से अधिक का एक लाख 965 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहित किया गया था। कोरबा वनमण्डल में पिछले वर्ष 28 करोड़ 30 लाख रूपये का 45 हजार 777 मानक बोरा और कटघोरा वनमण्डल में 32 करोड़ 52 लाख रूपये से अधिक राशि का 55 हजार 188 मानक बोरा तेन्दूपत्ता खरीदा गया था।कलेक्टर ने निर्देशित किया कि तेंदूपत्ता खरीदी के लिए बाहर से आने वाले खरीददारों या उनके प्रतिनिधियों को पहले आइसोलेशन में रहना होगा। चैदह दिन की इस अवधि के दौरान दो बार उनका कोरोना संक्रमण का टेस्ट कराया जायेगा। दोनों रिर्पोट निगेटिव आने पर ही उन्हें तेंदूपत्ता खरीदी के लिए की जाने वाली गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति दी जायेगी। कलेक्टर ने यह भी निर्देशित किया कि तेंदूपत्ता खरीदी के लिए ऐसे बाहर से आने वाले लोगों की संभावित जानकारी का पहले ही समय रहते आकलन कर लिया जाये। संभावना अनुसार लोगों को आइसोलेशन में रखने के लिए जरूरी व्यवस्था की जाये। उनके खाने-पीने, रहने के साथ-साथ मेडिकल चेकअप के लिए पहले से ही संबंधित अधिकारी टीम बनाकर लिखित दायित्व सौंप दें।कलेक्टर ने फड़ मुंशियों को प्रतिदिन अपने फड़ों पर उपस्थित रहने के भी निर्देश दिए। उन्होंने तेंदूपत्ता संग्रहण में किसी भी प्रकार की अनियमितता पर कड़ी कार्यवाही की चेतावनी भी अधिकारी-कर्मचारियों को दी। अधिकारियों ने बताया कि तेन्दूपत्ता के लिए बूटा कटाई का काम मार्च महिने के दूसरे हफ्ते में ही पूरा कर लिया गया है। संग्रहित तेन्दूपत्ता को रखने के लिए लघु वनोपज गोदामों, बोरों, सुतली, कीटनाशक, तारपोलीन आदि की व्यवस्था भी की जा रही है। -
रायपुर से रवाना हुई 75 बसों से गृह राज्य आयेंगे कोटा में कोचिंग कर रहे विद्यार्थी
कोरबा 24 अपे्रल 2020/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश की पहल पर राजधानी रायपुर से 75 बसों का काफिला एंबुलेंस और प्रभारी अधिकारियों के साथ राजस्थान के कोटा के लिए रवाना हो गया है। राजस्थान के कोचिंग हब कोटा में छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों से कोचिंग करने गये विद्यार्थियों को इन बसों से वापस लाया जायेगा। कोरबा जिले के 141 विद्यार्थी भी कोटा से इन्हीं बसों से वापस छत्तीसगढ़ लौटेंगे। ये सभी विद्यार्थी कोरोना संक्रमण के कारण देश में लागू लाॅक डाउन से कोटा में ही फंस गये हैं। हालाकि मुख्यमंत्री श्री बघेल ने राजस्थान सरकार से स्वयं बात कर छत्तीसगढ़ के इन सभी विद्यार्थियों के खान-पान, आवास और मेडिकल चेकअप आदि की पूरी व्यवस्था करने का आग्रह किया था और राजस्थान सरकार ने भी इन विद्यार्थियों को सभी सुविधाएं देने का आश्वासन मुख्यमंत्री को दिया था। राज्य शासन ने इसके बाद कोटा में फंसे सभी विद्यार्थियों को वापस छत्तीसगढ़ लाने का फैसला लिया है।मुख्यमंत्री श्री बघेल के इस फेसले के बाद कोरबा जिले के 141 परिवारों में अपने बच्चों के वापस घर लौटने की उम्मीद जागी है। राज्य शासन के निर्देश पर पिछले दिनों ही कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने जिले के कोटा में पढ़ रहे विद्यार्थियों की जानकारी एकत्रित करने का काम जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपा था। प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरबा विकासखंड के 51, कटघोरा विकासखंड के 78, करतला विकासखंड के तीन और पाली विकासखंड के सात विद्यार्थी वर्तमान में कोटा के विभिन्न कोचिंग संस्थानों में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। विद्यार्थियों के परिजनों ने कोरोना संक्रमण के कारण हुए देश व्यापी लाॅक डाउन में कोटा में फंसे अपने बच्चों को वापस लाने की गुहार प्रशासन से लगाई थी। अव इन सभी परिवारों के बच्चे जल्द ही अपने घर सुरक्षित लौट आयेंगे। -
प्रशासन ने उनके कौशल का चिन्हाकन करने दिये निर्देश
कोरबा 24 अपे्रल 2020/कोरोना संक्रमण के कारण जारी लाॅक डाउन में कोरबा में रह रहे प्रवासी श्रमिकों को यहीं काम देने की तैयारी की जा रही है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने ऐसे सभी प्रवासी श्रमिकों की कार्य कुशलता और अनुभव की जानकारी प्रभारी अधिकारी से मांगी है। उन्होंने आज वीडियो कांफे्रंसिंग के माध्यम से जिले में कोरोना संक्रमण से बने हालातों में शासकीय कार्यों के साथ-साथ प्रभावितों के लिए किये गये इंतजाम और सुविधाओं की भी जानकारी ली। इस समय कोरबा में ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों को मिलाकर दस राहत शिविर संचालित किये जा रहे हैं, जिनमें राजस्थान, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के 141 प्रवासी श्रमिकों को रखा गया है। राहत शिविरों में इन सभी प्रवासी श्रमिकों के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं शासन द्वारा सुनिश्चित की जा रही है। भोजन, मेडिकल जांच के साथ-साथ उनके मनोरंजन की भी व्यवस्था इन शिविरों में की गई है।कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने लाॅक डाउन अवधि रूके इन अन्य राज्यों के श्रमिकों की कार्य कुशलता और अनुभव के आधार पर उन्हें स्थानीय स्तर पर काम से लगाने की योजना तैयार की है। सोशल डिस्टेंसिंग को मेन्टेन करते हुए इन श्रमिकों को उनकी दक्षता के आधार पर काम उपलब्ध कराकर उन्हें आर्थिक रूप से लाभ पहुंचाने का प्रयास होगा। इसके साथ ही श्रमिकों का मन काम में लगा रहेगा और लाॅक डाउन के कारण अपने घरों तक नहीं जा पाने से उन्हें मानसिक रूप से भी कुछ राहत मिलेगी। वीडियो कंाफ्रेंसिंग में जानकारी मिली कि कुछ श्रमिक कुशल ड्राईवर हैं, कुछ रसोईया हैं तो कुछ ट्रेक्टर चलाने के काम में दक्ष हैं। कलेक्टर ने वीडियो कांफे्रसिंग में निर्देशित किया कि प्रवासी श्रमिकों को उनकी दक्षता के आधार पर आसपास के क्षेत्रों में काम दिलाया जाये। स्थानीय स्तर पर जरूरतों के हिसाब से वाहन चलाने में दक्ष श्रमिकों की सेवाएं ली जायें। रसोईयों को राहत शिविरों में ही खाना बनाने के काम पर लगाया जाये। ट्रेक्टर चलाकर भूमि समतलीकरण के काम में दक्ष लोगों को भी गांव-गांव में काम पर लगाया जा सकता है। इसके साथ ही सिविल वर्क के कार्य अनुभव वाले श्रमिकों को भी सिविल काम से जोड़ा जा सकता है। कारपेंटर, पंप मैकेनिक, फीटर जैसा काम करने वाले प्रवासी श्रमिकों को भी काम पर लगाया जा सकता है।दस राहत शिविर, 141 प्रवासी श्रमिक- लाॅक डाउन के बाद कोरबा जिले में अन्य राज्यों से आए श्रमिक के ठहराव और भोजन आदि की व्यवस्था के लिए दस राहत कैंप शुरू किये गये हैं। जिनमें वर्तमान में 141 श्रमिक रूके हुए हैं। दर्री के जैलगांव चैक के पास पे्रमनगर के सामुदायिक भवन में स्थापित अस्थायी राहत कैंप में 15, एचटीपीपी के जुनियर क्लब में स्थापित शिविर में 51, प्री मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास पसान में 11, बालक छात्रावास मोरगा में 15, प्राथमिक शाला भवन नागिन झोरकी दीपका में छह, आदिवासी बालक छात्रावास कोथारी में पांच, प्री मैट्रिक बालक छात्रावास कटघोरा में 11, प्री मैट्रिक बालक छात्रावास जर्वे में 11, प्री मैट्रिक बालक छात्रावास लबेद में 14 और आदिवासी बालक छात्रावास सिल्ली में दो प्रवासी श्रमिकों को रखा गया है। कलेक्टर ने इन शिविरों में सभी प्रवासी श्रमिकों के लिए भोजन, मेडिकल चेकअप आदि के साथ-साथ मूलभूत आवश्यकताओं का पूरा इंतजाम करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। -
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का तीन माह का अतिरिक्त चावल भी निःशुल्क मिलेगा
जिले की 451 उचित मूल्य दुकानों में एक मई से प्रांरभ होगा वितरणकोरबा 24 अपे्रल 2020/कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को खाने-पीने की कमीं न हो इसके लिये राज्य सरकार द्वारा व्यापक प्रबंध किये जा रहेे हैं। कोरबा जिले में दो लाख 40 हजार 290 बीपीएल राशन कार्ड धारकों को जून माह का भी चावल निःशुल्क प्रदान किये जायेंगे। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अप्रैल और मई माह का चावल भी निःशुल्क प्रदान किया गया है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन कार्डधारियों को जून माह के चावल के साथ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के हितग्राहियों को अप्रैल से जून तीन माह का अतिरिक्त चावल भी निःशुल्क वितरित किया जाएगा। खाद्यान्न का वितरण उचित मूल्य दुकानों से एक मई से प्रारंभ किया जाएगा। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अंत्योदय, प्राथमिकता, निःशक्तजन, एकल निराश्रित और अन्नपूर्णा राशन कार्डधारियों को जून माह का चावल निःशुल्क वितरित किया जाएगा। सामान्य राशन कार्डों में पूर्व से प्रचलित पात्रता एवं मूल्य के अनुसार चावल वितरित किया जाएगा।कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने राशन वितरण के दौरान बायोमेट्रिक डिवाईस या टेबलेट के उपयोग में सावधानी बरतने के निर्देश सभी दुकान संचालकों को दिये हैं। राशन के लिये बायोमेट्रिक पहचान करने उपभोक्ता के अंगूठे का निशान लेने के बाद मशीन को अच्छी तरह से सेनेटाईज करके ही दूसरे उपभोक्ता के लिये उपयोग करने के निर्देश कलेक्टर ने दिये हैं। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने राशन दुकानों के बाहर भी लोगों को हाथ धोने के लिये साबुन एवं पानी की व्यवस्था करने को कहा है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को रोका जा सके।प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंत्योदय एवं प्राथमिकता श्रेणी के राशन कार्डधारियों को अप्रैल से जून 3 माह का अतिरिक्त चावल का वितरण एक मई से प्रारंभ किया जाएगा। अन्नपूर्णा, एकल निराश्रित, निःशक्तजन राशन कार्ड में जून महीने के नियमित मासिक आबंटन का निःशुल्क वितरण किया जाएगा। आदेश के तहत् राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम अंत्योदय राशनकार्ड में प्रत्येक सदस्य को तीन माह की अतिरिक्त पात्रता 15 किलो प्रति सदस्य होगी (5 किलो प्रति सदस्य प्रति माह)। इस तरह से अंत्योदय राशनकार्डधारियों को जून महीने में चावल वितरण की मात्रा इस प्रकार होगी- एक सदस्य वाले कार्ड को जून महीने का नियमित आबंटन 35 किलो के साथ अप्रैल से जून तक अतिरिक्त चावल 15 किलो के साथ जून महीने में कुल 50 किलो चावल का निःशुल्क वितरण होगा। इसी तरह दो सदस्य वाले कार्ड को नियमित आबंटन 35 किलो के साथ तीन महीने का अतिरिक्त चावल 30 किलो के साथ कुल 65 किलो, तीन सदस्य वाले कार्ड को 35 किलो नियमित आबंटन के साथ 45 किलो अतिरिक्त आबंटन को मिला कर 80 किलो, चार सदस्य वाले कार्ड को 35 किलो नियमित आबंटन के साथ 60 किलो अतिरिक्त आबंटन को मिला कर 95 किलो और 5 सदस्य वाले कार्ड पर 35 किलो नियमित आबंटन के साथ 75 किलो अतिरिक्त आबंटन को मिला कर 110 किलो चावल निःशुल्क दिया जाएगा।प्राथमिकता राशनकार्डधारियों को जून महीने में चावल वितरण की मात्रा के तहत् 5 से अधिक सदस्य वाले राशनकार्ड में तीन माह का अतिरिक्त आबंटन 9 किलो प्रति सदस्य होगा (3 किलो प्रति सदस्य प्रति माह) इस तरह से एक सदस्य वाले राशनकार्ड को जून महीने में 10 किलो, दो सदस्य वाले राशनकार्ड को 20 किलो, तीन सदस्य वाले राशनकार्ड को 35 किलो, चार सदस्य वाले राशनकार्ड को 35 किलो नियमित आबंटन के साथ 15 किलो अतिरिक्त आबंटन मिलाकर 50 किलो, पांच सदस्य वाले राशनकार्ड को 35 किलो नियमित आबंटन के साथ 45 किलो अतिरिक्त आबंटन मिकाकर 80 किलो और छह सदस्य वाले राशनकार्ड को 42 किलो नियमित आबंटन के साथ 54 किलो अतिरिक्त आबंटन मिलाकर 96 किलो चावल जून महीने में निःशुल्क दिया जाएगा। अन्नपूर्णा, एकल निराश्रित, निःशक्त जन राशनकार्ड में जून महीने के नियमित मासिक आबंटन का निःशुक्ल वितरण किया जाएगा। सामान्य राशनकार्डों में पूर्व से प्रचलित पात्रता एवं निर्धारित मूल्य के अनुसार वितरण किया जाएगा।उल्लेखनीय है कि जिले में बीपीएल राशनकार्ड धारकों की कुल संख्या दो लाख 40 हजार 290 है। जिले में 451 शासकीय उचित मूल्य की दुकानें है। इनमें से 390 दुकानें ग्रामीण क्षेत्रों में एवं 61 दुकानें शहरी क्षेत्रों के लोगों को राशन उपलब्ध कराते हैं। जिले में 53 हजार 97 अन्त्योदय कार्डधारक, एक लाख 84 हजार 826 प्राथमिकता वाले कार्डधारक, 236 अन्नपूर्णा कार्डधारक, एकल निःशुल्क कार्ड दो हजार 031 और 100 निःशक्तजन कार्डधारक हैं।