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डॉक्टर, पैरा मेडिकल स्टाफ, पुलिस, राज्य शासन के अधिकारी, आशा वर्कर ,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित वॉलंेटीयर्स ले सकते हैं ट्रेनिंग
कोरबा 12 मई : महामारी घोषित हो चुके कोरोना वायरस की रोकथाम और उपचार में लगे डॉक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ, पुलिस और वॉलेटीयर्स के लिए भारत सरकार ने कोविड-19 पर आधारित इंटीग्रेटेड गवर्नमेंट ऑनलाइन ट्रेनिंग (आईजीओटी) कार्यक्रम लांच किया है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का लाभ आधिकारिक वेबसाइट ीजजचेरूध्ध्पहवजण्हवअण्पद पर जाकर उठाया जा सकता है। सरकार के कोविड-19 केंद्रित आईजीओटी प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य इस महामारी की रोकथाम और उपचार में लगे सभी व्यक्तियों की क्षमताओं का विकास करना है। दीक्षा प्लेटफाॅर्म पर उपलब्ध कोर्स में आईसीयू केयर और प्रबंधन, कोविड 19 का क्लिनिकल प्रबंधन, पीपीई के माध्यम से संक्रमण रोकथाम, कोविड 19 की मूलभूत जानकारी, एनसीसी कैडेट के लिए कोविड 19 प्रशिक्षण, संक्रमण से रोकथाम एवं बचाव, प्रयोगशाला में सेम्पल संकलन एवं टेस्टिंग, क्वारेंटाइन और आइसोलेशन शामिल हैं। आईजीओटी कोर्स को विशेषतौर पर जिन पेशवरों के लिए डिजाइन किया है उनमें ये सभी शामिल हैं - डाक्टरों, नर्सों एवं अन्य पैरा-मेडिकल स्टाफ, साफ-सफाई में लगे कर्मियों, टेक्निशियनों, एएनएम वर्करों, राज्य सरकारों के अधिकारियों, आशा वर्करों और आंगवाड़ी कार्यकर्ताओं, सिविल डिफेंस कार्यकर्ताओं, पुलिस संगठनों, एनसीसी कैडेट, नेहरु युवा केंद्र संगठन, नेशनल सर्विस स्कीम, इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी, भारत स्काउट्स एवं गाइड्स और वॉलेटीयर्स ग्रुप्स।
आईजीओटी प्रशिक्षण कार्यक्रम का लाभ उठाने के लिए ीजजचेरूध्ध्पहवजण्हवअण्पद वेबसाइट विजिट करने के बाद व्यू कोर्सेस लिंक पर क्लिक करना होगा। नये पेज पर अपने पेशा (डाक्टर, एएनएम, आदि) को सेलेक्ट करके सबमिट करना होगा। इसके बाद चयनित प्रोफेशन से सम्बन्धित कोर्स की लिस्ट उपलब्ध होगी। इन पर क्लिक करके कोर्स ट्रेनिंग पेज पर पहुच सकते हैं जहां सम्बन्धित कोर्स को ज्वाइन करने के लिए लॉगिन या रजिस्ट्रेशन करना होगा। सरकार की ओर से ट्रेनिंग मॉड्यूल को अंग्रेजी के साथ हिंदी, मराठी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओ में भी उपलब्ध कराया गया है। उल्लेखनीय हैं कि केंद्रीय मानव संसाधान विकास मंत्रालय द्वारा लांच किया गया दीक्षा (डिजिटल इंफ्रस्ट्रक्चर नॉलेज शेयरिंग) शिक्षण और प्रशिक्षण के लिए एक प्लेटफॉर्म है जिसे 2017 में शुरू किया गया था। इस प्लेटफॉर्म पर एक करोड़ से अधिक शिक्षक और छात्र पहले ही जुड़े हुए हैं। वहीं, दूसरी ओर केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय द्वारा एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम यानि आईजीओटी की शुरुआत 20 दिसंबर 2018 को की गयी थी। इस कार्यक्रम में विभिन्न सरकारी विभागों के कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आरंभ किये गये हैं। - गांधीनगर से बिलासपुर पहुंचा कोरबा के प्रदीप कुमार का परिवार, कोरबा लाने कलेक्टर ने भेजी टीमकोरबा 11 मई 2020/लगता था कैसे छत्तीसगढ़ पहुंचेंगे..? कैसे घर वापसी होगी..? कोरोना के कारण खाने-पीने के भी लाले पड़ गये थे.. सेठ ने भी खाना देने और रखने से मना कर दिया था.. पत्नी के साथ दो बच्चों को लेकर घर लौटने की चिन्ता हर समय सताती रहती थी। भला हो हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी का.. मेरे परिवार सहित ऐसे कई परिवारों को छत्तीसगढ़ की धरती पर वापस लाने के लिए रेलगाड़ी की व्यवस्था की। ऐसे मुख्यमंत्री के कारण ही हम लोग आज रेलगाडी से बिलासपुर पहुंचे हैं। अपने छत्तीसगढ़ आ गये हैं, अब अपने घर जा सकेंगे...। कोरोना के कारण लाॅक डाउन में गांधीनगर में परिवार सहित फंसे कोरबा के प्रदीप कुमार चैहान ने भावुक होते हुए यह बातें दूरभाष पर कही।अहमदाबाद से चली विशेष श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ी आज सुबह लगभग पौने दस बजे बिलासपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंची तो इसमें सवार ग्यारह सौ से अधिक श्रमिकों ने चैन की सांस ली और अपने राज्य पहुंचने पर उनके मन मस्तिष्क में संतोष का भाव साफ देखा जा सकता था। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रयासों से आई इसी ट्रेन से कोरबा से हरदीबाजार से नौ किलोमीटर दूर नवाडीह गांव के निवासी प्रदीप कुमार चैहान अपनी पत्नी श्रीमती संतोषी बाई चैहान और दो छोटे बच्चों के साथ बिलासपुर पहुंच गये हैं। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने इस परिवार को कोरबा लाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से विशेष दल बिलासपुर भेजा है। आज शाम तक प्रदीप कुमार अपने परिवार के साथ कोरबा पहुंच जायेंगे। जहां उन्हें आगामी 14 दिनों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जायेगा।दूरभाष पर बात करने पर प्रदीप कुमार चैहान ने बताया कि पिछले साल दीपावली के बाद वे अपने परिवार के साथ गांधीनगर कमाने-खाने पहुंचे थे। अपनी पत्नी और पांच साल तथा ढाई साल की दो बेटियों को साथ लेकर वे गांधीनगर के पास के गांव में ईंट भट्ठा में ईंट बनाने का काम करते थे। प्रदीप कुमार चैहान ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण हुए लाॅक डाउन से ईंट भट्ठे का व्यवसाय बंद हो गया।.कुछ दिन तक सेठ ने बैठाकर खिलाया परंतु बाद में उसने भी हाथ खड़े कर दिये। कमाई की रकम भी खतम होने की कगार पर है। ऐसे में लाॅक डाउन की सख्ती के कारण जरूरी सामान लेने के लिए भी नहीं निकल पा रहे थे। जल्दी से जल्दी वापस घर लौटने की चिन्ता थी। उन्होंने बताया कि ऐसे में पता चला कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को वापस लाने के लिए ट्रेनों की व्यवस्था की है। प्रदीप कुमार ने अपने परिवार का पूरा विवरण स्थानीय प्रशासन को उपलब्ध कराकर पंजीयन कराया और छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को वापस लेकर आने वाली पहली गाड़ी से वे बिलासपुर पहुंच गये। प्रदीप कुमार ने कोरोना के इस माहौल में भी घर से दूर दूसरे राज्य में बिना काम के भूख-प्यास से परेशान छत्तीसगढ़ के लोगों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए उन्हे वापस लाने के लिए ट्रेन भेजने पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का बार-बार आभार और धन्यवाद जताया।उल्लेखनीय है कि अहमदाबाद से छत्तीसगढ़ राज्य के ग्यारह सौ से अधिक प्रवासी श्रमिकों को लेकर स्पेशल ट्रेन आज सुबह बिलासपुर पहुंच गई है। इस ट्रेन से बिलासपुर, दुर्ग, जांजगीर-चांपा, जशपुर, कवर्धा, कोरबा, मुंगेली, रायगढ़ और रायपुर जिले के श्रमिक बिलासपुर पहुंचे हैं। इन सभी श्रमिकों को बारी-बारी से ट्रेन से उतारकर उनकी मेडिकल स्क्रिनिंग की गई है। श्रमिकों को सेनेटाईजर और मास्क उपलब्ध कराये गये हैं। इन सभी श्रमिकों को मेडिकल स्क्रिनिंग के बाद इनके गृह जिलों के लिए रवाना किया जायेगा। जहां पुनः मेडिकल जांच के बाद सभी को आगामी 14 दिनों तक क्वारेंटाईन सेंटरों में रखा जायेगा।
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मुख्यमंत्री श्री बघेल के प्रयासों से श्रमिकों, विध्यार्थियो, संकट में फँसे और इलाज आदी की ज़रूरत वाले लोगों को मिलेगी सुविधा
cglabour.nic.in/covid19MigrantRegistrationService.aspx पर पंजीयन शुरूलिंक http://rebrand.ly/z9k75qp पर भी होगा पंजीयनकोरबा 10 मई 2020/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल और निर्देशन पर लाॅकडाउन के कारण अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों, छात्रों, संकट में पड़े लोगों अथवा चिकित्सा की आवश्यकता वाले व्यक्तियों की छत्तीसगढ़ वापसी का रास्ता साफ हो गया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने 11 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को कन्फर्म कर दिया है। इन ट्रेनों में आने के लिए इन लोगों को राज्य सरकार द्वारा जारी एप्प में एप्लाई करना होगा। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस एप्प का लिंक जारी कर दिया है।इन ट्रेनों से वापस छतीसगढ़ आने के लिए पंजीयन करने एप्प का लिंक http://rebrand.ly/z9k75qp है।इसके साथ ही cglabour.nic.in/covid19MigrantRegistrationService.aspx पर भी पंजीयन शुरू हो गया है।इन ट्रेनों में अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों, छात्रों, संकट में पड़े लोगों अथवा चिकित्सा की आवश्यकता वाले व्यक्तियों को ही वापस आने के लिए सफ़र की अनुमति होगी।कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने अन्य प्रांतो में फँसे कोरबा के लोगों और कोरबा में रहने वाले उनके परिजनों से इस लिंकों पर क्लिक कर आन लाइन पंजीयन करने की अपील की है,जिससे कोरबा जिले के बाहर फंसे हुए श्रमिकों को वापस लाया जा सके।छत्तीसगढ़ सरकार ने जिन 11 ट्रेनों को चरणबद्ध किया है उनमें पठानकोट पंजाब से चांपा के लिए एक ट्रेन, साबरमती अहमदाबाद से बिलासपुर के लिए दो ट्रेन, विजयावाड़ा आन्ध्रप्रदेश से बिलासपुर के लिए एक ट्रेन, लखनऊ उत्तरप्रदेश से रायपुर के लिए तीन ट्रेन, लखनऊ से भाटापारा के लिए दो ट्रेन, मुजफ्फरपुर बिहार से रायपुर के लिए एक ट्रेन और दिल्ली से बिलासपुर के लिए एक ट्रेन को सम्भावित किया गया हैछत्तीसगढ़ से अन्य राज्य में जाने वाले श्रमिकों एवं अन्य व्यक्ति लिंक http:cglabour.nic.in/Covid19_Loginpage.aspx पर पंजीयन कर सकते है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने साथ हेल्प लाइन टेलिफ़ोन नम्बर भी जारी किए है । लोग 0771-2443809, 91098-49992, 75878-21800, 75878-22800, 96858-50444, 91092-83986 तथा 88277-73986 नंबरों पर फ़ोन कर भी आने-जाने वालों की जानकारी दे सकते है ।अन्य राज्यों में फँसे हुए तथा स्वयं के वाहन से छत्तीसगढ़ राज्य आवागमन के इच्छुक व्यक्ति CG COVID-19 E Pass एप्लीकेशन के माध्यम से भी नियमानुसार ई पास हेतु आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए वेबलिंक https://rebrand.ly/z9k75qp से एप्लीकेशन डाउनलोड कर सकते हैं। यदि CG COVID-19 E Pass एप्लीकेशन पहले से आपके मोबाइल में मौजूद है तो उसे अपडेट करना होगा। इसके अलावा वेबलिंकhttp://epass.cgcovid19.in के माध्यम से भी मोबाइल नंबर से रजिस्टर कर अंतरराज्यीय आवागमन के लिए ई पास हेतु आवेदन किया जा सकता है।इस एप्लीकेशन के माध्यम से स्थायी निवास के अतिरिक्त अन्य किसी राज्य में लॉकडाउन के कारण फँसे व्यक्ति, स्वयं के वाहन से आवागमन के इच्छुक होने तथा एप्लीकेशन की शर्तें स्वीकार होने पर इसके माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस एप्लीकेशन में असत्य जानकारी देने पर आवेदक के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।cglabour.nic.incglabour.nic.in -
श्रमिकों, छात्रों, संकट में पड़े और चिकित्सा की आवश्यकता वाले लोगों को मिलेगी सुविधा
ट्रेन में आने के लिए एप्प में करना होगा एप्लाईराज्य सरकार ने एप्प का लिंक किया जारीकोरबा 9 मई 2020/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल और निर्देशन पर लाॅकडाउन के कारण अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों, छात्रों, संकट में पड़े लोगों अथवा चिकित्सा की आवश्यकता वाले व्यक्तियों की छत्तीसगढ़ वापसी का रास्ता साफ हो गया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने 4 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को कन्फर्म कर दिया है। इन ट्रेनों में आने के लिए इन लोगों को राज्य सरकार द्वारा जारी एप्प में एप्लाई करना होगा। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस एप्प का लिंक जारी कर दिया है।इन ट्रेनों से वापस छतीसगढ़ आने के लिए पंजियन एप्प का लिंक http://rebrand.ly/z9k75qp है।इन ट्रेनों में अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों, छात्रों, संकट में पड़े लोगों अथवा चिकित्सा की आवश्यकता वाले व्यक्तियों को ही वापस आने के लिए सफ़र की अनुमति होगी।कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने अन्य प्रांतो में फँसे कोरबा के लोगों और कोरबा में रहने वाले उनके परिजनों से इस लिंक पर जाकर छतीसगढ़ वापसी के लिए पंजीयन करने की अपील की है,जिससे कोरबा जिले के बाहर फंसे हुए श्रमिकों को वापस लाया जा सके।छत्तीसगढ़ सरकार ने जिन 4 ट्रेनों को कन्फर्म किया है उनमें पहली ट्रेन पठानकोट पंजाब से चांपा, दूसरी ट्रेन साबरमती अहमदाबाद से बिलासपुर, तीसरी ट्रेन साबरमती अहमदाबाद से बिलासपुर तथा चैथी ट्रेन विजयावाड़ा आन्ध्रप्रदेश से बिलासपुर शामिल है।CG Covid-19 ePassअन्य राज्यों से छत्तीसगढ़ आने वाले श्रमिकों, छात्रों, संकट में पड़े और चिकित्सा की आवश्यकता वाले व्यक्तियों के लिए लिंक:-http:cglabour.nic.in/covid19MigrantRegistrationService.aspxछत्तीसगढ़ से अन्य राज्य में जाने वाले श्रमिकों एवं अन्य व्यक्तियों के पंजीयन हेतु लिंक:-http:cglabour.nic.in/Covid19_Loginpage.aspx24×7 हेल्पलाइन नम्बर 0771-2443809, 91098-49992, 75878-21800, 75878-22800, 96858-50444, 91092-83986 तथा 88277-739 - अबोध बच्चों को घर में छोड़, कोविड-19 में कर रहीं समुदाय की सेवा
(10 मई मदर्स डे या मातृत्व दिवस विशेष स्टोरी )
कोरबा। मां दुनिया के हर बच्चे के लिए सबसे खास और प्यारा रिश्ता है। कोरोना संक्रमण के दौरान लोग घरों में हैं, मगर उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य लाभ के लिए कोरोना वॉरियर्स के रूप में उभरी मां अपने कर्तव्य को पूरी मुस्तैदी से निभा रही हैं। घर से दूर ड्यूटी कर रही माताओं को अपने अबोध बच्चों की चिंता सताती है परंतु अपने फर्ज के आगे वह बच्चों को घर में छोड़कर ही वह लोगों की जिंदगी बचाने अपनी ड्यूटी पर तैनात हैं।उस मां के सम्मान का विशेष दिवस, मदर्स डे या मातृत्व दिवस पर बातचीत की तो उन माताओं की पीड़ा उभरी परंतु उनकी कर्तव्य परायणता के आगे उनकी पीड़ा कहीं दिखी ही नहीं। माताएं इस कोरोना काल को चुनौति मानकर अपने काम और घर के बीच सामंजस्य बैठाते हुए मोर्चे पर डटी हुई हैं।
1. घर पर बच्चे को छोड़ना, बढी परेशानी- जिला अस्पताल कोरबा में ऑडियोलॉजिस्ट के रूप में कार्यरत डॉ. ज्योति बाला की डेढ़ साल की बच्ची है। सामान्य दिनों में दूधमुंही बच्ची को घर में काम करने वाली बाई (आया) के भरोसे छोड़कर अपनी ड्यूटी करना पड़ता है। मगर कोरोना संक्रमण के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से काम करने वाली आया भी घर पर नहीं आ रही है, ऐसे में ड्यूटी पर जाना कड़ी चुनौति बन गई है। डॉ. ज्योति बताती हैं कुछ दिनों से ईएनटी विभाग में भी ओपीडी शुरू कर दी गई है। हालांकि मरीजों की संख्या कम है फिर भी बच्ची को देखने वाला कोई नहीं है इसलिए बच्ची के साथ ही ओपीडी की जानकारी ले रही। उन्होंने बताया जब से कोरोना का संक्रमण शुरू हुआ है तब से वह अपने क्लीनिक नहीं जा रही हैं। 20 मार्च से पति की ड्यूटी भी कोविड स्पेशल टीम में लग गई जिससे वह भी उन्हें सहयोग करने में असमर्थ हैं। घर पर आने पर भी उनसे दूर रहते हैं । इन तमाम मुसीबतों के बावजूद भी डॉ. ज्योति 0 से 5 साल के बच्चों को बोलने, सुनने में मदद को जुटी हैं। बच्ची की देखभाल और ड्यूटी की जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं।
2. बच्चों की सता रही चिंता - जिला अस्पताल में सीनियर लैब तकनीशियन के रूप में कार्यरत भगवती कोसले कोविड-19 संक्रमण के दौरान ब्ल़ड बैंक में ब्लड ट्रांसफ्यूजन, एलाइजा जांच में पूरी मुस्तैदी से सेवाएं दे रही हैं। उनके दो छोटे बच्चे हैं। बूढ़ी सास (जिन्हे खुद ही सेवा की जरूरत है) उनके पास उन्हें अपने बच्चों को छोड़कर आना पड़ता है। कोरोना की वजह से ब्लड बैंक में रक्त की कमीं ना हो इसके लिए अतिरिक्त कार्य करना और टेस्ट भी करना पड़ रहा है। ऐसे में घर जाने का कोई समय निर्धारित नहीं रहता। भगवती कोसले बताती हैं घर जाने के बाद भी बच्चों से सीधे जाकर नहीं मिलती। नहा धोकर ही बच्चों के पास जाती हूं फिर भी उन्हें कहीं संक्रमण ना हो जाए इसकी चिंता रहती है। इसलिए बच्चों से थोड़ी दूरी बनाकर रहना इन दिनों उनकी मजबूरी है। भगवती कहती हैं इस मुश्किल की घड़ी में उन्हें मौका मिला है समुदाय के लिए कार्य करने इसलिए वे खुद को भाग्यशाली मानती हैं।
इसलिए मनाया जाता है विशेष दिवस - संयुक्त राज्य अमेरिका में मातृ दिवस समारोह को पहली बार 20वीं शताब्दी में एना जार्विस ने मनाया था। 1912 में पहली बार अमेरिका में इस विशेष दिवस की शुरूआत हुई थी। एना जर्विस एक प्रतिष्ठित अमेरिकन एक्टिविस्ट थीं जो अपनी मां से बेहद प्यार करती थीं। मां की मौत के बाद प्यार जताने के लिए उन्होंने इसकी शुरूआत की। जिसे बाद में 10 मई यानि मई के दूसरे रविवार को पूरी दुनिया में मनाने की परंपरा है। -
मुस्तैदी से वाहन चेंकिग कर कोरबा के प्रवासी श्रमिकों को क्वारेंटाइन सेंटर भेजने के दिये निर्देशमालवाहक गाड़ियो और कोल परिवहन में लगे वाहनों की भी चेकिंग की
कोरबा 8 मई : कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल और पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक मीणा ने आज जिले की सीमाओं पर प्रवासी श्रमिकों की निगरानी के लिए बनाये गये तीन चेक पोस्टों का आकस्मिक निरीक्षण किया। दोनेों अधिकारियों ने आज सबसे पहले सरईसिंगार चेकपोस्ट पहुुंचें इसके बाद दोनों ने बगदेवा और पोंड़ी की सीमा पर बने चेक पोस्टों पर पहुंच कर माल वाहक वाहनों और कोल परिवहन करने वाले वाहनों में अवैध रूप से प्रवासी श्रमिकों को लाने-ले जाने की जानकारी पोस्ट प्रभारी से ली। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने इस दौरान चेक पोस्ट पर कार्यरत अधिकारियों को मुस्तैदी से हर एक वाहन का निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कोरबा जिले में लौटने वाले या अन्य प्रांतों को जाने वाले प्रवासी श्रमिकों की अलग-अलग जानकारी रखने के निर्देश दिए।कलेक्टर ने कहा कि बिना मेडिकल चेकअप किये किसी भी परिस्थिति में किसी भी मजदूर को जिले की सीमा में प्रवेश नहीं देना है। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि कोरबा जिले में लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों को तत्काल समीप के क्वारेंटाइन सेंटर में पहुंचाया जाये और उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाये। कलेक्टर ने मजदूरों के अवैध परिवहन करते पकड़े जाने वाले वाहनों पर कड़ी कार्यवाही करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने बेरियरों पर वाहनों और प्रवासी श्रमिकों की निगरानी में शासन द्वारा निर्धारित किये गये दिशा निर्देशों का पूर्णतः पालन करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए। इस दौरान एसडीएम श्रीमती सूर्यकिरण, डिप्टी कलेक्टर श्री संजय मरकाम, नायब तहसीलदार श्री सोनू अग्रवाल, श्री प्रांज्जल मिश्रा एवं श्री शशिभूषण सोनी सहित पुलिस थाना प्रभारी तथा अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। -
कलेक्टर श्रीमती कौशल ने सेंटर का आज किया निरीक्षण, एसपी श्री मीणा भी रहे मौजूदस्वास्थ्य परीक्षण सहित सभी व्यवस्थाओं के लिए कलेक्टर ने दिए निर्देश
कोरबा 8 मई : कोरबा के पाली विकासखंड के पोंड़ी लाफा में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में बनाये गये क्वारेंटाइन सेंटर में आज 66 प्रवासी श्रमिकों को रखा गया है। यह सभी श्रमिक महाराष्ट्र, हैदराबाद, गुजरात से कोरबा लौटे हैं। श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है और क्वारेंटाइन सेंटर में उन्हें सभी जरूरी व्यवस्थाएं दी जा रहीं हैं। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज एसपी श्री अभिषेक मीणा के साथ इस क्वारेंटाइन सेंटर का आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने इस सेंटर में रखे गये प्रवासी श्रमिकों से उनका हालचाल जाना और सभी को सोशल डिस्टेंसिंग रखने, मास्क पहनने से लेकर कोरोना से बचने के तरीके भी बताये। इस दौरान ग्राम पंचायत बतरा से रोजगार की तलाश में हैदराबाद गये श्री बाबूलाल रोहिदास ने कलेक्टर को बताया कि हैदराबाद से वे अपने 17 अन्य साथियों के साथ माजदा गाड़ी में जगदलपुर तक पहुंचे थे। और जगदलपुर से पिकअप द्वारा सभी लोग कोरबा पहुंचे थे। सीमा पर उन्हें रोककर पूछताछ के बाद क्वारेंटाइन सेंटर में भेजा गया है। यहां स्वास्थ्य जांच हुई है। खाने-पीने और ठहरने की व्यवस्था अच्छी है। श्री बाबूलाल ने बताया कि अधिकारियों ने उन्हें अगले 14 दिन यहीं रहने को कहा है और सभी साथी श्रमिकों ने भी यहां रहने की सहमति दी है।
कलेक्टर ने अपने निरीक्षण के दौरान क्वारेंटाइन सेंटर में बिजली, पानी, साफ-सफाई सहित सुरक्षा की चाक-चैबंद व्यवस्था करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने सेंटर के प्रभारी अधिकारी को गर्मी के मौसम को देखते हुए कमरों में पंखे की भी व्यवस्था रखने के भी निर्देश दिए। कलेक्टर ने किसी भी स्थिति में बाहर से आये हुए इन श्रमिकों द्वारा गांव के निस्तारी तालाब का उपयोग नहीं होने देने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। श्रीमती कौशल ने यहां रूके श्रमिकों के लिए डिस्पोजेबल दोना-पत्ता, गिलास आदि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उपयोग के बाद इन सामानों का डिप-बरियल विधि से निष्पादन करने के भी निर्देश कलेक्टर ने दिए।
कलेक्टर ने बाल्टी, मग, पानी के लिए ड्रम, पीने के ठंडे पानी के लिए मटके, खाना बनाने एवं परोसने के लिए अलग-अलग पर्याप्त बरतन, नहाने और कपड़े धोने के साबुन आदि पर्याप्त संख्या में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने क्वारेंटाइन सेंटर का समय-समय पर सेनेटाइजेशन करने के लिए एक स्प्रेयर पंप तथा हाइपो विलियन की पर्याप्त मात्रा भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने हर हफ्ते सफाई सामग्रियों झाडु, खरेटा, फिनाईल, सर्फ आदि का सेट भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने क्वारेंटाइन में रखे गये श्रमिकों को दो-दो कपड़े के मास्क भी देने के निर्देश दिए हैं।
कोई बाहरी व्यक्ति नहीं जा सकेगा सेंटर के अंदर, बिना सुरक्षा साधनों के अधिकारियों को भी क्वारेंटाइन सेंटरों के अंदर जाने की मनाही- कलेक्टर ने कोविड-19 के संक्रमण से सुरक्षा के प्रोटोकाल का पालन करते हुए किसी भी बाहरी व्यक्ति या श्रमिकों के रिश्तेदारों, मित्रों आदि को क्वारेंटाइन सेंटर के अंदर नहीं जाने देने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने अधिकारियों को भी आवश्यकता पड़ने पर सभी सुरक्षा साधनों के साथ ही सेंटर के अंदर जाने को कहा है। श्रीमती कौशल ने क्वारेंटाइनसेंटरों में काम पर लगे सभी अधिकारी-कर्मचारियों को सुरक्षा के लिए मास्क, ग्लोब्स, डिलेवरी किट, हैड केप, सेनेटाईजर आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने किसी भी स्थिति में किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को बिना सुरक्षा साधनों के क्वारेंटाइन सेंटरों के भीतर जाने की भी मनाही की है। -
कलेक्टर ने जारी किया निर्देश, धारा 144 भी बढ़ाई
कोरबा 8 मई : कोरोना वायरस संक्रमण के नियंत्रण के लिए मई महिने के शेष सप्ताहों में हर शुक्रवार दोपहर तीन बजे से सोमवार सुबह सात बजे तक कम्पलीट लाॅक डाउन रहेगा। इस दौरान धारा 144 का बड़ी कड़ाई से पालन कराया जायेगा। सत्रह मई तक लागू धारा 144 सत्रह मई के बाद के हर शुक्रवार दोपहर तीन बजे से सोमवार सुबह सात बजे तक लागू रहेगी। इस दौरान कोरबा जिला सीमा क्षेत्र में सभी प्रकार की गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी। अति आवश्यक सेवाओं को छोड़कर तमाम दुकानें और व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। सड़कों पर बिना किसी काम के बेवजह लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक रहेगी। जिला प्रशासन द्वारा मंगलवार को छूट प्राप्त दुकानें सामान्य दिनों की तरह संचालित होंगी। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है।
जारी किये गये आदेश के अनुसार कम्पलीट लाॅक डाउन से केवल अत्यावश्यक सेवाओं एवं आपातकालीन सेवाओं को छूट होगी। कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवा और अति आवश्यक सेवा से संबंधित पदाधिकारी, कर्मी एवं बिजली पेयजल आपूर्ति एवं नगर पालिका सेवाओं को प्रतिबंध से बाहर रखा गया है। लॉक डाउन के दौरान सुरक्षा में लगी निजी एजेंसियों सहित सभी एजेंसियंा, अग्निशमन सेवाएं, एटीएम, टेलिकाम और इंटरनेट सेवाएं चालू रहेंगी। इस दौरान सभी अस्पताल और लायसेंस प्राप्त पंजीकृत क्लीनिक भी खुले रहेंगे। मेडिकल स्टोर, चश्में की दुकान और दवा बनाने वाली इकाईयां तथा उनके परिवहन संबंधी गतिविधियां भी लाॅक डाउन के दौरान संचालित होंगी।
खाद्य आपूर्ति से संबंधित परिवहन सेवाएं इस दौरान चलती रहेंगी। खाद्य पदार्थ बे्रड, फल एवं सब्जी की दुकानें शनिवार को बंद रहेंगी और रविवार को खुली रहेगी। मिल्क पार्लर और डेयरियां लाॅक डाउन के दौरान संचालित होंगी। घर-घर जाकर दूध बांटने वाले विके्रता सुबह 6.30 बजे से 8.30 बजे तक और शाम पांच बजे से सात बजे तक दूध बांट सकेंगे। एटीएम वाहन, एलपीजी गेैस सिलेंडर वाहन भी इस दौरान चल सकेंगे। पेट्रोल, डीजल पंप एवं एलपीजी गैस के परिवहन तथा भंडारण की गतिविधियां चालू रहेंगी। टेकअवे, होम डिलेवरी रेस्टोरेंट, पहले से होटलों में रूके हुए अतिथियों के लिए भोजन की व्यवस्था भी चालू रहेगी। प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के दफ्तर एवं न्यूज पेपर वितरण संचालित होगा। अनवरत चलने वाली औद्योगिक संस्थानों और खदानों को भी इस प्रतिबंध से छूट रहेगी। कटघोरा नगर पालिका परिषद क्षेत्र में पूर्णतः लाॅक डाउन में कोई छूट नहीं होगी और पूर्व के निर्देश अनुसार ही कटघोरा में गतिविधियां संचालित की जायेगी। आज जारी आदेश कोरबा जिले की सीमा क्षेत्र के लिए 31 मई की मध्य रात्रि तक प्रभावी रहेगा। आदेश का उल्लंघन किये जाने पर संबंधितों के विरूद्ध विधि सम्मत सख्त कार्यवाही की जायेगी। - गैरेज, भोजन सहित शौचालय-स्नानागार की भी व्यवस्था, लगभग तीन सौ ट्रक एक साथ खड़े करने की क्षमता
कोरबा 08 मई : दीपका-गेवरा कोयला खदानों के रिहायशी इलाकों में बाहर के ड्राईवरों और हेल्परों की आवाजाही रोकने के लिए गांधी मैदान में डम्पिंग यार्ड तैयार हो गया है। यह डम्पिंग यार्ड दीपका क्षेत्र में सिरकी मोड़ गांधी मैदान में बनाया गया है। इस डम्पिंग यार्ड में कोल परिवहन करने वाले लगभग तीन सौ वाहनों को खड़े करने की सुविधा विकसित की गई है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज एसपी श्री अभिषेक मीणा के साथ दीपका पहुंचकर डम्पिंग यार्ड में विकसित की गई सुविधाओं और व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। दोनों अधिकारियों ने रायगढ़, बिलासपुर जैसे शहरों से गाड़ियां लेकर आये ड्राईवरों से भी बात की और उनके लिए की गई व्यवस्थाओं के बारे में पूछा।
ड्राईवरों ने एक ही स्थान पर रूकने, खाने-पीने के साथ-साथ नहाने और शौचालय की व्यवस्था मिल जाने पर कलेक्टर का आभार जताया। रायगढ़ से कोयला लेने आये एक ड्राईवर ने कहा कि पहले गाड़ी लेकर आने पर सड़क किनारे खड़ा करके खाने-पीने, नहाने के लिए अलग-अलग भटकना पड़ता था। अब एक जगह पर व्यवस्था हो जाने से काफी आसानी हो गई है। कलेक्टर ने सभी ड्राईवरों को मास्क लगाने, बार-बार हाथ धोने, सेनेटाईजर का उपयोग करने और अपनी ही गाड़ी में रहने की समझाईस दी। उन्होंने डम्पिंग यार्ड परिसर में ड्राईवरों के खाने के लिए संचालित ढाबे के प्रबंधक से भी पूछताछ की। कलेक्टर ने किसी भी स्थिति में ड्राईवरों को ढाबे पर बैठाकर खाना नहीं खिलाने की हिदायत दी और ड्राईवरों को केवल खाने के पार्सल ही उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। श्रीमती कौशल ने डम्पिंग यार्ड में किसी भी तरह से शराब की उपलब्धता प्रतिबंधित करने के लिए भी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए।
उल्लेखनीय है कि कोल परिवहन करने वाली गाड़ियों को लेकर आने वाले बाहर के ड्राईवरों और हेल्परों से खदानों के आबादी क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण फैलने की रोकथाम के लिए यह व्यवस्था की गई है। कुसमुंडा के लक्ष्मण यार्ड और गेवरा के हेलीपेड यार्ड में भी इसी तरह के डम्पिंग यार्ड विकसित किये जा रहें हैं। आगामी दो-तीन दिनों में यह दोनों यार्ड भी कार्यशील हो जायेंगे।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने जिले के सभी कोल क्षेत्रों के रिहायसी इलाकों और बस्तियों में बाहर के ड्राईवर, हेल्पर, श्रमिकों आदि को नियंत्रित करने के लिए विशेष टास्क फोर्स बनाई है। जिला प्रशासन द्वारा कोल क्षेत्र में चलने वाले वाहनों के ड्राईवरो, कंडेक्टरों, हेल्परों से रिहायसी क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना को देखते हुए विशेष सावधानी बरती जा रही है।
दीपका, गेवरा माईनिंग क्षेत्र के पास सघन आबादी वाली बस्तियां हैं। इन क्षेत्रों में कोयला परिवहन वाली गाड़ियों के साथ ड्राईवर, हेल्पर जैसे बाहरी लोगों का बड़ी संख्या में आवागमन प्रतिदिन होता रहता है। दीपका सहित सभी कोल क्षेत्र के आसपास की बस्तियां कोरोना संक्रमण हेतु संवेदनशील जोन हो सकती है तथा इन गाड़ियों के परिवहन से कोरोना संक्रमण का फैलाव भी हो सकता है। इसलिए किसी भी स्थिति में कोयला परिवहन में लगी गाड़ियां बस्ती एवं बस्ती के आसपास क्षेत्र में खड़ी न हो और गाड़ियों के चालक-परिचालक आबादी क्षेत्र में अनावश्यक रूक कर रात्रि विश्राम तथा भ्रमण न करें, इसके लिए जरूरी इंतजाम किये जा रहे हैं। टास्क फोर्स के सदस्य इन कोल क्षेत्रों में प्रतिदिन पेट्रोलिंग करके हर एक स्थिति पर नजर रखेंगे। बनने वाले डम्पिंग यार्डों में बाहर से आने वाले वाहनों के रूकने का स्थान, आटो पाट्र्स दुकान हेतु स्थान एवं रिपेयर स्थल शुरू किये जा रहे हैं। यहां ड्राईवरों-हेल्परों के लिये शौचालय, स्नानागार आदि की भी अस्थायी व्यवस्था की जा रही है। पूरे यार्ड क्षेत्र की पर्याप्त बेरिकेटिंग लगाकर निगरानी की जायेगी। -
सभी को 14 दिन किया जायेगा क्वारेंटाइन, बाहर से आने वालों की जानकारी प्रशासन को देने कलेक्टर ने की अपील
कोरबा 6 मई 2020 / रोजगार की तलाश में अन्य राज्यों में गया कोई भी व्यक्ति कोरबा वापसी पर सीधे अपने गांव-घर नहीं जा पायेगा। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रशासन द्वारा ऐसे सभी लोगों को वापसी पर 14 दिन के क्वारेंटाइन में रखा जायेगा। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने जिले की सभी निवासियों से यह अपील की है कि उनके गांव, मोहल्ले या पड़ोस में बाहर से आने वाले लोगों की जानकारी प्रशासन को दें। जिला प्रशासन ने अपनी जानकारी के हिसाब से लगभग दस हजार ऐसे श्रमिकों के कोरबा वापस लौटने की संभावना जताई है और उनकी घर वापसी पर क्वारेंटाइन करने के लिए जरूरी तैयारियां की जा रही हैं। इसके लिये अभी तक जिले में 77 क्वारेंटाइन सेंटर चिन्हाकित किये गये हैं और इन सेंटरों में बिजली, पानी, शौचालय, आवास व्यवस्था, भोजन व्यवस्था सहित सुरक्षा आदि के इंतजाम तेजी से किये जा रहे हैं। जिले के गांवों-शहरों में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बाहर से आने वाले सभी श्रमिकों को शासन द्वारा निर्धारित कोविड-19 प्रोटोकाल का भी पालन कराया जायेगा।कलेक्टर श्रीमती कौशल ने आज यहां बताया कि कोरबा जिले में अन्य प्रांतों से आने वाले सभी लोगों की सूचना तथा जानकारी नियंत्रण कक्ष के फोन नंबर 07759-228548 पर दी जा सकती है। उन्होंने सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को ऐसे सभी लोगों की जानकारी लेने के लिये अपने सूचनातंत्र को मजबूत करने के निर्देश दिये हैं। पटवारियों, कोटवारों, मितानिनों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहित जनसामान्य से भी इस प्रकार की जानकारी लगातार लेते रहने के निर्देश कलेक्टर ने दिये हैं। श्रीमती कौशल ने कहा कि अन्य प्रांतों से वापस कोरबा जिले की सीमा में लौटने वाले किसी भी व्यक्ति का पता चलने पर उसे तत्काल 14 दिनों के लिये सभी लोगों से अलग कर क्वारेंटाईन संेटर में रखकर निगरानी की जायेगी। निगरानी के दौरान व्यक्ति का लगातार स्वास्थ्य परीक्षण विशेषज्ञ डाॅक्टरों द्वारा किया जाता रहेगा। ऐसे व्यक्तियों में कोरोना वायरस के लक्षण दिखने पर तत्काल उसका सैम्पल लेकर रायपुर या अन्य जगहों पर स्थित अधिकृत लैब मंे जाॅंच के लिये भेजा जायेगा। व्यक्ति के सैम्पल की जाॅंच रिपोर्ट नेगेटिव आने पर 14 दिन की अवधि के बाद उसे घर जाने दिया जायेगा और यदि रिपोर्ट पाॅजीटिव आती है तो उसे जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराकर समुचित ईलाज किया जायेगा। -
टीपी नगर के इंडोर स्टेडियम से पालकों के साथ घर गये विद्यार्थी, प्रशासन का जताया आभार
तहसीलदार ने अपनी गाड़ी से महिमा को पाली में घर तक पहुंचाया
कोरबा 6 मई : कोटा के विभिन्न कोचिंग संस्थानों में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे कोरबा जिले के 155 विद्यार्थी और उनके 21 पालक आज अलसुबह भोर में कोरबा पहुंच गये। देर शाम रायपुर से बस द्वारा रवाना होकर सभी लोग आज सुबह कोरबा के टीपी नगर स्थित इंडोर स्टेडियम पहुंचे जहां से मेडिकल चेकअप के बाद सभी विद्यार्थियों और पालकों को उनके परिजनों के साथ घर भेज दिया गया। अब यह सभी लोग अगले 14 दिनों तक होम क्वारेंटाइन में रहेंगे। अपने-अपने घर रवानगी के पहले सभी लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और सभी को कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जारी दिशा निर्देशों तथा बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी बताया गया। इस दौरान पाली के केराझरिया गांव में रहने वाली छात्रा कुमारी महिमा डिक्सेना को घर ले जाने उनके कोई परिजन टीपी नगर स्टेडियम नहीं पहुंचे थे। महिमा को तहसीलदार श्री सुरेश कुमार साहू ने अपने शासकीय वाहन से पाली में घर तक सुरक्षित पहुंचाया। कोरबा पहुंचने पर अपने परिजनों को पास पाकर कई विद्यार्थियों की आंखों में खुशी के आंसू झलक पड़े। विद्यार्थियों और उनके पालकों ने राजस्थान जैसे कोरोना के हाॅट स्पाॅट राज्य से सुरक्षित वापसी के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और जिला प्रशासन का आभार जताया। सभी ने कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल के नेतृत्व में जिला प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं की भी प्रशंसा की।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बधेल की पहल पर राजस्थान के कोटा में लाॅकडाउन के दौरान फंसे कोरबा के इन सभी छात्र-छात्राओं और पालकों की एक सप्ताह पूर्व वापसी हुई थी। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन के विशेष प्रयासों से कोटा से कोरबा के 155 बच्चे और 21 पालक एक सप्ताह पूर्व बसों से रायपुर पहुंचे थे और वहां क्वारेन्टाइन में थे। रायपुर पहुंचने पर इनकी स्वास्थ्य जांच और करोना टेस्ट किया गया है । ये सभी लोग अभी स्वस्थ हैं। 14 दिनों की क्वारेंटाइन अवधि में अब वे अपने घरों में रहेगे तथा सोशल डिस्टेशिग सहित अन्य निर्देशों का पालन करेंगे। इनके घरों के बाहर कोविड-19 आइसोलेशन के स्टिकर भी चिपकाये जायेंगे। -
कोविड प्रोटोकाल का उल्लंघन करने वाली दुकानें बंद कराई जायेंगी, ग्राहकों को भी नहीं मिलेगा सामानकलेक्टर ने आमजनों से कोविड प्रोटोकाल का पालन करने की अपील की
कोरबा 6 मई : जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजमर्रा की चीजें खरीदने और व्यापारियों को ऐसी चीजें बेचने के लिए कोविड प्रोटोकाल का पूरा पालन करना होगा। सोशल डिस्टेंसिंग मेन्टेन करने के साथ-साथ सभी को अच्छी तरह से अपना मुंह ढकना होगा या मास्क पहनना होगा। दुकानदार और ग्राहक दोनों ही बिना मास्क पहने या मुंह ढके बिना किसी भी सामान की खरीदी-बिक्री नहीं कर सकेंगे। इसके साथ ही दुकानों में खरीदी बिक्री के समय एक-एक मीटर की सोशल डिस्टेंसिंग भी दोनों को मेन्टेन करनी होगी। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने रोजमर्रा की चीजों की खरीदी बिक्री के दौरान सभी लोगों से कोरोना की रोकथाम के लिए जारी दिशा निर्देशों का पूर्णतः पालन करने की अपील की है।
कलेक्टर श्रीमती कौशल ने कहा है कि महामारी घोषित हो चुके कोरोना वायरस के फैलाव को जिले में रोकने के लिए लोगों को लगातार हाथों को धोने के साथ-साथ एक-एक मीटर की दूरी रखना होगा और अपने मुंह को अच्छी तरह से ढंककर रखना होगा। कलेक्टर ने कहा है कि जरूरत की चीजें खरीदते समय दुकानदार और ग्राहक दोनों को एक दूसरे को कोरोना संक्रमित मानकर की जाने वाली सावधानियां बरतनी चाहिए। उन्होंने बताया कि जिले में 17 मई तक धारा 144 लागू है। कोरोना की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से सजग और सतर्क है। बड़ी संख्या में एक साथ लोगों के इकट्ठा होने या भीड़-भाड़ की संभावना वाले सभी क्रिया कलापों पर प्रशासन ने प्रतिबंध लगाया है। कलेक्टर ने बताया है कि बिना मास्क पहने खरीददारी करने गये लोगों को दुकानदारों द्वारा सामान नहीं दिया जायेगा। इसी तरह बिना मास्क पहने या मुंह को ढंके बिना सामान बेचने वाले दुकानदारों की दुकानें तत्काल बंद करा दी जायेगी।
उन्होंने सड़क किनारे लगी सब्जी की दुकानों पर भी लोगों से पर्याप्त दूरी बनाकर एक-एक करके सब्जी खरीदने का आग्रह किया है। तथा सब्जी बेचने वालों को भी मास्क आदि लगाकर ही सब्जियाॅं बेचने की हिदायत दीं। कलेक्टर ने किसी भी स्थिति में अति आवश्यक चीजों की दुकानों पर भीड़-भाड़ नहीं होने देने की चेतावनी सभी दुकानदारों को दीं है। और कहा कि यदि ज्यादा भीड़-भाड़ हुई तो संबंधित दुकानदार के विरूद्ध कार्यवाही भी की जायेगी। उन्होंने दुकानदार को यह भी चेतावनी दी कि यदि वस्तुओं को निर्धारित दाम से अधिक दाम पर बेचा जाता है तो कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
सोशल डिस्टेन्सिंग मेन्टेन करना दुकानदारों की जिम्मेदारी:- लाॅकडाउन की स्थिति में निर्धारित किये गये समयानुसार अत्यावश्यक सेवाओं से संबंधित दुकानें आदि खुलेंगी। दुकानदारों को कोरोना संक्रमण की गम्भीरता को देखते हुये अपने ग्राहकों के बीच कम से कम एक-एक मीटर की दूरी मेन्टेन करने की पूरी व्यवस्था रखनी होगी। इसके लिये दुकानों के सामने एक-एक मीटर पर लाईन, चैकोर डिब्बा या गोला बनाकर लोगों को निर्धारित दूरी पर रखना होगा। दुकानों पर भीड़ लगाने की बजाय लोगों को भी एक-एक कर सामान खरीदने की हिदायत जिला प्रशासन द्वारा लगातार दी जा रही है। - इमलीडूग्गू-बरबसपुर चैक के बीच ड्रेनेज के लिए बनेगा नया कल्वर्ट
कोरबा 6 मई : कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज आयुक्त श्री राहूल देव एवं निगम के अन्य अधिकारियों को साथ लेकर निगम क्षेत्र में जिला खनिज न्यास मद अंतर्गत किये जा रहे विकास और निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने निर्माण कार्यों के प्रति संतुष्टि जाहिर करते हुए कार्यों में और अधिक तेजी लाने के निर्देश इंजीनियरों को दिए। यहां उल्लेखनीय है कि प्रदेश के राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल की विशेष पहल पर जिला खनिज न्यास मद से निगम क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण विकास कार्य स्वीकृत किये गये हैं। कोरबा-चांपा मार्ग पर इमलीडूग्गू गौमाता चैक से बरबसपुर चैक तक सड़क का मरम्मत एवं सुधार कार्य दो करोड़ 50 लाख रूपये की लागत से स्वीकृत किया गया है जिसका कार्य वर्तमान में प्रगति पर है। आज कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आयुक्त श्री राहूल देव के साथ उक्त प्रगतिरत कार्य का निरीक्षण किया तथा कार्य के प्रति संतुष्टि जाहिर करते हुए कार्य में और अधिक तेजी लाने के निर्देश इंजीनियरों को दिए। उन्होंने निर्देशित किया कि उक्त सड़क मार्ग पर ड्रेनेज निर्माण, कल्वर्ट निर्माण तथा अन्य आवश्यक कार्यों का प्रस्ताव तत्काल तैयार कर प्रस्तुत करें ताकि इन कार्यों की स्वीकृति शीघ्र दी जा सके। उन्होंने कहा कि ड्रेनेज और कल्वर्ट निर्माण से पानी निकासी की समस्या दूर होगी तथा सड़क पर पानी नहीं भरेगा एवं सड़क टिकाउ रहेगी।
यहां उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पूर्व महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद ने इस मार्ग का निरीक्षण कर कार्य प्रारंभ करने के निर्देश अधिकारियों को दिये थे तथा ड्रेनज व कल्वर्ट निर्माण की आवश्यकता जताई थी। इसी प्रकार राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल की विशेष पहल पर गेवरा पुल एप्रोच रोड हेतु 85 लाख रूपये की स्वीकृति डीएमएफ मद से दी गई थी जिसका कार्य भी प्रगतिरत है। आज कलेक्टर श्रीमती कौशल ने उक्त कार्य का भी निरीक्षण किया। तथा इंजीनियरों को निर्देश दिए कि मिट्टी फिलींग रोड में साईड से 10 फीट छोड़कर रोड के बीचोंबीच समतलीकरण कर सीधी पट्टी बनायें ताकि इस पर वाहनों का आवागमन सुरक्षित हो सके। चूंकि नई मिट्टी फिलींग का कार्य किया गया है अतः वाहन किनारे से न चलें। राताखार पुल से गेवरा क्रास ड्रेनेज तक नाला निर्माण कार्य हेतु 94 लाख रूपये की लागत से कार्य प्रस्तावित किया गया है। जिसका स्थल निरीक्षण भी कलेक्टर श्रीमती कौशल द्वारा किया गया है।
सीएसईबी चैक से ध्यानचंद चैक तक फोरलेन का निर्माण किया जा रहा है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आयुक्त श्री राहूल देव के साथ उक्त निर्माण कार्य का भी निरीक्षण किया तथा कार्य में और अधिक तेजी लाने के निर्देश दिए। इसी प्रकार मानिकपुर ओपन कास्ट में एसईसीएल द्वारा राखड़ फीलिंग का कार्य किया जा रहा है। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने उक्त कार्य का भी जायजा लिया। भ्रमण के दौरान आयुक्त श्री राहूल देव के साथ-साथ निगम के अधीक्षण अभियंता श्री ग्यास अहमद, कार्यपालन अभियंता श्री आर.के.चैबे, सहायक अभियंता श्री प्रकाश चंद्रा एवं पियूष राजपूत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। -
सरईशृंगार चेक पोस्ट पर पकड़ाए हाईवा, पहले ही दिन पकड़ाए तीन वाहन
कोरबा 05 मई : कोयला ढोने के काम मे लगे दो और हाईवा वाहनो को आज देर शाम सरईशृंगार चेकपोस्ट पर विशेष टास्क फ़ोर्स ने पकड़ा और दोनों हाईवा को जप्त कर लिया गया। इसे मिलाकर आज तीन कोयला परिवहन करने वाले वाहनो को प्रवासी मज़दूरों को अवैध तरीक़े से ले जाने के मामलों में जप्त किया जा चुका है ।कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पूरे देश में चल रहे लाॅक डाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों के अवैध तरीके से परिवहन पर आज विशेष टास्क फोर्स ने दीपका के सरईसिंगार क्षेत्र में कार्यवाही की है। कोल परिवहन में लगे तीन डम्फरों को जप्त किया गया है और उनके चालको के विरूद्ध भी विधि सम्मत कार्यवाही की जा रही है।
आज सुबह दीपका क्षेत्र के हरदीबाजार रोड पर डम्फर क्रमांक सीजी-10 ए के 9249 से श्रमिकों को उतरता देख टास्क फोर्स के अधिकारियों ने पूछताछ की और मजदूरों के अवैध परिवहन पर डम्फर को जप्त कर लिया। इस डम्फर में लगभग 15 मजदूर सवार थे। सभी मजदूर झारखंड के पलामू जिले के निवासी हैं और हैदराबाद में काम कर रहे थे। लाॅक डाउन होने के कारण काम बंद हो जाने से यह सभी मजदूर अपने घरों के लिए निकले थे।
इसी तरह देर शाम सरई शृंगार चेकपोस्ट पर चेकिंग के दौरान हाईवा क्रमांक सीजी 13-LA 4766 और OD 23 F 0425 को मज़दूरों का अवैध करते पकड़ा गया । इन दोनो कोल वाहनो में 40 प्रवासी मज़दूर सवार थे,जिनमे 38 झारखंड, एक ओड़िशा और एक मध्य प्रदेश था।झारखंड सभी 38 श्रमिकों को सरई शृंगार चेक पोस्ट से बस से आई टी कालेज झगरहा भेजा गया,जहाँ से उन्हें झारखंड सरकार द्वारा भेजी गई बसों से झारखंड के लिए रवाना कर दिया गया है। बाँकी दो श्रमिकों को हरदीबाज़ार के कुआरेंटाईन सेंटर में रखा गया है।
कोल परिवहन करने वाले वाहनो में इन मजदूरों को सवार कर अवैध तरीके से परिवहन करने, कोविड-19 प्रोटोकाल का उल्लंघन करने तथा संक्रमण फैलने की आशंका से महामारी अधिनियम के उल्लंघन पर यह कार्यवाही की गई है। इस कार्यवाही के दौरान प्रभारी अधिकारी श्री संजय मरकाम, कार्यपालिक दण्डाधिकारी श्री सोनू अग्रवाल , परिवहन विभाग के उप निरीकक्ष श्री सुजित सिन्हा एवं पुलिस के अधिकारी भी मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने कोल परिवहन करने वाले वाहनों में प्रवासी श्रमिकों के अवैध रूप से जिले में आने की निगरानी करने के निर्देश पहले ही अधिकारियों को दिए हैं। कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कोल क्षेत्रों के रिहायसी इलाकों में बाहरी लोगो, ड्राईवरों, हेल्परों आदि के आने-जाने और कोल परिवहन की गाड़ियों को रिहायशी क्षेत्रों में रोकने की भी मनाही प्रशासन ने की है। आज की कार्यवाही को कलेक्टर के इन्हीं निर्देशों पर किया गया है। बाहर से आने वाले प्रवासी श्रमिकों के जिले में घुसने की संभावित सड़कों एवं जगहों पर 21 चेक पोस्ट स्थापित किये गये हैं। जिन पर मौजूद अधिकारी-कर्मचारी लगातार निगरानी में लगे हैं। -
रायपुर में थे क्वारेंटाईन, अब रहेंगे 14 दिन होम क्वारेंटाईन
टीपी नगर के इंडोर स्टेडियम से पालकों को सौंपे जायेंगे विद्यार्थीकोरबा 5 मई 2020/मुख्यमंत्री श्री भूपेश बधेल की पहल पर राजस्थान के कोटा में लाॅकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ के फंसे छात्र-छात्राओं की एक सप्ताह पूर्व वापसी हुई थी। कोरबा जिले के 155 विद्यार्थी और उनके 21 पालकों को आज शाम रायपुर से उनके घरों के लिए रवाना कर दिया गया है। इन सभी को लेकर बसें आज देर रात कोरबा के टीपी नगर स्थित इंडोर स्टेडियम पहुंचेंगी जहां सभी का मेडिकल चेकअप होगा और उसके बाद सभी को उनके परिजनों के साथ घर भेज दिया जायेगा। एक सौ पचपन विद्यार्थियों और 21 पालकों को अगले 14 दिनों तक अपने घरों में आइसोलेशन में रहना होगा। इनके घरों के बाहर कोविड-19 आइसोलेशन के स्टिकर भी चिपकाये जायेंगे।कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन के विशेष प्रयासों से कोटा से कोरबा के 155 बच्चे और 21 पालक एक सप्ताह पूर्व बसों से रायपुर पहुंचे थे और वहां क्वारेन्टाइन में थे। रायपुर पहुंचने पर इनकी स्वास्थ्य जांच और करोना टेस्ट किया गया है । ये सभी लोग अभी स्वस्थ हैं। 14 दिनों की क्वारेंटाइन अवधि में अब वे अपने घरों में रहेगे तथा सोशल डिस्टेशिग सहित अन्य निर्देशों का पालन करेंगे। घर रवानगी के पहले इसका वचन पत्र भी पालको से लिया जाएगा। -
कोरबा 05 मई 2020/कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पूरे देश में चल रहे लाॅक डाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों के अवैध तरीके से परिवहन पर आज विशेष टास्क फोर्स ने दीपका के सरईसिंगार क्षेत्र में कार्यवाही की है।कोल परिवहन में लगे डम्फर को जप्त किया गया है और उसके चालक के विरूद्ध भी विधि सम्मत कार्यवाही की जा रही है। आज सुबह दीपका क्षेत्र के हरदीबाजार रोड पर डम्फर क्रमांक सीजी-10 ए के 9249 से श्रमिकों को उतरता देख टास्क फोर्स के अधिकारियों ने पूछताछ की और मजदूरों के अवैध परिवहन पर डम्फर को जप्त कर लिया। इस डम्फर में लगभग 15 मजदूर सवार थे। सभी मजदूर झारखंड के पलामू जिले के निवासी हैं और हैदराबाद में काम कर रहे थे। लाॅक डाउन होने के कारण काम बंद हो जाने से यह सभी मजदूर अपने घरों के लिए निकले थे। कोल परिवहन करने वाले वाहन में इन मजदूरों को सवार कर अवैध तरीके से परिवहन करने, कोविड-19 प्रोटोकाल का उल्लंघन करने तथा संक्रमण फैलने की आशंका से महामारी अधिनियम के उल्लंघन पर यह कार्यवाही की गई है। सभी मजदूरों को सरईसिंगार सड़क से बस में बैठाकर आईटी कालेज झगरहा भेजा गया है, जहां से उन्हें झारखंड सरकार द्वारा भेजी गई बसों से पलामू उनके घर भेज दिया गया। जानकारी मिली है कि एसईसीएल द्वारा भी इस डम्फर को कोल परिवहन से हटाकर ब्लैक लिस्ट करने की कार्यवाही की जा रही है। इस कार्यवाही के दौरान प्रभारी अधिकारी श्री संजय मरकाम, कार्यपालिक दण्डाधिकारी श्री शशिभूषण सोनी एवं पुलिस के अधिकारी भी मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने कोल परिवहन करने वाले वाहनों में प्रवासी श्रमिकों के अवैध रूप से जिले में आने की निगरानी करने के निर्देश पहले ही अधिकारियों को दिए हैं। कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कोल क्षेत्रों के रिहायसी इलाकों में बाहरी लोगो, ड्राईवरों, हेल्परों आदि के आने-जाने और कोल परिवहन की गाड़ियों को रिहायशी क्षेत्रों में रोकने की भी मनाही प्रशासन ने की है। आज की कार्यवाही को कलेक्टर के इन्हीं निर्देशों पर किया गया है। बाहर से आने वाले प्रवासी श्रमिकों के जिले में घुसने की संभावित सड़कों एवं जगहों पर 21 चेक पोस्ट स्थापित किये गये हैं। जिन पर मौजूद अधिकारी-कर्मचारी लगातार निगरानी में लगे हैं। -
अगले तीन दिनों में क्वारेंटाइन सेंटरों में सभी जरूरी व्यवस्थाएं और तैयारियां करने कलेक्टर ने दिए निर्देश
वीडियो कांफें्रसिंग के माध्यम से श्रीमती कौशल ने की तैयारियों की समीक्षाकोरबा 5 मई 2020 / रोजगार की तलाश में अन्य राज्यों में गये श्रमिकों को कोरबा वापसी पर 14 दिन के क्वारेंटाइन में रखा जायेगा। श्रमिक बाहर से आकर सीधे अपने गांव नहीं जा पायेंगे। जिला प्रशासन ने अपनी जानकारी के हिसाब से लगभग दस हजार ऐसे श्रमिकों के कोरबा वापस लौटने की संभावना जताई है और उनकी घर वापसी पर क्वारेंटाइन करने के लिए जरूरी तैयारियां की जा रही हैं। जिले के गांवों-शहरों में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बाहर से आने वाले सभी श्रमिकों को शासन द्वारा निर्धारित कोविड-19 प्रोटोकाल का भी पालन कराया जायेगा। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज वीडियो कांफेंसिंग के माध्यम से तीनों अनुभागों के एसडीएम, पुलिस अधिकारियों सहित सभी विभागों के मैदानी अमले के साथ क्वारेंटाइन सेंटरों में अब तक की गई तैयारियों की समीक्षा की और आगामी तीन दिनों में सभी जरूरी सुविधाएं निर्धारित किये गये क्वारेंटाइन सेंटरों में अनिवार्यतः सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने क्वारेंटाइन सेंटरों में प्रभारी अधिकारी, सहायक प्रभारी अधिकारी, स्वास्थ्य कर्मी, सफाई, भोजन व्यवस्था के प्रभारी, सुरक्षा व्यवस्था प्रभारी सहित अन्य सभी जरूरी व्यवस्थाओं के लिये नामजद जिम्मेदारी लिखित में सौंपने के निर्देश अधिकारियों को दिए। वीडियो कंाफेंसिंग में अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी श्री संजय अग्रवाल, जिला पंचायत के सीईओ श्री एस. जयवर्धन, नगर निगम के आयुक्त श्री राहूल देव, अपर कलेक्टर श्रीमती प्रियंका महोबिया सहित जिला स्तरीय अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।अब तक चिन्हाकित किये गये 77 क्वारेंटाइन सेंटर- जिले में अन्य प्रांतों से आने वाले श्रमिको को कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए क्वारेंटाइन रखने 77 विभिन्न स्कूल भवनों का चिन्हांकन किया गया है। इन सभी स्कूल भवनों में बिजली, पानी, साफ-सफाई सहित सुरक्षा की व्यवस्था आगामी तीन दिनों में पूरे करने के निर्देश कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज वीडियो कंाफेंसिंग के जरिये दिये। उन्होंने प्रभारी अधिकारियों को गर्मी के मौसम को देखते हुए स्कूलों में पंखे आदि की भी व्यवस्था करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने सभी क्वारेंटाईन सेंटरों में क्षमता के हिसाब से शौचालयों और नहाने के लिए बाथरूम की अलग-अलग व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने किसी भी स्थिति में बाहर से आये हुए इन श्रमिकों द्वारा गांव के निस्तारी तालाब का उपयोग नहीं होने देने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने सभी क्वारेंटाइन सेंटरों में रूकने वाले श्रमिकों के लिए डिस्पोजेबल दोना-पत्ता, गिलास आदि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उपयोग के बाद इन सामानों का डिप-बरियल विधि से निष्पादन करने के भी निर्देश कलेक्टर ने दिए। क्वारेंटाइन सेंटरों में कलेक्टर ने बाल्टी, मग, पानी के लिए ड्रम, पीने के ठंडे पानी के लिए मटके, खाना बनाने एवं परोसने के लिए अलग-अलग पर्याप्त बरतन, नहाने और कपड़े धोने के साबुन आदि पर्याप्त संख्या में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने क्वारेंटाइन सेंटर का समय-समय पर सेनेटाइजेशन करने के लिए एक-एक स्प्रेयर पंप तथा हाइपो विलियन की पर्याप्त मात्रा भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने हर हफ्ते सफाई सामग्रियों झाडु, खरेटा, फिनाईल, सर्फ आदि का सेट सेंटरों में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने क्वारेंटाइन में रखे गये श्रमिकों को दो-दो कपड़े के मास्क भी देने के निर्देश दिए हैं। जिन क्वारेंटाइन सेंटरों में सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवाल नहीं हैं वहां आगामी तीन दिनों में बांस-बल्ली से बेरिकेटिंग कर प्रकाश व्यवस्था सहित सुरक्षित करने के निर्देश कलेक्टर ने बैठक में दिए।बिना सुरक्षा साधनों के क्वारेंटाइन सेंटरों के अंदर जाने की मनाही, अधिकारियों को भी मिलेंगे सुरक्षा साधन- बैठक में कलेक्टर ने कोविड-19 के संक्रमण से सुरक्षा के प्रोटोकश्ल का पालन करते हुए अधिकारियों को अपने दायित्वों का निवर्हन करने के निर्देश दिए । उन्होंने क्वारेंटाइनसेंटरों में काम पर लगे सभी अधिकारी-कर्मचारियों को सुरक्षा के लिए मास्क, ग्लोब्स, डिलेवरी किट, हैड केप, सेनेटाईजर आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए। श्रीमती कौशल ने किसी भी स्थिति में किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को बिना सुरक्षा साधनों के क्वारेंटाइन सेंटरों के भीतर जाने की भी मनाही की है। -
कोरबा 05 मई 2020/मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. बी.बी.बोडे ने जानकारी देते हुये बताया है कि पीलिया/वायरल हेपेटाइटिस एक संक्रामक बीमारी है जो कि हेपेटाइटिस वायरस के संक्रमण से हो सकता है। हेपेटाइटिस वायरस ए, बी, सी, डी और ई पांच प्रकार के होते हैं। इनके संक्रमण के तरीके, लक्षण और बचाव व नियंत्रण के उपायों में भिन्नता होती है। हेपेटाइटिस को दो समूहों में विभाजित किया जा सकता है जल जनित एवं रक्त जनित। जल जनित वायरल हेपेटाइटिस का प्रकोप अधिक रहता है। अतः इस हेतु बचाव के पहलुओं पर जागरूकता लाना आवश्यक है।
पीलिया के प्रमुख लक्षण -भूख न लगना, पीले रंग की पेशाब आना, भोजन का स्वाद न आना, बुखार, सरदर्द, बदन दर्द, भूख नहीं लगना, पेट के दाहिने तरफ के ऊपरी भाग में दर्द होना, त्वचा तथा आँखों के सफेद भाग में पीलापन, कमजोरी तथा थकावट का अनुभव करना आदि है। गर्भवती महिलाओं में हिपेटायटिस-‘इ’ का संक्रमण अधिक जटिल हो सकता है। पीलिया के मरीज के रक्त में बिलीरूबिन एवं ए.एल.टी./ए.एस.टी. की मात्रा काफी अधिक बढ़ जाती है।क्या न करे- हाथों को बिना साबुन से धोये भोजन न करें, घरों के आसपास गंदगी न पनपने दें, बासी भोजन न करें, सड़े-गले सब्जी, फल, मांस, मछली आदि का सेवन न करें, नदी, नाली, ढोढ़ियों का पानी पीने हेतु प्रयोग न करें, पानी बिना उबाले व क्लारीनेशन बिना न पीयें, कुंए व हेण्डपंप के पास गंदगी न करें, झाड़ फूंक व बैगा गुनिया के चक्कर मंे न पड़े यह जानलेवा हो सकता है।क्या करें- भोजन करने के पूर्व एवं शौच के बाद हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धोयें, व्यक्तिगत स्वच्छता बनाये रखें, हमेशा ताजा भोजन एवं ताजे फल का सेवन करें, पानी 20 मिनट तक उबालकर ठंडा कर पीयें, पीने के पानी में क्लोरिन गोली पीस कर डालें एवं 30 मिनट पश्चात् उसका सेवन करें, आसपास के क्षेत्र में साफ-सफाई का ध्यान रखें, कुओं में नियमित अंतराल में ब्लीचिंग पावडर डलवायें, पेयजल प्रदाय पाईप लाईन में टूट-फूट हो तो तुरंत मरम्मत करावें, पीलिया के लक्षण परिलक्षित होने की स्थिति में तत्काल जिला अस्पताल या निकट के स्वास्थ्य केन्द्र में उपचार लेवें पीलिया के प्रकोप की स्थिति में अपने क्षेत्र के मितानिन, स्वास्थ्य कार्यकर्ता तथा चिकित्सा अधिकारी से तत्काल संपर्क करें। -
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सभी कलेक्टरों को दिए निर्देश
कोरबा के पालक नियंत्रण कक्ष में 07759-228548 पर फोन कर दे सकते है जानकारीकोरबा 05 मई 2020/ राज्य सरकार ने कोटा की ही तरह देश के दूसरे राज्यों और एजुकेशन हब शहरों में पढ़ने गए छतीसगढ़ के विद्यार्थियो का डाटाबेस तैयार करने का प्रयास शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छतीसगढ़ के ऐसे सभी विद्यार्थियो की जिले वार जानकारी जुटाने के निर्देश सभी जिला कलेक्टरों को दिए है। मुख्यमंत्री के इस निर्देश पर त्वरित अमल करते हुए कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने ऐसे छात्र-छात्राओं की जानकारी तैयार करने जिला शिक्षा अधिकारी को नोडल अधिकारी बना दिया है। कोरबा कलेक्टोरेट में इसके लिए नियंत्रण कक्ष भी बनाया गया है जिसका फोन नम्बर 07759-228548 है। कोरबा जिले के पालक इस नम्बर पर कार्यालयीन समय पर फोन कर दूसरे राज्य या शहर में पढ़ने गए और कोरोना के चलते जारी लाक डाउन मे फँसे अपने बच्चों की जानकारी दे सकते है।कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने सभी जिलावासियों से अपील की है कि छत्तीसगढ़ से बाहर के राज्यों में पढ़ने गए विद्यार्थी जो लाॅक डाउन के कारण वहाँ फंस गए है, यदि कोरबा वापस अपने घर लौटना चाहते हैं तो उनकी पूरी जानकारी जिला प्रशासन को उपलब्ध करावें। जानकारी में छात्र-छात्रा का नाम, पिता का नाम, कोरबा का पता, कोरबा में संपर्क का मोबाईल नंबर, सम्बंधित कोचिंग संस्थान का विवरण, राज्य, जिला, शहर का नाम आदि विस्तृत रूप से बताएं ताकि राज्य शासन के निर्देशों के अनुसार डाटाबेस तैयार किया जा सकें। -
कोरबा जिले के कटघोरा में जटगा चौकी इलाके में एक युवक के द्वारा अपनी प्रेमिका कि हत्या करने की खबर आ रही है मिल रही जानकारी के अनुसार आरोपी युवक सत्तु श्याम गोंड मुखवा निवासी और प्रेमिका बसंता मुखवा निवासी दोनों के बीच प्रेम प्रसंग था दोनों के बीच बीती रात किसी बात को लेकर विवाद हुआ जिसके बाद आरोपी युवक ने प्रेमिका बसंता की कुल्हाड़ी मारकर हत्या कर दी, इसके बाद घर से 1 किलोमीटर दूर पेड़ से फांसी लगाकर जान दे दी ग्रामीणों ने बताया कि युवती और युवक दोनों ही तलाकशुदा है ग्रामीणों से मिली सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया है.
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शाम 07 बजे से सुबह 07 बजे तक गैर जरूरी आवागमन एवं मूवमेंट पूरी तरह से प्रतिबंधित
कोरबा 04 मई 2020/कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम के लिए पूर्व में जारी कार्यालयीन आदेश द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के अंतर्गत धारा 144(1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्रतिबंधात्मक आदेश पारित कर संपूर्ण जिले में 3 मई 2020 तक दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के अंतर्गत धारा 144 लागू की गई थी, जिसे वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए 17 मई 2020 या आगामी आदेश तक बढ़ाई गई है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्रीमती किरण कौशल द्वारा आज जारी आदेश में कहा गया है कि यहां यह भी तथ्य ध्यान में रखने योग्य है कि इस आपात स्थिति में व्यावहारिक तौर पर संभव नहीं है कि जिले में निवासरत सभी नागरिकों को नोटिस जारी करवाई जा सकें। अतः एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के अंतर्गत जिले में पूर्व से लागू धारा 144 की समय-सीमा में वृद्धि करना उचित हंै।अतः कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी द्वारा कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम हेतु कार्यालयीन आदेश द्वारा संपूर्ण जिले में दण्ड प्रक्रिया सहिता 1973 के अंतर्गत लागू की गई धारा 144 की समय-सीमा में वृद्धि करते हुए दिनांक 17 मई 2020 रात्रि 12ः00 बजे तक या आगामी आदेश तक समय सीमा में वृद्धि किया जाता है। जिले के अंतर्गत शाम 07 बजे से प्रातः 07 बजे की अवधि के दौरान कोई भी व्यक्ति अनावश्यक परिभ्रमण नहीं करेंगे एवं मूवमेंट पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। -
कलेक्टर ने विशेष टास्क फोर्स की दीपका में ली बैठक, दिये जरूरी निर्देश
कोरबा 04 मई 2020/ कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने दीपका सहित जिले के सभी कोल क्षेत्रों में कोयला परिवहन वाली गाड़ियों के साथ अन्य राज्य एवं जिले से आये ड्राईवर, हेल्पर, श्रमिकों के बस्तियों में आवागमन एवं अनाधिकृत प्रवेश को नियंत्रित करने के निर्देश टास्क फोर्स के अधिकारियों को दिये हैं। इस संबंध में कलेक्टर ने एडीएम श्री संजय अग्रवाल और एसडीएम श्रीमती सूर्यकिरण तिवारी की मौजूदगी में आज दीपका में महत्वपूर्ण बैठक ली और विशेष टास्क फोर्स सहित एसईसीएल प्रबंधन सीआईएसएफ, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, कार्यपालिक मजिस्ट्रेट, थाना प्रभारी एवं नगरीय प्रशासन दीपका के अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए।कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल द्वारा निर्देशित किया गया कि कोल क्षेत्रों के रिहायसी इलाकों और बस्तियों में बाहर के ड्राईवर, हेल्पर, श्रमिकों आदि को नियंत्रित करने के लिए गठित विशेष टास्क फोर्स 24 घंटे कार्यशील रहे। जिला प्रशासन द्वारा कोल क्षेत्र में चलने वाले वाहनों के ड्राईवरो, कंडेक्टरों, हेल्परों से रिहायसी क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना को देखते हुए विशेष सावधानी बरती जा रही है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम के लिए कोल क्षेत्रों में चलने वाले कोयला ट्रकों के परिवहन पर निगरानी रखने के लिए 11 सदस्यीय विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया है। यह विशेष टास्क फोर्स कोल क्षेत्र में चलने वाली समस्त कोयला ट्रकों के परिवहन पर आवश्यक पर्यवेक्षण करेंगे। टास्क फोर्स द्वारा सभी कोयला गाड़ियों के निर्धारित रूट पर ही चलना सुनिश्चित किया जायेगा।कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने दीपका में हुई बैठक में कहा कि एसईसीएल दीपका, गेवरा, कुसमुंडा, कोरबा माईनिंग क्षेत्र के पास सघन आबादी वाली बस्तियां हैं। इन क्षेत्रों में कोयला परिवहन वाली गाड़ियों के साथ ड्राईवर, हेल्पर जैसे बाहरी लोगों का बड़ी संख्या में आवागमन प्रतिदिन होता रहता है। दीपका सहित सभी कोल क्षेत्र के आसपास की बस्तियां कोरोना संक्रमण हेतु संवेदनशील जोन हो सकती है तथा इन गाड़ियों के परिवहन से कोरोना संक्रमण का फैलाव भी हो सकता है। इसलिए किसी भी स्थिति में कोयला परिवहन में लगी गाड़ियां बस्ती एवं बस्ती के आसपास क्षेत्र में खड़ी न हो और गाड़ियों के चालक-परिचालक आबादी क्षेत्र में अनावश्यक रूक कर रात्रि विश्राम तथा भ्रमण न करें। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने इस संबंध अधिकारियों को निर्देशित किया कि विशेष टास्क फोर्स कोल क्षेत्र में गाड़ियों के रूकने का स्थान, आटो पाट्र्स दुकान हेतु स्थान एवं रिपेयर स्थल चिन्हांकित करेंगे। टीम द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि गाड़ियां, चालक-परिचालक व अन्य संदिग्ध लोग माईनिंग एरिया के बाहर न निकलें। ड्राईवरों-हेल्परों के ठहरने आदि की जगह का चिन्हाकन कर पर्याप्त बेरिकेटिंग लगाकर निगरानी की जायेगी। टास्क फोर्स द्वारा चालक-परिचालक, हेल्पर, क्लीनर के रूकने व भोजन की व्यवस्था कोल एरिया के भीतर ही संस्थान द्वारा करवाया जाना सुनिश्चित किया जायेगा। कलेक्टर ने कहा कि टीम के सदस्य इन कोल क्षेत्रों में प्रतिदिन पेट्रोलिंग करके हर एक स्थिति पर नजर रखेंगे। -
कलेक्टर ने कोविड-19 नियंत्रण के प्रोटोकाल का पालन करते हुुए विभागीय कामकाज करने के जारी किए निर्देश
कोरबा 4 मई 2020/ राज्य शासन के निर्देशानुसार कोरबा जिला मुख्यालय सहित सभी विभागों के मैदानी कार्यालयों के भवनों की साफ-सफाई तथा सेनिटराइजेशन के बाद आज से शासकीय कामकाज शुरू हो गया है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल द्वारा सभी विभागीय अधिकारियों को शासन के दिशा निर्देश तथा कोरोना से बचाव हेतु विभागीय कार्यालय भवनों की साफ-सफाई तथा सैनिटाइजेशन तथा कोविड-19 नियंत्रण के लिए जारी प्रोटोकाल का पालन करते हुुए विभागीय कामकाज करने के निर्देश जारी किये हैं। कलेक्टर ने सभी कार्यालय में हैंड वास, सेनेटाईजर की व्यवस्था के साथ मास्क लगाकर सोशल-फिजिकल डिस्टेंस का पालन सुनिश्चित करते हुए विभागीय काम करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर के निर्देश के परिपालन में आज कलेक्टर कार्यालय, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क संभाग कार्यालय, उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं कार्यालय, महिला एवं बाल विकास, जनसंपर्क, लोक निर्माण विभाग, जिला कारपोरेशन, जल संसाधन, नगरी निकाय के कार्यालय, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, जनपद पंचायत कार्यालय आदि विभागीय कार्यालयों द्वारा अपने कार्यालय भवनों को सेनेटराईजेशन किया गया है।
कलेक्टर श्रीमती कौशल ने कोरोना संक्रमण से बचाव के सभी सुरक्षात्मक उपायों को अपनाते हुए जिले के सभी शासकीय कार्यालयों का संचालन करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि सभी शासकीय कार्यालयों में सेनिटाइजेशन एवं नियमित साफ-सफाई की व्यवस्था पूर्व में जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार की जाए। कार्यालय में बैठक व्यवस्था में सोशल डिस्टेसिंग रखने के संबंध में समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन किया जाए। कलेक्टर ने निर्देश दिये है कि सेनेटाइजेशन, सोशल डिस्टेसिंग का कड़ाई से पालन करते हुए सभी विभाग प्रमुख अपने कार्यालयों का संचालन करें। उन्होंने कहा कि विभागीय कार्यालयों में राजपत्रित अधिकारियों की कार्य दिवस में शत-प्रतिशत उपस्थिति तथा अन्य अधिकारी-कर्मचारियों की उपस्थिति एक तिहाई होगी। इसके लिए रोस्टर बनाते हुए ड्यूटी लगाई जाने के निर्देश दिए हैं।
सामान्य प्रशासन विभाग से जारी परिपत्र में कहा गया है कि यथासंभव कार्य निष्पादन के लिए बैठकों का आयोजन न्यूनतम किया जाए, परन्तु आवश्यक होने पर बैठक के आयोजन में सोशल डिस्टेसिंग गाईडलाईन का पालन करते हुए बैठक संपादित की जाए। कार्यालयों में जनसाधारण के साथ मिलना-जुलना यथा संभव न्यूनतम रखा जाए। कार्यालयों में आने-जाने वाले सभी आगन्तुकों को सोशल-फिजिकल डिस्टेंस गाईडलाईन के बारे में जागरूक तथा इसका पालन करते हुए लोक सेवाएं प्रदाय किया जाए। कार्यालय परिसर में उपयुक्त स्थल पर शिकायत पेटी रखी जाए, जिसमें आगन्तुकों द्वारा शिकायत डालने की सुविधा हो। प्राप्त शिकायतों को दर्ज कर पूर्व निर्धारित प्रक्रिया अनुसार उनका निराकरण किया जाए। किसी भी प्रकार के सामूहिक कार्यक्रम का आयोजन कार्यालयों में न किया जाए। कार्यालयों के कार्य संचालन के लिए अधिक से अधिक आॅनलाईन कार्य प्रणाली का उपयोग किया जाए। कार्यालय आने-जाने के लिए व्यवस्था में सोशल-फिजिकल डिस्टेंस गाईडलाईन का पालन किया जाए।
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छत्तीसगढ़ और झारखंड सरकार की तारीफ करते बसों में बैठे श्रमिक,कलेक्टर श्रीमती कौशल का भी माना आभार
प्रवासी श्रमिकों की मूल राज्यों के लिए रवानगी शुरू, आज 118 प्रवासी श्रमिकों को पांच बसों से भेजा गया झारखंड
कोरबा 04 मई 2020/छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से बात कर झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने हमें लेने के लिए बसें भेजी हैं। हम सभी अब सकुशल अपने घर लौट पायेंगे। लाॅक डाउन के कारण कोरबा में रहे, यहां की व्यवस्थाएं अच्छी थी। खाने-पीने, रहने की कोई परेशानी नहीं हुई। काम करने आये थे, लाॅक डाउन के कारण काम बंद होने से भी हमें खाने-पीने के लिए पर्याप्त राशन और जरूरी चीजें मिलती रही। छत्तीसगढ़िया वास्तव में बढ़िया हैं...। इस संवाद के साथ कोरबा में काम करने आये प्रवासी श्रमिकों ने अपने राज्य झारखंड रवाना होने से पहले छत्तीसगढ़ सरकार और यहां के लोगों की जमकर तारीफ की। सभी ने लाॅक डाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों के लिए की गई व्यवस्थाओं को सराहा और जिला प्रशासन की भी प्रशंसा की।
विभिन्न जनपद पंचायतों और नगरीय निकायों से अब तक मिली जानकारी के अनुसार जिले में लगभग साढ़े चार सौ श्रमिक अन्य राज्यों से आकर काम में लगे हैं। कोरोना संक्रमण के कारण लाॅक डाउन में फंसे इन सभी प्रवासी श्रमिकों को पहले ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य के मेहमान बताया था और सभी जिला कलेक्टरों को ऐसे श्रमिकों के रूकने, खाने, पीने आदि की पूरी व्यवस्थाएं करने के निर्देश भी दिए थे। कोरबा से आज झारखंड के विभिन्न जिलों के 118 श्रमिकों को उनके गृह जिलों के लिए रवाना किया गया है। आज धनबाद जिले के चिरकुंडा के लिए रवाना होने से पहले प्रवासी श्रमिक श्रीमती पूजा ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल सहित झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन के प्रति आभार व्यक्त किया। श्रीमती पूजा ने बताया कि 12-13 मार्च को वे कोरबा आई थी और लाॅक डाउन के कारण परिवार सहित यहां फंस गई थी। श्रीमती पूजा ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लाॅक डाउन अवधि में राशन, पानी, दवा आदि की उपलब्धता के लिए किये गये कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि लाॅक डाउन के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार के अधिकारियों ने राशन आदि पर्यान्त मात्रा में घर तक पहुंचाकर दिया। लाॅक डाउन के दौरान उन्हें और उनके परिवार को किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं रही। घर लौटने की खुशी श्रीमती पूजा सहित सभी 118 प्रवासी श्रमिकों के चेहरे पर साफ झलक रही थी। हाथों को सेनेटाईजर से धोकर बस में बैठने की जल्दी के बीच भी सभी श्रमिकों ने एक-दूसरे से एक मीटर की दूरी बनाये रखी और बस में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ही सीटों पर बैठे। सभी ने छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ सरकार की व्यवस्थाओं के लिए कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल का भी आभार माना।
कोरबा जिले में रोजगार की तलाश में आसपास के राज्यों से आये प्रवासी श्रमिकों की रवानगी आज से शुरू हो गई है। कोरोना संक्रमण के चलते पिछले 42 दिनों से चल रहे लाॅक डाउन के कारण यह श्रमिक कोरबा में ही रह रहे थे। छत्तीसगढ़ और झारखंड सरकार के बीच बातचीत तथा आपसी समन्वय के बाद आज कोरबा के आईटी कालेज से 118 प्रवासी श्रमिकों का पहला जत्था झारखंड के विभिन्न जिलों के लिए रवाना किया गया। इस जत्थे में लातेहार के 29, गोंडा के 34, बोकारो के आठ, सरईकेला के 13, धनबाद के छह, गिरीडीह के नौ, हजारी बाग के दो, चतरा के सात, गुमला के दो, सिंहभूम के तीन, चक्रधरपुर के दो, रामगढ़ के दो, रांची का एक श्रमिक शामिल थे। आज सुबह ही झारखंड सरकार के अधिकारियों सहित पांच बसें कोरबा पहुंची थी। इन बसों से ही प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह जिले के लिए रवाना किया गया। श्रमिकों को रवाना होने से पहले सेनेटाइज कर मेडिकल चेकअप कराया गया। श्रमिकों को रास्ते के लि खाने के पैकेट एवं पानी की पूरी व्ययस्था जिला प्रशासन के द्वारा की गई। बसों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए श्रमिकों को बैठाया गया।
झारखंड से श्रमिकों को लेने आये अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में विभिन्न जगहों पर लाॅक डाउन के कारण रूके श्रमिकों को लेने के लिए बसें भेजी जा रहीं हैं। छत्तीसगढ़ के अधिकारियों के साथ झारखंड के अधिकारियों का अच्छा समन्वय है, इसलिए श्रमिकों को यहां से ले जाने में सुविधा और आसानी हुई है। सभी औपचारिकता बिना किसी परेशानी के पूरी की गई और कोरबा के अधिकारियों ने भी सभी जरूरी व्यवस्थाएं बिना कहे ही समय पर पूरी कर दी हैं। झारखंड के अधिकारियों ने यह भी कहा कि कुछ और बसें अन्य जिलों से भी कोरबा भेजी जा रही है और वापस अपने घर लौटने के इच्छुक सभी श्रमिकों को झारखंड ले जाया जायेगा।
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जिले में बिना सूचना के प्रवेश करने तथा क्वारेंटीन का उल्लंघन करने वालों पर होगी दण्डात्मक कार्रवाई
कोरबा 03 मई 2020/ कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के लिए कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने जिले में प्रवेश करने वाले प्रवासी श्रमिकों, तीर्थ यात्रियों, पर्यटकों और अन्य व्यक्तियों की पूरी निगरानी रखने के निर्देश अधिकारियों को जारी किये हैं। जिले की सीमा पर अलग-अलग 21 ऐसे इंट्री पांइंटों को चिन्हाकित कर चेकपोस्ट स्थापित किये गये हैं। इन चेकपोस्टों पर प्रवेश करने वाले अन्य राज्यों के व्यक्तियों-श्रमिकों को प्रवास की जानकारी और स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही आने की अनुमति देने के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर द्वारा आगामी दिनों में जिले में बड़ी संख्या में व्यक्तियों के आगमन की संभावना को ध्यान में रखते हुए अन्य राज्यों से बिना सूचना के प्रवेश करने वाले व्यक्तियों तथा क्वारेंटीन का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी दण्डात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गये हैं। कलेक्टर ने कहा है कि कोरोना संक्रमण एक वैश्विक स्तर की चुनौती है, जिस पर नियंत्रण के लिए कड़ी निगरानी एवं प्रभावी प्रशासनिक कार्यवाही करनी होगी। शासन के निर्देशों एवं आदेशों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों पर जिला प्रशासन द्वारा यथास्थिति धारा 188 भारतीय दंड संहिता 1860 तथा धारा 51 से 60 आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के प्रावधानों अनुसार कड़ी कार्यवाही की जाए।जिले में पुलिस बेरियर कनकी, उच्चभिट्टी (चांपा रोड), लबेद, ठेंगरीमार (कोरबा एवं धरमजयगढ़ रोड), फारेस्ट बेरियर कुदमुरा, रामपुर, फारेस्ट बेरियर बगदेवा (पाली), फारेस्ट बेरियर पाली, ग्राम पोंड़ी, सरईसिंगार हरदीबाजार, फारेस्ट बेरियर पसान, पुलिस बेरियर मोरगा, चेकपोस्ट बिरदा, चेकपोस्ट अखरापाली, बेहरचुंवा, नोनदरहा, सुखरीकला, उमरेली, कथरीमाल, ग्राम पंचायत छिंदिया बेरियर, डोकरमना बेरियर पर चेकपोस्ट स्थापित किये गये हैं। इन चेकपोस्टों पर प्रभारी अधिकारियों की भी नियुक्ति की गई है। सभी चेकपोस्टों पर कोरबा जिले में प्रवेश करने वाले हर एक व्यक्ति की जानकारी पंजीबद्ध की जायेगी और जिला प्रशासन को भेजी जायेगी।कलेक्टर श्रीमती कौशल ने कहा है कि अन्य राज्यों से आने वाले व्यक्ति कोरोना संक्रमित हो सकते हैं, जिनमें स्थानीय समुदाय में कोरोना वायरस का संक्रमण फैल सकता है। क्वारेंटीन का पालन न करने से फैले संक्रमण पर काबू पाना अत्यंत कठिन होगा। इसलिए जिले के सभी ग्राम पंचायतों-नगरीय निकायों में अन्य राज्यों से आने वाले व्यक्तियों की जानकारी देने के लिए आए हुए व्यक्तियों, उनके परिजनों एवं जन साधारण को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसमें स्थानीय निकायों का सहयोग लिया जा रहा है। इसकी माॅनिटरिंग जिला स्तरीय कंट्रोल रूम के माध्यम से की जा रही है। अन्य राज्यों से अवैध रूप से आने वाले तथा ऐसी जानकारी छुपाने वाले व्यक्तियों पर विधि अनुसार कार्यवाही की जाएगी। अन्य राज्यों से आने वाले व्यक्तियों को निश्चित अवधि पर क्वारेंटीन करने की गाइड लाइन स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई है। क्वारेंटीन का उल्लंघन करने वालों व्यक्ति पर भी विधि अनुसार कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।