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गांधीनगर : गुजरात के गोधरा में हुए दंगे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट मिल गई है, आज गुजरात विधानसभा में पेश हुए रिपोर्ट में पीएम मोदी को क्लीन चिट दे दी गई है। आपको बता दें कि जिस समय गुजरात में दंगे हुए थे, तभी नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।नानावती आयोग की रिपोर्ट में नरेंद्र मोदी को क्लीनचिट दिया गया है। गुजरात गृह मंत्रालय ने विधानसभा में नानावती रिपोर्ट को पेश किया है।
राज्य के गृहमंत्री प्रदीप सिंह ने कहा कि आयोग ने तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दिया है. साथ ही आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि तत्कालीन मंत्री हरेन पंड्या, भरत बारोट और अशोक भट्ट की किसी भी तरह की भूमिका साफ नहीं होती है. रिपोर्ट में अरबी श्रीकुमार, राहुल शर्मा और संजीव भट्ट की भूमिका पर सवाल खड़े किए गए हैं.
गृह मंत्री प्रदीप सिंह ने कहा, ‘नरेंद्र मोदी पर आरोप लगा था कि किसी भी जानकारी के बिना वो गोधरा गए थे. इस आरोप को आयोग ने ख़ारिज कर दिया है. इसके बारे में सभी सरकारी एजेंसियों को जानकारी थी. आरोप था कि गोधरा रेलवे स्टेशन पर ही सभी 59 कारसेवकों का शवों का पोस्टमॉर्टम किया गया था. इस पर आयोग का कहना है कि मुख्यमंत्री के आदेश से नहीं बल्कि अधिकारियों के आदेश से पोस्टमार्टम किया गया था.’
रिपोर्ट में मुख्यमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी के लिए कहा गया है कि किसी भी जानकारी के बिना वो गोधरा गए थे. इस आरोप को पंच ने खारिज कर दिया है कि इसके बारे में सभी सरकारी एजेंसियों को जानकारी थी.
गोधरा स्टेशन पर सभी 59 कारसेवक के शवों का पोस्टमॉर्टम किया गया था. आयोग का कहना है कि वहां पर मौजूद अधिकारियों के आदेश पर पोस्टमॉर्टम किया गया था न की मुख्यमंत्री के आदेश पर. -
नई दिल्ली
एशियाई विकास बैंक (ADB) ने इस वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के वृद्धि दर अनुमान में भारी कटौती की है. ADB ने कहा है कि वित्त वर्ष 2019-20 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में बढ़त 5.1 फीसदी ही हो सकती है. इसके पहले एडीबी ने जीडीपी बढ़त 6.5 फीसदी रहने का सितंबर महीने में अनुमान जारी किया था.
क्या कहा एडीबी ने
एडीबी ने कहा कि नौकरियों के सृजन की सुस्त रफ्तार और खराब फसल की वजह से ग्रामीण इलाकों की हालत खराब होने की वजह से उसे अपने अनुमान में कटौती करनी पड़ी है. IL&FS मामले की ओर संकेत करते हुए एडीबी ने यह भी कहा कि साल 2018 में एक बड़ी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी के बर्बाद होने से वित्तीय क्षेत्र में जोखिम बढ़ा है और कर्ज संकट खड़ा हुआ है. एडीबी ने कहा, 'वित्त वर्ष 2019-20 में भारत का ग्रोथ रेट सुस्त होकर 5.2 फीसदी रह सकता है. एक बड़े गैर बैकिंग वित्तीय कंपनी में संकट की वजह से वित्तीय सेक्टर में जोखिम बढ़ा है और कर्ज संकट खड़ा हुआ है. इसके अलावा नौकरियों के सृजन की रफ्तार सुस्त पड़ने और खराब फसल की वजह से ग्रामीण क्षेत्र में संकट बढ़ने से खपत प्रभावित हुआ है.'
गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष (2019-20) की दूसरी तिमाही में जीडीपी का आंकड़ा 4.5 फीसदी पहुंच गया है. यह करीब 6 साल में किसी एक तिमाही की सबसे बड़ी गिरावट है. इससे पहले मार्च 2013 तिमाही में देश की जीडीपी दर इस स्तर पर थी.
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मीडिया रिपोर्ट
नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर संघीय अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक ‘‘गलत दिशा में बढ़ाया गया एक खतरनाक कदम’’ है और यदि यह भारत की संसद में पारित होता है तो भारत के गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। यूएससीआईआरएफ ने सोमवार (9 दिसंबर, 2019) को एक बयान में कहा कि विधेयक के लोकसभा में पारित होने से वह बेहद चिंति है।
लोकसभा ने सोमवार को नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) को मंजूरी दे दी, जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है। आयोग ने कहा, ‘अगर कैब दोनों सदनों में पारित हो जाता है तो अमेरिकी सरकार को गृह मंत्री अमित शाह और मुख्य नेतृत्व के खिलाफ प्रतिबंध लगाने पर विचार करना चाहिए।’ उसने कहा, ‘अमित शाह द्वारा पेश किए गए धार्मिक मानदंड वाले इस विधेयक के लोकसभा में पारित होने से यूएससीआईआरएफ बेहद चिंतित है।’ नागरिकता संशोधन विधेयक के पक्ष में 311 मत और विरोध में 80 मत पड़े, जिसके बाद इसे लोकसभा से मंजूरी दे दी गई। अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन विधेयक को ऐतिहासिक करार देते हुए सोमवार को कहा था कि यह भाजपा के घोषणापत्र का हिस्सा रहा है तथा 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में देश के 130 करोड़ लोगों ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनाकर इसकी मंजूरी दी है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने हालांकि इसका विरोध किया। यूएससीआईआरएफ ने आरोप लगाया कि कैब आप्रवासियों के लिए नागरिकता प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करता है हालांकि इसमें मुस्लिम समुदाय का जिक्र नहीं है। इस तरह यह विधेयक नागरिकता के लिए धर्म के आधार पर कानूनी मानदंड निर्धारित करता है।
उसने कहा, ‘कैब गलत दिशा में बढ़ाया गया एक खतरनाक कदम है। यह भारत के धर्मनिरपेक्ष बहुलवाद के समृद्ध इतिहास और भारतीय संविधान का विरोधाभासी है जो धार्मिक भेदभाव से ऊपर उठकर कानून के समक्ष समानता की गारंटी देता है।’ आयोग ने असम में चल रही राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) की प्रक्रिया और गृह मंत्री शाह द्वारा प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी एनआरसी के बारे में कहा, ‘यूएससीआईआरएफ को यह डर है कि भारत सरकार भारतीय नागरिकता के लिए धार्मिक परीक्षण के हालात पैदा कर रही है जिससे लाखों मुस्लिमों की नागरिकता पर संकट पैदा हो सकता है।’
उसने यह भी कहा कि भारत सरकार करीब एक दशक से अधिक समय से यूएससीआईआरएफ के वक्तव्यों और वार्षिक रिपोर्टों को नजरअंदाज कर रही है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) शासन के दिनों से ही भारत लगातार कहता आ रहा है कि वह अपने आतंरिक मामलों में किसी तीसरे देश के विचारों या रिपोर्ट को मान्यता नहीं देता है। -
नई दिल्ली
देश के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं से बलात्कार की बढ़ रही घटनाओं के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि वह सोमवार को अपना जन्मदिन नहीं मनाएंगी क्योंकि वह इन घटनाओं से दुखी हैं। सोमवार को गांधी 73 साल की हो जाएंगी।
समाचार एजेंसी पीटीआई (भाषा) की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों में बलात्कार की विभिन्न घटनाओं से कांग्रेस अध्यक्ष दुखी हैं और इसी वजह से वह सोमवार को अपना जन्मदिन नहीं मनाएंगी। बता दें कि, सोनिया गांधी का यह निर्णय उन्नाव बलात्कार पीड़िता को आग लगा देने और दिल्ली की अस्पताल में उसकी मौत हो जाने के बाद आया है।
इससे पहले हाल में हैदराबाद में पशु चिकित्सक की दुष्कर्म के बाद आग लगाकर हत्या कर दी गई थी। देश के विभिन्न हिस्सों से भी महिलाओं के खिलाफ अपराध के कई मामले सामने आए हैं और इन घटनाओं को लेकर देश में गुस्से की लहर है। -
कर्नाटक की 15 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतगणना राज्य के 11 केंद्रों में सोमवार सुबह शुरू हो गई। ये चुनाव परिणाम राज्य में चार महीने पुरानी बीएस येदियुरप्पा नीत भाजपा सरकार का भविष्य तय करेंगे। इन उपचुनावों के लिए पांच दिसंबर को मतदान हुए थे। शुरुआती रुझानों में भाजपा ने बढ़त बना ली है। दोपहर बाद परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।
इस उपचुनाव के नतीजों से ही साफ होगा कि राज्य में येदियुरप्पा की सरकार रहेगी या जाएगी। कर्नाटक में भाजपा के पास फिलहाल 105 विधायक हैं, जिसमें एक निर्दलीय विधायक भी शामिल है। कांग्रेस के 66 और जेडीएस के 34 विधायक हैं। इनके अलावा बीएसपी का भी एक विधायक है। ऐसे में उपचुनाव के नतीजों पर कांग्रेस की भी निगाहें टिकी हुई हैं। भाजपा को राज्य की सत्ता में बने रहने के लिए 225 सदस्यीय विधानसभा (स्पीकर सहित) में 15 सीटों (जिन पर उपचुनाव हुए हैं) में कम से कम छह सीटें जीतने की जरूरत है।
ये उपचुनाव 17 विधायकों को अयोग्य करार देने से पैदा हुई रिक्तियों को भरने के लिए कराए गए। इन विधायकों में कांग्रेस और जद(एस) के बागी नेता शामिल थे। इन विधायकों की बगावत के चलते जुलाई में एचडी कुमारस्वामी नीत कांग्रेस-जद(एस) सरकार गिर गई थी और भाजपा के सत्ता में आने का मार्ग प्रशस्त हुआ। विधानसभा में अभी भाजपा के पास 105 (एक निर्दलीय सहित), कांग्रेस के 66 और जद (एस) के 34 विधायक हैं। बसपा का भी एक विधायक है। इसके अलावा एक मनोनीत विधायक और विधानसभा अध्यक्ष हैं।
अयोग्य करार दिए गए 13 विधायकों को भाजपा ने अपना टिकट दिया। उपचुनाव लड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट से इजाजत मिलने के बाद पिछले महीने वे भाजपा में शामिल हो गए थे। जिन 15 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है उनमें 12 पर कांग्रेस और तीन पर जद (एस) का कब्जा है। उल्लेखनीय है कि, राज्य में ये उपचुनाव 21 अक्टूबर को होने थे लेकिन चुनाव आयोग ने इसे पांच दिसंबर के लिए टाल दिया था। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्य करार दिए विधायकों की याचिकाओं की सुनवाई करने का फैसला किया था। -
एजेंसीनई दिल्लीः राजधानी दिल्ली के रानी झांसी रोड पर एक बेकरी में लगी भीषण आग से अब तक 43 लोगों की मौत हो गई। जबकि कई लोग गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। वहीं 55 से ज्यादा लोगों को अब तक बचाया जा चुका है। मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन अभी जारी है। आग की घटना में झुलसे लोगों को चार अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। अभी तक 45 लोगों को एलएनजेपी अस्पताल में लाया गया है जबकि लेडी हार्डिंग में 9 लोगों को एडमिट किया गया है। इसके अलावा सफदरजंग और हिंदू राव में भी कई लोगों को भर्ती कराया गया है।मौके पर पहुंची दमकल की गाड़ियों ने आग पर काबू पा लिया है। जानकारी के मुताबिक अनाज मंडी में लगी आग इतनी भयानक थी कि उस पर काबू पाने के लिए दमकल की 30 गाड़ियां मौके पर पहुंची। घटना सुबह 5 बजे की है जहां एक तीन मंजिला बेकरी है, यहां तीन सटी हुई अलग-अलग बेकरी की ऊपरी मंजिल पर आग लगी थी। इलाके के काफी तंग होने के कारण फायर ब्रिगेड को आग पर काबू पान के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। बताया जा रहा है कि आग शॉट सक्रिट के कारण लगी। फिलहाल मौके पर राहत एवं बचाव कार्य अभी जारी है।
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उन्नाव। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में जिंदा जलाए जाने के बाद गैंगरेप पीड़िता की 6 नवंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई है। उसके पार्थिव शरीर को उन्नाव लाया जा रहा है। वहीं, इसी बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पीड़ित परिवार से मिलने उन्नाव पहुंच गईं। पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, 'मैंने सुना है कि दोषियों का भाजपा से कुछ नाता है।'
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नई दिल्ली
उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता जिंदगी से लड़ते हुए हार गई। पीड़िता की मौत से दुखी पिता ने हैदराबाद एनकाउंटर की तरह दरिदों को सजा मिलने की मांग की है। पीड़िता के पिता ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मुझे किसी धन की लालच नहीं है। मेरी सिर्फ एक ही मांग है कि मेरी बेटी को मौत के बाद इंसाफ मिले। उन्होंने सरकार से एनकाउंटर या तो फांसी की सजा की मांग की। पीड़िता के पिता ने बताया कि आज सफदरजंग अस्पताल में बेटी का पोस्टमार्टम होगा। उसके बाद परिजन उसका शव लेकर उन्नाव लाएंगे।
ज्ञात हो कि शुक्रवार रात 11.4० पर पीड़िता का सफदरजंग अस्पताल में निधन हो गया। इसकी जानकारी पीड़िता की बहन ने दी। अस्पताल के बर्न और प्लास्टिक सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ. शलभ कुमार ने पीड़िता के निधन की पुष्टि करते हुए कहा कि रात करीब 11.1० पर पीड़िता के हृदय ने काम करना बंद कर दिया। डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और रात 11.4० पर उसका निधन हो गया।
हालांकि 9० प्रतिशत से भी ज्यादा जल चुकी उप्र की इस पीड़िता ने आखिरी वक्त तक भी हार नहीं मानी थी। गुरुवार रात 9 बजे तक वह होश में थी। जब तक होश में थी कहती रही- मुझे जलाने वालों को छोड़ना मत। फिर नींद में चली गई, डक्टरों ने पूरी कोशिश की, वेंटिलेटर पर रखा लेकिन वो नींद से नहीं उठी।
गौरतलब है कि उन्नाव जिले के बिहार थाना क्षेत्र में दुष्कर्म पीड़िता को गुरुवार को ज्वलंत पदार्थ से जलाने का प्रयास किया गया। रायबरेली जाने को सुबह रेलवे स्टेशन जा रही दुष्कर्म पीड़िता युवती को कुछ लोगों ने आग लगा दी और भाग निकले। इसके बाद पास की एक गैस एजेंसी की गोदाम के गाडोर्ं की सूचना पर पहुंची पीआरवी ने उसे सुमेरपुर सीएचसी पहुंचाया जहां से जिला अस्पताल लाया गया।
हालत बेहद नाजुक होने के कारण उसको लखनऊ के सिविल हास्पिटल रेफर कर दिया गया। युवती करीब 9० प्रतिशत जल गई थी और उसकी हालत काफी गंभीर थी। उन्नाव में आग के हवाले की गई दुष्कर्म पीड़िता को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल शिफ्ट किया गया। पीड़िता को एयर एंबुलेंस से दिल्ली ले जाया जा गया। जहां उसने अंतिम सांस ली। इस मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। -
नई दिल्ली। हैदराबाद में शुक्रवार तड़के चार रेप आरोपियों के कथित एनकाउंटर पर मानवाधिकार संगठन पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) ने कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं। पीयूसीएल की ओर से कहा गया है कि ये मामला एनकाउंटर नहीं बल्कि प्लान बनाकर की गई हत्या जैसा लगता है। संगठन ने मामले पर चार सवाल पूछे हैं।
पीयूसीएल की ओर से पहला सवाल- करीब 50 पुलिसवाले सीन रिक्रिएशन के लिये सुबह में तीन बजे घटनास्थल पर पहुंचे। आखिर सुबह तीन बजे का वक्त क्यों चुना गया? दूसरा सवाल- आरोपी सात दिन से पुलिस हिरासत में थे। जाहिकर है उनके पास हथियार तो नहीं होंगे। उनके हाथ बांधकर और चेहरा भी ढंक कर लाया गया होगा। यही तरीका है आरोपियों को क्राइम सीन पर लाने का। ऐसे में सवाल है कि कैसे वो दौड़ सकते हैं।
तीसरा सवाल ये है कि क्या किसी आरोपी ने पुलिस वालों पर फायरिंग की थी। आरोपियों की तरफ से ऐसा क्या हुआ कि पुलिसवालों को गोली चलानी पड़ी। चौथा सवाल- आरोपियों के पास कोई हथियार नहीं था फिर भी अगर ऐसा स्थिति बन गई थी कि पुलिस वालों को गोली चलानी पड़ी तो गोली घुटनों के नीचे क्यों नहीं मारी गई। उनको ऊपर गोली क्यों मारी गई। पीयूसीएल की ओर से कहा गया है कि यह एक तरह से सुनियोजित हत्या का मामला है। इसमें पुलिसवालों के खिलाफ एफआईआर हो और मामले की न्यायिक जांच कराई जाए। साथ ही पीयूसीएल की ओर से कहा गया है कि इन पुलिसकर्मियों का महिमामंडन करना बंद होना चाहिए। -
मीडिया रिपोर्टतेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में महिला पशु-चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या के सभी चारों आरोपियों की एनकाउंटर को लेकर राजनेताओं की अलग-अलग राय सामने आ रही हैं। कुछ लोग इस एनकाउंटर पर हैदराबाद पुलिस की तारीफ कर रहा है तो कुछ लोगों ने इस एनकाउंटर पर सवाल भी खड़े किए हैं। बता दें कि, तेलंगाना में महिला पशु-चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले के सभी चारों आरोपी शुक्रवार तड़के साइबराबाद पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए।
पुलिस ने दावा किया कि क्राइम सीन को रीक्रिएट करने के लिए चारों आरोपियों को हैदराबाद के बाहरी क्षेत्र शादनगर के समीप चटनपल्ली ले जाया गया था। इस दौरान चारों आरोपियों ने भागने की कोशिश और फिर पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ उस स्थान से कुछ ही दूरी पर हुई जहां महिला पशु-चिकित्सक को जलाया गया था। पुलिस के सभी वरिष्ठ अधिकारी मुठभेड़ स्थल पर पहुंच गए हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केरल की तिरुअनंतपुरम सीट से लोकसभा सांसद शशि थरूर ने ट्वीट किया, ‘न्यायिक व्यवस्था से परे इस तरह के एनकाउंटर स्वीकार नहीं किए जा सकते।’ एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, “हमें और जानने की जरूरत है। यदि क्रिमिनल्स के पास हथियार थे तो पुलिस ने अपनी कार्रवाई को सही ठहरा सकती है। जब तक पूरी सच्चाई सामने न आए तब तक हमें निंदा नहीं करनी चाहिए। लेकिन कानून से चलने वाले समाज में इस तरह का गैर-न्यायिक हत्याओं को सही नहीं ठहराया जा सकता।”
वामपंथी दल सीपीएम के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि गैर-न्यायिक हत्याएं महिलाओं के प्रति हमारी चिंता का जवाब नहीं हो सकतीं। उन्होंने कहा कि बदला कभी न्याय नहीं हो सकता। इसके साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप कांड के बाद लागू हुए कड़े कानून को हम सही से लागू क्यों नहीं कर पा रहे है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार हर मुठभेड़ की जांच की जानी चाहिए। उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने हैदराबाद एनकाउंटर पर सवाल उठाया है। -
नई दिल्ली
हैदराबाद में पशु-चिकित्सक से हैवानियत करने वाले चारों आरोपियों को वीरवार रात करीब 3 बजे पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया। जहां इस घटना से पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई है तो वहीं पीड़िता के पिता ने कहा कि 10 दिनों में मेरी बेटी को इंसाफ मिला है, आज उसकी आत्मा को शांति मिलेगी।
महिला डाक्टर के पिता और बहन ने कहा कि आज हम सरकार और पुलिस के शुक्रगुजार हैं। आज हमारे साथ न्याय हुआ है, जो हुआ है वह अपराधियों के लिए एक उदाहरण है। पीड़िता के पिता ने कहा कि रेकॉर्ड टाइम में इंसाफ मिला है। मैं उन लोगों के लिए शुक्रगुजार हूं, जो इस मुश्किल घड़ी में हमारे साथ खड़े रहे।
बता दें कि महिला डाक्टर का शव 28 नवंबर की सुबह शादनगर में जली हुई हालत में मिली थी। साइबराबाद पुलिस ने 29 नवंबर को मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया था और उन्हें शनिवार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। एक आरोपी केशवुलू की मां ने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा था कि जैसा आरोपियों ने पीड़िता के साथ किया, उन्हें भी वैसे ही जला दिया जाना चाहिए। मेरी भी एक बेटी है। मुझे पीड़िता के परिवार का दर्द पता है।
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नई दिल्ली: मोदी सरकार ने महंगाई के मुद्दे पर देश की संसद में सांसदों, आगंतुकों और पत्रकारों के लिए बनी कैंटीन पर बड़ा फैसला किया है। अब से किसी को भी संसद के कैंटीन में सब्सिडी नहीं मिलेगी।
सांसदों ने संसद की कैंटीन में खाद्य वस्तुओं पर मिलने वाली सब्सिडी को छोडऩे का सर्वानुमति से निर्णय किया है। सूत्रों के अनुसार यह निर्णय लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के सुझाव के बाद किया गया है। अब संसद के सदस्यों को सामान्य रेट पर खाना मिलेगा। संसद की कैंटीन में सब्सिडी पर सालाना करीब 15 करोड़ रुपए खर्च होते हैं। आइए एक नजर डालते हैं संसद की कैंटीन में मिलने वाले खाने की कीमतों पर।
ब्रेड एंड बटर- 6 रुचपाती- 2 रुचिकन करी- 50 रुचिकन कटलेट प्लेट- 41 रुचिकन तंदूरी- 60 रुकॉफी- 5 रुडोसा प्लेन- 12 रुफिश करी- 40 रुहैदराबादी चिकन बिरयानी- 65 रुमटन करी- 45 रुउबले चावल- 7 रुसूप- 14 रु -
नई दिल्ली
प्याज की कीमतों को लेकर देश में हाहाकार मचा है लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि वह प्याज़ नहीं खाती हैं इसलिए उन्हें फर्क नहीं पड़ता है. वित्त मंत्री के इस बयान पर राजनीतिक घमासान छिड़ गया है और 106 दिन बाद जेल से बाहर आए पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने उनपर करारा वार किया है. पी. चिदंबरम का कहना है कि जो सरकार कम प्याज खाने को कहती है, उसे चले जाना चाहिए.
गुरुवार को संसद भवन पहुंचे पी. चिदंबरम ने आजतक से कहा, ‘...जो सरकार लोगों को कम प्याज और लहसुन खाने की सलाह देती है, उसे चले जाना चाहिए. अर्थव्यवस्था के मामले में ये सरकार पूरी तरह से फेल हुई है’. पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि अगर निर्मला सीतारमण प्याज नहीं खाती हैं तो क्या खाती हैं? क्या वह एवोकाडो खाती हैं?
गौरतलब है कि एवोकाडो को हिन्दी में रुचिरा कहते हैं, जो कि एक फल है. मुख्य तौर पर ये साउथ मैक्सिको में मिलता है. -
मीडिया रिपोर्ट
उन्नाव। देश महिलाओं के लिए कितना असुरक्षित हो गया है, ये बात एक के बाद उनके खिलाफ हो रही हिंसा बता रही है। अब उत्तर प्रदेश के उन्नाव से भी एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां गैंगरेप की पीड़िता पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया है। पीड़िता को सुबह के समय पांच लोगों ने मिट्टी का तेल छिड़क गांव के बाहर जिंदा जला दिया। पीड़िता की उम्र 20 साल बताई जा रही है। सभी आरोपी गिरफ्तार हो गए हैं।
पीड़िता ने पांच आरोपियों को नाम भी बता दिए हैं। बताया जा रहा है कि सभी आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पुलिस का कहना है कि पीड़िता को इलाज के लिए लखनऊ के अस्पताल भेज दिया गया है। घटना उन्नाव के बिहार इलाके की है। मुख्य आरोपी को आखिर में पकड़ा गया। पीड़िता 90 फीसदी तक जल गई है।
पीड़िता ने मार्च में ही गैंगरेप का मामला दर्ज करवाया था। जिनके खिलाफ ये केस दर्ज हुआ था उन्होंने ही अपने साथियों के साथ मिलकर उसपर हमला किया है। बताया जा रहा है कि पीड़िता को जमानत पर छूट कर आए दो आरोपियों ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर जिंदा जलाया है। पीड़िता की हालत गंभीर बताई जा रही है। गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने लखनऊ के ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया। कुछ दिन पहले ही युवती के साथ रेप हुआ था। इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इसी मामले में आज युवती पैरवी के लिए रायबरेली जा रही थी।
जानकारी के मुताबिक सुबह छह बजे के करीब गांव के बाहर खेत में दोनों आरोपी और उसके तीन साथियों ने उसके ऊपर मिटटी का तेल छिड़ककर आग लगा दी है। सूचना मिलते ही गांव में शोर शराबा मच गया। पीड़िता को जिला अस्पताल से लखनऊ ट्रामा सेंटर रेफर किया गया है। घटना का मुख्य आरोपी शिवम त्रिवेदी भी गिरफ्तार हो गया है। इस दौरान पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर पीड़िता को सुरक्षा क्यों नहीं मुहैया कराई गई। आरोपी इतने बेखौफ हैं कि जेल से उन्हें तीन दिन बाद ही जमानत मिल गई और उन्होंने पीड़िता को जिंदा जला दिया। पीड़िता ने गंभीर हालत में ही सभी आरोपियों के नाम बताए हैं। -
एजेंसीचंडीगढ़। आय से अधिक संपत्ति के मामले में इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) नेता अभय चौटाला की मुसीबतें कम होती नहीं दिखाई दे रही हैं। बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने अभय चौटाला के सिरसा स्थित तेजाखेड़ा फार्म हाउस पर छापेमारी की। अभय चौटाला हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के चाचा हैं। अभय चौटाला पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में 13 साल से केस चल रहा है।बुधवार को सीआरपीएफ के साथ प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने फार्म हाउस पर छापेमारी की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जांच एजेंसी मौके पर दस्तावेज खंगाल रही है। इसी साल मई महीने में आय से अधिक संपत्ति के मामले में चौटाला परिवार की संपत्ति की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला के बेटे अजय और अभय की संपत्ति का विवरण मांगा था।
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नई दिल्ली
इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री पर रोक लगाने वाली जनहित याचिका (PIL) पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में जनवरी में सुनवाई शुरू कर सकता है. एक गैर सरकारी संगठन ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. इस याचिका में इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए पॉलिटिकल फंडिंग में कथित अपारदर्शिता के चलते बॉन्ड जारी करने पर रोक लगाने की मांग की गई है.
इसके पहले ADR ने अप्रैल 2018 में इलेक्टोरल बॉन्ड्स के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. जगदीप छोकर बताते हैं कि कोर्ट ने सुनवाई के बाद कहा, " काफी महत्वपूर्ण मुद्दें उठाए गए हैं जिनका असर देश के इलेक्टोरल सिस्टम पर होता है." छोकर कहते है कि ये सुनवाई 12 अप्रैल 2018 को हुई थी लेकिन उसके बाद कुछ नहीं हुआ.
क्या है इलेक्टोरल बॉन्ड्स?
इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को मोदी सरकार में जनवरी 2018 में अधिसूचित किया गया था. कहा गया था कि इससे राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता आएगी. लेकिन इसने चुनावी फंडिंग को अपारदर्शी बना गया है. राजनीतिक पार्टियों के लिए यह जरूरी नहीं है कि वह इलेक्टोरल बॉन्ड डोनर के बारे में चुनाव आयोग को बताए.
इलेक्शन कमीशन में जमा की गई रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी को साल 2017-18 में सबसे ज्यादा चंदा मिला है. बीजेपी को 210 करोड़ रुपये 2000 रुपये के रूप में मिले. देश की सभी राजनीतिक पार्टियों को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए जो चंदा मिला, उसमें से बीजेपी का 94.5% हिस्सा है. जमा की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि बीजेपी को 210 करोड़ रुपये मिले है. चुनावी चंदे के लेनदेन को पारदर्शी बनाने के लिए बने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए इस साल सबसे अधिक चंदा बीजेपी को ही मिला है. -
नारायणपुर में एक बड़ी घटना की खबर प्रकाश में आई है बताया जा रहा है कि इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के जवान आपस में ही भिड़ गए। एक जवान ने अंधाधुंध फायरिंग कर 6 जवानों की हत्या कर दी. इस फायरिंग में 2 अन्य जवान भी घायल हो गए हैं. घटना की जानकारी लगत ही बटालियन सहित शासन-प्रशासन में हड़कंप मच गया है. बस्तर आईजी ने मामले की पुष्टि की है। बस्तर आईजी पी. सुंदरराज ने घटना को लेकर मीडिया से कहा है कि प्रथमदृष्टया आपसी विवाद ही प्रतीत हो रहा है । घटना में और ज्यादा जानकारी का फिलहाल इंतजार है।
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दिल्ली
आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में जेल में बंद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को उच्चतम न्यायालय से बुधवार को जमानत मिल गई। उच्चतम न्यायालय ने दो लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानती पर पी.चिदंबरम को जमानत दी। न्यायालय ने पी.चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के 15 नवंबर के आदेश को निरस्त किया। जस्टिस आर भानुमति की पीठ ने 28 नवंबर को जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी की थी। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाने से पहले माना कि आर्थिक अपराध काफी गंभीर होते हैं और जमानत का फैसला केस की मेरिट पर निर्भर करता है। कोर्ट ने कहा कि अदालत से अनुमति लिए बिना चिदंबरम देश से बाहर नहीं जाएंगे।
न्यायमूर्ति आर भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की एक पीठ ने 74 वर्षीय पूर्व वित्त मंत्री को जमानत दी। चिदंबरम बीते 105 दिन से जेल में बंद थे। उन्हें सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था। वहीं प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें धनशोधन मामले में 16 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। उच्चतम न्यायालय ने चिदंबरम के इस मामले के संबंध में मीडिया में साक्षात्कार देने या किसी तरह का बयान देने पर रोक लगाई है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि चिदंबरम को मिली जमानत का लाभ इस मामले का कोई अन्य आरोपी नहीं ले पाएगा।





















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