- Home
- टॉप स्टोरी
-
एजेंसीबिहार : बिहार विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र की कार्यवाही शुरू हो गई है। इस विशेष सत्र के दौरान संविधान के 126वें संशोधन विधेयक, 2019 पर लेकर विधानसभा में चर्चा चल चल रही है।विधानसभा में SC/ST के आरक्षण को 10 साल बढ़ाने के विधेयेक का समर्थक करने का लिए सबों को धन्यवाद किया। सीएम नीतीश कुमार ने इशारों में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी के हमले का जवाब देते हुए कहा कि हम तो उस राय के आदमी हैं कि राय भिन्न है तो चर्चा होनी चाहिए। सीएम नीतीश कुमार ने विधानसभा में साफ लहजों में कहा कि एनआरसी का तो सवाल ही नहीं है। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि एनआरसी की तो चर्चा ही नहीं है।सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि मैं भी इस बात का समर्थन करता हूं कि कास्ट बेस जनगणना होनी चाहिए। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि 1930 में लास्ट टाइम हुआ था इसलिए एक बार फिर से कास्ट बेस पर जनगणना होना ही चाहिए इसलिए जाति अधारित जनगणना होनी ही चाहिए। सीएम नीतीश कुमार ने बिहार के लोगों की राय है उसे केन्द्र सरकार को भी बताएंगे।
-
तेहरान : यूक्रेन के विमान क्रैश को लेकर ईरान की ओर से बड़ा बयान सामने आया है. ईरान ने यूक्रेन के विमान को गलती से मार गिराने की बात कबूल की और इसे मानवीय भूल बताया. ईरान ने शनिवार को स्वीकार किया कि उसकी सेना ने मानवीय चूक के चलते ‘अनजाने में' यूक्रेन के विमान को मार गिराया था, जिससे उसमें सवार 176 लोगों की मौत हो गयी. यह बयान शनिवार सुबह आया, जिसमें कहा गया कि मानवीय चूक के चलते यह दुर्घटना हुई.
ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने ट्वीट किया कि दुखद दिन...अमेरिकी दुस्साहस के चलते पैदा हुए संकट के समय मानवीय चूक के चलते यह दुर्घटना हुई. हमें गहरा दुख है... सभी पीड़ितों के परिवारों और अन्य प्रभावित राष्ट्रों से हमारी माफी और संवेदना. इससे पहले ईरान ने कई दिनों तक विमान को गिराने की बात से इनकार किया, लेकिन अमेरिकी और कनाडा ने कहा था कि उन्हें विश्वास है कि ईरान ने ही विमान को मार गिराया है.
गौरतलब है कि यूक्रेन इंटरनेशनल एयरलाइंस का बोइंग 737 विमान तेहरान से उड़ान भरने के कुछ समय बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. ईरान द्वारा इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर किये गये मिसाइल हमले के कुछ देर बाद यह विमान हादसा हुआ था. अमेरिकी हवाई हमले में ईरानी जनरल क़ासिम सुलेमानी की मौत के बाद जवाबी कार्रवाई में ईरान ने इराक में दो अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर बैलिस्टिक मिसाइल हमला किया था. हालांकि, हमले में इन ठिकानों पर कोई घायल नहीं हुआ था.
ईरान के सरकारी मीडिया ने सेना के बयान के हवाले से बताया कि विमान के रिवोल्युशनरी गार्ड के ‘संवेदनशील सैन्य केंद्र' की ओर मुड़ने के बाद उसे गलती से दुश्मन का विमान समझ लिया. इसमें कहा गया कि अमेरिका के साथ भारी तनाव के मद्देनजर सेना ‘‘पूरी तरह मुस्तैद' थी.
बयान के मुताबिक कि ऐसे हालात में, मानवीय चूक के चलते और गैर इरादतन विमान पर निशाना बना दिया गया. ईरान ने इस हादसे के लिए माफी मांगी है और कहा है कि भविष्य में ऐसी त्रासदी को रोकने के लिए वह अपनी प्रणाली को मजबूत करेगा। बयान में यह भी कहा गया है कि इस हमले के लिए जो भी दोषी हैं, उन पर मुकदमा चलाया जाएगा. इस हादसे में मारे गए ज्यादातर लोग ईरान के थे या ईरानी मूल के कनाडाई थे. यह विमान यूक्रेन की राजधानी कीव जा रहा था. -
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर मामले पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कई बड़े फैसले सुनाए हैं। कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान खत्म करने के बाद लगाए गए प्रतिबंधों की एक हफ्ते के भीतर समीक्षा करने को भी कहा है।
कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से बैंकिंग, अस्पताल, शिक्षण संस्थानों समेत सभी जरूरी सेवाएं देने वाले संस्थानों में इंटरनेट सेवा को बहाल करने का आदेश दिया है। साथ ही कहा है कि सरकार इंटरनेट को अनिश्चितकाल के लिए बंद नहीं कर सकती है। कोर्ट ने इंटरनेट के इस्तेमाल को अभिव्यक्ति के अधिकार का ही हिस्सा माना है।
कोर्ट ने कहा है कि लोगों को असहमति जताने का पूरा अधिकार है। सरकार को अपने सभी आदेशों की एक हफ्ते के भीतर समीक्षा करनी है। कोर्ट ने कहा कि सरकार कश्मीर में अपने गैरजरूरी आदेश वापस ले। सरकार को कहा गया है कि वह प्रतिबंध से जुड़े सभी आदेशों को सार्वजनिक करे। आदेशों की बीच-बीच में समीक्षा करने को भी कहा गया है। कोर्ट ने कहा कि बिना किसी वजह के इंटरनेट पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है। इंटरनेट प्रतिबंध पर सरकार को विचार करने को भी कहा गया है।
इस बीच कोर्ट ने सबसे अहम बात जो कही, वो ये है कि इंटरनेट पर पूरा प्रतिबंध एक सख्त कदम है, ऐसे में जब जरूरी हो तभी प्रतिबंध लगे। कोर्ट ने सभी जरूरी सेवाओं में इंटरनेट को बहाल करने का आदेश दिया। चिकित्सा जैसी सभी जरूरी सेवाओं में कोई बाधा ना आए, ये बात भी आदेश में कही गई है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हिंसा का एक लंबा इतिहास रहा है। हमें स्वतंत्रता और सुरक्षा में संतुलन बनाए रखना है, साथ ही नागरिकों के अधिकारों की रक्षा भी जरूरी है। इंटरनेट को लेकर कोर्ट ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतंत्र का ही एक अंग है। इंटरनेट इस्तेमाल करने की स्वतंत्रता भी आर्टिकल 19 (1) का हिस्सा -
नई दिल्ली
CAA, NRC और NPR को लेकर विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। गुरुवार को NCP चीफ शरद पवार की अगुवाई में Congress नेताओं के साथ ‘Gandhi Shanti Yatra’ की शुरुआत की।
इस मौके पर अटल सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा भी मौजूद रहे। यह यात्रा 21 दिनों तक मुंबई से दिल्ली के बीच निकाली जाएगी। और, दिल्ली में 30 तारीख को इसका समापन होगा।
गेटवे ऑफ इंडिया पर यात्रा की शुरुआत से पहले सिन्हा ने कहा, “हम फिर से गांधी की हत्या नहीं होने देंगे और न ही देश को विभाजित होने देंगे।” इस दौरान Vanchit Bahujan Aghadi के प्रकाश अंबेडकर और अन्य नेता भी मौजूद रहे। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने भी विपक्ष की इस गांधी शांति यात्रा को समर्थन दिया है। उन्होंने गुरुवार सुबह इस यात्रा की शुरुआत से पहले मीडिया से कहा- हम किसी भी हालत में दोबारा गांधी की हत्या नहीं होने देंगे। और, न ही देश का बंटवारा।
-
नई दिल्ली: लेफ्ट दलों और दस केंद्रीय मजदूर संगठनों की ओर से बुलाए गए ‘भारत बंद’ से दिल्ली, मुंबई, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, असम, केरल और ओडिशा जैसे कई राज्यों कामकाज़ प्रभावित हुआ है. हड़ताल का बिजली, यातायात और बैंकिंग सेवाओं पर भी असर पड़ा है. वहीं, दिल्ली और मुंबई में कई जगह पेट्रोल पंप पर कर्मचारियों ने हड़ताल की. महंगाई, बेरोजगारी और केंद्र सरकार की ‘जनविरोधी नीतियों’ के विरोध में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने आज भारत बंद बुलाया है.
हड़ताल की वजह से देश में कई जगहों पर सार्वजनिक बैंकों की शाखाओं में नकदी जमा करने और निकालने समेत अन्य गतिविधियां प्रभावित रहीं. ज्यादातर बैंक पहले ही अपने ग्राहकों को हड़ताल और उससे बैंकिंग सेवाओं पर पड़ने वाले असर के बारे में ग्राहकों को बता चुके हैं. बैंक कर्मचारियों के सगठनों एआईबीईए, एआईबीओए, बीईएफआई, आईएनबीईएफ, आईएनबीओसी और बैंक कर्मचारी सेना महासंघ ने हड़ताल का समर्थन करने और इसमें भाग लेने की इच्छा जाहिर की थी.
निजीकरण के लिए विद्युत अधिनियम में किये जा रहे संशोधन वापस लेने, पुरानी पेंशन बहाली और संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की मांग को लेकर राष्ट्रव्यापी आह्वान के तहत उत्तर प्रदेश में हजारों बिजलीकर्मियों ने कार्य बहिष्कार किया. बिजली कर्मचारियों की राष्ट्रीय समन्वय समिति ‘नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ एलेक्ट्रीसिटी एम्प्लाइज एंड इंजीनियर्स (एनसीसीओईईई)’ के आह्वान पर उत्तर प्रदेश के ऊर्जा निगमों के तमाम कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियर तथा अभियन्ताओं ने कार्य बहिष्कार कर अपने-अपने दफ्तरों के बाहर प्रदर्शन और सभाएं कीं. -
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को निर्देश दिया है कि वह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित रूप पुलिस द्वारा की गई हिंसा की जांच करे। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की खंडपीठ ने मोहम्मद अमन खान द्वारा 15 दिसंबर, 2019 को एएमयू में एक एंटी-सीएए विरोध के दौरान पुलिस कार्रवाई के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिया। आयोग को 5 सप्ताह के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश दिया गया है और इस मामले को फरवरी 17 के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के छात्रों पर 15 दिसंबर, 2019 को पुलिस द्वारा हिंसा के खिलाफ जनहित याचिका पर अपना फैसला को सुरक्षित रख लिया था, जिस पर आज फैसला सुनाया। इस याचिका में कहा गया था कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र नागरिकता संशोधन कानून, 2019 के खिलाफ 13 दिसंबर को शांतिपूर्ण विरोध कर रहे थे। हालांकि, 15 दिसंबर को ये छात्र मौलाना आजाद पुस्तकालय के आस पास एकत्रित हुए और विश्वविद्यालय गेट की ओर मार्च किया। याचिकाकर्ता का आरोप है कि विश्वविद्यालय गेट पर पहुंचने पर वहां तैनात पुलिस ने छात्रों को उकसाना शुरू कर दिया, लेकिन छात्रों ने प्रतिक्रिया नहीं दी।
कुछ समय बाद पुलिस ने इन छात्रों पर आंसू गैस के गोले छोड़ने शुरू कर दिए और उन पर लाठियां बरसाईं जिसमें करीब 100 छात्र घायल हो गए। वहीं राज्य सरकार की ओर से जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया था और पुलिस कार्रवाई का बचाव किया। राज्य ने दलील दी थी कि विश्वविद्यालय का गेट छात्रों द्वारा तोड़ दिया गया था और विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुरोध पर पुलिस ने हिंसा में लिप्त विद्यार्थियों को काबू में करने के लिए विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश किया और इस कार्रवाई के दौरान कोई अतिरिक्त बल प्रयोग नहीं किया गया। -
एजेंसीनई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में हुए बवाल के बीच अब दिल्ली पुलिस ने जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत 20 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इन लोगों पर आरोप है कि इन्होंने सिक्योरिटी गार्ड्स पर हमला किया था। साथ ही 4 जनवरी को सर्वर रूम को भी काफी नुकसान पहुंचाया। ये शिकायत जेएनयू प्रशासन ने 5 जनवरी को दर्ज करवाई है। जेएनयू प्रशासन ने एक अन्य शिकायत 3 जनवरी वाले मामले में भी दर्ज करवाई थी लेकिन उसमें घोष का नाम नहीं है।
एबीवीपी और वामपंथी छात्रों के बीच लड़ाई बता दें जेएनयू में रविवार को हुई हिंसा से पहले एबीवीपी और वामपंथी छात्रों के बीच लड़ाई हो गई थी। दोपहर करीब 1 बजे कुछ नकाबपोश लोगों ने सेंट्रल इन्फॉर्मेशन सिस्टम में प्रवेश किया था और सर्वर को नुकसान पहुंचाया। कथित तौर पर वामपंथी यूनियनों से जुड़े छात्र 3 जनवरी से सर्वर रूम में मौजूद थे। इसी दिन वामपंथी और एबीवीपी छात्रों के बीच विवाद हो गया। एबीवीपी के नेता ने सर्वर रूम में प्रवेश नहीं करने देने को लेकर एक वामपंथी छात्र के साथ मारपीट की।
सिक्योरिटी गार्ड्स को भी पीटा गया फिर 5 जनवरी को दोपहर के समय विंटर सेमेस्टर के लिए रजिस्ट्रेशन करने गए एबीवीपी के छात्रों पर हमला हुआ। जो दोपहर 1 बजे तक चला। इस दौरान सिक्योरिटी गार्ड्स को भी पीटा गया, जो मामले को खत्म करने की कोशिश कर रहे थे।
पिछले गेट से करीब 50 लोगों ने प्रवेश किया इसके बाद शाम 5.00 बजे जेएनयू के पिछले गेट से करीब 50 लोगों ने प्रवेश किया, जिन्हें कथित तौर पर एबीवीपी से जुड़ा बताया जा रहा है। इनके पास लाठी, डंडे थे। ये हॉस्टलों के अंदर घुसे और छात्रों पर हमला करने लगे। ढाबों पर मौजूद छात्रों पर नकाबपोश पुरुषों और महिलाओं ने हमला किया। जिसमें करीब 30 लोग घायल हो गए। इस हिंसा में घोष को सिर में चोट आई थी। -
नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है. दिल्ली में 8 फरवरी को वोटिंग होगी. 11 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने एलान किया कि दिल्ली में 1 करोड़ 46 लाख लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.
13750 पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे. 2689 जगहों पर वोटिंग होगी. 90 हजार कर्मचारी चुनाव में तैनात किए जाएंगे. बुजुर्ग भी पोस्टल बैलेट से वोट दे पाएंगे. उन्हें पांच दिन पहले ही पर्चा भरना पड़ेगा. चुनाव आयोग की तरफ से चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही दिल्ली में अचार संहिता लागू हो गई है. अब सरकार किसी भी योजना का एलान नहीं कर पाएगी. दिल्ली विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 22 फरवरी को खत्म हो रहा है. 14 जनवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव का नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा. 21 जनवरी को नामांकन की आखिरी तारीख होगी. नामांकन की स्क्रूटनी की आखिरी तारीख 22 जनवरी होगी. -
नई दिल्ली :
रविवार रात दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में लगभग 50 नकाबपोश गुंडे लाठी और अन्य हथियार लेकर घुसे और वहां के छात्रों और टीचरों के साथ मारपीट की. इसके अलावा यूनिवर्सिटी कैंपस और हॉस्टल में भी तोड़फोड़ की गई. जेएनयू में हुई इस वारदात के बाद दिल्ली में परेशानी और गुस्से का मौहाल बना हुआ है. ऐसे में कई लोग इसके अटैक के विरोध में आवाज उठा रहे हैं. आम जनता के साथ-साथ बॉलीवुड के सेलिब्रिटीज ने भी इस अटैक के विरोध में आवाज उठा रहे हैं. स्टार्स जैसे स्वारा भास्कर, शबाना आजमी, तापसी पन्नू, अनुराग कश्यप, रितेश देशमुख, दिया मिर्जा संग अन्य ने इस अटैक की निंदा की है और अपनी नाराजगी भी जताई है.
ट्विंकल खन्ना ने जेएनयू के बारे में ट्वीट कर चिंता जताई है. ट्विंकल ने एक अखबार के पहले पन्ने को शेयर करते हुए ट्वीट किया है. अखबार में जेएनयू में हुए अटैक की फोटो छपी है और लिखा है, 'कल एएमयू, आज जेएनयू और कल तुम.'
अपने ट्वीट में ट्विंकल खन्ना ने लिखा, 'भारत एक ऐसा देश है जहां गायों को छात्रों से ज्यादा सुरक्षा दी जाती है. ये वो देश भी है किसी से नहीं डरता नहीं है. तुम लोगों को हिंसा से डरा नहीं सकते. यहां विरोध होगा, और हड़तालें होंगी, और लोग सड़कों पर उतरेंगे. इस हैडलाइन से ये बात साफ होती है. वही बॉलीवुड एक्टर रितेश देशमुख (Riteish Deshmukh) ने ट्वीट किया है, जो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. अपने ट्वीट में रितेश देशमुख ने कहा कि आपको अपना चेहरा ढकने की जरूरत क्यों पड़ गई? अपने ट्वीट के जरिए रितेश देशमुख ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में घुसे नकाबपोशों पर निशाना साधा है.
रितेश देशमुख (Riteish Deshmukh) ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (Jawahar Lal Nehru University) में हुई हिंसा पर ट्वीट करते हुए लिखा, "आपको अपना चेहरा ढकने की जरूरत क्यों पड़ी? क्योंकि आप जानते थे कि आप कुछ गलत, अवैध और सजा के लायक काम कर रहे हैं. इसमें कोई सम्मान की बात नहीं है. जेएनयू में नकाबपोश गुंडों द्वारा छात्रों और शिक्षकों पर नृशंसतापूर्ण हमले का दृश्य काफी भयानक है. ऐसी हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए." बता दें कि इस मामले पर स्वरा भास्कर, सयानी गुप्ता, राजकुमार राव, जीशान अय्यूब, अनुभव सिन्हा और अनुराग कश्यप जैसे कई कलाकारों ने ट्वीट कर अपना रिएक्शन दिया है.
-
नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने जेएनयू हिंसा मामले पर कहा कि शैक्षिक संस्थाओं का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जांच शुरू हो गई है, इसलिए इस वक्त कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा. लेकिन विश्वविद्यालयों को राजनीति का अड्डा नहीं बनने देना चाहिए. न ही छात्रों को राजनीतिक मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए. जेएनयू मामले में दिल्ली पुलिस ने दंगा करने और पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने का मुकदमा दर्ज किया है. यह मुकदमा दिल्ली पुलिस की तरफ से दर्ज कराया गया है. जेएनयू प्रशासन ने कल हुए दंगे को लेकर अभी तक पुलिस प्रशासन को कोई शिकायत मुकदमा दर्ज करने के लिए नहीं दी है. पुलिस मामले की जांच कर रही है कि अंदर कैंपस में जो लोग आए थे वह अंदर के लोग ही थे या बाहर के फिलहाल एक मुकदमा दर्ज हुआ है.
जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी और मोदी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा है कि क्या यह गृह मंत्री के मौन समर्थन के बिना हो सकता है? सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ''जेएनयू हमले से साबित होता है, जेएनयू कैंपस पर हमला पूर्व नियोजित था. हमले में जेएनयू प्रशासन का समर्थन था। गुंडे भाजपा के थे। छात्रों / शिक्षकों को पीटा गया था और दिल्ली पुलिस मूक दर्शक बनी रही. क्या यह गृह मंत्री के मौन समर्थन के बिना हो सकता है?''
जेएनयू हिंसा में हुए घायल छात्रों को एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था. ताजा जानकारी के मुताबिक अभी ट्रॉमा सेंटर में कोई भी छात्र नहीं है, सभी प्राथमिक उपचार देकर जाने दिया गया है. छात्र संघ अध्यक्ष आयशी घोष को भी सुबह लगभग 3 से चार बजे के बीच जाने दिया गया. फिलहाल एम्स में कोई छात्र नजर नहीं आ रहा है. सबी बेरीकेट्स भी हटा दिए गए हैं.रविवार शाम को जेएनयू कैंपस में हुए बवाल के बाद जेएनयू केंपस के गेट की सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है. मेन गेट को बंद कर दिया गया है. जो भी छात्र या यूनिवर्सिटी से जुड़े लोग गेट पर पहुंच रहे हैं उनकी अच्छी तरह से चेकिंग और आईडेंटिटी कार्ड देखने के बाद ही गेट के अंदर दाखिल होने दिया जा रहा है. पुलिस ने रात को कैंपस के अंदर फ्लैग मार्च किया था लेकिन अब जो पुलिस बल है उसे बाहर कैंपस से बाहर भेज दिया गया है. एक कंपनी दिल्ली पुलिस की जेएनयू के मेन गेट पर ही तैनात की गई है कि अगर वापस कैंपस के अंदर किसी तरीके से तनाव की स्थिति पैदा होती है तो उसे निपटा जा सके. -
एजेंसीनई दिल्ली : फेक वीडियो के जरिये भारत को बदनाम करने की साजिश रच रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को एआईएमआईएम असदुद्दीन ओवैसी ने फटकार लगाई है. ओवैसी ने इमरान खान को लताड़ते हुए कहा है कि भारत के मुसलमानों ने जिन्ना की दो-राष्ट्र की गलत थ्योरी को खारिज किया है और उन्हें अपने देश के लोगों की चिंता करनी चाहिए, न कि भारत के मुसलमानों की. ओवैसी ने कहा कि यहां के मुस्लिमों को भारतीय मुसलमान होने पर गर्व है.मिस्टर खान हमारी चिंता छोड़ दोतेलंगाना के संगारेड्डी में एक रैली में ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान बांग्लादेश का वीडियो पोस्टकर उसे भारत के मुसलमानों पर जुल्म बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि मिस्टर इमरान खान को अपने देश के लोगों की चिंता करनी चाहिए. ओवैसी ने कहा, "पाकिस्तान के प्रधानमंत्री आप हिंदुस्तान की फिक्र करना छोड़ दो, हमारे लिए अल्लाह काफी है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान बांग्लादेश का वीडियो डालकर कहते हैं कि ये हिन्दुस्तान का वीडियो है. मिस्टर इमरान खान आप अपने देश की चिंता करें, हमारी नहीं. हमने जिन्ना के सिद्धांत को ठुकरा दिया था."इमरान पर बरसते हुए सांसद ओवैसी ने कहा कि भारतीय मुस्लिमों को भारत का मुसलमान होने पर गर्व है. उन्होंने कहा कि धरती की कोई भी ताकत हमारी भारतीयता को नहीं छीन सकती है और कोई भी ताकत हमारी धार्मिक पहचान को नहीं ले सकती है क्योंकि भारतीय संविधान ने हमें इसकी गारंटी दी है. उन्होंने कहा कि इमरान खान को ननकाना साहिब में गुरुद्वारे पर हमला करने वालों पर कार्रवाई करनी चाहिए.पाक का फेक वीडियो प्रोपगैंडापाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भारत के खिलाफ लगातार दुष्प्रचार कर रहे हैं. ननकाना साहिब पर कट्टरपंथियों के हमले से दुनिया का ध्यान हटाने के लिए इमरान खान ने 7 साल पुराना वीडियो ट्वीट किया. बांग्लादेश के इस वीडियो को उन्होंने पुलिस द्वारा भारतीय मुसलमानों पर अत्याचार करार देने की घिनौनी कोशिश की. लेकिन सोशल मीडिया पर कुछ ही मिनटों में इमरान खान की इस कोशिश का पर्दाफाश हो गया. सोशल मीडिया पर ताने-उलहाने सुनने के बाद कुछ ही देर में इमरान खान को ये वीडियो डिलीट करना पड़ा.
-
इंदौर : भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के इंदौर को आग लगाने की धमकी के बाद कांग्रेस पार्टी विजयवर्गीय और बीजेपी पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस ने उनपर निशाना साधा है। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट कर पूछा कि क्या इंदौर इनकी जागीर है। कांग्रेस ने भाजपा को भारत जलाओ पार्टी बताया। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा कि भारत जलाओ पार्टी —क्या इंदौर इनकी जागीर है, जो ये पूरे शहर को आग लगा देंगे।।! लगता है माफियामुक्त मप्र अभियान से इनकी भी आमदनी प्रभावित हुई है। जब कभी इस तरह की उपद्रवी सोच या शहर जलाने का इरादा मन में आये तो कमलनाथ जी का ध्यान किया करिये, कईयों के भूत उतर गये हैं।
एक और ट्वीट में कांग्रेस ने कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश का निगमकर्मी को बल्ला मारते हुए वीडियो पोस्ट किया और लिखा कि कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र निगम अधिकारी को बल्ले से पीटते हुये। बेटे की पिक्चर पहले रिलीज़ हुई थी, बाप का डायलॉग कल जारी हुआ है। आखिर कौन हैं ये लोग, किस घमंड-अभिमान में जी रहे हैं, लोकतंत्र की आड़ में छिपे इन नकाबपोशों से जनता का भला कैसे मुमकिन है…? कभी सोचना जरूर..!
बता दें कि भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का शुक्रवार को इंदौर में तैनात अधिकारियों को धमकाते हुए एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें उन्होंने कहा था कि संघ के पदाधिकारी शहर में हैं, नहीं तो आज इंदौर में आग लगा देता। -
मुंबई। महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार के पहले कैबिनेट विस्तार के बाद शिवसेना के खेमे में भी नाराजगी सामने आने लगी है। औरंगाबाद से पार्टी के विधायक और राज्यमंत्री अब्दुल सत्तार ने शनिवार को उद्धव ठाकरे कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब्दुल सत्तार ने अपना इस्तीफा सीएम उद्धव ठाकरे को सौंप दिया है। बताया जा रहा है कि वे कैबिनेट मंत्री ना बनाए जाने से नाराज थे।
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के पहले मंत्रिमंडल विस्तार के बाद से शुरू हुआ सत्ताधारी दलों के अंदर का बवाल बढ़ता जा रहा है। शिवसेना में नव-निर्वाचित असंतुष्ट विधायकों की संख्या 11 तक पहुंच चुकी है। इसके अलावा कई एमएलसी भी मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज चल रहे हैं। इसी बीच अब्दुल सत्तार ने राज्यमंत्री के पद से इस्तीफा देकर सीएम उद्धव ठाकरे की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
वहीं, कांग्रेस ने नाराज विधायक संग्राम थोपटे को शांत करने की कोशिश की तो मुंबई के विधायक अमीन पटेल ने सीधे पार्टी आलाकमान को चिट्ठी लिख दी। इस खींचतान के बीच अभी भी विभागों के बंटवारे पर आम सहमति नहीं बन पाई है। दूसरी तरफ, कई ऐसे विधायक हैं जो मंत्री ना बनाए जाने से नाराज हैं। इसके पहले, एनसीपी के विधायक प्रकाश सोलंके के नाराज होने की खबरें भी आई थीं। -
नई दिल्ली : दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली की कच्ची कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को मिल रही उनके मकान की रजिस्ट्री के कागजात को फर्जी बताया है. पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, 'हरदीप पुरी जी ने आज 20 लोगों को कुछ कागज़ देकर दावा किया है कि उनको रजिस्ट्री दे दी गई है. जमीन का लैंड यूज़ बदले बिना कागज़ देना फ़र्ज़ी है. खेती की जमीन या सरकारी जमीन पर किसी मकान की रजिस्ट्री नहीं दी जा सकती.'
मनीष सिसोदिया ने कहा कि जब हमने डीडीए की वेबसाइट के हवाले से इनका धोखा पकड़ा तो इन्होंने 20 लोगों को रजिस्ट्री दिखाकर कहना शुरू कर दिया है कि देखो हम रजिस्ट्री दे रहे हैं, जबकि इस रजिस्ट्री का कोई मतलब नहीं है. सिसोदिया ने कहा 'आपने कोई लैंड यूज़ नहीं बदला, MCD का बुलडोजर कल को इन 1731 कॉलोनी में तोडफ़ोड़ करेगा, MCD वाले रिश्वत लेते रहेंगे, इलाके का SHO अवैध निर्माण के आरोप में थाने में बैठा लेगा और सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमिटी सीलिंग कर सकती है जैसे आज कर रही है.'
आपको बता दें शुक्रवार दोपहर को केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप पुरी ने कच्ची कॉलोनी में रहने वाले 20 लोगों को मकान की रजिस्ट्री दी थी. इसके आधार पर भारतीय जनता पार्टी के दावा कर रही है कि आम आदमी पार्टी जो दिल्ली के लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही थी वह कोशिश अब नाकाम हो चुकी है क्योंकि अब दिल्ली की कच्ची कॉलोनी में रहने वाले लोगों को उनके मकान का मालिकाना हक मिलना शुरू हो गया है.साभार : NDTV से -
नई दिल्ली : गणतंत्र दिवस की परेड में इस बार भी बिहार की झांकी नहीं दिखाई देगी। दरअसल केन्द्र सरकार ने बिहार की प्रस्तावित झांकी को प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी है। बिहार की प्रस्तावित झांकी ‘जल जीवन हरियाली मिशन’ पर आधारित थी। पीटीआई के हवाले से यह खबर आयी है। दिल्ली स्थित बिहार इन्फोर्मेशन सेंटर के सूत्रों ने भी इस खबर की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि बिहार की झांकी, केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों की झांकियों के लिए तय किए गए जरूरी मानकों को पूरा नहीं कर रही थी, जिसके चलते केन्द्र सरकार ने उसे रिजेक्ट करने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार ने अक्टूबर, 2019 में “जल जीवन हरियाली मिशन” योजना को बड़े जोर-शोर से लागू किया था। नीतीश सरकार की इस योजना का उद्देश्य राज्य में हरियाली बढ़ाने और भूजल के स्तर को सुधारना है। यही वजह है कि बिहार सरकार ने गणतंत्र दिवस की परेड में भी अपनी इसी योजना की झांकी पेश करने का फैसला किया था, लेकिन अब केन्द्र सरकार द्वारा इसे रिजेक्ट करने से बिहार सरकार की योजना को बड़ा झटका लगा है। -
नई दिल्ली : एजेंसी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर अभद्र टिप्पणी करने पर कांग्रेस नेता, लेखक और तमिल वक्ता नेल्लई कन्नन को पुलिस ने चेन्नई में बुधवार को गिरफ्तारकर लिया। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर अभद्र टिप्पणी करने की कई शिकायतें मिलने के बाद पुलिस ने उनके खिलाफ हिंसा भड़काने और दो समुदायों के बीच दरार पैदा करने के आरोप में मामला दर्ज किया था। कन्नन तमिल साहित्यकार हैं और साहित्य तथा व्याख्यान पर आधारित टीवी कार्यक्रमों में भाग ले चुके हैं।
पुलिस ने यह कार्रवाई भाजपा की राज्य इकाई के प्रवक्ता नारायणन तिरुपति की शिकायत के बाद की है। भाजपा प्रवक्ता ने सोमवार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया है कि कन्नन ने सभा में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का नाम लेते हुए कहा कि उन्हें ''हैरानी है कि मुसलमानों ने अभी तक प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को जान से क्यों नहीं मारा..."
इससे पहले बुधवार को तमिलनाडु भाजपा ने पीएम और गृहमंत्री के खिलाफ 'भड़काउ' टिप्पणी करने के लिये तमिल वक्ता नेल्लई कन्नन की गिरफ्तारी की मांग करते हुए बुधवार को यहां प्रदर्शन किया। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव एच राजा समेत प्रदर्शनकारियों ने कन्नन के खिलाफ नारेबाजी की, जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया। -
नई दिल्ली
पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव होने में अभी एक साल से ज्यादा का समय बाकी है लेकिन बीजेपी अभी से ही वहां जीत हासिल करने की रणनीति पर काम कर रही है। बीजेपी ने 295 सदस्यों वाली पश्चिम बंगाल विधान सभा के लिए मिशन 250 का लक्ष्य तय किया है। इसके साथ ही ममता बनर्जी के ‘मां, माटी, मानुष’ का काट निकालने के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने नई रणनीति बनाई है। इस रणनीति के तहत अमित शाह बांग्ला भाषा सीख रहे हैं ताकि वो लोगों से बांग्ला में संवाद कर सकें और बांग्ला में ही भाषण दे सकें।
दरअसल, अमित शाह चाहते हैं कि वो बांग्ला में भाषण देकर ममता का काउंटर कर सकें साथ ही बंगाली समुदाय खुद को उनसे जुड़ा महसूस कर सके। ममता बनर्जी अपना हर संबोधन बांग्ला में ही करती हैं। अमित शाह ने बांग्ला सीखने के लिए एक गुरू भी अपने घर पर रखा है। ममता बनर्जी ने हाल के दिनों में बंगाली अस्मिता को खूब हवा देने की कोशिश की है, जैसा कि गुजरात चुनावों के दौरान खुद पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह कर चुके हैं। -
नई दिल्ली :
नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के खिलाफ देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हुआ. इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों की मौत भी हो गई. मंगलवार को जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों ने हिंसा के दौरान मारे गए लोगों के लिए नमाज़-ए-जनाज़ा पढ़ी. बता दें कि देश के कई हिस्सों में हुए हिंसक प्रदर्शन में करीब 22 लोगों की मौत हुई है, इनमें से 19 मौतें उत्तर प्रदेश मेंहुई हैं जबकि दो मौतें कर्नाटक में हुई थीं.मंगलवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया के सैकड़ों छात्रों ने यूनिवर्सिटी के बाहर दोपहर को नमाज़ पढ़ी. बता दें कि CAA, NRC के खिलाफ लगातार इस क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. दिल्ली के शाहीन बाग क्षेत्र में पिछले पंद्रह दिन से प्रदर्शनकारी शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं, यहां महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल हो रही हैं.