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नई दिल्ली। रॉबर्ट वाड्रा के करीबी माने जाने वाले यूएई स्थित एनआरआई कारोबारी सीसी थंपी को प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने गिरफ्तार कर लिया है। थंपी पर भारत के कई रक्षा सौदे करवाने का आरोप है। वह दुबई सहित भारत में कई स्थानों पर अवैध संपत्ति भी बना चुका है। ईडी से मिली जानकारी के अनुसार, रॉबर्ट वाड्रा की लंदन स्थित संपत्ति में भी संजय भंडारी और सीसी थंपी का नाम आया था। इससे पहले ईडी ने थंपी से कई बार पूछताछ भी की है।
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मुंबई
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही अपने तेजतर्रार बयानों और शेर-ओ-शायरी को लेकर सुर्खियों में रहे शिवसेना नेता संजय राउत ने फिर बयान दिया है। कांग्रेस-एनसीपी के साथ शिवसेना के गठबंधन के वक्त वीर सावरकर को भारत रत्न दिलाने का मुद्दा काफी गर्माया था। हिंदुत्व के मसले पर मुखर रहने वाली शिवसेना ने अपनी इस मांग में नरमी भी बरती थी, लेकिन राउत के बयान से फिर स्थितियां बदलती दिखाई दे रही हैं। हाल ही में राउत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर भी एक बयान दिया था, जिसके बाद कांग्रेस ने सख्त रुख अख्तियार किया था।
शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादक और राज्यसभा सांसद राउत ने कहा, ‘जो वीर सावरकर का विरोध कर रहे हैं वो चाहे किसी भी पार्टी के हो, उन्हें सिर्फ दो दिनों के लिए उसी अंडमान सेल्युलर जेल में रहना चाहिए, जहां वीर सावरकर को रखा गया था। तभी उन्हें देश के लिए किए गए उनके त्याग और योगदान का अहसास होगा।’
गौरतलब है कि हाल ही में राउत ने कहा था, ‘इंदिरा गांधी मुंबई आकर गैंगस्टर करीम लाला से मुलाकात करती थीं।’ राउत के इस बयान के बाद कांग्रेस और शिवसेना के बीच तलवारें खींचती नजर आई थीं। कई कांग्रेस नेताओं ने राउत के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी, इसके बाद वर्ली से विधायक और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने भी इस मसले पर प्रतिक्रिया दी थी। -
नई दिल्ली : निर्भया गैंगरेप मामले में दिल्ली की अदालत ने सभी चारों दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी किया। इस नए डेथ वारंट के अनुसार अब 22 जनवरी की जगह सभी दोषियों को एक फरवरी सुबह छह बजे फांसी की सजा दी जाएगी।
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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया जिसमें समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम खां का निर्वाचन रद्द कर दिया गया था। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता नवाब काजिम अली खां को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सुनवाई के दौरान अब्दुल्ला की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध किया लेकिन CJI बोबडे ने कहा, " इतने उतावले मत बनिए, हाईकोर्ट का फैसला सबूतों पर आधारित है और हम इससे संतुष्ट हैं लेकिन आपने संदेह व्यक्त किया है तो इसका परीक्षण करेंगे।"
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने किया था निर्वाचन रद्द
दरअसल अब्दुल्ला ने विधायक का निर्वाचन रद्द किए जाने संबंधी इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। जस्टिस एसपी केसरवानी की बेंच ने यह कहते हुए अब्दुल्ला की विधायकी रद्द कर कर दी थी कि वर्ष 2017 में उनकी उम्र चुनाव लड़ने के लिए कम थी। वह 11 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में स्थित स्वार से सपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे। हाईकोर्ट ने स्वार विधानसभा क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रत्याशी रहे नवाब काजिम अली खां की याचिका पर सुनवाई करते हुए अब्दुल्ला के निर्वाचन को रद्द कर दिया था। -
एजेंसीपंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में संशोधित नागरिकता कानून को रद्द करने की मांग करने वाला प्रस्ताव पेश किया। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) में भी संशोधन की मांग की है, ताकि लोगों के बीच फैले एनपीआर और एनआरसी के डर को खत्म किया जा सके। बता दें कि पंजाब से पहले केरल की लेफ्ट सरकार भी ऐसा प्रस्ताव ला चुकी है। वहीं कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ सरकार भी राज्य में NPR लागू करने के केन्द्र सरकार के फैसले को निरूपित करने पर विचार कर रही है।बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हाल ही में कहा था कि उनकी सरकार विभाजनकारी सीएए को लागू नहीं करने देगी। सिंह ने कहा कि वह और कांग्रेस धार्मिक उत्पीड़न के शिकार अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के खिलाफ नहीं हैं लेकिन उनका विरोध सीएए में मुस्लिमों समेत कुछ अन्य धार्मिक समुदायों के प्रति किए गए भेदभाव को लेकर है। केरल विधानसभा ने इस विवादित कानून को खत्म करने के लिए प्रस्ताव पारित किया है। ऐसा करने वाला केरल पहला राज्य है।
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नई दिल्ली। दिल्ली में विधानसभा चुनाव को अब काफी कम समय बचा है। इस बीच उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को नामांकन दाखिल किया है। इससे पहले उन्होंने पैदल यात्रा की और बाइक रैली भी निकाली। सिसोदिया द्वारा दाखिल हलफनामे के मुताबिक उनके पास वर्तमान में कार तक नहीं है। वहीं जितनी संपत्ति उनकी 2015 में थी, उतनी ही लगभग अब भी है। लेकिन इस दौरान उनकी पत्नी की संपत्ति 65 लाख रुपये हो गई है।
बता दें सिसोदिया पूर्वी दिल्ली में फिर से पटपड़गंज सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव आयोग में दायर हलफनामे में सिसोदिया ने कहा कि उनकी चल संपत्ति 2018-19 में 4,74,888 रुपये थी, जबकि 2013-14 में यह 4,92,624 रुपये थी। पहले उनके पास कार थी लेकिन इस बार वाहन वाले कॉलम में उन्होंने कुछ नहीं लिखा। 2015 के चुनावी हलफनामे के मुताबिक सिसोदिया ने कहा था कि गाजियाबाद के वसुंधरा में उन्होंने अप्रैल 2001 में 5.07 लाख रुपये की संपत्ति खरीदी थी। जिसकी कीमत 2015 में 12 लाख हो गई।
अपने वर्तमान हलफनामे में भी उन्होंने इसी संपत्ति के बारे में लिखा है। जिसकी कीमत 2020 में बढ़कर 21 लाख रुपये हो गई है। 2015 के हलफनामे में सिसोदिया ने ये भी कहा था कि उनकी पत्नी ने मार्च 2008 में 8.07 लाख रुपये की संपत्ति खरीदी थी। जिसकी कीमत 2015 में 20 लाख रुपये के करीब हो गई। उन्होंने 2020 के हलफनामे में कहा कि उनकी पत्नी की स्व-अर्जित अचल संपत्ति का अनुमानित वर्तमान बाजार मूल्य 65 लाख रुपये है। गौरतलब है कि दिल्ली में 8 फरवरी को मतदान होगा और नतीजों की घोषणा 11 फरवरी को होगी। यहां 2689 केंद्रों पर 13750 बूथ बनवाए गए हैं, जहां मतदाता वोट डाल सकेंगे। दिल्ली के 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन दोहराते हुए 70 में से 67 सीटें हासिल की थीं। भाजपा केवल तीन सीट हासिल कर पाई थी जबकि कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी। -
मुंबई
बॉलीवुड अभिनेत्री सिमी ग्रेवाल ने आतंकवादियों के पकड़े जाने को लेकर एक ट्वीट किया है, जिसको लेकर वो सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गई है। तमाम यूजर्स सिमी ग्रेवाल को जमकर भला-बुरा कह रहे हैं। अभिनेत्री सिमी ग्रेवाल के ट्वीट ने लोगों को इतना गुस्सा दिला दिया है कि लोग उनकी गिरफ्तारी की मांग करने लगे हैं। सिमी ग्रेवाल ने अपने ट्विटर अकाउंट में सवाल पूछते हुए लिखा, ‘आतंकवादियों को दिल्ली लाओ। गणतंत्र दिवस पर बम धमाका होता है, सैकड़ों लोग मरते हैं। फिर मुसलमानों को दोषी ठहराया और निशाना बनाया बनाया जाता है। क्या यही पटकथा थी?’
उनके इस ट्वीट पर सोशल मीडिया पर लोगों ने आपत्ति जताई है। सिम्री ग्रेवाल के इस ट्वीट एक यूजर ने तो गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस को टैग करते हुए अभिनेत्री को गिरफ्तार करने की मांग की है। दरअसल, राजधानी दिल्ली में 26 जनवरी से पहले 3 आतंकी पकड़े गए हैं। जिसके बाद से दिल्ली पुलिस अलर्ट पर है। जानकारी के अनुसार आईएसआईएस के 3 आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था। जानकारी के मुताबिक, पकड़े गए आरोपी तमिलनाडु से फरार थे। -
नई दिल्ली। निर्भया केस में दोषी मुकेश को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा जारी किए गए डेथ वारंट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने दोषी मुकेश के वकील को निचली अदालत में जाने को कहा है। दोषी मुकेश सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा जारी डेथ वारंट को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
मुकेश की डेथ वारंट को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में आज सुनवाई हुई। इस दौरान हाईकोर्ट में दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वकील राहुल मेहरा ने इस याचिका पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि दोषियों को 22 जनवरी को फांसी की सजा नहीं दी जा सकती है। उन्होंने कोर्ट में कहा कि दया याचिका खारिज होने के 14 दिनों बाद फांसी होगी। पटियाला हाउस कोर्ट की ओर से निर्भया के दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी हो चुका है, जिसके बाद चारों गुनहगारों मुकेश, विनय शर्मा, अक्षय सिंह और पवन गुप्ता को 22 जनवरी की सुबह 7 बजे फांसी दी जानी है। चारों दोषियों को जेल नंबर 3 में फांसी दी जानी है। वहीं, दिल्ली सरकार ने भी दोषी मुकेश की दया याचिका को खारिज कर उपराज्यपाल के पास भेज दिया है। डिप्टी सीएम ने इस मामले में कहा कि वे निर्भया के दोषियों को सजा दिलाने में कोई कसर बाकी नहीं रखेंगे। -
नई दिल्ली
मुंबई यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की आलोचना करना भारी पड़ गया है. मुंबई विश्वविद्यालय ने एकेडमी ऑफ थिएटर आर्ट्स विभाग के डायरेक्टर योगेश सोमन को प्रशासन ने जबरन छुट्टी पर भेज दिया है. इसके साथ ही उनके खिलाफ प्राप्त शिकायतों पर जांच भी शुरू कर दी है. सोमन के खिलाफ कार्रवाई के बाद विश्वविद्यालय में चल रहा विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया गया है.
कई छात्र संगठनों ने आरोप लगाया था कि सोमन ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ और महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. बता दें कि सोमेन के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर कुछ छात्र सोमवार को धरने पर भी बैठ गए थे. गौरतलब है कि मुंबई विश्वविद्यालय के प्रोफेसर योगेश सोमन ने दिसंबर महीने में फेसबुक पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर एक पोस्ट लिखा था. यह पोस्ट राहुल गांधी के वीर सावरकर को लेकर दिए गए बयान से संबंधित था.
छात्र भारती के मुंबई इकाई के अध्यक्ष श्रीधर पेडणेकर ने मंगलवार को कहा, "छात्र भारती छात्र संघ और एआईएसएफ के कार्यकर्ताओं ने 13 जनवरी से आंदोलन शुरू किया था. एमएलसी कपिल पाटिल के हस्तक्षेप के बाद ही, मुंबई विश्वविद्यालय के महासचिव ने 11.30 बजे एक पत्र जारी किया जिसमें कहा गया कि सोमन को जबरन छुट्टी पर भेजा जा रहा है." -
नई दिल्ली
निर्भया गैंगरेप केस के दो दोषियों की क्यूरेटिव पिटीशन को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. जिसके बाद अब दोनों की फांसी 22 जनवरी को तय हो चुकी है. क्यूरेटिव पिटीशन खारिज होने के बाद दोषियों ने अपना आखिरी विकल्प भी खो दिया है. याचिका खारिज होने के बाद अब तय तारीख और समय के मुताबिक दोषियों को फांसी होगी.
सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने विनय और मुकेश की क्यूरेटिव पिटिशन पर सुनवाई की. इस बेंच में जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस आर भानुमती और जस्टिस अशोक भूषण का नाम शामिल थे. बता दें कि दोषियों ने बचने के लिए कई तरह की दलीलें दीं. एक दोषी ने अपनी क्यूरेटिव पिटीशन में युवावस्था का हवाला देते हुए माफी की अपील की थी. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 7 जनवरी को चारों आरोपियों का डेथ वारंट जारी कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि चारों आरोपियों को 22 जनवरी सुबह 7 बजे फांसी पर लटकाया जाएगा. इसके लिए तिहाड़ जेल को भी निर्देश जारी कर दिए गए थे. दोषियों को 15 दिन का वक्त दिया था कि वो अपनी आखिरी अपील दायर कर सकते हैं. लेकिन चारों दोषियों पर कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद उनके वकील एपी सिंह मीडिया के सामने आकर कहा था कि वो सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर करेंगे. अब कोर्ट के फैसले के बाद दो दोषियों की फांसी 22 जनवरी को होना तय हो चुका है.
क्या होती है क्यूरेटिव पिटीशन?
क्यूरेटिव पिटीशन या सुधारात्मक याचिका किसी दोषी के पास मौजूद अंतिम कानूनी उपाय होता है. कोर्ट का अंतिम फैसला आने के बाद दोषियों को एक आखिरी विकल्प दिया जाता है कि वो जज के सामने क्यूरेटिव पिटीशन दायर कर सकते हैं. इस क्यूरेटिव पिटीशन पर जज के कमरे में विचार होता है. -
नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी को लेकर देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. अब सीएए से जुड़ी बड़ी खबर आई है. केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस कानून के खिलाफ याचिका दायर की है. केरल ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. हालांकि सीएए की संवैधानिक वैधता के खिलाफ पहले से सुप्रीम कोर्ट में करीब 60 याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं. केरल सरकार की तरफ से दायर याचिका में नए नागरिकता संशोधन कानून को धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ बताया गया है. राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इस कानून को असंवैधानिक करार देने की मांग की है. बताया जा रहा है कि सीएए से जुड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में 22 जनवरी को सुनवाई होनी है. इस याचिका की सुनवाई भी बाकी याचिकाओं के साथ हो सकती है.
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल ज्यादातर याचिकाओं में धर्म के आधार पर शरणार्थियों को नागरिकता देने वाले कानून को संविधान के खिलाफ बताया गया है. याचिकाओं में कहा गया है कि नागरिकता संशोधन कानून भारत के पड़ोसी देशों से हिंदू, बौद्ध, ईसाई, पारसी, सिख, जैन जैसे समुदाय के सताए हुए लोगों को नागरिकता देने की बात करता है. लेकिन इसमें जानबूझकर मुसलमानों को शामिल नहीं किया गया है. भारत का संविधान इस तरह का भेदभाव करने की इजाजत नहीं देता. ये धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ भी है. सुप्रीम कोर्ट तुरंत इस कानून को असंवैधानिक करार दे. -
एजेंसीबिहार : बिहार विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र की कार्यवाही शुरू हो गई है। इस विशेष सत्र के दौरान संविधान के 126वें संशोधन विधेयक, 2019 पर लेकर विधानसभा में चर्चा चल चल रही है।विधानसभा में SC/ST के आरक्षण को 10 साल बढ़ाने के विधेयेक का समर्थक करने का लिए सबों को धन्यवाद किया। सीएम नीतीश कुमार ने इशारों में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी के हमले का जवाब देते हुए कहा कि हम तो उस राय के आदमी हैं कि राय भिन्न है तो चर्चा होनी चाहिए। सीएम नीतीश कुमार ने विधानसभा में साफ लहजों में कहा कि एनआरसी का तो सवाल ही नहीं है। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि एनआरसी की तो चर्चा ही नहीं है।सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि मैं भी इस बात का समर्थन करता हूं कि कास्ट बेस जनगणना होनी चाहिए। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि 1930 में लास्ट टाइम हुआ था इसलिए एक बार फिर से कास्ट बेस पर जनगणना होना ही चाहिए इसलिए जाति अधारित जनगणना होनी ही चाहिए। सीएम नीतीश कुमार ने बिहार के लोगों की राय है उसे केन्द्र सरकार को भी बताएंगे।
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तेहरान : यूक्रेन के विमान क्रैश को लेकर ईरान की ओर से बड़ा बयान सामने आया है. ईरान ने यूक्रेन के विमान को गलती से मार गिराने की बात कबूल की और इसे मानवीय भूल बताया. ईरान ने शनिवार को स्वीकार किया कि उसकी सेना ने मानवीय चूक के चलते ‘अनजाने में' यूक्रेन के विमान को मार गिराया था, जिससे उसमें सवार 176 लोगों की मौत हो गयी. यह बयान शनिवार सुबह आया, जिसमें कहा गया कि मानवीय चूक के चलते यह दुर्घटना हुई.
ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने ट्वीट किया कि दुखद दिन...अमेरिकी दुस्साहस के चलते पैदा हुए संकट के समय मानवीय चूक के चलते यह दुर्घटना हुई. हमें गहरा दुख है... सभी पीड़ितों के परिवारों और अन्य प्रभावित राष्ट्रों से हमारी माफी और संवेदना. इससे पहले ईरान ने कई दिनों तक विमान को गिराने की बात से इनकार किया, लेकिन अमेरिकी और कनाडा ने कहा था कि उन्हें विश्वास है कि ईरान ने ही विमान को मार गिराया है.
गौरतलब है कि यूक्रेन इंटरनेशनल एयरलाइंस का बोइंग 737 विमान तेहरान से उड़ान भरने के कुछ समय बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. ईरान द्वारा इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर किये गये मिसाइल हमले के कुछ देर बाद यह विमान हादसा हुआ था. अमेरिकी हवाई हमले में ईरानी जनरल क़ासिम सुलेमानी की मौत के बाद जवाबी कार्रवाई में ईरान ने इराक में दो अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर बैलिस्टिक मिसाइल हमला किया था. हालांकि, हमले में इन ठिकानों पर कोई घायल नहीं हुआ था.
ईरान के सरकारी मीडिया ने सेना के बयान के हवाले से बताया कि विमान के रिवोल्युशनरी गार्ड के ‘संवेदनशील सैन्य केंद्र' की ओर मुड़ने के बाद उसे गलती से दुश्मन का विमान समझ लिया. इसमें कहा गया कि अमेरिका के साथ भारी तनाव के मद्देनजर सेना ‘‘पूरी तरह मुस्तैद' थी.
बयान के मुताबिक कि ऐसे हालात में, मानवीय चूक के चलते और गैर इरादतन विमान पर निशाना बना दिया गया. ईरान ने इस हादसे के लिए माफी मांगी है और कहा है कि भविष्य में ऐसी त्रासदी को रोकने के लिए वह अपनी प्रणाली को मजबूत करेगा। बयान में यह भी कहा गया है कि इस हमले के लिए जो भी दोषी हैं, उन पर मुकदमा चलाया जाएगा. इस हादसे में मारे गए ज्यादातर लोग ईरान के थे या ईरानी मूल के कनाडाई थे. यह विमान यूक्रेन की राजधानी कीव जा रहा था. -
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर मामले पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कई बड़े फैसले सुनाए हैं। कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान खत्म करने के बाद लगाए गए प्रतिबंधों की एक हफ्ते के भीतर समीक्षा करने को भी कहा है।
कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से बैंकिंग, अस्पताल, शिक्षण संस्थानों समेत सभी जरूरी सेवाएं देने वाले संस्थानों में इंटरनेट सेवा को बहाल करने का आदेश दिया है। साथ ही कहा है कि सरकार इंटरनेट को अनिश्चितकाल के लिए बंद नहीं कर सकती है। कोर्ट ने इंटरनेट के इस्तेमाल को अभिव्यक्ति के अधिकार का ही हिस्सा माना है।
कोर्ट ने कहा है कि लोगों को असहमति जताने का पूरा अधिकार है। सरकार को अपने सभी आदेशों की एक हफ्ते के भीतर समीक्षा करनी है। कोर्ट ने कहा कि सरकार कश्मीर में अपने गैरजरूरी आदेश वापस ले। सरकार को कहा गया है कि वह प्रतिबंध से जुड़े सभी आदेशों को सार्वजनिक करे। आदेशों की बीच-बीच में समीक्षा करने को भी कहा गया है। कोर्ट ने कहा कि बिना किसी वजह के इंटरनेट पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है। इंटरनेट प्रतिबंध पर सरकार को विचार करने को भी कहा गया है।
इस बीच कोर्ट ने सबसे अहम बात जो कही, वो ये है कि इंटरनेट पर पूरा प्रतिबंध एक सख्त कदम है, ऐसे में जब जरूरी हो तभी प्रतिबंध लगे। कोर्ट ने सभी जरूरी सेवाओं में इंटरनेट को बहाल करने का आदेश दिया। चिकित्सा जैसी सभी जरूरी सेवाओं में कोई बाधा ना आए, ये बात भी आदेश में कही गई है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हिंसा का एक लंबा इतिहास रहा है। हमें स्वतंत्रता और सुरक्षा में संतुलन बनाए रखना है, साथ ही नागरिकों के अधिकारों की रक्षा भी जरूरी है। इंटरनेट को लेकर कोर्ट ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतंत्र का ही एक अंग है। इंटरनेट इस्तेमाल करने की स्वतंत्रता भी आर्टिकल 19 (1) का हिस्सा -
नई दिल्ली
CAA, NRC और NPR को लेकर विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। गुरुवार को NCP चीफ शरद पवार की अगुवाई में Congress नेताओं के साथ ‘Gandhi Shanti Yatra’ की शुरुआत की।
इस मौके पर अटल सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा भी मौजूद रहे। यह यात्रा 21 दिनों तक मुंबई से दिल्ली के बीच निकाली जाएगी। और, दिल्ली में 30 तारीख को इसका समापन होगा।
गेटवे ऑफ इंडिया पर यात्रा की शुरुआत से पहले सिन्हा ने कहा, “हम फिर से गांधी की हत्या नहीं होने देंगे और न ही देश को विभाजित होने देंगे।” इस दौरान Vanchit Bahujan Aghadi के प्रकाश अंबेडकर और अन्य नेता भी मौजूद रहे। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने भी विपक्ष की इस गांधी शांति यात्रा को समर्थन दिया है। उन्होंने गुरुवार सुबह इस यात्रा की शुरुआत से पहले मीडिया से कहा- हम किसी भी हालत में दोबारा गांधी की हत्या नहीं होने देंगे। और, न ही देश का बंटवारा।
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नई दिल्ली: लेफ्ट दलों और दस केंद्रीय मजदूर संगठनों की ओर से बुलाए गए ‘भारत बंद’ से दिल्ली, मुंबई, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, असम, केरल और ओडिशा जैसे कई राज्यों कामकाज़ प्रभावित हुआ है. हड़ताल का बिजली, यातायात और बैंकिंग सेवाओं पर भी असर पड़ा है. वहीं, दिल्ली और मुंबई में कई जगह पेट्रोल पंप पर कर्मचारियों ने हड़ताल की. महंगाई, बेरोजगारी और केंद्र सरकार की ‘जनविरोधी नीतियों’ के विरोध में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने आज भारत बंद बुलाया है.
हड़ताल की वजह से देश में कई जगहों पर सार्वजनिक बैंकों की शाखाओं में नकदी जमा करने और निकालने समेत अन्य गतिविधियां प्रभावित रहीं. ज्यादातर बैंक पहले ही अपने ग्राहकों को हड़ताल और उससे बैंकिंग सेवाओं पर पड़ने वाले असर के बारे में ग्राहकों को बता चुके हैं. बैंक कर्मचारियों के सगठनों एआईबीईए, एआईबीओए, बीईएफआई, आईएनबीईएफ, आईएनबीओसी और बैंक कर्मचारी सेना महासंघ ने हड़ताल का समर्थन करने और इसमें भाग लेने की इच्छा जाहिर की थी.
निजीकरण के लिए विद्युत अधिनियम में किये जा रहे संशोधन वापस लेने, पुरानी पेंशन बहाली और संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की मांग को लेकर राष्ट्रव्यापी आह्वान के तहत उत्तर प्रदेश में हजारों बिजलीकर्मियों ने कार्य बहिष्कार किया. बिजली कर्मचारियों की राष्ट्रीय समन्वय समिति ‘नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ एलेक्ट्रीसिटी एम्प्लाइज एंड इंजीनियर्स (एनसीसीओईईई)’ के आह्वान पर उत्तर प्रदेश के ऊर्जा निगमों के तमाम कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियर तथा अभियन्ताओं ने कार्य बहिष्कार कर अपने-अपने दफ्तरों के बाहर प्रदर्शन और सभाएं कीं. -
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को निर्देश दिया है कि वह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित रूप पुलिस द्वारा की गई हिंसा की जांच करे। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की खंडपीठ ने मोहम्मद अमन खान द्वारा 15 दिसंबर, 2019 को एएमयू में एक एंटी-सीएए विरोध के दौरान पुलिस कार्रवाई के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिया। आयोग को 5 सप्ताह के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश दिया गया है और इस मामले को फरवरी 17 के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के छात्रों पर 15 दिसंबर, 2019 को पुलिस द्वारा हिंसा के खिलाफ जनहित याचिका पर अपना फैसला को सुरक्षित रख लिया था, जिस पर आज फैसला सुनाया। इस याचिका में कहा गया था कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र नागरिकता संशोधन कानून, 2019 के खिलाफ 13 दिसंबर को शांतिपूर्ण विरोध कर रहे थे। हालांकि, 15 दिसंबर को ये छात्र मौलाना आजाद पुस्तकालय के आस पास एकत्रित हुए और विश्वविद्यालय गेट की ओर मार्च किया। याचिकाकर्ता का आरोप है कि विश्वविद्यालय गेट पर पहुंचने पर वहां तैनात पुलिस ने छात्रों को उकसाना शुरू कर दिया, लेकिन छात्रों ने प्रतिक्रिया नहीं दी।
कुछ समय बाद पुलिस ने इन छात्रों पर आंसू गैस के गोले छोड़ने शुरू कर दिए और उन पर लाठियां बरसाईं जिसमें करीब 100 छात्र घायल हो गए। वहीं राज्य सरकार की ओर से जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया था और पुलिस कार्रवाई का बचाव किया। राज्य ने दलील दी थी कि विश्वविद्यालय का गेट छात्रों द्वारा तोड़ दिया गया था और विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुरोध पर पुलिस ने हिंसा में लिप्त विद्यार्थियों को काबू में करने के लिए विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश किया और इस कार्रवाई के दौरान कोई अतिरिक्त बल प्रयोग नहीं किया गया। -
एजेंसीनई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में हुए बवाल के बीच अब दिल्ली पुलिस ने जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत 20 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इन लोगों पर आरोप है कि इन्होंने सिक्योरिटी गार्ड्स पर हमला किया था। साथ ही 4 जनवरी को सर्वर रूम को भी काफी नुकसान पहुंचाया। ये शिकायत जेएनयू प्रशासन ने 5 जनवरी को दर्ज करवाई है। जेएनयू प्रशासन ने एक अन्य शिकायत 3 जनवरी वाले मामले में भी दर्ज करवाई थी लेकिन उसमें घोष का नाम नहीं है।
एबीवीपी और वामपंथी छात्रों के बीच लड़ाई बता दें जेएनयू में रविवार को हुई हिंसा से पहले एबीवीपी और वामपंथी छात्रों के बीच लड़ाई हो गई थी। दोपहर करीब 1 बजे कुछ नकाबपोश लोगों ने सेंट्रल इन्फॉर्मेशन सिस्टम में प्रवेश किया था और सर्वर को नुकसान पहुंचाया। कथित तौर पर वामपंथी यूनियनों से जुड़े छात्र 3 जनवरी से सर्वर रूम में मौजूद थे। इसी दिन वामपंथी और एबीवीपी छात्रों के बीच विवाद हो गया। एबीवीपी के नेता ने सर्वर रूम में प्रवेश नहीं करने देने को लेकर एक वामपंथी छात्र के साथ मारपीट की।
सिक्योरिटी गार्ड्स को भी पीटा गया फिर 5 जनवरी को दोपहर के समय विंटर सेमेस्टर के लिए रजिस्ट्रेशन करने गए एबीवीपी के छात्रों पर हमला हुआ। जो दोपहर 1 बजे तक चला। इस दौरान सिक्योरिटी गार्ड्स को भी पीटा गया, जो मामले को खत्म करने की कोशिश कर रहे थे।
पिछले गेट से करीब 50 लोगों ने प्रवेश किया इसके बाद शाम 5.00 बजे जेएनयू के पिछले गेट से करीब 50 लोगों ने प्रवेश किया, जिन्हें कथित तौर पर एबीवीपी से जुड़ा बताया जा रहा है। इनके पास लाठी, डंडे थे। ये हॉस्टलों के अंदर घुसे और छात्रों पर हमला करने लगे। ढाबों पर मौजूद छात्रों पर नकाबपोश पुरुषों और महिलाओं ने हमला किया। जिसमें करीब 30 लोग घायल हो गए। इस हिंसा में घोष को सिर में चोट आई थी।