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पालघर: पालघर की एक अदालत ने बुधवार को दो साधुओं समेत तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामले में गिरफ्तार 130 से ज्यादा आरोपियों में से 61 को न्यायिक हिरासत में और 51 अन्य को पुलिस हिरासत में भेज दिया. पालघर जिले के दहानू में न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) एमपी जवाले की अदालत में एक किशोर समेत कुल 113 आरोपियों को पेश किया गया था.
जिले के गढ़चिंचले गांव में 16 अप्रैल को घटना घटी थी, जिसमें मुंबई से कार में सवार होकर एक अंतिम संस्कार में शामिल होने सूरत जा रहे दो साधुओं और उनके चालक की भीड़ ने बच्चा चोर होने के शक में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर आया था, जिसमें एक भीड़ पीड़ितों को पुलिस वैन से बाहर घसीट रही थी और डंडो-पत्थरों से पीट रही थी. इस दौरान वहां मौजूद कुछ पुलिसवाले उन्हें बचाने के बजाय खुद बचते नजर आ रहे थे. मृतकों की पहचान महाराज कल्पवृक्षगिरी (70), सुशीलगिरी महाराज (35) और चालक निलेश तेलगड़े (30) के रूप में की गई थी.
पालघर जिला ग्रामीण पुलिस ने लिंचिंग की इस घटना के सिलसिले में तीन प्राथमिकियां दर्ज की हैं. स्थानीय पुलिस और राज्य सीआईडी अब तक 134 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. दो साधुओं समेत तीन लोगों की हत्या किए जाने के पहले मामले में अदालत ने सात में से छह आरोपियों को 19 मई तक की पुलिस हिरासत में भेज दिया, वहीं एक किशोर आरोपी को किशोर न्याय बोर्ड के पास भेजा गया. पुलिस पर हमला और हत्या के प्रयास में दर्ज दूसरी प्राथमिकी के मामले में 106 लोगों को अदालत में पेश किया गया जिनमें से पांच को 16 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस ने तीसरी प्राथमिकी के सिलसिले में 101 लोगों को हिरासत में लिया, जिनमें से 40 को 18 मई तक पुलिस हिरासत में भेजा गया. बाकी 61 को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. -
एजेंसी
नई दिल्ली : मध्य प्रदेश के गुना जिला मुख्यालय के पास बायपास मार्ग पर बस और कंटेनर की टक्कर के कारण आठ मजदूरों की मौत हो गई। वहीं, इस घटना में लगभग 50 मजदूर घायल हो गए। ये श्रमिक उत्तर प्रदेश के निवासी हैं, जो महाराष्ट्र से अपने गृहराज्य वापस लौट रहे थे।
पुलिस सूत्रों के अनुसार तड़के हुई इस दुर्घटना में कंटेनर में सवार श्रमिकों की मौत हो गई। घायलों को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्थानिय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंट थाना क्षेत्र में तड़के लगभग तीन बजे यह हादसा उस समय हुआ जब श्रमिकों को ले जा रहे कंटेनर की सामने से आ रही बस से टक्कर हो गई। बताया गया है कि कंटेनर महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले की तरफ जा रहा था। मृतकों की पहचान इब्राहीम, अजीत, अर्जुन, वसीम, रमेश और सुधीर के रूप में हुई है। कुच अन्य की पहचान तत्काल नहीं की जा सकी। घायलों का इलाज कराया जा रहा है और जिला प्रशासन ने उत्तर प्रदेश सरकार से भी संपर्क किया है।
उत्तर प्रदेश के सीएम ने मध्य प्रदेश के गुना में सड़क दुर्घटना में मारे गए उत्तर प्रदेश के मजदूरों के परिजनों को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। वहीं, गंभीर रूप से घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये की घोषणा की गई है। अधिकारियों ने मृतकों के शवों को उनके रिश्तेदारों और परिवारों को यूपी में लाने के लिए कहा।
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भाषा की खबर
नई दिल्ली : बीजिंग ब्रिक्स देशों के न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) ने कोरोनावायरस महामारी से लड़ने के लिए भारत को एक अरब डॉलर की आपातकालीन सहायता ऋण राशि दी है, जिसका इस्तेमाल इस महामारी से होने वाले मानवीय, सामाजिक और आर्थिक नुकसान को कम करने के लिए किया जाएगा. शंघाई स्थित एनडीबी की स्थापना ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) ने 2014 में की थी और इस समय इसका नेतृत्व दिग्गज भारतीय बैंकर के वी कामथ कर रहे हैं.
एनडीबी के निदेशक मंडल ने 30 अप्रैल को भारत के लिए ‘आपातकालीन सहायता कार्यक्रम ऋण’ को मंजूरी दी थी और इसका मकसद कोरोना वायरस महामारी के कारण होने वाले मानवीय, सामाजिक और आर्थिक नुकसान को कम करना है. बैंक के उपाध्यक्ष और मुख्य परिचालन अधिकारी झेन झू ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा, ‘एनडीबी विपत्ति के समय में अपने सदस्य देशों की मदद करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. तत्काल अनुरोध पर तेजी से कार्रवाई करते हुए भारत को आपातकालीन सहायता कार्यक्रम ऋण को मंजूरी दी गई.’ -
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बीच बीते दिन पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने देश को आत्मनिर्भर बनाने, 20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज और कई जरूरी घोषणाएं कीं. पीएम मोदी के संबोधन को लेकर हाल ही में मशहूर लेखक जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने ट्वीट किया है, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. जावेद अख्तर ने अपने ट्वीट में लिखा कि 20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज राष्ट्र के लिए वाकई में एक वरदान है, लेकिन 33 मिनट की स्पीच में एक भी शब्द प्रवासी मजदूरों के लिए नहीं था, जिन्हें इस समय जीवन जीने के लिए सबसे ज्यादा मदद की जरूरत थी.
जावेद अख्तर के इस ट्वीट को लेकर फैंस भी खूब कमेंट कर रहे हैं. जावेद अख्तर ने अपने ट्वीट में लिखा, "20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज वाकई में राष्ट्र के लिए एक वरददान है, लेकिन 33 मिनट के भाषण में एक भी शब्द लाखों प्रवासी मजदूरों की दूर्दशा के बारे में नहीं कहा गया, जिन्हहें अपने अपने अस्तित्व के लिए तत्काल मदद की जरूरत है. यह ठीक नहीं है." बता दें कि जावेद अख्तर अपने विचारों को लेकर सोशल मीडिया पर खूब एक्टिव रहते हैं. वह अकसर समसामयिक मुद्दों पर अपने विचार बेबाकी से पेश करते हैं.
पीएम नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के बारे में बात करते हुए कहा कि यह देश की विकास यात्रा को और आत्मनिर्भर भारत अभियान को नई गति देगा. आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए इसमें सभी पर बल दिया गया है. ये आर्थिक पैकेज हमारे कुटिर उद्योग, लघु उद्योग और मंझोले उद्योग के लिए हैं, जो आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प का मजबूत आधार है. ये आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए है, देश के उस किसान के लिए है जो हर स्थिति, हर मौसम में देशवासियों के लिए परिश्रम कर रहा है. -
अहमदाबाद : कोरोना की महामारी से जूझ रही गुजरात की विजय रुपाणी सरकार के शिक्षा मंत्री को हाईकोर्ट ने तगड़ा झटका दिया है. हाईकोर्ट ने रुपाणी सरकार में शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चूड़ासमा का निर्वाचन रद्द कर दिया है. हाईकोर्ट ने मंगलवार को चूड़ासमा के विरोधी प्रत्याशी कांग्रेस के अश्विन राठौड़ की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुनाया. चूड़ासमा के सामने साल 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अश्विन राठौड़ को प्रत्याशी बनाया था. कड़े मुकाबले में चूड़ासमा को 327 वोट से विजयी घोषित किया गया था. इस नजदीकी हार के बाद कांग्रेस उम्मीदवार रहे राठौड़ ने गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर चूड़ासमा के निर्वाचन को चुनौती दी थी.
राठौड़ ने अपनी याचिका में मतों की गिनती के दौरान नियमों की अवहेलना और बैलेट पेपर के मतों की गिनती नहीं किए जाने का आरोप लगाया था. अपनी याचिका में राठौड़ ने कहा था कि नियमानुसार ईवीएम के मतों की गिनती से पहले बैलट पेपर के मतों की गिनती होनी चाहिए थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि मतगणना अधिकारी ने ईवीएम के मतों की गिनती पहले की थी और बाद में बैलट पेपर के मतों की गिनती की ही नहीं गई.
राठौड़ ने कहा कि बैलट पेपर से लगभग 400 वोट पड़े थे, जिनकी गणना किए बगैर ही चूड़ासमा को विजेता घोषित कर दिया गया. चूड़ासमा को 327 वोट से विजेता घोषित कर दिया गया, जबकि बैलट पेपर के लगभग 400 मतों की गणना ही नहीं की गई. गुजरात हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद चूड़ासमा का निर्वाचन रद्द करने का फैसला सुनाया.
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नई दिल्ली। देश में तमाम कोशिशों के बाद भी कोरोना वायरस (कोविड-19) का संकट तेजी से बढ़ता जा रहा है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार सुबह बताया कि अब भारत में कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 70,756 हो गई है। पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 3,604 और मामले सामने आए हैं और 87 मौतें हुई हैं। कुल पॉजिटिव मामलों में 46,008 सक्रिय मामले, 22454 ठीक/ डिस्चार्ज/विस्थापित मामले और 2,293 मौतें शामिल हैं।
वही कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए देशभर में लागू लॉकडाउन को 17 मई के बाद भी बढ़ाया जा सकता है। हालांकि जिन क्षेत्रों में कोरोना वायरस के संक्रमण की समस्या ज्यादा गंभीर नहीं है, वहां लॉकडाउन के तहत कुछ छूट दी जा सकती हैं। सोमवार को अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक के बाद सरकार से जुड़े सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है। देश में फिलहाल लॉकडाउन का तीसरा चरण 17 मई तक के लिए लागू है।
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, जो राज्य या जिले रेड जोन में शामिल है, वहां रात्रि कर्फ्यू और सार्वजनिक परिवहन पर प्रतिबंध जारी रह सकते हैं। इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों से मौजूदा नियमों में बदलाव के लिए 15 मई तक अपने-अपने सुझाव भेजने के लिए कहा है। बैठक के बाद प्रधानमंत्री तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है, 'मेरा मजबूती के साथ ये मानना है कि लॉकडाउन के पहले चरण के दौरान जो उपाय अपनाए गए, दूसरे चरण में उनकी आवश्यकता नहीं थी और ठीक इसी तरह तीसरे चरण में जो उपाय अपनाए गए, अब चौथे चरण में उनकी जरूरत नहीं है। -
मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सोमवार को महाराष्ट्र में होने वाले एमएलसी चुनाव के लिए पर्चा भरा। 21 मई को होने वाले चुनाव में उद्धव ठाकरे निर्विरोध एमएलसी बनने जा रहे हैं। उद्धव ठाकरे के नामांकन दाखिल करने के समय उनके बेटे और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे भी मौजूद थे। इसके अलावा एनसीपी नेता सुप्रिया सुले भी थीं।
मालूम हो कि शिवसेना की ओर से नाराजगी जाहिर किए जाने और उद्धव ठाकरे के निर्विरोध नहीं चुने जाने की सूरत में एमएलसी चुनाव नहीं लड़ने की चेतावनी के बाद कांग्रेस ने दूसरे उम्मीदवार का नाम वापस ले लिया था। महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख बालासाहेब थोराट ने रविवार को इसकी घोषणा की थी। इसके बाद उद्धव ठाकरे के लिए निर्विरोध चुने जाने का रास्ता साफ हो गया है।
एमएलसी चुनाव में कांग्रेस की तरफ से दो उम्मीदवारों के नामों की घोषणा के बाद नाराज होकर शिवसेना ने दो टूक कह दिया था कि यदि उद्धव ठाकरे निर्विरोध नहीं चुने गए तो वह एमएलसी चुनाव नहीं लड़ेंगे। मुख्यमंत्री बने रहने के लिए ठाकरे के लिए एमएलसी चुना जाना आवश्यक है।
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नई दिल्ली : सोशल नेटवर्किंग साइट इंस्टाग्राम पर चल रहे आपत्तिजनक ग्रुप ‘बॉयज लॉकर रूम’ मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है, जिसे जानकार आप भी चौंक जाएंगे। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने खुलासा किया है कि आपत्तिजनक ग्रुप में एक लड़की ने लड़के के नाम से एक फर्जी आईडी बनाई थी, जिसमें वह लड़के के मन को परखने के लिए उसने खुद के गैंगरेप का जिक्र छेड़ा था। बता दें कि, दिल्ली पुलिस ने इंस्टाग्राम चैट ग्रुप ‘बॉयज लॉकर रूम’ के एडमिन को गिरफ्तार किया था और मामले में एक और नाबालिग को हिरासत में लिया था। नोएडा में पढ़ाई करने वाला एडमिन इस साल कक्षा 12 की परीक्षा में शामिल हुआ था। पुलिस ने चैट समूह के संबंध में 22 उपयोगकर्ताओं की भी पहचान की थी, जिन पर कम उम्र की लड़कियों की आपत्तिजनक तस्वीरें साझा करने का आरोप लगाया गया था।
नए खुलासे के मुताबिक, लड़की ने ‘सिद्धार्थ’ के नाम से फेक प्रोफाइल बनाकर स्नैपचैट पर लड़कों के बीच एंट्री की थी। उसने नैतिक मूल्यों और बातचीत में लगे दूसरे लड़के के चरित्र का परीक्षण करने के लिए ऐसा किया था।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (साइबर क्राइम यूनिट) अनीश रॉय के हवाले से बताया कि जांच में पता चला है कि स्नैपचैट की बातचीत असल में लड़की और लड़के के बीच थी। लड़की ने ‘सिद्धार्थ’ के रूप में प्रस्तुत करके लड़के को एक और लड़की से गैंगरेप करने की योजना का सुझाव दिया, लेकिन लड़के ने उस अपराध का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया। इसके बजाय, लड़के ने लड़की सहित अपने दोस्तों को बातचीत की सूचना दी, जिन्होंने इस नकली ‘सिद्धार्थ’ का गैंगरेप करने का सुझाव दिया था। हालांकि, पुलिस ने कहा है कि लड़की के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी क्योंकि यहाँ मकसद ‘दुर्भावनापूर्ण’ नहीं था।’
साइबर सेल की जांच में सामने आया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर बने ‘बॉयज लॉकर रूम’ में 24 से ज्यादा सदस्य आपस मे चैट कर रहे थे और लड़कियों की अश्लील तस्वीरें ग्रुप में डालकर लड़की के रेप की बातें कर रहे थे। लेकिन जब ये चैट सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। दिल्ली पुलिस ने इंस्टाग्राम से भी ग्रुप के डिटेल्स मांगे थे। -
नई दिल्ली: तमिलनाडु में दुकानों पर शराब बेचने के लिए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है. राज्य सरकार ने मद्रास हाईकोर्ट के कल जारी हुए आदेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है जिसमें हाईकोर्ट ने कोरोना संकट के दौरान ठेकों के बाहर ग्राहकों में सामाजिक दूरी न बनाने को लेकर राज्य में शराब की दुकानें बंद करने का आदेश दिया था, लेकिन हाईकोर्ट ने शराब की ऑनलाइन बिक्री और होम डिलीवरी करने की बात कही थी. तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर कहा है कि राज्य सरकार लोगों में सामाजिक दूरी के नियम का पालन करवा रही है और जो लोग ऐसा नहीं करते हैं पुलिस उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई कर रही है.
साथ ही कहा है कि तमिलनाडु में शराब की बिक्री बंद करने से राज्य के बार्डर पर समस्या खड़ी हो सकती है क्योंकि पड़ोसी राज्यों में शराब की बिक्री खुली है, ऐसे में राज्य के लोग शराब लेने के लिए पड़ोसी राज्यों में जाएंगें और कोरोना के दौरान लोगों की आवाजाही और बढ़ जाएगी.
बता दें कि शुक्रवार को हाईकोर्ट ने राज्य में शराब की दुकानों को बंद करने के आदेश दिए थे लेकिन शराब की ऑनलाइन बिक्री की इजाजत दे दी थी. -
नई दिल्ली : स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज किए जाने को लेकर नई नीति तैयार की है। इसके मुताबिक, अब कोरोना के हल्के या मध्यम लक्षण वाले मरीजों को ठीक होने के बाद बिना टेस्टिंग के भी डिस्चार्ज किया जा सकता है, इसके लिए शर्त यह है कि मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए और उनमें लगातार तीन दिन तक बुखार नहीं होना चाहिए। हालांकि, डिस्चार्ज के बाद भी उन्हें 7 दिन के लिए घर पर ही आइसोलेशन में रहना अनिवार्य होगा।
नई गाइडलाइंस-----------
1. कोरोना के हल्के, बेहद हल्के और शुरुआती लक्षण वाले मरीजों के लिए
स्वास्थ्य मंत्रालय के नए मानकों के मुताबिक, अब कोविड केयर फैसिलिटी में भर्ती हल्के, बेहद हल्के या शुरुआती लक्षण वाले मरीजों की नियमित टेम्प्रेचर (तापमान) और पल्स ऑक्सीमेट्री मॉनिटरिंग होगी। मरीजों को लक्षण दिखने के 10 दिन के बाद तभी डिस्चार्ज किया जा सकेगा, जब उसे 3 दिन तक बुखार न हो। डिस्चार्ज से ठीक पहले टेस्टिंग की जरूरत नहीं होगी और मरीजों को उनके घर पर ही 7 दिन और आइसोलेशन में ही रहने की सलाह दी जाएगी।
कोविड केयर फैसिलिटी से डिस्चार्ज से पहले अगर किसी भी समय मरीज का ऑक्सीजन सेचुरेशन 95 फीसदी से नीचे आता है, तो उसे डेडिकेटेड कोविड केयर फैसिलिटी में भर्ती कराया जाएगा।
डिस्चार्ज के बाद अगर ठीक हुए व्यक्ति में एक बार फिर कोरोना के लक्षण जैसे- बुखार, कफ या सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या आती है, तो वह तुरंत कोविड केयर फैसिलिटी में या राज्य के हेल्पलाइन नंबर या 1075 पर संपर्क करेगा। उसके स्वास्थ्य को टेली-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 14वें दिन में जाना जाएगा।
2. डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में भर्ती मरीजों के लिए
a) ऐसे मरीज जिनके लक्षण 3 दिन में ही खत्म हो जाते हैं और ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल अगले 4 दिन 95 फीसदी बना रहता है
वे केसेज जो मॉडरेट (सामान्य) हैं, उनका हर दिन बॉडी टेम्प्रेचर और ऑक्सीजन सेचुरेशन देखा जाएगा। अगर उनका बुखार 3 दिन में ही कत्म होता है और उनका ऑक्सीजन लेवल अगले 4 दिन तक 95 फीसदी के ऊपर रहता है (बिना अलग से ऑक्सीजन दिए) तो उन्हें लक्षण दिखने के ठीक 10 दिन बाद डिस्चार्ज किया जाएगा, अगर…– उन्हें बिना दवा दिए ही बुखार उतर जाए– सांस लेने की समस्या खत्म हो जाए– अलग से ऑक्सीजन देने की जरूरत न पड़े
ऐसे मरीजों को भी घर पर 7 दिन के लिए आइसोलेशन में रहना जरूरी होगा।
b) वे मरीज जिन्हें ऑक्सीजन दिया गया है और जिनका बुखार 3 दिन बाद भी ठीक नहीं हुआ और ऑक्सीजन की जरूरत बनी है
ऐसे मरीजों को सिर्फ तभी डिस्चार्ज किया जाएगा, जब– सभी लक्षण ठीक हो जाएं।– लगातार तीन दिन तक ऑक्सीजन सेचुरेशन बना रह सके।
3. गंभीर रूप से बीमार मरीज (कमजोर इम्यून सिस्टम वाले केस)ऐसे मरीजों को तभी डिस्चार्ज किया जा सकेग, जब वे पूरी तरह संक्रमण के लक्षण से आजाद हो चुके होंगे और उनका RT-PCR टेस्ट निगेटिव एक बार निगेटिव आ जाएगा।जनसत्ता से साभार -
नई दिल्ली : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में गैस रिसाव की घटना के सिलसिले में एलजी पॉलिमर्स इंडिया पर 50 करोड़ रुपये का अंतरिम जुर्माना लगाया और केन्द्र तथा अन्य से जवाब मांगा। अधिकरण ने कहा, ‘‘नियमों और अन्य वैधानिक प्रावधानों का पालन करने में विफलता दिखाई देती है।’’
न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने गैस लीक मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय एक समिति गठित की और उसे 18 मई से पहले रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा। इस घटना में 11 लोगों की मौत हुई है जबकि 1,000 लोग इससे प्रभावित हुए हैं। पीठ ने कहा, ‘‘प्रथम दृष्टया सामने आई जानकारी के अनुसार इस घटना में लोगों की जान गई, जन स्वास्थ्य और पर्यावरण को नुकसान हुआ है, हम एलजी पॉलिमर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को 50 करोड़ रुपये की प्रारंभिक राशि जमा कराने के निर्देश देते हैं। यह राशि कंपनी के वित्तीय मूल्य और उससे हुई क्षति की सीमा के संबंध में तय की जा रही है।’’
अधिकरण ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, एल जी पॉलिमर्स इंडिया, आंध्र प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, विशाखापत्तनम जिला मजिस्ट्रेट को नोटिस जारी किये और उनसे मामले की अगली सुनवाई 18 मई से पहले जवाब मांगे। मामले की जांच के लिए गठित की गई समिति में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी एस रेड्डी, आंध्र विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति वी रामा चन्द्र मूर्ति, आंध्र विश्वविद्यालय, रसायन इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रोफेसर पुलिपति किंग, सीपीसीबी के सदस्य सचिव, सीएसआईआर-भारतीय रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक और विशाखापत्तनम में एनईईआरआई के प्रमुख शामिल हैं।
अधिकरण ने कहा कि समिति जल्द से जल्द मौके का निरीक्षण कर सकती है और उसे ईमेल से 18 मई से पहले अपनी रिपोर्ट देनी है। समिति को घटनाओं के अनुक्रम, विफलता के कारणों और इस घटना के जिम्मेदार लोगों के बारे में रिपोर्ट देनी है जिनकी वजह से दूसरों के जीवन को नुकसान पहुंचा है। अधिकरण ने कहा कि स्टाइरीन गैस एक खतरनाक रसायन है, जिसे अनुसूची 1 की प्रविष्टि 583 के साथ नियम 2 (ई) के तहत परिभाषित किया जाता है, जो खतरनाक रासायनिक नियमों, 1989 के निर्माण, भंडारण और आयात से संबंधित है।
गैस रिसाव के संबंध में मीडिया रिपोर्टों के आधार पर अधिकरण ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया। विशाखापत्तनम में एलजी पॉलीमर्स लिमिटेड की फैक्टरी से बृहस्पतिवार तड़के हुए इस गैस रिसाव से 11 लोगों की मौत हो गई और विशाखापत्तनम के निकट पांच किलोमीटर की परिधि में स्थित गांवों के कई लोगों को सांस लेने में दिक्कत और अन्य समस्याएं हुई। आंध्र प्रदेश सरकार ने इस घटना की जांच के आदेश दिये है। -
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में बदनापुर-करमाड रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार सुबह जब एक मालगाड़ी गुजर रही थी, तब उसने 16 से अधिक मजदूरों को कुचल दिया. इस हादसे में 16 मजदूरों की तो मौत हो गई है, जबकि कुछ अन्य मजदूर घायल भी हुए हैं.
भारतीय रेलवे की ओर से जारी प्रेस रिलीज़ के मुताबिक, जिन मजदूरों की मौत हुई है, वो सभी मध्य प्रदेश के रहने वाले थे और महाराष्ट्र के जालना में एसआरजी कंपनी में कार्यरत थे. 5 मई को इन सभी मजदूरों ने जालना से अपना सफर शुरू किया, पहले ये सभी सड़क के रास्ते आ रहे थे लेकिन औरंगाबाद के पास आते हुए इन्होंने रेलवे ट्रैक के साथ चलना शुरू किया.
करीब 36 किमी. तक पैदल चलने के बाद जब सभी मजदूर थक गए थे, तो ट्रैक के पास ही आराम के लिए लेट गए और वहां ही सो गए. इनमें से 16 लोग ट्रैक पर सोए, 2 बराबर में और बाकी तीन कुछ दूरी पर सोए. इन्हीं में से 16 की मौत हो गई है, बाकी जो घायल हैं उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया है. -
बेंगलुरू: कर्नाटक सरकार ने कोरोनावायरस (Covid-19) को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण परेशान लोगों को राहत देने के लिए 1,610 करोड़ रुपये के पैकेज की बुधवार को घोषणा की. राज्य सरकार ने किसानों, लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रमों (MSME), हथकरघा बुनकरों, फूलों की खेती करने वालों, धोबियों, नाइयों, ऑटो और टैक्सी चालकों समेत अन्य को ध्यान में रखते हुए इस राहत पैकेज का ऐलान किया है. कर्नाटक सरकार ने 11 प्रतिशत आबकारी/उत्पाद शुल्क वृद्धि की घोषणा की, जो बजट में घोषित छह फीसदी की वृद्धि के अतिरिक्त है.
इस राहत पैकेज के तहत फूल की खेती करने वालों को प्रति हेक्टेयर 25,000 रुपये की राहत मिलेगी. धोबी और नाइयों को एकमुश्त 5,000 रुपये मुआवजा दिया जाएगा. ऑटो और टैक्सी चालकों को एक बारगी 5,000 रुपये की राशि दी जाएगी. निर्माण श्रमिकों को 3,000 रुपये मिलेंगे. उन्हें पहले दो हजार रुपये का भुगतान किया चा चुका है. -
नई दिल्ली : भारत में कोरोनावायरस से संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा जारी है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब तक 1694 लोगों की संक्रमण से मौत हो चुकी है, जबकि 49,391 लोग संक्रमित पाए गए हैं। इनमें से करीब 33,514 एक्टिव केस हैं, जबकि 14,182 लोग ठीक होकर घर भेजे जा चुके हैं।
संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र है, जहां अब तक कुल 15,525 केस दर्ज हुए हैं। यानी पूरे देश में लगभग 30 फीसदी संक्रमित महाराष्ट्र से ही हैं। इसके अलावा देश में संक्रमण से हुई कुल मौतों में 36% इसी राज्य से हैं। इसके बाद नंबर है गुजरात का, जहां कुल 6,245 केस हैं और 368 लोगों की जान गई है। दिल्ली में संक्रमितों की संख्या अब 5 हजार के आंकड़े के पार जा चुकी है। यहां कुल 64 लोगों की जान गई है। इसके बाद चौथे नंबर पर तमिलनाडु (4058 केस, 33 मौत) और पांचवें पर राजस्थान (3158 केस, 89 मौत) हैं।
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कोरोना वायरस की महामारी के कारण जारी लॉकडाउन के दौरान मकान का किराया न देने की स्थिति में मजदूरों-छात्रों को घरों से निकाले जाने पर रोक लगाने से संबंधित याचिका खारिज कर दी है. गौरतलब है कि कोरोना महामारी में लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान सरकार ने मकानमालिकों से किरायेदार के प्रति मानवीयता दिखाते हुए फिलहाल किराया नहीं मांगने की बात कही थी. याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वकील लगातार इस तरह की याचिकाएं दाखिल कर रहे हैं. सरकार ने इसके लिए हेल्पलाइन बनाई है इसलिए कोर्ट सरकार के आदेशों को लागू नहीं कर सकता. हालांकि अदालत ने चेतावनी दी कि ऐसे मामलों में भारी जुर्माना लगाया जा सकता है.
गौरतलब है कि सरकार के आदेश के बावजूद कई जगह मकान मालिक, छात्रों और मजदूरों पर घर खाली करने का दबाव बना रहे हैं, जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है.अर्जी में कहा गया केंद्र सरकार ने एडवाइजरी कर साफ किया था कि लॉकडाउन के दौरान किराया चुकाने में असमर्थ लोगों पर किराया देने के लिए दबाव नहीं डाला जा सकता. इसके बावजूद मकान मालिक की ओर से किरायेदारों को परेशान किया जा रहा है. किराया न देने की सूरत में उन्हें घर छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
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नई दिल्ली : भारत में कोरोना वायरस संक्रमण लगातार पांव पसारते जा रहा है। कोरोना लॉकडाउन में छूट के एक दिन बाद ही कोरोना वायरस के मामलों में अप्रत्याशित वृद्धि देखने को मिली है। देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 3900 नए मामले सामने आए हैं और सर्वाधिक 195 लोगों की मौत हुई है। मंगलवार को जारी स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 46433 हो गए हैं और कोविड-19 से अब तक 1568 लोगों की मौत हो चुकी है।
कोरोना के कुल 46433 केसों में 32134 एक्टिव केस हैं, वहीं 12727 लोगों को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है। कोरोना वायरस से अब तक सर्वाधिक 583 लोगों की मौत महाराष्ट्र में हुई। यहां अब इस महामारी से पीड़ितों की संख्या 17589 हो गई है। -
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को प्रवासी श्रमिकों के किराए को लेकर मचे घमासान के बीच साफ किया कि विशेष ट्रेनों से लौट रहे प्रवासी मजदूरों और छात्रों से भाड़ा नहीं लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों को लौटने के दौरान लगे किराए का पैसा भी लौटाया जाएगा और इसके अलावा भी उन्हें कम से कम 1000-100 रुपए की राशि दी जाएगी. सीएम ने कहा कि श्रमिकों को 21 दिनों का पृथक-वास पूरा करने के बाद ये पैसा लौटाया जाएगा एवं अन्य सहायता भी दी जाएगी.
कुमार ने एक वीडियो संदेश में कहा कि ये उपाय तो पहले से किए गए हैं. उन्होंने लोगों के बीच भ्रम के लिए विपक्ष की बयानबाजी को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि इसे दूर करना अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों को रेलवे स्टेशनों से संबंधित प्रखंडों में पहुंचाया जा रहा है जहां उन्हें 21 दिनों के लिए पृथक वास में रहना होगा और जब वे बाहर आएंगे, तब उन्हें पूरा (किराया) खर्चा लौटाया जाएगा और उन्हें 500-500 रुपए की अतिरिक्त सहायता भी दी जाएगी और इस प्रकार हर श्रमिक को न्यूनतम 1000 रुपए मिलेंगे.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, मैं बिहार के लोगों को वापस भेजने के सुझाव पर विचार करने के लिए केंद्र को धन्यवाद देना चाहता हूं, जो अन्य राज्यों में फंसे बिहार के लोगों को वापस बिहार भेजने के लिए हैं. किसी को भी टिकट के लिए भुगतान नहीं करना पड़ेगा. उनके लिए यहां एक पृथक वास केंद्र स्थापित किया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कोटा जैसे स्थानों से राज्य लौट रहे विद्यार्थियों को किराया नहीं देना होगा. राज्य सरकार सीधे रेलवे को इसका भुगतान कर रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों से कोई भाड़ा नहीं लिया जा रहा है. -
नई दिल्ली : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रवासी श्रमिकों से रेलवे द्वारा कथित तौर पर किराया लिए जाने को लेकर सोमवार को सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया है। प्रियंका गांधी ने सवाल किया कि जब ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम पर 100 करोड़ रुपये खर्च किए जा सकते हैं तो फिर संकट के समय मजदूरों को मुफ्त रेल यात्रा की सुविधा उपलब्ध क्यों नहीं कराई जा सकती?
प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, “मजदूर राष्ट्र निर्माता हैं। मगर आज वे दर दर ठोकर खा रहे हैं-यह पूरे देश के लिए आत्मपीड़ा का कारण है। जब हम विदेश में फंसे भारतीयों को हवाई जहाज से निशुल्क वापस लेकर आ सकते हैं, जब नमस्ते ट्रम्प कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रु खर्च कर सकते हैं। जब रेल मंत्री पीएम केयर फंड में 151 करोड़ रु दे सकते हैं तो फिर मजदूरों को आपदा की इस घड़ी में निशुल्क रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकते?”
कांग्रेस महासचिव ने अपने ट्वीट में आगे कहा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने निर्णय लिया है कि घर लौटने वाले मजदूरों की रेल यात्रा का पूरा खर्च उठाएगी।”