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नई दिल्ली : वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि कोरोना वायरस के मरीज 11 दिनों के बाद संक्रमण नहीं फैलाते, भले ही वे 12वें दिन वे कोरोना पॉजिटिव ही बने रहें. nypost.com की रिपोर्ट के मुताबिक, सिंगापुर नेशनल सेंटर फॉर इंफेक्शस डिजीजेज (NCID) एंड अकेडमी ऑफ मेडिसीन की स्टडी में ये बात पता चली है.
अब तक ये समझा जाता रहा है कि कोरोना मरीज जब तक पॉजिटिव हैं, कोरोना संक्रमण फैला सकते हैं. वहीं रिसर्चर्स ने यह भी कहा है कि लक्षण दिखने के 2 दिन पहले से कोरोना मरीज संक्रमण फैला सकते हैं. वैज्ञानिकों ने कहा है कि स्टडी के दौरान देखा गया कि कोरोना मरीजों में लक्षण दिखने के 7 से 10 दिन बाद तक संक्रमण फैलाने की क्षमता होती है.
सिंगापुर नेशनल सेंटर फॉर इंफेक्शस डिजीजेज ने करीब 73 कोरोना मरीजों पर स्टडी की जिस दौरान उन्हें नई बात पता चली. वैज्ञानिकों ने कहा कि ये देखा गया कि 11 दिन के बाद कोरोना वायरस को आइसोलेट या Cultured नहीं किया जा सकता. वैज्ञानिकों ने कहा है कि लक्षण दिखने के एक हफ्ते बाद कोरोना मरीजों में एक्टिव वायरल रेप्लिकेशन घटने लगता है. नई जानकारी के आधार पर हॉस्पिटल इस बारे में फैसला ले सकते हैं कि मरीजों को कब डिस्चार्ज किया जाए.
अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों में दो बार निगेटिव टेस्ट आने के बाद ही डॉक्टर ये मानते हैं कि कोरोना मरीज ठीक हो गए. हालांकि, सिंगापुर में की गई स्टडी का सैंपल साइज छोटा था लेकिन नई जानकारी डॉक्टरों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है. सिंगापुर के NCID की एग्जेक्यूटिव डायरेक्टर लिओ यी सिन ने स्ट्रेट टाइम्स से कहा कि सैंपल साइज छोटा होने के बावजूद नई जानकारी को लेकर रिसर्चर्स विश्वस्त हैं. रिसर्चर्स का मानना है कि बड़े सैंपल साइज में भी ऐसे ही परिणाम देखने को मिलेंगे. लिओ यी सिन ने कहा- वैज्ञानिक दृष्टि से मैं काफी आश्वस्त हूं, इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि कोरोना मरीज 11 दिन बाद संक्रामक नहीं होते हैं.
साभार : aaj tak
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नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने शुक्रवार को एक संशोधित एडवाइजरी जारी कर गैर-कोरोना अस्पतालों में काम कर रहे बिना लक्षण वाले स्वास्थ्यसेवा कर्मियों, कंटेनमेंट जोन में निगरानी ड्यूटी पर तैनात कर्मियों और कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने संबंधी गतिविधियों में शामिल पैरामिलिट्री फोर्स/पुलिसकर्मियों को रोग निरोधक दवा के तौर पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) का इस्तेमाल करने की सिफारिश की है. इससे पहले जारी एडवाइजरी के अनुसार, COVID-19 को फैलने से रोकने और इसका इलाज करने में शामिल बिना लक्षण वाले सभी स्वास्थ्यसेवा कर्मियों और संक्रमित लोगों के घरों में संपर्क में आए लोगों में संक्रमण के खिलाफ इस दवा का इस्तेमाल करने की भी सिफारिश की गई है.
हालांकि, आईसीएमआर द्वारा जारी संशोधित एडवाइजरी में आगाह किया गया है कि दवा लेने वाले व्यक्ति को यह नहीं सोचना चाहिए कि वह एकदम सुरक्षित हो गया है. नई एडवाइजरी के अनुसार NIV पुणे में HCQ की जांच में यह पाया गया कि इससे संक्रमण की दर कम होती है. इसमें कहा गया है कि यह दवा उन लोगों को नहीं देनी चाहिए, जो नजर कमजोर करने वाली रेटिना संबंधी बीमारी से ग्रस्त है, एचसीक्यू को लेकर अति संवेदनशीलता है और जिन्हें दिल की धड़कनों के घटने-बढ़ने की बीमारी है.
एडवाइजरी में कहा गया है कि इस दवा को 15 साल से कम आयु के बच्चों और गर्भवती एवं दूध पिलाने वाली महिलाओं को न देने की सिफारिश की जाती है. इसमें कहा गया है कि यह दवा औपचारिक सहमति के साथ किसी डॉक्टर की निगरानी में दी जाए. भारत ने पिछले महीने ही कई अमेरिका, जर्मनी समेत कई देशों को भारी मात्रा में HCQ का निर्यात किया था, जिसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया था. -
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने 25 मई से ट्रेन के साथ -साथ कुछ शर्तों के साथ विमान सेवा भी शुरू करने का फैसला लिया है। विमान सेवाओं के लिए टिकट बुकिंग की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। लेकिन इस बीच सरकार के एक फैसले को लोग अटपटा बता रहे हैं। दरअसल, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए कार में सिर्फ दो लोगों के बैठने की ही इजाजत है लेकिन विमानन मंत्री ने फ्लाइट की बुकिंग के मामले में कहा कि फ्लाइट की बीच वाली सीट भी बुक होगी। ऐसे में सरकार का यह फैसला लोगों को अटपटा लग रहा है।इस फैसले को लेकर कांग्रेस ने भी सवाल उठाए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला कहा कि क्या विमान में सभी सीटें भर कर यात्रियों को लेकर जाना खतरनाक नहीं है?
रणदीप सुरजेवाला ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है, जान है तो जहान है … इसका क्या हुआ? सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर सरकार ने जो नियम कायदे बनाए हैं उनका क्या? इन नियमों का पालन नहीं होगा? फ्लाइट में सभी सीटें भरना सुरक्षित है या खतरनाक? विमानन मंत्री को इस पर स्पष्ट बयान देना चाहिए। -
नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने उस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया जिसमें दिल्ली सरकार को बिना किसी देरी के कोविड-19 से संक्रमित लोगों और इससे मरने वाले लोगों की वास्तविक संख्या बताने और मृतकों का लेखा-जोखा रखने वाली समिति (डेथ ऑडिट कमिटी) को रद्द करने के दिशा निर्देश देने का अनुरोध किया गया. वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सुनवाई कर रहे मुख्य न्यायाधीश डी.एन पटेल और न्यायाधीश प्रतीक जालान की पीठ ने याचिका का निस्तारण कर दिया. साथ ही याचिकाकर्ता को ‘‘उचित समय’’ पर फिर से अदालत का रुख करने की छूट दी.
अखिल भारतीय वकील संघ के दायर जनहित याचिका में दिल्ली सरकार को विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों से मुहैया कराए जा रहे. आंकड़ों के आधार पर हर 24 घंटे के बुलेटिन के जरिए कोविड-19 के पुष्ट मामलों और इससे मरने वाले लोगों की संख्या से संबंधित आंकड़ें प्रकाशित करने का निर्देश देने की मांग की. वकील फिदेल सेबेस्टियन के दायर की गई याचिका में कहा गया है कि आप सरकार ने दावा किया कि उसने 20 अप्रैल को ‘डेथ ऑडिट कमिटी’ गठित की और समिति से आंकड़ें जारी किए जा रहे हैं.’’
इसमें कहा गया, ‘‘हालांकि विभिन्न अस्पतालों द्वारा मुहैया कराई जा रही असल सूचना और दिल्ली सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के बीच भारी विसंगति की वजह स्पष्ट नहीं की गई. याचिका में कहा गया है कि वायरस के फैलने के वास्तविक आंकड़ों और मृतकों की संख्या नागरिकों से छिपाना दिल्ली सरकार का अनैतिक कदम है. -
नई दिल्ली : टीवी चैनल इंडिया टुडे के लिए काम करने वाली एक पत्रकार ने अपने ट्वीट में दावा किया है कि, ज़ी न्यूज़ में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 66 पहुंच चुकी है। पत्रकार के इस ट्वीट के बाद ज़ी न्यूज़ के संपादक और एंकर सुधीर चौधरी सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए है। सोशल मीडिया पर लोग लिख रहे हैं कि, ज़ी न्यूज़ कोरोना का नया हॉटस्पॉट बन गया है।
इंडिया टुडे के लिए काम करने वाली पत्रकार मिलन शर्मा ने गुरुवार (21 मई) को ट्विटर पर लिखा, “ज़ी न्यूज़ में कुल 66 लोग कोरोना पॉजिटिव पाएं गए है।” मिलन शर्मा का यह ट्वीट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, उनके इस ट्वीट पर यूजर्स भी जमकर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कई सोशल मीडिया यूजर्स सरकार से मांग कर रहे हैं कि कोरोना संक्रमण के बावजूद अपने कर्मचारियों को काम पर आने के लिए मजबूर करने के आरोप में चैनल के संपादक सुधीर चौधरी के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई करनी चाहिए।
इन 66 लोगों से अन्य कितने लोग संक्रमित हुए होंगे इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। लेकिन, एक मीडिया कंपनी में 66 कर्मचारियों का संक्रमित हो जाना कोई सामान्य घटना नहीं है। 66 की संख्या जी न्यूज के प्रबंधन में एक बड़ी लापरवाही की तरफ इशारा कर रही है। बता दें कि, सुधीर चौधरी ज़ी न्यूज़ में एंकर होने के अलावा चैनल के एडिटर इन चीफ भी हैं।
साभार : JANTA KA REPORTER -
इस्लामोफोबिया सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बाद सऊदी अरब की एक यूनिवर्सिटी ने भी सख्ती दिखाई है। एक सऊदी अरब विश्वविद्यालय ने भारतीय मूल के एक प्रोफेसर को इस्लाम के खिलाफ टिप्पणी किए जाने पर नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। बता दें कि, भारत का यह आदमी उन भारतीयों की सूची में सबसे नया शामिल हो गया है, जिन्हें खाड़ी क्षेत्र, कनाडा और न्यूजीलैंड सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अपनी कट्टरता के लिए अपनी नौकरी गवानी पड़ी हैं।
सऊदी अरब की प्रीमियम यूनिवर्सिटी कही जाने वाली जाज़ान यूनिवर्सिटी ने द्वारा किए गए ट्वीट में लिखा गया है, “एक अनुबंधित संकाय सदस्य द्वारा आपत्तिजनक पोस्ट और ट्वीट के प्रकाशन के बारे में विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा बताई गई बातों के आधार पर, उसका पंजीकरण / संबद्धता रद्द कर दी जाती है। जाज़ान विश्वविद्यालय इस बात की पुष्टि करता है कि वह किसी भी चरमपंथी / चरम विचारधारा के साथ दृढ़ता से निपटेगा जो मूल नियमों को प्रभावित करता है या महान नेतृत्व की दिशा को बाधित करता है।”
नीरज बेदी पर आरोप है कि उसने सोशल मीडिया माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर इस्लाम को लेकर कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी की थी। डॉ प्रोफ़ेसर नीरज बेदी सऊदी अरब के जज़ान यूनिवर्सिटी में कम्यूनिटी मेडिसिन के प्रोफ़ेसर थे। इनकी सैलरी 35000 रियाल यानी इंडियन सात लाख रुपए प्रतिमाह थी। सऊदी में रहकर इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ ज़हर उगलने के कारण उन्हें यूनिवर्सिटी से बर्खास्त कर दिया गया।
बता दें कि, इन दिनों सऊदी अरब, कुवैत और यूएई के कई हिस्सों में मुस्लिम विरोधी टिप्पणियों को लेकर कई भारतीय हिन्दुओ को नौकरी से निकाला जा चुका है।साभार : janta ka reporter
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मुंबई : भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने महाराष्ट्र की उद्धव सरकार पर सैकड़ों करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है। यह आरोप उन्होंने खाना को लेकर लगाया है। सोमैया ने आरोप लगाया है कि क्वारंटाइन सेन्टर में जो खाना मिल रहा है उसमें कुछ तो गोल माल है। उन्होंने दावा किया कि अलग अलग क्वारंटाइन सेन्टर में खाने का रेट अलग है।
किरीट सौमेया ने कहा कि ”क्वॉरंटीन सेंटर में पीड़ित लोगों को जो दो वक्त का खाना और चाय दी जा रही है, तो अलग-अलग कॉन्ट्रैक्टर को अलग-अलग रेट पर पेमेंट किया जा रहा है। ‘ बीजेपी नेता ने रेट में अंतर का दावा करते हुए एक ट्वीट भी किया। पूर्वी उपनगर 172, दादर 372 रुपये, अंधेरी 350 रुपये और ठाणे में 415 रुपये है।
उन्होंने कहा कि सिर्फ खाना ही नही मुंबई के अस्पतालों के भी बुरा हाल है। अस्पतालों में अधिक संख्या के बेड उपलब्ध नही है, जिससे अस्पताल में मरीजों का इलाजे हो सके। मुंबई पुलिस के जवान को अस्पताल में बेड न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा बेड न मिलने की वजह से एक पुलिस अफसर को जान गंवानी पड़ी, जो हॉटस्पॉट इलाके धारावी में तैनात था। इन्होंने एक महीने पहले ही फेसबुक पर पुलिस जवानों के लिए चिंता जताई थी। -
नई दिल्ली : अमेजन वेब सीरीज ‘पाताल लोक’ को अभी रिलीज हुए कुछ ही दिन हुए हैं लेकिन इसकी चर्चा खूब हो रही है। वहीं, दूसरी ओर अब ये वेब सीरीज विवादों में फंसती नजर आ रही है। लॉयर गिल्ड मेंबर के सदस्य वीरेन सिंह गुरुंग ने सीरीज की प्रोड्यूसर व अभिनेत्री अनुष्का शर्मा को लीगल नोटिस भेजा है। नोटिस में आरोप है कि सुदीप शर्मा द्वारा लिखी गई इस वेबसीरीज में जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल हुआ है, जिससे गोरखा समुदाय का अपमान हुआ है।
गिल्ड के मेंबर और प्रणय राय ऐंड असोसिएट्स के चैंबर्स से जुड़े वकील वीरेन श्री गुरुंग ने कहा, ‘एक वीडियो क्लिप में पूछताछ के दौरान लेडी पुलिस ऑफिसर नेपाली कैरक्टर पर जातिवादी गाली का इस्तेमाल करती है। अगर केवल नेपाली शब्द का इस्तेमाल किया गया होता तो इसमें कोई समस्या नहीं थी लेकिन इसके बाद का जो शब्द है, उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। अनुष्का इस शो की प्रड्यूसर हैं, इसलिए हमने उन्हें नोटिस भेजा है। फिलहाल अभिनेत्री की तरफ से कोई रिऐक्शन नहीं आया है। अगर जवाब नहीं मिलता है तो लीगल टीम मामले को आगे ले जाएगी।’
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गोरखा कम्युनिटी ने भी इस सीरीज के डायलॉग पर आपत्ति जताई है और शब्द को हटाने की मांग की है। 18 मई को उनकी ओर से एक ऑनलाइन पिटिशन चलाई गई है। मांग के अनुसार, इस शब्द को म्यूट किया जाना चाहिए। इसके अलावा सबटाइटल्स को भी ब्लर किया जाना चाहिए और इसके बाद एडिट की गई वीडियो को प्लेटफॉर्म पर दिखाया जाए। इसके अलावा समुदाय ने बिना शर्त माफी और डिस्क्लेमर की भी मांग की है।
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जेनेवा। स्विट्जरलैंड के देश जेनेवा में इस समय विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की मीटिंग जारी है। इस मीटिंग में सदस्य देशों विशेषकर अमेरिका के बढ़ते प्रभाव के आगे यूनाइटेड नेशंस की संस्था डब्लूएचओ को झुकना पड़ा है। सोमवार को संगठन ने कोरोना वायरस को लेकर उसकी प्रतिक्रिया की जांच के लिए हामी भर दी है। अब तक इस महामारी से दुनियाभर में तीन लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है।
अफ्रीका के तमाम देशों और यूरोपियन यूनियन देशों की तरफ से कोरोना वायरस महामारी को लेकर एक विस्तृत और गहन जांच की मांग की जा रही है। संगठन ने यह फैसला तब लिया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संगठन को चीन की कठपुतली बताते हुए इसे छोड़ने का अल्टीमेटम दिया गया। अमेरिका का कहना है कि यह वायरस वायरस चीन की एक लैब से निकला है और उसके पास इस बात को साबित करने के लिए पूरी सुबूत हैं। ट्रंप ने दो टूक कह दिया था कि अगर 30 दिनों के अंदर कोई सुधार नहीं हुआ तो फिर अमेरिका हमेशा के लिए इससे बाहर हो जाएगा। ट्रंप पहले ही डब्लूएचओ को मिलने वाली आर्थिक मदद अस्थायी तौर पर बंद कर चुके हैं। डब्लूएचओ के हेड टेडरॉस एडहोनम गेब्रेसियस ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी को लेकर सामने आई प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए वह एक स्वतंत्र जांच के पक्षधर हैं। यूनाइटेड नेशंस के मुखिया एंटोनियो गुटारेशे ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कहा कि कई देशों ने डब्ल्यूएचओ की सिफारिशों की अनदेखी की। उन्होंनेकहा, 'अलग-अलग देशों ने अलग-अलग, कई बार विरोधाभासी रणनीतियां अपनाईं और हम सब एक भारी कीमत चुका रहे हैं।' -
नई दिल्ली : महाचक्रवात अम्फान आज यानी (बुधवार) को विकराल रूप धारण कर सकता है और बड़ी तबाही मचा सकता है। सुंदरवन के करीब बांग्लादेश में दीघा और हटिया के बीच टकराने की आशंका है। मगर इससे पहले ओडिशा में तेज हवा के साथ बारिश का दौर शुरू हो गया है। हालांकि, आपदा प्रबंधन दल और सैन्य बचाव दल संभावित स्थितियों से निपटने को तैयार है। अम्फान के संभावित प्रकोप को लेकर पूर्वी भारत के ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की कवायद जारी है। महाचक्रवात से निपटने में दोनों देशों और संबंधित राज्यों का प्रशासनिक अमला पूरी ताकत से जुटा है। सरकारें व एजेंसियां जरूरी सूचनाओं का त्वरित आदान-प्रदान कर रहे हैं। यह दो दशकों में बंगाल की खाड़ी में दूसरा महाचक्रवात है। बता दें कि वर्ष 1999 में ओडिशा में आये महाचक्रवात के बाद अम्फान बंगाल की खाड़ी में यह ऐसा दूसरा चक्रवात है।
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नई दिल्ली : रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्णब गोस्वामी को प्राप्त दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने तीन सप्ताह के लिए बढ़ा दिया है। हालांकि कोर्ट ने केस को सीबीआई को सौंपे जाने की उनकी मांग को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज पहली एफआईआर को छोड़कर अन्य सभी को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि पत्रकारिता की आजादी बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी का मूल आधार है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एमआर शाह की बेंच ने गोस्वामी को शुरुआती प्राथमिकी निरस्त कराने के लिए कोर्ट ने उन्हें सक्षम अदालत जाने को कहा। पीठ ने प्रारंभिक प्राथमिकी, जो नागपुर में दर्ज हुई थी, के अलावा बाकी सभी प्राथमिकी रद्द करते हुए कहा कि पत्रकारिता की स्वतंत्रता अभिव्यक्ति और बोलने की आजादी का मूल आधार है। नागपुर में दर्ज प्राथमिकी शीर्ष अदालत ने अर्णब गोस्वामी पर कथित हमले की शिकायत के साथ संयुक्त जांच के लिए मुंबई स्थानांतरित कर दी थी। नागपुर के बाद अर्णब के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
पालघर में भीड़ द्वारा साधुओं की पीट-पीटकर हत्या के मामले पर एक समाचार शो में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ कथित अपमानजनक बयान को लेकर अर्णब के खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज कराई गई हैं। शीर्ष अदालत ने 11 मई को निर्देश दिया था कि मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज नई प्राथमिकी में गोस्वामी के खिलाफ कोई निरोधक कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। शीर्ष अदालत ने उनकी दोनों याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था।गोस्वामी ने शीर्ष न्यायालय में दावा किया था कि मुंबई पुलिस ने कथित मानहानि वाले बयानों के संबंध में दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में उनसे 12 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी और उनके खिलाफ मामले में जांच कर रहे दो अधिकारियों में से एक को कोविड-19 के संक्रमण की पुष्टि हुई है। महाराष्ट्र सरकार ने भी शीर्ष अदालत में आरोप लगाया कि गोस्वामी शीर्ष अदालत द्वारा प्राप्त संरक्षण का दुरुपयोग कर रहे हैं और पुलिस को धमका रहे हैं। गोस्वामी की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने सुनवाई के दौरान दलील दी थी कि पूरा मामला एक राजनीतक दल द्वारा एक पत्रकार को निशाना बनाने का है क्योंकि शिकायती एक पार्टी विशेष के सदस्य हैं। -
नोएडा। देश के बड़े मीडिया हाउस ZEE न्यूज के 28 कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए है। 28 कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद ऑफिस, न्यूज़ रूम और स्टूडियों को सील कर दिया गया है। कंपनी की तरफ से जारी एक बयान में बताया गया है कि सभी जरूरी एहतियात बरती जा रही हैं। फिलहाल पूरा सेटअप कंपनी की दूसरी बिल्डिंग में किया गया है।
मीडिया हाउस के एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी की तरफ से जानकारी दी गई है कि 'वैश्विक महामारी अब जी मीडिया के लिए एक व्यक्तिगत कहानी बन गई है। पिछले शुक्रवार को, हमारे सहयोगियों में से एक को कोविड-19 से संक्रमित पाया गया। एक जिम्मेदार संगठन के रूप में, हमने उन सभी का सामूहिक परीक्षण शुरू किया, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस व्यक्ति के संपर्क में आए थे।'
बयान में कहा गया है, 'अब तक हमारी टीम के 28 साथियों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। सौभाग्य से, उनमें से अधिकांश में लक्षण नहीं दिख रहे हैं और उन्हें किसी भी तरह की असुविधा की शिकायत नहीं है। हमारा विश्वास है कि ऐसा जल्दी निदान और सक्रिय हस्तक्षेप के चलते हुए है।'
उन्होंने आगे कहा कि हमारे ऑफिस, न्यूज़रूम और स्टूडियो को सैनिटाइजेशन के लिए सील कर दिया गया है। जी न्यूज की टीम कुछ समय के लिए वैकल्पिक सुविधा में शिफ्ट हो गई है। बाकी कर्मचारियों का परीक्षण जारी रहेगा। ICMR ने भी अपने परीक्षण मानदंडों को शिथिल कर लक्षण न दिखने वाले व्यक्तियों का परीक्षण करने की अनुमति दे दी है जो कि कोविड -19 पॉजिटिव और रोग के वाहक हो सकते हैं। बता दें कि Zee Media Corporation Ltd के 2,500 कर्मचारी हैं, जो निजी क्षेत्र में सबसे ज्यादा हैं। बयान में कहा गया है, "हम उनमें से हर एक की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।' -
कर्नाटक सरकार ने लॉकडाउन 4 को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने राज्य में सरकारी और प्राइवेट बसों के संचालन की अनुमति दे दी है। सोमवार को राज्य के लिए गाइडलाइंस जारी करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कंटेनमेंट जोन्स में लॉकडाउन का सख्ती से पालन किया जाएगा। लेकिन दूसरे इलाकों में आर्थिक गतिविधियों की छूट होगी। रविवार को पूरी तरह लॉकडाउन रहेगा। होम क्वारंटाइन का सख्ती से पालन कराया जाएगा।
राज्य में सभी दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई है। साथ ही राज्य के भीतर सभी ट्रेनों के संचालन को भी सहमति दी है। उन्होंने कहा है कि गुजरात महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु से लोगों को 31 मार्च तक राज्य में आने की इजाजत नहीं देंगे। देश में कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन को 31 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से लॉकडाउन 4.0 के जारी गाइडलाइंस में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए 31 मई तक और रियायतें दी गई हैं, जिनमें मॉल को छोड़ कर बाजारों में नाई की दुकानों, सैलून और स्पा समेत अन्य दुकानों को अलग-अलग समय पर खोलने की अनुमति दी गई है।
ई-कॉमर्स कंपनियों को भी सभी वस्तुओं की घरों तक आपूर्ति की अनुमति दे दी गई है, जिनमें वे वस्तुएं भी शामिल हैं जो आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में नहीं आतीं। हालांकि, गृह मंत्रालय ने कहा कि रात में कर्फ्यू जारी रहेगा, जिसका मतलब है कि शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक गैर-जरूरी यात्राएं प्रतिबंधित रहेंगी और अधिकारी इनका अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक 31 मई तक देश भर में मेट्रो रेल सेवा, स्कूल, कॉलेज, होटल, रेस्तरां, सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, स्वीमिंग पूल, जिम आदि बंद रहेंगे। इस अवधि में सभी सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक रहेगी। साथ ही, सभी प्रार्थना और धार्मिक स्थल बंद रहेंगे। -
नई दिल्ली: चक्रवाती तूफान अम्फान विकराल रुप ले सकता है. दिल्ली मौसम विभाग के डायरेक्टर जनरल मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि अम्फान 12 घंटों में एक सुपर चक्रवात में बदलेगा. ये अभी उत्तर-उत्तर पूर्व दिशा में गति करेगा. 20 तारीख की दोपहर या शाम को ये दीघा/हातिया द्वीपों को बीच से पार करेगा. इस दौरान इसकी गति 155-165km/hr और गंभीर होने पर 185km/hr हो सकती है. वहीं कोलकाता के मौसम विज्ञान केंद्र ने आशंका जताई है कि चक्रवाती तूफान अम्फान रविवार को बंगाल की खाड़ी के ऊपर भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है जिससे ओडिशा तथा पश्चिम बंगाल के कई तटीय जिलों में तेज रफ्तार हवाओं के साथ भारी बारिश हो सकती है.
तूफान का केंद्र ओडिशा के पारादीप से 980 किलोमीटर दक्षिण में, पश्चिम बंगाल के दीघा से 1,130 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में और बांग्लादेश के खेपूपारा से 1250 किलोमीटर दूर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में स्थित है. यह अगले 12 घंटे में एक बहुत भीषण चक्रवाती तूफान में बदल सकता है और अगले 24 घंटे में धीरे-धीरे उत्तर की ओर बढ़ सकता है. भुवनेश्वर में मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एच आर बिश्वास के अनुसार इसके बाद यह तूफान मुड़कर उत्तर-उत्तर पूर्व की ओर बढ़ सकता है तथा उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी में रफ्तार पकड़ते हुए 20 मई की दोपहर और शाम के बीच में पश्चिम बंगाल में सागर द्वीपसमूह और बांग्लादेश के हतिया द्वीपसमूह के बीच पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटीय क्षेत्रों से गुजर सकता है.
दास ने बताया कि इसके प्रभाव में उत्तर और दक्षिण 24 परगना, कोलकाता, पूर्व तथा पश्चिम मिदनापुर, हावड़ा तथा हुगली समेत पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में 19 मई को अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है और कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है. उन्होंने कहा कि 20 मई को पश्चिम बंगाल के उस क्षेत्र के अनेक जिलों में बारिश की संभावना है जहां से गंगा नदी बहती है। उत्तर और दक्षिण 24 परगना तथा पूर्वी मिदनापुर जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है. मौसम केंद्र के अनुसार सोमवार से ओडिशा में अम्फान के कारण गजपति, गंजाम, पुरी, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा जिलों में भारी बारिश की संभावना है, वहीं अन्य तटीय क्षेत्रों में मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है.
मंगलवार और बुधवार को तटीय ओडिशा में अधिकतर स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश या गरज के साथ पानी गिरने की संभावना है, वहीं तटीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश भी हो सकती है. उसने बताया कि 20 और 21 मई को बालासोर, भद्रक, मयूरभंज और क्योंझर जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश के आसार हैं। -
नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को पहली बार सरकार की ओर से घोषित किए गए 20 लाख करोड़ के पैकेज पर अपनी राय रखी। पत्रकारों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल ने कहा कि इस आर्थिक राहत पैकेज के बारे में प्रधानमंत्री को फिर से विचार करना चाहिए और पैसे सीधे लोगों के हाथों में रखा जाना चाहिए। राहुल ने कहा कि सरकार को विदेशी क्रेडिट एजेंसियों की रेटिंग की परवाह नहीं करनी चाहिए, बल्कि पहले देश के हालात बेहतर करने की कोशिश करनी चाहिए। यह राहुल की लॉकडाउन के बाद से तीसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस थी। इस बार उन्होंने खास तौर पर अलग-अलग स्थानीय पत्रकारों के सवाल लिए।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, “आज हमारे लोगों को पैसे की जरूरत है। प्रधानमंत्री को इस पैकेज के बारे में दोबारा सोचना चाहिए। मोदीजी आपको डायरेक्ट कैश ट्रांसफर के बारे में विचार करना चाहिए। मनरेगा में काम के दिनों को 200 दिन करने और उनके हाथों में पैसे पहुंचाने के बारे में सोचना होगा, क्योंकि वे ही भारत का भविष्य हैं।” राहुल ने आगे कहा, “इस समय जरूरत है कि पैसा लोगों की जेब में पहुंचाया जाए, ताकि डिमांड बढ़ाई जा सके और लोगों को इस वक्त लोन की जरूरत न पड़े। जब कोई बच्चा परेशान होता है, तो मां उसे कोई लोन नहीं देती, बल्कि सीधे राहत पहुंचाती है। इस वक्त जरूरत है कि उन्हें पैसे दिए जाएं।”
कांग्रेस नेता ने लॉकडाउन पर भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन सिर्फ एक पॉज बटन है। इस दौरान लोगों को बीमारी से बचाने के लिए सबसे ज्यादा सुरक्षा पहुंचाने और उनकी सबसे ज्यादा चिंता करने की जरूरत है। राहुल ने कांग्रेस के घोषणापत्र में रखी गई न्याय योजना का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इसे अस्थायी तौर पर राहत देनने के लिए लागू किया जा सकता है। इससे परेशानी में पड़े लोगों को उबारा जा सकेगा और डिमांड बढ़ाई जा सकेगी। -
उत्तर प्रदेश के औरैया में शनिवार तड़के हाईवे पर भीषण सड़क हादसा हो गया। इस सड़क दुर्घटना में 24 मजदूरों प्रवासी की मौत हो गई, जबकी करीब 37 लोग घायल हो गए। घटना के बाद घायलों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।। ये सभी मजदूर राजस्थान से आ रहे थे और बिहार-झारखंड जा रहे थे।
जानकारी के मुताबिक, आटों की बोरियों से भरे इस ट्रक में प्रवासी मजदूर सवार थे। हादसा सुबह 3 बजे के करीब हुआ, जब यह ट्रक, ढाबे के बाहर खड़े दूसरे ट्रक से जा टकराया। इस घटना के बाद सामने आई एक तस्वीर में मजदूरों के सामान के ढेर को भी देखा जा सकता है। बता दें कि, लॉकडाउन के बीच देश के अलग-अलग राज्यों से प्रवासी मजदूरों का पैंदल और ट्रकों के जरिए अपने घर के लिए सफर जारी है। इस बीच, प्रवासी मजदूरों के साथ लगातार सड़के हादसे की ख़बरें भी सामने आती रही हैं।
मामले की जानकारी मिलने के बाद प्रशासनिक अमले के भी होश फाख्ता हो गए हैं। आनन-फानन पुलिस टीम मौके पर पहुंची और राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया है। ओरैया की सीएमओ अर्चना श्रीवास्तव ने बताया कि इस हादसे में 24 लोगों की मौत हुई है। 22 घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है और 15 गंभीर रूप से घायलों को सेफैई पीजीआई रेफर किया गया है। ये लोग राजस्थान से बिहार और झारखंड जा रहे थे। -
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कदाचार के आधार पर गुजरात के कानून मंत्री भूपेन्द्र सिंह चुडास्मा का निर्वाचन रद्द करने के गुजरात हाई कोर्ट के फैसले पर शुक्रवार को रोक लगा दी। बता दें कि, हाई कोर्ट ने गड़बड़ी के आरोप में गुजरात की धोलका सीट पर चुनाव रद कर दिया था। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने चूडास्मा की अपील पर वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुए गुजरात हाई कोर्ट के 12 मई के आदेश पर रोक लगाई। इसके साथ ही पीठ ने चूडास्मा के प्रतिद्वन्दी कांग्रेस के अश्विन राठौड़ तथा अन्य को इस अपील पर नोटिस जारी किए।
भूपेन्द्र सिंह चुडास्मा 2017 के विधान सभा चुनाव में ढोलकिया सीट से 327 सीटों से विजयी घोषित किए गए थे। वह इस समय गुजरात की विजय रूपाणी सरकार में कानून मंत्री हैं। हाई कोर्ट ने अश्विन राठौड़ की याचिका पर 12 मई को चूडास्मा का निर्वाचन कदाचार के आधार पर रद्द कर दिया था। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि निर्वाचन आयोग ने मतगणना के दौरान डाक से मिले 429 मतों को गलत तरीके से अस्वीकार किया था। बता दें कि, भूपेंद्र चूडास्मा ने चुनाव रद करने के हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी और साथ ही फैसले पर अंतरिम रोक मांगी थी। हाई कोर्ट ने चुनाव में गड़बड़ी के आरोप पर चुनाव रद दिया था। -
नई दिल्ली : ब्रिटिश ब्रॉडकॉस्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) हिंदी के रिपोर्टर सलमान रवि की रिपोर्टिंग का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, उनके इस वीडियो की लोग भी जमकर तारीफ कर रहे हैं। दरअसल, बीबीसी के रिपोर्टर सलमान रवि ने रिपोर्टिंग के दौरान नंगे पैर जा रहे एक प्रवासी मजदूर को अपना जूता दे दिया, उनके इस सराहनीय कार्य ने लोगों का दिल जीत लिया।बता दें कि, कोरोना वायरस के चलते लागू किए गए लॉकडाउन ने लाखों मजदूरों से उनकी रोजी-रोटी छीन ली, अब ऐसी स्थिति में वे सभी मजदूर अपने गृह जनपद और अपने गांवों की तरफ पलायन करने को मजबूर हैं। लॉकडाउन के बीच देश के अलग-अलग राज्यों से प्रवासी मजदूरों का पैंदल और ट्रकों के जरिए अपने घर के लिए सफर जारी है। कई लोग ऐसे मजदूरों की मदद करने के लिए आगे भी आ रहे हैं। इस बीच, मीडियाकर्मी और इन मजदूरों से जुड़ा हुआ एक ऐसा वीडियो सामने आया जिसने सभी को भावुक करने के साथ परिस्थिति की संवेदनशीलता को भी समझा दिया।दरअसल, बीबीसी हिंदी के रिपोर्टर सलमान रवि इस मज़दूरों से बातचीत कर स्थिति समझ रहे थे, तभी उन्हें उन मजदूरों में से एक नंगे पैर था। सलमान द्वारा पूछे जाने पर उस मजदूर ने बताया कि उसकी चप्पल टूट गई है, बस इतना सुनते ही फौरन ही सलमान ने अपने जूते उस मजदूर को दे दिए और खुद नंगे पैर होकर मजदूरों से उनकी स्थिति जानने लगे। सलमान के इस काम की हर कोई तारीफ कर रहा है। सलमान रवि पिछले कई सालों से बीबीसी हिंदी के रिपोर्टर हैं।गौरतलब है कि, सरकार श्रमिक विशेष ट्रेनें जरूर चला रही है लेकिन बड़ी संख्या में मज़दूरों को वो सुविधाजनक नहीं मिल पा रही हैं, क्योंकि ये ट्रेनें राज्यों के अनुरोध पर चलाई जा रही हैं और निश्चित स्टेशनों पर ही पहुंच रही हैं।वीडियो के लिए लिंक क्लिक करें : https://twitter.com/TV24India/status/1260970319956848640साभार : jantakareporter