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नई दिल्ली। कोरोना महामारी के कारण दिल्ली एनसीआर के कई इलाके में अलग-अलग तरह की पाबंदियां जारी हैं। जिसके चलते लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गुरुवार को दिल्ली -एनसीआर में विभिन्न सीमाओं पर लगाई गई पाबंदियों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी कर कहा कि, एक पास जारी हो जो हरियाणा, यूपी और दिल्ली में मान्य हो। राज्य एक हफ्ते के भीतर इसको लेकर नीति तैयार करें। इसके लिए तीनो राज्यों की बैठक कराई जाए।
दिल्ली एनसीआर में लोगों को आवाजाही में हो रही दिक्कत को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। गुरुवार को इस पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च अदातल ने कहा कि, एनसीआर क्षेत्र में आवाजाही के लिए एक कॉमन पोर्टल बनाया जाए। इसके लिए सभी स्टेक होल्डर मीटिंग करें और एनसीआर क्षेत्र के लिए कॉमन पास जारी करें, जिससे एक ही पास से पूरे एनसीआर में आवाजाही हो सके।
कोर्ट ने केंद्र से इसपर एक हफ्ते में समाधान निकालने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के साथ मिलकर इसका समाधान निकाले। हालांकि सुनवाई के दौरान हरियाणा ने कहा कि उसकी ओर से सभी प्रतिबंध हटा लिए गए हैं। वहीं सॉलिस्टर जनरल ने कोर्ट को आश्वसन देते हुए कहा है कि वो इसके लिए केंद्र सरकार से निर्देश लेंगे ताकि एक समान नीति हो और लोगों को परेशानी ना हो। इसे लेकर जल्द ही बैठक की जाएगी।
बता दें कि, 8 जून तक दिल्ली बॉर्डर सील कर दिया गया है। यूपी बॉर्डर पहले से ही सील है। सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि, दिल्ली बॉर्डर अब एक हफ्ते के लिए सील किए जा रहे हैं। उन्होंने इस कदम के पीछे तर्क दिया कि जिस तरह से कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं उसको देखते हुए यह फैसला लिया जा रहा है।
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मुंबई : चक्रवाती तूफान निसर्ग महाराष्ट्र के तटीय इलाकों से टकरा गया है. निसर्ग तूफान मुंबई में अलीबाग के तट से टकराया है. मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवाती तूफान करीब 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से टकराया है. मुंबई के ज्यादातर इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है. मुंबई और गुजरात के ज्यादातर इलाकों में रेड अलर्ट जारी है. महाराष्ट्र के रत्नागिरी इलाके में समंदर में ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही हैं. चक्रवात निसर्ग का असर से उठ रही लहरें इतनी ऊंची हैं कि समंदर किनारे बंधे जहाज हिल रहे हैं. बता दें कि तूफान के टकराने से पहले मौसम विभाग ने मुंबई में हाई टाइड के आने की आशंका जताई.
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नई दिल्ली : चक्रवाती तूफान निसर्ग आज दोपहर तक मुंबई और आसपास के तटीय इलाकों में दस्तक देगा। मौसम विभाग के ताजा अपडेट के मुताबिक, फिलहाल तटों के आसपास तेज हवाएं चल रही हैं।
सुबह साढ़े आठ बजे रत्नागिरी में 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। 55-65 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रही हवाएं कोंकण तट की ओर बढ़ रही हैं और ये इस दौरान तफ्तार बढ़ा रही हैं। आशंका है कि चक्रवात के दस्तक देने के वक्त 100 से 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। IMD के मुताबिक, मुंबई के बीएमसी वाले इलाके में ‘प्राकृतिक’ चक्रवात/बारिश के साथ तेज हवा चलने की आशंका है। इसी बीच, गोवा में भी बारिश के साथ तेज हवाएं चल रही हैं और कुछ तटीय इलाकों में पानी उफना रहा है।
मुंबई में IMD की वैज्ञानिक शुभांगी भुटे के मुताबिक, साइक्लोन निसर्ग बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान बन चुका है और यह मुंबई से 200 किलोमीटर दूर है। यह रायगढ़ जिले में अलीबाग की ओर बढ़ रहा है। दोपहर एक से तीन बजे के बीच ये यहां से गुजरेगा। -
नई दिल्ली: बॉम्बे हाईकोर्ट ने पीएम केयर्स फंड के संबंध में सूचनाएं सार्वजनिक करने और इसका कैग से ऑडिट कराने की मांग वाली याचिका पर मंगलवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया. जस्टिस सुनील बी. शुक्रे और अनिल ए. किलोर की नागपुर पीठ ने वकील अरविंद वाघमरे की याचिका पर सुनवाई की और केंद्र को निर्देश दिया कि वे अपने जवाब में हलफनामा दायर करें और अपनी स्थिति स्पष्ट करें. लाइव लॉ के मुताबिक एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने पीठ से कहा कि ये याचिका खारिज कर दी जानी चाहिए क्योंकि ऐसी ही एक याचिका को अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था.
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने पीएम केयर्स फंड की वैधता को चुनौती देने वाले दो अलग-अलग याचिकाओं को खारिज कर दिया था. हालांकि पीठ ने कहा कि इस याचिका में अलग मुद्दा उठाया गया है और ये सुप्रीम कोर्ट वाले मामले से अलग है. हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को दो हफ्ते के भीतर हलफनामा दायर कर अपना जवाब देने को कहा है. याचिका में कहा गया है कि 28 मार्च को पीएम केयर्स का गठन किया गया था और पहले हफ्ते में ही इसमें 6,500 करोड़ रुपये इकट्ठा हो गए थे. लेकिन अभी तक इससे संबंधित कोई भी आंकड़ा सार्वजनिक नहीं किया गया है.
कोरोना महामारी से लड़ने के नाम पर आम जनता से आर्थिक मदद प्राप्त के लिए भारत सरकार ने पीएम केयर्स फंड नाम एक पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट बनाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके अध्यक्ष हैं और गृह मंत्री, रक्षा मंत्री और वित्त मंत्री इसके सदस्य हैं. याचिका में आगे कहा गया कि पीएम केयर्स फंड की गाइडलाइन के अनुसार अध्यक्ष और तीन अन्य ट्रस्टी के अलावा अध्यक्ष को तीन और ट्रस्टी को नॉमिनेट करना होता है लेकिन 28 मार्च से अब तक में कोई नियुक्ति नहीं की गई है. याचिकाकर्ता ने कोर्ट से ये निर्देश देने की मांग की है कि इस ट्रस्ट में विपक्षी दलों के कम से कम दो लोगों की नियुक्ति की जाए ताकि फंड की पारदर्शिता बनी रहे. इसके अलावा यह भी मांग की गई है कि सरकार के अनुसार किसी स्वतंत्र ऑडिटर के बजाय पीएम केयर्स फंड की ऑडिटिंग कैग करे.
मालूम हो कि केंद्र सरकार पीएम केयर्स फंड को लेकर उच्च स्तर की गोपनीयता बरत रही है और इसे लेकर दायर किए गए सूचना का अधिकार (आरटीआई) आवेदनों को इस आधार पर खारिज कर दिया जा रहा है कि पीएम केयर्स आरटीआई एक्ट, 2005 के तहत पब्लिक अथॉरिटी नहीं है.साभार : द वायर से (thewire) -
मीडिया रिपोर्ट
असम में एक दर्दनाक हादसा हुआ है। यहां के कई इलाकों में भूस्खलन के चलते 7 लोगों की मौत हो गई है। मृतक दक्षिणी असम के तीन अलग-अलग जिलों में तीन अलग-अलग परिवारों से हैं। जानकारी के मुताबिक लैंडस्लाइड की घटना करीमगंज, सिल्चर और हिलाकांडी में हुई है। मरने वालों में बच्चे भी शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब 50 से ज्यादा लोग बुरी तरह जख्मी हैं। फिलहाल बचाव दलों को घटनास्थल वाली जगहों पर भेज दिया गया है। आपको बता दें कि असम के कुछ हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से बारिश हो रही है। इससे 21 जिलों के कुल 9 लाख लोग प्रभावित हैं। प्रदेश के कुछ हिस्सों में बाढ़ का हालात हैं। कई जगह संपर्क नहीं हो पा रहा क्योंकि रास्ते बंद हो गए हैं। बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं बढ़ी हैं। -
दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार (1 जून) को सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक और यूट्यूब को एक हिंदी समाचार चैनल द्वारा डाले गए उस वीडियो को हटाने या उस तक पहुंच पर रोक लगाने का निर्देश दिया जिसमें आरोप लगाया है कि पतंजलि आयुर्वेद ने देश के हितों के विरूद्ध लाल चंदन की लकड़ियां बेचीं। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यायमूर्ति वी के राव ने अपने अंतरिम आदेश से इस समाचार चैनल को संबंधित वीडियो समेत कोई भी ऐसी खबर या समाचार प्रसारित, प्रकाशित करने या अपनी वेबसाइट पर डालने से रोक दिया जो जो झूठ, गुमराह करने वाला या पतंजलि आयुर्वेद की बदनामी करने वाला या उसकी साख बिगाड़ने वाला हो।
उच्च न्यायालय ने कहा कि पतजंलि की ओर से इस समाचार चैनल पर अंकुश लगाने के अनुरोध का प्रथम दृष्टया मामला बनता है और ऐसे में अगली सुनवाई की तारीख 17 सितंबर तक उस पर यह रोक रहेगी। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ इसके अलावा मैं यह निर्देश देना उपयुक्त समझता हूं कि फेसबुक और यूट्यूब यूआरएल को हटा लें या उसे देखने से रोके जिसमें मानहानिकारक वीडियो है।…..’’ न्यायालय का यह आदेश पतंजलि की उस याचिका पर आया है जिसमें दावा किया है कि इस मानहानिकारक वीडियो में गंभीर आरोप लगाये गये हैं कि उसने देशहित के विरूद्ध लाल चंदन की लकड़ियां बेचीं।
पतंजलि ने कहा कि इस खबर, वीडियो, पोस्ट में 16 सितंबर, 2019 को सीमाशुल्क प्रशासन द्वारा जारी आदेश का संज्ञान नहीं लिया गया जिसमें 17 फरवरी, 2018 को जब्त की गयी लाल चंदन की लकड़ियों के संबंध में सभी कार्यवाही बंद कर दी गयी थी। ये लकड़ियां चीन निर्यात की जा रही थीं। उसने यह भी कहा कि सीमाशुल्क अधिकारियों ने जब्त लालचंदन की लकड़ियां छोड़ देने और उसे निर्यात करने की भी अनुमति दी। -
नई दिल्ली: दिल्ली का बॉर्डर अरविंद केजरीवाल सरकार ने आज से एक हफ़्ते के लिए बंद कर दिया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसका एलान किया है. हालांकि ज़रूरी सेवाओं के लिए बॉर्डर खुला रहेगा. केजरीवाल ने लोगों से सुझाव मांगे हैं कि दिल्ली का बॉर्डर खोला जाए या नहीं. शुक्रवार तक लोगों से सुझाव देने को कहा गया है.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ''अभी तक दिल्ली में जितनी सेवाएं शुरू हो गई थीं उसके अलावा बार्बर, सलून की दुकानें खुलेंगी जबकि स्पा अभी नहीं खोला जाएगा. ऑटो-रिक्शा में एक सवारी पर से प्रतिबंध हटाया जा रहा है. पहले दुपहिया और चार पहिया गाड़ियों पर जो सवारियों पर प्रतिबंध था वो भी हटाया जा रहा है.'' उन्होंने कहा कि ''हम बाजारों में दुकानें खोलने के लिए ऑड-ईवन नियम का पालन कर रहे थे लेकिन केंद्र सरकार ने ऐसा कोई नियम नहीं बताया है इसलिए अब से सभी दुकानें खुल सकती हैं.''
सीएम केजरीवाल ने कहा कि ''दिल्ली सरकार को एक महत्वपूर्ण विषय पर आपकी राय चाहिए. क्या दिल्ली के बॉर्डर खोल दिए जाए? और क्या दिल्ली के अस्पतालों को देश से आने वाले सभी लोगों के लिए खोला जाए? आपके सुझाव शुक्रवार तक व्हाट्सअप, ईमेल या वॉइस मेल के जरिये हमें भेज सकते है.'' केजरीवाल ने कहा कि ''अपने सुझाव शुक्रवार शाम 5 बजे तक ईमेल: [email protected], व्हाट्सअप: 8800007722 वॉइसमेल: 1031 पर भेज सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर आपके पास व्हाट्स एप नहीं है तो आप 1031 पर फोन करें, आपके सुझाव रिकॉर्ड कर लिए जाएंगे.'' -
महाराष्ट्र : देश में कोरोना वायरस के मामलों में दिन प्रतिदिन बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के रिकॉर्ड 8,380 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 193 मरीजों की कोरोना से मौत हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में अब तक कुल 1,82,143 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं देश में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 5166 तक जा पहुंचा है। इसमें 89,995 एक्टिव केस हैं, वहीं 86,984 मरीज ठीक हो चुके हैं। गृह मंत्रालय के ऐलान के बाद अब तक कई राज्यों ने अपने यहां लॉकडाउन को आगे बढ़ाया है। इसमें पंजाब, बंगाल, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु ऐसे राज्य शामिल हैं।महाराष्ट्र पुलिस में अब तक 2,416 संक्रमितमहाराष्ट्र पुलिस के मुताबिक राज्य में पिछले 24 घंटों में 91 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसको मिलाकर महाराष्ट्र में अब तक कुल 2,416 पुलिसकर्मी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। वहीं 26 की मौत हो चुकी है। फिलहाल 1421 मामले सक्रिय हैं।
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चेन्नई: मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक आदेश में बदलाव करते हुए तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता के भतीजे (दीपक) और भतीजी (दीपा) को उनकी करोड़ों की संपत्ति का वैध उत्तराधिकारी घोषित किया है. हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत बीते बुधवार दोनों दूसरी श्रेणी के कानूनी वारिस माने गए थे. अदालत ने राज्य सरकार से पूर्व मुख्यमंत्री के आवास (पायस गार्डन) को स्मारक बनाने के अपने फैसले पर भी पुनर्विचार करने को कहा है. अदालत का यह आदेश तमिलनाडु (Tamil Nadu) के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित द्वारा अध्यादेश जारी करने के बाद आया है.
एक टीवी चैनल ने दीपा से कि जयललिता क्यों कभी सार्वजनिक तौर पर उनके परिवार को सामने नहीं लाईं, इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री होने के बावजूद बुआ हमारे घर पर फोन करती थीं. दिवाली, पोंगल पर वो फोन करती थीं. ये सब सार्वजनिक नहीं था. हम एक परिवार के तौर पर साथ वक्त बिताते थे. वह इसलिए भी इसको सार्वजनिक नहीं करती थीं क्योंकि वह डरती थीं.' -
दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को निर्देश दिया है कि ऑटो रिक्शा, ई-रिक्शा और ग्रामीण सेवा के ड्राइवरों को 5 हजार रुपये का मुआवजा 10 दिन के भीतर दिया जाए. दरअसल, दिल्ली सरकार द्वारा 11 अप्रैल को एक स्कीम लॉन्च की गई थी जिसमें करोना की वजह से हुए नुकसान की भरपाई के लिए बतौर मुआवजा 5 हजार रुपये की रकम देने की दिल्ली सरकार की तरफ से घोषणा की गई थी.
दिल्ली हाई कोर्ट में एनजीओ 'नई सोसाइटी' की तरफ से ये याचिका लगाई गई थी. अर्जी में कहा गया था कि दिल्ली सरकार की इस स्कीम का फायदा सिर्फ उन्हीं ड्राइवरों को मिला जिनके पीवीसी (पब्लिक सर्विस व्हीकल) बैच में चिप लगा हुआ था. चिप होने पर ही ड्राइवरों को यह 5000 रुपये का मुआवजा दिया गया है. याचिकाकर्ता के वकील वरुण जैन ने कोर्ट को बताया कि बैच में चिप लगे होने की शर्त के कारण 50 फीसदी से भी कम ड्राइवरों को दिल्ली सरकार की तरफ से कोरोना मुआवजे के तौर पर 5 हजार रुपये दिए गए हैं.
हाई कोर्ट के निर्देश के बाद दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग ने अपनी वेबसाइट में बदलाव किया और जिनके पीवीसी बैच में चिप नहीं थी, उनके आवेदनों को भी स्वीकार किया. दिल्ली सरकार के मुताबिक अब तक 1,10,000 ड्राइवरों को 5 हजार रुपये की राशि सीधे उनके अकाउंट में ट्रांसफर कर दी गई है. लेकिन याचिकाकर्ता का कहना है कि पीवीसी बैच होल्डर की संख्या दिल्ली में दो लाख 83 हजार है. -
रायपुर : छत्तीसगढ़ के पूर्व व प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी का 74 साल की उम्र में 3.30 बजे निधन हो गया है बता दें कि अब से कुछ देर पहले खबर आई थी कि अजीत जोगी को गत 48 घंटे के अन्दर दूसरा कार्डियक अरेस्ट आया है 20 से ज्यादा दिनों से अजीत जोगी का इलाज अस्पताल में चल रहा था बताया जाता है कि 9 मई की सुबह उनकी हालत बिल्कुल सामान्य थी। सुबह के वक्त नाश्ते के बाद वे बंगले के बागीचे में बैठे थे। इस दौरान उन्होंने पेड से गिरे गंगा इमली के फल को खाया। फल का बीज उनके गले में फंस गया। इसके बाद वह बीज स्वांस नली में अटक गया। इस घटना के बाद जोगी कोमा में चले गए थे। अजीत जोगी का जन्म 29 अप्रैल 1946 में बिलासपुर के पेंड्रा में हुआ था. उनका पूरा नाम अजीत प्रमोद कुमार जोगी है. अजीत जोगी 1968 में UPSC में सफल हुए और IPS बने थे. दो साल बाद ही वे IAS बन गए. वो रायपुर, शहडोल और इंदौर में 14 साल तक कलेक्टर रहे हैं.
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अमरावती : आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस की जगनमोहन रेड्डी सरकार को हाई कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. राज्य निर्वाचन आयुक्त एन रमेश कुमार जिन्हे एक अध्यादेश जारी कर पद से हटा दिया गया था, कोर्ट ने उसे फिर से बहाल कर दिया है. इससे पहले आंध्र की जगनमोहन रेड्डी सरकार ने 'आंध्र प्रदेश पंचायत राज अधिनियम' में संशोधन करते हुए एसईसी यानी राज्य निर्वाचन आयुक्त के कार्यकाल को पांच साल से घटाकर तीन साल कर दिया था. नए संशोधन के तहत एन रमेश कुमार का कार्यकाल 10 अप्रैल 2020 को खत्म हो गया था. उनकी जगह रिटायर्ड जस्टिस वी कनगराज को राज्य का नया चुनाव आयुक्त (एसईसी) नियुक्त किया था.
दरअसल वाईएसआर कांग्रेस की सरकार और रमेश कुमार के बीच महीनों से एक विवाद चल रहा था. राज्य निर्वाचन आयुक्त रमेश कुमार ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने का हवाला देकर एहतियातन स्थानीय निकाय चुनाव को स्थगित करने को कहा था, जिसके बाद से ही विवाद बढ़ गया.
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार ने रमेश कुमार के फैसले पर नाराजगी जताई और उन पर विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया था. जिसके बाद एक अध्यादेश जारी कर आंध्र प्रदेश पंचायत राज अधिनियम, 1994 में संशोधन कर दिया. -
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि चीन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मूड ठीक नहीं है। लेकिन विदेश मंत्रालय के एक बयान ने उनके इस दावे का खंडन कर दिया है। मंत्रालय ने कहा है कि हाल-फिलहाल पीएम मोदी और ट्रंप के बीच कोई बात ही नहीं हुई है। दोनों नेताओं के बीच आखिरी बार चार अप्रैल को बात हुई थी और उस वार्ता का केंद्र बिंदु हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन था।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया है कि 'लद्दाख मुद्दे पर पीएम मोदी का मूड ठीक नहीं है।' विदेश मंत्रालय की तरफ से गुरुवार को कहा गया है, 'दोनों नेताओं के बीच आखिरी बार चार अप्रैल 2020 को बात हुई है और उनकी बातचीत का केंद्र बिंदु हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा था।' विदेश मंत्रालय की तरफ से ट्रंप की ओर से आए मध्यस्थता की पेशकश को भी खारिज कर दिया गया है। मंत्रालय ने कहा है कि चीन के साथ भारत लगातार संपर्क में है और स्थापित तंत्रों और राजनयिकों के जरिए बातचीत जारी है। आपको बता दें कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर इस समय तनाव की स्थिति बनी हुई है। दोनों देशों ने यहां पर जवानों की संख्या बढ़ा दी है और फिलहाल राजनयिक स्तर पर इस मसले को सुलझाने की कोशिशें जारी हैं।
राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, 'भारत और चीन के बीच एक बड़ा टकराव चल रहा है। मैं आपके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहुत पसंद करता हूं। वह एक महान और सज्जन इंसान है। भारत-चीन में बड़ा विवाद है। दोनों देशों के पास तकरीबन 1.4 अरब आबादी है। दोनों देशों की सेनाएं बहुत ही ताकतवर हैं। भारत खुश नहीं है और मुमकिन है कि चीन भी खुश नहीं है। ट्रंप से जब पूछा गया कि क्या भारत-चीन के बीच सीमा पर चल रही तनातनी से वह चिंतित हैं तो उन्होंने जवाब दिया, 'मैं आपको बता रहा हूं कि मैंने पीएम मोदी से इस बारे में बात की है। चीन के साथ जैसा चल रहा है, उसको लेकर वह अच्छे मूड में नहीं हैं।' -
दिल्ली : सरकारी योजनाओं के नाम पर लोगों को अक्सर ठगी का शिकार बनाया जाता रहा है। साइबर ठग सरकारी योजनाओं के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाते हैं और इसके जरिए लालच देकर लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं। ये फर्जी वेबसाइट कुछ इस तरह से डिजाइन की जाती है मानो जैसे ऑरिजनल ही हो। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वेबसाइट को आयुष्मान योजना की असली साइट बताकर फॉर्म भराए जा रहे हैं। इस वेबसाइट का लिंक ayushman-yojana.org है। सरकारी फैक्ट चेकर पीआईबी फैक्ट चेक ने एक ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी है। @PIBFactCheck नाम के ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर कहा गया है कि यह वेबसाइठ फर्जी है।वेबसाइट के जरिए कोरोना वायरस के नाम पर धोखाधड़ी को अंजाम दिया जा रहा है।
दरअसल इस वेबसाइट के जरिए लोगों से ये कहकर पैसा लिया जा रहा है कि जमा रकम का इस्तेमाल कोरोना महामारी के चलते परेशान लोगों की मदद के लिए किया जा रहा है। लोगों से यह कहकर पैसे मांगे जा रहे हैं कि वह जरूरतमंद परिवारों को इस रकम से खाना खिला रहे हैं।
यही नहीं वेबसाइट के जरिए आयुष्मान योजना के तहत नौकरी के लिए आवेदन भी मांगे जा रहे हैं। आवेदन फीस के रूप में 300 से 400 रुपये की ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए कहा जा रहा है। वेबसाइट में फॉर्मासिस्ट, नर्स, लैब असिस्टेंट, वार्ड ब्वॉय और आयुष मित्र डॉक्टर, एएनएम, जीएनएम आदि पदों पर वैकेंसी का दावा किया जा रहा है।
सच्चाई तो यह है कि आयुष्मान भारत योजना की ऑफिशियल साइट pmjay.gov.in है। ऐसे में साइबर ठगो इस योजना के नाम से मिलती जुलती वेबसाइट बनाकर सोशल मीडिया के जरिए लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। इस तरह की ठगी से बचने के लिए यूजर्स को हमेशा ऑरिजलन सोर्स पर जाकर जानकारी को चेक करना चाहिए। इसके अलावा बेसाइट के यूआरएल पर भी ध्यान देना चाहिए। वहीं यूजर्स तमाम योजनाओं के लिए जारी किए गए फोन नंबर और ई-मेल आईडी के जरिए भी जानकारी हासिल कर सकते हैं।
साभार : जनसत्ता से -
पुलवामा। गुरुवार को सेना, सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) और पुलवामा पुलिस को सही समय पर मिली इंटेलीजेंस और तुरंत लिए गए एक्शन की वजह से एक बड़ा आईईडी ब्लास्ट टल गया। कश्मीर जोन पुलिस की तरफ से गुरुवार की सुबह इस बात की जानकारी दी गई है। पुलिस को देर रात इंटेलीजेंस मिली थी कि आतंकी विस्फोटक से लदी कार के साथ पुलवामा की तरफ बढ़ रहे है।
इंटेलीजेंस मिलने के बाद पुलिस और सुरक्षाबलों की कई टीम के साथ पुलिस ने सभी संभावित रास्तों को कवर किया। सुरक्षाबल सड़क से अलग किसी सुरक्षित जगह पर थे। इसके बाद संदिग्धा वाहन आया और कुछ राउंड फायरिंग की गई। इसके बाद आतंकी कार को अंधेरे में छोड़कर भाग गए। गाड़ी की जांच में पता लगा कि गाड़ी की पिछली सीट पर ड्रम में भारी विस्फोटक था। आसपास के घरों से लोगों को निकाला गया और फिर बॉम्ब डिस्पोजल टीम ने गाड़ी को विस्फोट से उड़ा दिया। पुलिस के मुताबिक अगर गाड़ी को जरा भी मूव कराया जाता तो बड़ा ब्लास्ट हो सकता था। पुलवामा पुलिस ने बताया है कि गाड़ी पर जो नंबर प्लेट लगी है वह स्कूटर की है और यह कठुआ जिले में रजिस्टर है। -
नई दिल्ली। रेल मंत्रालय जिस तरह से केरल में ट्रेनों को भेज रहा है, उसपर केरल सरकार ने आपत्ति जाहिर की है। केरल सरकार ने इस बात को लेकर आपत्ति जाहिर की है कि रेलवे का ट्रेनों को प्रदेश में भेजने का तरीका सही नहीं है। बिना पूर्व जानकारी के ट्रेनों को भेजे जाने से प्रदेश में कोरोना वायरस को रोकने के प्रोटोकॉल का उल्लंघन होता है। बता दें कि केरल ने कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए काफी सक्षम काम किया है, जिसकी विदेशी मीडिया ने भी तारीफ की है। मंगलवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन ने इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। प्रदेश के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने आरोप लगाया है कि रेलवे केरल में कोरोना फैलाने के मामले में सुपर स्प्रेडर बनना चाहता है।
बता दें कि केरल में कोरोना के कुल 896 मामले थे। 72 लोग जो महाराष्ट्र से यहां आए हैं वो कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इसके अलावा 71 लोग तमिलनाडु और 36 लोग कर्नाटक से यहां आए हैं, वो भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। मंगलवार को केरल ने कोरोना के 67 नए मामले सामने आए हैं, जिसमे से 27 यहां के रहने वाले हैं, जबकि 33 लोग ऐसे हैं जो दूसरे राज्य से वापस लौटे हैं , 7 लोग इन लोगों के संपर्क में आने से संक्रमित हुए हैं। केरल के मुख्यमंत्री ने कहा कि केरल को इस बात में कोई आपत्ति नहीं है कि लोग अपने घर वापस आ रहे हैं। लेकिन पहले से जानकारी के अभाव में हमे दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, यह कोरोना के खिलाफ हमारे कार्यक्रम को नुकसान पहुंचा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी को लिखे अपने पत्र में पिनारयी विजयन ने कहा कि मुंबई से ट्रेन केरल बिना किसी पूर्व जानकारी के आई। यह हमारे सर्विलांस सिस्टम को नुकसान पहुंचाएगी। मैंने इस मसले को रेल मंत्रालय के सामने भी उठाया है। लेकिन इसके बाद एक और ट्रेन को बिना पूर्व जानकारी केरल भेजने के लिए तय कर लिया गया। यह हमारे कोरोना को रोकने की मुहिम को नुकसान पहुंचाएगी। वहीं इस बाबत प्रदेश के वित्त मंत्री ने ट्वीट कके लिखा है कि पिछले हफ्ते मुंबई से एक ट्रेन आई, हमे ट्रे्न पहुंचने के बाद जानकारी दी गई। बिना पूर्व जानकारी के ट्रेन को रोका गया। अधिकतर यात्रियों के पास कोई पास नहीं था। इस तरह की हरकत बंद होनी चाहिए। -
नई दिल्ली। कोरोना संकट में जब देशभर में लॉकडाउन है तो लाखों-करोड़ों प्रवासी मजदूर और गरीब अपने घर जाने के लिए मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। एक तरफ जहां सरकार इनके लिए पर्याप्त साधन मुहैया नहीं करा पा रही है ताकि ये अपने घर पहुंच पाए तो दूसरी तरफ फिल्म अभिनेता सोनू सूद इनके लिए वरदान साबित हो रहे है। सोनू सूद पिछले कई दिनों से लॉकडाउन में फंसे लोगों को उनके घर पहुंचाने में मदद करने की वजह से सुर्खियों में हैं। सोशल मीडिया पर ट्वीट के जरिए लोग उनसे मदद की गुहार लगा रहे हैं और सोनू सूद उन्हें कतई निराश नहीं कर रहे हैं। सोनू लगातार इन लोगों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं और सोशल मीडिया पर इन लोगों के संपर्क में बने हुए हैं। ऐसे में जिस तरह से सोनू सूद संकट की इस घड़ी में लोगों की मदद कर रहे हैं, उसकी वजह से उनकी जमकर तारीफ हो रही है।
सोनू को हर रोज लोग कई ट्वीट कर रहे हैं और मदद की गुहार लगा रहे हैं, ऐसे में सोनू सूद हर संभव इन लोगों की व्यक्तिगत तौर पर मदद करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब उन्होंने इनकी मदद के लिए एक टॉलफ्री नंबर साझा किया है। इस बाबत सोनू ने एक ट्वीट करके जानकारी दी है। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा, मेरे प्यारे श्रमिक भाइयों और बहनों. अगर आप मुंबई में है और अपने घर जाना चाहते हैं तो कृपया इस नंबर पर कॉल करें 18001213711 और बताएं आप कितने लोग हैं, अभी कहाँ पर हैं और कहां जाना चाहते हैं. मैं और मेरी टीम जो भी मदद कर पाएंगे हम जरूर करेंगे।
दिलचस्प बात ये है कि एक तरफ जहां सच में संकट में फंसे लोग सोनू को ट्वीट करके मदद की गुहार लगा रहे हैं तो कुछ ऐसे लोग भी जो अपनी गर्लफ्रैंड से मिलने, शराब के ठेके जाने के लिए भी सोनू से मदद की अपील कर रहे हैं। लेकिन सोनू इन लोगों को बेहद दिलचस्प अंदाज में जवाब दे रहे हैं। एक व्यक्ति ने ट्वीट करके लिखा कि भैया, एक बार गर्लफ़्रेंड से ही मिलवा दीजिए.. बिहार ही जाना है। जिसके जवाब में सोनू ने लिखा, थोड़े दिन दूर रह के देख ले भाई .. सच्चे प्यार की परीक्षा भी हो जाएगी। -
नई दिल्ली: विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस ला रहा एयर इंडिया फिलहाल बीच की सीट में यात्रियों को बैठा सकेगा. सुप्रीम कोर्ट ने आज स्वास्थ्य का खतरा पैदा करने वाले सरकारी सर्क्युलर पर कड़ी नाराजगी जताई. लेकिन विशेष परिस्थितियों के चलते 6 जून तक इस व्यवस्था को चलाने की इजाजत दे दी. ईद की छुट्टी के बावजूद आज सुप्रीम कोर्ट DGCA और एयर इंडिया की तरफ से दाखिल अर्जी पर सुनवाई के लिए विशेष रूप से बैठा. दोनों ने बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. हाई कोर्ट ने विदेश से भारतीयों को ले रही फ्लाइट में बीच की सीट खाली छोड़ने के लिए कहा था. हाई कोर्ट ने सभी सीटें भरने को स्वास्थ्य के लिहाज से खतरनाक और मार्च के महीने में जारी सरकारी नोटिफिकेशन के खिलाफ बताया था. हाई कोर्ट ने यह आदेश एयर इंडिया के एक पायलट देवेन कनानी की याचिका पर दिया था.
इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे एयर इंडिया की तरफ से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए. उन्होंने हाई कोर्ट के आदेश को व्यवहारिक रूप से गलत बताते हुए उस पर रोक की मांग की. यह भी कहा कि 22 मई को जारी नए नोटिफिकेशन में फ्लाइट में बीच की सीट खाली रखने की व्यवस्था खत्म कर दी गयी है. इस पर 3 जजों की बेंच ने कड़ी नाराजगी जताई. बेंच की अध्यक्षता कर रहे चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े ने कहा, “हमें हाई कोर्ट के आदेश में दखल देने की कोई ज़रूरत नहीं लगती। यह बिल्कुल उचित नहीं है कि बाहर तो लोग 6 फीट की दूरी रखें. लेकिन फ्लाइट में कंधे से कंधा सता कर बैठें. ऐसा लगता है कि आपको एयर इंडिया की वित्तीय सेहत की चिंता है, लोगों के स्वास्थ्य की नहीं.“
इस पर सॉलिसीटर जनरल ने मामले में अंतरिम राहत को जरूरी बताया. उन्होंने कहा, “इस वक्त नॉन शेड्यूल्ड फ्लाइट उड़ रही है. इनकी संख्या कम है. विदेश में फंसे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है. हाई कोर्ट के आदेश से अनिश्चितता फैल गई है. घर आने को बेचैन लोगों को लग रहा है कि उन्हें और लंबा इंतजार करना पड़ेगा. हमारी एक समस्या और है. टिकट बिक चुके हैं. अब हम उन यात्रियों को कैसे मना करें जिनकी सीट बीच की है? कई लोगों का टिकट परिवार के साथ है. एक सदस्य को पीछे कैसे छोड़ा जा सकता है?” जजों ने इस तरह की स्थिति पैदा करने के लिए DGCA की खिंचाई की. लेकिन यह स्वीकार किया कि अगर मौजूदा हालात में हाई कोर्ट का आदेश लागू हुआ तो पहले से परेशान लोगों की दिक्कत और बढ़ जाएगी. टिकट बिक जाने का हवाला देते हुए कोर्ट ने 6 जून तक बीच की सीट में यात्रियों को बैठाने की अनुमति दे दी.
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में इससे ज़्यादा दखल देने से मना करते हुए उसे वापस बॉम्बे हाई कोर्ट भेज दिया और कहा कि 2 जून को होने वाली अगली सुनवाई में हाई कोर्ट सभी पक्षों को सुनने के बाद उचित आदेश पारित करे. कोई भी कदम उठाते वक्त लोगों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाए.