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Covid-19 Vaccination : केंद्रीय स्वास्थ्य अपर सचिव ने चिट्ठी में स्पष्ट किया है कि किन-किन परिस्थितियों में किन-किन लोगों को टीका नहीं लगाना है. इसके अलावा दूसरा टीका दूसरी कंपनी का लगाया जा सकता है या नहीं?
नई दिल्ली: देशभर में 16 जनवरी से कोरोना वायरस (Coronavirus) का टीकाकरण (Vaccination) शुरू होने जा रहा है. शुरुआत में हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीके लगाए जाने हैं. उससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य अपर सचिव डॉ. मनोहर अगनानी ने सभी राज्यों के प्रमुख स्वास्थ्य सचिवों को पत्र लिखकर टीकाकरण के दौरान सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य अपर सचिव ने चिट्ठी में स्पष्ट किया है कि किन-किन परिस्थितियों में किन-किन लोगों को टीका नहीं लगाना है. इसके अलावा दूसरी खुराक का टीका दूसरी कंपनी का लगाया जा सकता है या नहीं?
आइए जानते हैं, ऐसे ही सवालों के जवाब, जो केंद्रीय स्वास्थ्य अपर सचिव ने अपनी चिट्ठी में राज्यों को भेजे हैं-
प्रश्न: क्या 18 साल से कम उम्र के व्यक्ति को टीका लगाया जा सकता है?उत्तर: EUA और कोविड-19 टीकाकरण नियम के अनुसार केवल 18 साल से ऊपर उम्र के ही लोगों को कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाई जी सकती है.
प्रश्न- दूसरा टीका कब लगाया जा सकता है?उत्तर- अगर जरूरी हुआ तो कोविड-19 और दूसरी वैक्सीन 14 दिनों के अंतराल पर ही लगाई जा सकेगी.
प्रश्न- क्या दूसरी खुराक में दूसरी कंपनी की वैक्सीन लगवा सकते हैं?उत्तर- नहीं. दूसरे खुराक में दूसरी कंपनी की कोविड-19 वैक्सीन नहीं लगवा सकते. यानी पहली बार आपको कोवैक्सीन लगी है तो 14 दिनों के बाद दूसरी डोज में भी आपको केवैक्सीन का ही टीका लगेगा.
प्रश्न- क्या गर्भवती महिलाएं या स्तनपान करानेवाली महिलाओं को वैक्सीन लगाया जा सकता है?उत्तर- नहीं. मंत्रालय से प्राप्त दिशा-निर्देश के मुताबिक ऐसी महिलाएं जो 18 साल से ऊपर उम्र की हों और गर्भवती हों या बच्चे को दूध पिला रही हों, उन्हें अभी कोरोना वायरस की वैक्सीन नहीं लगाई जा सकती है.
प्रश्न- क्या SARS-CoV-2 इन्फेक्शन से ग्रसित लोगों को टीका लगाया जा सकता है?उत्तर- जिन लोगों में SARS-CoV-2 इन्फेक्शन की लक्षण मौजूद हैं या इससे ग्रसित रहे जिन लोगों को प्लाजमा थेरेपी दी गई हो, ऐसे लोगों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दिए जाने के 4 से 8 हफ्ते के बाद ही ये टीका लगाया जा सकता है. -
नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस (COVID-19) के मामलों में गिरवाट जारी है। पिछले कुछ दिनों से लगातार 20 हजार से कम मामले सामने आ रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आज सुबह आठ बजे जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में कुल 15 हजार 590 नए मामले सामने आए। वहीं 15 हजार 975 मरीज ठीक हुए। इस दौरान 191 लोगों की मौत हो गई। इस दौरान सात लाख 30 हजार 096 सैंपल टेस्ट हुए।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में अब तक कुल कोरोना के एक करोड़ पांच लाख 27 हजार 683 मामले सामने आ गए हैं।
वहीं एक्टिव केस दो लाख 13 हजार 027 हो गया है, जो कुल मामलों का 2.03 फीसद है। एक करोड़ एक लाख 62 हजार 738 मरीज अब तक कोरोना को हरा चुके हैं।
अब तक 96.52 फीसद मरीज ठीक हो चुके हैं। इसके अलावा एक लाख 51 हजार 918 लोगों की मौत हो गई है। डेथ रेट 1.44 फीसद है। कुल अब तक 18 करोड़ 49 लाख 62 हजार 401 सैंपल टेस्ट हो गए हैं। -
तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के विरोध-प्रदर्शन का आज 50वां दिन है. इस बीच किसानों ने लोहड़ी नहीं मनाई. दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बुधवार को लोहड़ी के मौके पर प्रदर्शन स्थलों पर नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं.
नई दिल्ली : तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के विरोध-प्रदर्शन का आज 50वां दिन है. इस बीच किसानों ने लोहड़ी नहीं मनाई. दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बुधवार को लोहड़ी के मौके पर प्रदर्शन स्थलों पर नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं.. वसंत की शुरुआत में पंजाब, हरियाणा समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन लोग लकड़ियां इकट्ठा करके जलाते हैं और सुख एवं समृद्धि की कामना करते हैं लेकिन इस बार पंजाब-हरियाणा के कई हिस्सों में लोहड़ी नहीं मनाई गई. 15 जनवरी को किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच नौवें दौर की वार्ता प्रस्तावित है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा कमेटी गठन करने और उसके विरोध के बीच इस वार्ता पर सस्पेंस बना हुआ है.
1. किसान नेता आज सिंधु बॉर्डर पर मीटिंग करने वाले हैं. इसमें किसान आंदोलन को तेज करने को लेकर रणनीति बनाने वाले हैं. इसके साथ ही गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड को लेकर भी सरगर्मियां तेज हो गई हैं.
2. इस बीच, किसानों ने लोहड़ी नहीं मनाई. दिल्ली-हरियाणा सीमा पर कतार में लकड़ियां एकत्र कर जलाई गईं और उसके चारों तरफ घूमते हुए किसानों ने नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं. इस दौरान प्रदर्शनकारी किसानों ने नारे लगाए, गीत गाए और अपने आंदोलन की जीत की प्रार्थना की.
3. संयुक्त किसान मोर्चा के परमजीत सिंह ने कहा कि अकेले सिंघू बॉर्डर पर ही कृषि कानूनों की एक लाख प्रतियां जलाई गईं. हरियाणा के करनाल जिले से आए 65 वर्षीय गुरप्रीत सिंह संधू ने कहा, ''उत्सव इंतजार कर सकते हैं. केंद्र की ओर से जिस दिन इन काले कानूनों को वापस लेने की हमारी मांग को मान लिया जाएगा, हम उसी दिन सभी त्योहारों को मनाएंगे.''
4. 15 जनवरी को केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच होने वाली बैठक पर फिलहाल असमंजस की स्थिति बनी हुई है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार में इस बात पर मंथन चल रहा है कि प्रस्तावित बैठक करवाई जाए या नहीं. किसान आंदोलन खत्म कराने के लिए 8 जनवरी को सरकार और किसानों के बीच आठवें दौर की मीटिंग में ये तय हुआ था कि अगली दौर की बातचीत 15 जनवरी को होगी लेकिन इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने मामले में कमिटी बनाने का आदेश देकर सरकार के लिए असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है.
5. नौवें दौर की वार्ता से पहले सरकार कानूनी राय ले रही है. बुधवार को केंद्र सरकार के अफसरों और वरिष्ठ वकीलों के बीच इस पर चर्चा हुई है. वकीलों की सलाह और सभी कानूनी पहलुओं पर विचार के बाद ही सरकार अब मामले में अंतिम फैसला लेगी.
6. कृषि राज्य मंत्री पुरषोत्तम रूपाला ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के साथ सरकार वार्ता जारी रखने के पक्ष में है क्योंकि केंद्र का मानना है कि वार्ता के जरिए ही कोई समाधान निकल सकता है. उल्लेखनीय है कि सरकार और तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के एक समूह के साथ आठ दौर की वार्ता संकट का समाधान कर पाने में अब तक नाकाम रही है.
7. उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को तीनों कानूनों के क्रियान्वयन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी और गतिरोध खत्म करने के लिए चार सदस्यों की एक समिति गठित की है लेकिन प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने कहा है कि वे समिति के समक्ष उपस्थित नहीं होंगे क्योंकि उनका मानना है कि यह (समिति) ‘‘सरकार समर्थक'' है. हालांकि, उन्होंने (किसान संगठनों ने) 15 जनवरी को होने वाली नौवें दौर की बैठक में शामिल होने की इच्छा प्रदर्शित की है, लेकिन उन्होंने जोर देते हुए कहा कि वे इन कानूनों को पूरी तरह से रद्द किये जाने से कुछ भी कम स्वीकार नहीं करेंगे.
8. मंगलवार को कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा था कि सरकार बैठक में शामिल होने को इच्छुक है और यह फैसला करना किसान संगठनों पर निर्भर करता है कि वे क्या चाहते हैं. नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले साल 26 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं.
9. हजारों किसान केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ 26 नवम्बर, 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं. पिछले साल सितम्बर में अमल में आए तीनों कानूनों को केन्द्र सरकार ने कृषि क्षेत्र में बड़े सुधारों के तौर पर पेश किया है. उसका कहना है कि इन कानूनों के आने से बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकेंगे.
10. दूसरी तरफ, प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों का कहना है कि इन कानूनों से एमएसपी का सुरक्षा कवच और मंडियां भी खत्म हो जाएंगी तथा खेती बड़े कॉरपोरेट समूहों के हाथ में चली जाएगी. -
नई दिल्ली : भारत में कोरोनावायरस (Coronavirus) की रफ्तार अब धीरे-धीरे कम हो रही है. संक्रमण को हराने के लिए अंतिम लड़ाई के तौर पर वैक्सीनेशन (Vaccination in India) प्रक्रिया 16 जनवरी (शनिवार) से शुरू हो रही है. शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) इस महाअभियान की शुरुआत करेंगे. नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल (VK Paul) ने इसकी जानकारी दी है. वीके पॉल ने NDTV से बातचीत में कहा, 'पीएम नरेंद्र मोदी वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे. इसके विवरण पर काम किया जा रहा है.'
कोरोना से बचाव को वैक्सीनेशन प्रक्रिया शनिवार को 3000 केंद्रों पर शुरू की जाएगी. प्रत्येक केंद्र पर हर दिन एक सत्र में लोगों को टीका लगाया जाएगा. वीके पॉल ने कहा, 'जैसे ही यह कार्यक्रम आगे बढ़ेगा, 5,000 से ज्यादा केंद्रों पर टीकाकरण किया जाएगा.'
बताते चलें कि टीकाकरण अभियान के पहले दिन करीब तीन लाख स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लगाए जाएंगे. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है. प्रत्येक टीकाकरण सत्र में अधिकतम 100 लाभार्थी होंगे. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि वे प्रत्येक स्थल पर ज्यादा संख्या में टीकाकरण न करें. मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि राज्यों को सलाह दी गई है कि वे 10 फीसदी आरक्षित/बर्बाद खुराकों और रोजाना प्रत्येक सत्र में औसतन 100 टीकाकरण को ध्यान में रखते हुए टीकाकरण सत्रों का आयोजन करें.
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से राज्यों को सलाह दी जाती है कि प्रत्येक केंद्र पर हड़बड़ी में तय सीमा से ज्यादा संख्या में लोगों को न बुलाएं. वहीं मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को टीकाकरण सत्र स्थलों को बढ़ाने की सलाह दी है और उनके रोजाना संचालन की बात कही है ताकि टीकाकरण प्रक्रिया स्थिर हो सके और आगे सुचारू रूप से बढ़ सके. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, COVID-19 का टीका लेना अपनी इच्छा पर निर्भर है.
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जम्मू : पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने के लिए पाकिस्तानी सैनिक हमेशा प्रयासरत करते हैं। वहीं भारत के सतर्क जवान उनकी साजिशों को हर बार नाकाम बना देते हैं।
अब पाकिस्तान ने जिला कठुआ के हीरानगर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) पर आतंकियों की घुसपैठ कराने के इरादे से सुरंग का निर्माण किया था जिसका बीएसएफ के सतर्क जवानों ने पता लगा लिया है। सुरंग मिलने के बाद जवानों ने आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान भी चलाया है।
सूत्रों का कहना है कि बीएसएफ के जवान रोजाना की तरह जब हीरानगर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गश्त लगा रहे थे तभी उन्हें बोबिया क्षेत्र में इस सुरंग का पता चला। आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ के इरादे से बनाई गई इस सुरंग के मिलते ही जवानों ने उच्चाधिकारियों को सूचित किया।
ऐसी आशंका जताई जा रही है कि सुरंग के जरिए आतंकवादी इस ओर घुसपैठ कर आए हैं। अपनी इस शंका को दूर करने के लिए बीएसएफ, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम ने इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया हुआ है।बोबिया में पड़ने वाले गांवों में रहने वाले लोगों से भी पूछताछ की जा रही है कि उन्होंने रात या फिर तड़के किन्हीं संदिग्ध लोगों को आसपास तो नहीं देखा।
वहीं, सुरंग मिलने की सूचना मिलते ही यहां से जिलाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं। हीरानगर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मिली सुरंग की जांच करने के बाद आईजीपी बीएसएफ एनएस जम्वाल ने बताया कि डेढ़ सौ फीट सुरंग लंबी इस सुरंग की गहराई 20 से 25 फीट है।
इसकी चौढ़ाई दो से ढाई फीट है। उन्होंने बताया कि यह सुरंग पुरानी लग रही है। हमारे जवानों को इस बारे में तब पता चला जब वे सुरक्षा बांध बना रहे थे। उन्होंने बताया कि जब जेसीबी के जरिए काम हो रहा था तभी लोहे के सरिए के पीस सुरंग के मुहाने पर फंस गए।
सुरंग के मुहाने को लोहे के सरिए लगाकर मिट्टी से बंद किया गया था। देखकर लगता है कि सुरंग का अभी घुसपैठ के लिए इस्तेमाल नहीं हुआ है। फिर भी इसकी जांच की जा रही है कि पहले तो कहीं इस सुरंग से आतंकियों ने घुसपैठ तो नहीं की है। हालांकि सुरंग से दो रेत बैग भी मिले हैं जिन पर पाकिस्तानी कंपनी का नाम चिन्हित है। -
नई दिल्ली : पक्षियों की हो रही रहस्यमयी मौतों के बीच दिल्ली और महाराष्ट्र ने बर्ड फ्लू की पुष्टि की है। सात अन्य राज्यों - उत्तर प्रदेश, केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और गुजरात ने पहले हाल ही में हुई पक्षियों की मौतों का कारण एवियन इन्फ्लुएंजा को बताया था।
वहीं, मछली पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने रविवार को कहा कि बर्ड फ्लू के प्रसार की निगरानी के लिए गठित केंद्रीय दल देश भर के सात राज्यों में प्रभावित स्थलों का दौरा कर रहे हैं।
बताया गया है कि कृषि संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने देश में पशु टीके की उपलब्धता की जांच करने के लिए पशुपालन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को तलब किया है। उम्मीद है कि इसको लेकर जल्द बैठक होगी।
दिल्ली ने जीवित पक्षियों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है और गाजीपुर के सबसे बड़े थोक पोल्ट्री बाजार को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। दिल्ली के पशुपालन विभाग ने बताया कि दिल्ली में बर्ड फ्लू की पुष्टि मृत कौवों और बत्तखों के आठ नमूनों के परीक्षण के बाद हुई। एवियन फ्लू के लिए सभी नमूनों का परीक्षण सकारात्मक रहा। -
नई दिल्ली : 16 जनवरी 2021 से देश में वैक्सीन लगने की शुरुआत होगी. सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन दी जाएगी. इनकी संख्या करीब 3 करोड़ होगी. इसके बाद 50 साल से अधिक और 50 साल के कम उम्र के को-मोरबिड लोगों को वैक्सीन दी जाएगी, जिनकी संख्या करीब 27 करोड़ के आस पास है.
पीएम मोदी ने की आज समीक्षा बैठक
पीएम मोदी ने आज कोविड टीकाकरण के लिए राज्य / केंद्र शासित प्रदेशों की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में कैबिनेट सचिव और स्वास्थ्य सचिव के अलावा दूसरे अधिकारियों ने भाग लिया. इस समीक्षा बैठक के बाद वैक्सीनेशन की तारीख तय की गई.
शुक्रवार को पूरे देश में दूसरी बार कोरोना वायरस की तैयारियों को परखने के लिए ड्राइ रन किया गया. इस दौरान वैक्सीनेशन की तैयारियों का जायज़ा भी लिया गया. उत्तर प्रदेश के अलावा देश हर ज़िले में ड्राई रन का आयोजन किया गया था.
11 जनवरी को मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम की बैठक
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 जनवरी को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा करने वाले हैं, लेकिन उससे पहले ही वैक्सिनेशन की तारीख का एलान कर दिया गया है. इसके अलावा सत्तारूढ़ बीजेपी लोगों के बीच वैक्सीन से जुड़ी आशंकाओं को दूर करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान की तैयारी कर रही है.
गौरतलब है कि देश में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन को 3 जनवरी को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है. कोविशील्ड का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कर रही है. -
दिल्ली में बीते कुछ दिनों में 35 कौवों समेत कम से कम 50 पक्षी मर चुके हैं, जिससे बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ गया है. दिल्ली में अब तक आधिकारिक तौर पर बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं की गई है.
नई दिल्ली : शनिवार को दिल्ली में संजय झील में बत्तखों और रोहिणी सेक्टर-15 के एक पार्क से कुछ कौवों के मरे हुए पाये जाने की जानकारी रैपिड रिस्पांस टीम को मिली है. दिल्ली पशुपालन विभाग की ओर से ये जानकारी मिली है. रैपिड रिस्पांस टीम इन जगहों से सैम्पल कलेक्शन करने का काम कर रही है. एक अधिकारी ने कहा कि कि झील को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है.
जानकारी के मुताबिक संजय झील में 10 बत्तखें मरी हुई मिली थीं. इनमें से 2 बत्तखों के सैम्पल जांच के लिये लैब में भेजे जाएंगे. रोहिणी के पार्क से भी सैम्पल कलेक्शन का काम किया जा रहा है. दिल्ली में अब तक आधिकारिक तौर पर बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं की गई है, अधिकारियों को रिपोर्ट का इंतजार है.
पशुपालन विभाग के डॉक्टर राकेश सिंह ने बताया, 'हमें संजय झील में 10 बत्तक मृत मिले हैं, जिनके नमूनों को जांच के लिये प्रयोगशाला भेज दिया गया है.' दिल्ली में बीते कुछ दिनों में 35 कौवों समेत कम से कम 50 पक्षी मर चुके हैं, जिससे बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ गया है. सिंह ने इससे पहले कहा था, 'हमें द्वारका, मयूर विहार फेस-3 और हस्तसाल विलेज में कौवों के मरने की खबर मिली थी. हालांकि अभी यह पता लगाया जा रहा है कि उनके मरने का कारण बर्ड फ्लू था या कुछ और.' उन्होंने कहा कि पहली जांच रिपोर्ट सोमवार को आ जाएगी. -
एजेंसीयूपी : बुलंदशहर के सिकंदराबाद कोतवाली क्षेत्र के गांव जीतगढी में शराब ने कहर बरपा दिया। शराब का सेवन से चार लोगों की मौत हो गई जबकि 16 अन्य लोगों की भी तबीयत बिगड़ गई, जिन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
बताया जाता है कि गुरुवार की शाम गांव में ही बिक रही शराब का सेवन कुछ ग्रामीणों ने किया। बताया जाता शराब का सेवन करने के बाद ही लोगों की हालत बिगड़नी शुरू हो गई। परिजन उपचार के लिए अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन चार लोगों ने दम तोड़ दिया। मरने वालों में सुखपाल 65 वर्ष, सतीश 45 वर्ष, कलुआ 40, सरजीत 45 वर्ष शामिल हैं। वहीं अजय, ओमवीर, सुखपाल, गजे, प्रेम सिंह, पन्ना आदि की हालत गंभीर है। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई। सीओ सिकंदराबाद नम्रता श्रीवास्तव ने कहा कि मामले की जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
डीएम रविंद्र कुमार और एसएसपी संतोष कुमार सिंह गांव में पहुंचे। डीएम रविन्द्र कुमार ने बताया कि चार लोगों की शराब पीने से मौत होना बताया गया है। उनके शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए हैं, जबकि 16 लोग की हालत खराब होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती करा कर उपचार कराया जा रहा है।मामले की जांच कराई जा रही है। जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कोतवाल, चौकी इंचार्ज समेत तीन निलंबित : एसएसपी
एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में लापरवाही मानते हुए सिकंदराबाद कोतवाली प्रभारी निरीक्षक दीक्षित कुमार त्यागी, चौकी इंचार्ज अनोखे पुरी और बीट कांस्टेबल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। शराब बेचने का आरोपी फरार है। उसके परिवार के कुछ लोगों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है। -
मिडिया रिपोर्ट
वॉशिंगटन: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बुधवार को यूएस कांग्रेस पर हुए हमले के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रिपब्लिकन सांसदों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने इस घटना को 'देश के लिए अपमान और शर्मिंदगी का क्षण' बताया. उन्होंने कहा कि 'लेकिन अगर हम कहेंगे कि यह बिल्कुल अचानक हुई घटना है, तो हम खुद से मजाक कर रहे होंगे.' उन्होंने कहा कि यह हिंसा ट्रंप ने 'भड़काई' है, जो 'जो लगातार कानूनी चुनाव को लेकर आधारहीन झूठ फैला रहे हैं.'
ओबामा ने रिपब्लिकन पार्टी और इसके मीडिया समर्थकों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वो राष्ट्रपति चुनावों में जो बाइडेन की जीत को लेकर 'अधिकतर मौकों पर अपने समर्थकों से सच छुपाते रहे हैं.' एक बयान जारी कर ओबामा ने कहा कि 'इसका नतीजा हम इस हिंसा में देख रहे हैं.' -
राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल ने कलेक्टर श्रीमती कौशल और अधिकारियों के साथ आज सुबह किया निरीक्षणवाटिका में चिल्ड्रन्स गार्डन, फाउंटेन सहित वाक-वे, योगा हट्स बनेंगे, चंदन के पेड़ भी लगेंगे

कोरबा : शहर के बीच स्थित अशोक वाटिका का जीर्णाेंद्धार एवं सौंदर्यीकरण आने वाले दिनो में होगा। यहां ऑक्सीजोन विकसित करने का काम भी जल्द शुरू होने के आसार हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कोरबा प्रवास के दौरान हाल में ही इसके विकास के लिए घोषणा की है। इसी तारतम्य में आज सुबह राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल, महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद और अन्य अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों के साथ वाटिका का निरीक्षण किया। वाटिका में 15 से अधिक प्रकार के निर्माण काम कराये जाएंगे और चंदन के पेड़ लगाये जाएँगे। ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र के अंतर्गत अशोक वाटिका को सामान्य रूप से विकसित करने का काम कई दशक पहले किया गया।
वाटिका में फाउंटेन लगाने के साथ यहां कई प्रजातियों के पौधे लगाए गए हैं। आसपास के लोगों की उपस्थिति सुबह और शाम की सैर के लिए अशोक वाटिका में होती रही है। अभी खेल गतिविधियों के रूप में भी आंशिक तौर पर इसका उपयोग हो रहा है। इस अशोक वाटिका को ऑक्सीजोन रूप में विकसित करने के लिए 10 करोड़ रुपए की धन राशि की घोषणा की गई है। इस पर जल्द अमल हो इसके लिए प्रशासन हरकत में आ गया है। इस दौरान सभापति श्यामसुंदर सोनी, डीएफओ एन रघुनाथन, एसडीएम सुनील नायक, अपर आयुक्त नगर निगम अशोक शर्मा, अधीक्षण अभियंता ग्यास अहमद, कार्यपालन अभियंता अरुण शर्मा, रेंजर कर्माकर, श्रीकांत बुधिया, महेश भावनानी, सुभाष अग्रवाल, एल्डरमेन एस.मूर्ति भी मौजूद रहे।
राजस्व मंत्री ने कलेक्टर एवं अधिकारियों के साथ वाटिका की मौजूदा स्थिति देखी। वाटिका में ही संक्षिप्त बैठक में यहां व्यापक परिसर उपलब्ध होने और विभिन्न प्रकार के काम किये जाने की संभावनाएं तलाशी गई और इस बारे में अधिकारियों से बातचीत की गई। इस दौरान अधिकारियों को जल्द कार्ययोजना तैयार करने के साथ काम प्रारंभ करने को कहा गया। वाटिका के विकास से क्षेत्रवासियों को दैनिक कार्यों के लिए एक अच्छी जगह उपलब्ध हो सकेगी। आज हुई प्रारम्भिक चर्चा के दौरान अशोक वाटिका में बाउंड्रीवाल, फाउंटेन, वाटर सप्लाई, योगा हट्स का विस्तार, एक्यूप्रेशर पाथवे, चिल्ड्रन गार्डन, बटरफ्लाई, व्हालीबॉल ग्राउंड का विस्तार, चबूतरों का निर्माण, चंदन पौधों का रोपण, चेंज रूम, वाक-वे का निर्माण, पार्किंग निर्माण, अन्य सौंदर्यीकरण कार्य, चार स्थानों पर पब्लिक डॉयलेट बनाने कामों की जरूरत को चिह्नांकित किया गया है। इस वाटिका के पूर्ण विकसित हो जाने पर सुबह पांच से नौ बजे और शाम को पांच बजे से लोग निःशुल्क प्रवेश कर सकेंगे। -
लगभग 8.54 करोड़ रूपए की लागत के 39 विकास कार्यों का किया लोकार्पण-शिलान्यास
हितग्राहियों को 4.63 करोड़ रूपए की सहायता राशि के चेक और 13.59 लाख रूपए की सामग्री का किया वितरणशासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए 4.68 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित शासकीय आवासों का लोकार्पणभर्रापारा पेण्ड्रा और टीकरकला गौरेला में बनने वाले स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों का भूमिपूजन
गौरेला में 20 लाख रूपए की लागत से बनने वाले रविन्द्रनाथ टैगोर उपवन का शिलान्यास
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज प्रदेश के नवगठित गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के प्रवास के दौरान मरवाही विकासखंड के ग्रामी दानीकुण्डी में आयोजित विकास कार्यों के लोकार्पण शिलान्यास समारोह में 8 करोड़ 54 लाख रूपए की लागत के 39 विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 6 करोड़ 26 लाख रूपए की लागत के 25 विकास कार्यों का लोकार्पण और 2 करोड़ 28 लाख रूपए की लागत के 14 कार्यों का भूमिपूजन किया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम में शासन की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत 337 हितग्राहियों को साढ़े तेरह लाख रूपए की सामग्री और 230 हितग्राहियों को कुल 4 करोड़ 61 लाख रूपए की सहायता और अनुदान राशि का चेक वितरित किया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 59 लाख रूपए की लागत से बनने वाले स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल भर्रापारा पेण्ड्रा और 45 लाख रूपए की लागत से गौरेला के टीकरकला में बनने वाले स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल, गौरेला में 20 लाख रूपए की लागत से बनने वाले रविन्द्रनाथ टैगोर उपवन का भूमिपूजन किया। श्री बघेल ने कार्यक्रम में ग्राम परासी में औषधालय भवन, मरवाही में होम्यो औषधालय भवन सहित विभिन्न गांवों में सीमेंट कांक्रीट रोड निर्माण और पहुंच मार्गों पर पुलिया निर्माण के अनेक कार्यों का भूमिपूजन भी किया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 4 करोड़ 68 लाख रूपए की लागत से शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए निर्मित शासकीय आवास, स्कूलों में आहाता निर्माण, धान संग्रहण केन्द्रों में चबूतरा निर्माण, सीमेंट कांक्रीट सड़क पहुंच मार्ग निर्माण कार्यों का शिलान्यास किया।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, राजस्व व जिले के प्रभारी मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत, मरवाही विधायक डॉ. के के ध्रुव सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी, पुलिस अधीक्षक श्री सूरज सिंह परिहार सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। -
एजेंसी
गाजियाबाद : गाजियाबाद के मुरादनगर में रविवार दोपहर श्मशान घाट के प्रवेश द्वार के साथ बने गलियारे की छत गिरने से मलबे में दबकर 24 लोगों की मौत हो गई और 15 घायल हो गए। इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें ईओ निहारिका सिंह, जेई सीपी सिंह, सुपरवाइजर आशीष शामिल हैं। ठेकेदार अजय त्यागी व अन्य अज्ञात लोगों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। यह जानकारी एसपी ग्रामीण डॉ. ईरज राजा ने दी है। उनका कहना है कि इन सभी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है इसके बाद आगे की विधिक कार्रवाई होगी। वहीं मृतकों के परिजनों शवों को सोमवार सुबह हाईवे पर रखकर जाम लगा दिया है।
आरोपियों पर निम्न धाराओं में मुकदमा दर्ज है-आईपीसी धारा 304 : गैर इरादतन हत्याआईपीसी धारा 337 : किसी व्यक्ति को खतरा पहुंचाने वाला कार्य करनाआईपीसी धारा 338 - किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरा पैदा करने वाली चोट पहुंचाने वाला कार्य करना।आईपीसी धारा 409 - धन का गबन व सरकारी कर्मचारी द्वारा विश्वास का आपराधिक हननआईपीसी धारा 427 : बुरी मंशा, जिससे आर्थिक नुकसान हो।क्या है पूरा मामलाएनडीआरएफ, पुलिस और पीएसी ने करीब पांच घंटे का रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला। घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया। श्मशान में 55 लाख की लागत से गलियारे का निर्माण हुआ था और करीब पंद्रह दिन पहले ही इसे जनता के लिए खोला गया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे के कारणों की जांच के आदेश देते हुए रिपोर्ट तलब की है। प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक मदद देने और घायलों के उचित इलाज कराने की घोषणा की है।
मुरादनगर के उखलारसी गांव की संगम विहार कॉलोनी निवासी जयराम (70) का रविवार को निधन हो गया था। सुबह करीब 10:30 बजे उनकी अंतिम यात्रा घर से शुरू हुई और करीब पौने 11 बजे मुरादनगर के बंबा रोड श्मशान घाट पहुंची। अंतिम संस्कार में मोहल्ले और आसपास के इलाकों के करीब 50 लोग शामिल थे।
बारिश के कारण गलियारे में खड़े थे अधिकांश लोगअंतिम संस्कार के दौरान बारिश होने के कारण अधिकांश लोग श्मशान घाट के प्रवेश द्वार पर बने 70 फीट लंबे गलियारे में खड़े थे। अंतिम संस्कार पूरा होने के बाद करीब 11:30 बजे इस गलियारे में दो मिनट के मौन के लिए सभी लोग जमा हुए। इसी दौरान गलियारे की छत भरभरा कर गिर गई। कुछ लोग बाहर निकल गए थे, लेकिन करीब 40 लोग मलबे के नीचे दब गए। सूचना पर पहुंची पुलिस, पीएसी ने स्थानीय लोगों के साथ बचाव एवं राहत कार्य शुरू किया। इस दौरान एनडीआरएफ की टीम डॉग स्क्वॉड के साथ मौके पर पहुंची और मलबे को हटाया। मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाल कर जिला एमएमजी अस्पताल समेत कई अन्य अस्पतालों में भेजा गया। डीएम अजय शंकर पांडेय ने आधिकारिक तौर पर 24 लोगों की मौत की पुष्टि की है। डीएम ने कहा कि हादसे के कारणों की जांच कराई जा रही है। -
नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों में लगातार कमी आ रही है। देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 19,078 नए मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं 224 लोगों की मौत हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार सुबह यह जानकारी दी।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, बीते 24 घंटों में कोरोना के 19,078 नए मामले दर्ज किए गए हैं। इसी के साथ देश में संक्रमण के कुल मामले 1,03,05,788 पहुंच गए हैं। वहीं पिछले 24 घंटों में कोरोना की वजह से 224 मरीजों की मौत हो गई। इसी के साथ देश में कोरोना से जान गंवाने वालों की कुल संख्या 1,49,218 हो गई हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 22,926 लोग कोरोना संक्रमण मरीज स्वस्थ हो गए हैं। देश में अब तक 99,06,387 लाख लोग कोरोना को मात देने में सफल रहे हैं। रोजाना आधार पर दर्ज होने वाले नए कोरोना केसों की तुलना में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या अधिक है। इससे कोरोना के सक्रिय के मामलों में कमी दर्ज की जा रही है। देश में कोरोना के सक्रिय मामले घटकर 2,50,183 रह गए हैं।
बता दें कि दुनियाभर में .43 करोड़ से अधिक लोग वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं और 18.35 लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। कोरोना से सर्वाधिक देशों में अमेरिका शीर्ष पर है। इसके बाद दूसरे नंबर पर भारत है। -
कल सभी राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश सरकारों द्वारा ड्राई रन का किया जाएगा. ये ड्राई रन कम से कम 3 सेशन साइटों में सभी राज्य की राजधानियों में आयोजित करने का प्रस्ताव है. वहीं कुछ राज्यों में ऐसे जिले भी शामिल होंगे जो दूर दराज इलाके में हैं.
नई दिल्ली : भारत के सभी राज्यों में सिलेक्टेड साइट्स पर कल कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन किया जाएगा. ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने आज दिल्ली में होने वाले ड्राई रन की तैयारियों का जायजा लेने के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने बताया, वैक्सीन को लेकर देश में बहुत गंभीरता से प्रयास हो रहा है और कम से कम दो वैक्सीन ने अप्रूवल के लिए ड्रग कंट्रोलर के यहां आवेदन किया है.
डॉ हर्षवर्धन ने कहा, 'पहले चरण में वैक्सीन के ड्राई रन के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं. जैसे चुनाव के वक्त बूथ लेवल तक तैयारी की जाती है, वैसी ही तैयारी वैक्सीनेशन के लिए की है. पहले चरण में जिन लोगों को ये वैक्सीन दी जानी है, उनकी लिस्ट भी तैयार कर ली गई है. सबसे पहले वैक्सीन हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को दी जाएगी.'
सभी राज्यों में होगा कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन2 जनवरी को सभी राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश सरकारों द्वारा ड्राई रन का किया जाएगा. ये ड्राई रन कम से कम 3 सेशन साइटों में सभी राज्य की राजधानियों में आयोजित करने का प्रस्ताव है. वहीं कुछ राज्यों में ऐसे जिले भी शामिल होंगे जो दूर दराज इलाके में हैं.
ड्राई रन उसी तरह होगा जिस तरह वैक्सीन आने पर टीका कारण में बारे में प्लान किया गया है या जैसे वैक्सीन लगाई जाएगी. इस ड्राई रन में वैक्सीन नहीं दी जाएगी, सिर्फ लोगों का डेटा लिया जाएगा, उसे Co Win ऐप पर अपलोड किया जाएगा. माइक्रो प्लानिंग, सेशन साइट मैनेटमेंट और ऑनलाइन डेटा सिक्योर करने जैसी कई चीजों का परीक्षण होगा. इसके अलावा टीकाकरण के बाद किसी भी संभावित प्रतिकूल घटनाओं AEFI यानी एडवरस इफेक्ट फॉलोविंग इम्यूनाइजेशन के प्रबंधन पर ड्राई रन का एक महत्वपूर्ण ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
चार राज्यों में सफल रहा ड्राई रनइससे पहले देश के चार राज्य- असम, आंध्र प्रदेश, पंजाब और गुजरात में कोरोना वैक्सीनेशन का ड्राई रन सफलतापूर्वक किया जा चुका है. 28 और 29 दिसंबर को इन चारों राज्यों में कोविड-19 वैक्सीनेशन का ड्राई रन किया गया.
बता दें, देश में कोरोना वायरस का आतंक जारी है. अब कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन ने भी भारत में दस्तक दे दी है. अब तक 25 से ज्यादा लोग इस नए वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. जिन लोगों के सैंपल नए स्ट्रेन से पॉजिटिव पाए गए हैं, उन्हें राज्य सरकारों के जरिए निर्देश दिए गए अलग कमरे में आइसोलेट किया गया है.
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केरल में अप्रत्याशित घटना के तहत केन्द्र के नए विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ राज्य की पी. विजयन सरकार की तरफ से लाए गए प्रस्ताव का विधानसभा में बीजेपी के एक मात्र विधायक ओ. राजगोपालन ने समर्थन किया. इस प्रस्ताव में केन्द्रीय कानूनों की वापसी की मांग की गई है, जिसके विरोध में हजारों की तादाद में दिल्ली बॉर्डर पर पिछले एक महीने से भी ज्यादा वक्त से किसान आंदोलन कर रहे हैं.
बीजेपी विधायक के कदम से पार्टी को हैरानी
केरल बीजेपी ने अपने विधायक ओ. राजगोपालन के इस कदम पर हैरानी जताई है. केरल बीजेपी नेता केएस. राधाकृष्णन ने कहा- "मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि क्यों राजगोपालन जैसे व्यक्ति ने केन्द्र सरकार के खिलाफ यह कदम उठाया है जो हैरान करने वाला है. मुझे समझ नहीं आ रहा है. हर कोई जानता है कि एक सदस्य कुछ नहीं कर सकता है. लेकिन, उन्हें इस पर आपत्ति जाहिर करनी चाहिए थी. यह इच्छा और बीजेपी की भावना के खिलाफ है."
ओ. राजगोपालन बोले- कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए
सत्र के बाद राजगोपाल ने पत्रकारों से कहा, ‘‘प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया. मैंने कुछ बिंदुओ (प्रस्ताव में) के संबंध में अपनी राय रखी, इसको लेकर विचारों में अंतर था जिसे मैंने सदन में रेखांकित किया.’’ उन्होंन कहा, ‘‘मैंने प्रस्ताव का पूरी तरह से समर्थन किया.’’
जब राजगोपाल का ध्यान इस ओर आकर्षित कराया गया कि प्रस्ताव में तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की गई है, तब भी उन्होंने प्रस्ताव का समर्थन करने की बात कही. राजगोपाल ने कहा, ‘‘मैंने प्रस्ताव का समर्थन किया और केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि वह सदन की आम राय से सहमत हैं।’’ राजगोपाल ने कहा कि यह लोकतांत्रिक भावना है.
जब राजगोपाल से कहा गया कि वह पार्टी के रुख के खिलाफ जा रहे हैं तो उन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक प्रणाली है और हमें सर्वसम्मति के अनुरूप चलने की जरूरत है. हालांकि, विशेष सत्र के दौरान सदन में राजगोपाल ने चर्चा के दौरान कहा था कि नए कानून किसानों के हितों की रक्षा करेंगे और बिचौलियों से बचा जा सकेगा. हालांकि, बाद में ओ. राजगोपालन ने कहा कि यह बयान कि मैं केन्द्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ हूं, यह आधारहीन है.
गौरतलब है कि केरल विधानसभा के विशेष सत्र में बृहस्पतवार को मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने प्रस्ताव रखा जिसे सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चे (एलडीएफ), विपक्षी कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चे (यूडीएफ) और भाजपा के समर्थन से सर्वसम्मति से पारित किया गया. -
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल डॉक्टर वीजी सोमानी ने गुरुवार को कहा है कि ऐसी संभावना है कि नए साल की शुरुआत के साथ हमारे हाथ में वैक्सीन आ सकती है. उनका यह इशारा शुक्रवार को वैक्सीन के इमरजेंसी यूज पर होने वाली अहम मीटिंग के पहले आया है.
नई दिल्ली : देश की ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी ने ऐसे इशारे किए हैं कि कोविड-19 के लिए स्वदेश निर्मित वैक्सीन जल्द ही आ सकती है. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल डॉक्टर वीजी सोमानी ने गुरुवार को एक वेबिनार में कहा कि 'शायद नए साल की शुरुआत के साथ हमारे पास कुछ होगा.' उनका यह आश्वासन तब आया है, जब शुक्रवार को वैक्सीन के इमरजेंसी यूज़ की अनुमति को लेकर एक्सपर्ट पैनल की अहम मीटिंग होनी है.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ही कहा कि 'कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीनेशन की तैयारियां आखिरी चरण में हैं. लोगों को भारत में बनाए गए वैक्सीन से वैक्सीनेट किया जाएगा.'
इसके पहले AIIMS के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने भी कहा कि भारत के पास भी जल्द ही वैक्सीन होगी. दरअसल, बुधवार को ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के इस्तेमाल के वैक्सीन को मंजूरी मिली है. भारत में सीरम इंस्टीट्यूट भी ऑक्सफोर्ड के साथ मिलकर यही वैक्सीन विकसित कर रहा है, ऐसे में इस वैक्सीन को मंजूरी मिलने की संभावना प्रबल हो गई है.
डॉ. गुलेरिया ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा, 'यह बहुत अच्छी खबर है कि एस्ट्राज़ेनेका को यूके के नियामक अधिकारियों द्वारा अपने टीके के लिए मंजूरी मिल गई है. उनके पास मजबूत डेटा है और भारत में वही वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा विकसित किया जा रहा है.' उन्होंने यह तक कहा कि भारत में वैक्सीन महीनों, हफ्तों की बजाय दिनों में उपलब्ध हो सकती है. -
नई दिल्ली : ब्रिटेन में मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडकट्स रेगुलेटर ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी/एल्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। ब्रिटेन की सरकार ने कहा, 'ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी / एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन को इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने हेतु सरकार ने आज मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडकट्स रेगुलेटर एजेंसी की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है।'
इस मामले में एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि 4 और 12 हफ्तों के अंतराल पर वैक्सीन की दो डोज दिए जाने को मंजूरी मिली है। क्लिनिकल ट्रायल में वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी पाई गई है। इसकी दूसरी डोज लेने के 14 दिन बाद तक मामला ना तो गंभीर पाया गया है और ना ही मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ी है।
इस मामले में एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि 4 और 12 हफ्तों के अंतराल पर वैक्सीन की दो डोज दिए जाने को मंजूरी मिली है। क्लिनिकल ट्रायल में वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी पाई गई है। इसकी दूसरी डोज लेने के 14 दिन बाद तक मामला ना तो गंभीर पाया गया है और ना ही मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ी है।
अब ऐसे में माना जा रहा है कि ये वैक्सीन अगले हफ्ते से लोगों को दी जाने लगेगी। अभी ब्रिटेन में फिजर-बायोएनटेक की वैक्सीन 600,000 लोगों को टीकाकरण अभियान के तहत लगाई जा चुकी है। एक बयान में एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि बुधवार को वैक्सीन की पहली डोज रिलीज की जाएंगी ताकि नए साल पर जल्द की वैक्सीन लगनी शुरू की जा सके। कंपनी की ब्रिटेन से कुल 100 मिलियन डोज सप्लाई करने को लेकर डील हुई है, पहली तिमाही में लाखों की संख्या में डोज सप्लाई किए जाने का उद्देश्य है। चूंकी ये दो डोज वाली वैक्सीन है, इस लिहाज से वैक्सीन ब्रिटेन के 50 मिलियन लोगों को दी जाएगी।
ब्रिटेन की सरकार ने बताया है कि बुधवार को वैक्सीनेशन और इम्यूनाइजेशन पर जॉइंट कमिटी ने सलाह दी कि कम समय अंतराल पर वैक्सीन की दो डोज देने के बजाय सबसे पहले उन्हें वैक्सीन दी जाए जिन्हें वायरस का सबसे ज्यादा खतरा है।
लंबे समय तक वायरस से बचाव के लिए इसकी दोनों डोज लेना काफी जरूरी है। ब्रिटेन सरकार के मंत्री माइकल गोव का कहना है कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को मंजूरी मिलने से देशभर में लॉकडाउन को तेजी से कम किया जा सकता है, जिसने लाखों लोगों के क्रिसमस को फीका कर दिया था।
फिलहाल लंदन और दक्षिणी इंग्लैंड में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, जिससे अस्पतालों पर दवाब बढ़ता जा रहा है। ब्रिटेन में मिला कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन अधिक तेजी से फैलने वाला बताया जा रहा है। जिसने उन लोगों का भी देश से बाहर निकलना मुश्किल कर दिया है, जो यहां से दूसरे स्थान पर जाना चाहते थे।











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