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राजस्थान : राजस्थान में सियासी संकट बरकारार है। इस बीच आरोप-प्रत्यारोप भी जारी है। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने रविवार को कहा कि भाजपा ने राजस्थान राजनीतिक संकट के मामले में "क्लीन चिट" और "सच्चाई को नाकाम" करने के लिए फोन टैपिंग के मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच की मांग की है।
उन्होंने अने ट्वीट में कहा, 'राजस्थान में कांग्रेस विधायकों को अपने पक्ष में करने के लिए हॉर्स ट्रेडिंग और केंद्रीय मंत्री पर गंभीर आरोप लगे हैं। पुलिस पूछताछ, एफआईआर और सीआरएल की प्रक्रिया जारी है। सीआरएल प्रक्रिया पूरी होने से बचने के लिए बीजेपी ने सुविधापूर्वक सीबीआई जांच की मांग की।'
आपको बता दें कि सूत्रों ने यह जानकारी दी है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राजस्थान के मुख्य सचिव से राज्य में फोन-टैपिंग मुद्दे पर एक रिपोर्ट मांगी है।
इससे पहले शनिवार को, बीजेपी ने राजस्थान राजनीतिक संकट के संबंध में फोन टैपिंग के मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी और कांग्रेस द्वारा फोन टैपिंग में लिप्त होने पर कई सवाल उठाए गए थे।
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, "हम इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हैं, चाहे फोन टैपिंग हुई हो या एसओपी का पालन किया गया हो। क्या राजस्थान में आपातकालीन स्थिति है? क्या सभी राजनीतिक दलों को इस तरह से निशाना बनाया जा रहा है?"
उन्होंने कहा, "राज्य सरकार को जवाब देना चाहिए कि क्या मुख्यमंत्री भी फोन टैपिंग में लिप्त हैं? कांग्रेस के अन्य नेता कह रहे हैं कि ऑडियो प्रामाणिक है, जबकि एफआईआर में इसे कथित रूप से उल्लिखित किया गया है"।
आपको बता दें कि कांग्रेस नेता महेश जोशी द्वारा शुक्रवार को राजस्थान सरकार को गिराने की कथित साजिश पर ऑडियो क्लिप से संबंधित दो प्राथमिकी दर्ज कराई गई हैं। -
मुंबई : कोविड-19 के उपचार के रूप में पेश की गई योगगुरू रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की दवा -कोरोनिल को मद्रास उच्च न्यायालय से झटका लगा है और उसने कंपनी को ट्रेडमार्क 'कोरोनिल का इस्तेमाल करने से रोक दिया।
न्यायमूर्ति सी वी कार्तिकेयन ने चेन्नई की कंपनी अरूद्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड की अर्जी पर 30 जुलाई तक के लिए यह अंतरिम आदेश जारी किया। अरूद्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड ने कहा कि 'कोरोनिल 1993 से उसका ट्रेडमार्क है। कंपनी के अनुसार उसने 1993 में 'कोरोनिल-213 एसपीएल और 'कोरोनिल -92बी का पंजीकरण कराया था और वह तब से उसका नवीकरण करा रही है।'यह कंपनी भारी मशीनों और निरूद्ध इकाइयों को साफ करने के लिए रसायन और सेनेटाइजर बनाती है। कंपनी ने कहा, '' फिलहाल, इस ट्रेडमार्क पर 2027 तक हमारा अधिकार वैध है।'' पतंजलि द्वारा कोरेानिल पेश किए जाने के बाद आयुष मंत्रालय ने 1 जुलाई को कहा था कि कंपनी प्रतिरोधक वर्धक के रूप में यह दवा बेच सकती है न कि कोविड-19 के उपचार के लिए। -
तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित सुंदरपुरम में पेरियार ईवी रामास्वामी की मूर्ति पर कुछ असमाजिक तत्वों ने भगवा रंग फेंक दिया और प्रतिमा को भी क्षति पहुंचाने की कोशिश की। मामला सामने आने के बाद राजनीतिक पार्टियों ने विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला। डीएमके, एमडीएमके वर्कर्स ने प्रदर्शन के दौरान दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की।
इस दौरान उन्होंने पुलिस से कहा कि अगर ऐसी घटनाएं नहीं रुकेंगी तो वे लोग और कड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह घटना सुबह करीब 5.30 बजे हुई थी, जहां दो पुलिस कर्मी तैनात थे। जब बारिश हो रही थी, तब पुलिसकर्मी क्षण भर के लिए घटनास्थल से दूर चले गए थे। इस दौरान यह घटना हुई। -
कोटा : कांग्रेस पार्टी ने सचिन पायलट खेमे को एक और झटका देते हुए दो बागी विधायकों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त कर दिया है। वायरल ऑडियो में नाम आने के बाद कांग्रेस पार्टी ने यह कदम उठाया है। जिन विधायकों को पार्टी की सदस्यता से बर्खास्त किया गया है, उनमें विश्वेंद्र सिंह और भंवरलाल शर्मा का नाम शामिल है। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह जानकारी दी है। रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि “कल शाम और आज सुबह जो ऑडियो टेप सामने आए हैं उनसे एक बात साफ है कि प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है कि भाजपा द्वारा कांग्रेस की चुनी हुई सरकार और विधायकों की निष्ठा को खरीदने की साजिश रची गई। भाजपा द्वारा जनमत का अपहरण और प्रजातंत्र के चीरहरण की कोशिश की जा रही है।”
बता दें कि इससे पहले राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष ने सचिन पायलट समेत 18 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने संबंधी नोटिस जारी किया था। इस नोटिस का तीन दिन में जवाब दिए जाना था और विधानसभा अध्यक्ष यदि जवाब से संतुष्ट नहीं होते तो पायलट समेत सभी विधायकों को अयोग्य ठहराया जा सकता था। लेकिन इस नोटिस के खिलाफ सचिन पायलट खेमा हाई कोर्ट पहुंच गया है।
हाईकोर्ट की डबल बेंच इस मामले पर शुक्रवार दोपहर को सुनवाई करेगी। पायलट खेमे का पक्ष वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी रखेंगे। वहीं विधानसभा अध्यक्ष का पक्ष अभिषेक मनु सिंघवी रखेंगे। -
मीडिया रिपोर्टचीन को आर्थिक झटका देने के लिए मोदी सरकार चीनी आयात पर अंकुश लगाने का लगातार प्रयास कर रही है. अब सरकार ने चीन से पावर टिलर और उसके कलपुर्जों के आयात पर अंकुश लगाया है. इनको बड़ी संख्या में चीन से आयात किया जाता है. पावर टिलर एक कृषि मशीन है, जिसका इस्तेमाल खेती के लिए जमीन तैयार करने के लिए किया जाता है. विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने एक अधिसूचना में कहा है, ‘पावर टिलर और उसके कलपुर्जों की आयात नीति को संशोधित कर मुक्त से निषिद्ध (Rrestricted) कर दिया गया है. किसी उत्पाद को ‘निषिद्ध’ या वर्जित श्रेणी में रखने का अर्थ है कि आयातक को उनका आयात करने के लिए डीजीएफटी से लाइसेंस लेना होगा.
पावर टिलर एक कृषि मशीन है, जिसका इस्तेमाल खेती के लिए जमीन तैयार करने के लिए किया जाता है. पावर टिलर के कलपुर्जों में इंजन, ट्रांसमिशन, चेसिस और रोटावेटर शामिल हैं.इससे चीन से आने वाले पावर टिलर और उसके कलपुर्जों के आयात पर रोक लग जाएगी और इसके भारतीय निर्माताओं को प्रोत्साहन मिलेगा.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, DGFT ने आयात लाइसेंस लेने के लिए एक प्रक्रिया निर्धारित कर रखी है. इसके तहत किसी या सभी फर्म को एक साल में जारी अथॉराइजेशन का कुल मूल्य कंपनी द्वारा पिछले साल आयातित पावर टिलकर के वैल्यू के 10 फीसदी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. इसी तरह पावर टिलर के कलपुर्जों के लिए भी 10 प्रतिशत की सीमा तय की गई है. -
गोपालगंज। बीते 16 जून को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 264 करोड़ रुपये की लागत से बने जिस महासेतु का वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये उद्घाटन किया था वो ध्वस्त हो गया है। सत्तरघाट महासेतु गंडक नदी के पानी का दबाव नहीं झेल पाया और देखते ही देखते पानी में समा गया। इस पुल के पहुंच पथ के ध्वस्त होने से आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है और चंपारण, तिरहुत और सारण सहित कई जिलों से संपर्क भी टूट गया है।बता दें कि गोपालगंज को चंपराण, सारण और तिरहुत के कई जिलों से जोड़ने के लिहाज से सत्तरघाट महासेतु काफी महत्वपूर्ण पुल था। इसको बनाने में करीब 264 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। बता दें कि गोपालगंज में तीन लाख से ज्यादा क्यूसेक पानी का बहाव था। गंडक नदी के इतने बड़े जलस्तर के जबाव से इस महासेतु का एप्रोच रोड टूट गया, जिसकी वजह से आवागमन ठप हो गया है।
साल 2012 में सीएम नीतीश कुमार ने इस महासेतु के निर्माण की आधारशिला रखी थी। इसे बनाने में 3 वर्ष का समय निर्धारित किया गया था। लेकिन भूमि संबंधी मामले और अन्य अड़चनों की वजह से एक लंबा समय लगा। बीते 16 जून को सीएम नीतीश कुमार ने इस महासेतु का उद्धाटन किया था। -
राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बुधवार को बड़ा ऐलान किया कि वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में नहीं शामिल होने जा रहे हैं। पायलट ने कहा, ''मैं बीजेपी में नहीं शामिल हो रहा हूं। जो ऐसा (बीजेपी में शामिल होने की बात) कह कर रहे हैं वह असल में मुझे गांधी (गांधी परिवार) के नजरों में गिराना चाहते हैं।'' उन्होंने इस बात को भी खारिज किया है कि बीजेपी के साथ मिलकर कांग्रेस के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं।
पायलट ने आज के लिए प्रस्तावित प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी टाल दिया है। कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक के बाद पायलट को मंगलवार को उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया। इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष का पद भी छीन लिया गया। पायलट के साथ ही उनके खेमे के दो मंत्रियों खाद्य आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा और पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह को भी कैबिनेट से हटा दिया।
पहले अशोक गहलोत के साथ मतभेद और फिर बागी रुख को लेकर पार्टी की ओर से कार्रवाई किए जाने के बाद कयास लगाया जा रहा था कि पायलट अपने पुराने साथी ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। अब पायलट के ताजा रुख से एक बार फिर अटकलों का दौर शुरू हो गया है। क्या कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुछ नए शर्तों पर पायलट को रोकने में कामयाब हुए हैं या फिर सचिन किसी नए कदम से सबको चौंकाएंगे? इन सवालों से धुंध आने वाले दिनों में ही साफ हो पाएगा। पायलट खेमे पर कार्रवाई का ऐलान करते हुए मंगलवार को पार्टी प्रवक्ता और राजस्थान के लिए पर्यवेक्षक बनाए गए रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह बहुमत की सरकार को अस्थिर करने की साजिश रच रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा के इस जाल में सचिन पायलट के साथ कुछ और कांग्रेस विधायक उलझ गए। हम लगातार खुले दिन से पायलट से आग्रह कर रहे थे कि आइए, हम मिल बैठकर अपनी समस्याएं सुलझाएं, पर वहीं नहीं आए।
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राजस्थान में सियासी संकट के बीच कांग्रेस ने सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया है। सचिन पायलट को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से भी हटा दिया गया है। सचिन पायलट के अलावा विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया है। उपमुख्यमंत्री पद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाए जाने पर सचिन पायलट ने अपनी चुप्पी तोड़ी है।
बता दें कि, गोविंद सिंह को राजस्थान का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। ये फैसला कांग्रेस के विधायक दल की बैठक में लिया गया। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मीडिया से बात करते हुए इस बात की जानकारी दी है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक दल की बैठक में नहीं पहुंचे थे। इस बैठक में कांग्रेस और निर्दलीय कुल 102 विधायक पहुंचे और उन्होंने एकमत से मांग की थी कि सचिन पायलट और उनके समर्थकों को पार्टी से निकाल दिया जाए। बैठक में ये प्रस्ताव भी पास किया गया कि सचिन पायलट और बैठक से गायब विधायकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। -
नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज भारतीय मीडिया के एक बड़े हिस्से पर फासीवादी ताकतों ने कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा कि वह अपने विचारों को वीडियो के जरिए जनता के साथ साझा करते रहेंगे।
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा, “आज भारतीय समाचार माध्यमों के एक बड़े हिस्से पर फासीवादी हितों ने कब्जा कर लिया है। टेलीविजन चैनल नफरत से भरे नैरेटिव सेट कर रहे हैं। टीवी चैनलों, वॉटसएस फॉरवर्ड और झूठी खबरों द्वारा एक नफरत भरी कहानी फैलाई जा रही है।”
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में आगे कहा, “मैं हमारे करेंट अफेयर्स, इतिहास, मौजूदा संकट को स्पष्ट करना और उन तक पहुंचाना चाहता हूं जो सच्चाई में विश्वास करते हैं। कल (मंगलवार) से मैं आपके साथ वीडियो के जरिए अपने विचार साझा करूंगा।” -
नई दिल्ली : यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली BJP सरकार में जल संसाधन मंत्री महेंद्र सिंह ने बाढ़ रोकने के लिए सिंचाई विभाग को उन नदियों की नियमित पूजा करने के निर्देश दिए हैं, जहां जल स्तर बारिश के चलते हाल-फिलहाल में काफी बढ़ा है। रविवार को सूबे में बाढ़ को लेकर ऐहतियाती कदम की समीक्षा से जुड़ी एक मीटिंग के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उन्होंने विभाग के फील्ड स्टाफ को संबोधित किया और यह निर्देश दिया। बैठक के बाद मंत्री के इस निर्देश से जुड़ा एक प्रेस नोट भी जारी किया गया।
मंत्री के प्रवक्ता ने अंग्रेजी अखबार Times of India को बताया, “मंत्री जी ने फील्ड स्टाफ से नदियों की पूजा करने और उन्हें फूल अर्पित करने के निर्देश दिए हैं। ऐसा नदियों के आसपास रहने वाले ग्रामीण भी लंबे समय से करते आ रहे हैं। यह कोई नई परंपरा नहीं है। हिंदू, नदियों को देवी के तौर पर मानते हैं और उनकी पूजा करते हैं। बाढ़ का काबू करने के लिए भी फील्ड स्टाफ को भी ऐसा (ग्रामीणों/लोगों की तरह पूजा) ही करना चाहिए।”
मंत्री ने स्टाफ से इसके अलावा फील्ड स्टाफ से यह भी कहा कि वह बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के फोटो-वीडियो भेजने के अलावा जमीनी स्थिति और किसी आपात स्थिति को लेकर सिक्योरिटी गार्ड्स की तैनाती के बारे में मुख्यालय को जानकारी दें।
दरअसल, पिछले हफ्ते सूबे में लगातार बारिश के कारण कई नदियों का जल स्तर काफी बढ़ गया था। इसी बीच, मौसम विभाग ने राज्य में भारी वर्षा की संभावना जताई थी। खासकर 10-12 जुलाई के बीच पूर्वी यूपी में, जिससे कई निचले इलाकों में बाढ़ और जलभराव की स्थिति की आशंका भी जताई गई थी।
साभार : जनसत्ता से -
राजस्थान में सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबियों पर आयकर विभाग का शिकंजा कसना शुरू हो गया है. आयकर विभाग के 200 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों ने दिल्ली और राजस्थान के कई जगहों पर छापेमारी की है. यह छापेमारी अशोक गहलोत के करीबी धर्मेंद्र राठौड़ और राजीव अरोड़ा के ठिकानों पर की गई है. सीएम अशोक गहलोत के करीबी और ज्वैलरी फर्म के मालिक राजीव अरोड़ा के ठिकानों पर सोमवार सुबह आयकर विभाग की टीम पहुंची. उनके घर और दफ्तरों पर छापेमारी चल रही है. खास बात है कि इस छापेमारी की सूचना स्थानीय पुलिस को नहीं दी गई थी. आयकर विभाग की टीम केंद्रीय रिजर्व पुलिस के साथ छापेमारी को अंजाम दे रही है.
राजीव अरोड़ा के अलावा धर्मेंद्र राठौड़ के आवास और दफ्तर पर आयकर विभाग की टीम छापेमारी कर रही है. धर्मेंद्र अरोड़ा को भी सीएम अशोक गहलोत का करीबी बताया जाता है. सूत्रों का कहना है कि राजीव अरोड़ा और धर्मेंद्र राठौड़ से देश के बाहर किए गए ट्रांजेक्शन के बारे में पूछताछ की जा रही है.
राजीव अरोड़ा और धर्मेंद्र अरोड़ा के करीब 24 ठिकानों पर चल रही छापेमारी पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. कांग्रेस ने बीजेपी पर गहलोत सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया. साथ ही कांग्रेस ने बिना स्थानीय पुलिस को सूचना दिए आयकर विभाग की छापेमारी पर भी सवाल पूछा. -
मीडिया रिपोर्ट
नई दिल्ली : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से दुनियाभर में 1.20 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं। वहीं, इस वायरस के चलते छह लाख लोगों की मौत हुई है। कोरोना की सच्चाई छिपाने को लेकर चीन पर दुनियाभर में आरोप लग रहे हैं। इसी बीच कोरोना की सच्चाई को लेकर बीजिंग एक बार फिर दुनिया के सामने बेनकाब हो गया है।
दरअसल, हांगकांग से जान बचाकर अमेरिका पहुंचीं एक वायरोलॉजिस्ट ने खुलासा किया है कि कोविड-19 के बारे में चीन काफी पहले से जानता था। उसने जब दुनिया को इस बारे में बताया, उससे पहले ही चीन को इस वायरस की जानकारी थी। इस संबंध में सरकार में सर्वोच्च स्तर पर फैसले लिए गए और जानकारी को छिपाया गया।
फॉक्स न्यूज को शुक्रवार को दिए एक साक्षात्कार में 'हांग-कांग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में वायरोलॉजी और इम्यूनोलॉजी' की विशेषज्ञ लि-मेंग यान ने कुछ बड़े खुलासे किए। उन्होंने कहा कि महामारी की शुरुआत में उनकी शोध को उनके सुपरवाइजर्स (पर्यवेक्षकों) ने भी नजरअंदाज कर दिया, जोकि इस विषय में दुनिया के शीर्ष विशेषज्ञ हैं। उनका मानना है कि उनके शोध से लोगों को जान बचाई जा सकती थी।
यान ने साक्षात्कार में बताया कि वह कोविड-19 पर अध्ययन करने वाली दुनिया के पहले कुछ वैज्ञानिकों में से एक थीं। उन्होंने कहा कि चीन सरकार ने अपने राज को दुनिया के सामने आने से रोकने के लिए विदेशी और यहां तक की हांगकांग के विशेषज्ञों को शोध में शामिल करने से इनकार कर दिया।
उन्होंने बताया कि पूरे चीन के उनके साथियों ने इस वायरस पर चर्चा की, लेकिन जल्द ही उनके बात करने के तरीके में परिवर्तन देखने को मिला। शायद यह उनपर चीन सरकार का दबाव था।
यान ने कहा कि जो शोधकर्ता कल तक खुलकर वायरस पर चर्चा करते थे, अचानक उन्हें चुप कर दिया गया। वुहान के डॉक्टरों और शोधकर्ताओं ने इस विषय पर चुप्पी साध ली और दूसरों को चेतावनी दी गई कि उनसे इस संबंध में जानकारी न मांगी जाए। आगे चलकर वुहान इस वायरस का केंद्र बनकर उभरा।
यान के मुताबिक, डॉक्टरों ने कहा कि हम इसके बारे में बात नहीं कर सकते हैं, लेकिन हमें मास्क लगाने की जरूरत है। उनके सूत्रों के मुताबिक, इसके बाद मानव से मानव संक्रमण तेजी से बढ़ने लगा। इस घटना के बाद यान ने हांगकांग छोड़ने का फैसला किया।
उन्होंने कहा कि मैंने अपना सामान बांधा और कैंपस में लगे कैमरों और सेंसर से बचते हुए 28 अप्रैल को अमेरिका के लिए कैथी पैसिफिक फ्लाइट में सवार हो गई। यान ने बताया कि इस दौरान उनके पास केवल पासपोर्ट और उनका बैग था, बाकी हर प्यारी चीज उन्हें पीछे छोड़नी पड़ी।
यान ने कहा कि अगर मैं पकड़ ली जातीं तो मुझे जेल में डाल दिया जाता या गायब कर दिया जाता। उन्होंने कहा कि चीन की सरकार उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की कोशिश कर रही है और कम्युनिस्ट पार्टी उन्हें चुप करने के लिए साइबर हमले कर रही है। -
मीडिया रिपोर्टो से
राजस्थान में कांग्रेस के लगभग दो दर्जन विधायकों ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य की अशोक गहलोत सरकार को गिराने की साजिश रच रही है। कांग्रेस के इन विधायकों ने शुक्रवार देर रात जारी एक संयुक्त बयान में यह आरोप लगाया। संयुक्त बयान में कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया गया है कि भाजपा खरीद फरोख्त एवं अन्य भ्रष्ट हथकंडों के माध्यम से राज्य की जनहितकारी कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिश रच रही है। संयुक्त बयान में 24 विधायकों के नाम दिए गए हैं जिनमें लाखन सिंह, जोगेंद्र सिंह अवाना, मुकेश भाकर, इंद्रा मीणा, वेद प्रकाश सोलंकी, संदीप यादव आदि शामिल हैं।इन विधायकों ने इसे भाजपा का कथित अलोकतांत्रिक एवं भ्रष्ट आचरण करार दिया है।
बयान में कहा गया है, ‘हमारे पास स्पष्ट जानकारी है कि भाजपा के शीर्षस्थ लोग इस षडयंत्र में शामिल हैं जो कांग्रेस के विधायकों एवं समर्थित विधायकों और अन्य से संपर्क कर उन्हें तरह तरह के प्रलोभन देकर गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।’ बयान में कांग्रेस विधायकों के हवाले से यह भी कहा गया है, ‘राज्य में कांग्रेस एवं उसे समर्थन देने वाले सभी विधायक इस तरह के प्रयासों को सफल नहीं होने देंगे।’
उल्लेखनीय है कि, यह बयान ऐसे समय में जारी किया गया है जबकि राजस्थान पुलिस के विशेष कार्यबल एसओजी ने राज्य में विधायकों की खरीद फरोख्त और निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने के आरोपों में शुक्रवार को एक मामला दर्ज किया है। उल्लेखनीय है कि, जून में राज्य से हुए राज्यसभा की तीन सीटों के चुनाव से पहले सत्तारूढ़ कांग्रेस ने कुछ विधायकों को प्रलोभन दिए जाने का आरोप लगाया था। पार्टी की ओर से इसकी शिकायत विशेष कार्यबल (एसओजी) को की गई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि राज्य में विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है और करोड़ों रुपये की नकदी जयपुर स्थानांतरित हो रही है। बता दें कि, राज्य विधानसभा में कुल 200 विधायकों में से कांग्रेस के पास 107 विधायक एवं भाजपा के पास 72 विधायक हैं। राज्य के 13 में से 12 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी कांग्रेस को है। -
नई दिल्ली : कोविड-19 पिछले 100 वर्षों में सबसे खराब स्वास्थ्य और आर्थिक संकट है। इसकी वजह से उत्पादन, नौकरियों और कल्याण के लिए अभूतपूर्व नकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहा है। इसने दुनिया भर में मौजूदा विश्व व्यवस्था, वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं, श्रम और पूंजी मूवमेंट को गति दी। यह बातें RBI गवर्नर शक्तिकांत दास 7 वें SBI बैंकिंग और अर्थशास्त्र सम्मेलन में शनिवार को कही।
बैंकिंग और अर्थशास्त्र कॉन्क्लेव में उन्होंने कहा कि महामारी शायद अब तक हमारी आर्थिक और वित्तीय प्रणाली की मजबूती और लचीलापन की सबसे बड़ी परीक्षा ले रहा है। उन्होंने कहा कि RBI ने वित्तीय प्रणाली की सुरक्षा, वर्तमान संकट में अर्थव्यवस्था को सपोर्ट करने के लिए कई बड़े उपाय किए हैं। आरबीआई के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता विकास है। इसके साथ ही वित्तीय स्थिरता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। RBI ने उभरते खतरों की पहचान करने के लिए अपने ऑफसाइट सर्विलांस मैकेनिज्म को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक की समस्या का समाधान करने के लिए आरबीआई सभी हितधारकों के साथ बातचीत कर रहा है।
शक्तिकांत दास ने यह भी कहा कि मध्यम अवधि के लिए आरबीआई नीति लागू करने के लिए सावधानीपूर्वक मूल्यांकन की आवश्यकता होगी, यह इस बात पर निर्भर करेगी कि आने वाले समय में संकट कैसे सामने आता है। आरबीआई गवर्नर का कहना है कि कोरोनावायरस महामारी के परिणामस्वरूप उच्च एनपीए और पूंजी क्षरण होगा। पूंजी जुटाना, बफर तैयार करना ऋण प्रवाह और वित्तीय प्रणाली की मजबूती सुनिश्चित करने के लिये काफी अहम है। भारतीय अर्थव्यवस्था ने प्रतिबंधों में ढील के बाद वापस सामान्य स्थिति में जाने के संकेत देने शुरू कर दिए हैं। संकट के समय में भारतीय कंपनियों और उद्योगों ने बेहतर काम किया।
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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना महामारी को लेकर जारी राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के मद्देनजर देशभर के निजी स्कूलों में तीन महीने की फीस माफ करने के निर्देश देने संबंधी याचिका पर सुनवाई से शुक्रवार को इनकार कर दिया। न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं को संबंधित राज्यों के हाईकोर्ट के समक्ष अपनी फरियाद लेकर जाने की सलाह दी।
मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की खंडपीठ ने सुशील शर्मा एवं अन्य की याचिका सुनने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि स्कूल फीस संबंधी मुद्दे को संबंधित राज्यों के हाईकोर्ट के समक्ष उठाया जाना चाहिए। दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, हरियाणा, गुजरात, पंजाब, ओडिशा, राजस्थान और मध्य प्रदेश के अभिभावक संघों की ओर से यह याचिका दायर की गयी थी, जिसमें अप्रैल, मई और जून की फीस माफी के आदेश देने और पूरे देश में लॉकडाउन की अवधि के दौरान की फीस के ढांचे और संग्रहण को नियंत्रित करने के लिए एक प्रणाली विकसित करने के निर्देश देने का न्यायालय से अनुरोध किया गया था।
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि प्रत्येक राज्य की स्थिति अलग-अलग है। याचिकाकर्ताओं ने पूरे देश के स्कूलों के लिए यह याचिका दायर की है। न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा, “यह हमारे लिए समस्या है कि पूरे देश के स्कूलों के लिए एकमुश्त तौर पर कौन निर्णय लेगा। प्रत्येक राज्य की अलग-अलग समस्याएं हैं। पक्षकार इस अदालत के अधिकार क्षेत्र को बहुप्रयोजन जैसा समझते हैं, लेकिन प्रत्येक राज्य और प्रत्येक जिले की स्थिति अलग-अलग हैं।” याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने स्कूलों को बढ़ी हुई फीस वसूलने की अनुमति दे दी है। इस पर न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा कि फिर उस आदेश के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका दायर की जा सकती है।
उन्होंने कहा, “यदि आप हर किसी की समस्याओं का समाधान कर सकते हैं तो यह आप जैसे प्रतिभावान व्यक्ति की बहुत बड़ी कारीगरी होगी। हम फिलहाल इस याचिका को सुनने के पक्ष में नहीं हैं। याचिकाकर्ता याचिका वापस ले सकते हैं और हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने याचिका वापस ले ली। याचिकाकर्ताओं ने फीस को लेकर स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने की गुहार लगाई थी। याचिका में कहा गया था कि लॉकडाउन के दौरान कई निजी स्कूलों द्वारा पूरी फीस वसूली गई और अभिभावकों पर दबाव बनाया गया। याचिका में यह भी कहा गया था कि ऑनलाइन क्लास के नाम पर स्कूल पूरी फीस वसूल रहे हैं, जबकि कई राज्यों की सरकारों ने कहा है कि लॉकडाउन की अवधि में स्कूल केवल ट्यूशन फीस ले सकते हैं। -
उत्तर प्रदेश के कानपुर के चौबेपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे की मारी जाने की खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि यूपी एसटीएफ की गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे ने घायल सिपाही की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की थी। खबरों के मुताबिक, भागते वक्त विकास दुबे ने पुलिस के ऊपर फायरिंग की जिसके जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की। इस दौरान पुलिस की गोली लगने से हिस्ट्री शीटर विकास दुबे घायल हुआ और थोड़ी देर बाद उसकी मौत हो गई।
कानपुर पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक, गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे ने घायल सिपाही की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की। जब पुलिस ने आत्मसमर्पण के लिए कहा तो पुलिस पर फायरिंग की जिसमें कुछ सिपाही घायल हो गए। इसके बाद पुलिस की जवाबी फायरिंग में विकास दुबे को गोली लगी। हादसा कानपुर टोल प्लाजा से 25 किलोमीटर दूर हुआ है।
बता दें कि, विकास को उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वह मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में महाकाल के दर्शन करने पहुंचा था। गार्ड द्वारा पहचाने जाने के बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। मध्य प्रदेश पुलिस ने कल रात ही उसे उत्तर प्रदेश पुलिस के हवाले किया था। -
उत्तर प्रदेश के कानपुर के कुख्यात अपराधी और आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी विकास दुबे को गुरुवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर से गिरफ्तार कर लिया गया। विकास दुबे उज्जैन के महाकाल में दर्शन के लिए गया था, तभी वहां के गार्ड ने पहचाना। जिसके बाद वहां की पुलिस एक्शन में आई और उसे वहीं धर लिया। गैंगस्टर विकास दुबे ने पिछले शुक्रवार को कानपुर के चौबेपुर में आठ पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद से ही विकास दुबे कानपुर पुलिस के लिए मोस्ट वॉन्टेड की लिस्ट में शुमार है। विकास दुबे इस नरसंहार का एक नामजद आरोपी था। बता दें कि, उसकी तलाश कई राज्यों की पुलिस कर रही थी। विकास दुबे लगातार पुलिस को चकमा दे रहा था।
कानपुर के चौबेपुर में घटना को अंजाम देकर फरार विकास पहले दिल्ली-एनसीआर पहुंचा, लेकिन पुलिस की जबरदस्त दबिश के बाद वह फिर मध्य प्रदेश के उज्जैन जिला पहुंचा, जहां उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले विकास दुबे के दो साथी आज एनकाउंटर में ढेर हो गए। प्रभात मिश्रा पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश कर रहा था, जिसके बाद एनकाउंटर में उसे ढेर कर दिया गया। प्रभात मिश्रा को बुधवार को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा विकास दुबे गैंग का एक और मोस्ट वांटेड क्रिमिनल बबन शुक्ला भी इटावा में ढेर हो गया।
मालूम हो कि कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में दो और तीन जुलाई की रात दबिश देने गई पुलिस की टीम के एक सीओ, तीन दारोगा तथा चार सिपाही की हत्या का मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की पुलिस को तलाश थी। -
विशाखापत्तनम: पुलिस ने विजग के पास हुई स्टाइरीन गैस लीक दुर्घटना के संबंध में एलजी पॉलिमर्स के 12 अधिकारियों और कर्मचारियों को मंगलवार को गिरफ्तार किया. पुलिस आयुक्त आर.के. मीना ने कहा कि गिरफ्तार लोगो में कंपनी के सीईओ और दो निदेशक शामिल हैं. इस साल मई में हुई इस दुर्घटना में 15 लोगों की मौत हो गई थी. यह गिरफ्तारी तब हुई है, जब उच्चाधिकार प्राप्त जांच समिति (एचपीसी) ने अपनी रपट सोमवार को आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी को सौंपी. एचपीसी की जांच रपट में एलजी पालिमर्स की तरफ से कई चूंकों का जिक्र किया गया है, जिनके कारण स्टाइरीन गैस लीक हुई, और परिणामस्वरूप रसायन कारखाने के आसपास के इलाके में 12 लोगों की मौत हो गई.
यह दुर्घटना सात मई को उस समय घटी थी, जब राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बाद कारखाने को फिर से चालू किया जा रहा था. बता दें कि हाल ही में तमिलनाडु के फैक्ट्री में बॉयलर फटने से भी कई लोगों की मौत हो गई थी. इस दौरान कई घायलों को इलाज के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालांकि पूरे मामले की जांच की जा रही है.